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पकान्त
सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार
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वर्ष ८
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विषय-सूची १ समन्तभद्र-भारतीके कुछ नमूने (युक्त्यनुशासन)-[सम्पादक १४५ २ अहिंसा और मांसाहार-प्रो० ए० चक्रवर्ती
१४८ ३ हम अाजादीके द्वार खड़े है-[पं० काशीराम शर्मा 'प्रफुल्लित' १५३ ४ रत्नकरण्ड और प्राप्तमीमांसाका एक कर्तृन्च प्रमाण सिद्ध है
[-पं० दरबारीलाल जैन, कोठिया भर ५ कौनसा कुण्डलगिरि सिद्धिक्षेत्र है ?-पं० दरबारीलाल कोटिया १६२
६ मनुष्यनीके 'संजद' पदके सम्बन्धमें विचारणीयशेष प्रश्नan [टा. हीरालाल जैन एम. ए.
७ जैनवाङमयका प्रथमानुयोग-[बा. ज्योतिप्रसाद जैन ८ एक ऐति० अन्त:साम्प्रदायिक निर्णय-[बा. ज्योतिप्रसाद जैन १६६ १ महाशक्ति (कविता)-'शशि' ... ... . ६. अमृतचन्द्र सूरिका समय-[पं० परमानन्द जैन १ राजगृहकी यात्रा-[पं० दरबारीलाल जैन, कोठिया २ जैनसंस्कृतिकी सप्ततत्व और पद्व्यव्यवस्थापर प्रकाश
५० वंशीधर जैन, व्याकरणाचार्य ३ अदृष्टवाद और होनहार-[श्री दौलतराम 'मित्र' DHIRE & वीरके संदेशकी उपेक्षा-प्रभुलाल जैन, प्रेमी PAHIHIND१६ क्या तीर्थकरप्रकृति चौथे भवमें तीर्थकर बनाती है ?
-बी० रतनचन्द मुख्तार ... १७ धर्मरत्नाकर और जयसेन नामके प्राचार्य-[पं० परमानन्दशास्त्री २०० 11 जैन धर्ममें वर्ण-व्यवस्था कर्मसे ही है, जन्मसे नहीं
-[पं० इन्द्रजीत जैन, न्यायतीर्थ It साहित्य-परिचय और समालोचन-पं० परमानन्द जैन २
२० सम्पादकीय-[सम्पादक ... ANSW२१ देहलीके जैनमन्दिर और जैन संस्थाएँ-बा० पन्नालाल जैन, २१५
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अप्रैल-मई १९४६
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