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विषय-सूची
विषय
- संकलन- सम्पादन में प्रयुक्त ग्रन्थों की सूची - जैन वाङ्मय का दशमलव वर्गीकरण
-जीव परिणाम का वर्गीकरण
दो शब्द
प्रकाशकीय
भूमिका Forword )
प्रस्तावना
आशीर्वचन
.०० शब्द विवेचन
.०१ शब्द व्युत्पत्ति
.०१ प्राकृत में 'जोग' शब्द की व्युत्पत्ति ..२ पाली में 'योग' शब्द की व्युत्पत्ति .०३ संस्कृत में 'योग' शब्द की व्युत्पत्ति
.०२ विभिन्न भाषाओं में 'जोग' शब्द के विभिन्न अर्थ
.०१ प्राकृत भाषा में 'जोग' शब्द के अर्थ
• ०२ पाली भाषा में 'योग' शब्द के अर्थ
.०३ संस्कृत भाषा में 'योग' शब्द के अर्थ
.०३ योग शब्द के पर्यायवाची शब्द
.०४ सविशेषण स समास - सप्रत्यय 'जोग' शब्द की परिभाषा
.०५ परिभाषा के उपयोगी पाठ
.०१ वीर्यान्तराय कर्म का क्षय क्षयोपशम .०२ लेश्यासहित वीर्य-पराक्रम योग है। :०३ योग परिणाम-जीव परिणाम का भेद .०४ द्रव्य योग पुद्गल है
.०५ योग मूल प्रत्यय हैं
.०६ पायाश्रव का कारण
.०७ योग कर्म का निमित्त है
.०८ योग अजीव द्रव्य परिणाम है .०६ योग क्षीरास्रव आदि लब्धकलाप है .१० योग आस्रव द्वार है
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