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ल-जैन-अन्यमाला जबलपुर द्वारा प्रका सरल-जन-धर्म पर
लोकमत श्री पं० माता जी एका (माधुरी सम्पादको-'मैंने 'सरल जैन-धर्मी पुस्तकें पढ़ी । मुझे बहुत पसन्द । आई । ये बचोक लिये चार रीडर है । जिसे उद्देश्य से बनाई गई है उसकी पतिक उद्योग में अच्छा सहयोग दे। 1 सकती है। जैन अन्ये चाय भाग आधुनिक पद्धति से लिखे गये है। विद्याथियोंको सरलतासे समझाने के लिये जीयो, इन्द्रियों, पानीके कीटाणु, लेश्या, वीरवाणी, जम्बूदीप, तीनलोक स्वादाद, पाठ कोंक श्रावव । निमित्त रूप त्रादि अनेक चित्र यथास्थान दिये है। इससे ये पुस्तक बास्तवमें सरल जैन धर्म बन गई है।
बारबविवारी भाग बड़े रोचक ढंग से तैयार किए गए हैं। इन्हें बालोपयोगी बनानक लिये श्रीपने कई जैन विद्वानोंकी सम्मति ली है । यथार्थ में पुस्तके मौजूदा बालोपयोमी जेन पुस्तकोंसे उपयोगितामें बढ़ी हुई है। र जैन गजद- चारों भामौके पड़ने से अाशा होती है कि पुस्तकें जिस उद्देश्यकी पर्तिको लक्ष करके बनाई गई है, ,
उन्हें बहत अंश तक पूर्ण कर सकेंगी। अनेक चित्रोंक दिये जाने से पुस्तकोंकी उपयोगिता बढ़ गई है। जो प्रयल किया है वह अच्छा है। जन-मित्र 'जिनवाणीका चित्र बहुत बढ़िया है। यह चुनाब अच्छा है। चारों भागोंको। मंगाकर पाठशालाके मंत्रियोंको देखना चाहिये और उपयोगी समम प्रचार करना चाहिये। शुभचिन्तक प्रस्तुत प्रस्तकों में तो आपने जैनधर्म सम्बन्धी गढ़ तत्वोंक पाटो, उदाहरणों, कविताओं, प्रश्नोत्तरों और श्राख्यानों द्वारा है. समझानेका सफलतापूर्ण प्रयल किया है। जो लोग जैनधर्म समझना चाहते हैं, पर जिन्हें इतना अवकाश और र जान नहीं कि बडे २ ग्रन्थीका अध्ययन कर सकें उनके लिये इन पुस्तकोंक रूपमें बहुत अच्छा साधन उपस्थित कर दिया है । चित्रों के समावेश में कठिन धार्मिक विषयोको समझने में बड़ी सरलता श्रा गई है।
अपनी अपनी सम्मति भजिये। ELEMENTAL
अनेकान्तके नियम १. अनेकान्तका वार्षिक मूल्य २) २० पेशगी है। बी. जाते । प्राहक प्रथम किरणसे १२ वी किरण तकके
पी.से मंगाने पर समयका काफी दुरुपयोग होता है। ही बनाये जाते हैं। एक वर्षकी किरणसे दूसरे वर्षकी
और ग्राहकोंको तीन पाने रजिस्ट्रीके अधिक देने बीचकी किसी उस किरणतक नहीं बनाये जाते अनेहोते हैं। प्रतः मूल्य सनिबार्डरसे भेजने में ही दोनों कान्तका नवीन वर्ष दीपावलीसे प्रारम्भ होता है। और सुविधा रहती है।
७. पता बदलनेकी सूचना ता० २० तक कार्यालयमें कास्त प्रत्येक माहकी २८ ता० को अच्छी तरह पहुँच जानी चाहिये। महिने दो महिने के लिये जाँच करके भेजा जाता है। जो हर हावलमे १ ता पता बदलवाना हो, तो अपने यहाँके डाकघरको तक सबके पास पहुंच जाना चाहिये । इसीलिये ही लिखकर प्रबन्ध कर लेना चाहिये। ग्राहकोंको गाटिल पर १ ता कपी होती है । यदि किसी पत्र व्यवहार करते समय उसके लिए पोस्टेज खर्च। मासका अनेकान्त र ता० को न मिले तो, अपने भेजना चाहिये। साथ ही माना ग्राहक नम्बर डाकपने जिला पड़ी करनी चाहिये । वहाँसे जो और पता भी स्पष्ट लिखना चाहिये, अन्यथा उत्तरके उत्तर मिले वह उस मालकी १६ ला तक हमारे लिये कोई भरोसा नहीं रखना चाहिये। पास पर जाना चाहिये । देर होनेसे, बाकघरका अनेकान्तका मूल्य और प्रबन्ध सम्बन्धी पत्र किसी जबाब शिकायती पत्र के साथ न आने दूसरी प्रति व्यक्ति विशेषका नाम न लिखकर निम्न पतेसे बिमा मुल्य मानेमें असुविधा रहेगी।
चाहिये। वस्थापक "अनेकान्त" । अनेकान्स में एक पर्वसे कर
कनाट सर्कस पो० ब० नं. ४८ न्यू देहली।
PRAKARCHANE