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६६.२०२ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तियंच योनि जीवों से वाणव्यंतर
देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है ( असंखेजवासाउय) सन्निपंचिदिय० जे भविए वाणमंतरेसु उवजित्तए xxx जहा णागकुमारसए xxx) उनके नौ गमकों में तीनों योग होते हैं। -भग० श २४ । उ २२ । सू २-४
•९६२०.३ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी पंचेन्द्रिय तिथंच योनि के जीवों से
वाणव्यंतर देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में(संखेजपासाउय० तहेव, देखो पाठ १६२००२) उनके तीनों योग होते हैं।
-भग० श २४ । उ २२ । सू २-४ १६.२०.४ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संशी मनुष्य से वाणव्यंतर देवों में उत्पन्न होने
योग्य जीवों में--
जइ मणुस्स० असंखेजावासाउयाणं तहेव नागकुमाराणं उसे तहेव वत्तष्षयाx x x सेसं तहेव Xxx ) उनके नौ गमकों में तीनों योग होते है।
-भग० श २४ । उ २२ । सू ५
४६२०५ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य से वाणव्यंतर देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में (xxx (संखेजपासउयसन्निमणुस्से जहा णागकुमारसए xxx) उनके नौ गमकों में तीनों योग होते हैं ।
-भग• श २४ । उ २२ । सू५ "१६२१ ज्योतिषी देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में१६२११ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संशी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से ज्योतिषी देवों में
उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक १-४ व ७-8-असंखेजवासाउय सन्निपंचिदियतिरिषखजोणिए णं भंते ! जे भविए ? जोइसिएसु उवधज्जित्तए xxx अपसेसं जहा असुर कुमारलए xxx ) उनके सातों गमकों में तीन योग होते हैं।
-भग० श २४ । उ २२ । सू ३-८
१६.२१२ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तियंच योनि से ज्योतिषी देवों में
उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक १-8-जइ संखेजवासाउयसन्निपंचिंदय०१ संखेजबासमुयाणं
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