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Regd. No. A-736
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वीरसेवामान्दिरके प्रकाशन
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१ समाधितन्त्र-संस्कृत और हिन्दी टीका-सहित । २ बनारसी-नाममाला-(पद्यात्मक, हिन्दी-शब्दकोश, शब्दानु
क्रम-साहित)। ... ३ अनित्य-भावना-हिन्दी-पद्यानुवाद और भावार्थ-सहित। ।) ४ उमास्वामि-श्रावकाचार-परीक्षा-ऐतिहासिक प्रस्तावनासहित।) ५ प्रभाचन्द्रका तत्त्वार्थसूत्र-अनुवाद तथा व्याख्या सहित । ।) ६ सत्साधु-स्मरण-मंगलपाठ-श्रीवीर-वर्द्धमान और उनके ।
बादके २१ महान प्राचार्योंके १३७ पुण्य स्मरणोंका महत्वका संग्रह, हिन्दी-अनुवादादि-सहित। ... ७ अध्यात्म-कमल-मातेण्ड-हिन्दी-अनुवाद तथा विस्तृत
प्रस्तावना सहित। ... = विवाह-समुद्देश्य–विवाहका मार्मिक और तात्त्विक विवेचन,
उसके अनेक विरोधी विधि-विधानों एवं विचार-प्रवृत्तियोंसे उत्पन्न हुई कठिन और जटिल समस्याओंको सुलझाता हुअा। ॥) ६ न्याय-दीपिका महत्वका नया संस्करण)-संस्कृत टिप्पण, हिन्दी अनुवाद, विस्तृत प्रस्तावना और अनेक उपयोगी
परिशिष्टोंसे अलंकृत, सजिल्द। . . ५) १० पुरातन-जैनवाक्य-सूचि (जैनप्राकृत-पद्यानुक्रमणी)-अनेक
उपयोगी परिशिष्टोंके साथ ६३ मृलग्रन्थों और ग्रन्थकारों के
परिचयको लिये हुए विस्तृत प्रस्तावनासे अलंकृत, सजिल्द । १५) ११ स्वयंभूस्तोत्र-समन्तभद्र-भारतीका प्रथम ग्रन्थ, विशिष्ट
हिन्दी अनुवाद और महत्वकी प्रस्तावना-सहित । (प्रेसमें) १) १२ जैनग्रन्थ-प्रशस्ति-संग्रह–संस्कृत और प्राकृतके कोई १५०
अप्रकाशित ग्रन्थोंकी प्रशस्तियोंका मंगलाचरण-सहित अपूर्व संग्रह, अनेक उपयोगी परिशिष्टों तथा विस्तृत प्रस्तावनासे युक्त । (प्रेसमें)
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मुद्रक, प्रकाशक पं० परमानन्दशास्त्री वीरसेवामन्दिरके लिये श्यामसुन्दरलाल द्वारा श्रीवास्तवप्रेम सहारनपुरमें मुद्रित ।