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( २३७ ) सत्तमो गमओ निरवसेलो भाणियन्यो) उनमें मनोयोगी नहीं होते हैं, वचनयोगी व काययोगी होते हैं।
-भग श २४ । उ १ । सू ७१ ९६२ शर्करा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में .९३२.१ पर्याप्त संख्यात् वर्ष की आयु पाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से
शर्कराप्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक १९-पर्याप्त संख्याव वर्ष की आयु वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्य च योनि से शर्करा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है ( पज्जत्त संखेज्जवासा उयसन्निपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए सक्करप्पमाए पुढवीए नेरइएसु उपवज्जित्तर xxxतेणं भंते! जीवाx x x एवंजहेव रयणप्पभाए उववज्जंत ( गम) गस्स लद्धी सच्चेव निरवसेसा भाणियव्वाx xxएवं रयणप्पभापुढविगमगा सरिसा णवषि गमगा भाणियव्वा xxx ) उनमें तीनों योग होते हैं।
भग• श २४ । उ १ । सू ७४-७५ ९६२२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संही मनुष्य से शर्करा पृथ्वी के
नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक १९-पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य से शर्करा प्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है ( पजत्तसंखेजवासाउयसन्नि मणुस्से णं भंते ! जे भषिए सक्करप्पभाए पुढवीए नेरइएसु-जाघ-उववजित्तए xxx तेणं भंते । सो चेव रयणप्पभापुढधिगमओ णेवव्यो । एवं एसा ओहिए सुतिसु घि गमएसु मणुसस्सलद्धीxxx। सो चेव अप्पणा जहन्नकालढिईओ जाओ तस्स वि तिसु वि गमएसु एस चेष लद्धीxxx। सो चेव अप्पणा उक्कोसकालाडिईओ जाओ तस्सवि तिसुवि गमएसुxxx सेसं जहा पढमगमए ) उनमें तीनों योग होते हैं।
-भग० श २४ । उ १ । सू १०१-१०४ ९६३ बालुका प्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :९६३१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु पाले संज्ञी तिथंच पंचेन्द्रिय योनि से
वालुका प्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :
गमक १ से ९-पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संशी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से वालुका प्रमा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है ( पजत्तसंखेज
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