Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
Catalog link: https://jainqq.org/explore/003255/1

JAIN EDUCATION INTERNATIONAL FOR PRIVATE AND PERSONAL USE ONLY
Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री भगवती सूत्र ॥ श्री आगम-गुण-मञ्जूषा। ॥श्री.मागम-गुण-४५।।। 11 Sri Agama Guna Manjusa 11 (सचित्र) प्रेरक-संपादक अचलगच्छाधिपति प.पू.आ.भ.स्व. श्री गुणसागर सूरीश्वरजी म.सा. Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOROS555555555555555555555555555 ४५ आगमो का संक्षिप्त परिचय 555555555555555555555555555QUOTE | ४५ आगमो का संक्षिप्त परिचय | ११ अंगसूत्र के जीवन चरित्र है, धर्मकथानुयोग के साथ चरणकरणानुयोग भी इस सूत्र मे सामील है । इसमे ८०० से ज्यादा श्लोक है। श्री आचारांग सूत्र :- इस सूत्र मे साधु और श्रावक के उत्तम आचारो का सुंदर वर्णन है । इनके दो श्रुतस्कंध और कुल २५ अध्ययन है। द्रव्यानुयोग, गणितानुयोग, श्री अन्तकृद्दशांग सूत्र :- यह मुख्यत: धर्मकथानुयोग मे रचित है। इस सूत्र में श्री धर्मकथानुयोग और चरणकरणानुयोगोमे से मुख्य चौथा अनुयोग है। उपलब्ध श्लोको शत्रुजयतीर्थ के उपर अनशन की आराधना करके मोक्ष मे जानेवाले उत्तम जीवो के छोटे छोटे चरित्र दिए हए है। फिलाल ८०० श्लोको मे ही ग्रंथ की समाप्ति हो जाती 5 कि संख्या २५०० एवं दो चुलिका विद्यमान है। है। श्री सूत्रकृतांग सूत्र :- श्री सुयगडांग नाम से भी प्रसिद्ध इस सूत्र मे दो श्रुतस्कंध और २३ अध्ययन के साथ कुलमिला के २००० श्लोक वर्तमान में विद्यमान है । १८० श्री अनुत्तरोपपातिक दशांग सूत्र :- अंत समय मे चारित्र की आराधना करके क्रियावादी, ८४ अक्रियावादी, ६७ अज्ञानवादी अपरंच द्रव्यानुयोग इस आगम का अनुत्तर विमानवासी देव बनकर दूसरे भव मे फीर से चारित्र लेकर मुक्तिपद को प्राप्त मुख्य विषय रहा है। करने वाले महान् श्रावको के जीवनचरित्र है इसलीए मुख्यतया धर्मकथानुयोगवाला यह ग्रंथ २०० श्लोक प्रमाणका है। श्री स्थानांग सूत्र :- इस सूत्र ने मुख्य गणितानुयोग से लेकर चारो अनुयोंगो कि बाते आती है। एक अंक से लेकर दस अंको तक मे कितनी वस्तुओं है इनका रोचक वर्णन श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र :- इस सूत्र मे मुख्यविषय चरणकरणानुयोग है। इस आगम है, ऐसे देखा जाय तो यह आगम की शैली विशिष्ट है और लगभग ७६०० श्लोक है। में देव-विद्याघर-साधु-साध्वी श्रावकादि ने पुछे हुए प्रश्नों का उत्तर प्रभु ने कैसे दिया इसका वर्णन है । जो नंदिसूत्र मे आश्रव-संवरद्वार है ठीक उसी तरह का वर्णन इस सूत्र श्री समवायांग सूत्र :- यह सूत्र भी ठाणांगसूत्र की भांति कराता है । यह भी मे भी है । कुलमिला के इसके २०० श्लोक है। संग्रहग्रंथ है । एक से सो तक कौन कौन सी चीजे है उनका उल्लेख है। सो के बाद देढसो, दोसो, तीनसो, चारसो, पांचसो और दोहजार से लेकर कोटाकोटी तक ११) श्री विपाक सूत्र :- इस अंग मे २ श्रुतस्कंध है पहला दुःखविपाक और दूसरा कौनसे कौनसे पदार्थ है उनका वर्णन है। यह आगमग्रंथ लगभग १६०० श्लोक प्रमाण सुखविपाक, पहेले में १० पापीओं के और दूसरे में १० धर्मीओ के द्रष्टांत है मुख्यतया मे उपलब्ध है। धर्मकथानुयोग रहा है । १२०० श्लोक प्रमाण का यह अंगसूत्र है। श्री व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र (भगवती सूत्र) :- यह सबसे बडा सूत्र है, इसमे ४२ १२ उपांग सूत्र शतक है, इनमे भी उपविभाग है, १९२५ उद्देश है। इस आगमग्रंथ मे प्रभु महावीर के प्रथम शिष्य श्री गौतमस्वामी गणधरादि ने पुछे हुए प्रश्नो का प्रभु वीर ने समाधान १) श्री औपपातिक सूत्र :- यह आगम आचारांग सूत्र का उपांग है । इस मे चंपानगरी किया है। प्रश्नोत्तर संकलन से इस ग्रंथ की रचना हुइ है। चारो अनुयोगो कि बाते का वर्णन १२ प्रकार के तपों का विस्तार कोणिक का जुलुस अम्बडपरिव्राजक के ७०० शिष्यो की बाते है। १५०० श्लोक प्रमाण का यह ग्रंथ है। अलग अलग शतको मे वर्णित है। अगर संक्षेप मे कहना हो तो श्री भगवतीसूत्र रत्नो का खजाना है। यह आगम १५००० से भी अधिक संकलित श्लोको मे उपलब्ध है। श्री राजप्रश्नीय सूत्र :- यह आगम सुयगडांगसूत्र का उपांग है। इसमें प्रदेशीराजा का ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र :- यह सूत्र धर्मकथानुयोग से है। पहले इसमे साडेतीन करोड अधिकार सूर्याभदेव के जरीए जिनप्रतिमाओं की पूजा का वर्णन है। २००० श्लोको से भी अधिक प्रमाण का ग्रंथ है। कथाओ थी अब ६००० श्लोको मे उन्नीस कथाओं उपलब्ध है। १७) श्री उपासकदशांग सूत्र :- इसमें बाराह व्रतो का वर्णन आता है और १० महाश्रावको Gorak45555555555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा G555555555555555555555555555555ory OG5555555555555555555555555555555555555555555555553535959595959OLICE Gan Education Interna rnww.iainelibrary.orp) Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ %。 %%%%%%85 २) त्रास %%%%%%%%%%% doOKHAR153835555555555555555555345555555555555555555555555ODXOS KAROKKAXXE E EEEE994%953589 ४५ आगमो का संक्षिप्त परिचय 985555359999999455889 श्री जीवाजीवाभिगम सूत्र :- यह ठाणांगसूत्र का उपांग है । जीव और अजीव के दश प्रकीर्णक सूत्र बारे मे अच्छा विश्लेषण किया है। इसके अलावा जम्बुद्विप की जगती एवं विजयदेव ने कि हुइ पूजा की विधि सविस्तर बताइ है। फिलाल जिज्ञासु ४ प्रकरण, क्षेत्रसमासादि श्री चतुशरण प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने में अरिहन्त, सिद्ध, साधु और गच्छधर्म जो पढ़ते है वह सभी ग्रंथे जीवाभिगम अपरग्च पनवणासूत्र के ही पदार्थ है । यह के आचार के स्वरूप का वर्णन एवं चारों शरण की स्वीकृति है। आगम सूत्र ४७०० श्लोक प्रमाण का है। श्री प्रज्ञापना सूत्र- यह आगम समवायांग सूत्र का उपांग है । इसमे ३६ पदो का वर्णन श्री आतुर प्रत्याख्यान प्रकीर्णक सूत्र :- इस आगम का विषय है अंतिम आराधना है। प्रायः ८००० श्लोक प्रमाण का यह सूत्र है। और मृत्युसुधार ५) श्री सुर्यप्रज्ञप्ति सूत्र : श्री चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र :- इस दो आगमो मे गणितानुयोग मुख्य विषय रहा है। सूर्य, ३) श्री भक्तपरिज्ञा प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने में पंडित मृत्यु के तीन प्रकार (१) चन्द्र, ग्रहादि की गति, दिनमान ऋतु अयनादि का वर्णन है, दोनो आगमो मे २२००, भक्त परिज्ञा मरण (२) इंगिनी मरण (३) पादोपगमन मरण इत्यादि का वर्णन है। २२०० श्लोक है। श्री जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र :- यह आगम भी अगले दो आगमों की तरह गणितानुयोग ६) श्री संस्तारक प्रकीर्णक सूत्र :- नामानुसार इस पयन्ने में संथारा की महिमा का वर्णन मे है। यह ग्रंथ नाम के मुताबित जंबूद्विप का सविस्तर वर्णन है। ६ आरे के स्वरूप है। इन चारों पयन्ने पठन के अधिकारी श्रावक भी है। बताया है। ४५०० श्लोक प्रमाण का यह ग्रंथ है। श्री तंदुल वैचारिक प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने को पूर्वाचार्यगण वैराग्य रस के श्री निरयावली सूत्र :- इन आगम ग्रंथो में हाथी और हारादि के कारण नानाजी का समुद्र के नाम से चीन्हित करते है । १०० वर्षों में जीवात्मा कितना खानपान करे दोहित्र के साथ जो भयंकर युद्ध हुआ उस मे श्रेणिक राजा के १० पुत्र मरकर नरक मे इसकी विस्तृत जानकारी दी गई है। धर्म की आराधना ही मानव मन की सफलता है। गये उसका वर्णन है। ऐसी बातों से गुंफित यह वैराग्यमय कृति है। श्री कल्पावतंसक सूत्र :- इसमें पद्यकुमार और श्रेणिकपुत्र कालकुमार इत्यादि १० भाइओं के १० पुत्रों का जीवन चरित्र है। ८) श्री चन्दाविजय प्रकीर्णक सूत्र :- मृत्यु सुधार हेतु कैसी आराधना हो इसे इस पयन्ने । १०) श्री पुष्पिका उपांग सूत्र :- इसमें १० अध्ययन है । चन्द्र, सूर्य, शुक्र, बहुपुत्रिका में समजाया गया है। देवी, पूर्णभद्र, माणिभद्र, दत्त, शील, जल, अणाढ्य श्रावक के अधिकार है। ११) श्री पुष्पचुलीका सूत्र :- इसमें श्रीदेवी आदि १० देवीओ का पूर्वभव का वर्णन है। ९) श्री देवेन्द्र-स्तव प्रकीर्णक सूत्र :- इन्द्र द्वारा परमात्मा की स्तुति एवं इन्द्र संबधित ई श्री वृष्णिदशा सूत्र :- यादववंश के राजा अंधकवृष्णि के समुद्रादि १०पुत्र, १० मे अन्य बातों का वर्णन है। पुत्र वासुदेव के पुत्र बलभद्रजी, निषधकुमार इत्यादि १२ कथाएं है। अंतके पांचो उपांगो को निरियावली पञ्चक भी कहते है। १०A) श्री मरणसमाथि प्रकीर्णक सूत्र :- मृत्यु संबधित आठ प्रकरणों के सार एवं अंतिम आराधना का विस्तृत वर्णन इस पयन्ने में है। %%%%% %%% %%%% %% %%%% %%%% %%%%% १०B) श्री महाप्रत्याख्यान प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने में साधु के अंतिम समय में किए जाने योग्य पयन्ना एवं विविध आत्महितकारी उपयोगी बातों का विस्तृत वर्णन है। (GainEducation-international 2010-03 VOON N54555554454549 श्री आगमगुणमजूषा E f54 www.dainelibrary.00) $$# KOR Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 乐乐乐乐玩玩乐乐听听听听听听圳坂圳乐乐听听听听的 १०८) श्री गणिविद्या प्रकीर्णक सूत्र :- इस पयन्ने में ज्योतिष संबधित बड़े ग्रंथो का सार है। ३) उपरोक्त दसों पयन्नों का परिमाण लगभग २५०० श्लोकों में बध्य हे। इसके अलावा २२ अन्य पयन्ना भी उपलब्ध हैं। और दस पयन्नों में चंदाविजय पयन्नो के स्थान पर गच्छाचार पयन्ना को गिनते हैं। श्री नियुक्ति सूत्र :- चरण सत्तरी-करण सत्तरी इत्यादि का वर्णन इस आगम ग्रन्थ में ७ है। पिंडनियुक्ति भी कई लोग ओघ नियुक्ति के साथ मानते हैं अन्य कई लोग इसे अलग आगम की मान्यता देते हैं । पिंडनियुक्ति में आहार प्राप्ति की रीत बताइ हें। ४२ दोष कैसे दूर हों और आहार करने के छह कारण और आहार न करने के छह कारण इत्यादि बातें हैं। छह छेद सूत्र श्री आवश्यक सूत्र :- छह अध्ययन के इस सूत्र का उपयोग चतुर्विध संघ में छोट बडे सभी को है । प्रत्येक साधु साध्वी, श्रावक-श्राविका के द्वारा अवश्य प्रतिदिन प्रात: एवं सायं करने योग्य क्रिया (प्रतिक्रमण आवश्यक) इस प्रकार हैं : (१) सामायिक (२) चतुर्विंशति (३) वंदन (४) प्रतिक्रमण (५) कार्योत्सर्ग (६) पच्चक्खाण (१) निशिथ सूत्र (२) महानिशिथ सूत्र (३) व्यवहार सूत्र (४) जीतकल्प सूत्र (५) पंचकल्प सूत्र (६) दशा श्रुतस्कंध सूत्र इन छेद सूत्र ग्रन्थों में उत्सर्ग, अपवाद और आलोचना की गंभीर चर्चा है । अति गंभीर केवल आत्मार्थ, भवभीरू, संयम में परिणत, जयणावंत, सूक्ष्म दष्टि से द्रव्यक्षेत्रादिक विचार धर्मदष्टि असे करने वाले, प्रतिपल छहकाया के जीवों की रक्षा हेतु चिंतन करने वाले, गीतार्थ, परंपरागत क उत्तम साधु, समाचारी पालक, सर्वजीवो के सच्चे हित की चिंता करने वाले ऐसे उत्तम मुनिवर जिन्होंने गुरु महाराज की निश्रा में योगद्वहन इत्यादि करके विशेष योग्यता अर्जित की हो ऐसे * मुनिवरों को ही इन ग्रन्थों के अध्ययन पठन का अधिकार है। दो चूलिकाए १) श्री नंदी सूत्र :- ७०० श्लोक के इस आगम ग्रंन्थ में परमात्मा महावीर की स्तुति, संघ की अनेक उपमाए, २४ तीर्थकरों के नाम ग्यारह गणधरों के नाम, स्थविरावली और पांच ज्ञान का विस्तृत वर्णन है। चार मूल सूत्र श्री दशवकालिक सूत्र :- पंचम काल के साधु साध्वीओं के लिए यह आगमग्रन्थ अमृत सरोवर सरीखा है। इसमें दश अध्ययन हैं तथा अन्त में दो चूलिकाए रतिवाक्या व, विवित्त चरिया नाम से दी हैं । इन चूलिकाओं के बारे में कहा जाता है कि श्री स्थूलभद्रस्वामी की बहन यक्षासाध्वीजी महाविदेहक्षेत्र में से श्री सीमंधर स्वामी से चार चूलिकाए लाइ थी। उनमें से दो चूलिकाएं इस ग्रंथ में दी हैं। यह आगम ७०० श्लोक प्रमाण का है। श्री अनुयोगद्वार सूत्र :- २००० श्लोकों के इस ग्रन्थ में निश्चय एवं व्यवहार के आलंबन द्वारा आराधना के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी गइ है । अनुयोग याने शास्त्र की व्याख्या जिसके चार द्वार है (१) उत्क्रम (२) निक्षेप (३) अनुगम (४) नय यह आगम सब आगमों की चावी है। आगम पढने वाले को प्रथम इस आगम से शुरुआत करनी पड़ती है। यह आगम मुखपाठ करने जैसा है। ॥ इति शम्॥ श्री उत्तराध्ययन सूत्र :- परम कृपालु श्री महावीरभगवान के अंतिम समय के उपदेश इस सूत्र में हैं । वैराग्य की बातें और मुनिवरों के उच्च आचारों का वर्णन इस आगम ग्रंथ में ३६ अध्ययनों में लगभग २००० श्लोकों द्वारा प्रस्तुत हैं। ) Gain Education International 2010_03 Mora :58498499934555555555; आगमगुणमजूषा-5555555555555555555555555 ) Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ YOKO ALLA RURU RAREO ai i ferox (9) (3) KC国乐国为乐明明明明明明明明乐明明明明明F%%%%明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明军5B Introduction 45 Agamas, a short sketch I Eleven Angas : Acäränga-sutra : It deals with the religious conduct of the monks and the Jain householders. It consists of 02 Parts of learning, 25 lessons and among the four teachings on entity, calculation, religious discourse and the ways of conduct, the teaching of the ways of conduct is the main topic here. The Agama is of the size of 2500 ślokas. Sayagadanga-sutra : It is also known as Sütra-Kytänga. It's two parts of learning consist of 23 lessons. It discusses at length views of 363 doctrine-holders. Among them are 180 ritualists, 84 nonritualists, 67 agnostics and 32 restraint-propounders, though it's main area of discussion is the teaching of entity. It is available in the size of 2000 ślokas. Thápānga-sūtra : It begins with the teaching of calculation mainly and discusses other three teachings subordinately. It introduces the topic of one dealing with the single objects and ends with the topic of eight objects. It is of the size of 7600 ślokas. Samavāyanga-sutra : This is an encompendium, introducing 01 to 100 objects, then 150, 200 to 500 and 2000 to crores and crores of objects. It contains the text of size of 1600 Slokas. Vyakhya-prajñapti-sutra : It is also known as Bhagavati-sutra. It is the largest of all the Angas. It contains 41 centuries with subsections. It consists of 1925 topics. It depicts the questions of Gautama Ganadhara and answers of Lord Mahavira. It discusses the four teachings in the centuries. This Agama is really a treasure of gems. It is of the size of more than 15000 ślokas. Jäätādharma-Kathanga-sutra : It is of the form of the teaching of the religious discourses. Previously it contained three and a half crores of discourses, but at present there are 19 religious discourses. It is of the size of 6000 ślokas. Upasaka-dasānga-sutra : It deals with 12 vows, life-sketches of 10 great Jain householders and of Lord Mahavira, too. This deals with the teaching of the religious discourses and the ways of conduct. It is of the size of around 800 Slokas. (8) Antagada-dasänga-sutra : It deals mainly with the teaching of the religious discourses. It contains brief life-sketches of the highly spiritual souls who are born to liberate and those who are liberating ones: they are Andhaka Vrsni, Gautama and other 9 sons of queen Dharini, 8 princes like Akşobhakumara, 6 sons of Devaki, Gajasukumāra, Yadava princes like Jali, Mayāli, Vasudeva Krsna, 8 queens like Rukmini. It is available of the size of 800 Slokas. Anuttarovavayi-daśãnga-sútra: It deals with the teaching of the religious discourses. It contains the life-sketches of those who practise the path of religious conduct, reach the Anuttara Vimana, from there they drop in this world and attain Liberation in the next birth. Such souls are Abhayakumāra and other 9 princes of king Srenika, Dirghasena and other 11 sons, Dhanna Anagara, etc. It is of the size of 200 ślokas. (10) Prasna-vyakarana-sūtra : It deals mainly with the teaching of the ways of conduct. As per the remark of the Nandi-satra, it contained previously Lord Mahāvira's answers to the questions put by gods, Vidyadharas, monks, nuns and the Jain householders. At present it contains the description of the ways leading to transgression and the self-control. It is of the size of 200 ślokas. (11) Vipaka-sütrānga-sūtra : It consists of 2 parts of learning. The first part is called the Fruition of miseries and depicts the life of 10 sinful souls, while the second part called the Fruition of happiness narrates illustrations of 10 meritorious souls. It is available of the size of 1200 ślokas. 图纸娱乐明明明明明明明明明明垢玩垢圳明明听听听听听听听听听听听垢乐明明明明明明明明明听听听听听听听听 (5) (6) (1) II Twelve Upangas Uvaväyi-sütra : It is a subservient text to the Acāranga-sutra. It deals with the description of Campā city, 12 types of austerity, procession-arrival of Koñika's marriage, 700 disciples of the monk Ambada. It is of the size of 1000 ślokas. Rayapaseni-sutra : It is a subservient text to Süyagađanga-sutra. It depicts king Pradesi's jurisdiction, god Suryabha worshipping the Jina idols, etc. It is of the size of 2000 ślokas. (7) (2) www.Lainelibrary XXXX XXXXL PITJUGET TOYOX Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ DEFFFFFFFFFFFFFFFFFFFhible Gamin nh* HIFThe ha EEEEEEEEEEEE开F听听听听听听听听明明Ow (3) Jivābhigama-sutra : It is a subservient text to Thāṇānga-sūtra. It one Vasudeva, his son Balabhadra and his son Nişadha. deals with the wisdom regarding the self and the non-self, the Jambo continent and its areas, etc. and the detailed description of the III Ten Payanna-sutras : veneration offered by god Vijaya. The four chapters on areas, society, (1) Aurapaccakhāņa-sūtra : It deals with the final religious practice etc. published recently are composed on the line of the topics of this and the way of improving (the life so that the) death (may be Sutra and of the Pannavaņa-sutra. It is of the size of 4700 Slokas. improved). Pannavaņā-sutra : It is a subservient text to the Samavāyānga- (2) Bhattaparinna-sutra : It describes (1) three types of Pandita death, sätra. It describes 36 steps or topics and it is of the size of 8000 (2) knowledge, (3) Ingini devotee ślokas. (4) Pādapopagamana, etc. (5) Sürya-prajfapti-sutra and (4) Santhäraga-payannā-sutra : It extols the Samstäraka. Candra-prajñapti-sätra : These two falls under the teaching of the calculation. They depict the solar and the lunar transit, the ** These four payannás can also be learnt and recited by the Jain movement of planets, the variations in the length of a day, seasons, householders. ** northward and the southward solstices, etc. Each one of these Āgamas are of the size of 2200 Slokas. (5) Tandula-viyaliya-payanna-sūtra : The ancient preceptors call this Jambadvipa-prajñapti-sutra : It mainly deals with the teaching Payanna-sutra as an ocean of the sentiment of detachment. It of the calculations. As it's name indicates, it describes at length the describes what amount of food an individual soul will eat in his life objects of the Jambu continent, the form and nature of 06 corners of 100 years, the human life can be justified by way of practising a (ära). It is available in the size of 4500 Slokas. religious life. Nirayávali-pacaka : (6) Candāvijaya-payannā-sūtra : It mainly deals with the religious (8) Nirayávali-sütra : It depicts the war between the grandfather and practice that improves one's death. the daughter's son, caused of a necklace and the elephant, the death (7) Devendrathui-payanna-sutra : It presents the hymns to the Lord of king Greñika's 10 sons who attained hell after death. This war is sung by Indras and also furnishes important details on those Indras. designated as the most dreadful war of the Downward (avasarpini) (8) Maranasamadhi-payanna-sutra : It describes at length the final age. religious practice and gives the summary of the 08 chapters dealing (9) Kalpāvatamsaka-sutra : It deals with the life-sketches of with death. Kalakumara and other 09 princes of king Sreņika, the life-sketch of (9) Mahäpaccakhāņa-payanna-sutra : It deals specially with what a Padamakumpra and others. monk should practise at the time of death and gives various beneficial (10) Pupphiya-upanga-sutra : It consists of 10 lessons that covers the informations. topics of the Moon-god, Sun-god, Venus, queen Bahuputrikā, (10) Gaņivijaya-payanna-sūtra : It gives the summary of some treatise Purnabhadra, Manibhadra, Datta, sila, Bala and Aņāddhiya. on astrology (11) Pupphacultya-upanga-sutra : It depicts previous births of the 10 These 10 Payannās are of the size of 2500 ślokas. queens like Sridevi and others. Besides about 22 Payannās are known and even for these above (12) Vahnidaśa-upanga sätra : It contains 10 stories of Yadu king 10 also there is a difference of opinion about their names. The Gacchācāra Andhakavrşni, his 10 princes named Samudra and others, the tenth is taken, by some, in place of the Candāvijaya of the 10 Payannās. 明明明明明明乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐国乐乐乐乐手乐乐乐乐乐明與乐乐乐乐乐乐乐乐FFFF乐乐乐明 XOXOFF $ farmark ** F YOX Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ YOKOK YU BALLU BURU VERLO PLA Xoxo (1) (2) IV Six Cheda-sūtras (1) Vyavahāra-sūtra, (2) Nisītha-Sutra, (3) Mahānisitha-sūtra, (4) Pancakalpa-satra, (5) Daśāśruta-skandha-Sotra and (6) Bhatkalpa-sutra. These Chedasätras deal with the rules, exceptions and vows. The study of these is restricted only to those best monks who are (1) serene, (2) introvert, (3) fearing from the worldly existence, (4) exalted in restraint, (5) self-controlled, (6) rightfully descerning the subtlety of entity, territories, etc. (7) pondering over continuously the protection of the six-limbed souls, (8) praiseworthy, (9) exalted in keeping the tradition, (10) observing good religious conduct, (11) beneficial to all the beings and (12) Who have paved the path of Yoga under the guidance of their master. VI Two Colikas Nandi-sutra : It contains hymn to Lord Mahavira, numerous similies for the religious constituency, name-list of 24 Tirtharkaras and 11 Ganadharas, list of Sthaviras and the fivefold knowledge. It is available in the size of around 700 Slokas. Anuyogadvāra-sutra : Though it comes last in the serial order of the 45 Ágamas, the learner needs it first. It is designated as the key to all the Agamas. The term Anuyoga means explanatory device which is of four types: (1) Statement of proposition to be proved, (2) logical argument, (3) statement of accordance and (4) conclusion. * It teaches to pave the righteous path with the support of firm resolve and wordly involvements. It is of the size of 2000 ślokas. ** ********* V Four Molas atras (1) Dajavaikalika-sutra : It is compared with a lake of nectar for the monks and nuns established in the fifth stage. It consists of 10 lessons and ends with 02 Colikas called Rativakya and Vivittacariya. It is said that monk Sthūlabhadra's sister nun Yakşă approached Simandhara Svāmi in the Mahavideha region and received four Calikas. Here are incorporated two of them. (2) Uttaradhyayana-sutra : It incorporates the last sermons of Lord Mahavira. In 36 lessons it describes detachment, the conduct of monks and so on. It is available in the size of 2000 Slokas. . (3) Anuyogadvara-sutra: It discusses 17 topics on conduct, behaviour, etc. Some combine Piryaniryukti with it, while others take it as a separate Agama. Pindaniryukti deals with the method of receiving food (bhiksă or gocari), avoidance of 42 faults and to receive food, 06 reasons of taking food, 06 reasons for avoiding food, etc. Avašyaka-sútra: It is the most useful Agama for all the four groups of the Jain religious constituency. It consists of 06 lessons. It describes 06 obligatory duties of monks, nuns, house-holders and housewives. They are: (1) Samayika, (2) Caturvimšatistava, (3) Vandana, (4) Pratikramana, (5) Kāyotsarga and (6) Paccakhana. 明明明明明明明明明與乐乐乐为历历明明明明明明明明兵兵兵兵兵兵兵兵乐乐乐乐玩玩乐乐明步兵兵玩乐乐乐恩 * O YOK LOXOV L FT STATUTEUT- O 20:10 03 www.ainelibrary.org Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GAMMMMMMMMMMMMMMMFFFFFF સરળ ગુજરાતી ભાવાર્ય |khkfkMkkMkfkh Mળા જા સા ા ઉદ્દેશક સૂત્ર સંખ્યા ل ઇ. ઇ. ૧ - • ه જે - o فی ૧ આગમ - ૫ સર્વાનુયોગમય ભગવતી સૂત્ર - ૫ અન્યનામ:- વિવાહ પણત્તિ, વિબાધ પ્રજ્ઞપ્તિ, વ્યાખ્યા પ્રજ્ઞપ્તિ - “પત્તિ” શતક ૩ ૪૧ - - - - - - - - - - - - - - - - ૧ શતક, અવાન્તર શતક --- - - - - - - ૧૩૮ ઉદ્દેશક ----- ----- ૧,૬ ૨૭ પ્રશ્નોત્તર ----- પદ ----- ૨,૮૮,૦૦૦ ગદ્યસૂત્ર --- ---- ૫, ૨૯૩ પદ્યસૂત્ર ----- - - - - - - - - ૭૨ له o o o ૦ - له - = له ૮ વર્ગ ૬ વર્ગ ૫ વર્ગ પ له છે. દ له નું જ Go له 2 6 ન له પર - - [ભગવતી સૂત્ર - શતક, ઉદ્દેશક અને સૂત્રસંખ્યા -સૂચક તાલિકા ઉદ્દેશક સૂત્ર સંખ્યા ३२१ શતક له 6 - - له n - - = પી له m - R - 09听听听听听乐乐明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听玩玩乐乐玩玩乐乐乐乐乐纸纸听听听听听乐最 ૧૫૬ الله 6 - * "o 筑玩玩玩乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐园 પી لن = છે ૧૮૬ ان = પી ૦ (નીચેનાના અવાન્તર શતકો છે) અ.શ. x પી GST છે. પા ૦ ૧ ૨૪ ૧૩૯ ૧૫૪ ય પા + १२४ ७२ છે w = ૧૨ ૧૨ ૧૨૪ ૧૨૪ ઇ w = ૧૩૪ છે + ૧૨૪ w = ૧૭૩ ૧૪૭ 8 ૧૨૪ w = G ળ છે 8 - w = F = F = 2 2 G હું A v A = ૧૯૬ ૨૨૨ 6 o CMW FÉÉ 9% શ્રી ગ્રામગુખમંજૂષા - ૨૩FF 5 55 FF Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ક્રમ ગણધર નામ ગામ ૧ ર ૩ ४ પ્ E ७ e હું ઈન્દ્રભૂતિ અગ્નિભૂતિ વાયુભૂતિ વ્યક્ત સુધર્મા 花蛋 મંડિત મૌર્યપુત્ર અપિત ૧૦ મેતાર્ય ગુબ્બર ૧૧ પ્રભાસ ગુબ્બર અચલભ્રાતા કોશલા મથિલા રાજગૃહ અગિયાર ગણધરોનું નિર્વાણસ્થાન * સરળ ગુજરાતી ભાવાર્થ નક્ષત્ર જ્યેષ્ઠા કૃત્તિકા ગુબ્બર કોલાક સંનિવેરા શ્રવણ કોલ્લાક સંનિવેશ હસ્તોત્તરા ધમ્મિલ મોરાક સંનિવેશ મા મોરાક સંનિવેશ રોહિણી મૌર્ય સ્વાતિ વત્સભૂમિ તુંગિક અશ્વિની ઉત્તરાષાઢા દેવ પિતા વસુભૂતિ પૃથ્વી વસુભૂતિ પૃથ્વી વસુભૂતિ પૃથ્વી ધનમિત્ર વારુણી ભરિલા મૃગશીર્ષ વસુ પુષ્ય ધનદેવ :- રાજગૃહી દત્ત ગણધર યંત્ર (જૈનાગમ – નિર્દેશિકા અનુસાર) ગોત્ર બલ માતા વિજયા વિજયા જયંતી નંદા ગૌતમ ગૌતમ ગૌતમ ભારદ્વાજ વશિષ્ઠ કાશ્યપ ગૌતમ હારીત વરુણદેવા કૌડિન્ય અતિભદ્રા કૌડિન્ય ગૃહવાસ વર્ષ છાસ્ય વલ અગ્નિવેરયાયન ૫૦ ૫૦ ૪૬ श्री आगमगुणमंजूषा १४ ૪૨ ૫૦ ભાવન ૪૬ ૐ ૧૬ ૩૦ ૧૨ ૧૦ ૧૨ ૪૨ ૧૪ ૧૫ ૯ ૧૨ Abo ૧૦ ૧૨ ૧૬ ૧૮ ૧૮ ૮ ૧૬ ૧૬ ૨૧ ૧૪ ૧૬ ૧૬ સર્વીયુ મોક્ષગમન દૂ ૯૨ ૭૪ ७० ८० ૧૦૦ ૮૩ ૯૬ ૩૮ ૭૨ ५२ ૪૦ મહાવીર ભગવાનના પછી મહાવીર ભગવાનના પહેલાં મહાવીર ભગવાનના પહેલાં મહાવીર ભગવાનના પહેલાં મહાવર ભગવાનના પછી મહાવીર ભગવાનના પહેલાં મહાવીર ભગવાનના પહેલાં મહાવીર ભગવાનના પહેલાં મહાવીર ભગવાનના પહેલાં મહાવીર ભગવાનના પહેલાં મહાવીર ભગવાનના પહેલાં 五五五五五五五五五五五552 Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ પ્રાપ્ત સરળગુજરાતી ભાવાર્થ-0 ૨.૨ સમુદ્દાત ઉદ્દેશક : એમાં ૨૪ દંડકોમાં સમુદ્દાત, અણગારદ્વારા કેવળી સમુધાતની પ્રશ્નોત્તરી છે. પહેલું શતક : આમાં નમસ્કારમંત્ર, બ્રાહ્મી લિપિ તથા શ્રુતને નમસ્કાર, દસ ઉદ્દેશકોના નામ, ભગવાન મહાવીર અને ગૌતમ ગણધરનો સંક્ષિપ્ત પરિચય વગેરે છે. ૧.૧ ચલન ઉદ્દેશક : આમાં ચલમાન, ચલિત વગેરે ૯ પ્રશ્નોના ઉત્તર, ૨૪ દંડકોમાં સ્થિતિ, શ્વાસોચ્છવાસ, આહાર અને કર્મ, પુદ્ગલ અને બંધ વગેરે જણાવી અંતે વ્યંતર, જ્યોતિષી વગેરે દેવોના રમણીસ્થાનો અને સ્થિતિની પ્રશ્નોત્તરી વગેરે છે. ૧.૨ દુ:ખ ઉદ્દેશક : એમાં જીવે સ્વયં કરેલા દુ:ખોનું વેદન અને એનું કારણ જણાવી અંતે અસંશીઓના આયુષ્યની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧.૩ કાંક્ષાપ્રદોષ ઉદ્દેશક : આમાં ક્રિયાનિષ્પાદ્ય કાંક્ષામોહનીય કર્મના પ્રશ્નથી માંડીને અંતે શ્રમણ નિગ્રંથોના કાંક્ષામોહનીય કર્મના વેઇનની પ્રશ્નોત્તરી કરવામાં આવી છે. ૧.૪ કર્મપ્રકૃતિ ઉદ્દેશક : આમાં આઠ કર્મપ્રકૃતિની પ્રશ્નોત્તરીથી શરૂઆત કરીને અંતે પ્રશ્નના ઉત્તરમાં ત્રણ કાળના ત્રણ ત્રણ વિકલ્પો જણાવી અંતે કેવળી પૂર્ણ સર્વજ્ઞ છે એમ જણાવ્યું છે. ૧.૫ પૃથ્વી ઉદ્દેરાક : ૨૪ દંડકોના આવાસમાં સાત પૃથ્વીથી શરુઆત કરીને અંતે કષાયના ભાંગાઓમાંની વિવિધતાની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧.૬ યાવંત ઉદ્દેશક : આમાં સૂર્ય, લોક- અલોક, દ્વીપ, સમુદ્ર, ક્રિયાવિચાર, લોકસ્થિતિ વગેરેની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧.૭ નૈરિયક ઉદ્દેશક : એમાં ૨૪ ઠંડકોમાં ઉત્પાત ચતુર્થંગી, વિગ્રહ–અવિગ્રહ ગતિ, ગર્ભવિચાર વગેરે પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧.૮ બાલ ઉદ્દેશક : એમાં એકાન્ત ખાલજીવની ચાર ગતિમાં ઉત્પત્તિ, ક્રિયાવિચાર, વીર્યવિચાર વગેરેની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧.૯ ગુરુત્વ ઉદ્દેશક : એમાં જીવનું ગુરુત્વ અને એનાં કારણ, નિશ્ર્ચયનું જીવન અન્ય તીર્થિકોની માન્યતા, ક્રિયાવિચાર, આહારવિચાર વગેરેની પ્રશ્નોત્તરી પછી અંતે બાલપંડિતની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૨.૩ પૃથ્વી ઉદ્દેશક : એમાં સાત પૃથ્વીઓ અને સર્વ પ્રાણીઓની સર્વત્ર ઉત્પત્તિનું વર્ણન છે. 食用,乐乐出乐乐乐乐乐乐出乐出乐乐城城冻消消 ૨.૪ ઈન્દ્રિય ઉદ્દેશક : એમાં ઈન્દ્રિયોનું વર્ણન છે. ૨.૫ અન્યતીર્થિક ઉદ્દેશક : આમાં ગર્ભવિચાર, તુગિકા નગર, કાશ્યપ સ્થવિરના ઉત્તરો, પાણીકુંડ વગેરેનું વર્ણન છે. ૨.૬ ભાષા ઉદ્દેશક : એમાં અવધારિણી ભાષાની વાત છે. ૨.૭ દેવ ઉદ્દેશક : એમાં ચાર પ્રકારના દેવ અને તેમના સ્થાન વગેરેનું વર્ણન છે. ૨.૮ ચમરચંચા ઉદ્દેશક : આમાં ચમરેન્દ્રની ચમરચંચા નગરીમાં સુધર્મા સ્વામીની સભા વગેરેનું વર્ણન છે. ૨.૯ સમયક્ષેત્ર ઉદ્દેશક : એમાં સમયક્ષેત્રનું પરિમાણ આપવામાં આવ્યું છે. ૨.૧૦ અસ્તિકાય ઉદ્દેશક : આમાં પંચાસ્તિકાયથી આરંભીને ધર્માસ્તિકાય અને લોકાકારાનું વર્ણન છે. ત્રીજું શતક : ૩.૧ ચમરવિકુર્વણા ઉદ્દેશક : આમાં ગાથા છંદમાં દસે દસ ઉદ્દેશકોનો વિષય, મૂકાનગરીમાં ભગવાન મહાવીરનું પદાર્પણ, ચમરેન્દ્રની વિકુર્વણા અને અંતે સનકુમારનો મહાવિદેહમાં જન્મ અને નિર્વાણ વગેરે વર્ણન છે. ૩.૨ ચમરોત્પાત ઉદ્દેશક : એમાં રાજગૃહમાં ભગવાન મહાવીર અને ભગવાન ગૌતમ ગણધર, ચમરેન્દ્ર દ્વારા નાટ્યપ્રદર્શન અને અંતે ચમરેન્દ્રની ચિંતાની વાત છે. ૩.૩ ક્રિયા ઉદ્દેશક : આમાં ક્રિયા સંબંધી પંડિત પુત્રની જિજ્ઞાસા, પાંચ પ્રકારની ક્રિયા વગેરેની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૩.૪ યાન ઉદ્દેશક : આમાં દેવરૂપ યાનની ચોભંગી, વાયુકાય, મેઘ, લેયાના દ્રવ્ય, અણગાર વિષુર્વણા, વૈભારગિરિ ઉલ્લંઘન વગેરેની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧.૧૦ ચલન ઉદ્દેશક : આમાં ચલમાન, ચલિત વગેરે પછી અંતે ૨૪ ઠંડકોમાં ઉપપાત ૩.૫ સ્રી ઉદ્દેશક : આમાં અણગારની સ્ત્રીરૂપમાં વિક્રુર્વણા વગેરે છે. વિરહની પ્રશ્નોત્તરી છે. બીજુ રાતક : ૨.૧ ઉચ્છ્વાસ-સ્કંદક ઉદ્દેશક : આમાં પૃથ્વીકાયથી વનસ્પતિકાય સુધીનાના શ્વાસોચ્છ્વાસના પૌદ્ગલિક રૂપની પ્રશ્નોત્તરી કરીને અંતે ભગવાન મહાવીર દ્વારા પરિવ્રાજક સ્કંદકના સંશયોનું સમાધાન અને એનું પ્રવ્રજ્યાગ્રહણ વગેરે વર્ણન છે. ૩.૬ નગર ઉદ્દેશક : એમાં રાજગૃહ નિવાસી મિથ્યાદષ્ટિ અણગારની વૈક્રિય દષ્ટિથી વારાણસીની વિષુર્વણા અને વિભંગ જ્ઞાનથી વિપરીત દર્શન વગેરેની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૩.૭ લોક્પાલ ઉદ્દેશક : આમાં શકેન્દ્રના ચાર લોકપાલ વિષયક પ્રશ્નો છે. ૩.૮ દેવાધિપતિ ઉદ્દેશક : આમાં અસુરકુમાર આદિ દસ કુમારોના દસ અધિપતિ વગેરે પ્રશ્નોત્તરી છે. श्री आगमगुणमंजूषा १५ 新編: Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SSSSSSSBકકકકકકકકક સરળ ગુજરાતી ભાવાર્થ KMMMMMMMMMMMMMMડમાળ Aડી છે .૯ ઈન્દ્રિય ઉદ્દેશક: એમાં પાંચ ઈન્દ્રિયવિષયક પ્રશ્નોત્તરી છે. વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. કે ૩.૧૦ પરિષદ ઉદ્દેશક : આમાં અમરેન્દ્રની ત્રણ સભાઓથી માંડીને અય્યતેન્દ્ર સુધીના ની ૧.૬ ભવ્ય ઉદ્દેશક : આમાં નરકની સાત પૃથ્વીઓથી માંડીને પાંચ અનુત્તર વિમાન સુધીનું છે ત્રણ-ત્રણ સભાનું વર્ણન છે. વર્ણન છે. ચોથું શતક ૬.૭ પાલી ઉદ્દેશક: એમાં ધાન્યની સ્થિતિ, ગણનાયકાળ અને છેલ્લે પ્રથમ આરાનું વર્ણન ૪.૧-જ લોકપાલ-વિમાન ઉદ્દેશક : એમાં ઈશાનેન્દ્રના ચાર લોકપાલ વિષયક વર્ણન છે. છે. ૪.૫-૮ લોકપાલ - રાજધાની ઉદ્દેશક: એમાં ચાર લોકપાલોની રાજધાનીઓનું વર્ણન છે. ૬.૮ પૃથ્વી ઉઘેરાક: આમાં આઠ પૃથ્વી વગેરે વિષયક પ્રશ્નોત્તરી છે. ૪.૯ૌરયિક ઉદેશક : આમાં નારકીય જીવો નરકમાં તેજ ભવે બીજી વાર ઉત્પન્ન ન થાય ૬.૯ કર્મ ઉદ્દેશક : આમાં જ્ઞાનાવરણીયના સમયે બંધાતી પ્રકૃતિઓ, મહર્ધિક દેવ અને છે તે વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. તેની વિફર્વણા વગેરે વર્ણન છે. ૪.૧૦ લેયા ઉદ્દેશક: એમાં નીલ લેયાનું વર્ણન છે. ૬.૧૦ અન્યમૂયિક ઉદ્દેરાક : આમાં અન્યમૂયિકનું વર્ણન, સમાધાન વગેરે વર્ણન છે. પાંચમું રાતક: સાતમું શતક: . ૫.૧ સૂર્ય ઉદ્દેશક: એમાં ત્રણ ઋતુ, અયન, લવણ સમુદ્ર, ઘાતકી ખંડ, કાલોદધિ સમુદ્ર, ૭.૧ આહાર ઉદ્દેશક : એમાં લોકસંખ્યાન, ક્રિયાવિચાર, પ્રત્યાખ્યાન, સાધુને આહાર , આહાર ઉદેશક . એમાં લોકસંખ્યાન. ક્રિયાવિચાર પન્યા પુષ્કરાઈ દ્વીપ વગેરેમાં સૂર્યોદય આદિ વિષયક પ્રશ્નોત્તરી છે. આપવાનું ફળ વગેરે વર્ણન છે. ૫.૨ વાયુ ઉદેશક: એમાં સમુદ્ર, દ્વીપ વગેરેમાં ચાર પ્રકારના વાયુ વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. ૭.૨ વિરતિ ઉદ્દેશક : એમાં પ્રત્યાખ્યાન, સંયત - અસંયત વગેરે તેમજ શાશ્વત – ૫.૩ જાલગ્રંથિકા ઉદ્રાક: એમાં જાલગ્રંથિકાનું ઉદાહરણ વગેરે વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. અશાશ્વત જીવ વગેરે વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. ૫.૪ રાખ ઉદ્દેશક : આમાં શબ્દો, હરિણગમણી દેવ, અતિમુક્તક આર્ય, કેવળી અને ૭.૩ સ્થાવર ઉદ્દેશક : આમાં વનસ્પતિકાય, અલ્પાહારી અને મહહારી, વેશ્યા અને કર્મ ' છદ્મસ્થ, ચૌદ પૂર્વધારી વગેરે વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. ૫.૫ છદ્મસ્ય ઉદ્દેશક : એમાં છદ્મસ્થને સંયમથી સિદ્ધિ, કુલકર વગર વિષે પ્રસારી છે. ૭.૪ જીવ ઉદ્દેશક: આમાં છ પ્રકારના સંસારસ્થિત જીવોનું વર્ણન છે. ૫.૬ આય ઉદ્દેશક : આમાં અલ્પાયુ, દીર્ધાયુ, અશુભ-શુભ દીર્ધાયુ વગેરેના ત્રણ કારણ, ૭.૫ પક્ષી ઉદ્દેશક : આમાં ત્રણ પ્રકારે યોનિસંગ્રહનું વર્ણન છે. ક્રિયાવિચાર, આધાકર્મ આહાર, મૃષાવાદથી કર્મબંધન વગેરે પ્રશ્નોત્તરી છે. ૭.૬ આયુ ઉદ્દેશક: એમાં ૨૪ દંડકોમાં જીવ આ ભવે આયુબંધ કરે છે તે, કાલચક્ર ૫.૦ ૫ગલકં૫ન ઉદ્દેશક: એમાં પરમાણુ યુગલના કંપન વગેરે વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. વગેરેનું વર્ણન છે. ૫.૮નિગ્રથી પુત્ર ઉદ્દેશક: આમાં ભગવાનના શિષ્યનારદપુત્ર અને નિગ્રંથીપુત્રવચ્ચે પ્રશ્નોત્તરી છે. છે , આણગાર ઉદેશ , આમાં સંવત આણગાર. ૫.૯ રાજગૃહ ઉદેરાક : આમાં રાજગૃહ નગરનું વર્ણન, પ્રકાશ-અંધકાર તેમજ સમયજ્ઞાન વિસ્તૃત વર્ણન છે. અને દેવલોક વિષયક પ્રશ્નોત્તરી છે. ૭.૮ છવાસ્ય ઉદ્દેશક: એમાં છદ્મસ્થને માત્ર સંયમ વગેરેથી મુક્તિ નથી તેમજ સુખઃખ, ૫.૧૦ ચંદ્ર ઉદ્દેશક: આમાં ચંદ્રવિષયક પ્રશ્નોત્તરી છે. સંજ્ઞા, વેદના, ક્રિયાવિચાર વગેરેનું વર્ણન છે. છઠું શતક: ૭.૯ અસંવૃત ઉદેશક : આમાં બાહ્યપુદ્ગલોનું ગ્રહણવગેરે તેમજ મહાશિલા કંટક સંગ્રામ ૧. વેદના ઉદ્દેશક: આમાં વેદના અને નિર્જરાની સમાનતા વગેરે વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. અને રથમૂશળ સંગ્રામ વગેરેનું વર્ણન છે. ૬.૨ આહાર ઉદ્દેશક : એમાં રાજગૃહ નગર, આહારનું વર્ણન છે. છ.૧૦ અન્યતીર્થિક ઉદ્દેશક: આમાં કાલોદાયી વગેરે અન્ય તીર્થિકોએ કરેલી પ્રશ્નોત્તરી છે. ૬.૩ મહા આશ્રવ ઉદ્દેશક : આમાં મહા આવવાળાને મહાબંધ, કર્મોની સ્થિતિ, કર્મોના આ ના આઠમું શતક: બંધક વગેરેની પ્રશ્નોત્તરી છે. ૮.૧ પુદ્ગલ ઉદ્દેશક : આમાં ત્રણ પ્રકારના પુગલ વગેરેનું વર્ણન છે. ૬.૪ સપ્રદેશક ઉદ્દેશક : આમાં સપ્રદેરા - અપ્રદેશનું ચિંતન વગેરે પ્રશ્નોત્તરી છે, ૬.૫ તમારકાય ઉદ્દેશક : આમાં તમસ્કાય સંબંધી વર્ણન, કૃષ્ણરાજ, લોકાંતિક દેવ વગેરે 勇勇的男男%%%%%%%%%%%%%% 斯 T - 55%%% %%%%%%%%%% %%%%%%% பாபாபா EEHEHEபாபாபாபாபாபாபாபாபாபாபாபாபாபாபாபா Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ OFFFFFFFFFFFFFF સરળ ગુજરાતી ભાવાર્થ કfકકકકકકકકકકક કકકડ, વગેરે વર્ણન છે. ૮,૨ આશિવિષ ઉદેરાક : આમાં બે પ્રકારના આશિવિષ તથા છવાસ્થ, સર્વજ્ઞ અને દાન, ૧૦.૨ સંવૃત અણગાર ઉદ્દેશક : એમાં અણગારને લગતી ક્રિયા, ત્રણ પ્રકારની યોનિઓ, વગેરેનું વર્ણન છે. વેદનાઓ અને ભિક્ષુપ્રતિમા વગેરેનું વર્ણન છે, ૮.૦ વૃક્ષ ઉદ્દેશક : એમાં ત્રણ પ્રકારના વૃક્ષ, આઠ પૃથ્વી વગેરે વિષયક વર્ણન છે, ૧૦.૩ આત્મ-દ્ધિ ઉદ્દેશક : આમાં અલ્પઋદ્ધિક અને મહર્થિક દેવોની શક્તિ, ઉદરવાયુ, ૮.૪ કિયા ઉદ્દેશક : આમાં પાંચ પ્રકારની ક્રિયાનું વર્ણન છે. ઘોડાના પેટમાં કટવાયુ, બાર પ્રકારની ભાષા વગેરે વર્ણિત છે. ૮.૫ આજીવિક ઉદ્દેશક: આમાં ૧૨ આજીવન શ્રમણોપાસક વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૦.૪ ૨યામહસ્તી અણગાર ઉદ્દેશક : આમાં રયામહસ્તી અણગાર અને ગણધર ૮.૬ પ્રાસુક- આહારાદિ ઉદ્દેશક: આમાં ઉત્તમ શ્રમણને શુદ્ધ આહાર આપવાથી એકાંત ભગવાનનો સંવાદ છે. નિર્જરા, આરાધક નિગ્રંથ, ક્રિયાવિચાર વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૦.૫દેવ ઉદ્દેરાક: આમાં દેવેન્દ્રોની અગ્રમહિષી (પટરાણી)ઓના નામો વગેરે વર્ણન છે. ૮.૭ અદત્તાદાન ઉદ્દેશક : આમાં અન્ય તીર્થિકો અને સ્થવિરોનો સંવાદ અને સ્થવિરો દ્વારા સામાજા ૧૦.૬ સભા ઉદ્દેશક : એમાં શકની સુધર્મા સભા તથા શકેન્દ્રના સુખનું વર્ણન છે. પાંચ પ્રકારના ગતિ-પ્રપાત અધ્યયનની રચના વગેરે વર્ણન છે. ૧૦.૭-૩૪ અન્તર્કંપ ઉદ્દેશક : આમાં ઉત્તર દિશાના એકોરુથી શુદ્ધદંત સુધીના ૨૮ ૮.૮ પ્રત્યેનીક ઉદ્દેશક : આમાં ત્રણ પ્રકારના ગુરુપ્રત્યનીક અને વ્યવહાર, કર્મબંધ, શતકોમાં અન્તર્કંપોનું વર્ણન છે. કર્મપ્રકૃતિઓ, પરિષહ, સૂર્યદર્શન વગેરે વર્ણન છે. અગિયારમું શતક ૮.૯ પ્રયોગબંધ ઉદ્દેશક: આમાં બે પ્રકારના બંધ વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૧.૧ ઉત્પલ ઉદ્દેશક : આમાં ઉત્પલના જીવોનું વિસ્તૃત વર્ણન છે. ૮.૧૦ આરાધના ઉદ્દેશક: એમાં ત્રણ પ્રકારની આરાધના, આઠ કર્મપ્રકૃતિઓ, જીવવિચાર . ૧૧.૨ શાલૂક ઉદ્દેશક (૩) પલાશ ઉદ્દેશક (૪) કુંભિક ઉદ્દેશક (૫) નાલિક ઉદ્દેશક વગેરેનું વર્ણન કરી છેલ્લે સિદ્ધને પુગલી કહેવાય કે પુદ્ગલ કહેવાય તેનો નિર્ણય લે (૬) પદ્મ ઉદ્દેશક (૭) કર્ણિક ઉદ્દેશક અને (૮) નલિન ઉદ્દેશક આ બધા કરવામાં આવ્યો છે. ઉદ્દેશકોમાં નામ પ્રમાણે જીવનું વર્ણન છે. બાકી બધું વર્ણન ઉત્પલ ઉદ્દેશકના સમાન નવમું શતક: છે. એમાં કેવળ કુંભિક ઉદ્દેશકમાં સ્થિતિની થોડી વિશેષતા બતાવી છે. ૯.૧ જંબૂ ઉદ્દેશક : આમાં જંબુદ્વીપનું સ્થાન વગેરે છે. ૧૧.૯ શિવ રાજર્ષિ ઉદ્દેશક : એમાં શિવરાજર્ષિનું વર્ણન કરી અઢી દ્વીપના દ્રવ્યની વાત ૯.૨ જ્યોતિષી દેવ ઉદ્દેશક : એમાં અઢી દ્વીપમાં પ્રકાશતા સૂર્ય-ચંદ્રનું વર્ણન છે, જણાવી છે. ૯.૩-૩૦ અંતર્દીપ ઉદ્દેશક : એમાં અંતર્દીપનું વર્ણન છે. ૧૧.૧૦ લોક ઉદ્દેશક: આમાં ચાર પ્રકારના લોકનું વર્ણન છે. ૯.૩૧ અસોચ્ચા ઉદ્દેશક : આમાં જ્ઞાની સંબંધી અને કેવળી સંબંધી પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧૧.૧૧ કાલ ઉદ્દેશક : આમાં વાણિજ્યગ્રામ, દુતિપલાસ ચેત્ય, ભગવાન મહાવીર સાથે ૯.૩૨ ગાંગેય ઉદ્દેશક : આમાં પાર્થાપત્ય ગાંગેય વગેરેનું વર્ણન છે. સુદર્શન શ્રેણીના પ્રશ્ન, ચાર પ્રકારના કાળ વગેરેનું વર્ણન છે. ' ૯.૩૩ કુંડગ્રામ ઉદ્દેશક : આમાં બ્રાહ્મણકુંડગ્રામ, ઋષભદત્ત બ્રાહ્મણ અને દેવાનંદા ૧૧.૧૨ આલભિકાઉદ્દેશક: આમાં આલબિકાનગરી, ઋષિભદ્ર વગેરે શ્રમણોપાસકોની બ્રાહાણીની વાત છે, તેમજ કુંડગ્રામમાં ભગવાન મહાવીરનું પદાર્પણ, દુગ્ધધારા, ચર્ચા વગેરે છે. પુત્રસ્નેહ વગેરેનું વર્ણન છે. વળી ક્ષત્રિય કુંડગ્રામ, જમાલીનું જીવન અને તેનું કેટલાક બારમું શતક: ભવ પછી નિર્વાણ વગેરે વર્ણન છે, ૧૨.૧ શંખ ઉઘેરાક : એમાં શ્રાવસ્તી નગરી, કોઇક ચૈત્ય, રાંખ વગેરે શ્રમણોપાસકોનું ૯.૩૪ પુરુષઘાતક ઉદ્દેશક : આમાં પુરુષની હત્યા કરનાર પુરુષથી ભિન્નની પણ હત્યા વર્ણન છે. કરે છે, અને મારનારો અશ્વથી ભિન્નને પણ મારે છે વગેરે વાતો છે તેમજ ૧૨.૧ જયંતી ઉદ્દેશક : આમાં જયંતી નામની શ્રાવિકાએ ભગવાનને કરેલા પ્રશ્નોના શ્વાસોશ્વાસની પ્રશ્નોત્તરી છે. ઉત્તર છે. દસમું શતક: ૧૨.૩ પૃથ્વી ઉદ્દેશક : આમાં સાત પૃથ્વીઓ અને તેમના ગોત્રનું વર્ણન છે. ૧૦.૧ દિશા ઉઘેરાક : આમાં પૂર્વાદિ દિશાઓનું જીવ-અજીવ રૂપ, દસ દિશાઓના નામ ૧૨.૪ યુગલ ઉદ્દેશક : આમાં અનંતાનંત પુગલ પરિવર્તનું વર્ણન છે. OnC所明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明 કકકક કકકકક્કો SCHકકકકકકકકકકકક જ ભાગમગુofમંજૂષા - ૬૭ F Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ O sssssssssષક સરળ ગુજરાતી ભાવાર્થ ]QUOT 兵兵兵兵兵兵军乐乐乐听听听听听听听乐玩玩玩乐乐乐线听听听听玩乐乐玩玩乐乐乐玩玩乐乐乐乐乐男6CM ૧૨૫ અતિપાત ઉદ્દેશક: આમાં ૧૮ પાપસ્થાનકનું વર્ણન છે. વગેરેના વર્ણન પછી કેન્દ્ર અને ઈશાનેન્દ્રના રતિસુખનું વર્ણન છે. ૧૨. રાહુ ઉદ્દેશક: આમાં રાહુનું વર્ણન અને અંતે સૂર્ય-ચંદ્રના કામભોગની વાત જણાવી છે. ૧૪,૭ ગૌતમ આશ્વાસન ઉદ્દેશક : આમાં કેવળજ્ઞાનની પ્રાપ્તિન થવાથી ખિન્ન થયેલા ગૌતમ પર ૧૨. લોક ઉદ્દેશક: એમાં લોકના આયામ - વિષ્ઠભ વગેરેનું વર્ણન છે. સ્વામીને ભગવાન મહાવીર દ્વારા આશ્વાસન, છ પ્રકારના તુલ્ય વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૨.૮ નાગ ઉદ્દેશક : આમા મહર્વિક દેવની સર્પ, હાથી, મણિ અને વૃક્ષ રૂપે થયેલી ૧૪.૮ અંતર ઉદ્દેશક : આમાં સાત નરકોના અંતર વગેરે વર્ણિત છે. ઉત્પત્તિનું અને તેમની પૂજાનું વર્ણન છે. ૧૪.૯ અણગાર ઉદ્દેશક : આમાં અણગારનું જ્ઞાન, શ્રમણ અને દેવ વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૨.૯ દેવ ઉદ્દેશક: આમાં પાંચ પ્રકારના દેવોની ઉત્પત્તિ વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૪.૧૦ કેવલી ઉદ્દેશક : આમાં કેવળીના કેવળજ્ઞાનની વ્યાપકતા વગેરે વર્ણિત છે. ૧૨.૧૦ આત્મા ઉદ્દેશક : આમાં આઠ પ્રકારના આત્મા, તેમનું સ્વરૂપ વગેરે વર્ણન છે. પંદરમું શતક તેરમું રાતક: એના એક ઉદ્દેશકમાં ગોરાલક, આઠ પ્રકારના નિમિત્ત, છ પ્રકારના ફળાદેશ, વણિનું ૧૩.૧ પૃથ્વી ઉદ્દેશક : આમાં સાત પ્રકારની પૃથ્વી વગેરેનું વર્ણન છે. દાંત, ચોર્યાસી.લાખમહાકલ્પનું પ્રમાણ, સાતશરીરન્તર પ્રવેશો, જેબૂદીપવગેરેનું વર્ણન છે. ૧૩.૨ દેવ ઉદ્દેશક : આમાં ચાર પ્રકારના દેવોનું વર્ણન છે. સોળમું રાતક: ૧૩.૩ નરક ઉદ્દેરાક: આમાં નરક તેમજ નારકી વર્ણન છે. ૧૬.૧ અધિકરણ ઉદ્દેરાક : આમાં વાયુકાયની ઉત્પત્તિ અને મરણ, અધિકરણ હિંસા ૧૩.૪ પૃથ્વી ઉદ્દેશક ; આમાં સાત પ્રકારની પૃથ્વી, દિશા, અસ્તિકાય, કૂટાગાર શાળાનું વગેરે વર્ણન છે. ઉદાહરણ, લોવર્ણન વગેરે વાતો છે. ૧૬.૨ જરા ઉદ્દેશક : આમાં જીવોના વૃદ્ધાવસ્થા અને શોક વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૩.૫ આહાર ઉદ્દેશક: એમાં નૈરયિકોના અચિત્તાહારી હોવાની વાત છે. ૧૬.૩ કર્મ ઉદ્દેશક : આમાં ૨૪ દંડકોમાં આઠ કર્મ પ્રકૃતિઓ વગેરે વર્ણન છે. ૧૩.૬ ઉપપાત ઉદ્દેરાક : આમાંનૈરયિક, અસુરેન્દ્ર વગેરેના વર્ણન પછી રાજા ઉદયનની ૧૬.૪ જાવંતીય ઉદ્દેશક : આમાં વૃદ્ધ અને તરુણ, કઠિયારો, ઘાસનો પૂળો વગેરે ના ક વાત છે. ઉદાહરણ છે. ૧૩.૭ ભાષા ઉદ્દેશક: આમાં ભાષાનું પીગલિક રૂપ, ભાષારૂપી, અચિત્ત અને અજીવરૂપ ૧૬.૫ ગંગદત્ત ઉદ્દેશક: એમાં ગંગઠને ભગવાન મહાવીરને કરેલા પ્રશ્નો અને ઉત્તરો છે. ૪ છે વગેરે વર્ણન છે. - ૧૬.૬ સ્વપ્ન ઉદ્દેશક : આમાં પાંચ પ્રકારના સ્વપ્ન, સ્વપ્નના ૪૨ પ્રકાર, મહા સ્વપ્નના. ૧૩.૮ કર્મપ્રકૃતિ ઉદ્દેશક : આમાં આઠ કર્મપ્રકૃતિઓનું વર્ણન છે. ૩૦ પ્રકાર જણાવી તીર્થંકર, ચક્રવર્તી, વાસુદેવ, બલદેવ, માંડલિક વગેરેની માતાઓને ૧૩.૯ અણગાર વૈકિય ઉદ્દેશક : આમા વૈક્રિયલબ્ધિથી આકાશગમનનું સામર્થ્ય વગેરેનું આવેલા સ્વપ્નોનાં વર્ણન છે. વર્ણન છે. ૧૬.૭ ઉપયોગ ઉદ્દેશક : આમાં બે પ્રકારના ઉપયોગનું વર્ણન છે. ૧૩.૧૦ સમુદ્યાત ઉદ્દેશક : એમાં છ છાઘસ્થિક સમુઘાતોનું વર્ણન છે. ૧૬.૮ લોક ઉદ્રાક: આમાં લોકની મોટાઈ-પરિધિ, તેમજ ક્રિયાવિચાર વગેરેનું વર્ણન છે. ચૌદમું રાતક: ૧૬.૯ બલીન્દ્ર ઉદ્દેશક : આમાં વિરોચનપત્ર બલીન્દ્રરાજા વિષે વર્ણન છે. ૧૪.૧ ચરણ ઉદ્દેશક : આમાં વિગ્રહગતિ અને આયુબંધ વગેરે વર્ણન છે. ૧૬.૧૦ અવધિજ્ઞાન ઉદ્દેશક : આમાં બે પ્રકારનાં અવધિજ્ઞાનનું વર્ણન છે. ૧૪.૨ ઉન્માદ ઉદ્દેશક: આમાં બે પ્રકારના ઉમાદ, પર્જન્યવિચાર, તમસ્કાય વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૬.૧૧ દ્વીપકુમાર ઉદ્દેશક: આમાં દ્વીપકુમારો વિષે વર્ણન છે. ૧૪.૩ શરીર ઉદ્દેશક : આમા મધ્યગતિ, વિનયવિચાર વગેરે વર્ણન છે. ૧૬.૧૨ ઉદધિમાર ઉદ્દેશક : આમાં ઉદધિકુમારો વિષે વર્ણન છે. ૧૪.૪ પુદ્દગલ ઉદ્દેશક : આમાં અતીત, અનાગત અને વર્તમાન પુદ્ગલોના પરિભ્રમણ ૧૬.૧૩ દિપકુમાર ઉદ્દેશક : આમાં દિકકુમારો વિષે વર્ણન છે. વગેરેનું વર્ણન છે. સત્તરમું શતક : ૧૪.૫ અગ્નિ ઉદ્દેશક : આમાં ૨૪ દંડકોમાં જીવ અગ્નિમાંથી પસાર થાય છે વગેરે વર્ણન છે. ૧૭.૧ કુંજર ઉદ્દેશક : આમાં ઉદાયી હાથીનો પૂર્વભવ, ક્રિયાવિચાર, ભાવના છ પ્રકાર ૧૪.૬ આહાર ઉદ્દેશક : એમાં ૨૪ દંડથ્થોમાં જીવોના આહાર, પરિમાણ, યોનિ, સ્થિતિ વગેરે વર્ણન છે. 9明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明筑听听听听听听听听听听听听乐乐乐蜗S2 Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SS555 5 55%% 19tual eled试历历万年历月历历万年历五男五%%%%%%员外 ©ષષષષષષષષષષષષષષષષષષષષષષષષષષષ%9F% EOS ૧૭.૨ સંયત ઉદ્દેશક : આમાં સંયત-વિરત વગેરે ધાર્મિક - અધાર્મિક ના વર્ણન પછી ૧૮.૬ ગોળ વર્ણાદિ ઉદ્દેશક: આમાં નિશ્ચય અને વ્યવહાર નય દ્વારા ગોળના વર્ણ વગેરે નું અંતે વૈક્રિયશક્તિની વાત જણાવી છે. વર્ણન છે. તેમજ ભ્રમર વગેરે ૨૦ વિવિધ વસ્તુઓના વર્ણ, ગંધ, રસપ્રદેશ વગેરેવિષે ૧૭.શૈલેષી ઉદ્દેશક : આમાં શૈલેષી અણગાર પરપ્રયોગ વિના કંપે નહિ તેમજ કંપનના પ્રશ્નોત્તરી છે. પ્રકાર વગેરે વર્ણિત છે. ૧૮.૭ કેવલી ઉદ્દેશક : આમાં કેવળીની ભાષા, અન્ય તીર્થિકોની માન્યતા અને મહાવીર ૧૭.૪ ક્યિા ઉદ્દેશક : આમાં પ્રાણાતિપાત ક્રિયા, આત્યંત દુઃખ, વેદના વગેરે વર્ણન છે. ભગવાનની માન્યતા વગેરે વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧૭.૫ સુધર્મા સભા ઉદ્દેશક: આમાં ઈશાનેન્દ્રની સુધર્મા સભા અને સ્થિતિનું વર્ણન છે. ૧૮.૮ અણગાર કિયા ઉદ્દેશક : આમાં ભાવિત આત્મા અણગારની ઐયંપથિકી ક્રિયા ૧૭.૬-૭ પૃથ્વીકાયિક ઉદ્દેશકો: આ બંનેમાં પૃથ્વીકાય જીવોનો ઉત્પત્તિ પહેલાં અને વગેરેનું તથા અવધિજ્ઞાનના પરમાણુજ્ઞાન વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. પછીના આહાર ગ્રહણ, સૌધર્મકલ્પપૃથ્વીથી માંડીને રત્નપ્રભા પૃથ્વીમાં ઉત્પન્ન થનારા ૧૮.૯ ભવ્યદ્રવ્ય ઉદ્દેશકઃ આમાં ૨૪ દંડકોના ભવ્યદ્રવ્યજીવ અને એમની સ્થિતિનું વર્ણન છે. જીવો વગેરે વર્ણન છે. ૧૮.૧૦ સોમિલ ઉદ્દેશક : આમાં ભાવિત આત્મા અણગારની ક્રિય લબ્ધિનું સામર્થ્ય, ૧૭.૮-૯ અષ્કાયિક ઉદ્દેશક : આમાં અપ્લાયિક જીવોની ઉત્પત્તિ પહેલા અને પછીના વાયુ અને પુગલ, યાત્રા, યાપનીય અવ્યાબાધ અને પ્રાસુવિહાર વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. આહાર તેમજ સૌધર્મ કલ્પના અપ્લાયિક જીવો વગેરે વર્ણન છે. ઓગણીસમું શતક ૧૭.૧૦-૧૧ વાયુકાયિક ઉદ્દેશક : આમાં રત્નપ્રભા અને સૌધર્મ કલ્પમાં વાયુકાયિક ૧૯:૧ લેરયા ઉદ્દેશક : એમાં છ પ્રકારની લેયાનું વર્ણન છે. જીવોની ઉત્પત્તિ વગેરે વર્ણન છે. ૧૯.૨ ગર્ભ ઉદ્દેશક : આમાં કૃષ્ણ લેયાવાળા જીવો જ કૃષ્ણલેશ્યાવાળા ગર્ભની ઉત્પત્તિ ૧૭.૧૨ એકેન્દ્રિય ઉદ્દેશક : આમાં એકેન્દ્રિયોની લેયા વગેરેનું વર્ણન છે. કરે છે વગેરે વર્ણન છે. ૧૭.૧૩ નાગકુમાર (૧૪) સુવર્ણકુમાર (૧૫) વિઘુકુમાર (૧૬) વાયુકુમાર અને ૧૯.૩ પૃથ્વી ઉદ્દેશક : આમાં પૃથ્વીકાયના જીવોના પ્રત્યેક શરીરના બંધ વગેરે અને અંતે (૧૭) અગ્નિકુમાર ઉદ્દેશકો. આમાનામ પ્રમાણે તેતે કુમારોના આહારથી માંડીને ચક્રવર્તીની દાસી દ્વારા પૃથ્વીપિંડ પીસવાનું ઉદાહરણ છે. ઋદ્ધિ-સિદ્ધિ, અલ્પત્વ - બહુત્વ વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૯.૪ મહાવ ઉદ્દેશક : આમાં ૨૪ દંડકોમાં મહાશ્રવ, મહાક્રિયા, મહાવેદના, મહાનિર્જરા અઢારમું શતક વગેરેનું વર્ણન છે. ૧૮.૧ પ્રથમ ઉદેશક : આમાં ૨૪ દંડકોમાં જીવ જીવભાવથી પહેલો નથી, પણ સિદ્ધ ૧૯.૫ ચરમ ઉદ્દેશક : એમાં ૨૪ દંડકોમાં અલ્પાયુ તથા ઉત્કૃષ્ટ આયુની સાથે સાથે સિદ્ધભાવથી પહેલો છે વગેરે વર્ણન છે. મહાકર્મ ક્રિયાનું વર્ણન છે. ૧૮.૨ વિશાખા ઉદ્દેશક: આમાં વિશાખા નગરી, કેન્દ્ર આગમનનું નાટ્ય પ્રદર્શન, ગણધર ૧૯.૬ ટીપ ઉદ્દેશક : આમાં ૨૪ દંડકોમાં બે પ્રકારની વેદનાનું વર્ણન છે. ભગવાન ગૌતમ સ્વામી અને કેન્દ્રની ઋદ્ધિ, પૂર્વભવની જિજ્ઞાસા અને તેનું ભગવાન ૧૯.૭ ભવન ઉદ્દેશક : આમાં ભવનોનો પરિચય તેમજ વ્યંતરાવાસો, જ્યોતિષાવાસ અને મહાવીર દ્વારા સમાધાન વગેરે વર્ણન છે. અન્ય સર્વે વિમાનાવાસોનો સંક્ષિપ્ત પરિચય છે. ૧૮.૩ માકંદિપુત્ર ઉદ્દેશક : આમાં ભગવાન મહાવીર પાસે માકદિપુત્રના પ્રશ્નો, કેટલી ૧૯.૮ નિવૃત્તિ ઉદ્દેશક : એમાં ૨૪ દંડકોમાં એકેન્દ્રિયથી માંડીને પંચેન્દ્રિય સુધીનાના દિશામાં પુદ્ગલોને આહાર મળે, બે પ્રકારના બંધ, ધનુષબાણનું ઉદાહરણ વગેરે કર્મ, શરીર, સર્વ ઈન્દ્રિયો, ભાષા, મન, કષાય, વર્ણ, સંસ્થાન, સંજ્ઞા, લેયા, દષ્ટિ, વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. જ્ઞાન-અજ્ઞાન, લોક, ઉપયોગ વગેરેની નિવૃત્તિનું વર્ણન છે. ૧૮.૪ પ્રાણાતિપાત ઉદ્દેશક: આમાં ૧૮ પાપ, પૃથ્વીકાયથી માંડીને વનસ્પતિકાય, ચાર ૧૯.૯ કરણ ઉદ્દેશક : આમાં ૨૪ દંડકોમાં પાંચ પ્રકારના કરણ વગેરે વર્ણિત છે. પ્રકારના કષાય વગેરે વિષે પ્રશ્નોત્તરી છે. ૧૯.૧૦ વ્યંતર ઉદ્દેશક : આમાં વ્યંતર દેવોના આહાર, ઉશ્વાસ વગેરે વર્ણિત છે. ૧૮.૫ અસુરકુમાર ઉદ્દેશક: આમાં દર્શનીય અને અદર્શનીય એમ બે પ્રકારના અસુરકુમાર વીસમું શતક: વિષે વર્ણન છે. ૨૦.૧ બે ઈન્દ્રિય ઉદ્દેશક : એમાં બેઈન્દ્રિય જીવોના શરીર બંધાવાના ક્રમ, દષ્ટિ, જ્ઞાન, યોગ, આહારમાં ભેદ વગેરે વર્ણન છે. દBCA F 45 MMS શ્રી નાગમrofમંગૂષા - ૨૬ kisky MKKKK FK 's N MSD2CD/ LORFFFFFFFFFFFF5FFFFFFFFFFFFFFF勇頭FFFFFFFFFFFF声FFFRON Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ રાજકકકકકકકકક સરળ ગુજરાતી ભાવાર્થ ષષષMMM MMS SOT ૧૦.૨ આકાશ ઉદ્દેશક: આમાં બે પ્રકારના આકાશ, અધોલોકની મહાનતા વગેરે વર્ણન છે. બાવીસમું શતક ૨૦.૩ પ્રાણવધ ઉદ્દેશક : આમાં ૧૮ પાપ, ચાર બુદ્ધિ, ચાર અવગ્રહ વગેરેનું વિસ્તૃત પ્રથમ વર્ગ : ૧-૧૦ તાડ ઉદ્દેશક વર્ણન છે. એ બધા આત્માની સાથે પરિણામ પામે છે. દ્વિતીય વર્ગ : ૧-૧૦ નિબ ઉદ્દેશક ૨૦.૪ ઉપચય ઉદ્દેશક : આમાં ઈન્દ્રિયોપચયના પાંચ પ્રકારનું વર્ણન છે. તૃતીય વર્ગ : ૧-૧૦ અગસ્તિક ઉદ્દેશક ૨૦.૫ પરમાણુ ઉઘેરાક: આમાં પરમાણુના ૧૬ વિકલ્પો અને તેના વિકલ્પોનું વર્ણન છે. ચતુર્થ વર્ગઃ ૧-૧૦ રીંગણ ઉદ્દેશક ૨૦.૬ અંતર ઉદ્દેશક: એમાં રત્નપ્રભાથી માંડીને ઈષ~ામ્ભારાના અંતરાળોમાં પૃથ્વીકાય પંચમ વર્ગઃ ૧-૧૦ સિરિયક ઉદ્દેશક વગેરે જીવોની ઉત્પત્તિ અને આહાર વિષયક વર્ણન છે. આ બધા વર્ગોના ઉદ્દેશકોમાં જીવોની લેયા વગેરેનો વર્ણનક્રમમાં વિશેષતા એ છે કે ૨૦.૭ બંધ ઉદ્દેશક: આમાં ૨૪ દંડકોમાં જ્ઞાનાવરણીય કર્મો વગેરેના ત્રણ પ્રકારના બંધનું કે તેમનું વર્ણન ઓગણીસમા શતક અનુસાર છે. વર્ણન છે. પષવર્ગ : ૧-૧૦ પૂષફલિકા ઉદ્દેશક ૨૦.૮ ભૂમિ ઉદ્દેશક: આમાં ૧૫ કર્મભૂમિ, ૩૦ અકર્મભૂમિ વગેરેનું વર્ણન છે. આમાં પૂષલિકા વર્ગના જીવાને લરયા વગેરે વિષે વર્ણન છે. ૨૦.૯ ચારણ ઉદ્દેશક : આમાં વિદ્યાચારણ અને જંઘાચારણની શીધ્રગતિ, ત્રાંસી ગતિ, તેવીસમું શતક ઊર્ધ્વગતિ વગેરે વર્ણનો છે. પ્રથમ વર્ગ : ૧-૧૦ બટાટા ઉદ્દેશક એકવીસમું શાક દ્વિતીય વર્ગ: ૧-૧૦ લોહી ઉદ્દેશક પ્રથમ વર્ગ: તૃતીય વર્ગ: ૧-૧૦ આય ઉદ્દેશક ૨૧.૧ શાલી ઉદ્દેશક: આમાં ડાંગર (શાલી) વગેરે વર્ગમાં ઉત્પન્ન થનારાજીવોનીલેશ્યા, ચતુર્થ વર્ગ : ૧-૧૦ પાઠું ઉદ્દેશક સ્થિતિ, જઘન્ય-ઉત્કૃષ્ટ કાલ અને પ્રાણિમાત્રનું ડાંગર વગેરે વર્ગમાં ઉત્પન્ન થવું વગેરે આ બધા વર્ગોના ઉદ્દેશકોમાં પણ જીવોનીલેશ્યા વગેરેનો વર્ણનકમ ઓગણીસમાં વર્ણન છે. શતક અનુસાર છે. ૨૧.૨ કંદ ઉદ્દેશક, (૩) અંધ ઉદ્દેશક (૪) ત્વચા ઉદ્દેશક (૫) સાલ ઉદ્દેશક ચોવીસમું શતક: (૬) પ્રવાલ ઉદ્દેશક (૭) પત્ર ઉદ્દેશક (૮) પુષ્પ ઉદ્દેશક (૯) ફૂલ ઉદ્દેશક અને ૨૪.૧નૈરયિક ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોનો નારકી જીવોમાં ઉપપાત વગેરેનું (૧૦) બીજ ઉદ્દેશક વર્ણન છે. આ બધામાં પ્રાણિમાત્રનું તે તે અનુસાર વર્ગમાં ઉત્પન્ન થવું તેનું વર્ણન છે. ૨૪.૨ પરિમાણ ઉદ્દેશક: આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોનો અસુરકુમારોમાં ઉપપાતવર્ણવ્યો કે દ્વિતીય વર્ગઃ ૧-૧૦ મૂલ, કંદ આદિ ઉદ્દેશક તૃતીય વર્ગ : ૧-૧૦ અલસીવર્ગ ઉદ્દેશક ૨૪.૩-૧૧નાગકુમારાદિ ઉદ્દેશકઃ આ ઉદ્દેશકોમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોનાનાગકુમારથી ચતુર્થ વર્ગઃ ૧-૧૦ વાવર્ગ ઉદ્દેશક શરુ કરીને સ્વનિતકુમાર સુધીના નવ કુમારોમાં ઉપપાત વર્ણવ્યો છે. પંચમ વર્ગ : ૧-૧૦ ઈક્ષવર્ગ ઉદ્દેશક ૨૪.૧૨ પૃથ્વીકાય ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોના પૃથ્વીકાયિક જીવોમાં કે પષ્ટ વર્ગઃ ૧-૧૦ સેડિયવર્ગ ઉદ્દેશક ઉપજાતનું વિસ્તૃત વર્ણન છે. સસમ વર્ગ : ૧-૧૦ અભરુહવર્ગ ઉદ્દેશક ૨૪.૧૩ અપ્લાય ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોના અખાયિક જીવોમાં ઉપપાતનું અષ્ટમ વર્ગ : ૧-૧૦ તુલસીવર્ગ ઉદ્દેશક વર્ણન છે. આ આઠેય વર્ગોમાં જીવોની લેણ્યા વગેરેનો વર્ણનમ પ્રથમ વર્ગના દસ ઉદ્દેરાકોના ૨૪.૧૪તેઉકાય ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યો અને મનુષ્યોના તેઉકાયિક જીવોમાં ઉપપાતનું વર્ણન છે. 玩玩乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明玩乐乐频%玩乐乐听听乐乐乐% FO જેવો છે. જ પ્રFF % 6F%54% શ્રી ઝગમગુujમંગૂષા - ર૦ F ** ** * * કરોડ Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ※GK95 7 all wei ૨૪.૧૫ વાયુકાય ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોના વાયુકાયિક જીવોમાં ઉપપાતનું વર્ણન છે. ૨૪.૧૬ વનસ્પતિકાય ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યંચો, મનુષ્યો અને દેવોના વનસ્પતિકાયિક જીવોમાં ઉપપાતનું વર્ણન છે. ૨૪.૧૭ બેઈન્દ્રિય ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોના બેઈન્દ્રિયધારી જીવોમાં ઉપપાતનું વર્ણન છે. ૨૪.૧૮ ત્રણ ઈન્દ્રિય ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોના ત્રણ ઈન્દ્રિયધારી જીવોમાં ઉપપાતનું વર્ણન છે. ૨૪.૧૯ ચતુરિન્દ્રિય ઉદ્દેરા : આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોના ચતુરિન્દ્રિય જીવોમાં ઉપપાતનું વર્ણન છે. ૨૪.૨૦ તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય ઉદ્દેશક : આમાં ૨૪ દંડકોના નારકીયો, તિર્યંચો, મનુષ્યો અને દેવોના તિર્યંચ પંચેન્દ્રિયમાં ઉપપાત વર્ણવ્યો છે. ૨૪.૨૧ મનુષ્ય ઉદ્દેશક : આમાં ૨૪ દંડકોના નારકીયો, તિર્યંચો, મનુષ્યો અને દેવોનો મનુષ્યોમાં ઉપપાત વર્ણવ્યો છે. ૨૪.૨૨ વ્યંતર ઉદ્દેશક : આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોનો વ્યંતર દેવોમાં ઉપપાત વર્ણવ્યો છે. ૨૪.૨૩ જ્યોતિષ્મ ઉદ્દેશક : જ્યોતિષ્ક દેવોમાં ઉપપાત વર્ણવ્યો છે. આમાં તિર્યંચો અને મનુયોનો વૈમાનિક દેવોમાં ઉપપાત વર્ણવ્યો છે. પચ્ચીસમું રાતક : ૨૫.૧ લેયા ઉદ્દેશક : એમાં ૧૬ પ્રકારની લેયા, ૧૪ પ્રકારના સંસારી જીવો, ૧૫ પ્રકારના યોગ વગેરેનું વર્ણન છે. ૨૫,૨ દ્રવ્ય ઉદ્દેરાક : આમાં બે પ્રકારના દ્રવ્ય, બે પ્રકારના અજીવ- દ્રવ્ય વગેરે વર્ણન છે. ૨૫.૩ સંસ્થાન ઉદ્દેશક : આમાં છ પ્રકારના સંસ્થાનોનું વર્ણન છે. ૨૫.૪ યુગ્મ ઉદ્દેશક : આમાં ૨૪ દંડકોમાં મૃતયુગ્મ વગેરે ચાર પ્રકારના વર્ણન છે. આમાં તિર્યંચો અને મનુષ્યોનો ૨૪.૨૪ વૈમાનિક ઉદ્દેશક : (૫) ચારિત્રદ્વાર (૬) પ્રતિસેવના દ્વારમાં પ્રતિસેવક અને અપ્રતિસેવક (૭) જ્ઞાનદ્વાર (૮) તીર્થદ્વારમાં તીર્થ- અતીર્થ ( ૯ ) લિંગદ્વાર (૧૦) શરીરદ્વાર (૧૧) ક્ષેત્રદ્વાર (૧૨) કાલદ્વાર (૧૩) ગતિદ્વાર (૧૪) સંયમદ્વાર (૧૫) સંનિકર્ષદ્વાર (૧૬) યોગદ્વાર (૧૭) ઉપયોગ દ્વાર (૧૮) કષાયદ્વાર (૧૯) લેરયાદ્વાર (૨૦) પરિણામદ્વાર (૨૧) બંધદ્વારમાં કર્મપ્રકૃતિઓનાં બંધ (૨૨) વેઠદ્વારમાં વેદન (૨૩) ઉદીરણાદ્વાર (૨૪) ઉપસંપદ-હાનિદ્વારમાં નિગ્રંથ જીવનનો સ્વીકાર અને ત્યાગ (૨૫) સંજ્ઞાદ્વાર (૨૬) આહારદ્વાર (૨૭) ભવદ્વાર (૨૮) આર્ષદ્વાર (૨૯) કાલદ્વારમાં નિગ્રંથોની સ્થિતિ (૩૦) અંતરદ્વાર (૩૧) સમુદ્દાતદ્વાર ૩૨) ક્ષેત્રદ્વાર (૩૩) સ્પર્શનાદ્વાર (૩૪) ભાવદ્વાર (૩૫) પરિમાણકાર અને (૩૬) અલ્પબહુત્વદ્વાર – એ બધામાં નામ પ્રમાણે વિષયો વર્ણવવામાં આવ્યા છે. ૨૫.૫ પર્યવ ઉદ્દેશક : આમાં બે પ્રકારના પર્યવ, કાલદ્રવ્ય, આવલિકા, શ્વાસોચ્છ્વાસ, પલ્યોપમ, સાગરોપમ, ઉત્સર્પિણી - અવસર્પિણી, પુદ્ગલાવર્ત વગેરેનું વર્ણન છે. ૨૫.૬ નિÑય ઉદ્દેશક : આમાં (૧) પ્રજ્ઞાપન દ્વારમાં પાંચ પ્રકારના નિગ્રંથ વગેરે, (૨) વેદ્વારમાં નિગ્રંથ વગેરેના વેદ, (૩) રાગદ્વારમાં સરાગ-વીતરાગ, (૪) કલ્પદ્વાર # ૨૫.૭ સંયત ઉદ્દેશક : આમાં પાંચ પ્રકારના ચારિત્રના સંદર્ભમાં વેદ, રાગ, કલ્પ, પ્રતિસેવના વગેરે ઉપર મુજબના ઉદ્દેશક પ્રમાણે વર્ણવ્યા છે અને અંતે બે પ્રકારના તપ વર્ણવ્યાં છે. ૨૫.૮ ઓઘ ઉદ્દેશક : એમાં મંડૂક (દેડકા)ના અનુવર્તન જેવા અધ્યવસાયોથી નારકીય જીવોની ઉત્પત્તિ વગેરે વર્ણન છે. ૨૫.૯ ભવ્ય ઉદ્દેશક : આમાં દેડકાના અનુવર્તન જેવા અધ્યવસાયોથી ભવસિદ્ધિક નારકીયોની ઉત્પત્તિ વગેરે વર્ણન છે. ૨૫.૧૦ અભવ્ય ઉદ્દેશક : એમાં દેડકાના અનુવર્તન જેવા અધ્યવસાયોથી અભવસિદ્ધિક નારકીયોની ઉત્પત્તિ વગેરે વર્ણન છે. ૨૫.૧૧ સમ્યગ્દષ્ટિ ઉદ્દેશક : આમાં દેડકાની અનુવૃત્તિ જેવા અધ્યવસાયોથી સમ્યગ્દષ્ટિ નારકીયોની ઉત્પત્તિ વગેરે વર્ણન છે. ૨૫.૧૨ મિથ્યાદષ્ટિ ઉદ્દેશક : આમાં દેડકાની અનુવૃત્તિ જેવા અધ્યવસાયોથી મિથ્યાદષ્ટિ નારકીયોની ઉત્પત્તિ વગેરે વર્ણન છે. જોડકાંઓનુંછવીસમું શતક ૨૬.૧ જીવ ઉદ્દેશક : એમાં જીવના પાપકર્મોના બંધ તેના ભાંગા વગેરે વર્ણન છે. ૨૬.૨ ઉદ્દેશકમાં અનન્તરોપપત્ર ૨૪ દંડકોમાં લેશ્યાથી માંડીને ઉપયોગ સુધીના પાપ કર્મો તથા આઠ કર્મબંધ વગેરે વર્ણન છે. ૨૬.૩ ઉદ્દેરાકમાં પરંપરોપપન્ન ૨૪ દંડકોમાં જીવોના પાપકર્મો તથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. श्री आगमगुणमंजूषा २१ 19呎 Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ s ssssssss . સરળ ગુજરાતી ભાવાર્થ ક w s : : ! %%$馬馬路 %%%% ૭.૪ ઉદેશમાં અનન્તરાવગાહ ૨૪ દંડકોમાં જીવોના પાપકર્મો તથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. ૨૬.૫ ઉદ્દેશકમાં પરંપરાગઢ ૨૪ દંડકોમાં જીવોના પાપકર્મો તથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. ૨૬.૬ ઉદ્દેશકમાં અનંતરાહારક ૨૪ દંડકોમાં જીવોના પાપકર્મો તથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. ૨૬.૭ ઉદ્દેશકમાં પરંપરાહારક ૨૪ દંડકોમાં જીવોના પાપકર્મો તથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. ૨૬.૮ ઉદેશમાં અનંતરપર્યાપ્ત ૨૪ દંડકોમાં જીવોના પાપકર્મોતથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. ૨૬.૯ ઉદેશમાં પરંપરપર્યાપ્ત ૨૪ દંડકોમાં જીવોના પાપકર્મો તથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. ૨૬.૧૦ ઉદ્દેશકમાં ૨૪ દંડકોમાં ચરમજીવોના પાપકર્મો તથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. ૨૬.૧૧ ઉદ્દેશકમાં ૨૪ દંડકોમાં અચરમજીવોના પાપકર્મો તથા આઠ કર્મબંધનું વર્ણન છે. સત્તાવીસમા શતકથી એકતાલીસમું શતક : શતક - ૨૭ ઉદ્દેશક ૧૧, સૂત્ર ૧૧. રાતક – ૨૮ઉદ્દેશક ૧૧, સૂત્ર ૧૪, શતક - ૨૯ ઉદ્દેશક ૧૧, સૂત્ર ૧૫. શતક - ૩૦ ઉદ્દેશક ૧૧, સૂત્ર ૫૦. શતક - ૩૧ ઉદ્દેશક ૨૮, સૂત્ર ૪૧. શતક - ૩૨ ઉદેશક ૨૮, સૂત્ર ૩૩ શતક - ૩૩ અવાંતર શતક - ૧૨, ઉદ્દેશક ૧૨૪, સૂત્રો ૧૩૯. શતક - ૩૪ અવાંતર શતક - ૧૨, ઉદ્દેશક ૧૨૪, સૂત્રો ૧૫ર. શતક - ૩૫ થી ૩૯ અવાંતર શતકદરેકના૧૨, ઉદ્દેશકદરેકના- ૧૨૪, સૂત્રોદરના ૧૨૪ શતક - ૪૦ અવાંતર શતક ૨૧, ઉદ્દેશક ૧૧૮૧, સૂત્રો ૧૮૧. શતક - ૪૧, ઉદ્દેશક ૧૯૬, સૂત્રો ૨૨૨, ઉપર્યુક્ત ૧૪ શતકોમાં ૨૪ દંડકોમાં જીવોના પાપકર્મ, વેશ્યા, પંચેન્દ્રિય સુધીના જીવો, ૧૬ પ્રકારના મહાયુગ્મો, રાશિયુગ્મો વિગેરે વિશે પ્રશ્નોત્તરી છે. %%% ב שובתכתוב וכורכוב רעוע וכתוב וכתב וכותב וכתבתנועתבוּניכוכבת ועועועועו ו ו ו ו ונתתתתתתתתתהפתעונשטם %%%%%%%%%%%%%%% SAC%% F ક્કષક ÉÉ ¥É É HÉ ¥ÉÉÉ£ 5 મારામગુvમજૂષા - ૨૨ Fક્ક૬૬ OX Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ G (५) भगवई १ सत्तं उद्देसक १ [१] सिरि उसहदेव सामिस्स णमो । सिरि गोडी - जिराउला - सव्वोदयपासणाहाणं णमो । नमोऽत्थुणं समणस्स भगवओ महइ महावीर वद्धमाण सामिस्स । सिरि गोयम - सोहम्माइ सव्व गणहराणं णमो । सिरि सुगुरु देवाणं णमो । पंचमगण अज्जसुहुम्मथेर - भगवं परंपरासंकलिअवायणाणुगयं भगवतीसुत्तं ति पसिद्धनामगं पंचमं अंगं 555 वियाहपण्णत्तिसुत्तं 55 [सुत्तं १ समग्गसुत्तमंगलं ] १. नमो अरहंताणं । नमो सिद्धाणं । नमो आयरियाणं । नमो उवज्झायाणं । नमो सव्वसाहूणं । नमोबंभीए लिवीए। [सुत्ताई २- ३. पढमसतगस्स विसयसूची मंगलं च] २. रायगिह चलण १ दुक्खे २ कंखपओ ३ ४ पुढवीओ ५ । जावंते ६ नेरइए ७ बाले ८ गुरुए य ९ चलणाओ १० ॥ १ ॥ ३. नमो सुयस्स । [ सुत्तं ४. पढमुद्देसगउवुग्घाओ] ४. १ तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे होत्था । वण्णओ । तस्स णं रायगिहस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभागे गुणसिलए नामं चेइए होत्था । २ ते णं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी लोगणाहे लोगप्पदीवे लोगपज्जोयगरे अभयदये चक्खुदये मग्गदये सरणदये धम्मदेसए धम्मसारही धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी अप्पडिहयवरनाण- दंसणधरे वियट्टछउमे जिणे जावए बुद्धे बोहए मुत्ते मोयए सव्वण्णू सव्वदरिसी सिवमय लमरुजमणंतमक्खयमव्वाबाहं 'सिद्धिगति' नामधेयं ठाणं संपाविउकामे जाव समोसरणं । परिसा निग्गया । धम्मो कहिओ । परिसा पडिगया । ३ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्ठे अंतेवासी इंदभूती नामं अणगारे गोयमसगोत्ते णं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वज्जरिसभनारायसंघयणे कणगपुलगणिघसपम्हगोरे उग्गतवे दित्ततवे तत्ततवे महातवे ओराले घोरे घोरगुणे घोरतवस्सी घोरबंभचेरवासी उच्छूढसरीरे संखित्तविपुलतेयलेसे चउदसपुब्वी चउनाणोवगए सव्वक्खरसन्निवाती समणस्स भगवतो महावीरस्स अदूरसामंते उड्ढं जाणू अहोसिरे झाणकोट्टेवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । ४ तसे भगवं गोय जायसड्डे जायसंसए जायकोऊहल्ले, उप्पन्नसड्डे उप्पन्नसंसए उप्पन्नक्कोऊहल्ले, संजायसड्डे संजायसंसए संजायकोऊहल्ले, समुप्पन्नसडे समुप्पन्नसंसए समुप्पन्नकोऊहल्ले उट्ठाए उट्ठेति, उट्ठाए उट्ठोत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेति, तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेत्ता वंदति, नम॑सति, नच्चासन्ने नाइदूरे सुस्सूसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलियडे पज्जुवासमाणे एवं वदासी [★★★ पढमो उद्देसो 'चलणं'] [सुत्तं ५. 'चलमाणे चलिए' इच्चाईणं पदाणं एगट्ट नाणट्टाइपरूवणा] ५. १ से नूणं भंते! चलमाणे चलिते १ ? उदीरिज्जमाणे उदीरिते २ ? वेइज्जमाणे वेइए ३ ? पहिज्नमाणे पहीणे ४ ? छिज्जमाणे छिन्ने ५ ? भिज्नमाणे भिन्ने ६ ? डज्झमाणे डड्डे७ ? मिज्जमाणे मडे ८ १ निज्जरिज्जमाणे निज्जिणे ९ १ हंता गोयमा ! चलमाणे चलिए जाव निज्जरिज्जमाणे निज्जिण्णे । २ एए णं भंते! नव पदा किं एगट्ठा नाणाघोसा नाणावंजणा उदाहु नाट्टा नाणाघोसा नाणावंजणा ? गोयमा ! चलमाणे चलिते १, उदीरिज्जमाणे उदीरिते २ ? वेइज्जमाणे वेइए ३ ? पहिज्जमाणे पहीणे ४, एए णं चत्तारि पदा एगट्टा नाणाघोसा नाणावंजणा उप्पन्नपक्खस्स । छिज्जमाणे छिन्ने १, भिज्जमाणे भिन्ने २, डज्झमाणे डड्डे, मिज्जमाणे मडे, निज्जरिज्जमाणे निज्जिण्णे, एए णं पंच पदा नाणट्ठा नाणाघोसा नाणावंजणा विगतपक्खस्स । [सुत्तं ६. चउवीसदंडके ठिइपभुइविसये वियारो] ६. (१.१) नेरइयाणं भंते! केवइकालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्त्रेणं दस वांससहस्साइं, उक्कोमेणं तेत्तीस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । (१.२) नेरइया णं भंते! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा ? जहा ऊसासपदे। (१.३) नेरइया णं भंते! आहारट्ठी जहा पण्णवणाए पढमए आहारउद्देसए तथा भाणियव्वं । ठिति उस्सासाहारे किं वा ऽऽहारेति सव्वओ वा वि । कतिभागं सव्वाणि व कीस व भुज्जो परिणमंति ? ||२|| (१.४) नेरतियाणं भंते! पुव्वाहारिता पोग्गला परिणता १ ? आहारिता आहारिज्जमाणा पोग्गला परिणता २ ? अणाहारिता आहारिज्जिस्समाणा पोग्गला परिणया ३ ? अणाहारिया अणाहारिज्जिस्समाणा पोग्गला परिणया ४ १ गोयमा ! नेरतियाणं पुव्वाहारिता पोग्गला परिणता १. आहारिता आहारिज्जमाणा पोग्गला परिणता परिणमंति य २, अणाहारिता आहारिज्जिस्समाणा पोग्गला नो परिणता, परिणमिस्संति ३, अणाहारिया अणाहारिज्जिस्समाणा पोग्गला नो परिणता. नी परिणमिस्संति४ । (१.५) नेरइयाणं भंते! पुव्वाहारिया पोग्गला चिता० पुच्छा। जहा सौन्य :- मातृश्री रतनजेन डान जीमक शाह परिवारह. जीडेशडुमार, जीन्हुजेन, शांतिलाल, सुडेशीजेन खंडुर ने रीषल रायारा (९२६) Moon श्री आगमगुणमंजूषा - २१६ Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TAG.9555555555555555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक - १ [२] 五五五五五五五五$$$$$$ FORCE 555555555555555555 SOTORE 5555555555555555555555555555 परिणया तहा चिया वि । एवं उवचिता, उदीरिता, वदिता, निज्जिण्णा । गाहा-- परिणत चिता उवचिता उदीरिता वेदिया य निजिण्णा । एक्केक्कम्मि पदम्मी चउविहा पोग्गला होति ॥शा (१.६) नेरइयाणं भंते ! कतिविहा पोग्गला भिज्जति ? गोयमा ! कम्मदव्ववग्गणंअहिकिच्च दुविहा पोग्गला भिज्जति । तं जहा अणू चेव, बादरा चेव १ । नेरइयाणं भंते ! कतिविहा पोग्गला चिजति ? गोयमा! आहारदव्ववग्गणं अहिकिच्च दुविहा पोग्गला चिज्जति । तं जहा अणू चेव बादरा चेव २ । एवं उवचिज्जति ३। नेरइया णं भंते ! कतिविहे पोग्गले उदीरेति ? गोयमा ! कम्मदव्ववग्गणं अहिकिच्च दुविहे पोग्गले उदीरेति । तं जहा अणू चेव बादरे चेव ४ । एवं वेदेति ५। निज्जरेति ६ । ओयट्टिसु ७ । ओयट्टेति ८ । ओयट्टिस्संति ९ । संकामिंसु १० । संकामेति ११ । संकामिस्संति १२ । निहत्तिसु १३ । निहत्तेति १४ । निहत्तिस्संति १५ । निकायंसु १६ । निकाएंति १७। निकाइस्संति १८ । सव्वेसु वि कम्मदव्वग्गणमहिकिच्च । गाहा भेदित चिता उवचिता उदीरिता वेदिया य निज्जिण्णा। ओयट्ठण -संकामण -निहत्तण -निकायणे तिविहे कालो ॥४॥ (१.७) नेरइया णं भंते ! जे पोग्गले तेयाकम्मत्ताए गेण्हंति ते किं तीतकालसमए गेण्हंति? पडुप्पन्नकालसमए गेण्हंति ? अणागतकालसमए गेण्हति ? गोयमा ! नो तीतकालसमए गेण्हंति, पडुप्पन्नकालसमए गेण्हंति, नो अणागतकालसमए गेण्हंति १ । (१.८) नेरइया णं भंते ! जे पोग्गले तेयाकम्मत्ताए गहिए उदीरेति ते किं तीतकालसमयगहिते पोग्गले उदीरेंति ? पडुप्पन्नकालसमयघेप्पमाणे पोग्गले उदीरेति ? गहणसमयपुरेक्खडे पोग्गले उदीरेति ? गोयमा ! तीयकालसमयगहिए पोग्गले उदररेति, नो पडुप्पन्नकालसमयघेप्पमाणे पोग्गले उदीरेति, नो गहणसमयपुरेक्खडे पोग्गले उदीरेति २ । एवं वेदेति ३, निजरेति । (१.९) नेरइया णं भंते ! जीवातो किं चलियं कम्मं बंधंति ? अचलियं कम्मं बंधंति ? गोयमा ! नो चलियं कम्मं बंधंति, अचलितं कम्मं बंधंति १ । एवं उदीरेति २ वेदेति ३ ओयट्टेति ४ संकामेति ५ निहत्तेति ६ निकाएंति ७ । सव्वेसु णो चलियं, अचलियं । (१.१०) नेरइयाणं भंते ! जीवातो किं चलियं कम्मं निज्जरेति अचलियं कम्मं निज्जरेति ? गोयमा ! चलियं कम्मं निज्जरेति, नो अचलियं कम्मं निज्जरेति ८ । गाहा बंधोदय-वेदोव्वट्टसंकमे तह निहत्तण -निकाए । अचलियं कम्मं तु भवे चलितं जीवाउ निज्जरए ॥५|| (२.१) असुरकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिती पण्णत्ता ? जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं सातिरेगं सागरोवमं । (२.२) असुरकुमारा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा ४ ? गोयमा ! जहन्नेपां सत्तण्हं योवाणं उक्कोसेणं साइरेगस्स पक्खस्स आणमंति वा ४ । (२.३) असुरकुमाराणं भंते ! आहारट्ठी ? हंता, आहारट्ठी ? (२.४) असुरकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! असुरकुमाराणं दुविहे आहारे पण्णत्ते । तं जहा आभोगनिव्वत्तिए य, अणाभोगनिव्वत्तिए य । तत्थ णं जे से अणाभोगनिव्वत्तिए से अणुसमयं अविरहिए आहारट्ठे समुप्पज्जइ । तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से जहन्नेणं चउत्थभत्तस्स, उक्कोसेणं साइरेगस्स वाससहस्सस्स आहारट्टे समुप्पज्जड़। (२.५) असुरकुमारा णं भंते ! किं आहारं आहारेति ? गोयमा ! दव्वओ अणंतपएसियाई दव्वाइं, खित्त-काल-भावा पण्णवणागमेणं । सेसं जहा नेरइयाणं जाव ते णं तेसिं पोग्गला कीसत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति? गोयमा ! सोइंदियत्ताए ५ सुरूवत्ताए सुवण्णत्ताए इठ्ठत्ताए इच्छियत्ताए अभिज्झियत्ताए, उड्डत्ताए, णो अहत्ताए, सुहत्ताए, णो दुहत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति। (२.६) असुरकुमाराणं पुव्वाहारिया पुग्गला परिणया ? असुरकुमाराभिलावणं जहा नेरइयाणं जाव चलियं कम्म निज्जरंति। (३.१) नागकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाइं। (३.२) नागकुमारा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा ४ ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्तण्डं थोवाणं, उक्कोसेणं मुहुत्तपुहत्तस्स आणमंति वा ४। (३.३) नागकुमारा णं भंते ! आहारट्ठी ? हंता, गोयमा ! आहारट्ठी। (३.४) नागकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! नागकुमाराणं दुविहे आहारे पण्णत्ते । तं है जहा आभोगनिव्वत्तिए य अणाभोगनिव्वत्तिए य। तत्थ णं जे से अणाभोगनिव्वत्तिए से अणुसमयं अविरहिए आहारट्ठे समुप्पज्जइ. तत्थ णंजे से आभोगनिव्वत्तिए F से जहन्नेणं चउत्थभत्तस्स, उक्कोसेणं दिवसपुहत्तस्स आहारहे समुप्पज्जइ । सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव चलियं कम्मं निजरेति, नो अचलियं कम्मं निज्जरेति। (४-११) एवं सुवण्णकुमाराण वि जाव थणियकुमाराणं ति। (१२.१) पुढविक्काइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणंअंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं Merci5555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा २१5555555555555555555555555555OR SHOK0555555555555555555555555555555555555555OOR Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ס כתבות כל ונתתתתתבוסטר (५) भगवइ १ सत्त उद्देसक - १ [३] 5555555555555555OTOR बावीसं वाससहस्साई। (१२.२) पुढविक्काइया केवइकालस्स आणमंति वा ४ ? गोयमा ! वेमायाए आणमंति वा ४ । (१२.३) पुढविक्काइया आहारट्ठी ? हंता, आहारट्ठी। (१२.४) पुढविक्काइयाणं केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पज्नइ ? गोयमा ! अणुसमयं अविरहिए आहारट्टे समुप्पज्जइ। (१२.५) पुढविक्काइया किं आहारं आहारेति? गोयमा ! दव्वओ जहा नेरइयाणं जाव निव्वाघाएणं छद्दिसिं; वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं, सिय चउद्दिसिं सिय पंचदिसिं । वण्णओ काल-नीललोहित-हालिद्द-सुक्किलाणि । गंधओ सुब्भिगंध २, रसओ तित्त ५, फासओ कक्खड ८ । सेसं तहेव । नाणत्तंकतिभागं आहारेति ? कइभागं फासादेति ? गोयमा! ; असंखिज्जइभागं आहारेति, अणंतभागं फासादेति जाव ते णं तेसिं पोग्गला कीसत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणामंति ? गोयमा ! फासिदियवेमायत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति । सेसं जहा नेरइयाणं जाव चलियं कम्मं निज्जरेति, नो अचलियं कम्मं निज्जरेति। (१३-१६) एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । नवरं ठिती वण्णेयव्वा जा' जस्स, उस्सासो वेमायाए। (१७.१) बेइंदियाणं ठिई भाणियव्वा । ऊसासो वेमायाए। (१७.२) बेइंदियाणं आहारे पुच्छा । अणाभोगनिव्वत्तिओ तहेव । तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से णं असंखेजसमइए अंतोमुहुत्तिए वेमायाए आहारट्ठे समुप्पइ । सेसं तहेव जाव अणंतभागं आसायंति। (१७.३) बेइंदिया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताएगेण्हति ते किं सव्वे आहारेति ? नो सव्वे आहारेति गोयमा! बेइंदियाणं दुविहे आहारे पण्णते। तं जहा लोमाहारे पक्खेवाहारे य । जे पोग्गले लोमाहारत्ताए गिहणंति ते सव्वे अपरिसेसिए आहारेति जे पोग्गले पक्खेवाहारत्ताए गिण्हंति तेसिंणं पोग्गलाणं असंखिज्जभागं आहारेंति, अणेगाइंचणं भागसहस्साई अणासाइज्जमाणाइं अफासाइज्जमाणाई विद्धंसमागच्छंति । (१७.४) एतिसिंणं भंते ! पोग्गलाणं अणासाइज्जमाणाणं अफासाइज्जमाणाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला अणासाइज्जमाणा, अफासाइज्जमाणा अणंतगुणा। (१७.५) बेइंदिया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिण्हंति तेणं तेसिं पोग्गला कीसत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंती ? गोयमा ! जिब्भिदिय-फासिदिय- वेमायत्ताए भुजो भुज्जो परिणमंति। (१७.६) बेइंदियाणं भंते ! पुव्वाहारिया पोग्गला परिणया तहेव जाव चलियं कम्मं निज्जरंति। (१८-१९.१) तेइंदिय-चउरिदियाणं णाणत्तं ठितीए जाव णेगाइं च णं भागसहस्साई अणाघाइज्नमाणाई अणासाइज्जमाणाई अफासज्जमाणाइं विद्धंसमागच्छंति । (१८-१९.२) एतेसिं णं भंते ! पोग्गलाणं अणाघाइज्जमाणाणं ३, ० पुच्छा । गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला अणाघाइज्जमाणा, अणासाइज्जमाणा अणंतगुणा, अफासाइज्जमाणं अणंतगुणा। (१८.३) तेइंदियाणं घाणिदिय -जिब्भिदिय -फासिदियत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति। (१९.३) चउरिदियाणं चक्खिदिय - घाणिदिय - जिभिदिय - फासिदियत्ताओ भुज्जो भुज्जो परिणयंति । (२०) पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं ठिति भाणिऊण ऊसासो वेमायाए। आहारो अणाभोगनिव्वत्तिओ अणुसमयं अविरहिओ। आभोगनिव्वत्तिओ जहन्नेणं अंतोमुहुत्तस्स, उक्कोसेणं उट्ठभत्तस्स । सेसं जहा चउरिदियाणं जाव चलियं कम्मं निज्जरेति। (२१) एवं मणुस्साण वि । नवरं आभोगनिव्वत्तिए जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अट्ठमभत्तस्स । सोइंदिय ५ वेमायत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति । सेसं तहेव जाव निज्जरेति । (२२) वाणमंतराणं ठिईए नाणत्तं । अवसेसं जहा नागकुमाराणं (सु. ६ (३)। (२३) एवं जोइसियाण वि । नवरं उस्सासो जहन्नेणं मुहुत्तपुहत्तस्स, उक्कोसेण वि मुहुत्तपुहत्तस्स । आहारो जहन्नेणं दिवसपुहत्तस्स, उक्कोसेणं वि दिवसपुहत्तस्स । सेसं तहेव । (२४) वेमाणियाणं ठिती भाणियव्वा ओहिया । ऊसासो मुहुत्तपुहत्तस्स, उक्कोसेणं तेत्तीसाए पक्खाणं । आहारो आभोगनिव्वत्तिओ जहन्नेणं दिवसापुहत्तस्स, उक्कोसेणं तेत्तीसाए वाससहस्साणं । सेसं तहेव जाव निज्जरेति । [सु. ७ जीवेसु आरंभपरूवणा] ७ (१) जीवा णं भंते ! किं आयारंभा ? परारंभा ? तदुभयारंभा ? अणारंभा ? गोयमा ! अत्थेगइया जीवा आतारंभा वि, परारंभा वि, तदुभयारंभा वि, नो अणारंभा । अत्थेगइया जीवा नो आयारंभा, नो परारंभा, नो तदुभयारंभा, अणारंभा। २ सेकेणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति- अत्थेगइया जीवा आयारंभा वि ? एवं पडिउच्चरितव्वं । गोयमा ! जीवा दुविहा पण्णत्ता । तं जहा संसारसमावन्नगा प्रय असंसारसमावन्नगा य । तत्थ णं जे ते असंसारसमावन्नगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं नो आयारंभा जाव अणारंभा। तत्थ णं जे ते संसारसमावन्ना ते विहा पण्णत्ता । तं म १ जहा संजता य, असंजता य । तत्थ णं जे ते (२) संजता ते दुविहा पण्णता । तं जहा-पमत्तसंजताय, अपमत्तसंजताय । तत्थ णं जे ते अप्पमत्तसंजता ते णं नो vercs5555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २१८ 5555555555555555555555555 FROO555555555555555555555555555555555555555555555555fODXO SHOKO5555555555555555555555555555555555555555555555555OPIOR Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ $55555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक - १-२ [] 29555555555555555555555555555555555555555555555555HOOLog आयारंभा, नो परारंभा, जाव अणारंभा। तत्थ णं जे ते पमत्तसंजया ते सुभं जोगं पडुच्च नो आयारंभा जाव अणारंभा । (३) असुभं जोगं पडुच्च आयारंभा वि जाव नो अणारंभा तत्थ णं जे ते असंजता ते अविरतिं पडुच्च आयारंभा वि जाव नो अणारंभा । से तेणढेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-अत्थेगइया जीवा जाव अणारंभा। [सु.८ चउवीसदंडकेसु आरंभपरूवणा] ८. (१) नेरइया णं भंते ! किं आयारंभा ? परारंभा? तदुभयारंभा? अणारंभा ? गोयमा ! नेरड्या आयारंभा वि जाव नो अणारंभा। से केणढेणं ? गोयमा ! अविरतिं पडुच्च । से तेणटेणं जाव नो अणारंभा। (२-२०) एवं जाव असुरकुमारा वि, जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिया। (२१) मणुस्सा जधा जीवा । नवरं सिद्धविरहिता भाणियव्वा । (२२-२४) वाणमंतरा जाव वेमाणिया जधा नेरतिया। [सु.९ सलेसेसु जीवेसु आरंभपरूवणा] ९. (१) सलेसा जधा ओहिया (सु.७) । (२) किण्हलेस- नीललेस -काउलेसा जहा ओहिया जीवा, नवरं पमत्तअप्पमत्ता न भाणियव्वा । तेउलेसा पम्हलेसा सुक्कलेसा जधा ओहिया जीवा (सु.७), नवरं सिद्धा न भाणितव्वा। [सु. १०. भवं पडूच्च णाणाइपरूवणा] १०. (१) इहभविए भंते ! नाणे? परभविए नाणे ? तभयभविए नाणे? गोयमा ! इहभविए वि नाणे, परभविए वि नाणे, तदुभयभविए वि नाणे। (२) दसणं पि एवमेव । ३ इहभविए भंते ! चरित्ते? परभविए चरित्ते? तदुभयभविए जरिते? गोयमा ! इहभविए चरित्ते, नो परभविए चरित्ते, नो तदुभयभविए चरित्ते। (४) एवं तवे, संजमे। [सु. ११. असंवुड-संवुडसिज्झणावियारो] ११. (१) असंवुडे णं भंते ! अणगारे किं सिज्झति ? बुज्झिति ? मुच्चति? परिनिव्वाति ? सव्वदुक्खाणमंतं करेति ? गोयमा ! नो इणढे समढे। से केणतुणं जाव नो अंतं करेइ ? गोयमा ! असंवुडे अणागारे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ (४) सिढिलबंधणबद्धाओ घणियबंधणबहाओ पकरेंति हस्सकालट्ठितायाओ दीहकालद्वितीयाओ पकरेति, मंदाणुभागाओ तिव्वाणुभागाओ पकरेति, अप्पपदेसग्गाओ बहुप्पदेसग्गाओ पकरेति, आउगं चणं कम्मं सिय बंधति, सिय नो बंधति, अस्सातावेदणिज्जं चणं कम्म भुज्जो भुज्जो उवचिणाति, अणादीयं चणं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतं संसारकंतारं अणुपरियट्ठइ । से तेणतुणं गोयमा ! असंवुडे अणागारे नो सिज्झति ५। (२) संकुंडे णं भंते ! अणागारे सिज्झति ५? हंता, सिज्झति जाव अंतं करेति । सेकेणटेणं ? गोयमा ! संवुडे अणगारे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ धणियबंधणबद्धाओ सिढिलबंधणबद्धाओ पकरेति, दीहकालद्वितीयाओ हस्सकालद्वितीयाओ पकरेति, तिव्वाणुभागाओ मंदाणुभागाओ पकरेति, बहुपएसग्गाओ अप्पपएसग्गाओ पकरेति, आउयं च णं कम्मं न बंधति, अस्सायावेयणिज्जं च णं कम्मं नो भुज्जो भुज्जो उवचिणाति, अणाईयं च णं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतं संसारकंतारं वीतीवयति । से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ -संवुडे अणगारे सिज्झति जाव अंतं करेति। [सु. १२. असंजतजीवदेवगइवियारो, वाणमंतरदेवलोगसरूवं च] १२. (१) जीवेणं भंते! असंजते अविरते अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे इतो चुए पेच्चा देवे सिया? गोयमा ! अत्थेगइए देवे सिया। अन्थेगइए नो देवे सिया से केणटेणं जाव इतो चुए पेच्चा अत्थेगइए देवे सिया, अत्थेगइए नो देवे सिया ? गोयमा ! जे इमे जीवा गामाऽऽगर-नगर-निगम -रायहाणि-खेड -कब्बड -मंडब -दोणमुह - पट्टणाऽऽसम -सन्निवेसेसु अकामतण्हाए अकामछुहाए अकामबंभचेरवासेणं अकामअण्हाणगसेय -जल्ल -मल -पंकपरिदाहेणं अप्पतरो वा भुज्जतरो वा कालं अप्पाणं परिकिलेसंति, अप्पाणं परिकिलेसइत्ता कालमासे कालंकिच्चा अन्नतरेसु वाणमंतरेसुदेवलोगेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति। (२) केरिसा णं भंते ! तेसिं वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहानामए इहं असोगवणे इ वा, सत्तवण्णवणे इ वा, चंपगवणे इवा, चूतवणे इ वा, तिलगवणे इ वा, लउयवणे ति वा, णिग्गोहवणे इ वा, छत्तोववणे इ वा, असणवणे इ वा, सणवणे इ वा, अयसिवणे इ वा, कुसुभंवणे इ वा, सिद्धत्थवणे इ वा, बंधुजीवगवणे इ वा णिच्चं कुसुमितमाइतलवइतथइयगुलुइतगुच्छितजमलितजुवलितविणमित-पणमितसुविभत्तपिडिमंजरिवडेंसगधरे सिरीए अईव अईव उवसोभेमाणे उवसोभेमाणे चिट्ठति, एवामेव तेसिं वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएहिं उक्कोसेणं पलिओवमद्वित्तीएहिंबहूहि वाणमंतरेहिं देवेहिंय देवीहिय आइण्णा वितिकिण्णा म उवत्थडा संथाडा फुडा अवगाढागाढसिरीए अतीव अतीव उवसोभेमाणा चिट्ठति । एरिसगाणं गोतमा ! तेसिं वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा पण्णत्ता । सेतेणटेणं गोतमा ! एवं वुच्चति -जीवे णं अस्संजए जाव देवे सिया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोतमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति नमंसित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे ze:5 55555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २१९ 55555555555555 5 55FOR Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HG55555555555555 (५) भगवई १ सनं उद्देशक -२ [५] 55555555555555 52.0) $ %%%%%$$$$$ %%% 63055555555555555555555555555555555555555$$55fero P विहरति ।★★★॥पढमे सते पढमो उद्देसो॥★★★ बितिओ उद्देसो 'दुक्खे'★★★ [सु. १. उवक्कमो] १. रायगिहे नगरे समोसरणं । परिसा निग्गता जाव एवं वदासी [सु. २-३. जीवं पडुच्च एगत्त-पुहत्तेणं दुक्खवेदणपरूवणं] २. जीवे णं भंते ! सयंकडं दुक्खं वेदेति ? गोयमा ! अत्थेगइयं वेदेति, अत्थेगइयं नो वेदेति ? गोयमा ! उदिण्णं वेदेति, अणुदिपणं नो वेदेति, से तेणद्वेणं एवं वुच्चति अत्थेगइयं वेदेति, अत्थेगइयं नो वेदेति । एवं चउव्वीसदंडएणं जाव वेमाणिए। (३). जीवाणं भंते सयंकडं दुक्खं वेदेति ? गोयमा ! अत्थेगइयं वेदेति, अत्थेगइयं णो वेदेति।सेकेणद्वेणं ? गोयमा ! उदिण्णं वेदेति, नो अणुदिण्णं वेदेति, से तेणट्टणं एवं जाव वेमाणिया। [सु. ४. जीवं पडुच्च एगत्त-पुडुत्तेणं आउयवेदेणपरूवणं] ४. जीवे णं भंते ! सयंकडं आउयं वेदेति ? गोयमा ! अत्थेगइयं वेदेति० जधा दुक्खेणं दो दंडगा तहा आउएण वि दो दंडगा एगत्त-पोहत्तिया; एगत्तेणं जाव वेमाणिया, पुहत्तेण वि तहेव । [सु. ५.११. चउवीसदंडएसु समाहाराइसत्तदारपरूवणं] ५. (१) नेरइयाण भंते ! सव्वे समाहारा, सव्वे समसरीरा, सव्वे समुस्सा-नीसासा ? गोयमा ! नो इमट्टे समढे । सेकेणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति -नेरइया नो सव्वे समाहारा, नो सव्वे समसरीरा, नो सव्वे समुस्सास -निस्सासा ? गोयमा ! नेरइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा महासरीरा य अप्पसरीरा य । तत्थ ण जे ते महासरीरा ते (१) बहुतराए पोग्गले आहारेति बहुतराए पोग्गले परिणामेति बहुतराए पोग्गले उस्ससंति बहुतराए पोग्गले नीससंति, अभिक्खणं आहारेति, अभिक्खणं परिणामेति, अभिक्खणं ऊससंति, अभिक्खणं निस्ससंति । तत्थ णं जे ते अप्पसरीरा ते णं अप्पतराए पोग्गले (२) आहारेति अप्पतराए पुग्गले परिणामेति अप्पराए पोग्गले उस्ससंति अप्पतराए पोग्गले । नीससंति, आहच्च आहारति, आहच्च परिणामेति, आहच्च उस्ससंति. आहच्च नीससंति । से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ- नेरइया नो सव्वे समाहारा जाव नो सव्वे समुस्सास -निस्सासा ॥१। २ नेरइया णं भंते ! सव्वे समकम्मा ? गोयमा ! णो इमढे समढे । से केणट्टणं ? गोयमा ! नेरइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा पुव्वोववन्नगा य पच्छोववन्नगा य । तत्थ णं जे ते पुव्वोववन्नगा ते णं अप्पकम्मतरागा । तत्थ णं जे ते पच्छोववन्नगा ते णं महाकम्मतरागा। से तेणटेणं गोयमा ! ०।२। ३ नेरड्या णं भंते ! सव्वे समवण्णा ? गोयमा ! नो इणढे समढे। से केणटेणं तहा चेव ? गोयमा ! जे ते पुव्ववन्नगा तेणं विसुद्भवण्णतरागा तहेव से तेणट्टणं ०।३। ४ नेरड्या णं भंते ! सव्वे समलेसा ? गोयमा ! नो इणढे समठे। सेकेणटेणं जाव नोसव्वे समलेसा ? गोयमा ! नेरइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा पुव्वोववन्नगा य पच्छोववन्नगा य । तत्थ णं जे ते पुव्वाववन्नगा ते णं विसुद्धलेसतरागा । (३) तत्थ णं जे ते पच्छोववन्नगा ते णं अविसुद्धलेसतरागा। से तेण?णं ०।४।५ नेरझ्या णं भंते ! सव्वे समवेदणा ? गोयमा ! नो इणद्वे समढे। से केणटेणं? गोयमा ! नेरइया दुविहा पण्णत्ता। तं जहा सण्णिभूया य असण्णभूया य। तत्थ णं जे ते सण्णिभूया ते णं महावेयणा, तत्थ णं जे ते असण्णिभूया ते णं अप्पवेयणतरागा। से तेणढेणं गोयमा ! ०१५। ६ नेरइया णं भंते ! सव्वे समकिरिया ? गोयमा ! नो इणढे समठे। से केणटेणं ? गोयमा ! नेरइया तिविहा पण्णत्ता । तं जहा सम्मद्दिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छद्दिट्टी। तत्थ णजे ते सम्मादिट्ठी तेसिणं चत्तारि किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा आरंभिया १ पारिग्गहिया २ मायावत्तिया ३ अपच्चक्खाणकिरिया ४ा तत्थ णं जे ते मिच्छादिट्ठी तेसिणं पंच किरियाओ कज्जति, तं जहा आरंभिया जाव मिच्छादसणवतिया एवंसम्मामिच्छादिट्ठिणं पि। से तेणद्वेणं गोयमा! ०६। ७ नेरइया णं भंते ! सव्वे समाउया ? सव्वे समोववन्नगा? गोयमा ! णो इणढे समढे । से केणद्वेणं ? गोयमा ! नेरइया चउम्विहा पण्णत्ता तं जहा अत्थेगइया समाउया समोववन्नगा १, अत्थेगइया समाउया विसमोववन्नगा २, अत्थेगइया विसमाउया विसमोववन्नगा ३, अत्थेगइया विसमाउया विसमोववन्नगा४।से तेणढेणं गोयमा! ०।७।६. (१) असुरकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा ? सव्वे समसरीरा ? जधा नेरझ्या तधा भाणियन्वा । नवरं कम्म -वण्ण -लेसाओ परित्थल्लेयव्वाओ -पुव्वोववन्नगा महाकम्मतरागा, अविसुद्धवण्णतरागा, अविसुद्धलेसतरागा। पच्छोववन्नगा पसत्था । सेसं तहेव । (२) एवं जाव थणियकुमारा। ७. (१) पुढविक्काइयाणं आहार -कम्म - वण्ण -लेस्सा जहा नेरइयाणं । (२) पुढविक्काइया णं भंते ! सव्वे समवेदणा ? हंता, समवेयणा। से केणद्वेणं ? गोयमा ! पुढविकाइया सव्वे असण्णी %%%%%%%% %% %%%% %% %%%% %%%%% Q Yers555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजषा - 555555555555555555555ESOME Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १ सतं उद्देसक २ [६] २ 7666666666.COM असण्णिभूतं अणिदाए वेयणं वेदेति । से तेणद्वेणं ० । (३) पुढविक्कइया णं भंते! समकिरिया ? हंता, समकिरिया । से केणट्टेणं गोयमा ! पुढविकाइया सव्वे माईमिच्छदिट्ठी, ताणं नेयतियाओ पंच किरियाओ कज्नंति, तं जहा आरंभिया १ जाव मिच्छदंसणवत्तिया ५ । से तेणट्टेणं० समकिरिया । (४) समाउया, समोववन्नगा जधा नेरइया तथा भाणियव्वा । ८. जधा पुढविक्काइया तुधा जाव चउरिदिया । ९. (१) पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया । नाणत्तं किरियासु पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! सव्वे समकिरिया ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे । से केणट्ठेणं ? गोयमा ! पंचिदियतिरिक्खजोणिय तिविधा पण्णत्ता । तं जहा सम्मद्दिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठि ! तत्थ णं जे ते सम्मद्दिट्ठी ते दुविहा पण्णत्ता, तं जहा अस्संजता य, संजताऽसंजता य । तत्थ णं जे ते संजताऽसंजता सिणं तिन्नि किरियाओ कज्जंति, तं जहा आरंभिया १ पारिग्गहिया २ मायावत्तिया ३ । असंजताणं चत्तारि । मिच्छादिट्टीणं पंच। सम्मामिच्छादिद्वीणं पंच । १०. (१) मणुस्सा जहा नेरइया (सु. ५) नाणत्तं जे महासरीरा ते आहच्च आहारेति । जे अप्पसरीरा ते अभिक्खणं आहारेति ४ । सेसं जहा नेरइयाणं जाव वेयणा। (२) मस्सा णं भंते! सव्वे समकिरिया ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे । से केणट्टेणं ? गोयमा ! मणुस्सा तिविहा पण्णत्ता। तं जहा सम्मद्दिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी । तत्थ जे सम्मट्ठी तिविधा पण्णत्ता, तं जहा संजता अस्संजता संजतासंजता य । तत्थ णं जे ते संजता ते दुविहा पण्णत्ता, तं जहा सरागसंजता य राजता । तत्थणं जे ते वीतरागसंजता ते णं अकिरिया । तत्थ णं जे ते सरागसंजता ते दुविहा पण्णत्ता, तं जहा पमचसंजता य अपमत्तसंजता य । तत्थ जे ते पमत्तसंजता तेसि णं एगा मायावत्तिया किरिया कज्जति । तथ णं जे ते पमत्तसंजता तेसि णं दो किरियाओ कज्नंति, तं० आरंभिया य १ मायावत्तिया यर । तत्थ णं जे ते संजतासंजता तेसि णं आइल्लाओ तिन्नि किरियाओ कज्जति । अस्संजताणं चत्तारि किरियाओ कज्जति आरं० ४ । मिच्छादिट्ठिणं पंच । सम्मामिच्छादिट्ठीणं पंच ५ । ११. वाणमंतर जोतिस - वेमाणिया जहा असुरकुमारा (सु. ६)। नवरं वेयणाए नाणत्तं मायामिच्छादिट्ठीउववन्नगा य अप्पवेदणतरा, अमायिसम्मद्दिट्ठीउववन्नगा य महावेयणतरागा भाणिय जोतिस-वेमाणिया । [सु. १२. चउवीसदंडएस लेसं पडुच्च समाहाराइसत्तदारपरूवणं] १२. सलेसा णं भंते ! नेरइया सव्वे समाहारगा ? ओहियाणं, सलेसाणं, सुक्कलेसाणं, एएसि णं तिण्हं एक्को गमो । कण्हलेस नीललेसाणं पि एक्को गमो, नवरं वेदणाए - मायिमिच्छादिट्ठीउववन्नगा य, अमायिसम्मद्दिट्ठीउववण्णगा य भाणियव्वा । मणुस्सा किरियासु सराग वीयराग पमत्तापमत्ता ण भाणियव्वा । काउलेसाण वि एसेव गमो, नवरं नेरइए जहा ओहिए दंडए तहा भाणियव्वा । तेउलेसा पम्हलेसा जस्स अत्थि जहा ओहिओ दंडओ तहा भाणियव्वा, नवरं मणुस्सा सरागा वीयरागा यन भाणिय्वा । गाहा दुक्खाऽऽउए उदिण्णे, आहारे, कम्म-वण्ण-लेस्सा य । समवेदण समकिरिया समाउए चेव बोद्धव्व ॥ १॥ [सु. १३. लेसाभेयपरूवणं ] १३. कति णं भंते ! लेसाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा छल्लेसाओ पण्णत्ताओं । तं जहा लेसाणं बीओ उद्देसओ भाणियव्वो जाव इड्डी [सु. १४-१७. जीवाईणं संसारसंचिट्ठणकालस्स भेय पभेया अप्पाबहुयं च] १४. जीवस्स णं भंते! तीतद्धाए आदिट्ठस्स कइविहे संसारसंचिट्ठणकाले पण्णत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे संसारसंचिट्ठणकाले पण्णत्ते । तं जहा णेरइयासंसारसंचिट्टणकाले, तिरिक्खजोणियसंसारसंचिट्टणकाले, मणुस्ससंसारसंचिट्ठणकाले, देवसंसारसंचिट्टणकाले य पण्णत्ते । १५. (१) नेरइयसंसारसंचिट्टणकाले णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते । तं जहा सुन्नकाले, असुन्नकाले मिस्सकाले । २ तिरिक्खजोणियसंसारसंचिट्ठणकाले पुच्छा। गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते । तं जहा असुन्नकाले य मिस्सकाले य । ३ मणुस्साण य, देवाण य जहा नेरइयाणं । १६. (१) एयस्स णं भंते! नेरड्यसंसारसंचिट्टणकालस्स सुन्नकालस्स असुन्नकालस्स मीसकालस्स य कयरे कयरेहिंतो अप्पे वा, बहुए वा तुल्ले वा, विसेसाहिए वा, गोयमा ! सव्वत्थोवे असुन्नकाले, मिस्सकाले अणंतगुणं, सुन्नकाले अणंतगुणे । २ तिरिक्खजोणियाणं सव्वत्थोवे असुन्नकाले मिस्सकाले अणंतगुणे । ३ स- देवाण य जहा रइयाणं । १७. एयस्स णं भंते! नेरइयसंसारसंचिट्ठणकालस्स जाव देवसंसारसंचिट्ठण जाव विसेसाधिए वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे मणुस्ससंसारसंचिट्ठणकाले नेरइयसंसारसंचिट्ठणकाले असंखेज्जगुणे, देवसंसारसंचिट्टणकाले असंखेज्जगुणे तिरिक्खजोणियसंसारसंचिट्टणकाले अनंतगुणे । Pan फ्र श्री आगमगणमंजुषा २२१ फफफफफफफफफ 45454545454EVELS LEA KGRO Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AG9555555555555555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक -२.३ [७] C555555555555555555555555555555555555555555555555SPIC र [सु. १८. अंतकिरियाकारगरिइनिरूवणं ] १८. जीवेणं भंते ! अंतकिरियं करेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगतिए करेज्जा, अत्थेगतिए नो करेजा। अंतकिरियापदं नेयव्वं । [सु., म १९. असंजयभवियदव्वदेवपभिइ-दसणवावन्नगपज्जंताणं पिहप्पिहदेवलोगपरूवणं ] १९. अह भंते ! असंजयभवियदव्वदेवाणं १, अविराहियसंजमाणं २, विराहियसंजमाणं ३, अविराहियसंजमासंजमाणं ४, विराहियसंजमासंजमाणं ५, असण्णीणं ६, तावसाणं ७, कंदप्पियाणं ८, चरगपरिव्वयगाणं ९, किव्विसियाणं १०, तेरिच्छियाणं ११, आजीवियाणं १२, आभिओगियाणं १३, सलिंगीणं दसणवावन्नगाणं १४, एएसिणं देवलोगेसु उववज्जमाणाणं कस्स कहिं उववाए पण्णत्ते ? गोयमा ! अस्संजतभवियदव्वदेवाणं जहन्नेणं भवणवासीसु उक्कोसेणं उवरिमगेविज्जएसु १। अविराहियऽसंजमाणं जहन्नेणं सोहम्मे कप्पे, उक्कोसेणं सव्वट्ठसिद्धेविमाणे २। विराहियसंजमाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं सोधम्मे कप्पे ३ । अविराहिय संजमाऽसंजमाणं जहन्नेणं सोहम्मे कप्पे, उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे ४ । विराहियसंजमाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं जोतिसिएसु ५। असण्णीणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं वाणमंतरेसु६।अवसेसा सव्वे जहन्नेणं भवणवासीसु; उक्कोसग वोच्छामि- तावसाणं जोतिसिएसु७। कंदप्पियाणं सोहम्मे कप्प । चरग-परिव्वायगाणं बंभलोए कप्पे ९ । किब्विसियाणं लंतगे कप्पे १०। तेरिच्छियाणं सहस्सारे कप्पे ११ । आजीवियाणं अच्चुए कप्पे १२ । आभिओगियाणं अच्चुए कप्पे १३ । सलिंगीणं दंसणवावन्नगाणं उवरिमगेवेज्जएसु १४। [सु. २०-२२. असण्णिआउस्स भेया, असण्णिजीवस्साउयबंधवियारो, असण्णिआउयस्स अप्पाबहुयं च] २०. कतिविहे णं भंते ! असण्णियाउए पण्णत्ते ? गोयमा ! चउविहे असण्णिआउए पण्णत्ते । तं जहा नेरइय-असण्णियाउए १, तिरिक्खजोणियअसण्णियाउए २, मणुस्सअसण्णियाउए ३, देवअसण्णियाउए ४ । २१. असण्णी णं भंते! जीवे किं नेरझ्याउयं पकरेति, तिरिक्खजोणियाउयं पकरेइ, मणुस्साउयं पकरेइ, देवाउयं पकरेइ ? हंता, गोयमा ! नेरइयाउयं पि पकरेइ, तिरिक्खजोणियाउयं पि पकरेइ, मणुस्साउयं पि पकरेइ, देवाउयं पि पकरेइ । नेरइयाउयं पकरेमाणे जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं तिरिक्खजोणियाउयं पकरेमाणे जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पकरेइ । मणुस्साउए वि एवं चेव । देवाउयं पकरेमाणे जहा नेरइया । २२. एयस्स णं भंते ! नेरइयअसण्णियाउयस्स तिरिक्खजोणियअसण्णिआउयस्स मणुस्सअसण्णिआउयस्स देवअसण्णिआउयस्स य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिए वा? गोयमा ! सव्वत्थोवे देवअसण्णिआउए, मणुस्सअसण्णिआउए असंखेज्जगुणे, तिरियजोणियअसण्णिआउए असंखेज्जगुणे, नेरइयअसण्णिमाउये असंखेज्जगुणे । सेव भंते ! सेवं भंते ! त्ति ॥★★★। बितिओ उद्देसओ समत्तो। ★★★ तइओ उद्देसो कंखपओसे'** [सु. १-२. जीवचउवीसदंडएसु कंखामोहणिज्जकम्मस्स किरियानिप्फन्नत्तपरूवणं] १. (१) जीवाणं भंते ! कंखामोहणिज्जे कम्मे कडे ? हंता कडे। २ से भंते ! किं देसेणं देसे कडे १?, देसेणं सव्वे कडे २ ?, सव्वेणं देसे कडे ३?, सव्वेणं सव्वे कडे ४ ? | गोयमा! नो देसेणं देसे कडे १, नो देसेणं सव्वे कडे २, नो सव्वेणं देसे कडे ३, सव्वेणं म सव्वे कडे ४ । २. (१) नेरइयाणं भंते ! कंखामोहणिज्जे कम्मे कडे ? हंता कडे जाव सव्वेणं सव्वे कडे ४ । २ एवं जाव वेमाणियाणं दंडओ भाणियव्वो। [सु. ३ ॥ कंखामोहणिज्जकम्मस्स करण- चयणाइरूवो तिकालविसयो वियारो] ३. १ जीवाणं भंते ! कंखामोहणिज्जं कम्मं करिसु? हंता, करिसुं। २ तं भंते ! किं देसेणं देसं करिसु? एतेणं अभिलावेणं दंडओ जाव वेमाणियाणं। ३ एवं करेति । एत्थ वि दंडओ जाव वेमिणियाणं। ४ एवं करेस्संति । एत्थ वि दंडओ जाव वेमाणियाणं। ५ एवं चिते - चिणिंसु, चिणंति, चिणिस्संति । उवचिते-उवचिणिंसु, उवचिणंति, उवचिणिस्संति । उदीरेंसु, उदीरेति, उदीरिस्संति । वेदिसु, वेदेति, वेदिस्संति। निज्जरेंसु, निज्जरेंति, निजरिस्संति । गाधा कड चित, उवचित, उदीरिया, वेदिया य, निज्जण्णा । आदितिए चउभेदा पच्छिमा तिण्णि ॥१॥ [सु. ४-५. 5 कंखामोहणिज्नकम्मवेदणकारणाणि ] ४. जीवा णं भंते ! जीवा कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति ? हंता, वेदेति । ५. कहं णं भंते ! जीवा कंखामोहणिज्जं कम्मं वेदेति ? 5 गोयमा ! तेहिं तेहिं कारणेहिं संकिगा कंखिगा वितिकिंछिता भेदसमावन्ना कलुससमावन्ना, एवं खलु जीवा कंखामोहणिज्जं कम्मं वेदेति । [सु. ६. आहारगसरूवं] ६. (१) से नूणं भंते! तमेव सच्चं णीसंकं जं जिणेहिं पवेदितं ? हंता, गोयमा! तमेव सच्चं णीसंकं जं जिणेहिं पवेदितं। २ से नूणं भंते ! एवं मणं धारेमाणे, एवं पकरेमाणे एवं KO05 9 55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २२२5555555555555555555555555555TOR 055555555555555555555555555555555555555555555555555OR Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Mo:0555555555555555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक -३ [८] 15555555555555555NOR COCs听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 चिट्ठमाणे, एवं सवरेमाणे आणाए आराहए भवति? हंता, गोयमा ! एवं मण धारेमाणे जाव भवति। [सु.७. अत्थित्तनत्थित्तपरिणामो] ७. (१) से नूणं भंते ! अत्थित्तं अत्थित्ते परिणमइ, नत्थित्तं नत्थित्ते परिणमति ? हंता, गोयमा ! जाव परिणमति। (२) जंतं भंते ! अत्थित्तं अत्थित्ते परिणमइ, नत्थित्तं नत्थित्ते परिणमति तं किं पयोगसा वीससा? गोयमा ! पयोगसा वि तं, वीससा वि तं। (३) जहा ते भंते ! अत्थित्तं अत्थित्ते परिणमइ तथा ते नत्थित्तं नत्थित्ते परिणमति ? जहा ते नत्थित्तं नत्थित्ते परिणमति तहा ते अत्थित्तं अत्थित्तेपरिणमति ? हंता, गोयमा ! जहा मे अत्थित्तं अत्थित्ते परिणमति तहा मे नत्थित्तं नत्थित्ते परिणमति, जहा मे नत्थित्तं नत्थित्ते परिणमति तहा मे अत्थित्तं अत्थित्ते परिणमति । (४) से णूणं भंते ! अत्थित्तं अत्थित्ते गमणिज्ज ? जधा परिणमइ दो आलावगा तधा गमणिज्जेण वि दो आलावगा माणितव्वा जाव तथा मे अत्थित्तं अत्थित्ते गमणिज्ज । (५) जहा ते भंते ! एत्थं गमणिज्ज तथा ते इहं गमणिज्ज ? जधा ते इहं गमणिज्जं तधा ते एत्थं गमणिज्ज ? हंता, गोयमा ! जहा मे एत्थं गमणिज्जं जाव तहा मे एत्थं गमणिज्ज । [सु.८-९. कंखामोहणिज्जकम्मबंधहेउपरूवणं] ८. जीवा णं भंते ! कंखामोहणिज्ज कम्मं बंधंति ? हंता, बंधंति । ९. (१) कहं णं भंते ! जीवा कंखामोहणिज्ज कम्मं बंधंति ? गोयमा ! पमादपच्चया जोगनिमित्तं च । (२) से णं भंते ! पमादे किंपवहे ? गोयमा ! जोगप्पवहे। (३) सेणं भंते ! जोगे किंपवहे ? गोयमा ! वीरियप्पवहे। (४) से णं भंते ! वीरिए किंपवहे ? गोयमा ! सरीरप्पवहे । (५) सेणं भंते ! सरीरे किंपवहे ? गोयमा ! जीवप्पवहे । एवं सति अत्थि उट्ठाणे ति वा, कम्मे ति वा बले ति वा, वीरए ति वा, पुरिसक्कारपरक्कमे ति वा। [सु. १०-११. कंखामोहणिज्जस्स उदीरणा-उवसामणाइ] १०.(१) सेणूणं भंते ! अप्पणा चेव उंदीरेइ, अप्पणा चेव गरहइ, अप्पणा चेव संवरेइ ? हंता, गोयमा ! चेव तं चेव उच्चारेयव्वं ३। (२) जंतं भंते ! अप्पणा चेव उदीरेइ अप्पणा चेव गरहेइ, अप्पणा चेव संवरेइ तं किं उदिण्णं उदीरेइ १ अणुदिण्णं उदीरेइ २ अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ ३ . उदयाणंतरपच्छाकडं कम्मं उदीरेइ ४ ? गोयमा! नो उदिण्णं उदीरेइ १, नो अणुदिण्णं उदीरेइ २, अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उंदीरेइ ३, णो उदयाणंतरपच्छाकडं कम्मं उदीरेइ ४। (३) जंतं भंते ! अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइं तं किं उट्ठाण;णं कम्मेणं बलेण वीरिएणं पुरिसक्कारपरक्कमेणं अणुदिण्णं उदीरिणाभवियं कम्मं उदीरेइ ? उदाहु तं अणुट्ठाणेणं अकम्मेणं अबलेणं अवीरिएणं अपुरिसक्कारपरक्कमेणं अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ ? गोयमा ! तं उठाणेण वि कम्मेण वि बलेण वि वीरिएण वि पुरिसक्कारपरक्कमेण वि अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ, णो तं अणुट्ठाणेणं अकम्मेणं अबलेणं अवीरिएणं अपुरिसक्कारपरक्केणं अणुदिण्णं उदीरणाभवियं कम्मं उदीरेइ । एवं सति अत्थि उठाणेइ वा कम्मेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा । ११. (१) से नूणं भंते ! अप्पणा चेव उवसामेइ, अप्पणा चेव गरहइ, अप्पणा चेव संवरेइ ? हंता, गोयमा ! एत्थ वि तं चेव भाणियव्वं, नवरं अणुदिणं उवसामेइ, सेसा पडिसेहेयव्वा तिण्णि। (२) जं तं भंते ! अणुदिण्णं उवसामेइ तं किं उट्ठाणेणं जाव पुरिसक्कारपरक्कमेण वा। [सु. १२-१३. कंखामोहणिज्जस्स वेयण-णिज्जरणाइं] १२. से नूणं भंते ! अप्पणा चेव वेदेइ अप्पणा चेव गरहइ ? एत्थ वि व च्चेव परिवाडी। नवरं उदिण्णं वेएइ, नो अणुदिण्णं वेएइ । एवं जाव पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा। १३. से नूणं भंते ! अप्पणा चेब निज्जरेति अप्पणा चेव गरहइ ? एत्थ वि स च्चेव परिवाडी । नवरं उदयाणंतरपच्छाकडं कम्मं निजरेइ, एवं जाव परक्कमेइ वा। [सु. १४. चउवीसदंड्यसु कंखामोहणिज्जकम्मवेदेण-निज्जरणाई ] १४. (१) नेरइया णं भंते ! कंखामोहणिज्ज कम्मं वेएंति ? जधा ओहिया जीवा तथा नेरइया जाव थणितकुमारा । (२) पुढविक्काइया णं भंते ! कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति ? हंता, वेदेति। (३) कहं णं भंते ! पुढविक्काइया कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति ? गोयमा ! तेसिणं जीवाणं णो एवं तक्का इ वा सण्णा इ वा पण्णा इ वा मणे इ वा वई ति वा 'अम्हेणं कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेमो' वेदेति पुण ते। (४) से णूणं भंते ! तमेव सच्चं नीसंकं जं जिणेहिं. पवेदियं । सेसंतं चेव जाव पुरिसक्कारपरक्केणं ति वा । (५) एवं जाव चउरिदिया। (६) पंचिदियतिरिक्खजोणिया जाव वेमाणिया जधा ओहिया जीवा। [सु. १५. निग्गंथे पडुच्च कंखामोहणिज्जवेदणवियारो ] १५. (१) अत्थि णं भंते ! समणा वि निग्गंथा कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति ? हंता, अत्थि। (२) कह णं भंते! समणावि निग्गंथा कंखामोहणिज्ज कम्मं वेदेति ? गोयमा ! तेहिं तेहिं नाणंतरेहिं दसणंतरेहिं चरितंतरेहिं लिंगंतरेहिं पवयणंतरेहिं पावयणंतरेहिं कप्पंतरेहिं चरितंतरेहि OF######5 5555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २२३ 555555555555555555555555OOK SO乐乐乐明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR555555555555555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक -४ [२] 55555555555555550KOT 155 455555555555555 य भग्गंतरेहि भंगंतरेहिं नयंतरेहिं नियमंतरेहिं पमाणंतरेहिं संकिया कंखिया वितिकिंछिता भेदसमावन्ना, कलुससमावन्ना, एवं खलु समणा निग्गंथा कंखामोहणिज्ज 5 कम्मं वेदेति। (३) से नूणं भंते तमेव सच्च नीसंकज जिणेहिं पवेइयं ? हता, गोयमा ! तमेव सच्चं नीसंकं जाव पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! । ततिओ॥१-३॥*** चउत्थो उद्देसओ 'पगई' XXX सु. १. कतिपगडी' आइपंचदारपरूवणं] १. कति णं भंते ! कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ। कम्मपगडीए पढमो उद्देसो नेतव्वो जाव अणुभागो सम्मत्तो । कति पगडी ? १ कह बंधइ ? २ कतिहि व ठाणेहिं बंधती पगडी १३ । कति वेदेति व पगडी ? ४ अणुभागो कतिविहो कस्स? ५॥१॥ [सु. २-५. उदिण्ण-उवसंतमोहणिजजस्स जीवस्स उवट्ठावण -अवक्कमणाइपरूवणं] २. (१) जीवेणं भंते ! मोहणिज्जेणं कडेणं कम्मणे उदिण्णेणं उवट्ठाएज्जा ? हंता, उवट्ठाएज्जा। (२) से भंते ! किं वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा ? अवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? गोतमा ! वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा, नो अवीरियत्तशए उवट्ठाएज्जा। (३) जदि वीरियत्ताए किं बालवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा ? पंडितवीरित्ताए उवट्टाएज्जा ? बालपंडितवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा ? गोयमा ! बालवीरियत्तराए उवट्ठाएज्जा, णो पंडितविरियत्ताए उवट्ठाएज्जा, नो बाल-पंडित-वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा । ३. (१) जीवे णं भंते ! मोहणिज्जेणं कडेणं कम्मेणं उदिण्णेणं अवक्कमेज्जा ? हता, अवक्कमेज्जा। (२) से भंते ! बालपंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा ३ ? गोयमा ! बालवीरियताए बुज्झिसु अवक्कमेज्जा, नो पंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा, सिय बालपंडियवीरियत्ताए अवक्कमेजा। ४. जधा उदिण्णेणं दो आलावगा तथा उवसंतेण वि दो आलावगा भाणियव्वा । नवरं उवट्ठाएज्जा पंडियवीरियत्ताए, अवक्कमेज्जा बाल-पंडियवीरियत्ताए। ५. (१) से भंते ! किं आताए अवक्कमइ ? अणाताए अवक्कमइ ? गोयमा! आताए अवक्कमइ, णो अणाताए अवक्कमइ, मोहणिज्ज कम्मं वेदेमाणे । (२) से कहमेयं भंते ! एवं गोतमा ! पुव्विं से एतं एवं रोयति इदाणिं से एयं एवं नो रोयइ. एवं ' खलु एतं एवं। [सु. ६. कम्मवेदेणं पडुच्च मोक्खपरूवणं] ६. से नूणं भंते ! नेरइयस्स वा, तिरिक्खजोणिस्स वा, मणूसस्स वा, देवस्स वाजे कडे पावे कम्मे, नत्थि णं तस्स अवेदइत्ता मोक्खो? हंता, गोतमा ! नेरइयस्स वा तिरिक्खजोणियस्स वा, मणुस्सस्स वा, देवस्स वा जे कडे पावे कम्मे, नत्थि तस्स अवेदइत्ता मोक्खो। से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति नेरइयस्स वा जाव मोक्खो? एवं खलु मए गोयमा ! दुविहे कम्मे पण्णत्ते । तं जहा पदेसकम्मे य, अणुभागकम्मे य । तत्थ णं जं तं पदेसकम्मतं नियमा वेदेति, तत्थ णं जंतं अणुभागकम्मे य । तत्थ णं जंतं पदेसकम्मं तं नियमा वेदेति, तत्थणं जंतं अणुभागकम्मं तं अत्थेगइयं नो वेएइ । णायमेतं अरहता, सुतमेतं अरहता, विण्णायमेतं अरहता-"इमं कम्मं अयं जीवे अब्भोवगमियाए वेदणाए वेइस्सइ, इमं कम्मं अयं जीवे उवक्कमियाए वेदणाए वेइस्सइ। अहाकम्मं अधानिकरणं जधाजधा तं भगवता दिटुं तधा तधा तं विप्परिणमिस्सतीति । सेतेणटेणं गोतमा ! नेरइयस्स वा ४ जाव मोक्खो। [सु. ७-११. पोग्गलजीवाणं तिकालसासयत्तपरूवणं] ७. एस णं भंते ! पोग्गले तीतमणंतं सासर्य समयं 'भुवि' इति वत्तव्वं सिया ? हंता, गोयमा ! एस णं पोग्गले तीतमणंतं सासयं समयं 'भुवि' इति वत्तव्वं सिया। ८. एस णं भंते ! पोग्गले पडुप्पन्नं सासयं समयं भवति' इति वत्तव्वं सिया? हंता, गोयमा ! तं चेव उच्चारतव्वं । ९. एस णं भंते! पोग्गले अणागतमणंतं सासतं समयं भविस्सति' इति वत्तव्वं सिया? हंता, गोयमा ! तं चेव उच्चारतव्वं । १०. एवं खंधेण वि तिण्णि आलावगा।११. एवं जीवेण वि तिण्णि आलावगा भाणितव्वा । [सु. १२-१५. छन्मत्थ केवलीणं कमसो असिज्झणाइ-सिज्झणाइपरूवणं] १२. छउमत्थे णं भंते ! मणूसे तीतमणतं सासतं समयं केवलेणं सजमेणं केवलेणं संवरेणं, केवलेणं बंभचेरवासेणं, केवलाहिं पवयणमाताहिं सिज्झिंसु जाव सव्वदुक्खाणमंतं करिसु ? गोयमा ! नो इणढे समढे । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव अंतं करेंसु ? गोतमा ! जे केइ अंतकरा वा, अंतिमसरीरिया वा सव्वदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेति वा करिस्संति वा सव्वे ते उप्पन्ननाण-दसणधरा अरहा जिणे केवली मवित्ता ततो पच्छा सिझंति वुझंति मुच्चंति परिनिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंतं करेसुं वा करेंति वा करिस्संति वा से तेणद्वेणं गोतमा ! जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंसु। १३. पडुप्पन्ने वि एवं चेव, नवरं 'सिझंति' भाणितव्वं । १४. अणागते वि एवं चेव, नवरं 'सिन्झिस्संति' भाणियव्वं । १५. जहा छउमत्थो तधा आघोहिओ वि, तहा परमाहोहिओ वि। तिण्णि तिण्णि आलावगा भाणियव्वा । [सु. १६-१८. केवलिस्स मोक्खो संपुण्णणाणित्तं च १६. roo555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २२४5555555555555555555555555ECSROR 5555555 %%%%%% % Education Intem Page #27 --------------------------------------------------------------------------  Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ CHE 当将所乐当当乐乐乐乐乐乐乐骑乐出乐 S S S S S S S S S 乐乐乐出乐乐乐乐乐乐听出当当听乐乐乐出乐乐乐乐消消乐乐乐乐出乐乐乐乐乐乐G/ તીર્થંકર ત્રણ લોકના નાય પરમાત્મા પોતાના વિરિાષ્ટ પુણ્યના પ્રભાવે આ જગતમાં આવે છે ત્યારે ૧૪ રાજલોકના જીવો ક્ષણવાર માટે શાતા પામે છે. તેમના પાંચ પ્રસંગો કલ્યાણ ચતુર્થ વનજ્ઞાન વર્ત્યાળ : ચાર ઘાતિમાં કરનારા હોવાથી તે પંચકલ્યાણક કહેવાય છે. દ્વિતીય જન્મ કલ્યાણક : કરો ક્રિયાઓમાંથી ય કે પ્લિફમારિકાઓને સૂતિકર્મ કર્યા પછી ૬૪ કેન્દ્રો પ્રભુને મેરુ પર્વતપર લઈ જઈ ને ધામધૂમથી સ્નાત્ર મહોત્સવ ઉજવે છે. તે તૃતીય દીક્ષા કલ્યાણક : રાજપાટનો ત્યાગ કરી પ્રભુ દીક્ષા લે છે ત્યારે સ્વહસ્તે પંચમુષ્ટિ કેશલુંચન કરે છે તે વાળને ઈન્દ્રમહારાજા થાળમાં ઝીલે છે, કરેમિભતે નું વ્રત લે છે ત્યારે ચોથું મન: પર્યવ જ્ઞાન ઉત્પન્ન થાય છે અને પ્રભુ કેવળી ન થાય ત્યાં સુધી મૌન વ્રત ધારણ કરે છે. પ્રભુ માન વ્રત ધારણ કરતે હૈં। પ્રથમ ચ્યવન કલ્યાણક : અવધિજ્ઞાન સાથે તીર્થંકર પરમાત્માનો જીવ માતાની કુક્ષિમાંથ્રી પ્રભુ સમવસરણમેં બૈર વેરાના પ્રવાન વરતે હૈં। પધારે છે ત્યારે માતાને ૧૪ સ્વપ્નો દેખાય છે. બા ય પારને વે યાય પ્રમુ જો વનજ્ઞાન की प्राप्ति होती है। तब प्रभुसे कोई भी चीज अज्ञात नहीं है। पूर्ण केवलज्ञान प्राप्ति के अनंतर : તૃતીય વીશા બન્યા : રાનપાટ નો ત્યાગ વ ામુ દીક્ષા યદળ વરતે “સત્ર પ્રવને હાથ से पंचमुष्टि केशलुंचन करते हैं। उन केशों को इन्द्र महाराज थार में लेते हैं और जब करे मिभंते का व्रत ग्रहण करते हैं तब चतुर्थ मनः पर्यव ज्ञान होता है। जब तक खुद केवली न बनें तब Januages international and_us - DEEE EE ELE E LESS USE FRESHE IS पंचम निर्वाण कल्याणक शेष चार अघाति कर्मों का क्षय करने के बाद प्रभु इस नश्वर देह का त्याग कर मोक्ष प्राप्त करते हैं जहाँ जन्म-जरा-मृत्यु इत्यादि के कोई भी दुःख नहीं। When the Lord of the three worlds descends on this earth by the power of his special merits, the beings of the 14 worlds feel relief for the moment. There are five events called Benefactors, because they confer beneficence. The first benefactor called Descent: When Tirthankara Lord enters into ચતુર્થ કેવલજ્ઞાન કલ્યાણક : ચાર ઘાતિકર્મો ખપાવી પ્રભુ કેવળજ્ઞાન પ્રાપ્ત કરે છે ત્યારે the mother's womb, she sees 14 objects in the dream. પછી પ્રભુધી કોઠપણ ચીજ જાણી નથી. સંપૂર્ણ એવું કેવળજ્ઞાન મેળવી લીધા પછીજ સમવસરણમાં બેસી દેશના આપે છે. The second benefactor called Birth: After the maternity service by 56 maidens from all the 10 directions, 64 Indras carry the Lord on the Mt. પંચમ નિર્વાણ કલ્યાણક : બાકી રહેલા ચાર અઘાતિકર્મોને અપાવી પ્રભુ નશ્વર દેહને Meru and celebrate the Birthday pompously. છોડી મોક્ષે સિધાવે છે જ્યાં જન્મ, જરા, મૃત્યુ વગેરેના કોઈ દુ:ખ નથી. The third benefactor called Initiation : When the Lord abandons royal pleasures and takes initiation, he plucks five fist ful hair himself and king Indra receives them in a plate. When the Lord takes up the vow of kare સીનો બોજ વે. નાય તીર્થંકર પરમાત્મા ઊપને વિશિષ્ટ પુષ્પો છે. વાવ સે સ નાત મેં ગાતે હૈ તવ ૬૪ સ્ત્રોત છે. પ્રાખિયો જો અનન્ય શાંતિ મિન્નતી દા પુત્ત પરમાત્મા ને પાંચ પ્રસંગmibhante(whatever received unsought), he attains the knowledge called को पंचकल्याणक कहते हैं। क्यों कि वे पाँच कल्याणकारी है। manah-paryava and takes up the vow of keeping silence till the Absolute Knowledge, પ્રથમ વ્યવન સ્ત્યાળવા : લાધિજ્ઞાન તે ખાય તીર્થર પરમાત્મા આ ગીવ માતા જે ૩૬ The fourth benefactor called Absolute knowledge : After the destruction में पधारता है तब माता १४ स्वप्न देखती है। of the four types of killing Karmas, the Lord receives the Absolute Knowledge and becomes an all-knowing person. After the Absolute દ્વિતીય ન વન્ત્યાળવા : વશ વિરો છે દ્દ વિશ્વમારિયા દ્વારા મૂતિમ છે વાવ ૬૪ knowledge only, he sits to preach in the Sanavasarana. इन्द्र प्रभुको मेरु पर्वतपर ले जाते हैं और धामधूम से स्नात्र महोत्सव मनाते हैं। The fifth benefactor called Absolution: After the destruction of the remaining four types of non-killing Karmas, the Lord attains the Absolution or Salvation where there are no miseries of birth, old age, death, etc. E F =TE THE EM www.jainelibrary Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १ सतं उद्देसक ४५ [१०] फ्र वीणं भंते! मणूसे तीतमणंतं सासयं समयं जाव अंतं करेंसु ? हंता, सिज्झिंसु जाव अंतं करेंसु । एते तिण्णि आलावगा भाणियव्वा छउमत्थस्स जधा, नवरं सिज्झिंसु, सिज्झिस्संति । १७. से नूणं भंते । तीतमणं तं सासयं समयं, पडुप्पन्नं वा सासयं समयं, अणागतमर्णतं वा सासयं समयं जे केइ अंतकरा वा अंतिमसरीरिया वा संव्वदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेति वा करिस्सति वा सव्वे ते उप्पन्ननाण-दंसणधरा अरहा जिणे केवली भवित्ता तओ पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेस्संति वा हंता, गोयमा ! तीतमतं सासतं समयं जाव अंतं करेस्संति वा । १८. से नूणं भंते ! उप्पन्ननाण- दंसणधरे अरहा जिणे केवली 'अलमत्थु' त्ति वत्तव्वं सिया ? हंता, गोयमा ! उप्पन्ननाण-दंसणधरे अरहा जिणे केवली 'अलमत्यु' त्ति वत्तव्वं सिया । सेवं मंते ! सेवं भंते! ति० ॥ ॥ चउत्थो ॥ ★★★ पंचमो उद्देसो 'पुढवी' KKK666666 [सु. १-५. चउवीसदंडयाणं आवाववंखापरूवणं] १. कति णं भंते! पुढवीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णत्ताओ । तं जहा रयणप्पभा जाव तमतमा । २. इमीसे णं भंते ! रतणप्पभाए पुढवीए कति निरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता ? गाधा तीसा य पण्णवीसा पण्णरस दसेव या सयसहस्सा। तिण्णेगं पंचूर्ण पंचेव अणुत्तरा निरया ॥१॥ ३. केवतिया णं भंते! असुरकुमारावाससतसहस्सा पण्णत्ता ? एवं चोयट्ठी चउरासती य होति नागाणं। बावत्तरी सुवण्णाण, वाउकुमाराण छण्णउती ॥२॥ दीव- दिसा - उदहीणं विज्जुकुमारिंदथणिय - मग्गीणं । छण्हं पि जुयलगाणं छावत्तरिमो सत्तसहस्सा ॥ ३ ॥ ४. केवतिया भंते ! पुढविक्काइयावाससतसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा पुढविक्काइयावाससयसहस्सा पण्णत्ता जाव असंखेज्जा जोदिसियविमाणावाससयसहस्सा पण्णत्ता । ५. सोहम्मे णं भंते! कप्पे कति विमाणावाससतसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा ! बत्तीसं विमाणावाससतसहस्सा पण्णत्ता ? एवं बत्तीसऽट्ठावीसा बारस अट्ठ चउरो सतसहस्सा। पण्णा चत्तालीसा उच्च सहस्सा सहस्सारे ||४|| आणय-पाणयकप्पे चत्तारि सताऽऽरणs - च्चुए तिण्णि । सत्त विमाणसत्ताइं चउसु वि एएसु कप्पेसुं ॥५॥ एक्कारसुत्तरं हेट्ठिमेसु सत्तुत्तरं च मज्झिमए । सतमेगं उवरिमए पंचेव अणुत्तरविमाणा ||६|| [सु. ६. पंचमुद्देसगस्स अत्याहिगारदारगाहा ] ६. पुढविट्ठति १ ओगाहण २ सरीर ३ संघयणमेव ४ संठाणे ५ । लेस्सा ६ दिट्ठी ६ णाणे ८ जोगुवओगे ९-१० य दस ठाणा ॥१४॥ [सु. ७-९. नेरइयाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं पढमं ठितिद्वाणपरूवणदारं] ७. इमीसे णं भंते । रतणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावासतसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि नेरतियाणं · केवतिया ठितिठाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा ठितिठाणा पण्णत्ता । तं जहा जहन्निया ठिती, समयाहिया जहन्निया ठिई, दुसमयाहिया जहन्निया ठिती जाव असंखेज्नसमयाहिया जहन्निया ठिती, तप्पाउग्गुक्कोसिया ठिती । ८. इमीसे णं भंते । रतणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससतसहसकसेसु एगमेगंसि निरयावासंसि जहन्नियाए ठितीए वट्टमाणा नेरइया किं कोधोवउत्ता, माणोवउत्ता, मायोवउत्ता, लोभोवउत्तश ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा कोहोवउत्ता १, अहवा कोहोवउत्ता, यमाणवत्तय २ अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य ३, अहवा कोहोवउत्ता य मयोवउत्ते य ४, अहवा कोहोवउत्ता मायोवउत्ता य ५, अहवा कोहोवउत्ता य लोभोवउत्ता ६, अहवा कोहोवउत्ता य लोभोवउत्ता य ७ । अहवा कोहोवउत्ता य मणोवउत्ते य मायोवउत्ते य १, कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य मायोवउत्ता य २, कोहोत्तउत्ता य माणोवउत्ता य मयोवउत्ते य ३, कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायाउवउत्ता य ४ । एवं कोह-माण -लोभेण वि चउ ४ । एवं कोह- माया -लोभेण वि चउ ४, एवं १२ । पच्छा माणेण मायाए लोभेण य कोहो भइयव्वो, ते कोहं अमुंचता ८ । एवं सत्तावीसं भंगा णेयव्वा । ९. इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए 'निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि समयाधियाए जहन्नद्वितीए वट्टमाणा नेरइया किं कोधोवउत्ता, माणोवउत्ता, मायोवउत्ता, लोभोवउत्ता ? गोयमा ! कोहोत्तउत्ते य माणोवउत्ते य माणोवउत्ते य लोभोवउत्ते य ४ । कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायोत्तउत्ता य लोभोवउत्ता य ८ । अधवा कोहोवउत्ते य माणोवउत्ते य १०, अधवा कोहोत्तउत्ते य माणोवयुत्ता य १२, एवं असीति भंगा नेयव्वा, एवं जाव संखिज्जसमयाधिया ठिई । असंखेज्जसमयाहियाए ठिईए तप्पा उग्गुक्कोसिया ठिईए सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा । [ सु. १०-११. नेरइयाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वपुव्वं बीयं ओगाहणठाणदारं ] १०. इमीसे णं भंते! रतणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि नेरइयाणं केवतिया ओगाहणाठाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा ओगाहणाठाणा पण्णत्ता । तं ज श्री आगमगुणमंजूषा - २२५ SOYON K Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १ सतं उद्देसक ५ [११] जधन्निया ओगाहणा, पदेसाहिया जहन्निया ओगाहणा, दुप्पदेसाहिया जहन्निया ओगाहणा जाव असंखेज्जपदेसाहिया जहन्निया ओगाहणा, तप्पाछग्गुक्कोसिया ओगाहणा । ११. इमीसे णं भंते! रतणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि जहन्नियाए ओगाहणाए वट्टमाणा नेरतिया किं कोहोवउत्ता० ? असीति भंगा भाणियव्वा जाव संखिज्जपदेसाधिया जहन्निया ओगाहणा । असंखेज्जपदेसाहियाए जहन्नियाए ओगाहणाए वट्टमाणाणं तप्पाउग्गुक्कोसियाएं ओगाहणाए वट्टमाणाणं नेरइयाणं दोसु वि सत्तावीसं भंगा। [सु. १२-१३. नेरइयाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं तइयं सरीरदारं ] १२. इमीसे णं भंते! रयण० जाव एगमेगंसि निरयावासंसि नेरतियाणं कति सरीरया पण्णत्ता ? गोयमा ! तिण्णि सरीरया पण्णत्ता । तं जहा वेउव्विए तेयए कम्मए । १३. (१) इमीसे णं भंते ! जाव वेउव्वियसरीरे वट्टमाणा नेरतिया किं कोहोवयुत्ता० |? सत्तावीसं भंगा । २ एतेणं गमेणं तिण्णि सरीरा भाणियव्वा । [सु. १४-१५. नेरइयाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं चउत्थं संघयणदारं] १४. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवाह जाव नेरइयाणं सरीरगा किं संघयणा पण्णत्ता ? गोयमा ! छण्हं संघयणाणं असंघयणा, नेवऽट्ठी, नेव छिरा, नेव ण्हारूणि । जे पोग्गला अणिट्ठा अकंता अप्पिया असुभा अमुणुण्णा अमणामा ते तेसिं सरीरसंघातत्ताए परिणमंति। १५. इमीसे भंते! जाव छह संघयणाणं असंघयणे वट्टमाणा नेरइया किं कोहोवउत्ता० ? सत्तावीसं भंगा। [सु. १६-१७. नेरइयाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं पंचमं संठाणदारं] १६. इमीसे णं भंते! रयणप्पभा जाव सरीरया किंसंठिता पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविधा पण्णत्ता । तं जहा भवधारणिज्जा य उत्तरवेउब्विया । जे ते भवधारिणिज्जाते हुंडसंठिया पण्णत्ता । तत्थ णं उत्तरवेउब्विया ते वि हुंडसंठिया पण्णत्ता । १७. इमीसे णं जाव हुंडठाणे वट्टमाणा नेरइया किं कोहोवउत्ता० ? सत्तावीसं भंगा। [सु. १८-१९. नेरइयाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं छट्टं लेसादारं] १८. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयाणं कति लेसाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! एक्का काउलेसा पण्णत्ता । १९. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए जाव काउलेस्साए वट्टमाणा० ? सत्तावीसं भंगा। [सु. २०-२१. नेरइयाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं सत्तमं दिट्ठिदारं ] २०. इमीसे णं जाव किं सम्मद्दिट्ठी मिच्छद्दिट्ठी सम्मामिच्छद्दिट्ठी ? तिण्णि वि । २१. (१) इमीसे णं जावसम्म वट्टमाणा नेरइया० ? सत्तावीसं भंगा । (२) एवं मिच्छद्दसंणे वि । (३) सम्मामिच्छद्दसंणे असीति भंगा। [सु. २२-२३. नेरइयाणं कोहोउत्ताइवत्तव्वयापुवं अट्ठमं नाणदारं ] २२. इमीसे णं भंते ! जाव किं णाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! णाणी वि, अण्णाणी वि । तिण्णि नाणाणि नियमा, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । २३. (१) इमीसे णं भंते! जाव आभिणिबोहियणाणे वट्टमाणा० ? सत्तावीसं भंगा। (२) एवं तिण्णि णाणाई, तिण्णि य अण्णाणाई भाणियव्वहं । [ सु. २४-२५. नेरइया णं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं नवमं जोगदारं ] २४. इमीसे णं जाव किं मणजोगी, वइजोगी, कायजोगी ? तिण्णि वि । २५. ( १ ) इमीसे णं जाव मणजोए वट्टमाणा किं कोहोवउत्ता० ? सत्तावीसं भंगा। (२) एवं वइजोए । एवं कायाजोए । [सु. २६-२७. नेरइयाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं दसमं उवओगदारं] २६. इमीसे णं जाव नेरइया किं सागरोवयुता, अणागारोवयुत्ता ? गोयमा ! सागरोवउत्ता वि, अणागारोवयुत्ता वि । २७ (१) इमीसे णं जाव सागरोवओगे वट्टमाणा किं कोहोवउत्ता० ? सत्तावीसं भंगा । (२) एवं अणागारोवउत्ते वि सत्तावीसं भंगा। [सु. २८. सत्तविहनेरइयाणं छट्ठे लेसादारे णाणत्तं ] २८. एवं सत्त वि पुढवीओ नेतव्वाओ। णाणत्तं लेस्सासु, गाधा काऊ य दोसु, ततियाए मीसिया, नीलिया चउत्थीए। पंचमियाए मीसा, कण्हा, तो परमकण्हा ॥७॥ [सु. २९. भवणवासीणं कोहोवउत्ताइत्तव्वयापुव्वं ठिति - ओगाहणाइदसदारपरूवणं] २९. चउसट्ठीए णं भंते । असुरकुमारावाससतसहस्सेसु एगमेगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमाराणं केवतिया ठिइठाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा ठितिठाणा पण्णत्ता । तं जहा जहन्निया ठिई जहा नेरतिया तहा, नवरं पडिलोभा भंगा भाणियव्वा सव्वे वि ताव होज्ज लोभोवयुत्ता, अधवा लोभोवयुत्ता य मायोवउत्ते य, अहवा लोभोवयुत्ता य मायोवयुत्ता य । एतेणं गमेणं नेतव्वं जाव थणियकुमारा, नवरं णाणत्तं जाणितव्वं । [सु. ३०-३२. एगिदियाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं ठितिओगाहणाइदसदापरूवणं ] ३०. असंखेज्जेसु णं भंते ! पुढविकाइयावाससतसहस्सेसु एगमेगंसि पुढविकाइयावासंसिस पुढविक्काइयाणं केवतिया ठितिठाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा ठितिठाणा पण्णत्ता । तं जहा जहन्निया ठिई जाव तप्पा उग्गुक्कोसिया श्री आगमगुणमंजूषा २२६ 9 MOKORK Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ CTIO虽听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐坊乐乐听听听听听听听听听听听听听乐乐GIC BOOKS5%%%%%%%%%%% % (५) भगवई १ सतं उद्देसक ५ [१२] 555555555555555250g ठिती। ३१. असंखेजेसुणं भंते ! पुढविक्काइयावास सतसहस्सेसुएगमेगंसि पुढविक्काइयावासंसि जहन्नठितीए वट्टमाणापुढविक्काइया किं कोधोवउत्ता, माणोवयुत्ता, मायोवउत्ता, लोभोवउत्ता? गोयमा! कोहोवउत्ता वि माणोवउत्ता विमायोवयुत्ता विलोभोवउत्ता वि। एवं पुढविक्काइयाणं सव्वेसु वि ठाणेसुअभंगयं, नवरं तेउलेस्साए असीति भंगा। ३२. (१) एवं आउक्काइया वि। (२) तेउक्कइया -वाउक्कइयाणं सव्वेसु वि ठाणेसु अभंगय। (३) वणप्फतिकाइया जधा पुढविक्काइया। [सु. ३३. विगलिदियाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं ठिति -ओगाहणाइदसदारपरूवणं] ३३. बेइंदिय- तेइदिय -चउरिदियाणं जेहिं ठाणेहिं नेरतियाणं असीइ भंगा तेहिं ठाणेहिं असीई चेव । नवरं अब्भहिया सम्मत्ते, आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे य, एएहि असीइ भंगा; जेहिं ठाणेहिं नेरतियाणं सत्तावीसं भंगा तेसु ठाणेसु सव्वेसु अभगये। [सु. ३४. पंचिदियतिरिक्खाणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं ठितिओगाहणाइदसदारपरूवणं]३४. पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जधानेरइया तधा भाणियव्वा, नवरं जेहिं सत्तावीसं भंगा तेहिं अभंगयं कायव्वं । जत्थ असीति तत्थ असीति चेव। [सु. ३५. मणुस्साणं कोहोवउत्तव्वयापुव्वं ठिति-गाहणाइदसदारपरूवणं] ३५. मणुस्सा वि । जेहिं ठाणेहि नेरइयाणं असीति भंगा तेहिं ठाणेहि मणुस्साण वि असीति भंगा भाणियव्वा । जेसु ठाणेसु सत्तावीसा तेसु अभंगय, नवरं मणुस्साणं अमहिय- जहन्नियाए ठिईए आहारए य असीति भंगा। [सु. ३६. वाणुमंतराईणं कोहोवउत्ताइवत्तव्वयापुव्वं ठिति -ओगाहणाइदसदारपरूवणं] ३६. वाणमंतर - जोदिस-वेमाणिया जहा भवणवासी (सु.२९), नवरं णाणत्तं जाणियव्वं जं जस्स; जाव अणुतरा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० **पंचमोउद्देसो समत्तो ॥५॥ * * * छट्ठो उद्देसो 'जावंते' * * * [सु.१-४. सूरिअस्स उदयऽत्थमणाइं पडुच्च अंतर-पगासखेत्ताइपरूवणं] १. जावतियातो णं मंते ! ओवासंतरातो उदयंते सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छति, अत्थमंते वि य णं सूरिए तावतियाओ चेव ओवासंतराओ चक्खुफासं हव्वमागच्छति ? हंता, गोयमा ! जावतियाओ णं ओवासंतराओ उदयंते सूरिए हव्वमागच्छति अत्थमंतें वि सूरिए जाव हव्वमागच्छति । (२). जावतियं णं भंते ! खेत्तं उदयंते सूरिएं आतवेणं सव्वतो समंता ओभासेति उज्जोएति तवेति पभासेति अत्थमंते वि य णं सूरिए तावइयं चेव खेत्तं आतवेणं सव्वतोसमंता ओभासेति उज्जोएति तवेति पभासेति? हंता, गोयमा ! जावतियं णं खेत्तं जाव पभासेति । ३ (१) तं भंते ! किं पुढं ओभासेति अपुढे ओभासेति ? जाव छद्दिसिं ओभासेति। (२) एवं उज्जोवेदि ? तवेति पभासेति ? जाव नियमा छद्दिसिं। ४. (१) से नूणं भंते ! सव्वंति सव्वावंति फुसमाणकालसमयंसिजावतियं खेत्तं फुसइ तावतियं फुसमाणे पुढे त्तिवत्तव्वं सिया? हता, गोयमा ! सव्वति जाव वत्तव्वं सिया। (२) तंभंते ! किं पुढे फुसति अपुढे फुसइ है. जाव नियमा छद्दिसिं। [सु. ५-६. लोयंत-अलोयंताईणं फुसणापरूवणं] ५. (१) लोअंते भंते ! अलोअंतं फुसति? अलोअंते विलोअंतं फुसति ? हंता, गोयमा ! लोगते अलोगंतं फुसति, अलोगते विलोगंतं फुसति। (२) तंभंते ! किं पुढे फुसति? जाव नियमा छद्दिसिंफुसति । ६. (१) दीवंते भंते ! सागरंतं फुसति ? सागरंते वि दीवंतं फुसति ? हंता, जाव नियमा छद्दिसिंफुसति। (२) एवं एतेणं अभिलावेणं ॥ उदयंते पोदंतं, छिइंते दूसंतं, छायंते आतवंतं ? जाव नियमा छद्दिसिंफुसति। [सु.७-११.जीव-चउवीसदंडगेसुपाणाइवायाइपावट्ठाणपभवकम्मफुस्सणापरूवणं] ७. (१) अत्थिणं भंते ! जीवाणं पाणातिवातेणं किरिया कज्जति ? हंता, अत्थि। (२) सा भंते ! किं पुट्ठा कज्जति ? अपचट्ठा कज्जति ? जाव निव्वाघातेणं छद्दिसिं, वाघातं पडुच्च सिय तिदिसिं, सिय चउदिसिं, सिय पंचदिसिं। (३) सा भंते ! किं कडा कज्जति ? अकडा कज्जति ? गोयमा ! कडा कज्जति, नो अकडा कज्नति। (४) सा भंते ! किं अत्तकडा कज्जति ? परकडा कज्जति ? तदुभयकडा कज्जति ? गोयमा ! अत्तकडा कज्जति, णो परकडा कज्जति, णो तदुभयकडा कज्जति। (५) साभंते! किं आणुपुस्विकडा कज्जति ? अणाणुपुब्विकडा कज्जति ? गोयमा ! आणुपुश्विकडा कज्जति, नो अणाणुपुव्विकडा कज्जति । जा य कडा, जा य कजति. जाय कज्जिस्सति सव्वा सा आणुपुस्विकडा; नो अणाणुपुश्विकड त्ति वत्तव्वं सिया।८. (१) अत्थिणं भंते ! नेरइयाणं पाणातिवायकिरिया कति ? हता, अत्थि। (२) म सा भंते ! किं पुट्ठा कज्जति ? अपुट्ठा कज्जति ? जाव नियमा छद्दिसिंकज्जति। (३) सा भंते! किं कड़ा कज्जति ? अकडा कज्जति? तं चेव जाव नो अणाणपव्विकड NGO乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明明明明明明乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐园 MeroSI 5 555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २२७७० 5555445555555555555555555555IOR Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फफफफफफफफ गगगगगगगग (५) भगवई सत उसक६ [१३] त्ति वत्तव्वं सिया । ९. जधा नेरइया (सु. ८) तहा एगिंदियवज्जा भाणितव्वा जाव वेमाणिया । १०. एकिंदिया जधा जीवा (सु. ७) तहा भाणियव्वा । ११. जहा पाणादिवाते (सु. ७-१०) तधा मुसावादे तधा अदिन्नादाणे मेहुणे परिग्गहे कोहे जाव मिच्छादंसणसल्ले एवं एते अट्ठारस, चउवीसं दंडगा भाणियव्वा । सेवं भंते! त्ति भगवं गोतमे समणं भगवं जाव विहरति । [सु. १२. रोहस्स अणगारस्स वण्णओ ] १२. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतेवासी रोहे नामं अणगारे पगतिभद्दए पगतिभउए पगतिविणीते पगतिउवसंते पगतिपतंणुकोह -माण - माय लोभे मिदुमद्दवसंपन्ने अल्लीणे भद्दए विणीए समणस्स भगवतो महावीरस्स अदूरसामंते उडुंजाणू अहोसिरे झाणकोट्ठोवगते संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति । तए णं से रोहे नामं अणगारे जातसड्ढे जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी [सु. १३-२४. रोहाणगारपण्हत्तरे लोयालोय- जीवाजीवाइ अणेगभावाणं सासयत्त - अणाणुपुव्वीपरूवणं ] १३. पुव्विं भंते! लोए ? पच्छा अलोए ? पुव्विं अलोए ? पच्छा लोए ? रोहा ! लोए य अलोए य पुव्विं पेते, पच्छा पेते, दो वि ते सासता भावा, अणाणुपुव्वी एसा रोहा ! । १४. पुव्विं भंते ! जीवा ? पच्छा अजीवा ? पुव्विं अजीवा ? पच्छा जीवा ? जहेव लोए य अलोए य तहेव जीवा य अजीवा य । १५. एवं भवसिद्धिया, अन्नवसिद्धिया य सिद्धी असिद्धी सिद्धा असिद्धा । १६. पुव्विं भंते! अंडए ? पच्छा कुक्कुडी ? पुव्विं कुक्कुंडी ? पच्छा अंडए ? रोहा ! से णं अंडए कतो ? भगवं ! तं कुक्कुडीतो, सा णं कुक्कुडी कतो ? भंते! अंडगातो। एवामेव रोहा ! से य अंडए सा य कुक्कुडी, पुव्विं पेते, पच्छा पेते, दो वेते सासता भावा, अणाणुपुव्वी एसा रोहा ! । १७. पुव्विं भंते! लोअंते ? पच्छा अलोयंते ? फुव्वं अलोअंते ? पच्छा लोअंते ? रोहा लोअंते य अलोअंते य जाव अणाणुपुव्वी एसा रोहा ! । १८. पुव्विं भंते! लोअंते ? पच्छा सत्तमे ओवासंतरे ? पच्छा। रोहा ! लोअंते य सत्तमे य ओवासंतरे पुव्विं पेते जाव अणाणुपुव्वी एसा रोहा ! । १९. एवं लोअंते य सत्तमे य तणुवाते । एवं घणवाते, घणोदही, सत्तमा पुढवी । २०. एवं लोअंते एक्वेक्केणं संजोएतव्वे इमेहिं ठाणेहिं, तं जहा ओवासा वात घण उदही पुढवी दीवा य सागरा वासा । नेरइयादी अत्थिय समया कम्माई लेस्साओ || १ || दिट्ठी दंसण णाणा सण सरीरा य जोग उवओगे। दव्व पदेसा पज्जव अद्धा, किं पुव्वि लोयंते ? ||२|| पुव्विं भंते! लोयंते पच्छा सव्वद्धा १० । २१. जहा लोयंतेणं संजोइया सव्वे ठाणा एते, एवं अलोयं ण वि संजोएतव्वा सव्वे । २२. पुव्विं भंते! सत्तमे ओवारे ? पच्छा सत्तमे तणुवाते ? एवं सत्तमं ओवासंतरं सव्वेहिं समं संजोएतव्वं जाव सव्वद्धाए । २३. पुव्विं भंते ! सत्तमे तणुवाते ? पच्छा सत्तमे घणवाते ? एयं पि तहेव नेतव्वं जाव सव्वद्धा । २४. एवं उवरिल्लं एक्वेक्कं संजोयंतेणं जो जो हेट्ठिल्लो तं तं छङ्केतेणं जाव अतीत- अणागतद्धा पच्छा सव्वद्धा जाव अणाणुपुव्वी एसा रोहा ! । सेवं भंते त्ति ! जाव विहरति । [ सु. २५. गोयमपण्हूत्तरे वत्थिउदाहरणजुयं लोगट्ठिइभेयपरूवणं ] २५ (१) भंते त्ति भगवं गोतमे समणं जाव एवं वदासि कतिविहा णं भंते! लोयद्विती वण्णत्ता ? गोयमा ! अट्ठविहा लोयट्ठिती पण्णत्ता । तं जहा आगासपतिट्ठिते वाते, १, वातपतिट्ठिते उदही २, उदहिपतिट्ठिता पुढवी ३, पुढविपतिट्ठिता तस थावरा पाणा ४, अजीवा जीवपतिट्ठिता ५, जीवा कम्मपतिट्ठिता ६, अजीवा जीवसंगहिता ७, जीवा कम्मसंगहिता ८ । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चिति अट्ठविहा जाव जीवा कम्मसंगहिता ? गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे वत्थिमाडोवेति, वत्थिमाडोविता उप्पिं सितं बंधति, बंधिता मज्झे णं गंठि बंधति, मज्झे गंठिं बंधित्ता उवरिल्लं गंठिं मुयति, मुइत्ता उवरिल्लं देसं वामेति, उवलिल्लं देसं वामेत्ता उवरिल्लं देस आउयास्स पूरेति, पूरित्ता उप्पिं सितं बंधति बंधित्ता मज्झिल्लं गठिं मुयति । से नूणं गोयमा ! से आउयाए तस्स वयस्स उप्पिं उवरितले चिट्ठति ? हंता, चिट्ठति । से तेणिट्ठेणं जाव जीवा कम्मसंगहिता। (३) से जहा वा केइ पुरिसे वत्थिमाडोवेति, आडोवित्ता कडीए बंधति, बंधत्ता अत्थामतारमपोरुसियंसि उदगंसि ओगाहेज्जा से नूणं गोयमा से पुरिसे तस्स आउयायस्स उवरिमतले चिट्ठति ? हंता, चिट्ठति । एवं वा अट्ठविहा लोट्ठिती पण्णत्ता जाव जीवा कम्मसंगहिता । [सु. २६. हरदगयनावादिट्टंतजुयं जीव-पोग्गलाणमन्नोन्नबद्धत्ताइपरूवणं] २६. (१) अत्थि णं भंते ! जीवा य पोग्गला य अन्नमन्नबद्धा अन्न- मन्त्रपुट्ठा अन्नमन्नपोगाठा अन्नमन्नसिणहेपडिबद्धा अन्न मन्नछडताए चिट्ठति १ हंता अत्थि । (२) से फेणणं भंते ! जाव चिट्ठति ? गोमा ! से जहानामए हरदे सिया पुण्णे पुण्णप्पमाणे वोलट्ठमाणे वोसट्टमाणे समभरघडत्ताए चिट्ठति, अहे णं केइ पुरिसे तंसि हरदंसि एगं महं नावं सदासवं सतछिडुं श्री आगमगुणमंजूषा २२८ ॐ ॐ ॐ Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGO5555555555555555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक - ६.७ [१४] 「五五五五五五五五五$$$$$22.CE SHOTOS 听听听听听听听听听乐听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听明格 ओगाहेज्जा । से नूणं गोयमा ! सा णावा तेहिं आसवद्दारेहिं आपूरमाणी आपूरमाणी पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठति ? हंता, म चिट्ठति। से तेणद्वेणं गोयमा ! अत्थि णं जीवा य जाव चिट्ठति। [सु. २७. सुहुमआउकायस्स पवडणपरूवणं कालट्ठिई य] २७. (१) अत्थि णं भंते ! सदा समितं सुहमे सिणेहकाये पवडति ? हंता, अत्थि। (२) से भंते ! किं उड्डे पवडति, अहे पवडति तिरिए पवडति ? गोयमा ! उड्ढे वि पवडति, अहे वि पवडति, तिरिए वि पवडति। (३) जहा से बादरे आउकाए अन्नमन्नसमाउत्ते चिरं पि दीहकालं चिट्ठति तहा णं से वि? नो इणढे समढे, सेणं खिप्पामेव विद्धंसमागच्छति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति!। *** छद्रो उहेसो समत्तो ॥६॥ * * * सत्तमो उद्देसो 'नेरइए'★ ★ ★ [सु. १.२. उवज्जमाणेसु चउवीसदंडएसु देस-सव्वेहिं उवज्जणाआहाराहियारो] १. (१) नेरइए णं भंते !.नेरइएसू उववज्जमाणे किं देसेणंदेसं उववज्जति १, देसेणंसव्वं उववज्जति २, सव्वेणंदेसं उववज्जति ३, सव्वेणंसव्वं उववज्जति ४ ? गोयमा ! नो देसेणंदेसं उववज्जति, नो देसेणंसव्वं उववज्जति, नो सव्वणंदेसं उववज्जति, सव्वेणंसव्वं उववज्जति । (२) जहा नेरइए ' एवं जाव वेमाणिए।१।२. (१) नेरइए णं भंते ! नेरइएसु उववज्जमाणे किं देसेणंदेसं आहारेति १, देसेणंसव्वं आहारेति २, सव्वेणंदेसं आहारेति ३, सव्वेणंसव्वंभ आहारेति ४ ? गोयमा ! नो देसेणंदेसं आहारेति, नो देसेणंसव्वं आहारेति, सव्वेण वा देसं आहारेति, सब्वेण वा सव्वं आहारेति । (२) एवं जाव वेमाणिए ।२। सु. ३-४. उव्वट्ठमाणेसु चउवीसदंडएसु देस-सव्वेहिं उव्वट्ठणाआहाराहियारो] ३. नेरइए णं भंते ! नेरइएहिंतो उव्वट्ठमाणे किं देसेणंदेसं उव्वदृति ? जहा उववज्जमाणे (सु. १) तहेव उव्वट्टमाणे वि दंडगो भाणितव्वो।३।४. (१) नेरइए णं भंते ! नेरइएहितो उव्वट्टमाणे किं देसेणंदेसं आहारेति ? तहेव जाव (सु.२१), सव्वेण वा देसं आहारेति, सव्वेण वा सव्वं आहारेति। २ एवं जाव वेमाणिए।४। [सु. ५. उववन्न-उव्वट्टेसु चउवीसदंडएसु देस-सव्वेहिं उववन्न-उव्वट्टतत्तयौराहियारो] ५. (१) नेरइए णं भंते ! नेरइएसु उववन्ने किं देसेणंदेसं उववन्ने ? एसोवि तहेव जाव सव्वेणंसव्वं उववन्ने। (२) जहा उववट्टमाणे उववज्जमाणे य चत्तारि दंडगा तहा उववन्नेणं उव्वट्टेण वि चत्तारि दंडगा भाणियव्वा । सव्वेणंसव्वं उववन्ने; सव्वेण वा देसं आहारेति, सव्वेण वा सव्वं आहारेति, एएणं अभिलावेणं उववन्ने वि, उववढे वि नेयव्वं ।। [सु. ६. उववज्जमाणाईसु चउवीसदंडएसु अद्ध-सव्वेहिं उववज्जणाइतत्तयाहाराहियारो] ६. नेरइए णं भंते ! नेरइएसू उववज्जमाणे किं अद्धेणंअद्धं उववज्जति १, अद्धेण सव्वं उववज्जति २? सव्वेणंअद्धं उववज्जइ ३? सव्वेणंसव्वं उववज्जति ४? जहा पढमिल्लेणं अट्ठ दंडगा तहा अरेण वि अट्ठ दंडगा भाणितव्वा । नवरं जहिं देसेणंदेसं उववज्जति तहिं अद्धेणंअद्धं उववज्जावेयव्वं, एयं णाणत्तं । एते सव्वे विसोलस दंडगा भाणियव्वा । [सु. ७-८. जीव-चउवीसदंडएसु एगत्त-पुहत्तेणं विग्गइपरूवणं ] ७. (१) जीव णं भंते ! किं विग्गहगतिसमावन्नए ? अविग्गहगतिसमावन्नए ? गोयमा ! सिय विग्गहगतिसमावन्नए, सिय अविग्गहगतिसमावन्नगे। (२) एवं जाव वेमाणिए। ८ (१) जीवाणं भंते ! किं विग्गहगतिसमावन्नगा ? अविग्गहगतिसमावन्नगा ? गोयमा ! विग्गहगतिसमावन्नगा वि, अविग्गहगतिसमावन्नगा वि। (२) नेरझ्याणं भंते ! किं विग्गहगतिसमावन्नगा ? अविग्गहगतिसमावन्नगा? गोयमा! सव्वे वि ताव होज्जा अविग्गहगतिसमावन्नगा १, अहवा अविग्गहगतिसमावन्नगा य विग्गहगतिसमावन्नगे य २, अहवा अविग्गहगतिसमावन्नगा य विग्गहगतिसमावन्नगा य ३ । एवं जीव- एगिदियवज्जो तियभंगो। [सु. ९. देवस्स चवणाणंतरभवाउयपडिसंवेदणाहियारो] ९. देवे णं भंते ! महिड्डिए महज्जुतीए महब्बले महायसे महेसक्खे महाणुभावे अविउक्वंतियं चयमाणे किंचि वि कालं हिरिवत्तियं दुगुंछावत्तियं परिस्सहवत्तियं आहारं नो आहारेति; अहे णं आहारेति, आहारिज्जमाणे आहारिए, परिणामिज्जमाणे परिणामिए, पहीणे य आउए भवइ, जत्थ उववज्जति तमाउयं पडिसंवेदेति, तं जहा तिरिक्खजोणियाउयं वा मणुस्साउयं वा ? हंता, गोयमा ! देवे णं महिड्डीए जाव मणुस्साउगं वा। [सु. १०१२. गब्भं वक्कममाणस्स जीवस्स सइंदियत्त ससरीरत्त-आहाराहियारो] १०. जीवेणं भंते ! गब्भं वक्कममाणे किं सइंदिए वक्कमति, अणिदिए वक्कमति ? गोयमा ! सिय सइंसिए वक्कमइ, सिय अणिदिए वक्कमइ । से केणद्वेणं ? गोयमा ! दविदियाई पडुच्च अणिदिए वक्कमति, भाविदियाइं पडुच्च सइंदिए वक्कमति, से तेणद्वेणं०।११. जीवेणं भंते गब्भं वक्कममाणे किंससरीरी वक्कमइ ? असरीरी वक्कमइ? गोयमा ! सिय ससरीरी वक्कमति, सिय असरीरी वक्कमति। सेकेणद्वेणं ? गोयमा ! ओरालिया roKEEEEEE95955 5 श्री आगमगुणमंजूषा - २२९ 1555555555555555 O OR. OO$$$55明明明明明明明明明明明明明明明明乐明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 200555555555555明 (५) भगवई १ सत्तं उद्देसक -७ [१५] 55555555555555sexorg ICF乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 -वेउव्वेिय -आहारयाई पडुच्च असरीरी वक्कमति, तेया -कम्माई पडुच्च ससरीरी वक्कमति; से तेणढेणं गोयमा! ०।१२. जीवेणं भंते ! गम्भं वक्कममाणे तप्पढमताए किमाहारमाहारेति ? गोयमा ! माउओयं पिउसुक्कं तं तदुभयसंसिर्ल्ड कलुसं किव्विसं तप्पढताए आहारमाहारेति। [सु. १३-१५. गब्भगयजीवस्स आहार-उच्चारकवलाहाराहियारा] १३. जीवे णं भंते ! गब्भगए समाणे किमाहारमाहारेति ? गोयमा ! जं से माता नाणाविहाओ रसविगतीओ आहारमाहारेति तदेक्कदेसेणं ओयमाहारेति । १४. जीवस्स णं भंते ! गब्भगतस्स समाणस्स अत्थि उच्चारेइ वा पासवणेइ वा खेलेइ वा सिंघाणेइ वा वंते इ वा पित्ते इ वा ? णो इणढे समढे। से केणटेणं ? गोयमा ! जीवेणं गब्भगए समाणे जमाहारेति तं चिणाइतं सोतिदियत्ताए जाव फासिदियत्ताए अट्ठि-अट्ठिमिंज-केस -मंसु-रोम -नहत्ताए, सतेणद्वेणं०।१५. जीवे णं भंते ! गब्भगते समाणे पभू मुहेणं कावलियं आहारं आहारित्तए ? गोयमा ! णो इणढे समढे । से केणटेणं ? गोयमा ! जीवे णं गब्भगते समाणे सव्वतो आहारेति, सव्वतो परिणामेति, सव्वतो उस्ससति, सव्वतो निस्ससति, अभिक्खणं आहारेति, अभिक्खणं परिणामेति, अभिक्खणं उस्ससति, अभिक्खणं निस्ससति, आहच्च आहारेति, आहच्च परिणामेति, आहच्च उस्ससति, आहच्च नीससति । मातुजीवरसहरणी पुत्तजीवरसहरणी मातुजीवपडिबद्धा पुत्तजीवं फुडा तम्हा आहारेइ, तम्हा चिणाति, तम्हा परिणामेति, अवरा वि य णं पुत्तजीवपडिबद्धा माउजीवफुडा तम्हा चिणाति, तम्हा उवचिणाति; से तेणटेणं० जाव नोपभू मुहेणं कावलिकं आहार आहारित्तए। [सु. १६-१८. गब्भयसरीरस्स माइ-पिइअंगविभागा माइ-पिइसरीरकालट्ठिई य] १६. कति णं भंते ! मातिअंगा पण्णत्ता? गोयमा! तओ मातियंगा पण्णत्ता । तं जहा मंसे सोणिते मत्थुलुंगे। १७. कति णं भंते ! पितियंगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ पेतियंगा पण्णत्ता । तं जहा अट्ठि + अट्ठिमिजा केस -मसु -रोम -नहे। १८. अम्मापेतिए णं भंते ! सरीरए केवइयं कालं संचिट्ठति ? गोयमा ! जावतियं से कालं भवधारणिज्जे सरीरए अव्वावन्ने भवति एवतियं कालं संचिट्ठति, अहे णं समए समए वोक्कसिज्जमाणे २ चरमकालसमयंसि वोच्छिन्ने भवइ । [सु. १९-२०. गब्भम्मि मियस्स जीवस्स नरय - देवलोगुववायाहियारो] १९. (१) जीवेणं भंते! गब्भगतेसमाणे नेरइएसुउववज्जेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए उववज्जेज्जा, अत्थेगइए नोउववज्जेज्जा। (२) सेकेणतुणं? गोयमा ! से णं सन्नी पंचिंदिए सव्वाहिं पज्जत्तीहिं पज्जत्तए वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धीए पराणीयं आगयं सोच्चा निसम्म पदेसे निच्छुभति, २ वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहण्णित्ता चाउरंगिणिं सेणं विउव्वइ, चाउरंगिणिं सेणं विउव्वेत्ता चाउरंगिणीए सेणाए पराणीएणं सद्धिं संगाम संमामेइ, सेणं जीवे अत्थकामए रज्जकामए भोगकामए कामकामए अत्थकंखिए रज्जकंखिए भोगकंखिए कामकंखिए, अत्थपिवासिते रज्जपिवासिते भोगपिवासिए कामपिवासिते, तुच्चते तम्मणे तल्लेसे तदज्झवसिए तत्तिव्वज्झवसाणे तदट्ठोउत्ते तदप्पितकरणे तब्भावणाभाविते एतसिणं अंतरंसि कालं करेज्ज नेरतिएसुउववज्जइ, सेतेणद्वेणं गोयमा ! जाव अत्थेगइए उववजेज्जा, अत्थेगइए नो उवववज्जेज्जा । २०. जीवे णं भंते ! गब्भगते समाणे देवलोगेसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए उववज्जेज्जा अत्थेगइए नो उववज्जेज्जा। सेकेणटेणं ? गोयमा ! सेणं सन्नी पंचिदिए सव्वाहिं पज्जत्तीहिं पज्जत्तए तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतीए एगमवि आरियं धम्मयं सुवयणं सोचा विसम्म ततो भवति संवेगजातसड्ढे तिम्विधम्माणुरागरते, सेणंजीवेधम्मकामए पुण्णकामए सम्गकामए मोक्खकामए, धम्मकंखिए पुण्णकंखिए सग्गकंखिए मोक्खकंखिए, धम्मपिवासिए पुण्णपिवासिए सम्गपिवासिए मोक्खपिवासिए, तच्चिते तम्मणे तल्लेसे तदज्झवसिते तत्तिव्वज्झवसाणे तदट्ठोवउत्ते तदप्पितकरणे तब्भावणाभाविते एयंसि णं अंतरंसि कालं करेज्ज देवलोएसु उववज्जति; से तेणटेणं गोयमा ! 01 [सु. २१. गन्भट्ठियस्स जीवस्स आगारकिरियापरूवणं] २१. जीवे णं भंते ! गब्भगए समाणे उत्ताणए वा पासिल्लए वा अंबखुज्जए वा अच्छेज्ज वा चिट्ठज्ज वा निसीएज्ज वा तुयट्टेज्ज वा, मातूए सुवमाणीए सुवति, जागरमाणीए जागरति, सुहयाए सुहिते भवइ, दुहिताए दुहिए भवति ? हंता, गोयमा ! जीवे णं गब्भगए समाणे जाव दुहियाए दुहिए भवति। [सु. २२ पसवणसमए तयणंतरं च जीवावत्थानिख्वणाइ] २२. अहे णं पसवणकालसमयंसि सीसेण वा पाएहिं वा आगच्छति सममागच्छइ तिरियमागच्छति विणिहायमावज्जति। EGO乐乐乐乐乐折折折乐乐乐乐乐乐听听听听听听听折纸纸折纸步明明听听听听听听步明历历明明明明明明3 55555555555555555YOR 历写 写写%%% % % % %其国者P4 -10 男 5 %%%%% %% %% %%% Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 另乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听历历明明听听听听听听听听F5 KOR9555555555555555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक - ८ [१६] hhh五五五五五五五五五五55 520 पण्णवज्झाणि य से कम्माइं बद्धाइं पुट्ठाई निहत्ताई कडाइं पुट्ठविताइं अभिनिविट्ठाई अभिसमन्नागयाइं उदिण्णाई, नो उवसंताई भवंति; तओ भवइ दुरूवे दुव्वण्णे दुग्गंधे दूरसे दुप्फास; अणिढे अकंते अप्पिए असुभे अमणुण्णे अमणामे हीणस्सरे दीणस्सरे अणिट्ठस्सरे अकंतस्सरे अप्पियस्सरे असुभस्सरे अमणुण्णस्सरे अमणामस्सरे अणादेज्जवयणे पच्चायाए याऽवि भवति । वण्णवज्झाणि य से कम्माइं नो बद्धाइं० पसत्थं नेतव्वं जाव आदेज्जवयणे पच्चायाए याऽवि भवति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति| | सत्तमो उद्देसोसमत्तो॥★★★ अट्ठमो उद्देसो 'बाले' *** [सु. १-३. एगंतबाल-पंडित -बालपंडितमणुस्साणं आउयबंधपरूवणाइ] १. एगंतबाले णं भंते ! मणुस्से किं नेरइयाउयं पकरेति ? तिरिक्खाउयं पकरेति ? मणुस्साउयं पकरेति ? देवाउयं पकरेति ? नेरइयाउयं किच्चा नेरइएसु उववज्जति ? तिरियाउयं किच्चा तिरिएसु उववज्जइ ? मणुस्साउयं किच्चा मणुस्सेसु उववज्जइ ? देवाउयं किच्चा देवलोगेसु उववज्जति ? गोयमा ! एगंतबाले णं मणुस्से नेरइयाउयं पि पकरेइ, तिरियाउयं पि पकरेइ, मणुयाउयं पि पकरेइ, देवाउयं पि पकरेइ, णेरइयाउयं पि किच्चा नेरइएसु उववज्जति, तिरियाउयं पि किच्चा तिरिएसु उववज्जति, मणुस्साउयं पि किच्चा मणुस्सेसु उववज्जति, देवाउयं पि किच्चा देवेसु उववज्जति । २. एगंतपंडिए णं भंते ! मणुस्से किं नेरइयाउयं पकरेइ ? जाव देवाउयं किच्चा देवलोएसु उववज्जति ? गोयमा ! एगंतपंडिए णं मणुस्से आउयं सिय पकरेति, सिय नो पकरेति। जइ पकरेइनो नेरझ्याउयं पकरेइ, नो तिरियाउयं पकरेइ, नो मणुस्साउयं मकरेइ, देवाउयं पकरेइ । नो नेरइयाउयं किच्चा नेरइएसु उववज्जइ, णो तिरि०, णो मणुस्सा०, देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जति । से केणट्ठणं जाव देवाउय किच्चा देवेसु उववज्जति ? गोयमा ! एगंतपंडितस्स णं मणुस्सस्स केवलमेव दो गतीओ पन्नायंति, तं जहा-अंतकिरिया चेव, कप्पोववत्तिया चेव । से तेणटेणं गोयमा ! जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जति । ३. बालपंडिते णं भंते ! मणुस्से कि नेरइताउदै पकरेति जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जति ? गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेति जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जति । से केणद्वेणं जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जति ? गोयमा ! बालपंडिए णं मणुस्से तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतिए एगमवि आरियं धम्मियं सुवयणं सोच्चा निसम्म देसं उवरमति, देसं नो उवरमइ, देसं पच्चक्खाति, देसं णो पच्चक्खाति; से णं तेणं देसोवरम-देसपच्चक्खाणेणं नो नेरइयाउयं पकरेति जाव देवाउयं किच्चा देवेसु उववज्जति । से तेणटेणं जाव देवेसु उववज्जइ। [सु. ४-८. मियकूडपासकारग-तिणदाहगाइपुरिसाणं काइयाइकिरियापरूवणं] ४ पुरिसे णं भंते ! कच्छंसि वा १ दहंसि वा २ उदगंसि वा ३ दवियंसि वा ४ वलयंसि वा ५ नूमंसिवा ६ गहणंसि वा ७ गहणविदुग्गंसि वा ८ पव्वतंसिवा ९ पव्वतविदुग्गंसि वा १० वर्णसि वा ११ वणविदुग्गंसि वा १२ मियवित्तीए मियसंकप्पे मियपणिहाणे मियवहाए गंता 'एते मिए' त्ति काउं अन्नयरस्स मियस्स वहाए कूड-पासं उदाइ, ततोणं भंते ! से पुरिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं चणं से पुरिसे कच्छंसि वा १२ जाव कूड-पास उद्दाइ तावं च णं से पुरिसे सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए। से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति 'सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए' ? गोयमा ! जे भविए उद्दवणयाए, णो बंधणयाए, णो मारणयाए, तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिगरणियाए पादोसियाए तीहि किरियाहिं पुढे । जे भविए उद्दवणयाए वि बंधणयाए वि, णो मारणयाए तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए पारियावणियाए चउहि किरियाहिं पुढे । जे भविए उद्दवणयाए वि बंधणयाए वि मारणयाए वि तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणातिवातकिरियाए पंचहिं किरियाहिं पुढे । से तेणद्वेणं जाव पंचकिरिए। ५. पुरिसे णं भंते ! कच्छंसि वा जाव वणविदुग्गंसि वा तणाई ऊसविय ऊसविय अगणिकायं निसिरइ तावं च णं भंते ! से पुरिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए। से केणद्वेणं ? गोयमा ! जे भविए उस्सवणयाए तिहिं; उस्सवणयाए वि निसिरणयाए वि, नो दहणयाए चउहिं; जे भविए उस्सवणयाए वि निसिरणयाए वि दहणयाए वि तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुढे । से तेणद्वेणं गोयमा ! ०। ६. पुरिसे णं भंते ! कच्छंसि वा जाव वणविदुग्गंसि वा मियवित्तीए मियसंकप्पे मियपणिहाणे मियवहाए गंता 'एए मिये' त्ति काउं अन्नयरस्स मियस्स वहाए उसुं निसिरइ, ततो णं भंते ! से पुरिसे 9$$$$$乐乐听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听心 Education Intemational 2010_03 0 555555555%%%%%%%%%到萬 $$ $$$$$$$$555555555 Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Roz9555555555555555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक - ८.९ [१७] 65555555555555520 IOTIO乐乐听听听听听听听明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听玩玩乐乐乐听听听听听听听听听听听听FO कतिकिरिए ? गोयमा । सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए। से केणटेणं ? गोयमा ! जे भविए निसिरणयाए तिहिं; जे भविए निसिरणयाए वि विद्धंसणयाए वि, नो मारणयाए चउहिं; जे भविए निसिरणयाए वि विद्धंसणयाए वि मारणयाए वि तावं च णं से पुरिसे जाव पंचहि किरियाहिं पुढे । सेतेणद्वेणं गोयमा! ॥ सिय तिकिरिए. सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए। ७. पुरिसे णं भंते ! कच्छंसि वा जाव अन्नयरस्स मियस्स वहाए आयातकण्णायतं उसु आयामेत्ता चिट्टिज्जा, अन्ने य से पुरिसे मग्गतो आगम्म सयपाणिणा असिणा सीसं छिदज्जा, से य उसूताए चेव पुवायामणयाए तं मियं विधेज्जा, सेणं भंते ! पुरिसे कि मियवेरेणं पढ़े? परिसवेरेणं पट्टे ? गोयमा! जे मियं मारेति से मियवरेणं पुढे, जे पुरिसं मारेइ से पुरिसवेरेणं पुढे । से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव से पुरिसरेरेणं पुढे १ से नूणं गोयमा! कज्जमाणे कडे, संधिज्जमाणे संधिते, निव्वत्तिज्जमाणे निव्वत्तिए, निसिरिज्जमाणे निसट्टे त्ति वत्तव्वं सिया ? हंता, भगवं ! कज्जमाणे कडे जाव निसढे त्ति वत्तव्वं सिया। सेतेणद्वेण गोयमा! जे मियं मारेति से मियवेरेणं पुढे, जे पुरिसं मारेइ से पुरिसवेरेणं पुढे । अंतो छण्हं मासाणं मरइ काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुढे, बाहिं छण्हं मासाणं मरति काइयाए जाव पारितावणियाए चउहि किरियाहिं पुढे । ८. पुरिसे णं भंते ! पुरिसं सत्तीए समभिधंसेज्जा, सयपाणिणा वा से असिणा सीसं छिदज्जा, ततो णं भंते ! से पुरिसे कतकिरिए ? गोयमा ! जाव च णं से पुरिसे तं पुरिसं सत्तीए समभिधंसेइ सयपाणिणा वा से असिणा सीसं छिदइ तावं च णं से परिसे काइयाए अहिंगरणि जाव पाणातिवायकिरियाएपंचहिं किरियाहिं पुढे, आसन्नवहएणय अणवखणवत्तिएणं पुरिसवेरेणं पुढे। [स.९. जुज्झमाणाणं जयपराजयहेउनिरूवणं ] ९. दो भंते ! पुरिसा सरिसया सरित्तया सरिव्वया सरिसभंडमत्तोवगरणा अन्नमन्नेणं सद्धिं संगाम संगामेति, तत्थ णं एगे पुरिसे पराइणइ एगे परिसे पराइज्जइ. से कहमेयं भंते ! एवं गोयमा ! सवीरिए परायिणति, अवीरिए पराइज्जति । से केणटेणं जाव पराइज्जति ? गोयमा ! जस्सणं वीरियवज्जाई कम्माइं बद्धाई नो पढ़ाई जाव नो अभिसमन्नागताई, नो उदिण्णाई, उवसंताइ भवंति सेणं परायिणति; जस्सणं वीरियवज्झाई, कम्माई बधाई जाव नो उदिण्णाई. कम्माई नो उवसंताई भवंति सेणं पुरिसे परायिजति । से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ सवीरिए पराजिणइ, अवीरिए पराइज्जति! [सु. १०-११. जीव-चउवीसदंडएसु सवीरियत्तअवीरियत्तपरूवण] १०.जीवाणं भंते ! किं सवीरिया ? अवीरिया गोयमा । सवीरिया वि, अवीरिया वि । से केणटेणं? गोयमा ! जीवा दुविहा पण्णत्ता: तं जहा संसारसमावन्नगाय, असंसारसमावन्नगाय । तत्थ णं जे ते असंसारसमावन्नगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं अवीरिया। तत्थ णंजे ते संसारसमावन्नगा ते दविहा पण्णत्ता. तं जहा सेलेसिपडिवनगा य, असेलेसिपडिवन्नगा य । तत्थ णं जे ते सेलेसिपडिवन्नगा ते णं लद्धिवीरिएणं सवीरिया, करणवीरिएणं अवीरिया। तत्थ णं जे ते असेलेसिपडिवन्नगा ते णं लद्धिवीरिएणं सवीरिया, करणवीरिएणं सवीरिया वि अवीरिया वि। से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चति जीवा विहा पण्णत्ता: तं जहा सवीरिया वि। अवीरिया वि११. (१) नेरइया णं भंते ! किं सवीरिया अवीरिया ? गोयमा! नेरझ्या लद्धिवीरिएणं सवीरिया, करणवीरिएणं सवीरिया वि अवीरिया वि।सेकेणद्वेणं ? गोयमा। जेसिणं नेरइयाणं अत्थि उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे तेणं नेरइया लद्धिवीरिएण वि सवीरिया, करणवीरिएण वि सवीरिया, जेसिणं नेरडयाणं नत्थि उदाणे जाव परक्कमे ते ण नेरइया लंद्धिवीरिएणं सवीरिया, करणवीरिएणं अवीरिया । से तेणटेणं०। (२) जहा नेरइया एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिया। (३) मणुस्सा जहा ओहिया जीवा । नवरं सिद्धवज्जा भाणियव्वा। ४ वाणमंतर-जोतिस-वेमाणिया जहा नेरइया। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।★★★|| पढमसए अट्ठमो उद्देसो समत्तो॥★★★ नवमो उद्देसो 'गरुए'★★★ [सु.१-३. जीवेसुगरुयत्त -लहयत्ताईणं हेउपरूवणं] ॥ १. कहं णं भंते ! जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! पाणातिवातेणं मुसावादेणं अदिण्णा० मेहुण० परिग्ग० कोह० माण० माया० लोभ० पेज० दोस० कलह० अब्भक्खाण० पेसुन्न० रति-अरति० परपरिवाय० मायामोस० मिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु गोयमा ! जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छंति। २. कहंणं भंते ! जीवा फ लहुयत्तं हव्वमागच्छंति? गोयमा ! पाणातिवातवेरमणेणं जाव मिच्छादसणसल्लवेरमणेणं, एवं खलु गोयमा ! जीवा लहुयत्तं हव्वमागच्छति। ३. एवं आकुलीकाति. 9 555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा -२३२७०5555555555555555555555555555OOK Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROROF55555555555555 (५) भगवई १ सतं उद्देसक - ९ [१८] 55555555555555550EXODY JOR9555555555555555555555555555555555555555555555fUog र एवं परित्तीकरेंति । एवं दीहीकरेति, एवं हस्सीकरति । एवं अणुपरियट्टति, एवं वीतीवयंति । पसत्था चत्तारि । अप्पसत्था चत्तारि। [सु. ४-५. सत्तमओवासंतर तणुवायाईसुगरुयत्त-लहुयत्ताइपरूवणं] ४. सत्तमे णं भंते ! ओवासंतरे किं गरुए, लहुए, गरुयलहुए, अगरुयलहुए ? गोयमा ! नो गरुए, नो लहुए, नो गरुयलहुए, अगरुयलहुए। ५. (१) सत्तमे णं भंते ! तणुवाते किं गरुए, लहुए, गरुयलहुए, अगरुयलहुए ? गोयमा ! नो गरुए, नो लहुए, गरुयलहुए, नो अगरुयलहुए। (२) एवं सत्तमे घणवाए, सत्तमे घणोदही, सत्तमा पुढवी। (३) ओवासंतराइ सव्वाई जहा सत्तमे ओवासंतरे (सु. ४)। (४) सेसा जहा तणुवाए । एवं-ओवास वाय घणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा। [सु. ६. चउवीसदंडएसु गरुयत्त-लहुयत्ताइपरूवणं] ६. (१) नेरइयाणं भंते ! किं गरुया जाव अगरुयलहुया ? गोयमा ! नो गरुया, नो लहुया, गरुयलहुया वि, अगरुयल या वि । से केणटेणं ? गोयमा ! वेउब्विय-तेयाइं पडुच्च नो गरुया, नो लहुया, गरुयलहुया, नो अगरुयलहुया । जीवं च कम्मणं च पडुच्च नो गरुया, नो लहुया, नो गरुयलहुया, अगरुयलहुया । से तेणटेणं०। (२) एवं जाव वेमाणिया। नवरं णाणत्तं जाणियव्वं सरीरेहि। [सु.७१६. अत्थिकाय-समय-कम्म-लेस्सा-दिट्ठिआईसु गरुयत्त-लहुयत्तपरूवणं] ७. धम्मत्थिकाये जाव जीवत्थिकाये चउत्थपदेणं । ८. पोग्गलत्थिकाए णं भंते ! किं गरुए, लहुए, गरुयलहुए, अगुरुयलहुए ? गोयमा ! णो गरुए, नो लहुए, गरुयलहुए वि, अगरुयलहुए वि।से केणटेणं ? गोयमा ! गरुयलहुयदव्वाइं पडुच्च नो गरुए, नो लहुए, गरुयलहुए, नो अगरुयलहुए। अगरुयलहुयदव्वाइं पडुच्च नो गरुए, नो लहुए, नो गरुयलहुए, अगरुयलहुए। ९. समया कम्माणि य चउत्थपदेणं । १०. (१) कण्हलेस्सा णं भंते ! किं गरुया, जाव अगरुयलहुया ? गोयमा ! नो गरुया, नो लहुया, गरुयलहुया वि, अगरुयलहुया वि । से केणद्वेणं ? गोयमा ! दव्वलेसं पडुच्च ततियपदेणं, भावलेसं पडुच्च चउत्थपदेणं । (२) एवं जाव सुक्कलेसा। ११. दिट्ठी-दसण-नाण-अण्णाण-सण्णओ चउत्थपदेणं णेतव्वाओ। १२. हेट्ठिल्ला चत्तारि सरीरा नेयव्वा ततियएणं पदेणं । कम्मयं चउत्थएणं पदेणं । १३. मणजोगो वइजोगो चउत्थएणं पदेणं । कायजोगो ततिएणं पदेणं । १४. सागरोवओगो अणागारोवओगो है चउत्थएणं पदेणं । १५. सव्वदव्वा सव्वपदेसा सव्वपज्जवा जहा पोग्गलत्थिकाओ (सु.८)। १६. तीतद्धा अणागतद्धा सव्वद्धा चउत्थेणं पदेणं। [सु. १७-१८. लाघवियाइजुएसु अकसाईसुय पसत्थत्तपरूवणं] १७. से नूणं भंते ! लाघवियं अप्पिच्छा अमुच्छा अगेही अपडिबद्धता समणाणं णिग्गंथाणं पसत्थं ? हंता, गोयमा! लाघवियं जाव पसत्थं । १८. से नूणं भंते ! अकोहत्तं अमाणत्तं अमायत्तं अलोभत्तं समणाणं निग्गंथाणं पसत्थं ? हंता, गोयमा ! अकोहत्तं जाव पसत्थं। [सु. १९. सिज्झणाए कंखा-पदोसखयस्स पाहण्णपरूवणं] १९. से नूणं भंते ! कंखा-पदोसे खीणे समणे निग्गंथे अंतकरे भवति, अंतिमसरीरिए वा, बहुमोहे वि य णं पुब्विं विहरित्ता अह पच्छा संवुडे कालं करेति तओ पच्छा सिज्झति ३ जाव अंतं करेइ ? हंता गोयमा ! कंखा-पदोसे खीणे जाव अंतं करेति। [सु. २०. एगं जीवं पडुच्च ॥ इहअपरभवियाउयाणं एगसमयबंधणिसेहो] २०. अन्नउत्थियाणं भंते! एवमाइक्खंति एवं भासेति एवं पण्णवेति एवं परूवेति-"एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो आउयाइं पगरेति, तं जहा-इहभवियाउयं च, परभवियाउगं च । जं समयं इहभवियाउगं पकरेति तं समयं परभवियाउगं पकरेति, जं समयं परभवियाउगं पकरेति तं समयं इहभवियाउगं पकरेइ, इहभवियाउगस्स पकरणयाए परभवियाउगं पकरेइ, परभवियाउगस्स पगरणताए इहभवियाउयं पकरेति । एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो आउयाइं पकरेति, तं० - इहभवियाउयं च, परभवियाउयं च।" से कहमेतं भंते ! एवं ? गोयमा ! जंणं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव परभवियाउयं च । जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु । अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं आउगं पकरेति, तं जहा इहभवियाउंय वा, परभवियाउयं वा; जं समयं इहभवियाउयं पकरेति णोतं समयं परभवियाउयं पकरेति, जं समयं परभवियाउयं पकरेइ णो तं समयं इहभवियाउयं पकरेइ, इहभवियाउयस्स पकरणताए णो परभवियाउयं पकरेति, परभवियाउस्स पकरणताए णो इहभवियाउयं पकरेति । एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एगं आउयं पकरेति, तं० इहभवियाउयं वा, परभवियाउयं वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोयमे जाव विहरति । [सु. २१-२४. पासावच्चिज्जस्स म कालासवेसियपुत्तस्स सामाइयाइविसया पुच्छा थेरकयसमाहणं पंचजामधम्मपडिवज्जणं निव्वाणं च]२१. (१) तेणं कालेणं समएणं पासावच्चिज्जे कालासवेसियपुत्ते SHOPEN 4141414141414141414141454 श्री आगमगणमंजषा - २३३ 4444455555555555555555555 $听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听2 ONEducation international2010-02 Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवड १ सत उसक९ (१९५ णामं अणगारे जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छति, उवागच्छित्ता थेरे भगवंते एवं वयासी थेरा सामाइयं ण जाणंति, थेरा सामाइयस्स अहं ण याणंति, थेरा पच्चक्खाणं ण याति, थेरा पच्चक्खाणस्स अहं ण याणति, थेरा संजमं ण याणंति, थेरा संजमस्स अट्ठ ण याणंति, थेरा संवरं ण याणंति, थेरा संवरस्स अहं ण. याणंति, थेरा विवेगं याणंति, थेरा विवेगस्स अहं ण याणंति, थेरा विउस्सग्गं ण याणंति, थेरा विउस्सग्गस्स अहं ण याणंति । (२) तए णं ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी जाणामो णं अज्झो ! सामाइयं, जाणामो णं अज्झो ! सामाइयस्स अट्ठे जाव जाणमों णं अज्झो ! विउस्सग्गस्स अहं । (३) तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे ते घेरे भगवंते एवं वयासी जति णं अज्झो! तुब्भे जाणह सामाइयं, जाणह सामाइयस्स अट्ठ जाव जाणह विउस्सग्गस्स अट्ठ, किं भे अज्जो सामाइए ? किं भे अज्जो ! सामाइयस्स अट्ठे ? जाव किं भे विउस्सग्गस्स अट्ठे ? (४) तए णं ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी आयाणे अज्जो ! सामाइए, आया णे अज्जो ! सामाइयस्स अट्ठे जाव विउस्सग्गस्स अट्ठे । (५) तए णं से कालासवेसियपुत्तं अणगारं थेरे भगवंते एवं वयासी जति अनो ! आया सामाइए, आया सामाइयस्स अट्ठे एवं जाव आया विउस्सग्गस्स अट्ठे, अवहट्टु कोह -माण- माया -लोभे किमहं अज्जो ! गरहह ? कालासाह संजमट्टयाए। (६) से भंते! किं गरहा संजमे ? अगरहा संजमे ? कालास० ! गरहा संजमे, नो अगरहा संजमे, गरहा वि य णं सव्वं दोसं पविणेति, सव्वं बाल परिणा एवं खु णे आया संजमे उवहिते भवति, एवं खूणे आया संजमे उवचिते भवति, एवं खु णे आया संजमे उवट्ठिते भवति । २२. (१) एत्थ णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे संबुद्धे थेरे भगवंते वंदति णमंसति, २ एवं वयासी एतेसि णं भंते! पदाणं पुव्विं अण्णाणयाए असवणयाए अबोहीए अणभिगमेणं अदिट्ठाणं अस्सुताणं अमुताणं अविण्णायाणं अवोगडाणं अव्वोच्छिन्नाण अणिज्जूढाणं अणुवधारिताणं एतमट्ठे णो सद्दहिते, णो पत्तिए, णो रोइए । इदाणिं भंते ! एतेसिं पदाणं जाणताए सवणताए बोहीए अभिगमेणं दिट्ठाणं सुताणं मुयाणं विण्णाताणं वोगडाणं वोच्छिन्नाणं णिज्जूढाणं उवधारिताणं एतमहं सहामि, पत्तियामि, रोएमि। एवमेतं से जहेयं तुब्भे वदह । (२) तए णं ते थेरा भगवंतो कालसवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी सद्दहाहि अज्जो ! पत्तियाहि अज्नो ! से जहेतं अम्हे वदामो । २३. (१) तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंते वंदइ नमसइ, २ एवं वदासी इच्छामि णं भंते ! तुब्भं अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं सपडिक्कमणं धम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । अहांसुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । (२) तए णं से कालसवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंते वंदइ नमसई, वंदित्ता नमंसित्ता चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं सपडिक्कमणं धम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । २४. तए णं से कालसवेसियपुत्ते अणगारे बहूणि वासाण सामण्णपरियागं पाउणइ, २ जस्सट्ठाए कीरति नग्गभावे मुंडभावे अण्हाणयं अदंतधुवणयं अच्छत्तयं अणोवाहणयं भूमिसेज्जा फलगसेज्जा कट्टसेज्जा केसलोओ बंभचेरवासो परघरपवेसो लद्धावलद्धी, उच्चावया गामकंटगा बावीसं परिसहोवसग्गा अहियासिज्जति तमद्वं आराहेइ, २ चरमेहिं उस्सासे - नीसासेहिं सिद्धे बुद्धे मुक्के परिनिव्वुडे सव्वदुक्खप्पहीणे। [सु. २५. गोयमपुच्छाएं सेट्ठिपभिडं पडुच्च अपच्चक्खाणमिरियापरूवणं ] २५. 'भंते!' त्ति भगवं गोयमा ! समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, २ एवं वदासी से नूणं भंते ! सेट्ठिस्स य तणुयस्स य किविणस्स य खत्तियस्स य समा चेव अपच्चक्खाणकिरिया कज्जइ ? हंता, गोयमा ! सेट्ठिस्स य जाव अपच्चक्खाणकिरिया कज्जइ । से केणट्टेणं भंते ! ० ? गोयमा ! अविरतिं पडुच्च; से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ सेट्ठिस्स य तणु० जाव कज्जइ । [सु. २६. आहाकम्मभोइणो गुरुकम्मयापरूवणं ] २६. आहाकम्मं णं भुजमाणे समणे निग्गंथे किं बंधति ? किं पकरेति ? किं चिणाति ? किं उवचिणाति ? गोयमा ! आहाकम्मं णं भुंजमाणे आउयवज्जओ सत्त कम्मपगडीओ सिढिलबंधणबद्धाओ धणियबंधणबद्धाओ पकरे जाव अणुपरियट्टा । से केणट्टेणं जाव अणुपरियट्टइ ? गोयमा ! आहाकम्मं णं भुंजमाणे आयाए धम्मं अतिक्कमति, आयाए धम्मं अतिक्कममाणे पुढविक्कायं णावकंखति जाव तसकायं णावकंखति, जेसिं पि य णं जीवाणं सरीराई आहारमाहारेइ ते वि जीवे नावकंखति । से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ आहाकम्मं णं भुजमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ जाव अणुपरियट्ठति । [सु. २७. फासएसणिज्जभोइणो लहुकम्मयापरूवणं] २७. फासुएसणिज्जं णं भंते! भुंजमाणे किं बंधइ जाव उवचिणाइ ? गोयमा ! फासुएसणिज्जं णं भुंजमा आउवाज्जओ 5 श्री आगमगुणमंजूषा - २३४ प्रप्रप्रप्रप्रप्र Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 055555555555555明 (५) भगवई सतै उद्देसक -१० [२०] “国历55555555555262 सत्त कम्मपयडीओ धणियबंधणबद्धाओ सिढिलबंधणबद्धाओ पकरेइ जहा संवुडे णं (स०१ उ०१ सु.११२), नवरं आउयं च णं कम्मं सिय बंधइ, सिय नो बंधइ। मसेसं तहेव जाव वीतीयति । सेकेणद्वेणं जाव वीतीवयति ? गोयमा ! फासुएसणिज्ज भुंजमाणे समणे निग्गंथे आताए धम्म णाइक्कमति, आताए धम्म अणतिक्कममाणे पुढविक्कायं अवकंखति जाव तसकायं अवकंखति, जेसि पि य णं जीवाणं सरीराइं आहारेति ते वि जीवे अवकंखति, से तेणट्टेणं जाव वीतीवयति। [सु. २८. अथिरथिर -बालाईणं परिवट्टणा -अपरिवट्टणा -सासयाइपरूवणं] २८. से नूणं भंते ! अथिरे पलोट्टति, नो थिरे पलोट्टति; अथिरे भज्जति, नो थिरे भज्जति; सासए बालए, बालियत्तं असासयं; सासते पंडिते, पंडितत्तं असासतं ? हता, गोयमा ! अथिरे पलोट्टति जाव पंडितत्तं असासतं । सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति जाव विहरति। ** नवमो उद्देसो समत्तो॥★★★ दसमो उद्देसो 'चलणाओ'★★★ [सु. १. चलमाणचलिताचलित- परमाणुपोग्गलसंहननासंहनन -भासाऽभासाम किरियादुक्खाईसु अन्नउत्थियपरूवणा तप्पडिसेहो य] १. अन्नउत्थियाणं भंते ! एवमाइक्खंति जाव एवं परूवेति “एवं खलु चलमाणे अचलिते जाव निजरिज्जमाणे ॥ अणिज्जिण्णे। दो परमाणुपोग्गला एगयओ न साहन्नंति । कम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयतो न साहन्नति ? दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं नत्थि सिणेहकाए तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ न साहन्नंति । तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, कम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति ? तिण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति । ते भिज्जमाणा दुहा वि तहा वि कज्जति, दुहा कज्जमाणा एगयओ दिवड्डे परमाणुपोग्गले भवति, एगयओ वि दिवड्डे परमाणुपोग्गले भवति; तिहा कज्जमाणा तिण्णि परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव चत्तारि, पंच परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, एगयओ साहन्नित्ता दुक्खत्ताए कजंति, दुक्खे वियणं से सासते सया समितं चिज्जतिय अवचिजति य। पुब्विं भासा भासा, भासिज्जमणी भासा अभासा, भासासमयवीतिक्तं चणं भासिया भासा भासा; सा किं भासओ भासा ? अभासओ भासा ? अभासओ णं सा भासा, नो खलु सा भासओ भासा । पुव्विं किरिया दुक्खा; कज्जमाणी किरिया अदुक्खा; किरियासमवीतिकंतं च णं कडा किरियादुक्खा जा सा पुव्विं किरिया दुक्खा, कज्जमाणी किरिया अदुक्खा, किरियासमयवीइक्वंतं च णं कडा किरिया दुक्खा, सा कि करणतो दुक्खा अकरणतो दुक्खा ? अकरणओ णं सा दुक्खा, णो खलु सा करणतो दुक्खा, सेवं वत्तव्वं सिया। अकिच्चं दुक्खं, अफुसं दुक्खं, अकज्जमाणकर्ड दुक्ख अकट्ट २. पाण-भूत-जीव-सत्ता वेदणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया।से कहमेयं भंते ! एवं गोयमा ! जणं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव वेदणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया, जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु । अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि एवं खलु चलमाणे चलिते जाव निजरिज्जमाणे निज्जिण्णे। दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति । कम्हा दो परमाणुपोग्गल एगयओ साहन्नंति ? दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, ते भिज्जमाणा दुहा कज्जति, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ परमाणुपोग्गले भवति । तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, कम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति ? तिण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए, तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति; ते भिज्जमाणा दुहा वि तिहा वि कज्जति, दुहा कज्जमाणा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपदेसिए खंधे भवति, तिहा कज्जमाणा तिण्णि परमाणुपोग्गला भवंति १ एवं जाव चत्तारि पंच परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, साहन्नित्ता खंधत्ताए कजंति, खंधे वि य णं से असासते सया समियं उवचिज्जइ य अवचिज्जइ य । पुव्विं भासा अभासा, भासिज्जमाणी भासा भासा, भासासमयवीतिकंतं चणं भासिता भासा अभासा; जा सा पुव्विं भासा अभासा, भासिज्जमाणी भासा भासा, भासासमयवीतिक्वंतं च णं भासिता भासा अभासा, सा किं भासतो भासा अभासओ भासा ? भासओणं सा भासा, नो खलु सा अभासओ भासा। पुव्विं किरिया अदुक्खा जहा भासा तहा भाणितव्वा किरिया वि जाव करणतो णं सा दुक्खा, नो खलु सा अकरणओ दुक्खा, सेवं वत्तव्वं सिया। किच्चं दुक्खं, फुसं दुक्खं, कज्जमाणकडं दुक्खं कट्ट कट्ट पाण-भूत-जीव-सत्ता वेदणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया। [सु. २. एणं जीवं पडुच्च अण्णउत्थियाणं एगसमयकिरियादुयपरूवणाए पडिसेहो] २. अन्नउत्थिया णं भंते! ई KOYo5 555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २३५ 5555555555555555555555555OOR Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गागागागागागागागागाग रामगवइरसत उसकारगरसत उन २१ e rong AGR9555555555555555555555555555555555555555555555555fUo र एवमाइक्खंति जाव एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेति, तं जहा इरियावहियं च संपराइयं च । जं समयं इरियावहियं पक़रेइ तं समयं संपराइयं पकरेइ०, परउत्थियवत्तव्वं नेयव्वं । ससमयवत्तव्वयाए नेयव्वं जाव इरियावहियं वा संपराइयं वा । [सु. ३. निरयगईए उववातस्स विरहकालो] ३. निरयगती णं भंते ! केवतियं कालं विरहिता उववातेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। एवं वक्त्रंतीपदं भाणितव्वं निरवसेसं। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति। ★★★दसमो ॥ पढम सत्तं समत्तं ।। कबीअंसयं सु. १. बीयसयदसुद्देसनामपरूवणं आणमति ॥ १ समुग्घाया २ पुढवी ३ इंदिय ४ णियंठ ५ भासाय ६ । देव ७ सभ ८ दीव ९ अत्थिय १० बीयम्मि सदे दसुद्देसा ॥१॥★★★ पढमो उद्देसो 'आणमति' ★★★ [सु. २. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ सु. २. पढमुद्देसस्सुवुग्धाओ] २. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे होत्था । वण्णओ। सामी समोसढे । परिसा निग्गता। धम्मो कहितो। पडिगता परिसा। तेणं कालेणं तेणं समएणं जेटे अंतेवासी जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी सु. ३. एगिदिएसुऊसासाइपरूवणं] ३. जे इमे भंते ! बेइंदिया तेइंदिया चउरिदिया पंचिंदिया जीवा एएसिणं आणामं वा पाणामं वा उस्सासं वा नीसासं वा जाणामो पासामो। जे इमे पुढविक्काइया जाव वणस्सतिकाइया एगिदिया जीवा एएसिणं आणामं वा पाणामं वा उस्सासं वा निस्सासं वा ण याणामो ण पासामो, एए वि य णं भंते ! जीवा आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा नीससंति वा ? हंता, गोयमा ! एए वि य णं जीवा आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा। [सु. ४-७. जीव -चउवीसदंडएसु ऊसासाइदव्वसरूवपरूवणाइ ] ४. (१) किं णं भंते ! एते जीवा आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा नीससंति वा ? गोयमा ! दव्वतो णं अणंतपएसियाई दव्वाई, खेत्तओ णं असंखिज्जपएसोगाढाइं, कालओ अन्नयरद्वितीयाई, भावओ वण्णमंताई गंधमंताइ रसमंताई फासमंताइ आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा। (२) जाई भावओ वण्णमंताई आण० पाण० ऊस० नीस० ताई किं एगवण्णाई आणमंति पाणमंति ऊस० नीस? आहारगमो नेयव्वो जाव तिचउ -पंचदिसिं। (५). किंणं भंते ! नेरइया आ० पा० उ० नी० ? तं चेव जाव नियमा आ० पा० उ० नी० । जीवा एगिदिया वाघाय-निव्वाघाय भाणियव्वा । सेसा नियमा छद्दिसिं । (६). वाउयाए णं भंते ! वाउयाए चेव आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा ? हंता, गोयमा ! वाउयाए णं वाउयाए जाव नीससंति वा। ७. (१) वाउयाए णं भंते ! वाउयाए चेव अणेगसयसहस्सखुत्तो उद्दाइत्ता उदाइत्ता तत्थेव भुजो भुज्जो पच्चायाति ? हंता, गोयमा ! जाव पच्चायाति । (२) से भंते ! किं पुढे उद्दाति ? अपुढे उद्दाति ? गोयमा ! पुढे उद्दाइ, नो अपुढे उद्दाइ। (३) से भंते ! किं ससरीरी निक्खमइ, असरीरी निक्खमइ ? गोयमा ! सिय ससरीरी , निक्खमइ, सिय असरीरी निक्खमइ। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्वइ सिय ससरीरी निक्खमइ, सिय असरीरी निक्खमइ ? गोयमा ! वाउयायस्सणं चत्तारि सरीरया ' पण्णत्ता, तं जहा ओरालिए वेउव्विए तेयए कम्मए । ओरालिय-वेउव्वियाई विप्पजहाय तेय-कम्मएहिं निक्खमति, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-सिय ससरीरी सिय असरीरी निक्खमइ। [सु. ८-९. उवसंत-खीणकसाईण निग्गंथाणं संसारभमण- सिद्धिगमणपरूवणं ] ८. (१) मडाई णं भंते ! नियंठे नो निरुद्धभवे, नो निरुद्धभवपवंचे, नो पहीणसंसारे, णो पहीणसंसारवेदणिज्ने, णो वोच्छिण्णसंसारे णो वोच्छिण्णसंसारवेदणिज्जे, नो निट्ठियढे, नो निट्ठियट्ठकरणिज्जे पुणरवि इत्तत्थं हव्वमागच्छत्ति ? हंता, गोयमा ! मडाई णं नियंठे जाव पुणरवि इत्तत्थं हव्वमागच्छइ। (२) से णं भंते ! किं ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! पाणे त्ति वत्तव्वं ई सिया, भूते त्ति वत्तव्वं सिया, जीवे त्ति वत्तव्वं सिया, सत्ते त्ति वत्तव्वं सिया, विण्णू वि वत्तव्वं सिया, वेदा ति वत्तव्वं सिया पाणे भूए जीवे सत्ते विण्णू वेदा ति ई वत्तव्वं सिया। से केणटेणं भंते ! पाणे त्ति वत्तव्वं सिया जाव वेदा ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! जम्हा आणमइ वा पाणमइ वा उस्ससइ वा नीससइ वा तम्हा पाणे त्ति वत्तव्वं सिया । जम्हा भूते भवति भविस्सति य तम्हा भूए त्ति वत्तव्वं सिया। जम्हा जीवे जीवइ जीवत्तं आउयं च कम्मं उवजीवइ तम्हा जीवे त्ति वत्तव्वं सिया। जम्हा सत्ते सुभासुभेहिं कम्मेहिं तम्हा सत्ते त्ति वत्तव्वं सिया। जम्हा-तित्त-वकडुय कसायंबिल-महुरे रसे जाणइ तम्हा विण्णू त्ति क्तव्यं सिया। जम्हा वेदेइ य सुह -दुक्खं xeroi555555555 5 / श्री आगमगुणमंजूषा - २३६455555555555555555555$$#OORK Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २ सतं उ १ [२२] म्हा वेदा ति वत्तव्वं सिया से तेणट्टेणं जाव पाणे त्ति वत्तव्वं सिया जाव वेदा ति वत्तव्वं सिया । ९. (१) मडाई णं भंते! नियंठे निरुद्धभवे निरुद्धभवपवंचे जाव निट्ठियट्ठकर णिज्ने णो पुणरवि इत्तत्थं हव्वमागच्छति ? हंता, गोयमा ! मडाई णं नियंठे जाव नो पुणरवि इत्तत्थं हव्वमागच्छति । (२) से णं भंते! किं ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा सिद्धे वित्तव्वं सिया, बुद्धे त्ति वत्तव्वं सिया, मुते त्ति वत्तव्वं०, पारगए ति व परंपरगए त्ति ब०, सिद्धे बुद्धे मुते परिनिव्वुडे अंतकडे सव्वदुक्खप्पहीणे त्ति वत्तव्वं सिया । सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमंसइ, २ संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति । [सु. १०. भगवओ महावीरस्स रायगिहाओ विहारो] १०. तए णं समणे भगवं महावीरे रायगिहाओ नगराओ गुणसिलाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता बहिया जणवयविहारे विहरइ। [सु. ११-५४. खंदयपरिव्वायगवुत्तंतो सु. ११. भगवओ महावीरस्स कयंगलानयरीए समोसरणं ] ११. तेणं कालेणं तेणं समएणं कयंगला नामं नगरी होत्था । वण्णओ । तीसे णं कयंगलाए नगरीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभागे छत्तपलासए नामं चेइए होत्था । वण्णओ । तए णं समणे भगवं महावीरे उप्पण्णनाणदंसणधरे जाव समोसरणं । परिसा निग्गच्छति । [ सु. १२. सावत्थीवत्थव्वखंदयपरिव्वायगपरिचओ ] १२. तीसे णं कयंगलाए नगरीए अदूरसामंते सावत्थी नामं होत्था । वणओ । तत्थ णं सावत्थीए नयरीए गद्दभालस्स अंतेवासी खंदए नामं कच्चायणसगोत्ते परिव्वायगे परिवसइ, रिउव्वेद- जजुव्वेद सामवेद - अथव्वणवेद इतिहासपंचमाणं निघंटछट्ठाणं चउण्हं वेदाणं संगोवंगाणं सरहस्साणं सारए वारए पारए सडंगवी सट्ठितंतविसारए संखाणे सिक्खा कप्पे वागरणे छंदे निरुत्ते जोतिसामयणे अन्नेसु य बहूसु बंभण्णएसु पारिव्वायएस य नयेसु सुपरिनिट्ठिए यावि होत्या । [सु. १३-१६. खंदयपरिव्वाययं पर पिंगलयनियंठस्स सअंत तोगाविस पुच्छा खंदयस्स तुसिणीयत्तं च] १३. तत्थ णं सावत्थीए नयरीए पिंगलए नामं नियंठे वेसालियसावए परिवसइ । तए णं से पिंगलए णामं णियंठे वेसालिसावर अण्णदा कयाई जेणेव खंदए कच्चायणसगोत्ते तेणेव उवागच्छइ, २ खंदगं कच्चायणसगोत्तं इणमक्खेवं पुच्छे-मागहा ! किं सअंते लोके, अणंते लोके १, सअंते जीवे अणंते जीवे २, सअंता सिद्धी अणंता सिद्धी ३, सअंते सिद्धे अणंते सिद्धे ४, केण वा मरणेणं मरमाणे जीवे वड्डति वा हायति वा ५ ? एतावं ताव आयक्खाहि वुच्चमाणे एवं । १४. तए णं से खंदए कच्चायणसगोत्ते पिंगलएणं णियंठेणं वेसाली सावएणं इणमक्खेवं पुच्छिए समाणे संकिए कंखिए वितिगिछिए भेदसमावन्ने कलुसमावन्ने णो संचाएइ पिंगलयस्स नियंठस्स वेसालियसावयस्स किंचि वि पमोक्खमक्खाइउं, तुसिणीए संचिट्ठइ । १५. तए णं से पिंगलए नियंठे वेसालीसावए खंदयं कच्चायणसगोत्तं दोच्चं पि तच्चं पि इणमक्खेवं पुच्छे मागहा ! किं सअंते लोए जाव केण वा मरणेणं मरमाणे जीवे वड्ढइ वा हायति वा ? एतावं ताव आइक्खाहि वुच्चमाणे एवं । १६. तए णं से खंदए कच्चायणसगोथे पिंगलएणं नियंठेणं वेसालीसावएणं दोच्चं पि तच्चं पि इणमक्खेवं पुच्छिए समाणे संकिए कंखिए वितिगिच्छिए भेदसमावण्णे कलुसमावन्ने नो संचाएइ पिंगलयस्स नियंठस्स वेसालिसावयस्स किंचि वि पमोक्खमक्खाइउं, तुसिणीए संचिट्ठइ । [सु. १७१९. कयंगलानयरीसमोसरियस्स भगवतो महावीरस्संतिए सावत्थीनयरीओ खंदयस्स आगमणं ] १७. तए णं सावत्थीए नयरीए सिंघाडग जाव महापहेसु महया जणसम्मद्दे इ वा जणवूहे इ वा परिसा निग्गच्छइ । तए णं तस्स खंदयस्स कच्चायणसगोत्तस्स बहुजणस्स अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म इमेयारूवे अज्झत्थिए चितिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था एवं खलु समणे भगवं महावीरे, कयंगलाए नयरीए बहिया छत्तपलासए चेइए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहर। तं गच्छामि णं, समणं भगवं महावीरं वंदामि नमसा मि सेयं खलु मे समणं भगवं महावीरं वंदित्ता णमंसिता सक्कारेत्ता सम्माणित्ता कल्लाणं मंगलं देवतं चेतियं पज्जुवासिता इमाई च णं एयारूवाइं अट्ठाई हेऊई पसिणाइं कारणाइं वागरणाई पुच्छित्तए त्ति कट्टु एवं संपेहेइ, २ जेणेव परिव्वायावसहे तेणेव उवागच्छइ, २ त्ता तिदंडं च कुंडियं च कंचणियं च करोडियं च भिसियं च केसरियं च छन्नालयं च अंकुसयं च पवित्तयं च गणेत्तियं च छत्तयं च वाहणाओ य पाउयाओ य धाउरत्ताओ य गेues, गेण्हइत्ता परिव्वायावसहाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता तिदंड - कुंडिय-कंचणिय करोडिय मिसिय-केसरिय छन्नालय - अंकुसयपवित्तय- गणेत्तियहत्थगए छत्तोवाहणसंजुते धाउरत्तवत्थपरिहिए सावत्थीए नगरीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता जेणेव कयंगला नगरी जेणेव छत्तपलासए श्री आगमगुणमंजूषा - २३७ ॐ 52 666666666666666 Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २ सतं उ१ [२३] चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । १८. (१) 'गोयमा !' इ समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी दच्छिसि णं गोयमा ! पुव्वसंगतियं । (२) कं भंते! ? खंदयं नामं । (३) से काहे वा ? किह वा केवच्चिरेण वा ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं २ सावत्थी नामं नगरी होत्था । वण्णओ । तत्थ णं सावत्थीए नगरीए गद्दभालस्स अंतेवासी खंदए णामं कच्चायणसगोत्ते परिव्वायए परिवसइ, तं चेव जाव जेणेव ममं अंतिए तेणेव पहारेत्थ गमणाए । से य अदूराइते बहुसंपते अद्धाणपडिवन्ने अंतरापहे वट्टइ । अज्जेव णं दच्छिसि गोयमा ! । (४) 'भंते!' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं वंदइ नमंसइ, २ एवं वदासी पहू णं भंते! खंदए कच्चायणसगोत्ते देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ? हंता, पभू । १९. जावं च णं समणे भगवं महावीरे भगवओ गोयमस्स एयमद्वं परिकहेइ तावं च से खंदए कच्चायणसगोत्ते तं देस हव्वमागते । [सु. २०-२२ खंदय - गोयमपण्डुत्तरे भगवओ महावीरस्स परिचओ, खंदयकयं महावीरस्स वंदणाइ] २०. (१) तए णं भगवं गोयमे खंदयं कच्चायणसगोत्तं अदूरआगयं जाणित्ता खिप्पामेव अब्भुट्टेति, खिप्पामेव पच्चुवगच्छइ, २ जेणेव खंदए कच्चायणसगोत्ते तेणेव उवागच्छइ, २ त्ता खंदयं कच्चायणसगोत्तं एवं वयासी 'हे खंदंया !, सागयं खंदया !, सुसागयं खंदया !, अणुरागयं खंदया !, सागयमणुरागयं खंदया !। से नूणं 'तुमं खंदया ! सावत्थीए नयरीए पिंगलएणं नियंठेणं वेसालियसावएणं इणमक्खेवं पुच्छिए 'मागहा ! किं सअंते लोगे अणंते लोगे ? एवं तंचेव' जेणेव इहं तेणेव हव्वमागए । से नूणं खंदया ! अत्थे समत्थे ? हंता, अत्थि । (२) तए णं से खंदए कच्चायणसगोते भगवं गोयमं एवं वयासी से केस णं गोयमा ! तहारूवे नाणी वा तवस्सी वा जेणं तव एस अट्ठे मम ताव रहस्सकडे हव्वमक्खाए, जओ णं तुमं जाणसि ? । तए णं से भगवं गोयमे खंदयं कच्चायणसगोत्तं एवं वयासी एवं खलु खंदया ! मम धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे भगवं महावीरे उप्पन्नणाणं- दंसणधरे अरहा जिणे केवली तीय-पच्चुप्पन्नमणागयवियाणए सव्वण्णू सव्वदरिसी जेणं ममं एस अट्ठे तव ताव रहस्सकडे हव्वमक्खाए, जओ णं अहं जाणामि खंदया ! । (३) तए णं से खंदए कच्चायणसगोत्ते भगवं गोयमं एवं वयासी गच्छामो णं गोयमा ! तव धम्मायरियं धम्मोवदेसयं समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो जाव पज्जुवासामो । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं० । (४) तए णं से भगवं गोमे खंदणं कच्चायणसगोत्तेणं सद्धिं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणयाए । २१. तेणं कालेणं २ समणे भगवं महावीरे वियडभोई याऽवि होत्या । तए समणस्स भगवओ महावीरस्स वियडभोगिस्स सरीरयं ओरालं सिंगारं कल्लाणं सिवं धण्णं मंगल्लं सस्सिरीयं अणलंकियविभुसियं लक्खण वंजणगुणोववेयं सिरीए अतीव २ उवसोभेमाणं चिट्ठइ । २२. तए ण से खंदए कच्चायणसगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स वियडभोगिस्स सरीरयं ओरालं जाव अतीव २ उसोभमाणं पास, २ त्ता हट्ठतुट्ठचित्तमाणंदिए, नंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, २ ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणप्पयाहिणं करेइ जाव पज्जुवासइ । [सु. २३-२४. लोग - जीव - सिद्धि-सिद्धे पडुच्च सअंत -अणंतविसयाए खंदयपुच्छाए समाहाणं ] २३. ‘खंदया !' ति समणे भगवं महावीरे खंदयं कच्चाय० एवं वयासी से नूणं तुमं खंदया! सावत्थीए नयरीए पिंगलएणं णियंठेणं वेसालियसावएणं मक्खेवं पुच्छि 'मागहा ! किं सअंते लोए अणंते लोए ?' एवं तं चेव जाव जेणेव ममं अंतिए तेणेव हव्वमागए। से नूणं खंदया ! अयमट्ठे समट्ठे ? हंता, अत्थि । २४. (१) जे विय ते खंदया ! अयमेयारूवे अज्झत्थिए चितिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था किं सअंते लोए, अणंते लोए ? तस्स वि य णं अयमट्ठे एवं खलु मए खंदया ! चउव्विहे लोए पण्णत्ते, तं जहा दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ। दव्वओ णं एगे लोए सअंते । खेत्तओ णं लोए असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ आयाम-विक्खंभेणं, असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्खेवेणं प०, अत्थि पुण से अंते । कालओ णं लोए ण कयावि न आसी न कयावि न भवति न कयावि न भविस्सति, भुविं च भवति य भविस्सइ य, धुवे णियए सासते अक्खए अव्वए अवट्ठिए णिच्चे, णत्थि पुण से अंते । भावओ णं लोए अनंता वण्णपज्जवा गंध० रस० फासपज्जवा, अणंता संठाणपज्जवा, अणंता गरुयलहुयपज्नवा, अणंता अगरूयलहुयपज्जवा, नत्थि पुण से अंते । से तं खंदगा ! दव्वओ लोए सअंते, खेत्तओ लोए सअंते, कालतो लोए अणंते, भावओ लोए अणंते । (२) जे वि य ते खंदया ! जाव सअंते जीवे, अणंते जीवे ? तस्स वि यं णं अयमठ्ठे एवं खलु जाव दव्वओ Yeo श्री आगमगुणमंजूषा २३८ 66666666666666 Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MOSC5555555555555 55. RxOF555555555 (५) भगवई २ सत्तं उ-१ [२४] 555555555555555OSXORY रणं एगे जीवे सअंते । खेत्तओणं जीवे असंखेज्जपएसिए असंखेज्जपदेसोगाढे, अत्थि पुण से अंते । कालओ णं जीवे न कयावि न आसि जाव निच्चे, नत्थि पुणार से म · अंते ! भावओणं जीवे अणंता णाणपज्जवा अणंता दंसणपज्जवा अणंता चरित्तपज्जवा अणंता गरुयलहुयपज्जवा अणंता अगरुयलयपजवा, नत्थि पुण से अंते। से तं.दव्वओजीवे सअंते, खेत्तओ जीवे सअंते, कालओ जीवे अणंते, भावओ जीवे अणंते। (३) जे विय ते खंदया ! पुच्छा। दव्वओ णं एगा सिद्धी सअंता, खेत्तओ f सिद्धी पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयाम-विक्खंभेणं, एगा जोयणकोडी बायालीसं च जोयणसयसहस्साइं तीसं च जोयणसहस्साई दोन्नि य अउणापन्ने जोयणसए किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं प०, अत्थि पुण से अंते; कालओ णं सिद्धी न कयावि न आसि०; भावओ य जहा लोयस्स तहा भाणियव्वा । तत्थ दव्वओ सिद्धी सअंता, खेत्तओ सिद्धी सअंता, कालओ सिद्धी अणंता, भावओ सिद्धी अणंता। (४) जे वि य ते खंदया ! जाव किं अणंते सिद्धे ? तं चेव जाब दव्वओणं एगे सिद्धे सअंते; खेत्तओणं सिद्धे असंखेजपएसिए असंखेज्जपदेसोगाढे, अत्थि पुण से अंते; कालओणं सिद्धे सादीए अपज्जवसिए, नत्थि पुण से अंते; भावओ म सिद्धे अणंता णाणपज्जवा, अणंता दंसणपज्जवा जाव अणंता अगरुयलहुयपज्जवा, नत्थि पुण से अंते । सेत्तं दव्वओ सिद्धे सअंते, खेत्तओ सिद्धे सअंते, कालओ सिद्धे अणते, भावओ सिद्धे अणंते। [सु. २५-३१. मरणं पडुच्च संसारवति -हाणिविसयाए खंदयपुच्छाए बाल- पंडियमरणपरूवणापुव्वयं समाहाणं] २५. जे वि यते खंदया ! इमेयारूवे अज्झत्थिए चितिए जाव समुप्पज्जित्था केण वा मरणेणं मरमाणे जीवे वड्डति वा हायति वा ? तस्स वि यणं अयमढे -एवं खलु खंदया ! मए 4 दुविहे मरणे पण्णत्ते । तं जहा बालमरणे पंडियमरणे य। २६. से किं तं बालमरणे ? बालमरणे दुवालसविहे प०, तं -वलयमरणे १ वसट्टमरणे २ अंतोसल्लमरणे ३ तब्भमरणे ४ गिरिपडणे ५ तरुपडणे ६ जलप्पवेसे ७ जलणप्पवेसे ८ विसभक्खणे ९ सत्थोवाडणे १० वेहाणसे ११ गद्धपढे १२ । इच्चेतेणं खंदया ! दुवालसविहेणं बालमरणेणं मरमाणे जीवे अणतेहिं नेरइयभवग्गहणेहिं अप्पाणं संजोएइ, तिरिय० मणुय० देव०, अणाइयं चणं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरत संसारकतार अणुपरियट्टइ, सेत्तं मरमाणे वड्डइ वड्डइ । सेत्तं बालमरणे । २७. से किं तं पंडियमरणे ? पंडियमरणे दुविहे प०, तं० पाओवगमणे य भत्तपच्चक्खाणे य । २८. से किं तं पाओवगमणे ? पाओवगमणे दुविहे प०, तं० नीहारिमेय अनीहारिमे य, नियमा अप्पडिकम्मे। सेत्तं पाओवगमणे। २९. से किंतं भत्तपच्चक्खाणे? भत्तपच्चक्खाणे ई दुविहे पं०, तं० नीहारिमे य अनीहारिमे य, नियमा सपडिकम्मे । से तं भत्तपच्चक्खाणे । ३०. इच्चेतेणं खंदया ! दुविहेणं पंडियमरणेणं मरमाणे जीवे अणंतेहिं नेरइयभवग्गहणेहिं अप्पाणं विसंजोएइ जाव वीईवयति । सेत्तं मरमाणे हायइ हायइ । सेत्तं पंडियमरणे। ३१. इच्चेएणं खंदया ! दुविहेणं मरणेणं मरमाणे जीवे वड्डइ वा हायति वा। [सु. ३२-३८. खंदयस्स पडिबोहो पव्वज्जागहणं विहरणं च, भगवओ वि विहरणं] ३२. (१) एत्थ णं से खंदए कच्चायणसगोत्ते संबुद्धे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, २ एवं वदासी इच्छामि णं भंते ! तुब्भं अंतिए केवलिपन्नत्तं धम्मं निसामेत्तए। (२) अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं । ३३. तए णं समणे भगवं महावीरे खंदयस्स कच्चायणसगोत्तस्सतीसे य महतिमहालियाएपरिसाए धम्म परिकहेइ। धम्मकहाभाणियव्वा । ३४. तएणं से खंदए कच्चायणसगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म हट्ठतुढे जाव हियए उठाए उढेइ, २ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, २ एवं वदासी-सदहामि णं भंते ! निग्गंथं पावयणं, पत्तियामि णं भंते ! निग्गंथं पावयणं, रोएमिणं भंते ! निग्गंथं पावयणं, अब्भुढेमि णं भंते ! निग्गंथं पावयणं, एवमेयं भंते!, तहमेयं भंते !, अवितहमेयं भंते !, असंदिद्धमेयं भंते!, इच्छियमेयं भंते !, पडिच्छियमेयं भंते !, इच्छियपडिच्छियमेयं भंते !, से जहेयं तुब्भे वदह त्ति कट्ट समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति, २ उत्तरपुरस्थिमं दिसीभायं अवक्कमइ, २ तिदंडं च कुंडियं च जाव धातुरत्ताओ य एगंते एडेइ, २ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, २ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता जाव नमंसित्ता एवं वदासी-आलित्ते णं भंते ! लोए, पलिते णं भंते ! लोए,. आलित्तपलिते णं भंते ! लोए जराए मरणेण य से जहानामए केइ गाहावती अगारंसि झियायमाणंसिजे से तत्थ भंडे भवइ अप्पसारे मोल्लगरुए तं गहाय आयाए एगंतमंतं अवक्कमइ, एस मे नित्थारिए समाणे पच्छा पुरा य हियाए सुहाए खमाए निस्सेसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ । एवामेव देवाणुप्पिया ! मज्झ वि आया एगे Mero+355555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा २३९ 4555555555555555555##FFoxor 9F$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明听听听听听听明听听听听听听听听听听听听听C恩 55 乐乐乐乐乐乐玩玩乐乐乐乐乐% Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MOR955555555ff555555555555555555555555555555555555555OSTORY SORS555555555555555 (५) भगवई म रसतं उ-१ [२५] 55555555555555550xoY भंडे इढे कते पिए मणुन्ने मणमे थेज्जे वेसासिए सम्मए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे, मा णं सीतं, मा णं उण्हं, मा णं खुहा, मा णं पिवासा, माणं चोरा, माणं वाला, माण देसा, माणं मसगा, माणं वाइय -पित्तिय -सिभिय-सन्निवाइय विविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतु त्ति कट्ट, एस मे नित्थारिए समाणे परलोयस्स हियाए सुहाए खमाए नीसेसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ। तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! सयमेव पव्वावियं, सयमेव मुंडावियं, सयमेव सेहादियं सयमेव सिक्खावियं, सयमेव आयार-गोयरं विणयवेयाणिय-चरण-करण-जाया-मायावत्तियं धम्ममाइक्खिों । ३५. तए णं समणे भगवं महावीरे खंदयं कच्चायणसगोत्तं सयमेव पव्वावेइ जाव धम्ममाइक्खइ एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं, एवं चिट्ठियव्वं, एवं निसीतियव्वं, एवं तुयट्टियव्वं, एवं भुंजियव्वं, एवं भासियव्वं, एवं उद्वाय उवाय पाणेहिं भुएहिं जीवहिं सत्तेहिं संजमेण संजमियव्वं, अस्सिंच णं अटे णो किंचि विपमाइयव्वं । ३६. तए णं से खंदए कच्चायणसगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स इमं एयारूवं धम्मियं उवएसं सम्मं संपडिवज्जति, तमाणाए तह गच्छइ, तह चिट्ठइ, तह निसीयति, तह तुयट्टइ, तह भुंजइ, तह भासइ, तह उट्ठाय २ पाणेहिं भूएहिं जीवेहिं सत्तेहिं संजमेणं संजमइ, अस्सिं च णं अट्ठे णो पमायइ। ३७. तए णं से खंदए कच्चायणसगोत्ते अणगारे जाते इरियासमिए भासासमिए एसणासमिए आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमिए उच्चार-पासवण-खेल-सिंघाण-जल्ल-पारिट्ठावणियासमिएमणसमिए वयसमिए कायसमिए मणगुत्ते वइगुत्ते कायगुत्ते गुत्ते गुत्तिदिए गुत्तबंभचारी चाइ लज्जू धण्णे खंतिखमे जितिदिए सोहिए अणियाणे अप्पुस्सुए अबहिल्लेस्से सुसामण्णरए दंते इणमेव णिग्गंथं पावयणं पुरओ काउं विहरइ। ३८. तए णं समणे भगवं महावीरे कयंगलाओ नयरीओ छत्तपलासाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ, २ बहिया जणवयविहारं विहरति । [सु. ३९-४६. खंदयस्स एक्कारसंग ज्झयणं भिक्खुपडिमाऽऽराहणा गुणरयणतवोकम्माणुट्ठाणं च] ३९. तए णं से खंदए अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाझ्याई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ, २ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, २ समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, २ एवं वयासी इच्छामि णं भंते ! तुम्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । ४०. तए णं से खंदए अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे हट्ठ जाव नमंसित्ता मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। ४१. (१) तए णं से खंदए अणगारे मासियं भिक्खुपडिमं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं अहासम्मं कारण फासेति पालेति सोहेति तीरेति पूरेति किट्टेति अणुपालेइ आणाए आराहेइ, कारण फासित्ता जाव आराहेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, २ समणं भगवं जाव नमंसित्ता एवं वयासी इच्छामि णं भंते ! तुब्मेहिं अब्भणुण्णाए समाणे दोमासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं०। (२) तं चेव । ४२. एवं तेमासियं चाउम्मासियं पंच-छ-सत्तमाः। पढम सत्तराइंदियं, दोच्चं सत्तराइंदियं, तच्चं सतरातिदियं, रातिदियं, एगराइयं । ४३. तए णं से खंदए अणगारे एगराइयं भिक्खुपडिमं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, २ समणं भगवं महावीरं जाव नमंसित्ता एवं वदासी- इच्छामिणं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए। अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं०। ४४. तए णं से खंदए अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे जाव नमंसित्ता गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरति । तं जहा पढमं मासं चउत्थं चउत्थेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेण य । दोच्चं मासं छठे छटेणं अनिक्खित्तेणं० दिया ठाणुक्कुडुए सुराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेण य । एवं तच्वं मासं अट्ठमं अट्टमेणं, चउत्थं मासं दसमं दसमेणं, पंचमं मासं बारसमबारसमेणं, छठें मासं चोइसमं चोइसमेणं, सत्तमं मासं सोलसमं २, अट्ठमं मासं अट्ठारसमं २, नवमं मास वीसतिमं २, दसमं मासं बावीसतिमं २, एक्कारसमं मासं चउव्वीसतियं (२) बारसमं मासं छव्वीससतिमं २. तेरसमं मासं अट्ठावीसतिमं २, चोद्दसमं मासं तीसतिमं २, पन्नरसमं मासं बत्तीसतिमं २, सोलसमं मासं चोत्तीसतिमं २ अनिक्खिवेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुड़ए 2 सूराभिमुहे आयावणभूमीए, आयावेमाणे, रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेणं । ४५. तए णं से खंदए अणगारे गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं अहासुत्तं अहाकप्पं जाव KUC 5 55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-२४००55555555555555555FOOR TAGR95555555555555555555555555555555555555555555555 Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR95555555555555555 (५) भगवई २सतं उ.१ [२६] 555555555555555OOK CO$乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听得 आराहेत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, २ समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, २ बहूहिं चउत्थ -छट्ठऽहम- दसम -दुवालसेहिं मासऽद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरति । ४६. तए णं से खंदए अणगारे तेणं ओरालेणं विपुलेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं कल्लाणेणं सिवेणं धण्णेणं मंगल्लेणं सस्सिरीएणं उदग्गेणं उदत्तेणं उत्तमेणं उदारेणं महाणुभागेणं तवोकम्मेणं सुक्के लुक्खे निम्मंसे अट्ठिचम्मावणद्धे किडिकिडियाभूए किसे धमणिसंतए जाते यावि होत्था, जीवंजीवेण गच्छइ जीवंजीवेण चिट्ठइ, भासं भासित्ता वि गिलाइ, भासं भासमाणे गिलाति, भासं भासिस्सामीति गिलाति; से जहा नाम ए कट्ठसगडिया इभ वा पत्तसगडिया इ वा पत्ततिलभंडगसगडिया इ वा एरंडकट्ठसगडिया इ वा इंगालसगडिया इ वा उण्हे दिण्णा सुक्का समाणी ससई गच्छइ, ससई चिट्ठइ, एवामेव खंदए वि अणगारे ससदं गच्छइ, ससद्द चिट्ठइ, उवचिते तवेणं, अवचिए मंस -सोणितेणं, हुयासणे विव भासरासिपडिच्छन्ने तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए अतीव २ उवसोभेमाणे २ चिट्ठइ। [सु. ४७-५१. खंदयस्स संलेहणाभावणा संलेहणा कालगमणं च] ४७. तेणं कालेणं २ रायगिहे नगरे जाव समोसरणं जाव परिसा पडिगया। ४८. तए णं तस्स खंदयस्स अणगारस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झत्थिए चिंतिए जाव (सु. १७) समुप्पज्जित्था “एवं खलु अहं इमेणं एयारूवेणं ओरालेणं जाव (सु. ४६) किसे धमणिसंतए जाते जीवंजीवेणं गच्छामि, जीवंजीवेणं चिट्ठामि, जाव गिलामि, जाव (सु.४६) एवामेव अहं पि ससदं गच्छामि, ससई चिट्ठामि, तं अत्थिता मे उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे तंजावता.मे अत्थि उठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे जाव य मे धम्मायरिए धम्मोवदेसए समणे भगवं महावीरे जिणे सुहत्थी विहरइ तावता मे सेयं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पलकम्लकोमलुम्मिल्लियम्मि अहपंडरे पभाए रत्तासोयप्पकासकिंसुयसुयमुह-गुंजऽद्धरागसरिसे कमलागरसंडबोहए उठ्ठियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेयसा जलंते समणं भगवं महावीरं वंदित्ता नमंसित्ता जाव पज्जुवासित्ता, समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे सयमेव पंच महव्वयाणि आरोवेत्ता, समणा य समणीओ य खामेत्ता, तहारूवेहि थेरेहिं कडाऽऽईहिं सद्धिं विपुलं पव्वयं सणियं सणियं दुरूहित्ता, मेघघणसन्निगासं देवसन्निवातं पुढवीसिलावट्टयं पडिलेहित्ता, दब्भसंथारयं, दब्भसंथारोवगयस्स संलेहणाझूसणाझसियस्स भत्त-पाणपडियाइक्खियस्स पाओवगयस्स कालं अणवकंखमाणस्स विहरित्तए त्ति कट्ट एवं संपेहेइ, २त्ता कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते जेणेव समणे भगवं महावीरे जाव पज्जुवासति । ४९. 'खंदया ! इसमणे भगवं महावीरे खंदयं अणगारं एवं वयासी से नूणं तव खंदया ! पुव्वरत्तावरत्त० जाव (सु.४८) जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव (सु.१७) समुप्पज्जित्था 'एवं खलु अहं इमेणं एयारूवेणं ओरालेणं विपुलेणं तं चेव जाव (सु. ४८) कालं अणवकंखमाणस्स विहरित्तए त्ति कट्ट' एवं संपेहेसि, २ कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलंते जेणेव मम अंतिए तेणेव हव्वमागए । से नूणं खंदया ! अढे समढे ? हंता, अत्थि । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । ५०. तए णं से खंदए अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे हट्टतुट्ठ० जाव हयहियए उठाए उट्टेइ, २ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ जाव नमंसित्ता सयमेव पंच महव्वयाई आरुहेइ, २ त्ता समणे य समणीओ य खामेइ, २ त्ता तहारूवेहिं थेरेहिं कडाऽऽईहिं सद्धिं विपुलं पव्वयं सणियं २ दुरूहेइ, २ मेघघणसन्निगासं देवसन्निवायं पुढविसिलावट्टयं पडिलेहेइ, २ उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ, २ दब्भसंथारयं संथरेइ, २ दब्भसंथारयं दुरूहेइ, २ दब्भसंथारोवगते पुरत्थाभिमुहे संपलियंकनिसण्णे करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वदासि नमोऽत्थुणं अरहताणं भगवंताणं जाव संपत्ताणं, नमोऽत्थुणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव संपाविउकामस्स, वंदामि णं भगवंतं तत्थगयं इहगते, पासउ मे भयवं तत्थगए इहगयं ति कट्ट वंदइ नमसति, २ एवं वदासी “पुव्विं पि मए समणस्स भगवओमहावीस्स अंतिए सव्वे पाणातिवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए जाव मिच्छादसणसल्ले पच्चक्खाए जावज्जीवाए, इयाणिं पियणं समणस्स भगवओमहावीरस्स अंतिए सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जावज्जीवाए जाव मिच्छादसणसल्लं पच्चक्खामि । एवं सव्वं असणं पाणं खाइमं साइमं चउव्विहं पि आहारं पच्चक्खामि 2 जावज्जीवाए । जं पि य इमं सरीरं इ8 कंतं पियं जाव फुसंतु त्ति कट्ट एयं पिणं चरिमेहिं उस्सास-नीसासेहिं वोसिरामि" त्ति कट्ट संलेहणाझूसणाझूसिए भत्तxerc555555555555555555555555| श्री आगमगुणमंजूषा-२४९ 5555555555555555555555FFICK Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NGO555555555555555 (५) भगवई २ गतं उद्देशक - १-२-३-४.५ [२७] 555555555550XONY %%%%%%%%%$250 %%% % %%%%%%% पाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरति । ५१. तए णं से खंदए अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमादियाइं एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहुपडिपुण्णाइंदुवालसवासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता सट्ठिभत्ताई अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिकंते समाहिपते आणुपुव्वीए कालगए। [सु. ५२. भगवओ पुरओ थेरकयं खंदयपत्त-चीवरसमाणयणं ] ५२. तए णं ते थेरा भगवंतो खंदयं अणगारं कालगयं जाणित्ता परिनिव्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति, २ पत्त-चीवराणि गिण्हंति, २ विपुलाओ पव्वयाओ सणियं २ पच्चोरुहंति, २ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति, २ समणं भगवं महावीरं वंदंति नमसंति, २ एवं वदासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी खंदए नामं अणगारे पगइभद्दए पगतिविणीए पगतिउवसंते पगतिपयणुकोह- माण -माया -लोभे मिउ -मद्दवसंपन्ने अल्लीणे भद्दए विणीए । से णं देवाणुप्पिए हिं अब्भणुण्णाए समाणे सयमेव पंच महव्वयाणि आरोवित्ता समणे य समणीओ य खामेत्ता, अम्हेहिं सद्धिं विपुलं पव्वयं तं चेव निरवसेसं जाव (सु. ५०) अहाणुपुव्वीए कालगए। इमे य से आयारभंडए। [सु.५३५४. खदयभवंतरविसयगोयमपुच्छासमाहाणे भगवओ अच्चुयकप्पोववाय -तयणंतरसिज्झणापरूवणा] ५३. 'भंते !' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, २ एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी खंदए नाम अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए, कहिं उववण्णे ? 'गोयमा !' इ समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी- एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी खंदए नामं अणगारे पगतिभद्दए जाव से णं मए अब्भणुण्णाए समाणे सयमेव पंच महव्वयाई आरोवित्ता तं चेव सव्वं अविसेसियं नेयव्वं जाव (सु. ५०-५१) आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववण्णे । तत्थ णं एगइयाणं देवाणं बावीसं सागरोवमाइं ठिती प० । तत्थ णं खंदयस्स वि देवस्स बावीसं सागरोवमाइं ठिती पण्णत्ता। ५४. से णं भंते ! खंदए देवे ताओ देवलोगाओ. आउक्खएणं भवक्खएणं ठितीखएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिति ? कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति बुज्झिहिति मुच्चिहिति परिनिव्वाहिति सव्वदुक्खाणमंतं करेहिति।। खंदओ समत्तो★★★। बितीयसयस्स पढमो॥२.१॥★★★ बीओ उद्देसो 'समुग्घाया' [सु. १. सत्तसमुग्घायनामाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तसमुग्घायपदावलोयणनिद्देसो ] १. कति णं भंते ! समुग्धाता पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्त समुग्घाया पण्णत्ता, तं जहा। छाउमत्थियसमुग्घायवज्जं समुग्घायपदं णेयव्वं ।★★★॥ बितीयसए बितीयोद्देसो॥२.२॥★★★ तइओ उद्देसो ‘पुढेवी' ★★★ [सु. १. सत्तनिरयनामाइजाणणत्थं जीवाभिगसुत्तावलोयणनिद्देसो] १. कति णं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ? जीवाभिगमे नेरझ्याणं जो बितिओ उद्देसो सो नेयव्वो। पुढविं ओगाहित्ता निरया संठाणमेव बाहुल्ल । जाव किं सव्वे पाणा उववन्नपुव्वा ? हंता, गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो।★★★| पुढवी उद्देसो॥२.३॥★ ★★ चउत्थो उद्देसो 'इंदिय'★ ★ ★ [सु. १. इंदियवत्तव्वयाए पन्नवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १. कति णं भंते ! इंदिया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच इंदिया पण्णत्ता, तं जहा पढमिल्लो इंदियउद्देसओ नेयव्वो, 'संठाणं बाहल्लं पोहत्तं जाव अलोगो'।★★★ इंदियउद्देसो॥२.४ ॥★★★ पंचमो उद्देसो 'नियंठ★★★ सु. १. नियंठदेवपरियारणाए अन्नउत्थियमतपरिहारपुव्वयं भगवओ परूवणं १. अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति भासंति पण्णवेति परूवेति एवं खलु नियंठे कालगते समाणे देवभूएणं अप्पाणेणं से णं तत्थ अन्ने देवे, नो अन्नेसिं देवाणं देवीओ अहिजुंजिय २ परियारेइ १, णो अप्पणच्चियाओ ॥ देवीओ अभिजुंजिय २ परियारेइ २, अप्पणा मेव अप्पाणं विउव्विय २ परियारेइ ३, एगे वि य णं जीवे एगेणं समएणं दो वेदे वेदेइ, तं जहा इत्थिवेदं च पुरिसवेदंई च । एवं परउत्थियवत्तव्वया नेयव्वा जाव इत्थिवेदं च पुरिसवेदं च । से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जंणं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव इत्थिवेदं च पुरिसवेदं चं। जे ते एवमासु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि भा० प० परू० एवं खलु निअंठे कालगए समाणे अन्नयरेसु देवकोएसु देवत्ताए 9, उववत्तारो भवंति महिड्डिएसु जाव महाणुभागेसु दूरगतीसुचिरहितीएसु। सेणं तत्थ देवे भवति महिड्डीए जाव दस दिसाओ उज्जोवेमाणे पभासेमाणे जाव पडिरूवे। सेणं ixex9555 5555श्री आगमगुणमंजूषा - २४२5555555 5 55 乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 % %%%% CS55555555%%%% Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GRO (५) भगवई २ सत्तं उद्देसक ५ [२८] तत्थ अन्ने देवे, अन्नेसिं देवाणं देवीओ अभिजुंजिय २ परियारेइ १, अप्पणच्चियाओ देवीओ अभिजुजिय २ परियारेइ २, नो अप्पणामेव अप्पाणं विउब्विय २ परियारे ३; एगे वि य णं जीवे एगेणं समएणं एगं वेदं वेदेइ, तं जहा इत्थिवेदं वा पुरिसवेदं वा, जं समयं इत्थिवेदं वेदेइ णो तं समयं पुरिसवेयं वेएइ, जं समयं पुरिसवेयं वेएइ णो तं समयं इत्थिवेयं वेदेइ । (१) इत्थिवेयस्स उदपणं नो पुरिसवेदं वेएइ पुरिसवेयस्स उदएणं नो इत्थिवेयं वेएइ । एवं खलु एगे जीवे एगेणं समर्पणं एगं वेदं वेदेइ, तं जहा इत्थिवेयं वा पुरिसवेयं वा । इत्थी इत्थिवेएणं उदिण्णेणं पुरिसं पत्थेइ, पुरिसो पुरिसवेएणं उदिण्णेणं इत्थिं पत्थेइ । दो वि ते अन्नमन्नं पत्थेति, तं जहा इत्थी वा पुरिसं, पुरिसे वा इत्थिं । [सु. २ ६. उदगगब्भ - तिरिक्खजोणियगब्भ- मणुस्सीगब्भ- कायभवत्थ- जोणिब्भूयबीयाणं कालद्वितीपरूवणं] २. उदगग णं भंते! 'उद्गगब्भ' त्ति कालतो केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा। ३. तिरिक्खजोणियगब्भे णं भंते! 'तिरिक्खजोणियगब्भे' त्ति कालओ केवच्चिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अट्ठ संवच्छराई । ४. मणुस्सीगब्भे णं भंते! 'मणुस्सीगब्भे' त्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बारस संवच्छराई । ५. कायभवत्थे णं भंते! 'कायभवत्थे' त्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं चउव्वीसं संवच्छराई । ६. मणुस्स-पंचेंदियतिरिक्खजोणियबीए णं भंते! जोणिब्भूए केवतियं कालं संचिट्ठइ ? गोयमा ! जहनेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। [सु. ७-८. एगभवग्गहणं पडुच्च एगजीवस्स जणय- पुत्तसंखापरूवणं ] ७. एगजीवे णं भंते! एगभवग्गहणेणं केवतियाणं पुत्तत्ताए हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! जहन्नेणं इक्कस्स वा दोण्हं वा तिण्हं वा, उक्कोसेणं सयपुहुत्तस्स जीवाणं पुत्तत्ताए हव्वमागच्छंति । ८. (१) एगजीवस्स णं भंते! एगभवग्गहणेणं केवइया जीवा पुत्तत्ता मागच्छंति ? गोयमा ! जहन्नेणं इक्को वा दो वा तिण्णिवा, उक्कोसेणं सयसहस्सपुहत्तं जीवा णं पुत्तत्ताए हव्वमागच्छंति । २ से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ- जाव हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! इत्थीए य पुरिसस्स य कम्मकडाए जोणीए मेहुणवत्तिए नामं संजोए समुप्पज्जइ । ते दुहओ सिणेहं संचिणंति, २ तत्थ णं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं सयसहस्सपुहत्तं जीवा णं पुत्तत्ताए हव्वमागच्छंति । से तेणट्टेणं जाव हव्वमागच्छंति । [ सु. ९. मेहुण सेवणाअसंजमस्सोदाहरण ] ९. मेहुणं भंते ! सेवमाणस्स केरिसिए असंजमे कज्जइ ? गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे रूयनालियं वा बूरनालियं वा तत्तेणं कणएणं समभिधंसेज्जा । एरिस गोयमा ! मेहुणं सेवमाणस्स असंजमे कज्जइ । सेवं भंते ! सेवं भंते! जाव विहरति । [ सु. १०. भगवओ जणवयविहारो] १०. तए णं समणे भगवं महावीरे रायगिहाओ नगराओ गुणसिलाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ, २ बहिया जणवयविहारं विहरति । [सु. ११. तुंगियानगरीसमणोवासयाणं वण्णओ ] ११. तेणं काणं २ तुंगिया नामं नगरी होत्था । वण्णओ । तीसे णं तुंगियाए नगरीए बहिया उत्तरपुरित्थिमे दिसीभाए पुप्फवतीए नामं चेतिए होत्था । वण्णओ । तत्थ णं तुंगियाए नगरीए बहवे समणोवासया परिवसंति अड्डा दित्ता वित्थिण्णविपुलभवण - सयणाऽऽसण- जाण - वाहणाइण्णा बहुधण- बहुजायरूव-रयया आयोगपयोगसंपत्ता विच्छड्डियविपुलभत्त-पाणा बहुदासी - दास - गो-महिस- गवेल - यप्पभूता बहुजणस्स अपरिभूता अभिगतजीवाजीवा उवलद्धपुण्ण-पावा आसवसंवर-निज्जरकिरयाहिकरण-बंधमोक्खकुसला असहेज्जदेवासुर-नाग-सुवण्ण-जक्खरक्खस किन्नर - किंपुरिस गरुल - गंधव्व-महोरगादिएहिं देवगणेहिं निग्गंथातो पावणात अणतिक्कमणिज्जा, णिग्गंथे पावयणे निस्संकिया निक्कंखिता निव्वितिगिंच्छा लद्धट्ठा गहितट्ठा पुच्छिंतट्ठा अभिगतट्ठा विणिच्छियट्ठा, अट्ठिमिंजपेम्माणुरागरत्ता 'अयमाउसो ! निग्गंथे पावयणे अट्ठे, अयं परमट्ठे, सेसे अणट्ठे,' ऊसियफलिहा अवंगुतदुवारा चियत्तंतेउर-घरप्पवेसा, बहूहिं सीलव्वतगुण वेरमण-पच्चक्खाण-पोसहोववासेहिं चाउद्दसऽट्ठमुद्दिट्ठपुण्णमाणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्मं अणुपालेमाणा, समणे निग्गंथे फासुएसणिज्जेणं असण- पाण- खाइमसाइमेणं वत्थ पडिग्गह-कंबल पायपुंछणेणं पीढ-फलग- सेज्जा- संथारगेणं ओसह - भेसज्जेण य पडिलाभेमाणा, अहापरिग्गहिएहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणा विहरंति । [ सु. १२. पासावच्चिञ्जथेराणं वण्णोओ] १२. तेणं कालेणं २ पासावच्चिज्जा थेरा भगवंतो जातिसंपन्ना कुलसंपन्ना बलसंपन्ना रूवसंपन्ना विणयसंपन्ना णाणसंपन्ना दंसणसंपन्ना चरित्तसंपन्ना लज्जासंपन्ना लाघवसंपन्ना ओयंसी तेयंसी वचतचंसी जसंसी जितकोहा जियमाणा जियमाया जियलोभा जियनिद्दा जितिंदिया &Pers श्री आगमगणमंजना- २४३ 14545 145 145 145 145454 फ्र Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २ सतं उद्देसक ५ [२६] जितपरीसहा जीवियासा-मरणभयविप्पमुक्का जाव कुत्तयावणभूता बहुस्सुया बहुपरिवारा, पंचहिं अणगारसतेहिं सद्धिं संपरिवुडा, अहाणुपुव्विं चरमाणा, गामानुगाम दूइज्जमाणा, सुहंसुहेणं विहरमाणा जेणेव तुंगिया नगरी, जेणेव पुप्फवतीए चेतिए तेणेव उवागच्छंति, २ अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हित्ताणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेाणा विहरंति । [ १३-१५. तुंगियानगरीसमणोवासयकयं पासावच्चित्रजिथेराणं अभिगम-वंदण-पज्जुवासणाइयं, थेरकया धम्मदेसणा य] १३. तए णं तुंगियाए नगरीए सिंघाडग-तिग- चउक्क - चच्चर- महापह पहेसु जाव एगदिसाभिमुहा णिज्जायंति । १४. तए णं ते समणोवासया इमीसे कहाए लद्धट्ठा समाणा हट्टतुवा जाव सद्दावेति, २ एवं वदासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! पासावच्चेज्जा थेरा भगवंतो जातिसंपन्ना जाव अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ताणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरंति । तं महाफलं खलु देवाणुप्पिया ! तहारूवाणं थेराणं भगवंताणं णाम-गोत्तस्स वि सवणयाए किमंग पुण अभिगमण-वंदण-नमंसणपडिपुच्छण-पज्जुवासणयाए ? जाव गहणयाए ? तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! थेरे भगवंते वंदामो नमसामो जाव पज्जुवासामो, एयं णं इहभवे वा परभवे वा जाव अणुगामियत्ताए भविस्सतीति कट्टु अन्नमन्नस्स अंतिए एयमहं पडिसुणेति, २ जेणेव सयाइं सयाइं गिहाई तेणेव उवागच्छंति, २ ण्हाया कयबलिकम्मा कतकोउयमंगलपायच्छित्ता, सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाई वत्थाई पवराई परिहिया, अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा सएहिं २ गेहेहिंतो पडिनिक्खमंति, २ ता एगतओमेलायंति, २ पायविहारचारेणं तुंगियाए नगरीए मज्झमज्झेणं णिग्गच्छंति, २ जेणेव पुप्फवतीए चेतिए तेणेव उवागच्छंति, २ थेरे भगवंते पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छंति, तं जहा सचित्ताणं दव्वाणं विओसरणताए १ अचित्ताणं दव्वाणं अविओसरणताए २ एगसाडिएणं उत्तरासंगकरणेणं ३ चक्खुप्फासे अंजलिप्पग्गहेणं ४ मणसो एगत्तीकरणेणं ५; जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति, २ तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेति, २ जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासेति, तं जहा काइ० वाइ० माण० । तत्थ काइयाए - संकु चियपाणि- पाए सुस्सूसमाणे णमंसमाणे अभिमुहे विणएण पंजलिउडे पज्जुवासंति । वाइयाए जं भगवं वागरेति 'एवमेयं भंते !, तहमेय भं० !, अवितहमेयं भं० !, असंदिद्धमेयं भं० 1, इच्छियमेयं भं० !, पडिच्छियमेयं भं० !, इच्छियपडिच्छियमेयं भं० !, वायाए अपडिकूलेमाणा विणएणं पज्जुवासंति । माणसियाए संवेगं जणयंता तिव्वधम्माणुरागरत्ता विगह-विसोत्तियपरिवज्जियमई अन्नत्थ कत्थइ मणं अकुव्वमाणा विणएणं पज्जुवासंति । १५. तए णं ते थेरा भगवंतो तेसिं समणोवासयाणं तीसे य महतिमहालियाए परिसाए चाउज्जामं धम्मं परिकर्हेति, जहा केसिसामिस्स जाव समणोवासयत्ता आणाए आराहगे भवति जाव धम्मो कहिओ । [सु. १६ - १९. पासावच्चिज्जथेराणं देसाणए तव संजमफलपरूवणापुव्वयं देवलोओववाहेउपरूवणा, थेराणं जणवयविहारा य] १६. तए णं ते समणोवासया थेराणं भगवंताणं अंतिए धम्मं सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठ जाव हयहिदया तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेंति, २ जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासंति, २ एवं वदासी संजमे णं भंते! किंफले ? तवे णं भंते ! किंफले ? तए णं ते थेरा भगवंतो ते समणोवासए एवं 'वदासी संजमे णं अज्जो ! अणण्हखले तवे वोदाणफले । १७. (१) तए णं ते समणोवासया थेरे भगवंते एवं वदासी जइ णं भंते! संजमे अणण्यफले, त वोदाणफले किंपत्तियं णं भंते! देवा देवलोएसु उववज्जंति ? (२) तत्थ णं कालियपुत्ते नाम थेरे ते समणोवासए एवं वदासी पुव्वतवेणं अज्नो ! देवा देवलोएसु उववज्जंति । (३) तत्थ णं मेहिले नामं थेरे ते समणोवासए एवं वदासी पुव्वसंजमेणं अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति । (४) तत्थ णं आणंदरक्खिए णामं थेरे समोवास एवं वदासी कंगियाए अज्जो ! देवा देवलोएस उववज्जंति, (५) तत्थ णं कासवे णागं थेरे ते समणोवासए एवं वदासी संगियाए अज्जो देवा देवलोए उववज्जति पुव्वतवेणं पुव्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति। सच्चे णं एस मट्ठे, नो चेव णं आतभाववत्तव्वयाए । १८. त णं ते समणोवासया थेरेहिं भगवंतेहिं इमाई एयारूवाई वागरणाई वागरिया समाणा हट्टतुट्ठा थेरे भगवंते वंदंति नमंसंति, २ पसिणाई पुच्छंति, २ अट्ठाई उवादियंति, २ उट्ठाए उट्ठेति, २ थेरे भगवंते तिक्खुत्तो वंदंति णमंसंति, २ थेराणं भगवंताणं अंतियाओ पुप्फवतियाओ चेइयाओ पडिनिक्खमंति, २ जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया । १९. तए णं ते थेरा अन्नया कयाइ तुंगियाओ पुप्फवतिचेइयाओ पडिनिग्गच्छंति, २ बहिया जणवयविहारं विहरति । [ सु. २०-२५ रायगिहे 5 श्री आगमगुणमंजूषा २४४ फ्र Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR95555555555555555 (५) भगवई २ सतं उद्देसक - ५ [३०] 555555555555555ONOR 555555 5555555555 05555555555555555555555555 भिक्खायरियागयस्स गोयमास्स तुंगियानगरित्थपासावच्चिज्जथेरपरूवणानिसमणं, भगवओ पुरओ पुच्छा, पासावच्चिज्जथेरपरूवणाए भगवओ अविरोहनिद्देसो म य] २०. तेणं कालेणं २ रायगिहे नामं नगरे जाव परिसा पडिगया। २१. तेणं कालेणं २ समणस्स भगवओ महावीरस्स जेढे अंतेवासी इंदीभूतीनामं अणगारे जाव संखित्तविउलतेयलेस्से छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे जाव विहरति । २२. तए णं से भगवं गोतमे छडक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ, बीयाए पोरसीए झाणं झियायइ, ततियाए पोरिसीए अतुरियमचवलमसंभंते मुहपोत्तियं पडिलेहेति, २ भायणाई वत्थाइं पडिलेहेइ, २ भायणाई पमज्जति, २ भायणाई उग्गाहेति, २ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, २ समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, २ एवं वदासी इच्छामि ॐ भंते ! तुब्मेहिं अब्भुणुण्णाए उट्ठक्खमणपारगंसि रायगिहे नगरे उच्च-नीय-मज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडित्तए। अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । २३. तए णं भगवं गोतमे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ गुणसिलाओ चेतियाओ म पडिनिक्खमइ, २ अतुरितमचवलसंभंते जुगंतरपलोयणाए दिट्ठीए पुरतो रियं सोहेमाणे २ जेणेव रायगिहे नगरे तेणेव उवागच्छइ, २ रायगिहे नगरे उद्दनीय मज्झिमाइं कुलाइं घरसमुदाणस्स भिक्खायरियं अडति। २४. तए णं से भगवं गोतमे रायगिहे नगरे जाव (सु.२३) अडमाणे बहुजणसई निसामेति “एवं खलु देवाणुप्पिया ! तुंगियाए नगरीए बहिया पुप्फवतीए चेतिए पासावच्चिज्जा थेरा भगवंतो समणावासएहिं इमाई एतारूवई वागरणाई पुच्छिया संजमे णं भंते ! किंफले, तवे णं भंते ! किंफले ? । तए णं ते थेरा भगवंतो ते समणोवासए एवं वदासी संजमे णं अज्जो ! अणण्हयफले, तवे वीदाणफले तं चेव जाव (सु. १७) पुव्वतवेणं पुव्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववजंति, सच्चे णं एस मटे, णो चेवणं आयभाववत्तव्वयाए" से कहमेतं मन्ने एवं ?।२५. (१) तए णं से भगवं गोयमे इमीसे कहाए लद्धटे समाणे जायसड्ढे जाव समुप्पन्नकोतुहल्ले अहापज्जत्तं समुदाणं गेण्हति, २ रायगिहातो नगरातो पडिनिक्खमति, २ अतुरियं जाव सोहमाणे जेणेव गुणसिलाए चेतिए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवा०, २ सम० भ० महावीरस्स अदूरसामंते गमणागमणाए पडिक्कमति, एसणमणेसणं आलोएति, २ भत्तपाणं पडिदसेति, २ समणं भ० महावीरं जाव एवं वदासी “एवं खलु भंते ! अहं तुब्भेहिं अब्भणुण्णाते समाणे रायगिहे नगरे उच्च-नीय- मज्झिमाणि कुलाणि घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे बहुजणसई निसामेमि एवं खलु देवा० ! तुंगियाए नगरीए बहिया पुप्फवईए चेइए पासावच्चिजा थेरा भगवंतो समणोवासएहिं इमाइं एतारूवाइं वागरणाइं पुच्छिता संजमे णं भंते ! किंफले ? तवे किंफले ? तं चेव जाव (सु. १७) सच्चे णं एस मढे, णो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए'। (२) "तं पभू णं भंते ! ते थेरा भगवंतो तेसिं समणोवासयाणं इमाइं एतारूवाइं वागरणाइं वागरित्तए ? उदाहु अप्पभू ?, समिया णं भंते ! ते थेरा भगवंतो तेसिं समणोवासगाणं इमाइं एयारूवाइं वागरणाइं वागरित्तए ? उदाहु असमिया ?, आउजिया णं भंते ! ते थेरा भगवंतो तेसिं समणोवासयाणं इमाइं एयारूवाइं वागरणाइं वागरित्तए ? उदाहु अणाउज्जिया पलिउज्जिया णं भंते ! ते थेरा भगवंतो पुव्वतवेणं तेसिं समणोवासयाणं इमाई एयारूवाइं वागरणाइं वागरित्तए ? उदाहु अपलिउज्जिया?, पुव्वतवेणं अज्जो ! देवा देवलाएसु उववनंति, पुव्वसंजमेणं०, कम्मियाए०, संगियाए०, पुव्वतवेणं पुव्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति। सच्चे णं एस मढे णो चेवणं आयभाववत्तव्वयाए ?"। (३) पभूणं गोतमा ! ते थेरा भगवंतो 3 तेसिं समणोवासयाणं इमाइं एयारूवाइं वागरणाइं वागरेत्तएणो चेवणं अप्पभू, तह चेव नेयव्वं अविसेसियं जाव पभू समिया आउज्जिया पलिउज्जिया जाव सच्चे णं एस मटे, णो चेव णं आयभाववइव्वयाए। (४) अहं पि य णं गोयमां ! एवमाइक्खामि भासेमि पण्णवेमि परूवेमि पुव्वतवेणं देवा देवलोएसु उववजंति, पुव्वसंजमेणं देवा देवलोएसु उववज्जति, कम्मियाए देवा देवलोएसु उववज्जति, संगियाए देवा देवलोएसु उववज्जति, पुव्वतवेणं पुव्वसंजमेणं कम्मियाए संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति; सच्चे णं एस मटे, णो चेव णं आयभाववत्तव्वयाए। [सु. २६. समण-माणपज्जुवासणाए अणंतर-परंपरफलपरूवणा] २६. २ (१) तहारूवं णं भंते! समर्ण वा माहणं वा पज्जूवासमाणस्स किंफला पज्जुवासणा ? गोयमा ! सवर्णफला। (२) सेणं भंते ! सवणे किंफले?णाणफले। (३) सेणं M0 55555555555555555555 श्री आगमगणमनपा - २४५4 5555555555555555555OOR Oro55555555555555555555555555555555555555555555555555OK www.jainelibrary Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Rare555555555555555 (५) भगवई २सतं उद्देसक - ५-६-७-८. [३१] 3555555555555555ONOK भंते ! नाणे किंफले ? विण्णाणफले। (४) सेणं भंते ! विण्णाणे किंफले ? पच्चक्खाणफले। (५) सेणं भंते ! पच्चक्खाणे किंफले? संजमफले (६) सेणं भंते ! संजमे किंफले? संजमफले (६) से णं भंते ! संजमे किंफले ? अणण्हयफले। (७) एवं अणण्हये तवफले । तवे वोदाणफले । वोदाणे अकिरियाफले। (८) से णं भंते ! अकिरिया किंफला ? सिद्धिपज्जवसाणफला पण्णत्ता गोयमा ! गाहा सवणे णाणे य विण्णाणे पच्चक्खाणे य संजमे । अणण्हये तवे चेव वोदाणे अकिरिया सिद्धी ॥१॥ [सु. २७. वेभारपव्वयाहोभागगय 'महातवोवतीर' नामगहरयविसए अण्णउत्थियपरूवणापडिसेहपुव्वयं भगवओ परूवणा] २७. अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति भासेंति पण्णवेति परूवेति एवं खलु रायगिहस्स नगरस्स बहिया वेभारस्स पव्वयस्स अहे एत्थ णं महं एगे हरए अघे पण्णत्ते अणेगाई जोयणाई आयाम-विक्खंभेणं नाणादुमसंडमंडिउद्देसे सस्सिरीए जाव पडिरूवे । तत्थ णं बहवे ओराला बलाहया संसेयंति सम्मुच्छंति वासंति तव्वतिरित्ते य णं सया समियं उसिणे २ आउकाए अभिनिस्सवइ । से कहमेतं भंते ! एवं ? गोयमा ! जंणं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति जाव जे ते एवं परूवेंति मिच्छं ते एवमाइक्खंति जाव सव्वं नेयव्वं । अहं पुण गोतमा ! एवमाइक्खामि भा० पं० प० एवं खलु रायगिहस्स नगरस्स बहिया वेभारस्स पव्वतस्स अदूरसामंते एत्थ णं महातवोवतीरप्पभवे नामं पासवणे पण्णत्ते, पंच धणुसताणि आयाम-विक्खंभेणं नाणादुमसंउमडिउद्देसे सस्सिरीए पासादीए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे। तत्थणं बहवे उसिणजोणिया जीवा य पोग्गला य उदगत्ताए वक्कमति विउक्कमति चयंति उववज्जति तव्वतिरित्ते वि य णं सया समितं उसिणे २ आउयाएँ अभिनिस्सवति एस णं गोतमा ! महातवोवतीरप्पभवे पासवणे, एसणं गोतमा ! महातवोसतीरभवस्स पासवणस्स अट्ठे पण्णत्ते। सेवं भंते ! २ त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति ।। ।।२.५||***छट्ठो उद्देसो 'भासा' ** [सु. १. भासासरूवाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तस्स भासापदावलोयणनिद्देसो] १. सेणूणं भंते ! 'मन्नामी ति ओधारिणी भासा ? एवं भासापदं भाणियव्वं । ॥२.६॥★★★सत्तमो उद्देसो 'देव' ★★★ [सु. १. देवाणं भेयपरूवणा] १. कइणं भंते ! देवा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा देवा पण्णत्ता, तं जहा भवणवति -वाणमंतर -जोतिस -वेमाणिया। [सु. २. चउब्विहदेवठाण-कप्पपइट्ठाणाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्त - जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो ] २. कहि णं भंते ! भवणवासीणं देवाणं ठाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जहा ठाणपदे देवाणं वत्तव्वया सा भाणियव्वा। उववादेणंलोयस्सअसंखेज्जइभागे। एवं सव्वं भाणियव्वं जाव (पण्णवणासुत्तंसु. १७७त: २११) सिद्धगंडिया समत्ता। “कप्पाण पतिट्ठाणं बाहल्लुच्चत्तमेव संठाणं ।" जीवाभिगमे जो वेमाणियुद्देसो सो भाणियव्वो सव्वो। ॥२.७||★★★ अट्ठमो उद्देसो 'सभा' [सु. १. चमरस्स असुरिंदस्स सभाए परूवणा] १. कहि णं भंते | चमरस्स असुररण्णो सभा सुहम्मा पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तिरियमसंखेज्जे दीव-समुद्दे वीईवइत्ता अरुणवरस्स दीवस्स बाहिरिल्लातो वेइयंतातो अरुणोदयं समुदं बायालीसंजोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थणं चमरस्स असुररण्णो तिगिछिकूडे नाम उप्पायपव्वते पण्णत्ते, सत्तरसएएक्कवीसे जोयणसते उहुं उच्चत्तेणं, चत्तारितीसे जोयणसते कोसं च उव्वेहेणं; गोत्थुभस्स आवापव्वयस्स पमाणेणं नेयव्वं, नवरं उवरिल्लं पमाणं मज्झेभाणियव्वं जावभूले वित्थडे, मज्झे संखित्ते, उप्पिं विसाले, वरवइरविग्गहिए महामउंदसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छेजावपडिरूवे।सेणंएगाएपउमवरवेइयाए एगेणं वणसंडेण यसव्वतो समंता संपरिक्खित्ते। पउमवरवेइयाए वणसंडस्स य वण्णओ । तस्स णं तिगिछिकूडस्स उप्पायव्वयस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते। वण्णओ। तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभागे। एत्थणं महं एगे पासातवडिंसएपण्णत्ते अड्डाइज्जाइंजोयणसयाई उखु उच्चत्तेणं, पणवीसं # जोयणसयं विक्खंमेणं । पासायवण्णओ। उल्लोयभूमिवण्णओ। अट्ठ जोयणाई मणिपेढिया । चमरस्स सीहासणं सपरिवार भाणियव्वं । तस्स णं तिगिछिकूडस्स है दाहिणेणं छक्कोडिसए पणपन्नं च कोडीओ पणतीसं सतसहस्साइं पण्णासं च सहस्साइं अरुणोदए समुद्दे तिरियं वीइवइत्ता, अहे य रतणप्पभाए पुढवीए चत्तालीसं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं चमरस्स असुरिंसद्द असुररण्णो चमरचंपा नामं रायहाणी पण्णत्ता, एगंजोयणसतसहस्सं आयाम-विक्खभे णं जंबुद्दीवपमाणा। ओवारियलेणं सोलसं जोयणसहस्साई आयामविक्खंमेणं, पन्नासं जोयणसहस्साइं पंच य सत्ताणउए जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं, सव्वप्पमाण Morch5555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २४६०55555555555555555555555556NOR HOTO555555555555555555555555555555555555555555555OOR Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फ्र (५) भगवई २ सतं उद्देसक ९.१० [३२] वेमाणियप्पमाणस्सं अद्धं नेयव्वं । सभा सुहम्मा उत्तरपुरत्थिमेणं, जिणघरं, ततो उववायसभा हरओ अभिसेय० अलंकारो जहा विजयस्स । उववाओ संकप्पो अभय विभूसणा यववसाओ। अच्चणिय सुहगमो वि य चमर परिवार इडुत्तं ॥ १ ॥ ★★★ ॥ बीयसए अट्टमो ॥ २.८॥ ★★★ नवमो उद्देसो 'दीव' ★★★ [सु. १. समयखेत्तपरूवणाजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो ] १. किमिदं भंते! 'समयखेत्ते' त्ति पबुच्चति ? गोयमा ! अड्डाइज्जा दीवा दो य समुद्दा एस वतिए 'समयखेत्ते ' त्ति पवुच्चति । 'तत्थ ण अयं जंबुद्दीवे दीवे सव्वदीव-समुद्दाणं सव्वब्भंतरए' (जीवाजीवाभि० सु. १२४, पत्र १७७) एवं जीवाभिगमवत्तव्वया नेयव्वा जाव अब्भिंतरं पुक्खरद्धं जोइसविहूणं । ★★★ ॥ बितीयस्स नवमो उद्देसो ॥। २.९ ॥ ★★★ दसमो उद्देसो 'अत्थिकाय' ★★★ [सु. १६. अत्थिकायाणं भेय-पभेयाइपरूवणं ] १. कति णं भंते! अत्थिकाया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच अत्थिकाया पण्णत्ता, तं जहा धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए । २. धम्मत्थिकाए णं भंते! कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे ? गोयमा ! अवण्णे अगंधे अरसे अफासे अरूवी सासते अवट्ठिते लोगदव्वे । से समासतो पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो गुणतो । दव्वतो णं धम्मत्थिकाए एगे दव्वे । खेत्ततो लोगप्पमाणमेत्ते । कालतो न कदायि न आसि, न कयाइ नत्थि, जाव निच्चे । भावतो अवण्णे अगंधे अरसे अफासे । गुणतो गमणगुणे । ३. अधम्मत्थिकाए वि एवं चेव । नवरं गुणतो ठाणगुणे । ४. आगासत्थिकाए वि एवं चेव । नवरं खेत्तओ णं आगासत्थिकाए लोयालोयप्पमाणमेत्ते अणते चेव जाव (सु. २) गुणओ अवगाहणागुणे । ५. जीवत्थिकाए णं भंते ! कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कइफासे ? गोयमा ! अवण्णे जाव (सु. २) अरूवी जीवे सासते अवट्ठिते लोगदव्वे । से समासओ पंचविहे पण्णत्ते; तं जहा दव्वतो जाव गुणतो। दव्वतो णं जीवत्थिकाए अणंताइं जीवदव्वाइं । खेत्तओ लोगप्पमाणमेत्ते। कालतो न कयाइ न आसि जाव (सु. २) निच्चे । भावतो पुण अवणे अगंधे अरसे अफासे । गुणतो उवयोगगुणे । ६. पोग्गलत्थिकाए णं भंते ! कतिवण्णे कतिगंधे० रसे० फासे ? गोयमा ! पंचवण्णे पंचरसे दुगंधे अट्ठफासे रूवी अजीवे सासते अवट्ठिते लोगदव्वे । से समासओ पंचविहे पण्णत्ते; तं जहा दव्वतो खेत्तओ कालतो भावतो गुणतो । दव्वतो णं पोग्गलत्थिकाए अणंताई दव्वाइं । खेत्ततो लोगप्पमाणमेते । कालतो न कयाइ न आसि जाव (सु. २) निच्चे । भावतो वण्णमंते गंध० रस० फासमंते । गुणतो गहणगुणे । [सु. ७-८. पंचण्हमत्थिकायाणं सरूवं ] ७. (१) एगे भंते ! धम्मत्थिकायपदेसे 'धम्मत्थिकाए' त्ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे । (२) एवं दोण्णि तिण्णि चत्तारि पंच छ सत्त अट्ठ नव दस संखेज्ना असंखेज्जा भंते! धम्मत्थिकायप्पदेसा 'धम्मत्थिकाए' त्ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे। (३) एगपदेसूणे वि य णं भंते! धम्मत्थिकाए ‘धम्मत्थिकाए' त्ति वत्तव्वं सिया ? णो इणट्टे समट्ठे । (४) से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ 'एगे धम्मत्थिकायपदेसे नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया जाव (सु. ७२) एगपदेसूणे वि य णं धम्मत्थिकाए नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया ?' । से नूणं गोयमा ! खंडे चक्के ? सगले चक्के ? भगवं ! नो खंडे चक्के, सगले चक्के । एवं छत्ते चम्मे दंडे दूसे आयुहे मोयए । से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ 'एगे धम्मत्थिकायपदेसे नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया जाव एगपदेसूणे विय धम्मत्थिकाए नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तब्वं सिया' । ८. (१) से किं खाइं णं भंते! 'धम्मत्थिकाए' त्ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! असंखेज्जा धम्मत्थिकायपदेसा ते सव्वे कसिणा पडिपुण्णा निरवसेसा एगग्गहणगहिया, एस णं गोयमा ! 'धम्मत्थिकाए' त्ति वत्तव्वं सिया । (२) एवं अहम्मत्थिकाए वि । (३) आगासत्थिकाय - जीवत्थिकाय -पोग्गलत्थिकाया वि एवं चेव । नवरं पदेसा अणंता भाणियव्वा । सेसं तं चेव । [सु. ९. अमुत्तजीवलक्खणवत्तव्वया) ] ९. (१) जीव णं भंते ! सउट्टाणे सकम्मे सबले सवीरिए सपुरिसक्कारपरक्कमे आयभावेणं जीवभावं उवदंसेतीति वत्तव्वं सिया ? हंता, गोयमा ! जीवं णं सउट्टाणे जाव उवदंसेतीति वत्तव्वं सिया । (२) से केणद्वेणं जाव वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! जीवे णं अणंताणं आभिणिबोहियनाणपज्जवाणं एवं सुलनाणपज्जवाणं ओहिनाणपज्जवाणं मणपज्जवनाणपज्जवाणं केवलनाणपज्जवाणं मतिअण्णाणपज्जवाणं सुतअण्णाणपज्जवाणं विभंगणाणपज्जवाणं चक्खुदंसणपज्जवाणं अचक्खुदंसणपज्जवाणं 1 education International 2010 03 rox Pavate & Personal Use Only श्री आगमगणमंजुषा २४७ 55 56ON Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR05555555555555555 (क) भगवई रसतं अंतक मरा 555555555555555sexx ओहिदसणपज्जवाणं केवलदसणपज्जवाणं उवओगं गच्छति, उवयोगलक्खणेणं जीवे। से तेणद्वेणं एवं वुच्चइ गोयमा! जीवेणं सउट्ठाणेजाव बत्तव्य सिया। [सु. 5 १०-१२. आगासत्थिकायस्स भेया सरूवं च] १०. कतिविहे णं भंते ! आकासे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे आगासे पण्णत्ते, तं जहा लोयाकासेय अलोयागासे फ य । ११. लोयाकासे णं भंते ! किं जीवा जीवदेसा जीवपदेसा, अजीवा अजीवदेसा अजीवपएसा ? गोयमा ! जीवा वि जीवदेसा वि जीवपदेसा वि, अजीवा वि अजीवदेसा वि अजीवपदेसा वि । जे जीवा ते नियमा एगिदिया बेइंदिया तेइंदिया चउरिदिया पंचेंदिया अणिदिया । जे जीवदेसा ते नियमा एगिदियदेसा जाव अणिदियदेसा । जे जीवपदेसा ते नियमा एगिदियपदेसा जाव अणिदियपदेसा । जे अजीवा ते दुविधा पण्णत्ता, तं जहा रूवी य अरूवी य । जे रूवी ते चउव्विहा पण्णत्ता, तं जहा खंधा खंधदेसा संघपदेस्त परमाणुपोग्गला। जे अरूवी ते पंचविधा पण्णत्ता, तं जहा धम्मत्थिकाए, नोधम्मत्थिकायस्स देसे, धम्मत्थिकायस्स पदेसा, अधम्मत्थिकाए, नोअधम्मत्थिकायस्स देसे अधम्मत्थिकायस्स पदेसा अद्धासमए। १२. अलोगागासे णं भंते ! किं जीवा ? पुच्छा तध चेव (सु. ११)। गोयमा! नो जीवा जाव नो अजीवप्पएसा। एगे अजीवदव्वदेसे अगुरुयलहुए अणंतेहिं अगुरुयलहुयगुणेहिं संजुत्ते सव्वागासे अणंतभागूणे। [सु. १३. पंचण्हमत्थिकायाणं पमाणं] १३. (१ धम्मत्थिकाए णं भंते ! केमहालए पण्णत्ते ? गोयमा ! लोए लोयमेत्ते लोयप्पमाणे लोयफुडे लोयं चेव फुसित्ताणं चिट्ठइ। (२) एवं अधम्मत्थिकाए, लोयाकासे, जीवत्थिकाए, पोग्गलत्थिकाए। पंच वि एक्काभिलावा। [सु. १४-२२. अहोलोयाईणं ओघ-विभागेहिं धम्मत्थिकायाइफुसणावत्तव्वया] १४. अहेलोए णं भंते ! धम्मत्थिकायस्स केवतियं फुसति ? गोयमा ! सातिरेगं अद्धं फुसति । १५. तिरियलोए णं भंते !० पुच्छा। गोयमा ! असंखेजइभागं फुसइ। १६. उड्डलोएणं भंते!० पुच्छा। गोयमा ! देसाणं अद्धं फुसइ। १७. इमाणं भंते ! रतणप्पभा पुढवी धम्मत्थिकायस्स किं संखेज्जइभागं फुसति, ? असंखेखिज्जइभागं फुसइ, (१) संखिज्जे मागे फुसति असं खेज्जे भागे फुसंति १ सव्वं फुसति १ गोयमा णो संखेज्जइ भागं फुसति असंखेज्जइ भागं फुसइ णो संखेज्ज०, णो असंखेज्जे, नो सव्वं फुसति । १८ इमीसे णं भंते रयणप्पभाए पुढवीए धणादहीं धम्मत्थिकायस्स किं संखेज्जइभागं फुसति १० । जधा रतणप्पभा (सु १७) तहा धणोदहि-घणवाततणुवाया वि। १९ (१) इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए ओवासंतरे धम्मत्थिकायस्स किं संखिज्जइभागं फुसति, असंखेज्जइभागं फुसइ जाव (सु. १७) सव्वं फुसइ ? गोयमा ! संखिज्जइभागं फुसइ, णो असंखेज्जइभागं फूसइ, नो संखेज्जेइ, नो असंखेज्जे० नो सव्वं फसइ। (२) ओवासंतराई सव्वाइं जहा रयणप्पभाए। २०. जधा रयणप्पभाए पुढवीए वत्तव्वया भणिया एवं जाव अहेसत्तमाए। २१. एवं सोहम्मे कप्पे जाव ईसिपब्भारापुढवीए। एते सव्वे वि असंखेज्जइभागं फुसति, सेसा पडिसेहेतव्वा । २२. एवं अधम्मत्थिकाए। एवं लोयागासे वि। गाहा पुढवोदही घण तणू कप्पा गेवेज्जऽणुत्तरा सिद्धी । संखिज्जइभागं अंतरेसु सेसा असंखेज्जा ||१||॥२.१०॥★★★|| बितियं सयं समत्तं ॥२॥ तइयं सयंम [सु. १. तइयसयदसुद्देसऽत्थाहिगारगाहा] १. केरिस विउव्वणा १ चमर २ किरिय ३ जाणित्थि ४-५ नगर ६ पाला य ७ । अहिवति ८ इंदिय ९ परिसा १० ततियम्मि सते दसुद्देसा ॥१॥★ ★ ★ पढमो उद्देसो 'मोया-केरिस विउव्वणा'* * * [सु. २. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ] २. तेणं कालेणं तेणं समएणं मोया नाम नगरी होत्था। वण्णओ । तीसे णं मोयाए नगरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभागे णं नंदणे नामं चेतिए होत्था। वण्णओ। तेणं कालेणं २ सामी समोसढे। परिसा निग्गच्छति। पडिगता परिसा। [सु. ३-६. अग्गिभूइपुच्छाए भगवओ चमर-तस्सामाणिय- तायत्तीसग- लोगपाल -अग्गमहिसीणं इड्डि -जुति -बल -जस -सोक्ख -अणुभाग -विउव्वणापरूवणा] ३. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स दोच्चे अंतेवासी अग्गिभूती नामं अणगारे गोतमेगानेणं सुत्तस्सेहे जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी चमरे णं भंते ! असुरिदे असुरराया केमहिड्डीए ? केमहज्जुतीए ? केमहाबले ? केमहायसे ? केमहासोक्खे ? केमहाणुमाणे? केवतियं च णं पभू विकुवित्तए ? गोयमा ! असुररण्णो एगमेगे , सामाणिय देवे तिरिमसंखेजे दीवसमुद्दे बहूहिल्ले चमरे णं असुरिंदे असुरराया महिलाए जाव महाणुभागे । से णं तत्थ चोत्तीसाए भवणावाससतसहस्साणं, SAK55555555555%%%%%%%%%%%555555555555555555555F2C re: 5 55555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा २४८555555555555555555555555OOR Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROROF55555555555555 (५) भगवई ३ सतं उ - १ [३४] 五五五五五五五五五五五五五 TONIC玩乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$$乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐FSC चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं जाव विहरति । एमहिड्डीए जाव एमहाणुभागे। एवतियं च णं पभू विकुवित्तए से जहानामए जुवती जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा, चक्कस्स वा नाभी अरगाउत्ता सिता, एवामेव गोयमा ! चमरे असुरिंदे असुरराया वेउव्वियसमुग्घातेणं समोहण्णति, २ संखिज्जाइं जोअणाइं दंडं निसिरति, तं जहा रतणाणं जाव रिट्ठाणं अहाबायरे पोग्गले परिसाडेति, २ अहासुहमे पोग्गले परियाइयति, २ दोच्चं पि वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहण्णति, २ पभू णं गोतमा ! चमरे असुरिदे असुरराया केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइण्णं वितिकिण्णं उवत्थडं संथडं फुडं अवगाढावगाढं करेत्तए । अदुत्तरं च णं गोतमा ! पभू चमरे असुरिंदे असुरराया तिरियमसंखेज्जे दीव -समुद्दे बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइण्णे वितिकिण्णे उवत्थडे संथडे फुडे अवगाढेवगाढ़े करेत्तए । एस णं गोतमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो अयमेतारुवे विसए विसयमेते वुइए, णो चेव णं संपत्तीए विकुव्विंसु वा, विकुव्वति वा, विकुव्विस्सति वा। (४) जति णं भंते ! चमरे असुरिद असुरराया एमहिड्डीए जाव एवइयं च णं पभू विकुवित्तए, चमरस्सणं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो सामाणिया देवा केमाहड्डीया जाव केवतियं च णं पभू विकुवित्तए ? गोयमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो सामाणिया देवा महिड्डीया जाव महाणुभागा। ते णं तत्थ साणं साणं भवणाणं, साणं साणं सामाणियाणं, साणं साणं अग्गमहिसीणं, जाव दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति । एमहिड्डीया जाव एवतियं च णं पभू विकुवित्तए से जहानामए जुवति जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा, चक्कस्स वा नाभी अरयाउत्ता सिया, एवामेव गोतमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो एगमेगे सामाणिए देवे वेउव्वियसमुग्धातेणं समोहण्णइ, २ जाव दोच्चं पि वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहण्णइ, २ पभू णं गोतमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो एगमेगेसामाणिए देवे केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइण्णं वितिकिण्णं उवत्थडं संथडं फुडं अवगाढावगाढं करेत्तए। अदुत्तरं च णं गोतमा ! पभु चमरस्स असुरिंदस्स (४) असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य आइण्णे वितिकिण्णे उवत्थडे संथडे फुडे अवगाढावगाढे करेत्तए । एस णं गोतमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो एगमेगस्स सामाणियदेवस्स अयमेतारूवे विसए विसयमेत्ते वुइए, णो चेव णं संपत्तीए विकुव्विंसु वा विकुव्वति वा विकुव्विस्सति वा। ५. (१) जइ णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो सामाणिया देवा एमहिड्डीया जाव एवतियं च णं पभू विकुवित्तए चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो तायत्तीसिया देवा केमहिड्डीया ? तायत्तीसिया देवा जहा सामाणिया तहा नेयव्वा । (२) लोयपाला तहेव । नवरं संखेज्जा दीव-समुद्दा भाणियव्वा । ६. जति णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो लोगपाला असुररण्णो एगमेगे सायाणियदेवे तिरियमसंखेज्जे दीव-समुद्दे बहुहिं देवा एमहिड्डीया जाव एवतियं च णं पभू विकुवित्तए, चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो अग्गमहिसीओ देवीओ केमहिड्डीयाओ जाव केवतियं च णं पभू विकुवित्तए? गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररण्णो अग्गमहिसीओ देवीओ महिड्डीयाओ जाव महाणुभागाओ । ताओ णं तत्थ साणं साणं भवणाणं, साणं साणं 5 सामाणियसाहस्सीणं, साणं साणं महत्तरियाणं, साणं साणं परिसाणं जाव एमहिड्डीयाओ, अन्नं जहा लोगपालाणं (सु. ५२) अपरिसेसं। [सु. ७-१०. अग्गिभूइपरूवियचमराइवत्तव्वयं असद्दतस्स वाउभूइस्स संकाए भगवओ समाहाणं, अग्गिभूई पइ वाउभूइकयं खामणाइ य] ७. सेवं भंते ! २ त्ति भगवं दोच्चे गोतमे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, २ जेणेव तच्चे गोयमे वायुभूती अणगारे तेणेव उवागच्छति, २ तच्चं गोयमं वायुभूतिं अणगारं एवं वदासि-एवं खलु गोतमा! चमरे असुरिदै असुरराया एमहिड्डीए तं चेव एवं सव्वं अपुट्ठवागरणं नेयव्वं अपरिसेसियं जाव अग्गमहिसीणं वत्तव्वया समत्ता । ८. तए णं से तच्चे गोयमे वायुभूती अणगारे दोच्चस्स गोतमस्स अग्गिभूतिस्स अणगारस्स एवमाइक्खमाणस्स भा० पं० परू० एतमढें नो सद्दहति, नो पत्तियति, नो रोयति; एयमढे असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे उट्ठाए उठेति, २ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-एवं खलु भंते ! मम दोच्चे गोतमे अग्गिभूती अणगारे एवमाइक्खति भासइ पण्णवेइ परूवेइ-एवं खलु गोतमा ! चमरे असुरिद असुरराया महिड्डीए जाव महाणुभावे सेणं तत्थ चोत्तीसाए भवणावाससयसहस्साणं एवं तं चेव सव्वं अपरिसेसं भाणियव्वं जाव (सु. ३-६) अग्गमहिसीणं वत्तव्वता समत्ता । से कहमेतं भंते ! एवं ? 'गोतमा' दि समणे भगवं महावीरे तच्चं गोतम Ye. C 555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २४९ #55555555555555555555 FOTORY MOKOHY5555555555555555555555555555555555555555555555555500xDx Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ३ सत उ१ [३५] 66666666666666 वायुभूतिं अणगारं एवं वदासि जंणं गोतमा ! तव दोच्चे गोयमे अग्गिभूती अणगारे एवमाइक्खइ ४ “ एवं खलु गोयमा ! चमरे ३ महिड्डीए एवं तं चेव सव्वं जाव अग्गमहिसणं वत्तव्वया समत्ता ", सच्चे णं एस मट्ठे, अहं पिणं गोयमा ! एवमाइक्खामि भा० प० परू० । एवं खलु गोयमा ! चमरे ३ जाव महिड्डीए सो चेव बितिओ मो भाणियव्वो जाव अग्गमहिसीओ, सच्चे णं एस मट्ठे । ९. सेवं भंते २० तच्चे गोयमे वायुभूती अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसंइ, २ जेणेव दोच्चे गोयमे अग्निभूती अणगारे तेणेव उवागच्छइ, २ दोच्चं गोयमं अग्गिभूतिं अणगारं वंदइ नम॑सति, २ एयमहं सम्मं विणएणं भुज्जो २ खामेति । १०. तए णं से दोच्चे गोय • तच्चे गो० वायुभूड़णा अण० एयमहं सम्मं विणएणं भुज्जो २ खामिए समाणे उट्ठाए उट्ठेइ, २ तच्चेणं गो० वायुभूइणा अण० सद्धिं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, २ समणं भगवं० वंदइ०, २ जाव पज्जुवासइ । [सु. ११-१२. वाउभूइपुच्छाए भगवओ बतिल-तस्सामाणियादीणं इड्डिविउव्वणाइपरूवणा] ११. तए णं से तच्चे गो० वायुभूती अण० समणं भगवं० वंदइ नमंसइ, २ एवं वदासी जति णं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरराया एमहिड्डीए जाव (सु. ३) एवतियं च णं पभू विकुव्वित्तए, बली णं भंते! वइरोयणिदे वइरोयणराया केमहिड्डीए जाव (सु. ३) केवइयं च णं पभू विकुव्वित्तए ? गोयमा ! बली णं वइरोयणिदे वइरोयणराया महिड्डीए जाव (सु. ३) महाणुभागे । से णं तत्थ तीसाए भवणावाससयसहस्साणं, सट्ठीए सामाणियसाहस्सीणं सेसं जहा चमरस्स, नवरं चउण्हं सट्टीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च जाव भुंजमाणे विहरति । से जहानामए एवं जहा चमरस्स; णवरं सातिरेगं केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं ति भाणियव्वं । सेसं तव जाव विउव्विस्सति वा (सु. ३) । १२. जइ णं भंते ! बली वइरोयणिंदे वैरायणराया एमहिड्डीए जाव (सु. ३) एवइयं च णं पभू विउव्वित्तए बलिस्स णं वइरोयणस्स सामाणियदेवा केमहिड्डीया ? एवं सामाणियदेवा तावत्तीसा लोकपालऽग्गमहिसीओ य जहा चमरस्स (सु. ४-६), नवरं साइरेगं जंबुद्दीवं जाव एगमेगाए अग्गमहिसीए देवीए, इमे वुइए विसए जाव विउव्विस्संति वा । सेवं भंते ! २ तच्चे गो० वायुभूती अण० समणं भगवं महा० वंदइ ण०, २ नऽच्चासन्ने जाव पज्जुवासइ। [सु. १३. अग्गिभूइपुच्छाए भगवओ धरणिंद-तस्सामाणियाईणं इड्डिविउव्वणाइपरूवणा] १३. तए णं से दोच्चे गो० अग्गिभूती अण० समणं भगवं वंदइ०, २ एवं वदासि-जति णं भंते ! बली वइरोयणिदे वइरोयणराया एमहिड्डीए जाव एवइयं च णं पभू विकुव्वित्तए धरणे णं भंते! नागकुमारिदे नागकुमारराया केमहिड्डीए जाव केवतियं च णं पभू विकुव्वित्तए ? गोयमा ! धरणे णं नागकुमारिंदे नागकुमारराया एमहिड्डीए जाव से णं तत्थ चोयालीसाए भवणावाससयसहस्साणं, छण्हं सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, चउण्हं लोगपालाणं, छण्हं अग्गमहिसीण सपरिवाराणं, तिण्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणियाणं, सत्तण्हं अणियाहिवतीणं, चउवीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च जाव विहरइ । एवतियं च णं पभू विउव्वित्तए से जहानामए जुवति जुवाणे जाव (सु. ३) पभू केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं जाव तिरियमसंखेज्जे दीव-समुद्दे बहूहिं नागकुमारेहिं नागकुमारीहिं जाव विउव्विस्सति वा । सामाणिय-तायत्तीस लोगपालऽग्गमहिसीओ य तहेव जहा चरमस्स (सु. ४-६)। नवरं संखेज्जे दीव -समुद्दे भाणियव्वं । [ सु. १४. दाहिणिल्ल उत्तरिल्लाणठ सुवण्णकुमाराइथणियकुमार-वाणमंतर - जोइसियाणं तस्सामाणियाईणं च इड्डि - विउव्वणाइविसयाए कमसो अग्निभूइ - वाउभूइपुच्छाए भगवओ परूवणा १४. एवं जाव थणियकुमारा, वाणमंतरजोतिसिया वि । नवरं दाहिणिल्ले सव्वे अग्गिभूती पुच्छति, उत्तरिल्ले सव्वे वाउभूती पुच्छइ । [सु. १५- १८. सक्कदेविंद तीसयदेव - सक्कसामाणियाइणं इड्डि - विउव्वणाइविसयाएं अग्गिभूइपुच्छाए भगवओ परूवणा ] १५. 'भंते !' त्ति भगवं दोच्चे गोयमे अग्गिभूती अणगारे समणं भगवं म० वंदति नम॑सति, २ एवं वयासी जति णं भंते! जोतिसिदे जोतिसराया एमहिड्डीए जाव एवतियं च णं पभू विकुव्वित्तए ? सक्के णं भंते! देविद्दे देवराया केमहिड्डीए जाव केवतियं च णं पभू विकुव्वितए १ गोयमा ! सक्के णं देविंदे देवराया महिड्डीए जाव महाणुभागे । से णं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्साणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं (२) जाव चउण्हं चउरासीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च जाव विहरइ । एगहिड्ढीए जाव एवतियं च णं पभू विकुव्वित्तए । एवं जहेव चमरस्स तहेव भाणियव्वं, नवरं दो केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे, अवसेसं तं चैव । एस णं गोयमा ! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो इमेयारूवे विसए विसयमेत्ते णं वुइए, 5 श्री आगमगुणमंजूषा - २५० Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HORO555555555555555 (५) भगवई ३ सत्तं उ.१ [३६] $$$$$$$$$$$ $23 OS SIG0555555555555555555555555555555555555555555555555SODXOMY नो चेवणं संपत्तीए विकुव्विंसु वा विकुव्वति वा विकुव्विस्सति वा । १६. जइणं भंते ! सक्के देविद देवराया एमहिड्डीए जाव एवतियं च णं पभू विकुव्वित्तए एवं खलु देवाणप्पियाणं अंतेवासी तीसए णामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अपरं भावमाणे बहुपडिपुण्णाइं अट्ठ संवच्छराई सामण्णपरियागं पाउणित्ता भासियाए सल्लेहणाए अत्ताणं झूसेत्ता सहि भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सयंसि विमाणंसि उववायसमाए देवसयणिज्जसिं देवदूसंतरिए अंगुलस्स असंखेज्जइभागमेत्तीए ओगाहणाए सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सामाणियदेवत्ताए उववन्ने । तए णं तीसए देवे अहुणोववन्नमेत्ते समाणे पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं गच्छइ, तं जहा आहारपज्जत्तीए सरीर० इंदिय० आणापाणुपज्जतीए भासामणपज्जत्तीए। तए णं तं तीसयं देवं पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तिभावं गयं समाणं सामाणियपरिसोववन्नया देवा करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट जएणं विजएणं वद्धाविति, २ एवं वदासी अहो ! णं देवाणुप्पिएहिं दिव्वा देविड्डी, दिव्वा देवजुती, दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागते, जारिसिया णं देवाणुप्पिएहिं दिव्वा देविड्डी (३) दिव्वा देवज्जुती दिव्वे देवाणुभावे लद्धं पत्ते अभिसमन्नागते तारिसिया णं सक्केणं देविदेणं देवरण्णा दिव्वा देविड्ढी जाव अभिसमन्नागता जारिसिया णं संक्केणं देविदेणं देवरण्णा दिव्वा देविढी जाव अभिसमन्नागता तारिसिया णं देवाणुप्पिएहिं दिव्वा देविडढी, जाव अभिसमन्नागता। सेणं भंते ! तीसए देवे केमहिड्डीए जाव केवतियं चणं पभू विकुवित्तए ? गोयमा ! महिड्डीए जाव महाणुभागे, सेणं तत्थ सयस्स विमाणस्स, चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं, चउण्हं अग्गमहितीणं, (४) सपरिवाराणं, तिण्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिवतीणं सोलण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिंच बहूणं वेमाणियाणं क देवाण य देवीण य जाव विहरति । एमहिड्डीए जाव एवइयं च णं पभू विकुवित्तए से जहाणामए जुवति जुवाणे हत्थेण हत्थे गेण्हेज्जा जहेव सक्कस्स तहेव जाव एस णं गोयमा ! तीसयस्स देवस्स अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते वुइए, नो चेवणं संपत्तीए विउव्विंसु वा ३ । १७. जति णं भंते ! तीसए देवे एमहिड्डीए जाव एवइयं च णं पभू विकुवित्तए, सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो अवसेसा सामाणिया देवा केमहिड्डीया तहेव सव्वं जाव एस णं गोयमा ! सक्कस्स देविंदस्स देवरणो एगमेगस्स सामाणियस्स देवस्स इमेयारूवे विसए विसयमेत्ते वुइए, नो चेव णं संपत्तीए विउव्विंसु वा विकुव्वंति वा विकुव्विस्संति वा । १८. तायात्तीसय - लोगपाल -अग्गमहिसीणं जहेव -चमरस्स । नवरं दो केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे, अन्नं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति दोच्चे गोयमे जाव विहरति। [सु. १९-२१. ईसाणदेविंद-ईसाणोववन्नकुरुदत्तपुत्त-ईसाणसा माणियाईणं इड्डि-विउव्वणाइविसयाए वाउभूइपुच्छाए भगवओ परूवणा ] १९. 'भंते' त्ति भगवं तच्चे गोयमे वाउभूती अणगारे समणं भगवं जाव एवं वदासी जति णं भंते ! सक्के देविदे देवराया एमहिड्डीए जाव एवइयं च णं पभू विउवित्तए, ईसाणे णं भंते ! देविद देवराया केमहिड्डीए ? एवं तहेव, नवरं साहिए दो केवलकप्पे जंबुद्दीवदीवे, अवसेसं तहेव । २०. जति णं भंते ! ईसाणे देविदे देवराया एमहिड्डीए जाव एवतियं च णं पभू विउवित्तए, एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कुरुदत्तपुत्ते नाम पगतिभद्दए जाव विणीए अट्ठमंअट्ठमेणं अणिक्खित्तेणं पारणए आयंबिलपरिग्गहिएणं तवोकम्मेणं उड्डे बाहाओ पगिब्भिय २ सूराभिमुहे आयावणभूमीए आतावेमाणे बहुपडिपुण्णे छम्मासे सामण्णपरियागं पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसित्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदित्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे सयंसि विमाणंसि जा चेव तीसए वत्तव्वया सच्चेव अपरिसेसा कुरुदत्तपुत्ते वि । नवरं सातिरेगे दो केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे, अवसेसं तं चेव । २१. एवं सामाणिय-तायत्तीस -लोगपाल - अगमहिसीणं जाव एस णं गोयमा ! ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो एवं एगमेगाए अग्गमहिसीए देवीए अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते वुइए, नो चेवणं संपत्तीए विउव्विंसुवा विकुव्वंति वा विकुब्विस्संति वा। [सु. २२-३०. सणंकुमाराइअच्चुयपज्जंताणं ससामाणियाईणं इड्डि-विउव्वणाइपरूवणा] २२. (१) एवं सणंकुमारे वि, नवरं चत्तारि केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे, अदुत्तरं च णं तिरियमसंखेजे। (२) एवं सामाणिय-तायत्तीस -लोगपाल-अग्गमहिसीणं असंखेज्जे दीव -समुद्दे सव्वे विउव्वंति । २३. सणंकुमाराओ आरद्धा उवरिल्ला लोगपाला सव्वे वि असंखेज्जे दीव -समुद्दे विउव्वंति।२४. एवं माहिदे वि । नवरं साइरेगे चत्तारि केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे । २५. एवं बंभलोएर फफफफफफफ#55555555555 श्री आगमगुणभंजूषा - २५१ 955555555555555 5 5 OOK 05555555555555555555555555555555555555555555555556OR Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गटानागगमनमा (५) भगवई ३ सत्त उ.१ [३७] 5555hhhhhhhhh O S %S %% %%% %%%% 395555555555555555555555555555555555555555555555555Oral वि, नवरं अट्ठ केवलकप्पे०।२६. एवं लंतए वि, नवरं सातिरेगे अट्ठ केवलकप्पे०।२७. महासुक्के सोलस केवलकप्पे०।२८. सहस्सारे सातिरेगे सोलस०।२९. एवं पाणए वि, नवरं बत्तीसं केवल। ३०. एवं अच्चुए वि, नवरं सातिरेगे बत्तीसं केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे । अन्नं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति तच्चे गोयमे वायुभूती समणं भगवं महावीरं वंदइ नमंसति जाव विहरति । [सु. ३१. भगवओ मोयानगरीओ जणवयविहारो] ३१. तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाई मोयाओ नगरीओ नंदणाओ चेतियाओ पडिनिक्खमइ, २ बहिया जणवयविहारं विहरइ। [सु. ३२-३३. ईसाणदेविंदस्स भगवतो वंदणत्थं रायगिहे आगमणं तओ पडिगमणं च] ३२. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे होत्था । वण्णओ। जाव परिसा पज्जुवासइ। ३३. तेणं कालेणं तेणं समएणं ईसाणे देविदे देवराया सूलपाणी वसभवाहणे उत्तरड्डलोगाहिवई अठ्ठावीसविमाणावाससयसहस्साहिवई अरयंबरवत्थधरे आलइयमालमउडे नवहेमचारुचित्तचंचलकुंडलविलिहिज्जमाणगंडे जाव दस दिसाओ उज्जोवेमाणे पभासमाणे ईसाणे कप्पे ईसाणवडिंसए विमाणे जहेव रायप्पसेणइज्जे जाव (राज० पत्र ४४-५४) दिव्वं देविड्ढि जाव जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए। [सु. ३४. कूडागारसालादिद्वंतपुव्वयं ईसाणिददेविड्डीए ईसाणिंदसरीराणुप्पवेसपरूवणा] ३४. (१) 'भंते !' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति णमंसति, २ एवं वदासी अहोणं भंते ! ईसाणे देविद देवराया महिड्डीए । ईसाणस्स णं भंते ! सा दिव्वा देविड्डी कहिं गता ? कहिं अणुपविट्ठा ? गोयमा ! सरीरं गता, सरीरं अणुपविट्ठा। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति सरीरं गता, सरीरं अणुपविट्ठा ? गोयमा ! से जहानामए कूडागारसाला सिया दुहओ लित्तो गुत्ता गुत्तदुवारा णिवाया णिवायगंभीरा, तीसे णं कूडागार० जाव (राज० पत्र ५६) कूडागारसालादिर्सेतो भाणियव्वो। [ सु. ३५-५२. ' ईसाणदेविंदस्स पुव्वभववुत्तंतो सु. ३५-३७. तामलिगाहावतिस्स धम्मजागरियाए पाणामापव्वज्जागहणअभिग्गहगहणसंकप्पो पव्वज्जाइगहणं च ३५. ईसाणेणं भंते ! देविदेणं देवरण्णा सा दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवजुती दिव्वे देवाणुभागे किणा लद्धे ? किणा पत्ते? किणा अभिसमन्नागए ? के वा एस आसि पुव्वभवे ? किंणामए वा ? किंगोत्ते वा ? कतरंसि वा गामंसि वा नगरंसि वा जाव सन्निवेसंसि वा ? किं वा दच्चा ? किं वा भोच्चा ? किं वा किच्चा ? किं वा समायरित्ता ? कस्स वा तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतिए एगमवि आरियं धम्मियं सुवयणं सोच्चा निसम्म जंणं ईसाणेणं देविदेणं देवरण्णा सा दिव्वा देविड्डी जाव अभिसमन्नागया? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे तामलित्ती नाम नगरी होत्था । वण्णओ। तत्थ णं तामलित्तीए नगरीए तामली नाम मोरियपुत्ते गाहावती होत्था । अड्ढे दित्ते जाव बहुजणस्स अपरिभूए यावि होत्था । ३६. तए णं तस्स मोरियपुत्तस्स तामलिस्स गाहावतिस्स अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंबजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था "अत्थि ता मे पुरा पोराणाणं सुचिण्णाणं सुपरक्कंताणं सुभाणं कल्लाणाणं कडाणं कम्माणं कल्लाणे फलवितिविसेसे जेणाहं हिरण्णेणं वड्डामि, सुवण्णेणं वड्डामि, धणेणं वड्ढामि, धन्नेणं वड्ढामि, पुत्तेहिं वड्डामि, पसूहिं वड्डामि, विउलधण-कणग-रयण-मणि-मोत्तिय-संख-सिल-प्पवाल-रत्तरयण-संतसारसावतेज्जेणं अतीव २ अभिवड्डामि, तं किंणं अहं पुरा पोराणाणं सुचिण्णाणं जाव कडाणं कम्माणं एगंतसोक्खयं उवेहेमाणे विहरामि ?, तंजाव ताव अहं हिरणेणं वड्डामि, जाव अतीव २, अभिवड्ढामि, जाव च णं मे मित्त-नाति-नियगसंबंधिपरियणो आढाति परियाणइ सक्कारेइ सम्माणेइ कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं विणएणं पज्जुवासइ तावता मे सेयं कल्लं पाउप्पभाताए रयणीए जाव जलते सयमेव दारुमयं पडिग्गहयं करेत्ता विउलं असण-पाण-खातिम-सातिम उवक्खडावेत्ता मित्त-नाति-नियग-संबंधिपरियणं आमंतेत्ता तं मित्त-नाइ-नियग - संबंधिपरियणं विउलेणं असण-पाण-खातिम-सातिमेणं वत्थ-गंध-मल्लाऽलंकारेण य सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता तस्सेव मित्त-नाइ-नियग-संबंधि-परियणस्स पुरतो जेटुं पुत्तं कुटुंबे ठावेत्ता तं मित-नाति-णियग-संबंधिपरियणं जेट्टपुत्तं च आपुच्छित्ता सयमेव दारुमयं पडिग्गहं गहाय मुंडे भवित्ता पाणामाए पव्वज्जाए पव्वइत्तए। पव्वइते वि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिहिस्सामि ‘कप्पड़ मे जावज्जीवाए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उर्दु बाहाओ पगिब्भिय पगिब्भिय सूराभिमुहस्स आतावणभूमीति आयावेमाणस्स विहरित्तए, छट्ठस्स वि य णं पारणयंसि आयावणभूमीतो पच्चोरुभित्ता सयमेव दारुमयं पडिग्गहयं गहाय rexo####5555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २५२ 5555555555555 CSC5555555%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%% Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROI9555555555555558 (५) भगवई ३ सतं उ.१ [३८] b55555555555552TOS HIOR5555555555555555555555555555555555555555555555550xos तामलित्तीए नगरीए उच्च -नीय -मज्झिमाई कुलाइं घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडित्ता सुद्धोदणं पडिग्गाहेत्ता, तं तिसत्तखुत्तो उदएणं पक्खालेत्ता, तओ पच्छा आहारं आहारित्तए' त्ति कट्ट" एवं संपेहेइ, २ कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलंते सयमेव दारुमयं पडिग्गहयं करेइ, २ विउलं असण-पाण-खाइम-साइमं उवक्खडावे, २ तओ पच्छा पहाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाई वत्थाई पवर परिहिए अप्पमहग्घाऽऽभरणालंकियसरीरे भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि सुहासणवरगते । तए णं मित्त-नाइ-नियग-संबंधिपरिजणेणं सद्धिं तं विउलं असण-पाण-खातिम-साइमं आसादेमाणे वीसादेमाणे परिभाएमाणे परिभुजेमाणे विहरइ। ३७. जिमियभुत्तुत्तरागए वियणं समाणे आयते चोक्खे परमसुइभूए तं मित्त जाव परियणं विउलेणं असणपाण० ४ पुप्फ-वत्थगंध-मल्लाऽलंकारेण य सक्कारेइ, २ तस्सेव मित्त -नाइ जाव परियणस्स पुरओ जेट्ठ पुत्तं कुटुंबे ठावेइ, २त्ता तं मित्त-नाइ-णियग-संबंधिपरिजणं जेट्टपुत्तं च आपुच्छइ, २ मुंडे भवित्ता पाणामाए पव्वज्जाए पव्वइए । पव्वइए वि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ 'कप्पइ मे जावज्जीवाए छटुंछट्टेणं जाव आहारित्तए' तिकट्ट इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ, २त्ता जावज्जीवाए छटुंछटेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उर्ल्ड बाहाओ पगिब्भिय २ सुराभिमुहे आतावणभूमीए आतावेमाणे विहरइ। छट्ठस्स वि यणं पारणयंसि आतावणभूमीओ पच्चोरुभइ, २ सयमेव दारुमयं पडिग्गहं गहाय तामलित्तीए नगरीए उच्च-नीय-मज्जिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडइ, २ सुद्धोयणं पडिग्गाहेइ, २ तिसत्तखुत्तो उदएणं पक्खालेइ, तओ पच्छा आहारं आहारेइ। [सु. ३८. गोतमपुच्छियस्स भगवओ पाणामापव्वज्जासरूवपण्णवणा] ३८. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ पाणामा पव्वज्जा ? गोयमा ! पाणामाए णं पव्वज्जाइ पव्वइए समाणे जं जत्थ पासइ इंदं वा खंदं वा रुई वा सिवं वा वेसमणं वा अज्नं वा कोट्टकिरियं वा राजं वा जाव सत्थवाहं वा कागं वा साणं वा पाणं वा उच्चं पासइ उच्चं पणामं करेति, नीयं पासइ नीयं पणामं करेइ, जं जहा पासति तस्स तहा पणामं करेइ। से तेणटेणं जाव पव्वज्जा। [सु. ३९-४०. तामलिस्स बालवोणुट्ठाणाणंतरं अणसणपडिवज्जणं] ३९. तए णं सेतामली मोरियपुत्ते तेणं ओरालेणं विपुलेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं बालतवोकम्मेणं सुक्के भुक्खे जाव धमणिसंतते जाए यावि होत्था। ४०. तएणं तस्स तामलिस्स बालतवस्सिस्स अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि अणिच्चजागरियं जागरमाणस्स इमेयारुवे अज्झत्थिए चितिए जाव समुप्पज्जित्था ‘एवं खलु अहं इमेणं ओरालेणं विपुलेणं जाव उदग्गेणं उदत्तेणं उत्तमेणं महाणुभागेणं तवोकम्मेणं सुक्के भुक्खे जाव धमणिसंतते जाते, तं अत्थि जा मे उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे तावता मे सेयं कल्लं जाव जलते तामलित्तीए नगरीए दिट्ठाभट्टे य पासंडत्थे य गिहत्थे य पुव्वसंगतिए य परियायसंगतिए य आपुच्छित्ता तामलित्तीए नगरीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छित्ता पाउग्गं कुंडियमादीयं उवकरणं दारुमयं च पडिग्गहयं एगंते एडित्ता तामलित्तीए नगरीए उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए णियत्तणियमंडलं आलिहित्ता संलेहणाझूसणाझूसियस्स भत्त-पाणपडियाइक्खियस्स पाओवगयस्स कालं अणवकंखमाणस्स विहरित्तए त्ति कट्ट एवं संपेहेइ । एवं संपेहेत्ता कल्लं जाव जलते जाव आपुच्छइ, २ तामलित्तीए एगंते एडेइ जाव भत्त -पाणपडियाइक्खिए पाओवगमणं निवन्ने। [सु. ४१-४४. तामलितवस्सिं पइ बलिचंचारायहाणीवत्थव्वदेव -देवीकया निप्फला बलिचंचारायहाणिइंदत्तलंभनियाणकरणविन्नत्ती)] ४१. तेणं कालेणं तेणं समएणं बलिचंचा रायहाणी अणिंदा अपुराहिया यावि होत्था । तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिं बालतवस्सिं ओहिणा आभोयंति, २ अन्नमन्नं सद्दावेति, २ एवं वयासी “एवं खलु देवाणुप्पिया ! बलिचंचा रायहाणी अणिंदा अपुरोहिया, अम्हे य णं देवाणुप्पिया ! इंदाधीणा इंदाधिट्ठिया इंदाहीणकज्जा। अयं च णं देवाणुप्पिया ! तामली बालतवस्सी तामलित्तीए नगरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए नियत्तणियमंडलं आलिहित्ता संलेहणाझूसणाझूसिए भत्त - पाणपडियाइक्खिए पाओवगमणं निवन्ने। सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं तामलिं बालतवस्सिं बलिचंचाए रायहाणीए ठितिपकप्पं पकरावेत्तए"त्ति कट्ट अन्नमन्नस्स अंतिए एयमटुं पंडिसुणेति, २ बलिचंचाए रायहाणीए मज्झमज्झेणं निग्गच्छंति, २ जेणेव रुयदि उप्पायपव्वए तेणेव उवागच्छंति, २ वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहण्णंति २ जाव उत्तरवेउब्वियाई रूवाई विकुव्वंति, २ ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए जइणाए छेयाए सीहाए सिग्धाए दिव्वाए उद्ध्याए देवगतीए तिरियमसंखिज्जाणं resos555555555555555555555555 श्री आजमगुणमंजूषा -२५३२ 15555555555555555555555555556IOR MOX055555555555555555555555555555555555555555555555OORK Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ३ सत्तं उ१ [३९] दीव-समचद्दाणं मज्झंमज्झेणं जेणेव जंबुद्दीवे दीवे जेणेव भारहे वासे जेणेव तामलित्ती नगरी जेणेव तामली मोरियपुत्ते तेणेव उवागच्छंति, २ त्ता तामलिस्स बालतवस्सिस्स उप्पिं सपक्खिं सपडिदिसिं ठिच्चा दिव्वं देविद्धिं दिव्वं देवज्जुतिं दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं बत्तीसतिविहं नट्टविहिं उवदंसेति, २ तामलिं बालतवस्सिं तिक्खुत्तो आदाहिणं पदाहिणं करेति वदंति नमसंति, २ एवं वदासी "एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे बलिचंचारायहाणीवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य देवाणुप्पियं वंदामो नमसामो जाव पज्जुवासामो । अम्हं णं देवाणुप्पिया ! बलिचंचा रायहाणी अनिंदा अपुराहिया, अम्हे य णं देवाणुप्पिया ! इंदाहीणा इंदाहिट्ठिया इंदाहीणकज्जा, तं तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! बलिचंचं रायहाणिं आढाह परियाणह सुमरह, अहं बंधह, णिदाणं पकरेह, ठितिपकप्पं पकरेह । तए णं तुब्भे कालमासे कालं किच्चा बलिचंचारायहाणीए उववज्जिस्सह तए णं तुब्भे अम्हं इंदा भविस्सह, तए णं तुब्भे अम्हेहिं सद्धिं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणा विहरिस्सह" । ४२. तए णं से तामली बालतवस्सी तेहिं बलिचंचारायहाणिवत्थव्वएहिं बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं य देवीहि य एवं वुत्ते समाणे एयमहं नो आढाइ, नो परियाणेइ, तुसिणीए संचिट्ठइ । ४३. तए णं ते बलिचंचारायधाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिं मोरियपुत्तं दोच्चं पि तिक्खुत्तो आदाहिणप्पदाहिणं करेंति, २ जाव अम्हं च णं देवाणुप्पिया ! बलिचंचा रायहाणी अणिंदा जाव ठितिकप्पं पकरेह, जाव दोच्चं पि तच्चं पि एवं वुत्ते समाणे जाव तुसिणीए संचिट्ठइ । ४४. तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिणा बालतवस्सिणा अणाढाइज्जमाणा अपरियाणिज्जमाणा जामेव दिसिं पादुब्भूया तामेव दिसिं पडिगया । [सु. ४५. तामलितवस्सिस्स ईसाणदेविंदत्तेण उववाओ] ४५. तेणं कालेणं तेणं समएणं ईसाणे कप्पे अणिदे अपुरोहिते यावि होत्था । तए णं से तामली बालतवस्सी रिसी बहुपडिपुण्णाई सट्ठि वाससहस्साइं परियागं पाउणित्ता दोमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता सवीसं भत्तसयं अणसणाए छेदित्ता कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे ईसाणवडिंसए विमाणे उववातसभाए देवसयणिज्जंसि देवदूसंतरिते अंगुलस्स असंखेज्जभागमेत्तीए ओगाहणाए ईसाणदेविंदविरहकालसमयंसि ईसाणदेविंदत्ताए उववन्ने । तए णं से ईसाणे देविदे देवराया अहुणोववने पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तीभावं गच्छति, तंजा आहारपज्जत्तीए जाव भासा - मणपज्जत्तीए । [सु. ४६ ४९. बलिचंचावत्थव्वासुरकयतामलितावसमडयावहीलणवुत्तं -तसवणाणंतरं ईसाणिंदकओ बलिचंचादेवपरितावो ] ४६. तए णं बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तामलिं बालतवस्सिं कालगयं जाणित्ता ईसाणे य कप्पे देविंदत्ताए उववन्नं पासित्ता आसुरुता कुविया चंडिक्किया मिसिमिसेमाणा बलिचंचाए रायहाणीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छंति, २ ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव भारहे वासे जेणेव तामलित्ती नयी जेणेव तामलिस्स बालतवस्सिस्स सरीरए तेणेव उवागच्छंति, २ वामे पाए सुंबेणं बंधंति, २ तिक्खुत्तो मुहे उड्डुहंति, २ तामलित्तीए नगरीए सिंघाडग-तिग- चउक्क - चच्चर- चउम्मुह- महापह-पहेसु आकड्डविकडिंढ करेमाणा महया २ सद्देणं उग्घोसेमाणा २ एवं वदासि 'केसणं भो ! से तामली बालतवस्सी सयंगहियलिंगे पाणामाए पव्वज्जाइ पव्वइए ! केस णं से ईसाणे कप्पे ईसाणे देविदे देवराया' इति कट्टु तामलिस्स बालतवस्सिस्स सरीरयं हीलंति निंदंति खिसंति गरिहंति अवमन्नंति तज्जंति तालेति परिवर्हेति पव्वहेति आकड्डविकड्डि करेति, हीलेत्ता जाव आकड्डविकड्डि करेत्ता एगंते एडेंति, २ जामेव दिसिं पाउब्या ताव दिसिं पडिगया । ४७. तए णं ईसाणकप्पवासी बहवे वेमाणिया देवा य देवीओ य बलिचंचारायहाणिवत्थव्वएहिं बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य तामलिस्स बालतवस्सिस्स सरीरयं हीलिज्जमाणं निंदिज्जमाणं जाव आकड्डविकहिं कीरमाणं पासंति, २ आसुरुत्ता जाव मिसिमिसेमाणा जेणेव ईसाणे देविंदे देवराया तेणेव उवागच्छंति, २ करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु जएणं विजएणं वद्धावेति, २ एवं वदासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया हवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य देवाणुप्पिए कालगए जाणित्ता ईसाणे य कप्पे इंदत्ताए उववन्ने पासेत्ता आसुरुत्ता जाव एगंते एडेति, २ जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया । ४८. तए णं से ईसाणे देविदे देवराया तेसिं ईसाणकप्पवासीणं बहूणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तत्थेव सयणिज्जवरगए तिवलियं भिउडिं निडाले साहट्टु बलिचंचं रायहाणिं अहे सपक्खिं सपडिदिसिं समभिलोएइ, तए णं सा बलिचंचा श्री आगमगुणमंजूषा - २५४ 666666666 Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR955555555555 (५) भगवई ३सतं उ-१ [४०] 555555555555555yeNOR BAGR95555555555555555555555555555555555555555555555555DIOK रायहाणी ईसाणेणं देविदेणं देवरण्णा अहे सपक्खिं सपडिदिसिं समभिलोइया समाणी तेणं दिव्वप्पभावेणं इंगालब्भूया मुम्मुरब्भूया छारिन्भूया तत्तकवेल्लकब्भूया 5 तत्ता समजोइन्भूया जाया यावि होत्था । ४९. तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य तं बलिचंचं रायहाणिं इंगालब्भूयं जाव समजोतिब्भूयं पासंति, २ भीया तत्था तसिया उब्विग्गा संजायभया सव्वओ समंता आधाति परिधावेति, २ अन्नमन्नस्स कायं समतुरंगेमाणा २ चिट्ठति। [सु. ५०-५१. ईसाणिदं पइ बलिचंचादेवाणं अवराहखामणं आणावसवट्टित्तं च] ५०. तए णं ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य ईसाणं देविंदं देवरायं परिकुवियं जाणित्ता ईसाणस्स देविंदस्स देवरणोतं दिव्वं देविढि दिव्वं देवज्जुतिं दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं तेयलेस्सं असहमाणा सव्वे सपक्खि सपडिदिसिं ठिच्चा करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट जएणं विजयेणं वद्धाविति, २ एवं वयासी अहोणं देवाणुप्पिएहिं दिव्वा देविड्डी जाव अभिसमन्नागता, तं दिट्ठा णं देवाणुप्पियाणं दिव्वा देविड्डी जाव लद्धा पत्ता अभिसमन्नागया। तं खामेमो णं देवाणुप्पिया!, खमंतु णं देवाणुप्पिया!, खंतुमरिहंतिणं देवाणुप्पिया!, णाइ भुज्जो एवंकरणयाए त्ति कट्ट एयमटुं सम्मं विणयेणं भुज्जो २ खामेति । ५१. तते णं से ईसाणे देविद देवराया तेहिं बलिचंचारायहाणीवत्थव्वएहिं बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहिं देवीहि य एयमढें सम्मं विणएणं भुज्जो २ खामिए समाणे तं दिव्वं देविड्डिं जाव तेयलेस्सं पडिसाहरइ । तप्पभितिं च णं गोयमा ! ते बलिचंचारायहाणिवत्थव्वया बहवे असुरकुमारा देवा य देवीओ य ईसाणं देविंदं देवरायं आढ़ति जाव पज्जुवासंति, ईसाणस्स य देविदस्स देवरण्णो आणा -उववाय -वयण -निद्देसे चिट्ठति। [सु. ५२. ईसाणदेविंददेविड्डिवत्तव्वयाए उवसंहारो] ५२. एवं खलु गोयमा ! ईसाणेणं देविदेणं देवरण्णा सा दिव्वा देविड्डी जाव अभिसमन्नागया।। सु. ५३-५४. ईसाणिंदस्स ठिति -अणंतरभवपरूवणा ] ५३. ईसाणस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! सातिरेगाइं दो सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता। ५४. ईसाणे; णं भंते ! देविंद देवराया ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव कहिं गच्छिहिति? कहिं उववजिहिति ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति। [सु. ५५-६१. सक्कीसाणाणं परोप्परं विमाणउच्चत्ताइ -पाउब्भव -पेच्छणा -संलाव -किच्चकरण -विवादनिवारणपरूवणा] ५५. (१) सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो विमाणेहिंतो ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो विमाणा ईसिं उच्चयरा चेव ईसिं उन्नयतरा चेव ? ईसाणस्स वा देविंदस्स देवरण्णो विमाणेहितो सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो विमाणा ईसिनीययरा चेव ईसिं निण्णयरा चेव ? हंता, गोतमा ! सक्कस्स तं चेव सव्वं नेयव्वं । (२) से केणद्वेणं ? गोयमा ! से जहानामए करतले सिया देसे उच्चे देसे उन्नये, देसे णीए देसे निण्णे, से तेणतुणं०। ५६. (१) पभू णं भंते ! सक्के देविद देवराया ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियं पाउब्भवित्तए ? हंता पभू। (२) सेणं भंते ! किं आढामीणे पभू, अणाढामीणे पभू ? गोयमा ! आढामीणे पभू, नो अणाढामीणे पभू । ५७. (१) पभू णं भंते ! ईसाणे देविदे देवराया सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियं पाउन्भवित्तए ? हंता, पभू । (२) से भंते ! किं आढामीणे पभू, अणाढामीणे पभू ? गोयमा ! आढामीणे वि पभू, अणाढामीणे वि पभू । ५८. पभू णं भंते ! सक्के देविद देवराया ईसाणं देविंदं देवरायं सपक्खिं सपडिदिसिं समभिलोएत्तए ? जहा पादुब्भवणा तहा दो वि आलवगा नेयव्वा । ५९. पभूणं भंते ! सक्के देविदै देवराया ईसाणेणं देविदेणं देवरण्णा सद्धिं आलावं वा संलावं वा करेत्तए ? हंता, पभू । जहा पादुब्भवणा। ६०. (१) अत्थि णं भंते ! तेसिं सक्कीसाणाणं देविंदाणं देवराईणं किच्चाई करणिज्जाइं समुप्पज्जति ? हंता, अत्थि। (२) से कहमिदाणिं पकरेति ? गोयमा ! ताहे चेव णं से सक्के देविदे देवराया ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियं पाउब्भवति, ईसाणे णं देविद देवराया सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियं पाउन्भवइ 'इति भो ! सक्का ! देविंदा ! देवराया ! दाहिणड्डलोगाहिवती!'; 'इति भो ! ईसाणा ! देविंदा ! देवराया ! उत्तरड्डलोगाहिवती! । 'इति भो!, इति भो त्ति ते अन्नमन्नस्स किंच्चाई करणिज्जाइं पच्चणुभवमाणा विहरंति। ६१. (१) अत्थिणं भंते ! तेसिं सक्कीसाणाणं देविंदाणं देवराईणं विवादा समुप्पज्जति ? हंता, अत्थि। (२) से कहमिदाणिं पकरेति ? गोयमा ! ताहे चेव णं ते सक्कीसाणा देविंदा देवरायाणो सणंकुमारं देविंदं देवराय मणसीकरेति । तए णं से सणकुमारे देविद देवराया तेहिं शु सक्कसाणेहिं देविदेहिं देवराईहिं मणसीकए समाणे खिप्पामेव सक्कीसाणाणं देविंदाणं देवराईणं अंतियं पादुब्भवति । जं से वदइ तस्स आणाउववाय -वयण -निद्देसे Mero ###55555555555555 | श्री आगमगुणमंजूषा - २५५ 5555555555555 5555555 FORG SHEE:55555555555555555555555555555555555555555555555555 Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लागगगगगगनananananananam (५) भगवई ३ सत्तं उ - १.२ [४१] hhhhhhhhhhhhh5hOS SAGRO555555555555555555555555555555555555555555555xol चिर्द्वति। सि.६२-६४. सणंकुमारदेविंदस्स भवसिद्धियत्ताइ- ठिति -अणंतरभवपरूवणा] ६२. (१) सणंकुमारेणं भंते ! देविदे देवराया किं भवसिद्धिए, अभवसिद्धिए? सम्मद्दिद्वी. मिच्छट्ठिी ? परित्तसंसारए, अणंतसंसारए ? सुलभबोहिए, दुलभबोहिए ? आराहए, विराहए ? चरिमे अचरिमे ? गोयमा! सणकुमारे णं देविदे देवराया भवसिद्धीए नो अभवसिद्धीए, एवं सम्मदिट्टी परित्तसंसारए सुलभबोहिए आराहए चरिमे, पसत्थं नेयव्वं । (२) से केणटेणं भंते ! ? गोयमा ! सणंकुमारे देविदे देवराया बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावगाणं बहूर्ण साविगाणं हियकामए सुहकामए पत्थकामए आणुकंपिए निस्सेयसिए हिय -सुह -निस्सेसकामए, से तेणद्वेणं गोयमा ! सणंकुमारे णं भवसिद्धिए जाव नो अचरिमे। ६३. सणंकुमारस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्त सागरोवमाणि ठिती पण्णत्ता। ६४. सेणं भंते ! ताओ देवलोगातो आउक्खएणं जाव कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिति । सेवं भंते ! २०। [सु. ६५. तइयसयपढमुद्देसस्स १६-६४ सुत्ताणं संगहणिगाहाओ ] ६५. गाहाओ छट्टऽट्ठम मासो अद्धमासो वासाइं अट्ठ छम्मासा। तीसगकुरुदत्ताणं तव भत्तपरिण्ण परियाओ॥१|| उच्चत्त विमाणाणं पादुब्भव पेच्छणा य संलावे। किच्च विवादुप्पत्ती सणंकुमारे य भवियत्तं ॥२***मोया समत्ता। तइयसए पढमो उद्देसो समत्तो॥३.१॥★★★ बिइओ उद्देसओ 'चमरो' *AA[सु.१-२. उवुग्घाओ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे होत्था जाव परिसा पज्जुवासइ । २. तेणं कालेणं तेणं समएणं चमरे असुरिद असुरराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसट्टीए सामाणियसाहस्सीहिं जाव नट्टविहिं उवदंसेत्ता जामेव दिसिंपाउब्मूए तामेव दिसिं पडिगए। [सु. ३-४. असुरकुमारठाणपरूवणा] ३. (१) भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, (२) एवं वदासी अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे असुरकुमारा देवा परिवसंति ? गोयमा ! नो इणद्वे समझे। (२) एवं जाव अहेसत्तमाए पुढवीए, सोहम्मस्स कप्पस्स अहे जाव अस्थि ण भंते ! ईसिपब्भाराए पुढवीए अहे असुरकुमारा देवा परिवसंति ? णो इणढे समढे । ४. से कहिं खाई णं भंते ! असुरकुमारा देवा परिवसंति ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसतसहस्सबाहल्लाए, एवं असुरकुमारदेववत्तव्वया जाव दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति। [सु. ५-७. असुरकुमाराणं अहोगइविसयपरूवणा] ५. अत्थि णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं अहे गतिविसए प०? हंता, अत्थि। ६. केवतिए चणं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं अहेगतिविसए पण्णत्ते ? गोयमा ! जाव अहेसत्तमाए पुढवीए, तच्च पुण पुढविंगता य, गमिस्संति य । ७. किंपत्तियं णं भंते ! असुरकुमारा देवा तच्चं पुढविं गता य, गमिस्संति य ? गोयमा ! पुव्ववेरयस्स वा वेदणउदीरणयाए, पुव्वसंगतियस्स वा वेदणउवसामणयाए। एवं खलु असुरकुमारा देवा तच्चं पुढविं गता य, गमिस्संति य। [सु. ८-१०. असुरकुमाराणं तिरियगइविसयपरूवणा] ८. अत्थि णं भंते ! असुरकमाराणं देवाणं तिरियं गतिविसए पण्णत्ते ? हता, अत्थि । ९. केवतियं ज णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं तिरियं गतिविसए पण्णत्ते ? गोयमा ! जाव असंखेज्जा दीव-समुद्दा, नंदिस्सरवरं पुण दीवं गताय, गमिस्संति य।१०. किंपत्तियंणं भंते । असुरकुमारा देवानंदीसरवरदीवं गताय, गमिस्संतिय? गोयमा जे इमे अरिहंता भगवंता एतेसिंणं जम्मणमहेसु वा निक्खमणमहेसु वाणाणुप्पत्तिमहिमासु वा परिनिव्वाणमहिमासु वा एवं खलु असुरकुमारा देवा नंदीसरवरं दीवं गत्ता य, गमिस्संति य। सु. ११-१३. असुरकुमाराणं उड्डगइविसयपरूवणा] ११. अत्थिणं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं उर्ल्ड गतिविसए प०? हंता, अत्थि। १२. केवतियं च णं भंते ! असरकुमाराणं देवाणं उ8 गतिविसए ? गोयमा ! जाव अच्चुतो कप्पो । सोहम्मे पुण कप्पं गता य, गमिस्संति य। १३. (१) किं पतियं णं भंते! असुरकुमारा देवा सोहम्मं कप्पं गता य, गमिस्संति य? गोयमा ! तेसिंणं देवाणं भवपच्चइयवेराणुबंधे। ते ण देवा विकुव्वेमाणा परियारेमाणा वा आयरक्खे देवे वित्तासेति । अहालहुस्सगाई रयणाइं गहाय आयाए एगतमंत अवक्कमंति। (२) अत्थि णं भंते ! तेसिं देवाणं अहालहुस्सगाई रयणाई ? हता, अत्थि। (३) से कहमिदाणिं पकरेति? तओ से पच्छा कार्य पव्वहंति। (४) पभू णं भंते ! ते असुरकुमारा देवा तत्थगया चेव समाणा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं दिव्वाई भोगभोगाई 5 55555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २५६ 555555555555555 ww.jainelibrary.co 5 FGxx Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 25555555555555555555555555555555555555555555555550oY ISR9555555555555555 (५) भगवई ३ सत्तं उ-२ [श 55555555555555SONOR भुंजमाणा विहरित्तए ? णो इणद्वे समढे, ते णं तओ पडिनियत्तंति, तओ पडिनियतित्ता इहमागच्छंति, २ जति णं ताओ अच्छराओ आढायंति परियाणंति, पभू णं ते असुरकुमारा देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरित्तए, अहणं ताओ अच्छराओ नो आढायंति नो परियाणंति णो णं पभ ते असरकमारा देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं दिव्वाई भोगभोगाइं जमाणा विहरित्तए। (५) एवं खलु गोयमा ! असुरकुमारा देवा सोहम्मं कप्पं गता य, गमिस्संति य। सु. १४१६. असुरकुमाराणं सोहम्मकप्पगमणकालंतर -निस्साइपरूवणा] १४. केवतिकालस्सणं भंते ! असुरकुमारा देवा उद्देउप्पयंतिजाव सोहम्मै कप्पंगवाय, गमिस्संति य? गोयमा! अणंताहिं ओसप्पिणीहि अणंताहिं उस्सप्पिणीहि समतिक्कंताहिं, अत्थि णं एस भावे लोयच्छेरयभूए समुप्पज्जइ जंणं असुरकुमारा देवा उर्दू उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो। १५. किंनिस्साए णं भंते ! असुरकुमारा देवा उडे उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो ? से जहानामए इह सबरा इ वा बब्बरा इ वा टंकणा इवा चुच्चुया इ वा पल्हया इवा पुलिंदा इवा एगं महंगड्ढुं वा दुग्गंवा दरिं वा विसमं वा पव्वतं वाणीसाए सुमहल्लमवि आसबलं वाहत्थिबलं वा जोहबलं वाधणुबलं वा आगलेति, एवामेव असुरकुमारा वि देवा, णऽन्नत्थ अरहते वा, अरहंतचेझ्याणि वा, अणगारे वाभावियप्पणो निस्साए उडे उप्पयंतिजाव सोहम्मो कप्पो। १६. सव्वे विणं भंते! असुरकुमारादेवा उडे उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो ? गोयमा ! णो इणढे समढे, महिड्डिया णं असुरकुमारा देवा उर्ल्ड उप्पयंति जावसोहम्मो कप्पो। सु. १७-१८. चमरस्स उड्डाहोगमणपरूवणा] १७. एस वि य णं भंते ! चमरे असुरिदै असुरकुमारया उर्ल्ड उप्पतियपुव्वे जाव सोहम्मो कप्पो ? हंता, गोयमा ! एस वि यणं चमरे असुरिद असुरराया उई उप्पतियपुव्वे जाव सोहम्मो कप्पो। १८. अहेणं भंते ! चमरे असुरिदे असुरकुमारराया महिड्डीए महज्जुतीए जाव कहिं पविट्ठा? कूडागारसालादिट्ठतो भाणियव्वो। [सु. १९-४३. चमरिंदस्स पुव्वभववुत्तंतो] १९-२१. पूरणस्स तवस्सिस्स दाणामापव्वज्जागहणं अणसणं च १९. चमरेणं भंते ! असुरिदणं असुररण्णा सा दिव्वा देविड्डी तं चेव किणा लद्धा पत्ता अभिसमन्नागया? एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे २ भारहे वासे विझगिरिपायमले बेमेले नामं सन्निवेसे होत्था। वण्णओ। तत्थ णं बेभेले सन्निवेसे पूरणे नामंगाहावती परिवसति अढे दित्ते जहा तामलिस्स (उ.१.सु. ३५३७) वत्तव्वया तहा नेतव्वा, नवरं चउप्पुडयं दारुमयं पडिग्गहं करेत्ता जाव विपुलं असण-पाण-खाइम-साइमं जाव सयमेव चउप्पुडयं दारुमयं पडिग्गयं गहाय मुंडे भवित्ता दाणामाए पव्वज्जाए पव्वइत्तए । २०. पव्वइए वि य णं समाणे तं चेव, जाव आयावणभूमीओ पच्चोरुभइ पच्चोरुभित्ता सयमेव चउप्पुडयं दासमयं पडिग्गहयं गहाय बेभेले सन्निवेसे उच्च-नीय-मज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडेत्ता 'जं मे पढमे पुडये पडइ कप्पइमेत पंथियपहियाणंदलइत्तए, जं मे दोच्चे पुडए पडए कप्पइ मे तं काक-सुणयाणं दलइत्तए, जं मे तच्चे पुडए पडइ कप्पइ मे तं मच्छ-कच्छभाणं दलइत्तए, जं मे चउत्थे पुडए पडइ कप्पइ मे तं अप्पणा आहारं आहारित्तए' त्ति कट्ट एवं संपेहेइ, २ कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए तं चेव निरवसेसं जाव जं से चउत्थे पुडए पडइतं अप्पणा आहारं आहारेइ। २१. तएणं से पूरणे बालतवस्सी तेणं ओरालेणं विउलेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं बालतवोकम्मेणं तं चेव जाव बेभेलस्स सन्निवेसस्स मज्झमज्झेणं निग्गच्छति.२ पाउयकुंडियमादीयं उवकरणं चउप्पुडयं च दारुमयं पडिग्गहयं एगंतमंते एडेइ, २ बेभेलस्स सन्निवेसस्स दाहिणपुरस्थिमे दिसीभागे अद्धनियत्तणियमंडलं आलिहिता संलेहणाझूसणाझूसिए भत्त-पाणपडियाइक्खिए पाओवगमणं निवण्णे। [सु. २२. भगवओ महावीरस्स सुंसुमारपुरावत्थाणं] २२. तेणं कालेणं तेणं समएणं अहं गोयमा ! छउमत्थकालियाए एक्कारसवासपरियाए छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेण संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणेगामाणगामं दइजमाणे मजेणेव ससमारपरे नगरे जेणेव असोगवणसंडे उज्जाणे जेणेव असोगवरपायवे जेणेव पुढविसिलावट्टए तेणेव उवागच्छामि, २ असोगवरपायवस्स हेवा ॐ पढविसिलावट्टयंसि अट्ठमभत्तं पगिण्हामि, दो वि पाए साहट्ट वग्धारियपाणी एगपोग्गलनिविट्टदिट्ठी अणिमिसनयणे ईसिपब्भारगएणं कारणं अहापणिहिएहिं गत्तेहि म सव्विदिएहिं गुत्तेहिं एगरातियं महापडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि। [सु. २३-२७. पूरणस्स तवस्सिस्स चमरिंदत्तेण उववायाणंतरं सोहम्मिदं पइ कोवो ] २३. १ तेणं कालेणं तेणं समएणं चमरचंचा रायहाणी अणिंदा अपुरोहिया याऽवि होत्था। तए णं से पूरणे बालतवस्सी बहुपडिपुण्णाई दवालस वासाई परियाग पाउणित्ता HOME 5 55555555555॥श्री आगमगुणमंजूषा - २५७.555555555555555555555516xx २१ Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TCCIO乐乐乐所折乐乐于听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听FSC KOK95555555555555555 (५) भगवई ३ सत्तं उ - २ [४३] 365555555555555 मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेत्ता सर्टि भत्ताई अणसणाए छेदेत्ता कालमासे कालं किच्चा चमरचंचाए रायहाणीए उववायसभाए जाव इंदत्ताए उववन्ने । २४. तए णं से चमरे असुरिदे असुरराया अहुणोववन्ने पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तीभावं गच्छइ, तं जहा आहारपज्जत्तीए जाव भास-मणपज्जत्तीए । २५. तए णं से चमरे असुरिदै असुरराया पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तीभावं गए समाणे उहूं वीससाए ओहिणा आभोएइ जाव सोहम्मो कप्पो । पासइ य तत्थ सक्कं देविंदं देवरायं मघवं पागसासणं सत्तक्कतु सहस्सक्खं वज्जपाणिं पुरंदरं जाव दस दिसाओ उज्जोवेमाणं पभासेमाणं । सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सक्कंसि सीहासणंसि जाव दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणं पासइ, २ इमेयारूवे अज्झत्थिए चितिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था केस णं एस अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे हिरि -सिरिपरिवज्जिए हीणपुण्णचाउद्दसे जे णं ममं इमाए एयारूवाए दिव्वाए देविड्डीए जाव दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते जाव अभिसमन्नागए उप्पिं अप्पुस्सुए दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ ? एवं संपेहेइ, २ सामाणियपरिसोववन्नए देवे सद्दावेइ, २ एवं वयासी केसणं एस देवाणुप्पिया ! अपत्थियपत्थए जाव भुंजमाणे विहरइ ? २६. तए णं ते सामाणियपरिसोववन्नगा देवा चमरेणं असुरिदेणं असुररण्णा एवं वुत्ता समाणा हडतुट्टा० जाव हयहियया करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट जयेणं विजयेणं वद्धाति, २ एवं वयासी एस णं देवाणुप्पिया ! सक्के देविदै देवराया जाव विहरइ । २७. तए णं से चमरे असुरिदे असुरराया तेसिं सामाणियपरिसोववन्नगाणं देवाणं अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म आसुरूत्ते रुढे कुविए चंडिक्किए मिसिमिसेमाणे ते सामाणियपरिसोववन्नए देवे एवं वयासी 'अन्ने खलु भो ! से सक्के देविदे देवराया, अन्ने खलु भो ! से चमरे असुरिदै असुरराया, महिड्डीए खलु से सक्के देविदे देवराया, अप्पिड्डीए खलु भो! से चमरे असुरिदै असुरराया । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! सक्कं देविंद देवरायं सयमेव अच्चासादेत्तए' त्ति कट्ट उसिणे उसिणब्भूए याऽवि होत्था। [सु. २८. भगवओ नीसाए चमरकयं सोहम्मिंदावमाणणं] २८. तए णं से चमरे असुरिदे असुरराया ओहिं पउंजइ, २ ममं ओहिणा आभोएइ, २ इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था ‘एवं खलु समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे सुंसुमारपुरे नगरे असोगवणसंडे उज्जाणे असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलावट्टयंसि अट्ठमभत पगिण्हित्ता एगराइयं महापडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरति । त सेयं खलु मे समणं भगवं महावीरं नीसाए सक्कं देविंद देवराय सयमेव अच्चासादेत्तए' त्ति कट्ट एवं संपेहेइ, २ सयणिज्जाओ अब्भुटेइ, २ ता देवदूसं परिहेइ, २ उववायसभाए पुरथिमिल्लेणं दारेणं णिग्गच्छइ, २ जेणेव सभा सुहम्मा, जेणेव चोप्पाले पहरणकोसे तेणेव उवागच्छइ, २ त्ता फलिहरयणं परामुसइ, २ एगे अबिइए फलिहरयणमायाए महया अमरिसं वहमाणे चमरचंचाए रायहाणीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ, २ जेणेव तिगिछिकूडे उप्पायपव्वए तेणेव उवागच्छइ, २ त्ता वेउव्वियसमुग्याएणं समोहण्णइ, २त्ता संखेज्जाइं जोयणाई जाव उत्तरवेउब्वियं रूवंभ विकुव्वइ, २त्ता ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव पुढविसिलावट्टए जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छति, २ ममं तिक्खुत्तो आदाहिणपदाहिणं करेति, २ जाव नमंसित्ता एवं वयासी ‘इच्छामि णं भंते ! तुब्भं नीसाए सक्कं देविंदं देवरायं सयमेव अच्चासादित्तए' त्ति कट्ठ उत्तरपुरत्थिमं दिसिभागं अवक्कमइ, २ वेउव्वियसमुग्धातेणं समोहण्णइ, २ जाव दोच्चं पि वेउब्वियसमुग्घातेणं समोहण्णइ, २ एगं महं घोरं घोरागारं भीमं भीमागारं भासरं भयाणीयं गंभीरं उत्तासणयं कालड्डरत्त- मासरासिसंकासं जोयणसयसाहस्सीयं महाबोदि विउव्वइ, २ अप्फोडेइ, २ वग्गइ, २ गज्जइ, २ हयहेसियं करेइ, २ हत्थिगुलुगुलाइयं करेइ, २ रहघणघणाइयं करेइ, २ पायदद्दरगं करेइ, २ भूमिचवेडयं दलयइ, २ सीहाणादं नदइ, २ उच्छोलेति, २ पच्छोलेति, २ तिवई छिंदइ, २ वामं भुयं ऊसवेइ, २ दाहिणहत्थपदेसिणीए य अंगुट्ठनहेणं य वितिरिच्छं मुहं विडंबेइ, २महया २ सद्देणं कलकलरवं करेइ, एगे अब्बितिए फलिहरयणमायाए उड्डे वेहासं उप्पतिए, खोभते चेव अहेलोयं, कंपेमाणे व मेइणितलं, साकडंते व तिरियलोयं, फोडेमाणे व अंबरतलं, कत्थइ गजंते, कत्थइ विज्जुयायंते, कत्थइ वासं वासमाणे, कत्थइ रयुग्घायं पकरेमाणे, कत्थइ तमुक्कायं पकरेमाणे, वाणमंतरे देवे वित्तासेमाणे २, जोइसिए देवे दुहा विभयमाणे २, आयरक्खे देवे विपलायमाणे २, फलिहरयणं अंबरतलंसि वियड्डमाणे २, विउब्भावेमाणे २ ताए १ उक्किट्ठाए जाव तिरियमसंखेज्जाणं दीव- समुद्दाणं मज्झमज्झेणं वीयीवयमाणे २, जेणेव सोहम्मे कप्पे, जेणेव सोहम्मवडेंसए विमाणे, जेणेव सभा सुधम्मा तेणेव reso55555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - २५८5555555555555555555555555 WOR555555555555555555555555555555555555555555555556IOR Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ EC%乐乐听听听听听听听听听乐出%乐听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐玩玩乐乐乐乐乐乐乐国乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐 SRCS555555555555555 (५) भगवई ३सतं उ.२ [४४] 5555555555555yepan उवागच्छइ, २ एगं पायं पउमवरवेझ्याए करेइ, एगं पायं सभाए सुहम्माए करेइ, फलिहरयणेणं महया २ सद्देणं तिक्खुत्तो (१) इंदकील आउडेति, २ एवं वयासी'कहिणं भो ! सक्के देविदे देवराया ? असुरिंदस्स असुररण्णो वहाए वज्जे निसटे। तएणं मे इमेयारूवे अज्झथिए कहिणं ताओ चउरासीई सामाणियसाहस्सीओ? जाव कहिं णं ताओ चत्तारि चउरासीईओ आयरक्खदेवसाहस्सीओ ? कहिं णं ताओ अणेगाओ अच्छराकोडीओ ? अज्ज हणामि, अज महेमि, अज्ज वहेमि, अज्ज ममं अवसाओ अच्छराओ वसमुवणमंतु त्ति कटु तं अणिटुं अकंतं अप्पियं असुभं अमणुण्णं अमणामं फरुसं गिरं निसिरइ। [२९-३०. सोहग्गिदनिसट्ठवज्जभीयस्स चमरस्स भगवओ पायावलंबणं] २९. तएणं से सक्के देविदे देवराया तं अणिढे जाव अमणामं अस्सुयपुव्वं फरुसं गिरं सोच्चा निसम्म आसुरुते जाव मिसिमिसेमाणे ॐ तिवलियं भिउडिं निडाले साहट्ट चमरं असुरिंदं असुररायं एवं वदासी 'हं भो ! चमरा ! असुरिंदा ! असुरराया ! अपत्थियपत्थया ! जाव हीणषुण्णचाउद्दसा! अज्जं न भवसि, नाहि ते सुहमत्थि त्ति कट्ट तत्थेव सीहासणवरगते वजं परामुसइ, २ तं जलंतं फुडंतं तडतडतं उक्कासहस्साई विणिम्मुयमाणं २, जालासहस्साई पमुंचमाणं २, इंगालसहस्साई पविक्खिरमाणं २, फुलिंगजालामालासहस्सेहिं चक्खुविक्खेव- दिट्ठिपडिघातं पि पकरेमाणं हुतवहअतिरेगतेयदिप्पंतं जइणवेगं म फुल्लकिंसुयसमाणं महब्भयं भयकरं चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो वहाए वज्ज निसिरइ । ३०. तते णं से चमरे असुरिदे असुरराया त जलतं जाव भयकरं वज्जमभिमुहं आवयमाणं पासइ, पासित्ता झियाति पिहाइ, पिहाइ झियाइ, झियायित्ता पिहायित्ता तहेव संभग्गमउडविडवे सालंबहत्थाभरणे उहृपाए अहोसिरे म कक्खागयसेयं पिवं विणिम्मुयमाणे २ ताए उक्किट्ठाए जाव तिरियमसंखजाणं दीव-समुद्दाणं मज्झमज्झेणं वीतीवयमाणे २ जेणेव जंबुद्दीवे दीवे जाव जेणेव असोगवरपायवे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छइ, २ त्ता भीए भयगग्गरसरे 'भगवं सरणं' इति बुयमाणे ममं दोण्ह वि पायाणं अंतरंसि झति वेगेणं समोवतिते। स. ३१-३२. भगवओ पसायाओ सक्ककोवोवसमो चमरनिब्भयत्तं च] ३१. तए णं तस्स सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था 'नो खलु पभू चमरे असुरिद असुरराया, नो खलु समत्थे चमरे असुरिद असुरराया, नो खलु विसए चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो अप्पणो निस्साए उर्छ उम्पतित्ता जाव सोहम्मो कप्पो, णऽन्नत्थ अरहंते वा, अरहंतचेइयाणि वा, अणगारे वा भावियप्पणो नीसाए उढे उप्पयति जाव सोहम्मो कप्पो। तं महादक्खं खलु तहारूवाणं अरहताणं भगवंताणं अणगाराण य अच्चासायणाए' त्ति कट्ट ओहिं पजुंजति, २ ममं ओहिणा आभोएति, २ 'हा! हा! अहो! हतो अहमंसित्ति कद्र ताए उक्किट्ठाए जाव दिव्वाए देवगतीए वज्जस्स वीहिं अणुगच्छमाणे २ तिरियमसंखेज्जाणं दीव-समुदाणं मज्झमज्झेणं जाव जेणेव असोगवरपादवे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छइ, २ ममं चउरंगुलसंपत्तं वजं पडिसाहरइ । अवियाऽऽई मे गोतमा ! मुट्ठिवातेणं केसग्गे वीइत्था । ३२. तए णं से सक्के देविद देवराया वज्ज पडिसाहरति, पडिसाहरित्ता ममं तिक्खुत्तो आदाहिणपदाहिणं करेइ, २ वंदइ नमसइ, २ एवं वयासी “एवं खलु भंते ! अहं तुभं नीसाए चमरेणं असुरिदेणं असुररण्णा सयमेव अच्चासाइए । तए णं मए परिकुविएणं समाणेणं चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो वहाए वज्जे निसटे । तए णं मे इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-नो खलु पभू चमरे असुरिदै असुरराया तहेव जाव ओहिं पउंजामि, देवाणुप्पिए ओहिणा आभोएमि, 'हा! हा! अहो ! हतो मी' ति कट्ट ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव देवाणुप्पिए तेणेव उवागच्छामि, देवाणुप्पियाणं चउरंगुलमसंपत्तं वजं पडिसाहरामि, वज्जपडिसाहरणट्ठताए णं इहमागए, इह समोसढे, इह संपत्ते, इहेव अन्न उवसंपज्जित्ताणं विहरामि । तं खामेमि णं देवाणुप्पिया !, खमंतु णं देवाणुप्पिया!, खमितुमरहंति णं देवाणुप्पिया! णाइ भुज्जो एवं पकरणताए" त्ति कट्ट ममं वंदइ नमंसइ, २ उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ, २ वामेणं पादेणं तिक्खुत्तो भूमिं दलेइ, २ चमरं असुरिंद असुरराय एवं वदासी मुक्को सिणं भो ! चमरा ! असुरिंदा! : असुरराया ! समणस्स भगवओ महावीरस्स पभावेणं, नहि ते दाणिं ममाओ भयमस्थि' त्ति कटु जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसि पडिगए। [सु. ३३. ' महिड्डियदेवखित्तपोग्गलगहणपरूवणा] ३३. (१) भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीर वंदति०,२एवं वदासि देवेणं भंते ! महिड्डीए महज्जतीए जाव महाणभागे पुव्वामेव पोग्गलं खिवित्ता पभूतमेव अणुपरियट्टित्ताणं गिण्हित्तए? हंता, पभू। २ सेकेण?णं भंते! जाव गिण्हित्तए? गोयमा! पोग्गलेणं खित्तेसमाणे पुव्वामेव सिग्घगती Savarichc44444444444555555555 श्री आगमगुणमजूषा - २५९ 455555555555555555555555EOYOR 乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听CE Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR555555555555555 (५) भगवई ३ सत्तं उ-२ [१५] CC虽乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐玩乐乐乐乐乐 भवित्ता ततो पच्छा मंदगती भवति, देवे णं महिड्डीए पुव्विं पिय पच्छा वि सीहे सीहगती चेव, तुरिते तुरितगती चेव । से तेणटेणं जाव पभू गेण्हित्तए। [सु. ३४. सक्क - वज्ज -असुरकुमारदेवाणं उड्डाहोगइवेगपरूवणा] ३४. जति णं भंते ! देवे महिड्डीए जाव अणुपरियट्टित्ताणं गेण्हित्तए । कम्हा णं भंते ! सक्केणं देविदेणं देवरण्णा चमरे असुरिदे असुरराया नो संचाइए साहत्थिं गेण्हित्तए ? गोयमा ! असुरकुमाराणं देवाणं अहेगतिविसए सीहे सीहे चेव, तुरिते तुरिते चेव । उड्ढढंगतिविसए अप्पे अप्पे चेव, मंदे मंदे चेव । वेमाणियाणं देवाणं उड्डंगतिविसए सीहे सीहे चेव, तुरिते तुरिते चेव । अहेगतिविसए अप्पे अप्पे चेव, मंदे मंदे चेव । जावतियं खेत्तं सक्के देविदे देवराया उड्डे उप्पतति एक्केणं समएणं तं वज्जे दोहिं, जं वज्जे दोहिं तं चमरे तीहिं; सव्वत्थोवे सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो उडलोयकंडए, अहेलोयकंडए संखेज्जगुणे । जावतियं खेत्तं चमरे असुरिदे असुरराया अहे ओवयति एक्केणं समएणं तं सक्के दोहिं, जं सक्के दोहिं तं वज्जे तीहिं, सव्वत्थोवे चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो अहेलोयकंडए, उड्डलोयकंडए संखेज्जगुणे । एवं खलु गोयमा ! सक्केणं देविदेणं देवरण्णा चमरे असुरिदै असुरराया नो संचाइए साहत्थिं गेण्हित्तए। [सु. ३५-३७. सक्क-चमर-वजदेवाणं गइखेत्तऽप्पाबहुयं] ३५. सक्कस्सणं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो उडे अहे तिरियं च गतिविसयस्स कतरे कतरेहितो अप्पे वा, बहुए वा, तुल्ले वा, विसेसाहिए वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवं खेत्तं सक्के देविद देवराया अहे ओवयइ एक्केणं समएणं, तिरियं संखेजे भागे गच्छइ, उड्डे संखेज्जे भागे गच्छइ । ३६. चमरस्सणं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो उड्डे अहे तिरियं च गतिविसयस्स कतरे कतरेहितो अप्पे वा, बहुए वा, तुल्ले वा, विसेसाहिए वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवं खेत्तं चमरे असुरिदे असुरराया उड्डे उप्पयति एक्केणं समएणं, तिरिय संखेज्जे भागे गच्छइ, अहे संखेज्जे भागे गच्छइ । ३७. वजं जहा सक्कस्स देविंदस्स तहेव, नवरं विसेसाहियं कायव्वं । सु. ३८-४०. सक्क-चमर -वज्जदेवाणं गइकालऽप्पाबहुयं] ३८. सक्कस्सणं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो ओवयणकालस्स य उप्पयणकालस्स य कतरे कतरेहितो अप्पे वा, बहुए वा, तुल्ले वा, विसेसाहिए वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो उप्पयणकाले, ओवयणकाले संखेज्जगुणे । ३९. चमरस्स वि जहा सक्कस्स, णवरं सव्वत्थोवे ओवयणकाले, उप्पयणकाले संखेज्जगुणे। ४०. वज्जस्स पुच्छा । गोयमा ! सव्वत्थोवे उप्पयणकाले, ओवयणकाले विसेसाहिए। [सु. ४१. सक्क -चमर- वज्जदेवाणं परोप्परं गइकालऽप्पाबहुयं] ४१. एयस्सणं भंते ! वज्जस्स, वज्जाहिवतिस्स, चमरस्स य असुरिंदस्स असुररण्णो ओवयणकालस्स य उप्पयणकालस्स य कयरे कयरेहितो अप्पे वा ४ ? गोयमा ! सक्कस्स य उप्पयणकाले चमरस्स य ओवणकाले, एते णं बिणि वि तुल्ला सव्वत्थोवा । सक्कस्सय ओवयणकाले वज्जस्सय उप्पयणकाले, एसणं दोण्ह वि तुल्ले संखेज्जगुणे। चमरस्स य उप्पयणकाले वज्जस्स य ओवयणकाले, एसणं दोण्ह वितुल्ले विसेसाहिए। [सु. ४२-४३. सक्ककयावमाणणापच्चइयखेयकहणाणंतरं णियसामाणियदेवेहिं सद्धिं चमरकयं भगवओ वंदणा-पज्जुवासणाई ४२. तएणं से चमरे असुरिंदे असुरराया वज्जभयविप्पमुक्के सक्केणं देविदेणं देवरण्णा महया अवमाणेणं अवमाणिते समाणे चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि ओहतमणसंकप्पे चिंतासोकसागरसंपविढे करतलपल्हत्थमुहे अट्टज्झाणोवगते भूमिगतदिट्ठीए झियाति । ४३. तते णं तं चमरं असुरिंदं असुररायं सामाणियपरिसोववन्नया देवा ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणं पासंति, २ करतल जाव एवं वयासि किंणं देवाणुप्पिया ओहयमणसंकप्पा जाव झियायंति? तएणं से चमरे असुरिदे असुरराया ते सामाणियपरिसोववन्नए देवे एवं वयासी ‘एवं खलु देवाणुप्पिया ! मए समणं भगवं महावीरं नीसाए कट्ट सक्के देविद देवराया सयमेव अच्चासादिए। तए णं तेणं परिकुवितेणं समाणेणं ममं वहाए वज्जे निसिढे । तं भई णं भवतु देवाणुप्पिया ! समणस्स भगवओ महावीरस्स जस्स म्हि पभावेण अकिट्टेअव्वहिए अपरिताविए इहमागते, इह समोसढे, इह संपत्ते, इहेव अज्जं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि । तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! समणं भगवं महावीरं वदामो णमंसामो जाव पज्जुवासामो' त्ति कट्ट चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहिं जाव सव्विड्डीए जाव जेणेव असोगवरपादवे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छइ, २ ममं तिखुत्ते आदाहिणपदाहिणं जाव नमंसिता एवं वदासि ‘एवं खलु भंते ! मए तुब्भं नीसाए सक्के देविदै देवराया सयमेव अच्चासादिए जाव तं भद्दे णं भवतु देवाणुप्पियाणं जस्स म्हि पभावेणं अक्ढेि जाव विहरामि । तं खामेमिणं देवाणुप्पिया!' जाव उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ, २ त्ता जाव बत्तीसइबद्धं नट्टविहिं उवदंसेइ, २ जामेव Mero555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-२६००555555555555555555555555555OOR G乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听ON Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 66666666666 (५) भगवई ३ सत्तं उ २.३ [४६ ] फफफफफफफ दिसिं पादुब्भूए तामेव दिसिं पडिगते । [सु. ४४. चमरस्स ठिति भवंतरसिद्धिपरूवण] ४४. एवं खलु गोयमा ! चमरेणं असुरिदेण असुररण्णा सा दिव्वा देविड्डी लद्धा पत्ता जाव अभिसमन्नागया। ठिती सागरोवमं । महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । [सु. ४५. असुराणं सोहम्मदेवलोयगमणविसए कारणंतरपरूवणं ] ४५. किं पत्तियं णं भंते! असुरकुमारा देवा उद्धं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो ? गोयमा ! तेसिं णं देवाणं अहुणोववन्नगाण वा चरिमभवत्थाण वा इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जति अहो ! णं अम्हेहिं दिव्वा देविड्डी लद्धा पत्ता जाव अभिसमन्नागया। जारिसिया णं अम्हेहिं दिव्वा देविड्डी जाव अभिसमन्नागया तारिसिया णं सक्केणं देविदेणं देवरण्णा देव्वा देविड्डी जाव अभिसमन्नागया, जारिसिया ण सक्केणं देविदेणं देवरण्णा जाव अभिसमन्नागया तारिसिया णं अम्हेहिं वि जाव अभिसमन्नागया । तं गच्छामो णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियं पातुब्भवामो, पासामो ता सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो दिव्वं देविड्ढि जाव अभिसमन्नागयं, पासतु ताव अम्ह वि सक्के देविदे देवराया दिव्वं देविहिं जाव अभिसमण्णागयं, तं जाणामो ताव सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो दिव्वं देविद्धिं जाव अभिसमन्नागयं, जाउ ताव अम्ह विसक्के देविदे देवराया दिव्वं देविद्धिं जाव अभिसमण्णागयं । एवं खलु गोयमा ! असुरकुमारा देवा उड्डुं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो । सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० ॥ ★★★ चमरो समत्तो ॥ ३.२॥ ★★★ तइओ उद्देसओ 'किरिया' ★★★ [सु. १ ७. मंडियपुत्तपण्डुत्तरे काइयाइपंचविहकिरियाभेयपभेयपरूवणं] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे होत्था जाव परिसा पडिगया । तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव अंतेवासी मंडियपुत्ते णामं अणगारे पगतिभद्दए जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी २. कति णं भंते! किरियाओ पण्णत्ताओ ? मंडियपुत्ता ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा काइया अहिगरणिया पाओसिया पारियावणिया पाणातिवातकिरिया । ३. काइया णं भंते! किरिया कतिविहा पण्णत्ता ? मंडियपुत्ता ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा अणुवरयकायकिरिया य दुप्पउत्तकायकिरिया य । ४. अधिगरणिया णं भंते ! किरिया कतिविहा पण्णत्ता ? मंडियपुत्ता ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा संजोयणाहिगरणकिरिया य निव्वत्तणाहिगरणकिरिया य । ५. पादोसिया णं भंते! किरिया कतिविहा पण्णत्ता ? मंडियपुत्ता ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा जीवपादोसिया य अजीवापदोसिया य । ६. पारित्तावणिया णं भंते ! किरिया कइविहा पण्णत्ता ? मंडियपुत्ता ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा सहत्थपारितावणिगा य परहत्थपारितावणिगा य । ७. पाणातिवातकिरिया णं भंते !० पुच्छा । मंडियपुत्ता ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा सहत्थपाणातिवातकिरिया य परहत्थपाणातिवातकिरिया य । [सु. ८. कम्मवेयणाणं पुव्व-पच्छाभावित्तपरूवणा] ८. पुव्विं भंते! किरिया पच्छा वेदणा ? पुव्विं वेदणा पच्छा किरिया ? मंडियपुत्ता ! पुव्विं किरिया, पच्छा वेदणा; णो पुव्विं वेदणा, पच्छा किरिया। [सु. ९-१०. समणं पडुच्च किरियासामित्तपरूवणं] ९. अत्थि णं भंते! समणाणं निग्गंथाणं किरिया कज्जइ ? हंता, अत्थि । १०. कहं णं भंते ! समणाणं निग्गंथाणं किरिया कज्जइ ? मंडियपुत्ता ! पमायपच्चया जोगनिमित्तं च, एवं खलु समणाणं निग्गंथाणं किरिया कज्जति । [सु. ११-१४. सकिरियअकिरियजीवाणं अंतकिरियानत्थित्त - अत्थित्तपरूवणं अकिरियजीवंत किरियासमत्थगा तणहत्थय उद्गबिंदु - नावादिता य ११. जीवे णं भंते ! सया समियं एयति वेयति चलति फंदइ घट्टइ खुब्भइ उदीरति तं तं भावं परिणमति ? हंता, मंडियपुत्ता ! जीवे णं सया समितं एयति जाव तं तं भाव परिणमति । १२. (१) जाव च णं भंते ! से जीवे सया समितं जाव परिणमति तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया भवति ? णो इणट्टे समट्ठे । (२) से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ जावं च णं जीवे सदा समितं जाव अंते अंतकिरिया न भवति ? मंडियपुत्ता ! जावं च णं से जीवे सया समितं जाव परिणमति तावं च णं से जीवे आरभति सारभति समारभति, आरंभे वट्टति, सारंभे वट्टति, समारंभे वट्टति, आरभमाणे सारभमाणे समारभमाणे आरंभे वट्टमाणे, सारंभे वट्टमाणे, समारंभे वट्टमाणे बहूणं पाणाणं भूताणं जीवाणं सत्ताणं दुखावणता सोयावताए जूरावणताए तिप्पावणताए पिट्टावणताएं परिताणवताए वट्टति, से तेणट्टेणं मंडियपुत्ता ! एवं वृच्चति- जावं च णं से जीवे सया समितं एयति जाव परिणमति तावं च णं तस्स जीवस्स अंते अंतकिरिया न भवति । १३. जीवे णं भंते ! सया समियं नो एयति जाव नो तं तं भावं परिणमति ? हंता, मंडियपुत्ता ! जीवेणं सया समियं जाव नो परिणमति । १४. (१) जावं च णं भंते! से जीवे नो एयति जाव नो तं तं भावं परिणमति तावं च णं तस्स जीवस्स अं ५ श्री आगमगुणमंजूषा - २६१ Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No.9555555555555555 (५) भगवई ३ सतं उ. ३.४ [४७] 155555555555555FOTORY 195555555555555555555555555555555555xong अंतकिरिया भवति ? हता, जाव भवति। (२ सेकेणद्वेणं भंते ! जाव भवति ? मंडियपुत्ता ! जावं च णं से जीवे सया समियं णो एयति जाव णो परिणमइ तावं च णं के से जीवे नो आरभति, नो सारभति, नो समारभति, नो आरंभे वट्टइ, णो सारंभे वट्टइ, णो समारंभे वट्टइ, अणारभमाणे असारभमाणे असमारभमाणे, आरंभे अवट्टमाणे, सारंभे अवट्टमाणे, समारंभे अवट्टमाणे बहूणं पाणाणं ४ अदुक्खावणयाए जाव अपरियावणयाए वट्टइ। (३) से जहानामए केइ पुरिसे सुक्कं तणहत्थयं जाततेयंसि पक्खिवेज्जा, से नूणं मंडियपुत्ता ! से सुक्के तणहत्थए जायतेयंसि पक्खित्ते समाणे खिप्पामेव मसमसाविज्जइ ? हंता, मसमसाविज्जइ। (४) से जहानामए केइ पुरिसे तत्तंसि अयकवल्लंसि उदयबिंदु पक्खिवेज्जा, से नूणं मंडियपुत्ता ! से उदयबिंदू तत्तंसि अयकवल्लंसि पक्खित्ते समाणे खिप्पामेव विद्धंसमागच्छइ ? हंता, विद्धंसमागच्छइ। ५ से जहानामए हरए सिया पुण्णे पुण्णप्पमाणे वोलट्टमाणे वोसट्टमाणे समभरघडत्ताए चिट्ठति ? हंता चिट्ठति । अहे णं केइ पुरिसे तंसि हरयसि एगं महं नावं सतासवं सयच्छिदं ओगाहेज्जा, से नूणं मंडियपुत्ता ! सा नावा तेहिं आसवद्दारेहिं आपूरेमाणी २ पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडत्ताए चिट्ठति १ हंता, चिट्ठति । अहे णं केइ पुरिसे तीसे नावाए सव्वतो समंता आसवद्दाराइं पिहेइ, २ नावाउस्सिंचणएणं उदयं उस्सिचिज्जा, से नूणं मंडियपुत्ता ! सा नावा तंसि उदयंसि उस्सित्तंसि समाणंसि खिप्पामेव उई उद्दाति? हंता, उद्दाति । एवामेव मंडियपुत्ता ! अत्तत्तासंवुडस्स अणगारस्स, इरियासमियस्स जाव गुत्तबंभयारिस्स, आउत्तं गच्छमाणस्स चिट्ठमाणस्स निसीयमाणस्स तुयट्टमाणस्स, आउत्तं वत्थ-पडिग्गह -कंबल-पादपुंछणं गेण्हमाणस्स निक्खिवमाणस्स जाव चक्खुपम्हनिवायमवि वेमाया सुहमा इरियावहिया किरिया कज्जइ । सा पढमसमयबद्धपुट्ठा बितियसमयवेतिता ततियसमयनिजरिया, सा बद्धा पुट्ठा उदीरिया है वेदिया निज्जिण्णा सेयकाले अकम्मं चावि भवति। से तेणतुणं मंडियपुत्ता ! एवं वुच्चति- जावं च णं से जीवे सया समितं नो एयति जाव अंते अंतकिरिया भवति। [सु.॥ १५. पमत्तसंजयपमत्तसंजमकालपरूवणं] १५. पमत्तसंजयस्स णं भंते ! पमत्तसंजमे वट्टमाणस्स सव्वा वि य णं पमत्तद्धा कालतो केवच्चिरं होति ? मंडियपुत्ता ! एगजीवं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी । णाणाजीवे पडुच्च सव्वद्धा। [सु. १६. अप्पमत्तसंजयअप्पमत्तसंजमकालपरूवणं ] १६. अप्पमत्तसंजयस्स णं भंते ! अप्पमत्तसंजमे वट्टमाणस्स सव्वा वि य णं अप्पमत्तद्धा कालतो केवच्चिरं होति ? मंडियपुत्ता ! एगजीवं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी देसूणा । णाणाजीवे पडुच्च सव्वद्धं । सेवं भंते ! २ त्ति भगवं मंडियपचत्ते अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, २ संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। [सु. १७. गोयमपण्हुत्तरे सव्वद्धाभाविभावंतरपरूवणाए लवणसमुद्दत्तव्वयानिद्देसो] १७. 'भंते !' त्ति भगवं गोतमे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमंसइ, २ त्ता एवं वदासि कम्हा णं भंते ! लवणसमुद्दे चाउद्दस -ऽट्ठमुद्दिठ्ठपुण्णमासिणीसु अतिरेयं वड्डति वा हायति वा ? लवणसमुद्दवत्तव्वया नेयव्वा जाव लोयद्विती। जाव लोयाणुभावे । सेवं भंते ! एवं भंते ! त्ति जाव विहरति। ***किरिया समत्ता।। ततियस्स सयस्स तइओ॥३.३॥★★★चउत्थो उद्देसओ 'जाणं' ★ ★ ★ [सु. १-५. भावियप्पमणगारं पडुच्च कयउत्तरवेउब्वियसरीरदेव-देवी-जाणा-इजाणण-पासणपरूवणं, रुक्ख-मूलाइअंतोबाहिपासणपरूवणं च] १. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा देवं वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहयं जाणरूवेणं जायमाणं जाणइ पासइ ? गोयमा ! अत्थेगइए देवं पासइ, णो जाणं पासइ १, अत्थेगइए जाणं पासइ, नो देवं पासइ २; अत्येगइए देवं पिपासइ, जाणं पि पासइ ३; अत्थेगइए नो देवं पासइ, नो जाणं पासइ ४१२. अणगारेणं भंते ! भावियप्पा देविं वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहयं जाणरूवेणं जायमाणिं जाणइ पासइ ? गोयमा ! एवं चेव । ३. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा देवं सदेवीयं वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहयं जाणरूवेणं जायमाणं जाणइ पासइ ? गोयमा ! अत्थेगइए देवं सदेवीयं पासइ, नो जाणं पासइ । एएणं अभिलावेणं चत्तारि भंगा। ४. (१) अणगारेणं भंते ! भावियप्पा रुक्खस्स किं अंतो पासइ, बाहिं पासइ ? चउभंगो। २ एवं किं मूलं पासइ, कंदं पा०? चउभंगो। मूलं पा० खंघं पा०? चउभंगो। म (३) एवं मूलेणं बीजं संजोएयव्वं । एवं कंदेण वि समं संजोएयव्वं जाव बीयं । एवं जाव पुफ्फेण समं बीयं संजोएयव्वं । ५. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा रुक्खस्स 9 किं फलं पा० बीयं पा०? चउभंगो। [सु. ६-७. वाउकायस्स इत्थि -पुरिसाइरूवविउव्वणापडिसेहपुव्वयं पडागासंठियरूवविउव्वणापरूवणाइ] ६. पभू णं भंते ! xoxof5 555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २६२555555555555555555555555OOR 明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听0 9555555555 Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GRC555555555555555 (५) भगवई ३ सत्तं उ. ४.५ [४८] 155555555555555yeprog FAOR955555555555555555555555555555555555555555555555fhDXOK वाउकाए एगं महं इत्थिरूवं वा पुरिसरूवं वा हत्थिरूवं वा जाणरूवं वा एवं जुग्ग-गिल्लि -थिल्लि -सीय -संदमाणियरूवं वा विउव्वित्तए ? गोयमा ! णो इमढे समढे। वाउक्काए णं विकुव्वमाणे एगं महं पडागासंठियं रूवं विकुव्वइ । ७. (१) पभूणं भंते ! वाउकाए एगं महं पडागासंठियं रूवं विउव्वित्ता अणेगाइं जोयणाई गमित्तए ? हंता, पभू । (२) से भंते ! कि आयड्डीए गच्छइ, परिड्डीए गच्छइ ? गोयमा ! आतड्डीए गच्छइ, णो परिड्डीए गच्छइ। (३) जहा आयडीए एवं चेव आयकम्मुणा वि, आयप्पओगेण वि भाणियव्वं । (४) से भंते ! किं ऊसिओदयं गच्छइ, पतोदयं गुच्छई ? गोयमा ! ऊसिओदयं पि गच्छइ, पतोदयं पि गच्छइ। (५) से भंते ! किं एगओपडागं गच्छइ, दुहओपडागं गच्छइ ? गोयमा ! एगओपडागं गच्छइ, नो दुहओपडागं गच्छइ। (६) से णं भंते ! किं वाउकाए पडागा ? गोयमा ! वाउकाए णं से, नो खलु सा पडगा। सु. ८-११. बलाहगस्स इत्थिपभिइपरिणामणाइपण्णवणं ८. पभू णं भंते ! बलाहगे एगं महं इत्थिरूवं वा जाव संदमाणियरूवं वा परिणामेत्तए ? हंता पभू । ९. (१) पभूणं भंते ! बलाहए एणं महं इत्थिरूवं परिणामेत्ता अणेगाइं जोयणाइंगमित्तए ? हंता, पभू। (२) से भंते ! किं आयड्डीए गच्छइ, 'परिड्डीए गच्छइ ? गोयमा ! नो आतिड्डीए गच्छति, परिड्डीए गच्छइ। (३) एवं नो आयकम्मुणा, परकम्मणा । नो आयपयोगेणं, परप्पयोगेणं । (४) ऊसितोदयं वागच्छइ पतोदयं वा गच्छइ। १०. से भंते ! किं बलाहए इत्थी ? गोयमा ! बलाहएणं से, णो खलु सा इत्थी। एवं पुरिसे, आसे, हत्थी। ११. (१) पभूणं भंते ! बलाहए एगं महं जाणरूवं परिणामेत्ता अणेगाइं जोयणाई गमित्तए जहा इत्थिरूवं तहा भाणियव्वं । णवरं एगओचक्कवालं पि, दुहओचक्कवालं पि भाणियव्वं ।(२) जुग्गगिल्लि-थिल्लि-सीया संदमाणियाणं तहेव। [सु. १२-१४. चउवीसदंडयउववज्जमाणजीवलेसापरूवणा] १२. जीवेणं भंते ! जे भविए नेरइएसु उववज्जित्तए सेणं भंते! किंलेसेसु उववज्जति ? गोयमा ! जल्लेसाई दव्वाइं परियाइत्ता कालं करेइ तल्लेसेसु उववज्जइ, तं० कण्हलेसेसु वा नीललेसेसु वा काउलेसेसु वा । १३. एवं जस्स जालेस्सा सा तस्स भाणियव्वा जाव जीवेणं भंते ! जे भविए जोतिसिएसु उववज्जित्तए० पुच्छा । गोयमा ! जल्लेसाइं दव्वाई परियाइत्ता कालं करेइ तल्लेसेसु उववज्जइ, तं० तेउलेस्सेसु । १४. जीवे णं भंते ! जे भविए वेमाणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! किंलेस्सेसु उववज्जइ ? गोयमा ! जल्लेसाई दव्वाई परियाइत्ता कालं करेइ तल्लेसेसु उववज्जइ, तं० तेउलेस्सेसु वा पम्हलेसेसु वा । [ सु. १५-१९. भावियप्पमणगारं पडुच्च वेभारपव्वयाणुल्लंघण-उल्लंघण-परूवणा रूवविउव्वणपरूवणाइ य] १५. अणगारेणं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू वेभारं पव्वयं उल्लंघेत्तए पलंघेत्तए वा? गोयमा ! णो इणढे समढे। १६. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू वेभारं पव्वयं उल्लंघेत्तए वा ? हता, पभू । १७. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता जावइयाई रायगिहे नगरे रूवाइं एवइयाइं विकुवित्ता वेभारं पव्वयं अंतो अणुप्पविसित्ता पभू समंवा विसमं करेत्तए, विसम वा समं करेत्तए ? गोयमा ! णो इणढे समढे। १८. एवं चेव बितिओ वि आलावगो ; णवरं परियातित्ता पभू । १९. (१) से भंते ! किं मायी विकुव्वति, अमायी विकुव्वइ ? गोयमा ! मायी विकुव्वइ, नो अमाई विकुव्वति। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव नो अमायी विकुव्वइ ? गोयमा ! मायी णं पणीयं पाण-भोयणं भोच्चा वामेति, तस्स णं तेणं पणीएणं पाणभोयणेणं अट्ठि-अट्ठिमिंजा बहलीभवंति, पयणुए मंस -सोणिए भवति, जे वि य से अहाबादरा पोग्गला ते विय से परिणमंति, तं जहा सोतिदियत्ताए जाव फासिदियत्ताए, अट्ठि-अद्विमिंज-केस-मंसु-रोम-नहत्ताए सुक्कत्ताए सोणियत्ताए। अमायी णं लूहं पाण-भोयणं भोच्चा भोच्चा णो वामेइ, तस्स णं तेणं लहेणं पाणभोयणेणं अट्ठि-अट्ठिमिजा० पतणूभवति, बहले मंस-सोणिए, जे वि य से अहाबादरा पोग्गला ते वि य से परिणमंति; तं जहा उच्चारत्ताए पासवणत्ताए जाव सोणियत्ताए। से तेणद्वेणं जाव नो अमायी विकुव्वइ। (३) मायी णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते कालं करेइ नत्थि तस्स आराहणा। (४) अमायी णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कते कालं करेइ अत्थि तस्स आराहणा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०★★★तइयसए चउत्थो उद्देसो समत्तो।।३.४||★★★ पंचमो उद्देसओ 'इत्थी' अहवा 'अणगारविकुव्वणा' *** [सु. १-१५. भावियप्पमणगारं पडुच्च इत्थिरूव-असि-पडागा -जण्णोवइत-पल्हत्थिय - 虽听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明與明明乐乐乐乐乐乐听听听听听G Mero55555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा-२६३5555555555555555555555555556ROR Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AOR95555555555555 (५) भगवई ३ सतं उ .५ [४९] 五五五五五五五五五五五五五五五RSOR 55555555555555555555555555555555555555555sexog पलियंक -आसइरूवविउव्वणापण्णवणादि] १. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एगं महं इत्थिरूवं वा जाव संदमाणियरूवं वा विकुवित्तए ? णोइ०।२. