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( ८० ) कामण और औदारिक के स्कन्धजनित वीर्य से उसके परिस्पन्दन के निमित्त किया गया प्रयत्न औदारिकमिश्न काययोग कहलाता है। उदार शब्द का अर्थ होता है पुरु अर्थात् महान्, उसमें होनेवाला शरीर औदारिक । वर्गणासूत्र के आधार पर जाना जाता है कि
औदारिक का महत्त्व यहाँ पर नहीं है। वह वर्गणासूत्र है-औदारिक शरीर द्रव्य वर्गणा प्रदेश सबसे स्तोक हैं। उससे वैक्रिय शरीर द्रव्य वर्गणा प्रदेश असंख्यातगुणा हैं। उससे आहारक शरीर द्रव्य बर्गणा प्रदेश असंख्यातगुणा हैं। उससे तेजस शरीर द्रव्य वर्गणा प्रदेश अनन्तगुणा हैं। उससे भाषा द्रव्य वर्गणा प्रदेश अनन्तगुणा हैं। उससे मन द्रव्य वर्गणा प्रदेश अनन्तगुणा है । उससे कामण शरीर द्रव्य वर्गणा प्रदेश अनन्तगुणा है। किन्तु ऐसा कहा नहीं जा सकता है।
औदारिक शरीर का महत्त्व अवगाहना की अपेक्षा से माना जाता है। यथा-- कामण शरीर द्रव्य वर्गणा की अवगाहना सबसे स्तोक है। उसते मन द्रव्य वर्मणा की अवगाहना असंख्यातगुनी है । उससे भाषा द्रव्य वर्गणा की अवगाहना असंख्यातगुनी है। उससे तेजस शरीर द्रव्य वर्गणा की अवगाहना असंख्यातगुनी है। उससे आहारक शरीर द्रव्य वर्गणा की अवगाहना असंख्यातगुनी है। उससे वैक्रिय शरीर द्रव्य वर्गणा की अवगाहना असंख्यातगुनी है। उससे औदारिक शरीर द्रव्य वर्गणा की अवगाहना असंख्यातगुनी है। ०२.१७ वैक्रिय काययोग की परिभाषा वैक्रियशरीरकायप्रयोगो वै क्रियशरीरपर्याप्त्या पर्याप्तस्य ३।
-पण्ण० प १६ । सू १.६८ । टीका विविधा विशिष्टा वा क्रिया विक्रिया तस्यां भवं वैक्रियम् । तथाहितदेकं भूत्वाऽनेकं भवति, अनेक भूत्वेकम्, अणु भूत्वा महद् भवति, महद् भूत्वाऽणु, तथा खचरं भूत्वा भूमिवरं भवति, भूमिचरं भूत्वा खचरम् , अदृश्यं भूत्वा दृश्यं भवति, दृश्यं भूत्वाऽदृश्यमित्यादि। यद्वा विशिष्टं कुर्वन्ति तदिति वैकुर्विकम्, पृषोदरादित्वाद् अभीष्टरूपसिद्धिः। तच द्विधा-औपपातिक लब्धिप्रत्ययं च। तत्रोपपातिकमुपपातजन्मनिमित्तम्, तश्च देवनारकाणाम् लब्धिप्रत्ययं तियङ्मनुष्याणाम् ।xxx। तदेव काययोगस्तन्मयो व योगो वैक्रियकाययोगो वैकुर्षिककाययोगो वा १ -कर्म० मा ४ । गा २४ । टीका
अणिमादिविक्रिया, तद्योगात्पुद्गलाश्च विक्रियेति भण्यन्ते । तत्र भवं शरीरं वैक्रियम् । तदवष्टम्भतः समुत्पन्नपरिस्पन्देन योगः वैक्रियकाययोगः ।
-षट • खं० १, १ । सू ५६ । टीका । पृ १ । पृ. २६१ वैक्रियशरीर की पर्याप्ति से पर्याप्त शरीर की चेष्टा को वैक्रियशरीर-कायप्रयोग कहते है।
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