________________
(
83
)
१८३
१८४ १८४ १८४ १८४
१८४
१८५ १८५ १८५
१८५ १८५ १८५
१८६ १८६
१८६
'३ लब्धि अपर्याप्त बादर पृथ्वीकाय में
४ निवृत्ति पर्याप्त बादर पृथ्वीकाय में १३ अपकाय में
.१ अपर्याप्त अकाय में '२ पर्याप्त अपकाय में '३ सूक्ष्म अप काय में
.४ अपर्याप्त सूक्ष्म अप्काय में १३.३.०२ पर्याप्त सूक्ष्म अप्काय में
३ लब्धि अपर्याप्त सूक्ष्म अप्काय में '४ निवृत्ति पर्याप्त सूक्ष्म अपकाय में १३.४ बादर अप्काय में
'१ अपर्याप्त बादर अपकाय में '२ पर्याप्त बादर अपकाय में
३ लन्धि-अपर्याप्त बादर वायुकाय में '४ निवृत्ति पर्याप्त बादर अप्काय में १४ तेसकाय में
१ अपर्याप्त तेउकाय में '२ पर्याप्त तेउकाय में १४.३ सूक्ष्म तेउकाय में
१ अपर्याप्त सूक्ष्म तेउकाय में '२ पर्याप्त सूक्ष्म तेउकाय में
३ लन्धि अपर्याप्त सूक्ष्म तेउकाय में '४ निवृत्ति पर्याप्त सूक्ष्म तेउकाय में १४४ वादर तेउकाय में
१ अपर्याप्त बादर तेउकाय में '२ पर्याप्त
३ लन्धि अपर्याप्त
'४ निवृत्ति बादर पर्याप्त .१५ वायुकाय में
१ अपर्याप्त वायुकाय में '२ पर्याप्त वायकाय में
३ सूक्ष्म वायुकाय में १५.११ अपर्याप्त सूक्ष्म वायुकाय में '२ पर्याप्त ३ लन्ध अपर्याप्त ,
१८६
१८७ १८७
१८७
१८७
१८७ १८८ १८८ १८८ १८८
१८६ १८६ १८४ १८६ १८६ १८६ १८६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org