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू एगं महं इत्थिरूवं वा जाव संदमाणियरूवं वा विकुब्वित्तए ? हंता, पभू। ३. (१) अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवतियाइं पभू इत्थिरूवाइं विकुवित्तए ? गोयमा ! से जहानामए जुवइ जुवाणे हत्थेणं हत्थंसि गेण्हेज्जा, चक्कस्स वा नाभी + अरगाउत्ता सिया एवामेव अणगारे वि भावियप्पा वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ जाव पभू णं गोयमा ! अणगारे णं भावियप्पा केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं बहूहिं इत्थीरूवेहिं आइण्णं वितिकिण्णं जाव एस णं गोयमा ! अणगारस्स भावियप्पणो अयमेयारूवे विसए विसयमेत्ते बुइए, नो चेव णं संपत्तीए विकुव्विंसु वा ३। (२) एवं परिवाडीए नेयव्वं जाव संदमाणिया। ४. से जहानामए केइ पुरिसे असिचम्मपायं गहाय गच्छेज्जा एवामेव अणगारेणं भावियप्पा असिचम्मपायहत्थकिच्चगएणं 'अप्पाणेणं उड्डे वेहासं उप्पइज्जा ? हंता, उप्पइज्ना। ५. अणगारेणं भंते ! भावियप्पा केवतियाइं पभू असिचम्मपायहत्थकिच्चगयाइं रूवाई विउवित्तए ? गोयमा ! से जहानामए जुवति जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा तं चेव जाव विउव्विंसु वा ३ । ६. से जहानामए केइ पुरिसे एगओपडागं काउं गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे वि भावियप्पा एगओपडागहत्थकिच्चगएणं अप्पाणेणं उर्दु वेहासं उप्पतेज्जा ? हंता, गोयमा ! उप्पतेज्जा । ७. (१) अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवतियाई पभू एगओपडागहत्थकिच्चगयाइं रूवाइं विकुवित्तए? एवं चेव जाव विकुव्विंसु वा ३। (२) एवं दुहओपड़ागं पि। ८. से जहानामए केइ पुरिसे एगओजण्णोवइतं काउं गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे वि भा० एगओजण्णोवइतकिच्चगएणं अप्पाणेणं उर्ल्ड वेहासं उप्पतेज्जा ? हंता, उप्पतेज्जा । ९. (१) अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवतियाई पभू एगतोजण्णोवतितकिच्चगयाई रूवाई विकुवित्तए ? तं चेव जाव विकुव्विंसु वा ३। (२) एवं दुहओजण्णोवइयं पि। १०. (१) से जहानामए केइ पुरिसे एगओपल्हत्थियं काउं चिट्ठज्जा एवामेव अणगारे वि भावियप्पा ? तं चेव जाव विकुव्विंसु वा ३ । (२) एवं दुहओपल्हत्थियं पि। ११. (१) से जहानामए केयि पुरिसे एगओपलियकं काउं चिट्ठज्जा०? तं चेव जाव विकुव्विंसु वा ३ । (२) एवं दुहओपलियंकं पि। १२. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एणं महं आसरूवं वा हत्थिरूवं वा सीह-वग्य-वग-दीविय-अच्छ-तरच्छ-परासररूवं वा अभिजुंजित्तए ? णो इणढे समढे, अणगारे णं एवं बाहिरए पोग्गले परियादित्ता पभू। १३. (१) अणगारे णं भंते ! भावियप्पा एगं महं आसरूवं वा अभिजुंजित्ता ?पभू अणेगाइं जोयणाई गमित्तए ? हंता, पभू। (२) से भंते! किं आयड्डीए गच्छति, परिड्डीए गच्छति ? गोयमा ! आयड्डीए गच्छइ, नो परिड्डीए गच्छइ। (३) एवं आयकम्मुणा, नो परकम्मुणा । आयप्पयोगेणं, नो परप्पयोगेणं । (४) उस्सिओदगं वा गच्छइ पतोदगं वा गच्छइ । १४. (१) से णं भंते । किं अणगारे आसे ? गोयमा ! अणगारे णं से, नो खलु से आसे। (२) एवं जाव परासररूवं वा । १५. (१) से भंते ! किं मायी विकुव्वति ? अमायी विकुव्वति गोयमा ! मायी विकुव्वति, नो अमायी विकुव्वति। (२) माई णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते कालं करेइ अन्नयरेसु आभिओगिएसु देवलोगेसु देवत्ताए उववज्जइ । (३) अमाई णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कंते कालं करेइ अन्नयरेसु अणाभिओगिएसुदेवलोगेसु देवत्ताए उववज्जइ । सेवं भंते २ त्ति० [सु. १६. पंचमुद्देसऽत्थाहिगारसंगहणीगाहा १६. गाहा इत्थी असी पडागा जण्णोवइते य होइ बोद्धव्वे। पल्हत्थिय पलियंके अभियोगविकुव्वणा मायी ॥१॥ *** तइए सए पंचमो उद्देसो समत्तो॥३.५॥ *** छट्ठो उद्देसओ 'नगर' अहवा 'अणगारवीरियलद्धी' *** [सु.१-५. भावियप्पणो मिच्छद्दिहिस्सऽणगारस्स वीरियाइलद्धिप्पभावओ नगरंतररूवजाणणापासणापरूवणा] १. अणगारे णं भंते ! भावियप्या मायी मिच्छद्दिट्टी वीरियलन्द्रीए वेउब्वियलद्धीए विभंगनाणलद्धीए वाणारसिं नगरिं समोहए, समोहण्णित्ता रायगिहे नगरे रूवाइं जाणति पासति ? हंता, जाणइ पासइ। २. (१) से भंते ! किं तहाभावं जाणइ पासइ ? अन्नहाभावं जाणइ पासइ ? गोयमा ! णो तहाभावं जाणइ पासइ, अण्णहाभावं जाणइ पासइ। (२) सेकेणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'नो तहाभावं जाणइ पासइ, अन्नहाभावं जाणइ पासइ ? गोयमा ! त्तस्स णं एवं 听听听听听听 SOOR rev5555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २६४ 55555555555555555555555555OOK Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ३ सतं उ६५ [५० ] 5555555 भवति एवं खलु अहं रायगिहे नगरे समोहए, समोहण्णित्ता वाणारसीए नगरीए रुवाई जाणामि पासामि, से से दंसणे विवच्चासे भवति, से तेणट्टेणं जाव पासति । ३. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा मायी मिच्छद्दिट्ठी जाव रायगिहे नगरे समोहए; समोहण्णित्ता वाणारसीए नगरीए रूवाइं जाणइ पासइ ? हंता, जाणइ पासइ । तं चेव जाव तस्स णं एवं होइ एवं खलु अहं वाणारसीए नगरीए समोहए, २ रायगिहे नगरे रुवाई जाणामि पासामि, से से दंसणे विवच्चासे भवति, से तेणद्वेणं जाव अन्नहाभावं जाणइ पासइ । ४. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा मायी मिच्छद्दिट्टी वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धीए विभंगणाणलद्धीए वाणारसिं नगरं रायगिहं च नगरं अंतरा य एवं महं जणवयवग्गं समोहए, २ वाणारसिं नगरिं रायगिहं च नगरं तं च अंतरा एवं महं जणवयवग्गं जाणति पासति ? हंता, जाणति पासति । ५. (१) से भंते! किं तहाभावं जाणइ पासइ ? अन्नहाभावं जाणइ पासइ ? गोयमा ! णो तहाभावं जाणति पासइ, अन्नहाभाव जाणइ पासइ । (२) से केणट्टेणं जाव पासइ ? गोयमा ! तस्स खलु एवं भवति एस खलु वाणारसी नगरी, एस खलु रायगिहे नगरे, एस खलु अंतरा एगे महं जणवयवग्गे, नो खलु एस महं वीरियलद्धी वेउब्वियलद्धी विभंगनाणलद्धी इड्डी जुती जसे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागए, से से दंसणे विवच्चासे भवति, से तेणट्टेणं जाव पासति । [सु. ६-१०. भावियप्पणो सम्मद्दिट्ठिस्सऽणगारस्स वीरियाइलद्धिप्पभावओ नगरंतररूवजाणणा -पासणापरूवणा] ६. अणगारे णं भंते! भावियप्पा अमायी सम्मद्दिट्ठी वीरियलद्धीए वेडव्वियलद्धीए ओहिनाणलदीए रायगिहे नगरे समोहए, २ वाणरसीए नगरीए रुवाई जाणइ पासइ ? हंता । ७. (१) से भंते । किं तहाभावं जाणइ पासइ ? अन्नाभावं जाणति पासति ? गोयमा ! तहाभावं जाणति पासति, नो अन्नाभावं जाति पासति । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवति एवं खलु अहं रायगिहे नगरे समोहए, समोहण्णित्ता वाणारसीए नगरीए रुवाई जाणमिपासामि, से से दंसणे अविवच्चासे भवति, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चति । ८. बीओ वि आलावगो एवं चेव, नवरं वाणारसीए नगरीए समोहणावेयव्वो, रायगिहे नगरे रुवाई जाणइ पासइ । ९. अणगारे णं भंते! भावियप्पा अमायी सम्मद्दिट्ठी वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धीए ओहिनाणलद्धीए रायगिहं नगरं वाणारसिं च नगरिं अंतरा य एगं महं जणवयवग्गं समोहए, (२) रायगिहं नगरं वाणारसिं च नगरिं तं च अंतरा एगं महं जणवयवग्गं जाणइ पासइ ? हंता, जाणइ पासइ । १०. (१) से भंते ! किं तहाभावं जाणइ पासइ ? अन्नहाभावं जाणइ पासइ ? गोयमा ! तहाभावं जाणइ पासइ, णो अन्नहाभावं जाणइ पासइ । (२) से केणट्टेणं ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवति नो खलु एस रायगिहे णगरे, णो खलु एस वाणारसी नगरी, नो खलु एस अंतरा एगे जणवयवग्गे, एस खलु ममं वीरियलद्धी वेउव्वियलद्धी ओहिणाणलद्धी इड्डी जुती जसे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे लदे पत्ते अभिसमन्नागए, से से दंसणे अविवच्चासे भवति, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चति तहाभावं जाणति पासति, नो अन्नाभावं जाणति पासति । [ सु. ११-१३. भावियप्पमणगारं पडुच्च नगराइरूवविउव्वणापरूवणा] ११. अणगारे णं भंते । भावियप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू एवं महं गामरूवं वा नगरूवं वा जाव सन्निवेसरूवं वा विकुव्वित्तए ? णो इणट्ठे समट्ठे । १२. एवं बितिओ वि आलावगो, णवरं बाहिरए पोग्गले परियादित्ता पभू । १३. अणगारे णं भंते । भावियप्पा के वतियाई पभू गामरूवाइं विकुव्वित्तए ? गोयमा ! से जहानामए जुवति जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा तं चेव जाव विकुव्विसु वा ३ । एवं जाव सन्निवेसरूवं वा । [सु. १४-१५. चमराईणं इंदाणं आयरक्खदेवसंखापरूवणा] १४. चमरस्स णं भंते । असुरिंदस्स असुररण्णो कति आयरक्खदेवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि चउसट्ठीओ आयरक्खदेवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ । ते णं आयरक्खा० ओ जहा रायप्पसेणइज्जे । १५. एवं सव्वेसि इंदाणं जस्स जत्तिया आयरक्खा ते भाणियव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० । । ★ ★ ★ तइयसए शे उद्देसो समत्तो ।। ३६ ।। ★ ★ ★ सत्तमो उद्देसओ 'लोगपाला' ★★★ [सु. १. सत्तमुद्देसुवुग्धाओ ] १. रायगिहे नगरे जाव पज्जुवासमाणे यासी सु. २- ३. सक्कस्स लोगपाल - तव्विमाणनामाई २. सक्क्स्स णं भंते! देविंदस्स देवरण्णो कति लोगपाला पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि Xeron श्री आगमगणमंजवा - २६५ 14545454545454555645454545454545454545454X Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ३. सतं उद्देसक ७ [५१] फफफफफफफफXOR लोगपाला पण्णत्ता, तं जहा सोमे जमे वरुणे वेसमणे । ३. एतेसि णं भंते ! चउण्हं लोगपालाणं कति विमाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि विमाणा पण्णत्ता, तं जहा संझप्पमे वरसिट्ठे सतंजले वग्गू । [सु. ४. सोमलोगपालसंबंधितविमाणठाणं - पमाण रायहाणी आणा वत्तिदेव तदायत्तकज्न अवच्चीभूयदेव ठिइपरूवणा] ४. (१) कहिं णं भंते! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो संझप्पभे णामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उड्डुं चंदिम - सूरिय गहगण - नक्खत्त - तारारूवाणं बहूई जोयणाई जाव पंच वडिंसया पण्णत्ता, तं जहा असोयवडेंसए सत्तवण्णवडिंसए चंपयवडिंसए चूयवडिंसए मज्झे सोहम्मवडिंसए । तस्स णं सोहम्मवडेंयस्स महाविमाणस्स पुरत्थिमेणं सोहम्मे कप्पे असंखेज्जाई जोयणाई वीतीवइत्ता एत्थ णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो संझप्पभे नामं महाविमाणे पण्णत्ते अद्धतेरसं जोयणसयसहस्साई आयाम-विक्खंभेणं, ऊयालीसं जोयणसयसहस्साइं बावण्णं च सहस्साइं अट्ठ य अडयाले जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं प० । जा सूरियाभविमाणस्स वत्तव्वया सा अपरिसेसा भाणियव्वा जाव अभिसेयो नवरं सोमे देवे । (२) संझप्पभस्स णं महाविमाणस्स अहे सपक्खिं सपडिदिसिं असंखेज्जाइं जोयणसयसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो सोमा नामं रायहाणी पण्णत्ता, एगं जोयणसयसहस्सं आयाम-विक्खंभेणं जंबुद्दीवपमाणा । (३) वेमाणियाणं पमाणस्स अद्धं नेयव्वं जाव उवरियलेणं सोलस जोयणसहस्साइं आयाम विक्खंभेणं, पण्णासं जोयणसहस्साइं पंच य सत्ताणउए जोयणसते किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं पण्णत्ते । पासायाणं चत्तारि परिवाडीओ नेयव्वाओ, सेसा नत्थि । (४) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो इमे देवा 1 आणाउववायं -वयण - निद्देसे चिट्ठति, तं जहा सोमकाइया ति वा, सोमदेवयकाइया ति वा, विज्जुकुमारा विज्जुकुमारीओ, अग्गिकुमारा अग्गिकुमारीओ, वायुकुमारा वाउकुमारीओ, चंदा सूरा गहा नक्खत्ता तारारूवा, जे यावन्ने तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिया तप्पक्खिया तब्भारिया सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो समस्स महारण आणा उववाय वयण - निद्देसे चिट्ठति । (५) जंबुदीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाई इमाई समुप्पज्जंति, तं जहा गहदंडा ति वा, मुसा तवा, गज्जिया ति वा, एवं गहजुद्धा ति वा, गहसिंघाडगा ति वा, गहावसव्वा इवा, अब्भा ति वा, अब्भरुक्खा ति वा, संझा इवा, गंधव्वनगरा वा, उक्कापायाति वा, दिसीदाहा ति वा, गज्जिया ति वा, विज्जुया ति वा, पंसुवुट्ठी ति वा, जूवेति वा जक्खालित्त त्ति वा, धूमिया इवा, महिया इवा, रयुग्गाया इवा,, चंदोवरागाति वा, सरोवरागा ति वा, चंदपरिवेसा ति वा, सूरपरिवेसा ति वा, पडिचंदा इ वा, पडिसूरा ति वा, इंदधूण ति वा, उदगमच्छ - कपिहसिय अमोह - पाणवायाति वा पडीणवाता ति वा, जाव संवट्टयवाता ति वा, गामदाहा इ वा, जाव सन्निवेसदाहा ति वा पाणक्खया जणक्खया धणक्खया कुलक्खया वसणब्भूया अारिया जे यावन्ने तहप्पगारा ण ते सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो अण्णाया अदिट्ठा असुया अमुया अविण्णाया, तेसिं वा सोमकाइयाणं देवाणं । (६) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो इमे अहावच्चा अभिण्णाया होत्था, तं जहा इंगालए वियालए लोहियक्खे सणिच्छरे चंदे सूरे सुक्के बुहे बहस्सती राहू । (७) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो सत्तिभागं पलिओवमं ठिती पण्णत्ता । अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिई पत्ता | महिड्डी व एमहाणुभागे सोमेमहाराया । [सु. ५. जमलोगपालसंबंधितविमाणठाण - पमाण रायहाणीआईणं परूवणा] ५. (१) कहि णं भंते ! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो वरसिट्ठे णामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! सोहम्मवडिंसयस्स महाविमाणस्स दाहिणेणं सोहम्मे कप्पे असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं वीईवइत्ता एत्थ णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो वरसिट्टे णामं महाविमाणे पण्णत्ते अद्धतेरस जोयणसयसहस्साइं जहा सोमस्स विमाणं ता जाव अभिसेओ । रायहाणी तहेव जाव पासायपंतीओ। (२) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो इमे देवा आणा० जाव चिद्वंति, तं जहा जमकाइयाति वा, जमदेवयकाइया इवा, पेयकाइया इवा, पेयदेवयकाइया ति वा, असुरकुमारा असुरकुमारीओ, कंदप्पा निरयवाला आभिओगा जे यावन्ने तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिगा, तप्पक्खिता तब्भारिया सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो आणा जाव चिट्ठति । (३) जंबूद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स श्री आगमगुणमंजूषा - २६६ PKO 666666666666666666666666749 Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ மிசிபி (५) भगवई ३ सतं उद्देसक ७ [५२] फफफफफफफफ दाहिणेणं जाईं इमाइं समुप्पज्जंति, तं जहा डिंबा ति वा, डमरा ति वा, कलहा ति वा, बोला ति वा, खारा ति वा, महाजुद्धा ति वा, महासंगामा ति वा, महासत्थनिवडणा ति वा, एवं महापुरिसनिवडणा ति वा, महारुधिरनिवडणा इवा, दुब्भूया ति वा, कुलरोगा ति वा, गामरोगा ति वा, मंडलरोगा ति वा, नगररोगा ति वा, सीसवेयणा इवा, अच्छिवेयणा इवा, कण्ण-नह-दंतवेयणा इवा, इंदग्गहा इ वा, खंदग्गहा इ वा, कुमारग्गहा०, जक्खग्ग०, भूयग्ग०, एगाहिया ति वा, बेहिया तिवा, तेहिया ति वा, चाउत्थया ति वा, उब्वेयगा ति वा, कासा०, खासा इवा, सासा ति वा, सोसा ति वा, जरा इवा, दाहा०, कच्छकोहा ति वा, अजीरया, पंडुरोया, अरिसा इ वा, भगंदला इ वा, हितयसूला ति वा, मत्थयसूय०, जोणिसू०, पाससू०, कुच्छिसू०, गाममारीति वा, नगर०, खेड०, कब्बड०, दोणमुह०, मडंब०, पट्टण०, आसम०, संवाह० सन्निवेसमारीति वा, पाणक्खया, धणक्खया, जणक्खया, कुलक्खया, वसणब्भूया अणारिया जे यावन्ने तहप्पगारा न ते सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो अण्णाया० ५, तसिं वा जमकाइयाणं देवाणं । (४) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो इमे देवा अहावच्चा अभिण्णाया होत्या, तं जहा अंबे १ अंबरिसे चेव २ सामे ३ सबले त्ति यावरे ४ । रुद्दोवरूद्दे ५-६ काले य ७ महाकाले त्ति यावरे ||१|| असी य ९ असिपत्ते १० कुंभे ११ वालू १२ वेतरणी ति य १३ । खरस्सरे १४ महाघोसे १५ एए पन्नरसाऽऽहिया ||२|| (५) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो सत्तिभागं पलिओवं ठिती पण्णत्ता । अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एवं पलिओवमं ठिती पण्णत्ता । एमहिड्डिए जाव जमे महाराया । [सु. ६. वरुणलोगपालसंबंधितविमाणठाण पमाण रायहाणीआईणं परूवणा] ६. (१) कहि णं भंते ! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो सयंजले नामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! तस्स णं सोहम्मवडिंसयस्स महाविमाणस्स पच्चत्थिमेणं सोहम्मे कप्पे असंखेज्जाई जहा सोमस्स तहा विमाणरयहाणीओ भाणियव्वा जाव पासायवडिंसया, नवरं नामनाणत्तं । (२) सक्कस्स णं० वरुणस्स महारण्णो इमे देवा आणा० जाव चिट्ठति, तं० वरुणकाइया ति वा, वरुणदेवयकाइया इ वा, नागकुमारा नागकुमारीओ, उदहिकुमारा उदहिकुमारीओ, थणियकुमारा थणियकुमारीओ, जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिया जाव चिट्ठति । (३) जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाई इमाई समुप्पज्जंति, तं जहा अंतिवासा ति वा, मंदवासा ति वा, सुवुट्ठी ति वा, दुब्वुट्ठी ति वा, उदब्भेया ति वा, उदप्पीला इ वा, उदवाहा ति वा, पवाहा ति वा, गामवाहा ति वा, जाव सन्निवेसवाहा ति वा, पाणक्खया जाव तेसिं वा वरुणकाइयाणं देवाणं । (४) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो जाव अहावच्चाभिण्णाया होत्या, तं जहा कक्कोडए कद्दमए अंजणे संखवालए पुंडे पलासे मोएज्जए दहिमुहे अयंपुले कायरिए । (५) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो देसूणाई दो पलिओवमाइं ठिती पण्णत्ता । अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिती पण्णत्ता । एमहिड्डीए जाव वरुणे महाराया। [सु. ७. वेसमणलोगपालसंबंधितविमाणठाण - पमाण - रायहाणीईणं परूवणा] ७. (१) कहि णं भंते! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो समणस्स महारणो वग्गूणामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! तस्स णं सोहम्मवडिंसयस्स महाविमाणस्स उत्तरेणं जहा सोमस्स विमाण रायहाणिवत्तव्वया तहा जाव पासावडिंसया । (२) सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो इमे देवा आणा उववाय वयण- निद्देसे चिट्ठति, तं जहा वेसमणकाइया ति वा, वेसमणदेवकाइया ति वा, सुवण्णकुमारा सुवण्णकुमारीओ, दीवकुमारा दीवकूमारीओ, दिसाकुमारा दिसाकुमारीओ, वाणमंतरा वाणमंतरीओ, जे याव तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिया जाव चिट्ठति । (३) जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाई इमाई समुप्पज्जंति, तं जहा अयागरा इवा, तउयागरा इवा तंबागरा इवा, एवं सीसागरा इ वा, हिरण्ण०, सुवण्ण०, रयण०, वयरागरा इ वा, वसुधारा ति वा, हिरण्णवासा ति वा, सुवण्णवासा ति वा, रयण०, वइर०, आभरण०, पत्त०, पुप्फ०, फल०, बीय०, मल्ल०, वण्ण०, चुण्ण०, गंध०, वत्थवासा इवा, हिरण्णवुट्ठी इवा, सु०, र०, व०, आ०, प०, पु०, फ०, बी०, म०, ro, चुण्ण०, गंधवुट्ठी०, वत्थवुट्ठी ति वा, भायणवुट्ठी ति वा, खीखुट्ठी ति वा, सुकाला ति वा, दुक्काला ति वा, अप्पग्घा ति वा, महग्घा ति वा, सुभिक्खा ति वा, क्खा ति वा, कयविक्कया ति वा, सन्निहि त्ति वा, सन्निचया ति वा, निही ति वा, णिहाणा ति वा, चिरपोराणाइ वा, पहीणसामियाति वा पहीणसेतुयाति वा, श्री आगमगुणमंजूषा २६७ ॐ 666666666666666666666649 Jain Education 66 Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Ex9555555555555555 (५) भगवई ३ सतं उद्देसक - ७-८-९-१०/४सतं उ-१ ५३] 5555555555555555003 TAGR55555555555555555555555555555555555555555555555HONOR पहीणमग्गाणि वा, पहीणगोत्तागाराइ वा उच्छन्नसामियाति वा उच्छन्नसेतुयाति वा, उच्छन्नगोत्तागाराति वा सिंघाडग-तिग-चउक्क चच्चर-चउम्मुह-महापह-पहेसु नगरविद्धमणेसु सुसाण -गिरि -कंदर -संति -सेलोवट्ठाण -भवणगिहेसु सन्निक्खित्ताई चिटुंति, ण ताई सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो अण्णायाई अदिवाइं असुयाई अविन्नयाई, तेसिं वा वेसमणकाइयाणं देवाणं । (४) सक्कस्स णं देविंदस्स देवराणो वेसमणस्स महारण्णो इमे देवा अहावच्चाभिण्णाया होत्था, तं जहा पुण्णभद्दे माणिभद्दे सालिभद्दे सुमणभद्दे चक्करक्खे पुण्णरक्खे सव्वाणे सव्वजसे सव्वकामसमिद्धे अमोहे असंगे। (५) सक्कस्सणं देविंदस्स देवरण्णो वेसमणस्स महारण्णो दो पलिओवमाणि ठिती पण्णत्ता । अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिती पण्णत्ता । एमहिड्डीए जाव वेसमणे महाराया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिका त ड्यसते सत्तमो उद्देसओ समत्तो॥३.७॥ अट्ठमो उद्देसओ 'अहिवइ'[सु. १-३. भवणवासिदेवाहिवइपरूवणं] 5 १. रायगिहे नगरे जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी असुरकुमाराणं भंते ! देवाणं कति देवा आहेवच्चं जाव विहरंति ? गोयमा ! दस देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तं जहा चमरे असुरिदै असुरराया, सोमे, जमे, वरुणे, वेसमणे, बली वइरोयणिदे वइरोयणराया, सोमे, जमे, वरुणे वेसमणे । २. नागकुमाराणं भंते ! पुच्छा। गोयमा ! दस देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तं जहा धरणे नागकुमारिदै नागकुमारराया, कालवाले, कोलवाले सेलवाले, संखवाले, भूयाणंदे नागकुमारिद णागकुमारराया, कालवाले, कोलवाले, संखवाले, सेलवाले । ३. जहा नागकुमारिंदाणं एताए वत्तव्वताए णीयं एवं इमाणं नेयव्वं सुवण्णकुमाराणं वेणुदेवे, वेणुदाली, चित्ते, विचित्ते, चित्तपक्खे, विचित्तपक्खे। विज्जुकुमाराणं हरिकंत, हरिस्सह, पभ, सुप्पभ, पभकंत, सुप्पभकंत। अग्गिकुमाराणं अग्गिसीहे, अग्गिमाणव, तेउ, तेउसीहे, तेउकंते, तेउप्पभे । दीवकुमाराणं पुण्ण, विसिट्ठ, रूय, सुरूय, रूयकंत, रूयप्पभ । उदहिकुमाराणं जलकंते जलप्पभ, जल, जलरूय, जलकंत, जलप्पभ । दिसाकुमाराणं असियगति, अमियवाहण, तुरियगति, खिप्पगति, सीहगति, सीहविक्कमगति । वाउकुमाराणं वेलंब, पभंजण, काल महाकाला अंजण रिट्ठा । थणियकुमाराणं घोस, महाघोस, आवत्त, वियावत्त, नंदियावत्त, महानंदियावत्त । एवं भाणियव्वं जहा असुरकुमारा। सो० १ का० र चि०३ प०४ ते०५ रू० ६ ज० ७ तु० ८ का० ९ आ० १०। [सु. ४-६. वाणमंतर-जोतिस-वेमाणियदेवाहिवइपरूवणा] ४. पिसायकुमाराणं पुच्छा । गोयमा ! दो देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तं जहा काले य महाकाले सुरूव पडिरूव पुन्नभद्दे य । अमरवइ माणिभद्दे भीमे य तहा महाभीमे ||१|| किन्नर किंपुरिसे खलु सप्पुरिसे खलु तहा महापुरिसे। अतिकाय महाकाए गीरतती चेव गीयजसे॥२।एते वाणमंतराणं देवाणं । ५. जोतिसियाणं देवाणं दो देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तं जहा चंदे य सूरे य। ६. सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु कति देवा आहेवच्चं जाव विहरंति ? गोयमा ! दस देवा जाव विहरंति, तं जहा सक्के देविद देवराया, सोमे, जमे, वरूणे, वेसमणे । ईसाणे देविदे देवराया, सोमे, जमे, वरूणे, वेसमणे । एसा वत्तव्वया सव्वेसु वि कप्पेसु, एते चेव भाणियव्वा । जे य इंदा ते य भाणियव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिा ॥ तइयसते अट्ठमो उद्दसेओ समत्तो।३.८॥ नवमो उद्देसओ इंदिय'***[सु. १. इंदियविसयभेयपरूवणा] १. रायगिहे जाव एवं वदासी कतिविहे णं भंते ! इंदियविसए पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे इंदियविसए पण्णत्ते, तं० सोतिदियविसए, जीवाभिगमे जोतिसियउद्देसो नेयव्वो अपरिसेसो। तइयसए नवमो उद्देसओ समत्तो॥३.९।। दसमो उद्देसओ परिसा'*** [१. भवणवइआइअच्चुयकप्पज्जतदेवपरिसापरूवणा] १. (१) रायगिहे जाव एवं वयासी चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो कति परिसाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, तं जहा समिता चंडा जाता। (२) एवं जहाणुपुव्वीए जाव अच्चुओ कप्पो । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति०। ।। तइयसए दसमोद्देसो। ३.१०॥★★★॥ ततियं सयं समत्तं चउत्थं सयंम [सु १. चउत्थसयस्स उद्देसत्थाहिगारसंगहणीगाहा] १. चत्तारि विमाणेहिं १-४, चत्तारि य होति रायहाणीहिं ५-८। नेरइए ९ लेस्साहि १० य दस उद्देसा चउत्थसते ||१|| [पढम-बिइय-तइय-चउत्था उद्देसा ईसाणलोगपालविमाणाणं सु. २-५. चउण्हं ईसाणलोगपालाणं GOO乐听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听2TC恩 Exeros55555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-२६८555555555555555555555555555OOK Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROE95555 5 555 (५) भगवई ४ सतं उद्देसक - २ से १०/५सतं उद्देसक १५४) 5555555555555sexog 095555555555555555555555555555555555555555555555exong विमाणट्ठाणाइपरूवणा] २. रायगिहे नगरे जाव एवं वयासी इसाणस्स णं भंते । देविंदस्स देवरणो कति लेगपाला पण्णत्ता ? गोयमा । चत्तारि लोगपाले पण्णत्ता, तं जहा सोमे जमे वेसमणे वरुणे। ३. एतेसि णं भंते ! लोगपालाणं कति विमाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि विमाणा पण्णत्ता, तं जहा सुमणे सव्वतोभद्दे वग्गू सुवग्गू। ४. कहि णं भंते ! ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो सुमणे नामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! अंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जावईसाणे णामं कप्पे पण्णत्ते। तत्थ णं जाव पंच वडेंसया पण्णत्ता, तं जहा अंकवडेंसए फलिहवडिंसए रयणवडेंसए जायरूववडिसए, मज्झे यऽत्थ ईसाणवडेंसए । तस्स णं ईसाणवडेंसयस्स महाविमाणस्स पुरित्थिमेणं तिरियमसंखेज्नाई जोयणसहस्साई वीतिवतित्ता तत्थ णं ईसाणस्स देविदस्स देवरण्णो सोमस्स २ सुमणे नामं महाविमाणे पण्णत्ते, अद्धतेरसजोयण० जहा सक्कस्स वत्तव्वता ततियसते तहा ईसाणस्स वि जाव अच्चणिया समत्ता । ५. चउण्ह वि लोगपालाणं विमाणे विमाणे उद्देसओ। चउसु विमाणेसु चत्तारि उद्देसा अपरिसेसा । नवरं ठितीए नाणतं आदि दुय तिभागूणा पलिया धणयस्स होति दो चेव । दो सतिभागा वरुणे पलियमहावच्चदेवाणं ।।१।। [चउत्थे सए पढम-बिइय-तइय-चउत्थाउद्देसा समत्ता ।।४.१-४|| पंचम-छट्ठ-सत्तमअट्ठमा उद्देसा ईसाणलोगपालरायहाणीणं] १. रायहाणीसु वि चत्तारि उद्देसा भाणियव्वा जाव एमहिड्डीए जाव वरुणे महाराया। [चउत्थे सए पंचम -छट्ठ -सत्तम - अट्ठमा उद्देसा समत्ता ।।४.५-८|| नवमो उद्देसो 'नेरइअ (सु. १. नेरइयाणं उववायाइपरूवणा] १. नेरइए णं भंते ! नेरतिएसु उववज्जइ ? अनेरइए नेरइएसु उववज्जइ ? पण्णवणाए लेस्सापदे ततिओ उद्देसओ भाणिव्वो जाव नाणाई । चउत्थसए नवमो उद्देसो समत्तो ।।४.९॥ दसमो उद्देसो 'लेस्सा' [सु. १. लेसाणं परिणामाइपंचदसाहिगारपरूवणा] १. से नूणं भंते ! कण्हलेस्सा नीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए तावण्णत्ताए० ? एवं चउत्थो उद्देसओ पण्णवणाए चेव लेस्सापदे नेयव्वो जाव परिणाम-वण्ण-रस-गंध-सुद्ध-अपसत्थ -संकिलिट्ठण्हा । गति-परिणाम-पदेसोगाह-वग्गणा-ठाणमप्पबहुं ॥१॥ सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । [चउत्थसए दसमो उद्दसो समत्तो ॥४.१०||] ★ ★ ★॥ चउत्थं सयं समत्तं ॥४॥ पंचमं सयं सु. १. पंचमसतस्स दसुद्देसगाणमत्थाहिगारा] १. चंप रवि १ अणिल २ गंठिय ३ सद्दे ४ छउमायु ५-६ एयण ७ णियंठे ८ । रायगिहं ९ चंपाचंदिमा १० य दस पंचमम्मि सते॥१||* पढमो उद्देसो 'रवि' ★★★ [सु. २-३. पढमुद्देसस्स उवुग्घाओ] २. तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नगरी होत्था । वण्णओ। तीसे णं चंपाए नगरीए पुण्णभद्दे नामे चेतिए होत्था । वण्णओ। सामी समोसढे जाव परिसा पडिगता । ३. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूती णामं अणगारे गोतमे गोत्तेणं जाव एवं वदासी [सु. ४-६. जंबुद्दीवे सूरियउदयऽत्थमण-दिवस-राइपरूवणा] ४. जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया उदीणपादीणमुग्गच्छ पादीणदाहिणमागच्छंति ? पादीण-दाहिणमुग्गच्छ दाहिण-पादीणमागच्छंति ? दाहिणपादीणमुग्गच्छ पादीण-उदीणमागच्छंति ? पादीणउदीणमुग्गच्छ उदीचिपादीणमागच्छति ? हंता, गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे सूरिया उदीण-पादीण-मुग्गच्छ जाव उदीचि-पादीणमागच्छंति । ५. जदा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्डे दिवसे भवति तदा णं उत्तरड्ढे दिवसे भवति ? जदा णं उत्तरड्ढे दिवसे भवति तदा णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिम-पच्चत्थिमेणं राती भवति ? हंता, गोयमा ! जदाणं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्ढे दिवसे जाव राती भवती। ६. जदा णं भंते ! जंबु० मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं दिवसे भवति तदा णं पच्चत्थिमेण वि दिवसे भवति ? जदा णं पच्चत्थिमेणं दिवसे भवति तदाणं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तर-दाहिणणं राती भवति ? हंता, गोयमा ! जदा णं जंबु० मंदर० पुरत्थिमेणं दिवसे जाव राती भवति । [सु. ७-१३. जंबुद्दीवे दिवस-राइकालमाणपरूवणा] ७. जदा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्ढे उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति तदा णं उत्तरड्ढे वि उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति ? जदा णं उत्तरड्ढे उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति तदा णं जंबुद्दीवे दीवे ॥ मंदरस्स पुरत्थिम-पच्चत्थिमेणं जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राती भवति ? हंता, गोयमा ! जदा णं जंबु० जाव दुवालसमुहुत्ता राती भवति । ८. जदा णं जंबु० मंदरस्स 听听听乐听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Saex 5 55555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - २६९555555555555555555555555555OOR Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR959555555555555 (५) भगवई ५ सत्तं उद्देसक - १ ५५ 历历历历历万年历5555552 FOTO 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐玩玩乐乐所乐乐乐乐乐乐乐SO पुरस्थिमेणं उक्कोसए अट्ठारस जाव तदा णं जंबुद्दीवे दीवे पच्चत्थिमेण वि उक्को० अट्ठारस्समुहुत्ते दिवसे भवति ? जया णं पच्चत्थिमेणं उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति तदा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे उत्तर० दुवालसमुहुत्ता जाव राती भवति ? हंता, गोयमा ! जाव भवति । ९. जदा णं भंते ! जंबु० दाहिणड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवति तदा णं उत्तरे अट्ठरसमुहुनाणंतरे दिवसे भवति ? जदा णं उत्तरे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवति तदा णं जंबु० मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं सातिरेगा दुवालसमुहुत्ता राती भवति ? हंता, गोयमा ! जदाणं जंबु० जाव राती भवति।१०. जदा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवति तदा णं पच्चत्थिमेणं अट्ठरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवति ? जदा णं पच्चत्थिमेणं अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवति तदा णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं साइरेगा दुवालसमुहुत्ता राती भवति ? हंता, गोयमा ! जाव भवति।११. एवं एतेणं कमेणं ओसारेयव्व सत्तरसमुहुत्ते दिवसे, तेरसमुहुत्ता राती। सत्तरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे, सातिरेगा तेरसमुहुत्ता राती। सोलसमुहुत्ते दिवसे, चोद्दसमुहुत्ताराती।सोलसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगा चोद्दसमुहृत्ता राती। पन्नरसमुहुत्ते दिवसे, पन्नरसमुहुत्ता राती । पन्नरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे, सातिरेगा पन्नरसमुहुत्ता राती। चोद्दसमुहुत्ते दिवसे, सोलसमुहुत्ताराती। चोद्दसमुहुत्ताणंतरे दिवसे, सातिरेगा सोलसमुहुत्ता राती । तेरसमुहुत्ते दिवसे, सत्तरसमुहुत्ता राती । तेरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे, सातिरेगा सत्तरसमुहुत्ता राती। १२. जदा णं जंबु० दाहिणड्ढे जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवति तया णं उत्तरड्ढे वि ? जया णं उत्तरड्डे तया णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राती भवति ? हंता, गोयमा ! एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव राती भवति । १३. जदा णं भंते ! जंबु० मंदरस्स पव्वयस्स पुरित्थमेणं जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवति । 4 तदा णं पच्चत्थिमेण वि० ? जया णं पच्चत्थिमेण वि तदा णं जंबु० मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राती भवति ? हता, गोयमा ! जावई राती भवति। [सु. १४-२१. जंबुद्दीवेदाहिणड्ड-उत्तरड्ड-पुरस्थिम-पच्चत्थिमाईसु वासाहेमंत-गिम्ह-अयणाइ-ओसप्पिणी-उस्सप्पिणीपरूवणा] १४. जया णं भंते! जंबु० दाहिणड्डेवासाणं पढमे समए पडिवज्जति तयाणं उत्तरड्ढे वि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ ? जया णं उत्तरड्ढे वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ तयाणं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं अणंतरपुरक्खडसमयंसि वासाणं पढमे समए पडिवज्जति ? हंता, गोयमा ! जदा णं जंबु०२ दाहिणड्ढे वासाणं प० स० पडिवज्जति तह चेव जाव पडिवज्जति । १५. जदा णं भंते ! जंबु० मंदरस्स० पुरत्थिमेणं वासाणं पढमे समए पडिवज्जति तया णं पच्चत्थिमेण वि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ ? जयाणं पच्चत्थिमेण वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ तयाणं जाव मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं अणंतरपच्छाकडसमयंसि वासाणं प० स० पडिवन्ने भवति ? हंता. गोयमा ! जदा णं जंबु० मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव पडिवन्ने भवति । १६. एवं जहा समएणं अभिलावो भणिओ वासाणं ॐ तहा आवलियाए विभाणियव्वो २, आणापाणूण वि ३, थोवेण वि४,लवेण वि ५, मुहुत्तेण वि६, अहोरत्तेण वि७, पक्खेण वि ८, मासेण वि९, उउणा वि १०। एतेसिं सव्वेसिंजहा समयस्स अभिलावो तहा भाणियव्वो। १७. जदाणं भंते! जंबु० दाहिणड्ढे हेमंताणं पढमे समए पडिवज्जति ? जहेव वासाणं अभिलावो तहेव हेमंताण वि २०, गिम्हाण वि ३० भाणियव्वो जाव उऊ। एवं एते तिन्नि वि। एतेसिंतीसं आलावगा भाणियव्वा । १८. जया णं भंते ! जंबु० मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणड्डे पढमे अयणे पडिवज्जति तदा णं उत्तरढे वि पढमे अयणे पडिवज्जइ ? जहा समएणं अभिलावो तहेव अयणेण विभाणियव्वो जाव अणंतरपच्छाकडसमयंसि पढमे अयणे पडिवन्ने भवति । १९. जहा अयणेणं अभिलावो तहा संवच्छरेण वि भाणियब्वो, जुएण वि, वाससतेण वि, वाससहस्सेण वि, वाससतसहस्सेण वि, पुव्वंगेण वि, पुव्वेण वि, तुडियंगेण दि, तुडिएण वि, एवं पुव्वे २, तुडिए २, अडडे २, अववे २, हूहूए२, उप्पले २, पउमे २, नलिणे २, अत्थणिउरे २, अउए २, णउए २, पउए प्र २, चूलिया २, सीसपहेलिया २, पलिओवमेण वि, सागरोवमेण वि, भाणितव्वो। २०. जदा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्डे पढमा ओसप्पिणी पडिक्जति तदा णं उत्तरड्ढे वि पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ ? जताणं उत्तरड्ढे वि पडिवज्जइ तदा णं जंबुद्दीवे दीव मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिम-पच्चत्थिमेणं णेवत्थि ओसप्पिणी णेवत्थि उस्सप्पिणी, अवट्ठिते णं तत्थ काले पन्नते समणाउसो ! ? हंता, गोयमा ! तं चेव उच्चारेयव्वं जाव खमणाउसो ? । २१. जहा ओसप्पिणीए आलावओ भणितो एवं Forxos$$5555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-२७०55555555555555555555555FFSEX 9听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐编织听听听听听听听听 Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KGRO [ ५६ ] (५) भगवई ५ सतं उद्देसक १.२ उस्सप्पिणीए वि भाणितव्वो । [ सु. २२-२७. लवणसमुद्द- धायइसंड - कालोयसमुद्द - पुक्खरदेसु सूरियउदयऽत्थमणपभिउस्सप्पिणीपज्जवसाणा परूवणा) २२. लवणे णं भंते ! समुद्दे सूरिया उदीचि - पाईणमुग्गच्छ ज चेव जंबुद्दीवस्स वत्तव्वता भणिता स च्चेव सव्वा अपरिसेसिता लवणसमुद्दस्स वि भाणितव्वा, नवरं अभिलावो इमो जाणितव्वो 'जता णं भंते! लवणे समुद्दे दाहिणड्डे दिवसे भवति तदा णं लवणे समुद्दे पुरत्थिम-पच्चत्थिमेणं राती भवति ?' एतेणं अभिलावेणं नेतव्वं जदा णं भंते! लवणसमुद्दे दाहिणड्डे दिवसे पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जति तदा णं उत्तरडे वि पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ ? जदा णं उत्तरड्ढे पढमा ओसप्पिणी पडिवज्जइ तदा णं लवणसमुद्दे पुरत्थिम-पच्चत्थिमेणं नेवत्थि ओसप्पिणी, णेवत्थि उस्सप्पिणी समणाउसो ! ? हंता गोयमा ! जाव समणाउसो ! १२३. धायतिसंडे णं भंते! दीव सूरिया उदीचि-पादीणमुग्गच्छ जहेव जंबुद्दीवस्स वत्तव्वता भाणिता स च्चेव धायइसंडस्स वि भाणितव्वा, नवरं इमेणं अभिलावेणं सव्वे. आलावा भाणितव्वा जता णं भंते ! धायतिसंडे दीवे दाहिणड्डे दिवसे भवति तदा णं उत्तरडे वि ? जदा णं उत्तरडे वि तदा णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पव्वताणं पुरत्थिम-पच्चत्थिमेणं राती भवति ? हंता, गोयमा ! एवं जाव राती भवति । २४. जदा णं भंते ! धायइसंडे दीवे मंदराणं पव्वताणं पुरत्थिमेणं दिवसे भवति तदा पच्चत्थिमेण वि ? जदा णं पच्चत्थिमेण वि तदा णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पव्वयाणं उत्तरदाहिणेणं राती भवति ? हंता, गोयमा ! जाव भवंति । २५. एवं एते अभिलावेणं नेयव्वं जाव जदा णं भंते! दाहिणड्डे पढमा ओसप्पिणी तदा णं उत्तरडे, जदा णं उत्तरडे तया णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पव्वयाणं पुरत्थिम-पच्चत्थिमेणं वत्थि ओसप्पिणी जाव समणाउसो ! ? हंता, गोयमा ! जाव समणाउसो ! । २६. जहा लवणसमुद्दस्स वत्तव्वता तहा कालोदस्स वि भाणितव्वा, नवरं कालोदस्स नामं भाणितव्वं । २७. अब्भिंतरपुक्खरद्धे णं भंते! सूरिया उदीचि पाईणमुग्गच्छ जहेव धायइसंडस्स वत्तव्वता तहेव अब्भिंतरपुक्खरद्धस्स वि भाणितव्वा । नवरं अभिलावो जाणेयव्वो जाव तदा णं अब्भितरपचक्खद्धे मंदराणं पुरित्थमपच्चत्थिमेणं नेवत्थि ओसप्पिणी नेवत्थि उस्सप्पिणी, अवट्ठिते णं तत्थ काले पन्न समणाउसो ! । सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति । ★ ★ ★ पंचमसतस्स पढमओ उद्देसओ ॥५१॥ बिइओ उद्देसओ 'अणिल' [सु. १. बितिओसस्सुवुग्धाओ ] १. रायगिहे नगरे जाव एवं वदासी [सु. २-४. दिसा-विदिसासु पुरेवातादिचउव्विहवाउपरूवणा] २. अत्थि णं भंते ! ईसि पुरेवाता, पत्था वाता, मंदा वाता, महावाता वायंति ? हंता, अत्थि । ३. अत्थि णं भंते ! पुरत्थिमेणं ईसि पुरेवाता, पत्था वाता, मंदा वाता, महावाता वायंति ? हंता, अत्थि । ४. एवं पच्चत्थिमेणं, दाहिणेणं, उत्तरेणं, उत्तर-पुरत्थिमेणं, पुरत्थिमदाहिणेणं, दाहिण-पच्चत्थिमेणं, पच्छिम-उत्तरेणं । [ सु. ५-६. दिसाणं परोप्परोवनिबंधेण वाउपरूवणा] ५. जदा णं भंते ! पुरत्थिमेणं ईसिं पुरेवाता पत्था वाता मंदा वाता महावाता वायंति तदा णं पच्चत्थिमेण वि इसिं पुरेवाता० ? जया णं पच्चत्थिमेणं ईसिं पुरेवाता० तदा णं पुरत्थिमेण वि ? हंता, गोयमा जदा णं पुरत्थिमेणं तदा णं पच्चत्थिमेण वि ईसिं, जया णं पच्चत्थिमेणं तदा णं पुरत्थिमेण वि ईसिं । एवं दिसासु । ६. एवं विदिसासु वि। [सु. ७-९ दीविच्चय - सामुद्दयवाताणं ईसिंवातादिपरूवणा] ७. अत्थि णं भंते!' दीविच्चया ईसि ? हंता, अत्थि । ८. अत्थि णं भंते ! सामुद्दया सिं? हंता, अत्थि । ९. (१) जया णं भंते । दीविच्चया ईसिं तदा णं सामुद्दया वि ईसिं, जदा णं सामुद्दया ईसिं तदा णं दीविच्चया वि ईसिं ? णो इणट्टे समट्टे । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति 'जदा णं दीविच्चया ईसिं णो णं तया सामुद्दया ईसिं, जया णं सामुद्दया ईसिं णो णं तदा दीविच्चया ईसिं ? गोयमा ! तेसि णं वाताणं अन्नमन्नस्स विवच्चासेणं लवणे समुद्दे वेलं नातिक्कमति से तेणट्टेणं जाव वाता वायंति। [सु. १०-१२. पयारंतरेण वातसरूवतिगपरूवणा] १०. (१) अत्थि णं भंते ! ईसि पुरेवाता पत्था वाता मंदा वाता महावाता वायंति ? हंता, अत्थि । (२) कया णं भंते! ईसिं जाव वायंति ? गोयमा ! जया णं वाउयाए अहारियं रियति तदा णं ईसिं जाव वायंति । ११. (१) अत्थि णं भंते ! ईसिं ? हंता, अत्थि । (२) कया णं भंते! ईसिं ? गोयमा ! जया णं वाउयाए उत्तरकिरियं रियइ तया णं ईसिं। १२. (१) अत्थि णं भंते ! ईसिं ? हंता, अत्थि । (२) कया णं भंते ईसिं पुरेवाता पत्था वाता० ? गोयमा ! जया णं वाउकुमारा वाउकुमारीओ वा अप्पणो वा परस्स वा *********e ॐ श्री आगमगुणमंजूषा - २०१OYOR Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 105555555555555555 (५) भगबई ५सतं उद्देसक - २-३ [५७] 555555555555555STORY FAGR955555555555555555555555555555555555555555555secon तदुभयस्स वा अट्ठाए वाउकायं उदीरेति तया णं ईसिं पुरेवाया जाव वायंति। [सु. १३. वाउकायस्स सासुच्छासादिपरूवणा] १३. वाउकाए णं भंते ! वाउकायं चेव आणमति वा पाणमति वा ? जहा खंदए तहा चत्तारि आनावगा नेयव्वा-अणेगसतसहस्स०। पुढे उद्दाति वा । ससरीरी निक्खमति। [सु. १४. ओदण-कुम्माससुराणं वणप्फति-अगणिजीवसरीरत्तपरूवणा] १४. अह भंते ! ओदणे कुम्मासे सुरा एते णं किंसरीरा ति वत्तव्वं सिया? गोयमा ! ओदणे कुम्मासे सुराए य जे घणे दव्वे एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च वणस्सति जीवसरीरा, तओ पच्छा सत्थातीता सत्थपरिणामिता अगणिज्झामिता अगणिज्यूसिता अगणिपरिणामिता अगतणजीवसरीरा इ वत्तव्वं सिया। सुरए य जे दवे दव्वे एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च आउजीवसरीरा, ततो पच्छा सत्थातीता जाव अगणिसरीरा ति वत्तव्वं सिया। [सु. १५. अय-तंब-तउयाइदव्वाणं पुढवि-अगणिजीवसरीरत्तपरूवणा] १५. अह णं भंते ! अये तंबे तउए सीसए उवले कसट्टिया, एए णं किंसरीरा इ वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! अए तंबे तउए सीसए उवले कसट्टिया, एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च पुढविजीवसरीरा, तओ पच्छा सत्थातीता जाव अगणिजीवसरीरा F ति वत्तव्वं सिया। [सु. १६. अट्ठि-चम्म-रोम-नाइदव्वाणं तसजीवसरीरत्तपरूवणा, अद्विज्झाम-चम्मज्झाम-रोमज्झाम-नहज्झामाइदव्वाणं तस अगणिजीवसरीरत्तपरूवणा य] १६. अह भंते ! अट्ठी अट्ठिज्झामे, चम्मे चम्मज्झामे, रोमे रोमज्झामे, सिंगे सिंगज्झामे, खुरे खुरज्झामे, नखे नखज्झामे, एते णं किंसरीरा ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! अट्ठी चम्मे रोमे सिंगे खुरे नहे, एए णं तसपाणजीवसरीरा । अट्ठिज्झामे चम्मज्झामे रोमज्झामे सिंगज्झामे खुरज्झामे णहज्झामे, एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च तसपाणजीवसरीरा, ततो पच्छा सत्यातीता जाव अगणि० जाव सिया। [सु. १७. इंगाल-छार-भुस-गोमयाणं एगिदियाइपंचिदियजीव-अगणिजीवसरीरत्तपरूवणा] १७. अह भंते ! इंगाले छारिए, भुसे गोमए एए णं किंसरीरा ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! इंगाले छारिए भुसे गोमए एए णं पुव्वभावपण्णवणाए एगिदियजीवसरीरप्पओगपरिणामिया वि जाव पंचिदियजीवसरीरप्पओगपरिणामिया वि, तओ पच्छा सत्थातीया जाव अगणिजीवसरीरा ति वत्तव्वं सिया। [सु. १८. लवणोदहिसरूवपरूवणा ] १८. लवणे णं भंते ! समुद्दे केवतियं चक्कवालविक्खंभेणं पन्नत्ते? एवं नेयव्वं जाव लोगट्टिती लोगाणुभावे । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं जाव विहरति ।★★★पंचमसए बिइओ।५.२॥ तइओ उद्देसओ 'गंठिय'*** [सु. १. एगं जीवं पडुच्च एगंसि समए इह-परभवियाउयवेदणविसए अण्णउत्थियमयनिरासपुव्वयं भगवओ समाधाणं ] १. अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति भा०प० एवं परूवेंति से जहानामए जालगंठिया सिया आणुपुग्विगढिया अणंतरगढिया परंपरगढिता अन्नमन्नगढिता अन्नमन्नगुरुयत्ताए अन्नमन्नभारियत्ताए अन्नमन्नगुरुयसंभारियत्ताए अन्नमन्नघडत्ताए चिट्ठति, एवामेव बहूणं जीवाणं बहूसु आजातिसहस्सेसु बहूई आउयसहस्साइं आणुपुश्विगढियाइंजाव चिट्ठति । एगे वि यणं जीवे एगेणं समएणं दो आउयाइं पडिसंवेदयति, तं जहा-इहभवियाउयं च परभवियाउयं च: (१०) जं समयं इहभवियाउयं पडिसंवेदेइ तं समयं परभवियाउयं पडिसंवेदेइ, जाव से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जंणं ते अन्नउत्थिया तं चेव जाव परभवियाउयं च; जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु । अहं पुण गोयमा ! एदमाइक्खामि जाव परूवेमि-जहानामए जालगंठिया सिया जाव अन्नमन्नघडत्ताए चिट्ठति, एवामेव एगमेगस्सजीवस्स बहूहिं आजातिसहस्सेहिं बहूई आउयसहस्साई १५ आणुपुब्विगढियाइं जाव चिट्ठति । एगे वि य णं जीवे एगेणं समएणं एगं आउयं पडिसंवेदेइ, तं जहा-इमभवियाउयं वा परभक्यिाउयं वा, जं समयं इहभवियाउयं पडिसंवेदेइ नो तं समयं पर० पडिसंवेदेति, जं समयं प० नो समयं इहभवियाउयं प०, इहभवियाउयस्स पडिसंवेयणाएनो परभवियाउयं पडिसंवेदेइ, परभवियाउयस्स पडिसंवेयणाए नो इहभवियाउयं पडिसंवेदेति । एवं खलु एगे जीवे २० एगेणं समएणं एगं आउयं प०, तं जहा-इहभवियाउयं वा, परभवियाउयं वा । सु.२-४. जीव-चउवीसदंडगेसु आउवियारो ] २. जीवे णं भंते ! जे भविए नेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! किं साउए संकमति, निराउए संकमति ? गोयमा ! साउए क. संकमति, नो निराउए संकमति । ३. से णं भंते ! आउए कहिं कडे ? कहिं समाइण्णे ? गोयमा ! पुरिभे भवे कडे, पुरिभे भवे समाइण्णे। ४. एवं जाव वेमाणियाणं दंडओ। 9555555555555555555555555555555555555555555555555SEXDEY perso555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-२०२०5555555555555555555555555555OR Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ F%h%诉听听听听听听听听听乐 PAGROF555555555555555 (५) भगवई ५ सतं उसक- ३-४ [५८) [सु. ५. चउव्विहं जोणि पडुच्च आउबंधवियारो] ५.से नूणं भंते! जे जं भविए जोणि उववज्जित्तए से तमाउयं पकरेइ, तं जहा-नेरतियाउयं वा जाव देवाज्यं का? हता, 5 गोयमा ! जे जं भविए जोणिं उववज्जित्तए से तमाउयं पकरेइ, तं जहा-नेरइयाउयं वा, तिरि०, मणु०, देवाउयं वा । नेरइयाउयं पकरेमाणे सत्तविहं पकरेइ, तं जहा रयणप्पभापुढविनेरइयाउयं वा जाव अहेसत्तमापुढविनेरइयउयं वा । तिरिक्खजोणियाउयं पकरेमाणे पंचविहं पकरेइ, तं जहा-एगिदियतिरिक्खजोणियाज्यं वा. भेदो सव्वो भाणियव्वो । मणुस्साउयं दुविहं । देवाउयं चउव्विहं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। ***|| पंचमस्सए तइओ उद्देसओ॥५.३॥** चउत्थो उद्देसओ 'सद्द' ** [सु. १-४. छउमत्थ- केवलीणं संख-सिंगाइसदसवणवियारो] १. छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से आउडिज्जमाणाई सद्दाइं सुणेति, तं जहा-संखसद्दाणि वा, सिंगसहाणि वा, संखियसद्दाणि वा, खरमुहिसदाणि वा, पोयासदाणि वा, परिपिरियासहाणि वा, पणवसदाणि वा, पडहसहाणि वा, भंभासदाणि वा, होरंभसद्दाणि वा भेरिसदाणि वा, झल्लरिसद्दाणि वा, दुंदुभिसहाणि वा, तताणि वा, वितताणि वा, घणाणि बा, झुसिराणि वा ? हंता ? गोयमा ! छउमत्थे णं मणूसे आउडिज्जमाणाइं सद्दाइं सुणेति, तं जहा-संखसद्दाणि वा जाव झुसिराणि वा । (२) ताइं भंते ! किं पुट्ठाइं सुणेति ? अपुट्ठाईसुणेति ? गोयमा ! पुट्ठाई सुणेति, नो अपुट्ठाई सुणेति जाव णियमा छद्दिसिं सुणेति । (३) छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से किं आरगताई सद्दाई सुणेइ ? पारगताई सद्दाई सुणेइ ? गोयमा! आरगयाई सद्दाइं सुणेइ, नो पारगयाई सद्दाई सुणेइ। ४ (१) जहा णं भंते ! छउमत्थे मणुस्से आरगयाइं सद्दाई सुणेइ, नो पारगयाई सद्दाइं सुणेइ तहाणं भंते ! केवली किं आरगयाइं सहाई सुणेइ, नो पारगयाइं सद्दाई सुणेइ ? गोयमा ! केवली णं आरगयं वा पारगयं वा सव्वदूरमूलमणंतियं सदं जाणइ पासइ। (२) से केणद्वेणं तं चेव केवली णं आरगयं वा जाव पास ? गोयमा! केवली णं पुरन्थिमेणं मियं पिजाणइ, अमियं पिजाणइ, एवं दाहिणेणं, पच्चत्थिमेणं, उत्तरेणं, उई, अहे मियं पिजाणड अभियं पिजाणइ, सव्वं जाणइ केवली, सव्वं पासइ केवली, सव्वतो जाणइ पासइ, सव्वकालं जा० पा०, सव्वभावे जाणइ केवली, सव्वभावे पासइ केवली, अणते नाणे केवलिस्स, अणते दंसणे केवलिस्स, निव्वुडे नाणे केवलिस्स, निव्वुडे दंसणे केवलिस्स । से तेणद्वेणं जाव पासइ। [सु. ५-६. छउमत्थ-केवलीण हासउस्सुआवणवियारो] ५. छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से हसेज वा ? उस्सुआएज्ज वा ? हंता, हसेज्ज वा, उस्सुयाएज्ज वा। ६. (१) जहा णं भंते ! छउमत्थे मणस्से हसेज्ज वा उस्सुतहा णं केवली वि हसेज वा, गोयमा ! नो इमढे समढे। (२) से केणटेणं भंते ! जाव नोणं तहा केवली हसेज वा, उस्सुयाएज्ज वा ? गोयमा ! जं णं जीवा चरित्तमोहणिज्जकम्मस्स उदएणं हसंति वा उस्सुयायंति वा, सेणं केवलिस्स नत्थि, से तेणतुणं जाव नो णं तहा केवली हसेज्ज वा, उस्सुयाएज्ज वा। स. ७-९. हसमाण -उस्सुयमाणेसुजीव -चउवीसदंडएसु एगन -पुहत्तेणं सत्तऽट्ठकम्मबंधपरूवणा] ७. जीवेणं भंते ! हसमाणे वा उस्सयमाणे वा कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा। ८. एवं जाव वेमाणिए । ९. पोहत्तिएहिं जीवेगिदियवज्जो तियभंगो। [सु. १०-११. छउमत्थ-केवलीणं निहावियारो] १०.छउमत्थे णं भंते! मणूसे निदाएज्ज वा ? पयलाएज्ज वा? हंता, निदाएज्ज वा, पयलाएज्ज वा।११.जहा हसेज्ज वातहा, नवरं दरिसणावरणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं निहायंति वा, पयलायति वा । से णं केवलिस्स नत्थि । अन्नं तं.चेव। सु. १२-१४. निद्दायमाण-पयलायमाणेसु जीव-चउवीसदंडएस एगत्तपुहत्तेणं सत्तऽढुकम्मबंधपरूवणा) १२. जीवेणं भंते ! निद्दायमाणे वा पयलायमाणे वा कति कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहविहबंधए वा। १३. एवं जाव वेमाणिए । १४. पोहत्तिएसु जीवेगिदियवज्जा तियभंगो। (सु. १५-१६. गब्भावहारविसए हरिणेगमेसिदेववत्तव्वया] १५. हरी णं भंते ! नेगमेसी सक्दते इत्थीगब्भं साहरमाणे किं गब्भाओ गब्भं साहरति ? गम्भाओ जोणिं साहरइ ? जोणीतो गब्भं साहरति ? जोणीतो जोणिं साहरइ ? गोयमा ! नो गब्भातो गब्भं साहरति, नो गब्भाओ जोणिं साहरति, नो जोणीतो जोणिं साहरति, परामसिय परामसिय अव्वाबाहेणं अव्वाबाहं जोणीओ गब्भ साहरइ। १६. पभू णं भंते! हरिणेगमेसी सक्कस्स दुते इत्थीगब्भं नहसिरंसि वा रोमकूवंसि वा साहरित्तए वा नीहरित्तए वा ? हंता, पभू, नो चेव णं तस्स गब्भस्स किंचि वि आबाहं वा विबाहंक 55555555555555F2C SIGR95555555555555555555555555555555555 乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听名 5 55555555555 श्री आरामगुणमंजूषा-२७.३055555555555555555555555SION Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PRO395555555555555555 (५) भगवई ५ सतं उद्देसक - ४ [५९] $$ $$牙牙万岁万万岁万HOOL FORG55555555555555555555555555555555555555555555555HeroY वा उप्पाएज्जा, छविच्छेदं पुण करेज्जा, एसुहुमं च णं साहरिज वा, नीहरिज्ज वा। [सु. १७. पडिग्गहरूवनावाए उदगंसि अभिरममाणं अइमुत्तयमुणिं पेच्छिय ८ संजायसंसयाणं थेराणं अणुसट्ठिपुव्वयं भगवया परूविया अइमुत्तयमुणिसिज्झणावत्तव्वया] १७. (१) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतेवासी अतिमुत्ते णामं कुमारसमणे पगनिभद्दए जाव विणीए। (२) तए णं से अतिमुत्ते कुमारसमणे अन्नया कयाइ महावुट्ठिकायंसि निवयमाणंसि कक्खपडिग्गह -रयहरणमायाए बहिया संपट्टिते विहाराए। (३) तए णं से अतिमुत्ते कुमारसमणे वाहयं वहमाणं पासति, २ मट्ठियापालिं बंधति, २ 'नाविया मे २' णाविओ विव णावमयं पडिग्गहकं, उदगंसि कट्ट पव्वाहमाणे पव्वाहमाणे अभिरमति। (४) तं च थेरा अद्दक्खु । जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति, २ एवं वदासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी अतिमुत्ते णाम कुमारसमणे, सेणं भंते ! अतिमुत्ते कुमारसमणे कतिहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिति ? 'अज्जो !' ति समणे भगवं महावीरे ते थेरे एवं वदासी एवं खलु अज्जो ! ममं अंतेवासी अतिमुत्ते णामं कुमारसमणे पगतिभद्दए जाव विणीए, सेणं अतिमुत्ते कुमारसमणे इमेणं चेव भवग्गहणेणं सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिति । तं मा णं अज्जो ! तुब्भे अतिमुत्तं कुमारसमणं हीलेह निंदह खिंसह गरहह अवमन्नह । तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! अतिमुत्तं कुमारसमणं अगिलाए संगिण्हह, अगिलाए उवगिण्हह, अगिलाए भत्तेणं पाणेणं विणयेणं वेयावडियं करेह । अतिमुत्ते णं कुमारसमणे अंतकरे चेव, अंतिमसरीरिए चेव। (५) तए णं ते थेरा भगवंतो समणेणं भगवता महावीरेणं एवं वुत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं वंदति णमंसंति, अतिमुत्तं कुमारसमणं अगिलाए संगिण्हंति जाव वेयावडियं करेति। [सु. १८. महासुक्कदेवजुयलपुच्छाए भगवओ सत्तसयाणं सिस्साणं सिज्झणावत्तव्वया] १८. (१) तेणं कालेणं तेणं समएणं महासुक्कातो कप्पातो महासामाणातो विमाणातो दो देवा महिड्डीया जाव महाणुभागा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं पाउब्भूता। (२) तए णं ते देवा समणं भगवं महावीरं वंदंति, नमसंति, वंदित्ता नमंसित्ता मणसा चेव इमं एतारूवं वागरणं पुच्छंति कति णं भंते ! देवाणुप्पियाणं अंतेवासिसयाई सिज्झिहिंति जाव अंतं करेहिति ? तए णं समणे भगवं महावीरे तेहिं देवेहिं मणसा पुढे, तेसिं देवाणं मणसा चेवं इमं एतारूवं वागरणं वागरेति एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम सत्त अंतेवासिसताई सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिति। (३) तए णं ते देवा समणेणं भगवया महावीरेणं मणसा पुढेणं मणसा चेव इमं एतारूवं वागरणं वागरिया समाणा अट्ठतुट्ठा जाव हयहियया समणं भगवं महावीरं वंदंति णमंसंति, २ त्ता मणसा चेव सुस्सूसमाणा णमंसमाणा अभिमुहा जाव पज्जुवासंति । [सु. १९. सिस्ससिज्झणापुच्छयदेवसंबंधियाए गोयमपुच्छाए भगवओ निद्देसाणुसारेण गोयमस्स देवेहितो सब्भावावगमो] १९. (१) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूती णाम अणगारे जाव अदूरसामंते उड्डेजाणू जाव विहरती। (२) तए णं तस्स भगवतो गोतमस्स झाणंतरियाए वट्टमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था ‘एवं खलु दो देवा महिड्डीया जाव महाणुभागा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं पाउब्भूया, तं नो खलु अहं ते देवे जाणामि कयरातो कप्पातो वा सग्गातो वा विमाणातो वा कस्स वा अत्थस्स अट्ठाए इहं हव्वमागता ?' तं गच्छामि णं भगवं महावीरं वंदामि णमंसामि जावपज्जुवासामि, इमाइंचणं एयारूवाईवागरणाई पुच्छिस्सामित्ति कट्ट एवं संपेहेति, २ उठाए उद्वेति, २ जेणेव समणे भगवं महावीरे जाव पज्जुवासति। (३) 'गोयमा !' इ समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वदासी से नूणं तव गोयमा ! झाणंतरियाए वट्टमाणस्स इमेतारूवे अज्झत्थिए जाव जेणेव मम अंतिए तेणेव हव्वमागए । से नूणं गोतमा ! अढे समढे ? हंता, अत्थि । तं गच्छाहि णं गोतमा ! एते चेव देवा इमाइं एतारूवाइं वागरणाइं वागरेहिति। (४) तए णं भगवं गोतमे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे समणं भगवं महावीरं वंदति णमंसति, २ जेणेव ते देवा तेणेव पहारेत्थ गमणाए। (५) तए णं ते देवा भगवं गोतमं एज्जमाणं पासंति, २ हट्ठा जाव हयहिदया खिप्पामेव अब्भुट्टेति, २ खिप्पामेव पच्चूवगच्छंति, २ जेणेव भगवं गोतमे तेणेव उवागच्छंति, २त्ता जाव णमंसित्ता एवं वदासी एवं खलु भंते ! अम्हे महासुक्कातो कप्पातो महासामाणातो विमाणातो दो देवा महिड्डिया जाव पादुब्भूता, तए णं अम्हे समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो, २ मणसा चेव इमाइं एतारूवाई वागरणाइं पुच्छामो कति णं भंते ! देवाणुप्पियाणं अंतेवासिसयाई सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिंति ? तएणं समणेश Meros5555 श्री आगमगुणमजूषा - २७४ 55555555555552OR 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听CE Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GRO (५) भगवई ५ मतं नं. ४ (६०] ***** भगवं महावीरे अम्हेहिं मणसा पुट्ठे अम्हं मणसा चेव इमं एतारूवं वागरणं वागरेति एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम सत्त अंतेवासि० जाव अंतं करेहिति । तए णं अम्हे समणेण भगवया महावीरेणं मणसा पुट्टेणं मणसा चेव इमं एतारूवं वागरणं वागरिया समाणा मसणं भगवं महावीरं वंदामो नमसामो, २ जाव पज्जुवासामो त्ति कट्टु भगव गोतमं वंदंति नमसंति, २ जामेव दिसिं पाउन्भूता तामेव दिसिं पडिगया । ।सु. २०-२३. गोयमस्स देवपच्चइयाए संजय - असंजय- संजयासंजयत्तपुच्छाए भगवओ समाहाणं] २०. 'भंते' त्ति भगवं गोतमे समणं जाव एवं वदासी देवा णं भंते! 'संजया' ति वत्तव्वं सिया ? गोतमा ! णो इमट्ठे समट्ठे | अभक्खाणमेयं देवाणं । २१. भंते ! ‘असंजता' ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! णो इमट्ठे समट्ठे । णिङ्कुरवयणमेयं देवाणं । २२ भंते! 'संजयासंजया' ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! णो इमट्ठे समट्ठे । असन्भूयमेयं देवाणं । २३. से किं खाति णं भंते! देवा ति वत्तव्वं सिया ? गोयमा ! देवा णं 'नो संजया' ति वत्तव्वं सिया । [ सु. २४. देवाणं अद्धमागइभासाभासित्तं) २४. देवा णं भंते ! कयराए भासाए भासंति ? कतरा वा भासा भासिज्जमाणी विसिस्सति ? गोयमा ! देवा णं अन्द्रमागहाए भासाए भासंति, सावि य णं अद्धमागहा भासा भासिज्जमाणी विसिस्सति । [ सु. २५-२८. केवलि - छउमत्थे पडुच्च अंतकरजाणणा-चरमकम्मचरमनिज्जरजाणणावत्तव्वया] २५. केवली भंते! अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणति पासइ ? हंता, गोयमा ! जाणति पासति । २६. (१) जहा णं भंते! केवली अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणति पासति तथा णं छउमत्थे वि अंतकरं वा अंतिमसरीरियं वा जाणति पासति ? गोयमा ! णो इमट्ठे समट्ठे, सोच्चा जाणति पासति पमाणतो वा । (२) से किं तं सोच्चा ? सोच्चा णं केवलिस्स वा, केवलिसावयस्स वा, केवलिउवासियाए वा, केवलिउवासगस्स वा, केवलिउवासियाए वा, तप्पक्खियस्स वा, तप्पक्खियसावगस्स वा, तप्पक्खियसावियाए वा, तप्पक्खियउवासगस्स वा तप्पक्खियउवासियाए वा। से तं सोच्चा। (३) से किं तं पमाणे ? पमाणे चउव्विहे पण्णत्ते, तं जहा पच्चक्खे, अणुमाणे, ओवम्मे, आगमे । जहा अणुयोगद्दारे तहा णेयव्वं पमाणं जाव तेणं परं नो अत्तागमे, नो अणंतरागमे, परंपरागमे । २७. केवली णं भंते! चरमकम्मं वा चरमनिज्जरं वा जाणति, पासति ? हंता, गोयमा ! जाणति, पासति । २८. जहा णं भंते! केवली चरमकम्मं वा०, जहा णं अंतकरेणं आलावगोतहा चरमकम्मेण वि अपरिसेसितो णेयव्वो । [ सु. २९-३०. केवलि-वेमाणियदेवे पडुच्च पणीयमण-वइधारणवत्तव्वया ] २९. केवली णं भंते! पणीतं मणं वा, वरं वा धारेज्जा ? हंता, धारेज्जा । ३०. (१) जे णं भंते! केवली पणीयं मणं वा वई वा धारेज्जा तं णं वेमाणिया देवा जाणंति, पासंति ? गोयमा ! अत्थेगइया जाणंति पासंति, अत्थेगइया न जाणंति न पासंति । (२) से केणट्टेणं जाव न जाणंति न पासंति ? गोयमा ! वेमाणिया देवा दुविहा पण्णत्ता, तं जहा मायिमिच्छादिट्टिउववन्नगा य, अमायिसम्मद्दिउिववन्नगा य। एवं अनंतर परंपर- पज्जत्ताऽपज्जत्ता य उवउत्ता अणुवउत्ता । तत्थ णं जे ते उवउत्ता ते जाणंति पासंति । से तेणट्टेणं०, तं चेव । [सु. ३१-३२. सद्वाणट्ठियअणुत्तरदेवाणं केवलिणा सह आलावाइवत्तव्वया] ३१. (१) पभू णं भंते! अणुत्तरोववातिया देवा तत्थगया चेव समाणा इहगतेणं केवलिणा सद्धिं आलावं वा संलावं वा करेत्तए ? हंता, पभू । (२) से केणद्वेणं जाव पभू णं अणुत्तरोववातिया देवा जाव करेत्तए ? गोयमा ! जं जं त्ववातिया देवा तत्थगता चेव समाणा अहं वा हेउं वा पसिणं वा कारणं वा वागरणं वा पुच्छंति, तं णं इहगते केवलि अहं वा जाव वागरणं वा वागरेति । से तेणट्टेणं० । ३२. (१) जं णं भंते! इहगए चेव केवली अहं वा जाव वागरेति तं णं अणुत्तरोववातिया देवा तत्थगता चेव समाणा जाणंति, पासंति ? हंता, जाणंति पासंति । (२) से केणद्वेणं जाव पासंति ? गोतमा ! तेसिं णं देवाणं अणंताओ मणोदव्ववग्गणाओ लद्धाओ पत्ताओ अभिसमन्नागताओ भवंति। से तेणद्वेणं जंणं ते केवली जाव पा० । [सु. ३३. अणुत्तरदेवाणमुवसंतमोहणीयत्तं । ३३. अणुत्तरोववातिया णं भंते! देवा किं उदिण्णमोहा उवसंतमोहा खीणमोहा ? गोयमा ! नो उदिण्णमोहा, उवसंतमोहा, नो खीणमोहा । [ सु. ३४. केवलिस्स इंदियपच्चइयजाणणा-पासणाणं पडिसेहो ] ३४. (१) केवली णं भंते ! आयणेहिं जाणइ, पास ? गोयमा ! णो इमट्ठे समट्टे । (२) से केणट्टेणं जाव केवली णं आयाणेहिं न जाणति, न पासति ? गोयमा ! केवली णं पुरत्थिमेणं मियं पि जाणति, अमियं पि जा जाव निव्वुडे दंसणे केवलिस्स । से तेणट्टेणं० । (सु. ३५. केवलिस्स हत्थ- पायाईणं आगासपएसावगाहणं पडुच्च वट्टमाणकाल एस्सकालवत्तव्वया) ३५. ॐ श्री आगमगुणमंजूषा - २०५ 200 Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फ्र (५) भगवई ५ सतं उद्देसक ४.५०६ [६१] ५ (१) केवली णं भंते! अस्सिं समयंसि जेसु आगासपदेसेसु हत्थं वा पादं वा बाहं वा ऊरुं वा ओगाहित्ताणं चिट्ठति, पभू णं भंते! केवली सेयकालंसि वि तेसु चेव आगासपदेसेसु हत्थं वा जाव ओगाहित्ताणं चिट्ठित्तए ? गोयमा ! णो इमट्ठे समट्ठे। (२) से केणद्वेणं भंते! जाव केवली णं अस्सिं समयंसि जेसु आगासपदेसेसु थं वा जाव चिट्टतिनो णं पभू केवली सेयकालंसि वि तेसु चेव आगासपदेसेसु हत्थं वा जाव चिट्टित्तए ? गोयमा ! केवलिस्स णं वीरियसजोगसद्दव्वताए चलाई उवगरणाई भवंति, चलोवगरणट्टयाए य णं केवली अस्सिं समयंसि जेसु आगासपदेसु हत्थं वा जाव चिट्ठति णो णं पभू केवली सेयकालंसि वि तेसु चेव जाव चिट्टित्तए । से तेणट्टेणं जाव वुच्चइ - केवली णं अस्सिं समयंसि जाव चिट्ठित्तए । | सु. ३६. चोद्दसपुव्विं पडुच्च घड कड रहाइदव्वाणं सहस्सगुणकरणसामत्थपरूवणं] ३६. (१) पभू णं भंते ! चोद्दसपुव्वी घडाओ घडसहस्सं, पडाओ पडसहस्सं, कडाओ कडसहस्सं, रहाओ रहसहस्सं, छत्ताओ छत्तसहस्सं, दंडाओ दंडसहस्सं अभिनिव्वत्तित्ता उवदंसेत्तए ? हंता, पभू । ( २ ) से केणट्टेणं पभू चोहसपुब्वी जाव उवदंसेत्तए ? गोयमा ! चउद्दसपुव्विस्स णं अणंताइं दव्वाइं उक्करियाभेदेणं भिज्नमाणाई लाई पत्ताइं अभिसमन्नागताइं भवंति। से तेणद्वेणं जाव उवदंसित्तए । सेवं भंते! सेवं भंते ! त्ति० । ।।५.४॥ ★★★ पंचमो उद्देसओ 'छउम'★★★ [सु. १. छउमत्थं पडुच्च केवलेणं संजमेणं असिज्झणावत्तव्वया] १. छउमत्थे णं भंते! मणूसे तीयमणंतं सासतं समयं केवलेणं संजमेणं० जहा पढमसए चउत्थुद्देसे आलावगा तहा नेयव्वं जाव 'अलमत्थु' त्ति वत्तव्वं सिया । [ सु. २-४. जीव- चउवीसदंडएस एवंभूय- अणेवंभूयवेयणावत्तब्वया ] २. (१) अन्नउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खति जाव परूवेति सव्वे पाणा सव्वे भूया सव्वे जीवा सव्वे सत्ता एवंभूयं वेदणं वेदेति, से कहमेयं भंते! एवं ? गोयमा ! जं णं ते अन्नउत्थिया एवमाक्खति जाव वेदेति, जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु । अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि- अत्थेगइया पाणा भूया जीवा सत्ता एवंभूयं वेदणं वेदेति, अत्थेइया पण या जीवा सत्ता अणेवंभूयं वेदणं वेदेति । (२) से केणट्टेणं अत्थेगइया० तं चेव उच्चारेयव्वं । गोयमा ! जे णं पाणा भूया जीवा सत्ता जहा कडा कम्मा तहा वेदणं पाणा भूया जीवा सत्ता एवंभूयं वेदणं वेदेति । जे णं पाणा भूया जीवा सत्ता जहा कडा कम्मा नो तहा वेदणं वेदेति ते णं पाणा भूया जीवा सत्ता अणेवंभूयं • वेदणं वेदेति । से तेणट्टेणं० तहेव । ३. (१) नेरतिया णं भंते! किं एवंभूतं वेदणं वेदेति ? अणेवंभूयं वेदणं वेदेति ? गोयमा ! नेरइया णं एवंभूयं पि वेदणं वेदेति. अवंभूयं पिवेदेणं वेदेति । (२) से केणद्वेणं० ? तं चेव । गोयमा ! जे णं नेरइया जहा कडा कम्मा तहा वेयणं वेदेति ते णं नेरइया एवंभूयं वेदणं वेदेति । जेणं नेरतिया जहा कडा कम्माण तहा वेदणं वेदेति ते णं नेरइया अणेवंभूयं वेदणं वेदेति । से तेणट्टेणं० । (४) एवं जाव वेमाणिया । संसारमंडलं नेयव्वं । सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति जाव विहरइ ॥ ★★ ॥ पंचमसए पंचमो उद्देसओ समत्तो ।। ५.५ ।। छट्टो उद्देसओ 'आउ' ★★★ सु. १४. अप्पाउय दीहाउय - असुभदीहाउयसुभदीहाउयकम्मबंध हे उपरूवणा] १. कहं णं भंते ! जीवा अप्पाउयत्ताए कम्मं पकरेति ? गोतमा ! तिहिं ठाणेहिं, तं जहा-पाणे अइवापत्ता, मुसं वइत्ता, तहारूवं ...समणं वा माहणं वा अफासुएणं अणेसणिज्जेणं असण-पार-खाइम साइमेणं पडिलाभेत्ता, एवं खलु जीवा अप्पाउयत्ताए कम्मं पकरेति । २. कहं णं भंते ! जीवा दीहाउयत्ताए कम्मं पकरेति ? गोयमा ! तिहिं ठाणेहिं नो पाणे अतिवाइत्ता, नो मुसं वदित्ता, तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिज्जेणं असण-पाण- खाइमसाइमे पडिला भेत्ता, एवं खलु जीवा दीहाउयत्ताए कम्मं पकरेति । ३. कहं णं भंते ! जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेति ? गोयमा ! पाणे अतिवाइत्ता, मुसं वत्ता, तहारूवं समणं वा माहणं वा हीलित्ता निदित्ता खिसित्ता गरहित्ता अवमन्नित्ता, अन्नतरेणं अमणुण्णेणं अपीतिकारएणं असण पाण- खाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता, एवं खलु जीवा असुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेति । ४. कहं णं भंते! जीवा सुमदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेति ? गोयमा ! नो पाणे अतिवानित्ता, नो मुसं वइत्ता, तहारूवं समणं वा माहणं वा वंदित्ता नमंसित्ता जाव पज्जुवासित्ता, अन्नतरेणं मणुण्णेणं पीतिकारएणं असण-पाण- खाइम साइमेणं पडिलाभेत्ता, एवं खलु जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं करेति । [ सु. ५-८. भंडविक्किणमाणगाहावइ-काययाणं भंडावहारं पडुच्च आरंभियाइपंच किरियावत्तव्वया । ५. गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स A श्री आगमगुणमजूषा २७६ SOON Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 55555555555555555 5555 5555555555555555555555555 595555555555555555 (५) भगवई ५सनं संहराक • 355555555SSSSMART केड भंड अवहरेज्जा, तस्स णं भंते ! तं भंडं अणुगवेसमाणस्स किं आरंभिया किरिया कज्जइ १ पारिग्गहिया०, मायावत्तिया०, अपच्चक्खा०, मिच्छादसण? गोयमा। आरंभिया किरिया कज्जइ, पारि०, माया०, अपच्च० मिच्छादसणकिरिया सिय कज्जति, सिय नो कजति । अह से भंडे अभिसमन्नागते भवति ततो से पच्छा सव्बाओ ताओ पयणुई भवंति । ६. गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स कइए भंडं सातिज्नेज्जा, भंडे य से अणुवणीए सिया, गाहावतिस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? कइयस्स वा ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जड जावई मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? गोयमा! गाहावतिस्स ताओ भंडाओ आरंभिया किरिया कज्जइ जाव अपच्चक्खाणिया; मिच्छादसणवत्तिया किरिया सिय कजा. सिय नो कज्जइ। कइयस्सणं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति। ७. गाहावतिस्सणं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स जाव भंडे से उवणीए सिया, कइयस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कजति०? गाहावतिस्स वा ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जति०? गोयमा ! कइयस्स ताओ भंडाओ हेट्ठिल्लाओ चत्तारि किरियाओ कजति, मिच्छादसणकिरिया भयणाए। गाहावतिस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति। ८ (१) गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं जाव धणे य से अणुवणीए सिया० ? एयं पि जहा 'भंडे उवणीते' तहा नेयव्वं । (२) चउत्थो आलावगो-धणे य से उवणीए सिया जहा पढमो आलावगो 'भंडे य से अणवणीए सिया' तहा नेयव्वो। पढ़म-चउत्थाणं एक्को गमो । बितिय-ततियाणं एक्को गमो। सु. ९. पलित्त-वोकसिञ्जमाणे अगणिकाए अप्पकम्म-किरियासव-वेदणतरत्तपरूवणार म अगणिकाएणंभंते! अहुणोजलिते समाणे महाकम्मतराए चेव महाकिरियतराए चेव, महासवतराए चेव, महावेदणतराए चेव भवति । अहेणं समए समए वोक्कसिज्जमाणे वोक्कसिज्जमाणे वोच्छिज्जमाणे चरिमकालसमयसि इंगालभूते मुम्मुरभूते छारियभूते, तओ पच्छा अप्पकम्मतराए चेव, अप्पकिरियतराए चेव. अप्पासवतराए चेव, अप्पवेदणतराए चेव भवति ? हंता, गोयमा ! अगणिकाए णं अहुणुज्जलिते समाणे० तं चेव। [सु. १०-११. धणुपक्खेघगपुरिस-धणुनिव्वत्तणनिमित्तजीवधणअवयवाणं काइयादियाओ पंच किरियाओ ] १०. (१) पुरिसे णं भंते ! धणुं परामुसति, धणुं परामुसित्ता उसुं परामुसति, उसुं परामुसित्ता ठाणं ठाति, ठाणं ठिच्चा आयतकण्णाययं उसं करेति, आययकण्णाययं उसुं करेत्ता उड्डे वेहासं उसुं उब्विहति, २ ततो णं से उसु उडे वेहासं उव्विहिए समाणे जाई तत्थ पाणाई भ्याई जीवाइं सत्ताई अभिहणति वत्तेति लेस्सेति संघाएति संघट्टेति परितावेति किलामेति, ठाणाओ ठाणं संकामेति, जीवितातो ववरोवेति, तए ण भंते ! से परिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे धणुं परामुसति जाव उब्विहति तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणातिवातकिरियाए, पंचहिं किरियाहिं पुढे। (२) जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहितो धणू निव्वत्तिए ते वि य णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुढे । ११. एवं धणुपुढे पंचहि किरियाहिं। जीवा पंचहिं । हारू पंचहिं । उसू पंचहिं । सरे पत्तणे फले ण्हारू पंचहिं। । सु. १२. धणुपक्खेवगपुरिस-धणुनिव्वत्तणनिमित्तजीवाणं कहंचिनिमित्ता-भावपसंगे काइयादियाओ चउरो किरियाओ, धणुअवयव-धणूवग्गह-चिट्ठमाणजीवाणं च पंच किरियाओ ] १२. अहे णं से उसू अप्पणो गरुयत्ताए भारियत्ताए गुरुसंभारियत्ताए अहे वीससाए पच्चोवयमाणे जाई तत्थ पाणाई जाव जीवितातो ववरोवेति, एवं च णं से पुरिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से उसू अप्पणो गरुययाए जाव ववरोवेति तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहिँ किरियाहिं पुढे । जेसि पि य णं जीवाणं सरीरेहिं धणू निव्वत्तिए ते वि जीवा चउहि किरियाहिं । धणुपुढे चउहिं । जीवा चउहिं । पहारू चउहिं। उसू पंचहिं। सरे, पत्तणे, फले, पहारू पंचहिं । जे वि य से जीवा अहे पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे चिट्ठति ते वि य णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पढ़। स. १३. अन्नउत्थियाणं चउ-पंचजोयणसयमणुस्सबहुसमाइण्ण - मणुस्सलोयपरूवणाए परिहारपुव्वयं चउ-पंचजोयणसयनेरइयबहस - म माइण्णनिरयलोयपरूवणा) १३, अन्नउत्थियाणं भंते । एवमाइक्खंति जाव परूवेति-से जहानामए जुवतिं जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा, चक्कस्सबा नामी अरगाउत्ता सिया एखामेव जाव चत्तारि पंच जोयणसताई बहुसमाइपणे मणुयलोए मणुस्सेहिं । से कहमेतं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण ते अन्नउत्थिया जाव मणुस्सेहि. जे ते र एवमासु मिच्छा०। अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव एवामेव चत्तारिपंच जोयणसताई बहुसमाइण्णे निरइलोएनेरडाएहिं। सु. १४ नेरइयविकव्वणावत्तब्वया। usc.55555555555555555555 श्री आगमगणभंजूषा-505555555555555555555555555 Prer05555555555555555555555555555555555 Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGROI3111111111555555 (५) भगवई ५ सतं उद्देसक - ६- ७ ६३] 55岁万岁万岁万岁万岁万万岁万QQ RCF乐乐乐听听听听听听听乐乐乐乐乐 १४. नेरइया णं भंते ! किं एगत्तं पभू विउव्वित्तए ? पुहत्तं पभू विकुवित्तए ? जहा जीवाभिगमे आलावगो तहा नेयव्वो जाव दुरहियासं। [सु. १५-१८.८ आहाकम्मादिरायपिंडताणं अणवज्जत्तं] पहारगाणं बहुजणमज्झभासग-पन्नवगाणं, आहाकम्माइपिंडे अणवज्नरूवेण भुंजंताणं अन्नसाहूणं समप्पयाणं अणालोयगाणं आराहणाऽभाववत्तव्वया, आलोयगाणं च आराहणासब्भाववत्तव्वया १५. (१) 'आहाकम्मं णं अणवज्जे'त्ति मणं पहारेत्ता भवति, से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते कालं करेति नत्थि तस्स आराहणा। (२) से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्वंते कालं करेति अस्थि तस्स आराहणा। (३) एतेणं गमेणं नेयव्वं-कीयकडं ठवियगं रइयगं कंतारभत्तं दुब्भिक्खभत्तं वद्दलियाभत्तं गिलाणभत्तं सिज्जातरपिंडं रायपिंडं । १६. (१) 'आहाकम्मं णं अणवज्जे' त्ति बहुजणमज्झे भासित्ता सयमेव परिभुंजित्ता भवति, सेणं तस्स ठाणस्स जाव अत्थि तस्स आराहणा। (२) एयं पि तह चेव जाव रायपिंडं। १७. 'आहाकम्मं णं अणवज्जे' त्ति सयं अन्नमन्नस्स अणुप्पदावेत्ता भवति, सेणं तस्स० एयं तह चेव जाव रायपिंडं । १८. 'आहाकम्मं णं अणवज्जे' त्ति बहुजणमज्झे पन्नवइत्ता भवति, सेणं तस्स जाव अत्थि आराहणा जाव रायपिंडं। [सु. १९. गणसारक्खणे अगिलायमाणाणं आयरिय-उवज्झायाणं तब्भवाइतिभवग्गहणेहिं सिज्झाणा १९. आयरिय-उवज्झाए णं भंते ! सविसयंसि गणं अगिलाए संगिण्हमाणे अगिलाए उवगिण्हमाणे कतिहिं भवग्गहणेहि सिज्झति जाव अंतं करेति? गोतमा ! अत्थेगइए तेणेव भवग्गणेणं सिज्झति, अत्थेगइए दोच्वेणं भवग्गहणेणं सिज्झति, तच्चं पुण भवग्गहणं नातिक्कमति। [सु. २०. अब्भक्खाणपच्चइयकम्मबंधवत्तव्वय] २०. जे णं भंते ! परं अलिएणं असंतएणं अब्भक्खाणेणं अब्भक्खाति तस्स णं कहप्पगारा कम्मा कज्जति ? गोयमा ! जेणं परं अलिएणं असंतएणं अब्भक्खाणेणं अब्भक्खाति तस्स णं तहप्पगारा चेव कज्जति, जत्थेवणं अभिसमागच्छति तत्थेवणं पडिसंवेदेति, ततो से पच्छा वेदेति। सेवं भंते ! २त्ति० ॥ पंचमसए छट्टो उद्देसओ ॥५.६॥ सत्तमो उद्देसो 'एयण' [सु. १-२. परमाणुपुग्गल-दुपदेसियाइखंधाणं एयणादिवत्तव्वया] १. परमाणुपोग्गले णं भंते ! एयति वेयति जाव तं तं भावं परिणमति ? गोयमा ! सिय एयति वेयति जाव परिणमति, सिय णो एयति जाव णो परिणमति । २. (१) दुपदेसिए णं भंते ! खंधे एयति जाव परिणमइ ? गोयमा ! सिय एयति जाव परिणमति, सिय णो एयति जाव णो परिणमति; सिय देसे एयति, देसे नो एयति। (२) तिपदेसिएणं भंते ! खंधे एयति०? गोयमा ! सिय एयति १, सिय नो एयति २, सिय देसे एयति, नो देसे एयति ३, सिए देसे एयति, नो देसा एयंति ४, सिय देसा एयंति, नो देसे एयति ५। (३) चउप्पएसिए णं भंते ! खंधे एयति०? गोयमा ! सिय एयति १, सिय नो एयति २, सिय देसे एयति, णो देसे एयति ३, सिय देसे एयति, णो देसा एयंति ४, सिय देसा एयंति, नो देसे एयति ५, सिय देसा एयंति, नो देसा एयंति ६। (४) जहा चउप्पदेसिओ तहा पंचपदेसिओ, तहा जाव अणंतपदेसिओ। [सु. ३-८. परमाणुपोग्गल-दुपएसियाइखंधाणं असिधाराओगाहण-अगणि कायमज्झझाडण-पुक्खलसंवट्टगमेहोल्लीभवण-गंगापडिसोयागमणवत्तव्वया] ३. (१) परमाणुपोग्गले णं भंते ! असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेज्जा ? हता, ओगाहेजा। (२) से णं भंते ! तत्थ छिज्जेज वा भिज्जेज्ज वा ? गोतमा ! णो इणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमति । ४. एवं जाव असंखेज्जपएसिओ। ५. (१) अणंतपदेसिए णं भंते ! खंधे असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेज्जा ? हंता, ओगाहेज्जा। (२) से णं तत्थ छिज्जेज्जा वा भिज्जेज्ज वा ? गोयमा ! अत्थेगइए छिज्जेज वा भिज्जेज वा, अत्थेगइए नो छिज्जेज वा नो भिज्नेज्न वा । ६. एवं अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं । तहिं णवरं 'झियाएज्जा' माणितव्वं । ७. एवं पुक्खलसंवट्टगस्स महामेहस्स मज्झंमज्झेणं । तहिं 'उल्ले सिया' । ८. एवं गंगाए महाणदीए पडिसोतं हव्वमागच्छेज्जा । तहिं 'विणिघायमावज्जेज्जा, उदगावत्तं वा उदगबिंदु वा ओगाहेज्जा, सेणं तत्थ परियावज्जेज्जा'।।सु.९-१०. परमाणुपोग्गल-दुपदेसियाइखंधाणं सअद्ध-समझ-सपदेसियाइवनव्वया] ९. परमाणुपोग्गले मणं भंते ! किं सअड्ढे समज्झे सपदेसे ? उदाहु अणड्डे अमज्झे अपदेसे ? गोतमा ! अणड्ढे अमज्झे अपदेसे, नो सअड्डे नो समज्झे नो सपदेसे । १०. (१) दुपदेसिएम फू णं भंते ! खंधे किं सअद्धे समज्झे सपदेसे ? उदाहु अणद्धे अमज्झे अपदेसे ? गोयमा ! सअद्धे समज्झे सपदेसे, णो अणद्धे णो समझे णो अपदेसे। (२) तिपदेसिए ॥ AGR55555555555555555555555555555555 的听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听玩乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐中心 re:55555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - २७८5555555555555555555555OOR Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FROR9555555555555555 (५) भगवई ५सतं उद्देसक -७ (६४] 55555555555555secom रणं भंते ! खंधे० पुच्छा। गोयमा ! अणद्धे समज्झे सपदेसे, नो सअद्धे णो अमझे णो अपदेसे। (३) जहा दुपदेसिओ तहा जे समा ते भाणियव्वा । जे विसमाते जहा तिपएसिओ तहा भाणियव्वा । (४) संखेजपदेसिएणं भंते ! खंधे किं सअड्डे ६, पुच्छा। गोयमा ! सिय सअद्धे अमज्झे सपदेसे, सिय अणड्ढे समज्झे सपदेसे। (५) जहा संखेज्जपदेसिओ तहा असंखेनपदेसिओ वि, अणंतपदेसिओ वि। [सु. ११-१३. परमाणुपोग्गल-दुपएसियाइखंधाणं परोप्परं फुसणावत्तव्वया। ११. (१) परमाणुपोग्गले णं भंते ! परमाणुपोग्गलं फुसमाणे किं देसेणं देसं फुसति १? देसेणं देसे फुसति २? देसेणं सव्वं फुसति ३ ? देसेहिं देसं फुसति ४ ? देसेहिं देसे फुसति ५ ? देसेहिं सव्वं फुसति ६ ? सव्वेणं देसं फुसति ७? सव्वेणं देसे फुसति ८ ? सव्वेणं सव्वं फुसति ९ ? गोयमा ! नो देसेणं देसं फुसति, नो देसेणं देसे फुसति, नो देसेणं सव्वं फुसति णो देसेहिं देसं फुसति, नो देसेहिं देसे फुसति, नो देसेहिं सव्वं फुसति, णो सव्वेणं देसं फुसति, णो सव्वेणं देसे फुसति, सव्वेणं सव्वं फुसति । (२) एवं परमाणुपोग्गले दुपदेसियं फुसमाणे सत्तम-णवमेहिं फुसति। (३) परमाणुपोग्गले तिपदेसियं फुसमाणे निप्पच्छिमएहिं तिहिं फुसति। (४) जहा परमाणुपोग्गलो तिपदेसियं फुसाविओ एवं फुसावेयव्वो जाव अणंतपदेसिओ। १२. (१) दुपदेसिए णं भंते ! खंधे परमाणुपोग्गलं फुसमाणे० पुच्छा ? ततियनवमेहिं फुसति। (२) दुपएसिओ दुपदेसियं फुसमाणो पढम-तइय-सत्तम-णवमेहिं फुसति। (३) दुपएसिओ तिपदेसियं फुसमाणो आदिल्लएहि य पच्छिल्लएहि य तिहिं फुसति, मज्झिमएहिं तिहिं वि पडिसेहेयव्वं । (४) दुपदेसिओ जहा तिपदेसियं फुसावितो एवं फुसावेयव्वो जाव अणंतपदेसियं । १३. (१) तिपदेसिए णं भंते ! खंधे परमाणुपोग्गलं फुसमाणे० पुच्छा। ततिय-छट्ठ-नवमेहि फुसति। (२) तिपदेसिओ दुपदेसियं फुसमाणो पढमएणं ततियएणं चउत्थ-छट्ठ-सत्तम-णवमेहिं फुसति । (३) तिपदेसिओ तिपदेसियं फुसमाणो सव्वेसु वि ठाणेसु फुसति। (४) जहा तिपदेसिओ तिपदेसियं फुसावितो एवं तिपदेसिओ जाव अणंतपएसिएणं संजोएयव्वो। ५ जहा तिपदेसिओ एवं जाव अणंतपएसिओ भाणियव्वो। [सु. १४-२८ परमाणुपुग्गल-दुपदेसियाइखंधसंबंधिदव्व-खेत्त-भावाणं कालओ वत्तन्वया] १४. (१) परमाणुपोग्गले णं भंते ! कालतो केवच्चिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं। (२) एवं जाव अणंतपदेसिओ।१५. (१) एगपदेसोगाढे णं भंते ! पोग्गले सेए तम्मि वा ठाणे अन्नम्मि वा ठाणे कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखिज्जइभागं। (२) एवं जाव असंखेज्जपदेसोगाढे। (३) एगपदेसोगाढे णं भंते ! पोग्गले निरेए कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं। (४) एवं जाव असंखेजपदेसोगाढे। १६. (१) एगगुणकालए णं भंते ! पोग्गले कालतो केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं। (२) एवं जाव अणंतगुणकालए।१७. एवं वण्ण-गंध-रस-फास० जाव अणंतगुणलुक्खे। १८. एवं सुहुमपरिणए पोग्गले। १९. एवं बादरपरिणए पोग्गले। २०. सद्परिणते णं भंते ! पुग्गले कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजइभागं । २१. 5. असद्दपरिणते जहा एगगुणकालए। २२. परमाणुपोग्गलस्स णं भंते ! अंतरं कालतो केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखिज्नं कालं।२३. म (१) दुप्पदेसियस्सणं भंते ! खंधस्स अंतरं कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अणंतं कालं । (२) एवं जाव अणंतपदेसिओ। २४. म (१) एगपदेसोगाढस्स णं भंते ! पोग्गलस्स सेयस्स अंतरं कालतो केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं । (२) एवं जाव असंखेजपदेसोगाढे । २५. (१) एगपदेसोगाढस्स णं भंते ! पोग्गलस्स निरेयस्स अंतरं कालतो केवचिरं होइ ? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं। (२) एवं जाव असंखेजपएसोगाढे। २६. वण्ण -गंध -रस -फास -सुहमपरिणय - बादरपरिणयाणं एतेसिंज च्चेव संचिट्ठणा तं चेव अंतरं पि भाणियव्वं । २७. सद्दपरिणयस्स णं भंते ! पोग्गलस्स अंतरं कालतो केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं। २८. असद्दपरिणयस्स कृ णं भंते ! पोग्गलस्स अंतरं कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं। [सु. २९. दव्वट्ठाणाउय-खेत्तट्ठाणाउयर ओगाहणट्ठाणाउय-भावट्ठाणाउयाणं अप्पाबहुयं] २९. एयस्सणं भंते ! दव्वट्ठाणाउयस्स खेत्तट्ठाणाउयस्स ओगाहणट्ठाणाउयस्स भावट्ठाणाउयस्स कयरे कयरेहितो xor5555555555555555555555 श्री आगमगुणमजषा-२७९5555555555555555555555555555OK Mero555555555555555555555555555555555555555555555555 G乐听听听听听听听听听听听听听玩玩乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听C Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवड़ ५ सत्त उहसक - ७-८ [१५]. 555555555555555OSRO जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे खेत्तट्ठाणाउए, ओगाहणट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे, दव्वट्ठाणाउए असंखेजगुणे, भावट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे। खेत्तोगाहणदव्वे भावट्ठाणाउयं च अप्पबहुं । खेत्ते सव्वत्थोवे सेसा ठाणा असंखगुणा ॥१॥ [सु. ३०-३६. चउव्वीसइदंडगेसु सारंभाइवत्तव्वया) ३०. (१) नेरइया णं भंते ! किं सारंभा सपरिग्गहा ? उदाहु अणारंभा अपरिग्गहा ? गोयमा ! नेरझ्या सारंभा सपरिग्गहा, नो अणारंभा णो अपरिग्गहा । (२) से केणट्टेणं जाव अपरिग्गहा ? गोयमा ! नेरइया णं पुढविकायं समारंभंति जाव तसकायं समारंभंति, सरीरा परिग्गहिया भवंति, कम्मा परिग्गहिया भवंति, सचित -अचित-मीसयाइं दव्वाइं परिग्गहियाइं भवति; से तेणटेणं तं चेव । ३१. (१) असुरकुमारा णं भंते ! किं सारंभा सपरिग्गहा ? उदाहु अणारंभा अपरिग्गहा ? गोयमा ! असुरकुमारा सारंभा सपरिग्गहा, नो अणारंभा अपरिग्गहा। (२) से केणटेणं० ? गोयमा ! असुरकुमारा णं पुढविकायं समारंभंति जाव तसकायं समारंभंति, सरीरा परिग्गहिया भवंति, कम्मा परिग्गहिया भवंति, भवणा परि० भवंति, देवा देवीओ मणुस्सा मणुस्सीओ तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिणीओ परिग्गहियाओ भवंति, आसण -सयणभंडमत्तोवगरणा परिग्गहिया भवंति, सचित-अचित्त-मीसयाई दव्वाइं परिग्गहियाइं भवंति; से तेणटेणं तहेव । (३) एवं जाव थणियकुमारा। ३२. एगिदिया जहा नेरइया। ३३. (१) बेइंदिया भिंते ! किं सारंभा सपरिग्गहा १० तं चेव जाव सरीरापरिग्गहिया भवंति, बाहिरया भंडमत्तोवगरणा परि० भवंति, सचित्त-अचित्त० जाव भवंति। (२) एवं जाव चउरिदिया। ३४. पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! तं चेव जाव कम्मा परिग्गहिया भवंति, टंका कूडा सेला सिहरी पब्भारा परिग्गहिया भवंति, जल-थल-बिल-गुड-लेणा परिग्गहिया भवंति, उज्झर-निज्झर-चिल्लल-पल्लल-वप्पिणा परिग्गहिया भवंति, अगड-तडाग-दह-नदीओवावि-पुक्खरिणी -दीहिया गुंजालिया सरा सरपंतियाओ सरसरपंतियाओ बिलपंतियाओ परिग्गहियाओ भवंति, आराम-उज्जाणा काणणा वणाई वणसंडाई वणराईओ परिग्गहियाओ भवंति, देवउल-सभा-पवा-थूभा खातिय-परिखाओ परिग्गहियाओ भवंति, पागारऽट्टालग-चरिया-दार-गोपुरा परिग्गहिया भवंति, पासाद-घर-सरण-लेणआवणा परिग्गहिता भवंति, सिंघाडगतिग-चउक्क-चच्चर-चउम्मुह-महापहा परिग्गहिया भवंति, सगड-रह-जाण-जुग्ग-गिल्लि-थिल्लि-सीय संदमाणियाओ परिग्गहियाओ भवंति, लोही-लोहकडाह-कडच्छुया परिग्गहिया भवंति, भवणा परिरगहिया भवंति, देवा देवीओ मणुस्स मणुस्सीओ तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिणीओ आसण-सयण -खंभ-भंड-सचित्ता अचित्त-मीसयाई दव्वाइं परिग्गहियाइं भवंति; से तेणद्वेणं० । ३५. जहा तिरिक्खजोणिया तहा मणुस्सा वि भाणियव्वा । ३६. वाणमंतर-जोतिस-वेमाणिया जहा भवणवासी तहा नेयव्वा। [सु. ३७-४४. पंचप्पयारहेउ-अहेऊणं वत्तव्वया] ३७. पंच हेतू पण्णत्ता, तं जहा हेतुं जाणति, हेतुं पासति, हेतुं बुज्झति, हेतुं अभिसमागच्छति, हेतुं छउमत्थमरणं मरति । ३८. पंचेव हेतू पण्णत्ता, तं जहा हेतुणा जाणति जाव हेतुणा छउमत्थमरणं मरति । ३९. पंच हेतू पण्णत्ता, तं जहा हेतुं न जाणइ जाव हेतुं अण्णाणमरणं मरति। ४०. पंच हेतू पण्णत्ता, तं जहा हेतुणा ण जाणति जाव हेतुणा अण्णाणमरणं मरति । ४१. पंच अहेऊ पण्णत्ता, तं जहा अहेउं जाणइ जाव अहेउं केवलिमरणं मरति । ४२. पंच अहेऊ पण्णत्ता, तं जहा अहेउणा जाणइ जाव अहेउणा केवलिमरणं मरइ। ४३. पंच अहेऊ पण्णत्ता, तं जहा अहेउं न जाणइ जाव अहेउं छउमत्थमरणं मरइ। ४४.पंच अहेऊ पण्णत्ता, तं जहा अहेउणा न जाणइ जाव अहेउणा छउमत्थमरणं मरइ । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।★★★|| पंचमसए सत्तमो उद्देसओ समत्तो॥५.७ ॥★★★ अट्टमो उद्देसो 'नियंठ'★★★ [सु.१.२. भगवओ सिस्साणं नारयपुत्त-नियंठिपुत्ताणं एगत्थविहरणं १. तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव परिसा पडिगता। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी नारयपुत्ते नामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विहरति ।२. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ म महावीरस्स अंतेवासी नियंठिपुत्ते णामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विहरति । ।सु. ३-४. पुग्गलपच्चइयसअद्ध-समझ-सपदेसादिविसयाए नियंठिपुत्तपुच्छाए , नारयपुत्तस्स पच्चुत्तरं] ३. तएणं से नियंठिपुत्ते अणगारे जेणामेव नारयपुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छति, उवागच्छित्ता नारयपुत्तं अणगारं एवं वदासी सव्वपोग्गला CF听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听2 5529 xex55555555555555555555555 श्री आगभगुणमंजूषा - २८०555555555555555555555555OTO Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ arerro5555555555555555555555 5555 GR5555555555555555 (५) भगवई ५ सतं उद्देसक ८ [६६] 1555555555555seems ते अज्जो ! किं सअड्डा समज्झा सपदेसा ? उदाहु अणड्डा अमज्झा अपएसा ? 'अज्जो त्ति नारयपुत्ते अणगारे नियंठिपुत्तं अणगारं एवं वदासी सव्वपोग्गला मे 5 अज्जो ! सअड्डा समज्झा सपदेसा, नो अणड्डा अमज्झा अपएसा । ४. (१) तए णं से नियंठिपुत्ते अणगारे नारदपुत्तं अणगारं एवं वदासी जति णं ते अज्जो! सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपदेसा, नो अणड्डा अमज्झा अपदेसा: किं दव्वादेसेणं अज्नो ! सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपदेसा, नो अणड्डा अमज्झा अपदेसा ? खेत्तादेसेणं अज्जो ! सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपदेसा ? तह चेव । कालादेसेणं० ? तं चेव । भावादेसेणं अज्जो !० ? तं चेव। (२) तए णं से नारयपुत्ते अणगारे नियंठिपुत्तं अणगारं एवं वदासी दव्वादेसेण वि मे अज्जो ! सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपदेसा, नो अणड्डा अमज्झा अपदेसा; खेत्ताएसेण विसव्वपोग्गला सअड्डा०, तह चेव कालादेसेण वि; तं चेव भावादेसेण वि। सु.५-९. दव्वदिआदेसेहिं सव्वपोग्गलाणं नारयपुत्तपरूवणाए नियंठिपुत्तकयनिसेहाणंतरं नारयपुत्तस्स नियंठिपुत्तं पइ सम्भावपरूवणत्थं विन्नत्ती, नियंठिपुत्तकयं दव्वादिआदेसेहिं पुग्गलमप्पाबहुयपुव्वयं समाहाणं च (५). तए णं से नियंठिपुत्ते अणगारे नारयपुत्तं अणगारं एवं वयासी -जति णं अज्जो ! दव्वादेसेणं सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपएसा, नो अणड्डा अमज्झा अपएसा; एवं ते परमाणुपोग्गले वि सअड्डे समझे सपएसे, णो अणड्ढे अमज्झे अपएसे; जति णं अज्जो ! खेत्तादेसेण वि सव्वपोग्गला सअ० ३, जाव एवं ते एगपदेसोगाढे वि पोग्गले सअड्डे समझे सपदेसे; जति णं अज्जो ! कालादेसेणं सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपएसा, एवं ते एगसमयठितीए वि पोग्गले ३ तं चेव, जति णं अज्जो ! भावादेसेणं सव्वपोग्गला सअड्डा समज्झा सपएसा ३, एवं ते एगगुणकालए वि पोग्गले सअढे ३ तं चेव, अह ते एवं न भवति, तो जं वदसि दव्वादेसेण वि सव्वपोग्गला सअ० ३, नो अणड्डा अमज्झा अपदेसा, एवं खेत्तादेसेण वि, काला०, भावादेसेण वि तं णं मिच्छा। ६. तए णं नारयपुत्ते अणगारे नियंठिपुत्तं अणगारं एवं वदासी नो खलु वयं देवाणुप्पिया ! एतमढे जाणामो पासामो, जति णं देवाणुप्पिया! नो गिलायंति परिकहित्तए तं इच्छामि णं देवाणुप्पियाणं अंतिए एतमटुं सोच्चा निसम्म जाणित्तए । ७. तए णं से नियंठिपुत्ते अणगारे नारयपुत्तं अणगारं एवं वदासी दव्वादेसेण वि मे अज्जो सव्वपोग्गला सपदेसा वि अपदेसा वि अणंता । खेत्तादेसेण वि एवं चेव । कालादेसेण वि भावादेसेण वि एवं चेव । जे दव्वतो अपदेसे से खेत्तओ नियमा अपदेसे, कालतो सिय सपदेसे सिय अपदेसे, भावओ सिय सपदेसे सिय अपदेसे । जे खेत्तओ अपदेसे से दव्वतो सिय सपदेसे सिय अपदेसे, कालतो भयणाए, भावतो भयणाए। जहा खेत्तओ एवं कालतो। भावतो जे दव्वतोसपदेसे से खेत्ततो सिय सपदेसे सिय अपदेसे, एवं कालतो भावतो वि । जे खेत्ततो सपदेसे से दव्वतो नियमा सपदेसे, कालो भयणाए, भावतो भयणाए। जहा दव्वतो तहा कालतो भावतो वि। ८. एतेसि णं भंते ! पोग्गलाणं दव्वादेसेणं खेत्तादेसेणं कालादेसेणं भावादेसेणं सपदेसाण य अपदेसाण य कतरे कतरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? नारयपुत्ता ! सव्वत्थोवा पोग्गला भावादेसेणं अपदेसा, कालादेसेणं अपदेसा असंखेज्जगुणा, दव्वादेसेणं अपदेसा असंखेज्जगुणा, खेत्तादेसेणं अपदेसा असंखेज्जगुणा, खेत्तादेसेणं चेव सपदेसा असंखेजगुणा, दव्वादेसेणं सपदेसा विसेसाहिया, कालादेसेणं सपदेसा विसेसाहिया, भावादेसेणं सपदेसा विसेसाहिया। ९. तए णं से नारयपुत्ते अणगारे नियंठिपुत्तं अणगारं वंदइ नमसइ, नियंठिपुत्तं अणगारं वंदित्ता नमंसित्ता एतमद्वं सम्मं विणएणं भुज्जो भुज्जो खामेति, २त्ता सजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। (सु. १०-१३. जीव -चउव्वीसइदंडग-सिद्धेसु वड्डी -हाणी-अवट्ठितत्तवत्तव्वया। १०. 'भंते !' त्ति भगवं गोतमे समणं जाव एवं वदासी जीवा णं भंते ! किं वहृति, हायंति, अवट्ठिया ? गोयमा ! जीवा णो वहुंति, नो हायंति, अवट्ठिता। ११. नेरतिया णं भंते ! किं वडंति, हायंति, अवट्टिता ? गोयमा ! नेरइया वहुंति वि, हायति वि, अवट्टिया वि । १२. जहा नेरइया एवं जाव वेमाणिया । १३. सिद्धा णं भंते ! ० पुच्छा । गोयमा ! सिद्धा वटुंति, नो हायंति. अवट्ठिता वि । सु. म १४. जीवेसु सव्वद्धाअवट्टितत्तपरूवणा) १४. जीवा णं भंते ! केवतियं कालं अवद्विता गोयमा ! सव्वद्धं । ।सु. १५-१९. चउवीसदंडगेसु वड्डी-हाणी अवढितकालमाणपरावणा] १५. (१) नेरतिया णं भले ! केवतियं कालं वडंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं । (२) एवं हायंति। (३) नेरझ्या णं भंते ! केवतियं कालं अवट्ठिया ? गोयमा ! जहन्नेणं एग समयं, उकासेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। (४) एवं सत्तसु वि पुढवीसु वटुंति, हायंति' hero5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा Pae5555555555555555555555555556 Her055555555555555555555555555555555555555555555555562201 55 听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FAGE195555555555555555 (५) भगवई ५सतं उद्देसक : ८.५ [१७] 5555555555555555 5555555555555555555555555555555555555555ODXOS भाणियव्वं । नवरं अवट्टितेसु इमं नाणत्तं, तं जहा रयणप्पभाए पुढवीए अडतालीसं मुहुत्ता, सक्करप्पभाए चोद्दस राइंदियाइं, वालुयप्पभाए मासं, पंकप्पभाए दो मासा, धूमप्पभाए चत्तारि मासा, तमाए अट्टमासा, तमतमाए बारस मासा। १६. (१) असुरकुमारा वि वडंति हायंति, जहा नेरइया । अवट्ठिता जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अट्टचत्तालीसं मुहुत्ता। (२) एवं दसविहा वि । १७. एगिदिया वहूति वि, हायंति वि, अवट्टिया वि । एतेहिं तिहि वि जहन्नेणं एक समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं। १८. (१) बेइंदिया वहुँति हायंति तहेव । अवट्ठिता जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं दो अंतोमुहुत्ता। (२) एवं जाव चतुरिदिया। १९. अवसेसा सव्वे वटुंति, हायंति तहेव । अवट्ठियाणं णाणत्तं इमं, तं जहा सम्मुच्छिमपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं दो अंतोमुहुत्ता । गब्भवक्कंतियाणं चउव्वीसं मुहुत्ता। सम्मुच्छिममणुस्साणं अट्ठचत्तालीसं मुहुत्ता । गब्भवक्कंतियमणुस्साणं चउव्वीसं मुहुत्ता । वाणमंतर-जोतिस-सोहम्मीसाणेसु अट्ठचत्तालीसं मुहुत्ता । सणंकुमारे अट्ठारस रातिदियाइं चत्तालीसं य मुहुत्ता । माहिद चउवीसं रातिदियाई, वीस य मुहुत्ता। बंभलोए पंच चत्तालीसं रातिदियाई । लंतए नउतिं रातिदियाई । महासुक्के स8 रातिदियसतं । सहस्सारे दो रातिदियसताई। आणय-पाणयाणं संखेज्जा मासा । आरणऽच्चुयाणं संखेज्जाइं वासाइं । एवं गेवेज्जगदेवाणं । विजय-वेजयंतॐ जयंत-अपराजियाणं असंखिज्जाइ वाससहस्साई । सव्वट्ठसिद्धे य पलिओवमस्स संखेज्नतिभागो। एवं भाणियव्वं-वडंति हायंति जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जतिभागं; अवट्ठियाणं जं भणियं । [सु. २०. सिद्धेसु वड्डी-अवद्वितकालमाणपरूवणा] २०. (१) सिद्धा णं भंते ! केवतियं कालं वड्डंति ? गोंयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अट्ठसमया। (२) केवतियं कालं अवट्ठिया ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा। [सु. २१-२८. जीवचउव्वीसइदंडग-सिद्धेसु सोवचयाइचउभंगीवत्तव्वया] २१. जीवा णं भंते ! किं सोवचया, सावचया, सोवचयसावचया, निरुवचयनिरवचया ? गोयमा ! जीवाणो सोवचया, नो सावचया, णो सोवचयसावचया, निरुवचयनिरवचया । २२. एगिदिया ततियपदे, सेसा जीवा चउहि वि पदेहिं भाणियव्वा । २३. सिद्धा णं भंते ! ०पुच्छा । गोयमा ! सिद्धा सोवचया, णो सावचया, णो सोवचयसावचया, निरुवचयनिरवचया । २४. जीवा णं भंते ! केवतियं कालं निरुवचयनिरवचया ? गोयमा! सव्वद्धं । २५. (१) नेरतिया णं भंते ! केवतियं कालं सोवचया ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समय, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं । (२) केवतियं कालं सावचया? एवं चेव। (३) केवतियं कालं सोवचयसावचया? एवं चेव। (४) केवतियं कालं निरुवचयनिरवचया ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। २६. एगिदिया सव्वे सोवचयसावचया सव्वद्धं । २७. सेसा सव्वे सोवचया वि, सावचया वि, सोवचयसावचया वि, निरुवचयनिरवचया वि जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जतिभागं अवट्ठिएहिं वक्कंतिकालो भाणियव्वो। २८. (१) सिद्धा णं भंते ! केवतियं कालं सोवचया ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं अट्ठ समया। (२) केवतियं कालं निरुवचयनिरवचया ? जहन्नेणं एवं समय, उक्कोसेणं छम्मासा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति ।★★★ पंचमसए अट्ठमो उद्देसो ॥५.८ ॥ नवमो उद्देसओ 'रायगिह में ★ ★ [सु. १. नवमुद्देसगस्स उवुग्घाओ। १. तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वयासी [सु. २. अंगभूय-अंतट्ठियवत्थुसमवाएण रायगिहनगरपञ्चभिण्णावत्तव्वया] २. (१) किमिदं भंते ! 'नगरं रायगिह' ति पवुच्चति ? किं पुढवी 'नगरं रायगिह' ति पवुच्चति ? आऊ 'नगरं रायोगह' ति पवुच्चति ? जाव वणस्सती ? जहा एयणुद्देसए पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं वत्तव्वता तहा भाणियव्वं जाव सचित-अचित-मीसयाई दव्वाई 'नगरं रायगिहंति पवुच्चति ? गोतमा! पुढवी वि 'नगरं रायगिह ति पवुच्चति जाव सचित-अचित-मीसयाइं दव्वाइं 'नगरं रायगिहति पवुच्चति। (२) से केणटेणं० ? गोयमा ! पुढवी जीवा ति य अजीवा ति य 'नगरं रायगिह ति पवुच्चति जाव सचित्त-अचित्त-मीसयाई दव्वाइं जीवा ति य अजीवा ति य 'नगरं रायगिह ति पवुच्चति, से तेणटेणं तं चेव। [सु. ३. उजजोय -अंधयारवत्तव्वया] ३. (१) से नूणं भंते ! दिया उज्जोते, राति अंधकारे ? हता, गोयमा ! जाव अंधकारे। (२) से केणटेणं० ? गोतमा ! दिया सुभा पोग्गला, सुभे पोग्गलपरिणामे, रत्तिं असुभा पोग्गला, असुभे पोग्गलपरिणामे, से तेणद्वेणं०। [सु. ४-९. 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听CN R9555 Roo 5 55555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - २८२ 55555555555555555EGOR Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 555555555555555555555555555555555555Log AG:0555555555555555 (५) भगवई ५सतं उद्देमक-१.१० ६८] 55555555555555 2 चउव्वीसइदंडगेसु उज्जोय -अंधयारवत्तव्वया ४. (१) नेरइयाणं भंते ! किं उज्जोए, अंधकारे ? गोयमा ! नेरइयाणं नो उज्जोए, अंधयारे। (२) से केणद्वेणं०? गोतमा ! नेरइयाणं असुभा पोग्गला, असुभे पोग्गलपरिणामे, से तेणद्वेणं० । ५. (१) असुरकुमाराणं भंते ! किं उज्जोते, अंधकारे ? गोयमा ! असुरकुमाराणं उज्जोते, नो अंधकारे। (२) से केणटेणं० ? गोतमा ! असुरकुमाराणं सुभा पोग्गला, सुभे पोग्गलपरिणामे, से तेणटेणं एवं वुच्चति०। (३) एवं जाव थणियाणं । ६. पुढविकाइया जाव तेइंदिया जहा नेरइया । ७. (१) चउरिदियाणं भंते ! किं उज्जोते, अंधकारे? गोतमा ! उज्जोते वि, अंधकारे वि। (२) से केणद्वेणं० ? गोतमा ! चतुरिदियाणं सुभाऽसुभा पोग्गला, सुभाऽसुभे पोग्गलपरिणामे, से तेणट्टेणं०1८. एवं जाव मणुस्साणं । ९. वाणमंतर -जोतिस-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। सु. १० -१३. चउव्वीसइदंडगेसु समयादिकालनाणवत्तव्वया] १०. (१) अत्थि णं भंते ! नेरइयाणं तत्थगयाणं एवं पण्णायति, तं जहा समया ति वा आवलिया ति वा जाव ओसप्पिणी ति वा उस्सप्पिणी ति वा ? णो इमढे समटे । (२) से केणद्वेणं जाव समया ति वा आवलिया ति वा जाव ओसप्पिणी ति वा उस्सप्पिणी ति वा ? गोयमा ! इहं तेसिं पमाणं, इह तेसिं एवं पण्णायति, तं जहा समया ति वा जाव उस्सप्पिणी ति वा। से तेण?णं जाव नो एवं पण्णायति, तं जहा समया ति वा जाव उस्सप्पिणी ति वा । ११. एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं । १२. (१) अत्थि णं भंते ! मणुस्साणं इहगताणं एवं पण्णायति, तं जहा समया ति वा जाव उस्सप्पिणी ति वा ? हता, अत्थि। (२) से केणतुणं० ? गोतमा ! इहं तेसिं माणं, इह तेसिं पमाणं, इहं चेव तेसिं एवं पण्णायति, तं जहा समया ति वा जाव उस्सप्पिणी ति वा । से तेणद्वेणं० । १३. वाणमंतर-जोतिस-वेमाणियाणं जहा नेरइयाणं। [सु. १४-१६. असंखेजलोयाइपुच्छाए समाहाणाणंतर पासावच्चिज्ज्थेराणं पंचजामधम्मपडिपालणापुव्वं सिद्धि-देवलोगगमणवत्तव्वया] १४.(१) तेणं कालेणं तेणं समएणं पासावच्चिज्जा थेरा भगवंतो जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति, तेणेव उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते ठिच्चा एवं वदासी से नूणं भंते ! असंखेज्जे लोए, अणंता रातिदिया उप्पजिंसु वा उप्पज्जति वा उप्पजिस्संति वा ?, विगच्छिंसु वा विगच्छंति वा विगच्छिंस्संति वा ?, परित्ता रातिदिया उप्पज्जिसु वा उप्पति वा उप्पज्जिस्संति वा ? विगच्छिंसु वा ३? हंता, अज्जो! असंखेज्जे लोए, अणंता रातिदिया० तं चेव। (२) सेकेणद्वेणं जाव विगच्छिस्संति वा ? से नूणं भे अज्जो! पासेणं अरहया पुरिसादाणीएणं "सासते लोए वुइते अणादीए अणवदग्गे परित्ते परिवुडे; हेट्ठा वित्थिण्णे, मज्झे संखित्ते, उप्पिं विसाले, अहे पलियंकसंठिते, मज्झे वरवइरविग्गहिते, उप्पिं उद्धमुइंगाकारसंठिते । ते (?तं) सिंच णं सासयंसि लोगंसि अणादियंसि अणवदग्गंसि, परित्तंसि परिवुडंसि हेट्ठा वित्थिण्णंसि, + मज्झे संखित्तंसि, उप्पिं विसालंसि, अहे पलियंकसंठियंसि, मज्झे वरवइरविग्गहियंसि, उप्पिं उद्धमुइंगाकारसंठियंसि अणंता जीवघणा उप्पज्जित्ता उप्पज्जित्ता निलीयंति । परित्ता जीवघणा उप्पज्जित्ता उप्पज्जित्ता निलीयंति । से भूए उप्पन्ने विगते परिणए अजीवेहिं लोक्कति, पलोक्कइ। जे लोक्कइ से लोए ? 'हंता, भगवं!। से तेणद्वेणं अज्जो! एवं वुच्चति असंखेज्जे तं चेव। (३) तप्पभितिंचणं ते पासावच्चेजा थेरा भगवंतो समणं भगवं महावीरं पच्चभिजाणंति 'सव्वण्णुं सव्वदरिसिं'।१५. तएणं थेरा भगवंतो समणं भगवं महावीरं वंदति नमसंति, २ एवं वदासि इच्छामिणं भंते! तुब्भं अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं सप्पडिक्कमणं धम्म उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंध करेह । १६. तए णं ते पासावच्चिज्जा थेरा भगवंतो जाव चरिमेहिं उस्सासनिस्सासेहिं सिद्धा जाव सव्वदक्खप्पहीणा, अत्थेगइया देवा देवलोगेसु उववन्ना। [सु. १७. देवलोगचउभेदपरूवणा] १७. कतिविहाणं भंते ! देवलोगा पण्णत्ता? गोयमा ! चउब्विहा देवलोगा पण्णत्ता, तं जहा भवणवासी-वाणमंतर-जोतिसियं-वेमाणियभेदेण । भवणवासी दसविहा । वाणमंतरा अढविहा। जोतिसिया पंचविहा । वेमाणिया दुविहा।।सु. १८. नवमुद्देसऽत्थाहिगारगाहा) १८. गाहा किमिदं रायगिहं ति य, उज्जोते अंधमारे समए य । पासंतिवासिपुच्छा रातिदिय, देवलोगा य॥१॥ सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० *** पंचमे सए नवमो उद्देसो समत्तो॥५.९ ।। दसमो उद्देसओ 'चंपाचंदिमा' *** [सु. १. जंबुद्दीवे चंदउदय-अत्थमणाइवत्तव्वया] १. तेणं ISRO5555555555555555555555555555555555555555555555555SOY 155555555555550-93 re: 5555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २८३ ॥555555555555555555555555670 Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ OR9555555555555555 (५) भगवई ६ सतं उद्देसक - १ [६९] 1555555555555555SRENOK Chh55555555555555555555555555555555555555555555520 कालेणं तेणं समएणं चंपानाम नगरी । जहा पढमिल्लो उद्देसओ तहा नेयव्वो एसो वि । नवरं चंदिमा भाणियव्वा । ★★★|| पंचमे सए दसमो उद्देसो समत्तो ॥५.१०॥ पंचमं सयं समत्तं ॥५॥ प छ8 सयंम सु. १. छट्ठस्स सयस्स दसुद्देसऽत्थाहिगारसंगहणीगाहा] १. वेयण १ आहार २ महस्सवे य ३ सपदेस ४ तमुयए ५ भविए ६ साली ७ पुढवी ८ कम्मऽनउत्थि ९-१० दस छट्टगम्मि सते॥१॥★★★ पढ़मो उद्देसओ 'वेयण' *** सु.२.४. वत्थय-अहिगरणी-सुक्कतणहत्थय-उदगबिंदुउदाहरणेहिं महावेयणाणं जीवाणं महानिज्जरावत्तव्वया। २. से नूणं भंते ! जे महावेदणे से महानिज्जरे ? जे महानिज्जरे से महावेदणे ? महावेदणस्स य अप्पवेदणस्स य से सेए जे पसत्थनिज्जराए ? हंता, गोयमा ! जे महावेदणे एवं चेव। ३. (१) छठ्ठी-सत्तमासुणं भंते | पुढवीसु नेरझ्या महावेदणा ? हता, महावेदणा। २ ते णं भंते । समणेहितो निग्गंथे हितो महानिज्जरतरा? गोयमा ! णो इणढे समढे । ४. से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति जे महावेदणे जाव पसत्थनिज्जराए (सु. २)? गोयमा ! से जहानामए दुवे वत्थे सिया, एगे वत्थे कद्दमरागरत्ते, एगे वत्थे खंजणरागरत्ते । एतेसिणं गोयमा । दोण्हं वत्थाणं कतरे वत्थेदुधोयतराए चेव, दुवामतराए चेव, दुपरिकम्मतराए चेव, कयरे वा वत्थे सुधोयतराए चेव, सुवामतराए चेव, सुपरिकम्मतराए चेव, जे वा से वत्थे कहमरागरते? जे वा से वत्थे खंजणरागरते ? भगवं! तत्थ णं जे से वत्थे कद्दमरागरत्ते से णं वत्थे दुधोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुप्परिकम्मतराए चेव । एवामेव गोतमा । नेरइयाणं पावाई कम्माई गाढीकसाई चिक्कणीकताई सिलिट्ठीकताई खिलीभूताई भवंति; संपगाढं पि य णं ते वेदणं वेदेमाणा नो महानिज्जरा, णो महापज्जवसाणा भवति । से जहा वा केइ पुरिसे अहिंगरणी आउडेमाणे महता महता सद्देणं महता महता घोसेणं महता महता परंपराघातेणं नो संचाएति तीसे अहिंगरणीए अहाबायरे वि पोग्गले परिसाडित्तए । एवामेव गोयमा ! नेरइयाणं पावाई कम्माई गाढीकयाई जाव नो महापज्जवसाणा भवंति । भगवं ! तत्थ जे से वत्थे खंजणरागरत्ते से णं वत्थे सुधोयतराए चेव सुवामतराए चेव सुपरिकम्मतराए चेव । एवामेव गोयमा ! समणाणं निगंथाणं अहाबायराइं कम्माइं सिढिलीकताइं निहिताई कडाई विप्परिणामिताइं खिप्पामेव विद्धत्थाई भवंति जावतियं तावतिय पिणं ते वेदणं वेदेमाणा महानिज्जरा महापज्जवसाणा भवंति । से जहानामए केइ पुरिसे सुक्कं तणहत्थय जायतेयंसि पक्खिवेज्जा, से नूर्ण गोयमा ! से सुक्के तणहत्थए जायतेयंसि पक्खित्ते समाणे खिप्पमेव मसमसाविज्जति ? हंता, मसमसाविज्जति । एवामेव गोयमा ! समणाणं निग्गंथाणं अहाबादराई कम्माई जाव महापज्जवसाणा भवंति । से जहानामए केइ पुरिसे तत्तंसि अयकवल्लंसि उदगाबिंदू जाव हंता, विद्धसमागच्छति । एवामेव गोयमा ! समणाण निग्गंथाणं जाव महापज्जवसाणा भवंति । से तेणटेणं जे महावेदणे से महानिज्जरे जाव निज्जराए। [सु. ५. करणभेयपरूवणा] ५. कतिविहे णं भंते ! करणे पण्णत्ते गोतमा ! चउव्विहे करणे पण्णत्ते, तं जहा मणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे। [सु. ६. चउवीसइदंडएसु करणभेयपरूवणा] ६. णेरझ्याणं भंते ! कतिविहे करणे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पण्णत्ते, तं जहा मणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे । एवं पंचेंदियाणं सव्वेसिं चउन्विहे करणे पण्णत्ते । एगिदियाणं दुविहे- कायकरणे य कम्मकरणे य । विगलेंदियाणं वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे। [सु. ७-१२. चउवीसइदंडएसु करणं पडुच्च वेयणावेयणवत्तव्वया | ७. (१) नेरइया णं भंते ! किं करणतो वेदणं वेदेति ? अकरणतो वेदणं वेदेति ? गोयमा ! नेरइया णं करणओ वेदणं वेदेति. नो अकरणओ वेदणं वेदेति । (२) से केणद्वेणं०? गोयमा ! नेरइयाणं चउविहे करणे पण्णत्ते, तं जहा मणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे। इच्चेएणं चउविहेणं असुभेणं करणेण नेरच्या करणतो असायं वेदणं वेदेति, नो अकरणतो, से तेण?णं०1८. (१) असुरकुमारा णं किं करणतो, अकरणतो? गोयमा ! करणतो, नो अकरणतो। (२) से केगडेणं०१ गोयमा असुरकुमाराणं चउबिहे करणे पण्णते , तं जहा भणकरणे वइकरणे कायकरणे कम्मकरणे । इच्चेएणं सुमेणं करणेण असुरकुमारा णं करणतो सायं वेदणं वेदेति, नो अकरणतो । ९. एवं जाव थणियकुमारा । १०. पुढविकाइयाण एस चेव पुच्छा । नवरं इच्चेएणं सुभासुभेणं करणेणं पुढविकाइया करणतो वेमायाए वेदणं वेदति, नो अकरणतो। ११. ओरालियसरीरा सव्वे सुभासुभेणं वेमायाए । १२. देवा सुभेणं सातं । सु. १३. जीवेसु महावेयणा vercosy5555555555555555 श्री आगमगुणभंजूषा- २८४0555555555555555555558EGOR Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGRO555555555555555 (५) भगवई सतं उद्देसक १.२.३ [७०] 555555555555555ODog 15555555555555555hhhhh5555$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$250 2 महानिज्जराइवत्तव्वया] १३. (१) जीवा णं भंते ! किं महावेदणा महानिज्जरा ? महावेदणा अप्पनिज्जरा ? अप्पवेदणा महानिज्जरा ? अप्पवेदणा अप्पनिज्जरा? गोयमा ! अत्थेगइया जीवा महावेदणा महानिज्जरा, अत्थेगइया जीवा महावेयणा अप्पनिज्जरा, अत्थेगइया जीवा अप्पवेदणा महानिज्जरा, अत्थेगइया जीवा अप्पवेदणा अप्पनिज्जरा । (२) से केणट्टेणं ? गोयमा ! पडिमापडिवन्नए अणगारे महावेदणे महानिज्जरे । छट्ठ-सत्तमासु पुढवीसु नेरइया महावेदणा अप्पनिज्जरा । सेलेसिं पडिवन्नए अणगारे अप्पवेदणे महानिजरे। अणुत्तरोववाइया देवा अप्पवेदणा अप्पनिज्जरा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।सु. १४. पढमुद्देसस्सऽत्थाहिगारसंगहगाहा] १४. महवेदणे य वत्थे कद्दम-खंजणमए य अधिकरणी। तणहत्थेऽयकवल्ले करण महावेदणा जीवा ||१|| सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिा में छट्ठसयस्स पढमो 卐 उद्देसो समत्तो॥६.१॥ बीओ उद्देसओ 'आहार' ★★★ सु. १. आहारवत्तव्वयाए पण्णवणासुत्तदट्ठव्वयानिदेसो। १. रायगिह नगरं जाव एवं वदासी - आहारुदेसो जो पण्णवणाए सो सव्वो निरवसेसो नेयव्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ***छट्टे सए बीओ उद्देसो समत्तो॥६.२॥ तइओ उद्देसओ 'महस्सव' ★★★ [सु. १.तइउद्देसऽत्थाहिगारदारगाहा] १. बहुकम्म १ वत्थपोग्गल पयोगसा वीससा य २ सादीए ३ । कम्मट्ठिति-त्थि ४-५ संजय ६ सम्मद्दिट्ठी ७ य सण्णी ८ य॥१॥ भविए ९ दंसण १० पज्जत्त ११ भासय १२ परित्त १३ नाण १४ जोगे १५य। उवओगा-ऽऽहारग १६-१७ सुहुम १८ चरिम १९ बंधे य, अप्पबहुं २०१॥२॥ [सु. २-३. पढमं दारं-अहयाइ-जल्लियाइवत्थुदाहरणपुव्वं महासव-अप्पासवाणं पुग्गलबंध-भेयवत्तव्वया] २. (१) से नूणं भंते ! महाकम्मस्स महाकिरियस्स महासवस्स महावेदणस्स सव्वतो पोग्गला बज्झंति, सव्वओ पोग्गला चिज्जति, सव्वओ पोग्गला उवचिज्जति, सया समितं च णं पोग्गलाबज्झंति, सया समितं पोग्गला चिजति, सया समितं पोग्गला उवचिज्जति, सया समितं च णं तस्स आया दुरूवत्ताए दुवण्णत्ताए दुगंधत्ताए दुरसत्ताए दुफासत्ताए अणिठ्ठत्ताए अकंतत्ताए अप्पियत्ताए असुभत्ताए अमणुण्णत्ताए अमणामत्ताए अणिच्छियत्ताए अभिज्झियत्ताए; अहत्ताए, नो उड्डत्ताए, दुक्खत्ताए, नो सुहत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमइ ? हंता, गोयमा! महाकम्मस्स तं चेव। (२) से केणद्वेणं०? गोयमा ! से जहानामए वत्थस्स अहतस्स वा धोतस्स वा तंतुम्गतस्स वा आणुपुव्वीए परिभुज्जमाणस्स सव्वओ पोग्गला बज्झंति, सव्वओ पोग्गला चिजति जाव परिणमंति, से तेणद्वेणं०1३. (१) से नूणं भंते ! अप्पकम्मस्स अप्पकिरियस्स अप्पासवस्स अप्पवेदणस्स सव्वओ पोग्गला भिज्जति, सव्वओ पोग्गला छिज्जति, सव्वओ पोग्गला विद्धंसंति, सव्वओ पोग्गला परिविद्धंसंति, सया समितं पोग्गला भिज्जति छिज्जति विद्धंसंति परिविद्धंसंति, सया समितं च णं तस्स आया सुरूवत्ताए पसत्थं नेयव्वं जाव सुहत्ताए, नो दुक्खत्ताए भुज्जो २ परिणमंति ? हंता, गोयमा ! जाव परिणमंति। (२) से केणटेणं० ? गोयमा ! से जहानामए वत्थस्स जल्लियस्स वा पंकितस्स वा मइलियस्स वा रइल्लियस्स वा आणुपुव्वीए परिकम्मिज्जमाणस्ससुद्धणं वारिणा धोव्वमाणस्स सव्वतोपोग्गला भिज्जति जाव परिणमंति, सेतेणटेणं० [सु. ४. बिइयदारे वत्थं पडुच्च पुरिसवावारसभावेहिं पुग्गलोवचयवत्तव्वया) ४. वत्थस्स णं भंते ! पोग्गलोवचए किं पयोगसा, वीससा ? गोयमा ! पयोगसा वि, वीससा वि। [सु. ५. बिइयदारे जीवचउवीसदंडएसु पुरिसवावार-सभावेहि कम्मोवचयवत्तव्वया] ५. (१) जहा णं भंते ! वत्थस्स णं पोग्गलोवचए पयोगसा वि, वीससा वि तहा णं जीवाणं कम्मोवचए किं पयोगसा, वीससा? गोयमा ! पयोगसा, नो वीससा। (२) से केणद्वेणं० १ गोयमा ! जीवाणं तिविहे पयोगे पण्णत्ते, तं जहा-मणप्पयोगे वइप्पयोगे कायप्पयोगे य । इच्चेतेणं तिविहेणं पयोगेणं जीवाणं कम्मोवचए पयोगसा, नो वीससा । एवं सव्वेसिं पंचेदियाणं तिविहे पयोगे भाणियब्वे । पुढविक्वाइयाणं एगविहेणं पयोगेणं, एवं जाव वणस्सतिकाइयाणं । विगलिदियाणं विहे पयोगे पण्णत्ते । तं जहा वइप्पयोगे य, कायप्पयोगे य । इच्छेतेणं दुविहेणं पयोगेणं कम्मोवचए प्र पयोगसा, नो वीससा। से एएणद्वेणं जाव नो वीससा । एवं जस्स जो पयोगो जाव वेमाणियाणं। [सु. ६-७. तइयदारे वत्थपोग्गलोवचयस्स जीवकम्मोवचयस्सय सादि-सपज्जवसियाइवत्तव्वया६. वत्थस्स णं भंते ! पोग्गलोवचए किं सादीए सपज्जवसिते ? सादीए अपज्जवसिते ? अणादीए सपज्जवसिते ? अणा० 555555555555555555555555555555555555555555552ION re: 55555555555555555555 श्री आगमगणमंजया - ०८५11555555555555555555556OR Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROO555555555555555 (५) भगवई ६ सत्त उद्देसक - ३ [७१] 5 55555555555555555555eoy अपज्जवसिते ? गोयमा ! वत्थस्स णं पोग्गलोवचए सादीए सपज्जवसिते, नो सादीए अपज्जवसिते, नो अणादीए सपज्जवसिते, नो अणादीए अपज्जवसिते । ७. (१) जहाणं भंते ! वत्थस्स पोग्गलोवच्चए सादीए सपज्जवसिते, नो सादीए अपज्जवसिते, नो अणादीए सपज्जवसिते, नो अणादीए अपज्जवसिते तहा णं जीवाणं कम्मोवचए पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगइयाणं जीवाणं कम्मोवचए साईए सपज्जवसिते, अत्थे० अणाईए सपज्जवसिए, अत्थे० अणाईए अपज्जवसिए, नो चेव णं जीवाणं कम्मोवचए सादीए अपज्जवसिते। (२) से केणद्वेणं० ? गोयमा ! इरियावहियाबंधयस्स कम्मोवचए साईए सप० । भवसिद्धियस्स कम्मोवचए अणादीए सपज्जवसिते। अभवसिद्धियस्स कम्मोवचए अणाईए अपज्जवसिते। से तेणटेणं० । [सु. ८-९. तइयदारे वत्थस्स जीवाण य सादि-सपज्जवसियाइवत्तव्वया] ८. वत्थे णं भंते ! किं सादीए सपज्जवसिते? चतुभंगो। गोयमा ! वत्थे सादीए सपज्जवसिते, अवसेसा तिण्णि वि पडिसेहेयव्वा । ९. (१) जहा णं भंते ! वत्थे सादीए सपज्जवसिए० तहा णं जीवा किं सादीया सपज्जवसिया ? चतुभंगो, पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतियो सादीया सप०, चत्तारि विभाणियव्वा । (२) से केणटेणं० ? गोयमा ! नेरतिया तिरिक्खजोणिया मणुस्सा देवा गतिरागतिं पडुच्च सादीया सपज्जवसिया। सिद्धा गतिं पडुच्च सादीया अपज्जवसिया। भवसिद्धिया लद्धिं पडुच्च अणादीया सपज्जवसिया। अभवसिद्धिया संसारं पडुच्च अणादीया अपज्जवसिया भवंति। सेतेणटेणं०। सु.१०-११. चउत्थं दारं-कम्मपगडिभेय-ठिइबंधपरूवणा) १०. कति णं भंते ! कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पण्णत्ताओ तं जहा णाणावरणिज्ज दसणावरणिज्जं जाव अंतराइयं । ११. (१) नाणावरणिज्जस्सणं भंते ! कम्मस्स केवतियं कालं बंधठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! जह० अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, तिण्णि य वाससहस्साई अबाहा, अबाहूणिया कम्महिती कम्मनिसेओ। (२) एवं दरिसणावरणिज्जं पि। (३) वेदणिजं जह० दो समया, उक्कोसेणं जहा नाणावरणिज्ज । (४) मोहणिज्ज जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीओ सत्त य वाससहस्साणि अबाधा, अबाहूणिया कम्मठिई कम्मनिसेगो। (५) आउगं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाणि पुव्वकोडितिभागमब्भहियाणि, कम्महिती कम्मनिसेओ। (६) नाम-गोयाणं जह० अट्ठमुहुत्ता, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, दोण्णि य वाससहस्साणि अबाहा, अबाहूणिया कम्महिती कम्मनिसेओ। (७) अंतराइयं जहा नाणावरणिज्ज । [सु. १२-१३. पंचमं दारं-इत्थी-पुं-नपुंसए पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] १२. (१) नाणावरणिज्ज णं भंते ! कम्मं किं इत्थी बंधति, पुरिसो बंधति, नपुंसओ बंधति, णोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसओ बंधइ ? गोयमा ! इत्थी वि बंधइ, पुरिसो वि बंधइ, नपुंसओ वि बंधइ, नोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसओ सिय बंधइ, सिय नो बंधइ। (२) एवं आउगवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ। १३. आउगं णं भंते ! कम्मं किं इत्थी बंधइ, पुरिसो बंधइ, नपुंसओ बंधइ १० पुच्छा। गोयमा ! इत्थी सिय बंधइ सिय 卐 नो बंधइ, एवं तिण्णि वि भाणियव्वा । नोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसओ न बंधइ। [सु. १४. छटुं दारं-संजय-असंजयाइ पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] १४. (१) णाणावरणिज्ज णं भंते ! कम्मं किं संजते बंधइ, असंजमे०, संजयासंजए बंधइ, नोसंजएनोअसंजएनोसंजयासंजए बंधति ? गोयमा ! संजए सिय बंधति सिय नो बंधति, असंजए बंधइ, संजयासंजए वि बंधइ, नोसंजएनोअसंजएनोसंजयासंजए न बंधति । (२) एवं आउगवज्जाओ सत्त वि। (३) आउगे हेट्ठिल्ला तिण्णि भयणाए, उवरिल्ले ण बंधइ। [सु. १५. सत्तमं दारं-सम्मद्दिट्ठिआइ पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] १५. (१) णाणावरणिज्ज णं भंते! कम्मं किं सम्मद्दिट्ठी बंधइ, मिच्छदिट्ठी बंधइ, सम्मामिच्छद्दिट्ठी बंधइ ? गोयमा ! सम्मद्दिट्ठी सिय बंधइ सिय नो बंधइ, मिच्छद्दिठ्ठी बंधइ, सम्मामिच्छद्दिट्ठी बंधइ। (२) एवं आउगवज्जाओ सत्त वि। (३) आउए हेछिल्ला दो भयणाए, सम्मामिच्छद्दिट्ठी न बंधइ। [सु. १६. अट्ठमं दारं-सण्णि-असण्णिआइ पडुच्च अट्ठण्डं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] १६. (१) णाणावरणिज्जं किं सण्णी बंधइ, असण्णी बंधइ, नोसण्णीनोअसण्णी बंधइ ? गोयमा ! सण्णी सिय बंधइ सिय नो बंधइ, है असण्णी बंधइ, नोसण्णीनोअसण्णी न बंधइ। (२) एवं वेदणिज्जाऽऽउगवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ। (३) वेदणिज्ज हेडिल्ला दो बंधंति, उवरिल्ले भयणाए। आउगं हेछिल्ला दो भयणाए, उवरिल्ले न बंधइ। [सु. १७. नवमं दारं-भवसिद्धियाइ पडुच्च अट्टण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा १७. (१) णाणावरणिज्ज कम्म Mero5555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा २८६ 5555555555555555555555555 OR EMOR955455555555555555555555 Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फ्र किं भवसिद्धीए बंध, अभवसिद्धीए बंधइ, नोभवसिद्धीएनो अभवसिद्धीए बंधति ? गोयमा ! भवसिद्धीए भयणाए, अभवसिद्धीए बंधति, नोभवसिद्धीएनोअभवसिद्दीए न बंधइ | २ (२) एवं आउगवज्जाओ सत्त वि । (३) आउगं हेट्ठिल्ला दो भयणाए, उवरिल्लो न बंधइ । [सु. १८. दसमं दारं चक्खुदंसणिआइ पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] १८. (१) णाणावरणिज्जं किं चक्खुदंसणी बंधति, अचक्खुदंस०, ओहिदंस०, केवलदं० ? गोयमा ! हेट्टिल्ला तिष्णि भयणाए, उवरिल्ले ण बंधइ । (२) एवं वेदणिज्जवज्जाओ सत्त वि। (३) वेदणिज्जं हेट्ठिल्ला तिण्णि बंधंति, केवलदंसणी भयणाए । [सु. १९. एक्कारसमं दारं पज्जत्तापज्जत्ताइ पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा) १९. (१) णाणावरणिज्जं कम्मं किं पज्जत्तओ बंधइ, अपज्जत्तओ बंधइ, नोपज्जत्तएनो अपज्जत्तए बंधइ ? गोयमा ! पज्जत्तए भयणाए, अपज्जत्तए बंधइ, नोपज्जत्तएनो अपज्जत्तए न बंधइ। (२) एवं आउगवज्जाओ। (३) आउगं हेट्ठिल्ला दो भयणाए, उवरिल्ले ण बंधइ । [ सु. २०. दुवालसमं दारं-भासयाभासए पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा ] २०. (१) नाणावरणिज्जं किं भासए बंधइ, अभासए० ? गोयमा ! दो वि भयणाए । (२) एवं वेदणिज्जवज्नाओ सत्त । (३) वेदणिज्जं भासए बंधइ, अभासए भयणाए । [ सु. २१. तेरसमं दारं परित्तापरित्ताइ पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा । २१. (१) णाणावरणिज्जं किं परित्ते बंधइ, अपरित्ते बंधइ, नोपरित्तेनोअपरित्ते बंद ? गोयमा ! परित्ते भयणाए, अपरित्ते बंधइ, नोपरित्तेनोअपरित्ते न बंधइ । (२) एवं आउगवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ । (३) आउए परितो वि, अपरित्तो वि भयणाए । नोपरित्तोनोअपरित्तो न बंधइ । [सु. २२-२३. चोद्दसमं दारं-पाणिअण्णाणिणो पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] २२. (१) णाणावरणिज्जं कम्मं किं आभिणिबोहियनाणी बंधइ, सुयनाणी०, ओहिनाणी०, मणपज्जवनाणी०, नाणी बं० ? गोयमा ! हेट्ठिल्ला चत्तारि भयणाए, केवलनाणी न बंधइ । (२) एवं वेदणिज्जवज्जाओ सत्त वि। (३) वेदणिज्जं हेट्ठिल्ला चत्तारि बंधंति, केवलनाणी भयणाए । २३. णाणावरणिज्जं किं मतिअण्णाणी बंधइ, सुय०, विभंग० ? गोयमा ! आउगवज्जाओ सत्त वि बंधति । आउगं भयणाए । [ सु. २४. परसमं दारं-मणजोगिआइ पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] २४. (१) णाणावरणिज्जं किं मणजोगी बंधइ, वय०, काय०, अजोगी बंधइ ? गोयमा ! हेट्ठिल्ला तिण्णिभयणाए, अजोगी न बंधइ । (२) एवं वेदणिज्जवज्जाओ। (३) वेदणिज्जं हेट्ठिल्ला बंधंति, अजोगी न बंधइ । [सु. २५. सोलसमं दारं सागारअणगारोवउत्ते पडुच अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] २५. णाणावरणिज्जं किं सागारोवउत्ते बंधइ, अणागारोवउत्ते बंधइ ? गोयमा ! अट्ठसु वि भयणाए । [सु. २६. सत्तरसमं दारं- आहारय अणाहारए पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा) २६. (१) णाणावरणिज्जं किं आहारए बंधइ, अणाहारए बंधइ ? गोयमा ! दो विभयणा । (२) एवं वेदणिज्ज आउगवज्जाणं छण्हं । (३) वेदणिज्जं आहारए बंधति, अणाहारए भयणाए। आउगं आहारए भयणाए, अणाहारए न बंधति । [सु. २७. अट्ठारसमं दारं-सुहुम-बायराइ पडुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] २७. (१) णाणावरणिज्जं किं सुहुमे बंधइ, बादरे बंधइ, नोसुहुमेनोबादरे बंधइ ? गोयमा ! सुहुमे बंधइ, बादरे भयणाए, नोसुहुमेनोबादरे न बंधइ । (२) एवं आउगवज्जाओ सत्त वि । (३) आउए सुहुमे बादरे भयणाए, नोसुहुमेनोबादरे ण बंधइ । [सु. २८. एगूणवीसइमं दारं-चरिमाचरिमे पटुच्च अट्ठण्हं कम्मपगडीणं बंधपरूवणा] २८. णाणावरणिज्जं किं चरिमे बंधति, अचरिमे बं० ? गोयमा ! अट्ठ वि भयणाए । [सु. २९. दारं २० छट्टाइ एगूणवीसइमपज्जतदारतग्गयपदाणमप्पाबहुयं । २९. (१) एएसि णं भंते! जीवाणं इत्थवेदगाणं पुरिसवेदगाणं नपुंसगवेदगाणं अवेदगाण य कयरे २ अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा पुरिसवेदगा, इत्थिवेदगा संखेज्जगुणा, अवेदगा अनंतगुणा, नपुंसगवेदगा अणंतगुणा । (२) एतेसिं सव्वेसिं पदाणं अप्पबहुगाई उच्चारेयव्वाइं जाव सव्वत्थोवा जीवा अचरिमा, चरिमा अनंतगुणा। सेवं भंते! सेवं भंते ! ति० ॥ ॥ ★★★ छट्टसए तइओ उद्देसो समत्तो ||६.३॥ चउत्थो उद्देसो 'सपएस' ★★★ [सु. १ ६. कालादेसेणं जीव - चउवीसदंडगेसु एगत्त-पुहत्तेणं सपदेस- अपदेसवत्तव्वया ] १. जीवे णं भंते ! कालादेसेणं किं सपदेसे, अपदेसे ? गोयमा ! नियमा सपदेसे । २. (१) नेरतिए णं भंते । कालादेसेणं किं सपदेसे, अपदेसे ? गोयमा ! सिय सपदेसे, सिय (५) भगवई ६ स तं उद्देसक ३-४ [ ७२ ] श्री आगमगुणमंजूषा २८ *******££££££ Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फफफ फफफफफफफफ (५) भगवई ६ सतं उद्देसक ४ [७३] अपदेसे। (२) एवं जाव सिद्धे । ३. जीवा णं भंते ! कालादेसेणं किं सपदेसा, अपदेसा ? गोयमा ! नियमा सपदेसा । ४. (१) नेरइया णं भंते! कालादेसेणं किं सपदेसा, अपदेसा ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्ज सपदेसा, अहवा सपदेसा य अपदेसे य, अहवा सपदेसा य अपदेसा य । (२) एवं जाव थणियकुमारा । ५. (१) पुढविकाइया णं भंते ! किं सपदेसा, अपदेसा ? गोयमा ! सपदेसा वि, अपदेसा वि । (२) एवं जाव वणप्फतिकाइया । ६. सेसा जहा नेरइया तहा जाव सिद्धा । [सु.७-१९.आहारगाइ-भवसिद्धियाइ सण्णिआइ- सलेसाइ सम्मद्दि-ट्ठिआइ-संजताइ सकसायाइ - णाणाइ- सजोगिआइ- सागारोवउत्ताइ सवेयगाइससरीरिआइ-पज्जत्तयाईसु सपदेस - अपदेसवत्तव्वया] ७. (१) आहारगणं जीवेगेदियवज्जो तियभंगो । (२) अणाहारगाणं जीवेगिदियवज्जा छब्भंगा एवं 'भाणियव्वा-सपदेसावा, अपदेसा वा अहवा सपदेसे य अपदेसे य, अहवा सपदेसे य अपदेसा य, अहवा सपदेसा य अपदेसे य, अहवा सपदेसा य अपदेसा य । सिद्धेहिं तियभंगो । ८. (१) भवसिद्धीया अभवसिद्धीया जहा ओहिया । (२) नोभवसिद्धियनोअभवसिद्धिया जीवा- सिद्धेहिं तियभंगो । ९. (१) सण्णीहिं जीवादिओ तियभंगो। (२) असण्णीहिं एगिदियवज्जो तियभंगो । नेरइय- देव मणुएहिं छब्भंगा । (३) नोसण्णिनोअसण्णिणो जीव- मणुय-सिद्धेहिं तियभंगो । १०. (१) सलेसा जहा ओहिया । कण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा जहा आहारओ, नवरं जस्स अत्थि एयाओ । तेउलेस्साए जीवादिओ तियभंगो, नवरं पुढविकाइएसु आउ-वणप्फतीसु छब्भंगा । पम्हलेस - सुक्कलेस्साए जीवइओ तियभंगो ! मणुस्से छब्भंगा । (२) अलेसेहिं जीव- सिद्धेहिं तियभंगो । ११. ( १ ) सम्मद्दिट्ठीहिं जीवाइओ तियभंगो । विगलिदिएसु छब्भंगा । (२) मिच्छद्दिट्ठीहिं एगिदियवज्जो तियभंगो । (३) सम्मामिच्छद्दिट्ठीहिं छब्भंगा । १२. (१) संजतेहिं जीवाइओ तियभंगो। (२) असंजतेहिं एगिदियवज्जो तियभंगो। (३) संजतासंजतेहिं तियभंगो जीवादिओ । (४) नोसंजयनोअसंजयनोसंजतासंजत जीवसिद्धेहिं तियभंगो । १३. (१) सकसाईहिं जीवादिओ तियभंगो। एगिदिएस अभंगकं । कोहकसाईहिं जीवेगिदियवज्जो तियभंगो । देवेहिं छब्भंगा | माणकसाई मायाकसाई जीवेगिदियवज्जो तियभंगो । नेरतिय देवेहिं छब्भंगा। लोभकसायीहिं जीवेगिदियवज्जो तियभंगो । नेरतिएसु छब्भंगा । (२) अकसाई जीव-मणुए हिं सिद्धेहिं तियभंगो । १४. (१) ओहियनाणे आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे जीवादिओ तियभंगो । विगलिदिएहिं छब्भंगा । ओहिनाणे मणपज्जवणाणे केवलनाणे जीवादिओ तियभंगो। (२) ओहिए अण्णाणे मतिअण्णाणे सुयअण्णाणे एगिदियवज्जो तियभंगो। विभंगणाणे जीवादिओ तियभंगो। १५. (१) सज़ोगी जहा ओहिओ । मणजोगी वयजोगी कायजोगी जीवादिओ तियभंगो, नवरं कायजोगी एगिदिया तेसु अभंगकं । (२) अजोगी जहा अलेसा । १६. सागारोवउत्तअणागारोवउत्तेहिं जीवेगिदियवज्जो तियभंगो । १७. (१) सवेयगा य जहा सकसाई । इत्थिवेयग- पुरिसवेदग नपुंसग वेदगेसु जीवादिओ तियभंगो, नवरं नपुंसगवेदे एगिदिएस अभंगयं । (२) अवेयगा जहा अकसाई । १८. (१) ससरीरी जहा ओहिओ । ओरालिय-वेउव्वियसरीरीणं जीवएगिदियवज्जो तियभंगो। आहारगसरीरे जीव-मसु छभंगा । तेयग कम्मगाणं जहा ओहिया । (२) असरीरेहिं जीव- सिद्धेहिं तियभंगो । १९. (१) आहारपज्जत्तीए सरीरपज्जत्तीए इंदियपज्जत्तीए आणापाणपज्जत्तीए जीवेगिदियवज्जो तियभंगो। भासामणपज्जत्तीए जहा सण्णी । (२) आहारअपज्जत्तीए जहा अणाहारगा। सरीरअपज्जत्तीए इंदियअपज्जत्तीए आणापाणअपज्जत्तीए जीवेगिदियवज्जो तियभंगो, नेरइय- देव मणुएहिं छब्भंगा । भासामणअपज्जत्तीए जीवादिओ तियभंगो, णेरइय-देव- मणुएहिं छब्भंगा । [सु. २०. पढमाइएगूणवीसइमपज्जंतसुत्तविसयसंगहणीगाहा ] २०. गाहा सपदेसाऽऽहारग भविय सण्णि लेस्सा दि संजय कसाए। णाणे जोगुवओगे वेदे य सरीर पज्जत्ती ॥१॥ [ सु. २१. जीव - चउवीसदंडगेसु पच्चक्खाण अपच्चक्खाणाइवत्तव्वया । २१. (१) जीवा णं भंते! किं पच्चक्खाणी, अपच्चक्खाणी, पच्चक्खाणापच्चक्खाणी ? गोयमा ! जीघा पच्चक्खाणी वि, अपच्चक्खाणी वि, पच्चक्खाणाऽपच्चक्खाणी वि। (२) सव्वजीवाणं एवं पुच्छा। गोयमा ! नेरइया अपच्चक्खाणी जाव चउरिदिया, सेसा दो पडिसेहेयव्वा । पंचिदियतिरिक्खजोणिया नो पच्चक्खाणी अपच्चक्खाणी वि, पच्चक्खाणापच्चक्खाणी वि । मणुस्सा तिणि वि। सेसा जहा नेरतिया । [सु. २२-२३. जीवाईसु पच्चक्खाणजाणणा-कुव्वणावत्तव्वया । २२. जीवा णं भंते! किं पच्चक्खाणं जाणंति, अपच्चक्खाणं 5 श्री आगमगुणमंजूषा २२८ 6666666666666 Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 5555ff5heXOS ROR955555555555555555555555555555555 HOROF555555555 (५) भगवई ६सतं उद्देसक. ४.५ [१४] 555555555555555yero जाणंति, पच्चक्खाणापच्चक्खाणं जाणंति ? गोयमा ! जे पंचेंदिया ते तिण्णि वि जाणंति, अवसेसा पच्चक्खाणं न जाणंति । २३. जीवा णं भंते ! किं पच्चक्खाणं कुव्वंति अपच्चक्खाणं कुव्वंति, पच्चक्खाणापच्चक्खाणं कुव्वंति ? जहा ओहिया तहा कुव्वणा। [सु. २४. जीवाईसु पच्चक्खाणनिव्वत्तियाउयाइवत्तव्वया) २४, २४. जीवा णं भंते ! किं पच्चक्खाणनिव्वत्तियाउया, अपच्चक्खाणनि०, पच्चक्खाणापच्चक्खाणनि० ? गोयमा ! जीवा य वेमाणिया य पच्चक्खाणणिव्वत्तियाउया तिण्णि वि । अवसेसा अपच्चक्खाणनिव्वत्तियाउया। [सु. २५. एगवीसइमाइचउवीसइमपज्जंतसुत्तविसयसंगहणीगाहा] २५. गाथा पच्चक्खाणं १ जाणइ २ कुव्वति ३ तेणेव आउनिव्वत्ती ४ । सपदेसुद्देसम्मि य एमेए दंडगा चउरो ||२|| सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ||★★★छट्टे सए चउत्थो उद्देसो॥६.४।। ***पंचमो उद्देसो 'तमुए'★★★[सु. १. तमुक्कायसरूवं ] १.१ किमियं भंते ! तमुक्काए त्ति पवुच्चइ ? किं पुढवी तमुक्काए त्ति पवुच्चति, आऊ तमुक्काए त्ति पवुच्चति ? गोयमा ! नो पुढवी तमुक्काए त्ति पवुच्चति, आऊ तमुक्काए त्ति पवुच्चति । २ से केणटेणं० १ गोयमा ! पुढविकाए णं अत्थेगइए सुभे देसं पकासेति, अत्थेगइए देसं नो पकासेइ, से तेणटेणं०। [सु. २-५. तमुक्कायस्स समुट्ठाण -संठाण-विक्खंभ-परिक्खेवपमाणवत्तव्वया] २. तमुक्काए णं भंते ! कहिं समुहिए? कहिं सन्निहिते ? गोयमा ! जंबुद्दीवंस्स दीवस्स बहिया तिरियमसंखेज्जे दीव-समुद्दे वीतिवइत्ता अरुणवरस्स दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेतियंताओ अरुणोदयं समुई बायालीसं जोयणसहस्साणि ओगाहित्ता उवरिल्लाओ जलंताओ एकपदेसियाए सेढीए इत्थ णं तुमुक्काए समुट्ठिए, सत्तरस एक्कवीसे जोयणसते उड्डे उप्पतित्ता तओ पच्छा तिरियं पवित्थरमाणे पवित्थरमाणे सोहम्मीसाण-सणंकुमार-माहिद चत्तारि वि कप्पे आवरित्ताणं उर्ल्ड पि यणं जाव बंभलोगे कप्पे रिट्ठविमाणपत्थडं संपत्ते, एत्थ णं तमुक्काए सन्निहिते। ३. तमुक्काए णं भंते ! किंसंठिए पण्णत्ते? गोयमा ! अहे मल्लगमूलसंठिते, उप्पिं कुक्कुडगपंजरगसंठिए पण्णत्ते। ४. तमुक्काए णं भंते ! केवतियं विक्खंभेणं ? केवतियं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते । तं जहा संखेजवित्थडे य असंखेज्जवित्थडे य । तत्थ णं जे से संखेजवित्थडे से णं संखेज्जाइंजोयणसहस्साइं विक्खंभेणं, असंखेज्जाइंजोयणसहस्साइंपरिक्खेवेणं प० तत्थणं जे से असंखेज्जवित्थडे से असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई विक्खंभेणं, असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई परिक्खेवेणं । ५. तमुक्काए णं भंते ! केमहालए प० ? गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे २ जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ते । देवे णं महिड्डीए आव 'इणामेव इणामेव' त्ति कट्ट केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं तिहिं अच्छरानिवाएहिं तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टित्ताणं हव्वमागच्छिज्जा । सेणं देवे ताए उक्किट्ठाए तुरियाए जाव देवगईए वीईवयमाणे वीईवयमाणे जाव एकाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं छम्मासे वीतीवएज्जा, अत्थेगइयं तमुकायं वीतीवएज्जा, अत्थेगइयं तमुकायं नो वीतीवएज्जा । एमहालए णं गोतमा ! तमुक्काए पन्नत्ते। [सु.६-७. तमुक्काए गिह-गामाइअभावपरूवणा] ६. अत्थि णं भंते ! तमुकाए गेहा ति वा, गेहावणा ति वा? ' णो इणढे समढे । ७. अत्थिणं भंते ! तमुकाए गामा ति वा जाव सन्निवेसा तिवा? णो इणढे समढे। [सु.८-९. बलाय-थणियसद्द-बादरविज्जूणं तमुक्काए अत्थित्तं देवाइकारियत्तं च] ८. (१) अत्थि णं भंते ! तमुक्काए ओराला बलाहया संसेयंति, सम्मुच्छंति, वासं वासंति ? हंता, अत्थि। (२) तं भंते ! किं देवो पकरेति, असुरोपकरेति ! नागो पकरेति ? गोयमा ! देवो वि पकरेति, असुरो वि पकरेति, णागो वि पकरेति । ९. (१) अस्थि णं भंते ! तमुकाए बादरे थणियसद्दे, बायरे विज्जुए ? हता, अत्थि। (२) तं भंते ! किं देवो पकरेति ३ ? तिण्णि वि पकरेति । [सु. १०-११. तमुक्काए बादरपुढविकाय-अगणिकायाणं चंद-सूरियाईणं च अभावपरूवणा] १०. अत्थि णं भंते ! तमुकाए बादरे पुढविकाए, बादरे अगणिकाए ? णो तिणढे समढे, णन्नत्थ विग्गहगतिसमावन्नएणं । ११. अत्थि णं भंते ! तमुकाए चंदिम-सूरिय-गहगण णक्खत्त-तारा-रूवा ? णो तिणढे समढे, पलिपस्सतो पुण अत्थि। [सु. १२. तमुक्काए चंदाभा-सूराभाणं णत्थित्तपरूवणा] १२. अत्थि णं भंते ! तमुकाए चंदाभा ति वा, सूराभा तिवा? णो तिणढे समढे, कादूसणिया पुण सा। [सु. १३. तमुक्कायस्सवण्णपरूवणा] १३. तमुक्काए णं भंते ! केरिसए वण्णेणं पण्णत्ते ? गोयमा! काले कालोभासे गंभीरलोमहरिसजणणे भीमे उत्तासणए परमकिण्हे वण्णेणं पण्णत्ते । देवे वि णं अत्थेगतिए जेणं तप्पढमताए पासित्ता GO乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听2TO xexo555555555555555555थी आगमगुणमंजूषा : २८९555555555555555555 556xORY २२ Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR9555555555555555 (५) भगवई इसतं उद्देसक - ५ [७५] 555555555555555secony AGR55555555555555555555555555555555555555555555555Dog रणं खभाएज्जा, अहे णं अभिसमागच्छेज्जा, ततो पच्छा सीह सीहं तुरियं तुरियं खिप्पामेव वीतीवएज्जा। [सु. १४. तमुक्कायस्स नामधेज्जाणि] १४. तमुकायस्सणं भंते ! कति नामधेज्जा पण्णत्ता ? गोयमा ! तेरस नामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा तमे ति वा, तमुकाए ति वा, अंधकारे इ वा, महंधकारे इ वा, लोगंधकारे इ वा, लोगतमिस्से इवा, देवंधकारे ति वा, देवतमिस्से तिवा, देवारण्णे ति वा, देववूहे ति वा, देवफलिहे ति वा. देवपडिक्खोभे ति वा, अरुणादए ति वा समुद्दे। [सु. १५. तमुक्कायस्स आउ -जीव -पुग्गलपरिणामत्तपरुवणा] १५. तमुकाए णं भंते ! किं पुढविपरिणामे आउपरिणामे जीवपरिणामे पोग्गलपरिणामे ? गोयमा ! नो पुढविपरिणामे, आउपरिणामे वि, जीवपरिणामे वि, पोग्गलपरिणामे वि। [सु. १६. सव्वेसिं पाणाईणं तमुक्काए अणंतसो उववन्नपुव्वत्तवत्तव्वया] १६. तमुकाए णं भंते ! सव्वे पाणा भूता जीवा सत्ता पुढविकाइयत्ताए जाव तसकाइयत्ताए उववन्नपुव्वा ? हंता, गोयमा ! असइं अदुवा अणंतखुत्तो, णो चेवणं बादरपुढविकाइयत्ताए वा, बादरअगणिकाइयत्ताए वा। [सु. १७-१८. कण्हराईणं संखा -ठाणाइपरूवणा] १७. कति णं भंते ! कण्हराईओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कण्हराईओ पण्णत्ताओ। १८. कहिणं भंते ! एयाओ अट्ठ कण्हराईओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! उप्पिं सणंकुमार-माहिंदाणं कप्पाणं, हव्विं बंभलोगे कप्पे रिद्वे विमाणपत्थडे, एत्थ णं अक्खाडग -समचउरंससंठाणसंठियाओ अट्ठ कण्हराईओ पण्णत्ताओ, तं जहा पुरत्थिमेणं दो, पच्चत्थिमेणं दो, दाहिणेणं दो, उत्तरेणं दो । पुरत्थिमन्भंतरा कण्हराई दाहिणबाहिरं कण्हराई पुट्ठा, दाहिणभंतरा कण्हराई पच्चत्थिमबाहिरं कण्हराई पुट्ठा, पच्चत्थिमन्भंतरा कण्हराई उत्तरबाहिरं कण्हराई पुट्ठा, उत्तरऽब्भंतरा कण्हराई पुरथिमबाहिरं कण्हराइं पुट्ठा । दो पुरत्थिमपच्चत्थिमाओ बाहिराओ कण्हराईओ छलंसाओ, दो उत्तरदाहिणबाहिराओ कण्हराईओ तंसाओ, दो पुरत्थिमपच्चत्थिमाओ अभिंतराओ कण्हराईओचउरंसाओ, दो उत्तरदाहिणाओ अभितराओ कण्हराईओ चउरंसाओ। “पुव्वावरा छलंसा, तंसा पुण दाहिणुत्तरा बज्झा । अब्भंतर चउरंसा सव्वा वि य कण्हराईओ" ||१|| [सु. १९. कण्हराईणं आयाम- -विक्खंभपरूवणा] १९. कण्हराईओ णं भंते ! केवतियं आयामेणं, केवतियं विक्खंभेणं, केवतियं परिक्खेवेणं पण्णत्ताओ? गोयमा ! असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं आयामेणं, असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई विक्खंभेणं, असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं पण्णत्ताओ। [सु. २०. कण्हराईणं पमाणपरूवणा] २०. कण्हराईओ णं भंते ! केमहालियाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे दीवे जाव अद्धमासं वीतीवएज्जा । अत्थेगतियं कण्हराइं वीतीवएज्जा, अत्थेगइयं कण्हराइंणो वीतीवएज्जा । एमहालियाओणं गोयमा ! कण्हराईओ पण्णत्ताओ। सु. २१-२२. कण्हराईसुमेह -गेहावण -गामाइअभावपरूवणा] २१. अत्थिणं भंते ! कण्हराईसुगेहा ति वा, गेहावणा ति वा ? नो इणटेसमटे। २२. अस्थिणंभंते! कण्हराईसु गामा ति वा० ? णो इणढे समढे। [सु. २३-२४. ओरालबलाय-बादरथणियसद्दाणं कण्हराईसु अत्थित्तं देवकारियत्तं च] २३. (१) अत्थि णं भंते ! कण्ह० ओराला बलाहया सम्मुच्छंति ३? हंता, अत्थि। (२) तं भंते ! किं देवो प० ३? गोयमा ! देवो पकरेति, नो असुरो, नो नागो य।२४. अत्थि णं भंते ! कण्हराईसु बादरे थणियसद्दे ? जहा ओराला (सु. २३) तहा। [सु. २५-२७. कण्हराईसु बादरआउ-अगणि-वणस्सतिकायाणं चंद-सूरिय-चंदाभाईणं च अभावपरूवणा] २५. अत्थि णं भंते ! कण्हराईसु बादरे आउकाए बादरे अगणिकाए बायरे वणप्फतिकाए ? णो इणढे समढे, णऽण्णत्थ विग्गहगतिसमावन्नएणं । २६. अत्थि णं भंते ! ० चंदिमसूरिय०४ प०? णो इणढे समढे । २७. अत्थि णं कण्ह० चंदाभा ति वा २ ? णो इणढे समढे। [सु. २८. कण्हराईणं वण्णपरूवणा] २८. कण्हराईओ णं भंते ! केरिसियाओ वण्णेणं पन्नत्ताओ ? गोयमा ! कालाओ जाव खिप्पामेव वीतीवएज्जा। [सु. २९. कण्हराईणं नामधेज्जाण] २९. कण्हराईणं भंते ! कति नामधेज्जा पण्णत्ता ? गोयमा ! अट्ट नामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा कण्हराई ति वा, मेहराई ति वा, मघा इ वा, माघवती ति वा, वातफलिहे ति वा, वातपलिक्खोमे इवा, देवफलिहे इ वा, देवपलिक्खोभे ति वा। [सु. ३०. कण्हराईणं पुढवी-जीव-पुग्गलपरिणामत्तपरूवणा) ३०. कण्हराईओ णं भंते ! किं पुढविपरिणामाओ, आउपरिणामाओ, जीवपरिणामाओ, पुग्गलपरिणामाओ? गोयमा ! पुढविपरिणामाओ, नो आउपरिणामाओ, जीवपरिणामाओ वि, पुग्गलपरिणामाओ वि। [सु. ३१. सव्वेसिं पाणाईणं कण्हराईसु अणंतसो उववन्नपुव्वत्तवत्तव्वया] ३१. कण्हराईसु णं भंते ! सव्वे पाणा भूया जीवा सत्ता उववन्नपुव्वा ? हंता, गोयमा ! असई rerC555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २९०-55555555555555555555555555#OOR TO乐乐乐乐乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明 Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AG $$$$$555555555 (५) भगवई ६ सतं उद्देसक - ५.६ [७६] 555555555555555OTOR अदुवा अणंतखुत्तो, नो चेवणं बादरआउकाइयत्ताए, बादरअगिणकाइयत्ताए, बादरवणस्सतिकाइयत्ताए वा। सु. ३२-३५. कण्हराइओवासंतरगयलोगंतियविमाणाणं णामाई ठाणाई च] ३२. एयासि णं अट्ठण्हं कण्हराईणं अट्ठसु ओवासंतरेसु अट्ठ लोगंतियविमाणा पण्णत्ता, तं जहा अच्ची अच्चिमाली वइरोयणे पभंकरे चंदाभे सूराभे सुक्कामे सुपतिहाभे, मज्झे रिट्ठाभे। ३३. कहिणं भंते ! अच्ची विमाणे प०? गोयमा ! उत्तरपुरत्थिमेणं । ३४. कहिणं भंते! अच्चिमाली विमाणे प० ? गोयमा! ' पुरस्थिमेणं । ३५. एवं परिवाडीए नेयव्वयं जाव कहिणं भंते ! रिटे विमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुमज्झदेसभागे। [सु. ३६-४०.लोगंतियदेवाणं नामाइं विमाणनामाई परिवारदेवसंखा य] ३६. एतेसु णं अट्ठसु लोगंतियविमाणेसु अट्ठविहा लोगंतिया देवा परिवसंति, तं जहा “सारस्सयमातिच्या वण्ही वरुणा य गद्दतोया य। तुसिया अव्वाबाहा अग्गिच्चा चेव रिट्ठा य" ||२॥ ३७. कहि णं भंते ! सारस्सता देवा परिवसंति ? गोयमा ! अच्चिम्मि विमाणे परिवसंति । ३८. कहि णं भंते ! आदिच्चा देवा परिवसंति ? गोयमा ! अच्चिमालिम्मि विमाणे० । ३९. एवं नेयव्वं जहाणुपुव्वीए जाव कहिणं भंते ! रिट्ठा देवा परिवर्सति ? गोयमा ! रिट्ठम्मि विमाणे। ४०., (१) सारस्सय-मादिच्चाणं भंते ! देवाणं कति देवा, कति देवसता पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्त देवा, सत्त देवसया परिवारो पण्णत्तो। (२) वण्ही-वरुणाणं देवाणं चउद्दस देवा, चउद्दस देवसहस्सा परिवारो पण्णत्तो। (३) गद्दतोय-तुसियाणं देवाणं सत्त देवा, सत्त देवसहस्सा परिवारो पण्णत्तो। (४) अवसेसाणं नव देवा, नव देवसया परिवारो पण्णत्तो। “पढमजुगलम्मि सत्त उ सयाणि बीयम्मि चोद्दस सहस्सा । ततिए सत्त सहस्सा नव चेव सयाणि सेसेसु" ॥३॥ [सु. ४१. लोगंतियविमाणाण पतिट्ठाण-बाहल्ल-उच्चत्त-संठाणाइवत्तव्वया] ४१. (१) लोगंतिगविमाणा णं भंते ! किंपतिहिता पण्णत्ता ? गोयमा ! वाउपतिट्ठिया पण्णत्ता। (२) एवं नेयव्वं 'विमाणाणं पतिठ्ठाणं बाहल्लुच्चत्तमेव संठाणं' । बंभलोयवत्तव्वया नेयव्वा जाव हंता गोयमा ! असतिं अदुवा अणंतखुत्तो, नो चेव णं देवित्ताए। [सु. ४२. लोगंतियदेवाणं ठितिपरूवणा] ४२. लोगंतिगविमाणेसु लोगंतियदेवाणं भंते ! केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ! गोयमा ! अट्ठ सागरोवमाइं ठिती पण्णत्ता। [सु. ४३. लोगंतियविमाण -लोगंताणं अंतरपरूवणा] ४३. लोगंतिगविमाणेहिणं भंते ! केवतियं अबाहाए लोगंते पण्णत्ते ? गोयमा! असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई अबाहाए लोगंते पण्णत्ते । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ॥छट्ठसयस्स उद्देसओ पंचमओ॥६.५||★★★ छट्ठो उद्देसो 'भविए' ★★★ [सु. १-२. चउवीसदंडयाणं आवासाइवत्तव्वयानिद्देसो] १. (१) कति णं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णत्ताओ, तं जहारयणप्पभा जाव तमतमा। (२) रयणप्पभादीणं आवासा भाणियव्वा जाव अहेसत्तमाए। २. एवं जे जतिया आवासा ते भाणियव्वा जाव कति णं भंते! अणुत्तरविमाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच अणुत्तरविमाणा पण्णत्ता, तं जहा-विजए जाव सव्वट्ठसिद्धे । [सु. ३-८. मारणंतियसमुग्घायसमोहयजीवस्स चउवीसदंडएसु आहाराइवत्तव्वया] ३. (१) जीवेणं भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहते, समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु अन्नतरंसि निरयावासंसि नेरइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! तत्थगते चेव आहारेज्ज वा, परिणामेज्ज वा, सरीरं वा बंधेज्जा ? गोयमा ! अत्यंगइए तत्थगते चेव आहारेज वा, परिणामेज्ज वा, सरीरं वा बंधेज्ज, अत्थेगइए ततो पडिनियत्तति, इहमागच्छति, आगच्छित्ता दोच्चं पिमारणंतियसमुग्घाएणं समोहणति, समोहणित्ता इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु अन्नयरंसि निरयावासंसि नेरइयत्ताए उववज्जित्ता ततो पच्छा आहारेज वा परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा। (२) एवं जाव अहेसत्तमा पुढवी । (४) जीवेणं भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहए, २ जे भविए चउसट्ठीए असुरकुमारावाससयसहस्सेसु अन्नतरंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारत्ताए उववज्जित्तए० जहा नेरइया तहा भाणियव्वा जाव थणियकुमारा। ५. (१) जीवेणं भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहए, २ जे भविए असंखेजेसु पुढविकाइयावाससयसहस्सेसु अन्नयरंसि पुढविकाइयावासंसि पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं केवतियं गच्छेज्जा, केवतियं पाउणेज्जा ? गोयमा! लोयंतं गच्छेज्जा, लोयंतं पाउणिज्जा। (२) से णं भंते ! तत्थगए चेव आहारेज्ज वा, परिणामेज वा, सरीरं वा 卐5555 He-r055555555555555555555555555555555 Monourcurricu 5 5555555555555/ श्री आगमगुणमजूषा - २९१5555555555555555555555555EO Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फ्र (५) भगवई ६ सतं उद्देसक ६-७ [ ७७] फफफफफफफफफ बंधेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए तत्थगते चेव आहारेज्ज वा, परिणामेज्ज वा, सरीरं वा बंधेज्ज, अत्थेगइए ततो पडिनियत्तति, २ त्ता इहमागच्छइ, २ त्ता दोच्चं पि मारणंतियसमुग्घाएणं समोहणति, २ त्ता मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागमेत्तं वा संखेज्जतिभागमेत्तं वा, वालग्गं वा, वालग्गपुहुत्तं वा एवं लिक्खं जूयं जवं अंगुलं जाव जोयणकोडिं वा, जोयणकोडाकोडिं वा संखेज्जेसु वा असंखेज्जेसु वा जोयणसहस्सेसु, लोगंते वा एगपदेसियं सेढिं मोत्तूण असंखेज्जेसु पुढविकाइयावाससयसहस्सेस अन्नयरंसि पुढविकाइयावासंसि पुढविकाइयत्ताए उववज्जेत्ता तओ पच्छा आहारेज्ज वा, परिणामेज्ज वा सरीरं वा बंधेज्जा । (३) जहा पुरत्थिमेणं मंदरस्स पव्वयस्स आलावगो भणिओ एवं दाहिणेणं, पच्चत्थिमेणं, उत्तरेणं, उड्डे, अहे । ६. जहा पुढविकाइया तहा एगिदियाणं सव्वेसि एक्वेक्कस्स छ आलावगा भाणियव्वा । ७. जीवे णं भंते ! मारणंतियसमुग्घातेणं समोहते, २ त्ता जे भविए असंखेज्जेसु बेदियावाससयसहस्सेसु अन्नतरंसि बेदियावासंसि बेइंदियत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! तत्थगते चेव० जहा नेरइया । एवं जाव अणुत्तरोववातिया । ८. जीवे णं भंते ! मारणंतियसमुग्घातेणं समोहते, २ जे भविए एवं पंचसु अणुत्तरेसु महतिमहालएसु महाविमाणेसु अन्नयरंसि अनुत्तरविमाणंसि अणुत्तरोववाइयदेवत्ताए उववनित्तए, से णं भंते ! तत्थगते चेव जाव आहारेज्ज वा, परिणामेज्ज वा, सरीरं वा बंधेज्जा | सेवं भंते सेवं भंते ! ति० ॥ ★★★ छट्टो पुढवि उद्देसो समत्तो ॥ ६.६ ॥ ★★★ सत्तमो उद्देसो 'साली' ★** [सु. १ ३. कोट्ठाइआगुत्ताणं सालिआइ-कलायाइ- अयसिआईणं धण्णाणं जोणिकालपरूवणा] १. अह णं भंते! सालीणं वीहीणं गोधूमाणं जवाणं जवजवाणं एतेसि णं धन्नाणं कोट्ठउत्ताणं पल्लाउत्ताणं मंचाउत्ताणं मालाउत्ताणं ओलित्ताणं लित्ताणं पिहिताणं मुद्दियाणं लंछियाणं केवतियं कालं जोणी संचिट्ठति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिण्णि संवच्छराई, तेण परं जोणी पमिलाति, तेण परं जोणी पविद्धंसति, तेण परं बीए अबीए भवति, तेण परं जोणिवोच्छेदे पण्णत्ते समणाउसो ! । २. अह भंते ! कलाय-मसूर तिल मुग्ग-मास-निप्फाव- कुलत्थ - आलिसंदग-सईण-पलिमंथगमादीणं एतेसि णं धन्नाणं० ? जहा सालीणं तहा एयाण वि, नवरं पंच संवच्छराई । सेसं तं चेव । ३. अह भंते ! अयसि कुसुंभग-कोद्दव- कंगु-वरग-रालग कोदूसग सण-सरिसव-मूलगबीयमादीणं एतेसि णं धन्नाणं० ? एताणि वि तहेव, नवरं सत्त संवच्छराई । सेसं तं चेव । [सु. ४-५. मुहुत्ताइ सीसपहेलियापज्जंतस्स गणियकालमाणस्स वित्थरओ परूवणा] ४. एगमेगस्स णं भंते ! मुहुत्तस्स केवतिया ऊसासद्धा वियाहिया ? गोयमा ! असंखेज्जाणं समयाणं समुदयसमितिसमागमेणं सा एगा आवलिय त्ति पवुच्चइ, संखेज्जा आवलिया ऊसासो, संखेज्जा आवलिया निस्सासो । “हट्ठस्स अणवगल्लस्स निरुवकिट्ठस्स जंतुणो । एगे ऊसासनीसासे, एस पाणु त्ति वुच्चति ॥ १॥ “सत्त 'पाणूणि से थोवे, सत्त थोवाई से लवे। लवाणं सत्तहत्तरिए एस मुहुत्ते वियाहिते” ॥२॥ “ तिण्णि सहस्सा सत्त य सयाई तेवत्तरिं च ऊसासा। एस मुहुत्तो दिट्ठो सव्वे हिं अणंतनाणीहिं ’’||३|| ५. एतेणं मुहुत्तपमाणेणं तीसमुहुत्तो अहोरत्तो, पण्णरस अहोरत्ता पक्खो, दो पक्खा मासो, दो मासा उऊ, तिण्ण उऊ अयणे, दो अ संवच्छरे, पंचसंवच्छरिए जुगे, वीसं जुगाई वाससयं, दस वाससयाई वाससहस्सं, सयं वाससहस्साइं वाससतसहस्सं, चउरासीतिं वाससतसहस्साणि से एगे पुव्वंगे, चउरासीतिं पुव्वंगसयसहस्साइं से एगे पुब्वे, एवं तुडिअंगे तुडिए, अडडंगे अडडे, अववंगे अववे, हूहूअंगे हूहूए, उप्पलंगे उप्पले, पउमंगे पउमे, नलिणंगे नलिणे, अत्थनिउरंगे अत्थनिउरे, अउअंगे अउए, पउअंगे पउए य, नउअंगे नउए य, चूलिअंगे चूलिआ य, सीसपहेलिअंगे सीसपहेलिया । एताव ताव गणिए । एतावता गणिस्स विसए। तेण परं ओवमिए । [सु. ६-८ पलिओवमाइ उस्सप्पिणिपज्जंतस्स ओवमियकालमाणस्स वित्थरओ परूवणा] ६. से किं तं ओवमिए ? दुवि पत्ते, तं जहा पलिओवमे य, सागरोवमे य । ७. से किं तं पलिओवमे ? से किं तं सागरोवमे ? “सत्थेण सुतिक्खेण वि छेत्तुं भेत्तुं च जं किर न सक्का । तं परमाणुं सिद्धा वदंति आदिं पमाणाणं” ॥४॥ अनंताणं परमाणुपोग्गलाणं समुदयसमितिसमागमेणं सा एगा उस्सण्हसण्डिया ति वा, सण्हसहिया ति वा, उडुरेणू तिवा, तसरेणू ति वा, रहरेणू ति वा, वालग्गे ति वा, लिक्खा ति वा, जूया ति वा, जवमज्झे ति वा, अंगुले ति वा । अट्ठ उस्सण्हसहियाओ सा एगा ॐ श्री आगमगुणमजूषा २९२ 55 562208 ΣΤΟΥ Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RGAO5555555555555 (५) भगवई ६ सतं उद्दसक - ७-८ [७८] 55555555555555%enog LePro555 सण्हसण्हिया, अट्ठ सण्हसण्हियाओ सा एगा उढरेणू, अट्ठ उड्वरेणूओ सा एगा तसरेणू, अट्ठ तसरेणूओ सा एगारहरेणू अट्ठ रहरेणूओ से एगे देवकुरु-उत्तरकुरुगाणं मणूसाणं वालग्गे, एवं हरिवासरम्मग -हेमवत-एरण्णवताणं पुव्वविदेहाणं मणूसाणं अट्ठ वालग्गा सा एगा लिक्खा, अट्ट लिक्खाओ सा एगा जूया, अट्ठ जूयाओ से एगे जवमझे, अट्ट जवमज्झा से एगे अंगुले, एतेणं अंगुलपमाणेणं छ अंगुलाणि पादो, बारस अंगुलाई विहत्थी, चउव्वीसं अंगुलाणि रयणी, अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी, छण्णउतिं अंगुलाणि से एगे दंडे ति वा, धणू ति वा, जूए ति वा, नालिया ति वा, अक्खे ति वा, मुसले ति वा, एतेणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साइं गाउयं, चत्तारि गाउयाइं जोयणं, एतेणं जोयणप्पमाणेणं जे पल्ले जोयणं आयामविक्खंभेणं, जोयणं उर्ल्ड उच्चत्तेणं तं तिउणं सविसेसं परिरएणं । से णं एगाहिय-बेयाहियतेयाहिय उक्कोसं सत्तरत्तप्परूढाणं संसंटे सन्निचिते भरिते वालग्गकोडीणं, ते णं वालग्गे नो अग्गी दहेज्जा, नो वातो हरेजा, नो कुत्थेज्जा, नो परिविद्धंसेज्जा, नो पूतित्ताए हव्वमागच्छेज्जा । ततो णं वाससते वाससते गते एगमेगं वालग्गं अवहाय जावतिएणं कालेणं से पल्ले खीणे नीरए निम्मले निहिते निल्लेवे अवहडे विसुद्धे भवति । सेतं पलिओवमे । गाहा “एतेसिं पल्लाणं कोडाकोडी हवेज्ज दसगुणिया। तं सागरोवमस्स तु एक्कस्स भवे परीमाणं" ।।५।। ८. एएणं सागरोवमपमाणेणं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा १, तिण्णि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमा २, दो सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमदूसमा ३, एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणिया कालो दूसमसुसमा ४, एक्कवीसं वासहस्साई कालो दूसमा ५, एक्कवीसं वाससहस्साई कालो दूसमदूसमा ६। पुणरवि उस्सप्पिणीए एक्कवीसं वाससहस्साई कालो दूसमदूसमा १ । एक्कवीसं वाससहस्साइं जाव चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा ६ । दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी। दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो उस्सप्पिणी। वीसंसागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणीय उस्सप्पिणी य। [सु. ९. इमीसे ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए भरहवासस्स आगारभावपडोयारपरूवणं] ९. जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए उत्तमट्ठपत्ताए भरहरस्स वासस्स केरिसए आगारभावपडोगारे होत्था ? गोतमा ! बहुसमरमणिज्जे भू-मिमागे होत्था, से जहानामए आलिंगपुक्खरे ति वा, एवं उत्तरकुरुवत्तव्वया नेयव्वा जाव आसयंति सयंति। तीसेणं समाए भारहे वासे तत्थ तत्थ देसे देसे तहिं तहिं बहवे उद्दाला कुद्दाला जाव कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला जाव छव्विहा मणूसा अणुसज्जित्था, तं० पम्हगंधा १ मियगंधा २ अममा ३ तेयली ४ सहा ५ सणिचारी ६ । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिक। सत्तमो सालिउद्देसो समत्तो॥६.७||★★★ अट्ठमो उद्दसो 'पुढवी' *** [सु. १. अठ्ठपुढविपरूवणा] १. कइणं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ पुढवीओ पण्णत्ताओ, तं जहा रयणप्पभा जाव ईसीपब्भारा। [सु. २-३. रयणप्पभाए पुढवीए गेहाइ -गामाईणं अभावपरूवणा] २. अत्थि णं मंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे गेहा ति वा गेहावणा ति वा ? गोयमा ! णो इणढे समढे । ३. अत्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए अहे गामा ति वा जाव सन्निवेसा ति वा ? नो इणढे समढे। [सु.४-७. रयणप्पभाए पुढवीए उरालबलाहय-बादरथणियसद्दाणं अत्थित्तं देव-असुर-नागकारियत्तं च] ४. अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे उराला बलाहया संसेयंति, सम्मुच्छंति, वासं वासंति ? हंता, अत्थि। ५. तिण्णि वि पकरिति-देवो विपकरेति, असुरो विप०, नागो विप०।६. अत्थि णं भंते ! इमीसे रयण० बादरे थणियसद्दे ? हंता, अत्थि। ७. तिण्णि विपकरेति। [सु. ८-१०. रयणप्पभाए पुढवीए बादरअगणिकाय -चंदाइ-चंदाभाईणं अभाव -परूवणा) ८. अत्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए अहे बादरे अगणिकाए ? गोयमा ! नो इणढे समढे, नऽन्नत्थ विग्गहगतिसमावन्नएणं। ९. अत्थि णं भंते ! इमीसे रयण अहे चंदिम जाव तारारूवा ? नो इणढे समढे। १०. अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए चंदाभा ति वा २ ? णो इणढे समढे। [सु. ११-१४. सक्करप्पभाइ तमतमापज्जताणं बितियाइदसमसुत्त - पज्जंतवत्तव्वयानि(सपुव्वयं विसेसवत्तव्वया] ११. एवं दोच्चाए वि पुढवीए भाणियव्वं । १२. एवं तच्चाए विभाणियव्वं, नवरं प्रदेवो विपकरेति, असुरो विपकरेति, णो णागो पकरेति । १३. चउत्थीए वि एवं, नवरं देवो एक्को पकरेति, नो असुरो०, नो नागो पकरेति । १४. एवं हेट्ठिल्लासु सव्वासु ORAC%%%$$$$$$$步牙牙牙牙牙牙555555555555555555 C8乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐 wexxcs55555555FFFFFFFFFFFFF5[ श्री आगमगुणमंजूषा - २९३ 555FFFFFFFFFFFFFFF555555555520 Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PRORG55555555555 外乐明明明明明明 MOR5555555555555555555555555555555555555555555555555xog ROI0555555555555555 (५) भगवई ६ सतं उद्देसक - ८.१ [७९] hhhhhhhhhhhhh552EX देवो एक्को पकरेति। [सु. १५. सोहम्मीसाणेसुगेहाइअभावपरूवणा] १५. अत्थिणं भंते ! सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं अहे गेहा इवा २ ? नो इणद्वे समझे। [सु. १६. म १८. सोहम्मीसाणेसु बलाहय-थणियसद्दाणं अत्थित्तं देव-असुर-कारियत्तं च] १६. अत्थिणं भंते!० उराला बलाहया ? हंता, अत्थि। १७. देवो पकरेति, असुरो विपकरेइ, नो नाओ पकरेइ। १८. एवं थणियसद्दे वि। [सु. १९-२२. सोहम्मीसाणेसु बादरपुढविकाय-अगणिकाय-चंदाइ-गामाइ-चंदाभाईणं अभावपरूवणा] म १९. अत्थि णं भंते !० बादरे पुढविकाए, बादरे अगणिकाए ? नो इणढे समढे नऽन्नत्थ विग्गहगतिसमावन्नएणं । २०. अत्थि णं भंते ! चंदिम० ? णो इणढे समढे।' म २१. अत्थि णं भंते ! गामाइ वा० ? णो इणढे स०।२२. अत्थि णं भंते ! चंदाभा ति वा २ ? गोयमा ! णो इणढे समढे। [सु. २३-२५. सणंकुमाराईसु देवलोएसु पणरसमाइबावीसइम - सुत्तवत्तव्वयापुव्वयं विसेसवत्तव्वया २३. एवं सणंकुमार-माहिदसु, नवरं देवो एगो पकरेति। २४. एवं बंभलोए वि। २५. एवं बंभलोगस्स उवरिं सव्वहिं देवो पकरेति । {सु. २६. तमुक्काय-विविहदेवलोय-रयणप्पभाइपुढवीसु बादरपुढविकायाईणं पंचण्हं पिहप्पिहं अभाववत्तव्वया २६. पुच्छियव्वे य बादरे आउकाए, बादरे तेउकाए, बायरे वणस्सतिकाए। अन्नं तं चेव । गाहा “तमुकाए कप्पपणए अगणी पुढवी य, अगणिं पुढवीसु । आऊ-तेउ-वणस्सति कप्पुवरिम-कण्हराईसु" ॥१॥ [सु. २७-२८. आउयबंधस्स भेयछक्कं चउवीसदंडएसु छविहाउयबंधपरूवणा य] २७. कतिविहे णं भंते ! आउयबंधे पण्णत्ते? गोयमा ! छव्विहेआउयबंधे पण्णत्ते, तं जहा जातिनामनिहत्ताउए गतिनामनिहत्ताउए ठितिनामनिहत्ताउए ओगाहणानामनिहत्ताउए पदेसनामनिहत्ताउए अणुभागनामनिहत्ताउए। २८. एवं दंडओ जाव वेमाणियाणं। [सु. २९-३४. जातिनामनिहत्ताईणं दुवालसण्हं दंडगाणं जीव-चउवीसदंडगसु वत्तव्वया २९. जीवा, णं भंते ! किं जातिनामनिहत्ता गतिनामनिहत्ता जाव अणुभागनामनिहत्ता ? गोतमा ! जातिनामनिहत्ता वि जाव अणुभागनामनिहत्ता वि । ३०. दंडओ जाव वेमाणियाणं । ३१. जीवा णं भंते ! किं जातिनामनिहत्ताउया जाव अणुभागनामनिहत्ताउया ? गोयमा ! जातिनामनिहत्ताउया वि जाव अणुभागनामनिहत्ताउया वि । ३२. दंडओ जाववेमाणियाणं । ३३. एवमेए दुवालस दंडगा भाणियव्वा जीवाणं भंते ! किं जातिनामनिहत्ता १, जातिनामनिहत्ताउया०२, जीवाणं भंते ! किं जातिनामनिउत्ता ३, जातिनामनिउत्ताउया० ४, जातिगोयनिहत्ता ५, जातिगोयनिहत्ताउया ६, जातिगोत्तनिउत्ता ७, जातिगोत्तनिउत्ताउया ८, जातिणामगोत्तनिहत्ता ९, जातिणामगोयनिहत्ताउया १०, जातिणामगोयनिउत्ता ११, जीवा णं भंते ! किं जातिनामगोत्तनिउत्ताउया जाव अणुभागनामगोत्तनिउत्ताउया १२ ? गोतमा ! जातिनामगोयनिउत्ताउया वि जाव अणुभागनामगोत्तनिउत्ताउया वि । ३४. दंडओ जाव वेमाणियाणं। [सु. ३५. लवणसमुद्दाइसयंभूरमणसमुद्दपज्जवसाणाण सरूववण्णणा] ३५. लवणे णं भंते ! समुद्दे किं उस्सिओदए, पत्थडोदए, खुभियजले, अखुभियजले ? गोयमा ! लवणे णं समुद्दे उस्सिओदए, नो पत्थडोदए, खुभियजले, नो अखुभियजले । एत्तो आढत्तं जहा जीवाभिगमे जाव से तेण० गोयमा ! बाहिरया णं दीवा-समुद्दा पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठति, संट्ठाणतो एगविहिविहाणा, वित्थरओ अणेगविहिहाणा, दुगुणा दुगुणप्पमाणतो जाव अस्सिं तिरियलोए असंखेज्जा दीव-समुद्दा सयंभुरमणपज्जवसाणा पण्णत्ता समणाउसो!। [सु. ३६. दीव -समुद्दाणं नामधेज्जा ] ३६. दीव -समुद्दा णं भंते ! केवतिया नामधेज्जेहिं पण्णत्ता ? गोयमा ! जावतिया लोए सुभा नामा, सुभा रूवा, सुभा गंधा, सुभा रसा, सुभा फासा एवतिया णं दीव -समुद्दा नामधेज्जेहिं पण्णत्ता। एवं नेयव्वा सुभा नामा, उद्धारो परिणामो सव्वजीवाणं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति *** छट्ठसयस्स अट्टमो॥६.८॥★★★ नवमो उद्देसो 'कम्म'* * सु. १. नाणावरणाइबंधयजीवाईणं कम्मपयडिबंधजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो १.जीवे णं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्मं बंधमाणे कति कम्मप्पगडीओ बंधइ ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा. अट्ठविहबंधए वा छव्विहबंधए वा । बंधुद्देसो पण्णवणाए नेयव्वो। [सु.२-५. देवं पडुच्च एगवण्ण-एगरूवाइविउव्वणाए बाहिरयपोग्गलपरिआदाणपरूवणा] २. देवे णं भंते ! महिंड्डीए जाव महाणुभागे बाहिरए पोग्गले अपरियादिइत्ता पभू एगवण्णं एगरूवं विउवित्तए ? गोयमा ! नो इणद्वे० । ३. देवे णं भंते ! बाहिरए पोग्गले 5555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - २९४555555555555555555555555555OR Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Korx9555555555555555 (५) भगवई ६ सतं उसक- ९.१० ८०] 55555555555555yFor PAOTO5555555555555555555555555555555555555555555555555drom परियादिइत्तापभू ? हंता, पभू। ४.सेणं भंते ! किं इहगए पोग्गले परियादिइत्ता विउव्वति, तत्थगए पोग्गले परियादिइत्ता विकुव्वति, अन्नत्थगए पोग्गले परियादिइत्ता ८ विउव्वति? गोयमा नो इहगते पोग्गले परियादिइत्ता विउव्वति, तत्थगते पोग्गले परियादिइत्ता विकुव्वति, नो अन्नत्थगए पोग्गले परियादिइत्ता विउव्वति । ५. एवं एतेणं गमेणं जाव एगवण्णं एगरूवं, एगवण्णं अणेगरूवं, अणेगवण्णं एगरूवं, अणेगवण्णं अणेगरूवं, चउण्हं चउभंगो। (सु. ६.१२. देवं पडुच्च पुग्गलाणं वण्णगंध-रस-फासविपरिणामणाए बाहिरयपोग्गलपरिआदाणपरूवणा] ६. देवेणं भंते ! महिड्डीए जाव महाणुभागे बाहिरए पोग्गले अपरियादिइत्ता पभू कालगं पोग्गलं नीलगपोग्गलत्ताए परिणामित्तए य नीलगं पोग्गलं वा कालगपोग्गलत्ताए परिणामित्तए १ गोयमा ! नो इणढे समढे, परियादितित्ता पभू । ७. से णं भंते ।। किं इहगए पोग्गलेते चेव, नवरं परिणामेति त्ति भाणियव्वं । ८. (१) एवं कालगपोग्गलं लोहियपोग्गलत्ताए। (२) एवं कालएण जाव सुक्किलं । ९. एवं णीलएणं जाव सक्किलं । १०. एवं लोहिएणं जाव सुक्किलं । ११. एवं हालिद्दएणं जाव सुक्किलं । १२. एवं एताए परिवाडीए गंध रस-फास० कक्खडफासपोग्गलं मउयफासपोग्गलत्ताए। एवं दो दो गरुय-लहुय २, सीय -उसिण २, णिद्धलुक्ख २, वण्णाइ सव्वत्थ परिणामेइ । आलावगा य दो दो-पोग्गले अपरियादिइत्ता, परियादिइत्ता। [सु. १३. अविसुद्ध-विसुद्धलेस्सदेवस्स अविसुद्ध-विसुद्धलेस्स -देवाइजाणणा-पासणापरूवणा) १३. (१) अविसुद्धलेसेणं भंते ! देवे असमोहतेणं अप्पाणेणं अविसुद्धलेसं देवं देविं अन्नयरं जाणति पासति ? णो इणढे समढे १। (२) एवं अविसुद्धलेसे० असमोहएणं अप्पाणेणं विसुद्धलेसं देवं०? णो इणढे समढे २ । अविसुद्धलेसे० समोहएणं अप्पाणेणं अविसुद्धलेसं देवं० ? णो इणढे समढे ३ । अविसुद्धलेसे० देवे समोहतेणं अप्पाणेणं विसुद्धलेसं देवं? णो इणद्वे समढे ४ । अविसुद्धलेसे० समोहयासमोहएणं अप्पाणेणं अविसुद्धलेसं देवं० ? णो इणढे समढे ५। अविसुद्धलेसे० समोहयासमोहतेणं विसुद्धलेसं देवं?णो इणटे समढे ६ । विसुद्धलेसे० असमोहएणं अप्पाणेणं अविसुद्धलेसं देवं०? णो इणढे समढे ७ । विसुद्धलेसे० असमोहएणं विसुद्धलेसं देवं०? नो इणद्वे समद्वे८। विसुद्धलेसे णं भंते ! देवे समोहएणं० अविसुद्धलेसं देवं० जाणइ० ? हंता, जाणइ० ९ । एवं विसुद्धलेसे० समोहएणं० विसुद्धलेसं देवं जाणइ० १ हंता, जाणइ० १० । विसुद्धलेसे० समोहयासमोहएणं अप्पाणेणं अविसुद्धलेसं देवं जाणइ २? हंता, जाणइ० ११ । विसुद्धलेसे० समोहयासमोहएणं अप्पाणेणं विसुद्धलेसं देवं? हंता, जाणइ०१२। एवं हेडिल्लएहिं अट्ठहिं न जाणइन पासइ, उवरिल्लएहिं चरहिं जाणइ पासइ । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०*** छट्ठसए नवमो उद्देसो ॥६.९ ॥ ** दसमो उद्दसो 'अन्नउत्थी' ★★★ [सु. १. सव्वलोयजीवाणं अन्नजीवाओ सुह-दुहाभिनिवडणविसए अन्नउत्थियमतनिरासपुव्वयं सोदाहरणा निसेहपरूवणा] १. १) अन्नउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेति जावतिया रायगिहे नयरे जीवा एवतियाणं जीवाणं नो चक्किया केइ सुहं वा दहं वा जाव कोलद्विगमातमवि निप्फावमातमवि कलममायमवि मासमायमवि मुग्गमातमवि जूयामायमवि लिक्खमायमवि अभिनिवट्टत्ता उवदंसित्तए, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जंणं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव मिच्छं ते एवमासु, अहं पुण गोतमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि सव्वलोए वियणं सव्वजीवाणं ई णो चक्किया केइ सुहं वा तं चेव जाव उवदंसित्तए। (२) से केणद्वेणं० ? गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे २ जाव विसेसाहिए परिक्खेवेणं पन्नते। देवे णं महिड्डीए जाव महाणुभागे एगं महं सविलेवणं गंधसमुग्गगं गहाय तं अवदालेति, तं अवदालित्ता जाव इणामेव कट्ट केवलकप्पं जंबुद्दीवं २ तिहिं अच्छरानिवातेहिं तिसत्तहत्तो अणुपरियट्टित्ताणं हव्वमागच्छेज्जा, से नूणं गोतमा ! से केवलकप्पे जंबुद्दीवे २ तेहिं घाणपोग्गलेहिं फुडे ? हंता, फुडे । चक्किया णं गोतमा ! केइ तेसिंघाणपोग्गलाणं कोलट्ठियमायमवि जाव उवदंसित्तए ? णो इणट्टे समढे। से तेणटेणं जाव उवदंसेत्तए। [सु. २-५. चेयण्णस्स जीव-चउवीसदंडएसुपरूवणा] २, जीव णं भंते ! जीवे? जीवे जीवे ? गोयमा ! जीवे ताव नियमा जीवे, जीवे वि नियमा जीवे । ३. जीवेणं भंते ! नेरइए ? नेरझ्य जीवे ? गोयमा ! नेरझ्य ताव नियमा जीवे, जीवे पुण सिय नेरइए, सिय अनेरइए । ४. जीवे णं भंते ! असुरकुमारे ? असुरकुमारे जीवे ? गोतमा ! असुरकुमारे ताव नियमा जीवे, जीवे पुण सिय असुरकुमारा, सिय णो :555555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - २९५55555555555555555 X Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PAG.9555555555555555 (५) भगवई ६ सत्तं उद्देसक - १० स. उ. १ [८१] 55555555555555FORON 55555555555555555555555555555555555555555555secxos असुरकुमारे। ५. एवं दंडओ णेयव्वो जाव वेमाणियाणं। [सु. ६-८. 