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वर्ष २, किरण.]
'योनिप्राभृत' और 'जगत्सुन्दरी-योगमाला'
तथा गाथा नम्बरके साथ, प्राकृतमें न देकर, हिन्दीमें नीचे दिया जाता हैपत्रा विषय
गाथा १६ हर्षचिकित्सा
३६६-३७१ विचर्विका चिकित्सा
३८६ धर्मप्रयोग अमृतगुटिका
५१५ शिवगुटिका
५१५ १७ विषहरण
५३१ नीचेके विषय जगत्सुन्दरी योगमालाके हैं२१ प्रमेहाधिकार
६४ मूत्रचिकित्सा संततमतिसार
११३ पाण्डुरोगाधिकार
११७ श्रामरोगाधिकार शूलाधिकार
१२५ विसूचिकाधिकार पवनरोगाधिकार
१३७ छर्दिअधिकार
१४१ २३ तृष्णाधिकार
१४६ अरुच्याधिकार
१५१ हर्षाधिकार
१५५ हिकाधिकार
१५६ कासाधिकार
१६७ कुष्ठाधिकार शिरोरोगाधिकार
१६९ भवणाधिकार श्वासरोगाधिकार
२१४ वरुण(प्रण?)अधिकार
२१८ २५ भगंदराधिकार
२२५
नयनरोगाधिकार घ्राणरोगाधिकार मुखरोगाधिकार दन्तरोगाधिकार .. २४४ गलरोगाधिकार
२५० स्वरभेदाधिकार
२५२ भूताधिकार
२५४ इनके अतिरिक्त सुभिक्ष, दुर्भिक्ष, सस्ता, महंग और मानसशान वगैरहके भी अधिकार है। धातुवाद और यंत्रवाद-विषयक अधिकारोंकी सूचना इससे पहले की जा चुकी है, जिसमें धातुवादको 'कविकायचोजावर' -कलिकालमें विस्मयकारक लिखा है, और यंत्रवादको 'धम्मविवासनिमित्त'-धर्मकी दीप्ति-प्रभावनाका कारण बतलाया है । नीचे लिखे यंत्रोंका वर्णन प्रायः जगसुन्दरी-योगमालामें पाया जाता है--
१ विद्याधरवापि जंत्र २ विद्याधरीयंत्र ३ वायुयंत्र ४गंगायंत्र ५ ऐरावण यंत्र ६ भेरुण्ड यंत्र ७ राजाम्युदय यंत्र ८ गतप्रत्यागत यंत्र ६ बाणगंगायंत्र १० जलदुर्गभयानक यंत्र ११ उरयागासे पक्खि भ० महायंत्र १२ इंसभवा यंत्र १३ विद्याधरीनृत्य यंत्र १४ मेघनादभ्रमावर्त यंत्र १५ पांडवामली यंत्र
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