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अनेकान्त के नियम .
प्रार्थनाएँ
3.
१. अनेकान्तका वार्षिक मूल्य २॥) पेशगी है।
वी० पी० से मंगाने पर तीन आने जिम्लीके १. "अनेकान्त" किमी म्वार्थ बद्धिस प्रेरित होकर अधिक देने पड़ते हैं। माधारण एक प्रतिका
अथवा आर्थिक उद्देश्यको लेकर नहीं निकाला
जाता है. किन्तु वीरसंबामन्दिरके महान मूल्य चार आना है। २. अनेकान्न प्रत्यक इंग्रजी माहकी प्रथम
उद्देश्योंको मफल बनाते हुए लोकहितको तागेखका प्रकाशित हुया कगा।
साधना तथा सभी सेवा बजाना ही इम पत्रअनकान्तकं एक वर्षम कमकं ग्राहक नहीं
का एक मात्र ध्येय है। अतः सभी मजनों
को इसकी उन्नतिमें महायक होना चाहिये । बनाए जाते । ग्राहक प्रथम किरगणसे १० वीं किरण नकके ही बनाये जाते हैं। एक वर्पक . जिन मज्जनांको अनेकान्तक जो लग्य पनन्द वीचको किमी किग्गगम दमरे वर्षकी उम आये, उन्हें चाहिये कि वे जिनने भी अधिक किरण तक नहीं बनाये जाने। अनकान्नका भाइयोंको उमका परिचय कग ग जार नवीन वप दीपावलीस प्रारम्भ होता है।
कगये। ४. पता बदलने की सूचना ना... तक कार्यालय ३. यदि कोई लेख अथवा खका अंश ठीक
में पहुंच जानी चाहिए। महिने-दो महिनक मालूम न हो, अथवा धर्मविरुद्ध दिखाई दे, लिय पना बदलवाना हो तो अपने यहाँक ना महज़ उमीकी वजहसे किमीका लंबक या डाकघरको ही लिखकर प्रवन्ध कर लना मम्पादकस प-भाव न धारण करना चाहिये, चाहिए । ग्राहकाका पत्रव्यवहार करने ममय किन्तु अनेकान्त-नीतिकी उदारतास काम उत्तर के लिए पोस्टज़ खच भंजना चाहिए। लेना चाहिये श्रीर हो सके तो युनि-पुरम्मर माध ही अपना ग्राहक नम्बर और पता भी मंयत भाषामें लंग्यकको उसकी भल सुभानी पष्ट लिग्रना चाहिये. अन्यथा उनके लिए चाहिये। काई भगमा नहीं ग्ग्यना चाहिये।
ननकान्न" की नीति और उध्यकं अन कायालयस अनकान्त अन्टी नरह जाँच मार लय लिम्यकर जनक लिय देश तथा करछ, भंजा जाना है। यदि किसी मामका समाजक मभी मलबांका श्रामन्त्रगा है। अनकान्न ठीक समय पर न मिलं ना, अपने डाकपास निग्या पही करनी चाहिए। वाम ५. "यानकान्न" का भज जाने वाले लग्यादिक जो उत्तर मिलं. वह अगली किग्गा प्रकाशित
कागजी एक बार हाशिया छोड़कर बान्य होनम मात गज़ पय तक कार्यालयमं पहच
अनगम लिम्ब होने चाहियं । लग्योंको घटाने. जाना चाहिये। देर होनस, डाकघरका जवाब
बढ़ाने. प्रकाशित कग्न न करने. लोटाने न
टानका सम्पूर्ण अधिकार सम्पादकको है। शिकायती पत्रके माथन यानसे. दमग प्रनि विना मूल्य मि नम बड़ी उड़दन दगी ।
अम्वीकृन लंग्य वापस मंगाने के लिये पोस्टेज ६. अनेकान्तका मुल्य और प्रवाध सम्बन्धी
ग्लच जना आवश्यक है । लंग्य निम्न पनस
भंजना चाहिय :पत्र किमी व्यक्ति विशेषका नाम न लिग्यकार निम्न पतंग भेजना चाहिये।
गलकिशोर मुग्नार व्यवस्थापक निकान्त"
मम्पादक अनेकान्न कनाँट सकस पावन १८न्य देहली।
मम्मावा जि. महाग्न पुर ।