'जीवति' पदस्स जीव-चउवीसदंडएसु परूवणा] ६. जीवति भंते ! जीवे ? जीवे जीवति ? गोयमा ! जीवति ताव नियमा जीवे, जीवे पुण सिय जीवति, सिय नो जीवति । ७. जीवति भंते ! नेरतिए? नेरतिय जीवति ? गोयमा । नेरतिए ताव नियमा जीवति, जीवति पुण सिय नेरतिए, सिय अनेरइ, । ८. एवं दंडओ नेयव्वो जाव वेमाणियाणं। [सु. ९-१०. भवसिद्धियस्स चउवीसदंडएसुपरूवणा| ९. भवसिद्धीए णं भंते ! नेरझ्य? नेरइए भवसिद्धीए? गोयमा ! भवसिद्धीए नेरइए, सिय अनेरइए। नेरतिए विय सिय भवसिद्धीए, सिय अभवसिद्धीए।१०.एवं दंडओ जाव वेमाणियाणं। [सु. ११. अन्नउत्थियमतनिरासपुव्वयं सव्वेसिं पाणाईणं एगंतसायासायवेयणावियारपरूवणा] ११. (१) अन्नउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेति “एवं खलु सव्वे पाणा सव्वे भूया सव्वे जीवा सव्वे सत्ता एगंतदुक्खं वेदणं वेदेति से कहमेतं भंते ! एवं गोतमा ! जंणं ते अन्नउत्थिया जाव मिच्छं ते एवमाहंसु । अहं पुण गोतमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि अत्थेगइया पाणा भूया जीवा सत्ता एगंतदुक्खं वेदणं वेदेति, आहच्च सातं । अत्थिगइया पाणा भूया जीवा सत्ता एगंतसातं वेदणं वेदेति, आहच्च असायं वेयणं वेदेति । अत्थेगइया पाणा भूया जीवा सत्ता वेमाताए वेयणं वेयंति, आहच्च सायमसायं। (२) से केणटेणं० ? गोयमा ! नेरझ्या एगंतदुक्खं वेयणं वेयंति, आहच्च सातं । भवणवति-वाणमंतर-जोइस-वेमाणिया एगतसातं वेदणं वेदेति, आहच्च असायं । पुढविक्काइया जाव मणुस्सा वेमाताए वेदणं वेदेति, आहच्च सातमसातं । से तेणटेणं०। (सु. १२-१३. चउवीसदंडएसु आयसरीरखेत्तोगाढपोग्गलाहारपरूवणा] १२. नेरतिया णं भंते ! जे पोग्गले अत्तमायाए आहारेति ते किं आयसरीरक्खत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेति? अणंतरखेत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेति ? परंपरखेत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेति ? गोतमा ! आयसरीरखेत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेति, नो अणंतरखेत्तोगाढे पोग्गले अत्तमायाए आहारेति, नो परंपरखेत्तोगाढे । १३. जहा नेरइया तहा जाव वेमाणियाणं दंडओ। [सु. १४. केवलिस्स इंदियजाणणा-पासणानिसेहपरूवणा] १४. (१) केवली णं भंते ! आयाणेहिं जाणति पासति ? गोतमा ! नो इणद्वे०। (२) से केणद्वेणं० ? गोयमा ! केवली णं पुरत्थिमेणं मितं पि जाणति अमितं पि जाणति जाव निव्वुडे दंसणे केवलिस्स, से तेणटेणं० । [सु. १५. दसमुद्देसत्थसंगहणीगाहा] १५. गाहा जीवाण सुहं दुक्खं जीवे जीवति तहेव भवियाय । एगंतदुक्खवेदण अत्तमायाय केवली ॥१॥ सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। ॥६.१०॥***छ8 सत्तं समत्तं ॥६॥ सत्तमं सतंक [सु. १. सत्तमसयस्स उद्देसगाणमत्थाहिगारा) १. आहार १ विरति २ थावर ३ जीवा ४ पक्खी ५ य आउ ६ अणगारे । छउमत्थ ८ असंवुड ९ अन्नउत्थि १० दस सत्तमम्मि सते ॥१॥ पढमो उद्देसो 'आहार' ★★★ [सु. २ पढमुद्देसस्स उवुग्घाओ] २. तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वदासी [सु. ३-४. जीव -चउवीसदंडएसु अणाहार -सव्वप्पाहारवत्तव्वया] ३. (१) जीवेणं भंते ! के समयमणाहारए भवति ? गोयमा ! पढमे समए सिय आहारए, सिय अणाहारए। बितिए समए सिय आहारए, सिय अणाहारए। ततिए.समए सिय आहारए, सिय अणाहारए। चउत्थे समए नियमा आहारए। (२) एवं दंडओ। जीवा य एगिदिया य चउत्थे समए । सेसा ततिए समए । ४. (१) जीवे णं भंते ! कं समयं सव्वप्पाहारए भवति ? गोयमा ! पढमसमयोववन्नए वा, चरमसमयभवत्थे वा, एत्थ णं जीवे सव्वप्पाहारए भवति । (२) दंडओभाणियव्वो जाव वेमाणियाणं। [सु. ५. लोगसंठाणपरूवणो] ५. किंसंठिते णं भंते ! लोए पण्णत्ते ? गोयमा ! सुपतिट्ठगसंठिते लोए पण्णत्ते, हेट्ठा वित्थिण्णे जाव उप्पिं उद्धमुइंगाकारसंठिते । तंसि च म णं सासयंसि लोगंसि हेट्ठा वित्थिण्णंसि जाव उप्पिं उद्धमुइंगाकारसंठितंसि उप्पन्ननाणदंसणधरे अरहा जिणे केवली जीवे वि जाणति पासति, अजीवे वि जाणति पासति। ततो पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति। [सु. ६. कडसामाइयस्स समणोवासयस्स किरियावत्तव्वया] ६. (१) समणोवासगस्सणं भंते ! सामाइयकडस्स + समणोवस्सए अच्छमाणस्स तस्स णं भंते ! किं ईरियावहिया किरिया कज्जइ ? संपराइया किरिया कज्जति ? गोतमा ! नो इरियावहिया किरिया कज्जति, संपराइया है किरिया कज्जति। (२) से केणद्वेणं जाव संपराइया०? गोयमा ! समणोवासयस्स णं सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स आया अहिकरणी भवति । GO乐$$$$$$$听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听 । xoros555555555555555555555) श्री आगमगुणमजूषा - २९६555555555555555555555555555OOK Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 55555 (५) भगवई ७ सतं उद्देसक १ [८२] ********ek आयाहिगरणवत्तियं च णं तस्स नो ईरियावहिया किरिया कज्जति, संपराइया किरिया कज्जति । से तेणट्टेणं जाव संपराइया० । [सु. ७-८ समणोवासगस्स वताऽणतिचारवत्तव्वया] ७. समणोवासगस्स णं भंते! पुव्वामेव तसपाणसमारंभे पच्चक्खाते भवति, पुढविसमारंभे अपच्चक्खाते भवति, से य पुढविं खणमाणे अन्नयरं तसं पाणं विहिंसेज्जा, से णं भंते ! तं वतं अतिचरति ? णो इणट्टे समट्ठे, नो खलु से तस्स अतिवाताए आउट्टति । ८. समणोवासगस्स णं भंते! पुव्वामेव वणस्सतिसमारंभे पच्चक्खाते, से य पुढविं खणमाणे अन्नयरस्स रुक्खस्स मूलं छिदेज्जा, से णं भंते! तं वतं अतिचरति ? णो इणट्ठे समट्ठे, नो खलु से तस्स अतिवाताए आउट्टति । [ सु. ९-१०. तहारूवसमण-माहणपडिलाभगस्स समणोवासयस्स लाभचयणापरूवणा] ९. समणोवासए णं भंते! तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएणं एसणिज्जेणं असण- पाण- खाइम- साइमेणं पडिलाभेमाणे किं लभति ? गोयमा ! समणोवासए णं तहारूवं समणं वा माहणं वा जाव पडिलाभेमाणे तहारुवस्स समणस्स वा माहणस्स वा समाहिं उप्पाएति, समाहिकारए णं तमेव समाहिं पडिलभति । १०. समणोवासए णं भंते! तहारूवं समणं वा माहणं वा जाव पडिलाभेमाणे किं चयति ? गोयमा ! जीवियं चयति, दुच्चयं चयति, दुक्करं करेति, दुल्लभ लभति, बोहिं बुज्झति ततो पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति । (सु. १११३. अकम्मस्स गतिपरिण्णाणहेऊणं निस्संगताईणं छण्हं सोदाहरणा परूवणा] ११. अत्थि णं भंते! अकम्मस्स गती पण्णायति ? हंता, अत्थि । १२. कह णं भंते ! अकम्मस्स गती पण्णायति ? गोयमा ! निस्संगताए १ निरंगणताए २ गतिपरिणामेणं ३ बंधणछेयणताए ४ निरिंधणताए ५ पुव्वपओगेणं ६ अकम्मस्स गती पण्णायति । १३. (१) कहं णं भंते ! निस्संगताए १ निरंगणलाए २ गतिपरिणामेणं ३ बंधणछेयणताए ४ निरिंघणताए ५ पुव्वप्पओगेणं ६ अकम्मस्स गती पण्णायति ? गो० ! से जहानामए केयि पुरिसे सुक्कं तुंबं निच्छिदं निरुवहतं आणुपुव्वीए परिकम्मेमाणे परिकम्मेमाणे दब्भेहि य कुसेहि य वेढेति, वेढित्ता अट्ठहिं मट्टियालेवेहिं लिंपति, २ उण्हे दलयति, भूइं भूइं सुक्कं समाणं अत्थाहमतारमपोरिसियंसि उदगंसि पक्खिवेज्जा, से नूणं गोयमा ! से तुंबे तेसिं अट्ठण्हं मट्टियालेवाणं गुरुयत्ताए भारि यत्ताए सलिलतलमतिवतित्ता अहे धरणितलपतिट्ठाणे भवति ? हंता, भवति । अहे णं से तुंबे तेसिं अट्ठण्हं मट्टियालेवाणं परिक्खएणं धरणितलमतिवतित्ता उप्पिं सलिलतलपतिट्टाणे भवति ? हंता, भवति । एवं खलु गोयमा ! निस्संगताए निरंगणताएं गतिपरिणामेणं अकम्मस्स गती पण्णायति । (२) कहं णं भंते! बंधणछेदणत्ताए अकम्मस्स गती पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहानामए कलसिंबलिया ति वा, मुग्गसिंबलिया ति वा, माससिंबलिया ति वा, सिंबलिसिंबलिया ति वा, एरंडमिजिया ति वा उण्हे दिण्णा सुक्का समाणी फुडित्ताणं एगंतमंतं गच्छइ एवं खलु गोयमा ! ० । (३) कहं णं भंते! निरिंधणताए अकम्मस्स गती० ? गोयमा ! से जहानामए धूमस्स इंधणविप्पमुक्कस्स उड्डुं वीससाए निव्वाघातेणं गती पवत्तति एवं खलु गोतमा !० । (४) कहं णं भंते! पुव्वप्पयोगेणं अकम्मस्स गती पण्णत्ता ? गोतमा ! से जहानामए कंडस्स कोदंडविप्पमुक्कस्स लक्खाभिमुही निव्वाघातेणं गती पवत्तति एवं खलु गोयमा ! नीसंगयाए निरंगणयाए पुव्वप्पयोगेणं अकम्मस्स गती पण्णत्ता। [सु. १४-१५. जीव- चउवीसदंडएस दुक्खफुसणाइवत्तव्वया] १४. दुक्खी भंते ! दुक्खेणं फुडे ? अदुक्खी दुक्खेणं फुडे ? गोयमा ! दुक्खी दुक्खेणं फुडे, नो अदुक्खी दुक्खेणं फुडे । १५. (१) दुक्खी भंते! नेरतिए दुक्खेणं फुडे ? अदुक्खी नेरतिए दुक्खेणं फुडे ? गोयमा ! दुक्खी नेरतिए दुक्खेणं फुडे, नो अदुक्खी नेरतिए दुक्खेणं फुडे । (२) एवं दंडओ जाव वेमाणियाणं। (३) एवं पंच दंडगा नेयव्वा-दुक्खी दुक्खेणं फुडे १ दुक्खी दुक्खं परियादियति २ दुक्खी दुक्खं उदरेति ३ दुक्खी दुक्खं वेदेति ४ दुक्खी दुक्खं निज्जरेति ५ । [सु. १६. अणाउत्तस्स अणगारस्स गमण-तुयट्टण-वत्थाङ्गहणनिक्खिवणेसु किरियावत्तव्वया) १६. (१) अणगारस्स णं भंते! अणाउत्तं गच्छमाणस्स वा, चिट्टमाणस्स वा, निसीयमाणस्स वा, तुयट्टमाणस्स वा अणाउत्तं वत्थं पडिग्गहं कंबलं पादपुंछणं गेहमाणस्स वा, निक्खिवमाणस्स वा, तस्स णं भंते! किं इरियावहिया किरिया कज्जति ? संपराइया किरिया कज्जति ? गोयमा ! नो ईरियावहिया किरिया कज्जति, संपराइया किरिया कज्जति । (२) से केणट्टेणं० ? गोयमा ! जस्स णं कोह- माण- माया लोभा वोच्छिन्ना भवंति तस्स णं इरियावहिया किरिया कज्जति, नो संपराइया किरिया कज्जति । जस्स णं कोह-माण माया लोभा अवोच्छिन्ना भवंति तस्स णं संपराइया किरिया कज्जति, नो इरियावहिया । अहासुत्तं रियं 454545 श्री आगमगणमंजपा २९७ national 2010 03 598 फ्र Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ G.5555555555555555 (५) भगवई ७ सत्तं उद्देसक - १-२ [८३] 55555555555555550EXOR MO955555555555555555555555555555555555555555555555550 2. रीयमाणस्स इरियावहिया किरिया कज्जति। उस्सुत्तं रीयमाणस्स संपराइया किरिया कज्जति, सेणं उस्सुत्तमेव रियति । से तेणद्वेणं०। (सु. १७-२०. सइंगालादि-6 वीतिगालादि-खेत्तातिवंतादि-सत्थातीतादिपाण-भोयणस्स अत्थपरूवणा) १७. अह भंते ! सइंगालस्स सधूमस्स संजोयणादोसदुट्ठस्स पाणभोयणस्स के अट्ठे पण्णते? गोयमा ! जे णं निग्गंथे वा निग्गंथी वा फासुएसणिज्ज असण-पाण-खाइम-साइमं पडिगाहित्ता मुच्छिते गिद्धे गढिते अज्झोववन्ने आहारं अहारेति एस णं गोयमा ! सइंगाले पाण-भोयणे । जे णं निग्गंथे वा निग्गंथी वा फासुएसणिज्ज असण-पाण-खाइम-साइमं पडिगाहित्ता मयाअप्पत्तियं कोहकिलामं करेमाणे आहारमाहारेति एस णं गोयमा । सधूमे पाण-भोयणे । जे णं निग्गंथे वा २ जाव पडिग्गाहित्ता गुणुप्पायणहेतुं अन्नदव्वेणं सद्धिं संजोएत्ता आहारमाहारेति एस णं गोयमा ! संजोयणादोसदुढे पाण-भोयणे। एस णं गोतमा ! सइंगालस्स सधूमस्स संजोयणादोसदुट्ठस्स पाण-भोयणस्स अट्ठे पण्णत्ते । १८. अह भंते ! वीतिगालस्स वीयधूमस्स संजोयणादोसविप्पमुक्कस्स पाण-भोयणस्स के अढे पण्णत्ते ? गोयमा ! जे णं णिग्गंथे वा २ जाव पडिगाहेत्ता अमुच्छिते जाव आहारेति एस णं गोयमा ! वीतिगाले पाण-भोयणे । जेणं निग्गंथे वा २ जाव पडिगाहेत्ता णो महताअप्पत्तियं जाव आहारेति, एस णं गोयमा ! वीतधूमे पाण-भोयणे। जेणं निग्गंथे वा २ जाव पडिगाहेत्ता जहा लद्धं तहा आहारं आहारेति एस णं गोतमा ! संजोयणादोसविप्पमुक्के पाण -भोयणे । एस णं गोतमा ! वीतिंगालस्स वीतधूमस्स संजोयणादोसविप्पमुक्कस्स पाण-भोयणस्स अट्ठे पण्णत्ते। १९. अह भंते ! खेत्तातिक्कंतस्स कालातिकंतस्स मग्गातिक्वंतस्स पमाणातिवंतस्स पाण -भोयणस्स के अढे पण्णत्ते ? गोयमा! जे णं निग्गंथे वा निग्गंथी वा फासुएसणिज्ज असण-पाण-खाइम-साइमं अणुग्गते सूरिए पडिग्गाहित्ता उग्गते सूरिए आहारं आहारेति एस णं गोतमा ! खेत्तातिक्तते पाण-भोयणे। जे णं निग्गंथे वा २ जाव० साइमं पढमाए पोरिसीए पडिगाहेत्ता पच्छिमं पोरिसिं उवायणावेत्ता आहारं आहारेति एस णं गोयमा ! कालातिकते पाण-भोयणे । जे णं निग्गंथे वा २ जाव० सातिमं पडिगाहित्ता परं अद्धजोयणमेराए वीतिक्कमावेत्ता आहारमाहारेति एस णं गोयमा ! मग्गातिकंते पाण-भोयणे । जेणं निग्गंथे वा निग्गंथी वा फासुएसणिज्जं जाव सातिमं पडिगाहित्ता परं बत्तीसाए कुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ताणं कवलाणं आहारमाहारेति एस णं गोतमा ! पमाणातिवंते पाण-भोयणे । अट्ठकुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे अप्पाहारे, दुवालसकुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे अवड्डोमोयरिया, सोलसकुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे दुभागप्पत्ते, चउव्वीसं कुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते जाव आहारमाहारेमाणे ओमोदरिया, बत्तीसं कुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते समणे निग्गंथे नो पकामरसभोई इति वत्तव्वं सिया। एसणं गोयमा ! खेत्तादिक्कंतस्स कालातिकंतस्स मग्गातिकंतस्स पमाणातिक्कंतस्स पाणभोयणस्स अट्ठे पण्णत्ते। २०. अह भंते ! सत्थातीतस्स सत्थपरिणामितस्स एसियस्स वेसियस्स सामुदाणियस्स पाण-भोयणस्स के अद्वे पण्णत्ते ? गोयमा ! जे णं निग्गंथे वा निग्गंथी वा निक्खित्तसत्थमुसले ववगतमाला-वण्णगविलेवणे ववगतचुय-चइयचत्तदेहं जीवविप्पजढं अकयमकारियमसंकप्पियमणाहूतमकीतकडमणुद्दिढ़ नवकोडीपरिसुद्धं दसदोसविप्पमुक्कं उग्गम-उप्पायणेसणासुपरिसुद्धं वीतिंगालं वीतधूमं संजोयणादोसविप्पमुक्कं असुरसुरं अचवच अदतमविलंबितं अपरिसाडिं अक्खोवंजण -वणाणुलेवणभूतं संयमजातामायावत्तियं संजमभारवहणट्ठयाए बिलमिव पन्नगभूएणं अप्पाणेणं आहारमाहारेति; एस णं गोतमा ! सत्थातीतस्स सत्थपरिणामितस्स जाव पाण - भोयणस्स अट्ठे पन्नत्ते । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति स त्तमसए पढमो उद्देसो समत्तो ॥७.१॥★★★ बीओ उद्देसो 'विरति ★★★ (सु. १. सुपच्चक्खाय-दुपच्चक्खायसरूवं ] १. (१) से नूणं भंते ! सव्वपाणेहिं सव्वभूतेहिंसव्वजीवेहिं सव्वसत्तेहिं 'पच्चक्खायं' इति वदमाणस्स सुपच्चक्खायं भवति ? दुपच्चक्खायं भवति? गोतमा ! सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं पच्चक्खायं' इति वदमाणस्स सिय सुपच्चक्खातं भवति, सिय दुपच्चक्खातं भवति। (२) सेकेणतुणं भंते । एवं वुच्चइ 'सव्वपाणेहिंजाव सिय दुपच्चक्खातं भवति ?' गोतमा ! जस्स णं सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं 'पच्चक्खाय' इति वदमाणस्स णो एवं अभिसमन्नागतं भवति 'इमे जीवा, इमे अजीवा, इमे तसा, इमे थावरा' तस्स णं सव्वपाणेहिं MexoS455555555555555555555555 श्री आरामगुणमंजूषा-२९८55555555555555555555 O THO Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MORO (५) भगवई ७ सतं उद्देसक २ [८४] जाव सव्वसत्तेहिं ‘पच्चक्खायं' इति वदमाणस्स नो सुपच्चक्खायं भवति, दुपच्चक्खायं भवति । एवं खलु से दुपच्चक्खाई सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं 'पच्चक्खायं' इति वदमाणो नो सच्चं भासं भासति, मोसं भासं भासइ, एवं खलु से मुसावाती सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं तिविहं तिविहेणं अस्संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे सकिरिए असंबुडे एगंतदंडे एगंतबाले यावि भवति । जस्स णं सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं 'पच्चक्रखाय' इति वदमाणस्स एवं अभिसमन्नागतं भवति 'इमे जीवा, इमे अजीवा, इमे तसा, इमे थावरा' तस्स णं सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं 'पच्चक्खायं' इति वदमाणस्स सुपच्चक्खायं भवति, नो दुपच्चक्खायं भवति । एवं खलु से सुपच्चक्खाई सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं 'पच्चक्खायं' इति वयमाणे सच्चं भासं भासति, नो मोसं भासं भासति, एवं खलु से सच्चवादी सव्वपाणेहिं जाव सव्वसत्तेहिं तिविहं तिविहेणं संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे अकिरिए संवुडे एगंत अदंडे एगंतपंडिते यावि भवति । से णणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव सिय दुपच्चक्खायं भवति । [सु. २-८. पच्चक्खाणभेय - पभेयपरूवणा] २. कतिविहे णं भंते ! पच्चक्खाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पच्चक्खाणे पण्णत्ते, तं जहा मूलगुणपच्चक्खाणे य उत्तरगुणपच्चक्खाणे य। ३. मूलगुणपच्चक्खाणे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा सव्वमूलगुणपच्चक्खाणे य देसमूलगुणपच्चक्खाणे य। ४. सव्वमूलगुणपच्चक्खाणे णं भंते! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा सव्वातो पाणातिवातातो वेरमणं जाव सव्वातो परिग्गहातो वेरमणं । ५. देसमूलगुणपच्चक्खाणे णं भंते! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा थूलातो पाणातिवातातो वेरमणं जाव थूलातो परिग्गहातो वेरमणं । ६. उत्तरगुणपच्चक्खाणे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजा सव्वुत्तरगुणपच्चक्खाणे य, देसुत्तरगुणपच्चक्खाणे य । ७. सव्वुत्तरगुणपच्चक्खाणे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दसविहे पण्णत्ते, तं जहा “अणागतं १ अतिक्कतं २ कोडीसहितं ३ नियंटियं ४ चेव । सागारमणागारं ५-६ परिमाणकडं ७ निरवसेसं ८” || १ || साकेयं ९ चेव अद्धाए १०, पच्चक्खाणं भवे दसहा । ८. देसुत्तरगुणपच्चक्खाणे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! सत्तविहे पण्णत्ते, तं जहा दिसिव्वयं १ उवभोग परीभोगपरिमाणं २ अणत्थदंडवेरमाणं ३ सामाइयं ४ सावगासियं ५ पोसहोववासो ६ अतिहिसंविभागो ७, अपच्छिममारणंतियसंलेहणा झूसणाऽऽराहणता । (सु. ९-१३. जीव- चउवीसदंडयाणं मूलुत्तरगुणपच्चक्खाणिअपच्चक्खाणीहिं वत्तव्वया] ९. जीवा णं भंते! किं मूलगुणपच्चक्खाणी, उत्तरगुणपच्चक्खाणी, अपच्चक्खाणी ? गोयमा ! जीवा मूलगुणपच्चक्खाणी वि, उत्तरगुणपच्चक्खाणी वि, अपच्चक्खाणी वि । १०. नेरइया णं भंते! किं मूलगुणपच्चक्खाणी० ? पुच्छा । गोतमा ! नेरइया नो मूलगुणपच्चक्खाणी, नो उत्तरगुणपच्चक्खाणी, अपच्चक्खाणी । ११. एवं जाव चउरिदिया । १२. पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य जहा जीवा (सु. ९) । १३. वाणमंतर -जोतिसिय -वेमाणिया जहा नेरइया (सु. १०) । [सु. १४-१६. मूलुत्तरगुणपच्चक्खाणि - अपच्चक्खाणीणं जीवपंचिदियतिरिक्ख मणुयाणं अप्पाबहुयं १४. एतेसि णं भंते ! जीवाणं मूलगुणपच्चक्खाणीणं जाव अपच्चक्खाणीण य कतरे कतरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा मूलगुणपच्चक्खाणी, उत्तरगुणपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा, अपच्चक्खाणी अणंतगुणा । १५ एतेसि णं भंते ! पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं० पुच्छा । गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा पंचिदियतिरिक्खजोणिया मूलगुणपच्चक्खाणी, उत्तरगुणपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा, अपच्चक्खाणी असंखिज्जगुणा । १६. एतेसि णं भंते ! मणुस्साणं मूलगुणपच्चक्खाणीणं० पुच्छा। गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सा मूलगुणपच्चक्खाणी, उत्तरगुणपच्चक्खाणी संखेज्जगुणा, अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा । [सु. १७-२२. जीव- चउवीसदंडयाणं सव्व देसमूलगुणपच्चक्खाणि अपच्चक्खाणीहिं वत्तव्वया] १७. जीवा णं भंते ! किं सव्वमूलगुणपच्चक्खाणी ? देसमूलगुणपच्चक्खाणी ? अपच्चक्खाणी ? गोयमा ! जीवा सव्वमूलगुणपच्चक्खाणी, देसमूलगुणपच्चक्खाणी, अपच्चक्खाणी वि । १८. नेरइयाणं पुच्छा । गोयमा ! नेरतिया नो सव्वमूलगुणपच्चक्खाणी, नो देसमूलगुणपच्चक्खाणी, अपच्चक्खाणी । १९. एवं जाव चउरिदिया । २०. पंचेदियतिरिक्खपुच्छा। गोयमा ! पंचेदियतिरिक्खा नो सव्वमूलगुणपच्चक्खाणी, देसमूलगुणपच्चक्खाणी वि, अपच्चक्खाणी वि । २१. मणुस्सा जहा जीवा । २२. वाणमंतर - जोतिस - वेमाणिया te Education International 2010_03 Personal Use Only مع गगगगगगगतात xt Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 195 (५) भगवई ७ सतं उद्देसक २-३ [८५] 666666666666660 जहा नेरइया । [सु. २३. सव्व देसमूलगुणपच्चक्खाणि अपच्चक्खाणीणं जीव पंचिंदियतिरिक्ख मणुयाणं अप्पाबहुयं ] २३. एतेसि णं भंते ! जीवाणं सव्वमूलगुणपच्चक्खाणीणं देसेमूलगुणपच्चक्खाणीणं अपच्चक्खाणीण य कतरे कतरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा सव्वमूलगुणपच्चक्खाणी । एवं अप्पाबहुगाणि निष्णि वि जहा पढमिल्लए दंडाए (सु. १४-१६), नवरं सव्वत्योवा पंचिदियतिरिक्खजोणिया देसमूलगुणपच्चक्खाणी, अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा । [सु. २४-२६. जीव- चउवीसदंडयाणं सव्व देसुत्तरगुणपच्चक्खाणि अपच्चक्खाणीहिं वत्तव्वया] २४. जीवा णं भंते ! किं सव्वुत्तरगुणपच्चक्खाणी ? देसुत्तरगुणपच्चक्खाणी ? अपच्चक्खाणी ? गोतमा ! जीवा सव्वुत्तरगुणपच्चक्खाणी वि, तिण्णि वि । २५. पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य एवं चेव । २६. सेसा अपच्चक्खाणी जाव वेमाणिया । [सु. २७ सव्व देसुत्तरगुणपच्चक्खाणि अपच्चक्खाणीणं जीव- पंचिंदियतिरिक्ख-मणुयाणं अप्पाबहुयं] २७. एतेसि णं भंते! जीवाणं सव्वुत्तरगुणपच्चक्खाणी०, अप्पाबहुगाणि तिण्णि वि जहा पढमे दंडए (सु. १४-१६) जाव मणूसाणं । [सु. २८. जीवचउवीसदंडयाणं संजत-असंजत-संजतासंजतेहिं वत्तव्वया अप्पाबहुयं च । २८. जीवा णं भंते! किं संजता ? असंजता ? संजतासंजता ? गोयमा ! जीवा संजया वि०, तिण्णि वि, एवं जहेव पण्णवणाए तहेव भाणियव्वं जाव वेमाणिया । अप्पाबहुगं तहेव (सु. १४-१६ ) तिण्ह वि भाणियव्वं । [ सु. २९-३२. जीव - चउवीसदंडयाणं पच्चक्खाणि अपच्चक्खाणि -पच्चक्खाणापच्चक्खाणीहिं वत्तव्वया] २९. जीवा णं भंते! किं पच्चक्खाणी ? अपच्चक्खाणी ? पच्चक्खाणापच्चक्खाणी ? गोतमा ! • जीवा पच्चक्खाणी वि, एवं तिण्णि वि । ३०. एवं मणुस्साण वि । ३१. पंचिदियतिरिक्खजोणिया आदिल्लविरहिया । ३२. सेसा सव्वे अपच्चक्खाणी जाव वेमाणिया । [सु. ३३-३५. पच्चक्खाणि अपच्चक्खाणि पच्चक्खाणापच्चक्खाणीणं जीवाईणं अप्पाबहुयं ] ३३. एतेसि णं भंते! जीवाणं पच्चक्खाणीणं जाव विसेसाहिया वा ? गोमा ! सव्वत्थोवा जीवा पच्चक्खाणी, पच्चक्खाणापच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा, अपच्चक्खाणी अणंतगुणा । ३४. पंचिंदियतिरिक्खजोणिया सव्वत्थोवा पच्चक्खाणापच्चक्खाणी, अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा । ३५. मणुस्सा सव्वत्थोवा पच्चक्खाणी, पच्चक्खाणापच्चक्खाणी संखेज्जगुणा, अपच्चक्खाणी असंखेज्जगुणा । [सु. ३६-३८. जीव- चउवीसदंडयाणं सासतासासतपरूवणा ] ३६. (१) जीवा णं भंते! किं सासता ? असासता ? गोयमा ! जीवा सिय सासता, सिय असासता । (२) से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ 'जीवा सिय सासता, सिय असासता' ? गोतमा ! दव्वट्ठताए सासता, भावट्टयाए असासता । से तेणट्टेणं गोतमा ! एवं वच्च जाव सिय असासता । ३७. नेरइया णं भंते! किं सासता ? असासता ? एवं जहा जीवा तहा नेरइया वि । ३८. एवं जाव वेमाणिया जाव सिय असासता । सेवं भंते ! सेवं भंते । त्ति० । ★ ★ ★ सत्तमस्स बितिओ उद्देसो समत्तो ॥ ७२॥ ★★★ तइआ उद्देसो 'थावर' ★★★ [सु. १-२. वणस्सतिकाइयाणं हेउपुव्वयं सव्वप्पाहार - सव्वमहाहारकालवत्तव्वया] १. वणस्सतिकाइया णं भंते! किं कालं सव्वप्पाहारगा वा सव्वमहाहारगा वा भवंति ? गोयमा ! पाउस-वरिसारत्तेसु णं एत्थ णं वणस्सतिकाइया सव्वमहाहारगा भवंति, तदाणंतरं च णं सरदे, तयाणंतरं च णं हेमंते, तदाणंतरं च णं वसंते, तदाणंतरं च णं गिम्हे । गिम्हासु णं वणस्सतिकाइया सव्वप्पाहारगा भवंति । २. जति णं भंते! गिम्हासु वणस्सइकाइया सव्वप्पाहारगा भवंति, कम्हा णं भंते! गिम्हासु बहवे वणस्सतिकाइया पत्तिया पुप्फिया फलिया हरितगरेरिज्जमाणा सिरीए अतीव अतीव उवसोभेमाणा उवसोभेमाणा चिट्ठति ? गोयमा ! गिम्हासु णं बहवे उसिणजोणिया जीवाय पुग्गलाय वणस्सतिकाइयत्ताए वक्कमंति विउक्तमंति चयंति उववज्जंति, एवं खलु गोयमा ! गिम्हासु बहवे वणस्सतिकाइया पत्तिया पुफिया जाव चिट्ठति । [सु. ३-४. मूलजीवाइपुट्ठाणं मूलाईणं आहारगहणवत्तव्वया] ३. से नूणं भंते! मूला मूलजीवफुडा, कंदा कंदजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा ? हंता, गोतमा ! मूला मूलजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा । ४. जति णं भंते! मूला मूलजीवफुडा जाव बीया बीयजीवफुडा, कम्हा णं भंते ! वणस्सतिकाइया आहारेति ? कहा परिणामेति ? गोयमा ! मूला मूलजीवफुडा पुढविजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेति, तम्हा परिणामेति । कंदा कंदजीवफुडा मूलजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेति, तम्हा Moon श्री आगमगुणमजूषा ३०० Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XGR9555555555555555 (५) भगवई ७ सत्तं उद्देसक - ३ ८६] 3555555555555555OOK परिणामेति । एवं जाव बीया बीयजीवफुडा फलजीवपडिबद्धा तम्हा आहारेति, तम्हा परिणामेति। ।सु. ५. आलुयाइवणस्सताणं अणंतजीवत्तपरूवणा] ५. अह भंते ! आलुए मूलए सिंगबेरे हिरिली सिरिली सिस्सिरिली किट्ठिया छिरिया छीरविरालिया कण्हकंदे वज्जकंदे सूरणकंदे खिलूडे भद्दमुत्था पिंडहलिहा लोही णीहू थिभगा मुग्गकण्णी अस्सकण्णी सीहकण्णी सीहंढी मुसुंढी, जे यावन्ने तहप्पगारा सव्वे ते अणंतजीवा विविहसत्ता ? हंता, गोयमा ! आलुए मूलए जाव अणंतजीवा विविहसत्ता। [सु.६-९. चउवीसदंडयाणं लेस्सं पडुच्च अप्पकम्मतरत्त-महाकम्मतरत्तपरूवणा] ६. (१) सिय भंते ! कण्हलेसे नेरतिए अप्पकम्मतराए, नीललेसे नेरतिए महाकम्मतराए ? हंता, गोयमा ! सिया। (२) से केणटेणं भंते एवं वुच्चति 'कण्हलेसे नेरतिए अप्पकम्मतराए, नीललेसे नेरतिए महाकम्मतराएं ? गोयमा ! ठिति पडुच्च, से तेणटेणं गोयमा ! जाव महाकम्मतराए। ७. (१) सिय भंते ! नीललेसे नेरतिए अप्पकम्मतराए, काउलेसे नेरतिए महाकम्मतराए ? हंता, सिया। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति 'नीललेसे अप्पकम्मतराए, काउलेसे नेरतिए महाकम्मतराए ? गोयमा ! ठितिं पडुच्च, से तेणद्वेणं गोयमा जाव महाकम्मतराए। ८. एवं असुरकुमारे वि, नवरं तेउलेसा अब्भहिया। ९. एवं जाव वेमाणिया, जस्स जति लेसाओ तस्स तति भाणियव्वाओ। जोतिसियस्स न भण्णति । जाव सिय भंते! पम्हलेसे वेमाणिए अप्पकम्मतराए, सुक्कलेसे वेमाणिए महाकम्मतराए ? हंता, सिया। से केणटेणं० सेसं जहा नेरइयस्स जाव महाकम्मतराए। [सु. १०. कम्मणोकम्माणं कमेण वेदणा-णिज्जराभावपरूवणा] १०. (१) से नूणं भंते ! जा वेदणा सा निज्जरा ? जा निज्जरा सा वेदणा? गोयमा ! णो इणढे समढे। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'जा वेयणा न सा निज्जरा, जा निज्जरा न सा वेयणा' ? गोयमा ! कम्मं वेदणा, णोकम्मं निज्जरा । से तेणढेणं गोयमा ! जाव न सा वेदणा। [सु. ११-१२. चउवीसदंडएसु कम्म-णोकम्माणं कमेण वेदणा-निज्जराभावपरूवणा] ११. (१) नेरतियाणं भंते ! जा वेदणा सा निज्जरा ? जा निज्जरा सा वेदणा? गोयमा ! णो इणद्वे समढे। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति नेरइयाणं जा वेदणा न सा निज्जरा, जा निज्जरा न सा वेयणा ? गोतमा ! नेरइयाणं कम्मं वेदणा, णोकम्म निज्जरा। से तेणढेणं गोतमा ! जाव न सा वेयणा । १२. एवं जाव वेमाणियाणं। [सु. १३-१५. वेदित-निजरिताणं ओह-विभागओ पुहत्तपरूवणा] १३. (१) से नूणं भंते ! जं वेदेंसु तं निजरिंसु ? जं निजरिंसु तं वेदेंसु ? णो इणढे समठे। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति 'जं वेदेंसु नो तं निज्जरेंसु, जं निज्जरेंसु नो तं वेदेंसु ? गोयमा ! कम्मं वेदेंसु, नोकम्मं निजरिंसु, से तेणटेणं गोयमा ! जावनोतं वेदेंसु। १४. नेरतिया णं भंते ! जं वेदेसुतं निजरिंसु ? एवं नेरइया वि।१५. एवं जाव वेमाणिया। [सु. १६-१९. वेदिज्जमाण-निजरिज्जमाणाण वेदिस्समाण-निजरिस्समाणाण य ओह-विभागओ पुहत्तपरूवणा] १६. (१) से नूणं भंते ! जं वेदेति तं निजरिति, जं निज्जरेति तं वेदेति ? गोयमा ! नो इणढे समढे। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति जाव 'नो तं वेदेति' ? गोयमा ! कम्मं वेदेति, नोकम्मं निज्जरेति । से तेणद्वेणं गोयमा ! जाव नो तं वेदेति । १७. एवं नेरइया वि जाव वेमाणिया। १८. (१) से नूणं भंते ! जं वेदिस्संति तं निज्जरिस्संति ? जं निज्जरिस्संति तं वेदिस्संति ? गोयमा ! णो इणढे समढे। (२) से केणतुणं जाव ‘णोतं वेदिस्संति' ? गोयमा ! कम्मं वेदिस्संति, नोकम्मं निज्जरिस्संति । से तेणतुणं जाव नो तं निजरि(वेदि)स्संति। १९. एवं नेरतिया वि जाव वेमाणिया। [सु. २०-२२. वेदणासमय-निज्जरासमयाणं ओह-विभागओ पुहत्तपरूवणा) २०. (१) से णूणं भंते! 5 जे वेदणासमए से निज्जरासमए, जे निज्जरासमए से वेदणासमए ? गोयमा! नो इणढे समढे। (२) सेकेणतुणं भंते ! एवं वुच्चति 'जे वेदणासमए न से णिज्जरासमए, जे निज्जरासमए न से वेदणासमए ? गोयमा ! जं समयं वेदेति नो तं समयं निज्जरेति, जं समयं निज्जरेति नो तं समयं वेदेति; अन्नम्मि समए वेदेति, अन्नम्मि समए निज्जरेंति; अन्ने से वेदणासमए, अन्ने से निज्जरासमए । से तेणद्वेणं जाव न से वेदणासमए । २१.१ नेरतियाणं भंते ! जे वेदणासमए से निज्जरासमए ? जे निज्जरासमए से वेदणासमए ? गोयमा ! णो इणढे समढे। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'नेरइयाणं जे वेदणासमए न से निज्जरासमए, जे निज्जरासमए न से मवेदणासमए ?' गोयमा ! नेरइया णं जं समयं वेदेति णो तं समयं निज्जरेति, जं समयं निजरेति नो तं समयं वेदेति; अन्नम्मि समए वेदेति, अन्नम्मि समए निज्जरेति; अन्ने से वेदणासमए, अन्ने से निज्जरासमए । से तेणटेणं जावन से वेदणासमए । २२. एवं जाव वेमाणियाणं। [सु. २३-२४. चउवीसदंडएसुसासयत्तRec95555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३०१ 555555555555555555555555555POK 555555555555555HOTog 5x0555555555555555555555555555555555 Q乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听FCC Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGRO555555555555555 (५) भगवई ७सतं उद्देसक - ३-४.५-६ ८७] $5555555555555与RACE 55+Exo 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 असासयत्तपरूवणा] २३. (१) नेरतिया भंते ! किं सासया, असासया ? गोयमा ! सिय सासया, सिय असासया। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'नेरतिया सिय सासया, सिय असासया' ? गोयमा ! अव्वोच्छित्तिनयट्ठताए सासया, वोच्छित्तिणयट्ठयाए असासया। से तेणटेणं जाव सिय असासया । २४. एवं जाव वेमाणियाणं जाव सिय असासया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति।*** सत्तमसतस्स ततिउद्देसो ॥७.३ ।। चउत्थो उद्देसो 'जीवा' kt [सु. १. चउत्थुद्देसस्स उवुग्घाओ] १. रायगिहे नगरे जाव एवं वदासी [सु. २. छव्विहसंसारसमावन्नजीववत्तव्वयाजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तनिहेसो] २. कतिविहाणं भंते ! संसारसमावन्नगा जीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! छव्विहा संसारसमावन्नगा जीवा पण्णत्ता, तं जहा-पुढविकाइया एवं जहा जीवाभिगमे जाव सम्मत्तकिरियं वा मिच्छत्तकिरियं वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ॥ सत्तमसयस्स चउत्थो॥७.४॥ पंचमो उद्देसो 'पक्खी '** [सु. १. पंचमुद्देसस्स उवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वदासी [सु.२.खहयरपंचेदियजोणीसंगहवत्तव्वयाजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तनिद्देसो] २. खहचरपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! कतिविहे जोणीसंगहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे जोणीसंगहे पण्णत्ते, तं जहा-अंडया पोयया सम्मुच्छिमा । एवं जहा जीवाभिगमे जाव नो चेव णं ते विमाणे वीतीवएज्जा । एमहालया णं गोयमा ! ते विमाणा पण्णत्ता । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिस त्तमसतस्स पंचमोद्देसो॥७.५|| छट्ठो उद्देसो 'आउ' ★★★ [सु. १. छट्ठद्देसस्स उवुग्धाओ] १. रायगिहे जाव एवं वदासी [सु.२-४. चउवीसदंडएसु भवियं जीवं पडुच्च इहगत-उववज्जमाण-उववन्नविवक्खाए आउयबंधवत्तव्वया] २. जीवेणं भंते! जे भविए नेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! किं इहगते नेरतियाउयं पकरेति ? उववज्जमाणे नेरतियाउयं पकरेति ? उववन्ने नेरइयाउयं पकरेति ? गोयमा ! इहगते नेरइयाउयं पकरेइ, नो उववज्जमाणे नेरइयाउयं पकरेइ, नो उववन्ने नेरइयाउयं पकरेइ । ३. एवं असुरकुमारेसु वि। ४. एवं जाव वेमाणिएसु। [सु. ५-६. चउवीसदंडएसु भवियं जीवं पडुच्च इहगत-उववज्जमाण-उववन्नविवक्खाए आउयपडिसंवेदणावत्तव्वया] ५. जीवेणं भंते! जे भविए नेरतिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! किं इहगते नेरतियाउयं पडिसंवेदेति ? उववज्जमाणे नेरझ्याउयं पडिसंवेदेति ? उववन्ने नेरइयाउयं पडिसंवेदेति ? गोयमा ! णो इहगते नेरइयाउयं पडिसंवेदेइ, उववज्जमाणे नेरइयाउयं पडिसंवेदेति, उववन्ने वि नेरइयाउयं पडिसंवेदेति । ६. एवं जाव वेमाणिएसु। [सु. ७-११. चउवीसदंडएसु भवियं जीवं पडुच्च इहगत-उववज्जमाण-उववन्न-विवक्खाए महावेदणाइवत्तव्वया] ७. जीवे णं भंते ! जे भविए नेरतिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! किं इहगते महावेदणे ? उववज्जमाणे महावेदणे ? उववन्ने महावेदणे ? गोयमा ! इहगते सिय महावेयणे, सिय अप्पवेदणे; उववज्जमाणे सिय महावेदणे, सिय अप्पवेदणे; अहेणं उववन्ने भवति ततो पच्छा एगंतदुक्खं वेदणं वेदेति, आहच्च सातं । ८. (१) जीवे णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए पुच्छा । गोयमा ! इहगते सिय महावेदणे, सिय अप्पवेदणे; उववज्जमाणे सिय महावेदणे, सिय अप्पवेदणे; अहे ण उववन्ने भवति ततो पच्छा एगतसातं वेदणं वेदेति, आहृच्च असातं। (२) एवं ॐ जाव थणियकुमारेसु । ९. जीवे णं भंते ! जे भविए पुढविकाएसु उववज्जित्तए पुच्छा। गोयमा ! इहगए सिय महावेदणे, सिय अप्पवेदणे; एवं उववज्जमाणे वि; अहे णं उववन्ने भवति ततो पच्छा वेमाताए वेदणं वेदेति । १०. एवं जाव मणुस्सेसु। ११. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिएसुजहा असुरकुमारेसु (सु.८१)। [सु. १२-१४. जीव-चउवीसदंडएसु अणाभोगनिव्वत्तियाउयत्तपरूवणा] १२. जीवा णं भंते ! किं आभोगनिव्वत्तियाउया ? अणाभोगनिव्वत्तिताउया ? गोयमा ! नो आभोगनिव्वत्तिताउया, अणाभोगनिव्वत्तिताउया । १३. एवं नेरझ्या वि। १४. एवं जाव वेमाणिया। [सु. १५-१८. जीव-चउवीसदंडएसु बंधहेउपुव्वयं कक्कसवेयणीयकम्मबंधपरूवणा] १५. अस्थि णं भंते ! जीवाणं कक्कसवेदणिज्जा कम्मा कति ? हंता, अत्थि। १६. कह णं भंते ! जीवाणं कक्कसवेयणिज्जा कम्मा कज्जति ? गोयमा ! पाणातिवातेणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु गोयमा ! जीवाणं कक्कसवेदणिज्जा कम्मा कजति । १७. अत्थि णं भंते ! नेरइयाणं , कक्क सवेयणिज्जा कम्मा कज्जति ? एवं चेव । १८. एवं जाव वेमाणियाणं । [सु. १९-२२. जीव-चउवीसदंडएसु जीव-मणुस्साणं बंधहेउपुव्वयं FORO555 55555555555555 555555555 明明明明明正 MOR95555555555555555555555 5555555552 meroS4 555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- ३०२॥ 555555555555555OK Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROER9%%%555555555555 लाभगवई मतं उइमक [ ] 555555533333000 अकक्कसवेयणीयकम्मबंधपरूवणा] १९. अत्थिणं भंते ! जीवाणं अकक्कसवेदणिज्जा कम्मा कज्जति ? हंता, अत्थि। २०. कहं णं भंते ! जीवाणं अकक्कसवेदणिना कम्मा कज्जति ? गोयमा ! पाणातिवातवेरमणेणं जाव परिग्गहवेरमणेणं कोहविवेगेणं जाव मिच्छादसणसल्लविवेगेणं, एवं खलु गोयमा! जीवाणं अकक्कसवेदणिज्जा कम्मा कज्जंति । २१. अस्थि णं भंते ! नेरतियाणं अकक्कसवेयणिज्जा कम्मा कज्जति ? गोयमा ! णो इणढे समढे । २२. एवं जाव वेमाणिया। नवरं मणुस्साणं जहा जीवाणं (सु. १९)। [सु. २३-२६. जीव-चउवीसदंडएसु बंधहेउपुव्वयं सातावेदणिज्जकम्मबंधपरूवणा] २३. अत्थि णं भंते ! जीवाणं सातावेदणिज्जा कम्मा कज्जति ? हंता, अस्थि । २४. कह णं भंते ! जीवाणं सातावेदणिज्जा कम्मा कज्जति ? गोयमा ! पाणाणुकंपाए भूयाणुकंपाए जीवाणुकंपाए सत्ताणुकंपाए, बहूणं म पाणाणं जाव सत्ताणं अदुक्खणयाए असोयणयाए अजूरणयाए अतिप्पणयाए अपिट्टणयाए अपरितावणयाए; एवं खलु गोयमा ! जीवाणं सातावेदणिज्जा कम्मा कन्जंति। २५. एवं नेरतियाण वि। २६. एवं जाव वेमाणियाणं। [सु. २७-३०. जीव-चउवीसदंडएसु बंधहेउपुव्वयं असातावेदणिज्नकम्मबंधपरूवणा] २७. अत्थि प्र णं भंते ! जीवाणं असातावेदणिज्जा कम्मा कज्जति ? हंता, अस्थि । २८. कहं णं भंते ! जीवाणं अस्सायावेयणिज्जा कम्मा कज्जति ? गोयमा ! परदुक्खणयाए परसोयणयाए परजूरणयाए परतिप्पणयाए परपिट्टणयाए परपरितावणयाए,बहूणं पाणाणं जाव सत्ताणं दुक्खणताए सोयणयाए जाव परितावणयाए, एवं खलु गोयमा ! जीवाणं असातावेदणिज्जा कम्मा कज्जति । २९. एवं नेरतियाण वि । ३०. एवं जाव वेमाणियाणं। (सु. ३१-३३. दूसमदूसमाए समाए भरहवासस्स भरहवासभूमीए भरहवासमणुयाण य आगारभावपडोयारपरूवणा] ३१.जंबुद्दीवेणं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए दुस्समदुस्समाए समाए उत्तमकट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आकारभावपडोयारे भविस्सति? गोयमा ! काले भविस्सति हाहाभूते भंभाभूए कोलाहलभूते, समयाणुभावेण यणं खरफरुसधूलिमइला दुव्विसहा वाउला भयंकरा वाता संवट्टगा य वाइंति, इह अभिक्खं धूमाहिति य दिसा समंता रयस्सला रेणुकलुसतमपडलनिरालोगा, समयलुक्खयाए य णं अहियं चंदा सीतं मोच्छंति, अहियं सूरिया तवइस्संति, अदुत्तरं च णं अभिक्खणं बहवे अरसमेहा विरसमेहा खारमेहा खत्तमेहा अग्गिमेहा विज्जुमेहा असणिमेहा अपिबणिज्जोदगा वाहिरोगवेदणोदीरणापरिणामसलिला अमणुण्णपाणियगा चंडानिलपयतिक्खधारानिवायपउरं वासं वासिहिति । जेणं भारहे वासे गामागरनगर-खेड-कब्बड-मडंब-दोणमुह-पट्टणाऽऽसमगतंजणवयं, चउप्पयगवेलए खयरेय पक्खिसंधे, गामाऽरण्णपयारनिरए तसेय पाणे बहुप्पगारे,रुक्ख-गुच्छगुम्म-लय-वल्लि-तण-पव्वग-हरितोसहि-पवालंकुरमादीए य तणवणस्सतिकाइए विद्धंसेहिति । पव्वय-गिरि-डोंगरुत्थल-भट्टिमादीए य वेयड्ढगिरिवज्जे विरावेहिति । सलिलबिल-गड्ड-दुग्ग-विसमनिण्णुन्नताई गंगा-सिंधू-वज्जाइं समीकरेहिति । ३२. तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स भूमीए केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सति ? गोयमा ! भूमी भविस्सति इंगालभूता मुम्मुरभूता छारियभूता वेल्लयभूया तत्तसमजोतिभूया धूलिबहुला रेणुबहुला पंकबहुला पणगबहुला चलणिबहुला, बहूणं धरणिगोयराणं सत्ताणं दुनिक्कमा यावि भविस्सति । ३३. तीसे णं भंते ! समाए भारहे वासे मणुयाणं केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सति ? गोयमा ! मणुया भविस्संतिं दुरूवा दुव्वण्णा दुगंधा दूरसा दूफासा, अणिठ्ठा अकंता जाव अमणामा, हीणस्सरा दीणस्सरा अणिहस्सरा जाव अमणामस्सरा, अणादिज्जवयणपच्चायाता निल्लज्जा कूड-कवड-कलह -वह बंध -वेर -निरया मज्जादातिक्कमप्यहाणा अकज्जनिच्चुज्जता गरुनियोगविणयरहिता य विकलरूवा परूढनह -केस - मंसुरोमा काला खरफरुसझामवण्णा फुट्टसिरा कविलपलियकेसा बहुण्हारुसंपिणद्धदुईसणिज्जरूवा संकुडियवलीतरंगपरि वेढियंगमंगा जरापरिणत व्व थेरागनरा पविरलपरिसडियदंतसेढी उन्भडघडमुहा विसमनयणा वंकनासा वंकवलीविगतभेसणमुहा कच्छूकसराभिभूता खरतिक्खनक्खकंडूइयविक्खयतणू दुद्द-किडिभहै सिज्झफुडियफरूसच्छवी चित्तलंगाटोलगति -विसमसंधिबंधणउक्कुडु अद्विगविभत्तदुब्बलकुसंघयणकुप्पमाणकुसंठिता कुरुवा कुट्ठाणासणकुसेज्जकुभोइणो असुइणो अणे गवाहिपरिपीलियंगमंगा खलंतविब्भलगती निरुच्छाहा सत्तपरिवज्जिया विगतचेहनढतेया अभिक्खणं सीय -उण्ह -खर -फरुस - वातविज्झडियमलिणपंसुरउग्गुंडितंगमंगा बहुकोह -माण -माया बहुलोभा असुहदुक्खभागी ओसन्नं धम्मसण्णा -सम्मत्तपरिन्भट्ठा उक्कोसेणं रयणिपमाणमेत्ता reO$4555555555555555555555 श्री भागमगुणमंजूषा ३०३ 14555555555555555555555555FFOTOR NRS555555555555555555555555555555555555555555 Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ७ सतं उद्देसक ६.७ [८९] सोलसवीसतिवासपरमाउसा पुत्त - णत्तुपरियालपणयबहुला गंगा - सिंधूओ महानदीओ वेयहुं च पव्वयं निस्साए बहुत्तरि णिगोदा बीयं बीयामेत्ता बिलवासिणो भविस्संति। [सु. ३४. दूसमदूसमाए भरहवासमणुयाणं आहारपरूवणा] ३४. ते णं भंते! मणुया कमाहारमाहारेहिति ? गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं गंगा - सिंधूओ महानदीओ रहपहवित्थाराओ अक्खसोतप्पमाणमित्तं जलं वोज्झिहिति से वि य णं जले बहुमच्छ- कच्छभाइण्णे च्चेव णं आउबहुले भविस्सति । तए णं ते मया सूरोग्गमणमुहुत्तंसि य सूरत्थमणमुहुत्तंसि य बिलेहिंतो निद्धाहिति, बिलेहिंतो निद्राइत्ता मच्छ- कच्छभे थलाई गाहेहिति, मच्छ- कच्छभे थलाई गाहेत्ता सीतातवतत्तएहिं मच्छ- कच्छएहिं एक्कवीसं वाससहस्साइं वित्तिं कप्पेमाणा विहरिस्संति । [सु. ३५-३७. दूसमदूसमाए समाए भरहवासमणुय सीहादि ढंकादीणं जम्मंतरगइपरूवणा] ३५. ते णं भंते! मणुया निस्सीला णिग्गुणा निम्मेरा निप्पच्चक्खाण-पोसहोववासा उस्सन्नं मंसाहारा मच्छहारा खोद्दाहारा कुणिमाहारा कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिति ? कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! ओसन्नं नरग -तिरिक्खजोणिएसु उववज्जिर्हिति । ३६. ते णं भंते ! सीहा वग्घा विगा दीविया अच्छा तरच्छा परस्सरा णिस्सीला तहेव जाव कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! ओसन्नं नरग - तिरिक्खजोणिएसु उववज्जिहिति । ३७. ते णं भंते ! ढंका कंका विलका मद्दुगा सिही णिस्सीला तहेव जाव ओसन्नं नरग- तिरिक्खजोणिएसु उववज्जिर्हिति । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति० ।★★★ सत्तमसतस्स छट्टो उद्देसो ॥७.६|| सत्तमो उद्देसो 'अणगार' ★★★ [सु. १. संवुडस्स अणगारस्स किरियापरूवणा] १. (१) संवुडस्स णं भंते! अणगारस्स आउत्तं गच्छमाणस्स जाव आउत्तं तुयट्टमाणस्स, आउत्तं वत्थं पडिग्गहं कंबलं पायपुंछणं गिण्हमाणस्स वा निक्खिवमाणस्स वा, तस्स णं भंते! किं इरियावहिया किरिया कज्जति ? संपराइया किरिया कज्जति ? गोतमा ! संवुडस्स णं अणगारस्स जाव तस्स णं इरियावहिया किरिया कज्नति, णो संपराइया किरिया कज्जति । (२) से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ 'संवुडस्सणं जाव नो संपराइया किरिया कज्जति' ? गोयमा ! जस्स णं कोह -माण माया लोभा वोच्छिन्ना भवंति तस्स णं इरियावहिया किरिया कज्जति तव जाव उस्सुत्तं रीयमाणस्स संपराइया किरिया कज्जति, से णं अहासुत्तमेव रीयति; से तेणट्टेणं गोतमा ! जाव नो संपराइया किरिया कज्जति । [ सु. २- ११. कामभोगाणं रूवित्त-सचित्ताचित्तत्त-जीवाजीवत्तपरूवणा जीवनिस्सियत्तं भेयपरूवणा य ॥] २. रूवी भंते! कामा? अरूवी कामा ? गोयमा ! रूवी कामा समणा उसो !, नो अरूवी कामा । ३. सचित्ता भंते ! कामा ? अचित्ता कामा? गोयमा ! सचित्ता वि कामा, अचित्ता वि कामा । ४. जीवा भंते ! कामा ? अजीवा कामा ? गोतमा ! जीवा विकामा, अजीवा वि कामा । ५. जीवाणं भंते! कामा अजीवाणं कामा ? गोयमा ! जीवाणं कामा, नो अजीवाणं कामा । ६. कतिविहा णं भंते! कामा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा कामा पण्णत्ता, तं जहा सद्दा य, रूवा य । ७. रूवी भंते ! भोगा ? अरूवी भोगा ? गोयमा ! रूवी भोगा, नो अरूवी भोगा । ८. सचित्ता भंते ! भोगा ? अचित्ता भोगा ? गोयमा ! सचित्ता वि भोगा, अचित्ता वि भोगा । ९. जीवा भंते! भोगा ?० पुच्छा। गोयमा ! जीवा वि भोगा, अजीवा वि भोगा । १०. जीवाणं भंते ! भोगा ? अजीवाणं भोगा ? गोयमा ! जीवाणं भोगा, नो अजीवाणं भोगा । ११. कतिविहा णं भंते ! भोगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा भोगा पण्णत्ता, तं जहा गंधा, रसा, फासा । [सु. १२. कामभोगाणं पंचभेयपरूवणं ] १२. कतिविहा णं भंते! कामभोगा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा कामभोगा पण्णत्ता, तं जहा सद्दा रूवा गंधा रसा फासा । [सु. १३-१८. जीव - चउवीसदंडएस कामित्त - भोगित्तवत्तव्वया] १३. (१) जीवा णं भंते! किं कामी ? भोगी ? गोमा ! जीवा कमी वि, भोगी वि । (२) से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चति 'जीवा कामी वि, भोगी वि' ? गोयमा ! सोइंदिय - चक्खिदियाइं पडुच्च कामी, घाणिदियजिब्भिंदिय- फासंदियाइं पडुच्च भोगी । से तेणट्टेणं गोयमा ! जाव भोगी वि । १४. नेरइया णं भंते! किं कामी ? भोगी ? एवं चेव । १५. एवं जाव थणियकुमारा । १६. (१) पुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! पुढविकाइया नो कामी, भोगी । (२) से केणट्टेणं जाव भोगी ? गोयमा ! फासिंदियं पडुच्च, से तेणद्वेणं जाव भोगी । (३) एवं जाव वणस्सतिकाइया । १७. (१) बेइंदिया एवं चेव | नवरं जिब्भिदिय - फासिदियाइं पडुच्च । (२) तेइंदिया वि एवं चेव । नवरं घाणिदिय जिब्भिंदिय फासिंदियाई 5 श्री आगमगुणमंजूषा ३०४ 0666666666666666 6666666666666 Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ७ मतं उद्देसक ७.८ [१०] ********KKKKKK पडुच्च । (३) चउरिदियाणं पुच्छा। गोयमा ! चउरिदिया कामी वि भोगी वि। से केणट्टेणं जाव भोगा वि ? गोयमा ! चक्खिदियं पडुच्च कामी, घाणिदियजिब्मिदिय-. फासिदियाइं पडुच्च भोगी । से तेणद्वेणं जाव भोगी वि । १८. अवसेसा जहा जीवा जाव वेमाणिया । [ सु. १९. कामभोग - नोकामि- नोभोगि-भोगीणं जीवाणमप्पाबहुयं ] १९. एतेसि णं भंते! जीवाणं कामभोगीणं, नोकामीणं, नोभोगीणं, भोगीण य कतरे कतरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा कामभोगी, नोकामी नोभोगी अनंतगुणा, भोगी अनंतगुणा । [सु. २०-२३. भवियदेव-भवियआहोहिय-भवियपरमाहोहिय- भवियकेवलीणं खीणदेहाणं मणुस्साणं भोगित्तपरूवणा] २० छउमत्थे णं भंते! मणुस्से जे भविए अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववज्जित्तए, से नूणं भंते! से खीणभोगी नो पभू उट्ठाणेणं कम्मेणं बलेणं वीरिएणं पुरिसक्कारपरक्कमेणं विउलाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरित्तए, से नूणं भंते! एयमहं एवं वयह ? गोयमा ! णो इणठ्ठे समठ्ठे, पभू णं से उट्ठाणेण वि कम्मेण वि 5555555 विवरण व पुरिसक्कारपरक्कमेण वि अन्नयराइं विपुलाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए, तम्हा भोगी, भोगे परिच्चयमाणे महानिज्जरे महापज्जवसाणे भवति । २१. आहोहिए णं भंते ! मणुस्से जे भविए अन्नयरेसु देवलोएसु०, एवं चेव जहा छउमत्थे जाव महापज्जवसाणे भवति । २२. परमाहोहिए णं भंते! मणुस्से जे भविए तेणं चेव भबग्गहणेणं सिज्झित्तए जाव अंतं करेत्तए, से नूणं भंते! से खीणभोगी० सेसं जहा छउमत्थस्स । २३. केवली णं भंते! मणूसे जे भविए तेणं चेव भवग्गहणेणं० एवं चेव जहा परमाहोहिए जाव महापज्जवसाणे भवति । [सु. २४. असण्णीणं अकामनिकरणवेदणापरूवणा] २४. जे इमे भंते ! असण्णिणो पाणा, तं जहा पुढविकाइया जाव वणस्सतिकाइया छट्टा य एगइया तसा, एते णं अंधा मूढा तमं पविट्ठा तमपडलमोहजालपलिच्छन्ना अकामनिकरणं वेदणं वेदेतीति वत्तव्वं सिया ? हंता, गोयमा ! जे इमे असण्णिणो पाणा जाव वेदणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया । [ सु. २५-२६. रुवाइदंसणसमत्थस्स वि हेउनिद्देसपुव्वयं अकामनिकरणवेदणापरूवणा] २५. अत्थि णं भंते! पभू वि अकामनिकरणं वेदणं वेदेति ? हंता, गोयमा ! अत्थी । २६. कहं णं भंते! पभू वि अकामनिकरणं वेदणं वेदेति ? गोतमा ! जे णं णोपभू विणा पदीवेणं अंधकारंसि रूवाइं पासित्तए, जे णं नोपभू पुरतो रुवाई अणिज्झाइत्ताणं पासित्तए, जेणं नोपभू मग्गतो रुवाई अणवयक्खित्ताणं पासित्तए, जे णं नोपभू पासतो रुवाई अणवलोएत्ताणं पासित्तए, जेणं नोपभू उडुंरूवाइं अणालोएत्ताणं पसित्तए, जे णं नोपभू अहे रुवाई अणालोएत्ताणं पसित्तए, एस णं गोतमा ! पभू वि अकामनिकरणं वेदणं वेदेति । [ सु. २७-२८. रुवाइदंसणसमत्थस्स वि हेउनिद्देसपुव्वयं पकामनिकरणवेदणपरूवणा] २७. अत्थि णं भंते! पभू वि पकामनिकरणं वेदणं वेदेति ? हंता, अत्थि । २८. कहं णं भंते! पभू वि पकामनिकरणं वेदणं वेदेति ? गोयमा ! जे णं नोपभू समुद्दस्स पारं गमित्तए, जे णं नो पभू समुद्दस्स पारगताई रुवाई पासित्तए, जेणं नोपभू देवलोगं गमित्तए, जेणं नो पभू देवलोगगताई रुवाई पासित्तए एस णं गोयमा ! भूि पकामनिकारणं वेदणं वेदेति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥ ★★★ ॥ सत्तमस्स सत्तमो उद्देसओ समत्तो ।। ७.७ ।। अट्टमो उद्दसो 'छउमत्थ' ★★★ [सु. १. छउमत्थाइ-केवलीणं कमसो असिज्झणाइ - सिज्झणाइपरूवणनिद्देसो ] १. छउमत्थे णं भंते ! मणूसे तीयमणंतं सासयं समयं केवलेणं संजमेणं एवं जहा पढमसते चउत्थे उद्देसए (सु. १२-१८) तहा भाणियव्वं जाव अलमत्थु । [सु. २. हत्थि कुंथूणं समजीवत्तपरूवणे रायपसेणइज्जसुत्तनिद्देसो] २. से णूणं भंते ! हत्थिस्स य कुंथुस्स य समे चैव जीवे ? हंता, गोयमा ! हत्थिस्स य कुंथुस्स य एवं जहा रायपसेणइज्जे जाव खुडियं वा, महालियं वा, से तेणट्टेणं गोयमा ! जाव समे चेव जीवे। [सु. ३-४. चउवीसदंडएसु पावकम्मकरण निज्जिणणाई पडुच्च कमसो दुह-सुहपरूवणं ] ३. नेरइयाणं भंते! पावे कम्मे जे य कडे, जे यकज्जति, जे य कज्जिस्सति सव्वे से दुक्खे ? जे निज्जिण्णे से णं सुहे ? हंता, गोयमा ! नेरइयाणं पावे कम्मे जाव सुहे । ४. एवं जाव वेमाणियाणं । [सु. ५-६. चउवीसदंडएसु दसविहसण्णापरूवणा] ५. कति णं भंते ! सण्णाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! दस सण्णाओ पण्णत्ताओ, तं जहा आहारसण्णा १ भयसण्णा २ मेहुणसण्णा ३ परिग्गहसण्णा ४ कोहसण्णा ५ माणसण्णा ६ मायासण्णा ७ लोभसण्णा ८ ओहसण्णा ९ लोगसण्णा १० । ६. एवं जाव वेमाणियाणं । [ सु. ७. नेरइएस दसविहवेयणापरूवणा] ७. नेरइया दसविहं वेयणं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा सीतं उसिणं खुहं पिवासं कंडुं परज्झं जरं दाहं भयं सोगं । [ सु. ८. ॐॐॐॐॐॐ श्री आगमगुणमंजूषा ३०५ Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 95 (५) भगवई ७ सतं उद्देसक ८-९ [९] हत्थिकुंथूणं अपच्चक्खाणकिरियाए समाणत्तपरूवणं ] ८. (१) से नूण भंते ! हत्थिस्स य कुंथुस्स य समा चेव अप्पक्खाण किरिया कज्जति ? हंता, गोयमा ! स्य कुंथु जाव कज्जति । (२) से केणद्वेणं भंते । एवं वुच्चइ जाव कज्जति ? गोयमा ! अविरतिं पडुच्च । से तेणट्टेणं जाव कज्जति । [ सु. ९. आहाकम्मभोइणो बंधादिपरूवणनिद्देसो ] ९. आहाकम्मं णं भंते! भुंजमाणे किं बंधति ? किं पकरेति ? किं चिणाति ? किं उवचिणाति ? एवं जहां पढमे जहा पढमे सते नवमे उद्देसए (सु. २६) तहा भाणियव्वं जाव सासते पंडिते, पंडितत्तं असासयं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति | ★★★ ॥सत्तमसयस्स अट्ठमो उद्दसो ।।७.८ ॥ ★★★ नवमो उद्दसो 'असंवुड' ★★★ [सु. १४. असंवुड संवुडाणं अणगाराणं एगवण्ण- एगरूवाइविकुब्वणावत्तव्वया] १. असंवुडे णं भंते ! अणगारे बाहिरए पोग्गले अपरियादिइत्ता पभू एगवण्णं एगरूवं विउव्वित्तए ? णो इणठ्ठे समठ्ठे । २. असंवुडे णं भंते! अणगारे बाहिरए पोग्गले परियादिइत्ता भू एगवण्णं एगरूवं जाव हंता, पभू । ३. से भंते! किं इहगते पोग्गले परियादिइत्ता विउव्वइ ? तत्थगए पोग्गले परियादिइत्ता विउव्वइ ? अन्नत्थगए पोग्गले परियादिइत्ता Paras ? गोयमा ! इहगए पोग्गले परियादिइत्ता विकुव्वइ, नो तत्थगए पोग्गले परियादिइत्ता विकुव्वइ, नो अन्नत्थगए पोग्गले जाव विकुव्वइ । ४. (१) एवं एगवण्णं अणेगरूवं चउभंगो जहा छट्ठसए नवमे उद्देसए (सु. ५) तहा इहावि भाणियव्वं । नवरं अणगारे इहगए इहगए चेव पोग्गले परियादिइत्ता विकुव्वइ । सेसं तं चेव जाव लुक्खपोग्गलं निद्धपोग्गलत्ताए परिणामेत्तए ? हंता, पभू । (२) से भंते! किं इहगए पोग्गले परियादिइत्ता जाव (सु. ३) नो अन्नत्थगए पोग्गले परियादिइत्ता विकुब्वइ। [सु. ५. महासिलाकंटयसंगामे कोणियस्स जयो] ५. णायमेतं अरहता, सुयमेतं अरहया, विण्णायमेतं अरहया, महासिलाकंटए संगामे महासिलाकंटए संगामे । महासिलाकंटए णं भंते! संगामे वट्टमाणे के जयित्था ? के पराजइत्था ? गोयमा ! वज्जी विदेहपुत्ते जइत्था, नव मल्लई नव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारस वि गणरायाणो पराजइत्था । [सु. ६-१३. महासिलाकंटगसंगामस्स सवित्थरं वण्णणं ] ६. तए णं कूणिए राया महासिलाकंटगं संगामं उद्वितं जाणित्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! उदाई हत्थिरायं परिकप्पेह, हय-गय-रह- जोहकलियं चातुरंगिणं सेणं सन्नाहेह, सन्नाहेत्ता जाव मम एतमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह । ७. तए णं ते कोडुंबियपुरिसा कूणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्ठतुट्ठा जाव अंजलिं कट्टु एवं सामी ! तह'त्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति, पडिसुणित्ता खिप्पामेव छेयायरियोवएसमतिकप्पणाविकप्पेहिं सुनिउणेहिं एवं जहा उववातिए जाव भीमं संगामियं अउज्झं उदारं हत्थिरायं परिकप्पेति हयगय जाव सन्नाहेति, सन्नाहित्ता जेणेव कूणिए राया तेणेव उवा०, तेणेव २ करयल० कूणियस्स रण्णो तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति । ८. तए णं से कूणिए राया जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवा०, २ चा मज्जेणघरं अणुप्पविसति, मज्जण०२ पहाते कतबलिकम्मे कयकोतुयमंगलपायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए सन्नद्धबद्धवम्मियकवए उप्पीलियसरासणपट्टिए पिणद्धगेवेज्जविमलवरबद्धचिंधपट्टे गहियायुहप्पहरणे सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चउचामरवालवीइतंगे मंगलजयसद्दकतालोए एवं जहा उववातिए जाव उवागच्छित्ता उदाई हत्थिरायं दुरूढे । ९. तए णं से कूणिए नरिंदे हारोत्थयसुकयरतियवच्छे जहा उववातिए जाव सेयवरचामराहिं उद्धव्वमाणीहिं उदुव्वामाणीहिं हय-गय-रह-पवरजोहकलिताए चातुरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडे महया भडचडगरवंदपरिक्खित्ते जेणेव महासिलाकंटए संगामे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्चित्ता महासिलाकंटयं संगामं ओयाए, पुरओ य से सक्के देविदे देवराया एवं महं अभेज्जकवयं वइरपडिरूवगं विउव्वित्ताणं चिट्ठति । एवं खलु दो इंदा संगामं संगामेति, तं जहा देविंदे य मणुइंदे य, एगहत्थिणा वि णं पभू कूणिए राया पराजिणित्तए । १०. तए णं से कूणिए राया महासिलाकंटकं संगामं संगामेमाणे नव मल्लई, नव लेच्छई, कासी कोसलगा अट्ठारस वि गणरायाणो हयमहियपवरवीर - घातियविवडियचिंधधय-पडागे किच्छप्पाणगते दिसो दिसिं पडिसेहेत्था । [सु. ११. महासिलाकंटगसंगामसरूवं ] ११. से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चति 'महासिलाकंटए संगामे महासिलाकंटए संगामे' ? गोयमा ! महासिलाकंटए णं संगामेवट्टमाणे जे तत्थ आसे वा हत्थी वा जोहे वा सारही वा तणेण वा कट्टेण वा पत्तेण वा सक्कराए वा 5 श्री आगमगुणमंजूषा ३०६ TOTOK 5 5 5 5 5 5555555555555 Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KKKKKKKKKKKKKKKK (५) भगवई ७ सतं उसक९ [१२] हिम्मत सव्वे से जाणति ' महासिलाए अहं अभिहते महासिलाए अहं अभिहते'; से तेणद्वेणं गोयमा ! महासिलाकंटए संगामे महासिलाकंटए संगामे । [सु. १२१३. महासिलाकंटगसंगामहताणं मणुस्साणं संखा मरणुत्तरगई य] १२. महासिलाकंटए णं भंते! संगामे वट्टमाणे कति जणसतसाहस्सीओ वहियाओ ? गोयमा ! चउरासीतिं जणसतसाहस्सीओ वहियाओ । १३. ते णं भंते! मणुया निस्सीला जाव निप्पच्चक्खाणपोसहोववासा सारुट्टा परिकुविया समरवहिया अणुवसंता कालमासे काले किच्चा कहिं गता ? कहिं उववन्ना ? गोयमा ! ओसन्नं नरग-तिरिक्खजोणिएसु उववन्ना । [सु. १४. रहमुसलसंगामे कोणियस्स जयो] १४. तं रहा, सुतमेतं अरहता, विण्णयमेतं अरहता रहमुसले संगामे रहमुसले संगामे । रहमुसले णं भंते! संगामे वट्टमाणे के जइत्था ? के पराजइत्था ? गोयमा ! वज्जी विदेहपुत्ते चमरे य असुरिदे असुरकुमारराया जइत्था, नव मल्लई नव लेच्छई पराजइत्था । [सु. १५-१८. रहमुसलसंगामवण्णणं ] १५. तए णं से कूणिए राया रहमुसलं संगामं उवट्ठितं०, सेसं जहा महासिलाकंटए, नवरं भूताणंदे हत्थिराया जाव रहमुसलं संगामं ओयाए, पुरतो य से सक्के देविदे देवराया । एवं तहेव - जाव चिट्ठति, मग्गतो य से चमरे असुरिदे असुरकुमारराया एवं महं आयसं किढिणपडिरूवगं विउव्वित्ताणं चिट्ठति, एवं खलु तओ इंदा संगामं संगामेति, तं जहादेविदे मणुइंदे असुरिदे । एगहत्थिणा वि णं पभू कूणिए राया जइत्तए तहेव जाव दिसो दिसिं पडिसेहेत्था। [सु. १६. रहमुसलसंगामसरूवं ] १६. से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चति 'रहमुसले संगामे रहमुसले संगामे' ? गोयमा ! रहमुसले णं संगामे वट्टमाणे एगे रहे अणासए असारहिए अणारोहए समुसले महताजणक्खयं जणवहं जणप्पमद्दे जणसंवट्टकप्पं रुहिरकद्दमं करेमाणे सव्वतो समंता परिधावित्था; से तेणट्टेणं जाव रहमुसले संगामे । [सु. १७-१८. रहमुसलसंगामहताणं मणुस्साणं संखा मरणुत्तरगई य] १७. रहमुसले णं भंते! संगामे वट्टमाणे कति जणसयसाहस्सीओ वहियाओ ? गोयमा ! छण्णउतिं जणसयसाहस्सीओ वहियाओ । १८. ते णं भंते! मणुया निस्सीला जाव (सु. १३) उववन्ना ? गोयमा ! तत्थ णं दस साहस्सीओ एगाए मच्छियाए कुच्छिसि उववन्नाओ, एगे देवलोगेसु उववन्ने, एगे सुकुले पच्चायाते, अवसेसा ओसन्नं नरग-तिरिक्खजोणिएसु उववन्ना । [ सु. १९ सक्कदेविंद - चमरकए कोणियसाहिज्जे उपरूवणं । १९. कम्हा णं भंते ! सक्के देविदे देवराया, चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया कूणियस्स रण्णो साहज्जं दलइत्था ? गोयमा ! सक्के देविदे देवराया पुव्वसंगतिए, चमरे असुरिदे असुरकुमारराया परियायसंगतिए, एवं खलु गोयमा ! सक्के देविंदे देवराया, चमरे य असुरिंदे असुरकुमारराया कूणियस्स रण्णो साहज्जं दलइत्था । [सु. २०. संगामहतमणुस्ससग्गगमणनिरूवगजणमतनिरासपरूवणे रहमुसलसंगामनिओइयनागनत्तुयवरुणस्स तप्पियवयंसस्स य सवित्थरं जुज्झ धम्माराहणाइपरूवणं] २०. (१) बहुजणे णं भंते ! अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति जाव परूवेतिएवं खलु बहवे मणुस्सा अन्नतरेसु उच्चावएसु संगामेसु अभिमुहा चेव पहया समाणा कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवलोएस देवत्ताए उववत्तारो भवंति । से कहमेतं भंते ! एवं ? गोयमा ! जं ञं से बहुजणे अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति जाव उववत्तारो भवंति, जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि (२) एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वेसाली नामं नगरी होत्था । वण्णओ । तत्थ णं वेसालीए णगरीए वरुणे नामं णागनत्तुएपरिवसति अड्डे जाव अपरिभूते समणोवासए अभिगतजीवाजीवे जाव पडिलाभेमाणे छद्वंछद्वेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरति । (३) तए णं से वरूणे णागनत्तुए अन्नया कयाई रायाभिओगेणं गणाभिओगेणं बलाभिओगेणं रहमुसले संगामे आणत्ते समाणे छट्टभत्तिए, अट्ठमभत्तं अणुवट्टेति, अट्ठमभत्तं अणुवट्टेत्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेति, सद्दावेत्ता एवं वदासी- खिप्पामेव भो ! देवाणुप्पिया ! चातुग्घंट आसरहं जुत्तामेव उवावेह ह गय रहपवर नाव सन्नाहेत्ता मम एतमाणत्तियं पच्चप्पिणह । (४) तए णं ते कोटुंबियपुरिसा जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सच्छत्तं सज्झयं जाव उवट्ठावेति, हय-गया-रह जाव सन्नाहेति, सन्नाहित्ता जेणेव वरुणे नागनत्तुए जाव पच्चप्पिणंति । (५) तए णं से वरुणे नागनत्तुए जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छति जहा कूणिओ (सु. ८) जाव पायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिते सन्नद्धबद्ध० सकोरेंटमल्लदामेणं जाव धरिज्जमाणेणं अणेगगणनायग जाव दूयसंधिवाल० सद्धि संपरिवुडे मज्जणघरातो पडिनिक्खमति, पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चातुघंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता चातुर्घटं आसरह 5 श्री आगमगुणमंजूषा ३०७ 6665996959 Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 79 (५) भगवई ७ सतं उद्देसक ९ [१३] दुरूह, दुरूहित्ता हय गय रह जाव संपरिवुडे महता भडचडगर० जाव परिक्खित्ते जेणेव रहमुसले संगामे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता रहमुसलं संगाम ओयाते। (६) तए णं से वरुणे णागनत्तुए रहमुसलं संगामं ओयाते समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-कप्पति मे रहमुसलं संगामं संगामेमाणस्स जे पुि पहणति से पडिहणित्तए, अवसेसे नो कप्पतीति । अयमेतारूवं अभिग्गहं अभिगिन्हित्ता रहमुसलं संगामं संगामेति । (७) तए णं तस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स रहमुसलं संगामं संगामेमाणस्स एगे पुरिसे सरिसए सरित्तए सरिव्वए सरिसभंडमत्तोवगरणे रहेणं पडिरहं हव्वमागते । (८) तए णं से पुरिसे वरुणं णागत्यं एवं वयासी-पहण भो ! वरुणा ! णागणत्तुया ! पहण भो ! वरुणा ! णागणत्तुया ! । तए णं से वरुणे णागणत्तुए तं पुरिसं एवं वदासि नो खलु मे कप्पति देवाणुप्पिया ! पुि अहयस्स पहणित्तए, तुमं चैव पुव्वं पहणाहि । (९) तए णं से पुरिसे वरुणेणं णागणत्तुएणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे धणुं परामुसति, परामुसित्ता उसुं परामुसति, उसुं परामुसित्ता ठाणं ठाति, ठाणं ठिच्चा आयतकण्णायतं उसुं करेति, आयतकण्णायतं उसुं करेत्ता वरुणं णागणत्तुयं गाढप्पहारीकरेति । (१०) तए णं से वरुणे णागणत्तुए तेणं पुरिसेणं गाढप्पहारीकए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे धणुं परामुसति, धणुं परामुसित्ता उसुं परामुसति, उसुं परामुसित्ता, आयतकण्णायतं उसुं करेति, आयतकण्णायतं उसुं करेत्ता तं पुरिसं एगाहच्चं कूडाहच्चं जीवियातो ववरोवेति । (११) तए णं से वरुणे नागणत्तुए तेणं पुरिसेणं गाढप्पहारीकते समाणे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे अधारणिज्जमिति कट्टु तुरए निगिण्हति, तुरए निगिण्हित्ता रहं परावत्तेइ, २ त्ता रहमुसलातो संगामातो पडिनिक्खमति, रहमुसलाओ संगामातो पडिणिक्खमेत्ता एगंतमंतं अवक्कमति, एगंतमंतं अवक्कमित्ता तुरए निगिण्हति, निगिण्हित्ता रहं ठवेति, २ त्ता रहातो पच्चोरुहति, रहातो पच्चोरुहित्ता रहाओ तुरए मोएति, २ तुरए विसज्जेति [ग्रं० ४०००] विसज्जित्ता दब्भसंथारगं संथरेति, संथरित्ता दब्भसंथारगं दुरूहति, दब्भसं० दुरूहित्ता पुरत्थाभिमुहे संपलियंकनिसण्णे करयल जाव कट्टु एवं वयासी नमोऽत्थु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं । नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आइगरस्स जाव संपाविउकामस्स मम धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स । वंदामि णं भगवंतं तत्थगतं इहगते, पासउ मे से भगवं तत्थगते; जाव वंदति नम॑सति, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी पुव्विं पिणं मए समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतियं धूलए पाणातिवाते पच्चक्खाए जावज्जीवाए एवं जाव थूलए परिग्गहे पच्चक्खाते जावज्जीवाए, इयाणिं पिणं अहं तस्सेव भगवतो महावीरस्स अंतियं सव्वं पाणातिवायं पच्चक्खामि जावज्जीवाए, एवं जहा खंदओ (स० २ ० १ सु० ५०) जाव एतं पिणं चरिमेहिं उस्सास - णिस्सासेहिं' 'वोसिरिस्सामि' त्ति कट्टु सन्नाहपट्टं मुयति, सन्नाहपट्टं मुइत्ता सल्लुद्धरणं करेति, सल्लुद्धरणं करेत्ता आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते आणुपुव्वीए कालगते । (१२) तए णं तस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स एगे पियबालवयंसए रहमुसलं संग संगामेमाणे एगेणं पुरिसेणं गाढप्पहारीकए समाणे अत्थामे अबले जाव अधारणिज्जमिति कट्टु वरुणं नागनत्तुयं रहमुसलातो संगामातो पडिनिक्खममाणं पासति, तुर निगिण्हति तु निगिण्हित्ता जहा वरुणे नागनत्तुए जाव तुरए विसज्जेति, विसज्जित्ता दब्भसंथारगं दुरुहति, दब्भसंथारगं दुरुहित्ता पुरत्थाभिमुहे जाव अंजलिं कट्टु एवं वदासी जाई णं भंते! मम पियबालवयंसस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स सीलाई वताइं गुणाई वेरमणाई पच्चक्खाणपोसहोववासाई ताइं णं ममं पि भवंतु त् कट्टु सन्नाहपट्टे मुयइ, सन्नाहपट्टं मुइत्ता सल्लुद्धरणं करेति, सल्लुद्धरणं करेत्ता आणुपुव्वीए कालगते । (१३) तए णं तं वरुणं नागणत्तुयं कालगयं जाणित्ता अहासन्निहितेहिं वाणमंतरेहिं देवेहिं दिव्वे सुरभिगंधोदगवासे वुट्टे, दसद्धवण्णे कुसुमे निवाडिए, दिव्वे य गीयगंधव्वनिनादे कते यावि होत्था । (१४) तणं तस् वरुणस्स नागनत्तुयस्स तं दिव्वं देविडिं दिव्वं देवजुहं दिव्वं देवाणुभागं सुणित्ता य पासित्ता य बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खड़ जाव परूवेति एवं खलु देवाणुप्पिया ! बहवे मणुस्सा जाव उववत्तारो भवंति" । [सु. २१-२२. सोहम्मकप्पोववन्नस्स नागनत्तुयवरुणस्स चवणाणंतरं महाविदेहे सिज्झणा] २१. वरुणे णं भंते! नागनत्तुए कालमासे कालं किच्चा कहिं गते ? कहिं उववन्ने ? गोयमा ! सोहम्मे कप्पे अरुणाभे विमाणे देवत्ताए उववन्ने । तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिती पण्णत्ता । तत्थ णं वरूणस्स वि देवस्स चत्तारि पलिओवमाई ठिती पण्णत्ता । २२. से णं भंते! वरुणे देवे ताओ देवलोगातो आउक्खएणं श्री आगमगुणमंजूषा ३०८ Mero 6666666 Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ G0555555555555555 १० . ..... 155555555555555sex CC%乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐长乐乐乐乐乐乐乐场 भवक्खएणं ठितिक्खएणं०१ जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । [सु. २३-२४. वरुणपियवयंसस्स सुकुलुप्पत्तिकमेण सिज्झणापरूवणा] २३. वरुणस्स णं भंते ! णागणत्तुयस्स पियबालवयंसए कालमासे कालं किच्चा कहिं गते ? कहिं उववन्ने ? गोयमा ! सुकुले पच्चायाते। २४.सेणं भंते ! ततोहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छिहिति ? कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! महाविदह वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०! * सत्तमस्स नवमो उद्दसो ।।७.९।। दसमो उद्देसो 'अन्नउत्थि' ★★★ (सु. १-६. कालोदाइपमुहअन्नउत्थियमिहो कहागए णातपुत्तपरूवियपंचत्थिकायसरूवसंदेहे गोयमकयं समाहाणं] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे होत्था । वण्णओ। गुणसिलए चेइए। वण्णओ। जाव पुढविसिलापट्टए । वण्णओ। २. तस्स णं गुणसिलयस्स चेतियस्स अदूरसामते बहवे अन्नउत्थिया परिवसंति; तं जहा कालोदाई सेलोदाई सेवालोदाई उदए णामुदए नम्मुदए अन्नवालए सेलवालए सुहत्थी गाहावई। ३. तए णं तेसिं अन्नउत्थियाणं अन्नया कयाई एगयओ सहियाणं समुवागताणं सन्निविट्ठाणं सन्निसण्णाणं अयमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था “एवं खलु समणे णातपुत्ते पंच अत्थिकाए पण्णवेति, तं जहा धम्मत्थिकायं जाव आगासत्थिकायं । तत्थ णं समणे णातपुत्ते चत्तारि अस्थिकाए अजीवकाएपण्णवेति, तं० धम्मत्थिकायं अधम्मत्थिकायं आगासत्थिकार्यपोग्गलत्थिकायं। एगं च समणे णायपुत्ते जीवत्थिकायं अरूविकायं जीवकायं पन्नवेति । तत्थ णं समणे णायपुत्ते चत्तारि अत्थिकाए अरूविकाए पन्नवेति, तं जहा धम्मत्थिकायं अधम्मत्थिकायं आगासत्थिकायं जीवत्थिकायं । एगं च णं समणे णायपुत्ते पोग्गलत्थिकायं रूविकायं अजीवकायं पन्नवेति । से कहमेतं मन्ने एवं ?। ४. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणेभगवं महावीरे प्र जाव गुणसिलए समोसढे जाव परिसा पडिगता। ५, तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूती णाम अणगारे गोतमगोत्ते णं एवं जहा बितियसते नियंठुद्देसए (स० २ उ०५ सु० २१-२३) जाव भिक्खायरियाए अडमाणे अहापज्जत्तं भत्त-पाणं पडिग्गहित्ता रायगिहातो जाव अतुरियमचवलमसंभंते जाव रियं सोहेमाणे सोहेमाणे तेसिं अन्नउत्थियाणं अदूरसामंतेणं वीइवयति । ६. (१) तए णं ते अन्नउत्थिया भगवं गोयमं अदूरसामंतेणं वीइवयमाणं पासंति, पासेत्ता अन्नमन्नं सद्दावेति, अन्नमन्नं सद्दावेत्ता एवं वयासी “एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमा कहा अविप्पकडा, अयं च णं गोतमे अम्हं अदूरसामंतेणं वीतीवयति, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं गोतमं एयमट्ठ पुच्छित्तए" त्ति कट्ट अन्नमन्नस्स अंतिए एयमढे पडिसुणेति, पडिसुणित्ता जेणेव भगवं गोतमे तेणेव उवागच्छंति, तेणेव उवागच्छित्ता भगवं गोतमं एवं वदासी एवं खलु गोयमा ! तव धम्मायरिए धम्मोवदेसए समणे णायपुत्ते पंच अस्थिकाए पण्णवेति, तं जहा धम्मत्थिकायं जाव आगासत्थिकायं, तं चेव जाव रूविकायं अजीवकायं पण्णवेति, से कहमेयं भंते ! गोयमा ! एवं ? (२) तए णं से भगवं गोतमे ते अन्नउत्थिए एवं वयासी “नो खलु वयं देवाणुप्पिया ! अत्थिभावं 'नत्थि' त्ति वदामो, नत्थिभावं 'अत्थि'त्ति वदामो । अम्हे णं देवाणुप्पिया ! सव्वं अत्थिभावं 'अत्थी'ति वदामो, सव्वं नत्थिभावं 'नत्थी'ति वदामो । तं चेदसा खलु तुब्भे देवाणुप्पिया ! एतमट्ठ सयमेव पच्चुविक्खह' त्ति कट्ट ते अन्नउत्थिए एवं वदति । एवं वदित्ता जेणेव गुणसिलए चेतिए जेणेव समणे० एवं जहा नियंठुद्देसए (स०२ उ०५ सु० २५१) जाव भत्त-पाणं पडिदंसेति, भत्त-पाणं पडिदंसेत्ता समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वंदित्ता नमंसित्ता नच्चासन्ने जाव पज्जुवासति। [सु.७-११. कालोदाइकयाए पंचत्थिकायसंबंधियविविहपुच्छाए णातपुत्तकयं समाहाणं ] ७. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे महाकहापडिवन्ने यावि होत्था, कालोदाई यतं देसं हव्वमागए। ८. 'कालोदाईति समणे भगवं महावीरे कालोदाई एवं वदासी “से नूणं ते कालोदाई ! अन्नया कयाई एगयओ सहियाणं समुवागताणं सन्निविट्ठाणं तहेव (सु. ३) जाव से कहमेतं मन्ने एवं ? से नूणं ' कालोदाई ! अत्थे समडे ? हंता, अत्थि। तं सच्चे णं एसमढे कालोदाई !, अहं पंच अत्थिकाए पण्णवेमि, तं जहा धम्मत्थिकायं जाव पोग्गलत्थिकायं । तत्थ णं अहं ॐ चत्तारि अस्थिकाए अजीवकाए पण्णवेमि तहेव जाव एगं च णं अहं पोग्गलत्थिकायं रूविकायं पण्णवेमि । ९. तए णं से कालोदाई समणं भगवं महावीरं एवं 乐乐乐听听听听听听听听听听听听乐乐玩玩乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐 555555555555555POR reryof5555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा १०३०९०555555555555555555555555555OOR Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ७ सतं उद्देसक १० [१५] फफफफफफफफ वदासी एयंसि णं भंते ! धम्मत्थिकायंसि अधम्मत्थिकायंसि आगासत्थिकायंसि अरूविकायंसि अजीवकायंसि चक्किया केइ आसइत्तए वा सइत्तए वा चिट्ठित्तए वानसीदित्त वा यट्टित्तए वा ? णो इणट्ठे समट्ठे कालोदाई ! । एगंसि णं पोग्गलत्थिकायंसि रूविकायंसि अजीवकायंसि चक्किया केइ आसइत्तए वा सइत्तए वा जाव तुयट्टित्तए वा । १०. एयंसि णं भंते! पोग्गलत्थिकायंसि रूविकायंसि अजीवकायंसि जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजुत्ता कज्जंति ? णो इणट्टे समट्ठे कालोदाई ! । ११. एयंसि णं जीवत्थिकायंसि अरूविकायंसि जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजुता कज्जंति ? हंता, कज्जति । [ सु. १२. कालोदाइस्स निग्गंथपव्वज्जाराहणं विहरणं च] १२. एत्थ णं से कालोदाई संबुद्धे समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी इच्छामि णं भंते! तुब्भं अंतिए धम्मं निसामित्तए एवं जहा खंदए (स० २ उ० १ सु० ३२-४५) तहेव पव्वइए, तहेव एक्कारस अंगाई जाव विहरति । [ सु. १३. भगवओ महावीरस्स जणवयविहारो | १३. तए णं समणे भगवं महवीरे अन्नया कयाई रायगिहातो णगरातो गुणसिल० पडिनिक्खमति, २ बहिया जणवयविहारं विहरइ । [सु. १४-१८. कालोदाइकयाए पावकम्म-कल्लाणकम्मफलविवागपुच्छाए भगवओ समाहाणं ] १४. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे, गुणसिलए चेइए। तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाइ जाव समोसढे, परिसा जाव पडिगता । १५. तए णं से कालोदाई अणगारे अन्नया कयाई जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वदासि अत्थि णं भंते! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजुत्ता कज्जंति ? हंता, अत्थि । १६. कह GK666666666666 भंते! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवागसंजुत्ता कज्नंति ? कालोदाई ! से जहानामए केइ पुरिसे मणुण्णं थालीपागसुद्धं अट्ठारसवंजणाकुलं विससंमिस्सं भोयणं भुंना, तस्स भयणस्स आवाते भद्दए भवति, ततो पच्छा परिणममाणे परिणममाणे दुरूवत्ताए दुग्गंधत्ताए जहा महस्सवए (सु. ६ उ० ३ सु० २१ ) जाव भुज्जो भुज्जो परिणमति, एवामेव कालोदाई ! जीवाणं पाणातिवाए जाव मिच्छादंसणसल्ले, तस्स णं आवाते भद्दए भवइ, ततो पच्छा परिणममाणे परिणममाणे दुरूवत्ताए जाव भुज्जोभुज्जो परिणमति, एवं खलु कालोदाई ! जीवाणं पावा कम्मा पावफलविवाग० जाव कज्जति । १७. अत्थि णं भंते ! जीवाणं कल्लाणा कम्म कल्लाणफलविवागसंजुत्ता कज्जंति ? हंता, कज्जति । १८. कहं णं भंते ! जीवाणं कल्लाणा कम्मा जाव कज्जंति ? कालोदाई ! से जहानामए केइ पुरिसे मणुण्णं थालीपागसुद्धं अट्ठारसवंजणाकुलं ओसहसम्मिस्सं भोयणं भुंजेज्जा, तस्स णं भोयणस्स आवाते णो भद्दए भवति, तओ पच्छा परिणममाणे परिणममाणे सुरूवत्ताए सुवण्णत्ताए जाव सुहत्ताए, नो दुक्खत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमति । एवामेव कालोदाई ! जीवाणं पाणातिवातवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे कोहविवेगे जाव मिच्छादंसणसल्लविवेगे तस्स णं आवाए नो भद्दए भवइ, ततो पच्छा परिणममाणे परिणममाणे सुरूवत्ताए जाव सुहत्ताए, नो दुक्खत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमइ, एवं खलु कालोदाई ! जीवाणं कल्लाणा कम्मा जाव कज्जंति । [सु. १९. कालोदाइकयाए अगणिकायसमारभण-निव्वावण-संबंधियकम्मबंधपुच्छाए भगवओ समाहाणं] १९. (१) दो भंते ! पुरिसा सरिसया जाव सरिसभंडमत्तोवगरणा अन्नमन्नेणं सद्धिं अगणिकायं समारभंति, तत्थ णं एगे पुरिसे अगणिकायं उज्जाति, अगणिकायं निव्वावेति । एतेसि णं भंते! दोन्हं पुरिसाणं कतरे पुरिसे महाकम्मतराए चेव, महाकिरियतराए चेव, महासवतराए चेव, महावेदणतराए चेव ? कतरे वा पुरिसे अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेदणतराए चेव ? जे वा से पुरिसे अगणिकायं उज्जालेति, जे वा से पुरिसे अगणिकायं निव्वावेति ? कालोदाई ! तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं उज्जालेति से णं पुरिसे महाकम्मतराए चेव जाव महावेदणतराए चेव । तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं निव्वावेति से णं पुरिसे अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव । (२) से केणणं भंते ! एवं वच्चइ 'तत्थ णं जे से पुरिसे जाव अप्पवेयणतराए चेव' ? कालोदाई ! तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं उज्जालेति से णं पुरिसे बहुतरागं पुढविकायं समारभति, बहुतरागं आउक्कायं समारभति, अप्पतरागं तेउकायं समारभति, बहुतरागं वाउकायं समारभति, बहुतरागं वण्णस्सतिकायं समारभति, बहुतरागं तसकायं समारभति । तत्थ णं जे से पुरिसे अगणिकायं निव्वावेति से गं पुरिसे अप्पतरागं पुढविक्कायं समारभति, अप्प० आउ०, बहुतरागं तेउक्कायं समारभति, अप्पतरागं वाउकायं समारभइ, अप्पतरागं वणस्सतिकायं समारभइ, अप्पतरागं तसकायं समारभइ । से तेणट्टेणं श्री आगमगुणमंजूषा ३१० Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TG19555555555555555 भगवई मतं उद्देसक १०/८सतं उ. १ 55555555555555%seDrom 6955555555555555555555555555555555555555555555555fONOR कालोदाई ! जाव अप्पवेदणतराए चेव। [सु. २०-२१. कालोदाइकयाए अचित्तपोग्गलावभासण-उज्जोवणसंबंधिय-पुच्छाए भगवओ समाहाणं ] २०. अत्थि णं भंते ! अचित्ता वि पोग्गला ओभासेंति उज्जोवेति तवेति पभासेति ? हंता, अस्थि । २१. कतरे णं भंते ! ते अचित्ता पोग्गला ओभासंति जाव पभासंति ? कालोदाई ! कुद्धस्स अणगारस्स तेयलेस्सा निसट्ठा समाणी दूर गंता दूरं निपतति, देसं गंता देसं निपतति, जहिं जहिं च णं सा निपतति तहिं तहिं च णं ते अचित्ता वि पोग्गला ओभासेति जाव पभासेति । एते णं कालोदायी ! ते अचित्ता वि पोग्गला ओभासेति जाव पभासेति। [सु. २२. कालोदाइस्स निव्वाणपरूवणा] २२. तए णं से कालोदाई अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वंदित्ता नमंसित्ता बहूहिं चउत्थ-छट्ठऽट्ठम जाव अप्पाणं भावे माणे जहा पढमसए कालासवेसियपुत्ते (स०१ .उ०९ सु० २४) जाव सव्वदुक्खप्पहीणे। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । सत्तमस्स सतस्स दसमो उद्देसो ।।७.१०***॥ सत्तमं सतं समत्तं अट्ठमं सतं सु. १. अट्ठमस्स सयस्स उद्देसनामपरूवणा] १. पोग्गल १ आसीविस २ रुक्ख ३ किरिय ४ आजीव ५ फासुगमदत्ते ६-७ । पडिणीय ८ बंध ९ आराहणा य १० दस अट्ठमम्मि सते॥१||★★★ पढमो उद्देसो पोग्गल' [सु. २ पढमुद्देसस्स उवुग्घाओ] २. रायगिहे जाव एवं वदासि [सु. ३. पयोग-मीससा-वीससापरिणतभेएहिं पोग्गलाणं भेदत्तयं] ३. कतिविहाणं भंते ! पोग्गला पण्णत्ता? गोयमा ! तिविहा पोग्गला पण्णत्ता, तं जहा पयोगपरिणता मीससापरिणता वीससापरिणता। [सु.४-४६. पयोगपरिणताणं पोग्गलाणं इंदियभेयाइअणेगपगारेहिं वित्थरओणवदंडगमया भेय-पभेयपरूवणा] ४. पयोगपरिणता णं भंते ! पोग्गला कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा एगिदियपयोगपरिणता बेइंदियपयोगपरिणता जाव पंचिदियपयोगपरिणता । ५. एगिदियपयोगपरिणता णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा, तं जहा पुढ विक्काइयएगिदियपयोगपरिणता जावई वणस्सतिकाइयएगिदियपयोगपरिणता । ६. (१) पुढविक्काइयएगिदियपयोगपरिणता णं भंते ! पोग्गला कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा सुहमपुढविक्काइयएगिदियपयोगपरिणता य बादरपुढविक्काइयएगिदियपयोगपरिणता य। (२) आउक्काइयएगिदियपयोगपरिणता एवं चेव। (३) एवं दुयओ भेदो जाव वणस्सतिकाझ्या य । ७. (१) बेइंदियपयोगपरिणताणं पुच्छा । गोयमा ! अणेगविहा पण्णत्ता । (२) एवं तेइंदिय -चउरिदियपयोगपरिणता वि । ८. पंचिंदियपयोगपरिणताणं पुच्छा । गोयमा ! चतुव्विहा पण्णत्ता, तं जहा नेरप्तियपंचिदियपयोगपरिणता, तिरिक्ख०, एवं मणुस्स०, देवपंचिंदिय० । ९. नेरइयपंचिंदियपयोग० पुच्छा । गोयमा ! सत्तविहा पण्णत्ता, तं जहा रतणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदियपयोगपरिणता वि जाव अहेसत्तमपुढविनेरइयपंचिदियपयोगपरिणता वि । १०. (१) तिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणताणं पुच्छा । गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, तं जहा जलचरपंचिदियतिरिक्खजोणिय० थलचरतिरिक्खजोणियपंचिदिय० खहचरतिरिक्खपंचिंदिय०। (२) जलचरतिरिक्खजोणियपओग० पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा सम्मुच्छिमजलचर०, गब्भवक्वंतियजलचर०। (३) थलचरतिरिक्ख० पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा चउप्पदथलचर० परिसप्पथलचर०। (४) चउप्पदथचर० पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा सम्मुच्छिमचउप्पदथलचर०, गब्भवक्कंतियचउप्पयथलयर०। (५) एवं एतेणं अभिलावेणं परिसप्पाविहा पण्णत्ता, तंजहा उरपरिसप्पा य, भुयपरिसप्पाय। (६) उरपरिसप्पा दुविहा पण्णत्ता, तंजहा सम्मुच्छिमा य, गब्भवक्कंतिया य। (७) एवं भुयपरिसप्पा वि। (८) एवं खहचरा वि । ११. मणुस्सपंचिदियपयोग० पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा सम्मुच्छिममणुस्स० गब्भवक्कंतियमणुस्स० । १२. देवपंचिंदियपयोग० पुच्छा । गोयमा ! चउव्विहा पन्नत्ता, तं जहा भवणवासिदेवपंचिदियपयोग० एवं जाव वेमाणिया । १३. भवणवासिदेवपंचिंदिय० पुच्छा । गोयमा ! दसविहा पण्णत्ता, तं जहा असुरकुमार० जाव थणियकुमार० । १४. एवं एतेणं अभिलावेणं अट्ठविहा वाणमंतरा पिसाया जाव गंधव्वा । १५. जोइसिया पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा चंदविमाणजोतिसिय० जाव ताराविमाणजोतिसियदेव० । १६. (१) वेमाणिया दविहा पण्णत्ता, तं जहा कप्पोवग० कप्पातीतगवेमाणिय०। (२) कप्पोवगा दुवालसविहा पण्णत्ता, तं जहा सोहम्मकप्पोवग० जाव अच्चुयकप्पोवगवेमाणिया। -.-.-.-.-.-1-12tuvurvaunf श्री आगमगणमंजषा - ३११ ॥५॥55555555555555555555555OOK GREducation International 2010_03 www.jainelibrary. Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR555555555555555 (५) भगवई ८ सत्तं उ-१ [९७] $$ $$ $$ $$$25 MOR9555555555555555555555555555555555555555555555555feos (३) कप्पातीत० दुविहा पण्णत्ता, तं जहा गेवेज्जगकप्पातीतवे० अणुत्तरोववाइयकप्पातीतवे०। (४) गेवेजगकप्पातीतगा नवविहा पण्णत्ता, तं जहा हेट्ठिमहेट्ठिभगेवेज्जगकप्पातीतगाजाव उवरिमउवरिमगेविज्जगकप्पातीतया। (५) अणुत्तरोववाइयकप्पातीतगवेमाणियदेवपंचिदियपयोगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा विजय - अणुत्तरोववाइय० जाव परिणया जाव सव्वट्टसिद्धअणुत्तरोववाइयदेवपंचिदिय जाव परिणता । १७. (१) सुहुमपुढविकाइयएगिदियपयोगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । केई अपज्जत्तगं पढम भणंति, पच्छा पज्जत्तगं। पज्जत्तगसुहुमपुढविकाइय जाव परिणया य अपज्जत्तग सुहुमपुढविकाइय जाव परिणया य । (२) बादरपुढविकाइयएगिदिय० ? एवं चेव । १८. एवं जाव वणस्सइकाइया । एक्केका दुविहा सुहमा य बादरा य, पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य भाणियव्वा । १९. (१) बेदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा पज्जत्तबेदियपयोगपरिणया य, अपज्जत्तग जाव परिणया य। (२) एवं तेइंदिया वि। (३) एवं चउरिदिया वि। २०. (१) रयणप्पभापुढविनेरइय० पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा पज्जत्तगरयणप्पभापुढवि जाव परिणया य, अपज्जत्तग जाव परिणया य। (२) एवं जाव अहेसत्तमा । २१. (१) सम्मुच्छिमजलचरतिरिक्ख० पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा पज्जत्तग० अपज्जत्तग० । एवं गब्भवक्कंतिया वि। (२) सम्मुच्छिमचउप्पदथलचर० । एवं चेव। एवं गब्भवक्कंतिया य। (३) एवं जाव सम्मुच्छिमखहयर० गब्भवक्कंतिया य एक्कक्के पज्जत्तगाय अपज्जत्तगायभाणियव्वा । २२. (१) सम्मुच्छिममणुस्सपंचिदिय० पुच्छा। गोयमा ! एगविहा पन्नत्ता अपज्जत्तगा चेव। (२) गब्भवक्वंतियमणुस्सपंचिंदिय० पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा पज्जत्तगगब्भवक्कंतिया वि, अपज्जत्तगगब्भवक्कंतिया वि । २३. (१) असुरकुमारभवणवासिदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा पज्जत्तगअसुरकुमार० अपज्जत्तगअसुर० । (२) एवं जाव थणियकुमारा पज्जत्तगा अपज्जत्तगाय। २४. एवं एतेणं अभिलावेणं दुयएणं भेदेणं पिसाया य जाव गंधव्वा, चंदा जाव ताराविमाणा, सोहम्मकप्पोवगा जाव अच्चुओ, हिट्ठिमहिट्ठिमगेविजकप्पातीत जाव उवरिमउवरिमगेविज०, विजयअणुत्तरो० जाव अपराजिय० । २५. सव्वट्ठसिद्धकप्पातीय० पुच्छा । गोयमा! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा पज्जत्तगसव्वसिद्धअणुत्तरो० अपज्जत्तगसव्वट्ठ जाव परिणया वि। २ दंडगा । २६.जे अपज्जत्तासुहुमपुढवीकाइयएगिदियपयोगपरिणया! ते ओरालियतेया-कम्मगसरीरप्पयोगपरिणया, जे पज्जत्तासुहुम० जाव परिणया ते ओरालियतेया-कम्मगसरीरप्पयोगपरिणया । एवं जाव चउरिदिया पज्जत्ता । नवरं जे पज्जत्तगबादरवाउकाइयएगिंदियपयोगपरिणया ते ओरालिय-वेउब्विय-तेयाकम्मसरीर जाव परिणता । सेसं तं चेव । २७. (१) जे के अपज्जत्तरयणप्पभापुढेविनेरइयपंचिदियपयोगपरिणया ते वेउव्विय-तेया-कम्मसरीरपयोगपरिणया। एवं पज्जत्तया वि। (२) एवं जाव अहेसत्तमा । २८. (१) जे अपज्जत्तगसम्मुच्छिमजलचर जाव परिणया ते ओरालियतेया -कम्मासरीर जाव परिणया। एवं पज्जत्तगा वि । (२) गब्भवक्वंतिया अपज्जत्तया एवं चेव। (३) पज्जत्तयाणं एवं चेव, नवर सरीरगाणि चत्तारि जहा बादरवाउक्काइयाणं पज्जत्तगाणं । (४) एवं जहा जलचरेसु चत्तारि आलावगा भणिया एवं चउप्पदउरपरिसप्पभुयपरिसप्प-खहयरेसु वि चत्तारि आलावगा भाणियव्वा । २९. (१) जे सम्मुच्छिममणुस्सपंचिदियपयोगपरिणया ते ओरालियतेया -कम्मासरीर जाव परिणया। २ एवं गब्भवक्कंतिया वि अप्पज्जत्तगा वि। ३ पज्जत्तगा वि एवं चेव, नवरं सरीरगाणि पंच भाणियव्वाणि । ३०. (१) जे अपज्जत्तगा असुरकुमारभवणवासि जहा नेरइया तहेव । एवं पज्जत्तगा वि। २ एवं दुयएणं भेदेणं जाव थणियकुमारा। ३१. एवं पिसाया जाव गंधव्वा, चंदा जाव ताराविमाणा, सोहम्मो कप्पो जाव अच्चुओ, हेट्टिमहे हिमगेवेज जाव उवरिमउवरिमगे वेज्ज०, विजयअणुत्तरोववाइए जाव सव्वट्ठसिद्धअणु०, एक्के क्के णं दुयओ भेदो भाणियन्वो जाव जे पज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइया जाव परिणया ते वेउब्विय-तेया-कम्मासरीरपयोगपरिणया । दंडगा ३ । ३२. (१) जे अपज्जत्तासुहमपुढविकाइयएगिदियपयोगपरिणता ते फासिदियपयोगपरिणया। (२) जे पज्जत्तासुहमपुढविकाइया० एवं चेव। (३) जे अपज्जत्ताबादरपुढविक्काइया० एवं चेव । (४) एवं पज्जत्तगा वि । (५) एवं चउक्कएणं भेदेणं जाव वणस्सइकाइया । ३३. (१) जे अपज्जत्ताबेइंदियपयोगपरिणया ते जिब्भिदियxex 5 55555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३१२5555555555555555555555556xORE 9F5听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐听听听听听听听听乐乐SC况 Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ***** ५८ मन उ१ [१८] ******* फासिंदियपयोगपरिणया । (२) जे पज्जत्ताबे इंदिया एवं चेव । (३) एवं जाव चउरिंदिया, नवरं एक्के क्कं इंदियं वड्डेयव्वं । ३४. (१) जे अपज्जतारयणप्पभापुढविनेरइयपंचिदियपयोगपरिणया ते सोइंदिय चक्खिदिय - घाणिदिय - जिब्भिदिय - फासिंदियपयोगपरिणया । (२) एवं पज्जत्तगा वि । ३५. एवं सव्वे भाणियव्वा तिरिक्खजोणिय मणुस्स देवा, जे पज्जत्नासव्वट्टसिद्धअणुनरोववाइय जाव परिणया ते सोइंदिय चक्खिदिय जाव परिणया । [ दंडगा ] ४१३६. (१) जे अपज्जत्तासहुमपुढविकाइयएगिदियओरालि-तेय कम्मास-रीरप्पयोगपरिणया ते फासिदियपयोगपरिणया । जे पज्जत्तासहुम० एवं चेव । (२) बादर० अपज्जत्ता एवं चेव । एवं पज्जत्तगा वि । ३७. एवं एएणं अभिलावेणं जस्स जति इंदियाणि सरीराणि य ताणि भाणियव्वाणि जाव पज्जत्तासव्वट्टसिद्ध अणुत्तरोववाइय जाव देवपंचिदियवेउब्विय तेया कम्मासरीरपयोगपरिणया ते सोइंदिय चक्खिदिय जाव फासिंदियपयोगपरिणया । | दंडगा ] ५ । ३८. (१) जे अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयएगिदियपयोगपरिणया ते वण्णतो कालवण्णपरिणया वि, नील०, लोहिय०, हालि६० सुक्किल । गंधतो सुब्भिगंधपरिणया वि, दुभिगंधपरिणावि । रसतो तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसप०, अंबिलरसप०, महुररससप० । फासतो कक्खडफासपरि० जाव लुक्खफासपरि० । संठाणतो परिमंडलसंठाणपरिणया वि वट्ट० तंस० चउरंस० आयतसंठाणपरिणया वि । २ जे पज्जत्तासुहुमपुढवि० एवं चेव । ३९. एवं जहाऽऽणुपुव्वीए नेयव्वं जाव जे पज्जत्तासव्वसिद्ध अणुत्तरोववाइय जाव परिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणया वि जाव आयतसंठाणपरिणया वि । [ दंडगा ] ६ । ४०. (१) जे अपज्जत्तासुहुमपुढवि० एगिदियओरालिय- तेया- कम्मा-सरीरप्पयोगपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरि० जाव आययसंठाणपरि० वि । (२) जे पज्जत्तासुहुमपुढवि० एवं चेव । ४१. एवं जहाऽऽणुपुवीए नेयव्वं जस्स जति सरीराणि जाव जे पज्जत्तासव्वट्ठसिद्ध अणुत्तरोववाइयदेवपंचेंदियवेउव्विय-तेया कम्मासरीर जाव परिणया ते वणओ कालवण्णपरिणया वि जाव आयतसंठाणपरिणया वि [ दंडगा ] ७।४२ (१) जे अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयएगिदियफासिंदियपयोगपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया जाव आययसंठाणपरिणया वि। (२) जे पज्जत्तासुहुमपुढवि० एवं चेव । ४३. एवं जहाऽऽणुपुव्वीए जस्स जति इंदियाणि तस्स तति भाणिव्वाणि जाव जे पज्जत्तासव्वट्टसिद्ध अणुत्तर जाव देवपंचिंदियसोइंदिय जाव फासिदियपयोगपरिणया वि ते वण्णओ कालवण्णपरिणया जाव आययसंठाणपरिणया वि । [दंडगा ] ८ । ४४. (१) जे अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयएगिदियओरालिय- तेया- कम्मा - सरीरफासिदियपयोगपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि जाव आयतसंठाणप० वि । (२) जे पज्जत्तासुहुमपुढवि० एवं चेव । ४५. एवं जहाऽऽणुपुव्वीए जस्स जति सरीराणि इंदियाणि य तस्स तति भाणियव्वाणि जाव जे पज्जत्तासव्वट्टसिद्ध अणुत्तरोववाइया जाव देवपंचिदियवेउब्विय तेया -कम्मासोइंदिय जाव फासिंदियपयोगपरि० ते वण्णओ कालवण्णपरि० जाव आययसंठाणपरिणया वि । एवं एए नव दंडगा ९ । [सु. ४६-४७. पयोगपरिणतपोग्गलभेयाइवत्तव्वयाणुसारेण मीससापरिणतपोग्गलभेय-पभेयत्तव्वयानिद्देसो] ४६. मीसापरिणया णं भंते! पोग्गला कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा एगिदियमीसापरिणया जाव पंचिदियमीसापरिणया । ४७. एगिदियमीसापरिणयाणं भंते! पोग्गला कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! एवं जहा पओगपरिणएहिं नव दंडगा भणिया एवं मीसापरिणएहि वि नव दंडगा भाणियव्वा, तहेव सव्वं निरवसेसं, नवरं अभिलावो 'मीसापरिणया' भाणियव्वं, सेसं तं चेव, जाव जे पज्जत्तासव्वट्ठसिद्धअणुत्तरो० जाव आययसंठाणपरिणया वि । [सु. ४८. वीससापरिणतपोग्गलभेय- पभेयपरूवणत्थं पण्णवणासुत्तनिद्देसो । ४८. वीससापरिणया णं भंते! पोग्गला कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा वण्णपरिणया गंधपरिणया रसपरिणया फासपरिणया संठाणपरिणया । वण्णपरिणया ते पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा कालवण्णपरिणया जाव सुक्किलवण्णपरिणया । जे गंधपरिणया ते दुबिहा पण्णत्ता, तं जहा सुब्भिगंधपरिणया वि, दुब्भिगंधपरिणया वि । एवं जहा पण्णवणाए तहेव निरवसेसं जाव जे ठाणओ आयतसंठाणपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि जाव लुक्खफासपरिणया वि। (सु. ४९-७९. विविहभेय प्रभेयविभागपुव्वयं एगस्स दव्वस्स पयोग-मीस-वीससापरिणतत्तपरूवणा । ४९. एगे भंते! दव्वे किं पयोगपरिणए ? मीसापरिणए ? वीससापरिणए ? गोयमा ! पयोगपरिणए वा, मीसापरिणए वा, फफफफफफफफफफफफ श्री आगमणमा ३१३ Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XG30555555555555555 (५) भगवई ८ सत्तं उ-१ [९९] $$$ $$$$$ O DE AGR959555555555555555555555555555555555555555555setals वीससापरिणए वा । ५०. जदि पयोगपरिणए किं मणप्पयोगपरिणए ? वइप्पयोगपरिणए ? कायप्पयोगपरिणए ? गोयमा ! मणप्पयोगपरिणए वा, वइप्पयोगपरिणए वा, कायप्पयोमपरिणए वा। ५१. जदि मणप्पओगपरिणए किं सच्चमणप्पओगपरिणए ? मोसमणप्पयोग० ? सच्चामोसमणप्पयो०? असच्चामोसमणप्पयो ? गोयमा ! सच्चमणप्पयोगपरिणए वा, मोसमणप्पयोग० वा. सच्चामोसमणप्प०, असच्चामोसमणप्प० वा । ५२. जदि सच्चमणप्पओगप० किं आरंभसच्चमणप्पयो ? अणारंभसच्चमणप्पयोगपरि० ? सारंभसच्चमणप्पयोग०? असारंभसच्चमण० ? समारंभसच्चमणप्पयोगपरि०? असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणए ? गोयमा ! आरंभसच्चमणप्पओगपरिणए वा जाव असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणए वा। ५३. (१) जदि मोसमणप्पयोगपरिणए किं आरंभमोसमणप्पयोगपरिणए वा ? एवं जहा सच्चेणं तहा मोसेण वि। (२) एवं सच्चामोसमणप्पयोगपरिणए वि। एवं असच्चामोसमणप्पयोगेण वि। ५४. जदि वइप्पयोगपरिणए किं सच्चवइप्पयोगपरिणए मोसपप्पयोगपरिणए ? एवं जहा मणप्पयोगपरिणए तहा वयप्पयोगपरिणए वि जाव असमारंभवयप्पयोगपरिणए वा । ५५. जदि कायप्पयोगपरिणए किं ओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए १? ओरालियमीसासरीरकायप्पयो०२ ? वेउव्वियसरीरकायप्प०३? वेउब्वियमीसासरीरकायप्पयोगपरिणए ४ ? आहारगसरीरकायप्पओगपरिणए ५? आहारकमीसासरीरकायप्पयोगपरिणए ६ ? कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए ७ ? गोयमा ! ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा जाव कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए वा । ५६. जदि ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए कि एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए एवं जाव पंचिदियओरालिय जाव परि०? गोयमा ! एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा बेदिय जाव परिणए वा जाव पंचिदिय जाव परिणए वा । ५७. जदि एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं पुढविक्काइयएगिदिय जाव परिणए जाव वणस्सइकाइयएगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा ? गोयमा ! पुढविक्काइयएगिदिय जाव पयोगपरिणए वा जाव वणस्सइकाइयएगिदिय जाव परिणए वा । ५८. जदि पुढविकाइयएगिदियओरालियसरीर जाव परिणए किं सुहमपुढविकाइय जाव परिणए ? बादरपुढविक्काइयएगिदिय जाव परिणए ? गोयमा ! सुहुमपुढविक्काइयएगिदिय जाव परिणए वा, बादरपुढविक्काइय जाव परिणए वा । ५९. (१) जदि सुहुमपुढविकाइय जाव परिणए किं पज्जत्तसुहुमपुढवि जाव परिणए ? अपज्जत्तसुहुमपुढवी जाव परिणए ? गोयमा ! पज्जत्तसुहुमपुढविकाइय जाव परिणए वा, अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइय जाव परिणए वा । (२) एवं बादरा वि। (३) एवं जाव वणस्सइकाइयाणं चउक्कओ भेदो। ६०. बेइंदिय-तेइंदियचउरिदियाणं दुयओ भेदो पज्जत्तगा य, अपज्जत्तगा य । ६१. जदि पंचिंदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं तिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए ? मणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए ? गोयमा ! तिरिक्खजोणिय जाव परिणए वा, मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए वा । ६२. जइ तिरिक्खजोणिय जाव परिणए किं जलचरतिरिक्खजोणिय जाव परिणए वा ? थलचर०? खहचर० ? एवं चउक्कओ भेदो जाव खहचराणं। ६३. जदि मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए किं सम्मुच्छिममणुस्सपंचिदिय जाव परिणए ? गब्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए ? गोयमा ! दोसुं वि । ६४. जदि गब्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए किं पज्जत्तगब्भवक्कंतिय जाव परिणए ? अपज्जत्तगब्भवक्कंतियमणुस्सपंचिदियओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए ? गोयमा ! पज्जत्तगब्भवक्कं तिय जाव परिणए वा, अपज्जत्तगब्भवक्कं तिय जाव परिणए । १ । ६५. जदि ओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए किं एगिदियओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए ? बेइंदिय जाव परिणए जाव पंचेंदियओरालिय जाव परिणए ? गोयमा ! एगिदियओरालियं एवं जहा ओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणएणं आलावगो भणिओ तहा ओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणएण वि आलावगो भाणियव्वो, नवरं बायरवाउक्काइय . गब्भवक्कंतियपंचिदियतिरिक्खजोणिय-गब्भवक्वंतियमणुस्साण य एएसिणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं, सेसाणं अपज्जत्तगाणं ।।६६. जदि वेउब्वियसरीरकायप्पयोगपरिणए म किं एगिदियवेउब्वियसरीरकायप्पओगपरिणए जाव पंचिदियवेउब्वियसरीर जाव परिणए ? गोयमा ! एगिदिय जाव परिणए वा पंचिदिय जाव परिणए। ६७. जड़ एगिदिय जाव परिणए किं वाउक्काइयएगिदिय जाव परिणए ? अवाउक्काइयएगिदिय जाव परिणते? गोयमा ! वाउक्काइयएगिदिय जाव परिणए, नो अवाउक्काइय जाव xex95555555555555॥ श्री आगमगुणमंजूषा - ३१४15555 5 555555555555 $听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明 Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ H95555555555555555555555555555555555555555555555554LON 0335555555555555 सलमान 33555555555555OOK परिणते । एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे वेउब्वियसरीरं भणियं तहा इह वि भाणियव्वं जाव पज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववातियकप्पातीयवेमाणियदेवपंचिदियवेउब्वियसरीरकायप्पओगपरिणए वा, अपज्जत्तसव्वट्ठसिद्ध जाव कायप्पयोगपरिणए वा ।३। ६८. जदि वेउव्वियमीसासरीरकायप्पयोगपरिणए किं एगिदियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए वा जाव पंचिंदियमीसासरीरकायप्पयोगपरिणए ? एवं जहा वेउब्वियं तहा मीसगं पि, नवरं देव-नेरइयाणं अपज्जत्तगाणं, सेसाणं पज्जत्तगाणं तहेव, जाव नो पज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरो जाव ५०, अपज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववातियदेवपंचिंदियवेउव्वियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए । ४। ६९. जदि आहारगसरीरकायप्पओगपरिणए कि मणुस्साहारगसरीरकायप्पओगपरिणए ? अमणुस्साहारग जाव प०? एवं जहा ओगाहणसंठाणे जाव इड्डिपत्तपमत्तसंजयसम्मद्दिट्ठिपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय जाव परिणए, नो अणिड्डिपत्तपमत्तसंजयसम्मद्दिट्ठिपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय जाव प०। ५। ७०. जदि आहारगमीसासरीरकायप्पयोगप० किं मणुस्साहारगमीसासरीर० ? एवं जहा आहारगं तहेव मीसगं पि निरवसेसंभाणियव्वं।६।७१. जदि कम्मासरीरकायप्पओगप० किं एगिदियकम्मासरीरकायप्पओगप० जाव पंचिदियकम्मासरीर जाव प० ? गोयमा । एगिदियकम्मासरीरकायप्पओ० एवं जहा ओगाहणसंठाणे कम्मगस्स भेदो तहेव इहावि जाव पज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयदेवपंचिंदियकम्मासरीरकायप्पयोगपरिणए वा, अपज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणु० जाव परिणए वा । ७ । ७२. जइ मीसापरिणए किं मणमीसापरिणए ? वयमीसापरिणए ? कायमीसापरिणए ? गोयमा ! मणमीसापरिणए वा, वयमीसापरिणते वा कायमीसापरिणए वा । ७३. जदि मणमीसापरिणए किं सच्चमणमीसापरिणए ? मोसमणमीसापरिणए ? जहा पओगपरिणए तहा मीसापरिणए वि भाणियव्वं निरवसेसं जाव पज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव देवपंचिदियकम्मासरीरगमीसापरिणए वा, अपज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणु० जाव कम्मासरीरमीसापरिणए वा । ७४. जदि वीससापरिणए किं वण्णपरिणए गंधपरिणए रसपरिणए फासपरिणए संठाणपरिणए ? गोयमा ! वण्णपरिणए वा गंधपरिणए वा रसपरिणए वा फासपरिणए वा संठाणपरिणए वा । ७५. जदि वण्णपरिणए किं कालवण्णपरिणए नील जाव सुक्किलवण्णपरिणए ? गोयमा ! कालवण्णपरिणए वा जाव सुक्किलवण्णपरिणएवा । ७६. जदि गंधपरिणए किं सुब्भिगंधपरिणए ? दुब्भिगंधपरिणए ? गोयमा ! सुब्भिगंधपरिणए वा, दुब्भिगंधपरिणए वा । ७७. जइ रसपरिणए किं तित्तरसपरिणए ५ पुच्छा । गोयमा ! तित्तरसपरिणए वा जाव महुररसपरिणए वा । ७८. जइ फासपरिणए किं कक्खडफासपरिणए जाव लुक्खफासपरिणए ? गोयमा ! कक्खडफासपरिणए वा जाव लुक्खफासपरिणए वा। ७९. जइ संठाणपरिणए० पुच्छा । गोयमा ! परिमंडलसंठाणपरिणए वा जाव आययसंठाणपरिणए वा। [सु. ८०-८५. विविहभेय-पभेययविभागपुव्वयं दोण्हं दव्वाणं पयोग-मीस-वीससापरिणतत्तपरूवणा ] ८०. दो भंते ! दव्वा किं पयोगपरिणया? मीसापरिणया ? वीससापरिणया ? गोयमा ! पओगपरिणया वा १ । मीसापरिणया वा २। वीससापरिणया वा ३ । अहवेगे पओगपरिणए, एगे मीसापरिणए ४ । अहवेगे पओगप०, एगे वीससापरि०५। अहवेगे मीसापरिणए, एगे वीससापरिणए, एवं ६।८१.जदि पओगपरिणया किं मणप्पयोगपरिणया? वइप्पयोग? कायप्पयोगपरिणया? गोयमा ! मणप्पयोगपरिणता वा १ । वइप्पयोगप० २। कायप्पयोगपरिणया वा ३ । अहवेगे मणप्पयोगपरिणते, एगे वयप्पयोगपरिणते ४ । अहवेगे मणप्पयोगपरिणए, एगे कायप्पओगपरिणए ५। अहवेगे वयप्पयोगपरिणते, एगे कायप्पओगपरिणते ६।८२. जदि मणप्पयोगपरिणता किं सच्चमणप्पयोगपरिणता ? असच्चमणप्पयोगप० ? सच्चामोसमणप्पयोगप०? असच्चाऽमोसमणप्पयोगप० ? गोयमा ! सच्चमणप्पयोगपरिणया वा जाव असच्चामोसमणप्पयोगपरिणया वा । अहवेगे सच्चमणप्पयोगपरिणए, एगे या मोसमणप्पओगपरिणए १ | अहवेगे सच्चमणप्पओगपरिणते, एगे सच्चामोसमणप्पओगपरिणए २ । अहवेगे सच्चमणप्पओगपरिणए, एगे असच्चामोसमणप्पओगपरिणए ३ । अहवेगे मोसमणप्पयोगपरिणते, एगे सच्चामोसमणप्पयोगपरिणते ४ । अहवेगे मोसमणप्पयोगपरिणते, एगे' असच्चामोसमणप्पयोगपरिणते ५ । अहवेगे सच्चामोसमणप्पओगपरिणते, एगे असच्चामोसमणप्पयोगपरिणते ६। ८३. जइ सच्चमणप्पओगपरिणता किं 555555555555555555555555555555555555555555555555SOTROR u Rinternational20100 xoxo55555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- 55555555555555555555555500R Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PAGRO5455555555555555 (५) भगवई ८सतं उ. १.२ [१०१] b5555555555555 FOO 5555555555555555552 NOTR955555555555555555555555555555555555555555555555hero आरंभसच्चमणप्पयोगपरिणया जाव असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणता ? गोयमा ! आरंभसच्चमणप्पयोगपरिणया वा जाव असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणया वा। अहवेगे आरंभसच्चमणप्पयोगपरिणते, एगे अणारंभसच्चमणप्पयोगपरिणते। एवं एएणं गमएणं दुयसंजोएणं नेयव्वं । सव्वे संयोगा जत्थ जत्तिया उद्वेति ते भाणियव्वा जाव सव्वट्ठसिद्धग त्ति। ८४. जदि मीसापरिणता किं मणमीसापरिणता ? एवं मीसापरिणया वि। ८५. जदि वीससापरिणया किं वण्णपरिणया, गंधपरिणता०? । एवं वीससापरिणया वि जाव अहवेगे चउरंससंठाणपरिणते, एगे आययसंठाणपरिणए वा। [सु. ८६-८८. विविहभेय-पभेयविभागपुव्वयंतिण्हं दव्वाणं पयोग-मीसवीससापरिणतत्तपरूवणा] ८६. तिण्णि भंते ! दव्वा किं पयोगपरिणता ? मीसापरिणता ? वीससापरिणता ? गोयमा ! पयोगपरिणया वा, मीसापरिणया वा, वीससापरिणया वा १ । अहवेगे पयोगपरिणए, दो मीसापरिणता १ । अहवेगे पयोगपरिणए. दो वीससापरिणता २। अहवा दो पयोगपरिणया, एगे मीसापरिणए ३। अहवा दो पयोगपरिणता, एगे वीससापरिणते ४ । अहवेगे मीसापरिणए, दो वीससापरिणता ५ । अहवा दो मीससापरिणता, एगे वीससापरिणते ६ । अहवेगे पयोगपरिणते, एगे मीसापरिणते, एगे वीससापरिणते ७।८७. जदि पयोगपरिणता किं मणप्पयोगपरिणया? वइप्पयोगपरिणता ? कायप्पयोगपरिणता ? गोयमा ! मणप्पयोगपरिणया वा० एवं एक्कगसंयोगो, दुयसंयोगो तियसंयोगो य भाणियब्वो। ८८. जदि मणप्पयोगपरिणता किं सच्चमणप्पयोगपरिणया ४ । गोयमा ! सच्चमणप्पयोगपरिणया वा जाव असच्चामोसमणप्पयोगपरिणया वा ४ । अहवेगे सच्चमणप्पयोगपरिणए, दो मोसमणप्पयोगपरिणया एवं द्यसंयोगो, तियसंयोगो भाणियव्वो । एत्थ वि तहेव जाव अहवा एगे तंससंठाणपरिणए वा एगे चउरंससंठाणपरिणए वा एगे आययसंठाणपरिणए वा। [सु. ८९-९०. विविहभेयपभेयविभागपुव्वयं चतुप्पभितिअणंतदव्वाणं पयोग-मीस-वीससापरिणतत्तपरूवणा] ८९. चत्तारि भंते ! दव्वा किं पओगपरिणया ३? गोयमा ! पयोगपरिणया वा, मीसापरिणया वा. वीससापरिणया वा । अहवेगे पओगपरिणए, तिणि मीसापरिणया १ । अहवा एगे पओगपरिणए, तिण्णि वीससापरिणया २। अहवा. दो पयोगपरिणया, दो मीसापरिणया ३ । अहवा दो पयोगपरिणया, दो वीससापरिणया ४ । अहवा तिणि पओगपरिणया, एगे मीससापरिणए ५ । अहवा तिण्णि पओगपरिणया, एगे वीससापरिणए ६ । अहवा एगे मीससापरिणए, तिण्णि वीससापरिणया ७ । अहवा दो मीसापरिणया, दो वीससापरिणया ८ । अहवा तिण्णि मीसापरिणया, एगे वीससापरिणए ९1 अहवेगे पओगपरिणए एगे मीसापरिणए, दो वीससापरिणया १; अहवेगेपयोगपरिणए,, दो मीसापरिणया, एगे वीससापरिणए २; अहवा दो पयोगपरिणया, एगे मीसापरिणए, एगे वीससापरिणए ३।९०. जदि पयोगपरिणया किं मणप्पयोगपरिणया ३? एवं एएणं कमेणं पंच छ सत्त जाव दस संखेज्जा असंखेज्जा अणंता य दव्वा भाणियव्वा । दुयासंजोएणं, तियासंजोगेणं जाव दससंजोएणं बारससंजोएणं उवजुंजिऊणं जत्थ जत्तिया संजोगा उडेति ते सव्वे भाणियव्वा । एए पुण जहा नवमसए पवेसणए भणीहामि तहा उवजुंजिऊण भाणियव्वा जाव असंखेज्जा । अणंता एवं चेव, नवरं एक्वं पदं अब्भहियं जाव अहवा अणंता परिमंडलसंठाणपरिणया जाव अणंता आययसंठाणपरिणया। [सु. ९१. पयोग-मीस-वीससापरिणताणं पोग्गलाणमप्पाबहुयं] ९१. एएसि णं भंते ! पोग्गलाणं पयोगपरिणयाणं मीसापरिणयाणं वीससापरिणयाण य कतरे कतरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला पयोगपरिणया, मीसापरिणया अणंतगुणा, वीससापरिणया अणंतगुणा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिा अट्ठमसयस्स पढमो उद्दसो समत्तो ॥८.१॥ XXXबीओ उद्देसो 'आसीविसे' [सु. १. आसीविसाणं भेयदुयपरूवणा] १. कतिविहा णं भंते ! आसीविसा पण्णत्ता, गोयमा ! दुविहा आसीविसा पन्नत्ता, तं जहा जातिआसीविसा य, कम्मआसीविसा य। [सु. २. जातिआसीविसाणं चउभेयपरूवणा] २. जातिआसीविसा णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा पण्णत्ता, तं जहा विच्छुयजातिआसीविसे, मंडुक्कजातिआसीविसे, उरगजातिआसीविसे, मणुस्सजातिआसीविसे । [सु. ३-६. विच्छुयआईणं चउण्हं जातिआसीविसाणं विसयपरूवणा] ३. विच्छ्यजातिआसीविसस्स णं भंते ! केवतिए विसए पण्णत्ते? गोयमा ! पभूणं विच्छुयजातिआसीविसे अद्धभरहप्पमाणमेत्तं 555555555555555555555555555552 xeo5555 5555 श्री आगमगुणमं नृपा - ३१६ 5555555555555OOR Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HO95555555555555555555555555555555555555555555555SLog OG5555555555555 समय मतं उ. ३ ०२] 1555555555%889XIRON बोदिं विसेणं विसपरिगयं विसट्ठमाणिं पकरेत्तए। विसए से विसट्ठयाए, नो चेव णं संपत्तीए करेंसु वा, करेंति वा, करिस्संति वा १। ४. मंडुक्कजातिआसीविसपुच्छा। गोयमा ! पभूणं मंडुक्कजातिआसीविसे भरहप्पमाणमेत्तं बोदिं विसेणं विसपरिगयं । सेसं तं चेव, नो चेव जाव करेस्संति वा २१५. एवं उरगजातिआसीविसस्स वि, नवरं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्तं बोदिं विसेणं विसपरिगयं० । सेसं तं चेव, नो चेव जाव करेस्संति वा ३।६. मणुस्सजातिआसीविसस्स वि एवं चेव, नवरं समयखेत्तप्पमाणमेत्तं बोदि विसेणं विसपरिगयं० । सेसं तं चेव जाव करेस्संति वा ४। [सु. ७-१९. तिरिक्खजोणिय-मणुस्स-देवाणं तिण्हं कम्मआसीविसाणं वित्थरओ परूवणा] ७. जदि कम्मआसीविसे किं नेरइयकम्मआसीविसे, तिरिक्खजोणियकम्मआसीविसे, मणुस्सकम्मआसीविसे, देवकम्मासीविसे ? गोयमा ! नो नेरइयकम्मासीविसे, तिरिक्खजोणियकम्मासीविसे वि, मणुस्सकम्मासीविसे वि, देवकम्मासीविसे वि। ८. जदि तिरिक्खजोणियकम्मासीविसे किं एगिदियतिरिक्वजोणियकम्मासीविसे? जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे ? गोयमा ! नो एगिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे जाव नो चतुरिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, पंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे । ९. जदि पंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे किं सम्मुच्छिमपंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे ? गब्भवक्कं तियपंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे ? एवं जहावेउव्वियसरीरस्स भेदो जाव पज्जत्तासंखेज्जवासाउयगब्भवक्वंतियपंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, नो अपज्जत्तासंखेजवासाउय जाव कम्मासीविसे । १०. जदि मणुस्सकम्मासीविसे ॥ किं सम्मुच्छिमणुस्सकम्मासीविसे? गब्भवक्कंतियमणुस्सकम्मासीविसे ? गोयमा ! णो सम्मुच्छिममणुस्सकम्मासीविसे, गब्भवक्वंतियमणुस्सकम्मासीविसे, एवं जहा वेउव्वियसरीर जाव पज्जत्तासंखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसकम्मासीविसे, नो अपज्जत्ता जाव कम्मासीविसे । ११. जदि देवकम्मासीविसे किं, भवणवासीदेवकम्मासीविसे जाव वेमाणियदेवकम्मासीविसे ? गोयमा ! भवणवासिदेवकम्मासीविसे, वाणमंतरदेव०, जोतिसिय०, वेमाणियदेवकम्मासीविसे वि। १२. जइ भवणवासिदेवकम्मासीविसे किं असुरकु मारभवणवासिदेवकम्मासीविसे जाव थणियकुमार जाव कम्मासीविसे ? गोयमा ! असुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसे वि जाव थणियकुमार जाव कम्मासीविसे वि । १३. (१) जइ असुरकुमार जाव कम्मासीविसे किं पज्जत्तअसुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसे ? अपज्जत्तअसुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसे ? गोयमा ! नो पज्जत्तअसुरकुमार जाव कम्मासीविसे, अपज्जत्तअसुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसे। (२) एवं जाव थणियकुमाराणं । १४. जदि वाणमंतरदेवकम्मासीविसे किं पियासवाणमंतर ? एवं सव्वेसि पि अपज्जत्तगाणं । १५. जोतिसियाणं सव्वेसिं अपज्जत्तगाणं । १६. जदि वेमाणियदेवकम्मासीविसे किं कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे ? कप्पातीतवेमाणियदेवकम्मासीविसे ? गोयमा ! कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे, नो कप्पातीतवेमाणियदेवकम्मासीविसे । १७. जति कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे किं सोधम्मकप्पोव० जाव कम्मासीविसे जाव अच्चुयकप्पोवग जाव कम्मासीविसे ? गोयमा ! सोधमकप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे वि जाव सहस्सारकप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे वि, नो आणयकप्पोवग जाव नो अच्चुतकप्पोवगवेमाणियदेव० । १८. जदि सोहम्मकप्पोवग जाव कम्मासीविसे किं पज्जत्तसोधम्मकप्पोवगवेमाणिय० अपज्जत्तगसोहम्मग० ? गोयमा ! नो पज्जत्तसोहम्मकप्पोवगवेमाणिय०,' अपज्जत्तसोधम्मकप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे । १९. एवं जाव नो पज्जत्तासहस्सारकप्पोवगवेमाणिय जाव कम्मासीविसे, अपज्जत्तसहस्सारकप्पोवग जाव कम्मासीविसे। [सु. २०-२१. छउमत्थस्स सव्वभावजाणणाअविसयाइं केवलिणो य सव्वभावजाणणाविसयाई दस ठाणाइं] २०. दस ठाणाइं छउमत्थे सव्वभावेणं न जाणति न पासति, तं जहा धम्मत्थिकायं १ अधम्मत्थिकायं २ आगासत्थिकायं ३ जीवं असरीरपडिबद्धं ४ परमाणुपोग्गलं ५ सदं ६ गंध ७ वातं ८ अयं जिणे भविस्सति वा ण वा भविस्सइ ९ अयं सव्वदुक्खाणं अंतं करेस्सति वा न वा करेस्सइ १०।२१. एयाणि चेव उप्पन्ननाण-दसणधरे अरहा जिणे केवली सव्वभावेणं २ जाणति पासति, तं जहा धम्मत्थिकायं १ जाव करेस्सति वा न वा करेस्सति १०१ सु.२२-२३.पंचविहनाणभेयाइजाणणत्थं रायपसेणइयसुत्तावलोयणनिद्देसो] Painiruru CLE LELECR44554555थी आगमगणमंजूषा - ३१0555555555555555555555555555GROR 295555555555555555555555555555555555555555555555555Qworg Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 95555555555555555 (५) भगवई ८ सतं उ.२ [१०३] b55555555555555 HOTOS 9555555555555555555555555555555555555555555555foY २२. कतिविहे णं भंते ! नाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे नाणे पण्णत्ते, तं जहा आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे ओहिनाणे मणपज्जवनाणे केवलनाणे । २३. (१) से किं तं आभिणिबोहियनाणे ? आभिणिबोहियनाणे चतुविहे पण्णत्ते, तं जहा उग्गहो ईहा अवाओ धारणा। (२) एवं जहा रायप्पसेणइए णाणाणं भेदो तहेव इह विभाणियव्वो जाव से तं केवलनाणे। [सु. २४-२८. अण्णाणाणं भेय-पभेयपरूवणा] २४. अण्णाणे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते, तं, जहा मइअन्नाणे सुयअन्नाणे विभंगनाणे। २५. से किं तं मइअण्णाणे? मइअण्णाणे चउव्विहे पण्णत्ते, तं जहा उग्गहो जाव धारणा। २६. (१) से किं तं उग्गहे ? उग्गहे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा अत्थोग्गहे य वंजणोग्गहे य। (२) एवं जहेव आभिणिबोहियनाणं तहेव, नवरं एगट्ठियवज्जं जाव नोइंदियधारणा, सेत्तं धारणा। सेत्तं मतिअण्णाणे। २७. से किं तं सुयअण्णाणे? सुतअण्णाणे जं इमं अण्णाणिएहिं मिच्छद्दिट्ठिएहिं जहा नंदीए जाव चत्तारि वेदा संगोवंगा। सेत्तं सुयअन्नाणे।२८. से किं तं विभंगनाणे ? विभंगनाणे अणेगविहे पण्णत्ते, तं जहा गामसंठिए नगरसंठिए जाव संन्निवेससंठिए दीवसंठिए समुद्दसंठिए वाससंठिए वासहरसंठिए पव्वयसंठिए रूक्खसंठिए थूभसंठिए हयसंठिए गयसंठिए नरसंठिए किन्नरसंठिए किंपुरिससंठिए महोरगसंठिते गंधव्वसंठिए उसभसंठिए पसु-पसय-विहगवानरणाणासंठाणसंठिते पण्णत्ते। [सु. २९-३८. जीव चउवीसदंडय-सिद्धेसु नाणि-अण्णाणिवत्तव्वया ]२९. जीवाणं भंते ! किं नाणी, अन्नाणी ? गोयमा ! जीवा नाणी वि, अन्नाणी वि । जे नाणी ते अत्थेगतिया दुन्नाणी, अत्थेगतिया तिन्नाणी, अत्थेगतिया चउनाणी, अत्थेगतिया एगनाणी । जे दुन्नाणी ते आभिणिबोहियनाणी य सुयनाणी य। जे तिन्नाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुतनाणी ओहिनाणी, अहवा आभिणिबोहियणाणी सुतणाणी मणपज्जवनाणी। जे चउणाणी ते आभिणिबोहियणाणी सुतणाणी ओहिणाणी मणपज्जवणाणी । जे एगनाणी ते नियमा केवलनाणी । जे अण्णाणी ते अत्थेगतिया दुअण्णाणि, अत्थेगतिया तिअण्णाणी । जे दुअण्णाणी ते मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य। जे तिअण्णाणी ते मतिअण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगनाणी। ३०. नेरइया णं भंते ! किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! नाणी वि अण्णाणी वि। जे नाणी ते नियमा तिन्नाणी, तं जहा आभिणिबोहि० सुयनाणी ओहिनाणी। जे अण्णाणी ते अत्थेगतिया दुअण्णाणी, अत्थेगतिया तिअण्णाणी । एवं तिण्णि अण्णाणाणि भयणाए। ३१. (१) असुरकुमारा णं भंते किं नाणी अण्णाणी? तहेव नेरइया तहेव तिण्णि नाणाणि नियमा, तिण्णि य अण्णाणाणि भयणाए। (२) ई एवं जाव थणियकुमारा। ३२. (१) पुढविक्काइया णं भंते ! किं नाणी अण्णाणी ? गोयमा ! नो नाणी, अण्णाणी मतिअण्णाणी य, सुतअण्णाणी य। (२) एवं ई जाव वणस्सइकाइया। ३३. (१) बेइंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! णाणी वि, अण्णाणी वि । जे नाणी ते नियमा दुण्णाणी, तं जहा-आभिणिबोहियनाणी य सुयणाणी य । जे अण्णाणी ते नियमा दुअण्णाणी-आभिणिबोहियअण्णाणी य सुयअण्णाणी य। (२) एवं तेइंदिय-चउरिदिया वि | ३४. पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। -गोयमा! नाणी वि अण्णाणी वि। जे नाणी ते अत्थेगतिया दुण्णाणी, अत्थेगतिया तिन्नाणी । एवं तिण्णिनाणाणि तिण्णि अण्णाणाणि य भयणाए। ३५. मणुस्सा जहा जीवा तहेव पंच नाणाणि तिण्णि अण्णाणाणि य भयणाए। ३६. वाणमंतरा जहा नेरइया । ३७. जोतिसिय-वेमाणियाणं तिण्णिनाणा तिण्णिअन्नाणा नियमा । ३८. सिद्धाणं भंते! पुच्छा। गोयमा ! णाणी, नो अण्णाणी। नियमा एगनाणी-केवलनाणी। सु. ३९-१५९. गइआइवीसइदारेसुनाणि-अण्णाणिवत्तव्वया [सु. ३९-४३. पढमं गइदारं पडुच्च नाणि-अन्नाणिपरूवणा] ३९. निरयगतिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! नाणी वि, अण्णाणी वि । तिण्णिनाणाई नियमा, तिण्णिअन्नाणाई भयणाए। ४०. तिरियगतिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! दो नाणा, दो अन्नाणा नियमा। ४१. मणुस्सगतिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अन्नाणी ? गोयमा ! तिण्णिनाणाई भयणाए, दो अण्णाणाई नियमा। ४२. देवगतिया जहा निरयगतिया। ४३. सिद्धगतिया णं भंते ! ० । जहा सिद्धा (सु. ३८)। १। [सु. ४४-४८. बिइयं इंदियदारं पडुच्च नाणि-अन्नाणिपरूवणा] ४४. सइंदिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! चत्तारि नाणाई, तिण्णि + अण्णाणाई भयणाए। ४५. एगिदिया णं भंते ! जीवा किं नाणी० ? जहा पुढविक्काइया। ४६. बेइंदिय-तेइंदिय-चतुरिदियाणं दो नाणा, दो अण्णाणा नियमा । ४७. पंचिंदिया जहा सइंदिया। ४८. अणिदिया णं भंते ! जीवा किं नाणी०? जहा सिद्धा (सु. ३८)।२। [सु.४९-५२. तइयं कायदारं पडुच्च नाणि-अन्नाणिपरूवणा] ४९. voxo5555555555555555555555॥ श्री आगमगुणमजूषा-३१८55555555555555555555555555OOR deso555555555555555555555555555555555555555555555555OOR Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 0555555555555555 सनं ३.२ रिन 555555555yeroy सकाइया णं भंते ! जीवा किं नाणी अन्नाणी ? गोयमा ! पंच नाणाणि तिण्णि अन्नाणाई भयणाए। ५०. पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया नो नाणी, अण्णाणी। नियमा दुअण्णाणी; तं जहा-मतिअण्णाणी य सुयअण्णाणी य । ५१. तसकाइया जहा सकाइया (सु. ४९) । ५२. अकाइया णं भंते ! जीवा किं नाणी०? जहा सिद्धा (सु.३८) । ३। [(सु.५३:५५. चउत्थं सुहुमदारं पडुच्च नाणि-अन्नाणिपरूवणा] ५३. सुहमा णं भंते ! जीवा किं नाणी० १ जहा पुढविकाइया (सु.५०)। ५४. बादरा णं भंते ! जीवा किं नाणी० ? जहा सकाइया (सु. ४९) । ५५. नोसुहुमानोबादरा णं भंते ! जीवा० ? जहा सिद्धा (सु. ३८)।४। [(सु. ५६-७०. पंचमं पज्जत्तदारं पडुच्च नाणि-अन्नाणिपरूवणा] ५६. पज्जत्ता णं भंते ! जीवा किं नाणी०? जहा सकाइया (सु. ४९)। ५७. पज्जत्ता णं भंते ! नेरतिया किं नाणी०? तिण्णिनाणा, तिण्णिअण्णाणा नियमा। ५८. जहा नेरइया एवं जाव थणियकुमारा । ५९. पुढविकाइया जहा एगिदिया । एवं जाव चतुरिदिया ! ६०. पज्जत्ता णं भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया किं नाणी, अण्णाणी ? तिण्णि नाणा, तिण्णि अण्णाणा भयणाए। ६१. मणुस्सा जहा सकाइया (सु. ४९) । ६२. वाणमंतर-जोइसियवेमाणिया जहा नेरझ्या (सु. ५७)। ६३. अपज्जत्ता णं भंते ! जीवा किं नाणी २ ? तिण्णि नाणा, तिण्णि अण्णाणा भयणाए। ६४. (१) अपज्जत्ता णं भंते ! नेरतिया किं नाणी, अन्नाणी ? तिणि नाणा, नियमा तिण्णि अण्णाणा भयणाए। (२) एवं जाव थणियकुमारा । ६५. पुढविक्काइया जाव वणस्सतिकाइया जहा एगिदिया । ६६. (१) बेदिया णं० पुच्छा। दो नाणा, दो अण्णाणा णियमा। (२) एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं । ६७. अपज्जत्तगाणं भंते ! मणुस्सा किं नाणी, अन्नाणी? तिण्णि नाणाइं भयणाए, दो अण्णाणाई नियमा । ६८. वाणमंतरा जहा नेरतिया (सु. ६४)। ६९. अपज्जत्तगा जोतिसिय-वेमाणिया णं० ? तिण्णि नाणा, तिन्नि अण्णाणा नियमा। ७०. नोपज्जत्तगनोअपज्जत्तगा णं भंते ! जीवा किं नाणी० ? जहा सिद्धा (सु. ३८) १५। [(सु. ७१-७५. छटुं भवत्थदारं पडुच्च नाणिअन्नाणिपरूवणा] ७१. निरयभवत्था णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? जहा निरयगतिया (सु. ३९)/७२. तिरियभवत्था णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? तिण्णि नाणा, तिण्णि अण्णाणा भयणाए। ७३. मणुस्सभवत्थ णं० ? जहा सकाइया (सु. ४९)। ७४. देवभवत्था णं भंते ! ? जहा निरयभवत्था (सु.७१)।७५. अभवत्था जहा सिद्धा (सु. ३८)।६। [सु. ७६-७८. सत्तमं भवसिद्धियदारं पडुच्च नाणि-अन्नाणिपरूवणा] ७६. भवसिद्धिया णं भंते ! जीवा किं नाणी० ? जहा सकाइया (सु. ४९) । ७७. अभवसिद्धिया णं० पुच्छा । गोयमा ! नो नाणी; अण्णाणी, तिण्णि अण्णाणाइं भयणाए। ७८. नोभवसिद्धियनोअभवसिद्धिया णं भंते ! जीवा०? जहा सिद्धा (सु. ३८) ७[सु. ७९-८१. अट्ठमं सन्निदारं पडुच्च नाणि अन्नाणिपरूवणा] ७९. सण्णी णं० पुच्छा । जहा सइंदिया (सु. ४४)। ८०. असण्णी जहा बेइंदिया (सु. ४६)। ८१. नोसण्णीनोअसण्णी जहा सिद्धा (सु. ३८) 1८1 [सु. ८२-११७. नवमं लद्धिदारं पडुच्च नाणि-अन्नाणिपरूवणा] [सु. ८२-९०. दसविहलद्धिभेय-पभेयपरूवणा] ८२. कतिविहा णं भंते ! लद्धी पण्णत्ता ? गोयमा ! दसविहा लद्धी पण्णत्ता, तं जहा-नाणलद्धी १ दंसणलद्धी २ चरित्तलद्धी ३ चरित्ताचरित्तलद्धी ४ दाणलद्धी ५ लाभलद्धी ६ भोगलद्धी ७ उवभोगलद्धी ८ वीरियलद्धी ९ इंदियलद्धी १० । ८३. णाणलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा आभिणिबोहियणाणलद्धी जाव केवलणाणलद्धी। ८४. अण्णाणलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, तं जहा मइअण्णाणलद्धी सुतअण्णाणलद्धी विभंगनाणलद्धी। ८५. दंसणलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, तं जहा सम्मइंसणलद्धी मिच्छादसणलद्धी सम्मामिच्छादसणलद्धी । ८६. चरित्तलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा सामाइयचरित्तलद्धी छेदोवट्ठावणियलद्धी परिहारविसुद्धलद्धी सुहुमसंपरागलद्धी अहक्खायचरित्तलद्धी । ८७. चरित्ताचरित्तलन्द्री णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! एगागारा पण्णत्ता । ८८. एवं जाव उवभोगलद्धी एगागारा पण्णत्ता। ८९. वीरियलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, मतं जहा बालवीरियलद्धी पंडियवीरियलद्धी बालपंडियवीरियलद्धी । ९०. इंदियलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा सोतिदियलद्धी जाव फासिदियलद्धी। [ सु.९१-९९. नाण-अन्नाणलद्धिमंतजीवेसु नाणि-अन्नाणिपरूवणा] ९१. (१) नाणलद्धिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, mero555555555555555555555/ श्री आगमगुणमंजूषा - ३१९955555555555555555555555555OR TAGR9555555555555555555555555555555555555555555555OTON 與乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听见 Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ८ सतं उ-२ [ १०५ ] फफफफफफफ अण्णा ? गोया ! नाणी, नो अण्णाणी; अत्थेगतिया दुनाणी । एवं पंच नाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्धीया णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! नो नाणी, अण्णाणी; अत्थेगतिया दुअण्णाणी, तिण्णि अण्णाणाणि भयणाए । ९२. (१) आभिणिबोहियणाणलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! नाणी, नो अण्णाणी; अत्थेगतिया दुण्णाणी, चत्तारि नाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्रिया णं भंते! जीवा किं नाणी अण्णाणी ? गोयमा ! नाणी, वि अण्णाणी वि । जे नाणी ते नियमा एगनाणी- केवलनाणी । जे अण्णाणी ते अत्थेगतिया दुअन्नाणी, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । ९३. (१) एवं सुयनाणलब्द्धीया वि । (२) तस्स अलीया वि जहा आभिणिबोहियनाणस्स अलीया । ९४. (१) ओहिनाणलद्धीया णं० पुच्छा । गोयमा ! नाणी, नो अण्णाणी, अत्थेगतिया तिणाणी, अत्येगतिया चउनाणी । जे तिणाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी ओहिनाणी । जे चउनाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुतणाणी ओहिणाणी मणपज्जवनाणी । (२) तस्स अलीया णं भंते! जीवा किं नाणी० ? गोयमा ! नाणी वि, अण्णाणी वि । एवं ओहिनाणवज्जाइं चत्तारि नाणाई, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । ९५. (१) मणपज्जवनाणलद्धिया णं० पुच्छा। गोयमा ! णाणी, णो अण्णाणी । अत्थेगतिया तिणाणि, अत्थेगतिया चउनाणी । जे तिणाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुतनाणी मणपज्जवणाणी । जे चउनाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी ओहिनाणी मणपज्जवनाणी । (२) तस्स अलन्द्वीया णं० पुच्छा । गोयमा ! णाणी वि, अण्णाणी वि, मणपज्जवणाणवज्जाइं चत्तारि णाणाई, तिणि अण्णाणाई भयणाए । ९६. (१) केवलनाणलदिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अन्नाणी ? गोयमा ! नाणी, नो अण्णाणी | नियमा एगणाणी केवलनाणी । (२) तस्स अलद्धिया णं० पुच्छा । गोयमा ! नाणी वि, अण्णाणि वि । केवलनाणवज्जाई चत्तारि णाणाई, तिणि अण्णाणाइं भयणाए । ९७. (१) अण्णाणलद्धिया णं० पुच्छा। गोयमा ! नो नाणी, अण्णाणि; तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्भिया णं० पुच्छा । गोयमा ! नाणी, नो अण्णाणी । पंच नाणाई भयणाए । ९८. जहा अण्णाणस्स लदिया अलद्धिया य भणिया एवं मइअण्णाणस्स सुयअण्णाणस्स य लदिया अद्धिया भाणिव्वा । ९९. विभंगनाणलद्धियाणं तिण्णि अण्णाणाइं नियमा । तस्स अलद्रियाणं पंच नाणाई भयणाए। दो अण्णाणाइं नियमा । [ सु.१००१०३. दंसणलद्धिमंतजीवेसु नाणि - अन्नाणिपरूवणा] १००. (१) दंसणलद्धिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! नाणी वि, अण्णाणी वि। पंच नाणाई, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी ? गोयमा ! तस्स अलद्धिया नत्थि । १०१. (१) सम्मद्दंसणलद्रियाणं पंच नाणाई भयणाए। (२) तस्स अलद्धियाणं तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । १०२. (१) मिच्छादंसणलद्धिया णं भंते !० पुच्छा । तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई, तिण्णि य अण्णाणाई भयणाए । १०३. सम्मामिच्छादंसणलद्धिया अलद्धिया य जहा मिच्छादंसणलद्धी अलद्धी तहेव भाणियव्वं । [सु. १०४-१०६. चरित्तलद्धिमंतजीवेसु नाणि अन्नाणिपरूवणा] १०४ (१) चरित्तलद्रिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! पंच नाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्धियाणं मणपज्जवनाणवज्जाई चत्तारि नाणाई, तिन्नि य अन्नाणाइं भयणाए । १०५. (१) सामाइयचरित्तलद्धिया णं भंते ! गोयमा ! जीवा किं नाणी, अन्नाणी ? गोयमा ! नाणी, केवलवज्जाइं चत्तारि नाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्रियाणं पंच नाणाइं तिण्णि य अण्णाणाइं भयणाए । १०६. एवं जहा सामाइयचरित्तलद्रिया अलद्धिया य भाणिया एवं जाव अहक्खायचरित्तलदिया अलद्धिया य भाणियव्वा, नवरं अहक्खायचरित्तलद्रियाणं पंच नाणाई भाए । [सु. १०७. चरित्ताचरित्तलद्धिमतंजीवेसु नाणि अन्नाणिपरूवणा] १०७. (१) चरित्ताचरित्तलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! नाणी, नो अण्णाणी । अत्थेगतिया दुण्णाणी, अत्थेगतिया तिण्णाणी । जे दुन्नाणी ते आभिणिबोहियनाणी य, सुयनाणी य । जे तिन्नाणी ते आभि० सुतना० ओहिनाणी य । (२) तस्स अलद्धीयाण पंच नाणाई, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । [ सु. १०८-११२. दाण लाभ- भोग- उवभोग वीरियलद्धिमंतजीवेसु नाणिअन्नाणिपरूवणा] १०८. (१) दाणलद्रियाणं पंच नाणाई, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । २ तस्स अलद्धीया णं० पुच्छा। गोयमा ! नाणी, नो अण्णाणी नियमा एगनाणी-केवलनाणी । १०९. एवं जाव वीरियस्स लदी अलब्द्धी य भाणियव्वा । ११०. (१) बालवीरियलद्धियाणं तिण्णि नाणारं तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ३२० AMOROR Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 9999969595695 (५) ८ स ३.२ [२०६ (२) तस्स अलद्रियाणं पंच नाणाई भयणाए । १११. (१) पंडियवीरियलद्भियाणं पंच नाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्धियाणं मणपज्जवनाणवज्जाई णाणाई, अण्णाणाणि तिणिय भयणाए । ११२. (१) बालपंडियवीरियलद्धिया णं भंते ! जीवा० ? तिण्णि नाणाइं भयणाए। (२) तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई, तिण्णि य अण्णाणाई भयणाए । [सु. ११३ ११७. इंदियलद्धिमंतजीवेसु नाणि - अन्नाणिपरूवणा] ११३. (१) इंदियलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? गोयमा ! चत्तारि णाणाइं, तिण्णि य अन्नाणाई भयणाए । (२) तस्स अलद्धिया णं० पुच्छा । गोयमा ! नाणी, नो अण्णाणी नियमा। एगनाणी केवलनाणी । ११४. (१) सोइंदियलद्धियाणं जहा इंदियलद्धिया (सु. ११३) । (२) तस्स अलद्धिया णं पुच्छा । गोयमा ! नाणी वि अण्णाणी वि । जे नाणी ते अत्थेगतिया दुन्नाणी, अत्थेगतिया एगन्नाणी । जे दुन्नाणी ते आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी जे एगनाणी ते केवलनाणी । जे अण्णाणी ते नियमा दुअन्नाणी, तं जहा मइअण्णाणी य, सुतअण्णाणी य । ११५. चक्खिदियं - घाणिदियाणं लदियाणं अलद्धियाण य जहेव सोइंदियस्स (सु. ११४) । ११६. (१) जिब्भिदियलद्रियाणं चत्तारि णाणाई, तिणिय अण्णाणाणि भयणाए। (२) तस्स अलदिया णं० पुच्छा। गोयमा ! नाणी वि, अण्णाणी वि । जे नाणी ते नियमा एगनाणी केवलनाणी । जे अण्णाणी ते नियमा दुअन्नाणी, तं जहा मइअण्णाणी य, सुतअन्नाणी य । ११७. फासिदियलद्धियाणं अलद्धियाणं जहा इंदियलद्धिया य अलद्धिया य (सु. ११३) । ९। [सु. ११८-१३०. दसमं उवओगदारं पडुच्च नाणि अन्नाणिपरूवणा] ११८. सागारोवयुत्ता णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? पंच नाणाई, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए। ११९. आभिणिबोहियनाणसाकारोवयुत्ता वि । १२०. एवं सुतनाणसागारोवउत्ता वि । १२१. ओहिनाणसागारोवउत्ता जहा ओहिनाणलदिया (सु. ९४ १ ) । १२२. मणपज्जवनाणसागारोवजुत्ता जहा मणपज्जवनाणलद्धिया (सु९५ १ ) । १२३. केवलनाणसागारोवजुत्ता जहा केवलनाणलदिया (सु. ९६ १ ) १२४. मइअण्णाणसागारोवयुत्ताणं तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । १२५. एवं सुतअण्णाणसागारोवयुत्ता वि । १२६. विभंगनाणसागारोवजुत्ताणं तिण्णि अण्णाणाई नियमा | १२७. अणागारोवयुत्ता णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? पंच नाणाई, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । १२८. एवं चक्खुदंसणअचक्खुदंसणअणागारोवजुत्ता वि, नवरं चत्तारि णाणाई, तिण्णि अण्णाणारं भयणाए । १२९. ओहिदंसणअणागारोवजुत्ता नं० पुच्छा । गोयमा ! नाणी वि अण्णाणी वि । जे नाणी ते अत्थेगतिया तिन्नाणी, अत्थेगतिया चउनाणी । जे तिन्नाणी ते आभिणिबोहिय० सुतनाणी ओहिनाणी । जे चउणाणी ते आभिणिबोहियनाणी जाव मणपज्जवनाणी । जे अन्नाणी ते नियमा तिअण्णाणी, तं जहा मइअण्णाणी सुतअण्णाणी विभंगनाणी । १३०. केवलदंसणअणागारोवजुत्ता जहा केवलनाणलद्धिया (सु. ९६ १।१०। [सु. १३१-१३३. एगारसं जोगदारं पडुच्च नाणि अन्नाणिपरुवणा] १३१. सजोगी णं भंते! जीवा किं नाणी० ? जहा सकाइया (सु. ४९) १३२. एवं मणजोगी, वइजोगी कायजोगी वि । १३३. अजोगी जहा सिद्धा (सु. ३८) | ११ | [ सु. १३४-१३७. बारसमं लेस्सादारं पडुच्च नाणि-अन्नाणिपरूवणा] १३४. सलेस्सा णं भंते ! ० १ जहा सकाइया (सु. ४९) । १३५. (१) कण्हलेस्सा णं भंते ! ० १ जहा सइंदिया । (सु.४४) । (२) एवं जाव पम्हलेसा । १३६. सुक्कलेस्सा जहा सलेस्सा (सु. १३४) । १३७. अलेस्सा जहा सिद्धा (सु. ३८) | १२| [सु. १३८-१३९. तेरसमं कसायदारं पडुच्चाणि -अन्नाणिपरूवणा] १३८. (१) सकसाई णं भंते! ० ? जहा सइंदिया (सु. ४४) । (२) एवं जाव लोहकसाई । १३९. अकसाई णं भंते! किं णाणी० ? पंच नाणाई १३. १४०-१४१. चोद्दसमं वेददारं पडुच्च नाणि अन्नाणिपरूवणा] १४० (१) सवेदगा णं भंते! ० ? जहा सइंदिया (सु ४४) । (२) एवं इत्थिवेदना वि । एवं पुरिसवेयगा । एवं नपुंसकवे० । १४१. अवेदगा जहा अकसाई (सु. १३९) । १४ । [सु. १४२-१४३. पनरसमं आहारदारं पडुच्च नाणिअन्नाणिपवणा] १४२. आहारगा णं भंते! जीवा० ? जहा सकसाई (सु. १३८), नवरं केवलनाणं पि । १४३. अणाहारगा णं भंते! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? मणपज्जवसावज्जाई नाणाई, अन्नाणाणि य तिण्णि भयणाए । १५। [सु. १४४-१५१. सोलसमं विसयदारं नाण-अन्नाणविसयपरूवणा] १४४. आभिणिव हियनाणस्स णं भंते! केवतिए विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासतो चउव्विहे पण्णत्ते, तं जहा दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो । दव्वतो णं 5 श्री आगमगुणमंजूषा ३२१ फ्र Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 5 55OOK FAG9555555555555555555555555555555 IG055555555555555 (५) भगबईमत .२ [१०७] ___5555555555555555) आभिणिबोहियनाणी आदेसेणं सव्वदव्वाइं जाणति पासति। खेत्ततो आभिणिबोहियणाणी आदेसेणं सव्वं खेत्तं जाणति पासति। एवं कालतो वि। एवं भावओ वि।१४५. सुतनाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासओ चतुविहे पण्णत्ते, तं जहा दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो। दव्वतो णं सुतनाणी उवयुत्ते सव्वदव्वाई जाणति घासति ! एवं खेततो वि, कालतो वि ! भावतो सुयनाणी उबजुत्ते सव्वभावे जाणति पासति । १४६. ओहिनाणस्स णं भंते ! केवतिए विसाए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासओ चतुव्विहे पण्णत्ते, तं जहा दव्वती खेत्ततो कालतो भावतो। दव्वतो णं ओहिनाणी रूविदव्वाइं जाणति पासति जहा नंदीए जाव के भावतो। १४७. मणपज्जवनाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासओ चउब्विहे पण्णत्ते, तं जहा-दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो। दव्वतो णं उज्जुमती अणंते अणंतपदेसिए जहा नंदीए जाव भावओ। १४८. केवलनाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासओ चतुम्विहे पण्णत्ते, तं' जहा दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो । दव्वतो णं केवलनाणी सव्वदव्वाई जाणति पासति ।एवं जाव भावओ। १४९. मइअन्नाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पन्नत्ते ? गोयमा ! से समासतो चतुविहे पण्णत्ते, तं जहा दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो। दव्वतो णं मइअन्नाणी मइअन्नाणपरिगताई दव्वाइं जाणति पासति । एवं जाव भावतो मइअन्नाणी मइअन्नाणपरिगते भावे जाणति पासति । १५०. सुतअन्नाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासतो चतुविहे पण्णत्ते, तं जहा दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो। दव्वतो णं सुयअन्नाणी सुतअन्नाणपरिगताइं दव्वाइं आघवेति पण्णवेति परूवेइ । एवं खेत्ततो कालतो । भावतोणं सुयअन्नाणी सुतअन्नाणपरिगते भावे आघवेति तं चेव । १५१. विभंगणाणस्स णं भंते ! केवतिए विसए पण्णत्ते ? गोयमा ! से समासतो चतुविहे पण्णत्ते, तं जहा दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो। दव्वतो णं विभंगनाणी विभंगणाणपरिगताइं दव्वाइं जाणति पासति । एवं जाव भावतो णं विभंगनाणी विभंगनाणपरिगए भावे : जाणति पासति । १६। [सु. १५२-१५३. सत्तरसमं कालदारं पडुच्चं नाणि -अन्नाणिपरूवणा] १५२. णाणी णं भंते ! 'णाणि' त्ति कालतो केवच्चिरं होति ? गोयमा ! नाणी दुविहे पण्णत्ते, तं जहा सादीए वा अपज्जवसिते, सादीए वा सपज्जवसिए। तत्थ णं जे से सादीए सपज्जवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छावट्टि सागरोवमाइं सातिरेगाइं । १५३. आभिणिबोहियणाणी णं भंते ! आभिणिबोहियणाणि त्ति० ? । एवं नाणी, आभिणिबोहियनाणी जाव केवलनाणी, अन्नाणी, मइअन्नाणी, सुतअन्नाणी, विभंगनाणी; एएसिं दसण्ह वि संचिट्ठणा जहा कायठितीए ।१७। [सु. १५४. अट्ठारसमअंतरदारवत्तव्वयाजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो] १५४. अंतरं सव्वं जहा जीवाभिगमे। १८ । [सु. १५५. एगूवीसइमअप्पबहुत्तदारवत्तव्वयाजाणणत्थं पन्नवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १५५. अप्पाबहुगाणि तिण्णि जहा बहुवत्तव्वताए । १९। [सु. १५६-१५९. वीसइमं पज्जवदारं -नाण -अन्नाणपज्जवपरूवणा ] १५६. केवतिया णं भंते ! आभिणिबोहियणाणपज्जवा पण्णत्ता ? गोयमा ! अणंता आभिणिबोहियणाणपज्जवा पण्णत्ता। १५७. (१) केवतिया णं भंते ! सुतनाणपज्जवा पण्णत्ता? एवं चेव । (२) एवं जाव केवलनाणस्स। १५८. एवं मतिअन्नाणस्स सुतअन्नाणस्स । १५९. केवतिया णं भंते ! विभंगनाणपज्जवा पण्णत्ता गोयमा ! अणंता विभंगनाणपज्जवा पण्णत्ता । २० [सु. १६०-१६२. नाणपज्जवाणं अन्नाणपज्जवाणं नाणऽन्नाणपज्जवाणं च अप्पाबहुयं] १६०. एतेसि णं भंते ! आभिणिबोहियनाणपज्जवाणं सुयनाणपज्जवाणं ओहिनाणपज्जवाणं मणपज्जवनाणपज्जवाणं केवलनाणपज्जवाण य कतरे कतरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा मणपज्जवनाणपज्जवा, ओहिनाणपज्जवा अणंतगुणा, सुतनाणपज्जवा अणंतगुणा, आभिणिबोहियनाणपज्नवा अणंतगुणा, केवलनाणपज्जवा अणंतगुणा । १६१. एएसि णं भंते ! मइअन्नाणपज्जवाणं सुतअन्नाणपज्जवाणं विभंगनाणपज्जवाण य कतरे कतरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा विभंगनाणपज्जवा, सुतअन्नाणपज्जवा अणंतगुणा, मतिअन्नाणपज्जवा अणंतगुणा । १६२. एएसि णं भंते ! आभिणिबोहियणाणपज्जवाणं जाव केवलनाणपज्जवाणं मइअन्नाणपज्जवाणं सुयअन्नाणपज्जवाणं विभंगनाणपनवाण य कतरे कतरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा । सव्वत्थोवा मणपज्जवनाणपज्जवा, विभंगनाणपज्जवा अणंतगुणा, 2 ओहिणाणपज्जवा अणंतगुणा, सुतअन्नाणपज्जवा अणंतगुणा, सुतनाणपज्जवा विसेसाहिया, मइअन्नाणपज्जवा अणंतगुणा, आभिणिबोहियनाणपज्जवा विसेसाहिया, Every 555555555555555555555555श्री आगमगणमंजूषा- 15555555555555555555555555555 Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3555555555555555 555555555555555yerror 155555555555555555555hhhhh555555 FOTO SAGAR055555555555555555 केवलनाणपज्जवा अणंतगुणा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० **अट्ठमस्स सयस्स बितिओ उद्देसो ॥८.२॥ ततिओ उद्दसोरुक्ख' ★ [सु. १-५ रुक्खभेय -पभेयाइपरूवणा] १. कतिविहा णं भंते ! रुक्खा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा रुक्खा पण्णत्ता, तं जहा संखेज्जजीविया असंखेजजीविया अणंतजीदिया।२.से किं तं संखेज्जनीविया? संखेजजीविया अणेगविहा पण्णत्ता, तं जहा ताले तमाले तक्कलि तेतलि जहा पण्णवणाए जाव नालिएरी, जे यावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं संखेज्जजीविया । ३. से किं तं असंखेजजीविया ? असंखेजजीविया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा एगट्ठिया य बहुबीयगा य। ४.से किं तं एगट्ठिया ? एगढ़िया अणेविहा पण्णत्ता, तं जहा निबंवजंबु एवं जहा पण्णवणापए जाव फला बहुबीयगा। से तं बहुबीयगा । सेत्तं असंखेजजीविया। ५. से कि तं अणंतजीविया ? अणंतजीविया अणेगविहा पण्णत्ता, तं जहा आलुए मूलए सिंगबेरे एवं जहा सत्तमसए (सु. ७ उ०३ सु०५) जाव सीउंढी मुसुंढी, जे यावन्ने तहप्पकारा । सेनं अणंतजीविया। [सु. ६. कुम्माइपाणीणं छिन्नभागंतरे जीवपदेसत्तं, छिन्नभागंतरजीवपदेसेसु सत्थसंकमाभावो य] ६. (१) अह भंते ! कुम्मे कुम्मावलिया, गोहे गोहावलिया, गोणे गोणावलिया, मणुस्से मण्णुस्सावलिया, महिसे महिसावलिया, एएसि णं दुहा वा तिहा वा संखेज्जहा वा छिन्नाणं जे अंतरा ते विणं तेहिं जीवपदेसेहिं फुडा ? हंता, फुडा । (२) पुरिसे णं भंते ! ते अंतरे हत्थेण वा पादेण वा अंगुलियाए वा, सलागाए वा कद्वेण वा कलिंचेण वा आमुसमाणे वा सम्मुसमाणे वा आलिहमाणे वा विलिहमाणे वा अन्नयरेण वा तिक्खेणं सत्थजातेणं आच्छिदमाणे वा विच्छिदमाणे वा, अगणिकाएणं वा समोडहमाणे तेसिं जीवपदेसाणं किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पायइ ? छविच्छेदं वा करेइ ? णो इणठे समठे, नो खलु तत्थ सत्यं संकमति। [सु. ७-८. रयणप्पभाइपुढवीणं चरमाचरमपरूवणत्थं पन्नवणासुत्तावलोयणनिद्देसो ] ७. कति णं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ पुढवीओ पण्णत्ताओ, तं जहा रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा पुढवी, ईसिपब्भारा । ८. इमा णं भंते ! रयणप्पभापुढवी किं चरिमा, अचरिमा ? चरिमपदं निरवसेसं भाणियव्वं जाव वेमाणिया णं भंते ! फासचरिमेणं किं चरिमा अचरिमा ? गोयमा ! चरिमा वि अचरिमा वि। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोतमे०।।।८.३||★★★चउत्थो उद्देसो 'किरिया' ★★★ [सु.॥ १. चउत्थुद्देसगस्स उवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वदासि सु. २. किरियाभेयभेयाइपरूवणत्थं पन्नवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] २. कति णं भंते ! किरियाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा काइया अहिगरणिया, एवं किरियापदं निरवसेसं भाणियव्वं जाव मायावत्तियाओ किरियाओ विसेसाहियाओ। सेवं भंते ! सेवं भंते ति भगवं गोयमे० । ।।८.४|| पंचमो उद्देसो 'आजीव' ** [सु. १. पंचमुद्देसगस्स उवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वदासि [सु.२-५. आजीवियकहियनिग्गंथसंबंधिपरूवणाए भगवओ सहेउया अणुमती] [सु. २-३. कयसामाइयस्स समणोवासयस्स सकीयभंडेसु अपरिण्णातत्तं २. आजीविया णं भंते ! थेरे भगवंते एवं वदासी समणोवासगस्स णं भंते ! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स केइ भंडे अवहरेज्जा, से णं भंते ! तं भंडं अणुगवेसमाणे किं समंडं अणुगवेसति ? परायगं भंडं अणुगवेसइ ? गोयमा ! सभंडं अणुगवेसति नो परायगं भंडं अणुगवेसेति। ३. (१) तस्स णं भंते ! तेहिं सीलव्वत-गुण-वेरमण-पच्चक्खाण-पोसहोववासेहिं से भंडे अभंडे भवति ? हंता, भवति । (२) से केणं खाइ णं अटेणं भंते ! एवं वुच्चति 'सभंडं अणुगवेसइ नो परायगं भंडं अणुगवेसइ' ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवति णो मे हिरणे, नो मे सुवण्णे, नो मे कंसे, नो मे दूसे, नो मे विउलघण-कणग रयण'मणि-मोत्तिय-संख-सिल-प्पवाल-रत्तरयणमादीए संतसारसावदेज्जे, ममत्तभावे पुण से अपरिणाते भवति, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ 'सभंडं अणुगवेसइ नो परायगं भंडं अणुगवेसइ। [सु. ४.५. कयसामाइयस्स समणोवायस्स सकीयभज्जाए पेज्जबंधणावोच्छिन्नत्तं] ४. समणोवासगस्स णं भंते ! सामाइयकडस्स समणोवस्सए अच्छमाणस्स केइ जायं चरेज्जा, से णं भंते ! किं जायं चरइ, अजायं चरइ ? गोयमा ! जायं चरइ, नो अजायं चरइ । ५. (१) तस्स णं भंते ! तेहिं सीलव्वय-गुण-वेरमण-पच्चक्खाण-पोसहो-ववासेहि सा जाया अजाया भवइ ? हंता, भवइ । (२) से केणं खाइ णं अटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० 'जायं चरइ, नो 0555555555555555555555555555555555555555555555555OOK Ker.055555555555555555555555॥श्री आगमगुणमंजूषा-३२34555555555555555555555 5OOR Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOR9555555555555555 (५) भगवई ८ सनं उ.५ [१०९] 5555555555555520 अजायं चरइ' ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ णो मे माता, णो मे पिता, णो मे भाया, शो मे भगिणी, णो मे भज्जा, णो मे पुत्ता, णो मे धूता, नो मे सुण्हा, पेजबंधणे पुण से अव्वोच्छिन्ने भवइ, से तेणटेणं गोयमा ! जाव नो अजाय चरइ। [सु. ६-८. पच्चाइक्खमाणस्स समणोवासयस्स तीत-पडुप्पन्न-अणागय-थूलगपाणाइवायाइ पडुच्च पडिक्कमण-संवरण-पच्चक्खाणरूवा वित्थरओ तिविह-तिविहाइभंगपरूवणा] ६. (१) समणोवासगस्सणं भंते ! पुव्वामेव थूलए पाणातिवाते अपच्चक्खाए भवइ, से णं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं करेति ? गोयमा ! तीतं पडिक्कमति, पडुप्पन्नं संवरेति, अणागतं पच्चक्खाति। (२) तीतं पडिक्कममाणे किं तिविहं तिविहेणं पडिक्कमति १, तिविहं दुविहेणं पडिक्कमति २, तिविहं एगविहेणं पडिक्कमति ३, दुविहं तिविहेणं पडिक्कमति ४, दुविहं दुविहेणं पडिक्कमति ५, दुविहं एगविहेणं पडिक्कमति ६, एक्कविहं तिविहेणं पडिक्कमति ७, एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कमति ८, एक्कविहं एगविहेणं पडिक्कमति ९ ? गोयमा ! तिविहं वा तिविहेणं पडिक्कमति, तिविहं वा दुविहेणं पडिक्कमति तं चेव जाव एक्कविहं वा एक्कविहेणं पडिक्कमति । तिविहं वा तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, न कारवेति, करेंतं णाणुजाणति, मणसा वयसा कायसा १ । तिविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, न कारवेति, करेंतं नाणुजाणति, मणसा वयसा २; अहवा न करेति, न कारवेति, करेंतं नाणुजाणति, मणसा कायसा ३; अहवा न करेइ, न कारवेति, करेंतं णाणुजाणति, वयसा कायसा ।तिविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, न कारवेति, करेंतणाणुजाणति, मणसा ५; अहवा न करेइ, ण कारवेति, करेंतं णाणुजाणति, वयसा ६; अहवा न करेति, न कारवेति, करेंतं णाणुजाणति, कायसा ७ । दुविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ, न कारवेति, मणसा वयसा कायसा ८; अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा वयसा कायसा ९; अहवा न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा वयसा कायसा १०॥ दुविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेति न कारवेति, मणसा वयसा ११; अहवा न करेति, न कारवेति, मणसा कायसा १२; अहवा न करेति, न कारवेति, वयसा कायसा १३; अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा वयसा १४, अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा कायसा १५, अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणति, वयसा कायसा १६; अहवा न कारवेति, करेंतं नाणुजाणति मणसा वयसा १७; अहवा न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा कायसा १८; अहवा न कारवेति, करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा १९ । दुविहं एक्कविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, न कारवेति, मणसा २०; अहवा न करेति, न कारवेति वयसा २१; अहवा न करेति, न कारवेति कायसा २२; अहवा न करेति, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा २३; अहवा न करेइ, करेंतं नाणुजाणति, वयसा २४; अहवा न करेइ, करेंतं नाणुजाणइ, कायसा २५; अहवा न कारवेइ, करेंत नाणुजाणइ, मणसा २६; अहवान कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ, वयसा २७; अहवा न कारवेइ, करेंत नाणुजाणइ, कायसा २८ । एगविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेति, मणसा वयसा कायसा २९; अहवा न कारवेइ मणसा वयसा कायसा ३०; अहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा वयसा कायसा ३१; एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेति मंणसा वयसा ३२; अहवा न करेति मणसा कायसा ३३; अहवा न करेइ वयसा कायसा ३४; अहवा न कारवेति मणसा वयसा ३५, अहवा न कारवेति मणसा कायसा ३६; अहवा न कारवेइ वयसा कायसा ३७; अहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा वयसा ३८; अहवा करेंतं नाणुजाणति मणसा कायसा ३९; अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा ४० । एक्कविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेति मणसा ४१; अहवा न करेति वयसा ४२; अहवा न करेति कायसा ४३, अहवा न कारवेति मणसा ४४; अहवा न कारवेति वयसा ४५; अहवा न कारवेइ कायसा ४६; अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा ४७; अहवा करेंतं नाणुजाणति वयसा ४८; अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा ४९। (३) पडुप्पन्नं संवरमाणे किं तिविहं तिविहेणं संवरेइ ? एवं जहा पडिक्कममाणेणं एगूणपण्णं भंगा भणिया एवं संवरमाणेण वि एगणपण्णं भंगा भाणियव्वा । (४) अणागतं पच्चक्खमाणे किं तिविहं तिविहेणं पच्चक्खाइ ? एवं ते चेव भंगा एगूणपण्णं भाणियव्वा जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा। ७. समणोवासगस्स णं भंते ! पुव्वामेव थूलमुसावादे अपच्चक्खाए भवइ, सेणं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे एवं जहा पाणाइवातस्स सीयालं भंगसतं (१४७) भणितं तहा मुसावादस्स वि भाणियव्वं । ८. एवं अदिण्णादाणस्स वि । एवं थूलगस्स मेहुणस्स वि । थूलगस्स परिग्गहस्स वि जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा। सु. ९. समणोवासग-आजीवियोवासगाणं भिन्नतानिद्देसो] ९. एए खलु एरिसगा समणोवासगा भवंति, ror 9 555555555555श्री आगमगुणमंजूषा - ३२४ 5555555555555555 59555555555555555555555555555555555555555555555555fbiog HORO55555555555555555555555555555555555555 $$$exas Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KKKKKKKISKS[ नो खलु एरिसगा आजीवियोवासगा भवंति । [सु. १०. आजीवियसमयपरूवणा] १० आजीवियसमयस्स णं अयमट्टे पण्णत्ते अक्खीणपडिभोइणो सव्वे सत्ता, से हंता छेत्ता भत्ता लुंपित्ता विलुंपित्ता उद्दवइत्ता आहारमाहारेति । [सु. ११. आजीवियोवासगाणं दुवालस नामाणि ] ११. तत्थ खलु इमे दुवालस आजीवियोवासगा भवति, तं जहा-ताले १ तालपलंबे २ उव्विहे ३ संविहे ४ अवविहे ५ उदए ६ नामुदए ७ णम्मुदए ८ अणुवालए ९ संखवालए १० अयंबुले ११ कायरए १२ । [सु. १२. आजीवियोवासगाणं आचारपरूवणा] १२. इच्चेते दुवालस आजीवियोवासगा अरहंतदेवतागा अम्मा-पिउसुस्सूसगा; पंचफलपडिक्कंता, तं जहा उंबरेहिं, वडेहिं, बोरेहिं सतरेहिं पिलंखूहिं, पलंडु ल्हसण- कंद-मूलविवज्जगा अणिल्लंछिएहिं अणक्कभिन्नेहिं गोणेहिं तसपाणविवज्जिएहिं चित्तेहिं वित्तिं कप्पेमाणे विहरंति । [सु. १३. आजीविओवासगेहिंतो पनरसकम्मादाणवज्जयाणं समणोवासगाणं पाहण्णपरूवणा] १३. 'एए वि ताव एवं इच्छिति, किमंग पुण जे इमे समणोवासगा भवंति ?' जेसिं नो कप्पंति इमाई पण्णरस कम्मादाणाइं सयं करेत्तए वा, कारवेत्तए वा, करेंतं वा अन्नं न समणुजाणेत्तए, तं जहा इंगालकम्मे वणकम्मे साडीकम्मे भाडीकम्मे फोडीकम्मे दंतवाणिज्ने लक्खवाणिज्जे केसवाणिज्जे रसवाणिज्ने विसवाणिज्जे जंतपीलणकम्मे निल्लंछणकम्मे दवग्गिदावणया सर दह - तलायपरिसोसणया असतीपोसणया । [सु. १४. समणोवासगाणं देवगइगामित्तं] १४. इच्चेते समणोवासगा सुक्का सुक्काभिजातीया भवित्ता कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति । [सु. १५. देवलोगभेयपरूवणा] १५. कतिविहा णं भंते ! देवलोगा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा देवलोगा पण्णत्ता, तं जहा भवणवासि वाणमंतर - जोइस वेमाणिया । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० । ★★★ अट्ठमसयस्स पंचमो उद्देसओ ।। ७.५।। ★ ★ ★ छट्टो उद्देसो 'फासुगं' ★★★ [सु. १. तहाविहसमण माहणे फासुएसणिज्जपडिलाहगस्स समणोवासगस्स निज्जराकरपरूवणा] १. समणोवासगस्स णं भंते! तहारूवं समणं वा माहणं वा फासुएसणिज्जेणं असण-पाण- खाइम साइमेणं पडिलाभेमाणस्स किं कज्जति ? गोयमा ! एगंतंसो से निज्जरा कज्जइ, नत्थि य से पावे कम्मे कज्जति । [ सु. २. तहाविहसमण-माहणे, अफासुयअणेसणिज्जपडिलाहगस्स समणोवासगस्स बहुनिज्जरा- अप्पकम्मकरणपरूवणा] २. समणोवासगस्स णं भंते! तहारूवं समणं वा माहणं वा अफासुएणं अणेसणिज्जेणं असण-पाण जाव पडिलाभेमाणस्स किं कज्जइ ? गोयमा ! बहुतरिया से निज्जरा कज्जइ, अप्पतराए से पावे कम्मे कज्जइ । [सु. ३. तहाविहं असंजयाइयं पडिलाहगस्स समणोवासयस्स एगंतकम्मबंध-निज्जराऽभावपरूवणा] ३. समणोवासगस्स णं भंते! तहारूवं अस्संजयअविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मं फासुएण वा अफासुएण वा एसणिज्जेण वा अणेसणिज्जेण वा असण-पाण जाव किं कज्जइ ? गोयमा ! एगंतसो से पावे कम्मे कज्जइ, नत्थि से काइ निज्जरा कज्जइ । [सु. ४ ६. गाहावइदिण्णपंड-पडिग्गह-गोच्छग-रयहरण- चोलपट्टग कंबल लट्ठी संथारगेसु गाहगनिग्गंथं पडुच्च दायगनिद्देसाणुसारिणी उवभोगपरूवणा] ४ (१) निग्गंथं च णं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्टं केइ दोहिं पिंडेहिं उवनिमंतेज्जा एवं आउसो ! अप्पणा भुंजाहि, एगं थेराणं दलयाहि, से य तं पिंडं पडिग्गहेज्जा, थेरा य से अणुगवेसियव्वा सिया, जत्थेव अणुगवेसमाणे थेरे पासिज्जा तत्थेवाऽणुप्पदायव्वे सिया, नो चेव णं अणुगवेसमाणे थेरे पासिज्जा तं नो अप्पाणा भुंजेज्जा, नो अन्नेसिं दावए, एगंते अणावाए अचित्ते बहुफासुए थंडिले पडिलेहेत्ता, पमज्जित्ता परिद्वावेव्वे सिया। (२) निग्गंथं च णं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्टं केति तिहिं पिंडेहिं उवनिमंतेज्जा एवं आउसो ! अप्पणा भुंजाहि, दो थेराणं दलयाहि, से य ते पडिग्गहेज्जा, थेरा य से अणुगवेसेयव्वा, सेसं तं चेव जाव परिट्ठावेयव्वे सिया । (३) एवं जाव दसहिं पिंडेहिं उवनिमंतेज्जा, नवरं एगं आउसो ! अप्पणा भुंजाहि, नव थेराणं दलयाहि, सेसं तं चेव जाव परिट्ठावेतव्वे सिया । ५. (१) निग्गंथं च णं गाहावर जाव के दोहिं पडिग्गहेहिं उवनिमंतेज्जा एवं आउसो ! अप्पणा परिभुंजाहि, एगं थेराणं दलयाहि, से य तं पडिग्गहेज्जा, तहेव जाव तं नो अप्पणा परिभुंजेज्जा, नो अन्नेसिं दावए । सेसं तं चेव जाव परिद्वावेयव्वे सिया । (२) एवं जाव दसहिं पडिग्गहेहिं । ६. एवं जहा पडिग्गहवत्तव्वया भणिया एवं गोच्छग-रयहरण-चोलपट्टग-कंबल लट्ठी- संथारगवत्तव्वया य भाणियव्वा जाव दसहिं संथारएहिं उवनिमंतेज्जा HOMO 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ३२५ ८१०८ HANA 4 5 5 5 5 5 5 5 5 5 4 4 4 4 Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FRO..0555555555555555 (५) भगवई ८ गतं उ-६ (१११] 55555555555555FFORDAR FOR9555555555555555555555555555555555555555555555555xos जाव परिट्ठावेयव्वे सिया। [सु. ७. पिंडयायपतिण्णाए गाहावइकुलमणुपविट्ठस्स अण्णयरअकिच्चट्ठाणसेविस्स आलोयणादिपरिणामस्स निग्गंथस्स आराहगत्तं] ७. (१) निग्गंथेण य गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पवितुणं अन्नयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए, तस्स णं एवं भवति इहेव ताव अहं एयस्स ठाणस्स आलोएमि पडिकमामि निंदामि गरिहामि विउहामि विसोहेमि अकरणयाए अब्भुट्टेमि अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्म पडिवज्जामि, तओ पच्छा थेराणं अंतियं आलोएस्सामि जाव तवोकम्मं पडिवज्जिस्सामि । से य संपट्ठिए, असंपत्ते, थेरा य अमुहा सिया, से णं भंते ! किं आराहए विराहए ?, गोयमा ! आराहए, नो विराहए। (२) से य संपट्ठिए असंपत्ते अप्पणा य पुव्वामेव अमुहे सिया, सेणं भंते! किं आराहए, विराहए ? गोयमा ! आराहए, नो विराहए। (३) से य संपट्ठिए, असंपत्ते थेरा य कालं करेज्जा, सेणं भंते ! किं आराहए विराहए ? गोयमा ! आराहए, नो विराहए। (४) से य संपट्ठिए असंपत्ते अप्पणा य पुव्वामेव कालं करेज्जा, सेणं भंते ! किं आराहए विराहए ? गोयमा ! आराहए, नो विराहए। (५) से य संपट्ठिए संपत्ते, थेरा य अमुहा सिया, सेणं भंते ! किं आराहए विराहए ? गोयमा ! आराहए, नो विराहए।' (६)-८ से य संपट्ठिए संपत्ते अप्पणा य० । एवं संपत्तेण वि चत्तारि आलावगा भाणियव्वा जहेव असंपत्तेणं। [सु.८-९. वियार-विहारभूमिणिक्खंतस्स गामाणुगामं दूइज्जमाणस्स य अन्नयरअकिच्चठाणसेविस्स आलोयणादिपरिणामस्स निग्गंथस्स आराहगत्तं] ८. निग्गंथेणं य बहिया वियारभूमि वा विहारभूमिं वा निक्खेतेणं अन्नयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए, तस्स णं एवं भवति इहेव ताव अहं० । एवं एत्थ वि, ते चेव अट्ठ आलावगा भाणियव्वा जाव नो विराहए । ९. निग्गंथेण य गामाणुगामं दूइज्जमाणेणं अन्नयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए, तस्स णं एवं भवति इहेव ताव अहं० । एत्थ वि ते चेव अट्ठ आलावगा भाणियव्वा जाव नो विराहए। [सु. १०. सत्तम-अट्ठम-नवमसुत्तवण्णितविसए निग्गंथीए आराहगतं] १०. (१) निग्गंथीए य गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठाए अन्नयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए, तीसे णं एवं भवइ -इहेव ताव अहं एयस्स ठाणस्स आलोएमि जाव तवोकम्म पडिवज्जामि तओ पच्छा पवत्तिणीए अंतियं आलोएस्सामि जाव म पडिवज्जिस्सामि, सा य संपट्ठिया असंपत्ता, पवत्तिणी य अमुहा सिया, सा णं भंते ! किं आराहिया, विराहिया ? गोयमा ! आराहिया, नो विराहिया। (२) साय संपट्ठिया जहा निग्गंथस्स तिण्णि गमा भणिया एवं निग्गंथीए वि तिण्णि आलावगाभाणियव्वा जाव आराहिया, नो विराहिया। [सु.११. सत्तमाइदसमसुत्तपज्जंतपरूविय 'आराहगत' समत्थणे उण्णलोमाइ -अहयवत्थाइदिह्रतजुगं] ११. (१) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-आराह,, नो विराहए ? "गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे एगं महं उण्णलोभं वा गयलोभं वा सणलोभं वा कपपासलोमं वा तणसूयं वा दुहा वा तिहा वा संखेज्जहा वा छिदित्ता अगणिकायंसि पक्खिवेज्जा, से नूणं गोयमा ! छिज्जमाणे छिन्ने, पक्खिप्पमाणे पक्खित्ते, डज्झमाणे दड्ढे त्ति वत्तव्वं सिया ? हंता, भगवं ! छिज्जमाणे छिन्ने जाव दड्ढे त्ति वत्तव्वं सिया। “२ से जहा वा केइ पुरिसे वत्थं अहतं वा धोतं वा तंतुम्गयं वा मंजिट्ठादोणीए पक्खिवेज्जा, सेनूणं गोयमा ! उक्खिप्पमाणे उक्खित्ते, पक्खिप्पमाणे पक्खित्ते, रज्जमाणे रत्तेत्ति वत्तव्वं सिया? हंता, भगवं ! उक्खिप्पमाणे उक्खित्ते जाव रत्ते त्तिवत्तव्वं सिया । से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-आराहए, नो विराहए"। [सु. १२-१३. झियायमाणे पदीवे अगारे य जोइजलणपडिवादणं] १२, पईवस्स णं भंते ! झियायमाणस्स किं पदीवे झियाति, लट्ठी झियाइ, वत्ती झियाइ, तेल्ले झियाइ, दीवचंपए झियाइ, जोती झियाइ ? गोयमा ! नो पदीवे झियाइ, जाव नो दीवचंपए झियाइ, जोती झियाइ । १३. अगारस्स णं भंते ! झियायमाणस्स किं अगारे झियाइ, कुड्डा झियायंति, कडणा झियायंति, धारणा झियायंति, बलहरणे झियाइ, वंसा झियायंति, मल्ला झियायंति, वग्गा झियायंति, छित्तरा झियायंति, छाणे झियाति, जोती झियाति ? गोयमा ! नो अगारे झियाति, नो कुड्डा झियाति, जाव नो छाणे झियाति, जोती झियाति। [सु. १४-२९. जीव -चउवीसदंडएसु एगत्त-पहुत्तेणं एग -बहुओरालियाइपंचसरीरेहि किरियापरूवणा] १४. जीवे णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए, सिय अकिरिए। १५. नेरइए प्र णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए। १६. असुरकुमारे णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिए ? ' श एवं चेव । १७. एवं जाव वेमाणि,, नवरं मणुस्से जहा जीवे (सु. १४)। १८. जीवे णं भंते ! ओरालियसरीरेहिंतो कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए जाव सिय ror श्री आगमगुणमंजूषा- ककककककककककककGOR 50555555555555555555555555555555555555555555555555EONOR Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ IGG555555555555555 भगमन... रश अकिरिए। १९. नेरइए णं भंते ! ओरालियसरीरेहिंतो कतिकिरिए ? एवं एसोजहा पढमो दंडओ (सु. १५-१७) तहा इमो वि अपरिसेसो भाणियव्वो जाव वेमाणिए, नवरं मणुस्से जहा जीवे (सु. १८) । २०. जीवा णं भंते ! ओरालियसरीराओ कतिकिरिया ? गोयमा ! सिय तिकिरिया जाव सिय अकिरिया । २१. नेरइया णं भंते! ओरालियसरीराओ कतिकिरिया ? एवं एसो वि जंहा पढमो दंडओ (सु. १५-१७) तहा भाणियव्वो जाव वेमाणिया, नवरं मणुस्सा जहा जीवा (सु. २०) । २२. जीवाणं भंते! ओरालियसरीरेहितो कतिकिरिया ? गोयमा! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि, अकिरिया वि। २३. नेरइयाणं भंते! ओरालियसरीरेहितो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि । २४. एवं जाव वेमाणिया, नवरं मणुस्सा जहा जीवा (सु. २२) । २५. जीवे णं भंसे । वेउब्वियसरीराओ कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय अकिरिए। २६. नेरइए णं भंते ! वेउव्वियसरीराओ कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए।२७. एवं जाव वेमाणिए, नवरं मणुस्से जहा जीवे (सु.२५)।२८. एवं जहा ओरालियसरीरेणं चत्तारि दंडगा भणिया तहा वेउब्वियसरीरेण वि चत्तारि दंडगा भाणियव्वा, नवरं पंचमकिकरिया न भण्णइ, सेसं तं चेव । २९. एवं जहा वेउव्वियं तहा आहारगं पि, तेयगं पि, कम्मगं पि भाणियव्वं । एक्कक्के चत्तारि दंडगा भाणियव्वा जाव वेमाणिया णं भंते ! कम्मगसरीरेहितो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।★★★ अट्ठमसयस्स छट्ठो उद्देसओ समत्तो॥८.६॥ सातमो उद्देसो 'अदत्ते'***[सु. १.२. रायगिहे नगरे अन्नउत्थियवासो भगवओ समोसरणं च] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नगरे । वण्णओ। गुणसिलए चेइए । वण्णओ, जाव पुढविसिलावट्टओ । तस्स णं गुणसिलयस्स चेइयस्स अदुरसामंते बहवे अन्नउत्थिया परिवसंति । २. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आदिगारे जाव समोसढे जाव बरिसा पडिगया। [सु. ३-१५. अन्नउत्थियाणं निग्गंथथेरेहिं सह अदिण्णादाणविसओ विवादो] ३. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अंतेवासी थेरा भगवंतो जातिसंपन्ना कुलसंपन्ना जहा बितियसए (स. २ उ. ५ सु. १२) जाव जीवियासामरणभयविप्पमुक्का समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उड्डेजाणू अहोसिरा झाणकोट्ठोवगया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा जाव विहरंति। ४. तए णं ते अन्नउत्थिया जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता ते थेरे भगवंते एवं वयासी तुब्भे णं अज्जो ! तिविहं तिविहेणं अस्संजयअविरयअप्पडिहय जहा सत्तमसए बितिए उद्देसए (सु. ७ उ. २ सु. १ (२) जाव एगंतबाला यावि भगह। ५. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं तिविहेणं अस्संजयअविरय जाव एगंतबाला यावि भवामो ? ६. तए णं ते अन्नउत्थिया ते ईथेरे भगवंते एवं वयासी तुब्भे णं अज्जो ! अदिन्नं गेण्हह, अदिन्नं भुंजह,अदिन्नं सातिज्जह । तए णं तुब्भे अदिन्नं गेण्हमाणा, अदिन्नं भुंजमाणा, अदिन्नं सातिजमाणा है तिविहं तिविहेणं अस्संजयअविरय जाव एगंतबाला यावि भगह । ७. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे अदिन्नं गेण्हामो, अदिन्नं भुंजामो, अदिन्नं सातिज्जमो, तएणं अम्हे अदिन्नं गेण्हमाणा, जाव अदिन्नं सातिजमाणा लिविहं तिविहेणं अस्संजय जाव एगंतबाला यावि भवाओ? ८. तए णं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी तुम्हाणं अज्जो ! दिज्जमाणे अदिन्ने, पडिगहेज्नमाणे अपडिग्गहिए, निसिरिज्जमाणे अणिसट्ठि, तुब्भे णं अज्जो ! दिज्जमाणं पडिग्गहगं असंपत्तं एत्थ णं अंतरा केइ अवहरिज्जा, गाहावइस्स णं तं, नो खलु तं तुब्भं, तए णं तुब्भे अदिन्नं गेण्हह जाव अदिन्नं सातिज्जह, तए णं तुब्भे अदिन्नं गेण्हमाणा जाव एगंतबाला यावि भवह । ९. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी नो खलु अज्जो ! अम्हे अदिन्नं गिण्हामो, अदिन्नं धुंजामो, अदिन्नं सातिजामो, अम्हेणं अज्जो ! दिन्नं गेण्हामो, दिन्नं मुंजामो, दिन्नं सातिजामो, तए णं अम्हे दिन्नं गेण्हमाणा दिन्नं भुंजमाणा दिन्नं सातिजमाणा तिविहं तिविहेणं संजयविरयपडिहय जहा सत्तमसए (स.