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विषय-सूची
१. समन्तभद्र-स्तवन
२. ऊँच-गोत्रका व्यवहार कहाँ ? [सम्पादकीय
३. भगवान महावीर के बादका इतिहास - [श्री० बा० सूरजभानु वकील ४. वीर शासन (कविता) - [पं० हरिप्रसाद शर्मा 'अविकसित'
५. श्रीपाल चरित्र साहित्य - [श्री० अगरचन्दजी नाहटा
६. अधिकार ! (कविता) - (श्री० भगवतस्वरूप जैन 'भगवत' ७. प्रतिज्ञा ! (कविता) [श्री० कल्याणकुमार जैन 'शशि' ८. जैन समाज क्यों मिट रहा है ? - [अयोध्याप्रसाद गोयलीय ६. डाकिया ( कहानी ) श्री भगवनस्वरूप जन १०. 'अनेकान्त' पर लोकमत
कान्त के नियम
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१. अनेकान्तका वार्षिक मूल्य २||) रु० पेशगी है बी० पी० से मंगाने पर तीन आने राजस्ट्रीके अधिक देने पड़ते हैं। साधारण १ प्रतिका मूल्य चार आना 1
२. अनेकान्त प्रत्येक इंग्रेजी साहकी प्रथम तारीखको प्रकाशित हुआ करेगा ।
३. अनेकान्तके एक वर्ष से कम के ग्राहक नहीं बनाये जाते । ग्राहक प्रथम किरण १२वी किरण तक के ही बनाये जाते हैं । एक वर्ष बीचको किसी कर दूसरे वर्षको उस किरण तक नहीं बनाये जाते । अनेकान्तका नवीन वर्ष दीपावली में प्रारम्भ होता है 1
४. अनेकान्तको भेजे जाने वाले लेखादिक काग़ज़की एक और हाशिया छोड़कर सुवाच्य अक्षरोंमें लिखे होने चाहिये | लेखांको घटाने, बढ़ाने प्रकाशित करने या न करने और लौटाने या न लौटानेका सम्पूर्ण अधिकार सम्पादकको है । अस्वीकृत लेख पोस्टेज टिकिट आने पर ही वापिस किये जा सकेंगे । ५. सब तरहका पत्र व्यवहार इस से करना चाहिये । व्यवस्थापक "अनेकान्त " कनॉट सर्कस, पो० ब० नं० ४८ न्यू देहली |
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प्रार्थनाएँ
"अनेकान्न" किसी स्वार्थ बुद्धिसे प्रेरित होकर अथवा आर्थिक उद्देश्य को लेकर नहीं निकाला जाना है, किन्तु वीरमेवामन्दिर के महान उद्देश्योंको सफल बनाते हुए लोकहितको साधना तथा मची सेवा बजाना ही इस पत्रका एक मात्र य है | अतः सभी सज्जनोंको इसकी उन्नतिमें सहायक होना चाहिये ।
जिने सजनाको अनेकान्त के जो लेख पसन्द आये. उन्हें चाहिये कि वे जितने भी अधिक भाइयोंको उसका परिचय करा सके ज़रूर कराये ।
३.
यदि कोई लेख अथवा लेखका अंश ठीक मालूम न हो. अथवा धर्मविरुद्ध दिखाई दे, तो महज़ उसकी वजहसे किसीको लेखक या सम्पादकमे द्वेप-भाव न धारण करना चाहिये, किन्तु अने कान्त-नीतिकी उदारतासे काम लेना चाहिये और हो सके तो युक्ति पुरस्मर संगत भाषा में लेखकको उसकी भूल सुझानी चाहिये ।
अनेकान्त" की नीति और उद्देश्य के अनुसार लेख लिखकर भेजनेके लिये देश तथा समाजक सभी सुलेखांकी आमन्त्रण है ।
-सम्पादक |