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( २५५ ) .१६.२३.४ संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य
जीवों मेंगमक १६ उनके नौ गमकों में तीनों योग होते हैं ( देखो १६-२३-२)
-भग० श २४ । उ २४ । सू १४
९६.२४ सनत्कुमार देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
.६६.२४.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आय वाले संशी पंचेन्द्रिय तियंच योनि से सनत्कुमार
देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक १-६ पज्जत्तसंखेज्जवासाउय सन्निपंचिंदियतिरिक्त जोणिए गं भंते ! जेभषिए सर्णकुमारदेवेसु उवधज्जित्तए २१ अवसेसा परणामादीया भषाएस पज्जवसाणा सच्चेव वत्तव्धया भाणियन्वा जहा सोहम्मे उववज्जमाणस्स xxx ) उनके नौ गमकों में ही तीनों योग होते हैं
-भग० श २४ । उ २४ । सू १६ १६.२४२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संशी मनुष्य से सनत्कुमार देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में
गमक १-६ ( जइ मणुस्सेहितो उपवज्जति ०१ मणुस्साण जहेष सक्कप्पभाए उववजमाणाण तहेव व वि गमाभाणियव्वा ) उनके नौ गमकों में तीनों योग होते हैं।
- भग० श २४ । उ २४ । सू १७ .९६.२५ माहेन्द्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में.९६.२५.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संशी४६.२५.२ संज्ञी तिथंच पंचेन्द्रिय तथा संज्ञी मनुष्य से माहेन्द्र देवों में उत्पन्न होनेवाले
जीवों में
गमक १-९ माहिंदगदेवाणं भंते! xxx जहा सणकुमारगदेवाणं पत्तब्धयातहा माहिदगदेवाणं भाणियन्वा ) उनके नव गमकों में तीनों योग होते है। .९६.२६ ब्रह्मलोक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में.६६.२६.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संशी.६६.२६.२ संशी तियंच पंचेन्द्रिय व संज्ञी मनुष्य से ब्रह्मलोक देवों में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में
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