७ उ. २ सु. १२) जाव एरांतपंडिया यावि भवामो। १०. तएणं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी केण कारणेणं फू अज्जो! तुम्हे दिन्नं गेण्हह जाव दिन्नं सातिजह, तएणं तुब्भे दिन्नं गेण्हमाणाजाव एगंतपंडिया यावि भवह ? ११. तए णं ते थेग़ भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी । DIGI955555555555555555555555555555555555555555555555hteDog 哈乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Kero55555555555555555555555 श्री आगमगणमा ३२७० 055555555555555555555555555509 Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 959555555555555555555555555555555555555555555FFQOE PRO:055555555555555 (५) भगवई ८ सनं उ - ७-८ [११३] 55555555555555550.or अम्हे णं अज्जो! दिज्जमाणे दिन्ने, पडिगहेज्जमाणे पडिग्गहिए, निसिरिजमाणे निसट्टे । अम्हंणं अज्जो ! दिजमाणं पडिग्गहगं असंपत्तं एत्थ णं अंतरा केइ अवहरेजा, अम्हंणं तं णो खलु तं गाहावइस्स, तएणं अम्हे दिन्नं गेण्हामो दिन्नं भुजामो, दिन्नं सातिज्जमो, तए णं अम्हे दिन्नं गेण्हमाणा जाव दिन्नं सातिजमाणा तिविहं तिविहेणं संजय जाव एगंतपंडिया यावि भवामो। तुब्भे णं अज्जो ! अप्पणा चेव तिविहं तिविहेणं अस्संजय जाव एगंतबाला यावि भवह । १२. लए णं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी केण कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं जाव एगंतबाला यावि भवामो ? १३. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्विं वयासी तुब्भे णं अज्जो ! अदिन्नं गेण्हह, अदिन्नं भुंजह, अदिन्नं साइज्जह, तए णं अज्जो ! तुब्भे अदिन्नं गे० जाव एगंतबाला यावि भवह । १४. तए णं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी केण कारणेणं अज्जो ! अम्हे अदिन्नं गेण्हामो जाव एगंतबाला यावि भवामो ? १५. तए णं थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी तुब्भे णं अज्जो ! दिज्जमाणे अदिन्ने तं चेव जाव गाहावइस्स णं तं, णो खलु तं तुब्भं, तए णं तुब्भे अदिन्नं गेण्हह, तं चेव जाव एगंतबाला यावि भवह। [सु. १६-२४. अन्नउत्थियाणं निग्गंथथेरेहि सह पुढविहिंसाविसओ विवादो] १६. तए णं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी तुब्भे णं अज्जो ! तिविहं तिविहेणं अस्संजय जाव एगंतबाला यावि भवह । १७. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी केण कारणेणं अम्हे तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवामो ? १८. तए णं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी तुब्भे णं अज्जो ! रीयं रीयमाणा पुढवि पेच्चेह अभिहणह वत्तेह लेसेह संघाएह संघट्टेह परितावेह किलामेह उवद्दवेह, तए , णं तुन्भे पुढविं पेच्चमाणा जाव उवद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं असंजयअविरय जाव एगंतबाला यावि भवह। १९. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी नो खलु अज्जो ! अम्हे रीयं रीयमाणा पुढविं पेच्चेमो अभिहणामो जाव उवद्दवेमो, अम्हे णं अज्जो ! रीयं रीयमाणा कायं वा जोगं वा रियं वा पडुच्च देसं देसेणं वयामो,पएसंपएसेणं वयामो, तेणं अम्हे देसं देसेणं वयमाणा पएसं पएसेणं वयमाणानो पुढवि पेच्चेमो अभिहणामो जाव उवहवेमो, तए णं अम्हे पुढविं अपेच्चमाणा अणभिहणेमाणा जाव अणुवद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं संजय जाव एगंतपंडिया यावि भवामो, तुब्भे णं अज्जो ! अप्पणा चेव तिविहं तिविहेणं अस्संजय जाव बाला यावि भवह । २०. तएणं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवामो? २१. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी तुब्भे णं अज्जो ! रीयं रीयमाणा पुढविं पेच्चेह जाव उवद्दवेह, तए णं तुब्भे पुढविं पेच्चेमाणा जाव उवद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवह । २२. तए णं ते अन्नउत्थिया ते थेरे भगवंते एवं वयासी तुब्भे णं अज्जो ! गम्ममाणे अगते, वीतिक्कमिज्जमाणे अवीतिक्कते है रायगिहं नगरं संपाविउकामे असंपत्ते ? २३. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं वयासी नो खलु अज्जो ! अम्हं गम्ममाणे अगए, वीइक्कमिज्जमाणे अवीतिकंते रायगिह नगरं जाव असंपत्ते, अम्हं णं अज्जो ! गम्ममाणे गए, वीतिक्कमिज्जमाणे वीतिकंते रायगिहं नगरं संपाविउकामे संपत्ते, तुब्भं णं अप्पणा चेव गम्ममाणे अगए वीतिक्कमिज्जमाणे अवीतिकंते रायगिहं नगरं जाव असंपत्ते । २४. तए णं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउत्थिए एवं पडिहणेति, पडिहणित्ता गइप्पवायं नाममज्झयणं पन्नवइंसु। (सु. २५. गइप्पवायभेयपरूवणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] २५. कइविहे णं भंते ! गइप्पवाए पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे गइप्पवाए पण्णत्ते, तं जहा पयोगगती ततगती बंधणछेयणगती उववायगती विहायगती । एत्तो आरब्भ पयोगपयं निरवसेसं भाणियव्वं, जाव से तं विहायगई। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिक । अट्ठमसयस्स सत्तमो ॥८.७|| ★★★ अट्ठमो उद्देसो 'पडिणीए'** [सु. १. अट्ठमुद्देसगस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे नयरे जाव एवं वयासी [सु. २-७. गुरु-गइ-समूह-अणुकंपा-सुय-भावपडिणीयभेयपरूवणा] २. गुरू णं भंते ! पडुच्च कति पडिणीया पण्णता ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा आयरियपडिणीए उवज्झायपडिणीए थेरपडिणीए। ३. गई णं भंते ! पडुच्च कति पड़िणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ फू पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा इहलोगपडिणीए परलोगपडिणीए दुहओलोगपडिणीए। ४. समूह णं भंते ! पडुच्च कति पडिणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ पडिणीया : PHOTO5555555555555555555555555555555555555555555555956IOR aers55555 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ३०८455555555555555555555555OOK Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RG.05555555555555555 (५) भगवई ८ सतं उ.८ ११४] 1555555555555555OXO! Fffero 555555 15955555555555555555555555555555555555555 पण्णत्ता, तं जहा कुलपडिणीए गणपडिणीए संघपडिणीए । ५. अणुकंप पडुच्च० पुच्छा । गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा तवस्सिपडिणीए गिलाणपडिणीए सेहपडिणीए। ६. सुयं णं भंते ! पडुच्च० पुच्छा । गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा सुत्तपडिणीए अत्थपडिणीए तदुभयपडिणीए। ७. भावं णं भंते ! पडुच्च० पुच्छा । गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा नाणपडिणीए दंसणपडिणीए चरित्तपडिणीए। [सु. ८. पंचविहववहारपरूवणा] ८. कइविहेणं भंते ! ववहारे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे वक्हारे पण्णत्ते, तं जहा आगम-सुत-आणा-धारणा-जीए। जहा से तत्थ आगमे सिया, आगमेणं ववहारं पट्ठवेज्जा । णो य से तत्थ आगमे सिया; जहा से तत्थ सुते सिया सुएणं ववहारं पट्ठवेज्जा । णो वा से तत्थ सुए सिया; जहा से तत्थ आणा सिया, आणाए ववहारं पट्ठवेज्जा । णो य से तत्थ आणा सिया; जहा से तत्थ धारणा सिया धारणाए ववहारं पट्ठवेज्जा । णो य से तत्थ धारणा सिया; जहा से तत्थ जीए सिया जीएणं ववहारं पट्ठवेज्जा । इच्चेएहिं पंचहिं ववहारं पट्टवेज्जा, तं जहा आगमेणं सुएणं आणाए धारणाए जीएणं । जहा जहा से आगमे सुए आणा धारणा जीए तहा तहा ववहारं पट्टवेजा। [सु. ९. पंचविहववहारववहरमाणे निग्गंथे आराहए] ९. से किमाहुभंते ! आगमबलिया समणा निग्गंथा इच्चेयं पंचविहं ववहारं जया जया जहिं जहिं तया तया तहिं तहिं अणिस्सिओवस्सितं सम्मं ववहरमाणे समणे निग्गंथे आणाए आराहए भवइ ? सु. १०. बंधस्स भेयजुगपरूवणा १०. कइविहे णं भंते ! बंधे पण्णते? गोयमा ! दविहे बंधे पण्णत्ते, तं जहा इरियावहियाबंधे य संपराइयबंधे य। [सु. ११-१४. विविहअवेक्खाए वित्थरओ इरियावहियबंधसामिपरूवणा] ११. इरियावहियं णं भंते ! कम्मं किं नेरइओ बंधइ, तिरिक्खजोणिओ बंधइ, तिरिक्खजोणिणी बंधइ, मणुस्सो बंधइ, मणुस्सी बंधइ, देवो बंधइ, देवी बंधइ ? गोयमा ! नो ॐ नेरइओ बंधइ, नो तिरिक्खजोणीओ बंधइ, नो तिरिक्खजोणिणी बंधइ, नो देवो बंधइ, नो देवी बंधइ, पुव्वपडिवन्नए पडुच्च मणुस्सा य, मणुस्सीओ य बंधंति, पडिवज्जमाणए पडुच्च मणुस्सो वा बंधइ १, मणुस्सी वा बंधइ २, मणुस्सा वा बंधंति ३, मणुस्सीओ वा बंधंति ४, अहवा मणुस्सो य मणुस्सी य बंधइ ५, अहवा मणुस्सो य मणुस्सीओ य बंधंति ६, अहवा मणुस्सा य मणुस्सी य बंधंति ७, अहवा मणुस्सा य मणुस्सीओ य बंधंति ८।१२.तं भंते ! किं इत्थी बंधइ. परिसो बंधइ, नपुंसगो बंधति, इत्थीओ बंधंति, पुरिसा बंधंति, नपुंसगा बंधंति ? नोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसगो बंधइ ? गोयमा ! नो इत्थी बंधइ, नो पुरिसो बंधइ जाव नो नपुंसओ बंधइ । पुव्वपडिवन्नए पडुच्च अवगयवेदा बंधंति, पडिवज्जमाणए य पडुच्च अवगयवेदो वा बंधति, अवगयवेदा वा बंधंति । १३. जइ भंते ! अवगयवेदो वा बंधइ, अवगयवेदा वा बंधंति तं भंते ! किं इत्थीपच्छाकडो बंधइ १, पुरिसपच्छाकडो बंधइ २, नपुंसकपच्छाकडो बंधइ ३, इत्थीपच्छाकडा बंधंति ४, पुरिसपच्छाकडा वि बंधंति ५, नपुंसगपच्छाकडा वि बंधंति ६, उदाहु इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधति ४, उदाहु इत्थीपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ ४. उदाहु पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ ४, उदाहु इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य भाणियव्वं ८, एवं एते छव्वीसं भंगा २६ जाव उदाहु इत्थीपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडा य नपुंसकपच्छाकडा य बंधंति ? गोयमा ! इत्थिपच्छाकडो वि बंधइ १, पुरिसपच्छाकडो वि बंधड़ २ नपुंसगपच्छाकडो वि बंधइ ३, इत्थीपच्छाकडा वि बंधंति ४, पुरिसपच्छाकडा वि बंधंति ५, नपुंसकपच्छाकडा विबंधति ६, अहवा इत्थीपच्छाकडोय पुरिसपच्छाकडो य बंधइ ७, एवं एए चेव छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव अहवा इत्थिपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य बंधति । १४. तं भंते ! किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ १, बंधी बंधइन बंधिस्सइ २, बंधी न बंधइ बंधिस्सइ ३, बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ ४, न बंधी बंधइ बंधिस्सइ ५, न बंधी बंधइ न बंधिस्सइ६,नबंधी न बंधइ बंधिस्सइ ७, न बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ ८ ? गोयमा ! भवागरिसं पडुच्च अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ । अत्थेगतिए बंधी बंधइ न बंधिस्सइ । एवं तं चेव सव्वं जाव अत्थेगतिए न बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ । गहणागरिसं पडुच्च अत्थेगतिए बंधी, बंधइ, बंधिस्सइ, एवं जाव अत्थेगतिए न बंधी, बंधइ, बंधिस्सइ। णो म चेव णं न बंधी, बंधइ, न बंधिस्सइ । अत्थेगतिए न बंधी, न बंधइ, बंधिस्सइ। अत्थेगतिए न बंधी, न बंधइ, न बंधिस्सइ। सु. १५-१६. इरियावहियबंधं पड़च्च NowLEC55555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३२९ 555555555555555555555555OOR www.jainelibrary. ) Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4G0555555555555555 (५) भगवई ८ सतं उ.८ [११५] 5555555555555555RxO FOSHO 555555 555555555 55555555555555555555555555555555 सादिसपज्जवसियाइ - देससव्वाइबंधपरूवणा] १५. तं भंते ! किं साईयं सपज्जवसियं बंधइ, साईयं अपज्जवसियं बंधइ, अणाईयं सपज्जवसियं बंधइ, अणाईयं 5 अपज्जवसियं बंधइ ? गोयमा ! साईयं सपज्जवसियं बंधइ, नो साईयं अपज्जवसियं बंधइ, नो अणाईयं सपज्जवसियं बंधइ, नो अणाईयं अपज्जवसियं बंधइ। १६. म तं भंते ! किं देसेणं देसं बंधड्, देसेणं सव्वं बंधइ, सव्वेणं देसं बंधइ. सव्वेणं सव्वं बंधड् ? गोयमा ! नो देसेणं देसं बंधड्, णो देसेणं सव्वं बंधड़. नो सव्वेणं देसं बंधइ, सव्वेणं सव्वं बंधइ। [सु. १७-२०. विविहअवेक्खाए वित्थरओ संपराइयबंधसामिपरूवणा] १७.संपराइयं णं भंते ! कम्मं किं नेरइयो बंधइ, तिरिक्खजोणीओ बंधइ, जाव देवी बंधइ ? गोयमा ! नेरइओ वि बंधइ, तिरिक्खजोणीओ वि बंधइ, तिरिक्खजोणिणी वि बंधइ, मणुस्सो वि बंधड, मणुस्सी वि बंधड़, देवो वि बंधड़, देवी वि बंधइ। १८. तं भंते ! किं इत्थी बंधइ, पुरिसो बंधइ, तहेव जाव नोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसओ बंधइ ? गोयमा ! इत्थी वि बंधइ, पुरिसो वि बंधइ, जाव नपुंसगो वि बंधइ । अहवेए य अवगयवेदो य बंधइ, अहवेए य अवगयवेया य बंधंति । १९. जइ भंते ! अवगयवेदो य बंधइ अवगयवेदा य बंधंति तं भंते ! किं इत्थीपच्छाकडो बंधइ, पुरिसपच्छाकडो एवं जहेव इरियावहियाबंधगस्स तहेव निरवसेसं जाव अहवा इत्थीपच्छाकडा य, पुरिसपच्छाकडा य, नपुंसगपच्छाकडा य बंधंति । २०. तंभंते ! किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ, बंधी बंधइ न बंधिस्सइ २; बंधी न बंधइ, बंधिस्सइ ३; बंधी न बंधइ, न बंधिस्सइ ४? गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ १; अत्थेगतिए बंधी बंधइ, न बंधिस्सइ २; अत्थेगतिए बंधी न बंधइ, बंधिस्सइ ३; अत्थेगतिए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ ४ सु. २१-२२. संपराइयबंधं पडुच्च सादिसपज्जवसियाइ - देससव्वाइबंधपरूवणा] २१.तं भंते ! किं साईयं सपज्जवसियं बंधइ ? पुच्छा तहेव । गोयमा ! साईयं वा सपज्जवसियं बंधइ, अणाईयं वा सपज्जवसियं बंधइ, अणाईयं वा अपज्जवसियं बंधइ, णो चेवणं साईयं अपज्जवसियं बंधइ। २२.तं भंते ! किं देसेणं देसं बंधइ ? एवं जहेव इरियावहियाबंधगस्स जाव सव्वेणं सव्वं बंधइ। [सु. २३. कम्मपयडिभेयपरूवणा] २३. कइ णं भंते ! कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ. तं जहाणाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं । [सु. २४. परीसहभेयपरूवणा) २४. कइणं भंते ! परीसहा पण्णत्ता ? गोयमा ! बावीसं परीसहा पण्णत्ता, तं जहा-दिगिंछापरीसहे १, पिवासापरीसहे २, जाव दंसणपरीसहे २२। [सु. २५-२९. चउसु कम्मपयडीसुपरीसहसंखापरूवणा] २५. एए णं भंते ! बावीसं परीसहा कतिसुकम्मपगडीसु समोयरंति? गोयमा ! चउसु कम्मपयडीसु समोयरंति, तं जहा- नाणावरणिज्जे, वेयणिज्जे, मोहणिज्जे, अंतराइए। २६. नाणावरणिज्जे णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! दो परीसहा समोयरंति, तं जहा-पण्णापरीसहे नाणपरीसहे य। २७. वेयणिज्जे णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एक्कारस परीसहा समोयरंति, तं जहा- "पंचेव आणुपुव्वी, चरिया, सेज्जा, वहे य, रोगे य । तणफास जल्लमेव य एक्कारस वेदणिज्जम्मि" ॥१॥२८. (१) दसणमोहणिज्जे णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एगे दंसणपरीसहे समोयरइ। (२) चरित्तमोहणिज्जे णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! सत्त परीसहा समोयरंति, तं जहा- "अरती अचेल इत्थी निसीहिया जायणा य अक्कोसे। सक्कारपुरक्वारे चरित्तमोहम्मि सत्तेते' ||२|| २९. अंतराइएणं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एगे अलाभपरीसहे समोयरइ। [सु. ३०-३४. अट्ठविह-सत्तविह-छव्विह-एक्कविहबंधगे अबंधगे य परीसहसंखापरूवणा] ३०. सइविहबंधगस्स णं भंते ! कति परीसहा पण्णत्ता ? गोयमा ! बावीसं परीसहा पण्णत्ता, वीसं पुण वेदेइ-जं समयं सीयपरीसहं वेदेति णोतं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ, जं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ णोतं समयं सीयपरीसहं वेदेइ । जं समयं चरियापरीसहं वेदेति णोतं समयं निसीहियापरीसहं वेदेति, जं समयं निसीहियापरीसहं वेदेइ णो तं समयं चरियापरीसहं वेदेइ । ३१. अट्ठविहबंधगस्स णं भंते ! कति परीसहा पण्णत्ता ? गोयमा ! बावीसं परीसहा पण्णत्ता० एवं (सु. ३०) अट्ठविहबंधगस्स। ३२. छव्विहबंधगस्सणं भंते । सरागछउमत्थस्स कति परीसहा पण्णत्ता? गोयमा ! चोद्दस परीसहा पण्णत्ता, बारस पुण वेदेइ-जं समयं सीयप्र परीसहं वेदेइ णो तं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ, जं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ नो तं समयं सीयपरीसहं वेदेइ । जं समयं चरियापरीसहं वेदेति णो तं समयं सेज्जापरीसहं वेदेइ, जं समयं सेज्जापरीसहं वेदेति णो तं समयं चरियापरीसहं वेदेइ । ३३. (१) एक्कविहबंधगस्स णं भंते ! वीयरागछउमत्थस्स कति परीसहा xe: 555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- ३३०55555555555555555 50: MOR95555555555555555555555555555555555555555555555555OOK Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ८ सतं उ ८.९ (११६) फफफफफफफफफफफफफफफफ पण्णत्ता ? गोयमा ! एवं चेव जहेव छव्विहबंधगस्स । (२) एगविहबंधगस्स णं भंते! सजोगिभवत्थकेवलिस्स कति परीसहा पण्णत्ता ? गोयमा ! एक्कारस परीसहा पण्णत्ता, नव पुण वेदेइ । सेसं जहा छव्विहबंधगस्स । ३४. अबंधगस्स णं भंते! अजोगिभवत्थकेवलिस्स कति परीसहा पण्णत्ता ? गोयमा ! एक्कारस परीसहा पण्णत्ता, नवपुण वेदेs, जं समयं सीयपरीसहं वेदेति नो तं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ, जं समयं उसिणपरीसहं वेदेति नो तं समयं सीयपरीसहं वेदेह । जं समयं चरियापरीसहं वेदेइ नो तं समयं सेज्जापरीसहं वेदेति, जं समयं सेज्जापरीसहं वेदेइ नो तं समयं चरियापरीसहं वेदेइ । [सु. ३५ ४५. उच्चत्त-खेत्तगमण-खेत्तावभासणखेत्तुज्जोवण-खेत्ततवण-खेत्तभासणाई पडुच्च वित्थरओ जंबुद्दीवसूरियवत्तव्वया] ३५. जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले यदीसंति, मज्झतियमुत्तंसि मूले य दूरे य दीसंति, अत्थमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति ? हंता, गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य तं चेव जाव अत्थममुहूत्तंसि दूरेय मूले य दीसंति । ३६. जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि य मज्झतियमुहुत्तंसि य, अत्थमणमुहुत्तंसि य सव्वत्थ समा उच्चत्तेणं ? हंता, गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे सूरिया उग्गमण जाव उच्चत्तेणं । ३७. जइ णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि य मज्झतियमुहुत्तंसि य अत्थमणमुहुत्तंसि जाव उच्चत्तेणं से केणं खाइ अट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ 'जंबुद्दीवे णं दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति जाव अत्थमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति ?' गोयमा ! लेसापडिघाएणं उग्गमणमुहुत्तंसि दूर य मूले य दीसंति, लेसाभितावेणं मज्झंतियमुहुत्तंसि मूले य दूरे य दीसंति, लेस्सापडिघारणं अत्थमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ जंबुद्दीवे णं दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति जाव अत्थमण जाव दीसंति । ३८. जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे सूरिया किं तीयं खेत्तं गच्छंति, पडुप्पन्नं खेत्तं गच्छंति, अणागयं खेत्तं गच्छति ? गोयमा ! णो तीयं खेत्तं गच्छंति, पडुप्पन्नं खेत्तं गच्छंति, णो अणागयं खेत्तं गच्छति । ३९. वेणं दीवे सूरिया किं तीयं खेत्तं ओभासंति, पडुप्पन्नं खेत्तं ओभासंति, अणागयं खेत्तं ओभासंति ? गोयमा ! नो तीयं खेत्तं ओभासंति, पडुप्पन्नं खेत्तं ओभासंति, नो अणागयं खेत्तं ओभासंति । ४० तं भंते! किं पुढं ओभासंति, अपुढं ओभासंति ? गोयमा ! पुढं ओभासंति, नो अपुढं ओभासंति जाव नियमा छद्दिसिं । ४१. भंते! दीवे सूरिया किं तीयं खेत्तं उज्जोवेति ? एवं चेव जाव नियमा छद्दिसिं । ४२. एवं तवेति, एवं भासंति जाव नियमा छद्दिसिं । ४३. जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरियाणं किं तीए खेत्ते किरिया कज्जइ, पडुप्पन्ने खित्ते किरिया कज्जइ, अणागए खेत्ते किरिया कज्जइ ? गोयमा ! नो तीए खेत्ते किरिया कज्जइ, पडुप्पन्ने खेत्ते किरिया कज्जइ, णो अणागए खेत्ते किरिया कज्जइ । ४४. सा भंते! किं पुट्ठा कज्जति, अपुट्ठा कज्जइ ? गोयमा ! पुट्ठा कज्जइ, नो अपुट्ठा कज्जति जाव नियमा छद्दिसिं । ४५. जंबुद्दीवे भंते! दीवे सूरिया केवतियं खेत्तं उ तवंति, केवतियं खेत्तं अहे तवंति, केवतियं खेत्तं तिरियं तवंति ? गोयमा ! एवं जोयणसयं उड्डुं तवंति, अट्ठारस जोयणसयाइं अहे तवंति, सीयालीसं जोयणसहस्साइं दोण्णि तेवट्टे जोयणसए एक्कवीसं च सद्विभाए जोयणस्स तिरियं तवंति । [ सु. ४६-४७. चंदाइउड्ढोववन्नगपरूवणाइजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो ] ४६. अंतो णं भंते! माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जे चंदिम-सूरिय-गहगण णक्खत्त-तारारूवा ते णं भंते ! देवा किं उड्ढोववन्नगा ? जहा जीवाभिगमे तहेव निरवसेसं जाव उक्कोसेणं छम्मासा । ४७. बहिया णं भंते! माणुसुत्तरस्स० जहा जीवाभिगमे जाव इंदाणे णं भंते! केवतियं कालं उववाएणं विरहिए पन्नत्ते ? गोयमा ! जहनेणं एवं समयं उक्कोसेणं छम्मासा । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० । फ्र अट्टमसए अट्टमो उद्देसो समत्तो ॥ ८.८ ॥ ★★★ नवमो उद्देसो 'बंध' ★★★ [सु. १. पयोगबंध - वीससाबंधनामं बंधभेयजुगं] १. कइविहे णं भंते! बंधे पण्णत्ते ? गोमा ! दुविधेत्ते, तं जहा पयोगबंधे य, वीससाबंधे य । [सु. २.११. वीससाबंधस्स भेय - पभेयनिरूवणापुव्वं विन्थरओ परूवणा २. वीससाबंधे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा साईयवीससाबंधे य अणाइयवीससाबंधे य । ३. अणाईयवीससाबंध णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते, तं जहा धम्मत्थिकायअन्नमन्न अणादीयवीससाबंधे अधम्मत्थिकाय अन्नमन्न अणादीयवीस साबंधे, फफफफफफफफफफफफफ TAGGLE फफफफफफफफ Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ८ सतं उ ९ [११७] आगासत्थिकायअन्नमन्न अणादीयवीससाबंधे । ४. धम्मत्थिकाय अन्नमन्नअणादीयवीससाबंधे णं भंते! किं देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधे, नो सव्वबंधे। ५. एवं अधम्मत्थिकाय अन्नमन्नअणादीयवीससाबंधे वि, एवं आगासत्थिकाय अन्नमन्न अणादीयवीससाबंधे वि । ६. धम्मत्थिकायअन्नमन्नअणाईयवीससाबंधेणं भंते ! कालओ केवच्चिरं होई ? गोयमा ! सव्वद्धं । ७. एवं अधम्मत्थिकाए, एवं आगासत्थिकाये । ८. सादीयवीससाबंधे णं भंते! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते, तं जहा बंधणपच्चइए भायणपच्चइए परिणामपच्चइए । ९. से किं तं बंधणपच्चइए ? बंधणपच्चइए, जं णं परमाणुपोग्गला दुपएसिय-तिपएसिय- जावदसपएसिय-संखेज्जपएसिय- असंखेज्जपएसिय अनंतपएसियाणं खंधाणं वेमायनिद्धयाए वेमायलुक्खयाए वेमायनिद्ध-लुक्खयाए बंधणपच्चइएणं बंधे समुप्पज्जइ जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं । से तं बंधणपच्चइए । १०. से किं तं भायणपच्चइए ? भायणपच्चइए, जं णं जुण्णसुरा - जुण्णगुल - जुण्णतंदुलाणं भायणपच्चइएणं बंधे समुप्पज्जइ जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जं कालं । से त्तं भायणपच्चइए । ११. से किं तं परिणामपच्चइए ? परिणामपच्चइए, जं णं अब्भाणं अब्भरुक्खाणं जहा ततियसए (स० ३ उ० ७ सु. ४५ ) जाव अमोहाणं परिणामपच्चइएणं बंधे समुप्पज्जइ जहन्नेणं एक्वं समयं उक्कोसेणं छम्मासा । से तं परिणामपच्चइए। से त्तं सादीयवीससाबंधे। से त्तं वीससाबंधे। [सु. १२-१२९. पयोगबंधस्स वित्थरओ परूवणा] [ सु. १२. पयोगबंधस्स भेय - पभेयपरूवणा] १२. से किं तं पयोगबंधे ? पयोगबंधे तिविहे पण्णत्ते, तं जहा अणाईए वा अपज्जवसिए १, सादीए वा अपज्जवसिए २, सादीए वा सपज्जवसिए ३ । तत्थ णं जे से अाईए अपज्जवसिए से णं अट्ठण्हं जीवमज्झपएसाणं । तत्थ वि णं तिण्हं तिण्हं अणाईए अपज्जवसिए, सेसाणं साईए। तत्थ णं जे से सादीए अपज्जवसिए से सिद्धाणं । तत्थ णं जे से साईए सपज्जवसिए से णं चउव्विहे पण्णत्ते, तं जहा आलावणबंधे अल्लियावणबंधे सरीरबंधे सरीरप्पयोगबंधे । [सु. १३. आलावणबंधपरूवणा] १३. से किं तं आलावणबंधे ? आलावणबंधे, जं णं तणभाराण वा कटुभाराण वा पत्तभाराण वा पलालभाराण वा वेल्लभाराण वा वेत्तलया -वाग - वरत-रज्जु - वल्लि कुस - दब्भमादिएहिं आलावणबंधे समुप्पज्जइ; जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं संखेज्जं कालं । से त्तं आलावणबंधे। [सु. १४. आलियावणबंधस्स लेसणाबंधाइभेदचउक्कं ] १४. से किं तं अल्लियावणबंधे ? अल्लियावणबंधे चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा लेसणाबंधे उच्चयबंधे समुच्चयबंधे साहणणाबंधे। [सु. १५. लेसणाबंधपरूवणा] १५. से किं तं लेसणाबंधे ? लेसणाबंधे, जं णं कुड्डाणं कुट्टिमाणं खंभाणं पासायाणं कट्टाणं चम्माणं घडा पडणं कडणं छुहा- चिक्खल्ल-सिलेसलक्ख- महुसित्थमाइएहिं लेसणएहिं बंधे समुप्पज्जइ, जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जं कालं । से त्तं लेसणाबंधे । [सु. १६. उच्चयबंधपरूवणा] १६. से किं तं उच्चयबंधे ? उच्चयबंधे, जं णं तणरासीण वा कट्टुरासीण वा पत्तरासीण वा तुसरासीण वा भुसरासीण वा गोयमरासीण वा अवगररासीण वा उच्चएणं बंधे समुप्पज्जइ. जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जं कालं । से तं उच्चयबंधे । [सु १७. समुच्चयबंधपरूवणा] १७. से किं तं समुच्चयबंधे ? समुच्चयबंधे, जं णं अगड-तडाग नदि दह-वावी - पुक्खरणी दीहियाणं गुंजालियाणं सराणं सरपंतिआणं सरसरपंतियाणं बिलपंतियाणं देवकुलसभा-पवा-धूम-खाइयाणं फरिहाणं पागार ऽट्टालग - चरिय-दार गोपुर-तोरणाणं पासाय- घर - सरण-लेण आवणाणं सिंघाडग-तिय- चउक्क- चच्चर- चउम्मुहमहापहमादीणं छुहा - चिक्खल्ल-सिलेससमुच्चएणं बंधे समुप्पज्जइ, जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जं कालं से तं समुच्चयबंधे । [सु. १८-२० साहणणाबंधस्स भेजुयपरूवणा] १८. से किं तं साहणणाबंधे ? साहणणाबंधे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा देससाहणणाबंधे य सव्वसाहणणाबंधे य । १९. से किं तं देससाहणणाबंधे ? देससाहणणाबंधे, जं णं सगडरह जाण जुग्ग- गिल्लि थिल्लि सीय- संदमाणिया-लोही लोहकडाह- कडच्छुअ-आसण-सयण- खंभ- भंड-मत्त उवगरणमाईणं देससाहणणाबंधे समुप्पज्जइ, जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जं कालं । से त्तं देससाहणणाबंधे । २०. से किं तं सव्वसाहणणाबंधे ? सव्वसाहणणाबंधे, सेणं खीरोदगमाईणं । से त्तं सव्वसाहणणाबंधे । से त्तं साहणणाबंधे । से त्तं अल्लियावणबंधे। [सु. २१-२३. सरीरबंधस्स भेयजुयपरूवणा] २१. से किं तं सरीरबंधे ? सरीरबंधे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा पुव्वप्पओगपच्चइए य पडुप्पन्नप्पओगपच्चइए य । २२. से किं तं पुष्वप्पओगपच्चइए ? पुव्वप्पओगपच्चइए, जं णं नेरइयाणं BOOK श्री आगमगुणमजूषा ३३२ SOON फफफफफफफफफफफ 666666666666666 Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SO%听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听F6 FOR७%%%%%%%%%%%%%% भगवई मनं उ.. [११८) 5555555%%%%%%%EYear संसारत्थाणं सव्वजीवाणं तत्थ तत्थ तेसु तेसु कारणेसु समोहन्नमाणाणं जीवप्पदेसाणं बंधे समुप्पज्जइ । से तं पुव्वप्पयोगपच्चइए । २३. से किं तं पडुप्पन्नप्पयोगपच्चइए ? पडुप्पन्नप्पयोगपच्चइए, जंणं केवलनाणिस्स अणगारस्स केवलिसमुग्घाएणं समोहयस्स, ताओ समुग्घायाओ पडिनियत्तमाणस्स, अंतरा पंथे वट्टमाणस्स तेया -कम्माणं बंधे समुप्पज्जइ । किं कारणं ? ताहे से पएसा एगत्तीगया भवंति त्ति । सेतं पड़प्पन्नप्पयोगपच्चइए। से तं सरीरबंधे। सु. २४-१२९. सरीरप्पओगबंधस्स वित्थरओ परूवणा] [सु. २४. सरीरप्पओगबंधस्स ओरालियाइपंचभेयपरूवणा] २४. से किं तं सरीरप्पयोगबंधस्स? सरीरप्पयोगबंधे पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा ओरालियसरीरप्पओगबंधे वेउब्वियसरीरप्पओगबंधे आहारगसरीरप्पओगबंधे तेयासरीरप्पयोगबंधे कम्मासरीरप्पयोगबंधे। [सु. २५-५०. ओरालियसरीरप्पओगबंधस्स भेय-पभेयाइनिरूवणापुव्वं वित्थरओ परूवणा २५. ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा एगिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे बेइंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे जाव पंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे । २६. एगिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा पुढविक्काइयएगिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे, एवं एएणं अभिलावेणं भेदा ओगाहणसंठाणे ओरालियसरीरस्स तहा भाणियव्वा जाव पज्जत्तगब्भवक्त्रं तियमणुस्सपंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे य अपज्जत्तगब्भवक्वंतियमणूसपंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे य । २७. ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसद्दव्वयाए पमादपच्चया कम्मं च जोगं च भवं च आउयं च पडुच्च ओरालियसरीरप्पयोगनामकम्मस्स उदएणं ओरालियसरीरप्पयोगबंधे । २८. एगिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? एवं चेव । २९. पुढविक्काइयएगिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे एवं चेव । ३०. एवं जाव वणस्सइकाइया । एवं बेइंदिया । एवं तेइंदिया । एवं चउरिदिया। ३१. तिरिक्खजोणियपंचिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? एवं ॥ चेव । ३२. मणुस्सपंचिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसद्दव्वयाए पमादपच्चया जाव आउयं च पडुच्च मणुस्सपंचिदियओरालियसरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं मणुस्सपंचिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे। ३३. ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! किं देसबंधे, सव्वबंधे ? गोयमा! देसबंधे वि सव्वबंधे वि । ३४. एगिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! किं देसबंधे, सव्वबंधे ? एवं चेव । ३५. एवं पुढविकाइया। ३६. एवं जाव मणुस्सपंचिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधेणं भंते ! किं देसबंधे, सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधे वि, सव्वबंधे वि। ३७. ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधे एवं समयं देसबंधे जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाइं समयूणाई। ३८. एगिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं 5 भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधे एक्कं समयं; देसबंधे जहन्नेणं एक समयं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई समऊणाई। ३९. पुढविकायएगिदिय० पुच्छा। गोयमा ! सव्वबंधे एक्कं समयं, देसबंधे जहन्नेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयूणं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई समऊणाई। ४०. एवं सव्वेसिं सव्वबंधो एक्वं समयं, देसबंधो जेसिं नत्थि वेउब्वियसरीरं तेसिं जहन्नेणं खुड्डागं भवग्गहणं तिसमयूणं, उक्कोसेणं जा जस्स उक्कोसिया ठिती सा समऊणा कायव्वा । जेसिं पुण अत्थि वेउव्वियसरीरं तेसिं देसबंधो जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं जा जस्स ठिती सा समऊणा कायव्वा जाव मणुस्साणं देसबंधे जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं समयूणाई । ४१. ओरालियसरीरबंधंतरं णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं खुड्डागं भवग्गहणं तिसमयूणं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं पुव्वकोडिसमयाहियाइं । देसबंधंतरं जहन्नेणं एक्कंसमयं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं तिसमयाहियाई । ४२. एगिदियओरालिय० पुच्छा । गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं खुड्डागं भवग्गहणं तसमयूणं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई समयाहियाई । देसबंधंतरं जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । ४३. पुढविकाइयएगिदिय० पुच्छा । गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहेव एगिदियस्स तहेव भाणियव्वं; देसबंधंतरं जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तिण्णि समया । ४४. जहा पुढविक्काइयाणं एवं जाव चउरिदियाणं वाउक्काइयवज्जाणं, नवरं सब्बबंधंतरं उक्कोसेणं जा जस्स ठिती सा समयाहिया कायव्वा । वाउक्काइयाणं सव्वबंधंतरं 54555555555555555555555555555555555555555555555YOR Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ IOC555555555555555 (५) भगवई ८ सत्तं उ.९ [११९] 15555555555555550XOLS FOR05555555555555555555555555555555555555555555555555OXold जहन्नेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयूणं, उक्कोसेणं तिणि वाससहस्साइं समयाहियाई । देसबंधंतरं जहन्नणं एवं समय, उक्कोसेणं अंतोमुहत्तं । ४५. पंचिदियतिरिक्खजोणियओरालिय० पुच्छा । सव्वबंधंतरं जहन्नेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयूणं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी समयाहिया, देसबंधंतरं जहा एगिदियाणं तहा पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं । ४६. एवं मणुस्साण वि निरवसेसं भाणियव्वं जाव उक्कोसेणं अंतोमुहतं । ४७. जीवस्य णं भंते ! एगिदियत्ते णोएगिदियत्ते पुणरवि एगिदियत्ते एगिदियओरालियसरीरप्पओगबंधतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं दो खुड्डागभवग्गहणाई तिसमयूणाई, उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साइं संखेज्जवासमब्भहियाई, देसबंधंतरं जहन्नेणं खुड्डागं भवग्गहणं समयाहियं, उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साइं संखेज्जवासमब्भहियाई। ४८. जीवस्सणं भंते ! पुढविकाइयत्तेनोपुढविकाइयत्ते पुणरविपुढविकाइयने पुढविकाइयएगिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं दो खुड्डाई भवग्गहणाइं तिसमयऊणाइं: उक्कोसेणं अणंतं कालं, अणंता उस्सप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, असंखेना पोग्गलपरियट्टा, ते णं पोग्गलपरियट्टा आवलियाए असंखेज्जइभागो। देसबंधंतरं जहन्नेणं खुड्डागभवग्गहणं समयाहियं, उक्कोसेणं अणंतं कालं जाव आवलियाए असंखेज्जइभागो। ४९. जहा पुढविक्काइयाणं एवं वणस्सइकाइयवनाणं जाव मणुस्साणं । वणस्सइकाइयाणं दोण्णि खुड्डाई एवं चेव; उक्कोसेणं असंखिज्जं कालं, असंखिज्जाओ उस्सप्पिणि -ओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोगा। एवं देसबंधंतरं पि उक्कोसेणं पुढविकालो। ५०. एएसिणं भंते ! जीवाणं ओरालियसरीरस्स देसबंधगाणां सव्वबंधगाणं अबंधगाण य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा ओरालियसरीरस्स सव्वबंधगा, अबंधगा विसेसाहिया, देसबंधगा असंखेज्जगुणा। [सु. ५१-८२. वेउव्वियसरीरप्पओगबंधस्स भेयाइनिरूवणापुव्वं वित्थरओ परूवणा] ५१. वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा एगिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे य. पंचिदियवेउव्वियसरीरप्पयोगबंधे य । ५२. जइ एगिदियवेउव्वियसरीरप्पयोगबंधे किं वाउक्काइयएगिदियवेउव्वियसरीरप्पयोगबंधे, अवाउक्काइयएगिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे वेउब्वियसरीरभेदो तहा भाणियव्वो जाव पज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयकप्पातीयवेमाणियदेवपंचिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे य अपज्जत्तसव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव पयोगबंधे य । ५३. वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसद्दव्वयाए जाव आउयं वा लद्धिं वा पडुच्च वेउव्वियसरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे। ५४. वाउक्काइयएगिदियवेउव्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसद्दन्वयाए तं चेव जाव लद्धि वा पडुच्च वाउक्काइयएगिदियवे उव्विय जाव बंधे । ५५. (१) रयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसद्दव्वयाए जाव आउयं वा पडुच्च रयणप्पभापुढवि० जाव बंधे । (२) एवं जाव अहेसत्तमाए । ५६. तिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीर० पुच्छा । गोयमा ! वीरिय० जहा वाउक्काइयाणं । ५७. मणुस्सपंचिंदियवेउव्विय० ? एवं चेव । ५८. (१) असुरकुमारभवणवासिदेवपंचिंदियवेउव्विय० जहा रयणप्पभापुढविनेरइया। (२) एवं जाव थणियकुमारा। ५९. एवं वाणमंतरा। ६०. एवं जोइसिया। ६१. (१) एवं सोहम्मकप्पोवगया वेमाणिया। एवं जाव अच्चुय०। (२) गेवेज्जकप्पातीया वेमाणिया एवं चेव। (३) अणुत्तरोववाइयकप्पातीया वेमाणिया एवं चेव । ६२. वेउव्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! किं देसबंधे, सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधे वि, सव्वबंधे वि । ६३. वाउकाइयएगिदिय० । एवं चेव । ६४. रयणप्पभापुढविनेरड्य० । एवं चेव । ६५. एवं जाव अणुत्तरोववाइया । ६६. वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिर होइ ? गोयमा ! सव्वबंधे जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं दो समया। देसबंधे जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई समयूणाई । ६७. वाउक्काइयएगिदियवेउब्विय० पुच्छा । गोयमा ! सव्वबंधे एक्वं समय; देसबंधे जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । ६८. (१) रयणप्पभापुढविनेरइय० पुच्छा। गोयमा ! सव्वबंधे एक्वं समयं; देसबंधे जहन्नेणं दसवाससहस्साई तिसमयऊणाई, उक्कोसेणं सागरोवमं समऊणं । (२) एवं जाव अहेसत्तमा। नवरं देसबंधे जस्स xercos555555555555555555555 श्री आगमगुणमनूषा - ३३४5555555555555555555555555555 IO0555555555555555555555555555555555555555555555555OOK Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ DIGR955555555555555555555555555555555555555555555555server Psssssss55555555s 555555555555555xos जाजहन्निया ठिती सा तिसमऊणा कायव्वा, जा च उक्कोसिया सा समयूणा । ६९. पंचिदियतिरिक्खजोणियाण मणुस्साण य जहा वाउक्काइयाणं। ७०. असुरकुमार. नागकुमार० जाव अणुत्तरोववाइयाणं जहा नेरइयाणं, नवरं जस्स जा ठिई सा भाणियव्वा जाव अणुत्तरोववाइयाणं सव्वंबंधे एक्कं समयं; देसबंधे जहन्नेणं एक्कत्तीसं सागरोवमाई तिसमयूणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं समयूणाई। ७१. वेउब्वियसरीरप्पयोगबंधंतरं णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं एक समय, उक्कोसेणं अणंतं कालं, अणंताओ जाव आवलियाए असंखिज्जइभागो । एवं देसबंधंतरं पि । ७२. वाउक्काइयवेउब्वियसरीर० पुच्छा । गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं अंतोमुहृत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं । एवं देसबंधंतरं पि । ७३. तिरिक्खजोणियपंचिदियवेउब्वियसरीरप्पयोगबंधंतरं० पुच्छा । गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडीपुहत्तं । एवं देसबंधंतरं पि । ७४. एवं मणूसस्स वि । ७५. जीवस्स णं भंते ! वाउकाइयत्ते नोवाउकाइयत्ते पुणरवि वाउकाइयत्ते वाउकाइयएगिदियवेउव्विय० पुच्छा। गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं, वणस्सइकालो। एवं देसबंधंतरं पि । ७६. (१) जीवस्स णं भंते ! रयणप्पभापुढविनेरइयत्ते णोरयणप्पभापुढवि० पुच्छा । गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं वणस्सइकालो । देसबंधंतरं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं; उक्कोसेणं अणंतं कालं. वणस्सइकालो। (२) एवं जाव अहेसत्तमाए, नवरं जा जस्स ठिती जहन्निया सा सव्वबंधंतरे जहन्नेणं अंतोमुहुत्तमब्भहिया कायव्वा, सेसं तं चेव । ७७. पंचिदियतिरिक्खजोणिय -माणुस्साण जहा बाउक्काइयाणं । ७८. असुरकुमार-नागकुमार जाव सहस्सारदेवाणं एएसिं जहा रयणप्पभागाणं, नवरं सव्वबंधंतरे जस्स जा ठिती जहन्निया सा अंतोमुहत्तमब्भहिया कायब्वा, सेसं तं चेव । ७९. जीवस्स णं भंते ! आणयदेवत्ते नोआणय० पुच्छा। गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं अट्ठारससागरोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं अणंतं कालं, वणस्सइकालो । देसबंधंतरं जहन्नेणं वासपुहत्तं; उक्कोसेणं अणंतं कालं, वणस्सइकालो । एवं जाव अच्चुए; नवरं जस्स जा ठिती सा सव्वबंधंतरे जहन्नेणं वासपहत्तमब्भहिया कायव्वा, सेसं तं चेव। ८०. गेवेज्जकप्पातीय० पुच्छा । गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाई; उक्कोसेणं अणंतं कालं, वणस्सइकालो । देसबंधंतरं जहन्नेणं वासपुहुत्तं, उक्कोसेणं वणस्सइकालो। ८१. जीवस्स णं भंते ! अणुत्तरोववातिय० पुच्छा। गोयमा! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं एक्कत्तीसं सागरोवमाइ वासपुहत्तमब्भहियाइं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं सागरोवमाई । देसबंधंतरं जहन्नेणं वासपुहत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाई सागरोवमाइं । ८२. एएसि णं भंते ! जीवाणं वेउब्वियसरीरस्स देसबंधगाणं, सव्वबंधगाणं, अबंधगाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा वेउव्वियसरीरस्स सव्वबंधगा, देसबंधगा असंखिजगुणा, अबंधगा अणंतगुणा। [सु. ८३-८९. आहारगसरीरप्पओगबंधस्स वित्थरओ परूवणा] ८३. आहारगसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगागारे पण्णत्ते । ८४. (१) जइ एगागारे पण्णत्ते किं मणुस्साहारगसरीरप्पयोगबंधे ? किं अमणुस्साहारगसरीरप्पयोगबंधे ? गोयमा ! मणुस्साहारगसरीरप्पयोगबंधे, नो अमणुस्साहारगसरीरप्पयोगबंधे। (२) एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओगाहणसंठाणे जाव इड्डिपत्तपमत्तसंजयसम्मद्दिट्ठिपज्जत्तसंखेज्जवासाउयकम्मभूमिगगब्भवक्कं तियमणुस्साहारगसरीरप्पयोगबंधे, णो अणिड्डिपत्तपमत्त जाव आहारगसरीरप्पयोगबंधे । ८५. आहारगसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसहव्वयाए जाव लद्धिं पडुच्च आहारगसरीरप्पयोगणामाए कम्मस्स उदएणं आहारगसरीरप्पयोगबंधे । ८६. आहारगसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! किं देसबंधे, सव्वबंधे १ गोयमा । देसबंधे वि सव्वबंधे वि। ८७. आहारगसरीरप्पओगबंधे णं भंते! कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधे एक समयं । देसबंधे जहन्नेणं अंतोमहत्तं, उक्कोसेणं वि अंतोमहत्तं। ८८. आहारगसरीरप्पओगबंधंतरंण भंते ! कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! सव्वबंधंतरं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणतं कालं-अणंताओ ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अणंता लोया; अवडपोग्गलपरियट्ट देसूणं । एवं देसबंधंतरं पि । ८९. एएसि णं भंते ! जीवाणं आहारगसरीरस्स देसबंधगाणं, सव्वबंधगाणं, अबंधगाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा आहारगसरीरस्स सव्वबंधगा. देसबंधगा संखिनगुणा, अबंधगा अणंतगुणा। Yeos 5 55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- 5555555555555555555555555555OR 3555555555555555555555555555555555555555555555555feroin Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ८ सतं उ९ [१२१] 76666666666666666 [सु. ९०-९६. तेयगसरीरप्पओगबंधस्स भेय- पभेयाइनिरूवणापुव्वं वित्थरओ परूवणा] ९०. तेयासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा एगिदियतेयासरीरप्पयोगबंधे, बेइंदिय०, तेइंदिय०, जाव पंचिंदियतेयासरीरप्पयोगबंधे । ९१. एगिदियतेयासरीरप्पयोगबंधेणं भंते! कतिविहे पण्णत्ते ? एवं एएणं अभिलावेण भेदो जहा ओगाहणसंठाणे जाव पज्जत्तसव्वट्टसिद्ध अणुत्तरोववाइयकप्पातीयवेमाणियदेवपंचिदियतेयासरीरप्पयोगबंधे य अपज्जत्तसव्ववसिद्धअणुत्तरोववाइय० जाव बंधे य । ९२. तेयासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदपणं ? गोयमा ! वीरियसजोगसद्दव्वयाए जाव आउयं वा पडुच्च तेयासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं तेयासरीरप्पयोगबंधे । ९३. तेयासरीरप्पयोगबंधे णं भंते! किं देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधे, नो सव्वबंधे । ९४. तेयासरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा अणाईए वा अपज्नवसिए, अणाईए वा सपज्जवसिए । ९५. तेयासरीरप्पयोगबंधंतरं णं भंते! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! अणाईयस्स अपज्जवसियस्स नत्थि अंतरं, अणाईयस्स सपज्जवसियस्स नत्थि अंतरं । ९६. एएसि णं भंते ! जीवाणं तेयासरीरस्स देसबंधगाणं अबंधगाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा तेयासरीरस्स अबंधगा, देसंबंधगा अनंतगुणा । [ सु. ९७-११९. कम्मगसरीरप्पयोगबंधस्स भेय - पभेयाइनिरूवणापुव्वं वित्थरओ परूवणा] ९७. कम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! अट्ठविहे पण्णत्ते, तं जहा नाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगबंधे जाव अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगबंधे । ९८. णाणावरणिज्नकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! नाणपडिणीययाए णाणणिण्हवणयाए णाणंतराएणं णाणप्पदोसेणं णाणच्चासादणाए 06666666666666666 विसंवादणाजोगेणं णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगबंधे । ९९. दरिसणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! दंसणपडिणीययाए एवं जहा णाणावरणिज्जं, नवरं 'दंसण' नाम घेत्तव्वं जाव दंसणविसंवादणाजोगेणं दरिसणावरणिज्नकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं जाव प्पओगबंधे । १००. सायावेयणिज्नकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते! कस्स कम्मस्स उदएणं ? गोयमा ! पाणाणुकंपयाए भूयाणुकंपयाए, एवं जहा सत्तमसए दसमु (छडु) द्देसए जाव अपरियावणयाए (स. ७३०६ सु. २४) सायावेयणिज्जकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं सायावेयणिज्नकम्मा जाव बंधे । १०१. अस्सायावेयणिज्ज० पुच्छा । गोयमा ! परदुक्खणयाए परसोयणयाए जहा सत्तमसए दसमु (छट्टु ) देसए जाव परियावणयाए (स. ७ उ० ६ सु. २८) अस्सायावेयणिज्जकम्मा जाव पयोगबंधे । १०२. मोहणिज्जकम्मासरीरप्पयोग० पुच्छा । गोयमा ! तिव्वकोहयाए तिव्वमाणयाए तिव्वमायाए तिव्वलोभाए तिव्वदंसणमोहणिज्जयाए तिव्वचरित्तमोहणिज्जयाए मोहणिज्जकम्मासरीर० जाव पयोगबंधे । १०३. नेरइयाउयकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते! पुच्छा । गोयमा ! महारंभयाए महापरिग्गहयाए पंचिदियवहेणं कुणिमाहारेणं नेरइयाउयकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उणं नेरइयाउ कम्मासरीर० जाव पयोगबंधे । १०४. तिरिक्खजोणियाउयकम्मासरीरप्पओग० पुच्छा। गोयमा ! माइल्लयाए नियडिल्लयाए अलियवयणेणं कूडतूल -कूडमाणेणं तिरिक्खजोणियकम्मासरीर जाव पयोगबंधे । १०५. मणुस्सआउयकम्मासरीर० पुच्छा। गोयमा ! पगइभद्दयाए पगइविणीययाए साणुक्कोसयाए अमच्छरिययाए मणुस्साउयकम्मा० जाव पयोगबंधे । १०६. देवाउयकम्मासरीर० पुच्छा। गोयमा ! सरागसंजमेणं संजमासंजमेणं बालतवोकम्मेणं अकामनिज्जराए देवाउयकम्मासरीर० जाव पयोगबंधे । १०७. सुभनामकम्मासरीर० पुच्छा । गोयमा ! कायउज्जुययाए भावुज्जुययाए भासुज्जुययाए अविसंवादणजोगेणं सुभनामकम्मासरीर जाव प्पयोगबंधे । १०८. असुभनामकम्मासरीर० पुच्छा। गोयमा ! काय अणुज्जुययाए भावअणुज्जुययाए भासअणुज्नुययाए विसंवायणाजोगेणं असुभनामकम्मा० जाव पयोगबंधे । १०९. उच्चागोयकम्मासरीर० पुच्छा। गोयमा ! जातिअमदेणं कुलअमदेणं बलअमदेणं रूवअमदेणं तवअमदेणं सुयअमदेणं लाभअमदेणं इस्सरियअमदेणं उच्चागोयकम्मासरीर० जाव पयोगबंधे । ११०. नीयगोयकम्मासरीर० पुच्छा। गोयमा ! जातिमदेणं कुलमदेणं बलमदेणं जाव इस्सरियमदेणं णीयागोयकम्मासरीर० जाव पयोगबंधे । १११. अंतराइयकम्मासरीर० पुच्छा । गोयमा ! दाणंतराएणं लाभंतराएणं भोगंतराएणं उवभोगंतराएणं Education International 2010 03 www.jainelibra 14545454545454545454545454545454545454545454545469 0555555555555555 श्री आगमगणमंजूषा Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 19 फफफफफफफ 555 (५) (१२२) 66666666666666 वीरियंतराएणं अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगबंधे । ११२. (१) णाणावरणिजकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! किं देसबंधे सव्वबंधे ? गोयमा ! देसबंधे, णो सव्वबंधे । (२) एवं जाव अंतराइयकम्मासरीरप्पयोगबंधे । ११३. णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! गाणावरणिजकम्मासरीरम्पयारा दुविहे पुण्णत्ते तं जहा अणाईए सपज्जवसिए, अाईए अपज्जवसिए वा. एवं जहा तेयगसरीरसंचिणा तहेव । ११४. एवं जाव अंतराइयकम्मस्स । ११५. णाणावरणिज्जकम्मासरीरप्पयोगबंधंतरं णं भंते! कालओ केवच्चिरं होई ? गोयमा ! अणाईयस्स० एवं जहा तेयगसरीरस्स अंतरं तहेव । ११६. एवं जाव अंतराइयस्स । ११७. एएसि णं भंते! जीवाणं नाणावरणिजस्स देसबंधगाणं, अबंधगाण य कयरे कयरेहिंतो० जाव अप्पाबहुगं जहा तेयगस्स । ११८. एवं आउयवज्जं जाव अंतराइयस्स । ११९. आउयस्स पुच्छा। गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा आउयस्स कम्मस्स देसबंधगा. अबंधगा संखेज्जगुणा । [सु. १२०-१२८. ओरालियाईणं पंचण्डं सरीराणमण्णोण्णं सव्व देसबंधवत्तव्वया] १२०. (१) जस्स णं भंते ! ओरालियसरीरस्स सव्वबंधे से णं भंते! वेउव्वियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! नो बंधए, अबंधए । (२) आहारगसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! नो बंधए, अबंधए। (३) तेयासरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! बंधए, नो अबंधए । (४) जइ बंधए किं देसबंधए, सव्वबंधए ? गोयमा ! देसबंधए, नो सव्वबंधए । (५) कम्मासरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? जहेव तेयगस्स जाव देसबंधए, नो सव्वबंधए । १२१. जस्स णं भंते! ओरालियसरीरस्स देसबंधे से णं भंते! वेउव्वियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! नो बंधए, अबंधए । १२२. एवं जहेव सव्वबंधेणं भणियं तहेव देसबंधेण वि भाणियव्वं जाव कम्मगस्स । १२३. (१) जस्स णं भंते ! वेउव्वियसरीरस्स सव्वबंधे से णं भंते! ओरालियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! नो बंधए, अबंधए । (२) आहारगसरीरस्स एवं चेव । (३) तेयगस्स कम्मगस्स य जहेव ओरालिएणं समं भणियं तहेव भाणियव्वं जाव देसबंधए, नो सव्वबंधए । १२४. (१) जस्सणं भंते ! वेउव्वियसरीरस्स सबंधे से णं भंते! ओरालियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! नो बंधए, अबंधए । (२) एवं जहा सव्वबंधेणं भणियं तहेव देसबंधेणं वि भाणियव्वं जाव कम्मगस्स । १२५. (१) जस्स णं भंते! आहारगसरीरस्स सब्वबंधे से णं भंते! ओरालियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! नो बंधए, अबंधए । (२) एवं वेउव्वियस्स वि । (३) तेया-कम्माणं जहेव ओरालिएणं समं भणियं तहेव भाणियव्वं । १२६. जस्स णं भंते! आहारगसरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! ओरालियस रस्स० एवं जहा आहारगसरीरस्स सव्वबंधेणं भणियं तहा देसबंधेण वि भाणियव्वं जाव कम्मगस्स । १२७. (१) जस्स णं भंते! तेयासरीरस्स देसबंधे से णं भंते! ओरालियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! बंधए वा अबंधए वा । (२) जइ बंधए किं देसबंधए, सव्वबंधए ? गोयमा ! देसबंधए वा, सव्वबंधए वा । (३) वेउव्वियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? एवं चेव । (४) एवं आहारगसरीरस्स वि । (५) कम्मगसरीरस्स किं बंधए, अबंधए ? गोयमा ! बंधए, नो अबंधए । (६) जइ बंधए किं देसबंधए, सव्वबंधए ? गोयमा ! देसबंधए, नो सव्वबंधए । १२८. जस्स णं भंते ! कम्मगसरीरस्स देसबंधे से णं भंते ! ओरालियस रस्स० जहा तेयगस्स वत्तव्वया भणिया तहा कम्मगस्स वि भाणियव्वा जाव तेयासरीरस्स जाव देसबंधए, नो सव्वबंधए । [सु. १२९. ओशलियाइपंचसरीरदेसंबंधग सव्वबंधगाणं जीवाणमप्पाबहुयं] १२९. एएसि णं भंते! जीवाणं ओरालिय- वेउव्विय- आहारग तेयाकम्मासरीरगाणं देसबंधगाणं सव्वबंधगाणं अबंधगाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा आहारगसरीरस्स सव्वबंधगा १ । तस्स चेव देसबंधगा संखेज्जगुणा २ | वेउव्वियसरीरस्स सव्वबंधगा असंखेज्जगुणा ३ । तस्स चेव देसबंधगा असंखेज्जगुणा ४ । तेया -कम्मगाणं दुण्ह वि तुल्ला अबंधगा अनंतगुणा ५ । ओरालियसरीरस्स सव्वबंधगा अनंतगुणा ६ । तस्स चेव अबंधगा विसेसाहिया ७ । तस्से चेव देसबंधगा असंखेज्जगुणा ८। तेया -कम्मगाणं देसबंधगा विसेसाहिया ९ | वेडव्वियसरीरस्स अबंधगा विसेसाहिया १० | आहारगसरीरस्स अबंधगा विसेसाहिया ११ । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ★ ★ ★ अट्ठमसयस्स नवमो 5 श्री आगमगुणमंजूषा ३० फु Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FAGO555555555555555 (५) भगवई ८सतं उ-१.१० [१२३] 55555555555555508 ॥ OCT55555555555555555555555555555555555555555555555520 2 उद्देसओ समत्तो ॥ ८.९॥ दसमो उद्दसो 'आराहणा' [सु. १. दसमुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे नगरे जाव एवं वयासी [सु. २. अन्नउत्थियवत्तव्वनिरासपुव्वयं सीलं -सुयजुत्तपुरिसे पडुच्च भगवओ आराहग -विराहगपरूवणा] २. अन्नउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव एवं परूवेति एवं खलु सील सेयं १, सुयं सेयं सुयं रोयं सीले सेयं ३, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोगमा । ने अनाउन्धिया एबमाइग्दति जाब ने ले एवमासु गिन्छा ने ई एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि एवं खलु मए चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा सीलसंपन्ने णामं एगे, णो सुयसंपन्ने १; सुयसंपन्ने नाम एगे, नो सीलसंपन्ने २, एगे सीलसंपन्ने वि सुयसंपन्ने वि ३, एगे णो सीलसंपन्ने नो सुयसंपन्ने ४ । तत्थ णं जे से पढमे पुरिसजाए से णं पुरिसे सीलवं, असुयवं, उवरए, अविण्णायधम्मे, एस णं गोयमा ! माए पुरिसे देसाराहाए पण्णत्ते । तत्थ णं जे से दोच्चे पुरिसजाए से णं पुरिसे असीलवं, सुयवं, अणुवरए, विण्णायधम्मे एस णं गोयमा ! मए पुरिसे देसविराहए पण्णने । तत्थ णं जे से तच्चे पुरिसजाए से णं पुरिसे सीलवं, सुयवं, उवरए, विण्णायधम्मे, एस णं गोयमा ! मए पुरिसे सव्वाराहए पण्णत्ते । तत्थ णं जे से चउत्थे पुरिसजाए से णं पुरिसे असीलवं, असुतवं, अणुवरए, अविण्णायधम्मे एस णं गोयमा ! मए पुरिसे सव्वविराहए पण्णत्ते। सु. ३-६. आराहणाए णाणाइतिभेया तप्पभेया य] ३. कतिविहा णं भंते ! आराहणा पण्णता ? गोयमा ! तिविहा आराहणा पण्णत्ता, तं जहा नाणाराहणा दंसणाराहणा चरित्ताराहणा। ४. णाणाराहणा णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, तं जहा उक्कोसिया मज्झिमिया जहन्ना। ५. दसणाराहणा णं भंते ! ०? एवं चेव तिविहा वि। ६. एवं चरित्ताराहणा वि। [सु. ७-९. आराहणाभेयाणं परोप्परमुवनिबंधपरूवणा] ७. जस्स णं भंते ! उक्कोसिया णाणाराहणा तस्स उक्कोसिया दंसणाराहणा ? जस्स उक्कोसिया दंसणाराहणा तस्स उक्कोसिया णाणाराहणा ? गोयमा ! जस्स उक्कोसिया णाणाराहणा तस्स दंसणाराहणा उक्कोसिया वा अजहन्नउक्कोसिया वा, जस्स पुण उक्कोसिया दंसणाराहणा तस्स नाणाराहणा उक्कोसा वा जहन्ना वा अजहन्नमणुक्कोसा वा । ८. जस्सणं भंते ! उक्कोसियाणाणाराहणा तस्स उक्कोसिया चरित्ताराहणा? जस्सुक्कोसिया चरित्ताराहणा तस्सुक्कोसियाणाणाराहणा? जहा उक्कोसिया णाणाराहणा यदसणाराहणा य भणिया तहा उक्कोसिया णाणाराहणा य चरित्ताराहणा य भाणियव्वा । ९. जस्स णं भंते ! उक्कोसिया दंसणाराहणा तस्सुक्कोसिया चरित्ताराहणा? जस्सुक्कोसिया चरित्ताराहणा तस्सुक्कोसिया दंसणाराहणा ? गोयमा ! जस्स उक्कोसिया दंसणाराहणा तस्स चरित्ताराहणा उक्कोसा वा जहन्ना वा अजहन्नमणुक्कोसा वा, जस्स पुण उक्कोसिया चरित्ताराहणा तस्स दंसणाराहणा नियमा उक्कोसा। [सु. १०-१८. उक्कोस -मज्झिम -जहन्नाणं णाण -दंसण - चरित्ताराहणाणं फलपरूवणा] १०. उक्कोसियं णं भंते ! णाणाराहणं आराहेत्ता कतिहिं भवग्गहणेहि सिज्झति जाव अंतं करेति ? गोयमा ! अत्थेगइए तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंतं करेति। अत्थेगतिए दोच्चेणं भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंतं करेति । अत्थेगतिए कप्पोवएसु वा कप्पातीएसु वा उववज्जति । ११. उक्कोसियं णं भंते ! दंसणाराहणं आराहेत्ता कतिहिं भवग्गहणेहिं०? एवं चेव । १२. उक्कोसियं णं भंते ! चरित्ताराहणं आराहेत्ता०? एवं चेव । नवरं अत्थेगतिए कप्पातीएसु उववज्जति । १३. मज्झिमियं णं भंते ! णाणाराहणं आराहेत्ता कतिहिं भवग्गहणेहि सिज्झति जाव अंतं करेति ? गोयमा ! अत्थेगतिए दोच्चेणं भवग्गहणेणं सिज्झइ जाव अंतं करेति, तच्चं पुण भवग्गहणं नाइक्कमइ । १४. मज्झिमियं णं भंते ! दंसणाराहणं आराहेत्ता० ? एवं चेव । १५. एवं मज्झिमियं चरित्ताराहणं पि । १६. जहन्नियं णं भंते ! नाणाराहणं आराहेत्ता कतिहिं भवग्गहणेहि सिज्झति जाव अंतं करेति ? गोयमा ! अत्थेगतिए तच्चेणं भवग्णहणेणं सिज्झइ जाव अंतं करेइ, सत्त -ऽभवग्गहणाइं पुण नाइक्कमइ। १७. एवं दंसणाराहणं पि । १८. एवं चरित्ताराहणं पि। [सु. १९-२२. पोग्गलपरिणामभेय - पभेयपरूवणा] १९. कतिविहे णं भंते ! पोग्गलपरिणामे पण्णत्ते ? के गोयमा ! पंचविहे पोग्गलपरिणामे पण्णत्ते, तं जहा वण्णपरिणामे १ गंधपरिणामे २ रसपरिणामे ३ फासपरिणामे ४ संठाणपरिणामे ५। २०. वण्णपरिणामे णं : भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा कालवण्णपरिणामे जाव सुकिल्लवण्णपरिणामे । २१. एएणं अभिलावेणं गंधपरिणामे दुविहे, se:5555555555555555555555श्री आगमगुणमंजूषा- ३3८19555555555 5 Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 2955555555555555555555555555555555555555555555555ero +91955555555555559 (५) भगवई ८ सनं उ-१० ३२४] 1555555555555555OOL रसपरिणामे पंचविहे, फासपरिणामे अट्ठविहे । २२. संठाणपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा परिमंडलसंठाणपरिणामे जाव आययसंठाणपरिणामे। [सु. २३-२८. एगाइअणंतपुग्गलत्थिकायपदेसे पडुच्च दव्व -दव्वदेसाइया वत्तव्वया ] २३. एगे भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसे किं दव्वं १,म दव्वदेसे २. दव्वाई ३. दव्वदेखा १, उदाहु दव्वं च दव्वदेसे य ५. उदाहु दव्वं च व्वदेसा य ६. उदाह व्वाई च दव्वदेसे य 9, उदाहु दव्वाइं च दव्वदेसा य ८१ गोयमा ! सिय दव्वं, सिय दव्वदेसे, नो दव्वाइं, नो दव्वदेसा, नो दव्वं च दव्वदेसें य, जाव नो दव्वाइं च दव्वदेसा य । २४. दो भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा किं दव्वं दव्वदेसे० पुच्छा तहेव । गोयमा ! सिय दव्वं ?, सिय दव्वदेसे २, सिय दव्वाई ३. सिय दव्वदेसा ४, सिय दव्वं च दव्वदेसे य ५, नो दव्वं च दव्वदेसा य ६, सेसा पडिसेहेयव्वा ।२५. तिण्णि भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा किं दव्वं० पुच्छा । गोयमा ! सिय दव्वं १, सिय दव्वदेसे २, एवं सत्त भंगा भाणियव्वा, जाव सिय दव्वाइं च दव्वदेसे य; नो दव्वाइं च दव्वदेसा य । २६. चत्तारि भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा किं दव्वं० पुच्छा। गोयमा ! सिय दव्वं १, सिय दव्वदेसे २, अट्ठ वि भंगा भाणियव्वा जाव सिय दव्वाइं च दव्वदेसा य ८।२७. जहा चत्तारि भणिया एवं पंच छ सत्त जाव असंखिज्जा । २८. अणंता भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसा किं दव्वं एवं चेव जाव सिय दव्वाइं च दव्वदेसा य । [ सु. २९-३०. लोगागास -जीवपदेसाणं असंखिज्जत्तपरूवणा] २९. केवतिया णं भते ! लोयागासपएसा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा लोयागासपएसा पण्णत्ता। ३०. एगमेगस्स णं भंते ! जीवस्स केवइया जीवपएसा पण्णत्ता ? गोयमा ! जावतिया लोगागासपएसा एगमेगस्स णं जीवस्स एवतिया जीवपएसा पण्णत्ता। [सु. ३१. कम्मपयडिभेयपरूवणा] ३१. कति णं भंते ! कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ, तं जहा नाणावरणिज्ज जाव अंतराइयं । [सु. ३२. चउवीसइदंडएसु अट्ठकम्मपयडिपरूवणा] ३२. (१) नेरइयाणं भंते ! कइ कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ। (२) एवं सव्वजीवाणं अट्ठ कम्मपगडीओ ठावेयव्वाओ जाव वेमाणियाणं। [सु. ३३-३६. चउवीसदंडएसु अट्ठण्हं कम्मपगडीणं अणंतअविभागपलिच्छदपरूवणा] ३३. नाणावरणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स केवतिया अविभागपलिच्छेया पण्णत्ता ? गोयमा ! अणंता अविभागपलिच्छेदा पण्णत्ता । ३४. नेरइयाणं भंते ! णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवतिया अविभागपलिच्छेया पण्णत्ता ? गोयमा ! अणंता अविभागपलिच्छेदा पण्णत्ता। ३५. एवं सव्वजीवाणं जाव वेमाणियाणं पुच्छा, गोयमा ! अणंता अविभागपलिच्छेदा पण्णत्ता । ३६. एवं जहा णाणावरणिज्जस्स अविभागपलिच्छेदा भणिया तहा अट्टाह वि कम्मपगडीणं भाणियव्वा जाव वेमाणियाणं अंतराइयस्स। [सु. ३७-४१. जीव -चउवीसदंडयजीवपदेसम्मि अट्ठण्हं कम्मपगडीणं ॥ अविभागपलिच्छेदावेढणपरिवेढणवत्तव्वया] ३७. एगमेगस्स णं भंते ! जीवस्स एगमेगे जीवपएसे णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवइएहिं अविभागपलिच्छेदेहिं आवेढियपरिवेढिए सिया ? गोयमा ! सिय आवेढियपरिवेढिए, सिय नो आवेढियपरिवेढिए। जइ आवेढियपरिवेढिए नियमा अणंतेहिं । ३८. एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स एगमेगे जीवपएसे णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवइएहिं अविभागपलिच्छेदेहिं आवेढियपरिवेढिते ? गोयमा ! नियमा अणंतेहिं। ३९. जहा नेरइयस्स एवं जाव वेमाणियस्स। नवरं मणूसस्स जहा जीवस्स। ४०. एगमेगस्सणं भंते ! जीवस्स एगमेगे जीवपएसे दरिसणावरणिज्जस्स कम्मस्स केवतिएहिं० ? एवं जहेव नाणावरणिज्जस्स तहेव दंडगो भाणियव्वो जाव वेमाणियस्स। ४१. एवं जाव अंतराइयस्स भाणियव्वं, नवरं वेयणिज्जस्स आउयस्स नामस्स गोयस्स, एएसिं चउण्ह वि कम्माणं मणूसस्स जहा नेरइयस्सतहा भाणियव्वं, सेसंतं चेव। [सु. ४२-४५. नाणावरणिज्जस्स दंसणावरणादीहिं सत्तहिं कम्मपगडीहिंसहभाववत्तव्वया ४२. जस्स णं भंते ! नाणावरणिज्जं तस्स दरिसणावरणिज्जं, जस्स दंसणावरणिज तस्स नाणावरणिज्ज ? गोयमा ! जस्स णं नाणावरणिज्ज तस्स दसणावरणिज्ज नियमा अत्थि, जस्स णं दरिसणावरणिज्जं तस्स वि नाणावरणिज्ज नियमा अस्थि । ४३. जस्स णं भंते ! णाणावरणिज्जं तस्स वेयणिज्ज, जस्स वेयणिज्जं तस्स णाणावरणिनं ? गोयमा ! जस्स नाणावरणिज्ज तस्स वेयणिज्जं नियमा अत्थि, जस्स पुण वेयणिज्नं तस्सणाणावरणिज्जं सिय अत्थि, सिय नत्थि। ४४. जस्स णं भंते ! नाणावरणिज्जं तस्स मोहणिज्जं, जस्स मोहणिज्जं तस्स नाणावरणिज्ज ? गोयमा ! जस्स नाणावरणिज्जं तस्स मोहणिज्नं सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण LOYAN55544545455555555555 श्री आगमगणमजषा - ३३९ फफफफफफफफ44444445455555 MG:395555555555555555555555555555555555555555555555555orore O Education international 2010-03 Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ $$$$$$550 %$$ 395555555555555555555555555555555555555555555555555OOK PROC555555555555555 (५) भगवई ८ सत्तं उ-१०/९सनं उ.. [१२५] 55555555555555 SOHORT र मोहणिज्जं तस्स नाणावरणिज्नं नियमा अत्थि। ४५. (१) जस्स णं भंते ! णाणावरणिजं तस्स आउयं० ? एवं जहा वेयणिज्जेण समं भणियं तहा आउएण वि समं भाणियव्वं । (२) एवं नामेण वि, एवं गोएण वि समं । (३) अंतराइएण वि जहा दरिसणावरणिज्जेण समं तहेव नियमा परोप्परं भाणियव्वाणि १। [सु. ४६.' दंसणावरणिज्जस्स वेयणिज्जाईहिं छहिं कम्मपगडीहिं सहभाववत्तव्वया ४६. जस्स णं भंते ! दरिसणावरणिज तस्स वेयणिज्ज, जस्स वेयणिज्ज तस्स दरिसणावरणिज्ज ? जहा नाणावरणिज्ज उवरिमेहिं सत्तहिं कम्मेहि सम भणियं तहा दरिसणावरणिज्ज पि उवरिमेहिं छहिं कम्मेहि समं भाणियव्वं जाव अंतराइएणं २। [सु. ४७-५० वेयणिज्जस्स मोहणिज्जाईहिं पंचहिं कम्मपगडीहिं सहभाववत्तव्वया] ४७. जस्स णं भंते ! वेयणिज्जं तस्स मोहणिज्जं, जस्स मोहणिज्जं तस्स वेयणिज्ज ? गोयमा ! जस्स वेयणिज्जं तस्स मोहणिज्जं सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण मोहणिज्जं तस्स वेयणिज्ज नियमा अस्थि । ४८. जस्स णं भंते ! वेयणिज्जं तस्स तस्स आउयं०? एवं एयाणि परोप्परं नियमा। ४९. जहा आउएण समं एवं नामेण वि, गोएण वि समं भाणियव्वं । ५०. जस्स णं भंते ! वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं० ? पुच्छा । गोयमा ! जस्स वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स वेयणिज्जं नियमा अत्थि ३। [सु. ५१-५२. मोहणिज्जस्स आउयआईहिं चउहिं कम्मपगडीहिं सहभाववत्तव्वया] ५१. जस्स णं भंते ! मोहणिज्जं तस्स आउयं, जस्स आउयं तस्स मोहणिज्जं ? गोयमा ! जस्स मोहणिज्जं तस्स आउयं नियमा अत्थि, जस्स पुण आउयं तस्स पुण मोहणिज्जं सिय अत्थि सिय नत्थि। ५२. एवं नाम गोयं अंतराइयं च भाणियव्वं ४ । [सु.५३५५. आउयस्स नामाईहिं तीहिं कम्मपगडीहिं सहभाववत्तव्वया] ५३. जस्स णं भंते ! आउयं तस्स नामं० ? पुच्छा । गोयमा ! दो वि परोप्परं नियमं । ५४. एवं गोत्तेण वि समं भाणियव्वं । ५५. जस्स णं भंते ! आउयं तस्स अंतराइयं० ? पुच्छा । गोयमा ! जस्स आउयं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स आउयं नियमा ५। [सु. ५६-५७. नामस्स गोय-अंतराइयकम्मपगडीहिं सहभाववत्तव्वया] ५६. जस्स णं भंते ! नामं तस्स गोयं, जस्स णं गोयं ॥ तस्स णं नाम ? गोयमा ! जस्स णं णामं तस्स णं नियमा गोयं, जस्स णं गोयं तस्स णं नियमा नाम-गोयमा ! दो वि एए परोप्परं नियमा। ५७. जस्सणं भंते ! णामं तस्स अंतराइयं० ! पुच्छा । गोयमा ! जस्स नामं तस्स अंतराइयं सिय अत्यि सिय नत्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स नामं नियमा अत्थि६। [सु. ५८. गोयस्स अंतराइयपगडीए सहभाववत्तव्वया] ५८. जस्स णं भंते ! गोयं तस्स अंतराइयं० ? पुच्छा । गोयमा ! जस्सणं गोयं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स गोयं नियमा अत्थि ७। [सु. ५९-६१. जीव -चउवीसदंडय -सिद्धेसु पोग्गलि -पोग्गलवत्तव्वया ५९. (१) जीवे णं भंते ! किं पोग्गली, पोग्गले ? गोयमा ! जीवे पोग्गली वि, पोग्गले वि। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'जीवे पोग्गली वि पोग्गले वि' ? गोयमा ! से जहानामए छत्तेणं छत्ती, दंडेणं दंडी, घडेणं घडी, पडेणं पडी, करेणं करी एवामेव गोयमा ! जीवे वि सोइंदिय - चक्खिदिय -घाणिदिय -जिब्भिदिय -फासिदियाइं पडुच्च पोग्गली, जीवं पुच्च पोग्गले, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ 'जीवे पोग्गली वि पोग्गले वि'।६०. (१) नेरइए णं भंते ! किं पोग्गली०? एवं चेव। (२) एवं जाव वेमाणिए। नवरं जस्स जइ इंदियाइं तस्स तइ भाणियव्वाई । ६१. (१) सिद्धे णं भंते ! किं पोग्गली, पोग्गले ? गोयमा ! नो पोग्गली, पोग्गले। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव पोग्गले ? गोयमा ! जीवं पडुच्च, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ 'सिद्धे नो पोग्गली, पोग्गले । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । 55 अट्ठमसए दसमो॥८.१०॥ ॥समत्तं अट्ठमं सयं ॥८॥* नवमं सतं [सु. १. नवमसतस्स उद्देसनामपरूवणा] १. जंबुद्दीवे १ जोइस २ अंतरदीवा ३० असोच्च ३१ गंगेय ३२। कुंडग्गामे ३३ पुरिसे ३४ नवमम्मि सयम्मि चोत्तीसा॥१॥★★★ पढमो उद्देसो 'जंबुद्दीवे' XXX सु. २. पढमुद्देसस्सुबुग्याओ] २. तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला नाम नगरी होत्था । वण्णओ। माणिभद्दे चेइए । वण्णओ। सामी समोसढे । परिसा निग्गया। धम्मो कहिओ। जाव भगवं गोयमे पज्जुवासमाणे एवं वयासी [सु. ३. जंबुद्दीववत्तव्वयाजाणणत्थं जंबुद्दीवपण्णत्तीसुत्तावलोयणानिद्देसो] ३. कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे ? किंसंठिए णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे ? एवं %%%%%%%% % QC项步步步步步步步步步步步步步勇%% Me.655555555555555 श्री आगभगणमजूषा - ३४. Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ OKKKKKKKK******** (५) भगवई ९ १-२-३-३१ (१२८] ********KK जंबुद्दीवपण्णत्ती भाणियव्वा जाव एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे चोद्दस सलिलासयसहस्सा छप्पन्नं च सहस्सा भवंतीति मक्खाया। सेवं भंते ! सेवं भंते । ति० ★ ★ ★ । नवमस्स पढमो ।। ९.१ ।। ★★★ बितिओ उद्देसो 'जोइस' ★★★ [सु. १. बितिउद्देसस्सुवुग्धाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु. २- ५. जंबुद्दीव - लवणसमुह धायडरांड कालोदसगुद्द पुक्रवरवरदीवाई चंद्रसंखाजाणणत्यं जीवाभिगगसत्तावलोयणनिद्देसो] २. जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे केवदया चंदा पभासिसु वा पभासेति वा पभासिस्संति वा ? एवं जहा जीवाभिगमे जाव - 'नव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं ॥ सोभं सोभिंसु सोभिति सोभिस्संति । ३. लवणे णं भंते! समुद्दे केवतिया चंदा पभासिंसु वा पभासिति वा पभासिस्संति वा ? एवं जहा जीवाभिगमे जाव ताराओ । ४. धायइसंडे कालोदे पुक्खरवरे अभिंतरपुक्खरद्धे मणुस्सखेते, एएस सव्वेसु जहा जीवाभिगमे जाव 'एग ससी परिवारो तारागणकोडिकोडीणं ।। ५. पुक्खरन्दे णं भंते । समुद्दे केवइया चंदा पभासिसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा ? एवं सव्वेसु दीव - समुद्देसु जोतिसियाणं भाणियव्वं जाव सयंभूरमणे जाव सोभं सोभिसु वा सोभंति वा सोभिस्संति वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥ ★★★ नवमसए बीओ उद्देसो समत्तो ॥ ९.२ ॥ ★★★ त उद्देसाइतीसइमपज्जंता उद्देसा 'अंतरदीवा' ★★★ [सु. १. तइयाइतीसइमपज्जं तउद्दे साणमुवुग्धाओ] ९. रायगिहे जाव एवं वयासी [ सु. २-३. एगोरूयादिअट्टावीसइअंतरदीववत्तव्वयाजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो] २. कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं एगोरुयमणुस्साणं एगोरुयदीवे णामं दीवे पन्नत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं एवं जहा जीवाभिगमे जाव सुद्धदंदीवे जाव देवलोगपरिग्गहा णं ते मया पण्णत्ता समणाउसो ! । ३. एवं अट्ठावीस पि अंतरदीवा सएणं सएणं आयाम विक्खंभेणं भाणियव्वा, नवरं दीवे दीवे उद्देसओ । एवं सव्वे वि अट्ठावीस उद्देसगा। सेवं भंते! सेवं भंते ! ति० । ★★★ नवमस्स तइयाइआ तीसंता उद्देसा समत्ता । ९.३ ३० ॥ ★★★ एगत्तीसइमों उद्देसो 'असोच्च' ★★★ [सु. १. एगत्तीसइमुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु. २ १२. केवलि - केवलिसावगाईहिंतो असोच्चा सुद्धधम्म- बोहि अणगारिता- बंभचेरवाससंजम-संवर-आभिणिबोहियाइपंचनाणाणं लाभलाभवत्तव्वया] २ (१) असोच्चा णं भंते! केवलिस्स वा केवलिसावगस्स वा केवलिसावियाए वा केवलिउवासंगस्स वा केवलिउवासियाए वा तप्पक्खियस्स वा तप्पक्खियसावगस्स वा तप्पक्खियसावियाए वा तप्पक्खियउवासगस्स वा तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए ? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा अत्थेगइए केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए, अत्थेगतिए 1. केवलिपण्णत्तं धम्मं नो लभेज्जा सवणयाए । (२) से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ- असोच्चा णं जाव नो लभेज्जा सवणयाए ? गोयमा ! जस्स णं नाणावर णिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्ज सवणयाए, जस्स णं नाणावर णिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्मं नो लभेज्ज सवणयाए, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-तं चैव जाव नो लभेज्ज सवणयाए । ३ (१) असोच्चा णं भंते! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलं बोहिं बुज्झेज्जा ? गोयमा ! असोच्चाणं केवलिस्स वा जाव अत्थेगतिए केवलं बोहिं बुज्झेज्जा, अत्थेगइए केवलं बोहिं णो बुज्झेज्जा । (२) से केणद्वेणं भंते! जाव नो बुज्झेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं दरिसणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं बोहिं बुज्झेज्जा, जस्स णं दरिसणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवड़ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं बोहिं णो बुज्झेजा, से तेणद्वेणं जाव णो बुज्झेज्जा । ४. (१) ' असोच्चा णं भंते! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलं, मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वज्जा ? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा अत्थेगतिए केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वज्जा, अत्थेगतिए केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं नो पव्वएजी । (२) से केणट्टेणं जाव नो पव्वज्जा ? गोयमा ! 05 श्री आगमगुणमंजूषा 1 Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 555OTOS G,95555555555555555555555555555555555555555555555 AGO5555555555555555 (५) भगवई ९ सत्तं उ - ३१' [१२७ 55555555555555HOTOS जस्स णं धम्मंतराइयाणं खओवसमे कडे भवति से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वएज्जा, जस्सणं धम्मंतराइयाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवति से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव मुंडे भवित्ता जाव णो पव्वएज्जा, से तेणटेणं गोयमा ! जाव नो पव्वएज्जा । ५. (१) असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलं बंभचेरवासं आवसेना? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा अत्थेगतिए केवलं बंभचेरवासं आवसेजा, अत्थेगतिए केवलं बंभचेरवासं नो आवसेज्जा । (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव नो आवसेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं चरित्तावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं बंभचेरवासं आवसेज्जा, जस्स णं चरित्तावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव नो आवसेज्जा, से तेणटेणं जाव नो आवसेज्जा । ६. (१) असोच्चा णं ! केवलिस्स वा जाव केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा ? गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स जाव उवासियाए वा जाव अत्थेगतिए केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा, अत्थेगतिए केवलेणं संजमेणं नो संजमेज्जा। (२) से केणद्वेणं जाव नो संजमेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं जयणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा, जस्स णं जयणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ सेणं असोच्चा केवलिस्स वा जाव नो संजमेज्जा, से तेणढेणं गोयमा ! जाव अत्थेगतिए नो संजमेजा। ७. (१) असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा ज़ाव उवासियाए वा केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स जाव अत्थेगतिए केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा, अत्थेगतिए केवलेणं जाव नो संवरेज्जा। (२) से केणद्वेणं जाव नो संवरेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं अज्झवसाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा, जस्स णं अज्झवसाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे णो कडे भवइ सेणं असोच्चा केवलिस्स वा जाव नो संवरेज्जा, से तेणद्वेणं जाव नो संवरेज्जा। ८. (१) असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स जाव केवलं आभिणिबोहियनाणं उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! असोच्या णं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा अत्थेगतिए केवलं आभिणिबोहियनाणं उप्पाडेज्जा, अत्थेगइए केवलं आभिणिबोहियनाणं नो उप्पाडेजा। (२) से केणटेणं जाव नो उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं आभिणिबोहियनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ सेणं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं आभिणिबोहियनाणं उप्पाडेज्जा, जस्स णं आभिणिबोहियनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइसे णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलं आभिणिबोहियनाणं नो उप्पाडेज्जा, से तेणटेणं जाव नो उप्पाडेज्जा । ९. असोच्चा णं भंते ! केवलि० जाव केवलं सुयनाणं उप्पाडेज्जा ? एवं जहा आभिणिबोहियनाणस्स वत्तव्वया भणिया तहा सुयनाणस्स वि भाणियव्वा, नवरं सुयनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे भाणियव्वे। १०. एवं चेव केवलं ओहिनाणं भाणियव्वं; नवरं ओहिणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे भाणियव्वे । ११. एवं केवलं मणपज्जवनाणं उप्पाडेज्जा, नवरं मणपज्जवणाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे भाणियव्वे । १२. असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलनाणं उप्पाडेज्जा ? एवं चेव, नवरं केवलनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खए भाणियव्वे, सेसं तं चेव । सेतेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव केवलनाणं उप्पाडेजा। [सु. १३. बिइयसुत्ताइबारसमसुत्तपज्जंतवत्तव्वयाए समुच्चएणं परूवणा] १३. (१) असोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए १?, केवलं बोहिं बुज्झेज्जा २ ?, केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वएज्जा ३?, केवलं बंभचेरवासं आवसेज्जा ४१, केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा ५१, केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा ६?, केवलं आभिणिबोहियनाणं उप्पाडेजा ७?, जाव केवलं मणपज्जवनाणं उप्पाडेज्जा १०?, केवलनाणं उप्पाडेज्जा ११ ?, गोयमा ! असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा अत्थेगतिए केवलिपन्नत्तं धम्म लभेज्जा सवणयाए, अत्थेगतिए केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभेज्जा सवणयाए १; अत्थेगतिए केवलं बोहिं बुज्झेज्जा, अत्थेगतिए केवलं बोहिंणो बुज्झेज्जा २, अत्थेगतिए केवलं मुंडे भवित्ता 3 अगाराओ अणगारियं पव्वएज्जा, अत्थेगतिए जाव नो पव्वएज्जा ३; अत्थेगतिए केवलं बंभचेरवासं आवसेज्जा, अत्थेगतिए केवलं बंभचेरवासं नो आवसेज्जा ४, अत्थेगतिए केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा, अत्थेगतिए केवलेणं संजमेणं नो संजमेज्जा ५; एवं संवरेण वि ६; अत्धेगतिए केवलं आमिणिबोहियनाणं उप्पाडेजा, re.05555555555555555555555555[ श्री आगमगुणमजूषा - ३४२ 555555555555555555555555555OOK mer055555555555555555555555555555555555555555555555546TOR Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फफफफफफफफफफफ [१२८] (५) भगवई 9 मतं उ ३१ फफफफफफफफफफफफफफ अत्गतिए जाव नो उप्पाडेज्जा ७; एवं जांव मणपज्जवनाणं ८ ९-१०: अत्थेगतिए केवलनाणं उप्पाडेज्जा, अत्थेगतिए केवलनाणं नो उप्पाडेज्जा ११ । (२) से केणट्टेण भंते ! एवं वुच्चइ असोच्चा णं तं चेव जाव अत्थेगतिए केवलनाणं नो उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं नाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमें नो कडे भवइ १, जस्स णं दरसणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ २, जस्स णं धम्मंतराइयाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवड ३. एवं चरिनावरणिज्जाणं ४. जयणावरणिज्नाणं ५, अज्झवसाणवरणिज्जाणं ६, आभिणिबोहियनाणावरणिज्जाणं ७, जाव मणपज्जवनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवइ ८-९१०, जस्स णं केवलनाणावरणिज्जाणं जाव खए नो कडे भवइ ११, से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभेज्जा सवणयाए, केवलं बोहिं नो बुझेजा जाव केवलनाणं नो उप्पाडेज्जा । जस्स णं नाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवति १, जस्स णं दरिसणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ २, जस्सं णं धम्मंतराइयाणं ३, एवं जाव जस्स णं केवलनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खए कडे भवइ ११ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव केवलिपन्नत्तं धम्मं भेज्जा सवणया १, केवलं बोहिं बुज्झेज्जा २, जाव केवलनाणं उप्पाडेज्जा ११ । [सु. १४-३१. असुयकेवलिआइवयणे विभंगनाणाओ पत्तओहिनाणे लेसानाणजोगउवओग संघयण-संठाण उच्चत्त आउय वेद- कसाय- अज्झवसाणपरूवणापुव्वं कमेण केवलनाणुप्पत्ति- सिज्झणाइवत्तव्वया] १४. तस्स णं छछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्डुं बाहाओ पगिज्झिय पगिज्झिय सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स पगतिभद्दयाए पगइउवसंतयाए पगतिपयणुकोह - माण- माया-लोभयाए मिउमद्दवसंपन्नयाए अल्लीणताए भद्दताए विणीतताए अण्णया कयाइ सुभेणं अज्झवसाणेणं, सुभेणं परिणामेणं, लेस्साहिं विसुज्झमाणीहिं तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापोह-मग्गण-गवेसणं करेमाणस्स विब्भंगे नामं अन्नाणे समुप्पज्जइ, से णं तेणं विब्भंगनाणेणं समुप्पन्नेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं जाणइ पासइ, से णं तेणं विब्भंगनाणेणं समुप्पन्नेणं जीवे वि जाणइ, अजीवे वि जाणइ, पासंडत्थे सारंभे सपरिग्गहे संकिलिस्समाणे वि जाणइ, विसुज्झमाणे वि जाणइ, से णं पुव्वामेव सम्मत्तं पडिवज्जइ, सम्मत्तं पडिवज्जित्ता समणधम्मं रोएति, समणधम्मं रोएत्ता चरितं पडिवज्जइ, चरित्तं पडिवज्जित्ता लिंगं पडिवज्जइ, तस्स णं तेहिं मिच्छत्तपज्जवेहिं परिहायमाणेहिं परिहायमाणेहिं, सम्मदंसणपज्जवेहिं परिवइढमाणेहिं परिवड्ढमाणेहिं से विब्भंगे अन्नाणे सम्मत्तपरिग्गहिए खिप्पामेव ओहि परावत्तइ । १५. से णं भंते! कतिसु लेस्सासु होज्जा ? गोयमा ! तिसु विसुद्धलेस्सासु होज्जा, तं जहा तेउलेस्साए पम्हलेस्साए सुक्कलेस्साए । १६. से णं भंते ! कतिसु णाणेसु होज्जा ? गोयमा ! तिसु, आभिणिबोहियनाण- सुयनाण- ओहिनाणेसु होज्जा । १७. (१) से णं भंते ! किं सजोगी होज्जा, अजोगी होज्जा ? गोयमा ! सजोगी होज्जा, नो अजोगी होज्जा । (२) जइ सजोगी होज्जा किं मणजोगी होज्जा, वइजोगी होना, कायजोगी होना ? गोयमा ! मणजोगी वा होज्जा, वइजोगी वा होज्जा, कायजोगी वा होज्जा । १८. से णं भंते! किं सागारोवउत्ते होज्जा, अणागारोवउत्ते ? गोयमा ! सागारोवउत्ते वा होज्जा, अणागारोवउत्ते वा होज्जा । १९. से णं भंते! कयरम्मि संघयणे होज्जा ? गोयमा ! वइरोसभनारायसंघयणे होज्जा । २०. भंते! करम्मिसंठाणे होज्जा ? गोयमा ! छण्हं संठाणाणं अन्नयरे संठाणे होज्जा । २१. से णं भंते ! कयरम्मि उच्चत्ते होज्जा ? गोयमा ! जहन्त्रेणं सत्त रयणी, उक्कोसेणं पंचधणुसतिए होज्जा । २२. से णं भंते! कयरम्मि आउए होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं सातिरेगट्ठवासाउए, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउए होज्जा । २३. (१) से णं भंते ! किं सवेदए होज्जा, अवेदए होज्जा ? गोयमा ! सवेदए होज्जा, नो अवेदए होज्जा । (२) जइ सवेदए होज्जा किं इत्थीवेदए होज्जा, पुरिसवेदए होज्जा, नपुंसगवेदए होज्जा, पुरिसनपुंसगवेदए होज्जा ? गोयमा ! नो इत्थिवेदए होज्जा, पुरिसवेदए वा होज्जा, नो नपुंसगवेदए होज्जा, पुरिसनपुंसगवेदए वा होज्जा । २४. (१) से णं भंते! किं सकसाई होज्ना, अकसाई होज्जा ? गोयमा ! सकसाई होज्जा, नो अकसाई होज्जा । (२) जइसकासाई होज्जा, से णं भंते! कतिसु कसाएसु होज्जा ? गोयमा ! चउसु संजणकोह- माण- माया-लोभेसु होज्जा । २५. (१) तस्स णं भंते! केवतिया अज्झवसाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा अज्झवसाणा पण्णत्ता । (२) तेणं भंते! किं पसत्था अप्पसत्था ? गोयमा ! पसत्था, नो अप्पसत्था । २६. से णं पसत्थेहिं अज्झवसाणेहिं वट्टमाणे अणंतेहिं नेरइयभवग्गहणेहिंतो अप्पाणं विसंजोएइ, KOKORKCLG -For Ravate & Person Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For.9555555555555555 (५) भगवई ९सतं उ-३१ [१२९] ,5555555555555552RD 5955555555555555555FORODE SAGRO55555555555555555555555555555 अणंतेहिं तिरिक्खजोणिय जाव विसंजोएइ, अणंतेहिं मणुस्सभवग्गहणेहिंतो अप्पाणं विसंजोएइ, अणंतेहिं देवभवग्गहणेहिंतो अप्पाणं विसंजोएइ, जाओ वि य से इमाओ नेरइय-तिरिक्खजोणियमणुस्स-देवगतिनामाओ उत्तरपयडीओ तासिं च णं उवग्गहिए अणंताणुबंधी कोह-माण-माया-लोभे खवेइ, अणंताणुबंधी कोहमाण-माया-लोभे खवित्ता अपच्चक्खाणकसाए कोह-माण-माया-लोभे खवेइ, अपच्चक्खाणकसाए कोह-माण-माया-लोभे खवित्ता पच्चक्खाणावरणे कोह-माणमाया-लोभे खवेइ, पच्चक्खाणावरणे कोह-माण-माया-लोभे खवित्ता संजलणे कोह-माण-माया-लोभे खवेइ। संजलणे कोह-माण-माया-लोभे खवित्ता पंचविहं नाणावरणिज्जं नवविहं दरिसणावरणिज्ज पंचविहमंतराइयं तालमत्थकडं च णं मोहणिज्जं कट्ट कम्मरयविकरणकर अपुव्वकरणं अणुपविट्ठस्स अणंते अणुत्तरे निव्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरनाण-दंसणे समुप्पज्जति । २७. से णं भंते ! केवलिपण्णत्तं धम्मं आघवेज्जा वा पण्णवेज्जा वा परवेज्जा वा ? नोभ इणढे समढे, णऽन्नत्थ एगणाएण वा एगवागरणेण वा। २८. से णं भंते ! पव्वावेज वा मुंडावेज वा? णो इणद्वे समढे, उवदेसं पुण करेजा। २९. से णं भंते ! सिज्झति जाव अंतं करेति ? हंता, सिज्झति जाव अंतं करेति । ३०. से णं भंते ! किं उर्ल्ड होज्जा अहो होज्जा, तिरियं होज्जा ? गोयमा ! उर्ल्ड वा होज्जा, अहो वा होज्जा, तिरियं वा होज्जा। उर्ल्ड होमाणे सद्दावइ-वियडावइ-गंधावइ-मालवंतपरियाएसु वट्टवेयडपव्वएसु होज्जा, साहरणं पडुच्च सोमणसवणे वा पंडगवणे वा होज्जा । अहो होमाणे : गड्डाए वा दरीए वा होज्जा, साहरणं पडुच्च पायाले वा भवणे वा होज्जा। तिरियं होमाणे पण्णरससुकम्मभूमीसु होज्जा, साहरणं पडुच्च अड्डाइजदीव -समुद्दतदेक्कदेसभाए होज्जा । ३१. ते णं भंते ! एगसमएणं केवतिया होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं दस । से तेणतुणं गोयमा ! एवं वुच्चइ 'असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव अत्थेगतिए केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए, अत्थेगतिए असोच्चा णं केवलि जाव नोलभेज्जा सवणयाए जाव अत्थेगतिए केवलनाणं उप्पाडेजा, अत्थेगतिए केवलनाणं नो उप्पाडेजा। सु. ३२. बितियसुत्ताइतेरसमसुत्तपज्जंतगय असोच्चा पदपरूवियवत्तव्वयाठाणे 'सोच्चा पदपुब्विया वत्तव्वया] ३२. सोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए ? गोयमा ! सोच्चा णं केवलिस्स वा जाव अत्यंगतिए केवलिपण्णत्तं धम्मं० । एवं जा चेव असोच्चाए वत्तव्वया सा चेव सोच्चाए वि भाणियव्वा, नवरं अभिलावो सोच्चेति । सेसं तं चेव निरवसेसं जाव 'जस्स णं मणपज्जवनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ, जस्सणं केवलनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खए कडे भवइ से णं सोच्चा केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्म लभिज्ज सवणयाए, केवलं बोहिं बुज्झेज्जा जाव केवलनाणं उप्पाडेज्जा (सु. १३ (२)1 [सु. ३३-४४. सुयकेवलिआइवयणे ओहिनाणिम्मि चोद्दसमाइइगतीसइमसुत्तगयवत्तव्वया] ३३. तस्स णं अट्ठमंअट्ठमेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावमाणस्स पगइभद्दयाए तहेव जाव गवेसणं करेमाणस्स ओहिणाणे समुप्पज्जइ । से णं तेणं ओहिनाणेणं समुप्पन्नेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखिज्जइभागं, उक्कोसेणं असंखिज्जाइ अलोए लोयप्पमाणमेत्ताई खंडाइं जाणइ पासइ। ३४. से णं भंते! कतिसुलेस्सासु होज्जा ? गोयमा ! छसुलेस्सासु होज्जा, तं जहा कण्हलेसाए जाव सुक्कलेसाए । ३५. सेणं भंते ! कतिसुणाणेसु होज्जा? गोयमा ! तिसु वा चउसु वा होज्जा। तिसु होज्जमाणे आभिणिबोहियनाण-सुयनाण-ओहिनाणेसु होज्जा, चउसु होज्जमाणे आभिणिबोहियनाण-सुयनाण-ओहिनाण -मणपज्जवनाणेसु होज्जा । ३६. से णं भंते ! किं सजोगी होज्जा, अजोगी होज्जा ? एवं जोगो उवओगो संघयणं संठाणं उच्चत्तं आउयं च एयाणि सव्वाणि जहा असोच्चाए (सु. १७-२२) तहेव भाणियव्वाणि । ३७. (१) सेणं भंते ! किं सवेदए० पुच्छा। गोयमा ! सवेदए वा होज्जा, अवेदए वा होज्जा । (२) जइ अवेदए होज्जा है किं उवसंतवेयए होज्जा, खीणवेयण होज्जा ? गोयमा ! नो उवसंतवेदए होज्जा, खीणवेदए होज्जा । (३) जइ सवेदए होज्जा किं इत्थीवेदए होज्जा० पुच्छा । गोयमा!' इत्थीवेदए वा होज्जा, पुरिसवेदए वा होज्जा, पुरिसनपुंसगवेदए वा होज्जा । ३८. (१) से णं भंते ! सकसाई होज्जा ? अकसाई होज्जा ? गोयमा ! सकसाई वा होज्जा, अकसाई वा होज्जा। (२) जइ अकसाई होज्जा किं उवसंतकसाई होज्जा, खीणकसाई होज्जा ? गोयमा ! नो उवसंतकसाई होजा, खीणकसाई होज्जा। (३) जइ सकसाई होज्जा से णं भंते ! कतिसु कसाएसु होज्जा ? गोयमा ! चउसु वा, तिसुवा, दोसु वा, एक्कम्मि वा होजा। चउसु होज्जमाणे चउसु संजलणकोह-माण-मायाxer.s555555555555555555श्री आगमगुणमंजूषा- ३४४ 455555555555555555555555;FOROF sex555555555555555555555555555555555555555555555555562IO Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NOR555555555555555555555555555555555555555555555555froy MARo%9555555555555 तापम ... २३० $$$$$555555555520 लोभेसु होज्जा, तिसुहोज्जमाणे तिसु संजलणमाण-माया-लोभेसुहोज्जा, दोसु होज्जमाणे दोसुसंजलणमाया-लोभेसु होज्जा, एगम्मि होज्जमाणे एगम्मि संजलणे लोमे होज्जा । ३९. तस्स णं भंते ! केवतिया अज्झवसाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा, एवं जहा असोच्चाए (सु. २५-२६) तहेव जाव केवलवरनाण-दसणे समुप्पज्जइ (सु.२६)। ४०. से भंते ! केवलिपण्णनं धम्मं आघविज्जा वा, पाण्णवेज्जा वा, परूविज्ना वा ? हता, आघविज वा. पाण्णवेन वा. परवेज्ज वा। ११. (१) से णं भंते ! पव्वावेज वा मुंडावेज्ज वा ? हंता, गोयमा ! पव्वावेज्ज वा, मुंडावेज्ज वा। (२) तस्स णं भंते ! सिस्सा वि पव्वावेज वा, मुंडावेज्ज वा ? हंता, पव्वावेज्ज वा मुंडावेज वा। (३) तस्स णं भंते ! पसिस्सा वि पव्वावेज्ज वा मुंडावेज वा ? हंता, पव्वावेज्ज वा मुंडावेज वा। ४२. (१) से णं भंते ! सिज्झति बुज्झति जाव अंतं करेइ ? हंता, सिज्झइ जाव अंतं करेइ। (२) तस्सणं भंते ! सिस्सा वि सिज्झंति जाव अंतं करेंति ? हंता, सिझंति जाव अंतं करेति। (३) तस्सणं भंते ! परिस्सा वि सिज्झंति जाव अंतं करेंति ? एवं चेव जाव अंतं करेति । ४३. सेणं भंते ! किं उडे होज्जा ? जहेव असोच्चाए (सु. ३०) जाव तदेक्कदेसभाए होना। ४४. ते णं भंते ! एगसमएणं केवतिया होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं अट्ठसयं -१०८ से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ -सोच्चा णं केवलिस्स वा जाव केवलिउवासियाए वा जाव अत्थेगतिए केवलनाणं उप्पाडेजा, अत्थेगतिए केवलनाणं नो उप्पाडेजा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ। नवमसयस्स इगतीसइओ उद्देसो॥९.३१॥ बत्तीसइमो उद्देसो 'गंगेय★★★ [सु. १-२. बत्तीसइमुद्देसस्सुवुग्धाओ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियगामे नगरे होत्था । वण्णओ। दूतिपलासे चेइए । सामी समोसढे । परिसा निग्गया। धम्मो कहिओ। परिसा पडिगया। २. तेणं कालेणं तेणं समएणं पासावच्चिज्जे गंगेए नाम अणगारे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामते ठिच्चा समणं भगवं महावीरं एवं वयासी [सु. ३-५५. पासावच्चिज्जगंगेयअणगारस्स पुच्छाओ भगवओ समाहाणं च] [सु. ३-१३. चउवीसदंडएसु संतर -निरतरोववाय -उव्वट्टणपरूवणा] ३. संतरं भंते ! नेरइया उववज्जति, निरंतरं नेरइया उववज्जति ? गंगेया ! संतरं पि नेरइया उववनंति, निरंतरं पि नेरइया उववज्जति । ४. (१) संतरं भंते ! असुरकुमारा उववज्जंति, निरंतरं असुरकुमारा उववज्जति ? गंगेया ! संतरं पि असुरकुमारा उववज्जति, निरंतरं पि असुरकुमारा उववज्जति। (२) एवं जाव थणियकुमारा। ५. (१) संतरं भंते ! पुढविकाइया उववज्जति, निरंतरं पुढविकाइया उववज्जति ? गंगेया ! नो संतरं पुढविकाइया उववज्जति, निरंतरं पुढविकाइया उववज्जति। (२) एवं जाव वणस्सइकाइया । ६. वेइंदिया जाव वेमाणिया, एते जहा णेरइया । ७. संतरं भंते ! नेरइया उव्वद्वंति, निरंतरं नेरइया उव्वटुंति ? गंगेया! संतरं पि नेरइया उव्वद्वृति, निरंतरं पि नेरइया उव्वट्ठति। ८. एवं जाव थणियकुमारा । ९. (१) संतरं भंते ! पुढविक्काइया उव्वद्वृति०? पुच्छा। गंगेया ! णो संतरं पुढविक्काइया उव्वद्वृति निरंतरं पुढविक्काइया उव्वति। (२) एवं जाव वणस्सइकाइया नो संतरं, निरंतरं उव्वर्टेति । १०. संतरं भंते ! बेइंदिया उव्वटुंति, निरंतरं बेदिया उव्वटुंति ? गंगेया ! संतरं पि बेइंदिया उव्वद्वृति, निरंतरं पि बेइंदिया उव्वद॒ति । ११. एवं जाव वाणमंतरा । १२. संतरं भंते ! जोइसिया चयंति० ? पुच्छा । गंगेया ! संतरं पि जोइसिया चयंति, निरंतरं पि जोइसिया चयति । १३. एवं जाव वेमाणिया वि। [सु. १४. पवेसणगस्स भेयचउक्कं] १४. कइविहेणं भंते ! पवेसणए पण्णत्ते ? गंगेया ! चउव्विहे पवेसणए पण्णत्ते, तं जहा नेरइयपवेसणए तिरिक्खजोणियपवेसणए मणुस्सपवेसणए देवपवेसणए। [सु. १५-२९. नेरइयपवेसणगपरूवणा] सु. १५. नेरझ्यपवेसणगस्स सत्त भेया] १५. नेरइयपवेसणए णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गंगेया ! सत्तविहे पन्नत्ते, तं जहा रयणप्पभापुढविनेरझ्यपवेसणए जाव अहेसत्तमापुढविनेरइय पवेसणए। सु. १६.२७. नेरइयपवेसणए पविसमाणाणं एगादिअसंखेज्जाण नेग्इयाणं सन नरयपुढविं पडुच्च विन्यरओ भंगपरूबणा १६. म एगे भंते ! नेरइए नेरइयपवेसणए णं पविसमाणे किं रयणप्पभाए होज्जा, सक्करप्पभाए होज्जा, जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जावई अहेसत्तमाए वा होना। ७।१७. दोभंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसभाणा किं रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा 105555555555555555555555555555555555555555555555555 res 5 55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- ३४५5555555555555555555555079 Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 109555555555555555 (५) भगवई ५सतं उ·३२ १३१] 55555555岁$555588 G9555555555555555555555555555555555555555555555555FOTO जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ।७। अहवा एगे रयणप्पभाए हुज्जा, एगे सक्करप्पभाए होज्जा १ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होज्जा २ । जाव एगे रयणप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, ३-४-५-६ । अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा ७ । जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, ८.०.१०-११ | अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्यभाए होज्जा १२ ! एवं नाव अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा, १३-१४ १५ । एवं एकेका पुढवी छुड्डेयव्वा जाव अहवा एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, १६-१७-१८-१९-२०-२१ । १८. तिण्णि भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणए णं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा।७। अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए होज्जा, १ । जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा, २.३.४-५-६। अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए होज्जा १ । जाव अहवा दो रयणप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, २-३-४-५-६=१२ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए होजा १ । जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा, २-३-४-५-१७ । अहवा दो सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होना १ । जाव अहवा दो सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, २-३-४-५-२२ । एवं जहा सक्करप्पभाए वत्तव्वयाभणिया तहा सव्वपुढवीणं भाणियव्वा, जाव अहवा दो तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा।४-४,३-३, २-२, १-१-४२। अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होज्जा १ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा २। जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३-४-५। अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा ६ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा ७। एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ८-९ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा १० । जाव अहवा' एगे रयणप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, ११-१२। अहवा एगे रयणप्पभाए. एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा १३ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १४ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १५ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा १६ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा १७। जाब अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, १८-१९ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा २० । जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, २१-२२ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा २३ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २४ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २५ । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा २६ । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होज्जा २७ । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा २८ । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा २९ । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३० । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३१ । अहवा एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ३२ । अहवा एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३३ । अहवा एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३४ । अहवा एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३५। ८४ | १९. चत्तारि भंते ! नेरड्या नेरइयपवेसणए णं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा० ? पुच्छा । गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ७ । अहवा एगे रयणप्पभाए, तिणि सक्करप्पभाए होज्जा १ । अहवा एगे रयणप्पभाए, तिण्णि वालुयप्पभाए होज्जा २। एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, तिण्णि अहेसत्तमाए होज्जा ३-६ । अहवा दो रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए होज्जा १, एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा २.६=१२ । अहवा तिण्णि रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए होज्जा १ । एवं जाव अहवा तिण्णि रयणप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २-६=१८ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, तिण्णि वालुयप्पभाए होज्जा १. एवं जहेव रयणप्पभाए उवरिमाहिं समं चारियं तहा रयणप्पभाए वि उवरिमाहिं समं चारियव्वं १-१५=३३ । एवं एक्केकाए समं चारेयव्वं जाव अहवा तिण्णि तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १५-१५-६३ । अहवा एगे pre:5555555555555555555555 श्री आगमगुणमनूषा - ३४६55555555555555555555 wes055555555555555555555555555555555555555555555555556XORA Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ G.05555555555555555 काम रमनं. ] 555555% ERWEROINOR रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए होज्जा १ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए. दो पंकप्पभाए होज्जा २ । एवं जाव एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा ३-४-५ । अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होज्जा १ । एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए. एगे अहेसत्तमाए होज्जा २-३-४-५=१० । अहवा दो रयणप्पभाए. एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होज्जा १-११ । एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ५=१५ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, दो पंकप्पभाए होज्जा १-१६ । एवं जाव अहवा रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा २-३-४-१९ । एवं एएणं गमएणं जहा तिण्हं तियजोगो तहा भाणियव्वो जाव अहवा दो धूमप्पभाए, एगे' तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १०५ । अहवा एगे रयणप्पभाए. एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा १ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा २। अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ३ । अहवा एगे' रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ४ अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए १५ अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए होज्जा २-६ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए. एगे पंकप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३-७। अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा १-८ अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २-९। अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगेतमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १=१०। अहवा एगे रयणप्पभाए०, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा १-११ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए होज्जा २-१२ । अहवा एगे रयण०, एगे , वालुय०, एगे पंकप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३-१३ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा १-१४ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुय०, एगे धूम०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २-१५। अहवा एगे रयण०, एगे वालुय०, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १-१६ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा १-१७ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूम०, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २-१८ । अहवा एगे रयण०, एगे पंक०, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १-१९। अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १-२०। अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा १-२१ । एवं जहा रयणप्पभाए उवरिमाओ पुढवीओ चारियाओ तहा सक्करप्पभाए वि उवरिमाओ चारियव्वाओ जाव अहवा एग सक्करप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमा,, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १०-३० । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्ना १-३१ । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २-३२ । अहवा एगे वालुयप्पभाए, 5 एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३-३३ । अहवा एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ४-३४ । अहवा एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १-३५ । २०. पंच भंते ! नेरइया नेरझ्यप्पवेसणए णं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा ? पुच्छा। गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जाजाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ।७। अहवा एगे रयणप्पभाए, चत्तारि सक्करप्पभाए होज्जा १ । जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा ६ । अहवा दो रयणप्पभाए, तिण्णि सक्करप्पभाए होज्जा १-७। एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए, तिण्णि अहेसत्तमाए होज्जा ६=१२ । अहवा तिण्णि रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए होज्जा १-१३ । एवं जाव अहेसत्तमाए होज्जा ६=१८ । अहवा चत्तारि रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए होज्जा १-१९ । एवं जाव अहवा चत्तारि रयणप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होना ६-४२। अहवा एगे सक्करप्पभाए, चत्तारि वालुयप्पभाए होज्जा १ । एवं जहा रयणप्पभाए समं उवरिमपुढवीओ प्रचारियाओ तहा सक्करप्पभाए वि समं चारेयव्वाओ जाव अहवा चत्तारि सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २० । एवं एक्वेक्काए समं चारेयव्वाओ जाव अहवा, 2 चत्तारि तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्ना ८४ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, तिण्णि वालुयप्पभाए होज्जा। एवं जाव अहवा एगे रयण०, एगे सक्कर०, rev54945555555555555555 श्री आगमगुणमंजषा - ३४७ 555555555555555555555555555OXOK 55555555555555550box 5555555555555555555555555555555 55555555555555555555555555555555555555555555OLOR w.jainelibrary.00 Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फफफफफफफफफफफफफफफफ (५) भगवई ९ सत्तं उ ३२ [१३३] फफफफफफफफ तिणि पायप्पभाए होज्जा १। एवं जाव अहवा, एगे सक्कर० तिण्णि अहेसत्तमाए होज्जा ५ | अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए होज्जा १६ । एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा ५-१० । अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए होज्जा १-११ । एवं जाव अहवा दो स्यणप्पभाए, एंगे सक्करप्पभाए, दो असत्तमाए होज्जा ५-१५ | अहवा एगे स्यणप्पभाए. तिणि सकरप्पभाए, एंगे वालुयप्पभाए होज्जा १ १६ । एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, तिण्णि सक्कर०, एगे अहेसतमाए होज्जा ५-२० अहवा दो रयण०, दो सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होज्जा १-२१ । एवं जाव दो रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए ५-२५ । अहवा तिण्णि रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होज्जा १-२६ । एवं जाव अहवा तिण्णि रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ५-३० । अहदा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, तिण्णि पंकप्पभाए होज्जा १-३१ । एवं एएणं कमेणं जहा उन्हं तियसंजोगो भणितो तहा पंचण्ह वि तिवसंजोगो भाणियव्वो; नवरं तत्थ एगो संचारिज्जइ, इह दोण्णि, सेसं तं चेव, जाव अहवा तिण्णि धूमप्पभाए एगे तमाए एगे असत्तमाए होज्जा २१० । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, दो पंकप्पभाए होज्जा १ । एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा ४ | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा १-५ । एवं जाव असत्तमाए ४-८ । अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा १-९ । एवं जाव अहवा एगे स्यणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ४-१२ । अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुर्यप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा १-१३ । एवं जाव अहवा दो रणप्पा, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ४-१६ | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, दो धूमप्पभाए होज्जा १-१७ । एवं जहा चउण्हं चउक्कसंजोगो भणिओ तहा पंचण्ह वि चउक्कसंजोगो भाणियव्वो, नवरं अब्भहियं एगो संचारेयव्वो, एवं जाव अहवा दो पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए, होज्जा १४० | अहवा १-१-१-१-१ एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए एगे धूप होज्जा १ | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए होज्जा २ । अहवा एगे रयणप्पभाए, जाव एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३ | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ४ | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ५ | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ६ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाएं, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ७ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्यभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ८ । अहंवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ९ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे असत्तमाए होज्जा १० | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ११ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १२ | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए. एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १३ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वाल्लुयप्पभाए, एगे 'धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे असत्तमाए होज्जा १४ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा १५ । अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे तमाए होना १६ | अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १७ अहवा एगे सक्करप्पभाए, जाव एंगे पंकप्पा, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १८ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १९ । अहवा एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, जाव एंगे अहेसत्तमाए होज्जा २० | अहवा एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा २१ । ४६२ । २१. छब्भंते ! नेरड्या नेरइयपवेसणए णं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा ? पुच्छा। गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ७ | अहवा एगे स्यणप्पभाए. पंच सक्करप्पभाए वा duate & PersonalUse 5555 श्री आगमगुणमंजूषा ३४८ फुफुफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७555555555555555555555555555555555555555555555555secror DOG5555555555555555 मातरम (1) 15555555555553Here होज्जा १ । अहवा एगे रयणप्पभाए, पंच वालुयप्पभाए वा होज्जा २ । जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, पंच अहेसत्तमाए होज्जा ६ । अहवा दो रयणप्पभाए, चत्तारि सक्करप्पभाए होज्जा १-७ । जाव अहवा दो रयणप्पभाए, चत्तारि अहेसप्तमाए होज्जा ६-१२। अहवा तिण्णि रयणप्पभाए, तिण्णि सक्करप्पभाए १-१३ । एवं एएणं कमेणं जहा पंचाहं यासंजोगो तहा छण्ह वि भाणियब्वो, नवरं एको अब्भहिओ संचारेयब्यो जाब अहबा पंच तमाए एगे अहेसनमाए होज्जा १०५ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, चत्तारिवालुयप्पभाए होज्जा १ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, चत्तारि पंकप्पभाए होज्जा २ । एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा ५ । अहंवा एगे रयणप्पभाए. दो सक्करप्पभाए. तिण्णि वालुयप्पभाए होज्जा ६ । एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्हं तियासंजोगो भणिओ तहा छण्ह वि भाणियव्वो, नवरं एक्लो अब्भहिओ उच्चारेयब्यो, असं तं चेव । ३५० । चउक्कसंजोगो वि तहेव ।३५० । पंचगसंजोगो वि तहेव, नवरं एक्को अब्भहिओ संचारेयब्वो जाव पच्छिमो भंगो - अहवा दो वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए. एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ।१०५ । अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए जाव एगे तमाए होज्जा १. अहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा २. अहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३, अहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा ४. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए जाव एगे अहेसनमाए होज्जा ५, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा ६, अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा ७।९२४ । २२. सत्त भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणए णं पविसमाणा० पुच्छा। गंगेया ! रयणप्पभाए वा होजा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ७ । अहवा एगे रयणप्पभाए, छ सक्करप्पभाए होज्जा। एवं एएणं कमेणं जहा छण्हं दुयासंजोगो तहा सत्तण्ह विभाणियव्वं नवरं एगो अब्भहिओ संचारिज्जइ । सेसं तं चेव । तियासंजोगो, चउक्कसंजोगो. पंचसंजोगो, छक्कसंजोगो य छण्हं जहा तहा सत्तण्ह वि भाणियव्वो. नवरं एक्केको अब्भहिओ संचारेयव्वो जाव छक्कगसंजोगो। अहवा दो सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा १ । १७१६ । २३. अट्ठ भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणए णं पविसमाणा० पुच्छा। गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ७। अहवा १+७ एगे रयणप्पभाए सत्त सक्करप्पभाए होज्जा १ । एवं दुयासंजोगो जाव छक्कसंजोगो य जहा सत्तण्हं भणिओ तहा अट्ठण्ह विभाणियब्वो, नवरं एक्केको अब्भहिओ संचारेयव्वो। सेसं तं चेव जाव छक्कसंजोगस्स । अहवा ३+१+१+१+१+१ तिण्णि सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, एवं संचारेयव्वं जाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा । ३००३। २४. नव भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणए णं पविसमाणा० पुच्छा । गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ७ । अहवा १-८ एगे रयणप्पभाए अट्ठ सक्करप्पभाए होज्जा । एवं दुयासंजोगो जाव सत्तगसंजोगो य । जहा अट्ठण्हं भणियं तहा नवण्हं पि भाणियव्वं, नवरं एक्केको अब्भहिओ संचारेयव्वो, सेसं तं चेव । पच्छिमो आलावगो -अहवा तिण्णि रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए वा होज्जा। ५००५।२५. दस भंते! नेरझ्या नेरइयपवेसणए णं पविसमाणा० पुच्छा । गंगेया ! रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाएवा वा होज्जा ७ । अहवा १+९ एगे रयणप्पभाए, नव सक्करप्पभाए होज्जा एवं दुयासंजोगो जाव सत्तसंजोगो य जहा नवण्हं, नवरं एक्केको अब्भहिओ संचारेयव्यो । सेसं तं चेव । अपच्छिमआलावगो-अहवा ४+१+१+१+१+१+१, चत्तारि रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा। ८००८।२६. संखेज्जा भंते ! नेरइया नेरइयप्पवेसणए णं पविसमाणा० पुच्छा। गंगेया । रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ७ । अहवा एगे रयणप्पभाए, संखेज्ना सक्करप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा दो रयणप्पभाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होजा । अहवा तिणि रयणप्पभाष, संग्वेज्ना सक्करप्पभाए होना । एवं एएणं कमेणं एक्वेको संचारेयव्वो जाव अहवा दस रयणप्पभाए, संखेज्जा सकरप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा दस रयणप्पभाए, संखेज्जा अहेरसत्तमाप होना। अहवा सखेज्जा रयणप्पभाए, संखेज्जा सक्करप्पभाए Mer5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३४५ ॥555555555555555555555555 reO5555555555555555555555555555555555555555555555555619 Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ९ सतं उ. ३२ (१३५] फफफफफफफफ होना; जाव अहवा संखेज्जा रयणप्पभाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा | अहवा एगे सक्करप्पभाए, संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा; एवं जहा रयणप्पभाए उवरिमपुढवीहिं समं चारिया एवं सक्करप्पभाए वि उवरिमपुढवीहिं समं चारेयव्वा एवं एक्केक्का पुढवी उवरिमपुढवीहिं समं चारेयव्वा जाव अहवा संखेज्जा तमाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होना । २३१ | अहवा एगे स्यणप्पभाए, एगे सकर०, संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, संखेज्जापंकप्पभाए होज्जा । जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा । जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए, तिण्णि सक्करप्पभाए, संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा । एवं एएणं कमेणं एक्वेक्को संचारेयव्वो । अहवा एगे रयणप्पभाए, संखेज्जा सक्करप्पभाए, संखेज्ना वालुयप्पभाए होज्जा; जाव अहवा रयणप्पभाए. संखेज्जा वालुयप्पभाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा | अहवा दो रयणप्पभाए, संखेज्जा सक्करप्पभाए, संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा । जाव अहवा दो रयणप्पभाए, संखेज्ना सक्करप्पभाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा तिण्णि रयणप्पभाए, संखेज्जा सक्करप्पभाए, संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा । एवं एएणं कमेणं एक्क्को रयणप्पभाए संचारेयव्वो जाय अहवा संखेज्जा रयणप्पभाए, संखेज्जा सक्करप्पभाए, संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा; जाव अहवा संखेज्जा रयणप्पभाए, संखेज्जा सक्करप्पभाए, संखेज्जा असत्तमाए होज्जा | अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, संखेना पंकप्पभाए होज्जा, जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए, दो वालुयप्पभाए, संखेज्जा पंकप्पभाए होज्जा । एवं एएणं कमेणं तियासंजोगो चउक्कसंजोगो जाव सत्तगसंजोगो य जहा दसण्हं तहेव भाणियव्वो । पच्छिम आलावा सत्तसंजोगस्स अहवा संखेज्जा रयणप्पभाए, संखेज्जा सक्करप्पभाए, जाव संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा । ३३३७ । २७. असंखेज्जा भंते ! रइया नेरइयपवेसण णं० पुच्छा। गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा ७ । अहवा एगे रयणप्पभाए. असंखेज्जा सक्करप्पभाए होज्जा । एवं दुयासंजोगो जाव सत्तगसंजोगो य जहा संखिज्जाणं भणिओ तहा असंखेज्जाण वि भाणियव्वो, नवरं असंखेज्जाओ अब्भहिओ भाणियव्वो, सेसं तं चेव जाव सत्तगसंजोगस्स पच्छिमो आलवगो अहवा असंखेज्जा रयणप्पभाए असंखेज्जा सक्करप्पभाए जाव असंखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा । [सु. २८. पयारंतरेण नेरइयपवेसणगपरूवणा] २८ उक्कोसा णं भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणए णं० पुच्छा ? गंगेया ! सव्वे वि ताव रयणप्पभाए होज्जा ७ | अहवा रयणप्पभाए य सक्करप्पभाए य होज्जा । अहवा रयणप्पभाए य वालुयप्पभाए य होज्जा, जाव अहवा रयणप्पभाए य असत्तमाए य होज्जा । अहवा रयणप्पभाए य सक्करप्पभाए य वालुयप्पभाए य होज्जा । एवं जाव अहवा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए य अहेसत्तमाए य होज्जा ५ | अहवा रयणप्पभाए, वालुयप्पभाए, पंकप्पभाए य होज्जा; जाव -अहवा रयणप्पभाए, वालुयप्पभाए, अहेसत्तमाए य होज्जा ४ | अहवा रयणप्पभाए, पंकप्पभाए य, धूमाए होज्जा । एवं रयणप्पभं अमुयंतेसु जहा तिण्हं तियासंजोगो ओता भाणिव्वं जाव अहवा रयणप्पभाए, तमाए य, अहेसत्तमाए य होज्जा १५ | अहवा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, वालुयप्पभाए, पंकप्पभाए य होज्जा । अहवा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, वालुयप्पभाए, धूमप्पभाए य होज्जा; जाव अहवा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, वालुयप्पभाए, अहेसत्तमाए य होज्जा ४ | अहवा रंयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, पंकप्पभाए, धूमप्पभाए य होज्जा । एवं रयणप्पभं अमुयंतेसु जहा चउण्हं चउक्कसंजोगो तहा भाणियव्वं जाव अहवा रयणप्पभाए, धूमप्पभाए, तमाए, असत्तमाए होज्जा २० । अहवा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, वालुयप्पभाए, पंकप्पभाए, धूमप्पभाए य होज्जा १ | अहवा रयणप्पभाए जाव पंकप्पभाए, तमाए य होज्जा २ । अहह्वा रयणप्पभाए जाव पंकप्पभाए, अहेसत्तमाए य होज्जा ३ | अहवा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, वालुयप्पभाए, धूम०, तमाए य होज्जा ४ | एवं रयणप्पभं अमुयंतेसु जहा पंचण्डं पंचकसंजोगो तहा भाणियव्वं जाव अहवा रयणप्पभाए, पंकप्पभाए, जाव अहेसत्तमाए होज्जा १५ | अहवा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, जाव धूमप्पभाए, तमाए य होज्जा १ । अहवा रयणप्पभाए, जाव धूमप्पभाए, अहेसत्तमाए य होज्जा २ । अहत्रा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, जव पंकप्पभाए, तमाए अहेसत्तमाए य होज्जा ३ | अहवा रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, वालुयप्पभाए, धूमप्पभाए, तमाए, अहेसत्तमाए होज्जा ४ | अहवा रयणप्पभाए, श्री आगमगुणमंजूषा ३५० फफफफफफ Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NOTR9555555555555555555555555555555555555555555555555forner PROMISESSI55555555 नकाब 155555555555555550.0 सक्करप्पभाए, पंकप्पभाए जाव अहेसत्तमाए, य होज्जा ५। अहवा रयणप्पभाए, वालुयप्पभाए, जाव अहेसत्तमाए होज्जा६ । अहवा रयणप्पभाए य, सक्करप्पभाए, जाव अहेसत्तमाए होज्जा। [सु. २९. रयणप्पभादिनेरइयपवेसणगस्स अप्पाबहुयं] २९. एयस्स णं भंते ! रयणप्पभापुढविनेरइयपवेसणगस्स सक्करप्पभापुढ० जाव अहेसत्तमापुढविनेरइयपवेसणगरस य कयरे कयरेहितो जाब विस्येसाहिया वा ? गंगेया ! सव्वत्थोवे अहेसनमापुढविनेरइयपवेपणाए. तम्मापुढविनेरझ्यपवेसणए असंखेजगुणे, एवं पडिलोमगं जाव रयणप्पभापुढविनेरइयपवेसणए असंखेज्जगुणे । [सु. ३०-३४. तिरिक्खजोणियपवेसणगपरूवणा] [स. ३०. तिरिक्खजोणियपवेसणगस्स पंच भेया) ३०. तिरिक्खजोणियपवेसणए णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गंगे या ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा एगिदियतिरिक्खजोणियपवेसणए जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियपवेसणए। सु. ३१-३२. तिरिक्खजोणियपवेसणए पविसमाणाणं एगादिअसंखेज्जाणं तिरिक्खजोणियाणं एगिदियाइपंचेदिए पडुच्च भंगपरूवणा] ३१. एगे भंते ! तिरिक्खजोणिए तिरिक्खजोणियपवेसणए णं पविसमाणे किं एगिदिएसु होज्जा जाव' पंचिदिएसु होज्जा ? गंगेया ! एगिदिएसु वा होज्जा जाव पंचिदिएसु वा होज्जा । ३२. दो भंते ! तिरिक्खजोणिया० पुच्छा । गंगेया ! एगिदिएसु वा होज्जा जाव पंचिदिएसु वा होज्जा ५। अहवा एगे एगिदिएसु होजा एगे बेइंदिएसु होज्जा । एवं जहा नेरझ्यपवेसणए तहा तिरिक्खजोणियपवेसणए विभाणियव्वे जाव असंखेजा। [सु. ३३. पयारंतरेणं तिरिक्खजोणियपवेसणगपरूवणा] ३३. उक्कोसा भंते! तिरिक्खजोणिया० पुच्छा। गंगेया! सव्वे वि ताव एगेदिएसु वा होना । अहवा एगिदिएसु वा बेइंदिएसु वा होज्जा। एवं जहा नेरतिया चारिया तहा तिरिक्खजोणिया वि चारेयव्वा । एगिदिया अमुयंतेसु दुयासंजोगो तियासंजोगो चउक्कसंजोगो पंचसंजोगो उवउज्जिऊण भाणियव्वो जाव अहवा एगिदिएसु वा बेइंदिय जाव पंचिदिएसु वा होज्जा। [सु. ३४. एगिदियादितिरिक्खजोणियपवेसणगस्स अप्पाबहुयं] ३४. एयस्स णं भंते ! एगिदियतिरिक्खजोणियपवेसणगस्स जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियपवेसणयस्स य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिए वा ? गंगेया ! सव्वत्थोवे पंचिदियतिरिक्खजोणियपवेसणए, चउरिदियतिरिक्खजोणियप० बिसेसाहिए, तेइंदिय० विसेसाहिए, बेइंदिय० विसेसाहिए, एगिदियतिरिक्ख० विसेसाहिए। सु. ३५-४१. मणुस्सपवेसणगपरूवणा] [ सु. ३५. मणुस्सपवेसणगस्स दोभेया] ३५. मणुस्सपवेसणए णं भंते ! कतिविहे पन्नत्ते ? गंगेया ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा समुच्छिममणुस्सपवेसणए, गब्भवक्वंतियमणुस्सपवेसणए य । [सु. ३६-३९. मणुस्सपवेसणए पविसमाणाणं एगादिअसंखेज्जाणं मणुस्साणं सम्मुच्छिमगन्भयमणुस्से पडुच्च भंगपरूवणा] ३६. एगे भंते ! मणुस्से मणुस्सपवेसणए णं पविसमाणे कं सम्मुच्छिममणुस्सेसु होज्जा, गब्भवक्वंतियमणुस्सेसु होज्जा ? गंगेया ! सम्मुच्छिममणुस्सेसुवा होज्जा, गम्भवक्कंतियमणुस्सेसु वा होज्जा । ३७. दो भंते ! मणुस्सा० पुच्छा। गंगेया ! सम्मुच्छिममणुस्सेसुवा होज्जा, गब्भवक्वंतियमणुस्सेसु वा होज्जा । अहवा एगे सम्मुच्छिममणुस्सेसु वा होज्जा, एगे गब्भवक्कंतियमणुस्सेसु वा होज्जा । एवं एएणं कमेणं जहा नेरइयपवेसणए तहा मणुस्सपवेसणए वि भाणियव्वे जाव दस। ३८. संखेज्जा भंते ! मणुस्सा० पुच्छा। गंगेया ! सम्मुच्छिममणुस्सेसु वा होज्जा गब्भवक्वंतियमणुस्सेसुवा होज्जा।अहवा एगे सम्मुच्छिममणुस्सेसु होज्जा, संखेज्जा गब्भवक्वंतियमणुस्सेसु होज्जा । अहवा दो सम्मुच्छिममणुस्सेसु होज्जा, संखेज्जा गब्भवक्वंतियमणुस्सेसु होज्जा । एवं एक्वेक्कं ओसारितेसु जाव अहव संखेज्जा सम्मुच्छिममणुस्सेसु होज्जा, संखेज्जागब्भवक्कंतियमणुस्सेसु होज्जा । ३९. असंखेज्जा भंते ! मणुस्सा० पुच्छा । गंगेया ! सव्वे वि ताव सम्मुच्छिममणुस्सेसु होज्जा। अहवा असंखेज्जासम्मुच्छिममणुस्सेसु, एगे गब्भवक्वंतियमणुस्सेसु होज्जा। अहवा असंखेज्जा सम्मुच्छिममणुस्सेसु, दो गब्भवक्वंतियमणुस्सेसु होज्जा । एवं जाव असंखेज्जा सम्मुच्छिममणुस्सेसु होज्जा, संखेज्ना गम्भवक्कंतियमणुस्सेसु होज्जा। [सु. ४०. पयारंतरेण मणुस्सपवेसणगपरूवणा] ४० उक्कोसा भंते ! मणुस्सा० पुच्छा । गंगेया ! सव्वे वि ताव सम्मुच्छिममणुस्सेसु होजा । अहवा सम्मुच्छिममणुस्सेसु य गब्भवक्वंतियमणुस्सेसु वा होज्जा। [सु. ४१. सम्मुच्छिम-गब्भवक्वंतियमणुस्सपवेसणगस्स अप्पाबहुयं] ४१. एयस्स णं भंते ! सम्मुच्छिममणुस्सपवेसणगस्स गब्भवक्वंतियमणुस्सपवेसणगस्स य कयरे कयरेहितोजाव विसेसाहिए वा? गंगेया ! सव्वत्थोवे गब्भवक्वंतियमणुस्सपवेसणए, सम्मुच्छिममणुस्सपवेसणए असंखेज्जगुणे। सु. ४२-४६. देवपवेसणगपरूवणा] acros55555555555555555/ श्री आगमगुणमंजूषा ३५१55555555555555555555555555-Ork Nexo5555555555555555555555555555555555555555555555555OTIOR Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ९ सतं उ३२ [१३७] [सु. ४२. देवपवेसणगस्स भेयचउक्कं ] ४२. देवपवेसणए णं भंते ! कतिविहे पण्णत्ते ? गंगेया ! चउव्विहे पण्णत्ते, तं जहा भवणवासिदेवपवेसणए जाव वेमाणियदेवपवेसणए। [सु. ४३-४४. देवपवेसणए पविसमाणाणं एगादिअसंखेज्जाणं देवाणं भवणवासिआइदेवे पडुच्च भंगपरूवणा] ४३. एगे भंते! देवे देवपवेसण णं विसमाणे किं भवणवासीसु होज्जा वाणमंतर - जोइसिय-वेमाणिएस होज्जा ? गंगेया ! भवणवासीसु वा होज्जा वाणमंतर जोइसिय-वेमाणिएस वा होज्जा । ४४. दो भंते ! देवा देवपवेसणए० पुच्छा। गंगेया ! भवणवासीसु वा होज्जा, वाणमंतर जोइसिय-वेमाणिएस वा होज्जा । अहवा एगे भवणवासीसु, एगे वाणमंतरेसु होज्जा । एवं जहा तिरिक्स जोणियपवेसणए तहा देवपवेसणए वि भाणियव्वे जाव असंखिज्ज त्ति । [सु. ४५. पयारंतरेण देवपवेसगपरूवणा ४५. उक्कोसा भंते! पुच्छा। गंगेया ! सव्वे वि ताव जोड़ सिएस होज्जा । अहवा जोइसिय भवणवासीसु य होज्जा ! अहवा जोइसिय-वाणमंतरेसु य होज्जा । अहवा जोइसिय- वेमाणिएसु य होज्जा । अहवा जोइसिएस भवणवासीसु य वाणमंतरेसु य होज्जा । अहवा जोइसिएस य भवणवासीसु य वेमाणिएसु य होज्जा । अहवा जोइसिएसु य वाणमंतरेसु य वेमाणिएसु य होना । अहवा जोइसिएसु य भवणवासीसु य वाणमंतरेसु य वेमाणिएसु य होज्जा। सु. ४६. भवणवासिआइदेवपवेसणगस्स अप्पाबहुयं ४६. एयस्स णं भंते ! भवणवासिदेवपवेसणगस्स वाणमंतरदेवपवेसणगस्स जोइसियदेवपवेसणगस्स वैमाणियदेवपवेसणगस्स य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिए वा ? गंगेया ! सव्वत्थोवे वेमाणियदेवपवेसण, भवणवासिदेवपवेसणए असंखेज्जगुणे, वाणमंतरदेवपवेसणए असंखेज्जगुणे, जोइसियदेवपवेसणए संखेज्जगुणे । [सु. ४७. नेरइय-तिरिक्खजोणिय-मणुस्स देवपवेसणगाणमप्पाबहुयं ] ४७. एयस्स णं भंते! नेरइयपवेसणगस्स तिरिक्ख० मणुस्स० देवपवेसणगस्स य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिए वा ? गंगेया ! सव्वत्थोवे मणुस्सपवेसणए, नेरइयपवेसणए असंखेज्जगुणे, देवपवेसणए असंखेज्जगुणे, तिरिक्खजोणियपवेसणए असंखेज्जगुणे | [सु. ४८ चउवीसदंडएसु संतर-निरंतरोववाय-उव्वट्टणापरूवणा] ४८. संतरं भंते! नेरइया उववज्जंति ? निरंतरं नेरइया उववज्जंति ? संतरं असुरकुमारा उववज्जंति ? निरंतरं असुरकुमारा जाव संतरं वेमाणिया उववज्जंति ? निरंतरं वेमाणिया उववज्जंति ? संतरं नेरइया उव्वट्टंति ? निरंतरं नेरतिया उव्वट्टंति ? जाव संतरं वाणमंत उव्वट्टंति ? निरंतरं वाणमंतरा उव्वट्टंति ? संतरं जोइसिया चयंति ? निरंतरं जोइसिया चयंति ? संतरं वेमाणिया चयंति ? निरंतरं वेमाणिया चयंति ? गंगेया ! संतरं पि रतिया उववज्जंति, निरंतरं पि नेरतिया उववज्जति जाव संतरं पि थणियकुमारा उववज्जंति, निरंतरं पि धणियकुमारा उववज्जंति । नो संतरं पुढविक्काइया उववज्जंति, निरंतरं पुढविक्काइया उववज्जंति; एवं जाव वणस्सइकाइया । सेसा जहा नेरइया जाव संतरं पिवेमाणिया उववज्जंति, निरंतरं पिवेमाणिया उववज्जंति । संतरं पि नेरइया उव्वट्टंति, निरंतरं पि नेरइया उव्वट्टंति; एवं जाव थणियकुमारा। नो संतरं पुढविक्वाइया उव्वट्टंति, निरंतरं पुढविक्काइया उव्वट्टंति; एवं जाव वणस्सइकाइया । सेसा जहा नेरइया, नवरं जोइसिय-वेमाणिया चयंति अभिलावो, जाव संतरं पिवेमाणिया चयंति, निरंतरं पिवेमाणिया चयंति । [सु. ४९५७. पयारंतरेण चउवीसदंडएसु उववाय-उव्वट्टणापरूवणा] ४९. सओ भंते! नेरतिया उववज्जंति ? असओ भंते! नेरइया उववज्जंति ? गंगेया ! सओ नेरइया उववज्जति, नो असओ नेरइया उववज्र्ज्जति । एवं जाव वेमाणिया । ५०. सओ भंते! नेरतिया उव्वट्टंति, असओ नेरइया उव्वहंति ? गंगेया ! सतो नेरइया उव्वहंति, नो असओ नेरइया उव्वति । एवं जाव वेमाणिया, नवरं जोइसिय-वेमाणिएसु 'चयंति' भाणियव्वं । ५१. (१) सओ भंते! नेरइया उववज्जंति, असओ नेरइया 'उववज्जति ? सओ असुरकुमारा उववज्जंति जाव सतो वेमाणिया उववज्जंति, असतो वेमाणिया उववज्जंति ? सतो नेरतिया उव्वट्टंति, असतो नेरइया उव्वहंति ? सतो असुरकुमारा उव्वति जाव सतो वेमाणिया चयंति, असतो वेमाणिया चयंति ? गंगेया ! सतो नेरइया उववज्जंति नो असओ नेरइया उववज्जंति, सओ असुरकुमारा उववज्जति, नो असतो असुरकुमारा उववज्जंति, जाव सओ वेमाणिया उववज्नति, नो असतो वेमाणिया उववज्र्ज्जति । सतो नेरतिया उव्वट्टंति, नो असतो नेरइया उव्वहंति; जाव सतो वेमाणिया चयंति, नो असतो बेमाणिया० । (२) से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चइ सतो नेरड्या उववज्जंति, नो असतो नेरइया उववज्जंति, जाव सओ वेमाणिया चयंति, नो असओ वेमाणिया चयंति ? से नृणं गंगेया ! पासेणं अरहया पुरिसादाणीएणं सासए लोए बुइए, अणाईए अणवयग्गे जहा फफफफफफ श्री आगमगुणमंजुषा ३५२ फ 96666666666666666 66666666666666 Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ OESN853039338 55555$ $$$$$$$ 0. ! BIGR0555555555555555555555555555555555555555555555555feer र पंचमे सए (स. ५ उ०९ सु०१४ २) जावजे लोक्कइ से लोए, सेतेणटेणं गंगेया ! एवं वुच्चइ जाव सतो वेमाणिया चयंति, नो असतो वेमाणिया चयंति। ५२. (१) ८ सयं भंते ! एतेवं जाणह उदाहु असयं ? असोच्चा एतेवं जाणह उदाहु सोच्चा 'सतो नेरइया उववज्जंति, नो असतो नेरइया उववज्जति जाव सओ वेमाणिया चयंति, म नो असओ वेमाणिया चयंति' ? गंगेया ! सयं एतेवं जाणामि, नो असयं; असोच्चा एतेवं जाणामि, नो सोच्चा; 'सतो नेरझ्या उववज्जति, नो असओ नेरइया उववज्जति, जाव सतो वेमाणिया चयंति, नो असतो वेमाणिया चयंति'। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव नो असतो वेमाणिया चयंति? गंगेया! केवलीणं पुरत्थिमेणं मियं पि जाणइ, अमियं पि जाणइ, दाहिणेणं एवं जहा सद्दुद्देसए (स०५ उ०४ सु०४२) जाव निव्वुडे नाणे केवलिस्स, से तेणटेणं गंगेया ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव नो असतो वेमाणिया चयंति। ५३. (१) सयं भंते ! नेरइया नेरइएसु उववज्जति ? असयं नेरइया नेरइएसु उववज्जति ? गंगेया ! सयं नेरइया नेरइएसु उववज्जति, नो असयं नेरइया नेरइएसु उववज्जति। (२) से केणटेणं भंते ! एय वुच्चइ जाव उववज्जति ? गंगेया ! कम्मोदएणं कम्मगुरुयत्ताए कम्मभारियत्ताए कम्मगुरुसंभारियत्ताए, असुभाणं कम्माणं उदएणं, असुभाणं कम्माणं विवागणं, असुभाणं कम्माणं फलविवागेणं सयं नेरइया नेरइएसु उववजंति, नो असयं नेरइया नेरइएसु उववज्जति, से तेणद्वेणं गंगेया ! जाव उववज्जति । ५४. (१) सयं भंते ! असुरकुमारा०पुच्छा। गंगेया ! सयं असुरकुमारा जाव उववज्जति, नो असयं असुरकुमारा जाव उववज्जति। (२) से केणट्ठणं तं चेव जाव उववजंति ? गंगेया ! कम्मोदएणं कम्मविगतीए कम्मविसोहीए कम्मविसुद्धीए, सुभाणं कम्माणं उदएणं, सुभाणं कम्माणं विवागणं, सुभाणं कम्माणं फलविवागणं सयं असुरकुमारा असुरकुमारत्ताए उववज्जति, नो असयं असुरकुमारा असुरकुमारत्ताए उववज्जति से तेण?णं जाव उववज्जति । एवं जाव थणियकुमारा । ५५. (१) सयं भंते ! पुढविक्काइया० पुच्छा । गंगेया ! सयं पुढविकाइया जाव उववज्जति, नो असयं पुढविक्काइया जाव उववज्जति। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव उववज्जति ? गंगेया ! कम्मोदएणं कम्मगुरुयत्ताए कम्मभारियत्ताए कम्मगुरुसंभारियत्ताए, सुभासुभाणं कम्माणं उदएणं, सुभासुभाणं कम्माणं विवागणं, सुभासुभाणं कम्माणं फलविवागेणं सयं पुढविकाइया जाव उववज्जंति, नो असयं पुढविकाइया जाव उववज्जति। सेतेणटेणं जाव उववज्जति । ५६. एवं जाव मणुस्सा। ५७. वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। से तेणद्वेणं गंगेया ! एवं वुच्चइ-सयं वेमाणिया जाव उववज्जति, नो असयं जाव उववज्जति। [सु. ५८. भगवओ सव्वण्णुत्ते गंगेयाणगारस्स पच्चभिण्णा] ५८. तप्पभिइं च णं से गंगेया ! अणगारे समणं भगवं महावीरं पच्चभिजाणइ सव्वण्णू सव्वदरिसी। [सु. ५९. गंगेयाणगारस्स पंचजामधम्मपडिवजणं निव्वाणं च ५९. तए णं से गंगेये अणगारे समणं भगवं महावीर तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ नमसइ, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुब्भं अंतियं चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं एवं जहा कालासवेसियपुत्तो (स० १ उ०९ सु०२३-२४)तहेव भाणियव्वं जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिा गंगेयो समत्तो॥९.३२ ॥ *** तेत्तीसइमो उद्देसो 'कुंडग्गामे' ★★★ सु. १-२०. उसभदत्तमाहण-देवाणंदामाहणीअहियारो] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं माहणकुंडग्गामे नयरे होत्था । वण्णओ। बहुसालए चेतिए। वण्णओ । २. तत्थ णं माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदत्ते नाम माहणे परिवसतिअड्ढे दित्ते वित्ते जाव अपरिभूए। रिउवेदजजुवेद-सामवेद-अथव्वणवेद जहा खंदओ (स०२ उ० १ सु० १२) जाव अन्नेसु य बहुसु बंभण्णएसु नएसु सुपरिनिट्ठिए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे उवलद्धपुण्ण-पावे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरति । ३. तस्स णं उसभदत्तमाहणस्स देवाणंदा नाम माहणी होत्था, सुकुमालपाणिपाया जाव पियदसणा सुरूवा समणोवासिया अभिगयजीवाजीवा उवलद्धपुण्ण-पावा जाव विहरइ। सु.४-१२. माहणकुंडग्गामसमोसढस्स भगवओ वंदणत्थं उसभदनदेवाणंदाणं विभूईए गमणं] ४. तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे। परिसा जाव पज्जुवासति । ५. तए णं उसभदत्ते माहणे इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हट्ठ जाव हियए जेणेव देवाणंदा माहणी ॥ तेणेव उवागच्छति, उवागच्छित्ता देवाणंदं माहणिं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए ! समणे भगवं महावीरे आदिगरे जाव सव्वण्णू सव्वदरिसी आगासगएणं चक्केणं 955555555555555555555555555555555555555555555555550 roo5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा ३५३45555555555999999 0 0 Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ H0555555555555555 (५) भगवई १सतं उ.३३ [१३१] 55555555555555OOK Her0555555555 5 R95555555555555555555555555555555555555 जाव सुहंसुहेणं विहरमाणे जाव बहुसालए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरति । तं महाफलं खलु देवाणुप्पिए ! तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं नाम-गोयस्स वि सवणयाए किमंग पुण अभिगमण-वंदण-नमंसण-पडिपुच्छण-पज्जुवासणयाए ? एगस्स वि आरियस्स धम्मियस्स सुवयणस्स सवणयाए किमंग पुण विउलस्स अट्टल्य गहणयाए ? तं गच्छामो णं देवाणप्पिए ! समणं भगवं महावीरं वंदामो नमसामो जाव पज्जुवासामो । एयं णं इहभवे य परभवे य हियए सुहाए खमाए निस्सेसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ । ६. तए णं सा देवाणंदा माहणी उसभदत्तेणं माहणेणं एवं वुत्ता समाणी हट्ठजाव हियया करयल जाव कट्ट उसभदत्तस्स माहणस्स एयमढें विणएणं पडिसुणेड़ । ७. तए णं से उसभदत्ते माहणे कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ, कोडुबियपुरिसे सद्दावेत्ता एवं वयासि-खिप्पामेव भो ! देवाणुप्पिया ! लहुकरणजुत्त - जोइयसमखुर - वालिधाणसमलिहियसिंगएहिं जंबूणयामयकलावजुत्तपइविसिट्ठएहिं रययामयघंटसुत्तरज्जुयवरकंचणनत्थपग्गहोग्गहियएहिं नीलुप्पलकयामेलएहिं पवरगोणजुवाणएहिं नाणामणिरयणघंटियाजालपरिगयं सुजायजुगजोत्तरज्जयजुगपसत्थसुविरचितनिम्मियं पवरलक्खणोववेयं [ग्रन्थाग्रम् ६०००] धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह, उवट्ठवित्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । ८. तए णं ते कोडुबियपुरिसा उसभदत्तेणं माहणेणं एवं वुत्ता समाणा हट्ठ जाव हियया करयल० एवं वयासी-सामी ! 'तह' त्ताणाए विणएणं वयणं जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव लहुकरणजुत्त० जाव धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेत्ते जाव तमाणत्तियं पच्चप्पिणति।९.तएणं से उसभदत्ते माहणे हाए जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे साओ गिहाओ पडिनिक्खमति, साओ गिहाओ पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला, जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढे । १०. तए णं सा देवाणंदा माहणी ण्हाया जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा बहूहिं खुजाहिं चिलाइयाहिं जाव अंतेउराओ निग्गच्छति; अंतेउराओ निग्गच्छित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला, जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता जाव धम्मियं जाणप्पवरं दुरुढा । ११. तए णं से उसभदत्ते माहणे देवाणंदाए माहणीए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढे समाणे णियगपरियालसंपरिवुडे माहणकुंडग्गामं नगरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता जेणेव बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता छत्तादीए तित्थकरातिसए पासइ, २ धम्मियं जाणप्पवरं ठवेइ, ठवेत्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओपच्चोरुहइ, २ समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छति, तं जहा-सचित्ताणं दव्वाणं विओसरणयाए एवं जहा बिझ्यसए (स०२ उ०५ सु०१४) जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासइ । १२. तए णं सा देवाणंदा माहणी धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ०, पच्चोसहित्ता बहुयाहिं खुज्जाहिं जाव महतरगवंदपरिक्खित्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं, अभिगमेणं अभिगच्छइ, तं जहा-सचित्ताणं दव्वाणं विओसरणयाए १ अचित्ताणं दव्वाणं अविमोयणयाए २ विणयोणयाए गायलट्ठीए ३ चक्खुफासे अंजलिपग्गहेणं ४ मणस्स एगत्तीभावकरणेणं ५। जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ नमसइ, वंदित्ता नमंसित्ता उसभदत्तं माहणं पुरओ कट्ट ठिया चेव सपरिवारा सुस्सूसमाणी णमंसमाणी अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा पज्जुवासइ। [सु. १३-१४. भगवंतदंसणागयपण्हयदेवाणंदासंबंधियगोयमपुच्छाए भगवओ समाहाणं] १३. तएणं सा देवाणंदा माहणी आगयपण्हया पप्फुयलोयणासंवरियवलयबाहा कंचुयपरिक्खित्तिया धाराहयकलंबगं पिव समूससियरोमकूवा समणं भगवं महावीरं अणिमिसाए दिट्ठीए देहमाणी देहमाणी चिट्ठति। १४. भंते!' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी किं णं भंते ! एसा देवाणंदा माहणी आगयपण्हया तं चेव जाव रोमकूवा देवाणुप्पियं अणिमिसाए दिट्टीए देहमाणी देहमाणी चिट्ठइ ? 'गोयमा !' दि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी-एवं खत्नु गोयमा ! देवाणंदा माहणी मम अम्मगा, अहं णं देवाणंदाए माहणीए अत्तए। तेणं एसा देवाणंदा माहणी तेणं पुव्वपुत्तसिणेहाणुरागेणं आगयपंण्हया जाव समूससियरोमकूवा ममं अणिमिसाए दिट्ठीए देहमाणी देहमाणी चिट्ठइ। [सु. १५-२०. उसभदत्त-देवाणंदाणं पव्वज्जागहणं निव्वाणं च] १५.तएणं समणे भगवं महावीरे उसभदत्तस्स माहणस्स देवाणंदाए य माहणीए तीसे य महतिमहालियाए इसिपरिसाए जाव परिसा पडिगया। १६. तएणं से उसभदत्ते माहणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिय धम्म सोच्चा निसम्म हट्टतुट्टे उठाए उट्टेइ, उट्टाए उतॄत्ता reO555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ३५४ 555555555555555555 PAGE.0555555555555555555555555555555555555555555555555FONDKE Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XGIC555555555555555 (५) भगवई मनं उ. ३३ [१४०] $$$$ $$$$$$$$$ 25 समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आया० जाव नमंसित्ता एवं वयासी-एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते !' जहा खंदओ (स०२ उ०१ सु० ३४) जाव ‘से जहेयं तुब्भे वदह' त्ति कट्ट उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ, उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमित्ता सयमेव आभरण-मल्लालंकारं ओमुयइ, सयमेव आभरण-मल्लालंकारं ओमुइत्ता ययमेव पंचमुट्ठिय लोयं करेति, सयमेव पंचभुट्टियं लोयं करिना जेणेव समणे भगवं महावीरे नेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं जाव नमंसित्ता एवं वयासी-आलित्ते णं भंते ! लोए, पलिते णं भंते ! लोए, एवं जहा खंदओ (स०२ उ०१ सु० ३४) तहेव पब्वइओ जाव सामाइयमाझ्याइं इक्कारस अंगाई अहिज्जइ जाव बहूहिं चउत्थ-छट्ठ-ऽट्ठम-दसम जाव विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्याणं भावमाणे बहूई वासाइं सामण्णपरियाय पाउणइ, पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेति, मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता सट्ठि भत्ताई अणसणाए छेदेति, सट्ठि भनाई अणसणाए छेदेत्ता जस्सट्ठाए कीरति नग्गभावो जाव तमट्ठ आराहेइ, २ जाव सव्वदुक्खप्पहीणे। १७. तए णं सा देवाणंदा माहणी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मं सोचा निसम्म हट्टतुट्ठा० समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं जाव नमंसित्ता एवं वयासि-एवमेयं भंते !, तहमेयं भंते !, एवं जहा उसमदत्तो (सु०१६) तहेव जाव धम्ममाइक्खियं । १८. तए णं समणे भगवं महावीरे देवाणंदं माहणिं सयमेव पव्वावेति, सयमेव मुंडावेति, सयमेव अजचंदणार अज्जाए सीसिणित्ताए दलयइ।१९. तए णं सा अज्जचंदणा अज्जा देवाणंदं माहणि सयमेव पवावेति, सयमेव मुंडावेति, सयमेव सेहावेति, एवं जहेब उसमदत्तो तहेव अज्जचंदणाए अज्जाए इमं एयारूवं धम्मियं उवदेसं सम्मं संपडिवज्जइ-तमाणाए तहा गच्छइ जाव संजमेणं संजमति । २०. तए णं सा देवाणंदा अन्जा अजचंदणाए अजाए अंतियं सामाइयमाइयाई , एक्कारस अंगाई अहिज्जइ। सेसं तं चेव जाव सव्वदुक्खप्पहीणा। सु. २१-११२. जमालिअहियारो] २१. तस्सणं माहणकुंडग्गामस्स नगरस्स पच्चत्थिमेणं, एत्थ णं खत्तियकुंडग्गामे नामं नगरे होत्था । वण्णओ। [सु. २२. जमालिस्स भोगोवभोगाइविभववण्णणं] २२. तत्थ णं खत्तियकुंडग्गामे नयरे जमाली नाम खत्तियकुमारे परिवसति, अड्ढे दित्ते जाव अपरिभूए उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमत्थएहिं बत्तीसतिबद्धेहिं नाडएहिं वरतरुणीसंपउत्तेहिं उवनच्चिज्जमाणे उवनच्चिज्जमाणे उवगिज्जमाणे उवगिज्जमाणे उवलालिज्जमाणे उवलालिज्जमाणे पाउस-वासारत्त-सदर-हेमंत-वसंत-गिम्हपज्जते छप्पि उऊ जहाविभवेणं माणेमाणे माणेमाणे कालं गालेमाणे इढे सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पच्चणुभवमाणे विहरइ । [सु.२३-२८. भगवंतागमणसवणाणंतरं जमालिस्स खत्तियकुंडग्गामाओ माहणकुंडग्गामे भगवओ समीवमागर्मणं] २३. तएणं खत्तियकुंडग्गामे नगरे सिंघाडग-तिय-चउक्क-चच्चर जाव बहुजणसद्दे इ वा जहा उववाइए जाव एवं पण्णवेइ, एवं परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे आइगरे जाव सव्वण्णू सव्वदरिसी माहणकुंडग्गामस्स नगरस्स बहिया बहुसालए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरइ। तं महप्फलं खलु देवाणुप्पिया ! तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं जहा उववाइए जाव एगाभिमुहे खत्तियकुंडग्गामं नगरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छंति, निग्गच्छित्ता जेणेव माहणकुंडग्गामे नगरे जेणेव बहुसालए चेइए एवं जहा उववाइए ज़ाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासंति । २४. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्सतं महया जणसई वा जाव जणसन्निवायं वा सुणमाणस्स वा पासमाणस्स वा अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-किं णं अज्ज खत्तियकुंडग्गामे नगरे इंदमहे इ वा, खंदमहे इ वा, मुगुंदमहे इ वा, नागमहे इ वा, जक्खमहे इ वा, भूयमहे इ वा. कूवमहे इ वा, तडागमहे इ वा, नइमहे इ वा दहमहे इवा, पव्वयमहे इवा, रुक्खमहे इ वा, चेइयमहे इ वा, थूभमहे इ वा, जंणं एए बहवे उग्गा भोगा राइन्ना इक्खागा णाया कोरव्वा खत्तिया खत्तियपुत्ता भडा भडपुत्ता सेणावइ २ पसत्थारो २ लेच्छई २ माणा २ इन्भा २ जहा उववाइए जाव सत्थवाहप्पभिइओ ण्हया कयबलिकम्मा जहा उववाइए जाव निग्गच्छंति ? एवं संपहेइ, एवं संपेहित्ता कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेति, कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेत्ता एवं वयासि-किं णं देवाणुप्पिया ! अज्न खत्तियकुंडग्गामे नगरे इंदमहे इ वा जाव निग्गच्छंति ? २५. तएणं से कंचुइज्जपुरिसे जमालिणा खत्तियकुमारेणं एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ० समणस्स भगवओमहावीरस्स आगमणगहियविणिच्छए करयल० जमालिं खत्तियकुमारं जएणं विजएणं वद्धावेइ, वद्धावेत्ता एवं वयासी-'णो खलु देवाणुप्पिया! अज्ज खत्तियकुंडग्गामे नयरे इंदमहे इजाव निग्गच्छंति । एवं खलु देवाणुप्पिया! अज्ज समणे Mor फा श्री आगमगणामंजघा - ३५५ cruncucuc neurnima मा १ -------- - NGO5555555555555555555555555555555555555555555555555QEHORE GRO955555555555555555555555555555555555555555555555FOTO Education International 2010-03 Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ९ सत्तं उ ३३ [ १४१] 666666666666666 भगवं महावीरे आइगरे जाव सव्वण्णू सव्वदरिसी माहणकुंडग्गामस्स नगरस्स बहिया बहुसालए चेइए अहापडिरूवं उग्गहं जाव विहरति, तए णं एए बहवे उग्गा भोगा जाव अप्पेगइया वंदणवत्तियं जाव निग्गच्छंति' । २६. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे कंचुइज्जपुरिसस्स अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठ० कोडुबियपुर सहावे, कोडुंबियपुरिसे सदावइत्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउग्घंटं आसरहं जुत्तामेव उवट्टवेह, उवडवेत्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । २७. कोडुंबिय पुरिसा जमालिणा खत्तियकुमारेणं एवं वुत्ता समाणा जाव पच्चप्पिणंति । २८. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता हाए कयबलिकम्मे जहा उववाइए परिसावण्णओ तहा भाणियव्वं जाव चंदणोक्खित्तगायसरीरे सव्वालंकारविभूसिए मज्जणघराओ पडिनिक्खमइ, मज्जणघराओ पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउघंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता चाउघंटं आसरहं दुरूहेइ, चाउघंटं आसरहं दुरूहित्ता सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं महया भडचडकरपहकरवंदपरिक्खित्ते खत्तियकुंडग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता जेणेव माहणकुंडग्गामे नगरे जेणेव बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता तुरए निगिण्हेइ, तुरए निगिण्हित्ता रहं ठवेइ, रहं ठवित्ता रहाओ पच्चोरुहति, रहाओ पच्चोरुहित्ता पुप्फ- तंबोलाउहमादीयं वाहणाओ य विसज्जेइ, वाहणाओ विसज्जित्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ, एगसाडियं उत्तरासंगं कत्ता आयंते चोक्खे परमसुइब्भूए अंजलिमउलियहत्थे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ, तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेत्ता जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासेइ । [सु. २९-३३. भगवंतदेसणासवणानंतरं अम्मा-पिईणं पुरओ जमालिस्स पव्वज्जागहणसंकप्पकहणं] २९. तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स खत्तियकुमारस्स तीसे य महतिमहालियाए इसि० जाव धम्मकहा जाव पुरिसा पडिगया । ३०. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मं सोच्चा निसम्म हट्ट जाव उट्ठाए उट्ठेइ, उट्ठाए उट्ठेत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता एवं वयासी सद्दहामि णं भंते । निग्गंथं पावयणं, पत्तियामि णं भंते । निग्गंथं पावयणं, रोएमि णं भंते! निग्गंथं पावयणं, अब्भुट्ठेमि णं भंते ! निग्गंथं पावयणं, एवमेयं भंते! तहमेयं भंते ! अवितहमेयं भंते ! असंदिद्धमेयं भंते ! जाव से जहेवं तुब्भे वदह, जं नवरं देवाणुप्पिया ! अम्मापियरो आपुच्छामि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयामि । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं । ३१. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हट्ठतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता तमेव चाउघंटं आसरहं दुरूहेइ दुरूहित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ बहुसालाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता सकोरंट जाव धरिज्जमाणेणं महया भडचडगर० जाव परिक्खित्ते जेणेव खत्तियकुंडग्गामे नयरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता खत्तियकुंडग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं जेणेव सए गिहे जेणेव बाहिरिया उवद्वाणसाला तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता तुरए निगिण्हइ, तुरए निगिण्हित्ता रहं ठवेइ, रहं ठवेत्ता रहाओ पच्चोरुहइ, रहाओ पच्चोरुहित्ता जेणेव अब्भिंतरिया उवट्ठाणसाला, जेणेव अम्मा-पियरो तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता अम्मापियरो जएणं विजएणं वद्धावेइ, वद्धावेत्ता एवं वयासी एवं खलु अम्म ! ताओ ! मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मे निसंते, से वि य मे धम्मे इच्छिए, पडिच्छिए, अभिरुइए । ३२. तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मा-पियरो एवं वयासि धन्ने जाय ! यत्थे सि णं तुमं जाया, कयपुण्णे सि णं तुमं जाया !, कयलक्खणे सि णं तुमं जाया !, जं णं तुमे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मे निसंते, से वि य ते धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए। ३३. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मा-पियरो दोच्चं पि एवं वयासी एवं खलु मए अम्म ! ताओ ! समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे निसंते जाव अभिरुइए । तए णं अहं अम्म ! ताओ ! संसारभउव्विग्गे, भीए जम्मण-मरणेणं, तं इच्छामि णं अम्म ! ताओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अगंगारियं पव्वइत्तए । [सु. ३४. पुत्तपव्वज्जागहणवयणसवणाणंतरं जमालिमायाए मुच्छानिवडणं] ३४. तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माता तं अणिट्टं अकंतं अप्पियं अमणुण्णं अमणामं CEN卐6666666666666 maomium 35ce6666666666666666666666卐549萬 666666666666666 Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOR95555555555555555 (५) भगवई ९सतं उ - ३३ [१४२] $$$5555555520图 COC$乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 असुयपुव्वं गिरं सोच्चा निसम्म सेयागयरोमकूवपगलंतविलीणगत्ता सोगभरपवेवियंगमंगी नित्तेया दीणविमणवयणा करयलमलिय व्व कमलमाला तक्खणओलुग्गदुब्बलसरीरलायन्नसुन्ननिच्छाया गयसिरीया पसिढिलभूसणपडतखुण्णियसंचुण्णियधवलवलयपन्भट्ठउत्तरिज्जा मुच्छावसणट्ठचेतगुरूई सुकुमालविकिण्णकेसहत्था परसुणियत्त व्व चंपगलता निव्वत्तमहे व्व इंदलट्ठी विमुक्कसंधिबंधणा कोट्टिमतलंसि ‘धसत्ति सव्वंगेहिं सन्निवडिया। [सु. ३५-४४. पव्वज्जिउकामस्स जमालिस्स पव्वज्जागहणानिवारएहिं अम्मा-पिईहिं सह संलावो] ३५. तएणं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया ससंभमोयत्तियाए तुरियं कंचणभिंगारमुहविणिग्गयसीयलजलविमल-धारापसिच्चमाणनिव्ववियगायलट्ठी उक्खेवगतालियंटवीयणगजणियवाएणं सफुसिएणं अंतेउरपरिजणेणं आसासिया समाणी रोयमाणी कंदमाणी सोयमाणी विलवमाणी जमालिं खत्तियकुमारं एवं वयासी तुम सिणं जाय ! अम्हं एगे पुत्ते इढे कंते पिए मणुण्णे मणामे थेज्जे वेसासिए सम्मए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणब्भूए जीविऊसविये हिययनंदिजणणे उंबरपुप्फ पिव दुल्लभे सवणयाए किमंग पुण पासणयाए ? तं नो खलु जाया! अम्हे इच्छामो तुब्भं खणमवि विप्पओगं, तं अच्छाहि ताव जाया ! जाव ताव अम्हे जीवामो; तओ पच्छा अम्हेहिं कालगएहिं समाणेहिं परिणयवये वड्डिय कुलवंसतंतुकज्जम्मि निरवयक्खे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइहिसि । ३६. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मा -पियरो एवं वयासी तहा विणं तं अम्म ! ताओ ! जं णं तुम्भे मम एवं वदह 'तुमं सि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इढे कंते तं चेव जाव पव्वइहिसि', एवं खलु अम्म ! ताओ ! माणुस्सए भवे अणेगजाइ-जरा-मरण-रोग-सारीर-माणसपकामदुक्खवेयण-वसण सतोवद्दवाभिभूए अधुवे अणितिए असासए संझब्भरागसरिसे जलबुब्बुदसमाणे कुसग्गजलबिंदुसन्निभे सुविणगदसणोवमे विज्जुलयाचंचले अणिच्चे सडण-पडण -विद्धंसणधम्मे पुव्विं वा पच्छा वा अवस्सविप्पजहियव्वे भविस्सइ, से केस णं जाणइ अम्म ! ताओ ! के पुब्विं गमणयाए ? के पच्छा गमणयाए ? तं इच्छामि णं अम्मं ! ताओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए। ३७. तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मा -पियरो एवं वयासी इमं च ते जाया ! सरीरगं पविसिट्ठरूवं लक्खण -वंजण - गुणोववेयं उत्तमबल-वीरियसत्तजुत्तं विण्णाणवियक्खणं ससोहग्गगुणसमुस्सियं अभिजायमहक्खमं विविहवाहिरोगरहियं निरुवहयउदत्तलठ्ठपंचिदियपहुं, पढमजोव्वणत्थं अणेगउत्तमगुणेहिं जुत्तं, तं अणुहोहि ताव जाव जाया ! नियगसरीररूवसोहग्गजोव्वणगुणे, तओ पच्छा अणुभूयनियगसरीररूवसोभग्गजोव्वणगुणे अम्हेहिं कालगएहिं समाणेहिं परिणयवये वड्डिय कुलवंसतंतुकज्जम्मि निरवयक्खे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं # पव्वइहिसि । ३८. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मा -पियरो एवं वयासी तहा वि णं तं अम्म ! ताओ ! जंणं तुब्भे ममं एवं वदह 'इमं च णं ते जाया! म सरीरगं० तं चेव जाव पव्वइहिसि एवं खलु अम्म ! ताओ ! माणुस्सगं सरीरं दुक्खाययण विविवाहिसयसन्निकेतं अट्ठियकलुट्ठियं छिरा-प्रहारुजालओणद्धसंपिणद्धं मट्टियभंडं व दुब्बलं असुइसंकिलिट्ठ अणिट्ठवियसव्वकालसंठप्पयं जराकुणिम -जज्जरघरं व सडण-पडण विद्धंसणधम्म पुव्विं वा पच्छा वा अवस्सविप्पजहियव्वं भविस्सइ, से केस णं जाणति अम्म ! ताओ ! के पुब्बिं० ? तं चेव जाव पव्वइत्तए। ३९. तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मा-पियरो एवं वयासी -इमाओ य ते जाया ! विपुलकुलबालियाओ कलाकु सलसव्वकाललालियसुहोचियाओ मद्दवगुणजुत्तनिउणविणओवयारपंडियवियक्खणाओ मंजुलमियमुंरभणियविहसियविप्पेक्खियगतिविलासचिट्ठियविसारदाओ अविकलकुलसीलसालिणीओ विसुद्धकुलवंससंताणतंतुवद्धणपगब्भवयभाविणीओ मणाणुकूलहियइच्छियाओ अट्ठ तुज्झ गुणवल्लभाओ उत्तमाओ निच्चं भावाणुरत्तसव्वंगसुंदरीओ भारियाओ, तं भुंजाहि ताव जाया ! एताहिं सद्धिं विउले माणुस्सए कामभोगे, तओ पच्छा भुत्तभोगी विसयवियवोच्छिन्नकोउहल्ले अम्हेहिं कालगएहिं जाव पव्वइहिसि । ४०. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मा -पियरो एवं 3 वयासी तहा विणं तं अम्म ! ताओ ! जंणं तुब्भे मम एवं वयह 'इमाओ ते जाया ! विपुलकुल० जाव पव्वइहिसि' एवं खलु अम्म ! ताओ ! माणुस्सगा कामभोगा उच्चार पासवण-खेल-सिंघाणगवंतपित्त-पूय-सुक्क-सोणियसमुन्भवा अमणुण्णदुरूवमुत्त-पूइपुरीसपुण्णा मयगंधुस्सासअसुभनिस्सासा उव्वेयणगा बीभच्छा LEVELECu 4 55555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३५७5555555555555555555555555556ORY AG95555555555555555555555555555555555555555555555555OOKS Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ G.C5555555555555555 (५) भगवई ५.सतं उ - ३३ [१४३] 555555555555555OCTOR TIG95555555555555555555555555555555555555555555555555xos अप्पकालिया लहुसगा कलमलाहिवासदुक्खबहुजणसाहारणा परिकिलेस -किच्छदुक्खसज्झा अबुहजणसेविया सदा साहुगरहणिज्जा अणंतसंसारवद्धणा कडुयफलविवागा चुडलि व्व अमुच्चमाण दुक्खाणुबंधिणो सिद्धिगमणविग्घा, से केस णं जाणति अम्म ! ताओ ! के पुव्विं गमणयाए ? के पच्छा गमणयाए ? तं इच्छामि णं अम्म ! ताओ ! जाव पव्वइत्तए । ४१. तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मा-पियरो एवं वयासी इमे य ते जाया ! अजय-पज्जय-पिउपज्जयागप सुबहुहिरण्णे य सुवण्णे य कंसे य दूसे य विउलघणकणग० जाव संतसारसावएज्जे अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दातुं, पकामं भोत्तुं, पकामं परिभाएउं, तं अणुहोहि ताव जाया ! विउले माणुस्सए इड्डिसक्कारसमुदए, तओ पच्छा अणुहूयकल्लाणे वड्डिय कुलवंसतंतु जाव पव्वइहिसि । ४२. तएणं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मा-पियरो एवं वयासी तहा विणं तं अम्म ! ताओ ! जंणं तुब्भे ममं एवं वदह 'इमे य ते जाया ! अज्जग -पज्जग० जाव पव्वइहिसि' एवं खलु अम्म ! ताओ! हिरण्णे य सुवण्णे य जाव सावएज्जे अग्गिसाहिए चोरसाहिए रायसाहिए मच्चुसाहिए दाइयसाहिए अग्गिसामन्ने जाव दाइयसामन्ने अधुवे अणितिए असासए पुव्विं वा पच्छा वा अवस्सविप्पजहियव्वे भविस्सइ, से केस णं जाणइ० तं चेव जाव पव्वइत्तए। ४३. तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्म-ताओ जाहे नो संचाएंति विसयाणुलोमाहिं बहूहिं आघवणाहि य पण्णवणाहि य सन्नवणाहि य विण्णवणाहि य आघवित्तए वा पण्णवित्तए वा सन्नवित्तए वा विण्णवित्तए वा ताहे विसयपडिकूलाहिं संजमभयुव्वेवणकरीहिं पण्णवणाहिं पण्णवेमाणा एवं वयासी एवं खलु जाया ! निग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवले जहा आवस्सए जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, अहीव एगंतदिट्ठीए, खुरो इव एगंतधाराए, लोहमया जवा चावेयव्वा, वालुयाकवले इव निरस्साए, गंगा वा महानदी पडिसोयगमणयाए, महासमुद्दे वा भुजाहिंदुत्तरे, तिक्खं कमियव्वं, गरुयं लंबेयव्वं, असिधारगं वत्तं चरियव्वं, नो खलु कप्पइ जाया ! समणाणं निग्गंथाणं आहाकम्मिए इवा, उद्देसिए इ वा, मिस्सजाए इ वा, अज्झोयरए इ वा. पूइए इ वा, कीए इवा, पामिच्चे इ वा, अच्छेज्जे इ वा, अणिसटे इ वा, अभिहडे इ वा, कंतारभत्ते इ वा, दुब्भिक्खभत्ते इ वा, गिलाणभत्ते इ वा, वद्दलियाभत्ते इ वा, पाहुणगभत्त इवा, सेज्जायर पिंडे इ वा, रायपिंडे इ वा, मूलभोयणे इ वा, केदभोयणे इ वा, फलभोयणे इ वा, बीयभोयणे इवा, हरियभोयणे इ वा, भुत्तए वा पायए वा । तुमं सि च णं जाया ! सुहसमुयिते णो चेव णं दुहसमुयिते, नालं सीयं, नालं उण्हं, नालं खुहा, नालं पिवासा, नालं चोरा, नालं वाला, नालं दंसा, नालं मसगा, नालं वाइय-पित्तिय-सेभिय-सन्निवाइए विविहे रोगायंके परीसहोवसग्गे उदिण्णे अहियासेत्तए । तं नो खलु जाया ! अम्हे इच्छामो तुझं खणमवि विप्पयोगं, तं अच्छाहि ताव जाया ! जाव ताव अम्हे जीवामो, तओ पच्छा अम्हेहिं जाव पव्वइहिसि । ४४. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मा - पियरो एवं वयासी -तहा विणं तं अम्मं ! ताओ जं णं तुब्भे ममं एवं वदह एवं खलु जाया ! निग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवले तं चेव जाव पव्वइहिसि। एवं खलु अम्म ! ताओ ! निग्गंथे पावयणे कीवाणं कायराणं कापुरिसाणं इहलोगपडिबद्धाणं परलोगपरम्मुहाणं विसयतिसियाणं दुरणुचरे, पागयजणस्स, धीरस्स निच्छियस्स ववसियस्स नो खलु एत्थं किंचि वि दुक्करं करणयाए, तं इच्छामि णं अम्म ! ताओ ! तुब्मेहिं अब्भणुण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव पव्वइत्तए। [४५. जमालिपव्वज्जागहणे अम्मा-पिईणमणुमतीं] ४५. तए णं तं जमालिं खत्तियकुमारं अम्मा - पियरो जाहे नो संचाएंति विसयाणुलोमाहि य विसयपडिकूलाहि य बहूहि य आघवणाहि य पण्णवणाहि य सन्नवणाहि य विण्णवणाहि य आघवेत्तए वा जाव विण्णवेत्तए वा ताहे अकामाइं चेव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स निक्खमणं अणुमन्नित्था। (सु. ४६-८२. विसिट्ठविभूइवण्णणापुव्वं जमालिपव्वज्जागहणविसइयं वित्थरओ वण्णणं जमालिस्स पव्वज्जागहणं च] ४६. तएणं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमाररस पिया कोडुपियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दवेत्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! खत्तियकुंडग्गामं नगरं सब्भितरबाहिरियं आसियसम्मज्जिओवलित्तं जहा उववाइए जाव पच्चप्पिणंति । ४७. तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया दोच्चं पि कोडंपियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! जाभानिस्स खत्तियकुमारस्स महत्थं महग्धं महरिहं विपुलं पिक्खमणाभिसेयं उवट्ठवेह । ४८. तएणं ते कोडुबियपुरिसा तहेव जाव पच्चप्पिणंति। ४९. तए णं तं जमासिक नियकुमारं अम्मा-पियरो सीहासणवरंसि पुरत्याभिमुहं निसीयाति, निसीयावेत्ता अट्ठसएणं reOf+$$$555555555555555555 श्री मणभजूषा - ३१८ 55555555555FFFFFFFFFFFFFFFrom Fore5555555555555555555555555555555555555555555555555 Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ९ सतं उ ३३ [१४४] सोवणियाणं कलसाणं एवं जहा रायप्पसेणइज्जे जाव अट्ठसएणं भोमिज्जाणं कलसाणं सव्विड्डीए जाव रवेणं महया महया निक्खमणाभिसेगेणं अभिसिंचर, निक्खमणाभिसेगेण अभिसिंचित्ता करयल जाव जएणं विजएणं वद्धावेति, जएणं विजएणं वद्धावेत्ता एवं वयासी भण जाया ! किं देभो ? किं पयच्छामो ? किणा वा ते अट्ठो ? ५०. