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( २४४ ) .९११०.११ असंज्ञी मनुष्य से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
( असन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए पुढषिकाइएसु सेणं भंते xxx एवं जहा असण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणियस्स जइण्णकालाढिईयस्स तिन्नि गमगातहा एयस्स वि ओहिया तिण्णि गमगा भाणियब्धा तहेष णिरषसेस, सेसा छण भण्णंति ) उनमें एक काययोग होता है।
-भग० श २४ । उ १२ । सू३६ ९६१०.१२ संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में (सन्निमणुस्से णं भंते । जे भविए पुढधिक्काइएसु उपवजित्तएxxx तेणं भंते! जीवा० एवं जहेव रयणप्पभाए उषवजमाणस्स तहेवतिसु वि गमएसु लद्धीxxxl) उनमें तीनों योग होते है। मध्यम तीन गमकों में काययोगी होते हैं परन्तु मनोयोगी व वचनयोगी नहीं होते हैं।
-भग० श २४ । उ १२ । सू३, ६, ४. ९६१०.१३ असुरकुमार देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
( असुरकुमारे णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु उपवजित्तएxxx तेणं भंते ! जीवाणं xxx । जोगो तिधिहा वि xxx1) उनमें तीनों योग होते है।
-भग० श २४ । उ १२ । सू ४३,४७ १६१०.१४ नागकुमार यावत् स्तनितकुमार देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने
योग्य जीवों में ( नागकुमारे णं भंते ! जे भविए पुढविष्काइएसु एस चेष पत्तव्धया जाव 'भवाएसो' त्ति x x x ) उनमें तीनों योग होते हैं ।
-भग० श २४ । उ १२ । सू ४८ '१६१०.१५ वाणव्यंतर देवों से पृथ्वीकायिक जीवों से उत्पन्न होने योग्य जीवों में
पाणमंतर देवे णं भंते! जे भविए पुढविष्काइएसु एएसिषि असुरकुमारगमगा णव गमगा भाणियव्वा xxx सेसं तहेव ) उनमें तीनों योग होते हैं।
-भग० श २४ । उ १२ । सु५. "१६१०.१६ ज्योतिषी देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
(जोइसिए देवे णं भंते ! जे भविए पुढषिष्काइएसु लद्धी जहा असुरकुमारा ।xxx) उनमें तीनों योग नव गमकों में होते हैं ।
-भग० श २४ । उ १२ । सू ५२ १६.१०.१७ सौधर्म कल्पोपपन्न वैमानिक देवो से. पृथ्वीकायिक-जीवों में उत्पन्न होने
योग्य जीवों में
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