________________
टीका-'पओगे' त्ति प्रयोजनं प्रयोगः सपरिस्पन्द आत्मनः क्रिया परिणामो व्यापार इत्यर्थः, अथवा प्रकर्षेण युज्यते-संयुज्यते सम्बध्यतेऽनेन क्रियापरिणामेण कर्मणा सहात्मेति प्रयोगः। ०२.०२ पाली भाषा में 'योग' शब्द के अर्थ
(क) संज्ञा-सामान्यार्थ-बन्धन, संयोग, सम्बन्ध । (ख) विशेषार्थ-शारीरिक सम्बन्ध, पूर्व जन्म के शरीर या पूर्व क्रिया के सम्बन्ध,
चेष्टा, प्रयास, साधन, उपचार । (ग) पारिभाषिक अर्थ
ज्योतिष-ग्रह और तारों का मिलन । दर्शन-संसार तथा संसार की वासनाओं के साथ सम्बन्ध और जिससे
पुनर्जन्म के साथ बन्धन हो, विवेचन । मंत्र-तंत्र-मंत्र का प्रभाव, मंत्र-शक्ति, मंत्र-क्रिया, मंत्र-योजना । धर्म-ध्यान, भक्ति।
०२.०३ संस्कृत भाषा में योग शब्द के अर्थ (१) संज्ञा ( पंल्लिंग)
(क) सामान्य अर्थ-जोड़ना, दो पदार्थों का मिलन, स्पर्श, सम्बन्ध । (ख) विशेषार्थ-तरीका, उपाय, यान, वाहन, कवच, कार्य, व्यापार, धन,
सार पदार्थ। (ग) विज्ञान
चिकित्सा-औषध-अनुपान ज्योतिष-ग्रह-नक्षत्रों का मिलन, तारों का संयोग, काल का विभाजन,
चन्द्रमण्डल का प्रमुख तारा । (घ) मंत्र विद्या-कवच (स्तोत्र), ताबीज़ ( यन्त्र)। (ङ) नीति-नियम, विधान, पारस्परिक निर्भरता। (च) व्युत्पत्ति, अभिधार्थ । (छ) दर्शन-मन की एकाग्रता, ध्यान, ब्रह्मलीनता, पतञ्जलि के दर्शन का नाम,
___ भगवद्भक्ति, अकाम कर्म, संन्यास । (ज) गणित-जोड़ना। .०३ योग शब्द के पर्यायवाची शब्द
जोगो पीरियं थामो उच्छाह परकमे तहा चेहा । सत्ती सामस्थयंति य जोगस्स हवंति पज्जाया ।
___-ठाण० स्था ३ । उ । १ । सू १२४ । टीका
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org