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अम्मा पियरो एवं वयासी इच्छामि णं अम्म ! ताओ ! कुत्तियावणाओ रयहरणं च पडिग्गहं च आणिउं कासवर्गं च सद्दाविउं । ५१. तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! सिरिधराओ तिणि ससहस्साइं गहाय सयसहस्सेणं सयसहस्सेणं कुत्तियावणाओ रयहरणं च पडिग्गहं च आणेह, सयसहस्सेणं च कासवगं सद्दावेह । ५२. तए णं ते बियपुरिसा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा एवं वुत्ता समाणा हट्ठा करयल जाव पडिसुणित्ता खिप्पामेव सिरिघराओ तिण्णि सयसहस्साइं तहेव जाव कासवगं सद्दावेति । ५३. तए णं से कासवए जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणो कोडुंबियपुरिसेहिं सदाविते समाणे हट्ठे तुट्टे ण्हाए कयबलिकम्मे जाव सरीरे जेणेव जमालिस खत्तियकुमारस्स पिया तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता करयल० जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पियरं जएणं विजएणं वद्धावेइ, जएणं विजएणं वद्धावित्त एवं वयासी संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! जं मए करणिज्जं । ५४. तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तं कासवगं एवं क्यासी तुमं णं देवाप्पिया ! जमालिस खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलवज्जे निक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे कप्पेहि । ५५. तए णं से कासवए जमालिस्स खत्तियकुमारस्स • पिउणा एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्टे करयल जाव एवं सामी ! तहत्ताणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ, पडिसुणित्ता सुरभिणा गंधोदएणं हत्थ पादे पक्खालेइ, सुरभिणा गंधोदएणं हत्थ पादे पक्खलित्ता सुद्धाए अट्ठपडलाए पोत्तीए मुहं बंधइ, मुहं बंधित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलवज्जे निक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे कप्पेइ। ५६. तए णं सा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया हंसलक्खणेणं पडसाडएणं अग्गकेसे पङिच्छइ, अग्गकेसे पडिच्छित्ता सुरभिणा गंधोदणं पक्खालेइ, सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालेत्ता अग्गेहिं वरेहिं गंधेहिं मल्लेहिं अच्चेति, अच्चित्ता सुद्धवत्थेणं बंधेइ, सुद्धवत्थेणं बंधित्ता रयणकरंडगंसि पक्खिवति, पक्खिवित्ता हार-वारिधार - सिंदुवार छिन्नमुत्तावलिप्पगासाइं सुयवियोगदूसहाइं अंसूइं विणिम्मुयमाणी विणिम्मुयमाणी एवं वयासी एस णं अम्हं जमालिस खत्तियकुमारस्स बहूसु तिहीसु य पव्वणीसु य उस्सवेसु य जण्णेसु य छणेसु य अपच्छिमे दरिसणे भविस्सति इति कट्टु ओसीसगमूले ठवेति । ५७. तणं तस् जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मा-पियरो दुच्चं पि उत्तरावक्कमणं सीहासणं रयावेति, दुच्चं पि उत्तरावक्कमणं सीहासणं रयावित्ता जमालिं खत्तियकुमारं सेयापीतएहिं कलसेहिं ण्हाणेति, से० २ पम्हसुकुमालाए सुरभीए गंधकासाइए गायाइं लूहेति, सुरभीए गंधकासाइएगा : लूहेत्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाइं अणुलिंपंति, गाया अणुलिपित्ता नासानिस्सासवायवोज्झं चक्खुहरं वण्णफरिसजुत्तं हय" पिलवातिरेगं धवलं कणगखचियंतकम्मं महरिहं हंसलक्खणं पडसाडगं परिहिति, परहित्ता हारं पिद्धेति, २ अद्धहारं पिणद्धेति, अ० पिणद्धित्ता एवं जहा सूरियाभस्स अलंकारो तहेव जाव चित्तं रयणसंकडुक्कडं मउडं पिणद्धति, किं बहुणा ? गंथिम-वेढिम-पुरिम-संघातिमेणं चउव्विहेणं मल्लेणं कप्परुक्खगं पिवं अलंकियविभूसियं करेति । ५८. तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोडुंबिय पुरिसे सदावेइ, सहावेत्ता एवं वयासि खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! अणेगखंभसयसन्निविद्वं लीलट्टियसालभंजियागं जहा रायप्पसेणइज्जे विमाणवण्णओ जाव मणिरयणघंटियाजालपरिखित्तं पुरिससहस्सवाहणीयं सीयं उवट्टवेह, उववेत्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । ५९. तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पच्चप्पिणंति । ६०. तरण से जमाली खत्तियकुमारे केसालंकारेणं वत्थालंकारेणं मल्लालंकारेण आभरणालंकारेणं चउव्विहेणं अलंकारेण अलंकरिए समाणे पडिपुण्णालंकारे सीहासणाओ अट्ठेति, सीहासणाओ अब्भुट्टेत्ता सीयं अणुप्पदाहिणीकरेमाणे सीयं दुरूहइ, दुरूहित्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे सन्निसण्णे । ६१. तए णं तस्स जमालिस्स र्खाळायकुमारस्स माया ण्हाया कयबलिकम्मा जाव सरीरा हंसलक्खणं पडसाडगं गहाय सीयं अणुप्पदाहिणीकरेमाणी सीयं दुरूहइ, सीयं दुरूहित्ता जमालिस्स वित्तियकुमारस्स दाहिणे पासे भद्दासणवरंसि सन्निसण्णा । ६२. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मधाई ण्हाया जाव सरीरा रयहरणं च पडिग्गनं च GO ***********ADX Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XGX££££££££ (५) भगवई ९ सत्ते उ. ३३ [१४५] गहाय सीयं अणुप्पदाहिणीकरेमाणी सीयं दुरूहइ, सीयं दुरूहित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स वामे पासे भद्दासणवरंसि सन्निसण्णा । ६३. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिट्ठओ एगा वरतरूणी सिंगारागारचारूवेसा संगय गय जाव रूवजोव्वणविलासकलिया सुंदरथण० हिम- रयत- कुमुद-कुंदेंदुप्पगासं सकोरेंटमल्लदामं धवलं आयवत्तं गहाय सलीलं ओधरेमाणी ओधरेमाणी चिट्ठति । ६४. तए णं तस्स जमालिस्स उभयोपासिं दुवे वरतरूणीओ सिंगारागारचारु जाव कलियाओ नाणामणि- कणग-रयण- विमलमहरिहतवणिज्जुज्जलविचित्तदंडाओ चिल्लियाओ संखंक-कुंदेंदु दगरयअमयमहियफेणपुंजसन्निकासाओ चामराओ गहाय सलीलं वीयमाणीओ वीयमाणीओ चिट्ठति । ६५. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स उत्तरपुरत्थिमेणं एगा वरतरूणी सिंगारागार जाव कलिया सेयं रयतामयं विमलसलिलपुण्णं मत्तगयमहामुहाकितिसमाणं भिंगारं गहाय चिट्ठइ । ६६. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स दाहिणपुरित्थमेणं एगा वरतरुणी सिंगारागार जाव कलिया चित्तं कणगदंडं तालयंटं गहाय चिट्ठति । ६७. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, कोडुंबिय रिसे सदावेत्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सरिसयं सरित्तयं सरिव्वयं सरिसलावण्ण रूव जोव्वणगुणोववेयं एगाभरणवसणगहियनिज्जोयं कोडुंबियवरतरुणसहस्सं सद्दावेह । ६८. तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सरिसयं सरित्तयं जाव सद्दावेति । ६९. तए णं ते कोडुंबियपुरिसा (?तरुणा) जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणो कोडुंबियपुरिसेहिं सद्दाविया समाणा हट्टतुट्ठ० ण्हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता एगाभरणवसणगहियनिज्जोया जेणेव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तेणेव उवागच्छंति, तेणेव उवागच्छित्ता करयळ जाव वद्भवेत्ता एवं वयासी संदिसंतु देवाणुप्पिया ! जं अम्हेहिं करणिज्जं । ७०. तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तं कोडुंबियवरतरुणसहस्सं एवं वदासी- तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! ण्हया कयबलिकम्मा जाव गहियनिज्जोगा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स सीयं परिवहह । ७१. तए णं ते कोडुंबियपुरिसा(?तरुणा) जमालिस्स खत्तियकुमारस्स जाव पडित्ता हाया जाव गहियनिज्जोगा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स सीयं परिवहंति । ७२. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं दुरूढस्स समाणस्स तप्पढमयाए इमे अट्ठट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्टिया, तं सोत्थिय सिरिवच्छ जाव दप्पणा । तदणंतरं च णं पुण्णकलसभिंगारं जहा उववाइए जाव गगणतलमणुलिहंती पुरओ अहाणुपुवीए संपट्टिया । एवं जहा उववाइए तहेव भाणियव्वं जाव आलोयं च करेमाणा 'जय जय' सद्दं च परंजमाणा पुरओ अहाणुपुब्वीए संपट्टिया । तदणंतरं च णं बहवे उग्गा भोगा जहा उववाइए जाव महापुरिसवग्गुरा परिक्खित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरओ य मग्गओ पासओ य अहाणुपुवीए संपट्टिया । ७३. तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया पहाए कतबलिकम्मे जाव विभूसिए हत्थिखंधवरगए सकोरिंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामराहिं उदुव्वमाणीहिं उदुव्वमाणीहिं हय-गय-रह-पवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए संपरिवुडे महया भड -चडगर जाव परिक्खित्ते जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिट्ठओ पिट्ठओ अणुगच्छइ । ७४. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पुरओ महंआसा आसवरा, उभओ पासिं गावरा, पिओ रहा रहसंगेल्ली । ७५. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे अब्भुग्गयभिंगारे पग्गहियतालियंटे ऊसवियसेतछत्ते पवीइतसेतचामरवालवीयणीए सव्विड्डी जाव णादितरवेणं खत्तियकुंडग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं जेणेव माहणकुंडग्गामे नयरे जेणेव बहुसालए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । ७६. तए णं तस्स जमालिस्स खत्तियकुमारस्स खत्तियकुंडग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छमाणस्स सिंघाडग-तिग- चउक्क जाव पहेसु बहवे अत्थत्थिया हा उवाइए जव आभिनंदंता य अभित्थुणंता य एवं वयासी जय जय णंदा ! धम्मेणं, जय जय णंदा ! तवेणं, जय जयणंदा ! भद्दं ते, अभग्गेहिं णाण- दंसणचरित्तमुत्तमेहिं अजियाइं जिणाहि इंदियाई, जियं च पालेहि समणधम्मं, जियविग्धो वि य वसाहि तं देव ! सिद्धिमज्झे, णिहणाहि य राग-दोसमल्ले तवेणं धितिधणियबद्धकच्छे, मद्दाहि अट्ठकम्मसत्तू झाणेणं उत्तमेणं सुक्केणं, अप्पमत्तो हराहि आराहणपडागं च धीर ! तिलोक्करंगमञ्झे, पाव य वितिमिरमणुत्तरं केवलं च णाणं, गच्छ य मोक्खं परं पदं जिणवरोवदिद्वेणं सिद्धिमग्गेणं अकुडिलेणं, हंता परीसहचमुं, अभिभविय गामकंटकोवसग्गा णं, धम्मे ते अविग्घमत्थु | तिकड श्री आगमगुणमंजूषा - ३६० ॐ ॐ ॐ MO 666666666666666 Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FAGRO55555555555555 (५) भगवई ९ सत्तं उ - ३३ [१४६] hhhhhhhhh$$$$$$$280 46.955555555555555555555555555555555555555555555555FORY अभिनंदंतिय अभिथुणंति य। ७७. तएणं से जमाली खत्तियकुमारे नयणमालासहस्सेहिं पिच्छिज्जमाणे पिच्छिज्जमाणे एवं जहा उववाइए कूणिओ जाव णिग्गच्छति, निग्गच्छित्ता जेणेव माहणकुंडग्गामे नगरे जेणेव बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता छत्तादीए तित्थगरातिसए पासइ, पासित्ता पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं ठवेइ, ठवित्ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ पच्चोरुहड्। ७८. ताणं तं जमालि खत्तियकुमारं अम्मा-पियरो पुरओ काउंजेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता, समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता एवं वदासी एवं खलु भंते ! जमाली खत्तियकुमारे अम्हं एगे पुत्ते इढे कंते जाव किमंग पुण पासणयाए ? से जहानामए उप्पले इ वा पउमे इ वा जाव सहस्सपत्ते इ वा पंके जाए जले संवुड्ढे णोवलिप्पति पंकरएणं णोवलिप्पइ जलरएणं एवामेव जमाली वि खत्तियकुमारे कामेहि जाए भोगेहिं संवुढे णोवलिप्पइ कामरएणं णोवलिप्पइ भोगरएणं णोवलिप्पइ मित्त-णाइ-नियग-सयण-संबंधि-परिजणेणं, एसणं देवाणुप्पिया! संसारभउब्विग्गे, भीए जम्मण-मरणेणं देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयइ, तं एयं णं देवाणुप्पियाणं अम्हे सीसभिक्खं दलयामो, पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया सीसभिक्खं । ७९. तएणं समणे भगवं महावीरे तं जमालिं खत्तियकुमारं एवं वयासी अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं । ८०. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हट्ठतुढे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ, अवक्कमित्ता सयमेव आभरण-मल्लालंकार ओमुयइ। ८१. तते णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स माया हंसलक्खणेणं पडसाडएणं आभरण-मल्लालंकारं पडिच्छति, पडिच्छित्ता हार -वारि जाव विणिम्मुयमाणी विणिम्मुयमाणी जमालिं खत्तियकुमारं एवं वयासी 'घडियव्वं जाया !, जइयव्वं जाया !, परक्कमियव्वं जाया!, अस्सिंचणं अढे णो पमायेतव्वं' ति कट्ट जमालिस्स खत्तियकुमारस्स अम्मा-पियरो समणं भगवं महावीरं वंदंति णमंसंति, वंदित्ता णमंसित्ता, जामेव दिसं पाउन्भूया तामेव दिसं पडिगया। ८२. तए णं से जमाली खत्तियकुमारे सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेति. करित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता एवं जहा उसभदत्तो (सु. १६) तहेव पव्वइओ, नवरं पंचहिं पुरिससएहिं सद्धिं तहेव सव्वं जाव सामाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाई अहिज्जइ, सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाइं अहिजेत्ता बहूहिं चउत्थ-छट्ठ-ऽट्ठम जाव मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। [सु.८३-८७. भगवंताणुमइउवेहगस्स जमालिस्स जणवयविहरणं] ८३. तएणं से जमाली अणगारे अन्नया कयाई जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे पंचहि अणगारसएहिं सद्धिं बहिया जणवयविहारं विहरित्तए । ८४. तए णं से समणे भगवं महावीरे जमालिस्स अणगारस्स एयमढें णो आढाइ, णो परिजाणाइ, तुसिणीए संचिट्ठइ। ८५. तए णं से जमाली अणगारे समणं भगवं महावीरं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयासी इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं जाव विहरित्तए। ८६. तए णं समणे भगवं महावीरे जमालिस्स अणगारस्स दोच्चं पि तच्चं पि एयम४ णो आढाइ जाव तुसिणीए संचिट्ठइ। ८७. तए णं से जमालि अणगारे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ बहुसालाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं बहिया जणवयविहारं विहरइ। सु. ८८-९१. जमालिस्स सावत्थीए भगवओ य चंपाए विहरणं] ८८. तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी नाम णयरी होत्था। वण्णओ। कोट्ठए चेइए । वण्णओ । जाव वणसंडस्स । ८९. तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था । वण्णओ। पुण्णभद्दे चेइए । वण्णओ । जाव पुढविसिलावट्टओ। ९०. तए णं से जमाली अणगारे अन्नया कयाइ पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुग्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव सावत्थी नयरी जेणेव कोट्ठए चेइए तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हति, अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ। २१. तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाइ पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे जाव सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणेव चंपा नगरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हति, अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हिता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। सु. ९२. जमालिसरीरे re.c555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३६१ 55555555555555555555555557OR AG.30555555555555555555555555555555555555555555555555500 Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 555555555555555555555OOK IG.G55555555555555 (५) भगवई सत्तं उ-६३ [५४७] 55555555555555. 50 रोगायंकुप्पत्ती] ९२. तएणं तस्स जमालिस्स अणगारस्स तेहिं अरसेहि य विरसेहि य अंतेहि य पतेहि य लूहेहि य तुच्छेहि य कालाइक्कतेहि य पमाणाइक्कतेहि य सीतएहि य पाण -भोयणेहिं अन्नया कयाइ सरीरगंसि विउले रोगातंके पाउब्भूए उज्जले तिउले पगाढे कक्कसे कडुए चंडे दुक्खे दुग्गे तिव्वे दुरहियासे, पित्तज्जरपरिगतसरीरे दाहवक्कंतिए यावि विहरइ। सु. ९.३.१,७. उप्पन्नरोगायंकस्स जमालिरस संथारगकरणपण्हत्तरगय - 'कडेमाणकड'विसइया विपरिणामणा ९३. तएणं से जमाली अणगारे वेयणाए अभिभूए समाणे समणे णिग्गंथे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया! मम सेज्जासंथारगं संथरेह। ९४. तए णं ते समणा णिग्गंथा जमालिस्स अणगारस्स एयमद्वं विणएणं पडिसुणेति, पडिसुणेत्ता जमालिस्स अणगारस्स सेज्जासंथारगं संथरेति । ९५. तए णं से जमाली अणगारे बलियतरं वेदणाए अभिभूए समाणे दोच्चं पि समणे निग्गंथे सद्दावेइ, सहावित्ता दोच्चं पि एवं वयासी-ममंण देवाणुप्पिया ! सेज्जासंथारए किं कडे ? कज्जइ ? तए णं ते समणा निग्गंथा जमालिं अणगारं एवं वयासी-णो खलु देवाणुप्पियाणं सेज्जासंथारए कडे, कज्जति। [सु.५६-९७. 'चलमाण-चलिय' आइभगवंतवयणविरुद्धाए जमालिकयाए परूवणाए केसिचि जमालिसिस्साणमसद्दहणा भगवंतसमीवगमणं च ९६. तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-जं णं समणे भगवं महावीरे एवं आइक्खइ जाव एवं परूवेइ- 'एवं खलु चलमाणे चलिए, उदीरिजमाणे उदीरिए जाव निजरिज्जमाणे णिजिणे' तंणं मिच्छा, इमं च णं पच्चक्खमेव दीसइ सेजासंथाराए कजमाणे अकडे, संथरिलमाणे असंथगित, जम्हा सेज्जासंथाराए कज्जमाणे अकडे संथरिजमाणे असंथगिए तम्हा चलमाणे वि अचलिए जाव निजरिज्नमाणे वि अणिज्जिपणे । एवं संपेहेइ, एवं संपेहेत्ता समणे निग्गंथे सद्दावेइ, समणे निग्गंथे सद्दावेत्ता एवं वयासी-जंणं देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे एवं आइक्खइ जाव परूवेइ-एवं खलु चलमाणे चलिए तं चेव सव्वं जाव णिज्जरिज्जमाणे अणिज्जिण्णे । ९७. तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स एवं आइक्खमाणस्स जाव परूवेमाणस्स अत्थेगइया समणा निग्गंथा एयमटुं सद्दहति पत्तियंति रोयंति। अत्थेगड्या समणा निग्गंथा एयमद्वं णो सद्दहति णो पत्तियंतिणो रोयंति। तत्थ णं जे ते समणा निग्गंथा जमालिस्स अणगारस्स एयमद्वं सद्दहति पत्तियंति रोयंति तेणं जमालिं चेव अणगारं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति । तत्थ णं जे ते समणा निगंथा जमालिस्स अणगारस्स एयम8 णो सदहति णो पत्तियंति णो रोयंति ते णं जमालिस्स अणगारस्स अंतियाओ कोट्ठयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमंति, पडिनिक्खमित्ता पुव्वाणुपुव्विं चरमाणा गामाणुगामं दूइज्जमाणा जेणेव चंपानयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीर तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेति, करित्ता वंदंति णमंसंति, २ समणं भगवं महावीर उवसंपज्जित्ताणं विहरति । सु. ९८. चंपाए भगवंतसमीवागयस्स जमालिस्स अप्पाणमुद्दिस्स केवलित्तपरूवणं] ९८. तर णं से जमाली अणगारे अन्नया कयाइ ताओ रोगायंकाओ विप्पमुक्के हवे जाए अरोए बलियसरीरे सावत्थीओ नयरीओ कोट्ठयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव चंपा नयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते ठिच्चा समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-जहा णं देवाणुप्पियाणं बहवे अंतेवासी समणा निग्गंथा छउमत्था भवेत्ता छउमत्थावक्कमणेणं अवता, णो खलु अहं तहा छउमत्थे भवित्ता छउमत्थावक्कमणेणं अवतते, अहं णं उप्पन्नणाण-दसणधरे अरहा जिणे केवली भवित्ता केवलि अवक्रमणेणं अवक्वंते। सु.९९-१०२. गोयमकयपण्हनिरुत्तरस्स भगवंतकयसमाहाणमसद्दहंतस्स य जमालिस्स मरणं लंतयदेवकिब्बिसिएसु उववाओ य] ९९. तए णं भगवं गोयमे जमालिं अणगारं एवं वयासि-णो खलु जमाली ! केवलिस्स णाणे वा दसणे वा सेलसि वा थंभंसि वा थूभंसि वा आवरिज्जइ वा णिवारिज वा । जइ णं तुम जमाली ! उप्पन्नणाण-दसणधरे अरहा जिणे केवली है भवित्ता केवलिअवक्कमणेणं अवक्वंते तो णं इमाई दो वागरणाई वागरेहि, ‘सासए लोए जमाली ! असासए लोए जमाली ! ? सासए जीवे जमाली ! असासए जीवे जमाली! ?' १००. तए णं से जमाली अणगारे भगवया गोयमेणं एवं वुत्ते समाणे संकिए कंखिए जाव कलुससमावन्ने जाए यावि होत्था, णो संचाएति भगवओ २ गोयमस्स किंचि वि पमोक्खमाइक्खित्तए, तुसिणीए संचिट्टइ। १०१. 'जमाली'ति समणे भगवं महावीरे जमालिं अणगारं एवं वयासी-अत्थि णं जमाली ! ममं बहवे Presro F5555555555FFFFFFFFFF55 श्री आगमगुणमंजूषा- ३६२ 055555555555555555555555#FOTOR 195555555555555555555555555555555555555555555555SODNOR HOR9555555555555 Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ९ मतं उ ३३ [१४८] अंतेवासी समणा निग्गंथा छउमत्था जे णं पभू एयं वागरणं वागरित्तए जहां णं अहं, नो चेव णं एयप्पगारं भासं भासित्तए जहा णं तुभं । सासए लोए जमाली ! जं णं कयावि णासि ण, कयाविण भगति ण, न कदावि ण भविस्सइ, भुविंच, भवइ य, भविस्सइ य, धुवे णितिए सासए अक्खए अव्वए अवट्ठिए णिच्चे। असासए लोए जमाली ! जओ ओसप्पिणी भवित्ता उस्सप्पिणी भवइ, उस्सप्पिणी भवित्ता ओसप्पिणी भवइ । सासए जीवे जमाली ! जं णं न कयाइ णासि जाव णिच्चे । असासए जीवे जमाली ! जं णं नेरइए भवित्ता तिरिक्खजोणिए भवइ, तिरिक्खजोणिए भवित्ता मणुस्से भवइ, मणुस्से भवित्ता देवे भवइ । १०२. तए णं से जमाली अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव एवं परूवेमाणस्स एयमहं णो सद्दहइ णो पत्तियइ णो रोएइ, एयमहं असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे दोच्चं पि समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ आयाए अवक्कमइ, दोच्चं पि आयाए अवक्कमित्ता बहूहिं असब्भावुब्भावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च वुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे बहूइं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ, पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेइ, अ० झूसेत्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेति, छेदेत्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंते कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमठितीएसु देवकिव्विसिएसु देवेसु देवकिब्बिसियत्ताए उववन्ने । [सु. १०३. गोयमपण्डुत्तरे भगवंतकयं जमालिगइपरूवणं ] १०३. तए णं से भगवं गोयमे जमालि अणगारं कालगयं जाणित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, वंदित्ता नमसित्ता एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पियाण अंतेवासी कुसिस्से जमाली णामं अणगारे, से णं भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए ? कहिं उववन्ने ? गोयमा दि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासी एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी कुसिस्से जमाली नामं अणगारे से तदा मम एवं आइक्खमाणस्स ४ एयमहं णो सद्दहइ णो पत्तियइ णो रोएइ, एयमद्वं असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमेणे दोच्च पि ममं अंतियाओ आयाए अवक्कमइ, अवक्कमित्ता बहूहिं असब्भावुब्भावणाहिं तं चेव जाव देव किब्बिसियत्ताए उववन्ने । [सु. १०४ ९. देवकिब्बिसियाणं भेयठाण उववायहेउ - अणंतरगइपरूवणा] १०४. कतिविहा णं भंते ! देवकिब्बिसिया पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा देवकिब्बिसिया पण्णत्ता, तं जहा तिपलिओवमट्ठिईया, तिसागरोवमट्ठिईया, तेरससागरोवमट्टिईया । १०५. कहि णं भंते! तिपलिओवमट्टितीया देवकिबिबिसिया परिवसंति ? गोयमा ! उप्पिं जोइसियाणं, हिट्ठि सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु, एत्थ णं तिपलिओवमट्टिईया देवकिब्बिसिया परिवसंति । १०६. कहि णं भंते! तिसागरोवमट्टिईया देवकिब्बिसिया परिवसंति ? गोयमा ! उप्पिं सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं, हिद्धिं सणकुमार माहिदेसु कप्पेसु, एत्थे णं तिसागरोवमट्ठिईया देवकिब्बिसिया परिवसंति । १०७. कहि णं भंते ! तेरससागरोवमट्ठिईया देवकिब्बिसिया देवा परिवसंति ? गोयमा ! उप्पिं बंभलोगस्स कप्पस्स, हिडिं लंतए कप्पे, एत्थ णं तेरससागरोवमट्टिईया देवकिब्बिसिया देवा परिवसंति । १०८. देवकिब्बिसिया णं भंते ! केसु कम्मादाणेसु देवकिब्बिसियत्ताए उववत्तारो भवंति ? गोयमा ! जे इमे जीवा आयरियपडिणीया उवज्झायपडिणीया कुलपडिणीया गणपडिणीया, संघपडिणीया, आयरिय उवज्झायाणं अयसकरा अवण्णकरा अकित्तिकरा बहूहिं असम्भावणाहिं मिच्छत्ताभिनिवेसेहि य अप्पाणं च परं च उभयं च वुग्गाहेमाणा वुप्पाएमाणा बहूइं वासाई सामण्णपरियागं पाउणंति, पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवकिब्बिसिएस देवकिल्बिसियत्ताए उववत्तारो भवंति तं जहा तिपलिओवमट्टितीएस वा तिसागरोवमहितीएस वा तेरससागरोवमट्टितीएसु वा । १०९. देवकिबिबसिया णं भंते ! ताओ देवलोगाओं आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अनंतरं चयं चत्ता कहिं गच्छति ? कहिं उववज्जंति ? गोयमा ! जाव चत्तारि पंच नेरड्य तिरिक्खजोणिय मणुस्स - देवभवग्गहणाई संसार अणुपरियट्ठित्ता तओ पच्छा सिज्झति बुज्झंति जाव अंतं करेति । अत्थेगइया अणादीयं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियर्हति । [ सु. ११०-११. जमालिस्स देवकिब्बिसिओक्वाग्रहेउपरूवणा] ११०. जमाली णं 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ३६३० Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ९ सतं उ ३३-३४ [१४९] भंते ! अणगारे अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लूहाहारे तुच्छाहारे अरसजीवी विरसजीवी जाव तुच्छजीवी उवसंतजीवी पसंतजीवी विवित्तजीवी ? हंता, गोमा ! माली अरगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवि ? हंता, गोयमा ! जमाली णं अरगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी । १११. जति णं भंते! जमाली अणगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी कम्हा णं भंते! जमाली अणगारे कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमट्ठितीएस देवकिब्बितसएसु देवेसु देवकिब्बिसियत्ताए उववन्ने ? गोयमा ! जमाली णं अणगारे आयरियपडिणीए उवज्झायपडिणीए आयरिय उवज्झायाणं अयसकारए जाव ग्गामाणे वुप्पामाणे बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणित्ता अद्धमासिए संलेहणाए तीसय भत्ताइं अणसमाए उदेति, तीसं भत्ताइं अणसणाए उदेत्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे जाव उववन्ने । [सु. ११२. जमालिजीवस्स परंपरेणं सिज्झणापरूवणा] ११२. जमाली णं भंते ! देवताओ देवलोयाओ आउक्खएणं जाव कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! जाव पंच तिक्खिजोणिय मणुस्स देवभवग्गहणाई संसार अणुपरियट्टित्ता ततो पच्छा सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ॥ ★★★ जमाली समत्तो ।।९.३३ ।। ★★★ चउत्तीसइमो उद्देसो 'पुरिसे'★★★ [सु. १. चोत्तिसइमुद्देसस्सुवुग्धाओ ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वदासी [सु. २ ६. पुरिस- आस-हत्थिआइ- अन्नयरतसपाण-इसिहणमाणे पुरिसे तदण्णजीवहणणपरूवणा] २ (१) पुरिसे णं भंते! पुरिसं अणमाणे किं पुरिसं हणति, नोपुरिसं हणति ? गोयमा ! पुरिसं पि हणति, नोपुरिसे वि हणति । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'पुरिसं पि हणइ, नोपुरिसे वि हणइ' ? गोतमा ! तस्स णं एवं भवइ एवं खलु अहं एगं पुरिसं हणामि' से णं एवं पुरिसं अणमाणे अणेगे जीवे हणइ । से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ 'पुरिसं पि हणइ नो पुरिसे वि हणइ' । ३. (१) पुरिसे णं भंते! आसं अणमाणे किं आसं हणइ, नोआसे वि अणइ ? गोमा ! आपण, नोआसे वि हणइ । (२) से केणट्टेणं ? अट्ठो तहेव । ४. एवं हत्थिं सीहं वग्घं जाव चिल्ललगं । ५. (१) पुरिसे णं भंते ! अन्नयरं तसपाणं हणमाणे किं अन्नयरं तसपाणं हणइ, नोअन्नयरे तसे पाणे हणइ ? गोयमा ! अन्नयरं पि तसपाणं हणइ, नोअन्नयरे वि तसे पाणे हणइ । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ'अन्नयरं पितसपाणं हणइ नो अन्नयरे वि तसे पाणे हणइ' ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ एवं खलु अहं एवं अन्नयरं तसं पाणं हणामि, से णं एवं अन्नयरं तसं पाणं हणमाणे अणेगे जीवे हणइ । से तेणट्ठेणं गोयमा । तं चैव । एए सव्वे वि एक्कगमा । ६. (१) पुरिसे णं भंते ! इसि हणमाणे किं इसिं हणइ, नोइसिं हणइ ? गोयमा ! इसिं' पि हणइ नोइसिं पि हणइ । (२) से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चइ जाव नोइसिं पि हणइ ? गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ एवं खलु अहं एवं इसिं हणामि, से णं एगं इसिं हणमाणे अणंते जीवे हणइ से तेणद्वेणं निक्खेवओ। [सु. ७-८. हणमाणस्स पुरिसस्स वेरफासणावत्तव्वया] ७. (१) पुरिसे णं भंते! पुरिसं हणमाणे किं पुरिसवेरेणं पुट्ठे, नोपुरिसवेरेणं पुट्ठे ? गोयमा ! नियमा ताव पुरिसवेरेणं पुट्ठे १, अहवा पुरिसवेरेण य णोपुरिसवेरेण य पुट्ठे २, अहवा पूरिवेरेण य नोपुरिसवेरेहिय पुट्ठे ३ । (२) एवं आसं, एवं जाव चिल्ललगं जाव अहवा चिल्ललगवेरेण य णोचिल्ललगवेरेहि य पुट्ठे । ८. पुरिसे णं भंते! इसिं हणमाणे किं इसिवेरेणं पुट्ठे, नोइसिवेरेणं पुट्ठे ? गोयगा ! नियमा ताव इसिवेरेणं पुट्ठे १, अहवा इसिवेरेण य णोइसिवेरेण य पुढे २, अहवा इसिवेरेण य नोइसिवेरेहि य पुट्ठे ३ । [सु. ९-१५. पुढविकाइयाईणं पंचण्हं उच्छासाइपरूवणा] ९. पुढविकाइये णं भंते! पुढविकायं चेव आणमति वा पाणमति ऊससति वा नीससति वा ? हंता, गोयमा ! पुढविक्काइए पुढविक्काइयं चेव आणमति वा जाव नीससति वा । १०. पुढविक्काइए णं भंते ! आउक्काइयं आणमति वा जाव नीससति वा ? हंता, गोयमा ! पुढविक्काइइए आउक्काइयं आणमति वा जाव नीससति वा । ११. एवं तेउक्काइयं वाउक्काइयं । एवं वणस्सइकाइयं । १२. आउक्कइए णं भंते ! पुढविक्वाइयं आणमति वा पाणमति वा० ? एवं चेव । १३. आउक्काइए णं भंते! आउक्काइयं चेव आणमति वा० ? एवं चेव । १४. एवं तेउ वाउ वणस्सइकाइयं । १५. तेउक्काइए णं भंते ! पुढविक्वाइयं आणमति वा ? एवं जाव वणस्सइकाइए णं भंते! वणस्सइकाइयं चेव आणमति वा० ? तहेव । [ सु. १६-२२. उच्छसंताईसु पुढविकाइयाईसु पंचसु श्री आगमगुणमंजूषा - ३६४ 5555 66666666666666 फफफफफफफफ Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ९ सतं उ ३४ / १० सतं १ [१५० ] *****For किरियापरूवणा] १६. पुढविक्काइए णं भंते! पुढविकाइयं चेव आणममाणे वा पाणममाणे वा ऊससमाणे वा नीससमाणे वा कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए । १७. पुढविक्काइए णं भंते ! आउक्काइयं आणमाणे वा० ? एवं चेव । १८. एवं जाव वणस्सइकाइयं । १९. एवं आउकाइएण वि सव्वे विभाणिव्वा । २०. एवं तेउक्काइएण वि । २१. एवं वाउक्कइएण वि । २२. वणस्सइकाइए णं भंते ! वणस्सइकाइयं चेव आणममाणे वा० ? पुच्छा । गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए । [सु. २३-२५. रुक्खमूल - कंद - बीयाणि पचालेमाणे पवाडेमाणे य वाउकाए किरियापरूवणा] २३. वाउक्कइए णं भंते ! रुक्खस्स मूलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए । २४. एवं कंदं । २५. एवं जाव बीयं पचालेमाणे वा० पुच्छा । गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए। सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ॥ ★★★ ॥ चउत्तीसइमो उद्देसो समत्तो ।।९.३४ ।। नवमं सत्तं समत्तं ||९|| 55 दसमं सयं 555 [सु. १. दसमसयस्स चोत्तीसुद्देसनामसंगहगाहा] १. दिस १ संवुड अणगारे २ आइड्ढी ३ सामहत्थि ४ देवि ५ सभा ६ | उत्तर अंतरदीवा ७-३४ दसमम्मि सयम्मि चोत्तीसा ॥ १ ॥ ★★★ पढमो उद्देसओ 'दिस'★★★ [सु. २. पढमुद्देसस्सुवुग्धाओ] २. रायगिहे जाव एवं वदासी [सु. ३-५ दिसाणं सरूवं] ३. किमियं भंते! पाईणा ति पवुच्चति ? गोयमा ! जीवा चेव अजीवा चेव । ४. किमियं भंते! पडीणा ति पवुच्चति ? गोयमा ! एवं चेव ५. एवं दाहिणा, एवं उदीणा, एवं उड्डा, एवं अहा वि । [सु. ६. दिसाणं दस भेया] ६. कति णं भंते! दिसाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! दस दिसाओ पण्णत्ताओ, तं जहा पुरत्थिमा १ पुरत्थिमदाहिणा २ दाहिणा ३ दाहिणपच्चत्थिमा ४ पच्चत्थिमा ५ पच्चत्थिमुत्तरा ६ उत्तरा ७ उत्तरपुरत्थिमा ८ उड्डा ९ अहा १० । [सु. ७. दसण्हं दिसाणं नामंतरदसगं] ७. एयासि णं भंते! दसण्हं दिसाणं कति णामधेज्जा पण्णत्ता ? गोयमा ! दस नामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा इंदऽग्गेयी १-२ जम्मा य ३ नेरती ४ वारुणी ५ य वायव्वा ६ । सोमा ७ ईसाणी या ८ विमला य ९ तमा य १० बोधव्वा ॥ २॥ [सु. ८-१७. जीवाजीवेहिं जीवाजीवदेस-पदेसेहि य दससु दिसासु वत्तव्वया] ८. इंदा णं भंते! दिसा किं जीवा, जीवदेसा, जीवपदेसा, अजीवा, अजीवदेसा, अजीवपएसा ? गोयमा ! जीवा वि, तं चेव जाव अजीवपएसा वि । जे जीवा ते नियमं एगिदिया, बेइंदिया जाव पंचिदिया, अणिदिया। जे जीवदेसा ते नियमं एगिदियदेसा जाव अणिदियदेसा । जे जीवपएसा ते नियमं एगिंदियपएसा जाव अणिदियपएसा । जे जीवपएसा ते नियमं एगिदियपएसा जाव अणिदियपएसा । जे अजीवा, ते दुविहा पण्णत्ता, तंजा रूविअजीवा य, अरूविअजीवा य । जे रूविअजीवा ते चउव्विहा पण्णत्ता, तं जहा खंधा १ खंधदेसा २ खंधपएसा ३ परमाणुपोग्गला ४ । जे अरूविअजीवा ते सत्तविहा पण्णत्ता, तं जहा नो धम्मत्थिकाये, धम्मत्थिकायस्स देसे १ धम्मत्थिकायस्स पदेसा २; नो अधम्मत्थिकाये, अधम्मत्थिकायस्स देसे ३ अधम्मत्थिकायस्स पदेसा ४; नो आगासत्थिकाये, आगासत्थिकायस्स देसे ५ आगासत्थिकायस्स पदेसा ६ अद्धासमये ७ । ९. अग्गेयी णं भंते! दिसा किं जीवा, जीवदेसा, जीवपदेसा० पुच्छा । गोयमा ! णो जीवा, जीवदेसा वि, जीवपदेसा वि, अजीव वि, अजीवदेसा वि, अजीवपदेसा वि । जे जीवदेसा ते नियमं एगिदियदेसा | अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसे १, अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसा २, अहवा एगिंदियदेसा य बेइंदियाण य देसा ३ | अहवा एगिदियदेसाय तेइंदियस्स देसे, एवं चेव तियभंगो भाणियव्वो । एवं जाव अणिदियाणं तियभंगो। जे जीवपदेसा ते नियमा एगिंदियपदेसा । अहवा एगिदियपदेसा य बेइंदियस्स पदेसा, अहवा एगिदियपदेसा य बेइंदियाण य पएसा । एवं आदिल्लविरहिओ जाव अणिदियाणं । जे अजीवा ते दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - रूविअजीवा य अरूविअजीवा य । जे रूविअजीवा ते चउव्विहा पण्णत्ता, तं जहा खंधा जाव परमाणुपोग्गला ४ । जे अरूविअजीवा ते सत्तविधा पण्णत्ता, तं जहा नो धम्मत्थिकाये, धम्मत्थिकायस्स देसे १ धम्मत्थिकायस्स पदेसा २; एवं अधम्मत्थिकायस्स वि ३-४; एवं आगासत्थिकायस्स वि जाव आगासत्थिकायस्स फ्र Education International 2010_03 www.jainelibrary.o MOMQUE LE LE LE LE LE LE LEVELE LE VE VE LE LE LE LE LE 45 46 46 45 45 46 461 2LGET-369 246 45 46 45 46 46 45 46 45 45 45 46 46 45 46 45 LE LE VELE LE VELE LEVELE VEGVON Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 49 (५) भगवई १० सतं ३ १.२.३ [१५१] फफफफफफफफफ पदेसा ५-६; अद्धासमये ७ ।। १०. जम्मा णं भंते ! दिसा किं जीवा० ? जहा इंदा (सु. ८) तहेव निरवसेसं । ११. नेरई जहा अग्गेयी (सु. ९) । १२. वारुणी जहा इंदा (सु. ८) । १३. वायव्वा जहा अग्गेयी (सु. ९) । १४. सोमा जहा इंदा । १५. ईसाणी जहा अग्गेयी । १६. विमलाए जीवा जहा अग्गेईए, अजीवा जहा इंदाए । १७. एवं तमाए वि, नवरं अरूवी छव्विहा । अद्धासमयो न भण्णति । [सु. १८-१९. पंचविहसरीरभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १८. कति णं भंते ! सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरा पण्णत्ता, तं जहा ओरालिए जाव कम्मए । १९. ओसलियसरीरे णं भंते! कतिविहे पण्णत्ते ? एवं ओगाहणसंठाणपदं निरवसेसं भाणियव्वं जाव अप्पाबहुगं ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ★★★ ॥ दसमे सए पढमो उद्देसो समत्तो ॥ १०.१ ।। बीओ उद्देसओ 'संवुडअणगारे'★★★ [सु. १. बितिउद्देसस्सुवुग्धाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी । [सु. २-३ वीयीपंथ अवीयीपंथठियम्मि रुवाइं निज्झायमाणम्मि संवुडम्मि अणगारम्मि कमेण संपराइयकिरिया - इरियावहियकिरियापरूवणं ] २. (१) संवुडस्स णं भंते! अणगारस्स वीयी पंथे ठिच्चा पुरओ रुवाइं निज्झायमाणस्स, मग्गतो रूवाइं अवयक्खमाणस्स, पासतो रुवाइं अवलोएमाणस्स, उहुं रूवाइं ओलोएमाणस्स, अहे रूवाई आलोएमाणस्स तस्स णं भंते! किं इरियावहिया किरिया कज्जइ, संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! संवुडस्स णं अणगारस्स वीसयी पंथे ठिच्चा जाव तस्स णं णो इरियावहिया किरिया कज्जइ, संपराइया किरिया कज्जइ । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ संवुड० जाव संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं कोह- माण- माया लोभा एवं जहा सत्तमसए पढमोद्देसए (सु. ७ उ० १ सु. १६ २ ) जाव से णं उस्सुत्तमेव रीयति, सेतेणट्टेणं जाव संपराइया किरिया कज्जति । ३. (१) संवुडस्स णं भंते ! अणगारस्स अवीयी पंथे ठिच्चा पुरतो रुवाइं निज्झायमाणस्स जाव तस्स णं भंते! किं इरियावहिया किरिया कज्जइ० ? पुच्छा। गोयमा ! संबुड० जाव तस्स णं इरियावहिया किरिया कज्जइ, नो संपराइया किरिया कज्जइ । (२) से केणद्वेणं भंते! एवं बुच्चइ ? जहा सत्तमसए सत्तमुद्देसए (सु. ७ उ. ७सु. १२) जाव से णं अहासुत्तमेव रीयति, सेतेणद्वेणं जाव नो संपराइया किरिया कज्जइ । [सु. ४. जोणिभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] ४. कतिविधा णं भंते! जोणी पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा जोणी पण्णत्ता, तं जहा सीया उसिणा सीतोसिणा । एवं जोणीपयं निश्वसेसं भाणियव्वं । [सु. ५. वेयणाभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] ५. कतिविधा णं भंते! वेदणा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा वेदणा पण्णत्ता, तं जहा सीता उसिणा सीतोसिणा । एवं वेदणापदं भाणितव्वं जाव नेरइया णं भंते! किं दुक्खं वेदणं वेदेति, सुहं वेदणं वेदेति, अदुक्खमसुहं वेदणं वेदेति ? गोयमा ! दुक्खं पि वेदणं पि वेदेति, सुहं पि वेदणं वेदेति, अदुक्खमसुहं पि वेदणं वेदेति। [सु. ६. मासियभिक्खुपडिमाराहणाजाणणत्थं दसासुयक्खंधावलोयणनिद्देसो] ६. मासियं णं भंते! भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स निच्चं वोसट्ठे काये चित् देहे, एवं मासिया भिक्खुपडिमा निरवसेसा भाणियव्वा जहा दसाहिं जाव आराहिया भवति । [सु. ७-९. अणालोयग आलोयगस्स भिक्खुणो कमेण अणाराहणाआराहणापरूवणं] ७. (१) भिक्खू य अन्नयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवित्ता, से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयऽपडिक्कंते कालं करेति नत्थि तस्स आराहणा । (२) से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कंते कालं करेति अत्थि तस्स आराहणा । ८. (१) भिक्खू य अन्नयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवित्ता, तस्स णं एवं भवति पच्छा विणं अहं चरिमकालसमयंसि एयस्स ठाणस्स आलोएस्सामि जाव पडिवज्जिस्सामि, से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयऽपडिक्कंते जाव नत्थि तस्स आराहणा । (२) सेणं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कंते कालं अत्थि तस्स आराहणा । ९. (१) भिक्खू य अन्नयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवित्ता, तस्स णं एवं भवति 'जइ ताव समणोवासगा वि कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवलोगेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति किमंग पुण अहं अणपन्नियदेवत्तणं पि नो लभिस्सामि ?' त्ति कट्टु सेणं तस्स ठाणस्स अणालोइयऽपडिक्कंते कालं करेति नत्थि तस्स आराहणा । (२) से णं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्कंते कालं करेति अत्थि तस्स आराहणा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० || १०.२|| ★★★ तइओ उद्देसओ 'आइड्डी' ★★★ [सु. १. तइउद्देस्सुवुग्धाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वदासी [सु. २-५. I KOO श्री आगमगुणमजूषा - ३६६ 6666666666666666666666666 Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GROF%955555555 (क) भगवई १०मतं 3.३.४ (१५२] 1555555555555sexop आइड्डि-परिड्डीहिं देवसु देवावासंतरगमणसामत्थवत्तव्वया] २. आइड्डीए णं भंते ! देवे जाव चत्तारि पंच देवावासंतराइं वीतिकंते तेणं परं परिड्डीए ? हंता, गोयमा ! आइड्डीए णं०, तं चेव । ३. एवं असुरकुमारे वि । नवरं असुरकुमारावासंतराई, सेसं तं चेव । ४. एवं एएणं कमेणं जाव थणियकुमारे । ५. एवं वाणमंतरे जोतिसिए वेमाणिए जाव तेण परं परिड्डीए। [सु. ६. अप्पिड्डियदेवस्स महिड्डियदेवमज्झे गमणसामत्थाभावो] ६. अप्पिड्डीए णं भंते ! देवे महिड्डीयस्स देवस्स मज्झमज्झेणं वीतीवइज्जा ? णो इणढे समठे। [सु.७ समिड्डियदेवस्स पमत्तसमिड्डियदेवमज्झे गमणसामत्थं] ७. (१) समिड्डीए णं भंते ! देवे समिड्डीयस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं वीतीवएना? णो इणढे समठे। पमत्तं पुण वीतीवएज्जा। (२) सेणं भंते ! किं विमोहित्ता पभू, अविमोहित्ता पभू? गोयमा ! विमोहेत्ता पभू, नो अविमोहेत्ता पभू । (३) से भंते ! किं पुव्विं विमोहेत्ता पच्छा वीतीवएज्जा? पुव्विं वीतीवएत्ता पच्छा विमोहेज्जा ? गोयमा ! पुव्विं विमोहेत्ता पच्छा वीतीवएज्जा, णो पुब्बिं वीतीवइत्ता पच्छा विमोहेज्जा। [सु. ८. महिड्डियदेवस्स अप्पिड्डियदेवमझे गमणसामत्थं] ८. (१) महिड्डीए णं भंते ! देवे अप्पिड्डीयस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं वीतीवएज्जा ? हंता, वीतीवएज्ना। (२) से भंते ! किं विमोहित्ता पभू. अविमोहित्ता पभू ? गोयमा ! विमोहित्ता वि पभू, अविमोहित्ता वि पभू । (३) से भंते ! किं पुव्विं विमोहेत्ता पच्छा वीतीवइज्जा ? पुव्विं वीतीवइत्ता पच्छा विमोहेज्जा ? गोयमा ! पुव्विं वा विमोहित्ता पच्छा वीतीवएज्जा. पुव्विं वा वीतीवइत्ता पच्छा विमोहेज्ना। [सु. ९-१०. अप्पिड्ढियाणं चउविहाणं देवाणं सकीयदेवलोयमहिड्डियदेवमज्झे गमणसामत्थाभावो] ९. (१) अप्पिड्डीए णं भंते ! असुरकुमारे महिड्डीयस्स असुरकुमारस्स मज्झमज्झेणं वीतीवएज्जा ? णो इणढे समढे। (२) एवं असुरकुमारेण वि तिण्णि आलावगा भाणियव्वा जहा ओहिएणं देवेणं भणिता। (३) एवं जाव थणियकुमारेणं । १०. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिएणं एवं चेव (सु. ९)। [सु. ११-१२. छट्ठ सत्तम- अट्ठमसुत्तवत्तव्वयाणुसारेण देवस्स देवीमज्झगमणसामत्थासामत्थपरूवणं] ११. अप्पिड्डीए णं भंते ! देवे महिड्डीयाए देवीए मज्झंमज्झेणं वीतीवएज्जा ? णो इणढे समठे। १२. समिड्डीए णं भंते ! देवे समिड्डीयाए देवीए मज्झंमज्झेणं०? एवं तहेव देवेण य देवीए य दंडओ भाणिव्वो जाव वेमाणियाए। [सु. १३. छट्ठ-सत्तम-अट्ठमसुत्तवत्तव्वयाणुसारेण देवी देवमज्झगमणसामत्थासामत्थनिरूवणं] १३. अप्पिड्डिया णं भंते ! देवी महिड्डीयस्स देवस्स मज्झमझेणं० ? एवं एसो वि तइओ भाणिव्वो जाव महिड्डिया वेमाणिणी अप्पिड्डियस्स वेमाणियस्स मज्झंमज्झेणं वीतीवएज्जा ? हंता, वीतीवएज्जा। [सु. १४-१७. छट्ठ-सत्तम-अट्ठमवत्तव्वयाणुसारेण देवीए देवीमज्झगमणसामत्थासामत्थनिरूवणं] १४. अप्पिड्डीया णं भंते ! देवी महिड्डियाए देवीए मझमज्झेणं वीतीवएज्जा ? णो इणढे समढे । १५. एवं समिड्डिया देवी समिड्डियाए देवीए तहेव । १६. महिड्डिया देवी अप्पिड्डियाए देवीए तहेव । १७. एवं एक्कक्के तिण्णि तिण्णि आलावगा भाणियव्वा जाव महिड्डीया णं भंते ! वेमाणिणी अप्पिड्डीयाए वेमाणिणीए मज्झमज्झेणं वीतीवएज्जा ? हंता, वीतीवएज्जा । सा भंते ! किं विमोहित्ता पभू ? तहेव जाव पुब्विं वा वीइवइत्ता पच्छा विमोहेज्ना । एए चत्तारि दंडगा। [सु. १८. धावमाणस्स आसस्स 'खु खु' सद्दकरेण हेउनिरूवणं] १८. आसस्स णं भंते ! धावमाणस्स किं 'खु खु' त्ति करेइ ? गोयमा ! आसस्स णं धावमाणस्स हिययस्स य जगयस्स य अंतरा एत्थ णं कक्कडए नाम वाए समुट्ठइ, जे णं धावमाणस्स 'खु खु' त्ति करेति । [सु. १९. पण्णवणीभासापरूवणं] १९. अह भंते ! आसइस्सामो सइस्सामो चिट्ठिस्सामो निसिइस्सामो तुयट्टिस्सामो, आमंताणि आणमणी २ जायणि ३ तह पुच्छणी ४ य पण्णवणी ५ । पच्चक्खाणी भासा ६ भासा इच्छाणुलोभा य ॥१॥ अणभिग्गहिया भासा ८ भासा य अभिग्गहम्मि बोधव्वा ९ । संसयकरणी भासा १० वोयड ११ मव्वोयडा १२ चेव ।।२।। पण्णवणी णं एसा भासा, न एसा भासा मोसा ? हंता, गोयमा ! आसइस्सामो० तं चेव जाव न एसा भासा मोसा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।।१०.३।। *** चउत्थो उद्देसओ 'सामहत्थि' [सु. १-४. चउत्थुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियगामे नामं नगरे होत्था । वण्णओ। दूतिपलासए चेतिए। सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया। २. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स जेटे अंतेवासी इंदभूती नामं अणगारे जाव उहुंजाणू जाव C听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听52 xe:55555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजघा - ३६७55555555555555555555555555OOK Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १० सतं उ-४ [१५३] फ्र विहरइ । ३. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतेवासी सामहत्थी नामं अणगारे पगतिभद्दए जहा रोहे जाव उडुंजाणू जाव विहरति । ४. तए से सामहत्थी अणगारे जायसड्डे जाव उट्ठाए उट्ठेति, उ० २ जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवच्छति, ते० उ० २ भगवं गोयमं तिक्खुत्तो जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी- [सु. ५-७. चमरतायत्तीसगदेवाणं अव्वोच्छित्तिनयट्टयाए सासयत्तं ] ५. (१) अत्थि णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तावत्तीसगा देवा ? हंता, अत्थि। (२) से केणट्ठेणं भंते ! एवं बुच्चति चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा ? एवं खलु सामहत्थी ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे कायंदी नामं नगरी होत्था । वण्णओ । तत्थ णं कायंदीए नयरीए तावत्तीसं सहाया गाहावती समणोवासगा परिव अड्डा जाव अपरिभूया अभिगयजीवाऽजीवा उवलद्वपुण्ण-पावा जाव विहरंति। तए णं ते तावत्तीसं सहाया गाहावती समणोवासया पुव्विं उग्गा उग्गविहारी संविग्गा संविग्गविहारी भवित्ता तओ पच्छा पासत्था पासत्यविहारी ओसन्ना ओसन्नविहारी कुसीला कुसीलविहारी अहाछंदा अहाछंदविहारी बहूई वासाइं समणोवासगपरियागं पाउणंति, पा० २ अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेति, झू० २ तीसं भत्ताइं अणसणाए छेदेति, छे० २ तस्स ठाणस्स अणालोइयऽपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तावत्तीसगदेवत्ताए उववन्ना। (३) जप्पभितिं च णं भंते! ते कायंदगा तावत्तीसं सहाया गाहावती समणोवासगा चमरस्स असुरिंदस्स असुंरकुमाररण्णो तावत्तीसदेवत्ताए उववन्ना तप्पभितिं च णं भंते! एवं वुच्चति 'चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा' ? । ६. तए णं भगवं गोयमे सामहत्थिणा अणगारेणं एवं वुत्ते समाणे संकिते कंखिए वितिगिछिए उट्ठाए उट्ठेइ, उ० २ सामहत्थिणा अणगारेणं सद्धिं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, ते० उ० २ समणं भगवं महावीरं वंदइ नमंसइ, वं० २ एवं वदासी- ७ (१) अत्थि णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुररण्णो तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा ? हंता, अत्थि । ( २ ) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ एवं तं चेव सव्वं भाणियव्वं (सु० ५ २-३ ) जाव तप्पभितिं च णं एवं वुच्चइ चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा ? णो इणट्ठे समट्ठे, गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तावत्तीसगाणं देवाणं सासए नामधेज्जे पण्णत्ते, जं न कदायि नासी, न कदायि न भवति, जाव निच्चे अव्वोच्छित्तिनयट्ठताए । अन्ने चयंति, अन्ने उववज्जंति । [सु. ८. बलितायत्तीसगदेवाणं अव्वोच्छित्तिनयट्टयाए सासयत्तं] ८. (१) अत्थि णं भंते ! बलिस्स वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा ? हंता, अत्थि । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति-बलिस्स वइरोयणिंदस्स जाव तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे विब्भेले णामं सन्निवेसे होत्था । वण्णओ । तत्थ णं वेभेल सन्निवेसे जहा चमरस्स जाव उववन्ना। जप्पभितिं च णं भंते! ते विब्भेलगा तावत्तीसं सहाया गाहावती समणोवासगा बलिस्स वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो सेसं तं चेव (सु० ७ २ ) जाव निच्चे अव्वोच्छित्तिनयट्टयाए । अन्ने चयंति, अन्ने उववज्र्ज्जति। [सु. ९-१०. धरणिंदाइमहाघोसपज्र्ज्जततायत्तीसगदेवाणं अव्वोच्छित्ति नयट्टयाए सासयत्तं ] ९. (१) अत्थि णं भंते ! धरणस्स नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा ? हंता, अत्थि । (२) से केणद्वेणं जाव तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा ? गोयमा ! धरणस्स नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो तावत्तीसगाणं देवाणं सासए नामधेज्जे पण्णत्ते, जं न कदायि नासी, जाव अन्ने चयंति, अन्ने उववज्जंति । १०. एवं भूयाणंदस्स वि । एवं जाव महाघोसस्स। [सु. ११-१२. सक्कीसाणतायत्तीसगदेवाणं अव्वोच्छित्तिनयट्टयाए सासयत्तं] ११. (१) अत्थि णं भंते! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो० पुच्छा । हंता, अत्थि। (२) से केणद्वेणं जाव तावत्तीसगा देवा, तावत्तीसगा देवा ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे वालए नाम सन्निवेसे होत्था । वण्णओ । तत्थ णं वालए सन्निवेसे तावत्तीसं सहाया गाहावती समणोवासगा जहा चमरस्स जाव विहरंति । तए णं ते तावत्तीसं सहाया गाहावती समणोवासगापुव्विं पि पच्छा वि उग्गा उग्गविहारी संविग्गा संविग्गविहारी बहूई वासाइं समणोवासगपरियाणं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अंत्ताणं झूसेति, झू० २ सद्वि भत्ताई अणसणाए छेदेति, छे० २ आलोइयपडिक्कंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा जाव उववन्ना । जप्पभितिं च णं भंते! ते वालगा तावत्तीसं श्री आगमगुणमंजुषा ३६८ फ्र 6666666666 Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फ़फ़फ़फ़फ़ (५) नई १० -9-3 (90 सहाया गाहावती समणोवासगा सेसं जहा चमरस्स जाव अन्ने उववज्नंति । १२. अत्थि णं भंते ! ईसाणस्स० । एवं जहा सक्कस्स, नवरं चंपाए नगरीए जाव उववन्ना । जप्पभितिं च णं भंते! चंपिच्चा तावत्तीसं सहाया० सेसं तं चेव जाव अन्ने उववज्र्ज्जति । [सु. १३-१४. सणकुमाराइअच्चुयपज्ज॑ततायत्तीसगदेवाणं अव्वोच्छित्तिनयट्टयाए सासयत्तं] १३. (१) अत्थि णं भंते ! सणकुमारस्स देविंदस्स देवरण्णो० पुच्छा। हंता, अत्थि । (२) से केणद्वेणं० ? जहा धरणस्स तहेव ॥ १४. एवं जाब पाणतस्स । एवं अच्चुतस्स जाव अन्ने उववज्जति। सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति० । ★ ★ ★ ॥ दसमस्स चउत्थो । १०.४॥ पंचमो उद्देसओ 'देवी' ★★★ [सु. १-३. पंचमुद्देसस्सुवुग्धाओ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नगरे गुणसिलए चेइए जाव परिसा पडिमया । २. तेणं कालेणं तेणं समर्पणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अंतेवासी थेरा भगवंतो जाइसंपन्ना जहा अट्टमे सए सत्तमुद्देसए (स०८ उ०७ सु० ३ जाव विहरति । ३. तए णं ते थेरा भगवंतो जायसड्डा जायसंसया जहा गोयमसामी जाव पज्जुवासमाणा एवं वदासी [सु. ४ चमरऽग महिसीणह अग्गमहिसिपरिवारदेबीणां च संखाई परूपणं ]४. चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो कति अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? अज्जो ! पंच अग्गमहिसीओ पन्नताओ, तं जहा काली रायी रयणी विज्जू मेहा । तत्थ णं मेगा देवी अट्ठ देवीसहस्सा परिवारो पन्नत्तो। पभू णं ताओ एगमेगा देवी अन्नाई अट्ठट्ठ देवीसहस्साइं परिवारो पन्नत्तो । पभू णं ताओ सुपव्वावरेणं चत्तालीसं देवीसहस्सा, से त्तं तुडिए। [सु. ५. अप्पणो सुहम्माए चमरस्स सभाए चमरस्स भोगभुंजणाईसु असमत्थत्तं, तस्स हेऊ य] ५. (१) पभू णं भंते! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि तुडिएणं सद्धिं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरितए ? णो इणट्टे समट्ठे। (२) से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ-नो पभू चमरे असुरिंदे चमरचंचाए रायहाणीए जाव विहरित्तए? “अज्जो ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए माणवए चेइयखंभे वइरामएस गोलवट्टसमुग्गएसु बहूओ जिणसकहाओ सन्निक्खित्ताओ चिट्ठति, जाओ णं चमरस्स असुरिंद असुरकुमाररण्णो अन्नेसिं च बहूणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य अच्चणिज्जाओ वंदणिज्जाओ नमसणिज्जाओ पूयणिज्जाओ सक्कारणिज्जाओ सम्माणणिज्जाओ कल्लाणं मंगलं देवयं चेतियं पज्जुवासणिज्जाओ भवंति, तेसिं पणिहाए नो पभूः से तेणट्टेणं अज्जो ! एवं वुच्चइ नो पभू चमरे असुरिदे जाव राया चमरचंचाए जा विहरित्तए। “ (३) पभूणं अज्जो ! चमरे असुरिंदे असुरकुमाराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सी हिं तावत्तीसाए जाव अन्नेहि य बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहि य देवीहि य सद्धिं संपरिवुडे महयाऽहय जाव भुंजमाणे विहरित्तए, केवलं परियारिद्धीए; नो चेव णं मेहुणवत्तियं”। [सु. ६-१०. सोमाईणं चउण्हं चमरलोगपालाणं देवीसंखाइपरूवणा] ६. चमरस्स णं भंते! असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमस्स महारण्णो कति अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा कणगा कणगलया चित्तगुत्ता वसुंधरा । तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगमेगं देविसहस्स परियारो पन्नत्तो । पभू णं ताओ एगमेगा देवी अन्नं एगमेगं देविसहस्सं परिवारं विउव्वित्तए। एवामेव चत्तारि देविसहस्सा, से त्तं तुडिए । ७. पभू णं भंते! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमे महाराया सोमाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए सोमंसि सीहासणंसि तुडिएणं० ? अवसेसं जहा चमरस्स, नवरं परियारो जहा सूरियाभस्स, सेसं तं चेव जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियं । ८. चमररस्स णं भंते! जाव रण्णो जमस्स महारण्णो कति अग्गमहिसीओ० ? एवं चेव, नवरं जमाए रायहाणीए सेसं जहा सोमस्स । ९. एवं वरुणस्स वि, नवरं वरुणाए रायहाणीए । १०. एवं वेसमणस्स वि, नवरं वेसमणाए रायहाणीए । सेसं तं चेव जाव ण चेव णं मेहुणवत्तियं। [सु. ११-१२. बलिस्स, सोमाईणं चउण्हं बलिलोगपालाणं च देवीसंखाइपरूवणा] ११. बलिस्स णं भंते! वइरोयणिंदस्स० पुच्छा । अज्जो ! पंच अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा सुंभा निसुंभा रंभा निरंभा मयणा । तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठट्ठ० सेसं जहा चमरस्स, नवरं बलिचंचाए रायहाणीए परियारो जहा मोउद्देसए (सु. ३ उ० १ सु. ११-१२), सेसं तं चेव, जाव मेहुणवत्तियं । १२. बलिस्स णं भंते! वइरोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो सोमस्स महारण्णो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा मीणगा सुभद्दा विजया असणी। तत्थ णं एगमेगाए देवीए० सेसं जहा चमरसोमस्स, ॐ श्री आगमगुणमंजूषा ३६९ Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ roo5555555555555 (५) भगवई १० सत्तं उ-५ [१५५] 5555555555555OOK COS历乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐 एवं जाव वेसमणस्स। सु.१३-१५. धरणस्स, कालवालाईणं चउण्हं धरणलोगपालाणं च देवीसंखाइपरूवणा] १३. धरणस्स णं भंते ! नागकुमररिंदस्स नागकुमाररण्णो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ? अज्जो ! छ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा अला मक्का सतेरा सोयामणी इंदा घणविज्जया। तत्थ णं एगमेगाए देवीए छ च्छ देविसहस्सा परियारो पन्नत्तो । पभू णं ताओ एगमेगा देवी अन्नाई छ च्छ देविसहस्साई परियारं विउव्वित्तए । एवामेव सपुव्वावरेणं उत्तीसं देविसहस्सा, सेत्तं तुडिए। १४. पभू णं भंते ! धरणे० ? सेसं तं चेव, नवरं धरणाए रायहाणीए धरणंसि सीहासणंसि सओ परियारो, सेसं तं चेव । १५. धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिंदस्स कालवालस्स लोगपालस्स महारण्णो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्ताओ; तं जहा असोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा। तत्थ णं एगमेगाए० अवसेसं जहा चमरलोगपालाणं । एवं सेसाणं तिण्ह वि लोगपालाणं । [सु. १६-१८. भूयाणंदाईणं भवणवासिइंदाणं, तेसिं तेसिं लोगपालाणं च देवीसंखाइपरूवणा] १६. भूयाणंदस्स णं भंते !० पुच्छा । अज्नो ! छ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा रूया रूयंसा सुरूया रुयगावती रूयकंतारूयप्पभा। तत्थ णं एगमेगाए देवीए० अवसेसं जहा धरणस्स। १७. भूयाणंदस्सणं भंते ! नागवित्तस्स० पुच्छा। अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा सुणंदा सुभद्दा सुजाया सुमणा। तत्थ णं एगमेगाए देवीए० अवसेसं जहा चमरलोगपालाणं । एवं सेसाणं तिण्ह वि लोगपालाणं । १८. जे दाहिणिल्ला इंदा तेसिंजहा धरणस्स। लोगपालाणं पितेसिं जहा धरणलोगपालाणं । उत्तरिल्लाणं इंदाणं जहा भूयणंदस्स। लोगपालाण वि तेसिं जहा भूयाणंदस्स लोगपालाणं । नवरं इंदाणं सव्वेसिं रायहाणीओ, सीहासणाणि य सरिसणमगाणि, परियारो जहा मोउद्देसए (सु०३ उ०१ सु०१४)। लोगपालाणं सव्वेसिं रायहाणीओ सीहासणाणि य सरिसनामगाणि, परियारो जहा चमरलोगपालाणं । [ सु. १९-२६. कालाईणं वाणमंतरिंदाणं देवीसंखाइपरूवणा] १९. (१) कालस्स णं भंते ! पिसाइंदस्स पिसायरण्णो कति अगमहिसीओ पन्नत्ताओ? अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा कमला कमलप्पभा उप्पला सुदंसणा। तत्थणं एगमेगाए देवीए एगमेगं देवीसहस्सं, सेसं जहा चमरलोगपालाणं । परियारो तहेब, नवरं कालाए रायहाणीए कालंसिसीहासणंसि, सेसंतं चेव। (२) एवं महाकालस्स वि। २०. (१) सुरुवस्स णं भंते ! भूइंदस्स भूयरन्नो० पुच्छा। अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा रूववती बहुरूवा सुरूवा सुभगा । तत्थ णं एगमेगाए० सेसं जहा कालस्स। (२) एवं पडिरूवगस्स वि । २१. (१) पुण्णभद्दस्स णं भंते ! जक्खिंदस्स० पुच्छा । अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा पुण्णा बहुपुत्तिया उत्तमा तारया । तत्थ णं एगमेगाए० सेसं जहा कालस्स०। (२) एवं माणिभद्दस्स वि। २२. (१) भीमस्स णं भंते ! रक्खसिंदस्स० पुच्छा। अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा पउमा पउमावती कणगा रयणप्पभा। तत्थ णं एगमेगा० सेसं जहा कालस्स। (२) एवं महाभीमस्स वि। २३. (१) किन्नरस्स णं भंते ! ० पुच्छा । अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा वडेंसा केतुमती रतिसेणा रतिप्पिया। तत्थ णं० सेसं तं चेव। (२) एवं किंपुरिसस्स वि । २४. (१) सप्पुरिसस्स णं० पुच्छा। अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-रोहिणी नवमिया हिरी पुप्फवती। तत्थ णं एगमेगा०, सेसं तं चेव। (२) एवं महापुरिसस्स वि । २५. (१) अतिकायस्स णं भंते !० पुच्छा । अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-भुयगा भुयगवती महाकच्छा फुडा । तत्थ णं०, सेसं तं चेव । (२) एवं महाकायस्स वि । २६. (१) गीतरतिस्स णं भंते !० पुच्छा । अज्जो ! चत्तारि म अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-सुघोसा विमला सुस्सरा सरस्सती। तत्थ णं०, सेसं तं चेव। (२) एवं गीयजसस्स वि। सव्वेसिं एतेसिं जहा कालस्स, नवरं म सरिर्सनामियाओ रायहाणीओसीहासणाणि य । सेसं तं चेव। [सु. २७-३०. चंद-सूर-गहाणं देवीसंखाइपरूवणा] २७. चंदस्स णं भंते! जोतिसिंदस्स जोतिसरण्णो० म पुच्छा। अज्जो ! चत्तारि, अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा- चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा । एवं जहा जीवाभिगमे जोतिसियउद्देसए तहेव। २८. सूरस्स है वि सूरप्पभा आयावाभा अच्चिमाली पभंकरा। सेसं तं चेव जाव नो चेव णं मेहुणवत्तियं । २९. इंगालस्स णं भंते ! महग्गहस्स कति अग्ग० पुच्छा। अज्जो ! चत्तारि 2 अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-विजया वेजयंती जयंती अपराजिया। तत्थ णं एगमेगाए देवीए०, सेसं जहा चंदस्स । नवरं इंगालवडेंसए विमाणे इंगालगंसि re. $$55555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा-३७०555555555$$$$$$$$$$$$$$OOK mer055555555555555555555555555555555555555555555555 Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FO9555555555 (५) भगवई १० सतं उ-५-६-७-३४/११ सनं उ.१ १५६] 5555555555555555eos CTC明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐听听听听乐乐乐乐乐乐国乐乐明乐乐乐乐50 सीहासणंसि। सेसं तं चेव। ३०. एवं वियालगस्स वि। एवं अट्ठासीतीए वि महागहाणं भाणियव्वं जाव भावकेउस्स। नवरं वडेंसगा सीहासणाणि य सरिनामगाणि । सेसं तं चेव। [सु. ३१-३३. सकस्स देविंदस्स, तस्स लोगपालाणं च देविसंखाइपरूवणा] ३१. सकस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरणो० पुच्छा । अज्जो ! अट्ठ अगमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-पउमा सिवा सुयी अंजू अमला अच्छरा नवमिया रोहिणी। तत्थणं एगमेगाए देवीए सोलस सोलस देविसहस्सा परियारो पन्नत्तो। पभू णं ताओ एगमेगा देवी अन्नाई सोलस सोलस देविसहस्सा परियारं विउव्वित्तए । एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देविसयसहस्सं, सेत्तं तुडिए। ३२. पभूणं भंते ! सक्के देविदे देवराया सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सक्कंति सीहासणंसि तुडिएणं सद्धिं० सेसं जहा चमरस्स (सु०६-७) । नवरं परियारो जहा मोउद्देसए (स० ३ उ० १ सु० १५) । ३३. सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो कति अग्गमहिसीओ० पुच्छा। अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-रोहिणी मदणा चित्ता सोमा। तत्थ णं एगमेगा०, सेसं जहा चमरलोगपालाणं (सु० ८-१३)। नवरं सयंपभे विमाणे सभाए सुहम्माए सोमंसि सीहासणंसि, सेसं तं चेव । एवं जाव वेसमणस्स, नवरं विमाणाइं जहा ततियसए (स० ३ उ० ७सु० ३)। [सु. ३४-३५. ईसाणस्स, तस्स लोगपालाणं च देविसंखाइपरूवणा] ३४. ईसाणस्सणं भंते ! पुच्छा। अज्जो! अट्ठ अगमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-कण्हा कण्हराई रामा रामरक्खिया वसू वसुगुत्ता वसुमित्ता वसुंधरा । तत्थ णं एगमेगाए०, सेसं जहा सक्कस्स । ३५. ईसाणस्स णं भंते ! देविंदस्स सोमस्स महारण्णो कति० पुच्छा । अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ ॐ पन्नत्ताओ, तं जहा-पुढवी राती रयणी विज्जू । तत्थ णं०, सेसं जहा सक्कस्स लोगपालाणं । एवं जाव वरुणस्स, नवरं विमाणा जहा चउत्थसए (स०४ उ०१ सु० ३) । सेसं तं चेव जाव नो चेवणं मेहुणवत्तियं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ।॥१०.५।। *छट्ठो उद्देसओ 'सभा' [सु. १. सक्कस्स सुहम्मसभाए वण्णणं] १. कहिणं भंते ! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सभा सुहम्मा पन्नत्ता? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए एवं जहा रायप्पसेणइज्ने जाव पंच वडेंसगा पन्नत्ता, तं जहा-असोगवडेंसए जाव मज्झे सोहम्मवडेंसए। सेणं सोहम्मवडेंसए महाविमाणे अद्धतेरस जोयणसयसहस्साई आयाम-विक्खंभेणं, एवं जह सूरियामे तहेव माणं तहेव उववातो। सक्कस्स य अभिसेओ तहेव जह सूरियाभस्स॥१॥ अलंकार अच्चणिया तहेव जाव आयरक्ख त्ति, दो सागरोवमाइं ठिती। [सु. २. सक्कस्स देविंदस्स इड्डिआईणं परूवणा] २. सक्के णं भंते ! देविदे देवराया केमहिड्डीए जाव केमहासोक्खे? गोयमा ! महिड्डीए जाव महासोक्खे, सेणं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्साणं जाव विहरति, एमहिड्डीए जाव एमहासोक्खे सक्के देविद देवराया। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। ।।१०.६।। सत्तमाइचोत्तीसइमपज्जता उद्देसा 'उत्तरअंतरदीवा' । सु.१. उत्तरिल्लअंतरदीववत्तव्वयाजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो १. कहिं णं भंते ! उत्तरिल्लाणं एगोरूयमणुस्साणं एगोरुयदीवे नाम दीवे पन्नत्ते ? एवं जहा जीवाभिगमे तहेव निरवसेसं जाव सुद्धदंतदीवो त्ति । एए अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियव्वा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति । १०.७-३४॥ * ॥दसमं सयं समत्तं ॥१०॥ एक्कारस्स सयंम सु. १. एगारससयस्स बारसउद्देसनामसंगहगाहा] १. उप्पल १ सालु २ पलासे ३ कुंभी ४ नालीय ५ पउम ६ कण्णीय ७ । नलिण ८ सिव ९ लोग १० कालाऽऽलभिय ११-१२ दस दो य एक्कारे ॥१| पढमो उद्देसओ 'उप्पल' [सु. २. पढमुद्देसस्स दारसंगहगाहाओ] २. उववाओ १ परिमाणं २ अवहारुच्चत्त ॐ ३-४ बंध ५ वेदे ६ य । उदए ७ उदीरणाए ८ लेसा ९ दिट्ठी १० य नाणे ११ य ।।२।। जोगुवओगे १२-१३ वण्ण-रसमाइ १४ ऊसासगे १५ य आहारे १६ । विरई १७किरिया १८ बंधे १९ सण्ण२० कसायित्थि २१-२२ बंधे २३ य॥३।। सण्णिदिय २४-२५ अणुबंधे २६ संवेहाऽऽहार २७-२८ ठिइ २९ समुग्घाए ३० । चयणं ३१ मूलदीसु य उववाओ सव्वजीवाणं ३२||४|| [सु. ३. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ] ३. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी- [सु. ४. जा उप्पलपत्ते एग-अणेगजीववियारो] ४. उप्पले णं भंते ! एगपत्तए किं एगजीवे अणेगजीवे ? गोयमा ! एगजीवे, नो अणेगजीवे । तेण परं जे अन्ने जीवा उववज्जति ते 的听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 FESSOL (oainEducation International 2010-03 -For Evate & PersonalLise Only Hon-an-1-.-.-1-1-1-1-1-1-15rIrririricNELELENEIRELEELARITHIL 2021- 11 -. -. -. -. -. -. - - -. - -. -. -. -1 www.jainelibrary.oro) -1 -1 - - 0 F Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ G1955555555555555 (५) भगवई ११ सतं उ. १ [१५७) 555555555555555OOK Pणंणो एगजीवा, अणेगजीवा। [सु. ५. उप्पलपत्तजीवेपडुच्च पदमंउववायदारं] ५. तेणं भंते! जीवा कतोहिंतो उववज्जति ? किं नेरइएहिंतो उववज्जंति, तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति, मणुस्सेहितो उववज्जति, देवहितो उववज्जति ? गोयमा ! नो नेरइएहितो उववज्जति, तिरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जति, मणुस्सेहितो वि उववज्जंति, देवेहितो वि उववति । एवं उववाओ भाणियव्वो जहा वक्तीए वणस्सतिकाइयाणं जाव ईसाणो त्ति। दारं १ | [सु. ६. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च बीयं परिमाणदारं] भ६. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति । दारं । [सु.॥ ७ उप्पलपत्तजीवे पडुच्च तइयं अवहारदारं] ७. ते णं भंते ! जीवा समए समए अवहीरमाणा अवहीरमाणा केवतिकालेणं अवहीरंति ? गोयमा ! ते णं असंखेज्जा समए समए अवहीरमाणा अवहीरमाणा असंखेज्जाहिं ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीहिं अवहीरंति, नो चेवणं अवहिया सिया। दारं ३ 1 [सु. ८. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च चउत्थं उच्चत्तदारं] ८. तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखिज्जइभागं, उक्कोसेणं सातिरेगं जोयणसहस्सं। दारंभ ४। [सु. ९. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च पंचमं णाणावरणाइबंधदारं ] ९. ते णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं बंधगा, अबंधगा ? गोयमा ! नो अबंधगा, बंधए वा बंधगा वा । एवं जाव अंतराइयस्स । नवरं आउयस्स पुच्छा, गोयमा ! बंधए वा १, अबंधए वा २, बंधगा वा ३, अबंधगा वा ४, अहवा बंधए य अबंधए य ५, अहवा बंधए य अबंधगा य ६, अहवा बंधगा य अबंधगे य ७, अहवा बंधगा य अबंधगा य ८, एते अट्ठ भंगा। दारं ५ । [सु. १०-११. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च छ8 वेददारं] १०. ते णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं वेदगा, अवेदगा ? गोयमा ! नो अवेदगा, वेदए वा वेदगा वा । एवं जाव अंतराइयस्स। ११.ते णं भंते ! जीवा किं सातावेदगा, असातावेदगा ? गोयमा ! सातावेदए वा, असातावेयए वा, अट्ठ भंगा। दारं ६ । [सु. १२. उप्प,पत्तजीवे पडुच्च सत्तमं उदयदारं] १२. ते णं भंते ! जीवा नाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं उदई, अणुदई ? गोयमा ! नो अणुदई, उदई वा उदइणो वा । एवं जाव अंतराइयस्स। दारं ७ । [सु. १३. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च अट्ठमं उदीरणादारं] १३. ते णं भंते ! जीवा नाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं उदीरगा, अणुदीरगा ? गोयमा ! नो अणुदीरगा, उदीरए वा उदीरगा वा । एवं जाव अंतराइयस्स। नवरं वेदणिज्जाउएसु अट्ठ भंगा। दारं ८ । [सु. १४. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च नवमं लेस्सादारं] १४. ते णं भंते जीवा किं कण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा तेउलेस्सा ? गोयमा ! कण्हलेस्सा वा जाव तेउलेस्से वा, कण्हलेस्साचा नीललेस्सा वा काउलेस्सा वा तेउलेस्सा वा, अहवा कण्हलेस्से य नीललेस्से य, एवं एए दुयासंजोग-तिया-संजोग-चउक्कसंजोगेण य असीति भंगा भवंति। दारं ९ । [सु. १५. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च दसमं दिट्ठिदारं] १५. ते णं भंते ! जीवा किं सम्मद्दिट्ठी, मिच्छाद्दिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी ? गोयमा ! नो सम्मद्दिट्ठी, नो सम्मामिच्छद्दिट्ठी, मिच्छादिट्ठी वा मिच्छादिट्ठिणो वा । दारं १० । [सु. १६. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च एगारसमं नाणदारं] । १६. ते णं भंते ? जीवा किं नाणी, अन्नाणी ? गोयमा ! नो नाणी, अन्नाणी वा अन्नाणिणो वा [दारं ११] [सु. १७. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च बारसमं जोगदारं] १७. ते णं भंते ! जीवा किं मणजोगी, वइजोगी, कायजोगी ? गोयमा ! नो मणजोग, णो वइजोगी, कायजोगी वा कायजोगिणो वा । दारं १२ । [सु. १८ उप्पलपत्तजीवे पडुच्च तेरसमं उवओगदारं] १८. ते णं भंते ? जीवा किं सागारोवउता, अणागारोवउत्ता ? गोयमा ? सागारोवउन्तं वा अणागारोवउत्तेवा, अट्ठ भंगा। दारं १३ [सु. १९. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च चोद्दसमं वण्ण-रसाइदारं] १९. तेसिणं भंते ! जीवाणं सरीगा कतिवण्णा कतिरसा कतिगंधा कतिफासा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचवण्णा, पंचरसा, दुगंधा, अट्ठफासा पन्नत्ता। ते पुण अप्पणा अवण्णा अगंधा अरसा अफासा पन्नत्ता। दारं १४ । [सु. २०. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च पनरसमं ऊसासगदारं] २०. ते णं भंते ! जीवा किं उस्सासा, निस्सासा, नोउस्सासनिस्सासा? गोयमा ! उस्सासए वा १, निस्सासए वा २, नोउस्सासनिस्सासए वा ३, उस्सासगा वा ४, निस्सासगा वा ५, नोउस्सासनिस्सासगा वा ६, अहवा उस्सासए य निस्सासए य निस्सासए य ४(७-१०), अहवा उस्सासए य नोउस्सासनीसासए य ४ (१५-१८), अहवा उस्सासए य नीसासए य नोउस्सासनिस्सासए य -अट्ठ भंगा (१९-२६), एए र छव्वीसं भंगा भवंति। दारं १५ । [सु. २१. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च सोलसमं आहारदारं] २१. ते णं भंते ! जीवा किं आहारगा, अणाहारगा? गोयमा ! आहारए वा Mero 9 5 5555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३७२०5555555$$$$$$$$$$$$#FISTOR SOS$乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐安乐乐乐安乐乐乐坊乐乐贝贝5C GO明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听过 Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XCK (५) भगवई ११ सतं . १ [१५८] हावा, एवं अभंगा । दारं १६ । [सु. २२. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च सत्तरसमं विरइदारं ] २२. ते णं भंते ! जीवा किं विरया, अविरया विरयाविरया ? गोयमा ! नो विरया, नो विरयाविरया, अविरए वा अविरता वा । दारं १७ । [सु. २३. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च अट्ठारसमं किरियादारं ]२३. ते णं भंते! जीवा किं सकिरिया, अकिरिया ? गोयमा ! नो अकिरिया, सकिरिया, सकिरिया वा । दारं १८ । [सु. २४. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च एगूणवीसइमं सत्तविह अट्ठविहबंधगदारं ] २४. ते णं भंते ! जीवा किं सत्तविहबंधगा, अट्ठविहबंधगा ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा, अट्ठ भंगा। दारं १९ । [सु. २५-२६. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च २०२१ तमाणि सण्णा-कसायदाराई ] २५. ते णं भंते ! जीवा किं आहारसण्णोवउत्ता, भयसण्णोवउत्ता, मेहुणसन्नोवउत्ता, परिग्गसहसन्नोवउत्ता ? गोयमा ! आहारसण्णोवउत्ता वा, असीती भंगा। दारं २० । २६. ते णं भंते! जीवा किं कोहकसायी, माणकसायी, मायाकसायी, लोभकसायी ? असीती भंगा। दारं २१ । [ सु. २७-२८. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च २२-२३ तमाई इत्थिवेदादिवेदगबंधगाई दाराई ] २७. ते णं भंते! जीवा किं इत्थिवेदगा, पुरिसवेदगा, नपुंसगवेदगा ? गोयमा ! नो इत्थवेदगा, नो पुरिसवेदगा, नपुंसगवेदए वा नपुंसगवेदगा वा । दारं २२ । २८. ते णं भंते ! जीवा किं इत्थिवेदबंधगा, पुरिसवेदबंधगा, नपुंसगवेदबंधगा ? गोयमा ! इत्थिवेदबंधए वा पुरिसवेदबंधए वा नपुंसगवेदबंधए वा, छव्वीसं भंगा। दारं २३ । [ सु. २९-३०. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च २४-२५ तमाइं सण्णिइंदियदारई ] २९. ते णं भंते! जीवा किं सण्णी, असण्णी ? गोयमा ! नो सण्णी, असण्णी वा असण्णिणो वा । दारं २४ । ३०. ते णं भंते ! जीवा किं सइंदिया, दिया ? गोयमा ! नो अणिदिया, सइंदिए वा सइंदिया वा । दारं २५ । [ सु. ३१-३९. उप्पलजीवं पडुच्चं २६-२७ तमाई अणुबंध - संवेहदाराई] ३१. से णं भंते ! ‘उप्पलजीवे’ त्ति कालओ केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं । दारं २६ ३२. से णं भंते ! उप्पलजीवे 'पुढविजीवे' पुणरवि 'उप्पलजीवे' त्ति केवतियं कालं से हवेज्जा ? केवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणारं, उक्कोसेणं असंखेज्जाइं भवग्गहणाई । कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं । एवतियं कालं से हवेज्जा, एवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा । ३३. से णं भंते ! उप्पलजीवे उजवे एवं चेव । ३४. एवं जहा पुढविजीवे भणिए तहा जाव वाउजीवे भाणियव्वे । ३५. से णं भंते ! उप्पलजीवे से वणस्सइजीवे, से वणस्सइजीवे पुणरवि उप्पलजीवेत्ति केवतियं कालं से हवेज्जा, केवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा ? गोयमा ! भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अणंताइं भवग्गहणाई । कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं अणंतं कालं तरुकालो, एवतियं कालं से हवेज्जा, एवइयं कालं गइरागई करेज्जा । ३६. से णं भंते ! उप्पलजीवे इंदियजीवे, बेइंदियजीवे पुणरवि उप्पलजीवे त्ति केवतियं कालं से हवेज्जा ? केवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं जहनेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं संखेज्जाई भवग्गहणाई । कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं संखेज्जं कालं । एवतियं कालं से हवेज्जा, एवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा । ३७. एवं तेइंदियजीवे, एवं चउरिदियजीवे वि । ३८. से णं भंते! उप्पलजीवे पंचेदियतिरिक्खजोणियजीवे, पंचिदियतिरिक्खजोणियजीवे पुणरवि उप्पलजीवे त्ति० पुच्छा । गोयमा ! भवादेसेणं जहन्नेणं दोभवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई। कालाएसेणं जहन्त्रेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं पुव्वकोडिपुहत्तं । एवतियं कालं से हवेज्जा, एवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा । ३९. एवं मणुस्सेण वि समं जाव एवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा दारं २७ । [सु. ४०-४४. उप्पलपत्तजीवे पडुच्च २८-३१ तमाई आहार-ठिइ-समुग्धाय चयणदाराई] ४०. ते णं भंते! जीवा किमाहारमाहारेति ? गोयमा ! दव्वओ अणंतपदेसियाइं दव्वाइं०, एवं जहा आहारुद्देसए वणस्सतिकाइयाणं आहारो तहेव जाव सव्वप्पणयाए आहारमाहारेति, नवरं नियमं छद्दिसिं, सेसं तं चेव । दारं २८ । ४१. तेसि णं भंते! जीवाणं केवतियं कालं ठी पत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दस वाससहस्साइं । दारं २९ । ४२. तेसि णं भंते ! जीवाणं कति समुग्धाता पन्नत्ता ? गोयमा ! तओ समुग्धाया पन्नत्ता, तं जहा वेदणासमुग्धाए कसायसमुग्धाए मारणंतियसमुग्धाए । दारं ३० । ४३. ते णं भंते! जीवा मारणंतियसमुग्धाएणं किं समोहया मरंति, असमोहया मरंति ? गोयमा ! समोहया वि मरंति, असमोहया वि मरंति । ४४. ते णं भंते ! जीवा अणंतरं उव्वट्ठित्ता कहिं गच्छति ?, कहिं उववज्जंति ?, किं नेरइएस फफफफा श्री आगमगणमजुषा - ३७३ LEVEL 666666 Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FAG0555555555555555 (५) भगवई ११सतं उ-२-३-४-५.६.७.८.९ [१५९] 五五五五五五五牙牙牙牙牙牙牙 %2C CCF听听听听听听听听听听乐乐玩乐乐乐乐乐 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐 乐乐乐乐 2 उववज्जंति, तिरिक्खजोणिएसु उववज्जति?० एवं जहा वक्कंतीए उव्वट्टणाए वणस्सइकाइयाणं तहा भाणियव्वं । दारं३१ । [सु. ४५. उप्पलमूलाईसु सव्वजीवाणं उववायपरूवगं बत्तीसइमं दारं] ४५. अह भंते ! सव्वपाणा सव्वभूया सव्वजीवा सव्वसत्ता उप्पलमूलत्ताए उप्पलकंदत्ताए उप्पलनालत्ताए उप्पलपत्तत्ताए उप्पलकेसरत्ताए उप्पलकण्णियत्ताए उप्पलथिभगत्ताए उववपन्नपुव्वा ? हंता, गोयमा ! असंति अदुवा अणंतखुत्तो। दारं ३२ । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। * ॥उप्पलुद्देसओ।।११.१॥ बीओ उद्देसओ 'सालु' * * [सु. १. सालुयजीववत्तव्वयाजाणणत्थं पढमउप्पलुद्देसावलोयणनिद्देसपुव्वं विसेसपरूवणा] १. सालुए णं भंते ! एगपत्तए किं एगजीवे, अणेगजीवे ? गोयमा ! एगजीवे, एवं उप्पलुद्देसगवत्तव्वया अपरिसेसा भाणियव्वा जाव अणंतखुत्तो। नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं धणुपुहत्तं । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।११.२।। *** तइओ उद्देसओ 'पलासे'★★★, [सु. १. पलासजीववत्तव्वयाजाणणत्थं पढमउप्पलुद्देसावलोयणनिद्देसपुव्वं विसेसपरूवणा] १. पलासे णं भंते! एगपत्तए किं एगजीवे, अणेगजीवे? एवं उप्पलुद्देसगवत्तव्वया अपरिसेसा भाणितव्वा । नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजतिभागं, उक्कोसेणं गाउयपुहत्तं । देवा एएसु न उववज्जति । लेसासु- ते णं भंते! जीवा किं कण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा? गोयमा! कण्हलेस्सा वा, नीललेस्सा वा, काउलेस्सा वा, छव्वीसं भंगा । सेसं तं चेव । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति०।।११.३||★★★चउत्थो उद्देसओ 'कुंभी'★★★ [सु. १. कुंभियजीववत्तव्वयाजाणणत्थं तइयपलासुद्देसावलोयणनिद्देसपुव्वं विसेसपरूवणा] १. कुंभिएणं भंते ! एगपत्तए किं एगजीवे, अणेगजीवे? एवं जहा पलासुद्देसए तहा भाणियव्वे, नवरं ठिती जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं वासपुहृत्तं । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।।११.४||★★★ पंचमो उद्देसओ 'नालीय'★★★ [सु. १. नालियजीववत्तव्वयाजाणणत्थं चउत्थकुंभिउद्देसावलोयणनिदेसो] १. नालिएणं भंते ! एगपत्तए किं एगजीवे, अणेगजीवे ? एवं कुंभिउद्देसगवत्तव्वया निरवसेसा भाणियव्वा । सेवं भंते! सेवं भंते ! त्ति० ।।११.५।। *** छट्ठो उद्देसओ 'पउम' [सु. १. पउमजीववत्तव्वयाजाणणत्थं पढमउप्पलुद्देसावलोयणनिद्देसो] १. पउमे णं भंते ! एगपत्तए किं ' एगजीवे, अणेगजीवे ? एवं उप्पलुद्देसगवत्तव्वया निरवसेसा भाणियव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।११.६।।***सत्तमो उद्देसओ 'कण्णीय'*** [सु. १. कण्णियजीववत्तव्वयाजाणणत्थं पढमउप्पलुद्देसावलोयणनिद्देसो] १. कण्णिए णं भंते ! एगपत्तए किं एगजीवे, अणेगजीवे? एवं चेव निरवसेसं भाणियव्वं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।११.७।। *** अट्ठमो उद्देसओ 'नलिण' सु. १. नलिणजीववत्तव्वयाजाणणत्थं पढमउप्पलुद्देसावलोयणनिद्देसो] १. नलिणे णं भंते ! एगपत्तए किं एगजीवे, अणेगजीवे ? एवं चेव निरवसेसं जाव अणंतखुत्तो।। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिक । ||११.८|| नवमो उद्देसओ ई 'सिव' [सु. १-५. सिवस्स रण्णो रायहाणी-भज्जा-पुत्ताणं नामाइं] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं हत्थिणापुरे नाम नगरे होत्था । वण्णओ। २. तस्स णं हत्थिणापुरस्सनगरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभागे एत्थे णं सहसंबवणे नामं उज्जाणे होत्था। सव्वोउयपुप्फफलसमिद्धे रम्मेणंदणवणसन्निगासे सुहसीयलच्छाए मणोरमे सादुफले अकंटए पासादीए जाव पडिरूवे । ३. तत्थ णं हत्थिणापुरे नगरे सिवे नाम राया होत्था, महताहिमवंत० । वण्णओ। ४. तस्स णं सिवस्स रण्णो धारिणी नामं देवी होत्था, सुकुमालपाणिपाया० । वण्णओ। ५. तस्स णं सिवस्स रण्णो पुत्ते धारिणीए अत्तए सिवभद्दए नाम कुमारे होत्था, सुकुमाल० जहा सूरियकंते जाव पच्चुवेक्खमाणे पच्चुवेक्खमाणे विहरति। [सु. ६. सिवस्स रणोदिसापोक्खियतावसपव्वज्जागहणसंकप्यो विविहप्पयारतावसनामाई च] ६. तए णं तस्स सिवस्स रण्णो अन्नया कदायि पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि रजधुरं चिंतेमाणस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था "अत्थि ता में पुरा फ़ पोराणाणं जहा तामलिस्स (स०३ उ०१ सु० ३६) जाव पुत्तेहिं वड्डामि, पसूहिं वड्डामि, रजेणं वड्डामि, एवं रतुणं बलेणं वाहणेणं कोसेणं कोट्ठागारेणं पुरेणं ·UGO乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$520 । Preros #555555555555555555. श्री आगमगुणमंजूषा- ३७४55555555555555555555555 FOTO Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ११ सतं उ-९ [१६०] अंतेउरेणं वड्ढामि, विपुलधण-कणग-रयण० जाव संतसारसावदेज्जेणं अतीव अतीव अभिवड्डामि, तं किं णं अहं पुरा पोराणाणं जाव एगंतसोक्खयं उवेहमाणे विहरामि? तं जाव जाव अहं हिरण्णणं वड्डामि तं चेव जाव अभिवड्ढामि, जावं च मे सामंतरायाणो वि वसे वटुंति, तावता मे सेयं कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलंते सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडयं घडावेत्ता, सिवभई कुमारं रज्जे ठाविना, तं सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडयं गहाय जे इमे गंगाकूले वाणपत्था तावसा भवंति, तं जहा होत्तिया पोत्तिया जहा उववातिए जाव कट्टसोल्लियं पिव अप्पाणं करेमाणा विहरंति । तत्थ णं जे ते दिसापोक्खिय तावसा तेसिं अंतियं मुंडे भवित्ता दिसापोक्खिततावसत्ताए पव्वइत्तए। पव्वइते वि यणं समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हिहस्सामि कप्पति मे जावज्जीवाए छटुंछटेणं अणिक्खित्तेणं दिसाचक्कवालएणं तवोकम्मेणं उर्दु बाहाओ पगिज्झिय पगिज्झिय जाव विहरित्तए' त्ति कट्ट, एवं संपेहेइ, संपेहेत्ता कल्लं जाव जलंते सुबुहुं लोहीलोह जाव घडावित्ता कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ, को० स०२ एवं वदासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हत्थिणापुर नगरं सब्भितरबाहिरियं आसिय जाव तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति। [सु.७-११. सिवभद्दकुमाररज्जाभिसेयपुव्वं सिवस्स रण्णो दिसापोक्खियतावसपव्वज्जागहणं ] ७. तए णं से सिवे राया दोच्चं पि कोडुबियपुरिसे सद्दावेति, स०२ एवं वदासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सिवभहस्स कुमारस्स महत्थं महग्धं महरिहं विउलं रायाभिसेयं उवट्ठवेह । ८. तए णं ते कोडुंबियपुरिसा तहेव उवट्ठवेति । ९. तए णं से सिवे राया अणेगगणनायग-दंडनायग जाव संधिपाल सद्धिं संपरिवुडे सिवभई कुमारं सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहं निसीयावेति, नि० २ अट्ठसतेणं सोवणियाणं कलसाणं जाव अट्ठसतेणं भोमेज्जाणं कलसाणं सव्विड्डीए जाव खेणं महया रायाभिसेएणं अभिसिंचति, म० अ०२ पम्हलसुकुमालाए सुरभीए गंधकासाईए गाताई लूहेति, पम्ह० लू०२ सरसेणं गोसीसेणं एवं जहेव जमालिस्स अलंकारो (स०.९ उ०३३ सु० ५७) तहेव जाव कप्परुक्खगं पिव अलंकियविभूसियं करेति, क०२ करयल जाव कट्ट सिवभई कुमारं जएणं विजएणं वद्धावेति, जए० व०२ ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं जहा उववातिए कोणियस्स जाव परमायुं पालयाहि इट्ठजणसंपरिबुडे हत्थिणापुरस्स नगरस्स अन्नेसिं च बहूणं गामागर -नगर जाव विहराहि, त्ति कटु जयजयसई पउंजति । १०. तए णं से सिवभद्दे कुमारे राया जाते महया हिमवंत० वण्णओ जाव विहरति । ११. तए णं से सिव राया अन्नया कयाइ सोभणंसि तिहि-करणणक्खत्त-दिवस-मुहुत्तंसि विपुलं असण-पाण-खाइम-साइमं उवक्खडावेति, वि० उ०२ मित्त-णाति-नियग जाव परिजणं रायाणो य खत्तिया आमंतेति, आ०२ ततो पच्छा प्रहाते जाव सरीरे भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए तेणं मित्त-नाति-नियग-सयण जाव परिजणेणं राईहि य खत्तिएहि य सद्धिं विपुलं असण-पाण-खाइम-साइमं एवं जहा तामली (स०३ उ०१ सु० ३६) जाव सक्कारेति सम्माणेति, सक्कारे० स०२ तं मित्त-नाति जाव परिजणं रायाणो य खत्तिए जय सिवभइं च रायाणं आपुच्छति, आपुच्छित्ता सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छु जाव भंडगं गहाय जे इमे गंगाकूलगा वाणपत्था तावसा भवंति तं चेव जाव तेसिं ॐ अंतियं मुंडे भवित्ता दिसापोक्खियतावसत्ताए पव्वइए। पव्वइए वि य णं समाणे अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हति कप्पति मे जावज्जीवाए छटुं० तं चेव जाव (सु. ६) अभिग्गहं अभिगिण्हइ, अय० अभि०२ पढमं छट्ठक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। [सु. १२-१५. सिवस्स रायरिसिणो दिसापोक्खियतावसचरियाए वित्थरओ वण्णणं] १२. तएणं से सिवे रायरिसी पढमछट्ठक्खमणपारणगंसि आयावणभूमीओ पच्चोरुहति, आया०प०२ वागवत्थनियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छति, ते० उ०२ किढिणसंकाइयगं गिण्हइ, कि० गि०२ पुरत्थिमं दिसं पोक्खेइ । 'पुरत्थिमाए दिसाए सोमे महाराया पत्थाणे पत्थियं अभिरक्खउ सिवं रायरिसिं, अभिरक्खउ सिवं रायरिसिं, जाणि य तत्थ कंदाणि य मूलाणि य तयाणि य पत्ताणि य पुप्फाणि य फलाणि य बीयाणि य हरियाणि य ताणि अणुजाणतुत्ति कट्ट पुरत्थिमं दिसं पासति, पा०२ जाणि य तत्थ कंदाणि य जाव हरियाणि य ताइं गेण्हति, गे० २ किढिणसंकाइयगं भरेति, किढि० भ० २ दब्भे य कुसे य म समिहाओ य पत्तामोडं च गेण्हइ, गे०२ जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ, ते० उवा०२ किडिणसंकाइयगं ठवेइ, किढि० ठवेत्ता वेदि वड्डेति, वेदिं व०२ 2 उवलेवणसम्मज्जणं करेति. उ० क०२ दब्भ-कलसाहत्थगए जेणेव गंगा महानदी तेणेव उवागच्छइ. उवा०२ गंगामहानदिं ओगाहइ, गंगा० ओ०२ जलमज्जणं Re: 5 5 555555555 श्री आगमगुणमञ्षा - ३७५॥॥555555555555555555OOR SO$$$$$乐乐乐$$$$$$$$$明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明将 Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MO.9555555555555555 (५) भगवई ११ मतं उ.१ १६१) 15555555555555555OOK $$$eTOS 明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听乐明明明明明明乐乐明明明明明明明明明明明明明明明56C करेति, जल० क०२ जलकीडं करेति, जल० क०२ जलाभिसेयं करेति, ज० क०२ आयंते चोक्खे परमसूइभूते देवत-पितिकयकज्जे दब्भसगब्भकलसाहत्थगते गंगाओ महानदीओ पच्चुत्तरति, गंगा०प०२ जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छति, उवा०२ दब्भेहि य कुसेहिय वालुयाए य वेदि रएति, वेदि र०२ सरएणं अरणि महेति, सह म०२ अग्गिं पाडेति, अग्गिं पा०२ अग्गिं संधुक्केति, अ० सं २ समिहाकट्ठाइं पक्खिवइ, सप०२ अग्गिं उज्जालेति, अ० उ०२ अग्गिस्स दाहिणे पासे, सत्तंगाई समादहे। तं जहा सकहं १ वक्कलं २ ठाणं ३ सेज्जाभंडं ४ कमंडलुं ५ । दंडदारूं ६ तहऽप्पाणं ७ अहेताइं समादहे।।१।। महुणा य घएण य तंदुलेहि य अग्गिं हुणइ, अ० हु० २ चर्स साहेइ, चकै सा०२ बलिवइस्सदेवं करेइ, बलि० क०२ अतिहिपूयं करेति, अ० क०२ ततो पच्छा अप्पणा आहारमाहारेति । १३. तए णं से विसे रायरिसी दोच्चं छट्ठक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । तए णं से सिवे रायरिसी दोच्चे छट्ठक्खमणपारणगंसि आयावणभूमीतो पच्चोरुहइ, आ० प०२ वागल० एवं जहा पढमपारणगं, नवरं दाहिणं दिसं पोक्खेति । दाहिणाए दिसाए जमे महाराया पत्थाणे पत्थियं०, सेसं तं चेव जाव आहारमाहारेइ। १४. तए णं से सिवे रायरिसी तच्चं छट्ठक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरति । तए णं से सिवे रायरिसी० सेसं तं चेव, नवरं पच्चत्थिमं दिसं पोक्खेति । पच्चत्थिमाए दिसाए वरुणे महाराया पत्थाणे पत्थियं अभिरक्खतु सिवं० सेसं तं चेव जाव ततो पच्छा अप्पणा आहारमाहारेइ । १५. तए णं से सिवे रायरिसी चउत्थं छट्ठक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । तए णं से सिवे रायरिसी चउत्थं छट्ठक्खमणं० एवं तं चेव, नवरं उत्तरं दिसं पोक्खेइ । उत्तराए दिसाए वेसमणे महाराया पत्थाणे पतियं अभिरक्खउ सिवं०, सेसं तं चेव जाव ततो पच्छा अप्पणा आहारमाहारेति । [ सु. १६-१८. उप्पन्नविभंगनाणस्स सिवस्स रायरिसिणो अपणो अतिसेसनाणित्तपरूवणे लोगाणं वितक्को] १६. तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं दिसाचक्कवालेणं जाव आयावेमाणस्स पगतीभद्दयाए जाव विणीययाए अन्नया कदायि तयावरणिज्जाणं कम्माणं खयोवसमेणं ईहापोहमग्गणवसेणं करेमाणस्स विब्भंगे नामं अन्नाणे समुप्पन्ने । सेणं तेणं विभंगनाणेणं समुप्पन्नेणं पासति अस्सिं लोए सत्त दीवे सत्त समुद्दे । तेण परं न जाणति न पासति । १७. तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था अत्थि णं ममं अतिसेसे नाण-दंसणे समुप्पन्ने, एवं खलु अस्सिं लोए सत्त दीवा, सत्त समुद्दा, तेण परं वोच्छिन्ना दीवा य समुद्दा य । एवं संपेहेइ, एवं सं० २ आयावणभूमीओ पच्चोरुभति, आ० प० २ वागवत्थनियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छति, ते० उ० २ सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छुयं जाव भंडगं किढिणसंकाइयं च गेण्हति, गे०२ जेणेव हत्थिणापुरे नगरे जेणेव ताबसावसहे तेणेव उवागच्छति, ते०उ०२ भंडनिक्खेवं करेइ, भंड० क० २ हत्थिणापुरे नगरे सिंघाडग-तिग जाव पहेसु बहुजणस्स एवमाइक्खति जाव एवं परूवेइ अत्थि णं देवाणुप्पिया ! ममं अतिसेसे नाण-दसणे समुप्पन्ने, एवं खलु अस्सिं लोए जाव दीवा य समुद्दा य । १८. तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतियं एयमहूँ सोच्चा निसम्म हत्थिणापुरे नगरे सिंघाडग-तिग जाव पहेसु बहुजणो अन्नमन्नस एवमाइक्खति जाव परूवेइ एवं खलु देवाणुप्पिया ! सिवे रायरिसी एवं आइक्खइ जाव परूवेइ 'अस्थि णं देवाणुप्पिया ! ममं अतिसेसे नाण-दसणे जाव तेण परं वोच्छिन्ना दीवा य समुदाय' । से कहमेयं मन्ने एवं ? [सु.१९-२१. सिवरायरिसिपरूवियसत्तदीव-समुद्दवत्तव्वपरिहारपुव्वं भगवओ असंखेज्जदीवं-समुद्दपरूवणा] १९. तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे । परिसा जाव पडिगया । २०. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेटे अंतेवासी जहा बितियसए नियंठुद्देसए (सु०२ उ०५ सु०२१-२४) जाव अडमाणे बहुजणसई निसामेति बहुजणो अन्नमन्नस्स एवं आइक्खति जाव एवं परूवेइ ‘एवं खलु देवाणुप्पिया ! सिवे रायरिसी एवं आइक्खइ जाव परूवेइ अस्थि णं देवाणुप्पिया ! तं चेव जाव वोच्छिन्ना दीवा य समुद्दा य । से कहमेयं मन्ने एवं ?' २१. तए । णं भगवं गोयमे बहुजणस्स अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म जायसड्ढे जहा नियंठुद्देसए (स०२ उ०५ सु०२५१) जाव तेण परं वोच्छिन्ना दीवा य समुदाय से कहमेयं भंते ! एवं ? 'गोयमा!' दी समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वदासी जंणं गोयमा ! से बहुजणे अन्नमन्नस्स एवमाइक्खतितं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव भंडनिक्खेवं करेति, हत्थिणापुरे नगरे सिंघाडग० तं चेव जाव वोच्छिन्ना दीवाय समुद्दा य । तएणं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म reO1455 5 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ३७६5555555 ; OR 9$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐于听明5O Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGRO5555555555555 (५) भगवई ११ मतं उ - ९-१० [१६] 55555555555555OOK FOR0555555555555555555555555555555555555555555555555HONOR तं चेव जाव तेणं परं वोच्छिन्ना दीवा य समुद्दा य । तं णं मिच्छा। अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खमि जाव परूवेमि एवं खलु जंबुद्दीवादीया दीवा लवणदीया समुद्दा संठाणओ एगविहिहाणा, वित्थारओ अणेगविहिहाणा एवं जहा जीवाभिगमे जाव सयंभुरमणपज्जवसाणा अस्सिं तिरियलोए असंखेज्जा दीवसमुद्दा पण्णत्ता समणाउसो!। [सु. २२-२६. दीव-समुद्ददव्वेसु वण्ण-गंध-रस-फासपरूवणो] २२. अस्थि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दव्वाइं सवण्णाई पि अवण्णाइं पि, सगंधाई पि अगंधाइ, पि सरसाइं पि अरसाइं पि, सफासाई पि अफासाइं पि, अन्नमन्नबद्धाइं अन्नमन्नपुट्ठाइं जाव घङडत्ताए चिति ? हंता, अस्थि । २३. अत्थि णं भंते ! लवणसमुद्दे दव्वाइं सवण्णाई पि अवण्णाई पि, सगंधाई पि अगंधाइं पि, सरसाइं पि अरसाइं पि, सफासाइं पि अफासाइं पि, अन्नमन्नबद्धाइं अन्नमन्नपुट्ठाइं जाव घडत्ताए चिट्ठति ? हंता, अत्थि । २४. अत्थि णं भंते ! धातइसंडे दीवे दव्वाइं सवन्नाइं पि० एवं चेव । २५. एवं जाव सयंभुरमणसमुद्दे जाव हंता, अत्थि। २६. तए णं सा महतिमहालिया महच्चपरिसा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमटुं सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति, वं०२ जामेव दिसं पाउन्भूता तामेव दिसं पडिगया। [सु. २७-२९. दीव-समुद्दविसए भगवओ परूवणाए सवणाणंतरं सिवरायरिसिणो विभंगनाणविलओ] २७. तए णं हत्थिणापुरे पगरे सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव परूवेइ-"जंणं देवाणुप्पिया ! सिवे रायरिसी एवमाइक्खइ जाव परूवेइ-अस्थि णं देवाणुप्पिया ! ममं अतिसेसे नाण जाव समुद्दा य, तं नो इणढे समढे । समणे भगवं महावीरं एवमाइक्खइ जाव परूवेइ 'एवं खलु एयस्स सिवस्स रायरिसिस्स छटुंछट्टेणं तं चेव जाव भंडनिक्खेवं करेति, भंड० क० २ हत्थिणापुरे नगरे सिंघाडग जाव समुद्दा य । तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म जाव समुद्दा य, तं णं मिच्छा' । समणे भगवं महावीरे एवमाइक्खति-एवं खलु जंबुद्दीवाइया दीवा लवणाझ्या समुद्दा तं चेव जाव असंखेज्जा दीव-समुद्दा पण्णत्ता समणाउसो!"। २८. तए णं से सिवे रायरिसी बहुजणस्स अंतियं एयमहूँ सोच्चा निसम्म संकिए कंखिए वितिगिच्छिए भेदसमावन्ने कलुससमावन्ने जाए यावि होत्था । २९. तए णं तस्स सिवस्स रायरिसिस्स संकियस्स कंखियस्स जाव कलुससमावन्नस्स से विभंगे अन्नाणे खिप्पामेव परिवडिए। [सु. ३०-३२. सिवरायरिसिणो निग्गंथपव्वज्जागहणं सिज्झाणा य ] ३०. तए णं तस्स सिवस्स रायरिसस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुष्पज्जित्था- 'एवं खलु समणे भगवं महावीरे आदिगरे तित्थगरे जाव सव्वण्णू सव्वदरिसी आगासगएणं चक्केणं जाव सहसंबवणे उज्जाणे अहापडिरूवं जाव विहरति । तं महाफलं खलु तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं नाम-गोयस्स जहा उववातिए जाव गहणयाए, तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीरं वंदामि जाव पज्जुवासामि । एयं णे इहभवे य परभवे य जाव भविस्सति' त्ति कट्ट एवं संपेहेति, एवं सं०२ जेणेव तावसावसहे तेणेव उवागच्छइ, ते० उ० २ तावसावसहं अणुप्पविसति, ता० अ०२ सुबहुं लोहीलोहकडाह जाव किढिणसंकातियगं च गेण्हति, गे०२ तावसावसहातो पडिनिक्खमति, ता०प०२ परिवडियविन्भंगे हत्थिणापुर नगरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छति, नि०२ जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, उवा०२ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेति, क०२ वंदति नमसति, वं०२ नच्चासन्ने नाइदूरे जाव पंजलिकडे पज्जुवासति । ३१. तए णं समणे भगवं महावीरे सिवस्स रायरिसिस्स तीसे य महतिमहालियाए जाव आणाए आराहए भवति । ३२. तए णं से सिवे रायरिसी समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म जहा खंदओ (सु०२ उ०१ सु०३४) जाव उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ, उ० अ०२ सुबहुं लोहीलोहकडाह जाव किढिणसंकातियगं एगंते एडेइ, ए०२ सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेति, स० क०२ समणं भगवं महावीरं एवं जहेव उस्सभदत्ते (स०९उ० ३३ सु० १६) तहेव पव्वइओ, तहेव एक्कारस अंगाई अहिज्जइ. तहेव सव्वं जाव सव्वदुक्खप्पहीणे। [सु. ३३. सिज्झमाणजीवसंघयण-संठाणइजाणणत्थं उववाइयसुत्तावलोयणनिद्दसो] ३३. भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति, नमसति, वं०२ एवं वयासी जीवा णं भंते ! सिज्झमाणा कयरम्मि संघयणे सिझंति ? गोयमा ! वइरोसभणारायसंघयणे सिझंति एवं जहेव उववातिए तहेव 'संघयणं संठाणं उच्चत्तं आउयं च परिवसणा एवं सिद्धिगंडिया निरवसेसा भाणियव्वा जाव 'अव्वाबाहं सोक्खं अणुहंती सासयं सिद्धा' । ! सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। ★★★। सिवो समत्तो॥११.९ ॥★★★ दसमो reO555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३७७55555555555555555555555FOTO 9听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听CE Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HORO55555555555 (५) भगवड ११ सतर-१० ११३ 6 Mero 555555 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$$$$$$$$乐乐55 2 उद्देसओ 'लोग'*** [सु. १. दसमुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वदासी [सु. २. लोयस्स दव्वलोयाइभेयचउक्त) २. कतिविधे णं भंते ! लोए म पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे लोए पन्नत्ते, तं जहा दव्वलोए खेत्तलोए काललोए भावलोए। [सु. ३-६. खेत्तलोयस्स अहोलोयाइ भेयतिगं तप्पभेया य] ३. खेत्तलोए णं भंते ! कतिविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे पन्नत्ते, तं जहा अहेलोयखेत्तलोए १ तिरियलोयखेत्तलोए २ उड्डलोयखेनलोए ३।४. अहेलोयखेत्तलोए णं भंते! कतिविधे पन्नत्ते? गोयमा! सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा रयणप्पभापुढविअहेलोयखेत्तलोए जाव अहेसत्तमपुढविअहेलोयखेत्तलोए। ५. तिरियलोयखेवलोए णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते? गोयमा ! असंखेजतिविधे पन्नत्ते, तं जहा जंबुद्दीवतिरियलोयखेवलोए जाय सयंभुरमणसमुद्दतिरियलोयखेवलोए। ६. उड्डलोगखेत्तलोए णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! पण्णरसविधे पन्नत्ते, तं जहा सोहम्मकप्पउङ्कलोगखेत्तलोए जाव अच्चुयउड्डलोग० गेवेज्जविमाणउड्डलोग० अणुत्तरविमाण० इसिपब्भारपुढविअहेलोयखेत्तलोए। [सु. ७-९. अहेतिरिय-उड्डलोयाणं संठाणपरूवणं ] ७. अहेलोगखेत्तलोए णं भंते ! कंसंठिते पन्नत्ते ? गोयमा ! तप्पागारसंठिए पन्नत्ते। ८. तिरियलोयखेवलोए णठ भंते ! किंसंठिए पन्नते? गोयमा ! झल्लरिसंठिए पन्नत्ते।९. उड्डलोगखेत्तलोगपुच्छा। उड्डमुतिंगाकारसंठिए पन्नत्ते। [सु.१०-११. लोय-अलोयाणं संठाणपरूवणा] १०. लोए णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! सुपइट्ठगसंठिए लोए पन्नत्ते, तं जहा हेट्ठा वित्थिण्णे, मज्झे संखित्ते जहा सत्तमसए पढमे उद्देसए (स०७ उ० १ सु०५) जाव अंतं करेति । ११. अलोए णं भंते ! किंसठिए पन्नते ? गोयमा ! झुसिरगोलसंटिए पन्नत्ते। सु. १२-१४. जीवाजीवेहि जीवाजीवदेस-पदेसेहि य अहे-तिरिय-उड्ड-खेत्तलोए वत्तव्वया] १२. अहेलोगखेत्तलोए णं भंते ! किं जीवा, जीवदेसा, जीवपदेसा० ? एवं जहा इंदा दिसा (सु०१० उ०१ सु० ८) तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव अद्धासमए। १३. तिरियलोयखेवलोए णं भंते ! किं जीवा०? एवं चेव । १४. एवं उड्डलोगखेत्तलोए वि । नवरं अरूवी उब्विहा, अद्धासमओ नत्थि । [सु. १५-१६. जीवाजीवेहिं जीवाजीवदेस-पदेसहि य लोयालोएसु वत्तव्वया] १५. लोए णं भंते ! किं जीवा० ? जहा बितियसए अत्थिउद्देसए लोयागासे (स० २ उ० १० सु० ११), नवरं अरूवी सत्तविहा जाव अधम्मत्थिकायस्स पदेसा, नो आगासत्थिकाए, आगासत्थिकायस्स देसे आगासत्थिकायस्स पएसा, अद्धासमए। सेसं तं चेव । १६. अलोए णं भंते ! किं जीवा० ? एवं जहा अत्थिकायउद्देसए अलोगागासे (स०२ उ०१० सु १२) तहेव निरवसेसं जाव अणंतभागूणे। [सु. १७-१९. तिविहखेत्तलोयएगपएसे जीवाजीव-जीवाजीवदेसपदेसवत्तव्वया] १७. अहेलोगखेत्तलोगस्स णं भंते ! एगम्मि आगासपएसे किं जीवा, जीवदेसा जीवपदेसा, अजीवा, अजीवदेसा, अजीवपएसा ? गोयमा ! नो जीवा, जीवदेसा वि जीवपदेसा वि अजीवा वि अजीवदेसा वि अजीवपदेसा वि । जे जीवदेसा ते नियम एगिदियदेसा; अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसे, अधवा एगिदियदेसा य बेइंदियदेसा य अणिदियाण देसा । जे जीवपदेसा ते पियमं एगिदियपएसा, अहवा एगिदियपएसा य बेइंदियस्स पएसा, अहवा एगिदियपएसा य बेइंदियाण य पएसा, एवं आदिल्लविरहिओ जाव पंचिदिएसु, अणिदिएसु तिय भंगो। जे अजीवा ते दुविहा पन्नत्ता, तं जहा रूवी अजीवा य, अरूवी अजीवा य । रूवी तहेव । जे अरूवी अजीव ते पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा नो धम्मत्थिकाए, धम्मत्थिकायस्स देसे १ धम्मत्थिकास्स पदेसे २, एवं अधम्मत्थिकायस्स वि३-४, अद्धासमए ५। १८. तिरियलोगखेत्तलोगस्स वि, नवरं अद्धासमओ नत्थि, अरूवी चउव्विहा। [सु. २०-२१. लोयालोयाणमेगपएसेजीवाजीव-जीवाजीवदेस-पदेसवत्तव्वया] २०. लोगस्स जहा अहेलोगखेत्तलोगस्स म एगम्मि आगासपदेसे । २१. लोगस्स णं भंते ! एगम्मि आगासपएसे० पुच्छा। गोयमा ! नो जीवा नो जीवदेसा, तं चेव जाव अणतेहिं अगरुयलहुयगुणेहिं संजुत्ते ) सव्वागासस्स अणंतभागूणे। सु. २२-२५. तिविहखेत्तलोय-अलोएसु दव्व-काल-भावओ आघेयपरूवणं ] २२. (१) दव्वओ णं अहेलोगखेत्तलोए अणंता ॥ जीवदव्वा, अणंता अजीवदव्वा, अणंता जीवाजीवदव्वा। (२) एवं तिरियलोयखेत्तलोए वि। (३) एवं उडलोयखेत्तलोए वि । २३. दव्वओ णं अलोए णेवत्थि जीवदव्वा, नेवत्थि अजीवदव्वा, नेवत्थि जीवाजीवदव्वा, एगे अजीवदव्वस्स देसेजाव सव्वागासअणंतभागूणे । २४. (१) कालओ णं अहेलोयखेत्तलोए न कदायि नासि जाव निच्चे। (२) एवं जाव अलोगे । २५. (१) भावओणं अहेलोगखेत्तलोए अणंता वण्णपज्जवा जहा खंदए (स०२ उ०१सु०२४१) जाव अणंता re: 5555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- ३७८555555555555555555555Ox $$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फ्र (५) भगवई ११ सतं उ १० फफफफफफफफ [१६४ ] अगरुयल हुयपज्जवा । (२) एवं जाव लोए । (३) भावओ णं अलोए नेवत्थि वण्णपज्जवा जाव नेवत्थि अगरुयलहुयपज्जवा, एगे अजीवसव्वदेसे जाव अनंतभागूणे । [ सु. २६. लोयवत्तव्वया] २६. लोए णं भंते ! के महालए पण्णत्ते ? गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीव दीवे सव्वदीव० जाव परिक्खेवेणं । तेणं कालेणं तेणं समएरं छ देवा महिडीया जाव महेसक्खा जंबुद्दीव दीवें मंदरे पव्वए मंदरचूलियं सव्वओ समता संपरिक्खित्ताणं चिट्टेज्जा । अहे णं चत्तारि दिसाकुमारिमहत्तरियाओ चत्तारि पिंडे हाय जंबुद्दीवस्स दीवस्स चउसु वि दिसासु बहियाभिमुहीओ ठिच्चा ते चत्तारि बलिपिंडे जमगसमगं बहियामिमुहे पक्खिवेज्जा । पभू णं गोयमा ! तओ एगमेगे देवे ते चत्तारि बलिपिंडे धरणितलमसंपत्ते खिप्पामेव पडिसाहरित्तए । ते णं गोयमा ! देवा ताए उक्किट्टाए जाव देवगतीए एगे देवे पुरत्याभिमुहे पयाते, एवं दाहिणाभिमुहे, एवं पच्चत्थाभिमुहे, एवं उत्तराभिमुहे, एवं उड्डाभिमुहे पयाते, एवं दाहिणाभिमुहे पयाते । तेणं कालेणं तेणं उत्तराभिमुहे, एवं उद्घाभिमुहे, एगे देवे अहोभिमुपयाते । तेणं कालेणं तेणं समएणं वाससहस्साउए दारए पयाए। तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पहीणा भवंति णो चेव णं ते देवा लोगंत संपाउरंति । तए णं तस्स दारगस्स आउए पहीणे भवति, णो चेव णं जाव संपाउरंति । तए णं तस्स दारगस्स अट्ठमिंजा पहीणा भवंति, णो चेव णं ते देवा लोगंतं संपाउणति । तए णं तस्स दारगस्स आसत्तमे वि कुलवंसे पहीणे भवति, नो चेव णं ते देवा लोगं संपाउणंति। तए णं तस्स दारगस्स नाम गोते वि पहीणे भवति, नो चेव णं ते देवा लोग॑तं संपाउणंति । ‘तेसि णं भंते! देवाणं किं गए बहुए, अगए बहुए ?' 'गोयमा ! गए बहुए, नो अगए बहुए, गयाओ से अगए असंखिज्जइभागे, अगयाओ से गए असंखेज्जगुणे । लोए णं गोतमा ! एमहालए पन्नत्ते ।' [सु. २७. अलोयवत्तव्वया] २७. अलोए णं भंते! केमहालए पन्नत्ते ? गोयमा ! अयं णं समयखत्ते पणयालीसं जोयणसयसहस्साइं आयाविक्खमेणं जहा खंदए (सु० २ उ० १ सु० २४ ३) जाव परिक्खेवेणं । तेणं कालेणं तेणं समएणं दस देवा महिडीया तव जाव संपरिक्खित्ताणं चिट्ठेज्जा, अहे णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ अट्ठ बलिपिंडे गहाय माणुसुत्तपव्वयस्स चउसु वि दिसासु चउसु वि विदिसासु बहियाभिमुहीओ' ठिच्चा अट्ठ बलिपिंडे जमगसगं बहियामुहीओ पक्खिवेज्जा । पभू णं गोयमा ! तओ एगमेगे देवे ते अट्ट बलिपिंडे धरणितलमसंपत्ते खिप्पामेव पडिसाहरित्तए । ते णं गोयमा ! देवा ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए लोगते ठिच्चा असब्भावपट्टवणाए एगे देवे पुरत्थाभिमुहे पयाए, एगे देवे दाहिणपुरत्थाभिमुहे पयाते, एवं जाव उत्तरपुरत्याभिमुहे, एगे देवे उड्ढाभिमुहे, एगे देवे अहोभिमुहे । पयाए। तेणं कालेणं तेणं समएणं वाससयसहस्साउए दारए पयाए। तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पहीणा भवंति, नो चेव णं ते देवा अलोयंतं संपाउणंति । तं चेव जाव 'तेसि णं देवाणं किं गए बहुए, अग, बहुए ?' 'गोयमा ! नो गते बहुए, अगते बहुए, गयाओ से अगए अनंतगुणे, अगयाओ से गए अनंतभागे । अलोए णं गोयमा ! एमहालए पन्नत्ते ।' [सु. २८. लोगस्सगेपदेसम्मि वत्तव्वविसेसो ] २८. (१) लोगस्स णं भंते ! एगम्मि आगासपएसे जे एगिदियपएसा जाव पंचिदियपदेसा अणिदियपएसा अन्नमन्नबद्धा जाव अन्नमन्नघडत्ताए चिट्ठति, अत्थि णं भंते ! अन्नमन्नस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएंति, छविच्छेदं वा करेति ? णो इणठ्ठे समठ्ठे । (२) से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ लोगस्स णं एगम्मि आगासपएसे जे एगिदियएसा जाव चिट्ठति नत्थि णं ते अन्नमन्नस्स किंचि आबाहं वा जाव करेति ? गोयमा ! से जहानामए नट्टिया सिया सिंगारागारचारुवेसा जाव कलिया रंगट्ठाणंसि जणसयाउलंसि जणसयसहस्सा उलंसि बत्तीसतिविधस्स नट्टस्स अन्नयरं नट्टविहिं उवदंसेज्जा से नूणं गोयमा ! ते पेच्छगा तं नट्टियं अणिमिसाए दिट्टीए सव्वओ समंता समभिलोएंति ? 'हंता, समभिलोएंति' । ताओ णं गोयमा ! दिट्ठीओ तंसि नट्ठियंसि सव्वओ समंता सन्निवडियाओ ? 'हंता, सन्निवडियाओ।' अत्थि णं गोयमा ! ताओ दिट्टीओ तीसे ट्टिया किंचि आबा वा वाबाहं वा उप्पाएंति, छविच्छेदं वा करेति ? 'णो इणट्टे समट्टे ।' ताओ वा दिट्टीओ अन्नमन्नाए दिट्टीए किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएंति, छविच्छेदं वा करेति ? 'णो इणट्ठे समट्ठे ।' सेतेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चति तं चेव जाव छविच्छेदं वा न करेति । [सु. २९. लोगस्स एगम्मि आगासपदेसे जहन्नउक्कोसपदेसु जीवपदेसाणं सब्वजीवाण य अप्पाबहुयं] २९. लोगस्स णं भंते! एगम्मि आगासपएसे जहन्नपदे जीवपदेसाणं, उक्कोसपदे जीवपदेसाणं, सव्वजीवाण य कतरे कतरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा लोगस्स एगम्मि आगासपदेसे जहन्नपदे जीवपदेसा, सव्वजीवा असंखेनगुणा, उक्कोसपदे 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ३७० 50 Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ A.1055555thanamannam (७) भगवइ सन.१०.११ १० PranamannORON 2SC乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听乐乐乐$$$$$$$$$$$$$$$$$ जीवपदेसा विसे साहिया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति । ॥११.१० ।। *** एक्कारसो उद्देसओ 'काल'★★★ [सु. १-६. वाणियग्गामवत्थव्वसुदंसणसेट्टिधम्माराहगत्तनिद्देसपुव्वं एगारसुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियग्गामे नामं नगरे होत्था, वण्णओ। दूतिपलासए चेतिए. वण्णओ जाव पुढविसिलवट्टओ। २. तत्थ णं वाणियग्गामे नगरे सुदंसणे नामं सेट्ठी परिवसति अढे जाव अपरिभूते समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ। ३. सामी समोसढे जाव परिसा पज्जुवासति। ४. तएणं से सुदंसणे सेट्ठी इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हट्ठतुढे पहाते कय जाव पायच्छित्ते सव्वालंकारभूसिए सातो गिहाओ पडिनिक्खमति, सातो गिहाओ प०२ सकोरटेंमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं पायविहारचारेणं महया पुरिसवग्गुरापरिक्खित्ते वाणियग्गामं नगरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छति, निग्गच्छित्ता जेणेव दृतिपलासए चेतिए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, ते० उ०२ समणं भगवं महावीरं पंचविहणं अभिगमेणं अभिगच्छति, तं जहा सचित्ताणं दव्वाणं जहा उसभदतो (स०९ उ० ३३ सु० ११) जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासति । ५. तए णं समणे भगवं महावीरे सुदंसणस्स सेट्ठिस्स तीसे य महतिमहालियाए जाव आराहए भवति । ६. तएणं से सुदंसणे सेट्ठी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म अद्वतुट्ठ० उठाए उद्वेति, उ०२ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता एवं वदासी [सु. ७ कालस्स पमाणकालाइभेयचउक्कं] ७. कतिविधे णं भंते ! काले पन्नत्ते ? सुदंसणा! चउव्विहे काले पन्नत्ते, तं जहा पमाणकाले १ अहाउनिव्वत्तिकाले २ मरणकाले ३ अद्धाकाले ४। [सु.८-१३. पमाणकालपरूवणा सु. ८. पमाणकालस्स दिवस-राइभेएण भेयदूयं, सम-उक्कोस-जहन्नपोरिसीपरूवणं च ] ८. से किं तं पमाणकाले ? पमाणकाले दविहे पन्नत्ते. तं जहा दिवसप्पमाणकाले य १ रत्तिप्पमाणकाले य २। चउपोरिसिए दिवसे, चउपोरिसा राती भवति । उक्कसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति। जहन्निया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति। [सु. ९-१३. दिवस-राइतिविहपोरिसीणं वित्थरओ वत्तव्वया]९.जदाणं भंते ! उक्कोसिया अद्धपंचममुहत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति तदा णं कतिभागमुहुत्तभागेणं परिहायमाणी परिहायमाणी जहन्निया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति ? जदा णं जहन्निया तिमुहत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति तदा णं कतिभागमुहुत्तभागेणं परिवड्डमाणी परिवड्डमाणी उक्कोसिया अद्धपंचममुहत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति तदा णं बावीससयभागमुहुत्तभागेणं परिहायमाणी परिहायमाणी जहन्निया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति तदा णं बावीससयभागभुहुत्तभागेणं परिवड्डमाणी परिवड्डमाणी उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति । १०. कदा णं भंते ! उक्लोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति ? कदा जहन्निया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवति? सुदंसणा ! जदा णं उक्कोसए अट्ठारसमुहत्ते दिवसे भवति, जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राती भवति तदा णं उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवति, जहन्निया तिमुडुत्ता रातीए पोरिसी भवति । जदा वा उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राती भवति, जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवति तदा णं उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता रातीए पोरिसी भवइ, जहन्निया तिमहत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ । ११. कदा णं भंते ! उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति, जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राती भवति ? कदा वा उक्कोसिया अट्ठारसमुहत्ता राती भवति, जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ ? सुदंसणा ! आसाढपुण्णिमाए उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति, जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राती भवइ, पोसपुण्णिमाए णं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता रात्ती भवति, जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवति । १२. अत्थि णं भंते ! दिवसा य रातीओ य समा चेव भवंति ? हंता, अत्थि। १३. कदा णं भंते ! दिवसा य रातीओ य समा चेव भवंति ? सुदंसणा ! चेत्तासोयपुण्णिमासु णं, एत्थ णं दिवसा य रातीओ य समा चेव भवंति; पन्नरसमुहत्ते दिवसे, पन्नरसमुहुत्ता राती भवति; चउभागमुहुत्तभागूणा चउमुहुत्ता दिवसस्स वा रातीए वा पोरिसी भवइ । सेत्तं पमाणकाले। [सु. १४. अहाउनिव्वत्तिकालपरूवणा] १४. से किं तं अहाउनिव्वत्तिकाले ? अहाउनिव्वत्तिकाले, जं णं जेणं नेरइएण वा तिरिक्खजोणिएण वा मणुस्सेण वा देवेण वा अहाउयं निव्वत्तियं से तं अहाउनिव्वत्तिकाले। werso5555555555555555555555555555555555555555555 599355555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ३८०555555555555555555555555555OR Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 09555555555555555 ५) भगवई ११ मनं उ-१ [१६६] CF听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 [सु. १५. मरणकालपरूवणा] १५. से किं तं मरणकाले ? मरणकाले, जीवो वा सरीराओ, सरीरं वा जीवाओ । से तं मरणकाले । [सु. १६. समयआवलियाइसरूवनिरूवणपुव्वं अद्धाकालपरूवणा] १६.. (१) से किं तं अद्धाकाले ? अद्धाकाले अणेगविहे पन्नत्ते, से णं समयट्ठयाए आवलियट्ठयाए जाव उस्सप्पिणिअट्टयाए । (२) एस णं सुदंसणा ! अद्धा दोहारच्छेदेणं छिज्जमाणी जाहे विभागं नो हव्वमागच्छति से तं समए समयट्ठताए। (३) असंखेज्जाणं समयाणं समुदयसमितिसमागमेणं सा एगा 'आवलिय'त्ति पव्वुच्चइ। संखेजाओ आवलियाओ जहा सालिउद्देसए (स०६ उ०७ सु०४-9) जाव तं सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परीमाणं । [सु. १७. पलिओवम-सागरोवमाणं पओयणं] १७. एएहि णं भंते ! पलिओवम-सागरोवमेहिं किं पयोयणं ? सुदंसणा ! एएहिं णं पलिओवम-सागरोवमेहि नेरतिय-तिरिक्खजोणिय मणुस्स-देवाणं आउयाइं मविनंति । [सु. १८. चउवीसइदंडयठितिजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो १८. नेरइयाणं भंते ! केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? एवं ठितिपदं निरवसेसं भाणियव्वं जाव अजहन्नमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिती पण्णत्ता। [सु. १९-६१. सुदंसणसेट्ठिपुव्वभवकहानिरूवणपुव्वं पलिओवम-सागरोवमाणं खयाऽवचयपरूवणा ] १९. (१) अत्थि णं भंते ! एतेसिं पलिओवम-सागरोवमाणं खए ति वा अवचए ति वा ? हंता, अत्थि। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति 'अत्थि णं एएसि पलिओवम-सागरोवमाणं जाव अवचये ति वा ? [सु. २०-६१. सुदंसणसेट्ठिपुव्वभवकहा सु. २०-२२. हत्थिणाउर-बलराय-पभावतीदेवीनामनिरूवणं ] २०. एवं खलु सुदंसणा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं हत्थिणापुरे नामं नगरे होत्था, वण्णओ। सहसंबवणे उज्जाणे, वण्णओ। २१. तत्थ णं हत्थिणापुरे नगरे बले नामं राया होत्था. वण्णओ। २२. तस्स णं बलस्स रण्णो पभावती नामं देवी होत्था, सुकुमाल० वण्णओ जाव विहरति ।[ सु. २३ वासघर-सयणीयवण्णणापुरस्सरं पभावतीए सीहसुविणदंसणवण्णणं ] २३. तए णं सा पभावती देवी अन्नया कयाइ तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अभिंतरओ सचित्तकम्मे बाहरितो दूमियघट्टमढे विचित्तउल्लोगचिल्लियतले मणिरतणपणासियंघकारे बहुसमसुविभत्तदेसभाए पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलिए कालागरु-पवरकुंदुरुक्क-तरुक्कधूवमघमघेतगंधुद्धताभिरामे सुगंधवरगंधिए गंधवट्टिभूते तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि सालिंगणवट्टीए उभओ बिब्बोवणे दुहओ उन्नए मज्झे णय-गंभीरे गंगापुलिणवालुयउद्दालसालिसए ओयवियखोमियदुगुल्लपट्ठपलिच्छायणे सुविरइयरयत्ताणे रत्तंसुयसंवुए सुरम्मे आइणग-ख्य-बूर-नवणीय-तूलफासे सुगंधवरकुसुमचुण्णसयणोवयारकलिए अद्धरत्तकालसमयंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी ओहीरमाणी अयमेयारूवं ओरालं कल्लाणं सिवं धन्नं मंगल्लं सस्सिरीयं महासुविणं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धा हार-रयय-खीर-सागर-ससंककिरण-दगरयरययमहासेलपंडुरतरारुरमणिज्जपेच्छणिज्नं थिरलट्ठवट्ठपीवसुसिलिट्ठविसिट्ठविसिट्ठतिक्खदाढाविडंबितमुह परिकम्मियजचचकमलकोमलमाइयसोभंतलट्ठउ8 रत्तुप्पलपत्तमउयसुकु मालतालुजीहं मूसागयपवरकणगतावित आवत्तायंतवट्ठतडि विमलसरिसनयणं विसालपीवरोरुपडिपुण्णविमलखंधं मिउविसदसुहमलक्खणपसत्थवित्थिण्णकेसरसडोवसोमियं ऊसियसुनिमितसुजात अप्फोडितणंगूलं सोमं सोमाकारं लीलायतं जंभायंत नहयलातो ओवयमाणं निययवदणकमलसरमतिवयंतं सीह सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धा। [सु. २४. बलस्स रण्णो समक्खं पभावतीए नियसुविणनिवेदणं सुविणफलकहणविन्नत्ती य] २४. तए णं सा पभावती देवी अयमेयारूवं ओराल जाव सस्सिरीयं महासुविणं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धा समाणी हट्टतुट्ट जाव हिदया धाराहयकलंबगं पिव समूसवियरोमकूवा तं सुविणं ओगिण्हति, ओगिण्हित्ता सयणिज्जाओ अब्भुट्टेति, अ० २ अतुरियमचवलमसंभताए अविलंबिताए रायहंससरिसीए गतीए जेणेव बलस्स रण्णो सयणिज्जे तणेव उवागच्छति, ते० उ० २ बन्नं रायं ताहिं इट्टाहिं कंलाहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहि ओरालाहिं कलनाणाहिं सिवाहिँ धन्नाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं मियमहुरमंजुलाहिं गिराहिं संलवमाणी संलवमाणी पडिबाहेति, पडि०२ बलेणं रण्णा अब्भणुण्णाया समाणी नाणामणि रयणभत्तिचित्तंसि है भद्दासगंसि णिसीयति, णिसीयित्ता आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया बलं रायं ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं जाव संलवमाणी संलवमाणी एवं वयासी एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! अज्ज तंसि तारिखगंसि सयणिज्जंसि सालिंगण० तं चेव जाव नियगवयणमतिवयंतं सीहं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धा । तं णं देवाणुप्पिया ! एतस्य । Prerness 5 555555555555555555 श्री आगमगुणमंजषा ३८१e555555555555555555555555555 1055555555555555555555555555555555555555555555555 Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रफफफ (५) भगवई ११ सत उ - ११ [१६७] $$$$$$ $$$ $$ $ 2 0 CC8555555s听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$$$$50 ओरालस्स जाव महासुविणस्स के मन्ने कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सति ? [सु. २५. पभावतिपुरओ बलेण रण्णा पुत्तजम्मसूयणापडिवायगं सुविणफलकहणं अणुवुहणं च ] २५. तए णं से बले राया पभावतीए देवीए अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठ जाव यहियये धाराहतणीमसुरभिकुसुमं व चंचुमालइयतणू ऊसवियरोमकूवे तं सुविणं ओगिण्हइ, ओ०२ ईहं पविसति, ईह प०२ अप्पणो साभाविएणं मतिपुव्वएणं बुद्धिविण्णोणेणं तस्स सुविणस्स अत्थोग्गहणं करेति. तस्स० क०२ पभावतिं देवि ताहिं इठ्ठाहिं जाव मंगल्लाहिं मियमहुरसस्सिरीयाहिं वग्गूहिं संलवमाणे एवं वयारी "ओराले णं तुमे देवी ! सुविणे दिढे, कल्लाण + णं तुमे जाव सस्सिरीए णं तुमे देवी ! सुविणे दिढे, आरोग्ग-तुट्ठि-दीहाउ-कल्लाण-मंगलकारए णं तुमे देवी ! सुविणे दिढे, अत्थलाभो देवाणुप्पिए !, भोगलाभो ॥ देवाणुप्पिए !. पुत्तलाभो देवाणुप्पिए!, रज्जलाभो देवाणुप्पिए ! एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! णवण्हं भासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्ठमाण य राइंदियाणं वीतिकंताणं अम्हं कुलकेउं कुलदीवं कुपव्वयं कुलवडेंसगं कुलतिलगं कुलकित्तिकरं कुलनंदिकरं कुलजसकरं कुलाधारं कुलपायवं कुलविवड्डणकरं सुकुमालपाणिपायं अहीणपुण्णपंचिदियसरीरं जाव ससिसोमागारं कंतं पियदंसणं सुरूवं देवकुमारसप्पभं दारगं पयाहिसि । से वि य णं दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णयपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते सूरे वीरे विकंते वित्थिण्णविपुलबलवाहणे रज्जवती राया भविस्सति । तं ओराले णं तुमे देवी ! सुमिणे दिढे जाव आरोग्ग-तुट्ठि० जाव मंगल्लकारए णं तुभे देवी ! सुविणे दिढे ति कट्ट पभावतिं देविं ताहिं इट्ठाहिं जाव वग्गूहिं दोच्चं पि तच्वं पि अणुवूहति। [सु. २६. पभावतीए सुभसुविणजागरिया ] २६. तए णं सा पभावती देवी बलस्स रण्णो अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ० करयल जाव एवं वयासी- 'एवमेतं देवाणुप्पिया !, तहमेयं देवाणुप्पिया !, अवितहमेयं देवाणुप्पिया!, असंदिद्धमेयं देवाणुप्पिया!, इच्छियमेयं देवाणुप्पिया!, पडिच्छियमेतं देवाणुप्पिया!, इच्छियपडिच्छियमेयं देवाणुप्पिया से जहेयं तुब्भे वदह'त्ति कट्ट तं सुविणं सम्म पडिच्छइ, तं० पडि०२ बलेण रण्णा अब्भणुण्णाया समाणी णाणामणि-रयणभत्तिचित्तातो भद्दासणाओ अब्भुट्ठइ, अ०२ अतुरियमचवल जाव गतीए जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ, ते० उ०२ सयणिज्जसि निसीयति, नि०२ एवं वदासी-'मा मे से उत्तमे पहाणे मंगल्ले सुविणे अन्नेहिं पावसुविणेहिं पडिहम्मिस्सइत्ति कट्ट देव-गुरुजण-संबद्धाहिं पसत्थाहिं मंगल्लाहिं धम्मियाहिं कहाहिं सुविणजागरियं पडिजागरमणी पडिजागरमाणी विहरति । [सु. २७-२८. बलेण रण्णा कोंडुबियपुरिसेहितो उवट्ठाणसालाए सीहासणरयावणं] २७. तए णं से बले राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेति, को०स०२ एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अज्ज सविसेसं बाहिरियं उवट्ठाणक्षसालं गंधोदयसित्तसुइयसम्मज्जियोवलित्तं सुगंधवरपंचवण्णपुप्फोवयारकलियं कालागरुपवरकुंदुरुक्क० जाव गंधवट्टिभूयं करेह य कारवेह य, करे०२ सीहासणं रएह, सीहा०र०२ ममेतं जाव पच्चप्पिणह । २८. तए णं ते कोडुंबिय० जाव पडिसुणेत्ता खिप्पामेव सविसेसं बाहिरियं उवट्ठाणसालं जाव पच्चप्पिणंति । [सु. २९-३१. कयवायाम-मज्जणाइपाभाइयकिच्चेण बलेण रण्णा पभावइदेवि-पमुहनवभद्दासमस्यावणं; कोडुंबियपुरिसेहितो सुविणऽत्थपाढगनिमंतणं, सुविणत्थपाढगाणमागमणं च] २९. तए णं से बले राया पच्चूसकालसमयंसि सयणिज्जाओ समुद्रुति, स० स०२ पायवीढातो पच्चोरुभति, प०२ जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छति, ते० उ०२ अट्टणसालं अणुपविसइ जहा उववातिए तहेव अट्टणसाला तहेव मज्जणघरे जाव ससि व्व पियदंसणे नरवई मज्जणघराओ पडिनिक्खमति, म०प०२ जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छति, ते० उ० २ सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे निसीयति, नि० २ अप्पणो उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए अट्ट भद्दासणाई सेयवत्थपच्चत्थुयाई सिद्धत्थगकयमंगलोवयाराई रयावेइ, रया० २ अप्पणो अदूरसामंते प्र णाणामणिरयणमंडियं अहियपेच्छणिज महग्यवरपट्टणुग्गयं सहपट्टभत्तिसयचित्तताणं ईहामियउसम जाव भत्तिचित्तं अभितरियं जवणियं अंछावेति, अं०२ # नाणामणि-रयणभत्तिचित्तं अत्थरयमउयमसूरगोत्थगं सेयवत्थपच्चत्थुतं अंगसुहफासयं सुमउयं पभावतीए देवीए भद्दासणं रयावेइ, र०२ कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, को० स०२ एवं वदासि-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अटुंगमहानिमित्तसुत्तत्थधारए विविहसत्थकुसले सुविणलक्खणपाढए सद्दावेह। ३०. तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पडिसुणेत्ता बलस्स रण्णो अंतियाओ पडिनिक्खमंति, पडि०२ सिग्धं तुरियं चवलं चंडं वेइयं हत्थिणापुरं नगरं मज्झमज्झेणं जेणेव तेसिं सुविणलक्खणपाडगाणं Mero+55555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-०३८२०5555555555555555555555555556ROF. 明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听乐明明明明明明明明明明明明听听乐乐乐E Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RO/955555555555555 (५) भगवई ११ सनं उ - ११ [१६८] 555555555555555yeroy गिहाई तेणेव उवागच्छंति, ते० उ०२ ते सुविणलक्खणपाढळ सद्दावेति । ३१. तए णं ते सुविणलक्खणपाढगा बलस्स रण्णो कोडुंबियपुरिसेहिं सद्दाविया समाणा हठ्ठतुट्ठ० ण्हाया कय० जाव सरीरा सिद्धत्थग-हरियालियकयमंगलमुद्धाणा सएहिं सएहिं गिहेहितो निग्गच्छंति, स० नि०२ हत्थिणापुर नगरं मज्झमज्झेणं जेणेव बलस्स रण्णो भवणवरवडेंसए तेणेव उवागच्छंति, तेणेव उ०२ भवणवरवडेसगपडिदुवारंसि एगतो मिलंति, ए० मि०२ जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला. जेणेव ॥ बले राया तेणेव उवागच्छंति, ते० उ०२ करयल० बलं रायं जएणं विजएणं वद्धावेति । तएणं ते सुविणलक्खणपाढगा बलेणं रण्णा वंदियपूइयसक्कारियसम्माणिया समाणा पत्तेयं पत्तेयं पुव्वनत्थेसु भद्दासणेसु निसीयंति। [सु. ३२. सुविणऽत्थपाढगाण पुरओ पभावइदिट्ठसुविणफलजाणणत्थं बत्नस्स रण्णो पुच्छा ] ३२. तए णं से बले राया पभावतिं देविं जवणियंतरियं ठावेइ, ठा० २ पुप्फ-फलपडिपुण्णहत्थे परेणं विणएणं ते सुविणलक्खणपाढए एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! पभावती देवी अज्ज तंसि तारिसगंसिवासघरंसि जाव सीहं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंणं देवाणुप्पिया! एयस्स ओरालस्स जाव के मन्ने कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सति ? [सु. ३३. बलं रायाणं पइ विविहसुविणभेयवण्णणापुरस्सरं सुविणऽत्थपाढगाणं पभावइदेवीए उत्तमपुत्तसंभवनिरूवणं ] ३३. (१) तए णं ते सुविणलक्खणपाढगा बलस्स रण्णो अंतियं एयम8 सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठ० तं सुविणं ओगिण्हंति, तं० ओ २ ईहं पविसंति, ईहं पविसित्ता तस्स सुविणस्स अत्थोग्गहणं करेंति, त० क०२ अन्नमन्नेणं सद्धिं संचालेति, अ० सं०२ तस्स सुविणस्स लद्धट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अभिगयट्ठा बलस्स रण्णो + पुरओ सुविणसत्थाई उच्चारेमाणा एवं वयासी- " (२) एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं सुविणसत्थंसि बायालीसं सुविणा, तीसं महासुविणा, बावत्तरिं सव्वसुविणा दिट्ठा । तत्थ णं देवाणुप्पिया ! तित्थयरमायरो वा चक्कवट्टिमायरो वा तित्थगरंसि वा चक्कवट्टिसि वा गन्भं वक्कममाणंसि एएसिं तीसाए महासुविणाणं इमे चोद्दस महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झंति, तं जहा- गय वसह सीह अभिसेय दाम ससि दिणयरं झयं कुंभं । पउमसर सागर विमाणभवय रयणुच्चय सिहिं च ।।१।। वासुदेवमायरो णं वासुदेवंसि गब्भं वक्कममाणंसि ए,सिं चोद्दसण्हं महासुविणाणं अन्नयरे सत्त महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झंति । बलदेवमायरो बलदेवंसि गम्भ वक्कममाणंसि एएसिंजोद्दसण्हमहासुविणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुविणे पासित्ताणं पडिबुच्छंति । मंडलियमायरो मंडलियंसि गम्भं वक्कममाणंसि एतेसिं चोद्दसण्हं महासुविणाणं अन्नयरं एगं महासुविणं पासित्ताणं पडिबुज्झंति । " (३) इमे य णं देवाणुप्पिया ! पभावतीए देवीए एगे महासुविणे दिढे, तं ओराले णं देवाणुप्पिया! पभावतीए देवीए सुविणे दिढे जाव आरोग्ग-तुट्ठि जाव मंगल्लकारए णं देवाणुप्पिया ! पभावतीए देवीए सुविणे दिढे । अत्थभाभो देवाणुप्पिया ! भोगलाभो० पुत्तलाभो० रज्जलाभो देवाणुप्पिया! । “(४) एवं खलु देवाणुप्पिया ! पभावती देवी नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव वीतिकंताणं तुम्हं कुलकेउं जाव पयाहिति । से वि यणं दारए उम्मुक्कबालभावे जाव रज्जवती राया भविस्सति, अणगारे वा भावियप्पा । तं ओराले णं देवाणुप्पिया ! पभावतीए देवीए सुविणे दिढे जाव आरोग्गतुट्ठि-दीहाउ-कल्लाण जाव दिढे।"[सु. ३४. बलेण रण्णा सक्कार-सम्माण-पीइदाणपुव्वं सुविणऽत्थपाढगविसज्जणं पभावइदेविं पइ अणुवूहणापुव्वं सुविणऽत्थकहणं च] ३४. तएणं से बले राया सुविणलक्खपाढगाणं अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठकयरल जाव कट्टते सुविणलक्खणपाढगे एवं वयासी 'एवमेयं देवाणुप्पिया! जाव से जहेयं तुब्भे वदह', त्ति कट्ट तं सुविणं सम्म पडिच्छति, तं०प०२ ते सुविणलक्खणपाढए विउलेणं असण-पाण-खाइम-साइम-पुप्फ-वत्थ-गंधमल्लालंकारेणं सक्कारेति सम्माणेति, स०२ विउलं जीवियारिहं पीतिदाणं दलयति, वि० द०२ पडिविसज्जेति, पडि०२ सीहासणाओ अब्भुटेति, सी० अ०२ जेणेव पभाती देवी तेणेव उवागच्छति, ते उ०२ पभावतिं देविं ताहि इट्ठाहिं जाव संलवमाणे संलवमाणे एवं वयासी “एवं खलु देवाणुप्पिए ! सुविणसत्थंसि बायालीसं सुविणा, तीसं महासुविणा, बावत्तरिं सव्वसुविणा दिट्ठा । तत्थ णं देवाणुप्पिए ! तित्थयगमायरो वा चक्कवट्ठिमायरो वा, तं चेव जाव अन्नयरं एगं महासुविणे दिढे । तं ओराले कणं तुमे देवी ! सुविणे दिढे जाव रज्जवती राया भविस्सति अणगारे वा भावियप्पा, तं ओराले णं तुमे देवी! सुविणे दिढे" त्ति कट्ट पभावति देविं ताहिं इट्टाहिं जाव दोच्चं पि तच्चं पि तच्चं पि अणुवूहइ। [सु. ३५-३६. नियसुविणऽत्थजाणणाणंतरं बभावतीए देवीए तहाविहोवयारेहि गब्भपरिवहणं ] ३५. तए णं सा पभावती देवी reC5555555555555555555555555| श्री आगमगुणमजषा - ३८३ 15555555555555555555555555FOOD 20乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐听听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听5 ON95乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听FFCO Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MO.955555555555555 (५) भगवई ११ सत्तं उ - ११ [१६९] 555555555555555ONOR बलस्स रण्णो अंतियं एयमढे सोच्चा निमस्स हट्ठतुट्ठ० करयल जाव एवं वदासी एवमेयं देवाणुप्पिया ! जाव तं सुविणं सम्म पडिच्छति, तं० पडि०२ बलेण रण्णा अब्भणुण्णाता समाणी नाणामणि-रयणमत्ति जाव अब्भुढेति, अ०२ अतुरितमचवल जाव गतीए जेणेव सए भवणे तेणेव उवागच्छति, ते० उ०२ सयं भवणमणुपविठ्ठा । ३६. तए णं सा पभावती देवी पहाया कयबलिकम्मा जाव सव्वालंकारविभूसिया तं गब्भस्स हियं मितं पत्थं गब्भपोसेणं तं देसे य काले य आहारमाहारेमाणी विवित्तमउएहिं सयणासणेहिं पतिरिक्कसुहाए मणाणुकूलाए बिहारभूमीए पसत्थदोहला संपुण्णदोहला सम्माणियदोहलाअविमाणियदोहलावोच्छिन्नदोहला विणीदोहला ववगयरोग-सोग-मोह-भय-परित्तासा तं गब्भं सुहंसुहेणं परिवहइ। [सु. ३७-३९. पभावइदेवीए पुत्तजम्मो, बलिरायाओ वद्धावयपडियारीणं पीइदाणाइय] ३७. म तएणं सा पभावती देवी नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव दारयं पयाता, तं एयं णं देवाणुप्पियाणं पियट्ठताए पियं निवेदेमो, पियं ते भवउ। ३९. तए णं से बले राया अंगपडियारियाणं अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव धारायणीव जाव रोमकूवे तासिं अंगपडियारियाणं मउडवजं जहामालियं ओमोयं दलयति, ओ० द० २ सेतं रययमयं विमलसलिलपुण्णं भिंगारं पगिण्हति, भिं० प०२ मत्थए धोवति, म० धो० २ विउलं जीवियारिहं पीतिदाणं दलयति, वि० द० २ सक्कारेइ सम्माणेइ, स०२ पडिविसज्जेति। [सु. ४०-४४. पुत्तजम्ममहूसवस्स वित्थरओ वण्णणं, जायदारयस्स 'महब्बल' नामकरणं च] ४०. तए णं से बले राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेति, को० स० एवं वदासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! हत्थिणापुरे नगरे चारगसोहणं करेह, चा० क०२ माणुम्मारवड्ढणं करेह, मा० क० २ हत्थिणापुरं नगरं सब्भितरबाहिरियं आसियसम्मज्जियोवलितं जाव करेह य कारवेह य, करेत्ताय कारवेत्ता य, जूवसहस्सं वा, चक्कसहस्संवा, पूयामहामहिमसक्कारं वा ऊसवेह, ऊ०२ ममेतमाणत्तियं पच्चप्पिणह । ४१. तए णं ते कोडुंबियपुरिसा बलेणं रण्णा एवं वुत्ता जाव पच्चप्पिणंति । ४२. तए णं से बले राया जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छति, ते० उ०२ तं चेव जाव मज्जणघराओ पडिनिक्खमति, प०२ उस्सुकं उक्करं उक्किट्ठ अदेज्ज अमेज्जं अभडप्पवेसं अदंडकोदंडिमं अधरिमं गणियावरनाडइज्जकलियं अणेगतालाचराणुचरियं अणुद्धयमुइंगं अमिलायमल्लदामं पमुइयपक्कीलियं सपुरजणजाणवयं दसदिवसे ठितिवडियं करेति । ४३. तए णं से बले राया दसाहियाए ठितिवडियाए वट्टमाणीए सतिए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य जाए य दाए य भाए य दलमाणे य दवावेमाणे य सतिए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य लाभे पडिच्छेमाणे य पडिच्छावेमाणे य एवं विहरति । ४४. तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढ़मे दिवसे ठितिवडियं करेंति, ततिए दिवसे चंदसूरदंसावणियं करेति, छठे दिवसे जागरियं करेति । एक्कारसमे दिवसे वीतिक्ते, निव्वत्ते असुइजायकम्मकरणे, संपत्ते बारसाहदिवसे विउलं असण-पाण-खाइम-साइमं उवक्खडावेति, उ०२ जहा सिवो (स०११ उ०९ सु०११) जाव खत्तिए य आमंति, आ०२ ततो पच्छा पहाता कत० तं चेव जाव सक्कारेति सम्माणेति, स० २ तस्सेव मित्त-णाति जाव राईण य खात्तियाण य पुरतो अज्जयपज्जयपिउपज्जयागयं बहुपुरिसपरंपरप्परूढं कुलाणुरूवं कुलसरिसं कुलसंताणतंतुवद्धणकरं अयमेयारूवं गोण्णं गुणनिप्फन्नं नामधेनं करेति जम्हा णं अम्हं इमे दारए बलस्स रण्णो पुत्ते पभावतीए देवीए अत्तए तं होउणं अम्हं इमस्स दारयस्स नामधेनं महब्बले । तए णं तस्स दारगस्स अम्माषियरो नामधेनं करेति 'महब्बले' त्ति । [सु. ४५-४७. पंचधाइपालणपरिवड्ढढणाइलेहसालासिक्खाकमेण महब्बलकुमारस्स तारुण्णभावो] ४५. तए णं से महब्बले दारए पंचधातीपरिग्गहिते, तं जहा खीरधातीए एवं जहा दढप्पतिण्णे जाव निवातनिव्वाधातंसि सुहंसुहेणं परिवड्डइ । ४६. तए णं तस्स महब्बलस्स दारगस्स अम्मा-पियरो अणुपुव्वेणं ठितिवडियं वा चंद-सूरदंसावणियं वा जागरियं वा नामकरणं वा परंगामणं वा पयचंकमावणं वा जेमावणं वा पिंडवद्धणं वा पजपामणं वा कण्णवेहणं वा संवच्छरपडिलेहणं वा चोलोयणगं वा उवणयणं वा अन्नाणि य म बहूणि गब्भाधाणजम्मणमादियाइं कोतुयाइं करेंति । ४७. तए णं तं महब्बलं कुमारं अम्मा-पियरो सातिरेगऽट्ठवासगं जाणित्ता सोभणंसि तिहि-करण-मुहत्तंसि एवं दढप्पतिण्णो जाव अलंभोगसमत्थे जाए यावि होत्था । रसु. ४८. बलरायकरियमहब्बलकुमारावासभवणवण्णणं] ४८. तए णं तं महब्बलं कुमारं उम्मुक्कबालभावं जाव अलंभोगसमत्थं विजाणित्ता अम्मा-पियरो अट्ट Pre: 555555#श्री आगमगुणमंजूषा - ३८४55555555555555555555$$$$$$5IOR | ACC%听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 SC555555555%%%%$$ 卐 जहा Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For95555555555555555 (५) भगवई ११ सत्तं उ-११ [१७०] 1555555555555555seos: 55QoY $$ 步步步步步听听听听听$$$$$$$$ पासायवडेंसए कारेति । अब्भुग्गमूसिय पहसिते इव वण्णओ जहा रायप्पसेणइज्जे जाव पडिरूवे । तेसिंणं पासायवडेंसगाणं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महेगं भवणं कारेति अणेगखंभसयसन्निविट्ठ, वण्णओ जहा रायप्पसेणइज्जे पेच्छाघरमंडवंसि जाव पडिरूवं। [सु. ४९. महब्बलकुमारेण अट्ठकण्णापाणिग्गहणं ] ४९. तए णं , तं महब्बलं कुमारं अम्मा-पियरो अन्नया कयाइ सोमणंसि तिहि-करण-दिवस-नक्खत्त-मुहुत्तंसि पहायं कयबलिकम्मं कयकोउय-मंगल-पायच्छित्तं सव्वालंकारविभूसियं पमक्खणग-हाण-गीय-वाइय -पसाहणटुंगतिलगकंकणअविहववहुउवणीयं मंगल-सुजंपितेहि य वरकोउय-मंगलोवयारकयसंतिकम्म सरिसियाणं सरित्तयाणं सरिव्वयाणं सरिसलायण्ण-रूव-जोव्वण-गुणोववेयाणं विणीयाणं कयकोउय-मंगलोवयारकतसंतिकम्माणं सरिसएहिं रायकुलेहितो आणितेल्लियाणं अट्ठण्हं रायवरकन्नाणं एगदिवसेणं पाणिं गिण्हाविसुं। [सु. ५०. अम्मा-पिइदिण्णस्स महब्बलकुमारापीइदाणस्स वित्थरओ वण्णणं ] ५०. तए णं तस्स महब्बलस्स कुमारस्स अम्मा-पियरो अयमेयारूवं पीतिदाणं दलयंति, तं जहा अट्ठ हिरण्णकोडीओ, अट्ठ सुवण्णकोडीओ, अट्ठ मउडे मउडप्पवरे. अट्ठकुंडलजोए कुंडलजोयप्पवरे, अट्ट हारे हारप्पवरे, अट्ठ अद्धहारे अद्धहारप्पवरे, अट्ठ एगावलीओ एगावलिप्पवराओ, एवं सुत्तावलीओ, एवं कणगावलीओ, एवं रयणावलीओ, अट्ठ कडगजोए कडगजोयप्पवरे, एवं तुडियजोए, अट्ठ खोमजुयलाई खोमजुयलप्पसराई, एवं वडगजुयलाई, एवं पठ्ठजुयलाई, एवं दुगुल्लजुयलाई, अट्ठ सिरीओ, अट्ठ हिरीओ; एवं धितीओ, कित्तीओ, बुद्धीओ, लच्छीओ; अट्ठ नंदाई, अट्ठ भद्दाई, अट्ठ तले तलप्पवरे सव्वरयणामए णियगवरभवणकेऊ, अट्ठ झए झयप्पवरे, अट्ठ वए वयप्पवरे दसगोसाहस्सिएणं वएणं, अट्ठनाड़गाइं नाडगप्पवराई बत्तीसइबद्धेणं नाडएणं, अट्ठ आसे आसप्पवरे सव्वरयणामए सिरिघरपडिरूवए, अठ्ठ हत्थी हत्थिप्पवरे सव्वरयणामए सिरिघरपडिरूवए, अट्ठ जाणाई जाणप्पवराई, अट्ठ जुंगाइ जुंगप्पवराई, एवं सिबियाओ, एवं संदमाणियाओ, एवं गिल्लीओ, थिल्लीओ, अट्ठ वियडजाणाइं वियडजाणप्पवराई, अट्ठ रहे पारिजाणिए, अट्ठ रहे संगामिए, अट्ठ आसे आसप्पवरे, अट्ट हत्थी हत्थिप्पवरे, अट्ठ गामे गामप्पवरे दसकुलसाहस्सिएणं गामेणं, अट्ठ दासे दासप्पवरे, एवं दासीओ, एवं किंकरे, एवं कंचुइज्जे, एवं वरिसधरे, एवं महत्तरए, अट्ठ सोवण्णिए ओलंबणदीवे, अट्ठ रुप्पामए ओलंबणदीवे, अट्ठ सुवण्णरुप्पामए ओलंबणदीवे, अट्ठ सोवण्णिए उक्कंपणदीवे, एवं चेव तिण्णि वि; अट्ठ सोवण्णिए पंजरदीवे, एवं चेव तिण्णि वि; अट्ठ सोवण्णिए थाले, अट्ट रुप्पामए थाले, अट्ठ सुवण्ण-रुप्पामए थाले, अट्ठ सोवण्णियाओ पत्तीओ, अट्ठ सोवणियाओ पत्तीओ, अट्ठ रुप्पामयाओ पत्तीओ, अट्ठ सुवण्ण-रुप्पामयाओ पत्तीओ; अट्ठ सोवण्णियाइं थासगाई ३, अट्ठ सोवण्णियाई मल्लगाइं ३, अट्ट सोवणियाओ तलियाओ ३, अट्ठ सोवण्णियाओ कविचिआओ ३, अट्ठ सोवण्णिए अवएडए ३, अट्ठ सोवण्णियाओ अवयक्काओ ३, अट्ट सोवण्णिए पायपीढए ३, अट्ठ सोवण्णिओ भिसियाओ ३, अट्ट सोवणियाओ करोडियाओ ३, अट्ट सोवण्णिए पल्लंके ३, अट्ठ सोवण्णियाओ पडिसेज्जाओ ३, अट्ठ० हंसासणाई ३, अट्ठ० कोंचासणाई ३, एवं गरुलासणाई उन्नतासणाइं पणतासणाई दीहासणाई भद्दासणाई पक्खासणाई मगरासणाई, अट्ठ० पउमासणाई, अट्ठ० उसभासणाई, अट्ठ० दिसासोवत्थियासणाई, अट्ठ० तेल्लसमुग्गे, जहा रायप्पसेणइज्जे जाव अट्ठ० सरिसवसमुग्गे, अट्ठ खुज्जाओ जहा उववातिए जाव अट्ठ पारसीओ, अट्ठ छत्ते, अट्ठ छत्तधारीओ चेडीओ, अट्ट चामराओ, अट्ठ चामरधारीओ चेडीओ, अट्ठ तालियंटे, अट्ट तालियंटधारीओ चेडीओ, अट्ठ करोडियाओ, अट्ठकरोडियाधारीओ चेडीओ, अट्ठखीरधातीओ, जाव अट्ठ अंकधातीओ, अट्ठ अंगमहियाओ, अट्ठ उम्महियाओ, अट्ठण्हावियाओ, अट्ठ पसाधियाओ, अट्ठवण्णगपेसीओ, अट्ठ चुण्णगपेसीओ, अट्ठकोडा(?ड्ढा)कारीओ, अट्ठ दवकारीओ, अट्ठ उवत्थाणियाओ. अट्ठ नाडइज्जाओ, अट्ट कोडुबिणीओ, अट्ठ महाणसिणीओ, अट्ठ भंडागारिणीओ, अट्ठ अब्भाधारिणीओ, अट्ठ पुप्फघरिणीओ, अट्ठ पाणिघरिणीओ. अट्र बलिकारियाओ, अट्ठसेज्जाकारीओ, अट्ठ अभितरियाओ पडिहारीओ, अट्ठ बाहिरियाओ पडिहारीओ, अट्ठ मालाकारीओ, अट्ठ पेसणकारीओ, अन्नं वा सुबह म हिरण्णं वा, सुवण्णं वा, कसं वा, दूसं वा, विउलधणकणग जाव संतासावदेज्ज अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं परिभोत्तुं पकामं २ परियाभाएउं। सु. ५१-५२. महब्बलकुमारस्स नियभज्जासु अम्मा-पिइदिण्णपीइदाणविभयणं भोग जणं च] ५१. तए णं से महब्बले कुमारे एगमेगाए भज्जाए Me 5 555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ३८५ ॥455555555555555'EO 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 明明明明明乐乐乐乐$$ Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGROF5 5555 (५) भगवई ११ सतं उ. ११ (१७१] 55555555555555EXOX न एगमेगं हिरण्णकोडिं दलयति, एगमेगं सुवण्णकोडिं दलयति, एगमेगं मउडं मउडप्पवरं दलयति, एवं तं चेव सव्बं जाव एगमेगं पेसणकारि दलयति, अन्नं वा सुबहुं हिरण्णं वा जाव परियाभाएउं । ५२. तए णं से महब्बले कुमारे उप्पं पासायवरगए जहा जमाली (स०९ उ० ३३ सु० २२) जाव विहरति । [सु. ५३-५४. म धम्मगोसाणगारस्स हस्थिणापुरागमणं, परिसापज्जुवासणा य] ५३. तेणं कालेणं तेणं समएणं विमलस्स अरहो पओप्पए धम्मघोसे नामं अणगारे जातिसंपन्ने वण्णओ जहा केसिसामिस्स जाव पंचहि अणगारसएहिं सद्धिं संपरिखुडे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूतिजमाणे जेणेव हत्थिणापुरे नगरे जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छति, उवा०२ अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हति, ओ०२ संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति । ५४. तए णं हत्थिणापुरे नगरे सिंघाङगतिय जाव परिसा पज्जुवासति। [सु. ५५-५७. धम्मघोसाणगारस्संतिए महब्बलकुमारस्स पव्वज्जागहणं ] ५५. तए णं तस्स महब्बलस्स कुमारस्स तं महया जणसह वा जणवूहं वा एवं जहा जमाली (स० ९ उ० ३३ सु० २४-२५) तहेव चिंता, तहेव कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेई, कंचुइज्जपुरिसे वि तहेव अक्खाति, नवरं धम्माघोसस्स अणगारस्स आगमणगहियविणिच्छए करयल जाव निग्गच्छति । एवं खलु देवाणुप्पिया ! विमलस्स अरहतो पउप्पए धम्मघोसे नामं अणगारे सेसं तं चेव जास सो वि तहेव रहवरेणं निग्गच्छति । धम्मकहा जहा केसिसामिस्स । सो वि तहेव (स०९ उ० ३३ सु० ३३) अम्मापियरं आपुच्छति, नवरं धम्मघोसस्स अणगारस्स अंतियं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारियं पव्वइत्तए तहेव वुत्तपडिवुत्तिया (स० ९ उ० ३३ सु० ३५-४५) नवरं इमाओ य ते जाया ! विउलरायकुलबालियाओ कला० सेसं तं चेव जाव ताहे अकामाइं चेव महब्बलकुमारं एवं वदासी तं इच्छामो ते जाया ! एगदिवसमवि रज्जसिरिं पासित्तए। ५६. तए णं से महब्बले कुमारे अम्मा-पिउवयणमणुत्तमाणे तुसिणीए संचिट्ठइ। ५७. तए णं से बले राया कोडुंबियपुरिसे सद्देवेइ, एवं जहा विसभद्दस्स (स०१ उ०९ सु०७-९) तहेव रायाभिसेओ भाणितव्वो जाव अभिसिंचंति, अभिसिंचित्ता करतलपरि० महब्बलं कुमारं जएणं विजएणं वद्धति, जएणं विजएणं वद्धावित्ता एवं भवयासी भण जाया ! किं देमो ? किं पयच्छामो ? सेसं जहा जमालिस्स तहेव, जाव (स० ९ उ० ३३ सु० ४९-८२) [सु. ५८. महब्बलाणगारस्स विविहतवोणुट्ठाणकमेण कालगमणं बंभलोयकप्पुववाओ य] ५८. तए णं से महब्बले अणगारे धम्मघोसस्स अणगारस्स अंतियं सामाइयमाइयाइं चोद्दस पुव्वाई अहिज्जति, अहिज्जित्ता बहूहिं चउत्थ जाव विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाई दुवालस वासाइं सामण्णपरियागं पाउणति, बहु० पा० २ ई मासियाए संलेहणाए सढि भत्ताई अणसणाए० आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उड्डे चंदिमसूरिय जहा अम्मडो जाव बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववन्ने । तत्थणं अत्थेगइयाणं देवाणं दस सागरोवमाइं ठिती पण्णत्ता। तत्थणं महब्बलस्स वि देवस्स दस सागरावमाई ठिती पन्नत्ता। [सु. ५९. 'महब्बलदेवजीवस्स सुदंसणसेट्टित्तेणप्पत्ती' इति कहणाणंतरं सुदंसणसेट्टि पइ भगवओ सव्वचागकरणोवएसो] ५९. से णं तुमं सुदंसणा ! बंभलोए कप्पे दस सागरोवमाइं दिव्वाइं है 卐 भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्ता तओ चेव देवलोगाओ आउक्खएणं ठितिक्खएणं भवक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता इहेव वाणियग्गामे नगरे सेट्ठिकुलंसि पुमत्ताए पच्चायाए। तए णं तुमे सुदंसणा! उम्मुक्कबालभावेणं विण्णयपरिणयमेत्तेणं जोव्वणगमणुप्पत्तेणं तहारूवाणं थेराणं अंतियं केवलिपण्णत्ते धम्मे निसंते, से वि य धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइते, तं सुटु णं तुमं सुदंसणा ! इदाणिं पि करेसि । सेतेणढेणं सुदंसणा ! एवं वुच्चति ‘अस्थि णं एतेसिंपलिओवमसागरोवमाणं खए ति वा, ॥ ई अवचए ति वा'। [सु. ६०-६१. उप्पन्नजाईसरणस्स सुदंसणसेट्ठिस्स चारित्तगहणाणंतरं मोक्खगमणं ] ६०. तए णं तस्स सुदंसणस्स सेट्ठिस्स समणस्स भगवओ म महावीरस्स अंतियंएयम8 सोच्चा निसम्म सुभेणं अज्झवसाणेणं, सोहणेणं परिणामेणं, लेसाहिं विसुज्झमाणीहि, तदावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापोह मग्गण-गवेसणं करेमाणस्स सण्णीपुव्वंजातीसरणे समुप्पन्ने, एतम४ सम्म अभिसमेति। ६१. तएणं से सुदंसणे सेट्ठी समणेणं भगवया महावीरेणं संभारियपुव्वभवे दुगुणाणीयसढसंवेगे आणंदंसुपुण्णनवणे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेति, आ० क०२ वंदति नमसति, वं०२ एवं वयासी एवमेयं ॥ र भंते ! जाव से जहेयं तुब्भे वदह, त्ति कट्ट उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमति सेसं जहा उसभदत्तस्स (सु० ९ उ०३३ सु०१६) जाव सव्वदुकखप्पहरणे, नवरं KO 5555555 / श्री आगमगुणमंजूषा - ३८६ 55 5555555555FOTO C%乐明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐听听听听听听听听听听听听乐明明听听听听听听听听听听听听听听80CM GO$$明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐乐乐明明明明明明明乐乐乐乐乐乐乐2 Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई ११ सतं उ १२ [१७२ ] चोद्दस पुव्वाई अहिज्जति, बहुपडिपुण्णाई दुवालस वासाई सामण्णपरियागं पाउणति । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥ ★★★ || महब्बलो सम ॥११.११ ॥ बारसमो उद्देसओ 'आलभिया' ★★★ [सु. १-५. आलभियानगरीवत्थव्वसमणोवासयाणं देवट्ठितिजिण्णासाए इसिभद्दपुत्तसमणोवासयकया देवट्ठितिपरूवणा, अन्नसमणोवासयाणमसद्दहणा य] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं आलभिया नामं नगरी होत्था । वण्णओ। संखवणे चेतिए । वण्णओ । २. तत्थ आलभिया नगरीए बहवे इसिभद्दपुत्तपामोक्खा समणोवासया परिवसंति अड्डा जाव अपरिलूता अभिगयजीवाजीवा जाव विहरंति । ३. तए णं तेसिं समणोवासयाणं अन्नया कयाइ एगयमो समुवागयाणं सहियाणं समुपविट्ठाणं सन्निसन्नाणं अयमेयारूवे मिहो कहासमुल्लावे समुप्पज्जित्थादेवलोगेसु णं अज्जो ! देवाणं केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? ४. तए णं से इसिभद्दपुत्ते समणोवासए देवट्ठितीगहियट्ठे ते समणोवासए एवं वयासी देवलोगेसु णं अज्जो ! देवाणं जहन्नेणं दस वाससहस्साइं ठिती पण्णत्ता, तेण परं समयाहिया दुसमयाहिया तिसमयाहिया जाव दससमयाहिया संखेज्जसमयाहिया असंखेज्जसमयाहिया; उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता । तेण परं वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य । ५. तए णं ते समणोवासगा इसिभद्दपुत्तस्स समणोवासगस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव एवं परूवेमाणस्स एयमद्वं नो सहंति नो पत्तियंति नो रोएंति, एयमहं असद्दहमाणा अपत्तियमाणा अरोएमाणा जामेव दिसं पाउब्भूया तामेव दिसं पडिगया। [सु. ६. आलभियानगरीए भगवओ समोसरणं ] ६. तेणं कालेणं तेणं समणेणं समणे भगवं महावीरे जाव समोसढे जाव परिसा पज्जुवासति । [सु. ७-१२. इसिभद्दपुत्तपरूवियदेवट्ठितिविसए भगवओ अविरोहं सोऊणं इसिभद्दपुत्तं पर समणोवासयाणं खामणा, सट्टाणगमणं च] ७. तए णं ते समणोवासगा इमीसे कहाए लद्धट्ठा समाणा हट्टतुट्ठा एवं जहा तुंगिउद्देसए (स० २ उ० ५ सु० १४) जाव पज्जुवासंति । ८. तए णं समणे भगवं महावीरे तेसिं समणोवासगाणं तीसे य महति० धम्मकहा जाव आणाए आरांहए भवति । ९. तप ते समोवासया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मं सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठ० उट्ठाए उट्ठेतिं, उ० २ समणं भगवं महावीरं वंदंति नमंसंति, वं० २ एवं वदासी-एवं खलु भंते ! इसिभद्दपुत्ते समणोवासए अम्हं एवं आइक्खति जाव परूवेति देवलोएसु णं अज्जो ! देवाणं जहन्नेणं दसवाससहस्साइं ठिती पन्नत्ता, तेण परं समयाहिया जाव तेण परं वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य। से कहमेतं भंते ! एवं ? १०. 'अज्जो !' त्ति समणे भगवं महावीरे ते समणोवासए एवं वयासी जं णं अज्जो ! इसिभद्दपुत्ते समणोवासए तुब्भं एवं आइक्खर जाव परूवेइ-देवलोगेसु णं अज्ज ! देवाणं जहन्नेणं दस वाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता तेण परं समयाहिया जाव तेण परं वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य, सच्चे णं एसमट्ठे । अहं पिणं अज्जो ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-देवलोगेसु णं अज्ज ! देवाणं जहन्त्रेणं दस वाससहस्साइं० तं चेव जाव वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य। सच्चे णं एसे अट्ठे । ११. तए णं समणोवासगा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमहं सोच्चा निसम्म समणं भगवं महावीरं वंदंति नमंसंति, वं० २ जेणेव इसिभद्दपुत्ते समणोवासए तेणेव उवागच्छंति, उवा० २ इसिभद्दपुत्तं समणोवासगं वंदंति नमंसंति, वं० २ एयमहं सम्म 'विणणं भुज्जो भुज्जो खामेति । १२. तए णं ते समणोवासया पंसिणाई पुच्छंति, प० पु० २ अट्ठाई परियादियंति, अ० प० २ समणं भगवं महावीरं वंदंति नमंसंति, वं० २ जामेव दिसं पाउब्भूता तामेव दिसं पडिगया। [सु. १३-१४. गोयमपुच्छाए भगवओ इसिभद्दपुत्तदेवलोगगमण-विदेह-सिज्झणापरूवणा) १३. 'भंते! त्ि भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति णमंसति, वं० २ एवं वयासी- पभू णं भंते ! इसिभद्दपुत्ते समणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारियं पव्वइत्तए ? णो इणट्ठे समट्टे, गोयमा ! इसिभद्दपुत्ते णं समणोवासए बहूहिं सीलव्वत - गुणव्वत- वेरमण-पच्चक्खाण-पोसहो-ववासेहिं अहापरिग्गहितेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासइं समणोवासगपरियागं पाउणिहिति, ब० पा० २ मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेहिति, मा० झू० २ सद्धिं भत्ताई अणसणाए छेदेहिति, स० छे० २ आलोइयपड़िक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे अरुणामे विमाणे देवत्ताए उववज्जिहिति । तत्थ णं अत्थेगतियाणं देवाण चत्तारि पलिओवमाइं ठिती पण्णत्ता । तत्थ णं इसिभद्दपुत्तस्स वि देवस्स चत्तारि पलिओवमाइं ठिती भविस्सति । १४. से णं भंते ! इसिभद्दपुत्ते देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खणं जाव कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । सेवं भंते! सेवं भंते! ति MOTOR श्री आगमगुणमंजूषा - ३८७YOR फफफफफफफफ Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TOCs明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听$50 HOR955555555555 (५) भगवई ११ सतं उ- १२/१२ सत्तं उ - १ [१७३] $% %% %% %%%% %% भगवं गोयमे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरति। [सु. १५. आलभियानगरीतो भगवओ जणवयविहरो] १५. तएणं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाइ आलभियाओ नगरीओ संखवणाओ चेतियाओ पडिनिक्खमति, प०२ बहिया जणवयविहारं विहरति। [सु. १६-१७. आलभियानगरीसंखवणचेतियसमीवे मोग्गलपरिव्वयगस्स विभंगणापुप्पत्ती] १६. तेणं कालेणं तेणं समएणं आलभिया नाम नगरी त्था । वण्णओ । तत्थ णं संखवणे णामं चेइए होत्था। वण्णओ। तस्स णं संखवणस्स चेतियस्स अदूरसामंते मोग्गले नाम परिव्वायए परिवसति रिजुव्वेद-यजुव्वेद जाव नयेसु सुपरिनिट्ठिए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उर्दु बाहाओ जाव आयावेमाणे विहरति । १७. तए णं तस्स मोग्गलस्स परिव्वायगस्स छटुंछट्टेणं जाव आयावेमाणस्स पगतिभद्दयाए जहा सिवस्स (स० ११ उ०९ सु०१६) जाव विब्भंगे नामंणाणे समुप्पन्ने। सेणं तेणं विभंगेण नाणेणं समुप्पन्नेणं बंभलोए कप्पे देवाणं ठितिं जाणति पासति। [सु. १८-१९. विभंगणाणिस्स मोग्गलपरिव्वायगस्स देव-देवलोयविसयाए परूवणाए लोयाणं वियक्को] १८. तए णं तस्स मोग्गलस्स परिव्वायगस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-'अत्थि णं ममं अतिसेसे नाण-दंसणे समुप्पन्ने, देवलोएसु णं देवाणं जहन्नेणं दसवाससहस्साई ठिती पन्नत्ता, तेण परं समयाहिया दुसमयाहिया जाव असंखेज्जसमयाहिया; उक्कोसेणं दससागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता, तेण परं वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य' । एवं संपेहेति, एवं सं०२ आयावणभूमीओ पच्चोरुभति, आ० प०२ तिदंड-कुंडिय जाव धाउरत्ताओ य गेण्हति, गे० उ०२ भंडनिक्खेवं करेति, भं० क०२ आलभियाए नगरीए सिंघाडग जाव पहेसु अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति जाव परूवेति-अस्थि णं देवाणुप्पिया ! ममं अतिसेसे नाण-दसणे समुप्पन्ने, देवलोएसु णं देवाणं जहन्नेणं दसवाससहस्साइं० तं चेव जाव वोच्छिन्ना देवा य देवलोगा य । १९. तए णं आलभियाए नगरीए एवं एएणं अभिलावेणं जहा सिवस्स (स० ११ उ० ९ सु०१८) जाव से कहमेयं मन्ने एवं ? [सु. २०-२३. भगवओ देव-देवलोयविसइया परूवणो] २०. सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया । भगवं गोयमे तहेव भिक्खायरियाए तहेव बहुजणसई निसामेति (स०११ उ०९ सु०२०), तहेव सव्वं भाणियव्वं जाव (स० ११ उ०९ सु० २१) अहं पुण गोयमा ! एवं आइक्खामि एवं भासामि जाव परूवेमि-देवलोएसुणं देवाणं जहन्नेणं दसवाससहस्साई ठिती पन्नत्ता, तेण परं समयाहिया सुदमयाहिया जाव उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता; तेण परं वुच्छिन्ना देवा य देवलोगा य । २१. अत्थि णं भंते ! सोहम्मे कप्पे दव्वाइं पि अवण्णाई पि तहेव (सु. ११ उ०९ सु०२२) जाव हंता, अत्थि । २२. एवं ईसाणे वि । एवं जाव अच्चुए। एवं गेविज्जविमाणेसु, अणुत्तरविमाणेसु वि, ईसिपब्भाराए वि जाव हंता, अत्थि । २३. तए णं सा महतिमहालिया जाव पडिगया। [सु. २४. मोग्गपरिव्वायगस्स निग्गंथपव्वज्जागहणं सिज्झणा ये] २४. तए णं आलभियाए नगरीए सिंघाडग-तिय० अवसेसंजहासिवस्स (स०११ उ०९ सु०२७-३२) जाव सव्वदुक्खप्पहीणे, नवरं तिदंड- कुंडियं जाव धाउरत्तवत्थपरिहिए 'परिवडियविन्भंगे आलभियं नगरिं मज्झमज्झेणं निग्गच्छति जाव उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमति, उत्तर० अ०२ तिदंड-कुंडियं च जहा खंदओ (स०२ उ०॥ १ सु० ३४) जाव पव्वइओ। सेसं जहा सिवस्स जाव अव्वाबाहं सोक्खं अणुहुँते(ती) सासतं सिद्धा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।११.१२।। एक्कारसमं सयं समत्तं ॥११॥ बारसमं सब सु . १. बारसमसयस्स दसुद्देसनामसंगहगाहा] १. संखे १ जयंति २ पुढवी ३ पोग्गल ४ अइवाय ५ राहु ६ लोगे य ७ । नागे य ८ देव ९ आया १० बारसमसए दसुद्देसा ॥१|| ★★★ पढमो उद्देसओ 'संखे' ★★★ [सु. २-९. सावत्थिनयरिवत्थव्वसंख - पोक्खलिपमुहसमणोवासयाणं भगवओ देसणासुणणाइ] २. तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी नामं नगरी होत्था । वण्णओ । कोट्ठए चेतिए। वण्णओ। ३. तत्थ णं सावत्थीए नगरीए बहवे संखपामोक्खा समणोवासगा परिवंसति अड्डा जाव अपरिभूया अभिगयजीवाजीवा जाव विहरंति । ४. तस्स णं संखस्स समणोवासगस्स उप्पला नाम भारिया होत्था, सुकुमाल जाव सुरूवा समणोवासिया अभिगयजीवाजीवा जाव विरहति । ५. तत्थ णं सावत्थीए नगरीए पोक्खली नाम समणोवासए परिवसति अड्डे अभिगय जाव विहरति । ६. तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे । परिसा निग्गया जाव पज्जुवासइ। ७. तए णं ते समणोवासगा इमीसे जहा 起見听听听听听听听明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听货明明明明明明明明明明明明明明明明明2 mero F5555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- ३८८555555555555555555555 OOK Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ K9%%%%%%步步步步555明 (५) भगवई १२ सत्तं उ-१ [१७४] 55555555555555OOK FQrog 乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明乐乐乐乐乐乐历历明明听听听听听听听听听听听听乐 乐乐听听乐明 आलभियाए (स०११ उ० १२ सु०७) जाव पज्जुवासंति। ८. तए णं समणे भगवं महावीरे तेसिं समणोवासगाणं तीसे य महतिमहालियाए० धम्मकहा जाव परिसा। पडिगया।९. तएणं ते समणोवासगा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदंति नमसंति, वं०२ पसिणाई पुच्छंति, प० पु०२ अट्ठाइं परियादियंति, अ०प०२ उठाए उट्टेति, उ०२ समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ कोट्ठगाओ चेतियाओ पडिनिक्खमंति, प० २ जेणेव सावत्थी नगरी तेणेव पाहारेत्थ गमणाए। [सु. १०-११. संखसमणोवासयस्स पक्खियपोसहनिमित्तं समणोवासए पइ विपुलासणाइकरणनिद्देसो] १०.॥ म तए णं से संखे समणोवासए ते समणोवासए एवं वदासी तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! विपुलं असण-पाण-खाइमं वक्खडावेह । तए णं अम्हे तं विपुलं असण-पाण खाइम-साइमं आसाएमाणा विस्साएमाणा परिभाएमाणा परिभुजेमाणा पक्खियं पोसहं पडिजागरमाणा विहरिस्सामो। ११. तए णं ते समणोवासगा संखस्स समणोवासगस्स एयमटुं विणएणं पडिसुणंति। [सु. १२. संखसमणोवासयस्स पक्खियपोसहनिमित्तं असणाइभुंजणपरिणामनिवत्तणं आरंभचागपुव्वं पोसहसालाए पोसहजागरिया य] १२. तए णं तस्स संखस्स समणोवासगस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था 'नो खलु मे सेयं तं विउलं असणं जाव साइमं आसाएमाणस्स विस्सादेमाणस्सपरिभाएमाणस्स परिभुजेमाणस्स पक्खियं पोसह पडिजागरमाणस्स विहरित्तए। सेयं खलु मे पोसहसालाए पोसहियस्स बंभयारिस्स उम्मुक्कमणि-सुवण्णस्स ववगयमाला-वण्णग-विलेवणस्स निक्खित्तसत्थ -मुसलस्स एगस्स अब्बिइयस्स दब्भसंथारोवगयस्स पक्खियं पोसहं पहिजागरमाणस्स विहएरित्तए'त्ति कट्ट एवं संपेहेति, ए० सं०२ जेणेवं सावत्थी नगरी जेणेव सए गिहे जेणेद उप्पला समणोवासिया तेणेव उवागच्छति, उवा०२ उप्पलं समणोवासियं आपुच्छति, उ० आ०२ जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छति, उवा०२ पोसहसालं अणुपविसति, पो० अ०२ पोसहसालं पमज्जति, पो०प०२ उच्चारपासवणमूमि पडिलेहेति, ०प०२ दब्भसंथारगं संथरति, द० सं० २ दब्भसंथारगं हइ, २ पोसहसालाए पोसहिए बंभचारी जाव पक्खियं पोसहं पडिजागरमाणे विहरति । सु. १३-१४. असणाइउवक्खडणाणंतरं संखनिमंतणत्थं पोक्खलिस्स संखगिहगमणं ] १३. तए णं ते समणोवासगा जेणेव सावत्थी नगरी जेणेव साइं साई गिहाई तेणेव उवागच्छंति, ते. उ०२ विपुल असण-पाण -खाइम -साइमं उवक्खडावेति, उ०२ अन्नमन्ने सद्दावेति, अन्न० स०२ एवं वयासी ‘एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हेहिं से विउले असण -पाण -खाइम -साइमे उवक्खडाविते, संखे य णं समणोवासए नो हव्वमागच्छइ । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं संख समणोवासगंई सद्दावेत्तए।' १४. तए णं से पोक्खली समणोवासए ते समणोवासए एवं वयासी 'अच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! सुनिव्वुया वीसत्था, अहं णं संखं समणोवासगं सद्दावेमि' त्ति कट्ट तेसिं समणोवासगाणं अंतियाओ पडिनिक्खमति, प०२ सावत्थनगरीमझमज्झेणं जेणेव संखस्स समणोवासयस्स गिहे तेणेव उवागच्छति, ते उ०२ संखस्स समणोवासगस्स गिह अणुपवितु। [सु. १५. गिहागयं पोक्खलिं पइ संखभज्जाए उप्पलाए वंदणाइकरणं संखपोसहजागरियानिरूवणं च] १५. तए णं सा उप्पला समणोवासिया पोक्खलिं समणोवासगं एज्जमाणं पासति, पा० २ हट्टतुट्ठ० आसणातो अन्भुढेति, आ० अ०२ सत्तट्ठ षदाइं अणुगच्छति, स० ॥ के अ०२ पोक्खलिं समणोवासगं वंदति नमसति, वं०२ आसणेणं उवनिमंतेति, आ० उ०२ एवं वयासी संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! किमागमणप्पयोयणं ? तए णं से पोक्खली समणोवासए उप्पलं समणोवासियं एवं वयासी .