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_[१.६ ] क्या प्रकृति पर प्रभुत्व प्राप्त किया जा सकता है? काबू करना गुनाह है ५९ डिकंट्रोल्ड प्रकृति के सामने.... ७२ अनटाइमली बम पर कंट्रोल? ६० प्रकृति का कर तू समभाव से... ७२ ज्ञान का परिणाम इस जन्म में... ६२ ज्ञान से प्रकृति एकदम ढीली ७३ निग्रह किम् करिष्यति? ६३ सजीव और निर्जीव प्रकृति ७४ प्रकृति की आदतें नहीं छूटती... ६४ स्वभाव प्रकृति का और कर्तापन...७५ व्यसनी प्रकृति के सामने... ६५ दिखाई दे तो हम बॉस और न... ७७ दृढ़ भावना सुधारे नई प्रकृति ६६ टेढ़ी प्रकृति को भी जान ८० इस जन्म में ही स्वभाव बदल... ६८ वही है रोकनेवाला बड़ा कचरा ८१ बदले प्रकृति ज्ञान से ७० होती है प्रकृति विलय... प्रकृति को देखें किस तरह? ७१
[ १.७ ] प्रकृति को ऐसे करो साफ.... प्रकृति लिखे और पुरुष मिटाए ८३ दोष दिखाई दे वहाँ पर होना... ९१ बिफरी प्रकृति के सामने ८५ ज्ञान या ज्ञानी, कौन निकालता... ९२ जो प्रकृति के सामने जागृत,वह... ८५ पुद्गलमय में स्वभाव और... ९४ प्राकृतिक गाँठों को रोके ज्ञान.... ८६ प्रकृति बताए अंत में भगवत्... ९५ दबाव से नहीं, समझ से बंद ८७ अंत में प्रकृति भी बन जाए... ९८ डिस्चार्ज प्रकृति में न लो... ८७ सहजता में पहला कौन? १०० प्रकृति को करो माफ ८९ दखलंदाज़ी से असहजता
१०१ [१.८] प्रकृति के ज्ञाता-दृष्टा आज्ञा और सत्संग से बढ़े... १०३ प्रकृति के फॉर्स के सामने..... ११० प्रकृति के ज्ञेय सूक्ष्म, सूक्ष्मतर १०६ जो प्रकृति स्वभाव को जाने... ११२ जो प्रकृति में तन्मयाकार नहीं... १०७ प्रकृति के सामने यथार्थ... ११४ प्रकृति नचाए नाच
१०८ खींचे प्रकृति की पिक्चर, मूल.. ११५ मालिकी भाव छूटने के बाद... १०९ प्रकृति में मठिया या उसका... ११६
[१.९] पुरुष में से पुरुषोतम शक्ति, पुरुष और प्रकृति की ११८ शुरू हुआ पुरुषोत्तम योग ज्ञानी बैठे हैं सत् के संग ११९ पुरुष अंतरात्मा है और... १२१
[१.१०] प्रकृति को निहार चुका, वही परमात्मा । भिन्नता दोनों के जानपने में १२४ जो प्रकृति को निहार चुके, वे... १३२ ज्ञानी एक को देखते हैं और... १२६ ऐसे विलय होता है पोतापणुं १३४
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