कहिं णं देवाणुप्पिए ! संखे समणोवासए ? तए णं सा उप्पला समणोवासिया पोक्खलिं समणोवासगं एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया! संखे समाणोवासए पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव विहरति। [सु. १६-१७. पोसहसालाठियं संखं पइ पोक्खलिस्स असणाइआसायणत्थं निमंतणं, संखस्स तन्निसेहनिरूवणं च ] १६. तए णं से पोक्खली समणोवासए जेणेव पोसहंसाला जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवागच्छति, उवा २ गमणागमणाए पडिक्कमति, ग० प०२ संखं समणोवासगं वंदति नमंसति, वं० २ एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हेहिं से म विउले असण जाव साइमे उवक्खडाविते, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! तं विउलं असणं जाव साइमं आसाएमाणा जाव पडिजागरमाणा विहरामो। १७. तए णं से संखे समणोवासए पोक्खलिं समणोवासगं एवं वयासी ‘णो खलु कप्पति देवाणुप्पिया ! तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणस्स जाव पडिजागरमाणस्स HerC5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा ३८९०5555555555555555555555555SLOK MOS乐乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐的乐%EO Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SAS%% % % %% % (५) भगवई १२ सत्तं उ-१ [१७५) iffffff texo HCFC明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐明明历历明明听听听听听国乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐SC विहरित्तए। कप्पति मे पोसहसालाए पोसहियस्स जाव विहरित्तए। तं छंदेणं देवाणुप्पिया ! तुब्भे तं विउलं असणं पाणं खाइंम साइमं आसाएमाणा जाव विहरह। [सु. १८-१९. पोक्खलिकहियसंखवुत्तंतसवणाणंतरं समणोवासयाणं असणाइउवभोगो] १८.तएणं से पोक्खली समरोवासगेसंखस्ससमणोवासगस्स अंतियाओ पोसहसालाओ पडिनिक्खमति, पडि०२ सावत्थिं नगरिं मझमज्झेणं जेणेव ते समणोवासगा तेणेव उवागच्छति, ते० उ०२ ते समणोवासए एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! संखे समणोवासए पोसहसालाए पोसहिए जाव विहरति । तं छंदेणं देवाणुप्पिया ! तुब्भेविउलं असण-पाण-खाइम-साइमं जाव विहरह । संखे णं समणोवासए नो हव्वमागच्छति । १९. तए णं ते समणोवासगा तं विउलं असण-पाण-खाइम-साइमं आसाएमाणा जाव विहरंति। सु. २०-२१. संखस्स अन्नेसि ॐ समणोवासयाणं च भगवओ समीवमागमणं वंदणाइकरणं च] २०. तएणं तस्स संखस्स समणोवासगस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे जाव सम्मुज्जित्था 'सेयं खलु मे कल्लं पादु० जाव जलते समणं भगवं महावीरं वंदित्ता नमंसित्ता जाव पज्जुवासित्ता तओ पडिनियत्तस्स पक्खियं पोसह पारित्तए' त्ति कट्ट एवं संपेहेति, एवं सं०२ कल्लं जाव जलते पोसहसालाओ पडिनिक्खमति, पो० प०२ सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाइं वत्थाई पवर परिहिते सयातो गिहातो पडिनिक्खमति, स०प०२ पायविहारचारेणं सावत्थिं णगरि मज्झमज्झेणं जाव पज्जुवासति । अभिगमो नत्थि । २१. तए णं ते समणोवासगा कल्लं पादु० जाव जलंते ण्हाया कयबलिकम्मा जाव सरीरा सएहिं सएहिं गिहेहिंतो पडनिक्खमंति, स०प०२ एगयओ मिलायंति, एगयओ मिलाइत्ता सेसं जहा पढमं जाव पज्जुवासंति। [सु. २२. भगवओ धम्मकहाए निद्देसो] २२. तएणं समणे भगवं महावीरे तेसिं समणोवासगाणं तीसे य० धम्मकहा जाव आणाए आराहए भवति। [सु. २३-२४. अप्पहीलणमणुभवमाणे संखमुवालंभमाणे समणोवासए पइ भगवओ संखहीलणाइपडिसेहपरूवणा ] २३. तए णं ते समणोवासगा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठ० उट्ठाए उडेति, उ०२ समणं भगवं महावीरं वंदति नमसंति, वं० २ जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवागच्छंति, उवा०२ संखं समणोवासयं एवं वयासी “तुमंणं देवाणुप्पिया ! हिज्जो अम्हे अप्पणा चेव एवं वदासी 'तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! विउलं असणं जाव विहरिस्सामो' । तए णं तुमं पोसहसालए जावं विहरिए तं सुट्ठ णं तुमं देवाणुप्पिया ! अम्हं हीलसिं " २४. 'अज्जो !' त्ति समणे भगवं महावीरे ते समणोवासए एवं वयासी माणं अज्जो! तुम्भे संखं समणोवासगं हीलह, निंदह, खिंसह, गरहह, अवमन्नह। संखे णं समणोवासए पियधम्मे चेव, दढधम्मे चेव, सुदक्खुजागरियं जागरिते। सु. २५. गोयमपण्हुत्तरे भगवओ जागरियाभेयनिरूवणं ] २५. (१) 'भंते !' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वं०२ एवं वयासी कइविधा णं भंते ! जागरिया पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा जागरिया पन्नत्ता, तं जहा बुद्धजागरिया १ अबुद्धजागरिया २ सुदक्खुजागरिया ३। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति 'तिविहा जागरिया पन्नत्ता, तं जहा बुद्धजागरिया १ अबुद्धजागरिया २ सुदक्खुजागरिया ३' ? गोयमा ! जे इमे अरहंता भगवंतो उप्पन्ननाण-दसणधरा जहा खंदए (स०२ उ०१ सु०११) जाव सव्वण्णू सव्वदरिसी, एएणं बुद्धा बुद्धजागरियं जागरंति। जे इमे अणगारा भगवंतो इरियासमिता भासासमिता जाव गुत्तबंभचारी, एए णं अबुद्धा अबुद्धजागरियं जागरंति । जे इमे समणोवासगा अभिगयजीवाजीवा जाव विहरंति एते णं सुदक्खुजागरियं जागरंति। सेतेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चति 'तिविहा जागरिया जाव सुदक्खुजागरिया'। [सु. २६-२८. संखपण्हुत्तरे भगवओ कोह-माण-माया-लोभवसजीवसंसारखुड्डिपरूवणा] २६. तए णं से संखे समणोवासए समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति, वंदित्ता २ एवं वयासी कोहवसट्टे णं भंते ! जीवे किं बंधति ? किं पकरेति ? किं चिणाति ? किं उवचिणाति ? संखा ! कोहवसट्टे णं जीवे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ सिढिलबंधणबद्धाओ एवं जहा पढमसत्ते असंवुडस्स अणगारस्स (स०१ उ०१ सु० ११) जाव अणुपरियट्टइ। २७. माणवसट्टे णं भंते ! जीवे०१ एवं चेव । २८. एवं मायावसट्टे वि । एवं लोभवसट्टे वि जाव अणुपरियट्टइ। [सु. २९-३०.' म समणोवासयाणं संखं पइ खमावणा, सगिहगमणं च ] २९. तए णं ते समणोवासगा समणस्स मगवओ महावीरस्स अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म भीता तत्था ॥ तसिया संसारभउव्विग्गा समणं भगवं महावीरं वंदंति, नमसंति, वं०२ जेणेव संखे समणोवासए तेणेव उवागच्छंति, उवा०२ संखं समणोवासगं वंदति नमसंति, Keros$$$$$$$$$$$$$$$$श्री आगमगुणमंजूषा- ३९०5555555 fOOR GO$$$$$$$$$$乐%$乐听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听网 Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ COF奶听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听明與格 ROI95555555555555559 () भगवई १२ सत्तं उ-१-२ [१७६] $$$ $ $$$ $$$2.0) वं०२ एयमद्वं सम्मं विणएणं भुज्जो भुज्जो खामेति । ३०. तए णं ते समणोवासगा सेसं जहा आलभियाए (स०११ उ०१२ सु० १२) जाव पडिगता। [सु. ३१. गोयमपण्हुत्तरे भगवओ संखं पडुच्च कमेण सिज्झणापरूवणा] ३१. 'भंते ! 'त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वंदिता नमंसित्ता एवं वयासी । पभू णं भंते ! संखे समणोवासए देवाणुप्पियाणं अंतियं सेसं जहा इसिभद्दपुत्तस्स (स० ११ उ०१२ सु०१३-१४) जाव अंतं काहिति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति॥ जाव विहरति ।।१२.१।। * बीओ उद्देसओ 'जयंती' [सु.१-४. कोसंबीयनयरी-चंदोवतरणचेश्यनिद्देसपुव्वं उदयण-मियावई-जयंतीणं वित्थरओ परिचओ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं कोसंबी नाम नगरी होत्था । वण्णओ। चंदोवतरणे चेतिए । वण्णओ। २. तत्थ णं कोसंबीए नगरीए सहस्साणीयस्स रण्णो पोत्ते, सयाणीयस्स रण्णो पुत्ते, चेडगस्स रण्णो नत्तुए, मिगावतीए देवीए अत्तए, जयंतीए समणोवासियाए भत्तिज्जए उदयणे नामं राया होत्था । वण्णओ। ३. तत्थ णं कोसंबीए नगरीए सहस्साणीयस्स रण्णो सुण्हा, सयाणीयस्स रण्णो भज्जा, चेडगस्स रण्णो धूया, उदयणस्स रण्णो माया, जयंतीए समणोवासियाए भाउज्जा मिगावती नामं देवी होत्था । सुकुमाल जाव सुरूवा समणोवासिया जाव विहरइ। ४. तत्थ णं कोसंबीए नगरीए सहस्साणीयस्स रण्णो धूता, सताणीयस्स रण्णो भगिणी, उदयणस्स रण्णो पितुच्छा, मिगावतीए देवीए नणंदा, वेसालीसावगाणं अरहताणं पुव्वसेज्जायरी जयंती नाम समणोवासिया होत्था । सुकुमाल० जाव सरूवा अभिगत जाव विहरइ। [सु. ५. भगवओ कोसंबीए समोसरणं ]५. तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे जाव परिसा पज्जुवासति । [सु. ६-१३. उदयण-मियावई जयंतीणं भगवओ समीवमागमणं धम्मसवणाणंतरं उदयण-मियावईणं पडिगमणं च ] ६. तए णं से उदयणे राया इमीसे कहाए लढे समाणे हृट्ठतुढे कोडुबियपुरिसे सहावेति, को० स०२ एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! कोसंबिं नगरिं सब्भितरबाहिरियं एवं जहा कूणिओ तहेव सव्वं जाव पज्जुवासइ । ७. तए णं सा जयंती समणोवासिया इमीसे कहाए लद्भट्ठा समाणी हट्टतुट्ठा जेणेव मियावती देवी तेणेव उवागच्छति, उवा०२ मियावतिं देवीं एवं वयासी एवं जहा नवमसए उसभदत्तो (स०९ उ० ३३ सु० ५) जाव भविस्सति । ८. तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए जहा देवाणंदा (स०९ उ०३३ सु०६) जाव पडिसुणेति । ९. तएणं सा मियावती देवी कोहंबियपुरिसे सद्देवेति, को० स०२ एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! लहुकरणजुत्तजोइय० जाव (स०९ उ० ३३ सु० ७) धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव उवट्ठवेति जाव पच्चप्पिणंति । १०. तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं ण्हाया कयबलिकम्मा जाव सरीरा बहूहिं खुज्जाहिं जाव (स०९ उ०३३ सु०१०) अंतेउराओ निग्गच्छति, अं० नि०२ जेणेव बाहिरिया उवठ्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छति, ते० उ०२ जाव (स०९ उ० ३३ सु०१०) रूढा । ११. तए णं सा मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं सढा समाणी णियगपरियाल० जहा उसभदतो (स० ९ उ० ३३ सु०११ ) जाव धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहति । १२. तए णं सा 'मियावती देवी जयंतीए समणोवासियाए सद्धि बहूहिं खुजाहिं जहा देवाणंदा (स०९ उ०३३ सु०१२) जाव वंदति नमसति, वं २ उदयणं रायं पुरओ कट्ट ठिया चेव "जाव (स०९ उ०३३ सु०१२) पज्जुवासइ। १३. तए णं समणे भगवं महावीरे उदयणस्स रण्णो मियावतीए देवीए जयंतीए समणोवासियाए तीसे य महतिमहा० जाव धम्म परिकहेति जाव परिसा पडिगता, उदयणे पडिगए, मियावती वि पडिगया। [सु. १४- २१. भगवओ जयंतीपुच्छियविविहपण्हसमाहाणं सु. १४. कम्मगरुयत्तहेउपरूवणं] १४. तए णं सा जयंती समणोवासिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठा समणं भगवं महावीरं वंदइ नमंसई, वं०२ एवं वयासी कहं णं भंते ! जीवा गरूयत्तं हव्वमागच्छंति ? जयंती! पाणातिवातेणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं, एवं खलु जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छंति । एवं जहा पढमसते (स० १ उ०९ सु०१-३) जाव वीतीवयंति। [सु. १५-१७. भवसिद्धियाणं लक्खणं सिज्झणाइविसया परूवणा य] १५. भवसिद्धियत्तणं भंते ! जीवाणं किं सभावओ, परिणामओ? जयंती! सभावओ, नो परिणामओ। १६. सव्वे विणं भंते ! भवसिद्धीया जीवा सिज्झिस्संति ? हंता, C$听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听国乐乐明明明明明明明明明明明明明 mero )540555555555555555 श्री आगमगणमजूषा - ३९१ 444444444414NELancet EEEEEEEERIOR Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जयंती ! सव्वे वि णं भवसिद्धीया जीवा सिज्झिस्संति । १७ (१) जइ णं भंते! सव्वे भवसिद्धीया जीवा सिज्झिस्संति तम्हा णं भवसिद्धीयविरहिए लोए भविस्सड़ ? णो इणठ्ठे समठ्ठे । (२) से केणं खाइ णं अट्ठेणं भंते ! एवं वच्चइ सव्वे वि णं भवसिद्धीया जीवा सिज्झिस्संति, नो चेव णं भवसिद्धीयविरहिते लोए भविस्सति ? जयंती ! से जहानामए सव्वागाससेढी सिया अणादीया अणवदग्गा परित्ता परिवुडा, सा णं परमाणुपोग्गलमेत्तेहिं खंडेहिं समए समए अवहीरमाणी अवहीरमाणी अणंताहिं ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीहिं अवहीरंती नो चेव णं अवहिया सिया, सेतेणट्ठेणं जयंती ! एवं वुच्चइ सव्वे वि णं जाव भविस्सति । [सु. १८-२०. सुत्तजागर - बलियत्त दुब्बलियत्त दक्खत्त आलसियत्ताइं पडुच्च साहु-असाहुपरूवणा] १८. (१) सुत्तत्तं भंते! साहू, जागरियत्तं साहू ? जयंती ! अत्थेगतियाणं जीवाणं सुत्तत्तं साहू, अत्थेगतियाणं जीवाणं जागरियत्तं साहू । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं युच्चइ 'अत्थेगतियाणं जाव साहू' ? गयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया अहम्माणुया अहम्मिट्ठा अहम्मक्खाई अहम्मपलोई अहम्मपलज्जणा अहम्मसमुदायारा अहम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति, एएसि णं जीवाणं सुत्तत्तं साहू । एए वात्समानो बहुणं पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जाव परियावणयाए वट्टंति। एए णं जीवा सुत्ता समाणा अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा नो बहूहिं अहम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएत्तारो भवंति । एएसि णं जीवाणं सुत्तत्तं साहू । जयंती ! जे इमे जीवा धम्मिया धम्माणुया जाव धम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति, एएसि णं जीवाणं जागरियत्तं साहू । एए णं जीवा जागरा समाणा बहूणं पाणाणं जाव सत्ताणं अदुक्खणयाए जाव अपरियावणयाए वट्टंति । एते णं जीवा जागरमाणा अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा नो बहूहिं अहम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएत्तारो भवंति । एएसिं णं जीवाणं सुत्तत्तं साहू । जयंती ! जे इमे जीवा धम्मिया धम्माया जाव धम्मेणं चेव वितिं कप्पेमाणा विहरंति, एएसि णं जीवाणं जागरियत्तं साहू । एए णं जीवा जागरा समाणा बहूणं पाणाणं जाव सत्ताणं अदुक्खणयाए जाव अपरियावणयाए वट्टंति। एते णं जीवा जागरमाणा अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा बहूहिं धम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएत्तारो भवंति । एए णं जीवा जागरमाणा धम्मजागरियाए अप्पाणं जागरइत्तारो भवंति । एएसि णं जीवाणं जागरियत्तं साहू । से तेणट्टेणं जयंती ! एवं वुच्चइ 'अत्थेगतियाणं जीवाणं सुत्तत्तं साहू, अत्थेगतियांणं जीवाणं जागरियत्तं साहू । १९. (१) बलियत्तं भंते! साहू, दुब्बलियत्तं साहू ? जयंती ! अत्थेगतियाणं जीवाणं बलियत्तं साहू, अत्थेगतियाणं जीवाणं दुब्बलियत्तं साहू । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'जाव साहू' ? जयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया जाव विहरंति एएसि णं जीवाणं सुब्बलियंत्तं साहू । एए णं जीवा एवं जहा सुत्तस्स (सु. १८ २ ) तहा दुब्बलियस्स वत्तव्वया भाणियव्वा । बलियस्स जहा जागरस्स (सु. १८२) तहा भाणियव्वं जाव संजोएत्तारो भवंति, एएसि णं जीवाणं बलियत्तं साहू । से तेणट्टेणं जयंती ! एवं वुच्चइ तं चेव जाव साहू । २०. (१) दक्खत्तं भंते ! साहू, आलसियत्तं साहू ? जयंती ! अत्थेगतियाणं जीवाणं दक्खत्तं साहू, अत्थेगतियाणं जीवाणं आलसियत्तं साहू । (२) से केणट्ठेणं भंते ! एवं वुच्चति तं चेव जाव साहू ? जयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया जाव विहरंति, एएसि णं जीवाणं आलसियत्तं साहू, एए णं जीवा अलसा समाणा नो बहूणं जहा सुत्ता (सु० १८ २ ) तहा अलसा भाणियव्वा । जहा जागरा सु० १८२ ) तहा दक्खा भाणियव्वा जाव संजोएत्तारो भवंति । एए णं जीवा दक्खा समाणा बहूहिं आयरियवेयावच्चेहिं, उवज्झायवेयावच्चेहिं, थेरवेयावच्चेहिं, तवस्सिवेयावच्चेहिं, गिलाणवेयावच्चेहिं, सेहवेयावच्चेहिं, कुलवेयावच्चेहिं, गणवेयावच्चेहिं, संघवेयावच्चेहिं, साहम्मियवेयावच्चेहिं अत्ताणं संजोएत्तारो भवंति । एतेसि णं जीवाणं दक्खत्तं साहू। सेतेणद्वेणं तं चेव जाव साहू। सु. २१. इंदियवसट्टे जीवे पडुच्च संसारभमणपरूवणा २१. (१) सोइंदियवसट्टे णं भंते! जीवे किं बंधति ? एवं जहा कोहवसट्टे (स० १२ उ० १ सु० २६) तहेव जाव अणुपरियट्टा । (२) एवं चक्खिदियवसट्टे वि। एवं जाव फांसिदियवसट्टे जाव अणुपरियदृइ । [ सु. २२. जयंतीए पव्वज्जागहणं सिद्धिगमणं च] २२. तए णं सा जयंती समणोवासिया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमहं सोच्चा निसम्म हट्टतुट्टा सेसं जहा देवाणंदाए (स० ९ उ० ३३ सु० १७-२०) तहेव पव्वइया जाव सव्वदुक्खप्पहीणा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । । १२.२ ।। ★ ★ ★ ततिओ उद्देसओ 'पुढवी' ॐ श्री आगमगुणमंजूषा - ३९२ Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १२ सतं उ ३४ [१७८] ★★★ [सु. १. तइउद्देसस्सुवुग्धाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु. २ ३. सत्तण्हं नरयपुढवीणं नाम-गोत्तावगमत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो] २. कति णं भंते पुढवीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पन्नत्ताओ, तं जहा पढमा दोच्चा जाव सत्तमा । ३. पढमा णं भंते! पुढवी किं नामा ? किं गोत्ता पन्नत्ता ? गोयमा ! घम्मा नामेणं, रयणप्पभा गोत्तेणं, एवं जहा जीवाभिगमे पढमो नेरइयउद्देसओ सो निरवसेसो भाणियव्वो जाव अप्पाबहुगं ति। सेवं भंते! सेवं भंते त्ति० । । १२.३ ॥ ★★★ चउत्थो उद्देसओ 'पोग्गले' ★★★ [सु. १. चउत्थुद्देसस्सुवुग्घाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी (सु. २. दोपहं संहता परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] २. दो भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवति ? गोयमा ! दुपदेसिए खंधे भवति । से भिज्नमाणे हा कज्जति । एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ परमाणुपोग्गले भवति । [सु. ३. तिण्हं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं] ३. तिन्नि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवति ? गोयमा ! तिपदेसिए खंधे भवति । से भिज्जमाणे दुहा वि, तिहा वि कज्जति । दुहाजमा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपसेसिए खंधे भवति । तिहा कज्जमाणे तिन्नि परमाणुपोग्गला भवंति । [ सु. ४. चउण्हं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं] ४. चत्तारि भंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति पुच्छा। गोयमा ! चउप्पएसिए खंधे भवति । से भिज्नमाणे दुहा वि, तिहा वि, चउहा वि क । दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ तिपदेसिए खंधे भवति, अहवा दो दुपदेसिया खंधा भवंति । तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपदेसिए खंधे भवति । चउहा कज्जमाणे चत्तारि परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. ५. पंचण्डं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] ५. पंच भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा। गोयमा ! पंचपदेसिए खंधे भवति । से भिज्नमाणे दुहा वि, तिहा वि, चउहा वि, पंचहा विकज्जइ । दुहा कज्नमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ चउपदेसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दुपदेसिए खंधे, एगयओ तिपदेसिए खंधे भवति । तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपदेसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति । चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे भवति । पंचहा कज्नमाणे पंच परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. ६. छण्हं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] ६. छब्भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा । गोयमा ! छप्पदेसिए खंधे भवइ । से भिज्नमाणे दुहा वि, तिहा वि, जाव छहा वि कज्जइ । दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ पंच पएसिए खंधे भवति, अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ चउपदेसिए खंधे भवति; अहवा दो तिपदेसिया खंधा भवंति । तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ चउपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ तिपदेसिए खंधे भवति; अहवा तिण्णि दुपदेसिया खंधा भवंति । चउहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपदेसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपदेसिया खंधा भवति । पंचा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे भवति । छहा कज्जमाणे छ परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. ७. सत्तण्हं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] ७. सत्त भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा। गोयमा ! सत्तपदेसिए खंधे भवति । से भिज्जमाणे दुहा वि जाव सत्तहा वि कज्जइ । दुहा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे, एगयओ पंचपदेसिए खंधे भवति, अहवा एगयओ तिप्पएसिए, एगयओ चउपएसिए खंधे भवति । तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे. एगयओ चउपएसिए खंधे भवति: अहवा एगयओ परमाणु०, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ हो दुपएसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति । चउहा कज्नमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा भवंति। पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपएसिए श्री आगमगुणमंजूषा- ३९३ फफफफफफफफ Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १२ सतं उ४ [१७९] फ्र खंधे भवति; अहवा एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति । छहा कज्नमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपदेसिए खंधे भवति । सत्तहा कज्नमाणे सत्त परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. ८. अट्ठण्हं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] ८. अट्ठ भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा। गोयमा ! अट्ठपएसिए खंधे भवइ, जाव दुहा कज्नमाणे एगयओ परमाणु०, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ दुपदेसिए खंधे, एगयओ छप्पदेसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ तिपएसिए०, एगयओ पंचपदेसिए खंधे भवइ, अहवा दो चउप्पदेसिया खंधा भवंति । तिहा कज्नमाणे एगयओ दो परमाणु०, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणु०, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ पंचप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणु०, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ चउपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो दुपएसिए खंधे, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवति । चहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दोण्णि परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ चउप्पएंसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति । पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ चप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ तिन्नि दुपसिया खंधा भवति । छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया धा भवति । सत्ता कज्जमाणे एगयओ छ परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे भवति । अट्ठहा कज्जमाणे अट्ट परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. ९. नवहं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] ९. नव भंते! परमाणुपोग्गला० पुच्छा। गोयमा ! जाव नवविहा कज्जंति । दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपो०, एगयओ अट्ठपएसिए खंधे भवति, एवं एक्वेक्कं संचारेंतेहिं जाव अहवा एगयओ चउप्पएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति । तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०. एगयओ छप्पएसिए खंधे भवति, अवहा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दुपदेसिए खंधे, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा तिण्णि तिपएसिया खंधा भवंति । चउहा भिज्नमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एमओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ तिन्नि दुप्पएसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति । पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुप०, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ तिन्नि परमाणु०, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ चउपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ तिण्णि परमाणुपो०, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति । छहा कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपो०, एगयओ दुप्पएसिए खंधे, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ तिन्नि दुप्पएसिया खंधा भवंति । सत्तहा कज्नमाणे एगयओ छ परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ पंच परमाणुपो० एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति । अट्ठा कज्जमाणे एगयओ सत्त परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए खंधे भवति । नवहा कज्जमाणे नव परमाणुपोग्गला भवंति । [ सु. १०. दसहं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं] १०. दस भंते ! परमाणुपोग्गला जाव दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ नवपएसिए खंधे भवति; अहवा श्री आगमगुणमंजूषा - ३९४ Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १२ सतं उ ४ [१८०] एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ अट्ठ पएसिए खंधे भवति; एवं एक्वेक्कं संचारतेण जाव अहवा दो पंचपएसिया खंधा भवंति । तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ अट्ठएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ चउप्पएसिए०, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एरायओ दो दुपसिया खंधा, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दुपएसिए०, एगयओ तिपएसिए०, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दो तिपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ । चउहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दुपदेसिए०, एगयओ तिपएसिए०, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ तिन्नि तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा, एगयओ चउपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति । पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ तिनि परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति, अहवा एगयओ तिन्न परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति, एगयओ चउपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ तिन्नि दुपएसिया०, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा पंचदुपएसिया खंधा भवंति । छह कज्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपो०, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपो०, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ दो दुपदेसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ चत्तारि दुपसिया खंधा भवंति । सत्तहा कज्जमाणे एगयओ छ परमाणुपो०, एगयओ चउप्पदेसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ पंच परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपो०, एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा भवंति । अट्ठहा कज्जमाणे एगयओ सत्त परमाणुपो०, एओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ छप्परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति । नवहा कज्जमाणे एगयओ अट्ठ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए खंधे भवति । दसहा कज्जमाणे दस परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. ११. संहताणं संखेज्जाणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] ११. संखेज्जा भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवति ? गोयमा ! संखेज्जपएसिए संखे भवति । से भिज्नमाणे दुहा वि जाव दसहा वि संखेज्जहा विकज्जति । दुहा 'कज्नमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओसंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ तिपएसिए०, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवति; एवं जाव अहवा एगयतो दसपएसिए खंधे, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा दो संखेज्नपएसिया धा भवति । तिहा कज्जमार्णे एगयतो दो परमाणुपो०, एगयतो संखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयतो परमाणुपो०, एगयतो दुपएसिए खंधे, एगयओ संखेज्नपएसिए खंधे भवति, अहवा एगयतो परमाणुपो०, एगयतो तिपएसिए खंधे०, एगयतो संखेज्जपएसिए खंधे भवति एवं जाव अहवा एगयतो परमाणुपो०, एगयतो दसपएसिए खंधे, एगयतो संखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयतो परमाणुपो०, एगयतो दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयतो दुपएसिए खंधे, एगयतो दो संखेज्नपदेसिया खंधा भवंति एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे, एगयतो दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा तिण्णि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति । चउहा कज्नमाणे एगयतो तिन्नि परमाणुपो०, एगयतो संखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयतो दो परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ ॐ श्री आगमगुणमजूषा - ३९५ YOO Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवइ १२ त ४ [१८१] फफफफफफफ संखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयतो दो परमाणुपो०, एगयतो तिपएसिए०, एगयतो संखेज्जपएसिए खंधे भवति; एवं जाव अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयतो दसपएसिए०, एगयतो संखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयतो दो परमाणुपो०, एगयओ दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयतो परमाणुपो०, एओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो संखेज्जपदेसिया खंधा भवंति: जाव अहवा एगयतो परमाणुपो० : एगयतो दसपएसिए०. एगयतो दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयतो परमाणुपो०, एगयतो तिन्नि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दुपएसिए०, एगयतो तिन्नि संखेज्जपएसिया० भवंति; जाव अहवा एगयओ दसपएसिए०, एगयओ तिन्नि संखेज्जपदेसिया० भवंति; अहवा चत्तारि संखेज्जपएसिया० भवंति । एवं एएणं कमेणं पंचगसंजोगो वि भाणियव्वो जाव नवसंजोगो । दसहा कज्जमाणे एगयतो नव परमाणुपोग्गला, एगयतो संखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ अट्ठ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवति; एवं एएणं कमेणं एक्केक्को पूरयव्वो जाव अहवा एगयओ दसपएसिए०, एगयओ नव संखेज्जपएसिया० भवंति अहवा दस संखेज्जपएसिया धा भवति । संखेज्जा कज्जमाणे संखेज्जा परमाणुपोग्गला भवंति । [ सु. १२. संहताणं असंखेज्जाणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] १२. असंखेज्जा भंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति एगयओ साहण्णित्ता किं भवति ? गोयमा ! असंखेज्जपएसिए खंधे भवति । से भिज्नमाणे दुहा वि, जाव दसहा वि, संखेज्जहा वि, असंखेज्जहा वि कज्जति । दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपो०, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; जाव अहवा एगयओ दसपदेसिए०, एगयओ असंखिज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवति । NO 4 4 4 4 4 4 4 4 4 4 4 4 माणे गओ दो परमाणुपो०, एगयओ असंखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ असंखिज्जकएसिए० भवति; जाव अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दसपदेसिए०, एगयओ असंखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ संखेज्जपएसिए०, एगयओ असंखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दुपएसिए०, एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति एवं जाव अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए०, एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा तिन्नि असंखेज्जपएसिया० भवंति । चउहा कज्जमाणे ओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ असंखेज्जपएसिए० भवति । एवं चउक्कगसंजोगो जाव दसगसंजोगो । एए जहेव संखेज्जपएसियस्स, नवरं असंखेज्जगं एवं अहिगें भाणियव्वं जाव अहवा दस असंखेज्नपदेसिया खंधा भवंति । संखेज्जहा कज्जमाणे एगयओ संखेज्जा परमाणुपोग्गला, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ संखेज्ना दुपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; एवं जाव अहवा एगयओ संखेज्जा दसपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ संखेज्ना संखेज्जपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा संखेज्जा असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति । असंखेज्जहा कज्नमाणे असंखेज्जा परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. १३. संहताणं अणंताणं परमाणुपोग्गलाणं विभेयणे भंगपरूवणं ] १३. अणंता णं भंते! परमाणुपोग्गला जाव किं भवति ? गोयमा ! अणतपएसिए खंधे भवति । से भिज्नमाणे दुहा वि, तिहा जाव दसहा वि, संखिज्न असंखिज्ज - अणंतहा वि कज्जइ । दुहा कज्जमाणे एगयो परमाणुपोग्गले, एगयओ अणतपएसिए खंधे; जाव अहवा दो अनंतपएसिया खंधा भवंति । तिहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ अणतपएसिए खंधे; जाव अहवा दो अनंत एसिया खंधा भवंति । तिहा कज्जमाणे एगयतो दो परमाणुपो०, एगयतो अणतपएसिए० भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ अणंतपएसिए० भवति; जाव अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ असंखेज्जपएसिए०, एगयओ अणतपदेसिए खंधे भवति; अहवा एयओ परमाणुपो०, एगयओ दो अणतपएसिया० भवंति; अहवा एगयओ दुपएसिए०, एगयओ दो अणतपएसिया० भवंति एवं जाव अहवा एगयतो दसपएसिए एगयतो दो अणतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ दो अणतपदेसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ दो अणतपएसिया खंधा भवंति; अहवा तिन्नि अणंतपएसिया खंधा भवंति । चउहा कज्नमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयतो अणंतपएसिए० भवति; एवं चउक्कसंजोगो श्री आगमगुणमंजूषा ३९ Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 95555 (५) भगवई १२ सत्तं उ ४ [१८२] ************ जाव असंखेज्जगसंजोगो। एए सव्वे गहेव असंखेज्जाणं भणिया तहेव अणंताण वि भाणियव्वा, नवरं एक्कं अणंतगं अब्भहियं भणियव्वं जाव अहवा एगयतो संखेज्जा संखिज्जपएसिया खंधा, एगयओ अणतपएतसए० भवति; अहवा एगयओ संखेज्जा असंखेज्जपदेसिया खंधा, एगयओ अणतपएसिए खंधे भवति; अहवा संखिज्जा अणतपएसिया खंधा भवंति । असंखेज्जहा कज्जमाणे एगयतो असंखेज्जा परमाणुपोग्गला, एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयतो असंखिज्जा दुपएसिया खंधा,,गयओ अणंतप, सिए० भवति; जाव अहवा एगयओ असंखेज्जा संखिज्जपएसिया०, एगयओ अणतपएसिए० भवति; अहवा एगयओ असंखेज्जा असंखेज्जपएसिया खंधा, एगयओ अणतपएसिए० भवति; अहवा असंखेज्ना अणतपएसिया खंधा भवंति । अणंतहा कज्जमाणे अणता परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. १४. परमाणुपोग्गलाणं पोग्गलदव्वेहिं सह संघात-विभेयणेसु अणंताणंतपोग्गलपरियट्टनिरूवणं] १४. एएसि णं भंते! परमाणुपोग्गलाणं साहणणाभेदाणुवाएणं अणंताणंता पोग्गलपरियट्टा समणुगंतव्वा भवतीति मक्खाया ? हंता, गोयमा ! एतेसि णं परमाणुपोग्गलाणं साहणणा जाव मक्खाया। [सु. १५. पोग्गलपरियट्टस्स भेयसत्तगं] १५. कतिविधे णं भंते! पोग्गलपरियट्टे पन्नत्ते ? गोयमा ! सत्तविहे पोग्गलपरियट्टे पन्नत्ते, तं जहा ओरालियपोग्गलपरियट्टे वेउव्वियपोग्गलपरियट्टे तेयापोग्गलपरियट्टे कम्मापोग्गलपरियट्टे मणपोग्गलपरियट्टे वइपोग्गलपरियट्टे आणपाणुपोग्गलपरियट्टे । [सु. १६-१७ चउवीसइदंडएस पोग्गलपरियट्टपरूवणं ] १६. नेरइयाणं भंते ! कतिविधे पोग्गलपरियट्टे पन्नत्ते? गोयमा! सत्तविधे पोग्गलपरियट्टे पन्नत्ते, तं जहा ओरालियपोग्गलपरियट्टे वेउव्वियपोग्गलपरियट्टे जाव आणपाणुपोग्गलपरियट्टे । १७. एवं जाव वेमाणियाणं । [ सु. १८-२४. जीव-चउवीसदंडएस अतीताइपोग्गलपरियट्टसत्तगस्स एगत्तेण परूवणं ] १८. एगमेगस्स भंते! जीवस्स केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीता ? अनंता । २ केवइया पुरेक्खडा ? कस्सति अत्थि, कस्सति णत्थि । जस्सऽत्थि जहण्णेणं एगो दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्ना वा असंखेज्ना वा अनंता वा । १९. एवं सत्त दंडगा जाव आणपाणु त्ति । २०. (१) एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्ठा अतीया ? अनंता । (२) केवतिया पुरेक्खडा ? कस्सइ अत्थि, कस्सइ नत्थि । जस्सऽत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्ना वा अणंता वा । २१. एगमेगस्स णं भंते! असुरकुमारस्स केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्ठा० ? एवं चेव । २२. एवं जाव वेमाणियस्स । २३. (१) एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स केवतिया वेउव्वियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? अनंता । (२) एवं जहेव ओरालियपोग्गलपरियट्टा तहेव वेउव्वियपोग्गलपरियट्टा वि भाणियव्वा । २४. एवं जाव वेमाणियस्स आणापाणुपोग्गलपरियट्टा । एए एगत्तिया सत्त दंडगा भवंति । [ सु. २५-२७. चउवीसदंड एसु अतीताइपोग्गलपरियट्टसत्तगस्स पुहत्तेण परूवणं] २५ (१) नेरइयाणं भंते! केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीता ? अनंता । (२) केवतिया पुरेक्खडा ? अणंता । २६. एवं जाव वेमाणियाणं । २७. एवं वेउव्वियपोग्गलपरियट्टा वि । एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टा वेमाणियाणं । एवं एए पोहत्तिया सत्त चउवीसतिदंडगा । [सु. २८-३९. चउवीसदंडयाणं चउवीसदंडएस अतीताइपोग्गलपरियट्टसत्तगस्स एगत्तेण परूवणं] २८. (१) एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स इयत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? नत्थि एक्को वि । (२) केवतिया पुरेक्खडा ? नत्थि एक्को वि । २९. (१) एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स असुरकुमारते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा० ? एवं चेव । (२) एवं जाव थणियकुमारत्ते । ३०. (१) एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स पुढविकाइयत्ते केवतिया केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? अणंता । (२) केवतिया पुरेक्खडा ? कस्सइ अत्थि, कस्सइ नत्थि । जस्सऽत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्निवा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा । ३१. एवं जाव मणुस्सत्ते । ३२. वाणमंतर जोतिसिय-वेमाणियत्ते जहा असुरकुमारत्ते । ३३. एगमेगस्स णं भंते ! असुरकुमारस्स नेरइयत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? एवं जहा नेरइयस्स वत्तव्वया भणिया तहा असुरकुमारस्स वि भाणितव्वा जाव वेमाणियत्ते । ३४. एवं जाव धणियकुमारस्स । एवं पुढविकाइयस्स वि । एवं जाव वेमाणियस्स । सव्वेसिं एक्को गमो । ३५. (१) एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स नेरइत्ते केवतिया वेउव्वियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? अनंता । (२) केवतिया पुरेक्खडा ? एक्कत्तरिया जाव अणंता वा । ३६. एवं जाव थणियकुमारत्ते । ३७. (१) पुढविकाइयत्ते 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ३९७ Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOR9555555555555555 (५) भगवई १२ सतं उ - ४.५ [१८३] 555555555555555FOTO HONOFF$$$$T555555555555 पुच्छा । नत्थि एक्को वि। (२) केवतिया पुरेक्खडा ? नत्थि एक्को वि । ३८. एवं जत्थ वेउव्वियसरीरं तत्थ एगुत्तरिओ, जत्थ नत्थि तत्थ जहा पुढविकाइयत्ते तहा म भाणियव्वं जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते। ३९. तेयापोग्गलपरियट्टा कम्मापोग्गलपरियट्टा य सव्वत्थ एक्कुत्तरिया भाणितव्वा । मणपोग्गलपरियट्टा सव्वेसु पंचेंदिएसु एगुत्तरिया। विगलिदिएसुनत्थि। वइपोग्गलपरियट्टा एवं चेव, नवरं एगिदिएसु 'नत्थि' भाणियव्वा । आणापाणुपोग्गलपरियट्टा सव्वत्थ एकत्तरिया जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते। [सु. ४०-४६. चउवीसदंडयाणं चउवीसदंडएसु अतीताइपोग्गलपरियट्टसत्तगस्स पुहत्तेण परूवणं ] ४०.(१) नेरइयाणं भंते ! नेरइयत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीया ? नत्थेक्को वि। (२) केवइया पुरेक्खडा ? नत्थेक्को वि। ४१. एवं जाव थणियकुमारते। ४२. (१) पुढविकाइयत्ते पुच्छा । अयंता। म २ केवतिया पुरेक्खडा ? अणंता। ४३. एवं जाव मणुस्सत्ते। ४४. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणियत्ते जहा नेरइयत्ते । ४५. एवं जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते । ४६. ॐ एवं सत्त वि पोग्गलपरियट्टा भाणियव्वा । जत्थ अत्थि तत्थ अतीता वि, पुरेक्खडा वि अणंता भाणियव्वा । जत्थ नत्थि तत्थ दो वि 'नत्थि' भाणियव्वा जाव प्रवेमाणियाणं वेमाणियत्ते केवतिया आणापाणुपोग्गलपरियट्टा अतीया ? अणंता। केवतिया पुरेक्खडा? अणंता। [सु.४७-४९. सत्तण्हं ओरालियाइपोग्गलपरियट्टाणं ॐ सरूवं ] ४७. से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ ओरालियपोग्गलपरियट्टे, ओरालियपोग्गलपरियट्टे' ? गोयमा ! जं णं जीवेणं ओरालियसरीरे वट्टमाणेणं ओरालियसरीरपायोग्गाई दव्वाइं ओरालियसरीरत्ताए गहियाइं बद्धाइं पुट्ठाई कडाइं पट्ठवियाइं निविट्ठाइं अभिनिविट्ठाइं भवंति, सतेणतुणं गोयमा ! एवं वुच्चइ F 'ओरालियपोग्गलपरियडे, ओरालियपोग्गलपरियट्टे । ४८. एवं वेउब्वियपोग्गलपरियट्टे वि, नवरं वेउव्वियसरीरे वट्टमाणेणं वेउव्वियसरीरपायोग्गाइं दव्वाइं वेउव्वियसरीरत्ताए। सेसं तं चेव सव्वं । ४९. एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टे, नवरं आणापाणुपायोग्गाई सव्वदव्वाइं आणापाणुत्ताए। सेसं तं चेव। [सु.५०५२. सत्तण्हं पोग्गलपरियट्टाणं निव्वत्तणाकालपरूवणं] ५०. ओरालियपोग्गलपरियट्टे णं भंते ! केवतिकालस्स निव्वत्तिज्जति ? गोयमा ! अणंताहिं ओसप्पिणिउस्सप्पिणीहिं, एवतिकालस्स निव्वत्तिज्जइ । ५१. एवं वेउब्वियपोग्गलपरियट्टे । ५२. एवं जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टे । [सु. ५३. ओरालियाइपोग्गलपरियट्टसत्तगनिव्वत्तणाकालस्स अप्पाबहुयं ] ५३. एतस्स णं भंते ! ओरालियपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकालस्स, वेउब्वियपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकालस्स जाव आणापाणुपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकालस्स य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे कम्मगपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकाले, तेयापोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकाले अणंतगुणे, ओरालियपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकाले अणंतगुणे, आणापाणुपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकाले अणंतगुणे, मणपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकाले अणंतगुणे, वइपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकाले अणंतगुणे, वेउव्वियपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकाले अणंतगुणे। [सु.५४.ओरालियाईणं सत्तण्डं पोग्गलपरियट्टाणं अप्पाबहुयं] ५४. एएसिणं भंते ! ओरालियपोग्गलपरियट्टाणं जाव आणापाणुपोग्गलंपरियट्टाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वेउब्वियपोग्गलपरियट्टा, वइपोग्गलपरियट्टा अणंतगुणा, मणपोग्गलपरियट्टा अणंतगुणा, आणापाणुपोग्गलपरियट्टा अणंतगुणा, ओरालियपोग्गलपरियट्टा अणंतगुणा, तेयापोग्गलपरियट्टा अणंतगुणा, कम्मपोग्गलपरियट्टा अणंतगुणा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं जाव विहरइ।।। १२.४||*** पंचमो उद्देसओ 'अतिवात'★★★ [सु. १. पंचमुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु.२-७. पाणाइवायाईसु अट्ठारससु पावट्ठाणेसु वण्ण-गंध-रस-फासपरूवणं ] २. अह भंते ! पाणातिवाए मुसावाए अदिन्नादाणे मेहुणे परिग्गहे, एस णं कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचवण्णे दुगंधे पंचरसे चउफासे पन्नत्ते । ३. अह भंते ! कोहे कोवे रोसे दोसे अखमा के संजलणे कलहे चंडिक्के भंडणे विवादे, एसणं कतिवण्णे जाव कतिफासे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचवण्णे पंचरसे दुगंधे चउफासे पन्नत्ते । ४. अह भंते ! माणे मदे दप्पे थंभे 5 गव्वे अत्तुक्कोसे परपरिवाए उक्कासे अवकासे उन्नए उन्नामे दुन्नामे, एस णं कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नते ? गोयमा ! पंचवण्णे जहा कोहे तहेव । ५. अह 555555555555 J3055555555 OS$555555555555555$$$$$$$$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Keros555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा- ३९८ 5 5555555555555555555556IOR Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Mor5555555555 (५) भगवई १२ सतं उ-५ [१८५] 555555555岁男男男C® भेते ! माया उवही नियडी वलये गहणे णूमे कक्के कुरूए जिम्हे किब्बिसे आयरणता गृहणया वंचणया पलिउंचणया सातिजोगे, एस णं कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचवण्णे जहेव कोहे । ६. अह भंते ! लोभे इच्छा मुच्छा कंखा गेही तण्हा भिज्झा अभिज्झा आसासणता पत्थणता लालप्पणता कामासा भोगासा जीवियासा मरणासा नंदिरागे, एस णं कतिवण्णे०? जहेव कोहे । ७. अह भंते ! पेजे दोसे कलहे जाव मिच्छादसणसल्ले, एस णं कतिवण्णे? जहेव कोहे तहेव जाव चउफासे । [सु. ८. पाणाइवायाईणं पंचण्हं वेरमणे कोहाईणं च तेरसण्हं विवेगे वण्ण-गंध-रस-फासअभावपरूवणं ]८. अह भंते ! पाणातिवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे, कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे, एस णं कतिवण्णे जाव कतिफासे पन्नत्ते ? गोयमा ! अवण्णे अगंधे अरसे अफासे पन्नत्ते। [सु. ९-१२. उप्पात्तियाईसु चउसु बुद्धीसु, चउसु उग्गाहाईसु, पंचसु उट्ठाणाईसु सत्तमे य ओवासंतरे वण्ण-गंध रस-फासअभावपरूवणं ] ९. अह भंते ! उप्पत्तिया वेणइया कम्मया पारिणामिया, एस णं कतिवण्णा० ? तं चेव जाव अफासा पन्नत्ता । १०. अह भंते ! उग्गहे ईहा अवाये धारणा, एस णं कतिवण्णा०? एवं चेव जाव अफासा पन्नत्ता । ११. अह भंते ! उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे, एस णं कतिवण्णे०? तं चेव जाव अफासे पन्नत्ते । १२. सत्तमे णं भंते ! ओवासंतरे कतिवण्णे० ? एवं चेव जाव अफासे पन्नते। [सु. १३-१४. सत्तमे तणुवाए घणवाए घणोदधिम्मि सत्तमाए य पुढवीए वण्ण-गंध-रसफासपरूवणं ]१३. सत्तमे णं भंते ! तणुवाए कतिवण्णे०? जहा पाणातिवाए (सु. २) नवरं अट्ठफासे पन्नत्ते। १४. एवं जहा सत्तमे तणुवाए तहा सत्तमे घणवाए घणोदधी पुढवी। [सु. १५-१६. छठे ओवासंतरे वण्णाईणं अभावो, छठ्ठतणुवायाईसु सब्भावो य ]१५. छठे ओवासंतरे अवण्णे । १६. तणुवाए जाव छठ्ठा पुढवी, एयाइं अट्ठ फासाइं। सु. १७. सत्तमपुढवि व्व सेसपुढवीणं वण्णाइपरूवणानिद्दसो १७. एवं जहा सत्तमाए पुढवीए वत्तव्वया भणिया तहा जाव पढमाए पुढवीए भाणियव्वं। [सु. १८. जंबुद्दीवाईसुवण्णादिपरूवणा]१८. जंबुद्दीवे जाव सयंभुरमणे समुद्दे, सोहम्मे कप्पे जाव ईसिपब्भारा पुढवी, नेरइयावासा जाव वेमाणियावासा, एयाणि सव्वाणि अट्ठफासाणि। [सु. १९-२५. चउव्वीसदंडएसु वण्ण-गंध-रस-फासपरूवणं ] १९. नेरइया णं भंते ! कतिवण्णा जाव कतिफासा पन्नत्ता ? गोयमा ! वेउब्विय-तेयाइं पडुच्च पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा अट्ठफासा पन्नत्ता । कम्मगं पडुच्च पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा चउफासा पन्नत्ता। जीवं पडुच्च अवण्णा जाव अफासा पन्नत्ता। २०. एवं जाव थणियकुमारा । २१. पुढविकाइया णं पुच्छा। गोयमा ! ओरालिय-तेयगाइं पडुच्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नत्ता, कम्मगं पडुच्च जहा नेरइयाणं, जीवं पडुच्च तहेव । २२. एवं जाव चउरिदिया, नवरं वाउकाइया ओरालिय-वेउब्वियतेयगाइं पडुच्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नत्ता। सेसं जहा नेरइयाणं । २३. पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा वाउकाइया। २४. मणुस्स णं० पुच्छा । ओरालिय-वेउब्विय-आहारग-तेयगाइं पडुच्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नत्ता। म कम्मगं जीवं च पडुच्च जहा नेरइयाणं । २५. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरइया। [सु. २६. धम्मत्थिकायाईसु वण्णइपरूवणं ]२६. धम्मत्थिकाए जाव पोग्गलत्थिकाए, एए सव्वे अवण्णा; नवरं पोग्गलत्थिकाए पंचवण्णे पंचरसे दुगंधे अट्ठफासे पन्नत्ते। [सु. २७-२९. अट्ठसु कम्मेसु, छसु य लेसासु वण्णइपरूवणं ]२७. नाणावरणिज्जे जाव अंतराइए, एयाणि चउफासाणि । २८. कण्हलेसा णं भंते ! कइवण्णा० पुच्छा। दव्वलेसं पडुच्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नत्ता । भावलेसं पडुच्च अवण्णा अरसा अगंधा अफासा । २९. एवं जाव सुक्कलेस्सा। [सु. ३०. तिसु सम्मद्दिट्ठिआईसु, चउसुदंसणेसु, पंचसु नाणेसु, तिसु अन्नाणेसु, आहाराईसु यचउसु सन्नासु वण्णाइअभावपरूवणं] ३०. सम्मद्दिट्ठि-मिच्छादिट्ठि-सम्मामिच्छादिट्ठी, चक्खुदंसणे अचक्खुदंसणे ओहिदंसणे केवलदसणे, आभिनिबोहियनाणे जाव विभंगनाणे, आहारसन्ना जाव परिग्गहसण्णा, एयाणि अवण्णाणि अरसाणि अगंधाणि अफासाणि। [सु. ३१.पंचसु सरीरेसु तिसुय जोगेसुवण्णाइपरूवणं ]३१. 4 ओरालियसरीरे जाव तेयगसरीरे, एयाणि अट्ठफासाणि । कम्मगसरीरे चउफासे । मणजोगे वइजोगे च चउफासे । कायजोगे अट्ठफासे। [सु. ३२. दोसु उवओगेसु वण्णाइअभावपरूवणं ] ३२. सागारोवयोगे य अणागारोवयोगे य अवण्णा०। [सु. ३३-३४. सव्वदव्व-सव्वपदेस-सव्वपज्जवेसु वण्णाइसब्भाव-अभावपरूवणं ]३३. सव्वदव्वा णं भंते ! कतिवण्णा० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिया सव्वदव्वा पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नत्ता । अत्थेगतिया सव्वदव्वा पंचवण्णा जाव चउफासा reO श्री आगमगुणमजूषा - ३९९ 5555555555555555555OOR C%乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听明明明明明明明明明5C OC明明明明明明听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听23 Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १२ सतं उ५-६ [१८५] पन्नत्ता । अत्थेगतिया सव्वदव्वा एगवण्णा एगगंधा एगरसा दुफासा पन्नत्ता । अत्थेगतिया सव्वदव्वा अवण्णा जाव अफासा पन्नत्ता । ३४. एवं सव्वपएसा वि, सव्वपज्जवा वि। सु. ३५. तिसु अद्धासु वण्णाइअभावपरूवणं ३५. तीयद्धा अवण्णा जाव अफासा पन्नत्ता । एवं अणागयद्धा वि । एवं सव्वद्धा वि । [सु. ३६. गब्भं वक्कममाणे जीवे वण्णादिपरूवणं ] ३६. जीवे णं भंते! गब्भं वक्कममाणे कतिवण्णं कतिगंधं कतिरसं कतिफासं परिणामं परिणमति ? गोयमा ! पंचवण्णं दुगंधं पंचरसं अट्ठासं परिणामं परिणमति । [सु. ३७. जीवस्स विभत्तिभावे कम्महेउत्तपरूवणं ] ३७. कम्मतो णं भंते! जीवे, नो अकम्मओ विभत्तिभावं परिणमइ, कम्मतो णं जए, नो अकम्मतो विभत्तिभावं परिणमइ ? हंता, गोयमा ! कम्मतो णं० तं चेव जाव परिणमइ, नो अकम्मतो विभत्तिभावं परिणमइ । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।।१२.५ ।। ★★★ छट्टो उद्देसओ 'राहु' ★★★ [सु. १. छट्टुद्देसस्सुवुग्धाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वदासी [सु. २. राहुनाम - विमाणपरूवणं, दिसं पडुच्च चंद-राहुदंसणपरूवणं, लोयपसिद्धाणं चंदसंबंधीणं गहण-कुच्छिभेय-वंत- वइचरिय- घत्थाणं च सरूवनिरूवणं ] २. बहुजणे णं भंते ! अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति जाव एवं परूवेइ 'एवं खलु राहू चंदं गेण्हइ, एवं खलु राहू चंदं गेण्हइ' से कहमेयं भंते! एवं ? गोयमा ! जं ञं से बहुजणे अन्नमन्नस्स जाव मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाक्खामि जाव एवं परूवेमि “एवं खलु राहू देदे महिड्डीए जाव महेसक्खे वरवत्थधरे वरमल्लधरे वरगंधधरे वराभरणधारी । “राहुस्स देवस्स नव नामधेज्जा पन्नत्ता, तं जहा सिंघाडए १ जडिलए २ खवए ३ खरए ४ दद्दुरे ५ मगरे ६ मच्छे ७ कच्छभे ८ कण्हसप्पे ९ । “राहुस्स णं देवस्स विमाणा पंचवण्णा पण्णत्ता, तं जहा किण्ह नीला लोहिया हालिद्दा सुक्किला । अत्थि काल राहुविमाणे खंजणवण्णाभे, अत्थि नीलए राहुविमाणे लाउयवण्णाभे, अत्थि लोहि राहुविमाणे मंजिवण्णाभे, अत्थि पीतए राहुविमाणे हालिद्दवण्णाभे पण्णत्ते, अत्थि सुक्किलए राहुविमाणे भासारासिवण्णाभे पण्णत्ते । “जदा णं राहू आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदलेसं पुरत्थिमेणं आवरेत्ताणं पच्चत्थिमेणं वीतीवयति तदा णं पुरत्थिमेणं चंदे उवदंसेति, पच्चत्थिमेणं राहू । जदा णं राहू आगमच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स लेसं पच्चत्थिमेणं आवरेत्ताणं पुरत्थिमेणं वीतीवयति तदा णं पच्चत्थिमेणं चंदे उवदंसेति, पुरत्थिमेणं राहू । एवं जहा पुरत्थिमेणं पच्चत्थिमेण य दो आलावगा भणिया एवं दाहिणेणं उत्तरेणं य दो आलावगा भाणियव्वा । एवं उत्तरपुत्थिमेणं दाहिणपच्चत्थिमेण य दो आलावगा भाणियव्वा, दाहिणपुरत्थिमेणं उत्तरपच्चत्थिमेण य दो आलावगा भाणियव्वा । एवं चेव जाव तदा णं उत्तरपच्चत्थिमेण चंदे उवदंसेति, दाहिणपुरत्थिमेणं राहू । “जदा णं राहू आगमच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदलेस्सं आवरेमाणे आवरेमाणे चिट्ठति तदा मस्सलोए मणुस्सा वदंति एवं खलु राहू चंदं गेण्हइ, एवं खलु राहू चंदं गेण्हइ । “जदा णं राहू आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स लेस्सं आवरेत्ताणं पासेणं वीईवयइ तदा णं मणुस्सलोए मणुस्सा वदंति एवं खलु चंदेणं राहुस्स कुच्छी भिन्ना, एवं खलु चंदेणं राहुस्स कुच्छी मिन्ना । “जदा णं राहू आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स लेस्सं आवरेत्ताणं पच्चोसक्कइ तदा णं मणुस्सलोए मणुस्सा वदंति एवं खलु राहुणा चंदे वते, एवं खलु राहुणा चंदे वंते । “जया णं राहू आगच्छमाणे वा ४ चंदलेस्सं आवरेत्ताणं मज्झंमज्झेणं वीतीवयति तदा णं मणुस्सा वंदति राहुणा चंदे वतिचरिए, राहुणा चंदे वतिचरिए । “जदा णं राहू आगच्छमाणे वा जाव परियारेमाणे वा चंदलेस्सं अहे सपक्खिं सपडिदिसिं आवरेत्ताणं चिट्ठति तदा णं मणुस्सलोए मणुस्सा वदंति एवं खलु राहुणा चंदे घत्थे खलु राहुणा चंदे घत्थे ।" [ सु. ३. ध्रुवराहु-पव्वराहुभेएणं राहुभेयजुयं, चंदस्स हाणि - वुडिउपरूवणं च ] ३. कतिविधे णं भंते ! राहू पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे राहू पन्नत्ते, तं जहा ध्रुवराहू य पव्वराहू य। तत्थ णं जे से ध्रुवराहू से णं बहुलपक्खस्स पाडिवए ग्रन्थाग्रम्र ८००० पन्नरसतिभागेणं पन्नरसतिभागं चंदस्स लेस्सं आवरेमाणे आवरेमाणे चिट्ठति, तं जहा पढमाए पढमं भागं, बितियाए बितियं भागं जाव पन्नरसेसु पन्नरसमं भागं । चरिमसमये चंदे रत्ते भवति, अवसेसे समये चंदे रत्ते वा विरत्ते वा भवति । तमेव सुक्कपक्खस्स उवदंसेमाणे चिठ्ठइ-पढमाए पढमं भागं जाव पन्नरसेसु पन्नरसमं भागं GRO KOKOF श्री आगमगुणमजूषा - ४०० 編編編 Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOROS$$$$$$ $$$$भ (७) भगवई १२ सतं उ.-० [९८६] CCC明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听明明明明明5C3 चरिमसमये चंदे विरत्ते भवइ, अवसेसे समये चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ । तत्थ णं जे से पव्वराहू से जहन्नेणं छण्हं मासाणं; उक्कोसेणं बायालीसाए मासाणं चंदस्स, अडयालीसाएसंवच्छराणं सूरस्स।[सु. ४-५. ससि-सूरसहाणं विसिट्ठऽत्थनिरूवणं] ४. सेकेणढेणं भंते! एवं वुच्चइ 'चंदे ससी'? गोयमा! चंदस्सणं जोतिसिंदस्स जोतिसरण्णो मियंके विमाणे, कंता देवा, कंताओ देवीओ, कंताई आसण -सयण -खंभ -भंडमत्तोवगरणाई, अप्पणा वि य णं चंदे जोतिसिदै जोतिसराया सोमे कंते ॥ सुभए पियदंसणे सुरूवे, सेतेरटेणं जाव ससी। ५. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ 'सूरे अदिच्चे, सूरे आदिच्चे' ? गोयमा ! सूरादीया णं समया इ वा आवलिया इ वा जाव ओसप्पिणी इवा, उस्सप्पिणी इ वा । सेतेणटेणं जाव आदिच्चे । [सु. ६-७. चंद-सूराणं अग्गमहिसीनिरूवणं]६. चंदस्सणं भंते ! जोतिसिंदस्स जोतिसरण्णो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ? जहा दसमसए (स०१० उ०५ सु०२७) जाव णो चेवणं मेहुणवत्तियं । ७. सूरस्स वि तहेव (स०१० उ०५ सु०२८)। [सु. ८. चंदसूराणं कामभोगाणुभवनिरूवणं] ८. चंदिम-सूरिया णं भंते ! जोतिसिंदा जोतिसरायाणो केरिसए कामभोगे पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे पढमजोव्वणुट्ठाणबलत्थे पढमजोव्वणुट्ठाणबलत्थाए भारियाए सद्धिं अचिरवत्तविवाहकज्जे अत्थगवेसणाए सोलसवासविप्पवासिए, सेणं तओलद्धढे कयकज्जे अणहसमग्गे पुणरवि नियगं गिहं व्वमागते ण्हाते कयबलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए मणुण्णं थालिपागसुद्धं अट्ठारसवंजणाकुलं भोयणं भुत्ते समाणे तंसि तारिसगंसि वासघरंसि; वण्णओ० महब्बले (स०११ उ०११ सु०२३) जाव सयणोवयारकलिए ताए तारिसियाए भारियाए सिंगारागारचारुवेसाए जाव कलियाए अणुरत्ताए अविरत्ताए मणाणुकूलाए सद्धिं इढे सद्दे फरिसे जाव पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पच्चणुभवमाणे विहरेज्जा, से णं गोयमा ! पुरिसे विओसमणकालसमयंकिरिसयं सातासोक्खं पच्चणुभवमाणे विहरति ? 'ओरालं समणाउसो !' तस्स णं गोयमा ! पुरिसस्स कामभोएहिंतो वाणमंतराणं देवाणं एत्तो अणंतगुणविसिट्ठतरा चेव कामभोगा। वाणमंतराणं देवाणं कामभोगेहितो असुरिंदवज्जियाणं भवणवासीणं देवाणं एत्तो अणंतगुणविसिठ्ठतरा चेव कामभोगा। असुरिंदवज्जियाणं भवणवासियाणं देवाणं कामभोगेहितो असुरकुमाराणं (इंदभूयाणं देवाणं एत्तो अणंतगुणविसिट्टतरा चेव कामभोगा । असुरकुमाराणं० देवाणं कामभोगेहितो गहगणपक्खत्त -तारारूवाणं जोतिसियाणं देवाणं एत्तो अणंतगुणविसिद्भुतरा चेव कामभोगा । गहगण -नक्खत्त जाव कामभोगेहितो चंदिम -सूरियाणं ई जोतिसियाणं जोतिसराईणं एत्तो अणंतगुणविसिट्ठतरा चेव कामभोगा । चंदिम -सूरिया णं गोतमा ! जोतिसिंदा जोतिसरायाणो एरिसे कामभोगे पच्चणुभवमाणा विहरति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं जाव विहरति । ||१२.६।। *** सत्तमो उद्देसओ 'लोगे' [ सु. १.ई सत्तमुद्देसस्सुवुग्धाओ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वयासी [सु. २. लोगपमाणपरूवणं] २. केमहालए णं भंते ! लोए पन्नत्ते? गोयमा ! महतिमहालए लोए पन्नत्ते; पुरत्थिमेणं असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ, दाहिणेणं असंखिज्जाओ एवं चेव, एवं पच्चत्थिमेण वि, एवं उत्तरेण वि, एवं उर्ल्ड पि, अहे असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ आयाम-विक्खंभेणं। [सु. ३. उदाहरणपुव्वयं लोगगयपत्तेयपरमाणुपएसे जीवस्स जम्म-मरणपरूवणं] ३. (१) एयंसिणं भंते ! एमहालयंसि लोगंसि अत्थि केइ परमाणुपोग्गलमत्ते वि पएसे जत्थ णं अयं जीवे न जाए वा, न मए वा वि ? गोयमा ! नो इणढे समढे। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'एयंसि णं एमहालयसि लोगंसि नत्थि केयी परमाणुपोग्गलमेत्ते वि पएसे जत्थ णं अयं जीवे ण जाए वा न मए वावि' ? गोयमा ! से जहानामए केयि पुरिसे अयासयस्स एगं महं अयावयं करेज्जा; से णं तत्थ जहन्नेणं एक्कं वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं अयासहस्सं पक्खिवेज्जा, ताओ णं तत्थ पउरगोयराओ पउरपाणियाओ जहन्नेणं एगाह वा दुयाहं वा तियाहं वा, उक्कोसेणं छम्मासे परिवसेज्जा, अत्थि णं गोयमा ! तस्स अयावयस्स केयि परमाणुपोग्गलमेत्ते वि पएसे जे णं तासिं अयाणं उच्चारेण वा पासवणेण वा खेलेण वा सिंघाणएण वा वंतेण वा पित्तेण वा पूएण वा सुक्केण वा सोणिएण वा चम्मेहि वा रोमेहि वा सिंगेहि वा खूरेहिं वा नहेहिं वा अणोक्तपुव्वे भवति ? 'णो इणढे समढे' । होज्जा विणं गोयमा ! तस्स अयावयस्स केयि परमाणुपोग्गलमेत्ते वि पएसे जे णं तासिं अयाणं उच्चारेण वा जाव नहेहिं वा अणोक्कंतपुव्वे 治乐明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听55C verC555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १०१.55555555555555555555555555OOK Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १२ सतं उ ७-८ [१८७] नो चेव णं एयंसि एमहालयंसि लोगंसि लोगस्स य सासयभावं, संसारस्स य अणादिभावं जीवस्स य निच्चभावं कम्मबहुत्तं जम्मण-मरणबाहुल्लं च पडुच्च नत्थि केयि परमाणुपोग्गलमेत्ते वि पएसे जत्थ णं अयं जीवे न जाए वा, न मए वा वि । से तेणट्टेणं तं चेव जाव न मए वा वि । [ सु. ४. चउवीसइदंडयगयआवाससंखाजाणणत्थं पढमसयावलोयणनिद्देसो ] ४. कति णं भंते! पुढवीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पन्नत्ताओ, जहा पढमसए पंचमउद्देसए (स० १३० ५ सु० १-५) तहेव आवासा ठावेयव्वा जाव अणुत्तरविमाणे त्ति जाव अपराजिए सव्वट्ठसिद्धे । [सु. ५-१९. जीव- सव्वजीवाणं चउवीसइदंडएसु अणंतसो उववन्नपुव्वत्तपरूवणं ] ५. (१) अयं णं भंते ! जीवे इमीसे रतणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि पुढविकायइयत्ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए नरगत्ताए नेरइयत्ताए उव्ववन्नपुव्वे ? हंता, गोतमा ! असतिं अदुवा अणंतखुत्तो । (२) सव्वजीवा वि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरया० तं व तत्तो । ६. अयं णं भंते! जीवे सक्करप्पभाए पुढवीए पणवीसाए० एवं जहा रयणप्पभाए तहेव दो आलावगा भाणियव्वा । एवं जाव धूमप्पभाए । ७. अयं णं भंते! जीवे तमाए पुढवीए पंचूणे निरयावाससयसहस्से एगमेगंसि९ सेसं तं चेव । ८. अयं णं भंते! जीवे अहेसत्तमाए पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु महतिमहालएसु महानिरए एगमेगंसि निरयावसंसि० सेसं जहा रयणप्पभाए । ९. (१) अयं णं भंते! जीवे चोयट्ठीए असुरकुमारावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि असुरकुमारावासंसि पुढविकात्तयत्ताए जाव वणस्सत्काइयत्ताए देवत्ताए देवित्ताए आसण सयण - भंडमत्तोवगरणत्ताए उववन्नपुव्वे ? हंता, गोयमा ! जाव अनंतखुत्तो। (२) सव्वजीवा विणं भंते !० एवं चेव । १०. एवं जाव थणियकुमारेसु नाणत्तं आवासेसु, आवासा पुव्वभणिया । ११. (१) अयं णं भंते ! जीवे असंखेज्जेसु पुढविकाइयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि पुढविकाइयावासंसि पुढविकाइयत्ताए जाव वण्सतिकाइयत्ताए उववन्नपुव्वे ? हंता, गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो। (२) एवं सव्वजीवा वि । १२. एवं जाव वणस्सत्काइएसु । १३. (१) अयं णं भंते ! जीवे असंखेज्जेसु बेदियावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि बेंदियावासंसि पुढविकाइयत्ताए जाव वणस्सतिकाइयत्ताए बेदियत्ताए उववन्नपुव्वे ? हंता, गोयमा ! जाव खुत्तो। (२) सव्वजीवा वि णं० एवं चेव । १४. एवं जाव मणुस्सेसु । नवरं तेदिएसु जाव वणस्सतिकाइयत्ताएतेदियत्ताए, चउरिदिएसु चउरिदियत्ताए, पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु पंचिदियतिरिक्खजोणियत्ताए, मणुस्सेसु मणुस्सत्ताए० सेसं जहा बेंदियाणं । १५. वाणमंतर-जोतिसिय- सोहम्मीसाणे [? सु] य जहा असुर- कुमाराणं । १६. (१) अयं णं भंते! जीवे सणंकुमारे कप्पे बारससु विमाणावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि वेमाणियावासंसि पुढविकायत्ताए० सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव अनंतखुत्तो । नो चेव णं देवित्ताए । (२) एवं सव्वजीवा वि । १७. एवं जाव आणयपाणएसु। एवं आरणच्चुएसु वि । १८. अयं णं भंते ! जीवे तिसु वि अट्ठारसुत्तरेसु गेवेज्जविमाणावाससएसु० एवं चेव । १९. (१) अयं णं भंते ! जीवे पंचसु अणुत्तरविमाणेसु एगमेगंसि अणुत्तरविमाणंसि पुढवि० तहेव जाव अणंतखुत्तों, नो चेव णं देवत्ताए वा, देवित्ताए वा । (२) एवं सव्वजीवा वि । [सु. २०-२३. जीवसव्वजीवाणं मायाइ-सत्तुआइ-रायाइ दासाइभावेहिं अनंतसो उववन्नपुव्वत्तपरूवणं ] २० (१) अयं णं भंते ! जीवे सव्वजीवाणं माइत्ताए पितित्ताए भाइताए भगिणित्ताए भज्जत्ताए पुत्तत्ताए धूयत्ताए सुण्हत्ताए उववन्नपुब्वे ? हंता, गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो । (२) सव्वजीवा णं भंते ! इमस्स जीवस्स माइत्ताए जाव उववन्नपुव्वा ? हंता, गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो । २१. (१) अयं णं भंते! जीवे सव्वजीवाणं अरित्ताए वेरियत्ताए घायत्ताए वहत्ताए पडिणीयत्ताए पच्चामित्तत्ताए उववन्नपुव्वे ? हंता, गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो। (२) सव्वजीवा वि णं भंते! ० एवं चेव । २२. (१) अयं णं भंते! जीवे सव्वजीवाणं रायत्ताए जुगरायत्ताए जाव सत्थवाहत्ताए उववन्नपुव्वे ? हंता, गोयमा ! असई जाव अनंतखुत्तो। (२) सव्वजीवा णं० एवं चेव । २३. (१) अयं णं भंते ! जीवे सव्वजीवाणं दासत्ताए पेसत्ताए भयगत्ता भाइल्लत्ताए भोगपुरिसत्ताए सीसत्ताए वेसत्ताए उववन्नपुव्वे ? हंता, गोयमा ! जाव अणंतखुत्तो। (२) एवं सव्वजीवा वि अणंखुत्तो । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति जाव विहरति । ।। १२.७।। ★★★ अट्टमो उद्देसओ 'नागे' ★★★ [सु. १. अट्ठमुद्देसस्सुवुग्धाओ ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वयासी [सु. २-४. महड्डियदेवस्स नागमणि - रुक्खेसु उववाओ, सफलसेवत्तं, तयणंतरभवाओ य सिज्झणा ] २. (१) देवे णं भंते! महड्डीए जाव महेसक्खे अणंतरं चइत्ता 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ४०२ ॐॐॐॐॐॐॐॐ Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - For055555555 (५) भगवई १२सतं उ-८-९ एच 55555555555%%%%92%、 बिसरीरेसुनागेसु उववज्जेज्जा ? हंता, उववज्जेज्जा। (२) सेणं तत्थ अच्चियवंदियपूइयसक्कारियसम्माणिए दिव्वे सच्चे सच्चोवाए सन्निहियपाडिहेरे यावि भवेज्जा? हंता, भवेजा। (३) सेणं भंते ! तओहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता सिज्झेज्जा बुज्झेजा जाव अंतं करेज्जा ? हंता, सिज्झेज्जा जाव अंतं करेजा। ३. देवे णं भंते ! महड्डीए एवं 5 चेव जाव बिसरीरेसु मणीसु उववज्जेज्जा? एवं चेव जहा नागाणं । ४. देवे णं भंते! महड्डीए जाव बिसरीरेसु रुक्खेसु उववज्जेज्जा ? हंता, उववज्जेज्ना। एवं चेव । नवरं ' इमं नाणत्तं जाव सन्निहियपाडिहेरे लाउल्लोइयमहिते यावि भवेज्जा ? हंता, भवेज्जा । सेसं तं चेव जाव अंतं करेजा। [सु. ५-७. निस्सीलाईणं वानराइ-सीहाइढंकाईणं नरगगामित्तनिरूवणं ] ५. अह भंते ! गोलंगूवसमे कुक्कुडवसभे मंडुक्कवसभे, एए णं निस्सीला निव्वया निग्गुणा निम्मेरा निप्पच्चक्खाणपोसहोववासा कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोससागरोमद्वितीयंसि नरगंसि नेरतियत्ताए उववज्जेज्जा ? समणे भगवं महावीरे वागरेति 'उववज्जमाणे उववन्ने त्ति वत्तव्वं सिया। ६. अह भंते ! सीहे वग्घे जहा ओसप्पिणिउद्देसए (सु०७ उ०६ सु० ३६) जाव परस्सरे, एएणं निस्सीला० एवं चेव जाव वत्तव्वं सिया। ७. अह भंते ! ढंके कंके विलए मुद्दए सिखी, एते णं निस्सीला० सेसं तं चेव जाव वत्तव्वं सिया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ । ॥१२.८॥ नवमो उद्देसओ 'देव'★★★ [सु. १. भवियदव्वदेवाइभेएणं देवाणं पंच भेया ] १. कतिविहा णं भंते ! देवा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा देवा पन्नत्ता, तं जहा भवियदव्वदेवा १ नरदेवा २ धम्मदेवा ३ देवातिदेवा ४ भावदेवा ५। [सु. २-६. भवियदव्वदेवाइपंचविहदेवसरूवपरूवणं ] २. से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति 'भवियदव्वदेवा, भवियदव्वदेवा' ? गोयमा ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा देवेसु उववज्जित्तए, सेतेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ भवियदव्वदेवा, भवियदव्वदेवा' । ३. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ 'नरदेवा, नरदेवा' ? गोयमा ! जे इमे रायाणो चाउरंतचक्कवट्ठी उप्पन्नसमत्तचक्करयणप्पहाणा नवनिहिपतिणो समिद्धकोसा बत्तीसरायवरसहस्साणुयातमगा सागरवरमेहलाहिपतिणो मणुस्सिंदा, सेतेणटेणं जाव 'नरदेवा, नरदेवा' । ४. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ 'धम्मदेवा, धम्मदेवा' ? गोयमा ! जे इमे अणगारा भगवंतो रियासमिया जाव गुत्तबंभचारी, सेतेणद्वेणं जाव 'धम्मदेवा, धम्मदेवा' । ५. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ 'देवातिदेवा, देवातिदेवा' ? गोयमा ! जे इमे अरहंता भगवंता उप्पन्ननाण-दसणघरा जाव सव्वदरिसी, सेतेणटेणं जाव 'देवातिदेवा, देवातिदेवा' । ६. से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'भावदेवा, भावदेवा' ? गोयमा ! जे इमे भवणवति-वाणमंतर -जोतिस-वेमाणिया देवा देवगतिनाम-गोयाई कम्माइं वेदेति, से तेणद्वेणं जाव 'भावदेवा, भावदेवा'। [सु.७-११. भवियदव्वदेवाइपंचविहदेवाणं उववायवत्तव्वया] ७. भवियदव्वदेवाणं भंते ! कओहिओ उववज्जति ? किं नेरइएहिंतो उववजति, तिरिक्ख-मणुस्सदेवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! नेरइएहितो उववज्जति, तिरि-मणु-देवेहितो वि उववज्जति । भेदो जहा वक्कंतीए। सव्वेसु उववातेयव्वा जाव अणुत्तरोववातिय त्ति । नवरं असंखेज्जवासाउय-अकम्मभूमगअंतरदीवग-सव्वट्ठसिद्धवजं जाव अपराजियदेवेहितो वि उववजंति, णो सव्वट्ठसिद्धदेवेहिंतो उववज्जति। ८. (१) नरदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति ? किं नेरतिय० पुच्छा । गोयमा ! नेरतिएहितो उववज्जति, नो तिरि०, नो मणु०, देवेहितो वि उववज्जति । (२) जदि नेरतिएहितो उववज्जति किं रयणप्पभापुढविनेरतिएहिंतो उववज्जति जाव अहेसत्तमापुढविनेरतिएहितो उववज्जति ? गोयमा ! रयणप्पभापुढविनेरतिएहितो उववज्जति, नो सक्कर जाव नो अहेसत्तमपुढविनेरतिएहिंतो उववज्जति। (३) जइ देवेहितो उववज्जति किं भवणवासिदेवेहितो उववज्जति, वाणमंतर-जोतिसिय -वेमाणियदेवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! भवणवासिदेवेहितो वि उववज्जति, वाणमंतर०, एवं सव्वदेवेसु उववाएयव्वा वक्कंतीभेदेणं जाव सव्वट्ठसिद्ध त्ति । ९. धम्मदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति किं नेरतिएहितो? एवं वक्कंतीभेदेणं सव्वेसु उववाएयव्वा जाव सव्वट्ठसिद्ध त्ति । नवरं तमा-अहेसत्तमा तेउ-वाउ-असंखेज्जावासाउयअकम्मभूमग-अंतरदीवगवज्जेसु। १०. (१) देवातिदेवा णं भंते ! कतोहितो उववजति ? किं नेरइएहितो उववज्जति १० पुच्छा। गोयमा ! नेरइएहितो उववज्जति, नो तिरि०, नो मणु०, देवहितो वि उववनंति । (२) जति नेरतिएहितो० एवं तिसु पुढविसु उववज्जति, सेसाओ खोडेयव्वाओ। (३) जदि देवेहिंतो०, वेमाणिएसु C%明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明5O Xero5555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा ०३०555555555555555555556 Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AOUSaamaanaanaa m analy 3000१६ १२.०७. १८, 2137153573111 15ATEJNOR C}乐明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐5C सव्वेसु उववज्जति जाव सव्वट्ठसिद्ध त्ति । सेसा खोडेयव्वा । ११. भावदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति १० एवं जहा वक्कंतीए भवणवासीणं उववातो तहा भाणियव्वं । [सु. १२-१६. भवियदव्वदेवाइपंचविहदेवाणं ठिइपरूवणं ] १२. भवियदव्वदेवाणं भंते ! केवतियं कोलं ठिती पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं । १३. नरदेवाणं० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं सत्त वाससयाई, उक्कोसेणं चउरासीतिं पुव्वसयसहस्साइं। १४. धम्मदेवाणं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी। १५. देवातिदेवाणं० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं बावत्तरि वासाइं, उक्कोसेणं चउरासीइं पुव्वसयसहस्साइं। १६. भावदेवाणं० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साइं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं। सु. १७-२०. भवियदेव्वदेवाइपंचविहदेवाणं विउव्वणापरूवणा ] १७. भवियदव्वदेवा णं भंते ! किं एगत्तं पभू विउव्वित्तए, पुहत्तं पि पभू विउवित्तए ? गोयमा ! एगत्तं पि पभू विउवित्तए, पुहत्तं पि पभू विउव्वित्तए। एगत्तं विउव्वमाणे एगिदियरूवं जाव पंचिंदियरूवं वा, पुहत्तं विउव्वमाणे एगिदियरूवाणि वा जावपंचिदियरूवाणि वा। ताइं संखेज्जाणि वा असंखेजाणि वा, संबद्धाणि वा असंबद्धाणि वा, सरिसाणि वा असरिसाणि वा विउव्वंति, विउव्वित्ता तओ पच्छा जहिच्छियाइं कज्जाइं करेति । १८. एवं नरदेवा वि, धम्मदेवा वि। १९. देवातिदेवाणं० पुच्छा । गोयमा ! एगत्तं पिपभू विउव्वित्तए, पुहत्तं पिपभू विउव्वित्तए, नो चेवणं संपत्तीए विउव्विंसुवा, विउव्वंति वा, विउव्विस्संति वा । २०. भावदेवा जहा भवियदव्वदेवा । [सु. २१-२५. भवियदव्वदेवाइपंचविहदेवाणं उव्वट्टणापरूवणं ] २१. (१) भवियदेव्वदेवा णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति ? कहिं उववज्जति ? किं नेरइएसु उववज्जंति, जाव देवेसु उववज्जति ? गोयमा ! नो नेरइएसु उववज्जति, नो तिरि०, नो मणु, देवेसु उववज्जति । (२) जइ देवेसु उववज्जति०? सव्वदेवेसु उववजति जाव सव्वट्ठसिद्ध त्ति । २२. (१) नरदेवा णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता० पुच्छा। गोयमा ! नेरइएसु उववज्जति, नो तिरि०, नो मणु०, नो देवेसु उववज्जति । (२) जइ नेरइएसु उववज्जति, सत्तसु वि पुढवीसु उववज्जति। २३. (१) धम्मदेवा णं भंते ! अणंतरं० पुच्छा । गोयमा ! नो नेरइएसु उववज्जति, नो तिरि०, नो मणु०, देवेसु उववज्जति । (२) जइ देवेसु उववज्जति किं भवणवासि० पुच्छा । गोयमा! नों भवणवासिदेवेसु उववज्जति, नो वाणमंतर०, नो जोतिसिय०, वेमाणियदेवेसु उववज्जति -सव्वेसु वेमाणिएसु उववज्जंति जाव सव्वट्ठसिद्धअणु० जाव उववज्जति । अत्थेगइया सिझंति जाव अंतं करेंति । २४. देवातिदेवा अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति ? कहिं उववज्जति ? गोयमा ! सिझंति जाव अंतं करेंति । २५. भावदेवा णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता पुच्छा । जहा वक्कंतीए असुरकुमाराणं उव्वट्टणातहाभाणियव्वा। सु.२६. भवियदव्वदेवाइपंचविहदेवाणं अणुबंधपरूवणं] २६. भवियदव्वदेवेणं भंते ! 'भवियदव्वदेवे' त्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई। एवं जच्चेव ठिई सच्चेव संचिट्ठणा वि जाव भावदेवस्स । नवरं धम्मदेवस्स जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी। [सु. २७-३१. भवियदव्वदेवाइपंचविहदेवाणं अंतरपरूवणं ] २७. भवियदव्वदेवस्स णं भंते ! केवतियं कालं अंतरं होति ! गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं अणंतं कालंवणस्सतिकालो । २८. नरदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सातिरेगं सागरावमं, उक्कोसेणं अणंतं कालं अवडं पोग्गलपरियट्टे देसूणं । २९. धम्मदेवस्सणं० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमपुहत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं अवटुं पोग्गलपरियट्ट देसूर्ण । ३०. देवातिदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! नत्थि अंतरं । ३१. भावदेवस्सणं० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालंवणस्सतिकालो। [सु. ३२. भवियदव्वदेवाइपंचविहदेवाणं अप्पाबहुयं ] ३२. एएसिणं भंते ! भवियदव्वदेवाणं नरदेवाणं जाव भावदेवाणं य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा नरदेवा, देवातिदेवा संखेज्जगुणा, धम्मदेवा संखेजगुणा, भवियदव्वदेवा असंखेज्जगुणा, भावदेवा असंखेजगुणा। [सु. ३३. भवणवासिआईणं भावदेवाणं अप्पाबहुयं] ३३. एएसिणं भंते ! भावदेवाणं-भवणवासीणं वाणमंतराणं जोतिसियाणं, वेमाणियाणं-सोहम्मगाणं जाव अच्चुतगाणं, गेवेज्जगाणं अणुत्तरोववाइयाण य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणुत्तरोववातिया भावदेवा, उवरिमगेवेज्जा भावदेवा संखेजगुणा, जाव आणते कम्पे देवा संखेज्जगुणा एवं जहा जीवाभिगमे तिविहे देवपुरिसे अप्पाबहुयं जाव जोतिसिया भावदेवा असंखेज्जगुणा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। Mo # # #555 5 5 श्री आगमगुणमजूषा - ४०४ 55555555555559GOR 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听GO Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १२ सतं उ ९१० [१९०] ||बारसमसयस्स नवमो ।। १२.९ ॥ ★★★ दसमो उसओ 'आता' ★★★ [सु. १. आयाए अट्टभेया ] १. कतिविधा णं भंते! आता पन्नत्ता ? गोयमा ! अट्टविहा आता पन्नत्ता, तं जहा दवियाया कसायाया जोगाया उवयोगाता णाणाया दंसणाया चरित्ताया वीरियाया । [ सु. २-८. दवियायाईण अट्ठण्हं परोप्परं सहभाव -असहभावनिरूवणं ] २. (१) जस्स णं भंते! दवियाया तस्स कसायाया, जस्स कसायाया तस्स दवियाया ? गोयमा ! जस्स दवियाया तस्स कसायाता सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण कसायाया तस्स दवियाया नियमं अस्थि । (२) जस्स णं भंते! दवियाता तस्स जोगाया० ? एवं जहा दवियाया य कसायाता य भणिया तहा दवियाया य जोगाया य भाणियव्वा । (३) जस्स णं भंते! दवियाया तस्स उवयोगाया० ? एवं सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा । जस्स दवियाया तस्स उवयोगाया नियम अत्थि, जस्स वि उवयोगाया तस्स वि दवियाया नियमं अत्थि । जस्स दवियाया तस्स नाणाया भयणाए, जस्स पुण नाणाया तस्स दवियाता नियमं अत्थि । जस्स दवियाया तस्स दंसणाया नियमं अत्थि, जस्स वि दंसणाया तस्स दवियाया नियमं अत्थि । जस्स दवियाया तस्स चरित्ताया भयणाए, जस्स पुण चरिताया तस्स दवियाया नियमं अत्थि । एवं वीरियायाए वि समं । ३. (१) जस्स णं भंते ! कसायाया तस्स जोगाया० पुच्छा। गोयमा ! जस्स कसायाता तस्स जोगाया नियमं अत्थि, जस्स पुण जोगाया तस्स कसायाया सिय अत्थि सिय नत्थि । (२) एवं उवयोगायाए वि समं कसायाता नेयव्वा । (३) कसायाया य नाणाया य परोप्परं दो वि भइयव्वाओ। (४) जहा कसायाया य उवयोगाया य तहा कसायाया य दंसणाया य । ५ कसायाया य चरित्ताया य दो वि परोप्परं भइयव्वाओ । (६) जहा कसायाया य जोगाया य तहा कसायाया य वीरियाया य भाणियव्वाओ। ४. एवं जहा कसायाताए वत्तव्वयाभणिया तहा जोगायाए वि वरमाहिं समं भाणियव्वा । ५. जहा दवियायाए वत्तव्वया भणिया तहा उवयोगायाए वि उवरिल्लाहिं समं भणियव्वा । ६. (१) जस्स नाणाया तस्स दंसणाया नियमं अत्थि, जस्स पुण दंसणाया तस्स णाणाया भयणाए। (२) जस्स नाणाया तस्स चरिताया सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण चरिताया तस्स ना नियमं अत्थि । (३) णाणाया य वीरियाया य दो वि परोप्परं भयणाए । ७. जस्स दंसणाया तस्स उवरिमाओ दो वि भयणाए, जस्स पुण ताओ तस्स दंसणाया नियम अत्थि । ८. जस्स चरित्ताया तस्स वीरियाया नियमं अत्थि, जस्स पुण वीरियाया तस्स चरित्ताया सिय अत्थि सिय नत्थि । [ सु. ९. अट्ठविहाणं आयाणं अप्पाबहुयं ] ९. एयासि णं भंते! दवियायाणं कसायाणं जाव वीरियायाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाओ चरित्तायाओ, नाणायाओ अनंतगुणाओ, कसायायाओ अणंतगुणाओ, जोगायाओ विसेसाहियाओ, वीरियायाओ विसेसाहियाओ, उययोग-दविय-दंसणायाओ तिणि वि तुल्लाओ विसेसाहियाओ। [सु. १०. नाणं पडुच्च आयसरूवनिरूवणं ]१०. आया भंते! नाणे, अन्ने नाणे ? गोयमा ! आया सिय नाणे, सिय अन्नाणे, णाणे पुण नियमं आया। [सु. ११-१५, चउवीसइदंडएसु नाणं पडुच्च आयनिरूवणं ]११. आया भंते । नेरइयाणं नाणे, अन्ने नेरइयाणं नाणे ? गोयमा ! आया नेरइयाणं सिय अन्नाणे, नाणे पुण से नियमं आया । १२. एवं जाव तणियकुमाराणं । १३. आया भंते! पुढविकाइयाणं अन्नाणे, अन्ने पुढविकाइयाणं अन्नाणे ? गोयमा ! आया पुढविकाइयाणं नियमं अन्नाणे, अण्णाणे वि नियमं आया । १४. एवं जाव वणस्सतिकाइयाणं । १५. बेइंदिय - तेइदिय० जाव वेमाणियाणं जहा नेरइयाणं । [ सु. १६. दसणं पडुच्च आयसरूवनिरूवणं ] १६. आया भंते ! दंसणे, अन्ने दंसणे ? गोयमा ! आया नियमं दंसणे, दंसणे वि नियमं आया। [सु. १७-१८. चउवीसदंडएस दंसणं पडुच्च आयनिरूवणं ]१७. आया भंते! नेरइयाणं दंसणे, अन्ने नेरइयाणं दंसणे ? गोयमा ! आया नेरइयाणं नियमं दंसणे, दंसणे वि से नियमं आया । १८. एवं जाव वेमाणियाणं निरंतरं दंडओ । [सु. १९-२१. रयणप्पभाइपुढवीभावाणं अत्तत्तादिभावेण परामरिसो ]१९. (१) आया भंते! रयणप्पभा पुढवी, अन्ना रयणप्पभा पुढवी ? गोयमा ! रयणप्पभा पुढवी सिय आया, सिय नो आया, सिय अवत्तव्वं आया ति य, नो आता ति य । (२) से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चति 'रयणप्पा पुढवी सिय आता, सिय नो आया, सिय अवत्तव्वं- आता ति य, नो आया ति य' ? गोयमा ! अप्पणो आदिट्ठे आया, परस्स आदिट्ठे नो आता, तदुभयस्स आदिट्ठे अवत्तव्वंरयणप्पा पुढवी आयाति य, नो आया ति य । सेतेणद्वेणं तं चेव जाव नो आया ति य । २०. आया भंते ! सक्करप्पभा पुढवी १० जहा रयणप्पभा पुढवी तहा HORO श्री आगमगुणमंजूषा ४०५ ON GEEK 原 Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 听听听听听听听听听听听听听听听听GO (५) भगवई १२ सत्त उ.१० [१९१] 555555555555555OXOS For955555555555555555555555555555555555555555555555500g सक्करप्पभा वि। २१. एवं जाव अहेसत्तमा। [सु. २२-२३. सोहम्मकप्पाइअच्चुयकप्पपज्जंतभावाणं अत्तंत्तादिभावेण परामरिसो] २२. ( १) आया भंते ! सोहम्मे कप्पे १० पुच्छा। गोयमा ! सोहम्मे कप्पे सिय आया, सिय नो आया, जाव नो आया ति य। (२) से केणटेणं भंते ! जाव नो आया ति य? गोयमा ! अप्पणो आदिद्वे आया, परस्स आदितु नो आया, तदुभयस्स आदितु अवत्तव्वं-आता ति य, नो आया ति य । सेतणटेणं तं चेव जाव नो आया ति य । २३. एवं जाव अच्चुए कप्पे । [सु. २४-२६. गेवेज्जविमाण-अणुत्तरविमाण-ईसिपब्भाराभावाणं अत्तत्ताइभावेण परामरिसो] २४. आया भंते ! गेवेज्जविमाणे, अन्ने गेवेज्जविमाणे ? एवं जहा रयणप्पभा तहेव।२५. एवं अणुत्तरविमाणा वि।२६. एवं ईसिपब्भारा वि। [सु. २७-३३. परमाणुपोग्गल-दुपएसियाइअणंतपएसियखंधपज्जतभावाणं अत्तत्ताइभावेण परामरिसो] २७. आया भंते ! परमाणुपोग्गले, अन्ने परमाणुपोग्गले ? एवं जहा सोहम्मे तहा परमाणुपोग्गले विभाणियव्वे । २८. (१) आया भंते ! दुपदेसिए खंधे, अन्ने दुपएसिए खंधे ? गोयमा ! दुपएसिए खंधे सिय आया १, सिय नो आया २, सिय अवत्तव्वं-आया ति य नो आया ति य ३, सिय आया य नो आया य ४, सिय आया य अवत्तव्वं-आया ति य नो आया ति य ५, सिय नो आया य अवत्तव्वं-आया ति य नो आया ति य ६। (२) से केणटेणं भंते ! एवं तं चेव जाव नो आया य, अवत्तव्वं-आया ति य नो आया ति य? गोयमा ! अप्पणो आदिढे आया १; परस्स आदितु नो आया २; तदुभयस्स आदितु अवत्तव्वं-दुपएसिए खंधे आया ति य, नो आया ति य ३, देसे आदितु सब्भावपज्जवे, देसे आदिढे असब्भावपज्जवे दुपदेसिए खंधे आया य नो आया य ४; देसे आदिद्वे सब्भावपज्जवे, देसे आदिद्वे तदुभयपज्जवे दुपएसिए खंधे आया य, अवत्तव्वं-आया ति य नो आया ति य ५; देसे आदिढे असब्भावपज्जवे, देसे आदितु तदुभयपज्जवे दुपएसिए खंधे नो आया य, अवत्तव्वं-आता ति य नो आया ति य ६ । से तेणटेणं तं चेव जाव नो आया ति य । २९. (१) आया भंते ! तिपएसिए खंधे, अन्ने तिपएसिए खंधे ? गोयमा ! तिपएसिए खंधे सिय आया १, सिय नो आया २, सिय अवत्तव्वंआता ति य नो आता ति य ३, सिय आया य नो आया य ४, सिय आया य नो आयाओय ५, सिय आयाओ य नो आया य ६, सिय आया य अवत्तव्वंआया ति य नो आया ति य ७, सिय आया य अवत्तव्वाई-आयाओ य नो आयाओ य ८, सिय आयाओ य अवत्तव्वं-आया ति य नो आया ति य९, सिय नो आया य अवत्तव्वं-आया ति य नो आया ति य १०, सिय नो आया य अवत्तव्वाइं-आयाओ य नो आयाओय ११, सिय नो आयाओ य अवत्तव्वं-आया ति य नो आया ति य १२, सिय आया य नो आया य अवत्तव्वं-आया ति य नो आता ति य १३। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति 'तिपएसिए खंधे सिय आया य० एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव सिय आया य नो आया य अवत्तव्वं-आया ति यनो आया ति य? गोयमा ! अप्पणो आदिद्वे आया १, परस्स आइडे नो आया २, तदुभयस्स आइट्ठे अवत्तव्वं आया ति य नो आया ति य३; देसे आदितु सब्भावपज्जवे, देसे आदितु सब्भावपज्जवे तिपदेसिए खंधे आया य नो आया य ४; देसे आदिढे सब्भावपज्जवे, देसा आइट्ठा सब्भावपज्जवा तिपएसिए खंधे आया य नो आयाओ य ५; देसा आदिट्ठा सब्भावपज्जवा, देसे आदितु सब्भावपज्जवे, देसे आदिढे तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाओ य नो आया य६, देसे आदिढे सब्भावपज्जवे, देसे आदिढे तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आया य अवत्तव्वं आया इ य नो आया ति य ७; देसे आदितु सब्भावपज्जवे, देसा आदिट्ठा तदुभयपज्जवा तिपएसिए खंधे आया य अवत्तव्वाइं आयाओ य नो आयाओ य ८; देसा आदिट्ठा सन्भावपज्जवा, देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाओ य अवत्थव्वं- आया ति य नो ति य ९; एए तिण्णि भंगा । देसे आदिढे असब्भावपज्जवे, देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे नो आया य अवत्तव्वं -आया ति य नो आया ति य १०, देसे आदिढे असब्भावपज्जवे, देसा आदिट्ठा तदुभयपज्जवा तिपएसिए खंधे नो आया य अवत्तव्वाई- आयाओ य नो आयाओ य ११; देसा आदिट्ठा असब्भावपज्जवा, देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे नो आयओ य अवत्तव्वं- आया ति य नो आया ति य १२, देसे आदिढे सम्भावपज्जवे, देसे आदिढे असब्भावपज्जवे, देसे आदिढे तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आया य नो आया य अवत्तव्वं आया य नो आया ति य १३ । सेतेणतुणं गोयमा ! एवं वुच्चइ तिपएसिए खंधे सिय आया० तं चेव जाव नो आया ति य । ३०. (१) आया भंते ! चउप्पएसिए खंधे, अन्ने० पुच्छा । गोयमा! चउप्पएखिंधे सिय आया १, सिय नो आया २, सिय अवत्तव्वं -आया ति य नो आया roof5955 श्री आगमगुणमंजूषा - ४०६9999995959OOR $乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听CC Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १२ सतं उ- १०/१३ सतं उ १ [१९२] यि ३, सिय आया य नो आया य ४-७, सिय आया य अवत्तव्वं ८-११, सिय नो आया य अवत्तव्वं १२-१५, सिय आया य नो आया य अवत्तव्वं आया ति य नो आयात १६, सिय आया य नो आया य अवत्तव्वाई -आयाओ य नो आयाओ १७, सिय आया य नो आयाओ य अवत्तव्वं आया ति य नो आया ति य १८, सिय आयाओ य नो आया य अवत्तव्वं आया ति य नो आया ति य १९ । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ चउप्पएसिए खंधे सिय आया य, नो आया य, अवत्तव्वं० तं चेव अट्ठे पडिउच्चारेयव्वं । गोयमा ! अप्पणो आदिट्ठे आया १, परस्स आदिट्ठे नो आया २, तदुभयस्स आदिट्ठे अवत्तव्वं० ३, देसे आदिट्ठे सब्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे अब्भावपज्जवे चउभंगो, सब्भावपज्जवेणं तदुभयेण य चउभंगो, असब्भावेणं तदुभयेण य चउभंगो; देसे आदिट्ठे सब्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे असन्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य, नो आया य, अवत्तव्वं आया ति य नो आया तिय; देसे आदिट्ठे सब्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे असब्भावपज्जवे, देसा आदिट्ठा तदुभयपज्जवा चउप्पएसिए खंधे आया य, नो आया य, अवत्तव्वाई- आयाओ य नो आयाओ य १७, देसे आदिट्ठे सब्भावपज्जवे, देसा आदिट्ठा असब्भावपज्जवा, देसे आदिट्ठे तदुभयपज्जवे चउप्पए सिए खंधे आया य, नो आयाओ य, अवत्तव्वं आया ति य नो आया ति य १८, देसा आदिट्ठा सब्भावपज्जवा, देसे आदिट्ठे असब्भावपज्नवे, देसे आदिट्ठे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आताओ य, नो आया य, अवत्तव्वं आया ति य नो आया ति य १९ । सेतेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ चउप्पएसिए खंधे सिय आया, सिय नो आया, सिय अवत्तव्वं । निक्खेवे ते चेव भंगा उच्चारेयव्वा जाव नो आया ति य । ३१. (१) आया भंते! पंचपएसिए खंधे, अन्ने पंचपएसिए खंधे ? गोयमा ! पंचपएसिए खंधे सिय आया १, सिय नो आया २, सिय अवत्तव्वं आया ति य नो आया ति य ३, सिय आया य नो आया य ४-७, सिय आया य अवत्तव्वं ८-११, नो आया य आया अवत्तव्वेण य १२-१५, तियगसंजोगे एक्को ण पडइ १६-२२ । २ से केणट्टेणं भंते !० तं चेव पडिउच्चारेयव्वं । गोयमा ! अप्पणो आदिट्ठे आया १, परस्स आदिट्ठे नो आया २, तदुभयस्स आदिट्ठे अवत्तव्वं० ३, देसे आदिट्ठे सब्भावपज्जवे, देसे आदि असब्भावपज्जवे, एवं दुयगसंजोगे सव्वे पडंति । तियसंजोगे एक्को ण पडइ । ३२. छप्पएसियस्स सव्वे पडंति । ३३. जहा छप्पएसिए एवं जाव अणतपएसिए । सेव भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति । ॥ १२.१०॥ 555 || बारसमं सयं समत्तं ||१२|| तेरसमं सयं प्रफ़ [सु. १. तेरसमयस्स उद्देसनामपरूवणा] १. पुढवी १ देव २ मणंतर ३ पुढवी ४ आहारमेव ५ उववाए ६ । भासा ७ कम्म ८ Sणगारे केयाघडिया ९ समुग्धाए १० ॥ ★★★ पढमो उद्देसओ 'पुढवी' ★★★ [ सु. २. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ] २. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु. ३. सत्तपुढवीनामपरूवणा] ३. कति णं भंते! पुढवीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पन्नत्ताओ, तं जहा रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा । [ सु. ४-५. रयणप्पभापुढवीनिरयावासाणं संखा संखेज्न असंखेज्नवित्थडत्तं च ] ४. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए केवतिया निरयावाससयसहस्सा पन्नत्ता ? गोयमा ! तीसं निरयावाससयसहस्सा पन्नत्ता । ५. ते णं भंते ! किं संखेज्जवित्थडा, असंखेज्नवित्थडा ? गोयमा ! संखेज्नवित्थडा वि, असंखेज्जवित्थडा वि । [सु. ६. रयणप्पभापुढवीए संखेज्जवित्थडेसु निरयावासेसु उववन्नगाणं नारयाणं एगसमओववायसंखाइअणागारोवउत्तोववायसंखाविसयाणं एगूणचत्तालाणं पण्हाणं समाहाणं ] ६. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएस एगसमएणं केवतिया नेरइया उववज्जति ? १, केवतिया काउलेस्सा उववज्जंति ? २, केवतिया कण्हपक्खिया उववज्जंति ? ३, केवतिया सुक्कपक्खिया उववज्जंति ? ४, केवतिया सन्नी उववज्जंति ? ५, केवतिया असन्नी उववज्नंति ? ६, केवतिया भवसिद्धिया उववज्र्ज्जति ? ७, केवतिया अभवसिद्धिया उववज्जति ? ८, केवतिया आभिणिबोहियनाणी उववज्र्ज्जति ? ९, केवतिया सुयनाणी उववज्जंति ? १०, केवतिया ओहिनाणी उववज्जंति ? ११, केवतिया मतिअन्नाणी उववज्जंति ? १२, केवतिया सुयअन्नाणी उववज्जंति ? १३, केवतिया विभंगनाणी उववज्जति ? १४, केवतिया चक्खुदंसणी उववज्जंति ? १५, केवतिया अचक्खुदंसणी उववज्जंति ? १६, केवतिया ओहिदंसणी उववज्र्ज्जति ? १७, केवतिया आहारसण्णोवउत्ता उववज्जंति ? १८, केवतिया भयसण्णोवउत्ता श्री आगमगुणमंजूषा - ४०७ GOR फ्र STOR Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NORO555555555555555 (५) भगवई १३ सत्तं उ-१ [१९३] $$$ $ $$$20 FOSCOW 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐明乐乐乐明明听听 उववज्जति ? १९, केवतिया मेहुणसण्णोवउत्ता उववज्जति ? २०, केवतिया परिग्गहसण्णोवउत्ता उववज्जति ? २१, केवतिया इत्थिवेदगा उववज्जति ? २२, 卐 केवतिया पुरिसवेदगा उववज्जति ? २३, केवतिया नपुंसगवेदगा उववज्जति ? २४, केवतिया कोहकसाई उववज्जति ? २५, जाव केवतिया लोभकसायी उववज्जति ? २६-२८, केवतिया सोतिदियोवउत्ता उववजंति ? २९, जाव केवतिया फासिदियोवउत्ता उववज्जति ? ३०-३३, केवतिया नोइंदियोवउत्ता उववज्जति ? ३४, केवतिया मणजोगी उववज्जति ? ३५, केवतिया वइजोगी उववजति ? ३६, केवतिया कायजोगी उववज्जति ? ३७, केवतिया सागरोवउत्ता उववज्जति ? ३८, केवतिया अणागारोवउत्ता उववज्जति ? ३९ ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा नेरइया उववज्जति १ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा काउलेस्सा उववज्जति २। जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा कण्हपक्खिया उववज्जति ३ । एवं सुक्कपक्खिया वि ४ । एवं सन्नी ५। एवं असण्णी ६ । एवं भवसिद्धिया ७ । एवं अभवसिद्धिया ८, आभिणिबोहिनाणी ९, सुयनाणी १०, ओहिनाणी ११, मतिअन्नाणी १२, सुयअन्नाणी १३, विभंगनाणी १४ । चक्खुदंसणी न उववज्जति १५। जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा अचक्खुदंसणी उववज्जति १६ । एवं ओहिदंसणी वि १७, आहारसण्णोवउत्ता वि १८, जाव परिग्गहसण्णोवउत्ता वि १९-२०-२१ । इत्थिवेदगा न उववज्जंति २२॥ पुरिसवेदगा विन उववज्जति २३ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जानपुंसगवेदगा उववज्जति २४ । एवं कोहकसायी जाव लोभकसायी २५-२८। सोतिदियोवउत्ता न उववनंति २९ । एवं जाव फासिदियोवउत्ता न उववज्जति ३०-३३ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा नोइंदियोवउत्ता उववज्जति ३४ । मणजोगी ण उववज्जति ३५ । एवं वइजोगी वि ३६ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा कायजोगी उववज्जति ३७ । एवं सागरोवउत्ता वि ३८ । एवं अणागारोवउत्ता वि ३९ । [ सु. ७. छट्ठसुत्तुत्ताणं एगूणचत्तालाणं पण्हाणं उव्वट्टणं पडुच्च समाहाणं ] ७. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं केवतिया नेरइया उव्वलृति? १, केवतिया काउलेस्सा उव्वलृति? २, जाव केवतिया अणागारोवउत्ता उव्वलृति ? ३९ । गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु एगसमयेणं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा नेरइया उव्वलृति १ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेजाकाउलेस्सा उव्वट्ठति २ । एवं जाव सण्णी ३-४-५ । असण्णी ण उव्वलृति ६ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा भवसिद्धीया उव्वलृति ७ । एवं जाव सुयअन्नाणी ८-१३ । विभंगनाणी न उव्वलृति १४ । चक्खुदंसणी ण उव्वलृति १५ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा अचक्खुदंसणी उव्वलृति १६ । एवं जाव लोभकसायी १७-२८ । सोतिदियोवउत्ता ण उव्वलृति २९ । एवं जाव फासिदियोवउत्ता न उव्वलृति ३०-३३ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा नोइंदियोवउत्ता उव्वटुंति ३४ । मणजोगी न उव्वलृति ३५ । एवं वइजोगी वि ३६ । जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा कायजोगी उव्वलृति ३७। एवं सागरोवउत्ता ३८, अणागारोवउत्ता ३९ । [सु. ८. रयणप्पभापुढवीए संखेज्जवित्थडेसु निरयावासेसु नेरइयाणं संखाइअचरिमसंखाविसयाणं एगूणपन्नासाणं पण्हाणं समाहाणं ] ८. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु केवतिया नेरइया पण्णत्ता ? १, केवइया काउलेस्सा जाव केवतिया अणागारोवउत्ता पण्णत्ता ? २-३९, केवतिया अणंतरोववन्नगा पन्नत्ता? ४०, केवतिया परंपरोववन्नगा पन्नत्ता? ४१, केवतिया अणंतरोगाढा पन्नत्ता ? ४२, केवतिया परंपरोगाढा पन्नत्ता ? ४३, केवतिया अणंतराहारा पन्नत्ता? ४४, केवतिया परंपराहारा पन्नत्ता ? ४५, केवतिया अणंतरपज्जत्ता पन्नत्ता? ४६, केवतिया परंपरपज्जत्ता पन्नत्ता ? ४७, केवतिया चरिमा पन्नत्ता ? ४८, केवतिया अचरिमा पन्नत्ता ? ४९ । गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु संखेज्जा नेरइया पन्नत्ता १ । संखेज्जा काउलेस्सा पन्नत्ता २। एवं जाव संखेज्जा सन्नी पन्नत्ता ३-५। असण्णी सिय अत्थि सिय नत्थि; जदि जत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेजा पन्नत्ता ६ । संखेजा भवसिद्धीया पन्नत्ता ७। एवं जावसंखेज्जा परिग्गहसन्नवउत्ता EMORE$$5555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ४०८5555555555555555555555555OOK 5555555$$$$$$%$5% 555555555555520 Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 095555555555555明 (५) भगवई १३ सतं उ.१ १९४] 5555$$exong पन्नत्ता ८-२१ । इत्थिवेदगा नत्थि २२ । पुरिसवेदगा नत्थि २३ । संखेज्जा नपुंसगवेदगा पण्णत्ता २४ । एवं कोहकसायी वि २५ । माणकसाई जहा असण्णी २६ । एवं जाव लोभकसायी २७-२८ । संखेज्जा सोतिदियोवउत्ता पन्नत्ता २९ । एवं जाव फासिदियोवउत्ता ३०-३३ । नोइंदियोवउत्ता जहा असण्णी ३४ । संखेज्जा मणजोगी पन्नत्ता ३५ । एवं जाव अणागरोवउत्ता ३६-३९। अणंतरोववन्नगा सिय अत्थि सिय नत्थि; जदि अत्थि जहा असण्णी ४०।संखेज्जा परंपरोववन्नगा ४१ । एवं जहा अणंतरोववन्नगा तहा अणंतरोगाढा ४२, अणंतराहारगा ४४. अणंतरपज्जत्तगा ४६ । परंपरोगाढगा जाव अचरिमा जहा परंपरोववन्नगा ४२,४५, ४७,४८,४९। [सु. ९. रयणप्पभापुढवीए असंखेज्जवित्थडेसु निरयावासेसु छट्ठ-सत्तम- अट्ठमसुत्तंतग्गयाणं पण्हाणं समाहाणं ] ९. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु असंखेज्जवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं केवतिया नेरतिया उववज्जति ? १, जाव केवतिया अणागारोवउत्ता उव्वलृति ? २-३९ । गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु असंखेजवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं असंखेज्जा नेरइया उव्वलृति १ । एवं जहेव संखेज्जवित्थडेसु तिण्णि गमगा [ सु०६-७-८ तहा असंखेजवित्थडेसु वि तिण्णिगमगा भाणियव्वा । नवरं असंखेज्जा भाणियव्वा, सेसं तं चेव जाव असंखेज्जा अचरिमा पन्नत्ता]४९ । "नाणत्तं लेस्सासु", लेसाओ जहा पढमसए (स० १ उ०५ सु०२८)। नवरं संखेजवित्थडेसु वि असंखेजवित्थडेसु वि ओहिनाणी ओहिदसणी य संखेज्जा उव्वट्टावेयव्वा, सेसं तं चेव। [सु. १०-१८. सक्करप्पभाइअहेसत्तमासु छसु नरयपचढवीसु चउत्थाइनवमसुत्तंतग्गयाणं पहाणं समाहाणं] १०. सक्करप्पभाए णं भंते ! पुढवीए केवतिया निरयावास० पुच्छा । गोयमा ! पणुवीसं निरयावाससयसहस्सा पन्नत्ता।११. ते णं भंते ! किं संखेजवित्थडा, असंखेज्जवित्थडा ? एवं जहा रयणप्पभाए तहा सक्करप्पभाए वि। नवरं असण्णी तिसु वि गमएसु न भण्णति, सेसं तं चेव । १२. वालुयप्पभाए णं० पुच्छा । गोयमा ! पन्नरस निरयावाससयसहस्सा पन्नत्ता। सेसं जहा सक्करप्पभाए। "णाणत्तं लेसासु", लेसाओ जहा पढमसए (स०१ उ०५सु०२८)। १३. पंकप्पभाए० पुच्छा। गोयमा ! दस निरयावाससयसहस्सा० । एवं जहा सक्करप्पभाए। नवरं ओहिनाणी ओहिदंसणी यन उव्वलृति, सेसं तं चेव।१४. धूमप्पभाए णं पुच्छा। गोयमा ! तिण्णि निरयावाससयसहस्सा० एवं जहा पंकप्पभाए। १५. तमाए णं भंते ! पुढवीए केवतिया निरयावास० पुच्छा । गोयमा ! एगे पंचूणे निरयावाससयसहस्से पन्नत्ते । सेसं जहा पंकप्पभाए। १६. अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए कति अणुत्तरा महतिमहालया निरया पन्नत्ता? गोयमा ! पंच अणुत्तरा जाव अप्पतिट्ठाणे। १७. ते णं भंते ! किं संखेज्जवित्थडा, असंखेज्जवित्थडा? गोयमा ! संखेजवित्थडे य असंखेजवित्थहा य। १८. अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसु महतिमहा० जाव महानिरएसु संखेज्जवित्थडे नरए एगसमएणं केवति० एवं जहा पंकप्पभाए । नवरं तिसु नाणेसु न उववज्जति न उव्वट्ठति । पन्नत्तएसु तहेव अस्थि । एवं असंखेज्जवित्थडेसु वि । नवरं असंखेज्जा भाणियव्वा। [सु. १९-२७. सत्तण्डं नरयपुढवीणं संखेज्ज-असंखेजवित्थडेसु नरएसु सम्मद्दिट्ठिआईणं उववाय-उब्वट्टणा-अविरहियत्तविसयाणं पण्हाणं समाहाणं ] १९. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु किं सम्मद्दिट्ठी नेरतिया उव्वलृति, मिच्छद्दिट्ठी नेरझ्या उव्वलृति, सम्मामिच्छद्दिट्ठी नेरतिया उव्वलृति ? गोयमा ! सम्मदिट्ठी वि नेरतिया उव्वलृति, मिच्छद्दिट्ठी वि नेरतिया उव्वलृति, नो सम्मामिच्छद्दिट्ठी नेरतिया उव्वलृति । २०. इमीसेणं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु किं सम्मदिट्ठी नेरतिया उव्वट्ठति ? 0, एवं चेव । २१. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरगा किं सम्महिट्ठीहिं नेरइएहिं अविरहिया, मिच्छादिट्ठीहिं नेरइएहिं अविरहिया, सम्मामिच्छादिट्ठीहिं नेरइएहिं अविरहिया ? गोयमा ! सम्मद्दिट्ठीहि वि नेरइएहिं अविरहिया, मिच्छादिट्ठीहि म विनेरइएहिं अविरहिता, सम्मामिच्छादिट्ठीहिं नेरइएहिं अविरहिया विरहिया वा । २२. एवं असंखेज्जवित्थडेसु वि तिण्णि गमगा भाणियव्वा । २३. एवं सक्करप्पभाए + वि। एवं जाव तमाए। २४. अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए पंचसु अणुत्तरेसुजाव संखेनवित्थडे नरए किं सम्मदिट्ठी नेरइया० पुच्छा। गोयमा ! सम्मद्दिट्ठी नेरइया न उववज्जति, मिज्झद्दिट्टी नेरइया उव्वलृति, सम्मामिच्छद्दिट्ठी नेरइया न उव्वट्ठति । २५. एवं उव्वलृति वि । २६. अविरहिए जहेव रयणप्पभाए । २७. एवं teres55555 5 5$$॥ श्री आगमगुणमंजूषा- ४०१,0555555555555555555 5 5 BO$$$$为听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听听QTC Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फफफफफफफफफ phx असंखेज्जवित्थडेसु वि तिणि गमगा । [सु. २८-३०. लेस्सं पडुच्च नरयोववापरूवणा ] २८. (१) से नूणं भंते ! कण्हलेस्से नीललेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु नेरइएसु उव्वद्वंति ? हंता, गोयमा ! कण्हलेस्से जाव उववज्जति । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'कण्हलेस्से जाव उववज्जंति' ? गोयमा ! लेस्साणेसु संकिलिस्समाणेसु संकिलिस्समाणेसु कण्हलेसं परिणमड़ कण्हलेसं परिणमित्ता कण्हलेस्सेसु नेरइएस उववज्जंति, से तेणट्टेणं जाव उववज्र्ज्जति । २९. (१) से नूणं भंते! कण्हलेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता नीललेस्सेसु नेरइएस उववज्जंति ? हंता, गोयमा ! जाव उववज्र्ज्जति । (२) से केणट्टेणं जाव उववज्जंति ? गोयमा ! लेस्सद्वाणेसु संकिलिस्समाणेसु वा विसुज्झमाणेसु वा नीललेस्सं परिणमति, नीललेसं परिणमित्ता नीललेस्सेसु नेरइएसु उववज्जंति, सेतेणद्वेणं गोयमा ! जाव उववज्र्ज्जति । ३०. से नूणं भंते! कण्हलेस्से नील० जाव भवित्ता काउलेस्सेसु नेरइएस उववज्र्ज्जति ? एवं जहा नीललेस्साए तहा काउलेस्सा वि भाणियव्वा जाव से तेणट्टेणं जाव उववज्र्ज्जति । सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० ॥ ॥। १३.१ ॥ ★★★ बीओ उद्देसओ 'देव' ★★★ [सु. १. चउव्विहदेवभेयपरूवणा] १. कतिविधा णं भंते ! देवा पन्नत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा देवा पन्नत्ता, तं जहा भवणवासी वाणमंतरा जोतिसिया वेमाणिया । [सु. २. भवणवासिदेवाणं दसभेयपरूवणं ] २. भवणवासी णं भंते! देवा कतिविधा पन्नत्ता ? गोयमा ! दसविहा पण्णत्ता, तं जहा असुरकुमारा० एवं भेदो जहा बितियसए देवुद्देसए (स० २ उ० ७) जाव अपराजिया सव्वट्ठसिद्धगा। [सु. ३-४. असुरकुमारदेवाणं भवणावाससंखा संखेज्ज असंखेज्जवित्थडत्तं च ] ३. केवतिया णं भंते! असुरकुमारावाससयसहस्सा पन्नत्ता? गोयमा ! चोसट्ठि असुरकुमारावाससयसहस्सा पन्नत्ता । ४. ते णं भंते! किं संखेज्जवित्थडा, असंखेज्जवित्थडा ? गोयमा ! संखेज्जवित्थडा वि असंखेज्जवित्थडा वि । [ सु. ५. पढमुद्देसस्स छट्ठसुत्तंतग्गयएगूणचत्तालाणं अट्ठमसुत्तंतग्गयएगूणपन्नासाणं च पण्हाणं असुरकुमारदेवे पडुच्च समाहाणं ] ५. (१) चोयट्ठीए णं भंते ! असुरकुमारावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु असुरकुमारावासेसु एगसमयेणं केवतिया असुरकुमारा उववज्र्ज्जति ? जाव केवतिया तेउलेस्सा उववज्जंति ? केवतिया कण्हपक्खिया उववज्जंति ? एवं जहा रयणप्पभाए तहेव पुच्छा, तहेव वागरणं, नवरं दोहिं वि वेदेहिं उववज्जंति, नपुंसगवेयगा न उववज्र्ज्जति । सेसं तं चेव । (२) उता वि तहेव, नवरं असण्णी उव्वट्टंति, ओहिनाणी ओहिदंसणी य ण उव्वट्टंति, सेसं तं चेव । पन्नत्तएस तहेव, नवरं संखेज्जगा इत्थवेदगा पन्नत्ता । एवं पुरिसवेदगा वि । नपुंसगवेदगा नत्थि । कोहकसायी सिय अत्थि, सिय नत्थि; जइ अत्थि जहन्नेण एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा पन्नत्ता । एवं माण० माय० | संखेज्जालोभकसायी पन्नत्ता । सेसं तं चेव तिसु वि गमएस चत्तारि लेस्साओ भाणियव्वाओ। (३) एवं असंखेज्जवित्थडेसु वि, नवरं तिसु वि गमएसु असंखेज्जा भाणियव्वा जाव असंखेज्जा अचरिमा पन्नत्ता । [सु. ६. नागकुमाराइथणियकुमारपज्जंतेसु पंचमसुत्तुत्तवत्तव्वया ] ६. केवतिया णं भंते! नागकुमारावास० ? एवं जाव थणियकुमारा, नवरं जत्थ जत्तिया भवणा । [सु. ७-९ वाणमंतरदेवे पडुच्च तइयाइपंचमसुत्ततग्गयपण्हाणं समाहाणं ] ७. केवतिया णं भंते ! वाणमंतरावाससयसहस्सा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा वाणमंतरावाससयसहस्सा पन्नत्ता । ८. ते णं भंते! किं संखेज्जवित्थडा, असंखेज्जवित्थडा ? गोयमा ! संखेज्जवित्थडा, नो असंखेज्जवित्थडा । ९. संखेज्जेसु णं भंते! वाणमंतरावाससयसहस्सेसु एगसमएणं केवतिया वाणमंतरा उववज्जंति ? एवं जहा असुरकुमाराणं संखेज्नवित्थडेसु तिण्णि गमा तहेव भाणियव्वा वाणमंतराण वि तिणि गमा । [ सु. १०-११. जोइसियदेवे पडुच्च तइयाइपंचमसुत्तंतग्गयपण्हाणं समाहाणं ] १०. केवतिया णं भंते! जोतिसियविमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेज्ना जोतिसिया विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता । ११. ते णं भंते ! किं संखेज्जवित्थडा० ? एवं जहा वाणमंतराणं तहा जोतिसियाण वि न्नि गमा भाणियव्वा, नवरं एगा तेउलेस्सा। उवज्जंतेसु पन्नत्तेसु य असन्नी नत्थि । सेसं तं चेव । [सु. १२-२४. कप्पवासि-गेवेज्जग- अणुत्तरदेवे पडुच्च तइयापंचमसुत्तंतग्गयपण्हाणं समाहाण] १२. सोहम्मे णं भंते! कप्पे केवतिया विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता ? गोमा ! बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता । १३. ते णं भंते! किं संखेज्जवित्थडा, असंखेज्जवित्थडा ? गोयमा ! संखेज्जवित्थड़ा वि, असंखेज्जवित्तडा वि । ॐ श्री आगमगुणमजूषा - ४१०५० Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १३ सतं उ २३.४ [१९६] ॐॐॐॐॐॐॐ १४. सोहम्मे णं भंते! कप्पे बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु विमाणेसु एगसमएणं केवतिया सोहम्मा देवा उववज्जति ? केवतिया तेउलेस्सा उववज्नंति ? एवं जहा जोतिसियाणं तिन्नि गमा तहेव भाणियव्वा, नवरं तिसु वि संखेज्ना भाणियव्वा । ओहिनाणी ओहिदंसणी य चयावेयव्वा । सेसं तं चेव । असंखेज्जवित्थडेसु एवं चेव तिन्नि गमा, नवरं तिसु वि गमएस असंखेज्जा भाणियव्वा । ओहिनाणी ओहिदंसणी य संखेज्जा चयंति । सेसं तं चेव । १५. एवं जहा सोहम्मे त्वया भणिया तहा ईसाणे वि छ गमगा भाणियव्वा । १६. सणकुमारे एवं चेव, नवरं इत्थिवेदगा उववज्जंतेसु पन्नत्तेसु य न भण्णंति, असण्णी तिसु वि गमएसु न भणति । सेसं तं चेव । १७. एवं जाव सहस्सारे, नाणत्तं विमाणेसु, लेस्सासु य । सेसं तं चेव । १८. आणय पाणएसु णं भंते! कप्पेसु केवतिया विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता । १९. ते णं भंते! किं संखेज्ज० पुच्छा । गोयमा ! संखेज्नवित्थडा वि, असंखेज्जवित्थडा वि । एवं संखषज्जवित्थडेसु तिन्नि गमगा जहा सहस्सारे। असंखेज्नवित्थडेसु उववज्जंतेसु य चयंतेसु य एवं चेव संखेज्जाभाणियव्वा । पन्नत्तेसु असंखेज्जा, नवरं नोइंदियोवउत्ता, अतरोववन्नगा, अणंतरोगाढगा, अणंतराहारगा, अणंतरपज्जत्तगा य, एएसिं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा पन्नत्ता । सेसा असंखेज्जा भाणियव्वा । २०. आरणऽच्छुएसु एवं चेव जहा आणय- पाणतेसु, नाणत्तं विमाणेसु । २१. एवं गेवेज्जगा वि । २२. कति णं भंते ! अणुत्तरविमाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच अणुत्तरविमाणा पत्ता । २३. ते णं भंते ! किं संखेज्जवित्थडा, असंखेज्जवित्थडा ? गोयमा ! संखेज्नवित्थडे य असंखेज्जवित्थडा य । २४. पंचसु णं भंते ! अणुत्तरविमाणेसु संखेज्ज वित्थडे विमाणे एगसमएणं केवतिया अणुत्तरोववातिया देवा उववज्र्ज्जति ? केवतिया सुक्कलेस्सा उववज्जति १० पुच्छा तहेव । गोयमा ! पंचसु णं अणुत्तरविमाणेसु संखेज्जवित्थडे अणुत्तरोविमाणे एगसमएणं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा अणुत्तरोववातिया देवा उववज्र्ज्जति । एवं जहा वेज्जविमाणेसु संखेज्जवित्थडेसु, नवरं कण्हपक्खिया, अभवसिद्धिया, तिसु अन्नणेसु एए न उववज्जंति, न चयंति, न वि पन्नत्तएसु भाणियव्वा, अचरिमा वि खोडिज्जंति जाव संखेज्जा चरिमा पन्नत्ता । सेसं तं चेव । असंखेज्जवित्थडेसु वि एते न भण्णंति, नवरं अचरिमा अत्थि । सेसं जहा गेवेज्जएस असंखेज्जवित्थडेसु जाव असंखेज्जा अचरिमा पन्नत्ता । [सु. २५-२७. चउव्विहाणं देवाणं संखेज्न असंखेज्नवित्थडेसु आवासेसु सम्मद्दिद्विआईणं उववाय-उवट्टणा - अविरहियत्तविसयाणं पहाणं समाहाणं] २५. चोयट्ठीए णं भंते! असुरकुमारावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु असुरकुमारावासेसु किं सम्मद्दिट्ठी असुरकुमारा उववज्जंति, मिच्छद्दिट्ठी १० एवं जहा रयणप्पभाए तिन्नि आलावगा भणिया तहा भाणियव्वा । एवं असंखेज्जवित्थडेसु वि तिन्नि गमा । २६. एवं जाव गेवेज्जविमाणेसु । २७. अणुत्तरविमाणेसु एवं चेव, नवरं तिसु वि आलावएसु मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छद्दिट्ठी य न भण्णंति । सेसं तं चैव । [सु. २८-३१. लेस्सं पडुच्च देवलोओववायपरूवणा] २८. से नूणं भंते ! कण्हलेस्से नील० जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु देवेसु उववज्जंति ? हंता, गोयमा ! ० एवं जहेव नेरइएस पढमे उद्देसए तहेव भाणियव्वं । २९. नीललेस्साए वि जव नेरइयाणं जहा नीललेस्साए । ३०. एवं जाव पम्हलेस्सेसु । ३१. सुक्कलेस्सेसु एवं चेव, नवरं लेसाठाणेसु विसुज्झमाणेसु विसुज्झमाणेसु सुक्कलेस्सं परिणमति, सुक्कलेसं परिणमित्ता सुक्कलेस्सेसु देवेसु उववज्जंति, से तेणद्वेणं जाव उववज्जति । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ।। १३.२॥ ★★★ ततिओ उद्दसओ 'अणंतर' ★★★ [सु. १. चउवीसइदंडएसु परियारणाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो ] १. नेरतिया णं भंते ! अणंतराहारा ततो निव्वत्तणया । एवं परियारणापदं निरवसेसं भाणियव्वं । सेवं भंते! सेवं भंते ! ति० ॥ ॥ १३.३ ॥ ★★★ चउत्थो उद्देसओ 'पुढवी' ★★★ [सु. १. सत्तपुढविनामपरूवणा ] १. कति णं भंते ! पुढवीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णत्ताओ, तं जहा रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा । [सु. २५. सत्तण्हं नरयपुढवीणं नरयावाससंखानिरूवणपुव्वयं अणेयपदेहिं परोप्परं तुलणा पढमं नेरइयदारं ] २. अहेसत्तमाएं णं पुढवीए पंच अणुत्तरा महतिमहालया जाव अपतिट्ठाणे । तेणं रगा छट्टाए तमाए पुढवीए नरएहिंतो महत्तरा चेव १, महावित्थिण्णतरा चेव २, महोवासतरा चेव ३, महापतिरिक्कतरा चेव ४, नो तहा महावेसणतरा चेव १, MOTOR श्री आगमगुणमंजूषा ४११ YO Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR॥555555555555 (५) भगवई १३ सतं उ-४ [१९७] 国五五五五五五五步步步步步QO STC8乐$$$$$$$$$$$$明明明明明明明明明明明明明明明明明纸步 आइण्णतरा चेव २, आउलतरा चेव ३, अणोमाणतरा चेव ४; तेसुणं नरएसु नेरतिया छट्ठाए तमाए पुढवीए नेरइएहितो महाकम्मतरा चेव १, महाकिरियतरा चेवर २, महासवतरा चेव ३, महावेयणतरा चेव ४, नो तहा-अप्पकम्मतरा चेव १, अप्पकिरियतरा चेव २ अप्पासवतरा चेव ३, अप्पवेयणतरा चेव ४ । अप्पिड्डियतरा चेव १, अप्पजुतियतरा चेव २, नो तहा महिड्डियतरा चेव १, नो महज्जुतियतरा चेव २१ ३. छट्ठाए णं तमाए पुढवीए एगे पंचूणे निरयावाससयसहस्से पन्नत्ते। ते णं नरगा अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइएहितो नो तहा -महत्तरा चेव, महावित्थिण्ण०४; महप्पवेसणतरा चेव, आइण्ण० ४। तेसु णं नरएसु नेरइया अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइएहितो अप्पकम्मतरा चेव, अप्पकिरिय०४: नो तहा महाकम्मतरा चेव, महाकिरिय०४; महिड्डियतरा चेव, महज्जुतियतरा चेव; नो तहा -अप्पिड्डियतरा चेव, अप्पज्जुतियतरा चेव । छट्ठाए णं तमाए पुढवीए नरगा पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए नरएहिंतो महत्तरा चेव०४; नो तहा महप्पवेसणतरा चेव० ४। तेसुणं नरएसु नेरइया पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए नेरइएहिंतो महाकम्मतरा चेव०४ नो तहा अप्पकम्मतरा चेव०४; अप्पिड्डियतरा चेव अप्पजुइयतरा चेव; नो तहा महिड्डियतरा चेव० २। ४. पंचमाए णं धूमप्पभाए पुढवीए तिन्नि निरयावाससतसहस्सा पन्नत्ता । ५. एवं जहा छट्ठाए भणिया एवं सत्त वि पुढवीओ परोप्परं भण्णंति जाव रयणप्पभ त्ति । जाव नो तहा महिड्डियतरा चेव अप्पज्जुतियतरा चेव । [सु. ६-९. सत्तपुढविनेरझ्याणं एगिदियजीवफासाणुभवनिरूवणं -बीयं फासदारं ] ६. रयणप्पभपुढविनेरइया णं भंते ! केरिसयं पुढविफासं पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! अणिढे जाव अमणाणं । ७. एवं जाव अहेसत्तमपुढविनेरतिया। ८. एवं आउफासं । ९. एवं जाव वणस्सइफासं। [सु. १०. सत्तण्हं पुडवीणं परोप्परबाहल्ल-खुड्डगत्तजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो तइयं पणिहिदारं] १०. इमाणं भंते ! रयणप्पभा पुढवी दोच्चं सक्करप्पभं पुढविपणिहाए सव्वमहंतिया बाहल्लेणं, सव्वखुड्डिया सव्वंतेसु? एवं जहा जीवाभिगमे बितिए नेरइयउद्देसए। [सु. ११. सत्तपुढविनिरयंतग्गयाणमेगिदियाणं महाकम्मतरत्ताइनिरूवणं चउत्थं निरयंतदारं] ११. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए णिरयपरिसामंतेसु जे पुढविकाइया । एवं जहा नेरइयउद्देसए जाव अहेसत्तमाए। [सु. १२-१५. लोग-अहेलोग-उड्ढलोग-तिरियलोगआयाममज्झठाणनिरूवणं पंचमं लोगमज्झदारं ]१२. कहिणं भंते ! लोगस्स आयाममज्झे पन्नत्ते ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए ओवासंतरस्स असंखेजतिभागं ओगाहित्ता, एत्थ णं लोगस्स आयाममज्झे पण्णत्ते। १३. कहि णं भंते ! अहेलोगस्स आयाममज्झे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए ओवासंतरस्स सातिरेगं अद्धं ओगाहित्ता, एत्थ णं अहेलोगस्स आयाममज्झे पन्नत्ते। १४. कहिणं भंते ! उड्डलोगस्स आयाममज्झे पन्नत्ते ? गोयमा ! उप्पिं सणंकुमार-माहिंदाणं कप्पाणं हेट्ठि बंभलोए कप्पे रिट्टे विमाणपत्थडे, एत्थ णं उडलोगस्स आयाममज्झे पन्नत्ते। १५. कहि णं भंते ! तिरियलोगस्स आयाममज्झे पन्नत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स बहुमज्झदेसभाए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिमहेट्ठिल्लेसु खुड्डगपयरेसु, एत्थ णं तिरियलोगमज्झे अट्ठपएसिए रुपए पन्नत्ते, जओ णं इमाओ दस दिसाओ पवहंति, तं जहा 卐 पुरत्थिमा पुरथिमदाहिणा एवं जहा दसमसते (स०१० उ०१ सु०६-७ जाव नामधेज त्ति। [सु. १६-२२. इंदापभिईणं दसण्हं दिसा -विदिसाणं सरूवनिरूवणं । म छ8 दिसा-विदिसापवहदारं ]१६. इंदाणं भंते ! दिसा किमादीया किंपवहा कतिपदेसादीया कतिपदेसुत्तरा कतिपदेसिया किंपज्जवसिया किंसंठिया पन्नत्ता ? गोयमा! इंदा 卐 णं दिसा रुयगादीया रुपगप्पवहा दुपदेसादीया दुपदेसुत्तरा, लोगं पडुच्च असंखेज्जपएसिया, अलोगं पडुच्च अणंतपदेसिया, लोगं पडुच्च सादीया सपज्जवसिया, म अलोगं पडुच्च सादीया अपज्जवसिया, लोगं पडुच्च मुरवसंठिया, अलोगं पडुच्च सगडुद्धिसंठिता पन्नत्ता। १७. अग्गेयीणं भंते ! दिसा मिकादीया किंपवहा कतिपएसादीया कतिपएसवित्थिण्णा कतिपदेसिया किंपज्जवसिया किंसंठिया पन्नत्ता ? गोयमा ! अग्गेयी णं दिसा रुपगादीया रुपगप्पवहा एगपएसादीया एगपएसवित्थिण्णा * अणुत्तरा, लोगं पडुच्च असंखेजपएसिया, अलोगं पडुच्च अणंतपएसिया, लोगं पडुच्च सादयि सपज्जवसिया, अलोगं पडुच्च सादीया अपज्जवसिया, छिन्नमुतावलिसंठिया म पन्नत्ता। १८. जमा जहा इंदा । १९. नेरती जहा अग्गेयी । २०. एवं जहा इंदा तहा दिसाओ चत्तारि वि । जहा अग्गेयी तहा चत्तारि वि विदिसाओ। २१. विमला णं भंते ! दिसा किमादीया०, पुच्छा । गोयमा ! विमला णं दिसा रुयगादीया रुयगप्पवहा चउप्पएसादीया, दुपदेसवित्थिण्णा अणुत्तरा, लोगं पडुच्च० सेसं जहा mor.955555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४१२5555555555555555555OOK Q明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听 Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Pos७$$5555555555555 (५) भगवई १३ सतं उ. ४ [१९८] 555555555555xox अग्गेयीए, नवरं रुयगसंठिया पन्नत्ता । २२. एवं तमा वि। [सु. २३-२८. लोग-पंचऽत्थिकायसरूवनिरूवणं -सत्तमं पवत्तणदारं ] २३. किमियं भंते ! लोए त्ति पवुच्चइ ? गोयमा ! पंचत्थिकाया, एस णं एवतिए लोए त्ति पवुच्चइ, तं जहा धम्मऽत्थिकाए, अधम्मऽत्थिकाए, जाव पोग्गलऽत्थिकाए। २४. धम्मऽत्थिकाए णं भंते ! जीवाणं किं पवत्तति ? गोयमा ! धम्मऽत्थिकाए णं जीवाणं आगमण-गमण-भासुम्मेस-मणजोग-वइजोग-कायजोगा, जे यावन्ने तहप्पगारा चला भावा सव्वे ते धम्मऽत्थिकाए पवत्तंति । गतिलक्खणे णं धम्मत्थिकाए। २५. अहम्मऽत्थिकाए णं भंते ! जीवाणं किं पवत्तति ? गोयमा ! अहम्मऽत्थिकाए णं जीवाणं ठाणनिसीयण-तुयट्टण-मणस्स य एगत्तीभावकरणता, जे यावन्ने तहप्पगारा थिरा भाव सव्वे ते अहम्मऽत्थिकाये पवत्तंति । ठाणलक्खणे णं अहम्मत्थिकाए । २६. आगासऽस्थिकाए णं भंते ! जीवाणं किं पवत्तति ? गोयमा ! आगासऽत्थिकाए णं जीवदव्वाण य अजीवदव्वाण य भायणभूए । एगेण वि से पुण्णे, दोहि वि पुण्णे, सयं पि माएज्जा । कोडिसएण वि पुण्णे, कोडिसहस्सं पि माएज्जा ॥१॥ अवगाहणालक्खणे णं आगासत्थिकाए। २७. जीवऽत्थिकाए णं भंते ! जीवाणं किं पवत्तति? गोयमा ! जीवऽत्थिकाए णं जीवे अणंताणं आभिणिबोहियनाणपज्जवाणं अणंताणं सुयनाणपज्जवाणं एवं जहा बितियसए अत्थिकायुद्देसए (स०२ उ०१० सु०९ २) जाव उवयोगं गच्छति । उवयोगलक्खणे णं जीवे । २८. पोग्गलऽत्थिकाए पुच्छा। गोयमा ! पोग्गलऽस्थिकाए णं जीवाणं ओरालिय-वेउव्विय-आहारग-तेयाकम्मा-सोतिदिय-चक्खिदिय-घाणिदिय-जिब्भिदिय-फासिदिय-मणजोग-वइजोग-कायजोग-आणापाणूणं च गहणं पवत्तति । गहणलक्खणे णं पोग्गलत्थिकाए। [सु. २९-५१.पंचऽत्थिकायपएस-अद्धासमयाणं परोप्परं वित्थरओपएसफुसणानिरूवणं -अट्ठमं अस्थिकायफुसणादारं] २९. (१) एगेभंते ! धम्मऽत्थिकायपएसे - केवतिएहिं धम्मऽत्थिकायपएसेहिं पुढे ? गोयमा ! जहन्नपए तीहिं, उक्कोसपए छहिं। (२) केवतिएहिं अधम्मऽत्थिकायपएसेहिं पुढे ? जहन्नपए चउहि, उक्कोसपदे सत्तहिं। (३) केवतिएहिं आगासऽत्थिकायपदेसेहिं पुढे ? सत्तहिं। (४) केवतिएहिं जीवत्थिकायपएसेहिं पुढे ? अणंतेहिं। (५) केवतिएहिं पोग्गलऽत्थिकाय पहसेहिं पुढे ? अणंतेहिं । (६) केवतिएहिं अद्धासमएहिं पुढे ? सिय पुढे, सिय नो पुढे । जइ पुढे नियमं अणंतेहिं। ३०. (१) एगे भंते ! अहम्मऽत्थिकायपएसे केवतिएहिं धम्मऽत्थिकायपएसेहिं पुढे? गोयमा ! जहन्नपए चउहि, उक्कोसपए सत्तहिं। (२) केवतिएहिं अहम्मऽत्थिकायपदेसेहिं पुढे ? जहन्नपए तीहि, उक्कोसपदे छहिं। सेसं जहा धम्मऽत्थिकायस्स। ३१. (१) एगे भंते ! आगासऽत्थिकायपएसे केवतिएहिं धम्मऽत्थि कायपएसेहिं पुढे ? सिय पुढे, सिय नो पुढे । जति पुढे जहन्नपदे एक्केण वा दोहि वा तीहिं वा चउहिं वा, उक्कोसपदे सत्तहिं। (२) एवं अहम्मऽत्थिकायपएसेहि वि। (३) केवतिएहिं आगासऽत्थिकायपदेसेहिं०? छहिं। (४) केवतिएहिं जीवऽत्थिकायपदेसेहिं पुढे ? सिय पुढे, सिय नो पुढे । जइ पुढे नियमं अणंतेहिं। (५) एवं पोग्गलऽस्थिकायपएसेहि वि, अद्धासमयेहि वि। ३२. (१) एगे भंते ! जीवऽस्थिकायपएसे केवतिएहिं धम्मऽत्थि० पुच्छा। जहन्नपए चउहि, उक्कोसपए सत्तहिं। (२) एवं अधम्मऽत्थिकायपएसेहि वि। (३) केवतिएहिं आगासऽत्थि०? सत्तहिं। (४) केवतिएहिं जीवत्थि० ? सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स। ३३. एगे भंते ! पोग्गलत्थिकायपएसे केवतिएहिं धम्मत्थिकायपदेसेहिं०? एवं जहेव जीवत्थिकायस्स।३४. (१) दो भंते ! पोग्गलऽत्थिकायप्पदेसा केवतिएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुट्ठा ? जहन्नपए छहिं, उक्कोसपदे बारसहिं। (२) एवं अहम्मऽत्थिकायप्पएसेहि वि। (३) केवतिएहिं आगासत्थिकाय० ? बारसहिं। (४) सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स। ३५. (१) तिन्नि भंते ! पोग्गलऽस्थिकायपदेसाई केवतिएहिं धम्मत्थि०? जहन्नपदे अट्ठहिं, उक्कोसपदेसेहि सत्तरसहि। (२) एवं अहम्मत्थिकायपदेसेहि वि। (३) केवइएहिं आगासत्थि०? सत्तरसहि। (४) सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स । ३६. एवं एएणं गमेणं भाणियव्वा जाव दस, नवरं जहन्नपदे दोन्नि पक्खिवियव्वा, उक्कोसपए पंच ३७. चत्तारि पोग्गलऽस्थिकाय ? जहन्नपदे दसहिं, उक्को० बावीसाए। ३८. पंच पोग्गल० ? जहं० बारसहिं, उक्कोस० सत्तावीसाए। ३९. छ पोग्गल० ? जहं चोद्दसहि, उक्को० बत्तीसाए। ४०. सत्त पो० ? जहन्नेणं सोलसहिं, उक्को० सत्ततीसाए। ४१. अट्ठ पो० ? जहं० अट्ठारसहिं, उक्कोसेणं बायालीसाए। ४२. नव पो० ? जहं० वीसाए, उक्को० सीयालीसाए। ४३. सदस० ? जहं० बावीसाए, उक्को० बावण्णाए । ४४. आगासऽत्थिकायस्स सव्वत्थ उक्कोसगं भाणियव्वं । ४५. (१) संखेज्जा भंते ! पोग्गलऽत्थिकायपएसा rexe555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४१३००555555555555555555555OOR IOS听听听听听听听听听听国乐乐乐乐乐乐乐安乐乐 明明明明明明明明明明明明明明明明斯乐玉乐乐乐乐乐乐玩5C 1955555555555555555555555555555555555555555555555555501 Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई १३ सत्त उ४ १९९ ] 666666666666666 केवतिएहिं धम्मऽत्थिकायपएसेहिं पुट्ठा ? जहन्नपदे तेणेव संखेज्जएणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं, उक्कोसपए तेणेव संखेज्जपणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं । (२) केवति हिं अहम्मत्थिकाहि ? एवं चेव । (३) केवतिएहिं आगासऽत्थिकाय ? तेणेव संखेज्जएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं । (४) केवतिएहिं जीवत्थिकाय० ? अणंतेहिं । (५) केवतिएहिं पोग्गलत्थिकाय० ? अणंतेहिं । (६) केवतिएहिं अद्धासमयेहिं० ? सिय पुट्ठे, सिय नो पुट्ठे जाव अणंतेहिं । ४६. (१) असंखेज्जा भंते! पोग्गलत्थिकायपएसा केवतिएहिं धम्मऽत्थि० ? जहन्नपदे तेणेव असंखेज्जएणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं, उक्कोसेणं तेणेव असंखेज्जएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं । (२) सेसं जहा संखेज्जाणं जाव नियमं अणतेहिं । ४७. अणंता भंते! पोग्गलऽत्थिकायपएसा केवतिएहिं धम्मऽत्थिकाय ? एवं जहा असंखेज्जा तहा अणंता वि निरवसेसं । ४८. (१) एगे भंते! अद्धासमए केवतिएहिं धम्मऽत्थिकायपदेसेहिं पुट्ठे ? सत्तहिं । (२) केवतिएहिं अहम्मऽत्थि० ? एवं चेव । (३) एवं आगासऽत्थिकाएहि वि । (४) केवतिएहिं जीव० ? अणतेहिं । (५) एवं जाव अद्धासमएहिं । ४९. (१) धम्मऽत्थिकाए णं भंते! केवतिएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुट्ठे ? नत्थि एक्केण वि । (२) केवतिएहिं अधम्मऽत्थिकायप्पएसहिं० ? असंखेज्जेहिं । (३) केवतिएहिं आगासऽत्थिकायप० ? असंखेज्जेहिं । (४) केवतिएहिं जीवऽत्थिकायपए० ? अणतेहिं । (५) केवतिएहिं पोग्गलत्थिकायपएसेहिं ? अणंतेहिं । (६) केवतिएहिं अद्धासमएहिं० ? सिय पुट्टे सिय नो पुट्ठे। जइ पुट्ठे नियमा अणतेहिं । ५०. (१) अधम्मऽत्थिकाए णं भंते ! केव० धम्मत्थिकाय० ? असंखेज्जेहिं । (२) केवतिएहिं अहम्मत्थि० ? नत्थि एक्केण वि । (३) सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स । ५१. एवं एतेणं गमएणं सव्वे वि । सट्ठाणए नत्थेक्केण वि पुट्ठा। परट्ठाणए आदिल्लएहिं तीहिं असंखेज्जेहिं भाणियव्वं, पच्छिल्लएसु तिसू अणंता भाणियव्वा जाव अद्धासमयो त्ति - जाव केवतिएहिं अद्धासमए हिं पुट्ठे ? नत्थेक्केण वि । [सु. ५२-६३. पंचऽत्थिकायपएस- अद्धासमयाणं परोप्परं बित्थरओ पएसावगाहणानिरूवणं नवमं ओगाहणयादारं ] ५२. ( १ ) जत्थ धम्मथिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मऽत्थिकायपएसा ओगाढा ? नत्थेक्को वि । (२) केवतिया अधम्मऽत्थिकायपएसा ओगाढा ? एक्को । (३) केवतिया आगासऽत्थिकाय० ? एक्को । (४) केवतिया जीवऽत्थि० ? अनंता । (५) केवतिया पोग्गलऽत्थि० ? अणंता । (६) केवतिया अद्धा समया० ? सिय ओगाढा, सिय नो ओगाढा । जति ओगाढा अनंता । ५३. (१) जत्थ णं भंते! एगे अधम्मऽत्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मऽत्थि० १ एक्को । (२) केवतिया अहम्मऽत्थि० ? नत्थि एक्को वि । (३) सेसं जहा धम्मऽत्थिकायस्स । ५४. (१) जत्थ णं भंते ! एगे आगासऽत्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकाय ? सिय ओगाढा, सिय नो ओगाढा । जति ओगाढा एक्को। (२) एवं अहम्मत्थिकायपएसा वि । (३) केवतिया आगासऽत्थिकाय० ? नत्थेक्को वि। (४) केवतिया जीवत्थि० ? सिय ओगाढा, सिय नो ओगाढा । जति ओगाढा अनंता। (५) एवं जाव अद्धासमया । ५५. (१) जत्थ णं भंते! एगे जीवऽत्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मऽत्थि० ? एक्को । (२) एवं अहम्मऽत्थिकाय० । (३) एवं आगासाऽत्थिकायपएसा वि । (४) केवतिया जीवऽत्थि० ? अनंता । (५) सेसं जहा धम्मऽत्थिकायस्स । ५६. जत्थ णं भंते! एगे पोग्गलऽत्थिकायपदेसे ओगाढे तत्थ केयतिया धम्मऽत्थिकाय ? एवं जहा जीवऽत्थिकायपएसे तहेव निरवसेसं । ५७. (१) जत्थ णं भंते! दो पोग्गलऽत्थिकायपएसा ओगाढा तत्थ केवतिया धम्मऽत्थिकाय० ? सिय एक्को, सिय दोण्णि । (२) एवं अहम्मऽत्थिकायस्स वि । (३) एवं आगासऽत्थिकायस्स वि । (४) सेसं जहा धम्मऽत्थिकायस्स । ५८. (१) जत्थ णं भंते! तिन्नि पोग्गलत्थि० तत्थ केवतिया धम्मऽत्थिकाय ? सिय एक्को, सिय दोन्नि, सिय तिन्नि । (२) एवं अहम्मऽत्थिकायस्स वि। (३) एवं आगासऽत्थिकायस्स वि । (४) सेसं जहेव दोण्हं । ५९. एवं एक्क्को वड्डियव्वो एसो आदिल्लएहिं तीहिं अत्थिकाएहिं । सेसं जहेव दोण्हं जाव दसण्हं सिय एक्को, सिय दोन्नि, सिय तिन्नि जाव सिय दस। संखेज्जाणं सिय एक्को, सिय दोन्नि, जाव सिय दस, सिय संखेज्जा । असंखेज्जाणं सिय एक्को, जाव सिय संखेज्जा, सिय असंखेज्ना । जहा असंखेज्जा एवं अणंता वि । ६०. (१) जत्थ णं भंते ! एगे अद्धासमये ओगा तत्थ केवतिया धम्मत्थि० ? एक्को । (२) केवतिया अहम्मऽत्थि० ? एक्को। (३) केवतिया आगासऽत्थि० ? एक्को । (४) केवतिया जीवऽत्थि० ? अनंता । (५) एवं जाव अद्धासमया । ६१. (१) जत्थ णं भंते ! धम्मऽत्थिकाये ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकायपएसा ओगाढा ? नत्थि एक्को वि । (२) केवतिया MOTO 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ४१४ गगगगगगगगगगम Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | AGAS$牙牙牙牙牙牙牙牙牙乐hhhh, (५) भगवई १३ सतं उ. ४-५.६ [२०० 55555555555555508 AGR5555555555555555555555555555555555555555555555FOTOR र अहम्मऽत्थिकाय? असंखेजा। (३) केवतिया आगास? असंखेना। (४) केवतिया जीवत्यिकाय? अणंता। (५) एवं जाव अद्धा समया। ६२. (१) जत्थ णं भंते ! अहम्मृत्थिकाये ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मऽत्थिकाय० ? असंखेजा। (२) केवतिया अहम्मऽत्थि० ? नत्थि एक्को वि। (३) सेसं जहा धम्मऽत्थिकायस्स । ६३. एवं सव्वे। सट्ठाणे नत्थि एक्को विभाणियव्वं । परहाणे आदिल्लगा तिन्नि असंखेज्जा भाणियव्वा, पच्छिल्लगा तिन्नि अणंता भाणियव्वा जाव अद्धासमओ ति जाव केवतिया अद्धासमया ओगाढा ? नत्थि एक्को वि। [सु.६४-६५. पंचण्हं एगिदियाणं परोप्परं ओगाहणानिरूवणं दसमं जीवोगाढदारं] ६४. (१) जत्थ णं भंते ! एगे पुढविकाइए ओगाढे तत्थ केवतिया पुढविकाइया ओगाढा ? असंखेजा। (२) केवतिया.आउक्काइया ओगाढा ? असंखेज्जा। (३) केवतिया तेउकाइया ओगाढा ? असंखेजा। (४) केवतिया वाउ० ओगाढा ? असंखेना। (५) केवतिया वणस्सतिकाइया ओगाढा ? अणंता । ६५. (१) जत्थ णं भंते ! एगे आउकाइए ओगाढे तत्थ णं केवतिया पुढवि०? असंखेज्जा। (२) केवतिया आउ०? असंखेज्जा । एवं जहेव पुढविकाइयाणं वत्तव्वयातहेव सव्वेसिं निरवसेसं भाणियव्वं जाव वणस्सतिकाइयाणं जाव केवतिया वणस्सतिकाइया ओगाढा ? अणंता। सु.६६. धम्मत्थिकाय-अधम्मत्थिकाय -आगासत्थिकाएसुकूडागारसालोदाहरणपुव्वयं आसणादिनिसेहपरूवणं एगारसमं अत्थिपएसनिसीयणदारं ] ६६. (१) एयंसि णं भंते ! धम्मत्थिकाय० अधम्मत्थिकाय० आगासत्थिकायंसि चक्किया केइ आसइत्तए वा सइत्तए वा चिट्टित्तए वा निसीइत्तए वा तुयट्टित्तए वा ? नो इणठे समढे, अणंता पुण तत्थ जीवा ओगाढा । (२) से केपट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ एयंसिणं धम्मत्थि० जाव आगासत्थिकायंसि नो चक्किया केयि आसइत्तए वा जाव ओगाढा ? "गोयमा ! से जहा नामए कूडागारसाला सिया दुहओ लित्ता गुत्ता गुत्तदुवारा जहा रायप्पसेणइज्जे जाव दुवारवयणाई पिहेइ, दुवारवयणाई पिहितातीसे कूडागारसालाए बहुमज्झदेसभाए जहन्नेणं एक्को वा दो तिण्णि वा, उक्कोसेणं पदीवसहस्संपलीवेज्जा; सेनूणं गोयमा! ताओपदीवलेस्साओ अन्नमन्नसंबद्धाओ अन्नमन्नपुट्ठाओजाव अन्नमन्नघडताए चिट्ठति?" 'हंता, चिट्ठति।' “चक्कियाणं गोयमा ! केयितासुपदीवलेस्सासु आसइत्तए वा जाव तुयट्टित्तए वा ?" 'भगवं ! णो इणठे समढे, अणंता पुण तत्थ जीवा ओगाढा।' सेतेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव ओगाढा। [६७-६८. बहुसमसव्वसंखित्त-विग्गहविग्गहियलोयनिरूवणं बारसमं बहुसमदारं ] ६७. कहि णं भंते ! लोए बहुसमे ? कहि णं भंते ! लोए सव्वविग्गहिए पन्नत्ते ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिमहेट्ठिल्लेसु खुड्डगपयरेसु, एत्थ णं लोए बहुसमे, एत्थ णं लोए सव्वविग्गहिए पन्नत्ते । ६८. कहि णं भंते ! विग्गहविग्गहिए लोए पन्नत्ते ? गोयमा ! विग्गहकंडए, एत्थ णं विग्गहविग्गहिए लोए पन्नत्ते। [सु. ६९. लोगसंठाणपरूवणं तेरसमं लोगसंठाणदारं ] ६९. किंसंठिए णं भंते ! लोए पन्नत्ते? ' गोयमा ! सुपतिठ्ठगसंठिए लोए पन्नत्ते, हेट्ठा वित्थण्णे, मज्झे जहा सत्तमसए पढमुद्देदे (स०७ उ०१ सु ५) जाव अंतं करेति। [सु. ७०. अहेलोग-तिरियलोगउड्डलोगाणं अप्पाबहुयं ] ७०. एतस्स णं भंते ! अहेलोगस्स तिरियलोगस्स उडलोगस्स य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे तिरियलोए, उड्डलोए असंखेज्जगुणे, अहेलोए विसेसाहिए। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।। १३.४|| ***पंचमो उद्देसो 'आहारे'* * सु. १ चउवीसइदंडएसु आहारादिजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १. नेरतिया णं भंते ! किं सचित्ताहारा, अचित्ताहारा० ? पढमो नेरइयउद्देसओ निरवसेसो भाणियव्वो। सेवं भंते! सेवं भंते ! त्तिक । ॥१३.५|| * छट्ठो उद्देसओ 'उववाए' सु. १. छट्ठद्देसस्सुवुग्घाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु. २-४. चउवीसदंडएसुसंतर-निरंतरोववाय -उव्वट्टणपरूवणा] २. संतरं भंते ! नेरतिया उववज्जति, निरंतरं नेरतिया उववज्जति ? गोयमा ! संतरं पि नेरतिया उववज्जति, निरंतरं पिनेरतिया उववज्जति । ३. एवं असुरकुमारा वि । ४. एवं जहा गंगेय(स०९ उ० ३२ सु०३-१३) तहेव दो दंडगा जाव संतरं पि वेमाणिया चयंति, निरंतरं प्र पिवेमाणिया चयंति। [सु. ५-६. चमरचंचआवासस्स वण्णणं पओयणं च]५. कहिणं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचे नाम आवासे पन्नत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे एवं जहा बितियसए सभाउद्देसवत्तव्वया (स०२ उ०८ सु० SO虽听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听C res55555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४१५455555555555555555555$$$OOR Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ O (५) भगवई स. १३ उ-६ फ्र (१) सच्चेव अपरिसेसा नेयव्वा, नवरं इमं नाणत्तं जाव तिगिच्छिकूडस्स उप्पायपव्वयस्स चमरचंचाए रायहाणीए चमरचंचस्स आवासपव्वयस्स अन्नेसिंच बहूणं० सेसं तं चेव जाव तेरसअंगुलाई अद्धंगुलं च किंचिविसेसाहिया परिक्खेवेणं । तीसे णं चमरचंचाए रायहाणीए दाहिणपच्चत्थिमेणं छक्कोडिसए पणपन्नं च कोडीओ पणतीसं च सयसहस्साइं पन्नासं च सहस्साइं अरुणोदगसमुदं तिरियं वीतीवइत्ता एत्थ णं चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचे नामं आवासे पण्णत्ते, चउरासीतिं जोयणसहस्साइं आयामविक्खंभेणं, दो जोयणसयसहस्सा पन्नद्धिं च सहस्साइं छच्च बत्तीसे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं । से णं एगेणं पागारेणं सव्वतो समंता संपरिक्खित्ते । से णं पागारे दिवडुं जोयणसयं उड्डुं उच्चत्तेणं, एवं चमरचंचारायहाणीवत्तव्वया भाणियव्वा सभाविहूणा जाव चत्तारि पासायपंतीओ। ६. (१) चमरे णं भंते! असुरिदे असुरकुमारराया चमरचंचे आवासे वसहिं उवेति ? नो इणट्टे समट्ठे । (२) से केणं खाइ अद्वेण भंते! एवं बच्च 'चमरचंचे आवासे, चमरचंचे आवासे' ? गोयमा ! से जहानामए इहं मणुस्सलोगंसि उवगारियलेणा इवा, उज्जाणियलेणा इवा, निज्जाणियलेणा इवा, धारवारियलेणा इ वा, तत्थ णं बहवे मणुस्सा य मणुस्सीओ य आसयंति सयंति जहा रायप्पसेणइज्जे जाव कल्लाणफलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणा विहरंति, अन्नत्थ पुण वसहिं उवेंति, एवामेव गोयमा ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो चमरचंचे आवासे केवलं किड्डारतिपत्तियं, अन्नत्थ पुण वसहिं उवेति । सेतेणट्टेणं जाव आवासे । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति । [ सु. ७-८. भगवओ महावीरस्स रायगिहाओ विहरणं, चंपानयरीए पुण्णभद्दचेईए आगमणं च ] ७. तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नदा कदायि रायगिहाओ नगराओ गुणतसलाओ जाव विहरति । ८. तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था । वण्णओ। पुण्णभद्दे चेतिए । वण्णओ । तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कदायि पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे जाव विहरमाणे जेणेव चंपानगरी, जेणेव पुण्णभद्दे चेतिए तेणेव उवागच्छति, उवागच्छित्ता जा विहरइ । [सु. ९-३७. उद्दायणरायरिसि- अभीयिकुमारवुत्तंतो सु. ९-१६. वीतिभयनगर-मियवण- उद्दायणराय - परमावइ- पभावइमहिसी-अभीयिरायकुमाररायभाइणेज्जकेसिकुमाराणं वण्णंणं ] ९. तेणं कालेणं तेणं समएणं सिंधूसोवीरेसु जणवएस वीतीभए नामं नगरे होत्था । वण्णओ । १०. तस्स णं वीतीभयस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसिभाए, एत्थ णं मियवणे नामं उज्जाणे होत्था । सव्वोउय० वण्णओ । ११. तत्थ णं वीतीभए नगरे उद्दायणे नामं राया होत्या, महया० वण्णओ । १२. तस्स णं उद्दायणस्स रन्नो पउमावती नामं देवी होत्था, सुकुमाल० वण्णओ । १३. तस्स णं उद्दायणस्स रण्णो पभावती नामं देवी होत्था। वण्णओ, जाव विहरति । १४. तस्स णं उद्दायणस्स रण्णो पुत्ते पभावतीए देवीए अत्तए अभीयी नामं कुमारे होत्था । सुकुमाल० जहा सिवभद्दे (सु० ११ उ० ९ सु० ५) जाव पच्चुवेक्खमाणे विहरइ | १५. तस्स णं उद्दायणस्स रण्णो नियए भाइणेज्ने केसी नामं कुमारे होत्था, सुकुमाल० जाव सुरूवे । १६. से णं उद्दायणे राया सिंधूसोवीरप्पामोक्खाणं सोलसण्हं जणवयाणं, वीतीभयप्पामोक्खाणं तिण्हं तेसट्ठीणं नगरागरसयाणं, महसेणप्पामोक्खाणं दसण्हं राईणं बद्धमउडाणं विदिण्णछत्तचामर वालवीयणीणं, अन्नेसिं च बहूणं राईसर-तलवर जाव सत्थवाहप्पभितीणं आहेवच्चं पोरेवच्चं जाव कारेमाणे पालेमाणे समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरति। [सु. १७-१८. पोसहसालाए पोसहियस्स उद्दायणस्स रण्णो भगवंतमहावीरवंदणाइअज्झवसाओ ] १७. तए णं से उद्दायणे राया अन्नदा कदायि जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छति, जहा संखे (स० १२उ० १ सु० १२) जाव विहरति । १८. तए णं तस्स उद्दायणस्स रण्णो पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था - “धन्ना णं ते गामाऽऽगर-नगर- खेड - कव्वड-मडंब - दोणमुह-पट्टणा-ऽऽसम-संवाह- सन्निवेसा जत्थ [२०१] समणे भगवं महावीरे विहरति, धन्ना णं ते राईसर-तलवर जाव सत्थवाह-प्पभितयो जेणं समणं भगवं महावीरं वंदंति नमंसंति जाव पज्जुवासंति । जति णं समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं जाव विहरमाणे इहभागच्छेज्जा, इह समोसरेज्जा, इहेव वीतीभयस्स नगरस्स बहिया मियवणे उज्जाणे अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं जाव विहरेज्जा तो णं अहं समणं भगवं महावीरं वंदेज्जा, नमंसेज्जा जाव पज्जुवासेज्जा ।" [सु. १९-२२. भगवओ वीतीभयनगरागमणं, उद्दायणस्स य पव्वज्जागहणसंकप्पो ] १९. तए णं समणे भगवं महावीरे उद्दायणस्स रण्णो अयमेयारूवं अज्झत्थियं जाव समुप्पन्नं विजाणित्ता चंपाओ नगरीओ MOTOR श्री आगमगुणमंजूषा ४१६ Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PROOF55555555555555 (५) भगवई ग.१३ उ-६ [२०२] 555555555%%%%%25EX OSC$$$$$$乐乐乐明明明明明明乐乐听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐听听听听听国乐乐玩玩乐乐勇兵5 पुण्णभद्दाओ चेतियाओ पडिनिक्खमति, प० २ ता पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणु० जाव विहरमाणे जेणेव सिंधूसोवीरा जणवदा, जेणेव वीतीभये नगरे, जेणेव मियवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छति, उवा०२ जाव विहरति । २०. तए णं वीतीभये नगरे सिंघाडग जाव परिसा पज्जुवासइ। २१. तए णं से उद्दायणे राया इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हट्ठतुट्ठ० कोडुंबियपुरिसे सद्दावेति, को० स०२ एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! वीयीभयं नगरं सब्भितरबाहिरियं जहा कूणिओ उववातिए जाव पज्जुवासति । पउमावतीपामोक्खाओ देवीओ तहेव जाव पज्जुवासंति । धम्मकहा। २२. तए णं से उद्दायणे राया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म हट्ठतुढे उट्ठाए उद्वेति, उ०२त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव नमंसित्ता एवं वयासी- "एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! जाव से जहेयं तुब्भे वदह, त्ति कट्ट जं नवरं देवाणुप्पिया ! अभीयीकुमारं रज्जे ठावामि । तए णं अहं देवाप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता जाव पव्वयामि"। अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं ।। सु. २३-२६. नियपुत्तकल्लाणकंखिउद्दायणरायकओ कम्मबंधभूले रज्जे नियभाइणेज्जकेसिकुमारस्स रज्जाभिसेओ) २३. तए णं से उद्दायणे राया समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हट्ठतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वं० न० ता तमेव आभिसक्कं हत्थिं द्रहति, २त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ मियवणाओ उज्जाणाओ पडिनिक्खमति, पडिनिक्खमित्ता जेणेव वीतीभये नगरे तेणेव पहारेत्था गमणाए । २४. तए णं तस्स उद्दायणस्स रण्णो अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था “एवं खलु अमीयीकुमारे ममं एगे पुत्ते इढे कंते जाव किमंग पुण पासणयाए ?, तं जति णं अहं अमीयीकुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता जाव पव्वयामि तो णं अभीयीकुमारे रज्जे य रटे य जाव जणवए य माणुस्सएसु य कामभोएसु मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववन्ने अणादीयं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतं संसारकंतारं अणुपरियट्टिस्सइ, तं नो खलु मे सेयं अभीयीकुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइत्तए। सेयं खलु मेणियगं भाइणेज्जं केसिकुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवतो जाव पव्वइत्तए"। एवं संपेहेति, एवं स. २ ता जेणेव वीतीभये नगरे तेणेव उवागच्छति, उवा० २ ता वीतीभयं नगरं मज्झंमज्झेणं० जेणेव सए गेहे जेणेव बाहिरिया उवठ्ठाणसाला तेणेव उवागच्छति, उवा० २ त्ता आभिसेक्कं हत्थिं ठावेति, आ० ठ०२ आभिसेक्काओ हत्थीओ पच्चोरुभइ, आ० प०२ जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छति, उवा० २ सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे निसीयति, नि० २ कोडुबियरपुरिसे सद्दावेइ, को० स० २ एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! वीतीभयं नगरं सब्भितरबाहिरियं जाव पच्चप्पिणंति । २५. तए णं से उद्दायणे राया दोच्चं पि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, स० २ एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! केसिस्स कुमारस्स महत्थं महग्धं महरिहं एवं रायाभिसेओजहा सिवभहस्स (स०११ उ०९ सु०७-९) तहेव भाणियव्वो जाव परमायु पालयाहि इट्ठजणसंपरिबुडे सिंधूसोवीरपामोक्खाणं सोलसण्हं जणवदाणं, वीतीभयपामोक्खाणं०, महसेणप्पा०, अन्नेसिं च बहूणं राईसरतलवर जाव कारेमाणे पालेमाणे विहराहि, त्ति कट्ट जयजयसई पउंजंति । २६. तएणं से केसी कुमारे राया जाते महया जाव विहरति। [सु. २७-३१. केसिरायाणुमन्नियस्स उद्दायणराइणो महाविच्छड्डेण पव्वज्जागहणं मोक्खगमणं च ] २७. तए णं , से उद्दायणे राया केसिं रायाणं आपुच्छइ । २८. तए णं से केसी राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ एवं जहा जमालिस्स (स०९ उ० ३३ सु० ४६-४७) तहेव सब्भितरबाहिरियं तहेव जाच निक्खमणाभिसेयं उवट्ठवेति।२९. तए णं से केसी राया अणेगगणणायग० जाव परिवुडे उद्दायणं रायं सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहं निसीयावेति, नि०२ अट्ठसएणं सोवण्णियाणं एवं जहा जमालिस्स (स०९ उ०३३ सु०४९) जाव एवं वयासी भण सामी ! किं देमो ? किं पयच्छामो ? किणा वा ते अट्ठो ? तए णं से उद्दायणे राया केसिं रायं एवं वयासी इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! कुत्तियावणाओ एवं जहा जमालिस्स (स०९ उ० ३३ सु० ५०-५६); प्र नवरं पउमावती अग्गकेसे पडिच्छइ पियविप्पयोगदूसह० । ३०. तए णं से कसी राया दोच्चं पि उत्तरावक्कमणं सीहासणं रयावेति, दो० र०२ उद्दायणं रायं 明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听乐乐乐听听听听听听听听乐2 Rorros555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४१७ $$$$$$ $$$$$$$$504999EOXOK Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ YOLO虽5%%%%%%步步步步男 (५) भगवई श. १३ उ. ६-७ (२०३] %%%%%%% %%%% 2 0 IOIC明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听乐明步兵听听听听听听听听听听听听乐乐乐55CM 0 सेयापीतएहिं कलसेहिं० सेसं जहा जमालिस्स (स०९ उ०३३ सु० ५७-६०) जाव सन्निसन्ने तहेव अम्मधाती, नवरं पउमावती हंसलक्खणं पडसाडगं गहाय, सेसं तं चेव जाव सीयाओ पच्चोरुभति, सी०प०२ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वंदति नमसति, वं० २ उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमति, उ० अ०२ सयमेव आभरणमल्लालंकारं तं चेव, पउमावती पडिच्छइ जाव घडियध्वं सामी ! जाव नो पमादेयव्वं ति कट्ट, केसी राया पउमावती य समणं भगवं महावीरं वंदंति नमसंति, वं० २ जाव पडिगया । ३१. तए णं से उद्दायणे राया सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं०, सेसं जहा उसभदत्तस्स (स०९ उ० ३३ सु० १६) जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । [ सु. ३२. रज्जालाभनिमित्तेण उद्दायणरायरिसिम्मि घेराणुबद्धस्स अभीयिकुमारस्स वीतिभयनगराओ चंपाए निवासो] ३२. तए णं तस्स अभीयिस्स कुमारस्स अन्नदा कदायि पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंबजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था - 'एवं खलु अहं उद्दायणस्स पुत्ते पभावतीए देवीए अत्तए, तए णं से उद्दण्यणे राया ममं अवहाय नियगं भागिणेज्नं केसिकुमारं रज्जे ठावेत्ता समणस्स भगवओ जाव पव्वइए' । इमेणं एतारूवेणं महता अप्पत्तिएणं मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभूए समाणे अंतेपुरपरियालसंपरिवुडे सभंडमत्तोवगरणमायाए वीतीभयाओ नगराओ निग्गच्छति, नि० २ पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव चंपा नगरी जेणेव कूणिए राया तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवा०२ कूणियं रायं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। इत्थ विणं से विउलभोगसमितिसमन्नागए यावि होत्था। [सु. ३३-३६. समणोवासगधम्मरयस्स उद्दायणवेरं अणालोइयपडिक्कंतस्स पत्तमरणस्स अभीयिकुमारस्स असुरकुमारदेवत्तेणं उववाओ ] ३३. तए णं से अभीयी कुमारे समणोवासए यावि होत्था, अभिगय० जाव विहरति । उद्दायणम्मि रायरिसिम्मि समणुबद्धवेरे यावि होत्था । ३४. तेणं कालेणं तेणं समएणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए निरयपरिसामंतेसु चोसटैि असुरकुमारावाससयसहस्सा पन्नत्ता। ३५. तए णं से अभीयी कुमारे बहूई वासाइं समणोवासगपरियागं पाउणति, पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए तीसं भत्ताई अणसणाए छेदेइ, छे० २ तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए निरयपरिसामंतेसु चोयट्ठीए आतावा जाव सहस्सेसु अण्णतरंसि आतावाअसुरकुमारावासंसि आतावाअसुरकुमारदेवत्ताए उववन्ने । ३६. तत्थ णं अत्थेगइयाणं आतावगाणं असुरकुमाराणं देवाणं एग पलिओवमं ठिती पन्नत्ता। तत्थ णं अभीयिस्स वि देवस्स एगं पलिओवमं ठिती पन्नत्ता। [सु. ३७. देवलोगचवणाणंतरं अभीयिस्स सिद्धिगमणनिरूवणं ] ३७. से णं भंते! अभीयी देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठितिक्खएणं अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिंगच्छिहिति? कहिं उववजिहिति? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।१३.६||** सत्तमो उद्देसओ 'भासा' [सु. १. सत्तमुद्देसस्सुवुग्घाओ ] १.. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु. २-५. भासाए अणत्तत्त-रूवित्त-अचित्तत्त -अजीवत्तसरूवनिरूवणं ] २. आया भंते ! भासा, अन्ना भासा ? गोयमा ! नो आता भासा, अन्ना भासा। ३. रूविं भंते ! भासा, अरूविं भासा ? गोयमा ! रूविं भासा, नो अरूविं भासा। ४. सचित्ता भंते ! भासा, अचित्ता भासा ? गोयमा ! नो जीवा भासा, अजीवा भासा। [सु. ६. अजीवाणं भासानिसेहो] ६. जीवाणं भंते ! भासा, अजीवाणं भासा ? गोयमा ! जीवाणं भासा, नो अजीवाणं भासा। [सु. ७. 'भासिज्जमाणी भासा' इति भासासरुवं ] ७. पुव्विं भंते ! भासा, भासिज्जमाणी भासा, भासासमयवीतिकंता भासा ? गोयमा ! नो पुब्विं भासा, भासिज्जमाणी भासा, नो भासासमयवीतिक्तता भासा। [सु. ८. भासिज्जमाणीए भासाए विभेयणनिरूवणं ] ८. पुव्विं भंते ! भासा भिज्जइ, भासिज्जमाणी भासा भिज्जइ, भासासमयवीतिक्कंता भासा भिज्जइ ? गोयमा ! नो पुव्विं भासा भिज्जइ, भासिज्जमाणी भासा भिज्जइ, नो भासासमयवीतिक्कंता भासा भिज्जइ। स. ९. भासाए, भेयचउक्कं ९. कतिविधा णं भंते ! भासा पन्नत्ता? गोयमा ! चउव्विहा भासा पण्णत्ता, तं जहा सच्चा मोसा सच्चामोसा असच्चामोसा। सु. १०-१३. मणं पड़च्च विइयाइअनुमसुत्तंतग्गयवत्तव्वया] १०. आता भंते ! मणे, अन्ने मणे? गोयमा ! नो आया मणे, अन्ने मणे। ११. जहा भासा तहा मणे वि जाव नो अजीवाणं मणे। Mor 945 श्री आगमगुणमजूषा - ४१८5555555555555555 94545440x9x ORICH55555555555555555555555555 $$乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听2CM Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई श. १३ उ ७-८ [२०४] १२. पुव्विं भंते! मणे, मणिज्जमाणे मणे १० एवं जहेव भासा । १३. पुव्विं भंते! मणे भिज्जइ, मणिज्जमाणे मणे भिज्जइ, मणसमयवीतिक्कंते मणे भिज्जइ ? एवं जव भासा। [सु. १४. मणस्स भेयचउक्कं ] १४. कतिविधे णं भंते! मणे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे मणे पन्नत्ते, तं जहा सच्चे, जाव असच्चमोसे । [सु. १५-१८. कायस्स अत्तत्ताऽणत्तत्त-रूवित्तारूवित्त सचित्तत्ताचित्तत्तजीवत्ताजीवत्तसरूवनिरूवणं ] १५. आया भंते! काये, अन्ने काये ? गोयमा ! आया वि काये, अन्ने वि काये । १६. रूविं भंते ! काये० पुच्छा। गोयमा ! रूविं पि काये, अरूवि पि काये । १७. एवं सचित्ते वि काए, अचित्ते वि काए। १८. एवं एक्क्के पुच्छा । जीवे वि काये, अजीवे ए । [सु. १९. जीवाजीवाणं कायसब्भावो] १९. जीवाण वि काये, अजीवाण विकाए । [सु. २०-२१. तिविहं जीवसंबंधं पडुच्च कायनिरूवणं कायविभेयणनिरूवणं च] २०. पुव्विं भंते ! काये० ? पुच्छा। गोयमा ! पुव्विं पि काए, कायिज्जमाणे वि काए, कायसमयवीतिक्कंते वि काये । २१. पुव्विं भंते ! काये भिज्जइ ?० पुच्छा । गोमा ! विपका भिज्नइ जाव कायसमयवीतिक्कंते वि का भिज्जति । [सु. २२. कायस्स भेयसत्तगं ] २२. कतिविधे णं भंते! काये पन्नत्ते ? गोयमा ! सत्तविधे ये पत्ते, तं जहा ओरालिए ओरालियभीसए वेउव्विए वेउव्वियमीसए आहारए आहारयमीसए कम्मए । [सु. २३. मणणस्स भेयपंचगं] २३. कतिविधे णं भंते! मरणे पत्ते ? गोयमा ! पंचविधे मरणे पन्नत्ते, तं जहा आवीचियमरणे ओहिमरणे आतियंतियमरणे बालमरणे पंडियमरणे । [ सु. २४-३०. आवीचियमरणस्स भय-पया तस्सरूवं च] २४. आवीचियमरणे णं भंते! कतिविधे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते तं जहा दव्वावीचियमरणे खेत्तावीचियमरणे कालावीचियमरणे भवावीचियमरणे भावावीचियमरणे । २५. दव्वावीचियमरणे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा नेरइयदव्वावीचियमरणे तिरिक्खजोणियदव्ववीचियमरणे मणुस्सदव्वावीचियमरणे देवदव्वावीचियमरणे । २६. से केणद्वेण भंते ! एवं वुच्चइ 'नेरइयदव्वावीचियमरणे, नेरइयदव्वावीचियमरणे' ? गोमा ! जंणं नेरइया नेरइयदव्वे वट्टमाणा जाई दव्वाइं नेरइयाउयत्ताए गहियाई बद्धाई पुट्ठाई कडाई पट्ठवियाइं निविट्ठाई अभिनिविट्ठाइं अभिसमन्नगयाइं भवंति ताइं दव्वाइं आवीची अणुसमयं निरंतरं मरंतीति कट्टु, सेतेणट्टणं गोयमा ! एवं वच्चइ 'नेरइयदव्वावीचियमरणे, नेरइयदव्वावीचियमरणे' । २७. एवं जाव देवदव्वावीचिययरणे । २८. खेत्तावीचियमरणे णं भंते! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा नेरइयखेत्तावीतिचियमरणे जाव देवखेत्तावीतियमरणे । २९. से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'नेरइयखेत्तावीचियमरणे, नेरइयखेत्तावीचियमरणे' ? गोयमा ! जं णं नेरइया नेरइयखेत्ते वट्टमाणे जाई दव्वाई नेरइयाउयत्ता एवं जव दव्वावीचियमरणे तहेव खेत्तावीचियमरणे वि । ३०. एवं जाव भावावीचियमरणे । [सु. ३१-३५. ओहिमरणस्स भेय- पभेया तस्सरूवं च ] ३१. ओहिमरणे णं भंते! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा दव्वोहिमरणे खेत्तोहिमरणे । ३२. दव्वोहिमरणे णं भंते! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा-नेरइयदव्वोहिमरणे जाव देवदव्वोहिमरणे । ३३. से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'नरेइयदव्वोहिमरणे, नेरइयदव्वोहिमरणे' ? गोयमा ! जं णं नेरइया नेरइयदव्वे "वट्टमाणा जाई दव्वाई संपयं मरंति, ते णं नेरइया ताइं दव्वाइं अणागते काले पुणो वि मरिस्संति । सेतेणट्टेणं गोयमा ! जाव दव्वोहिमरणे । ३४. एवं तिरिक्खजोणिय० मणुस्स० देवोहिमरणे वि। ३५. एवं एएणं गमएणं खेत्तोहिमरणे वि, कालोहिमरणे वि, भवोहिमरणे वि, भावोहिमरणे वि । [सु. ३६-४०. आतियंतियमरणस्स भेयपभेया तस्सरूवं च ]३६. आतियंतियमरणे णं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा दव्वतियंतियमरणे, खेत्तातियंतियमरणे, जाव भावातियंतियमरणे । ३७. दव्वातियंतियमरणे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा नेरइयदव्वातियंतियमरणे जाव देवदव्वातियंतियमरणे । ३८. से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चति 'नेरइयदव्वातियंतियमरणे, नेरइयदव्वातियंतियमरणे' ? गोयमा ! जं णं नेरइया नेरइयदव्वे वट्टमाणा जाई दव्वाई संपतं मरंति, जे पणं नेरइया ताइं दव्वाई अणागते काले नो पुणो वि मरिस्संति । से तेणद्वेणं जाव मरणे । ३९. एवं तिरिक्ख० मणुस्स० देव० । ४०. एवं खेत्तातियंतिययमरणे वि, जाव भावातियंतियमरणे वि । [सु. ४१. बालमरणस्स भेया सरूवं च] ४१. बालमरणे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुवालसविहे पन्नत्ते तं जहा वलयमरणे जहा खंदए (स० २ उ० १ सु० २६) जाव गद्धपट्टे । [सु. ४२. ४४. पंडितमरणस्स भेदा सरूवं च] ४२. पंडियमरणे णं भंते ! ॐ श्री आगमगुणमंजूषा - ४१९ Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई श. १३. उ. ८-९ [२०५ ] कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा पाओवगमणे य भत्तपच्चक्खाणे य । ४३. पाओवगमणे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविधे पन्नत्ते, तं जहा णीहारिमेय अणीहारिमे य, नियमं अपडिकम्मे । ४४. भत्तपच्चक्खाणे णं भंते! कतिविधे पन्नत्ते ? एवं तं चैव, नव नियमं सपडिकम्मे । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० । ।। १३.७॥ ★★★ अट्टमो उद्देसओ 'कम्म' ★★★ [ सु. १. कम्मपगडिभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो १. कति णं भंते ! कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा । अट्ठ कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ । एवं बंधद्वितिउद्देसओ भाणियव्वो निरवसेसो जहा पन्नवणाए । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० । ।। १३.८ ।। ★★★ नवमो उद्देसओ 'अणगारे केयाघडिया' ★★★ [ सु. १. नवमुद्देसस्सुवुग्घाओं ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु. २-३. गहियकेयाघडियपुरिसोदाहरणेण भावियऽप्पणो अणगारस्स विउव्वणसत्तीनिरूवणं ] २. से जहानामए केयि पुरिसे केयाघडियं किच्चहत्थगयाई रुवाई विउव्वित्तए ? गोमा ! से जहानामए जुवति जुवाणे हत्थेणं हत्थे एवं जहा ततियसते पंचमुद्देसए (स० ३ उ०५ सु० ३) जाव नो चेव णं संपत्तीए विउव्विंसु वा विउव्वति वा विउव्विस्सति वा । [ सु. ४-५. गहियहिरण्णादिपेडपुरिसोदाहरणेहिं भाविऽप्पणो अणगारस्स विउव्वणसत्तीनिरूवणं ]४. से जहानामए केयि पुरिसे हिरण्णपेलं गहाय गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे वि भावियप्पा हिरण्णपेलहत्यकिच्चगतेणं अप्पाणेणं०, सेसं तं चेव । ५. एवं सुवण्णपेलं, एवं रयणपेलं, वइरपेलं, वत्थपेलं, आभरणपेलं । [सु. ६. गहियवियलादिकिडपुरिसोदाहरणेहिं भावियप्पणो अणगारस्स विउव्वणसत्तीनिरूवणं ] ६. एवं वियलकिडं, सुंबकिडं चम्मकिडं कंबलकिडं। [सु. ७. गहियअयआइभारपुरिसोदाहरणेहिं भावियप्पणो अणगारस्स विउव्वणसत्तीनिरूवणं ] ७. एवं अयभारं तंबभारं तउयभारं सीसगभारं हिरण्णभारं सुवण्णभारं वइरभारं। [सु. ८-१५. वग्गुली-जन्नोवइया - जलोया-बीयंवीयगसउण-पक्खिबिरालय-जीवंजीवगसउण - हंस-समुद्दवायसोदाहरणेहिं भवियऽप्पणो अणगारस्स विउव्वणसत्तीनिरूवणं ] ८. से जहानामए वग्गुली सिया, दो वि पाए उल्लंबिया उल्लंबिया उहुंपादा अहोसिरा चिट्ठेज्जा, एवामेव अणगारे वि भावियप्पा वग्गुलीकिच्च एणं अप्पाणेणं उड्डुं वेहासं० । ९. एवं जण्णोवइयवत्तव्वया भाणितव्वा जाव विउव्विस्संति वा । १०. से जहानामए जलोया सिया, उदगंसि कार्य उव्विहिया उव्विहिया गच्छेज्जा, एवामेव० सेसं जहा वग्गुलीए । ११. से जहानामए बीयंबीयगंसउणे सिया, दो वि पाए समतुरंगेमाणे समरिंगेमाणे गच्छेज्जा, एवामेव अणगरे०, सेसं तं चेव । १२. से जहानामए पक्खिबिरालए सिया, रुक्खाओ रुक्खं डेवेमाणे डेवेमाणे गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे९, सेसं तं चैव । १३. से जहानामए जीवंजीवगसउणए सिया, दो वि पाए समतुरंगेमाणे समतुरंगेमाणे गच्छेज्ना, एवामेव अणगारे०, सेसं तं चेव । १४. से जहाणामाए हंसे सिया, तीरातो तीरं अभिरममाणे अभिरममाणे गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे हंसकिच्चगतेणं अप्पाणेणं० तं चेव । १५. से जहानामए सम्मुद्द्वायसए सिया, वीयीओ वीयिं डेवेमा . माणे गच्छेज्ना, एवामेव०, तहेव । [सु. १६-१९. गहियचक्क - छत्त- चम्म रयणाइपुरिसोदाहरणेहिं भावियऽप्पणो अणगारस्स विउव्वणसत्तीनिरूवणं ] १६. से जहानामए केयि पुरिसे चक्कं गहाय गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे वि भावियप्पा चक्कहत्थकिच्चगएरं अप्पाणेणं०, सेसं जहा केयाघडियाए । १७. एवं छत्तं । १८. एवं चम्मं । १९. से जहानामए केयि पुरिसे रयणं गहायं गच्छेज्जा, ० एवं चेव । एवं वइरं, वेरुलियं, जाव रिटुं । [ सु. २०. उप्पलहत्थादिपुरिसोदारणेहिं भावियऽप्पण अणगारस्स विउव्वंणसत्तीनिरूवणं ] २०. एवं उप्पलहत्थगं, एवं पउमहत्थगं, एवं कुमुदहत्थगं, एवं जाव से जहानामए केयि पुरिसे सहस्सपत्तगं गहाय गच्छेज्जा, ० एवं चेव। [सु. २१. विसावदारयपुरिसोदाहरणेण भावियऽप्पणो अणगारस्स विउव्वणसत्तीनिरूवणं ] २१. से जहानामए केयि पुरिसे भिसं अवद्दालिय अवद्दालिय गच्छेज्जा, एवामेव अणगारे वि मिसकिच्चगएणं अप्पाणेणं० तं चेव । [सु. २२-२५ मुणालिया- वणसंड-पुक्खरणीउदाहरणेहिं भावियऽप्पणो अणगारस्स विउव्वणसत्तीनिरूवणं ] २२. से जहानामए मुणालिया सिया, उदगंसि कायं उम्मज्जिय उम्मज्जिय चिट्ठेज्जा, एवामेव०, सेसं जहा वग्गुलीए । २३. से जहानामए वणसंडे सिया किण्हे किण्होभासे जाव निकुरुंबभूए पासादीए ४, एवामेव अणगारे वि भावियप्पा वणसंडकिच्चगतेणं अप्पाणेणं उडुं वेहासं उप्पएज्जा, सेसं तं चेव । LOK ב א וב וב ובו תתתתתתתת ॐ श्री आगमगुणमंजूषा ४२० 56 Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ reO$$555555555 (५) भगवई श, १३ उ-९-१०/श.१४ उ.१ [२०६] 5555555555555528 २४. से जहानामए पुक्खरणी सिया, चउक्कोणा समतीरा अणुपुव्वसुजाय० जाव सद्दुन्नइयमहुरसरणादिया पासादीया ४, एवामेव अणगारे वि भावियप्पा पोक्खरणीकिच्चगएणं अप्पाणेणं उर्ल्ड वेहासं उप्पएज्जा ? हंता, उप्पतेज्जा । २५. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवतियाइं पभू पोक्खरणी किच्चगयाइं रूवाइं विउवित्तए १० सेसं तं चेव जाव विउस्सति वा। [सु. २६. विउव्वणाकरणे माइत्तनिरूवणं ] २६. से भंते ! किं मायी विउव्वइ, अमायी विउव्वइ ? गोयमा ! मायी विउव्वति, नो अमायी विउव्वति ।[ सु. २७. विउव्वणविसए मायं अमायं पडुच्च अणाराहणा-आराहणानिरूवणं ]२७. मायी णं तस्स ठाणस्स अणालोइय० एवं जहा ततियसए चउत्थुद्देसए (स०३ उ०४ सु०१९) जाव अत्थि तस्स आराहणा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति ।।१३.९।। *** दसमो उद्देसओ 'समुग्घाए' *** सु. १. समुग्घायसरूवावगमत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १. कति णं भंते ! छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! छ छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता, तं जहा वेदणासमुग्घाते, एवं छाउमत्थिया समुग्धाता नेतव्वा जहा पण्णवणाए जाव आहारगसमुग्घातो त्ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति ।।दसमो॥१३.१०॥ ॥तेरसमं सयं समत्तं ।। चोद्दसमं सयंम [सु. १ चोद्दसमसयस्स उद्देसनामपरूवणा] १. चर १ उम्माद २ सरीरे ३ पोग्गल ४ अगणी ५ तहा किमाहारे ६। संसिट्ठमंतरे ७-८ खलु अणगारे ९ केवली चेव १०॥१||★★★ पढमो उद्देसओ 'चरम' ***[सु. २ पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ] २. रायगिहे जाव एवं वयासी [सु. ३-५. भवियप्पणो अणगारस्स लेस्सं पडुच्च चरम-परमदेवावासंतरोववायपरूवणा]३. अणगारे पणं भंते ! भावियप्पा चरमं देवावासं वीतिक्कते, परमं देवावासं असंपत्ते, एत्थ णं अंतरा कालं करेज्जा, तस्स णं भंते ! कहिं गती, कहिं उववाते पन्नत्ते ? गोयमा ! जे से तत्थ परिपस्सओ तल्लेसा देवावासा तहिं तस्स गती, तहिं तस्स उववाते पन्नत्ते। से य तत्थगए विराहेज्जा कम्मलेस्सामेव पडिपडइ, से य तत्थ गए नो विराहेज्जा तामेव लेस्सं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। ४. अणगारेणं भंते ! भावियप्पा चरमं असुरकुमारावासं वीतिक्कंते, परमं असुरकुमारा० ? एवं चेव । जाव थणियकुमारावासं, जोतिसियावासं । एवं वेमाणियावासं जाव विहरइ। [सु. ६-७. चउवीसइदंडएसु सिग्घगई पडुच्च परूवणा ] ६. नेरइयाणं भंते ! कहं सीहा गती ? कह सीहे गतिविसए पन्नत्ते ? गोयमा ! से जहानामए केयि पुरिसे तरूणे बलवं जाव निउणसिप्पोवगए आउंटियं बाहं पसारेज्जा, पसारियं वा बाहं आउंटेज्जा, विक्खिण्णं वा मुट्ठि साहरेज्जा, साहरियं वा मुट्ठि विक्खिरज्जा, उम्मिसियं वा अच्छिं निमिसेज्जा, निमिसितं वा अच्छिं उम्मिसेज्जा, भवेयारूवे? णो तिणद्वे समटे । नेरइया णं एगसमएण वा दुसमएण वा तिसमएण वा विग्गहेणं उववज्जति, नेरइयाणं गोयमा ! तहा सीहा गती, तहा सीहे गतिविसए पन्नत्ते । ७. एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं एगिदियाणं चउसमइए विग्गहे भाणियब्वे । सेसं तं चेव। [सु.८-९. चउवीसइदंडएसु अणंतरोववन्नत्ताइपरूवणं] ८. (१) नेरइया णं भंते ! किं अणंतरोववन्नगा, परंपरोववन्नगा, अणंतरपरंपरअणुववन्नगा वि? गोयमा ! नेरइया अणंतरोववन्नगा वि, परंपरोववन्नगा वि, अणंतरपरंपरअणुववन्नगा वि । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव अणंतरपरंपरअणुववन्नगा वि ? गोयमा ! जे णं नेरइया पढमसमयोववन्नगा ते णं नेरइया अणंतरोववन्नगा, जेणं नेरइया अपमसमयोववन्नगा ते णं नेरइया परंपरोववन्नगा, जेणं नेरइया विग्गहगतिसमावन्नगा ते णं नेरइया अणंतरपरंपरअणुववन्नगा। सेतेणटेणं जाव अणुववन्नगा वि । ९. एवं निरंतरं जाव वेमाणिया। [सु. १०-१३. अणंतरोववन्नगाईसु चउवीसइदंडएसु आउयबंधपरूवणा ]१०. अणंतरोववन्नगा णं भंते ! नेरइया कि नेरइयाउयं पकरेति ? # तिरिक्ख-मणुस्स -देवाउयं पकरेति ? गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेति, जाव नो देवाउयं पकरेति ? ११. परंपरोववन्नगा णं भंते ! नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेंति, जाव देवाउयं पकरेंति ? गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेति, तिरिक्खजोणियाउयं पिपकरेति, मणुस्साउयं पिपकरेति, नो देवाउयं पकरेति । १२. अणंतरपरंपरअणुववन्नगा णं भंते ! नेरइया किं नेरइयाउयं प० पुच्छा । गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति, जाव नो देवाउयं पकरेंति । १३. एवं जाव वेमाणिया, नवरं पंचिदियतिरिक्खजोणिया मणस्साय परंपरोववन्नगा चत्तारि वि आउयाई पकरेति । सेसंतं चेव। [सु. १४-१५. चउवीसदंडएसु अणंतरनिग्गयत्ताइपरूवणा] १४. (१) नेरइया णं भंते ! किं - CSCs明明明明明明明明明明明明明明 明明明明乐明 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明明明明明乐乐乐乐乐乐乐 555 555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४२९9595555 $$#5555555SSIOR Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १४ उ १-२ [२०७] अनंतर निग्या परंपरनिग्गया अणंतरपरंपरअनिग्गया ? गोयमा ! नेरइया णं अणंतरनिग्गया वि जाव अणंतरपरंपरअनिग्गया वि। (२) से केणट्टेणं जाव अणिग्गता वि ? गोयमा ! जे णं नेरइया पढमसमयनिग्गया ते णं नेरइया अणंतरनिग्गया, जे णं नेरइया अपढमसमयनिग्गया ते णं नेरझ्या परंपरनिग्गया, जेणं नेरइया विग्गहगतिसमावन्नगा ते णं नेरइया अणंतरपरंपरअणिग्गया । सेतेणट्टेणं गोयमा ! जाव अणिग्गता वि । १५. एवं जाव वेमाणिया । [सु. १६-१९. अणंतरनिग्गयाईसु चउवीसइदंडएसु आउयबंधपरूवणा] १६. अणंतरनिग्गया णं भंते! नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेति, जाव देवाउयं पकरेति ? गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेति जाव नो देवाउयं पकरेति । १७. परंपरनिग्गया णं भंते! नेरइया किं नेरइयाउयं० पुच्छा। गोयमा ! नेरइयाउयं पि पकरेति, जाव देवाउयं पि पकरेति । १८. अणंतरपरंपरअणिग्गया णं भंते! नेरइया० पुच्छा० । गोयमा ! नो नेरइयाउयं पि पकरेति, जाव नो देवाउयं पि पकरेति । १९. निरवसेसं जाव वेमाणिया । [सु. २०. चउवीसइदंडएसु अणंतरखेदोववन्नगत्ताइं अणंतरखेदनिग्गयत्ताइपरूवणा आउयबंधपरूवणा य] २०. नेरइया णं भंते! किं अणंतरखेदोववन्नगा, परंपरखेदोववन्नगा, अरंतरपरंपरखेदाणुववन्नगा ? गोयमा ! नेरइया०, एवं एतेणं अभिलावेणं ते चेव चत्तारि दंडगा भाणियव्वा । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति जाव विहरति । ★★★ ॥ चोदसमसयस्स पढमो ॥४.१ ॥ ★★★ बीओ उद्देसओ 'उम्माद' ★ ★ ★ [सु. १. उम्मायस्स जक्खावेस - मोहणिज्जसमुब्भवरूवं भेयजुयं तस्सरूवं च] १. कतिविधे णं भंते ! उम्मादे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे उम्मादे पण्णत्ते, तं जहा जक्खाएसे य मोहणिज्जस्स य कम्मस्स उदएणं । तत्थ जे से खासे से णं सुहवेयणतराए चेव, सुहविमोयणतराए चेव । तत्थ णं जे से मोहणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं से णं दुहवेयतराए चेव, दुहविमोयणतराए चेव । [ सु. २-६. चउवीसदंडएसु सहेउया उम्मायपरूवणा ] २. (१) नेरइयाणं भंते ! कतिविधे उम्मादे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे उम्मादे पन्नत्ते, तं जहा जक्खाएसे य, मोहणिज्जस्स य कम्मस्स उदएणं । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'नेरइयाणं दुविहे उम्मादे पन्नत्ते, तं जहा जक्खाएसे य, मोहणिज्जस्स जाव उदएणं' ? गोमा ! देवे वा से असुभे पोग्गले पक्खिवेज्जा, से णं तेसिं असुभाणं पोग्गलाणं पक्खिवजयाए जक्खाएसं उम्मायं पाउणिज्जा । मोहणिज्जस्स वा कम्मस्स उदएणं मोहणिज्जं उम्मायं पाउणेज्जा, से तेणद्वेणं जाव उधएणं । ३. असुरकुमाराणं भंते! कतिविधे उम्मादे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे उम्माए पन्नत्ते । एवं जहेव नेरइयाणं, नवरं देवे वा से महिड्डियतराए असुभे पोग्गले पक्खिवेज्जा, सेणं तेसिं असुभाणं पोग्गलाणं पक्खिवणयाए जक्खाएसं उम्मादं पाउणेज्जा, मोहणिज्जस्स वा० । सेसं तं चेव । सेतेणट्टेणं जाव उदएणं । ४. एवं जाव थणियकुमाराणं । ५. पुढविकाइयाणं जाब मणुस्साणं, एतेसिं जहा नेरइयाणं । ६. वाणमंतर जोतिसिय-वेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं । [सु. ७. सामावियवट्ठिपरूवणं ] ७. अत्थि णं भंते ! पज्जन्ने कालवासी वुट्ठिकार्यं पकरेति ? हंता, अत्थि । [सु. ८-१३. सक्कदेविंदादिचउव्विहदेवकयवुट्ठिसरूवनिरूवणं ] ८. जाहे णं भंते ! सक्के देविंदे देवराया वुट्टिकायं काउकामे भवति से कहमियाणि पकरेति ? गोयमा ! ताहे चेवणं से सके देविदे देवराया अब्भंतरपरिसए देवे सद्दावेति, तए णं ते अब्भंतरपरिसगा देवा सद्दाविया समाणा मज्झिमपरिसए देवे सद्दावेति, तए णं ते मज्झिमपरिसगा देवा सद्दाविया समाणा बाहिरपरिसए देवे सद्दावेति, तए णं ते बाहिरपरिसगा देवा सद्दाविया समाणा बाहिरबाहिरगे देवे सद्दावेंति, तए णं ते बाहिरबाहिरगा देवा सद्दाविया समाणा आभियोगिए देवे सद्दावेति, तए णं ते जाव सद्दाविया समाणा वुट्ठिकाइए देवे सद्दावेति, तए ण ते वुट्टिकाइया देवा सद्दाविया समाणा वुट्टिकायं पकरेति । एवं खलु गोयमा ! सक्के देविदे देवराया वुट्ठिकायं पकरेति । ९. अत्थि णं भंते! असुरकुमारा वि देवा वुट्ठिकायं पकरेति ? हंता, अत्थि । १०. किंपत्तियं णं भंते! असुरकुमारा देवा वुट्ठिकायं पकरेति ? गोयमा ! जे इमे अरहंता भगवंतो एएसि णं जम्मणमहिमासु वा, निक्खमणमहिमासु वा, नाणुप्पायमहिमासु वा परिनिव्वाणमहिमासु वा एवं खलु गोयमा ! असुरकुमारा देवा वुट्टिकायं पकरेति । ११. एवं नागकुमारा वि । १२. एवं जाव धणियकुमारा । १३. वाणमंतर - जोतिसिय -वेमाणिया एवं चेव। [सु. १४- १७. ईसाणदेविंदादिचउव्विहदेवकयतमुकायसरूवनिरूवणं ] १४. जाहे णं भंते ! ईसाणे देविदे देवराया तमुकायं कातुकामे भवति से कहमियाणि पकरेति ? गोयमा ! ताहे चेव णं ईसाणे देविदे देवराया अब्भिंतरपरिसए देवे सद्दावेति, तए णं ते अब्भिंतरपरिसगा देवा सद्दाविया समाणा एवं जहेव MOOF श्री आगमगुणमंजूषा - ४२२ ० फ्र Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PRO955555555555555 (५) भगवई रा. १४ उ. २-३-४ २०८] 5555555555555550% SOGO乐听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听明明听听听听听听听听听听 सक्कस्स जाव तए णं ते आभियोगिया देवा सद्दाविया समाणा तमुकाइए देवे सहावेति, तए णं ते तमुकाइया देवा सद्दाविया समाणा तमुकायं पकरेति, एवं खलु गोयमा ! ईसाणे देविदे देवराया तमुकायं पकरेति । १५. अत्थि णं भंते ! असुरकुमारा वि देवा तमुकायं पकरेंति ? हंता, अत्थि । १६. किंपत्तियं णं भंते ! असुरकुमारा देवा तमुकायं पकरेति ? गोयमा ! किड्डारतिपत्तियं वा, पडिणीयविमोहणट्टयाए वा, गुत्तिसारक्खणहेउं वा अप्पणो वा सरीरपच्छायणट्ठयाए, एवं खलु गोयमा! असुरकुमारा वि देवा तमुकायं पकरेति । १७. एवं जाव वेमाणिया। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ। ।।१४.२| तइओ उद्देसओ 'सरीरे'★★★ [सु. १-३. महाकायचउव्विहदेवे पडुच्च भावियऽप्पअणगारसरीरमज्झवइक्कम-अवइक्कमनिरूवणं] १. (१) देवेणं भंते! महाकाये महासरीरे अणगारस्स भावियप्पणोमज्झमज्झेणं वीयीवएज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए वीतीवएज्जा, अत्थेगतिए नो वीतीवएज्जा। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति 'अत्थेगइए वीतीवएज्जा, अत्थेगतिए नो वीतीवएज्जा' ? गोयमा ! देवा दुविहा पन्नत्ता, तं जहा मायीमिच्छादिट्ठीउववन्नगा य, अमायीसम्मद्दिट्ठीउववन्नगा य । तत्थ णं जे से मायीमिच्छद्दिट्ठीउववन्नए देवे से णं अणगारं भावियप्पाणं पासति, पासित्ता नो वंदति, नो नमसति, नो सक्कारेइ, नो सम्माणेति, नो कल्लाणं मंगलं देवतं जाव पज्जुवासति । सेणं अणगारस्स भावियप्पणो मज्झंमज्झेणं वीतीवएज्जा। तत्थ णंजे से अमायीसम्महिट्ठिउववन्नए देवे, सेणं अणगारं भावियप्पाणं पासति, पासित्ता वंदति नमंसति जाव पज्जुवासइ, सेणं अणगारस्स भावियप्पणो मज्झमज्झेणं नो वीयीवएज्जा। सेतेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव नो वीयीवएज्जा । २. असुरकुमारे णं भंते ! महाकाये महासरीरे०, एवं चेव। ३. एवं देवदंडओ भाणियव्वो जाव वेमाणिए। [सु.४-९. चउवीसइदंडएसु विणयं पडुच्च निरूवणं सु. ४. नेरइएसु विणयाभावनिरूवणं] ४. अत्थि णं 9 भंते ! नेरझ्याणं सक्कारे ति वा सम्माणे ति वा किइकम्मे ति वा अन्भुट्ठाणे इ वा अंजलिपग्गहे ति वा आसाणाभिग्गहे ति वा आसणाणुप्पदाणे ति वा, एतस्स पच्चुग्गच्छणया, ठियस्स पज्जुवासणया, गच्छंतस्स पडिसंसाहणया ? नो तिणढे समठे। [सु. ५-६. भवणवासीसु देवेसु विणयपरूवणं ]५. अत्थि णं भंते ! असुरकुमाराणं सक्कारे ति वा सम्माणे ति वा जाव पडिसंसाहणता ? हंता, अत्थि। ६. एवं जाव थणियकुमाराणं। [सु. ७. एगिदिय-विगलिदिएसु विणयाभावनिरूवणं ७. पुढविकाइयाणं जाव चउरिदियाणं, एएसिं जहा नेरइयाणं। [सु. ८. पंचिदियतिरिक्खेसु आसणाभिग्गह-आसणाणुप्पदाणवज्जविणयनिरूवणं ] ८. अत्थि णं भंते ! पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं सक्कारे ति वा जाव पडिसंसाधणया? हंता, अत्थि, नो चेवणं आसणाभिग्गहे ति वा, आसणाणुप्पयाणे ति वा । [सु.९. मणुस्सजोतिसिय-वेमाणियदेवेसु विणयनिरूवणं] ९. मणुस्साणं जाव वेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं। [सु. १०-१३, अप्पिड्डिय-महिड्डिय-समड्डियदेव-देवीणं परोप्परमज्झवइक्कम-अवइक्कमनिरूवणं] १०. अप्पिड्डिए णं भंते ! देवे महिट्ठियस्स देवस्स मज्झमज्झेणं वीतीवएज्जा ? नो तिणढे समठे। ११. समिड्डिए णं भंते ! देवे समिड्डियस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं वीतीवएज्जा ? णो तिणमढे समढे, पमत्तं पुण वीतीवएज्जा । १२. से णं भंते ! किं सत्येणं अक्कमित्ता पभू, अणक्कमित्ता पभू ? गोयमा ! अक्कमित्ता पभू, नो अणक्कमित्ता पभू। १३. सेणं भंते ! किं पुव्विं सत्थेणं अक्कमित्ता पच्छा वीतीवएज्जा, पुब्बिं वीतीवतित्ता पच्छा सत्थेणं अक्कमज्जा ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा दसमसए आतिड्डीउद्देसए (स० १० उ०३ सु०६-१७) तहेव निरवसेसं चत्तारि दंडगा भाणितव्वा जाव महिड्डीया वेमाणिणी अप्पिड्डियाए वेमाणिणीए । [ सु. १४-१७. नेरइएसु पोग्गलपरिणाम-वेयणापरिणामनिरूवणं लेसाइसेसपदज्जाणणत्थं च जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो] १४. रयणप्पभपुढविनेरइया णं भंते ! केरिसयं पोग्गलपरिणामं पच्चभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! अणिढे जाव अमणामं । १५. एवं जाव अहेसत्तमापुढविनेरइया । १६. एवं वेदणापरिणामं । १७. एवं जहा जीवाभिगमे बितिए नेरइयउद्देसए, जाव अहेसत्तमापुढविनेरइया णं भंते ! केरिसयं परिग्गहसण्णापरिणामं पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! अणिढे जाव अमणाम । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।१४.३|| चउत्थो उद्देसओ 'पोग्गल'★★★ [सु. १-४. अतीतवट्टमाण-अणागयकालं पडुच्च विविहफासाइपरिणयस्स पोग्गलस्स खंधस्सय एगवण्णाइपरूवणं] १. एसणं भंते ! पोग्गले तीतमणतं सासयं समयं समयंलुक्खी, समयं अलुक्खी, समयं लुक्खी वा अलुक्खी वा, पुव्विं च णं करणेणं अणेगवण्णं अणेगरूवं परिणामं परिणमइ, अह से परिणामे निज्जिण्णे भवति तओ पच्छा है। MOc55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४२२ 2555555555555FFFFFFFFFFFFFOROK SO乐明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听FAQ 55555555 சவOR Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Ao8555555555 (५) भगवई स. १४ उ. ४-५ [२०१] 5%$$$$$ $$$ $$ FOTO एगवण्णे एगरूवे सिया ? हंता, गोयमा ! एस णं पोग्गले तीत०, तं चेव जाव एगरूवे सिया। २. एस णं भंते ! पोग्गले पडुप्पन्नं सासयं समयं०? एवं चेव । ३. एवं अणागयमणंतं पि। ४. एस णं भंते ! खंधे तीतमणतं० ? एवं चेव खंधे वि जहा पोग्गले। [सु.५-७. अतीत-वट्टमाण-अणागयकालं पडुच्च विविहभावपरिणयस्स जीवस्स एगभावाइपरूवणं ५. एस णं भंते ! जीवे तीतमणतं सासयं समयं समयं दुक्खी, समयं अदुक्खी, समयं दुक्खी वा अदुक्खी वा ? पुब्विं च णं करणेणं है अणेगभावं अणेगभूतं परिणामं परिणमइ, अह से वेयणिज्जे निज्जिण्णे भवति ततो पच्छा एगभावे एगभूते सिया? हंता, गोयमा ! एसणं जीवे जाव एगभूते सिया। ६. एवं पडुप्पन्नं सासयं समयं । ७. एवं अणागयमणंतं सासयं समयं । [सु. ८-९. परमाणुयोग्गलस्स सासयत्त-असासयत्त-चरमत्त-अचरमत्तनिरूवणं ]८. (१) परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं सासए, असासए ? गोयमा ! सिय सासए, सिय असासए। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'सिय सासए, सिय असासए ? गोयमा! दव्वट्ठयाए सासए, वण्णपज्जवेहिं जाव फासपज्जवेहिं असासए। सेतेणटेणं जाव सिय असासए । ९. परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं चरिमे, अचरिम ? गोयमा ! दव्वादेसेणं नो चरिमे, अचरिमे; खेत्तादेसेणं सिय चरिमे, सिय अचरिमे; कालादेसेणं सिय चरिमे,सिय अचरिमे; भावादसेणं सिय चरिमे, सिय अचरिमे । [सु. १०. परिणामभेदादिजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १०. कतिविधे णं भंते ! परिणामे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे परिणामे पन्नत्ते, तं जहा जीवपरिणाम य, अजीवपरिणामे य । एवं परिणामपदं निरवसेसं भाणियव्वं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति । ।।१४.४|| *** पंचमो उद्देसओ 'अगणी' [सु. १-९. चउवीसइदंडएसु अगणिकायमज्झवइक्कम-अवइक्कम पडुच्च निरूवणं] १. (१) नेरइए णं भंते ! अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीतीवएज्जा ? गोयमा ! अत्थेगतिए वीतीवएज्जा, अत्थेगतिए नो वीतीवएज्जा। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'अत्थेगतिए वीतीवएज्जा, अत्थेगतिए नो वीतीवएज्जा ? गोयमा ! नेरइया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा विग्गहगतिसमावन्नगा य अविग्गहगतिसमावन्नगा य । तत्थ णं जे से विग्गहगतिसमावन्नए नेरतिए से णं अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीतीवएज्जा। सेणं तत्थ णं जे से अविग्गहगतिसमावन्नए नेरइए सेणं अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं णो वीतीवएज्जा। सेतेणटेणं जाव नो वीतीवएज्जा । २. (१) असुरकुमारे णं भंते ! अगणिकायस्स० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए वीतीवएज्जा, अत्थगतिए नो वीतीवएज्जा। (२) से केणद्वेणं जाव नो वीतीवएज्जा ? गोयमा ! असुरकुमारा दुविहा पन्नत्ता, तं जहा विग्गहगतिसमावन्नगा य अविग्गहगतिसमावन्नगा य । तत्थ णं जे से विग्गहगतिसमावन्नए असुरकुमारे से णं एवं जहेव नेरतिए जाव कमति । तत्थ णं जे से अविग्गहगतिसमावन्नए असुरकुमारे सेणं अत्थेगतिए अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं वीतीवएज्जा, अत्थेगइए नो वीइव,ज्जा। जे णं वीतीवएज्जा से णं तत्थ झियाएज्जा ? नो इणढे समठे, नो खलु तत्थ सत्थं कमति । से तेणटेणं० । ३. एवं जाव थणियकुमारे । ४. एगिदिया जहा नेरइया । ५. बेइंदिया णं भंते ! अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं० ? जहा असुरकुमारे तहा बेइंदिए वि । नवरं जेणं वीतीवएज्जा से णं तत्थ झियाएज्जा ? हंता, झियाएज्जा | सेसं तं चेव । ६. एवं जाव चउरिदिए। ७. (१) पंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! अगणिकाय० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए वीतीवएज्जा, अत्थेगतिए नो वीइवएज्जा। (२) से केणढेणं० ? गोयमा ! पंचिदियतिरिक्खजोणिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा विग्गहगतिसमावन्नगा य अविग्गहगतिसमावन्नगा य । विग्गहगतिसमावन्नए जहेव नेरइए जाव नो खलु तत्थ सत्थं कमइ । अविग्गहगइसमावन्नगा पंचिदियतिरिक्खजोणिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा इड्डिप्पत्ता य अणिड्डिप्पत्ता य । तत्थ णं मजे से इड्डिप्पत्ते पंचेदियतिरिक्खजोणिए से णं अत्थेगतिए अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीतीवएज्जा, अत्थेगतिए नो वीयीवएज्जा । जे णं वीतीवएज्जा से णं तत्थ झियाएज्जा ? नो इणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ । तत्थ णं जे से अणिड्डिप्पत्ते पंचिदियतिरिक्खजोणि से णं अत्थेगतिए अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं वीतीवएज्जा, अत्थेगतिए नो वीइवएज्जा । जे णं वीतीवएज्जा से णं तत्थ झियाएज्जा ? हंता, झियाएज्जा ! सेतेणटेणं जाव नो वीतीवएज्जा । ८. एवं मणुस्से वि । ९. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिए जहा असुरकुमारे। [सु. १०-२०. चउवीसइदंडएसु अणिट्ठ-इट्ठसद्दाइदसठाणगयठाणसंखानिरूवणं ] १०. नेरतिया दस ठाणाई फू पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा अणिट्ठा सद्दा, अणिट्ठा रूवा, जाव अणिट्ठा फासा, अणिट्ठा गती, अणिट्ठा ठिती, अणिद्वे लायण्णे, अणिढे जसोकित्ती, अणिढेर xeys 955555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४२४॥5555555555555555$$$$$$$$$OOR O乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐明明明明明明明明明明明明愛 $$$$$$$$$乐乐乐所$$$$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听听 Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १४ उ -५ ६[२१०] उाणकम्बलवीरयपुरिसक्कारपरक्क मे । ११. असुरकुमारा दस ठाणाई पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा इट्ठा सद्दा, इट्ठा रूवा जाव इट्ठे उाणकम्बलवी रियपुरिसक्कारपरक्कमे । १२. एवं जाव थणियकुमारा । १३. पुढविकाइया छट्टाणाई पच्चणुभवमाणा विहरति, तं जहा इट्टाणिट्टा फासा, इट्ठाणिट्ठा गती, एवं जाव परक्कमे । १४. एवं जाव वणस्सइकाइया । १५. बेइंदिया सत्त द्वाणाई पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा इट्ठाणिट्ठा रसा, सेसं जहा एगिदियाणं । १६. तेइंदिया णं अट्ठट्ठाणाई पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा इट्ठाणिट्ठा गंधा, सेसं जहा बेइंदियाणं । १७. चउरिदिया नव ट्ठाणाइं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा इट्ठाणिट्ठा रूवा, सेसं जहा तेइंदियाणं । १८. पंचिदियतिरिक्खजोणिया दस द्वाणाई पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं जहा इट्ठाणिट्ठा सद्दा जाव परक्कमे । १९. एवं मणुस्सा वि । २०. वाणमंतर - जोतिसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा । [सु. २१-२२. देवस्स तिरियपव्वतउल्लंघणविसए बज्झपोग्गलाऽणायाणआयाणेहिं अणुक्कमेण असामत्थं सामत्थं च ] २१. देवे णं भंते ! महिड्डीए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले अपरियादिइत्ता पभू तिरियपव्वतं वा तिरियभित्तिं बा उल्लंघेत्तए वा पल्लंघेत्तए वा ? गोयमा ! नो इणठ्ठे समठ्ठे । २२. देवे णं भंते! महिड्डीए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले परियादिइत्ता पभू तिरियप० जाव पल्लंघेत्तए वा ? हंता, पभू। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।। १४.५॥ ★★★ छट्ठो उद्देसओ 'किमाहारे' ★★★ [ सु. १. छट्टुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वदासी [ सु. २-३. चउवीसइदंडएसु आहार-परिणाम जोणि- ठितिपरूवणं ] २. नेरतिया णं भंते! किमाहारा, किंपरिणामा, किंजोणीया, किंठितीया पन्नत्ता ? गोयमा ! नेरइया पोग्गलाहारा, पोग्गलपरिणामा, पोग्गलजोणीया, पोग्गलठितीया, कम्मोवगा, कम्मनियाणा, कम्मद्वितीया, कम्मुणा मेव विप्परियासमेति । ३. एवं जाव वेमाणिया । [सु. ४-५. चउवीसइदंडएसु वीचिदव्व अवीचिदव्वाहारपरूवणं ] ४. (१) नेरइया णं भंते ! किं वीचिदव्वाइं आहारेति, अवीचिदव्वाइं आहारेति ? गोयमा ! नेरतिया वीचिदव्वाई पि आहारेति, अवीचिदव्वाइं पि आहारेति । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चति 'नेरतिया वीचि० तं चेव जाव आहारेति' ? गोयमा ! जेणं नेरइया एगपदेसूणाई पि दव्वाइं आहारेति ते णं नेरतिया वीचिदव्वाइं आहारेति, जे णं नेरतिया पडिपुण्णाई दव्वाइं आहारेति ते णं नेरइया अवीचिदव्वाइं आहारेति । सेतेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चति जाव आहारेति । ५. एवं जाव वेमाणिया । [सु. ६-९. सक्कदेविंदाइ अच्चुयइंदपज्जंतेसु इंदेसु भोगनिरूवणं ] ६. जाहे णं भंते ! सक्के देविदे देवराया दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजिउकामे भवति से कहमिदाणि पकरेति ? गोयमा ! ग्रं० ९००० ताहे चेव णं से सक्के देविदे देवराया एवं महं नेमिपडिरूवगं विउव्वति, एवं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खभेणं, तिण्णि जोयणसयसहस्साइं जाव अर्द्धगुलं च किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं, तस्स णं नेमिपडिरूवगस्स अवरं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पन्नत्ते जाव मणीणं फासो । तस्स णं नेमिपडिरूवगस्स अवरिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पन्नत्ते जाव मणीणं फासो । तस्स णं नेमिपडिरूवगस्स बहुमज्झदेसेभागे, तत्थ णं महं एगं पासायवडेंसगं विउव्वति, पंच जोयणसयाई उड्वं उच्चत्तेणं, अड्डाइज्जाइं जोयणसयाई विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसिय० वण्णओ जाव पडिरूवं । तस्स णं पासायवडेंसगस्स उल्लोए पउमलयाभत्तिचित्ते जाव पडिरूवे । तस्स णं पासायवडेंसगस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिमागे जाव णी फासो मणिपेढिया अट्ठजोयणिया जहा वेमाणियाणं । तीसे णं मणिपेढियाए उवरिं महं एगे देवसयणिज्जे विउव्वति । सयणिज्जवण्णओ जाव पडिरूवे । तत्थ णं से सक्के देविंदे देवराया अट्ठहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं, दोहि य अणिएहिं नट्ठाणिएण य गंधव्वाणिएण य-सद्धिं महयाहयनट्ट जाव दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरति । ७. जाहे णं ईसाणे देविदे देवराया दिव्वाइं० जहा सक्के तहा ईसाणे वि निरवसेसं । ८. एवं सणकुमारे वि, नवरं पासायवडेंसओ छज्जोयणसयाई उड्डुं उच्चत्तेणं, तिण्णि जोयणसयाई विक्खंभेणं । मणिपेढिया तहेव अट्ठजोयणिया। तीसे णं मणिपेढियाए उवरिं एत्थ णं महेगं सीहासणं विउव्वति, सपरिवारं भाणियव्वं । तत्थ णं सणकुमारे देविंदे देवराया बावत्तरीए सामाणियसाहस्सीहिं जाव चउहि य बावत्तरीहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं बहूहिं सणंकुमारकप्पवासीहिं वेमाणिएहिं देवेहि य देवीहि य सद्धिं संपरिवुडे महया जाव विहरति । ९. एवं जहा सणकुमारे तहा जाव पाणतो अच्चुतो, नवरं जो जस परिवारो सो तस्स भाणियव्वो । पासायउच्चत्तं जं सएसु कप्पेसु विमाणाणं उच्चत्तं, अद्धद्धं वित्थारो जाव अच्चुयस्स नव जोयणसयाई उड्ड उच्चत्तेणं, अद्धपंचमाई श्री आगमगुणमंजूषा - ४२५ 674 GRO Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई रा. १४ उ ६.७ [२१५] X जोयणसयाई विक्खंभेणं, तत्थ णं गोयमा! अच्चुए देविंदे दवराया दसहिं सामाणियसाहस्सीहिं जाव विहरति । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति० | ॥१४.६ ॥ ★★★ सत्तमो उद्दसओ 'संसिद्ध' ★★★ [सु. १. सत्तमुद्देसस्सुवुग्धाओ ] १. रायगिहे जाव परिसा पडिगया। [सु. २ केवललाभसंसयसमावन्नं गोयमं पइ भगवओ ससमाणत्तपरूवणा] २. 'गोयमा !' दी समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं आमंतेत्ता एवं वयासी चिरसंसिट्ठोऽसि मे गोयमा !, चिरसंधुतोऽसि मे गोयमा !, चिरपरिचिओऽसि मे गोयमा !, चिरझुसिओऽससि मे गोयमा !, चिराणुगओऽसि मे गोयमा !, चिराणुवत्ती सि मे गोयमा !, अणंतरं देवलोए, अणंतरं माणुस्सए भवे, किं परं मरणा कायस्स भेदा इतो चुता, दो वि तुल्ला एगट्ठा अविसेसमणाणत्ता भविस्सामो । [ सु. ३. अणुत्तरदेवेसु बिइयसुत्तवत्तव्वजाणणानिरूवणं ] ३. (१) जाणं भंते! वयं एयमद्वं जाणामो पासामो तहा णं अणुत्तरोववातिया वि देवा एयमहं जाणंति पासंति ? हंता, गोयमा ! जहा णं वयं एयमहं जाणामो पासामो तहा अणुत्तरोववातिया वि देवा एयमट्टं जाणंति पासंति । (२) से केणट्टेणं जाव पासंति ? गोयमा ! अणुत्तरोववातियाणं अणंताओ मणोदव्वग्गणाओ लद्धाओ पत्ताओ अभिसमन्नागयाओ भवति, सेतेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चति जाव पासंति । [सु. ४. तुल्लस्स भेयछक्कं ] ४. कविविधे णं भंते! तुल्लए पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहे तुल्लए पन्नत्ते, तं जहा दव्वतुल्लए खेत्ततुल्लए कालतुल्लए भवतुल्लए भावतुल्लए संठाणतुल्लए । [सु. ५. दव्वतुल्लनिरूवणं ] ५. से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'दव्वतूल्लए, दव्वतुल्लए' ? गोयमा ! परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलस्स दव्वतो तुल्ले, परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलवतिरित्तस्स दव्वओ णो तुल्ले । दुपएसिए खंधे दुपएसियस्स खंधस्स दव्वओ तुल्ले, दुपएसिए खंधे दुपएसियवतिरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णो तुल्ले । एवं जाव दसपएसिए। तुल्लसंखेज्जपएसियस्स खंधे तुल्लसंखेज्जपएसियस्स खंधस्स दव्वओ तुल्ले, तुल्लसंखेज्नपएसिए खंधे तुल्लसंखेज्जपएसियवतिरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णो तुल्ले। एवं तुल्ल असंखेज्जपएसिए वि । एवं तुल्ल अणंतपदेसिए वि । से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चति 'दव्वतुल्लए, दव्वतुल्लए' । [ सु. ६. खेत्ततुल्लनिरूवणं ]६. से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'खेत्ततुल्लए, खेत्ततुल्लए' ? गोयमा ! एगपदेसोगाढे पोग्गले एगपदेसोगाढस्स पोग्गलस्स खेत्तओ तुल्ले, एगपदेसोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढवतिरित्तस्स पोग्गलस्स खेत्तओ णो तुल्ले । एवं जाव दसपदेसोगाढे, तुल्लसंखेज्जपदेसोगाढे० तुल्लसंखेज्ज० । एवं तुल्लअसंखेज्जपदेसोगाढे वि। सेतेणट्टेणं जाव खेत्ततुल्लए । [सु. ७. कालतुल्लनिरूवणं ] ७. से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति 'कालतुल्लए, कालतुल्लए' ? गोयमा ! एगसमयठितीए पोग्गले एग० कालओ तुल्ले, एगसमयठितीए पोगले एगसमयठितीयवतिरित्तस्स पोग्गलस्स कालओ णो तुल्ले । एवं जाव दससमयद्वितीए। तुल्लसंखेज्जसमयठितीए एवं चेव । एवं तुल्लअसंखेज्जसमयट्ठितीए वि । से तेणट्टेणं जाव कालतुल्लए, कालतुल्लए । [ सु. ८. भवतुल्लनिरूवणं ] ८. से केणद्वेणं भंते! एवं बुच्चइ 'भवतुल्लए, भवतुल्लए' ? गोयमा ! नेरइए नेरइयस्स भवट्टयाए तुल्ले, नेरइए नेरइयवतिरित्तस्स भवट्टयाए नो तुल्ले । तिरिक्खजोणिए एवं चेव । एवं मणुस्से । एवं देवे वि । सेतेणद्वेणं जाव भवतुल्लए, भवतुल्लए । [ सु. ९. भावतुल्लनिरूवणं ] ९. से केणट्टणं भंते ! एवं वुच्चइ 'भावतुल्लए, भावतुल्लए' ? गोयमा ! एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालगस्स पोग्गलस्स भावओ तुल्ले, गुणकाल पोगले एगगुणकालगवतित्तस्स पोग्गलस्स भावओ णो तुल्ले । एवं जाव दसगुणकालए। तुल्लसंखेज्जगुणकालए पोग्गले तुल्लसंखेज्ज० । एवं तुल्लअसंखेज्जगुणकालए वि । एवं तुल्लअणंतगुणकालए वि । जहा कालए एवं नीलए लोहियए हालिद्दए सुकिल्लए। एवं सुब्भिगंधे दुब्भिगंधे। एवं तित्ते जाव महुरे । एवं कक्खडे जाव लुक्खे | उदइए भावे उदइयस्स भावस्स भावओ तुल्ले, उदइए भावे उदइयभाववइरित्तस्स भावस्स भावओ नो तुल्ले । एवं उवसमिए खइए खयोवसमिए पारिणामिए, सन्निवातिए भावे सन्निवातियस्स भावस्स । से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चति 'भावतुल्लए, भावतुल्लए' । [सु. १०. संठाणतुल्लनिरूवणं] १०. से केणट्टे भंते! एवं वुच्चइ 'संठाणतुल्लए, संठाणतुल्लए' ? गोयमा ! परिमंडले संठाणे परिमंडलस्स संठाणस्स संठाणओ तुल्ले, परिमंडले संठाणे परिमंडलसंठारवतिरित्तस्स संठाणस्स संठारओ नो तुल्ले । एवं वट्टे तंसे चउरंसे आयए । समचउरंससंठाणे समचउरंस्स संठाणस्स संठाणओ तुल्ले, दमचउरंसे YOK DONO श्री आगमगुणमंजूषा - ४२६ Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ C%8乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐场 乐明明明明明明明明明明明 ROER05455555555555 (५) भगवई श. १४ उ - ७-८ (२१२] 555555555555FOxy संठाणे समचउरंससंठाणवतिरित्तस्स संठाणस्स संठाणओ नो तुल्ले । एवं परिमंडले वि। एवं जाव हुंडे । से तेणटेणं जाव संठाणतुल्लए, संठाणतुल्लए। [सु. ११. मूढस्स अमूढस्स य अणसणिअणगारस्स अज्झवसायं पडुच्च आहारनिरूवणं ]११. (१) भत्तपच्चक्खायए णं भंते ! अणगारे मुच्छिए जाव अज्झोववन्ने आहारमाहारेइ, अहे णं वीससाए कालं करेति ततो पच्छा अमुच्छिते अगिद्धे जाव अणज्झोववन्ने आहारमाहारेइ ? हंता, गोयमा ! भत्तपच्चक्खायए णं अणगारे तं चेव। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति 'भत्तपच्चक्खायए णं अण' तं चेव गोयमा ! भत्तपच्चक्खायए णं अणगारे मुच्छिए जाव अज्झोववन्ने आहारे भवइ, अहे णं वीससाए कालं करेइ तओ पच्छा अमुच्छिते जाव आहारे भवति । सेतेणतुणं गोयमा ! जाव आहारमाहारेति। [सु. १२. लवसत्तमदेवसरूवं] १२. (१) अत्थिणं भंते ! 'लवसत्तमा देवा, लवसत्तमा देवा' ? हंता, अत्थि। (२) से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'लवसत्तमा देवा, लवसत्तमा देवा' ? गोयमा ! से जहानामए केयि पुरिसे तरुणे जाव निउणसिप्पोवगए सालीण वा वीहीण व गोधूमाण वा जवाण वा जवजवाण वा पिक्काणं परियाताणं हरियाणं हरियकंडाणं तिक्खेणं णवपज्जणएणं असियएणं पडिसाहरिया पडिसाहरिया पडिसंखिविय पडिसंखिविय जाव 'इणामेव इणामेव' त्ति कट्ट सत्त लए लएज्जा, जति णं गोयमा ! तेसिं देवाणं एवतियं कालं आउए पहुप्पंते तो णं ते देवा तेणं चेव भवग्गहणेणं सिज्झंता जाव अंतं करेंता । सेतेणटेणं जाव लवसत्तमा देवा, लवसत्तमा देवा। [सु. १३-१४. अणुत्तरोववाइयदेवसरूवं ]१३. (१) अत्थि णं भंते ! अणुत्तरोववातिया देवा, अणुत्तरोववातिया देवा ? हंता, अत्थि। (२) से केणतुणं भंते ! एवं बुच्चति 'अणुत्तरोववातिया देवा, अणुत्तरो ववातिया देवा' ? गोयमा ! अणुत्तरोववातियाणं देवाणं अणुत्तरा सद्दा जाव अणुत्तरा फासा, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ अणुत्तरोववातिया देवा, अणुत्तरोववातिया देवा । १४. अणुत्तरोववातिया णं भंते ! देवा केवतिएणं कम्मावसेसेणं अणुत्तरोववातियदेवत्ताए उववन्ना ? गोयमा ! जावतियं छट्ठभत्तिए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेति एवतिएणं कम्मावसेसेणं अणुत्तरोववातिया देवा अणुत्तरोववातियदेवत्ताए उववन्ना । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। ॥१४.७||*** अट्ठमो उद्देसओ 'अंतरे'★★★सु.१-३. सत्तण्हं नरयपुढवीणं परोप्परं अंतरं] १. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए सक्करप्पभाए य पुढवीए केवतियं अबाहाए अंतरे पन्नत्ते ? गोयमा ! असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पन्नत्ते। २. सक्करप्पभाए णं भंते ! पुढवीए वालुयप्पभाएयपुढवीए केवतियं०? एवं चेव । ३. एवं जाव तमाए अहेसत्तमाए य। सु. ४. अहेसत्तमाए नरयपुढवीए अलोगस्स य अंतरं] ४. अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए अलोगस्स य केवतियं अबाहाए अंतरे पन्नत्ते ? गोयमा ! असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पन्नत्ते। [सु. ५. रयणप्पभाए नरयपुढवीए जोतिसस्स य अंतरं] ५. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए जोतिसस्स य केवतियं० पुच्छा ! गोयमा ! सत्तनउए जोयणसए अबाहाए अंतरे पन्नत्ते। [सु.६. जोतिसस्स सोहम्मीसाणाण य अंतरं] ६. जोतिसस्स णं भंते ! सोहम्मीसाणाण य कप्पाणं केवतियं० पुच्छा । गोयमा ! असंखेज्जाइं जोयणाई जाव अंतरे पन्नते। [सु. ७-१५. वेमाणियदेवलोगाणं परोप्परं अंतरं] ७. सोहम्मीसाणाणं भंते! सणंकुमार-माहिंदाण य केवतियं०? एवं चेव। ८. सणंकुमार-माहिंदाणं भंते ! बंभलोगस्स य कप्पस्स केवतियं०? एवं चेव । ९. बंभलोगस्स णं भंते ! लंतगस्स य कप्पस्स केवतियं० ? एवं चेव । १०. लंतयस्स णं भंते ! महासुक्कस्स य कप्पस्स केवतियं० ? एवं चेव । ११. एवं महासुक्कस्स सहस्सास्सय। १२. एवं सहस्सारस्स आणय -पाणयाण य कप्पाणं । १३. एवं आणय -पाणयाण आरणऽच्चुयाण य कप्पाणं । १४. एवं आरणऽच्चुताणं गेवेज्जविमाणाण य। १५. एवं गेवेज्जविमाणाणं अणुत्तरविमाणाण य । [सु. १६. अणुत्तरविमाणाणं ईसिपब्भाराए य पुढवीए अंतर १६. अणुत्तरविमाणाणं भंते! ईसिपब्भाराए य पुढवीए केवतिए० पुच्छा । गोयमा ! दुवालसजोयणे अबाहाए अंतरे पन्नत्ते। [सु. १७. ईसिपब्भाराए पुढवीए अलोगस्स य अंतरं ] १७. ईसिपब्भाराए णं भंते ! पुढवीए अलोगस्स य केवितिए अबाहाए० पुच्छा । गोयमा ! देसूणं जोयणं अबाहाए अंतरे पन्नत्ते । [सु. १८-२०. भगवंतपरूवियं फ़ सालरुक्ख-साललट्ठिया -उबरलट्ठियाणं दुभवंतरे मोक्खगमणं ] १८. (१) एस णं भंते ! सालरुक्खए उण्हाभिहते तण्हाभिहए दवग्गिजालाभिहए कालमासे GO$$$$$$纸斯班听听听听听听听听听听听乐乐乐听听听听听听听听乐乐步明$$乐听听听听听听乐乐乐% YO995 Me55555555555555555555555 श्री आगमगणमजष-19555555555555555555555555 Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3五五五五五五五五五五五五五五身 (५) भगवई श. १४ उ - ८-९ २१३] 听听听听听听听听听听听听听听听2O C%乐听听乐乐乐乐乐乐玩玩乐乐乐乐乐乐玩玩乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听O कालं किच्चा कहिं गच्छिहिति, कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! इहेव रायगिहे नगरे सालरुक्खत्ताए पच्चायाहिति । सेणं तत्थ अच्चियवंदियपूइयसकारियसम्माणिए दिव्वे सच्चे सच्चोवाए सन्निहियपाडिहेरे लाउल्लोइयमहिते यावि भविस्सइ। (२) से णं भंते ! तओहिंतो अणंतरं उव्वद्वित्ता कहिं गमिहिति ? कहिं उववज्जिहिति? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । १९. (१) एस णं भंते ! साललट्ठिया उण्हभिहया तण्हाभिहया दवग्गिजालाभिहया कालमासे जाव कहिं उववजिहिति ? गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे विझगिरिपायमूले महेसरीए नगरीए सामलिरुक्खत्ताए पच्चायाहिति । सा णं तत्थ अच्चियवंदियपूइय जाव लाउल्लोइयमहिया यावि भविस्सड। (२) से णं भंते ! तओहितो अणंतरं०, सेस जहा सालरुक्खस्स जाव अंतं काहिति।२०. (१) एस णं भंते ! उंबरलविया उण्हभिहया तण्हाभिहया दवग्गिजालाभिहया कालमासे कालं जाव कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे पाडलिपुत्ते नामं नगरे पाडिलिरुक्खत्तशए पच्चायाहिति । से णं तत्थ अच्चितवंदिय जाव भविस्सइ। (२) से णं भंते ! अणंतरं उव्वद्वित्ता०, सेसं तं चेव जाव अंतं काहिति। [सु. २१. भगवंतपरूवियं अम्मडपरिव्वायगस्स सत्तण्हं सिस्ससयाणं आराहगत्तं ] २१. तेणं कालेणं तेणं समएणं अम्मडस्स परिव्वायगस्स सत्त अंतेवासिसया गिम्हकालसमयंसि एवं जहा उववातिए जाव आराहगा। [सु. २२. भगवंतपरूवियं अम्मडपरिव्वायगस्स दुभवंतरे मोक्खगमणं ]२२. बहुजणे णं भंते ! अन्नमन्नस्स एवामाइक्खति ४-एवं खलु अम्मडे परिव्वाए कंपिल्लपुरे नगरे घरसते एवं जहा उववातिए अम्मडवत्तव्वया जाव दढप्पतिण्णे अंतं काहिति। [सु. २३. उदाहरणपुव्वयं देवाणं अव्वाबाहगत्तनिरूवणं ]२३. (१) अत्थि णं भंते ! अव्वाबाहा देवा, अव्वाबाहा देवा ? हंता अत्थि। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति 'अव्वाबाहा देवा, अव्वाबाहा देवा' ? गोयमा ! पभू णं एगमेगे अव्वाबाहे देवे एगमेगस्स पुरिसस्स एगमेगंसि अच्छिपत्तंसि दिव्वं देविड्डिं दिव्वं देवजुतिं दिव्वं देवाणुभागं दिव्वं बत्तीसतिविहं नट्टविहिं उवदंसेत्तए, णो चेव णं तस्स पुरिसस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएति, छविच्छेयं वा करेति, एसुहुमं च णं उवदंसेज्जा । से तेणद्वेणं जाव अव्वाबाहा देवा, अव्वाबाहा देवा। [सु.२४ सक्कदेविंदकए पुरिससीसच्छेयणाइम्मि वि पुरिसस्स अणाबाहाइनिरूवणं ]२४. (१) पभू णं भंते ! सक्के देविद देवराया पुरिसस्स सीसं सापाणिणा असिणा छिदित्ता कमंडलुम्मि पक्खिवित्तए ? हंता, पभू। (२) से कहमिदाणिं पकरेइ ? गोयमा ! छिदिया छिदिया व णं पक्खिवेज्जा, भिदिया भिदिया वणं पक्खिवेना, कुट्टिया कुट्टिया व णं पक्खिवेज्जा, चुणिया चुण्णिया व णं पक्खिवेज्जा, ततो पच्छा खिप्पामेव पडिसंघातेज्जा, नो चेवणं तस्स पुरिसस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएज्जा, छविच्छेयं पुण करेति, एसुहुमं च णं पक्खिवेज्जा। [सु. २५-२८. जंभयाणं देवाणं सरूवं भेया ठाणं ठिई य] २५.(१) अत्थि णं भंते ! जंभया देवा, जंभया देवा ? हंता, अत्थि। (२) से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ, 'जंभया देवा, जंभया देवा' ? गोयमा ! जंभगाणं देवा निच्चं पमुदितपक्कीलिया कंदप्परतिमोहणसीला, जेणं ते देवे कुद्धे पासेज्जा से णं महंतं अयसं पाउणेज्जा, जेणं ते देवे तुढे पासेज्जा से णं महंतं जसं पाउणेज्जा, सेतेणटेणं गोयमा ! 'जंभगा देवा, जंभगा देवा' । २६. कतिविहा णं भंते ! जंभगा देवा पन्नत्ता ? गोयमा ! दसविहा पन्नत्ता, तं जहा अन्नजंभगा, पाणजभगा, वत्थजंभगा, लेणजंभगा, सयणजंभगा, पुप्फजंभगा, फलजंभगा, पुप्फफलजंभगा, विज्जाजंभगा, अवियत्तिजंभगा । २७. जंभगा णं भंते ! देवा कहिं वसहिं उवेति ? गोयमा ! सव्वेसु चेव दीहवेयड्डेसु चित्तविचित्तजमगपव्वएसु कंचणपव्वएसु य, एत्थ णं जंभगा देवा वहिं उति । २८. जंभगाणं भंते ! देवाणं केवतियं कलं ठिती पन्नत्ता ? गोयमा ! एगं पलिओवमं ठिती पन्नत्ता । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विरहति । ।।१४.८|| * * नवमो उद्देसओ 'अणगारे'** [सु. १.. अप्पणो कम्मलेसं अजाणओ भावितप्पणो अणगारस्स सरीरिकम्मलेसाजाणणानिरूवणं ]१. अणगारे णं भंते ! भावियप्पा अप्पणो कम्मलेस्सं न जाणति, न फ पासति, तं पुण जीवं सरूविं सकम्मलेस्सं जाणइ, पासइ ? हंता, गोयमा ! अणगारे णं भावियप्पा अप्पणो जाव पासति । [सु. २-३. सकम्मलेस्साणं सरूवीणं पुग्गलाणं ओभासादिनिरूवणं ] २. अत्थि णं भंते ! सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासंति ४ ? हंता, अत्थि । ३. कयरे णं भंते ! सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला 乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听FC MOKO9555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा ४२८०55555555555555555555POK Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PORO555555555555555 (५) भगवई श.१४ उ.९-१० २१४] 历历历历%$$$$$$$ 20 2C%听听听听听听听乐乐乐乐乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐$$$$明與乐%9CM र ओभासंति जाव पभासेति ? गोयमा ! जाओ इमाओ चंदिम-सूरियाणं देवाणं विमाणेहिंतो लेस्साओ बहिया अभिनिस्सडाओ पभाति एए णं गोयमा ! ते सरूवी सकम्मलेस्सा पोग्गला ओभासें ति ४ । सु. ४-११. रमणिज्जारमणिज्ज - इट्ठाणिट्ठाइपोग्गले पडुच्च चउवीसइदंडएसु परू वणं ] ४. नेरतियाणं भंते ! किं अत्ता पोग्गला, अणत्ता पोग्गला ? गोयमा ! नो अत्ता पोग्गला, अणत्ता पोग्गला। ५. असुरकुमाराणं भंते ! किं अत्ता पोग्गला, अणत्ता पोग्गला? गोयमा ! अत्ता पोग्गेला, णो अणत्ता पोग्गला। ६. एवं जाव थणियकुमाराणं । ७. पुविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! अत्ता विपोग्गला, अणत्ता वि पोग्गला। ८. एवं जाव मणुस्साणं । ९. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं । १०. नेरतियाणं भंते ! किं इट्ठा पोग्गला, अणिट्ठा पोग्गला ? गोयमा ! नो इट्ठा पोग्गला, अणिट्ठा पोग्गला। ११. जहा अत्ता भणिया एवं इट्ठा वि, कंता वि, पिया वि, मणुन्ना वि भाणियव्वा । एए पंच दंडगा। [सु. १२. विउव्वियरूवसहस्सस्स महिड्डियस्स देवस्स भासासहस्सभासित्ताइपरूवणं] १२. (१) देवे णं भंते ! महिड्डीए जाव महेसक्खे रूवसहस्सं विउव्वित्ता पभू भासासहस्सं भासित्तए ? हंता, पभू। (२) सा णं भंते ! किं एगा भासा, भासासहस्सं ? गोयमा ! एगा णं सा भासा, णो खलु तं भासासहस्सं। [सु. १३-१६. सूरियस्स सरूव-अन्नयत्थ-पभा छाया-लेस्साणं सुभत्तनिरूवणं ] १३. तेणं कालेणं तेणं समएणं भगवं गोयमे अचिरुग्गतं बालसूरियं जासुमणाकुसुमपुंजप्पगासं लोहीतगं पासति, पासित्ता जातसड्ढे जाव समुप्पन्नकोउहल्ले जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता जाव नमंसित्ता जाव एवं वयासी किमिदं भंते ! सूरिए, किमिदं भंते ! सूरियस्स अट्ठे ? गोयमा ! सुभे सूरिए, सुभे सूरियस्स अट्ठे। १४. किमिदं भंते ! सूरिए, किमिदं भंते ! सूरियस्स पभा ? एवं चेव। १५. एवं छाया। १६. एवं लेस्सा। [सु. १७. विविहसामण्णपरियायसुहस्स विविहदेवसुहेण तुलणा] १७. जे इमे भंते ! अज्जत्ताए समणा निग्गंथा विहरंति एते णं कस्स तेयलेस्सं वीतीवयंति ? गोयमा ! मासपरियाए समणे निग्गंथे वाणमंतराणं देवाणं तेयलेस्सं वीतीवयति । दुमासपरियाए समणे निग्गंथे असुरिंदवज्जियाणं भवणवासीणं देवाणं तेयलेस्सं वीयीवयति । एवं एतेणं अभिलावेणं तिमासपरियाए समणे० असुरकुमाराणं देवाणं(?असुरिंदाणं) तेय० । चतुमासपरियाए स० गह-नक्खत्त-तारारूवाणं जोतिसियाणं देवाणं तेय० । पंचमासपरियाए स० चंदिम-सूरियाणं जोतिसिंदाणं जोतिसराईणं तेय० । छम्मासपरियाए स० सोधम्मीसाणाणं देवाणं० । सत्तमासपरियाए० सणंकुमार-महिंदाणं देवाणं० । अट्ठमासपरियाए बंभलोग-लंतगाणं देवाणं तेयले० । नवमासपरियाए समणे० महासुक्क-सहस्साराणं देवाणं तेय० । दसमासपरियाए सम० आणयपाणय-आरण-अच्चुयाणं देवाणं० । एक्कारसमासपरियाए० गेवेज्जगाणं देवाणं० । बारसमासपरियाए समणे निग्गंथे अणुत्तरोववातियाणं देवाणं तेयलेस्सं वीतीवयति । तेण परं सुक्के सुक्काभिजातिए भवित्ता ततो पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति ।। १४.९ ॥दसमो उद्देसओ 'केवली'**[सु. १-६. केवलि-सिद्धाणं छउमत्थआहोहिय-परमाहोहिय-केवलि-सिद्धविसयं समणानाणित्तनिरूवणं] १. केवली णं भंते ! छउमत्थं जाणति पासति ? हता, जाणति पासति । २. जहाणं भंते ! केवली छउमत्थं जाणति पासति तहा णं सिद्धे वि छउमत्थं जाणति पासति ? हंता, जाणति पासति । ३. केवली णं भंते ! आहोधियं जाणति पासति ? एवं चेव। ४. एवं परमाहोहियं । ५. एवं केवलिं। ६. एवं सिद्धं जाव, जहाणं भंते ! केवली सिद्धं जाणति पासति तहा णं सिद्धे वि सिद्धं जाणति पासति ? हंता, जाणति पासति। [सु.७-११. केवलि-सिद्धेसु अणुक्कमेण भासणाइ-उम्मेसाइ-आउट्टणाइ-ठाण-सेज्जा निसीहियाकरणविसए करणता-अकरणतानिरूवणं ] ७. केवली णं भंते ! भासेज्ज वा वागरेज वा ? हंता, भासेज वा वागरेज्न वा । ८. (१) जहा णं भंते ! केवली भासेज वा वागरेज्ज वा तहा णं सिद्धे वि भासेज वा वागरेज्ज वा ? नो तिणढे समढे। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ जहा णं केवली भासेज वा वागरेज्ज वा नो तहा णं भासेज वा वागरेज वा ? गोयमा ! केवली णं सउठ्ठाणे सकम्मे सबले सवीरिए सपुरिसक्कारपरक्कमे, सिद्धे णं अणुट्ठाणे जाव अपुरिसक्कार परक्कमे, से तेणतुणं जाव वागरेज्ज वा । ९. केवली णं भंते ! उम्मिसेज्ज वा निमिसेज्ज वा ? हंता, उम्मिसेज्ज वा निमिसेज वा, एवं चेव । १०. एवं आउट्टेज वा पसारेज्ज वा। ११. एवं ठाणं वा सेज वा निसीहियं वा चेएज्जा ॥ सु. १२-२४. के वलि-सिद्धाणं सत्तनरयपुढवि-कप्पवासि-कप्पातीयदेवलोयईसिब्भारपुढवि-परमाणुपोग्गल - Or05555 555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४२९55555555555555555555 HOOK G乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 听听听听听听听听听听听听听听听听F2 Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई रा. १४ उ १० / स. १५ उ १ [२१५] दुपएसियाइअणंतपएसियखंघसरूवविसयं समाणनाणित्तनिरूवणं ] १२. केवली णं भंते ! इमं रयणप्पभं पुढविं 'रयणप्पभपुढवी' ति जाणति पासति ? हंता, जाणति पासति । १३. जहा णं भंते! केवली इमं रयणप्पभं पुढविं 'रयणप्पभपुढवी' ति जाणति पासति तहा णं सिद्धे वि इमं रयणप्पभं पुढविं ‘रयणप्पभपुढवी’ति जाति पासति ? हंता, जाणति पासति । १४. केवली णं भंते! सक्करप्पभं पुढविं 'सक्करप्पभपुढवी 'ति जाणति पासति ? एवं चेव । १५. एवं जाव असत्तमा । १६. केवली णं भंते! सोहम्मं कप्पं 'सोहम्मकप्पे' ति जाणति पासति ? हंता, जाणति० एवं चेव । १७. एवं ईसाणं । १८. एवं जाव अच्चुयं । १९. केवली णं भंते ! गेवेज्जविमाणे' त्ति जाणति पासति ? एवं चेव । २०. एवं अणुत्तरविमाणे वि । २१. केवली णं भंते! ईसिपब्भारं पुढवि 'ईसीपब्भारपुढवी 'ति जाणति पासति ? एवं चेव । २२. केवली णं भंते ! परमाणुपोग्गलं 'परमाणुपोग्गले' त्ति जाणति पासति ? एवं चेव । २३. एवं दुपदेसिय खंधं । २४. एवं जाव जहा णं भंते! केवली अणतपदेसियं खंधं 'अणतपदेसिए खंधे' त्ति जाणति पासति तहा णं सिद्धे वि अणतपदेसियं जाव पासति ? हंता, जाणति पासति । सेवं भंते! सेवं भंते ! ति० । ।।१४.१०॥★★★ चोद्दसमं सयं समत्तं ॥ १४ ॥ पण्णरसमं सतं [सु. १. पण्णरसमसयस्स मंगलं ] १. नमो सुयदेवयाए भगवतीए। [सु. २-५. सावत्थीनगरीवत्थव्वहालाहलानामकुंभकारीए कुंभारावणे मंखलिपुत्तस्स गोसालस्स निवासो ] २. तेणं कालेणं तेणं समयेणं सावत्थी नामं नगरी होत्था । वण्णओ । ३. तीसे णं सावत्थीए नगरीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए, एत्थ णं कोट्ठए नामं चेतिए होत्था । वण्णओ । ४. तत्थ णं सावत्थीए नगरीए हालाहला नाम कुंभकारी आजीविओवासियां परिवसति, अड्डा जाव अपरिभूया आजीवियसमयंसि लट्ठा गहितट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अट्ठिमिंजपेम्माणगरागरत्ता 'अयमाउसो ! आजीवियसमये अट्ठे, अयं परमट्ठे, सेसं अणट्ठे त्ति आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणी विहरति । ५. तेणं कालेणं तेणं समय णं भोसाले मंखलिपुत्ते चतुवीसवासपरियाए हालहलाए कुंभकारीए कुंभारावणंसि आजीवियसंघसंपरिवुडे आजीवियसमयेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरति । [ सु. ६ ९. गोसालयसमीवागयछद्दिसाचररचितनिमित्तादिसत्थावलोयणेण गोसालस्स अप्पणो जिणादिरूवेण पयासणं ] ६. तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अन्नदा कदायि इमे छद्दिसाचरा अंतियं पादुब्भवित्था, तं जहा सोणे कणंदे कणियारे अच्छिद्दे अग्निवेसायणे अज्जुणे मोयमपुत्ते । ७. तए णं ते छद्दिसाचरा अट्ठविहं पुव्वगयं मग्गदसमं सएहिं सएहिं मतिदंसणेहिं निज्जूहंति, स० निज्जूहित्ता गोसालं मंखलिपुत्तं उवट्टाइंसु । ८. तए णं से गोसाळे मंखलिपुत्ते तेणं असँगस्स महानिमित्त्स केणइ उल्लोयमेत्तेण सव्वेसिं पाणाणं सव्वेसिं भूयाणं सव्वेसिं जीवाणं सव्वेसि सत्ताणं इमाई छ अतिकमणिज्जाई वागरणाई वागरेति, तं जहा लाभं अलाभं सुहं दुक्खं जीवितं मरणं तहा । ९. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते तेणं अट्ठमस्स महानिमित्तस्स केाइ उल्लोयमेत्तेणं उल्लोयमेत्तेणं सावत्थीए नगरीए अजि जिणप्पलावी, अणरहा अरहप्पलावी, अकेवली केवलिप्पलावी, असव्वण्णू सव्वण्णुप्पलावी, अजिये जिणसद्दं पगासेमाणे विहरति । [सु. १०-१३. सावत्थीनगरीवत्थव्वजणपरूवियगोसालगसव्वण्णुत्तणवत्तंतसवणाणंतरं गोयमस्स भगवंतं पइ गोसालचस्यिजाणणत्थं पत्थणा] १०. तए णं सावत्थीए नगरीए सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति जाव एवं परूवेति एवं खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिष्णप्पलाबी जाव पकामाणे विहरति, से कहमेयं मन्ने एवं ? ११. तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे । जाव परिसा पडिगता । १२. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स जे अंतेवरसी इंदभूतीणामं अणगारे मोयमे गोत्तेणं जाव छद्वंछद्वेणं एवं जहा बितियसए नियंठुद्देसए (स० २ उ० ५ सु० २१-२४) जाव अडमाणे बहुजणसद्दं निसामेइ “बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति ४ एवं खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव पकासेमाणे विहरइ । से कहमेयं मन्ने एवं ?” । १३. तए णं भगवं गोयमे बहुजणस्स अंतियं एयमहं सोच्चा निसम्म जायसढे जाव भत्त -पाणं पडिदंसेति जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी एवं खलु अहं भंते १०, तं चैव जाव जिणसद्दं पगासेमाणे विहरइ, से कहमेतं भंते ! एवं ? तं इच्छामि णं भंते! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स उद्वाणपारियाणिय परिकहियं । [सु. १४-५८. भगवया परूविओ गोसलगचरियपुव्वभागो सु. १४. मंखलिमंखस्स भद्दाए भारियाए गुव्विणित्तं ] १४. 'गोतमा ! 'दी समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं ॐ श्री आयमगुणमंजूषा - ४३० Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ CGKO (५) भगवई श. १५ [२१६] वयासी - जंणं गोयमा ! से बहुजणे अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति ४' एवं खलु गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरति' तं णं मिच्छा, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि एवं खलु एयस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स मंखली णामं मंखे पिता होत्था । तस्स णं मंखलिस्स मंखस्स भद्दा नामं भरिया होत्या, सुकुमाल० जाव पडिरूवा । तए णं सा भद्दा भारिया अन्नदा कदायि गुव्विणी यावि होत्था । [सु. १५-१७. सरवणसन्निवेसे गोबहुलमाहणस्स गोसालाए मंखलि-भद्दाणं निवासो १५. तेणं कालेणं तेणं समएणं सरवणे नामं सन्निवेसे होत्था, रिद्धत्थिमिय जाव सन्निभप्पगासे पासादीए ४ । १६. तत्थ णं सरवणे सन्निवेसे गोबहुले नामं माहणे परिवसति अड्डे जाव अपरिभूते रिव्वद जाव सुपरिनिट्ठिए यावि होत्था । तस्स णं गोबहुलस्स माहणस्स गोसाला यावि होत्था । १७. तए णं से मंखली मंखे अन्नदा कदायि भद्दाए भारियाए गुव्विणीए सद्धिं चित्तफलगहत्थगए मंखत्तणेणं अप्पाणं भावेमाणे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्म जेणेव सरवणे सन्निवेसे जेणेव गोबहुलस्स माहणस्स गोसाला तेणेव उवागच्छति, उवा० २ गोबहुलस्स माहणस्स गोसालाए एगदेसंसि भंडानिक्खेवं करेति, भंडा० क० २ सरवणे सन्निवेसे उच्च-नीय-मज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे वसहीए करेमाणे अन्नत्थ वसहिं अलभमाणे तस्सेव गोबहुलस्स माहणस्स गोसालाए एगदेसंसि वासावासं उवागए ।[ सु. १८-१९. पुत्तजम्माणंतरं मंखलि-भद्दाहिं पुत्तस्स गोसालनामकरणं ]१८. तए णं सा भद्दा भारिया नवहं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्टमाण य रातिदियाणं वीतिक्कंताणं सुकुमाल जाव पडिरूवं दारगं पयाता । १९. तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे वतिक्कं जाव बारसाहदिवसे अयमेतारूवं गोण्णं गूणनिप्फन्नं नामधेज्जं करेति जम्हा णं अम्हं इमे दारए गोबहुलस्स माहरस्स गोसालाए जाए तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स नामधेज्जं 'गोसाले, गोसाले' त्ति । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेज्जं करेति 'गोसाले' त्ति । [ सु. २०. पत्तजोव्वणस्स गोसालगस्स मंखत्तणेणं विहरणं ]२०. तए णं से गोसाले दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णयपरिणतमेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते सयमेव पाडिएक्कं चित्तफलगं करेति, सय० क० २ चित्तफलगहत्थगए मंखत्तणेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरति । [ सु. २१-२२. पव्वइयस्स भगवओ महावीरस्स अट्ठियगामवासानिवासाणं तरं रायगिहनगरनालंदाबाहिरियतंतुसालए आगमणं ] २१. तेणं कालेणं तेणं समएणं अहं गोयमा ! तीसं वासाई अगारवासमज्झे वसित्ता अम्मा-पितीहिं देवत्ते गतेहिं एवं जहा भाववाए जाव एगं देवदूसमुपादाय मुंडे भवित्ता अगारातो अणगारियं पव्वइए । २२. तए णं अहं गोतमा ! पढमं वासं अद्धमासं अद्धमासेणं खममाणे अट्ठियगामं निस्साए पढमं अंतरवासं वासासं उवागते। दोच्चं वासं मासंमासेणं खममाणे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामंते दूइज्जमाणे जेणेव रायगिहे नगरे जेणेव नालंदा बाहिरिया जेणे तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छामि, ते० उवा० २ अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हामि, अहा० ओ० २ तंतुवायसालए एगदेसंसि वासावासं उवागते । तए णं अहं गोतमा ! पढमं मासक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि । [सु. २३. गोसालगस्स वि रायगिहनगरनालंदाबाहिरियतंतुसालए आगमणं ] २३. तणं से गोसाले मंखलिपुत्ते चित्तफलगहत्थगए मंखत्तणेण अप्पाणं भावेमाणे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे जाव दूइज्जमाणे जेणेव रायगिहे नगरे जेणेव नालंदा बाहिरिया जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छति, ते० उवा० २ तंतुवायसालाए एगदेसंसि भंडानिक्खेवं करेइ, भंडा० क० २ रायगिहे नगरे उच्च-नीय जाव अन्नत्थ कत्थि सहिं अलभमाणे तीसे व तंतुवायसालाए एगदेसंसि वासावासं उवागते जत्थेव णं अहं गोयमा ! । [सु. २४-२७. रायगिहे विजयगाहावइगिहे भगवओ पढममासक्खमणपारणयं, पंचदिव्वपाउब्भवो, नगरजणकओ य विजयगाहावइस्स धन्नवाओ ] २४. तए णं अहं गोयमा ! पढममासक्खमणपारणगंसि तंतुवायसालाओ पडिनिक्खमामि, ते० उवा० २ रायगिहे नगरे उच्च-नीय जाव अडमाणे विजयस्स गाहावतिस्स गिहं अणुप्पविट्ठे । २५. तए णं से विजये गाहावती ममं एज्नमाणं पासति, पा० २ अट्टतुट्ठ० खिप्पामेव आसणाओ अब्भुट्ठेति खि० अ० २ पादपीढाओ पच्चोरुभति, पाद० प० २ पाउयाओ ओमुयइ, पा० ओ० २ एगसाडियं उत्तरासंगं करेति, एग० क० २ अंजलिमउलियहत्थे ममं सत्तट्ठपयाइं अणुगच्छति, अ० २ ममं तिक्खुत्तो आदाहिणपदाहिणं करेति, क० २ ममं वंदति नमंसति, ममं व० २ ममं विउलेणं असण- पाण- खाइम साइमेणं 'पडिलाभेस्सामि' त्ति कट्टु तुट्ठे, पडिलाभेमाणे वि तुट्ठे, पडिलाभिते वि तुट्ठे । २६. तए णं तस्स विजयस्स ROA Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 这四项项历历步步步勇$$$$$明 (५) भगवई स.१५ (२१७] 历历历历万岁万岁万岁万历FORCE गाहावतिस्स तेणं दव्वसुद्धेणं दायगसुद्धेणं पडिगाहगसुद्धेणं तिविहेणं तिकरणसुद्धेणं दाणेणं मए पडिलाभिए समाणे देवाउए निपद्धे, संसारे परित्तीकते, गिहंसिय से इमाइं पंच दिव्वाइं पादुब्भूयाइं, तं जहा-वसुधारा वुठ्ठा १, दसद्धवण्णे कुसुमे निवातिते २, चेलुक्खेवे कए ३, आहयाओ देवदुंदुभीओ४, अंतरा वि यणं आगासे 'अहो ! दाणे, अहो ! दाणे' त्ति घुढे ५ । २७. तए णं रायगिहे नगरे सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति जाव एवं परूवेति धन्ने णं देवाणुप्पिया ! विजये गाहावती, कतत्थे णं देवाणुप्पिया ! विजये गाहावती, कयपुन्ने णं देवाणुप्पिया ! विजये गाहावती, कयलक्खणे णं देवाणुप्पिया ! विजये गाहावती, कया णं लोया देवाणुप्पिया ! विजयस्स गाहावतिस्स, सुलद्धे णं देवाणुप्पिया ! माणुस्सए जम्मजीविफले विजयस्स गाहावतिस्स, जस्स णं गिहंसि कहारूवे साधू साधुरूवे पडिलाभिए समाणे इमाइं पंच दिव्वाइं पादुब्भूयाई, तं जहा वसुधरा वुट्ठा जाव अहो दाणे घुढे । तं धन्ने कयत्थे कयपुण्णे कयक्खणे, कया णं लोया, सुलद्धे माणुस्सए जम्मजीविफले विजयस्स गाहावतिस्स, विजयस्स गाहावतिस्स । [ सु. २८-२९. भगवओ अतिसएण सिस्सभावं निवेयगं गोसालं पइ भगवओ उदासीणया ]२८. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते बहुजणस्स अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म समुप्पन्नसंसए समुप्पन्नेकोउहल्ले जेणेव विजयस्स गाहावतिस्स गिहे तेणेव उवागच्छति, ते० उवा०२ पासति विजयस्स गाहावतिस्स गिहंसि वसुधारं वुटुं, दसद्धवण्णं कुसुमं निवडियं । ममं च णं विजयस्स गाहावतिस्स गिहाओ पडिनिक्खममाणं पासति, पासित्ता अट्टतुट्ठ० जेणेव ममं अंतियं तेणेव उवागच्छति, उवा०२ ममं तिक्खुत्तो आदाहिणपदाहिणं करेति, क०२ ममं वंदति नमसति, वं०२ ममं एवं वयासी तुब्भे णं भंते ! ममं धम्मायरिया, अहं णं तुब्भं धम्मंतेवासी । २९. तए णं अहं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयम8 नो आढामि, नो परिजाणामि, तुसिणीए संचिट्ठामि । [ सु. ३०-३९. रायगिहे आणंदगाहावति-सुणंदगाहावतिगिहे भगवओ पढमपारणयअतिसयसहियं अणुक्कमेण दोच्चतच्चमासक्खमणपारणयं कोल्लागसन्निवेसे य बहुलमाहणगिहे चउत्थमासक्खमणपारणयं] ३०. तएणं अहं गोयमा ! रायगिहाओ नगराओ पडिनिक्खमामि, प० २णालंद बाहिरियं मज्झंमज्झेणं जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छामि, उवा० २ दोच्चं मासक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि । ३१. तए णं अहं गोयमा ! दोच्चमासक्खमणपारणगंसि तंतुवायसालाओ पडिनिक्खमामि, तं०प०२ नालंदं बाहिरियं मज्झमज्झेणं जेणेव रायगिहे नगरे जाव अडमाणे आणंदस्स गाहावतिस्स गिहं अणुप्पविढे । ३२. तए णं से आणंदे गाहावती ममं एज्जमाणं पासति, एवं जहेव विजयस्स, नवरं ममं विउलाए खज्जगविहीए ‘पडिलाभेस्सामी' ति तुटे। सेसं तं चेव जाव तच्चं मासक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि । ३३. तए णं अहं गोतमा ! तच्चमासक्खमणपारणगंसि तंतुवायसालाओ पडिनिक्खमामि, तं० प०२ तहेव जाव अडमाणे सुणंदस्स गाहावतिस्स गिहं अणुपविढे । ३४. तए णं से सुणंदे गाहावती०, एवं जहेव विजए गाहावती, नवरं मम सव्वकामगुणिएणं भोयणेणं पडिलाभेति । सेसं तं चेव जाव चउत्थं मासक्खमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि । ३५. तीसे णं नालंदाए बाहिरियाए अदूरसामंते एत्थ णं कोल्लाए नामं सन्निवेसे होत्था। सन्निवेसवण्णओ। ३६. तत्थ णं कोल्लाए सन्निवेसे बहुले नामं माहणे परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए रिव्वेद जाव सुपरिनिट्ठिए यावि होत्था। ३७. तए णं से बहुले माहणे कत्तियचातुम्मासियपाडिवगंसि विउलेणं महु-घयसंजुत्तेणं परमन्नेणं माहणे आयामेत्था । ३८. तए णं अहं गोयमा ! चउत्थमासक्खमणपारणगंसि तंतुवायसालाओ पडिनिक्खमामि, तं० प० २ णालंदै बाहिरियं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छामि, नि० २ जेणेव कोल्लाए सन्निवेसे तेणेव उवागच्छामि, ते० उ०२ कोल्लाए सन्निवेसे उच्च-नीय जाव अडमाणे बहुलस्स माहणस्स गिहं अणुप्पवितु । ३९. तए णं से बहुले माहणे ममं एज्जमाणं तहेव जाव ममं विउलेणं महुघयसंजुत्तेणं परमन्नेणं 'पडिलाभेस्सामी' ति तुटे। ससे जहा विजयस्स जाव बहुलस्स माहणस्स, बहुलस्स माहणस्स। [सु. ४०-४२. रायगिहे भगवंतं गवेसमाणस्स - गोसालगस्स भगवंतपवित्तिजाणणत्थं मंखदिक्खाचापुव्वयं कोल्लागसन्निवेसगमणं भगवओ समीवमागमणं च ] ४०. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं तंतुवायसालाए अपासमाणे रायगिहे नगरे सम्भंतरबाहिरिए ममं सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ । ममं कत्थति सुतिं वा खुति वा पवत्तिं वा अलभमाणे जेणेव तंतुवायसाला तेणेव उवागच्छति, उवा० साडियाओ य पाडियाओ य कुंडियाओ य पाहणाओ य चित्तफलगं च माहणे आयामेति, आ० २ सउत्तरोढुं भंडं कारेति, Mos$555555FFFFFFश्री आगमगुणमजूषा - ४३२555555555555555555OOK FOR9555555555555555555555555555555555555555555 9乐乐所乐于听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐明明明明明明明明明明明乐听听听听乐明FOTO Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PORN55555555 (५) भगवई श.१५ [२१८] 155555555555%8%SEXog र स० का०२ तंतुवायसालाओ पडिनिक्खमति, तं०प०२णालंदं बाहिरियं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छति, नि०२ जेणेव कोल्लागसन्निवेसे तेणेव उवागच्छइ। ४१. तए णं तस्स कोल्लागस्स सन्निवेसस्स बहिया बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खति जाव परूवेति दन्ने णं देवाणुप्पिया.! बहुले माहणे, तं चेव जाव जीवियफले बहुलस्स माहणस्स, बहुलस्स माहणस्स । ४२. तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स बहुजणस्स अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्म अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था जारिसिया णं ममं धम्मायरिस्स धम्मोवदेसगस्स समणस्स भगवतो महावीरस्स इड्डी जुती जसे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे लद्धे पत्ते अभिसमन्नगए नो खलु अत्थि तारिसिया अन्नस्स कस्सइ तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा इड्डी जुती जाव परकम्मे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागते, तं निस्संदिद्धं णं 'एत्थं ममं धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे भगवं महावीरे भविस्सति' त्ति कटु कोल्लाए सन्निवेसे सब्भिंतर बाहिरिए ममं सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेति । ममं सव्वओ जाव करेमाणे कोल्लागस्स सन्निवेसस्स बहिया पणियभूमीए मम सद्धिं अभिसमन्नागए। [सु. ४३-४४. गोसालगस्स सिस्सत्तपडिवत्तिपत्थणाए भगवओ अणुमई] ४३. तए णं से गोसाळे मंखलिपुत्ते हट्ठतुट्ठ० ममं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं जाव नमंसित्ता एवं वदासी 'तुब्भे णं भंते ! मम धम्मायरिया, अहं णं तुब्भं अंतेवासी। ४४. तए णं अहं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयमढें पडिसुणेमि। [सु. ४५. गोसालगेण सद्धिं भगवओ कोल्लागसन्निवेसपणियभूमीए वरिसछक्कं अवत्थाणं] ४५. तए णं अहं गोयमा ! गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं सद्धिं पणियभूमीए छव्वासाइ लाभ अलाभं सुखं दुक्खं सक्रमसक्कारं पच्चणुभवमाणे अणिच्चजागरियं विहरित्था। [सु. ४६-४७. सिद्धत्थगाम-कुम्मगामंतरमग्गे भगवओ तिलथंभयनिष्फत्तिपण्हुत्तरं पइ गोसालस्स असद्दहणा, गोसालकयं तिलथंभयउप्पाडणं, दिव्ववरिसाए तिलथंभयनिप्फत्ती य] ४६. तएणं अहं गोयमा ! अन्नदा कदायि पढमसरदकालसमयंसि अप्पवुट्टिकायंसिगोसालेणं मंखलिपुत्तेणं म सद्धि सिद्धत्थगामाओ नगराओ कुम्मग्गामं नगरं संपट्ठिए विहाराए। तस्स णं सिद्धत्थग्गामस्स नगरस्स कुम्मग्गास्स नगरस्स य अंतरा एत्थ णं महं एगे तिलर्थभए पत्तिए पुप्फिए हरियगरेरिज्जमाणे सिरीए अतीव अतीव उवसोभेमाणे उवसोभेमाणे चिट्ठति । तएणं से गोसाले मंखलिपुत्ते तं तिलथंभगं पासति, पा०२ ममं वंदति नमंसति, वं० २ एवं वदासी एस णं भंते ! तिलथंभए किं निप्फज्जिस्सति, नो निप्फज्जिस्सति ? एते य सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दाइत्ता कहिं गच्छिहिति ? कहिं उववन्जिहिति? तएणं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी गोसाला ! एसणं तिलथंभए निप्फज्जिस्सति, नो न निप्फज्जिस्सइ, एए य सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दाइत्ता उद्दाइत्ता एयस्स चेव तिलयंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चाइस्संति। ४७. तएणं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवं आइक्खमाणस्स एयमद्वं नो सद्दहति, नो पत्तियति, नोरोएइ, एतम४ असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे ममं पणिहाए 'अयं णं मिच्छावादी भवतु'त्ति कट्ट ममं अंतियाओ सणियं सणियं पच्चोसक्कइ, स०प०२ जेणेव से तिलथंभए तेणेव उवागच्छति, उ०२ तं तिलथंभगं सलेलुयायं चेव उप्पाडेइ, उ०२ एगते एडेति, तक्खणमेत्तं च णं गोयमा ! दिव्वे अब्भवद्दलए पाउन्भूए। तएणं से दिव्वे अब्भवद्दलए खिप्पामेव पतणतणाति, खिप्पा०प०२ खिप्पामेव पविजुयाति, खि०प०२ खिप्पामेव नच्चोदगं नातिमट्टियं पविरलपप्फुसियं रयरेणुविणासणं दिव्वं सलिलोदगं वासं वासति जेणं से तिलथंभए आसत्थे पच्चायाते बद्धमूले तत्थेव पतिट्ठिए। ते य सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दाइत्ता उद्दाइत्ता तस्सेव तिलथंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चायाता। [सु. ४८-५२. कुम्मगामबहिभागे वेसियायणनामबालतवस्सिस्स गोसालकओ * उवहासो, गोसालस्सेवरिं वेसियायणविमुक्कउसिणतेयस्स भगवया नियसीयतेएण उवसमणं, वसियायणकयं भगवंतपभावावगमनिरूवणं च ]४८. तए णं अहं गोयमा ! गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं सद्धिं जेणेव कुम्मग्गामे नगरे तेणेव उवागच्छामि। ४९. तएणं तस्स कुम्मग्गामस्स नगरस्स बहिया वेसियायणे नामं बालतवस्सी छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उर्दु बाहाओ पगिज्झिया पगिज्झिया सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे विहरति, आदिच्चतेयतवियाओ य से छप्पदाओ सव्वओ समंता अभिनिस्सवंति, पाण-भूय-जीव-सत्तदयट्ठयाए च णं पडियाओ पडियाओ तत्थेव तत्थेव भुज्जो भुज्जो पच्चोरुभेति । ५०. तए णं से गोसाले २ मंखलिपुत्ते वेसियायणं बालतवस्सिं पासति, पा०२ ममं अंतियाओ सणियं सणियं पच्चोसक्कति, मम०प०२ जेणेव वेसियायणे बालतवस्सी तेणेव उवागच्छति, KO F FFFFFFFFFFFF$ श्री आगमगुणमंजूषा - ४३३ $$$$$$$$$$$$$$5AOOK MOTOSFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFF5F5F5FHFFF味あああああSSSSSION 明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听国乐坊乐乐坊乐乐乐乐恩 Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RO955555555555555 (५) भगवई श. १५ २१९] 55555555555555STOR 105 MOTO乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 明明明明明明明明明明明明明 र उवा० २ वेसियायणं बालतवस्सिं एवं वयासी किं भवं मुणी मुणिए ? उदाहु जूयासेज्जायरए ? तए णंसे वेसियायणे बालतवस्सी गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एयमढे णो आढाति नो परिजाणति, तुसिणीए संचिट्ठति । तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते वेसियायणं बालतवस्सिं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयासी किं भवं मुणी के मुणिए जाव सेज्जायरए ? तए णं से वेसियायणे बालतबस्सी गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं दोच्चं पि एवं वृत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे आयावणभूमीओ पच्चोरुभति, आयावण० प० २ तेयासमुग्घाएणं समोहन्नति ते० स०२ सत्तट्ठपयाई पच्चोसक्कति, स०प०२ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स वहाए सरीरगंसि तेयं निसिरति । ५१. तए णं अहं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अणुकंपणट्टयाए वेसियायणस्स बालतवस्सिस्स तेयपडिसाहरणट्ठयाए एत्थ णं अंतरा सीयलियं तेयलेस्सं निसिरामि, जाए सा ममं सीयलियाए तेयलेस्साए वेसियायणस्स बालतवस्सिस्स उसुणा तेयलेस्सा पडिहया। ५२. तए णं से वेसियायणे बालतवस्सी ममं सीयलियाए तेयलेस्साए साउसुणं तेयलेस्सं पडिहयं जाणित्ता गोसालस्स य मंखलिपुत्तस्स सरीरगस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा छविच्छेदं वा अकीरमाणं पासित्ता साअं उसुणं तेयलेस्सं पडिसाहरति, साउसुणं तेयलेस्सं पडिसाहरित्ता ममं एवं वयासी से गतमेयं भगवं !, गतगेतमयं भगवं !। सु. ५३. अणवगयवेसियायणवत्तव्वं गोसालं पइ भगवओ सम्भावकहणं] ५३. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवं वयासी किंणं भंते ! एस जयासेज्जायरए तुब्भे एवं वदासी 'से गयमेतं भगवं ! गयगयमेतं भगवं!' ? तएणं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वदामि "तुमं णं गोसाला ! वेसियायणं बालतवस्सिं पाससि, पा०२ ममं अंतियातो सणियं सणियं पच्चोसक्कसि, प०२ जेणेव वेसियायणे बालतवस्सी तेणेव उवागच्छसि, ते उ०२ वेसियायणं बालतवस्सिं एवं वयासी-किं # भवं मुणी मुणिए ? उदाहु जूयासेज्जायरए ? तए णं से वेसियायणे बालतवस्सी तव एयमद्वं नो आढाति, नो परिजाणति, तुसिणीए संचिट्ठति । तए णं तुमं गोसाला! वेसियायणं बालतवस्सिं दोच्चं पि तच्चं पिए वं वयासी किं भवं मुणी सेज्जायरए ? तए णं से वेसियायणे बालतवस्सी तुमं(?मे) दोच्चं पि तच्चं पि एवं वुत्ते समाणे आसुरुते जाव पच्चोसक्कति, प० २ तव वहाए सरीरगंसि तेयं निसिरति । तए णं अहं गोसाला ! तव अणुकंपणट्ठताए वेसियायणस्स बालतवस्सिस्स उसिणतेयपडिसाहरणट्ठयाए एत्थ णं अंतरा सीयलियं तेयलेस्सं निसिरामि जाव पडिहयं जाणित्ता तव य.सरीरगस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा छविच्छेदं वा अकीरमाणं पासित्ता सायं उसुणं तेयलेस्सं पडिसाहरति, सायं० प०२ ममं एवं वयासी से गयमेयं भगवं!, गयगयमेयं भगवं!"| सु. ५४. गोसालकयपण्हत्तरे भगवओतेयलेस्सासरूवकहणं] ५४. तएणं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं अंतियाओ एयम8 सोच्चा निसम्म भीए जाव संजायभये ममं वंदति नमसति, ममं वं०२ एवं वयासी कहं णं भंते ! संखित्तविउलतेयलेस्से भवति ? तए णं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयामि जेणं गोसाला ! एगाए सणहाए कुम्मासपिडियाए एगेण य वियडासएणं छटुंछद्रेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उर्ल्ड बाहाओ पगिज्झिय पगिज्झिय जाव विहरइ सेणं अंतो छण्हं मासाणं संखित्तविउलतेयलेस्से भवति। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एयमटुं सम्मं विणएणं पडिस्सुणेति। [सु.५५-५८.कुम्मगाम-सिद्धत्थगामंतरमग्गविहरणे तिलथंभयनिप्फत्ति-दसणाणंतर गोसालस्स पउट्टपरिहारवादित्तं, भगवओ समीवाओ अवक्कमणं, छद्दिसाचरसंपक्को य] ५५. तए णं अहं गोयमा ! अन्नदा कदायि गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं सद्धिं कुम्मग्गामाओ नगराओ सिद्धत्थग्गामं नगरं संपत्थिए विहाराए। जाहे य मो तं देसं हव्वमागया जत्थ णं से तिलथंभए । तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवं वदासि "तुब्भे णं भंते । तदा ममं एवं आइक्खह जाव परूवेह 'गोसाला ! एस णं तिलथंभए निप्फज्जिस्सति, नो न निप्फ०, तं चेव जाव पच्चायाइस्संति तं णं मिच्छा, इमं णं पच्चक्खमेव दीसति ‘एसणं से तिलथंभए णो निप्फन्ने, अनिप्फन्नमेव; ते य सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दाइत्ता उद्दाइत्ता नो एयस्स चेव तिलथंगस्सएगाए तिलसंगलियाए सल तिला पच्चायाता' । तए णं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वदामि "तुमं णं गोसाला ! तदा ममं एवं आइक्खमाणस्स जाव परूवेमाणस्स एयमद्वं नो म सद्दहसि, नो पत्तियसि, नो रोएसि, एयमढें असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे ममं पणिहाए 'अयं णं मिच्छावादी भवतु' त्ति कट्ट ममं अंतियाओ सणियं सणियं 2 पच्चोसक्कसि, प० २ जेणेव से तिलथंभए तेणेव उवागच्छसि, उ० २ जाव एगंतमंते एडेसि, तक्खणमेत्तं गोसाला ! दिव्वे अब्भवद्दलए पाउन्भूते । तए णं से दिव्वे Horo99 5 55555555555श्री आगमगुणमंजूषा - ४३४5555555# FOR 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听253 Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (K (५) भगवई रा. १५ [२२० ] अब्भवद्दलए खिप्पामेव०, तं चैव जाव तस्स चेव तिलथंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चायाया । तं एस णं गोसाला ! से तिलथंभए निप्फन्ने, णो अनफन्नमेव, ते सत्त तिलपुप्फजीवा उद्दाइत्ता उद्दाइत्ता एयस्स चेव तिलथंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चायाता । एवं खलु गोसाला ! वणस्सतिकाइया पट्टपरिहारं परिहरति । ५६. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवमाइक्खमाणस्स जाव परूवेमणस्स एयमहं नो सद्दहति ३ । एतमद्वं असद्दहमाणे जाव अरोयमाणे जेणेव से तिल भए तेणेव उवागच्छति, उ० २ ततो तिलथंभयाओ तं तिलसंगलियं खुडति खुडित्ता करतलंसि सत्त तिले पप्फोडेइ । तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स ते सत्ततिले गणेमाणस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु सव्वजीवा वि पउट्टपरिहारं परिहरंति' । एस णं गोयमा ! गोसालास्स मंखलिपुत्तस्स पउट्टे । एस णं गोयमा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स ममं अंतियाओ आयाए अवक्कमणे पन्नत्ते । ५७. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते एगाए सहाए कुम्मासपिंडियाए एगेण य वियडासएणं छट्ठछद्वेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्डुं बाहाओ पगिज्झिय जाव विहरइ । तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते अंतो छण्हं मासाणं संखित्तविउलतेयलेस्स; जाते । ५८. तए णं तस्स णं तस्स गोसालस्स मंखलियपुत्तस्स अन्नदा कदायि इमे छद्दिसाचरा अंतियं पादुब्भवित्था, तं जहा सोणे०, तं चैव सव्वं जाव अजिणे जिणसद्दं पगासेमाणे विहरति । तं नो खलु गोयमा ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे, जिणप्पलावी जाव जिणसद्दं पगासेमाणे विहरति । गोसाले णं मंखलिपुत्ते अजिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरति । सु. ५९. परिसापडिगमणं ५९. तए णं सा महतिमहालिया महच्चपरिसा जहा . सिवे (स० ११ उ०९ सु० २६) जाव पडिगया । [ सु. ६०-६१. भगवंतपरूवियं गोसालगअजिणत्तं निसम्म सामरिसस्स गोसालस्स कुंभकारावणावत्थाणं ] ६०. तणं सावत्थी नगरीए सिंघाडग जाव बहुजणो अन्नमन्नस्स जाव परूवेइ "जं णं देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरति तं मिच्छा, समणे भगवं महावीरे एवं आइक्खति जाव परूवेति 'एवं खलु तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स मंखली नामं मंखे पिता होत्था । तए णं तस्स मंखलिस्स०, एवं चैव सव्वं भाणितव्वं जाव अजिणे जिणसद्दं पकासेमाणे विहरति । तं नो खलु गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरति, गोसाले णं मंखलिपुत्ते अजिणे जिणप्पलावी जाव विहरति । समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसद्दं पगासेमाणे विहरति । ६१. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते बहुजणस्स अंतियं एयमहं सोच्चा निसम्म आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे आतावणभूमितो पच्चोरुभति, आ० प० २ सावत्थिं नगरिं मज्झंमज्झेणं जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे तेणेव उवागच्छइ, ते० उ० २ हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि आजीवियसंघसंपरिवुडे महत्ता अमरिसं वहमाणे एवं वा वि विहरति । [सु. ६२६५. गोयरचरियानिग्गयं आणंदथेरं पइ गोसालस्स अत्थलोभिवणिविणासदिट्टंतकहणपुव्वं भगवंतमरणपरूवणं ] ६२. तेणं कालेणं तेणं समयेणं समणस्स भगवतो महावीस्स अंतेवासी आणंदे नामं थेरे पगतिभद्दए जाव विणीए छट्ठछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति । तए णं से आणंदे थेरे छट्ठक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए एवं जहा गोयमसामी (स० २ उ०५ सु०२२-२४) तहेव आपुच्छइ, तहेव जाव उच्च-नीय-मज्झिम जाव अडमाणे . हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्सं अदूरसामंतेणं वीतीवयति । ६३. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आणंदे थेरं हालाहलाए कुंभकारीए कुंभारावणस् अदूरसामंतेणं वीतीवयमाणं पासति, पासित्ता एवं वयासी एहि ताव आणंदा ! इओ एवं महं ओवमियं निसामेहि । ६४. तए णं से आणंदे थेरे गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छति । ६५. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आणंद थेरे एवं वदासी एवं खलु आणंदा ! इतो चिरातीयाए अद्धाए केयी उच्चावया वणिया अत्थत्थी अत्थलुद्धा अत्थगवेसी अत्थकंखिया अत्यपिवासा अत्थगवेसणयाए नाणाविहउलपणिभंडमायाए सगडी- सागडेणं सुबहु भत्त - पाणपत्थयणं गहाय एवं महं अगामियं अणोहियं छिन्नावायं दीहमद्धं अडविं अणुप्पविट्ठा। तए णं तेसिं वणियाणं तीसे अकामियाए अणोहियाए छिन्नावायाए दीहमद्धाए अडवीए कंचि देसं अणुप्पत्ताणं समाणाणं से पुव्वगहिए उदए अणुपुव्वेणं परिभुज्जमाणे परिभुज्जमाणे झी । तते वणिया झीणोदगा समाणा तण्हाए परिब्भवमाणा अन्नमन्नं सद्दावेति, अन्न० स० २ एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमीसे अकामियाए श्री आगमगुणमंजूषा - ४३५ ॐ YO प्र Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १५ [२२१] 獨出現出與城城城用555。 जाव अडवीए कंचि देसं अणुप्पत्ताणं समाणाणं से पुव्वगहिते उदए अणुपुव्वेणं परिभुज्जमाणे परिभुज्जमाणे झीणे, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमीसे अकामियाए जाव अडवीए उदगस्स सव्वतो समंता मग्गणगवेसणं करेत्तए' त्ति कट्टु अन्नमन्नस्स अंतियं एयमहं पडिसुणेति, अन्न० पंडि० २ तीसे णं अगामियाए जाव अडवीए उदगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेति । उद्गस्स सव्वतो समंता मग्गणगवेसणं करेमाणा एवं महं वणसंडं आसादेति किण्हं किण्होभासं जाव निकुरुंबभूयं पासादीयं जाव पडिरूवं । तस्स णं वणसंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महेगं वम्मीयं आसादेति । तस्स णं वम्मीयस्स चत्तारि वप्पूओ अब्भुग्गयाओ अभिनिसढाओ, तिरियं सुसंपग्गहिताओ, अहे पन्नगद्धरूवाओ पन्नगद्धसंठाणसंठियाओ पासादीयाओ जाव पडिरूवाओ। तए णं ते वणिया हट्ठतुट्ठ० अन्नमन्नं सद्दावेति, अन्न० स० २ एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे इमीसे अकामियाए जाव सव्वतो समंता मग्गणगवेसणं करेमाणेहिं इमे वणसंडे आसादिते किण्हे किण्होभासे०. इमस्स णं वणसंडस्स बहुमज्झदेसभाए इमे वम्मीए आसादिए, इमस्स णं वम्मीयस्स चत्तारि वप्पूओ अब्भुग्गयाओ जाव पडिरूवाओ, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स पढमं वपुं भिदित्तए अवि या इंथ ओरालं उदगरयणं अस्सादेस्सामो' । तए णं ते वणिया अन्नमन्नस्स अंतियं एतमट्टं पडिस्सुणेति, अन्न० प० २ तस्स वम्मीयस्स पढमं वपुं भिंदंति, ते णं तत्थ अच्छं पत्थं जच्चं तणुयं फालियवण्णाभं ओरालं उदगरयणं आसादेति । तए णं ते वणिया हट्ठतुट्ठ० पाणियं पिबंति, पा० पि० २ वाहणाइं पज्जेति, वा० प० २ भायणाई भरेति, भा० भ० २ दोच्चं पि अन्नमन्नं एवं वदासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हेहिं इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वपूए भिन्नाए ओराले उदगरयणे अस्सादिए, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स दोच्चं पि वपुं भिदित्तए, अवि या इंथ ओरालं सुवण्णरयणं अस्सादेस्सामो । तए णं ते वणिया अन्नमन्नस्स अंतियं एयमद्वं पडिस्सुणेति, अन्न० प० २ तस्स वम्मीयस्स दोच्चं पि वपुं भिंदंति । ते णं तत्थ अच्छं जच्चं तावणिज्जं महत्थं महग्घं महरिहं ओरालं सुवण्णरयणं अस्सादेति । तए णं ते वणिया हट्ठतुट्ठ० भायणाई भरेति, भा० भ० २ पवहणाई भरेति, प० भ० २ तच्चं अन्नमन्नं एवं दासि एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वपूए मिन्नए ओराले उदगरयणे अस्सादिए, दोच्चाए वपूए मिन्नाए ओराले सुवण्णरयणे अस्सादिए तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स तच्चं पि वपुं भिदित्तए, अवि या इंथ ओरालं मणिरयणं अस्सादेस्सामो। तए णं ते वणिया अन्नमन्नस्स अंतियं एतमहं पडिसुर्णेति, अन्न० प० २ तस्स वम्मीयस्स तच्चं पि वपुं भिंदंति । ते णं तत्थ विमलं निम्मलं नित्तलं निक्कलं महत्थं महत्थं महग्घं महरिहं ओरालं मणिरयणं अस्सादेति । तए णं ते वणिया हट्ठतुट्ठ० भायाणाइं भरेति, भा० भ० २ पवहणाई भरेंति, प० भ० २ चउत्थं पि अन्नमन्नं एवं वदासी एवं खलु देवाप्पिया ! अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वपूए भिन्नाए ओराले उदगरयणे अस्सादिए, दोच्चाए वप्पूए भिन्नाए ओराले सुवण्णरयणे अस्सादिए, तच्चाए वपूए भिन्नाए ओराले मणिरयणे अस्सादिए, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमस्स वम्मीयस्स चउत्थं पि वपुं भित्तिए, अवि या इंथ उत्तमं महग्घं महरिहं ओरालं वइररतणं अस्सादेस्सामो । तए णं तेसिं वणियाणं एगे वणिए हियकामए सुहकामए पत्थकामए आणुकंपिए निस्सेसिए हिय- सुह-निस्सेसकामए ते वणिए एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे इमस्स वम्मीयस्स पढमाए वपूए भिन्नाए ओराले उदगरयणे जाव तच्चाए वपूए भिन्नाए ओराले मणिरयणे अस्सादिए, तं होउ अलाहि पज्जत्तं णे, एसा चउत्थी वपूमा भिज्जउ, चउत्थी णं वपू सउवसग्गा यावि होज्जा । तए णं ते वणिया तस्स वणियस्स हियकामगस्स सुहकाम० जाव हिय ० सुहनिस्सेसकामगस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव परूवेमाणस्स एतमहं नो सद्दहंति जाव नो रोयेति, एतमद्वं असद्दहमाणा जाव अरोयेमाणा तस्स वम्मीयस्स चउत्थं पि वपुं भिंदंति, ते णं तत्थ उग्गविसं चंडविसं घोरविसं महाविसं अतिकायमहाकायं मसि मूसाकालगं नयणविसरोसपुण्णं अंजणपुंजनिगरप्पगासं रत्तच्छं जमलजुवलचंचलचलचलंतजीहं धरणितलवेणिभूयं उक्कडफुडकु डिलजडु लकक्खड विकडफडाडोवकरणदच्छं लोहागरधम्ममाणधमघमें तघोसं अणागलियचंडतिव्वरोसं समुहिं तुरियं चवलं धमंतं दिट्ठीविसं सप्पं संघट्टेति । तए णं से दिट्ठीविसे सप्पे तेहिं वणिएहिं संघट्टिए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे सणियं सणियं उट्ठेति, उ० २ सरसरसरस्स वम्मीयस्स सिहरतलं द्रुहति, सर० द्रु० २ आदिच्वं णिज्झाति, आ० णि० २ ते वणिए अणिमिसाए दिट्ठीए सर० द्रु० २ श्री आगमगुणमंजूषा ४३६ ॐ Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NRO 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 (५) भगवई म. १५ [२२२] आदिच्वं णिज्झाति, आ० णि० २ ते वणिए अणिमिसाए दिट्ठीए सव्वतो समंता समभिलोएति । तए णं ते वणिया तेणं दिट्ठीविसेणं सप्पेणं अणिमिसाए दिट्ठीए सव्वओ समंता समभिलोइया समाणा खिप्पामेव सभंडमत्तोवगरणमाया एगाहच्चं कूडाहच्चं भासरासीकया यावि होत्था । तत्थ णं जे से वणिए तेसिं वणियाणं हियकामए जाव हिय- सुह- निस्सेसकामए से णं आणुकंपिताए देवयाए सभंडमत्तोवकरमायाए नियगं नगरं साहिए। "एवामेव आणंदा ! तव वि धम्मायरिएणं धम्मोवएसएणं समणेणं नायपुत्तेणं ओराले परियाए अस्सादिए, ओराला कित्ति-वण्ण- सह - सिलोगा सदेवमणुयासूरे लोए पुवंति गुवंति तुवंति 'इति खलु समणे भगवं महावीरे, इति खलु समणे भगवं महावीरे'। तं जदि मे से अज्न किंचि वदति तो णं तवेणं तेएण एगाहच्चं कूडाहच्चं भासरासिं करेमि जहा वा वालेणं ते वणिया । तुमं चणं आणंदा ! सारक्खामि संगोवामि जहा वा से वणिए तेसिं वणियाणं हितकामए जाव निस्सेसकामए आणुकंपियाए देवाए सभंडमत्तोवगरण० जाव साहिए। तं गच्छ णं तुमं आणंदा ! तव धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स समणस्स णातपुत्तस्स एयमद्वं परिकहेहि ।” [सु. ६६. गोसालकहियपच्चवायनिवेयणाणंतरं भगवंतमरणसंकियं आणंदथेरं पइ भगवओ गोसालवतेयसंबंधिसामत्थ - असामत्थपरूवणं, सव्वेसिं समाणाणं गोसालेण सद्धिं धम्मियचोयणाइअकरणादेसपेसणं च ] ६६. तए णं से आणंदे थेरे गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे भीए जाव संजायभये गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंतियाओ हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणाओ पडिनिक्खमति, प० २ सिग्धं तुरियं ५ सावत्थिं नगरिं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ, नि० २ जेणेव कोट्ठए चेतिए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेति, क० २ वंदति नम॑सति, वं० २ एवं वयासी "एवं खलु अहं भंते ! छट्ठक्खमणपारणगंसि तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे सावत्थीए नगरीए उच्च-नीय जाव अडमाणे हालाहलाए कुंभकारीए जाव वीयीवयामि । तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छामि। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते ममं एवं वयासी एवं खलु आणंदा ! इतो चिरातीआए अद्धाए केयि उच्चावया वणिया०, एवं तं चेव जाव सव्वं निरवसेसं भाणियव्वं जाव नियगनगरं साहिए। तं गच्छ णं तुमं आणंदा ! तव धम्मायरियस धम्मो० जाव परिकहेहि' । तं पभू णं भंते ! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं एगाहच्चं कूडाहच्चं भासरासि करेत्तए ? विसए णं भंते ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स जाव करेत्तए ? समत्थे णं भंते ! गोसाले जाव करेत्तए ?” “पभू णं आणंदा ! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं जाव करेत्तए, विसए णं आणंदा ! गोसालस्स जाव करेत्तए, समत्थे णं आणंदा ! गोसाले जाव करेत्तए । नो चेव णं अरहंते भगवंते, पारितावणियं पुण करेज्जा । जावतिए णं आणंदा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवतेए एत्तो अणंतगुणविसिट्ठयराए चेव तवतेए अणगाराणं भगवंताणं, खंतिखमा पुण अणगारा भगवंता । जावइए णं आणंदा ! अणगाराणं भगवंताणं तवतेए एत्तो अणंतगुणविसिट्ठयराए चेव तवतेए थेराणं भगवंताणं, खंतिखमा पुण थेरा भगवंतो। जावतिए णं आणंदा ! थेराणं भगवंताणं तवतेए एत्तो अणंतगुणविसिट्ठयराए चेव • तवतेए अरहंताणं भगवंताणं, खंतिखमा पुण अरहंता भगवंतो । तं पभू णं आणंदा ! गोसाले मंखलिपुत्ते तवेणं तेयेणं जाव करेत्तए, विसए णं आणंदा ! जाव करेत्तए, समत्थे णं आणंदा ! जाव करेत्तए; नो चेव णं अरहंते भगवंते, पारियावणियं पुण करेज्जा । तं गच्छ णं तुमं आणंदा ! गोयमाईणं समणाणं निग्गंथाणं एयमहं परिकहेहि मा णं अज्जो ! तुब्भं केयि गोसालं मंखलिपुत्तं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएतु, धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारेउ, धम्मिएणं पडोयारेण पडोयारेउ | गोसाले णं मंखलिपुत्ते समणेहिं निग्गंथेहिं मिच्छं विप्पडिवन्ने” । [सु. ६७. गोयमाइनिग्गंथाणं पुरओ आनंदथे रस्स गोसालसमक्खधाम्मियचोयणाइअकरणरूवभगवंतादेसनिरूवणं ] ६७. तए णं से आणंदे थेरे समणेणं भगवता महावीरेण एवं वुत्ते समाणे समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, वं० २ जेणेव गोयमादी समणा निग्गंथा तेणेव उवागच्छति, ते० उवागच्छित्ता गोतमादी समणे निग्गंथे आमंतेति, आ० २ एवं वयासी एवं खलु अज्जो ! छट्ठक्खमणपारणगंसि समणेण भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे सावत्थीए नगरीए उच्च-नीय०, तं चैव सव्वं जाव नायपुत्तस्स एयमहं परिकहेहिं०, तं ? चेव जाव माणं अज्जो ! तुब्भं केयि गोसालं मंखलिपुत्तं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएउ जाव मिच्छं विप्पडिवन्ने । [सु. ६८. भगवओ समक्खं गोसालस्स XOXOR ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ श्री आगमगुणमंजूषा - ४३७ फ्र Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOROF5555555555595%959 (५) भगवई श. १५ २२३] $ $ $ $ कालमाण-नियपुव्वभव-नियसिद्धिगमणाइगब्भियं सवित्थरं नियसिद्धंतनिरूवणं ] ६८. जावं च णं आणंदे थेरे गोयमाईणं समणाणं निग्गंथाणं एयमद्वं परिकहेति तावं च णं से गोसाले मंखलिपुत्ते हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणाओ पडिनिक्खमति, पडि०२ आजीवियसंघसंपरिवुडे महया अमरिसं वहमाणे सिग्घं तुरियं जाव सावत्थिं नगरि मज्झमज्झेणं निग्गच्छति, नि० २ जेणेव कोट्ठए चेतिए जेणेव भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, ते० उ०२ समणस्स भगवतो महावीरस्स अदूरसामंते ठिच्चा समणं भगवं महावीरं एवं वदासी सुट्टणं आउसो ! कासवा ! ममं एवं वदासी, साहुणं आउसो! कासवा ! ममं एवं वदासी 'गोसाले मंखलिपुत्ते ममं धम्मंतेवासी, गोसाले मंखलिपुत्ते ममं धम्मंतेवासी' । जे णं से गोसाले मंखलिपुत्ते तव धम्मंतेवासी से णं सुक्के सुक्काभिजाइए भवित्ता कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसुदेवलोएसुदेवत्ताए उववन्ने । अहंणं उदाई नामं कंडियायणिए अज्जुणस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं विप्पजहामि, अज्जु० विप्प०२ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स . सरीरगं अणुप्पविसामि, गो० अणु० २ इमं सत्तमं पउट्टपरिहारं परिहरामि । जे वि याई आउसो ! कासवा ! अम्हं समयंसि केयि सिज्झिंसु वा सिझंति वा सिज्झिस्संति वा सव्वे ते चउरासीतिं महाकप्पसयसहस्साइं सत्त दिव्वे सत्त संजूहे सत्त सन्निगन्भे सत्त पउट्टपरिहारे पंच कम्मुणि सयसहस्साई सद्धिं च सहस्साई छचच सए तिण्णि य कम्मंसे अणुपुव्वेणं खवइत्ता तओ पच्छा सिझंति, बुज्झंति, मुच्चंति, परिनिव्वाइंति सव्वदुक्खाणमंतं करेंसु वा, करेति वा, करिस्संति वा। से जहा वा गंगा महानदी जतो पवूढा, जहिं वा पज्जुवत्थिता, एस णं अद्धा पंच जोयणसताई आयामेणं, अद्धजोयणं विक्खंभेणं, पंच धणुसयाई ओवेहेणं, एएणं गंगापमाणेणं सत्त गंगाओ सा एगा महागंगा, सत्त महागंगाओ सा एगा साईणगंगा, सत्त सादीणगंगाओ सा एगा मड्डगंगा, सत्त मड्डगंगाओ सा एगा लोहियगंगा, सत्त लोहियगंगाओ सा एगा आवतीगंगा, सत्त आवतीगंगाओ सा एगा परमावती, एवामेव सपुव्वावरेणं एगं गंगासयसहस्सं सत्तरस य सहस्सा छच्च अगुणपन्नं गंगासता भवंतीति मक्खाया। तासिं दुविहे उद्धारे पन्नत्ते, तं जहा सुहुमबोदिकलेवरे चेव, बादरबोदिकलेवरे चेव । तत्थ णं जे से सुहुमबबोदिकलेवरे से ठप्पे। तत्थ णं जे से बादरबोदिकलेवरे ततो णं वाससते गते वाससते गते एगमेगं गंगावालुयं अवहाय जावतिएणं कालेणं से कोढे खीणे णीरए निल्लेवे निट्ठिए भवति से तं सरे सरप्पमाणे । एएणं सरप्पमाणेणं तिण्णि सरसयसाहस्सीओ से एगे महाकप्पे । चउरासीतिं महाकप्पसयसहस्साइं से एगे महामाणसे । अणंतातो संजूहातो है जीवे चयं चयित्ता उवरिल्ले माणसे संजूहे देवे उववज्जति । सेणं तत्थ दिव्वाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ, विहरित्ता ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठितिक्खएणं अणंतरं चयं चयित्ता पढमे सन्निगब्भे जीवे पच्चायाति । सेणं तओहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता मज्झिल्ले माणसे संजूहे देवे उववज्जइ । से णं तत्थ दिव्वाइं भोगभोगाई जाव विहरित्ता ताओ देवलोगाओ आयु० जाव चइत्ता दोच्चे सन्निगन्भे जीवे पच्चायाति । से णं ततोहितो अणंतरं उव्वाट्टित्ता हेट्ठिल्ले माणसे संजूहे देवे उववज्जइ । सेणं तत्थ दिव्वाइं जाव चइत्ता तच्चे सन्निगब्भे जीवे पच्चायाति । सेणं तओहिंतो जाव उव्वट्टित्ता उवरिल्ले माणुसुत्तरे संजूहे देवे उववज्जति। सेणं तत्थ दिव्वाई भोग० जाव चइत्ता चतुत्थे सन्निगन्भे जीवे पच्चायाति । सेणं तओहिंतो अणंतरं उव्वट्ठित्ता मज्झिल्ले माणुसुत्तरे संजूहे देवे उववज्जति । से णं तत्थ दिव्वाइं भोग० जाव चइत्ता पंचमे सण्णिगब्भे जीवे पच्चायाति । सेणं तओहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता हिट्ठिल्ले माणुसुत्तरे संजूहे देवे उववज्जइ । सेणं तत्थ दिव्वाइं भोग० जाव चइत्ता छटे सण्णिगन्भे जीवे पच्चायाति । सेणं तओहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता बंभलोगे नाम से कप्पे पन्नत्ते पाईणपडीणायते उदीणदाहिणवित्थिण्णे जहा ठाणपदे जाव पंच वडेंसया पन्नत्ता, तं जहा असोगवडेंसए जाव पडिरूवा । सेणं तत्थ देवे उववज्जति । सेणं तत्थ दस सागरोवमाइं दिव्वाई भोग० जाव चइत्ता सत्तमे सन्निगब्भे जीवे पच्चायाति । से णं तत्थ नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्ठमाण जाव वीतिक्कंताणं सुकुमालगभद्दलए मिदुकुंडलकुंचियकेसए मट्ठगंडयकण्णपीढए देवकुमारसप्पभए दारए पयाति से णं अहं कासवा ! । तए णं अहं आउसो ! कासवा ! कोमारियपव्वज्जाए कोमारएणं बंभचेरवासेणं अविद्धकन्नए चेव संखाण पडिलभामि, संखाणं पडिलभित्ता इमे सत्त पउट्टपरिहारे परिहरामि, तं जहा एणेज्जगस्स १ मल्लरामगस्स २ मंडियस्स ३ राहस्स ४ भारद्दाइस्स ५ अज्जुणगस्स गोतमपुत्तस्स ६ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स ७ । तत्थ णं जे से पढमे पउट्टपरिहारे से णं रायगिहस्स नगरस्स बहिया मंडियकुच्छिसि चेतियंसि उदायिस्स Exoros 555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ४३८ ॥5555555555555555555555OOK 玩玩玩乐乐明明 Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 明明明明明乐明明明明明明明明明55C (५) भगवई स. १५ [२२४] $$$ $$$20 OFC¥乐乐乐华乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐国乐国军军乐乐国乐乐乐乐乐乐乐乐明明明明明明明明明明听听听听听听 कंडियायणियस्स सरीरगं विप्पज्जहामि, उदा० सरीरगं विप्पजहित्ता एणेज्जगस्स सरीरगं अणुप्पविसामि । एणेज्जगस्स सरीरगं अणुप्पविसित्ता बावीसं वासाइं पढम पडट्टपरिहारं परिहरामि । तत्थ णं जे से दोच्चे पउट्टपरिहारे से णं उदंडपुरस्स नगरस्स बहिया चंदोयरणंसि चेतियंसि एरेज्जगस्स सरीरगं विप्पजहामि, एरेज्जगस्स सरीरगं विप्पजहित्ता मल्लरामगस्स सरीरगं अणुप्पविसामि; मल्लरामगस्स सरीरगं अणुप्पविसित्ता एक्कवीसं वासाई दोच्चं पउट्टपरिहारं परिहरामि। तत्थ णं जे से तच्चे पउट्टपरिहारे से णं चंपाए नगरीए बहिया अंगमंदिरंसि चेतियंसि मल्लारामगस्स सरीरगं विप्पजहामि, मल्लरामगस्स सरीरगं विप्पजहित्ता मंडियस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, मंडियस्स सरीरगं अणुप्पविसित्ता वीसं वासाइं तच्चं पउट्टपरिहारं परिहरामि । “तत्थ णं जे से चउत्थे पउट्टपरिहारे से णं वाणारसीए नगरीए बहिया काममहावणंसि चेतियंसि मंडियस्स सरीरगं विप्पजहामि, मंडियस्स सरीरगं विप्पज्जहित्ता राहस्स सरीरगं अणुप्पविसामि; राहस्स सरीरगं अणुप्पविसित्ता एक्कूणवीसं वासाइं चउत्थं पउट्टपरिहारं परिहरामि । तत्थ णं से पंचमे पउट्टपरिहारे से णं आलभियाए नगरीए बहिया पत्तकालगंसि चेतियंसि राहस्स सरीरगं विप्पजहामि, राहस्स सरीरगं विप्पज्जहित्ता भारद्दाइस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, भारद्दाइस्स सरीरगं अणुप्पविसित्ता अट्ठारस वासाइं पंचमं पउट्टपरिहारं परिहरामि । तत्थ णं जे से छटे पउट्टपरिहारे से णं वेसालीए नगरीए बहिया कंडियायणियंसि चेतियंसि भारद्दाइयस्स सरीरगं विप्पजहामि, भारद्दाइयस्स सरीरगं विप्पजहित्ता अज्जुणगस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, अज्जुणगस्स० सरीरगं अणुप्पविसित्ता सत्तरस वासाइं छटुं पउट्टपरिहारं परिहरामि। तत्थ णंजे से सत्तमे पउट्टपरिहारे सेणं इहेव सावत्थीए नगरीए हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अज्जुणगस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं विप्पजहामि, अज्जुणयस्स० सरीरगं विप्पजहित्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं अलं थिरं धुवं धारणिज्जं सीयसहं उण्हसहं खुहासह विविहदंस-मसगपरीसहोवसग्गसहं थिरसंघयणं ति कट्ट तं अणुप्पविसामि, तं अणुप्पविसित्ता सोलस वासाई इमं सत्तमं पउट्टपरिहारं परिहरामि । एवामेव आउसो ! कासवा एएणं तेत्तीसेणं वाससएणं सत्त पउट्टपरिहारा परिहारिया भवंतीति मक्खाता । तं सुट्ठणं आउसो ! कासवा ! ममं एवं वदासि, साधुणं आउसो ! कासवा ! ममं एवं वदासि ‘गोसाले मंखलिपुत्ते ममं धम्मंतेवासी, गोसाले मंखलिपुत्ते ममं धम्मंतेवासि'त्ति । [ सु. ६९. मंखलिपुत्तगोसालभिन्नमप्पाणं पयडंतं गोसालं पइ भगवओ तेणोदाहरणपुव्वं तस्स मंखलिपुत्तगोसालत्तेणेव निरूवणं ] ६९. तए णं समणे भगवं महावीरे गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वदासि गोसाला ! से जहानामए तेणए सिया, गामेल्लएहिं परब्भमाणे परब्भमाणे कत्थयि गहुं वा दरिं वा दुग्गं वा णिण्णं वा पव्वयं वा विसमं वा अणस्सादेमाणे एगेणं महं उण्हालोमेण वा सणलोमेण वा कप्पासपोम्हेण वा तणसूएर वा अत्ताणं आवरेत्ताणं चिट्ठज्जा, से णं अणावरिए आवरियमिति अप्पाणं मन्नति, अप्पच्छन्ने पच्छन्नमिति अप्पाणं मन्नति, अणिलुक्कके णिलुक्कमिति अप्पाणं मन्नति, अपलाए पलायमिति अप्पाणं मन्नति, एवामेव तुमं पि गोसाला ! अणन्ने सते अन्नमिति अप्पाणं उवलभसि, तं मा एवं गोसाला!, नारिहसि गोसाला !, सच्चेव ते सा छाया, नो अन्ना। [सु. ७०. भगवंतं पइगोसालस्स मारणसूयगाई दुव्वयणाई ] ७०. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते ५ समणं भगवं महावीरं उच्चावयाहि आओसणाहिं आओसति, उच्चा० आओ०२ उच्चावयाहिं उण्हसणाहिं उद्धंसेति, उच्चा० म उ० २ उच्चावयाहिं निब्भच्छणाहिं निब्भच्छेति, उच्चा० नि० २ उच्चावयाहिं निच्छोडणाहिं निच्छोडेति, उच्चा० नि० एवं वदासि नढे सि कदायि, विणढे सि # कदायि, भट्ठे सि कदायि, नट्ठविणट्ठभट्ठे सि कदायि, अज्ज न भवसि, ना हि ते ममाहितो सुहमत्थि । [सु. ७१-७३. भगवओ अवण्णाकारयं गोसालं पइ सव्वाणुभूइअणगारस्स अणुसट्ठी, पडिकुण्हगोसालकओ सव्वाणुभूइअणगारविणासो, पुणो वि य भगवंतं पइ गोसालस्स मारणसूयगाई दुव्वयणाई ] ७१. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी पायीणजाणवए सव्वाणुभूती णामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए धम्मायरियाणुरागेणं एयमढें म असहहमाणे उद्वाए उद्वेति, उ०२ जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासि जे वि ताव गोसाला ! तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतियं एवमवि आरियं धम्मियं सुवयणं निसामेति से वितं वंदति नमंसति जाव कल्लाण मंगलं देवयं चेतियं पज्जुवासति, किमंग पुण तुम mero 95595555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४३९३555555555555555555544 5IOR 98听听听听听听听听听听听听听$明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听见 Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई रा. १५. [२२५] गोसाला ! भगवया चैव पव्वाविए, भगवया चेव मुंडाविए, भगवया चेव सेहाविए, भगवया चेव सिक्खाविए, भगवया चेव बहुस्सुतीकते, भगवओ चेव मिच्छं विप्पडिवन्ने, तं मा एवं गोसाला !, नारिहसि गोसाला !, सच्चेव ते सा छाया, नो अन्ना । ७२. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सव्वाणुभूइणा अणगारेणं एवं वुत्ते समाणे सुत्ते ५ सव्वाणुभूतिं अणगारं तवेणं तेएणं एगाहच्चं कूडाहच्चं भासरासिं करेति । ७३. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सव्वाणुभूइं अणगारं तवेणं तेएरं एगाहच्च जाव भासरासिं करेत्ता दोच्चं पि समणं भगवं महावीरं उच्चावयाहिं आओसणाहिं आओसइ जाव सुहमत्थि । [सु. ७४-७६. भगवओ अवण्णाकारयं गोसालं पइ सुनक्खत्तअणगारस्स अणुसट्ठी, पडिकुद्धगोसालतेयकओ सुनक्खत्त अणगारविणासो, पुणो वि य भगवंतं पर गोसालस्स मारणसूयगाई दुव्वयणाइं ] ७४. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतेवासी कोसलजाणवए सुनक्खत्ते नामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए धम्मायरियाणुरागेणं जहा सव्वाणुभूती तहेव जाव सच्चेव ते सा छाया, नो अन्ना । ७५. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सुनक्खत्तेणं अणगारेणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुते ५ सुनक्खत्तं अणगारं तवेणं तेएणं परितावेति । तए णं से सुनक्कत्ते अणगारे गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं परिताविए समाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वंदति नम॑सति, वं० २ सयमेव पंच महव्वयाइं आरुभेति, स० आ० २ समणा य समणीओ य खामेति, सम० खा० २ आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते आणुपुव्वीए कालगते । ७६. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सुनक्खत्तं अणगारं तवेणं तेयेणं परितावेत्ता तच्चं पि समणं भगवं महावीरं उच्चावयाहिं आओसणाहिं आओसति सव्वं तं चेव जाव सुहमत्थि । [सु. ७७-७८. गोसालं पर भगवओ अणुसट्ठी, पडिकुद्धगोसालमुक्केण य निप्फलेण तेएर गोसालस्सेव अणुडहणं ] ७७. तए णं समणे भगवं महावीरे गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासि जे वि ताव गोसाला ! तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स०, वा तं चैव हुस्सुतीकते ममं चेव मिच्छं विप्पडिवन्ने ?, तं मा एवं गोसाला ! जाव नो अन्ना । ७८. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेणं भगवता महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते ५ तेयासमुग्घातेणं समोहन्नइ, तेया० स० २ सत्तट्ठपयाइं पच्चासक्वइ, स० प० २ समणस्स भगवतो महावीरस्स वहाए सरीरगंसि तेयं निसिरति । से नाम वाक्कलिया इ वा वायमंडलिया इ वा सेलंसि वा कुटुंसि वा थंभंसि वा धूमंसि वा आवारिज्जमाणी वा निवारिज्जमाणी वा सा णं तत्थ णो कमति, नो पक्कमति, एवामेव गोसालस्स वि मंखलिपुत्तस्स तवे तेये समणस्स भगवतो महावीरस्स वहाए सरीरगंसि निसिट्टे समाणे से णं तत्थ नो कमति, नो पक्कमति, चिचिं करेति, अंचि० क० २ आदाहिणपयाहिणं करेति, आ० क० २ उड्डुं वेहासं उप्पतिए । से णं तओ पडिहए पडिनियत्तमाणे तमेव गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं अणुडहमाणे अणुडहमाणे अंतो अंतो अणुप्पविट्ठे । [सु. ७९. अणुडहणाणंतरं गोसालकयं छम्मासब्भंतरभगवंतरणनिरूवणं ] ७९. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते सणं तेयेणं अन्नाइट्ठे समाणे समणं भगवं महावीरं एवं वदासि तुमं णं आउसो ! कासवा ! मम तवेणं तेएरं अन्नाइट्ठे समाणे अंतो छण्हं मासाणं पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कं तीए छउमत्थे चेव कालं करेस्ससि । [सु. ८०. अप्पणो सोलसवासाणं तरमरणनिरूवणपुव्वं भगवंतकओ सत्तरत्तावधिगोसालमरणनिद्देसो ] ८०. तए णं समणे भगवं महावीरे गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वदासि नो खलु अहं गोसाला ! तव तवेणं तेयणं अन्नइट्ठे समा अंतो छण्हं जाव कालं करेस्सामि, अहं णं अन्नई सोलस वासाइं जिणे सुहत्थी विरिस्सामि । तुमं णं गोसाला ! अप्पणा चेव तेएणं अन्नइट्ठे समाणे अंतो सत्तरत्तस्स पित्तज्जरपरिगयसरीरे जाव छउमत्थे चेव कालं करेस्ससि । सु. ८१. सावत्थिवत्थव्वजणसमूहे भगवओ गोसालस्स य मरणनिद्देसविसयं चच्चणं ८१. तए णं सावत्थीए नगरीए सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवामाइक्खइ जाव एवं परूवेति एवं खलु देवाणुप्पिया ! सावत्थीए नगरीए बहिया को चेति दुवे .. जिणा संलवेंति, एगे वदति तुमं पुव्विं कालं करेस्ससि, एगे वदति तुमं पुव्विं कालं करेस्ससि, तत्थ णं के सम्मावादी, के मिच्छावादी ? तत्थ णं जे से अहप्पहाणे जणे से वदति समणे भगवं महावीरे सम्मावादी, गोसाले मंखलिपुत्ते मिच्छावादी । [सु. ८२-८३. नट्ठतेयं गोसालं पइ धम्मचोयणाइकरणत्थं भगवया निग्गंथगपेसणं, निग्गंथगणस्स य गोसालमक्खं धम्मचोयणाइ ] ८२. 'अज्जो ! ति समणे भगवं महावीरे समणे निग्गंथे आमंतेत्ता एवं वयासि अज्जो ! से XOXO श्री आगमगुणमंजूषा - ४४० Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ From955555555555555 (५) भगवई रा.१५ [२२६] 由步步步步步勇%%%%%H2O CSCs乐乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐%FSC जहानामए तणरासी ति वा कट्ठरासी ति वा पत्तरासी ति वा तयारासी ति वा तुसरासी ति वा भुसरासी ति वा गोयमरासी ति वा अवकररासी ति वा अगणिझामिए अगणिझूसिए अगणिपरिणामिए हयतेय गयतेए नट्ठतेये भट्टतेये लुत्ततेए विट्ठतेये जाए एवामेव गोसाले मंखलिपुत्ते ममं वहाए सरीरगंसि तेयं निसिरेत्ता हततेय गततेये जाव विणठ्ठतेये जाए, तं छंदेणं अज्जो ! तुब्भे गोसालं मंखलिपुत्तं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोदेह, धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोएत्ता धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारेह, धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारात्ता धम्मिएणं पडोयारेणं पडोयारेह, धम्मिएणं पडोयारेणं पडोयारेत्ता अढेहि य हेतूहि य पसिणेहि य वागरणेहि य कारणेहि य निप्पट्ठपसिणवागरणं करेह । ८३. तए णं ते समणा निग्गंथा समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं वंदंति नमसंति, वं०२ जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छंति, उवा०२ गोसालं मंखलिपुत्तं धम्मियाए पडिचोदणाए पडिचोदेति, ध० प०२ धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारेति, ध० प० २ धम्मिएणं पडोयारेणं पडोयारेति, ध० प० २ अटेहि य हेऊहि य कारणेहि य जाव निप्पट्ठपसिणवागरणं करेति। [सु. ८४-८५. धम्मचोयगनिग्गंथगणविवरीयकरणे असमत्थं गोसालं विण्णाय बहूणं आजीवयथेराणं भगवओ निस्साए विहरणं ] ८४. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते समणेहिं निग्गंथेहिं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोइज्जमाणे जाव निप्पट्ठपसिणवागरणे कीरमाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे नो संचाएति समणाणं निग्गंथाणं सरीरगस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएत्तए, छविच्छेयं वा करेत्तए। ८५. तए णं ते आजीविया थेरा गोसाल मंखलिपुत्तं समणेहिं निग्गंथेहिं धम्मियाए पडिचोयणाए पडिचोइज्जमाणं पडिचोइज्जमाणं, धम्मियाए पडिसारणाए पडिसारिज्जमाणं, धम्मिएणं पड़ोयारेणं पडोयारिज्जमाणं अतुहि य हेऊहि य जाव कीरमाणं आसुरुत्तं जाव मिसिमिसेमाणं समणाणं निग्गंथाणं सरीरगस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा छविच्छेदं वा अकरेमाणं पासंति, पा०२ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंतियाओ अत्थेगइया आयाए अवक्कमंति, आयाए अ०२ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति, ते० उ०२ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहियपयाहिणं करेंति; क०२ वंदति नमसंति, वं०२ समणं भगवं महावीर उवसंपज्जित्ताणं विहरंति । अत्थेगइया आजीविया थेरा गोसालं चेव मंखलिपुत्तं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति । [ सु. ८६. अंतोसभुन्भूयडाहस्स गोसालस्स कुंभकारावणे मज्जपाणाइयो विविहाओ चेट्ठाओ ] ८६. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते जस्सट्ठाए हव्वमागए तमटुं असाहेमाणे, रुंदाइं पलोएमाणे, दीहुण्हाइं नीससमाणे, दाढियाए लोभाई लुंचमाणे, अवडं कंडूयमाणे, पुंलिं पप्फोडेमाणे,हत्थे विणिझुणमाणे, दोहि वि पाएहिं भूमि कोट्टेमाणे 'हाहा अहो! हओऽहमस्सी' ति कट्ट समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतीयाओ कोट्ठयाओ चेतियाओ पडिनिक्खमति, पडि० २ जेणेव सावत्थी नगरी जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अंबकूणगहत्थगए मज्जपारगं पियमाणे अभिक्खणं गायमाणे अभिक्खणं नच्चमाणे अभिक्खणं हालाहलाए कुंभकारीए अंजलिकम्मं करेमाणे सीलएणं मट्ठियापाणएणं आयंचणिउदएणं गायाई परिसिंचेमाणे विहरइ। [सु. ८७. भगवंतपरूवियं गोसालतेयलेस्सासामत्थं ] ८७. 'अज्जो'ति समणे भगवं महावीरे समणे निग्गंथे आमंतेत्ता एवं वयासि जावतिएणं अज्जो ! गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं ममं वहाए सरीरगंसि तेये निसटे सेणं अलाहि पज्जत्ते सोलसण्हं जणवयाणं, तं जहा अंगाण वंगाणं मगहाणं मलयाणं मालवगाणं अच्छाणं वच्छाणं कोट्ठाणं पा ढाणं लाढाणं वज्जाणं मोलीणं कासीणं कोसलाणं अवाहाणं सुभुत्तराणं घाताए वहाए उच्छादणताए भासीकरणताए । [ सु. ८८. नियअवज्जपच्छादणट्ठा गोसालयपरूवणाए अट्ठचरिमनिरूवणपुव्वं अप्पणो तित्थयरत्तनिरूवणं ] ८८. जं पि य अज्जो ! गोसाले मंखलिपुत्ते हालाहलाए कुभकारीए कुंभकारावणंसि अंबऊणगहत्थगए मज्जपाणं पियमाणे अभिक्खणं जाव अंजलिकम्मं करेमाणे विहरति तस्स विणं वज्जस्स पच्छायणट्ठताए इमाइं अट्ठ चरिमाइं पन्नवेति, तं जहा चरिमे पाणे, चरिमे गेये, चरिमे नट्टे, चरिमे अंजलिकम्मे, चरिमे पुक्खलसंवट्टए महामेहे, चरिमे सेयणए गंधहत्थी, चरिमे महासिलाकंटए संगामे, अहं चणं इमीसे ओसप्पिणिसमाए चउवीसाए तित्थकराणं चरिमे तित्थकरे सिज्झिस्सं जाव अंतं करेस्सं। [सु.८९-९५. गोसालपरूववियाइं पाणगचक्क-अपाणगचछक्काई] ८९. जंपिय अज्जो ! गोसाले मंखलिपुत्ते सीयलएणं मट्टियापाणएणं आदंचणिउदएणं गायाई परिसिंचेमाणे विहरति तस्स विणं वज्जस्स पच्छायणट्ठयाए इमाइं चत्तारि पाणगाई, चत्तारि अपाणगाइं पन्नवेति । ९०. से किं तं पाणए ? xoxo555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४१55555555555555555555555555OOK MONOS$F$$$$$ま$FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFF$$$$FFFORE Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3955555555555555 (५) भगवई श.१५ [२२७] 555555555555555 FOETorg पाणए चउविहे पन्नत्ते, तं जहा गोपुट्ठए हत्थमद्दियए आयवतत्तए सिलापन्भट्ठए । से तं पाणए । ९१. से किं तं अपाणए ? अपाणए चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा। थालपाणए तयापाणए सिंबलिपाणए सुद्धपाणए। ९२. से किं तं थालपाणए ? थालपाणएजेणं दाथालगं वा दावारगं वा दाकुंभगं वा दाकलसं वा सीयलगं उल्लगं हत्थेहिं परामसइ, न य पाणियं पियइ से तं थालपाणए। ९३. से किं तं तयापाणए? तयापाणए जेणं अंबं वा अंबाडगं वा जहा पयोगपए जाव बोरं वा तिंदुरुयं वा तरुणगं आमगं आसगंसि आवीलेति वा पवीलेति वा, न य पाणियं पियइ से तं तयापाणए।९४. से किं तं सिंबलिपाणए ? सिंबलिपाणए जेणं कलसंगलियं वा मुग्गसिंगलियं वा माससंगलियं वा सिंबलिसिंगलियं वा तरुणियं आमियं आसगंसि आवीलेति वा पवीलेति वा, ण य पाणियं पियइ से तं सिंबलिपाणए।९५. से किं तं सुद्धपाणए ? सुद्धपाणए जे णं छम्मासे सुद्धं खादिमं खाति- दो मासे पुढविसंथारोवगए, दो मासे कंट्ठसंथारोवगए, दो मासे दब्भसंथारोवगए । तस्स णं बहुपडिपुण्णाणं छह मासाणं अंतिमराईए इमे दो देवा महिड्डीया जाव महेसक्खा अंतियं पाउन्भवंति, तं जहा पुण्णभद्दे य माणिभद्दे य । तएणं ते देवा सीतलएहिं उल्लएहिं हत्थेहिं गायाइं परामसंति, जेणं ते देवे सातिज्जति सेणं आसीविसत्ताए कम्मं पकरेति, जेणं ते देवे नो सातिज्जति तस्स णं संसि सरीरगंसि अगणिकाए संभवति । से णं सएणं तेयेणं सरीरगं झामेति, सरीरगं झामेत्ता ततो पच्चा सिज्झति जाव अंतं करेति । से त्तं सुद्धपाणए । [सु. ९६-९८. सावत्थिवत्थव्वअयंपुलनामआजीवियोवासगस्स हल्लानामकीडगसंठाणसरूवजिण्णासए कुंभकारावणागमणं गोसालपवित्तिलज्जियस्स य कुंभकारावणाओ पच्चोसक्कणं] ९६. तत्थ णं सावत्थीए नगरीए अयंपुले णामं आजीविओवासए परिवसति अड्ढे जहा हालाहला जाव आजीवियसमएणं अप्पाणं भावमाणे विहरति। ९७. तए णं तस्स अयंपुलस्स आजीविओवासगस्स अन्नदा कदाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंबजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था किंसंठिया णं हल्ला पन्नत्ता ? । ९८. तए णं तस्स अयंपुलस्स आजीविओवासगस्स दोच्चं पि अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु ममं धम्मायरिए धम्मोवएसएगोसाले मंखलिपुत्ते उप्पन्ननाण-दसणधरे जाव सव्वण्णू सव्वदरिसी इहेव सावत्थीए नगरीए हालाहलाए कुंभकारीएकुंभकारावणंसि आजीवियसंघसंपरिवुडे आजीवियसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरति, त सेयं खलु मे कल्लं जाव जलंते गोसाल मंखलिपुत्तं वंदित्ता जाव पज्जुवासेत्ता, इमं एयारूवं वागरणं वागरित्तए' त्ति कट्ट एवं संपेहेति, एवं सं०२ कल्लं जाव जलते ण्हाए कय जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे सातोगिहाओ पडिनिक्खमइ, सातो० प० २ पादविहारचारेणं सावत्थिं नगरि मज्झंगिहाओ पडिनिक्खमइ, सातो० प०२ पादविहारचारेणं सावत्थिं नगरिं मज्झमज्झेणं जेणेव हालाहलाए कुंभमारीए कुंभकारावणे तेणेव उवागच्छति, ते० उ०२ पासति गोसालं मंखलिपुत्त हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणंसि अंबऊणगहत्थगयं जाव अंजलिकम्मं करेमाणं सीयलएणं मट्टिया जाव गायाई परिसिंचमाणं, पासित्ता लज्जिए विलिए विड्डे सणियं सणियं पच्चोसक्कइ। [सु. ९९-१०७. आजीवियथेरपडिसिद्धपच्चोसक्कणस्स अयंपुलस्स गोसालसमीवागमणं गोसालपरूवियसमाहाणस्सय सट्ठाणगमणं]९९. तएणं ते आजीविया थेरा अयंपुलं आजीवियोवासगंलज्जियं जाव पच्चोसक्कमाणं पासंति, पा०२ एवं वदासि एहि ताव अयंपुला! इतो। १००. तएणं से अयंपुले आजीवियोवासए अजीवियथेरेहिं एवं वुत्ते समाणे जेणेव आजीविया थेरा तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ आजीविए थेरे वंदति नमंसति, वं० २ नच्चासन्ने जाव पज्जुवासति । १०१. 'अयंपुलं !' त्ति आजीविया थेरा अयंपुलं आजीवियोवासगं एवं वदासि से नूणं ते अयंपुला! पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव किंसिठिया हल्ला पन्नत्ता ? तएणं तव अयंपुला! दोच्चं पि अयमेयारूवे०, तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव सावत्थिं नगरिं मज्झंमज्झेणं जेणेव हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणे जेणेव इह तेणेव हव्वमागए, से नूणं ते अयंपुला ! अढे समढे ?' 'हता, अत्थि' । जं पिय अयंपुला! तव धम्मायरिए धम्मोवएसए गोसाले मंखलिपुत्ते हालाहलाए कुंभकारए कुंभकारावणंसि अंबकूणगहत्थगए जाव अंजलिकम्मं करेमाणे विहरइ तत्थ विणं भगवं इमाइं अट्ठ चरिमाइं पन्नवेति, तं जहा- चरिमे पाणे जाव अंतं करेस्सति । जं पि य अयंपुला ! तव धम्मायरिए धम्मोवएसए गोसाले मंखलिपुत्ते सीयलएणं मट्ठिया जाव विहरति, तत्थ विणं भगवं इमाइं चत्तारि पाणगाई, चत्तारि अपाणगाइं पन्नवेति । से किं तं पाणए ? पाणए जाव ततो पच्छा सिज्झति जाव FerrofF5555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४४२ 55555555555555555555555#FOLOR 9555555555555555555555555555555555555555555555555500 听听听听听听听听FFF 188¥¥明FFFFFFFFF52TO屬 Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NGORIES%955555558 (५) भगवई रा.१५ (२२८] 乐乐乐听听听听听听听听听听听所感 aorofifi 另乐纸听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐MCM अंतं करेति । तं गच्छ णं तुमं अयंपुला ! एस चेव ते धम्मायरिए धम्मोवएसए गोसाले मंखलिपुत्ते इमं एयारूवं वागरणं वागरेहिति । १०२. तए णं से अयंपुले आजीवियोवासए आजीविएहिं थेरेहिं एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ० उट्ठाए उठेति, उ० २ जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव पहारेत्थ गमणाए। १०३: तए णं ते आजीविया थेरा गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स अंबकूणगएडावणट्ठयाए एगंतमंते संगारं कुव्वंति। १०४. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते आजीवियाणं थेराणं संगारं पडिच्छइ, सं० प० अबकूणगं एगंतमंते एडेइ। १०५. तए णं से अयंपुले आजीवियोवासए जेणेव गोसाले मंखलिपुत्ते तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ गोसालं मंखलिपुत्तं तिक्खुत्तो जाव पज्जुवासति । १०६. 'अयंपुला!' ती गोसाले मंखलिपुत्ते अयपुलं आजीवियोवासगं एवं वदासि से नूणं अयंपुला ! पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव जेणेव ममं अंतियं तेणेव हव्वमागए, से नूणं अयंपुला ! अढे समढे?' 'हंता, अत्थि' । 'तं नो खलु एस अंबकूणए, अंबचोणए, अंबचोयए णं एसे। किं संठिया हल्ला पन्नत्ता ? वंसीमूलसंठिया हल्ला पण्णत्ता । वीणं वाएहि रे वीरगा!, वीणं वाएहि रे वीरगा!। १०७. तएणं से अयंपुले आजीवियोवासएगोसालेणं मंखलिपुत्तेणं इमं एयारूवं वागरणं वागरिए समाणे हट्टतुट्ट० जाव हियए गोसालं मंखलिपुत्तं वंदति नमंसति, वं०२ पसिणाइं पुच्छइ, पसि० पु० २ अट्ठाइं परियादीयति, अ०प०२ उट्ठाए उद्वेति, उ०२ गोसालं मंखलिपुत्तं वंदति नमंसति जाव पडिगए। [सु. १०८. जाणियआसन्नमरणकालस्स गोसालस्स नियसिस्साणं पइ नियमरणमहसवकरणादेसो १०८. तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते अप्पणो मरणं आभोएइ, अप्प० आ०२ आजीविए थेरे सद्दावेइ, आ० स०२ एवं वदासि "तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! ममं कालगयं जाणित्ता सुरभिणा गंधोदएणं ण्हाणेह, सु० ण्ह० २ पम्हलसुकुमालाए गंधकासाईए गायाइं लूहेह, गा० लू० २ सरसेणं गोसीसेणं चंदणेणं गायाई अणुलिंपह, सरह अ०२ महरिहं हंसलक्खणं पडसाडगं नियंसेह, मह० नि० २ सव्वालंकारविभूसियं करेह, स० क० २ पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं द्रुहह, पुरि० द्रु० २ सावत्थीए नगरीए सिंघाडग० जाव पहेसु महया महया सद्देणं उग्रोसेमाणा उग्घोसेमाणा एवं वदह 'एवं खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरित्ता इमीसे ओसप्पिणीए चउवीसाए तित्थगराणं चरिमतित्थगरे सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे' । इड्डिसक्कारसमुदएणं ममं सरीरगस्स णीहरणं करेह' । तए णं ते आजीविया थेरा गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स एतमढे विणएणं पडिसुणेति। [सु. १०९. लद्धसम्मत्तस्स गोसालस्स नियसिस्साणं पइ नियअवेलणापुव्वं मरणाणंतरविहाणादेसो ] १०९. तए णं तस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सत्तरत्तंसि परिणममाणंसि पडिलद्धसम्मत्तस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था ‘णशे खलु अहं जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरिए, अहं णं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघातए समणमारए समणपडिणीए, आयरिय-उवज्झायाणं अयसकारए अवण्णकारए अकित्तिकारए बहूहिं असब्भावुब्भावणाहिँ मिच्छत्ता मिनिवेसेहि य अप्पाणं वा परं वा तदूभयं वा वुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे विहरित्ता सएणं तेएणं अन्नाइट्ठे समाणे अंतोसत्तरतस्स पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कंतीए छउमत्थे चेव कालं करेस्सं, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरति । एवं संपेहेति, एवं स०२ आजीविए थेरे सद्दावेइ, आ० स०२ उच्चावयसवहसाविए करेति, उच्चा० क०२ एवं वदासि “नो खलु अहं जिणे जिणप्पलावी जाव पकासेमाणे विहरिए, अहं णं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघातए जाव छउमत्थे चेव कालं करेस्सं, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव जिणसई पगासेमाणे विहरति । तं तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! ममं कालगयं जाणत्ता वामे पाए सुंबेणं बंधह, वामे० बं०२ तिक्खुत्तो मुहे उट्ठभह, ति० उ०२ सावत्थीए नगरीए सिंघाडग० जाव पहेसु आकड्डविकढि करेमाणे महया महया सद्देणं उग्घोसेमाणा उग्घोसेमाणा एवं वदह 'नो खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरिए, एस णं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघायए जाव चउमत्थे चेव कालगते, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव विहरति ।' महता अणिड्डिसक्कारसमुदएणं ममं सरीरगस्स नीहरणं करेज्जाह" । एवं वदित्ता कालगए। {सु. ११०. गोसालमरणाणंतरं आजीवियथेरेहिं पच्छन्नअवहेलणापुव्वं पयडं महूसवकरणपुव्वं च गोसालसरीरनीहरणं] ११०.तए णं ते आजीविया थेरा गोसालं मंखलिपुत्तं कालगयं जाणित्ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स दुवाराई पिहेति; दु० पि०२ हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स बहुमज्झदेसभाए सावत्थिं पगरिंडा OCES $5555555555555555555555/ श्री आगमगुणमजूषा - ४४३ 555555FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFOTOR Q听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明5O Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AGR55555555555555 (५) भगवई श.१५ (२२९] 历历历万万岁5岁5岁岁520g 听听听听听听听听听听听听听听 乐乐听听听听听听听听听听听听听听 आलिहंति, सा० आ०२ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं वामे पाए सुंबेणं बंधंति, वा० बं०२ तिक्खुत्तो मुहे उट्ठहंति, ति० उ०२ सावत्थीए नगरीए सिंग्घाडग० जाव पहेसु आकड्डविकढि करेमाणा णीयं णीयं सद्देणं उग्घोसेमाणा उग्घोसेमाणा एवं वयासि 'नो खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव पहेसु आकड्डविकढि करेमाणा णीयं णीयं सद्देणं उग्रोसेमाणा उग्घोसेमाणा एवं वयासि 'नो खलु देवाणुप्पिया ! गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरिए, एस णं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालगते, समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव विहरई। सवहपडिमोक्खणगं करेति, सवहपडिमोक्खणगं करेत्ता दोच्चं पिपूयासक्कारथिरीकरणट्ठयाए गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स वामाओ पादाओ सुबं मुयंति, सुंबं मु०२ हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स दुवारवयणाई अवंगुणंति, अवं० २ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं सुरभिणा गंधोदएणं ण्हाणेति, तं चेव जाव महया इड्डिसक्कारसमुदएणं गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगस्स नीहरणं करेति। [सु. १११. भगवओ सावत्थीओ विहरणं] १११. तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नदा कदायि सावत्थीओ नगरीओ कोट्ठयाओ चेतियाओ पडिनिक्खमति, पडि० २ बहिया जणवयविहारं विहरति । [सु. ११२-१३. मेढियगाम-सालकोट्ठगचेतिय-मालुयाकच्छरेवतीगाहावतिणीनिद्देसो ] ११२. तेणं कालेणं तेणं समएणं मेंढियग्गामे नाम नगरे होत्था । वण्णओ । तस्स णं मेढियग्गामस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभागे एत्थ णं साणकोट्ठए नामं चेतिए होत्था । वण्णओ। जाव पुढविसिलापट्टओ। तस्स णं साणकोट्ठगस्स चेतियस्स अदूरसामंते एत्थ णं महेगे मालुयाकच्छए यावि होत्था, किण्हे किण्होमासे जाव निकुरुंबभूए पत्तिए पुष्फिए फलिए हरियगरेरिज्जमाणे सिरीए अतीव अतीव उत्तसोमेमाणे उवसोभेमाणे चिट्ठति । ११३. तत्थ णं मेढिग्गामे नगरे रेवती नाम गाहावतिणी परिवसति अड्डा जाव अपरिभूया। [सु. ११४-१५. मेढियगामबहियासाणकोट्ठगचेतियसमागयस्स भगवओ विपुलरोगायंकपाउब्भवे गोसालतेयलेसापभावविसओ जणपलावो] ११४. तएणं समणे भगवं महावीरे अन्नदा कदायि पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे जाव जेणेव मेढियग्गमे नगरे जेणेव साणकोट्ठए चेतिए जाव परिसा पडिगया। ११५. तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स सरीरगंसि विपुले रोगायंके पाउब्भूते उज्जले जाव दुरहियासे। ॥ पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कंतिए यावि विहरति । अवि याऽऽई लोहियवच्चाई पि पकरेति । चाउव्वण्णं च णं वागरेति एवं खलु समणे भगवं महावीरे ॥ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवेणं तेयेणं अन्नइढे समाणे अंतो छण्हं मासाणं पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवक्कंतिए छउमत्थे चेव कालं करेस्सति'। [सु. ११६-२०. रोगायंकत्थभगवंतवुत्तंतेण माणसियदुक्खणं रुयमाणं सीहनामाणगारं पइ नियसमीवागमणत्यं भगवया निग्गंथपेसणं सीहाणगारस्स य भगवंतसमीवागमणं ] ११६. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतेवासी सीहे नामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए मालुयाकच्छगस्स अदूरसामंते छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उर्दुबाहा० जाव विहरति।११७. तए णं तस्स सीहस्स अणगारस्स झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु मम धम्मायरियस्स धम्मोवएसगस्स समणस्स भगवतो महाकरस्स सरीरगंसि विपुले रोगायके पाउब्भूते उज्जले जाव छउमत्थे चेव कालं करिस्सति, वदिस्संति य णं अन्नतित्थिया 'छउमत्थे चेव कालगए' । इमेणं एयारूवेणं महया मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभूए समाणे अयावणभूमीओ पच्चोरुभति, आया०प० २ जेणेव मालुयाकच्छए तेणेव उवागच्छति, उवा० २ मालुयाकच्छयं अंतो अंतो अणुप्पविसति, मा० अणु०२ महया महया सद्देणं कुहुकुहुस्स परुन्ने' । ११८. 'अज्जो' त्ति समणे भगवं महावीरे स्मणे निग्गंथे आमंतेति, आमंतेत्ता एवं वदासि ‘एवं खलु अज्जो ! ममं अंतेवासी सीहे नामं अणगारे पगतिभद्दए० तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव परुन्ने । तं गच्छह णं अज्जो ! तुन्भे सीहं अणगारं सद्दह । ११९. तए णं ते समणा निग्गंथा समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं वंदंति नमसंति, वं०२ समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतियातो साणकोट्ठयातो चेतियातो पडिनिक्खमंति, सा०प०२ जेणेव मालयाकच्छए, जेणेव सीहे अणगारे तेणेव उवागच्छंति, उवा० २ सीहं अणगारं एवं वयासि 'सीहा ! धम्मायरिया सद्दावेति' । १२०. तए णं से सीहे अणगारे समणेहिं निग्गंथेहिं सद्धिं 2 मालुयाकच्छगाओ पडिनिक्खमति, प० २ जेणेव साणकोट्ठए चेतिए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवा०२ समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो Koros$55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४४४॥555555555555 OTO 乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听%C恩 4555555 15555OOR Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐5 (५) भगवई श. १५ [२३०] आयाहिण० जाव पज्जुवासति । [ सु. १२१-२८. आसासणपुव्वयं ओसहाणयणत्थं भगवया सीहणगारस्स रेवतीगाहावतिणीगिहपेसणं आणीयओसहाहारेण य भगवओ नीरोगत्तं ] १२१. 'सीहा !' दि समणे भगवं महावीरे सीहं अणगारं एवं वयासि 'से नूणं ते सीहा ! झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अयमेयारूवे जाव परुन्ने । नूते सहा ! अट्ठे समट्ठे ?' 'हंता, अत्थि ।' 'तं नो खलु अहं सीहा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवेणं तेयेणं अन्नाइट्ठे समाणे अंतो छण्हं मासाणं जाव कालं करेस्सं । अहं णं अन्नाइं अद्धसोलस वासाइं जिणे सुहत्थी विहरिस्सामि। तं गच्छ णं तुमं सीहा ! मेढियगामं नगरं रेवतीए गाहावतिणीए गिहं, तत्थं णं रेवतीए गाहावतिणीए ममं अट्ठाए दुवे कवोयसरीरा उवक्खडिया, तेहिं नो अट्ठो, अत्थि से अन्ने पारियासिए मज्जारकडए कुक्कुडमंसए तमाहराहि, तेणं अट्ठो' । १२२. तए णं से सीहे अणगारे समणेण भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ० जाव हियए समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, वं० २ अतुरियमचवलमसंभंतं मुंहपोत्तियं पडिलेहेति, कु० प० २ जहा गोयमसामी (स० २३०५ सु० २२) जाव जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वं० २ समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतियातो साणकोट्टयाओ चेतियाओ पडिनिक्खमति, पडि० २ अतुरिय जाव जेणेव मेढियग्गामे नगरे तेणेव उवागच्छति, उवा० २ मेढियग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं जेणेव रेवतीए गाहावतिणीए गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ रेवतीए गाहावतिणीए गिहं अणुप्पविट्टे । १२३. तए णं सा रेवती गाहावतिणी सीहं अणगारं एज्जमाणं पासति पा० २ हट्टतुट्ठ० खिप्पामेव आसणाओ अब्भुट्ठेति, खि० अ० २ सीहं अणगारं सत्तट्ठ पयाई अणुगच्छइ, स० अणु० २ तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेति, क० २ वंदति नम॑सति, वं० २ एवं वयासी संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! किमागमणप्पओयणं ? तणं से सीहे अणगारे रेवतिं गाहावतिणिं एवं वयासि एवं खलु तुमे देवाणुप्पिए! समणस्स भगवतो महावीरस्स अट्ठाए दुवे कवोयसरीरा उवक्खडिया तेहिं नो अट्ठे, अत्थि ते अन्ने पारियासिए मज्जारकडए कुक्कडमंसए तमाहराहि, तेणं अट्ठो । १२४. तए णं सा रेवती गाहावतिणी सीहं अणगारं एवं वदासि केस णं सीहा ! से णाणी वा तवस्सी वा जेणं तव एस अट्ठे मम आतरहस्सकडे हव्वमक्खाए जतो णं तुमं जाणसि ? एवं जहा खंदए (स० २ उ० १ सु० २० २ ) जाव ततो णं अहं जाणामि । १२५. तए णं सा रेवती गाहावतिणी सीहस्स अणगारस्स अंतियं एतमहं सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ० जेणेव भत्तघरे तेणेव उवागच्छर, उवा० २ पत्तं मोएति, पत्तं मो० २ जेणेव सीहे अणगारे तेणेव उवागच्छति, उवा० २ सीहस्स अणगारस्स पडिग्गहगंसि तं सव्वं सम्मं निसिरति । १२६. तए णं तीए रेवतीए गावतिणी तेणं दव्वसुद्वेणं जाव दाणेणं सीहे अणगारे पडिलाभिए समाणे देवाउए निबद्धे जहा विजयस्स (सुं० २६) जाव जम्मजीवियफले रेवतीए गाहावतिणीए, रेवतीए गाहावतिणीए । १२७. तए णं से सीहे अणगारे रेवतीए गाहावतिणीए गिहाओ पडिनिक्खमति, पडि० २ मेढियग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छति, नि० १२ जहा गोयमसामी (स० २ उ०५ सु० २५१ ) जाव भत्तपाणं पडिदंसेति, भ० प० २ समणस्स भगवतो महावीरस्स पाणिसि तं सव्वं सम्मं निसिरति । १२८. तणं समणे भगवं महावीरे अमुच्छिए जाव अणज्झोववन्ने बिलमिव पन्नगभूएणं अप्पाणेणं तमाहारं सरीरकोट्ठगंसि पक्खिवइ। तए णं समरस्स भगवतो महावीरस्स तमाहारं आहारियस्स समाणस्स से विपुले रोगायंके खिप्पामेव उवसंते हट्ठे जाए अरोए बलियसरीरे । तुट्ठा समणा, तुट्ठाओ समणीओ, तुट्ठा सावगा, ओ सावियाओ, तुट्ठा देवा, तुट्ठाओ देवीओ, सदेवमणुयासुरे लोए तुट्ठे हट्ठे जाए 'समणे भगवं महावीरे हट्ठे, समणे भगवं महावीरे हट्ठे' । [ सु. १२९. गोयमपुच्छाए भगवंत परूवियं सव्वाणुभूतिअणगारजीवस्स देवलोगगमणांतरं मोक्खगमणं ] १२९. 'भंते !' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, वं० २ एवं वदासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी पाईणजाणवए सव्वाणुभूती नामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए से णं भंते ! तदा गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेयेणं भासरासीकए समाणे कहिं गए, कहिं उववन्ने ? एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी पाईणजाणवए सव्वाणुभूती नामं अणगारे पगतीभद्दए जाव विणीए से णं तदा गोसाणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेएणं भासरासीकए समाणे उड्डुं चंदिमसूरिय जाव बंभ-लंतक महासुक्के कप्पे वीतीवइत्ता सहस्सारे कप्पे देवत्ताए उववन्ने । तत्थ अत्थेगतियाणं देवाणं अट्ठारस सागरोवमाई ठिती पन्नत्ता, तत्थ णं सव्वाणुभूतिस्स वि देवस्स अट्ठारस सागरोवमाई ठिती पन्नत्ता । से णं भंते! सव्वाणुभूती देवे HORORK श्री आगमगुणमंजूषा - ४४५ Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ESC$$$听听听听听听听听听听听听听听明明听听听听听听听听听听听听听乐乐玩玩乐乐明明乐乐玩乐乐乐项與FSC ramanan351 (५) भगवई श. १५ (२३१] 555555555555552KCE ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठितिक्खएणं जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं करेहिति। [सु. १३०. गोयमपुच्छाए भगवंतपरूवियं सुणक्खत्तअणगारजीवस्स देवलोगगमणाणंतरं मोक्खगमणं] १३०. एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कोसलजाणवते सुनक्खत्ते नामं अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए, से णं भंते ! तदा गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेयेणं परिताविए समाणे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए, कहिं उववन्ने ? एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी सुनक्खत्ते नाम अणगारे पगतिभद्दए जाव विणीए, सेणं तदा गोसालेणं मंखलिपुत्तेणं तवेणं तेयेणं परिताविए समाणे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवागच्छति, उवा० २ वंदति नमंसति, वं० २ सयमेव पंच महव्वयाइं आरुभेति, सयमेव पंच० आ० २ समणा य समणीओ य खामेति, स० खा० २ आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उड्डे चंदिमसूरिय जाव आणय-पाणयारणे कप्पे वीतीवइत्ता अच्चुते कप्पे देवत्ताए उववन्ने । तत्थ णं अत्थेगतियाणं देवाणं बावीसं सागरोवमाई ठिती पन्नत्ता, तत्थ णं अत्थेगतियाणं देवाणं बावीसं सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता, तत्थ णं सुनक्खत्तस्स वि देवस्स बावीसं सागरोवमाइं०, सेसं जहा सव्वाणुभूतिस्स जाव अंतं काहिति। [सु. १३१-३२. गोयमपुच्छाए भगवंतपरूवणे गोसालजीवस्स अच्चुयदेवलोगगमणाणंतरं महापउम-देवसेण-विमलवाहणनामत्तयधारिनिवत्तेण जम्मो, सुमंगलअणगारकपत्थणाए य सुमंगलाणगारतेयलेस्साए भासरासीभूयस्स विमलवाहणनिवस्स मरणं ]१३१. एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी कुसिस्से गोसाले नामं मंखलिपुत्ते, सेणं भंते ! गोसाले मंखलिपुत्ते कालमासे कालं किच्चा कहिं गए, कहिं उववन्ने? एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी कुसिस्से गोसाले नाम मंखलिपुत्ते समणघातए जाव छउमत्थे चेव कालमासे कालं किच्चा उड्डे चंदिमसूरिय जाव अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववन्ने । तत्थ णं अत्थेगतियाणं देवाणं बावीसं सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता, तत्थ णं गोसालस्स वि देवस्स बावीसं सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता। १३२.सेणं भंते ! गोसाले देवं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव कहिं उववज्जिहिति ? “गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे भारहे वासे विंझगिरिपायमूले पुंडेसु जणवएसु सतदुवारे नगरे सम्मुतिस्स रन्नोभद्दाए भारियाए कुच्छिसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिति । सेणं तत्थ नवण्ह मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव वीतिकंताणं जाव सुरूवे दारए पयाहिति, जं रयणिं च णं दारए जाहिति, तं रयणि चणं सतदुवारे नगरे सब्भंतरबाहिरिए भारग्गसो य कुंभग्गसो य पउमवासे य रयणवासे य वासे वासिहिति । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे वीतिकंते जाव संपत्ते बारसाहदिवसे अयमेयारूवं गोण्णं गुणनिप्फन्नं नामधेनं काहिति जम्हा णं अम्हं इमंसि दारगंसि जायंसि समाणंसि सतदुवारे नगरे सम्भंतरबाहिरिए जाव रयणवासे य वासे वुढे, तं होउणं अम्हं इमस्स दारेगस्स नामधेनं 'महापउमे, महापउमे' | "तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेनं करेहिति 'महापउमो' त्ति। "तएणं तं महापउमं दारगं अम्मापियरो सातिरेगट्ठवासजायगंजाणित्ता सोमणंसि तिहि-करण-दिवस-नक्खत्तमुहुत्तंसि महया महया रायाभिसेगेणं अभिसिंचेहिति । से णं त्थ राया भविस्सइ महता हिमवंत० वण्णओ जाव विहरिस्सति । तए णं तस्स महापउमस्स रण्णो अन्नदा कदायि दो देवा महिड्डिया जाव महेसक्खा सेणाकम्म काहिंति, तं जहा पुण्णभद्दे य माणिभद्दे य । तए णं सतदुवारे नगरे बहवे राईसर-तलवर० जाव सत्थवाहप्पमितयो अन्नमन्नं सद्दावेहिति, अन्न० स०२ एवं वदिहिति जम्हा णं देवाणुप्पिया! अम्हें महापउमस्स रण्णो दो देवा महिड्डीया जाव सेणाकम्मं करेति तं जहा पुण्णभद्देय माणिभद्दे य; तं होउणं देवाणुप्पिया ! अम्हं महापउमस्स रण्णो दोच्चे वि नामधेने 'देवसेणे, देवसेणे' । तए णं तस्स महापउमस्स रन्नो दोच्चे विनामधेज्जे भविस्सति 'देवसेणे' ति । तए णं तस्स देवसेणस्स रण्णो अन्नदा कदायि सेते संखतलविमलसन्निगासे चउड़ते हत्थिरयणे समुप्पज्जिस्सइ । तए णं से देवसेणे राया तं सेतं संखतलविमलसन्निगासं चउदंतं हत्थिरयणं ढे समाणे सयदुवार नगरं मझमज्झेणं अभिक्खणं अभिक्खणं अतिजाहिति य निजाहिति य । तए णं सयदुवारे नगरे बहवे राईसर जाव पभितयो अन्नमन्नं सद्दावेहिति, अन्न० स०२ एवं वदिहिति जम्हा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं देवसेणस्स रण्णो सेते संखतलविमलसन्निगासे चउड़ते हत्थिरयणे समुप्पन्ने, तं होउ णं देवाणुप्पिया ! अम्हं देवसेणस्स रण्णो तच्चे वि नामधेज्जे विमलवाहणे विमलवाहणे' । “तए णं तस्स देवसेणस्स रण्णो तच्चे विनामधेज्जे भविस्सति विमलवाहणे' शत्ति। "तए णं से विमलवाहणे राया अन्नद्दा कदायि समणेहिं निग्गंथेहिं मिच्छं विप्पडिवज्जिहिति अप्पेगतिए आओसेहिति, अप्पेगतिए अवहसिहिति, अप्पेगतिए # ## # #5 श्री आगमगुणमजूषा - ४४६०1555555555555555555 FOR GO听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明O Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ VOXOX %%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%% EXORO555555555555555 (५) भगवई स.१५ २३श 历历历历历万历55555555AC निच्छोडेहिति, अप्पेगतिए निब्भच्छेहिति, अप्पेगतिए बंधेहिति, अप्पेगतिए णिरुंभेहिति, अप्पेगतियाण छविच्छेदं करेहिति, अप्पेगइए मारेहिति, अप्पेगतिए पमारेहिइ, अप्पेकतिए उद्दवेहिति, अप्पेगतियाणं वत्थं पडिग्गहं कंबलं पायपुंछणं आछिदिहिति विच्छिदिहिति भिदिहिति अवहरिहिति, अप्पेगतियाणं भत्तपाणं ॥ वोच्छिदिहिति, अप्पेगतिए णिन्नगरे करेहिति, अप्पेगतिए निव्विसए करेहिति । “तए णं सतढुवारे नगरे बहवे राईसर जाव विदिहिति एवं खलु देवाणुप्पिया ! विमलवाहणे राया समणेहिं निग्गंथेहि मिच्छं विप्पडिवन्ने अप्पेगतिए आओसति जाव निव्विसए करेति, तं नो खलु देवाणुप्पिया ! एयं अम्हं सेयं, नो खलु एयं विमलवाहणस्स रण्णो सेयं, नो खलु एयं रज्जस्स वा रट्टस्स वा बलस्स वा वाहणस्स वा पुरस्स वा अंतेउरस्स वा जणवयस्स वा सेयं, जं णं विमलवाहणे राया समणेहिं निग्गंथेहि मिच्छं विप्पडिवन्ने । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं विमलवाहणं रायं एयमद्वं विण्णवित्तए' त्ति कट्ट अन्नमन्नस्स अंतियं एयमढे पडिसुणेति, अन्न० प०२ जेणेव विमलवाहणे राया तेणेव उवागच्छंति, उवा० २ करयलपरिग्गहियं विमलवाहणं रायं जएणं विजएणं वद्धावेहिति, जएणं विजएणं वद्धावित्ता एवं वदिहिति 'एवं खलु देवाणुप्पिया समणेहिं निग्गंथेहि मिच्छं विप्पडिवन्ना, अप्पेगतिए आओसंति जाव अप्पेगतिए निव्विसए करेति, तं नो खलु एयं देवाणुप्पियाणं सेयं, नो खलु एयं अम्हं सेयं, नो खलु एयं रज्जस्स वा जाव जणवदस्स वा सेयं, जंणं देवाणुप्पिया समणेहिं निग्गंथेहि मिच्छं विप्पडिवन्ना, तं विरमंतु णं देवाणुप्पिया एयमट्ठस्स अकरणयाए'। “तएणं से विमलवाहणे राया तेहिं बहूहिराईसर जाव सत्थवाहप्पभितीहिं एयमढें विन्नत्ते समाणे 'नो धम्मो त्ति, नो तवो,' त्ति मिच्छाविणएणं एयमढे पडिसुणेहिति। "तस्स णं सतदुवारस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभागे एत्थ णं सुभूमिभागे नाम उज्जाणे भविस्सति, सव्वोउय० वण्णओ। "तेणं कालेणं तेणं समएणं तेणं समएणं विमलस्स अरहओ पउप्पए सुमंगले नाम अणगारे जातिसंपन्ने जहा धम्मघोसस्स वण्णओ (स० ११ उ०११ सु. ५३) जाव संखित्तविउलतेयलेस्से तिणाणोवगए सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं जाव आयावेमाणे विहरिस्सति । “तए णं से विमलवाहणे राया अन्नदा कदायि रहचरियं काउं निजहिति। तए णं से विमलवाहणे राया सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते रहचरियं करेमाणे सुमंगलं अणगारं छटुंछटेणं है जाव आतावेमाणं पासिहिति, पा०२ आसुरुते जाव मिसिमिसेमाणे सुमंगलं अणगारं रहसिरेणं णोल्लावेहिति। "तए णं से सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रण्णा रहसिरेणं णोल्लाविए सगाणे सणियं सणियं उद्धेहिति, स० उ०२ दोच्चं पि उखु बाहाओ पगिज्झिय जाव आयावेमाणे विहरिस्सति। "तए णं से विमलवाहणे राया सुमंगलं अणगारं दोच्चं पि रहसिरेणं णोल्लावेहिति । "तए णं से सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रण्णा दोच्चं पि रहसिरेणं णोल्लाविए समाणे सणियं सणियं ॥ उद्वेहिति, स० उ०२ ओहिं पउंजिहिति, ओहिं प०२ विमलवाहणस्स रण्णो तीयद्धं आभेएहिति, ती० आ०२ विमलवाहणं रायं एवं वदिहिति 'नो खलु तुम णं इओ तच्चे भवग्गहणे गोसाले नामं मंखलिपुत्ते होत्था समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालगए। तं जति तदा सव्वाणुभूतिणा अणगारेणं पभुणा वि होइऊणं सम्म सहियं खमियं तितिक्खियं अहियासियं, जइ ते तदा समणेणं भगवता महावीरेणं पभुणा वि जाव अहियासियं, तं नो खलु अहं तहा सम्म सहिस्सं जाव अहियासिस्सं, अहं ते नवरं सहयं सरहं ससारहीयं तवेणं तेयेणं एगाहच्वं कूडाहच्वं भासरासिं करेज्जामि' 1 ग्रं०१००००। "तए णं से विमलवाहणे राया सुमंगलेणं अणगारेणं एवं फ़ वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे सुमंगलं अणगारं तच्चं पिरहसिरेणं णोल्लावेहिति । "तए णं सुमंगले अणगारे विमलवाहणेणं रण्णा तच्चं पि रहसिरेणं नोल्लाविए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेणे आयावणभूमीओ पच्चोरुहति, आ० प०२ तेयसमुग्धातेणं समोहन्निहिति, तेया० स०२ सत्तट्ठपयाई पच्चोसक्किहिति, सत्तट्ठ० पच्चो०२ विमलवाहणं रायं सहयं सरहं ससारहीयं तवेणं तेयेणंजाव भासरासिंकरेहिति।" सु. १३३-३४.गोयमपुच्छाए भगवंतपरूवियं सुमंगलाणगारस्स सव्वट्ठसिद्धविमाणगमणाणंतरं मोक्खगमणं ] १३३. सुमंगले णं भंते ! अणगारे विमलवाहणं रायं सहयं जाव भासरासिं करेत्ता कहिं गच्छिहिति कहिं उववज्जिहिति? गोयमा ! सुमंगले णं अणगारे विमलवाहणं रायं सहयं जाव भासरासिं करेत्ता बहूहिं चउत्थ-छट्टट्ठमदसम-दुवालस जाव विचित्तेहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणेहिति, बहूइं० पा०२ मासियाए संलेहणाए सर्टि भत्ताई अणसणाए जाव छेदेत्ता आलोइयपडिक्कंते सामहिपत्ते कालमासे० उर्ल्ड Morros15555 55555555555 श्री आगमगुणमजूषा-655555555555555555555 $$OOK GO乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 85CC% Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १५ [२३३] चंदिम जाव गेवेज्जविमाणावाससयं वीतीवइत्ता सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववज्जिहिति । तत्थ णं देवाणं अजहन्नमणुक्कोसेणं तेत्तीस सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता । तत्थ णं सुमंगलस्स वि देवस्स अजहन्नमणुमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता । १३४. से णं भंते! सुमंगले देवे ताओ देवलोगाओ जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । [ सु. १३५-४७. गोयमपुच्छाए भगवंतपरूविया गोसालजीवविमलवाहणनिवस्स बहुदुक्खपउरा अणेया नारय- तिरिय - मणुयभवा, संजमविराहणाभवा, संजमाराहणाभवा, सोहम्माइ- सव्वट्टसिद्धविमाणभवा य] १३५. विमलवाहणे णं भंते! राया सुमंगलेणं अणगारेणं सहये जाव भासरासीकए समाणे कहिं गच्छिहिति, कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! विमलवाहणे णं राया सुमंगलेणं अणगारेणं सहये जाव भासराकए समाणे असत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालद्वितीयंसि नगरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिति । १३६. से णं ततो अनंतरं उव्वट्ठित्ता मच्छसु उववज्जिहिति । तत्थ वि णं सत्यवज्झे दाहवक्कंतीए कालमासे कालं किच्चा दोच्चं पि अहेसत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालद्वितीयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिति । १३७. से णं ततो अनंतरं उववट्ठित्ता दोच्चं पि मच्छेसु उववज्जिहिति । तत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा छट्टाए तमाए पुढवीए उक्कोसकालद्वितीयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिति । १३८. से णं तओहिंतो जव उव्वत्ता इत्थियासु उववज्जिहिति । तत्थ वि णं सत्थवज्झे दाह० जाव दोच्चं पि छट्ठाए तमाए पुढवीए उक्कोसकाल जाव उव्वट्ठित्ता दोच्चं पि इत्थियासु उववज्जिहति । तत्थ विणं सत्थवज्झे जाव किच्चा पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए उक्कोसकाल जाव उव्वट्टित्ता उरएस उववज्जिहिति । तत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चं पि पंचमाए जाव उव्वट्ठित्ता दोच्चं पि उरएसु उववज्जिहिति जाव किच्चा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालट्ठितीयंसि जाव उव्वट्टित्ता सीहेसु उववज्जिहिति । तत्थ वि णं सत्थवज्झे तहेव जाव किच्चा दोच्चं पि चउत्थीए पंक० जाव उवट्टित्ता दोच्चं पि सीहेसु उववज्जिहिति जाव किच्चा तच्चाए वालुयप्पभाए पुढवीए उक्कोसकाल जाव उवट्टित्ता पक्खीसु उववज्जिहिति । तत्थ वि णं सत्यवज्झे जाव किच्चा दोच्चं पि तच्चाए वालुय जाव उवट्टित्ता दोच्चं पि पक्खीसु उवव० जाव किच्चा दोच्चाए सक्करप्पभाए जाव उव्वट्टित्ता सिरीसिवेसु उवव० । तत्थ वि णं सत्य० जाव किच्चा दोच्चं पि दोच्चाए सक्करप्पभाए जाव उव्वट्टित्ता दोच्चं पि सिरीसिवेसु उववज्जिहति जाव किच्चा इमीसे रतणप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालद्वितीयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिति, जाव उव्वट्टित्ता सण्णीसु उववज्जिहिति । तत्थ वि सत्यवझे जाव किच्चा दोच्चं पि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पलिओवमस्स असंखेज्जइभागद्वितीयंसि णरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिति। से णं ततो उव्वट्टित्ता जाइं इमाइं खहचरविहाणाइं भवंति, तं जहा चम्मपक्खीणं लोमपक्खीणं समुग्गपक्खीणं विततपक्खीणं तेसु अणगसतंसहस्सखुत्तो उद्दाइत्ता उद्दाइत्ता तत्थेव भुज भुज्जो पच्चायाहिति । सव्वत्थ वि णं सत्यवज्झे दाहवक्कंतीए कालमासे कालं किच्चा जाई इमाई भुयपरिसप्पविहाणाई भवंति; तं जहा गोहाणं नउलाणं जहा पण्णवणापदे जाव जाहगाणं चाउप्पाइयाणं तेसु, अणगसयसहस्सखुत्तो सेसं जहा खहचराणं, जाव किच्चा जाई इमाई उरपरिसप्पविहाणारं भवंति, तं जहा अहणं अगराणं आसालियाणं महोरगाणं, तेसु अणेगसयसह० जाव किच्चा जाई इमाई चउप्पयविहाणारं भवंति, तं जहा एगखुराणं दुखुराणं गंडीपदाणं सणप्पदाणं, तेसु अणेगसयसह० जाव किच्चा जाई इमाई जलचरविहाणाइं भवंति, तं जहा मच्छाणं कच्छभाणं जाव सुसुमाराणं, तेसु अणेगसयसहस्स० जाव किच्चा जाई इमाई चउरिदियविहाणाइं भवंति, तं जहा अंधियाणं पोत्तियाणं जहा पण्णवणापदे जाव गोयमकीडाणं, तेसु अणेगसय० जाव किच्चा जाई इमाई तेइंदियविहाणाइं भवंति, तं जहा उवचियाणं जाव हत्थिसोडाणं, तेसु अणेगसय० जाव किच्चा जाई इमाई बेइंदियविहाणारं भवंति तं जहा पुलाकि मियाणं जाव समुहलिक्खाणं, तेसु अणेगसय० जाव किच्चा जाई इमाई वणस्सतिविहाणाइं भवंति, तं जहा रुक्खाणं गच्छाणं जाव कुहुणाणं, तेसु अणेगसय० जाव पच्चायाइस्सइ, उस्सन्नं च णं कडुयरुक्खेसु कडुयवल्लीसु सव्वत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा जाई इमाई वाउकाइयविहाणाई भवंति, तं जहा पाईणवाताणं जाव सुद्धवाताणं, तेसु अणेगसयसहस्स० जाव किच्चा जाई इमाई तेउक्काइयविहाणाई भवंति, तं जहा इंगालाणं जाव सूरकंतमणिनिस्सियाणं, तेसु अणेगसयसह० COOK श्री आगमगुणमंजूषा - ४४८ फ्र Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ENo95555555555555555 (५) भगवई स. १५ (२३४] 55555555 C$乐乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐乐66C र जाव किच्चा जाइं इमाइं आउकाइविहाणाई भवंति, तं जहा उस्साणं जाव खातोदगाणं, तेसु अणेगसयसह० जाव पच्चायाइस्सति, उस्सण्णं च णं खारोदएसु खातोदएसु, सव्वत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा जाइं इमाई पुढविकाइयविहाणाई भवंति, तं जहा पुढवीणं सक्कराणं जाव सूरकंताणं, तेसु अणेगसय० जाव पच्चायाहिति, उस्सन्नं च णं खरबादरपुढविकाइएसु, सव्वत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा रायगिहे नगरे बाहिखरियत्ताए उववजिहिति। तत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चं पि रायगिहे नगरे अंतोखरियत्ताए उववजिहिति । तत्थ विणं सत्थवज्झे जाव किच्चा इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे विंझगिरिपादभूले बेभेले सन्निवेसे माहणकुलंसि दारियत्ताए पच्चायाहिति । तए णं तं दारियं अम्मापियरो उम्मुक्कबालभावं जोव्वणमणुप्पत्तं पडिरूविएणं सुकेणं पडिरूविएणं विणएणं पडिरूवियस्स भत्तारस्स भारियत्ताए दलइस्संति । सा णं तस्स भारिया भविस्सति इट्ठा कंता जाव अणुमया भंडकरंडगसमाणा तेल्लकेला इव सुसंगोविया, चेलपाले इव सुसंपरिहिया, रयणकरंडओ विव सुरक्खिया सुसंगोविया 'मा णं सीयं मा णं उण्हं जाव परीसहोवसग्गा फुसंतु'।तएणं सा दारिया अन्नदा कदापि गुठ्विणी ससुरकुलाओ कुलघरं निज्जमाणी अंतरा दवग्गिजालमिया कालमासे कालं किच्चा दाहिणिल्लेसु अग्गिकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववन्जिहिति। १३९. से णं ततोहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता माणुसं विग्गह लभिहिति, माणुसं विग्गहं लभित्ता केवलं बोधिं बुज्झिहिति, केवलं बोधिं बुज्झित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइहिति । त्थ विणं विराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा दाहिणिल्लेसु असुरकुमारे देवेसु देवत्ताए उववज्जिहिति।१४०. से णं ततोहिंतो जाव उव्वट्टित्ता माणुसं विग्गहं तं चेव जाव विणं विराहियसामण्णे कालमासे जाव किच्चा दाहिणिल्लेसु नागकुमारेसु देवेसु देवत्ताए उववजिहिति । १४१. से णं ततोहिंतो अणंतरं० एवं एएणं अभिलावेणं दाहिणिल्लेसु सुव्वण्णकुमारेसु, दाहिणिल्लेसु विज्जुकुमारेसु, एवं अग्गिकुमारवज्जं जाव दाहिणिल्लेसु थणियकुमारेसु०। १४२. सेणं ततो जाव उववट्टित्तामाणुस्सं विग्गहं लभिहिति जाव विराहियसामण्णे जोतिसिएसु देवेसु उक्वज्जिहिति । १४३. सेणंततो अणंतरंचयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहलभिहिति, केवलं बोहिं बुज्झिहिति जाव अविराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्ये देवत्ताए उववज्जिहिति । १४४. से णं ततोहितो अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिति, केवलं बोहिं बुज्झिहिति । तत्थ विणं अविराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे देवत्ताए उववज्जिहिति । १४५. से णं तओहितो अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गह लभिहिति, केवलं बोहिं बुज्झिहिति । तत्थ वि णं अविराहियसामण्णे कालमांसे कालं किच्चा सणंकुमारे कप्पे देवत्ताए उववज्जिहिति। १४६.सेणं ततोहितो एवं जहा सणंकुमारे तहा बंभलोए महासुक्के आणए आरणे०। १४७. से णं ततो जाव अविराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववज्जिहिति । [सु. १४८-५१. भगवया परूवियं गोसालजीवस्स महाविदेहे दढपतिण्णभवे मोक्खगमणं] १४८.सेणं ततोहितो अणंतरं चयं चयित्ता महाविदेहे वासे जाई इमाई कुलाइं भवंति अड्डाइं जाव अपरिभूयाई, तहप्पगारेसु कुलेसु पुमत्ताए पच्चायाहिति । एवं जहा उववातिए दढप्पतिण्णवत्तव्वता सच्चेव वत्तव्वता निरवसेसा भाणितव्वा जाव केवलवरनाण-दसणे समुप्पज्जिहिति । १४९. तए णं से दढप्पतिण्णे केवली अप्पणो तीयद्धं आभोएही, अप्प० आ० २ समणे निग्गंथे सद्दावेहिति, सम० स०२ एवं वदिही 'एवं खलु अहं अज्जो ! इतो चिरातीयाए अद्धाए गोसाले नाम मंखलिपुत्ते होत्था समणवायए जाव छउमत्थे चेव कालगए, तम्मूलगं च णं अहं अज्जो ! अणादीयं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतं संसारकंतारं अणुपरियट्टिए । तं मा णं अज्जो ! तुभं पि केयि भवतु आयरियपडिणीए, उवज्झायपडिणीए आयरिय-उवज्झायाणं अयसकारए अवण्णकारए अकित्तिकारए, मा णं से वि एवं चेव अणादीयं अणवयग्गं जाव संसारकंतारं अणुपरियट्टिहिति जहाणं अहं'। १५०. तएणं ते संमणा निग्गंथा दढप्पतिण्णरस केवलिस्स अंतियं एयमढे सोच्चा निसम्मा भीया तत्था तसिता संसारभउव्विग्गा दढप्पतिण्णं केवलिं वंदिहिति नमंसिहिति, वं० २ तस्स ठाणस्स आलोएहिति निदिहिति जाव पडिवज्जिहिति । १५१. तए णं से दढप्पतिण्णे केवली बहूई वासाइं केवलिपरियागं पाउणेहिति, बहू० पा०२ अप्पणो आउसेसं जाणेत्ता भत्तं पच्चक्खाहिति एवं जहा उववातिए जाव सव्वदुक्खाणमंतं काहिति । सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति OO乐乐乐乐乐明明军军乐乐国步兵界另乐乐 乐乐乐明明听听听听听听听听听玩乐明明明明明明明明明明FOTO KOROS55 5 555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४४९55555555555555555 O OK Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ K (५) भगवई रा. १५ / रा. १६ उ १ [२३५] जाव विहरति । ॥ तेयनिसग्गो समत्तो ॥ ॥ समत्तं च पण्णरसमं सयं एक्कसरयं ॥ १५ ॥ सोलसमं सयं [सु. १ सोलसमसयस्स' उद्देसनामाई ] १. अहिकरणि १ जरा २ कम्मे ३ जावतियं ४ गंगदत्त ५ सुमिणे य ६ । उवयोग ७ लोग ८ बलि ९ ओहि १० दीव ११ उदही १२ दिसा १३ थणिया १४ ||१|| ★★★ पढमो उद्देसओ 'अहिगरणि' ★★★ [सु. २ पढमुद्देसस्सुवुग्घाओं ] २ तेण कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासि [सु. ३-५. अहिगरणीए वाउकायस्स वक्कमण-विणासनिरूवणं ] ३. अत्थि णं भंते! अधिकरणिसि वाउयाए वक्कमइ ? हंता, अत्थि । ४. से भंते! किं पुट्ठे उद्दाति, अपुट्ठे उद्दाइ ? गोयमा ! पुट्ठे उद्दाइ, नो अपुट्ठे उद्दाइ । ५. से भंते! किं ससरीरे निक्खमइ, असरीरे निक्खमइ ? एवं जहा खंदए (स० २ उ० १ सु०७३)) जाव सेतेण जाव असरीरे निक्खमति । [सु. ६. इगालकारियाए अगणिकाए ठिइनिरूवणं ] ६. इंगालकारियाए णं भंते! अगणिकाए केवतियं कालं संचिट्ठइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि रातिदियाइं । अन्ने वित्थ वाउयाए वक्कमति, न विणा वाउकाएणं अगणिकाए उज्जलति । [सु. ७-८. तत्तलोहउक्खेवयाइपुरिसस्स किरिया निरूवणं ] ७. पुरिसे णं भंते! अयं अयकोट्ठसि आयोमयेणं संडासएणं उव्विमाणे वा पव्विहमाणे वा कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे अयं कोसि अयोमयेणं संडासएणं उव्विहति वा पव्विहति वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणातिवायकिरियाए पंचहि किरियाहिं पुट्ठे; जेसि पि य णं जीवाण सरीरेहिंतो अये निव्वत्तिए, अयकोट्ठे निव्वत्तिए, संडासए निव्वत्तिए, इंगाला निव्वत्तिया, इंगालकड्डणी निव्वत्तिया, भत्था निव्वत्तिया, ते वि णं जीवा काइयाए जाव किरियापुट्ठा। ८. पुरिसे णं भंते! अयं अयकोट्ठाओ अयोमएणं संडासएणं गहाय अहिकरणिसि उक्खिवमाणे वा निक्खवमाणे वा कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं चणं से पुरिसे अयं अयकोट्ठाओ जाव निक्खिवति वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणातिवायकिरियाए पंचहिं किरियाहिं पुट्ठे; जेसि पि य णं जीवाण सरीरेहिंतो अये निव्वत्तिए, संडासए निव्वत्तिते, चम्मेद्वे निव्वत्तिए, मुट्ठिए निव्वत्तिए, अधिकरणी णिव्वत्तिता, अधिकरणिखोडी णिव्वत्तिता, उदगदोणी णि०, अधिकरणसाला निव्वत्तिया ते वि णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा। [ सु. ९-१७. जीव- चउवीसइदंडएसु अहिकरणि-अहिकरण-साहिकरणिनिरहिकरणि-आयाहिकरणिआइ- आयप्पयोगनिव्वत्तियाइपदेहिं निरूवणं ] ९. (१) जीवे णं भंते! किं अधिकरणी, अधिकरणं ? गोयमा ! जीवे अधिकरणी वि, अधिकरणं पि । (२) से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चति 'जीवे अधिकरणी वि, अधिकरणं पि' ? गोयमा ! अविरतिं पडुच्च, से तेणट्टेणं जाव अहिकरणं पि । १०. नेरतिए भंते! किं अधिकरणी, अधिकरणं ? गोयमा ! अधिकरणी वि, अधिकरणं पि । एवं जहेव जीवे तहेव नेरइए वि । ११. एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । १२. (१) जीवे भंते! किं साहिकरणी, निरधिकरणी ? भंते! साहिकरणी, नो निरहिकरणी । (२) से केणट्टणं० पुच्छा । गोयमा ! अविरतिं पडुच्च, सेतेणट्टेणं जाव नो निरहिकरणी । १३. एवं जाव वेमाणिए। १४. (१) जीव णं भंते! किं आयाहिकरणी, पराहिकरणी, तदुभयाधिकरणी ? गोयमा ! आयाहिकरणी वि, पराधिकरणी वि, तदुभयाहिकरणी *वि। (२) से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चिति जाव तदुभयाधिकरणी वि ? गोयमा ! अविरतिं पडुच्च । से तेणट्टणं जाव तदुभयाधिकरणी वि । १५. एवं जाव वेमाणिए । १६. (१) जीवाणं भंते! अधिकरणे किं आयप्पयोगनिव्वत्तिए, परप्पयोगनिव्वत्तिए, तदुभयप्पयोगनिव्वत्तिए ? गोयमा ! आयप्पयोगनिव्वत्तिए वि, परप्पयोगनिव्वत्तिए वि, तदुभयप्पयोगनिव्वत्तिए वि । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ ? गोयमा ! अविरतिं पडुच्च । से तेणट्टेणं जाव तदुभयप्पयोगनिव्वत्तिए वि । १७. एवं जाव वैमाणियाणं। [सु. १८-२०. सरीर - इंदिय- जोगभेयनिरूवणं ] १८. कति णं भंते ! सरीरगा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा ओरालिए जाव कम्मए । १९. कति णं भंते! इंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच इंदिया पन्नत्ता, तं जहा सोतिंदिए जाव फासिंदिए । २०. कतिविहे णं भंते! जोए पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे जोए पन्नत्ते, तं जहा मणजोए वइजोए कायजोए । [सु. २१ - २८. सरीरपंचगं निव्वत्तेमाणे जीवे अहिकरणिअहिकरणनिरूवणं ] २१. (१) जीवे णं भंते! आरोलियसरीरं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी, अधिकरणं ? गोयमा ! अधिकरणी वि, अधिकरणं पि । (२) से केणट्टेणं भंते । एवं वुच्चइ अधिकरणी वि, अधिकरणं पि ? गोयमा ! श्री आगमगुणमंजूषा - ४५० Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई श. १६ उ. १-२ [२३६) अविरतिं पडुच्च । सेतेणट्टेणं जाव अधिकरणं पि। २२. पुढविकाइए णं भंते ! ओरालियसरीरं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी० ? एवं चेव । २३. एवं जाव मणुस्से । २४. एवं वेउव्वियसरीररं पि । नवरं जस्स अत्थि । २५. (१) जीवे णं भंते! आहारगसरीरं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी० पुच्छा। गोयमा ! अधिकरणी वि, अधिकरणं पि। (२) से केणट्टेणं जाव अधिकरणं पि ? गोयमा ! पमादं पडुच्च । से तेणट्टेणं जाव अधिकरणं पि । २६. एवं मणुस्से बि । २७. तेयासरीरं जहा ओरालियं, नवरं सव्वजीवाणं भाणियव्वं । २८. एवं कम्मगसरीरं पि । [सु. २९-३०. इंदियपंचगं निव्वत्तेमाणे जीवे अहिकरणिअहिकरणनिरूवणं ] २९. जीवे णं भंते! सोतिदियं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणं ? एवं जहेव ओरालियसरीरं तहेव सोइंदियं पि भाणियव्वं । नवरं जस्स अत्थि सोतिदियं । ३०. एवं चक्खिदिय - घाणिदिय-जिब्भिदियफासिंदियाणि वि, नवरं जाणियव्वं जस्स जं अत्थि । [सु. ३१-३३. जोगतिगं निव्वत्तेमाणे जीवे अहिकरणि अहिकरणनिरूवणं ] ३१. जीवे णं भंते! मणजोगं निव्वत्तेमाणे किं अधिकरणी, अधिकरणं ? एवं जहेव सोतिदियं तहेव निरवसेसं । ३२. वइजोगो एवं चेव । नवरं एगिदियवज्जाणं । ३३. एवं कायजोगो वि, नवरं सव्वजीवाणं जाव वेमाणिए। सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ॥ ॥ १६.१ ।। ★★★ बीओ उद्देसओ 'जरा' ★★★ [सु. १. बिइउद्देसगस्सुवुग्धाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वदासि [सु. २- ७. जीव- चउवीसइदंडगेसु जरा-सोगनिरूवणं] २. (१) जीवाणं भंते! किंजरा, सोगे ? गोयमा ! जीवाणं जरा वि, सोगे वि। (२) से केणट्टेणं भंते ! जाव सोए वि ? गोयमा ! जेणं जीवा सरीरं वेयणं वेदेति तेसि णं जीवाणं जरा, जे णं जीवा माणसं वेदणं वेदेति तेसि णं जीवाणं सोगे। से तेणद्वेणं जाव सोगे वि । ३. एवं नेरइयाण वि । एवं जाव थणियकुमाराणं । ५. (१) पुढविकाइयाणं भंते! किं जरा, सोगे ? गोयमा ! पुढविकाइयाणं जरा, नो सोगे । (२) से केणट्टेणं जाव नो सोगे ? गोयमा ! पुढविकाइया णं सारीरं वेदणं वेदेति, नो माणसं वेदणं वेदेति । से तेणट्टेणं जाव नो सोगे । ६. एवं जाव चउरिदियाणं । ७. सेसाणं जहा जीवाणं जाव वेमाणियाणं । सेवं भंते! सेवं भंते! जाव पज्जुवासति । [ सु. ८-९ वंदण - नमसणाइपुव्वं सक्कस्स भगवंतं पइ पण्हकरणं ] ८. तेणं कालेणं तेणं समयेणं देविदे देवराया वज्जपाणी पुरंदरे जाव भुंजमाणे विहरति । इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीव दीवं विपुलेणं ओहिणा आभोएमाणे आभोएमाणे पासति यत्थ समणं भगवं महावीरं जंबुद्दीवे दीवे एवं जहा ईसाणे ततियसए (स० ३ उ० १ सु० ३३) तहेव सक्को वि । नवरं आभियोगिए ण सद्दावेति, हरी पायत्ताणियाहिवती, सुधोसा घंटा, पालओ विमाणकारी, पालगं विमाणं, उत्तरिल्ले निज्जाणमग्गे, दाहिणपुरत्थिमिल्ले रतिकरपव्वए, सेसं तं चेव जाव नामगं सावेत्ता पज्जुवासति । धम्मकहा जाव परिसा पडिगया । ९. तए णं से सक्के देविंदे देवराया समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतियं धम्मं सोच्चा निसम्मा हट्टतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, २ त्ता एवं वयासी [ सु. १०. सक्कपण्डुत्तरे भगवया परूवियं ओग्गहपणगं ] १०. कतिविहे णं भंते ! ओग्गहे पन्नत्ते ? सक्का ! पंचविहे ओग्गहे पन्नत्ते, तं जहा देविंदोग्गहे, रायोग्गहे गाहावति ओग्गहे सागरिओग्गहे साधम्मिओग्गहे । [सु. ११. सक्कस्स समणनिग्गंथओग्गहजाणणा ] ११. जे इमे भंते ! अज्जत्ताए समणा निग्गंथा विहरंति एएसि णं अहं ओग्गहं अणुजाणामीति कट्टु समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, २ त्ता तमेव दिव्वं जाणविमाणं ब्रूहति, द्रू० २ जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए। [सु. १२-१६. गोयमपुट्ठसक्कविसएसु पण्हेसु भगवओ समाहाणं सु. १२. सक्कस्स निग्गंध ओग्गहजाणणा ] १२. 'भंते !' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, वं० २ त्ता एवं वयासी जं णं भंते ! सक्के देविदे देवराया तुब्भे एवं वदति सच्चे णं एस मट्ठे ? हंता, सच्चे । [सु. १३. सक्कस्सम्मावाइत्तं ] १३. सक्के णं भंते । देविदे देवराया किं सम्मावादी, मिच्छावादी ? गोयमा ! सम्मावादी, नो मिच्छावादी । [सु. १४-१५. सक्कस्स सच्च-मोससच्चामोस असच्चामोस सावज्ज- अणवज्जभासा भासित्तं] १४. सक्के णं भंते! देविदे देवराया किं सच्चं भासं भासति, मोसं भासं भासति, सच्चामोसं भासं भासति, असच्चामोसं भासं भासइ ? गोयमा ! सच्चं पि भासं भासति, जाव असच्चामोस पि भासं भासति । १५. (१) सक्के णं भंते! देविदे देवराया किं सावज्जं भासं भासति, अणवज्जं भासं भासति ? गोयमा ! सावज्जं पि भासं भासति, अणवज्जं पि भासं भासति । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ सावज्जं पि जाव अणवज्जं पि भासं 69 | Education International 2010 03 ~2------ nonenFELELELELELELELELELELELE 114.9 原原....... www.jainelibrary.oo 1-1-1-1---========= LT LT LT LT LETTLE LESSO Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १६ उ २-३-४ [२३७] भासति ? गोयमा ! जाहे णं सक्के देविंदे देवराया सुहुमकायं अनिज्जूहित्ताणं भासं भासति ताहे णं सक्के देविदे देवराया सावज्जं भासं भासति, जाहे णं सक्के देविदे देवराया सुहुकायं निज्जूहित्ताणं भासं भासइ ताहे सक्के देविदे देवराया अणवज्जं भासं भासति, से तेणट्टेणं जाव भासति । [ सु. १६. सक्कस्स भवसिद्धियत्त - सम्मद्दिट्ठित्त-परित्तसंसारियत्त सुलहबोहित्तआराहयत्त- चरिमत्ताई ] १६. सक्के णं भंते! देविदे देवराया किं भवसिद्धीए, अभवसिद्धीए, सम्मदिट्ठीए० ? एवं जहा मोउद्देसए सणंकुमारो (स० ३ उ० १ सु०६२) जाव नो अचरिमे । [ सु. १७-१९. जीव-चउवीसदंडएसु चेयकडकम्मत्तपरूवणं ]१७. (१) जीवाणं भंते! किं चेयकडा कम्मा कज्जंति, अचेयकडा कम्मा कज्जंति ? गोयमा ! जीवाणं चेयकडा कम्मा कज्जंति, नो अचेयकडा कम्मा कज्नंति। (२) से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चइ जाव कज्नंति ? गोयमा ! जीवाणं आहारोवचिता पोग्गला बोंदिचिया पोग्गला कलेवरचिया पोग्गला तहा तहा णं ते पोग्गला परिणमंति, नत्थि अचेयकडा कम्मा समणाउसो ! । दुट्ठाणेसु दुसेज्जासु दुन्निसीहियासु तहा तहा णं ते पोग्गला परिणमंति, नत्थि अचेयकडा कम्मा समणाउसो ! । आयंके से वहाए होति, संकप्पे से वहाए होति, मरणं से वहाए होति, तहा तहा णं ते पोग्गला परिणमंति, नत्थि अचेयकडा कम्मा समणाउसो ! । सेतेणद्वेणं जाव कम्मा कज्जति । १८. एवं नेरतियाण वि । १९. एवं जाव वेमाणियाणं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति । ।। १६.२।।★★★तइओ उद्देसओ' कम्मे'★★★ [सु. १. तइयउद्देसगस्सुवुग्धाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वदासि [सु. २-३ कम्मपगडिभेया चउवीसदंडएस अट्ठकम्मपगडिनिरूवणं च ] २. कति णं भंते! कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ, तं जहा नाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं । ३. एवं जाव वेमाणियाणं । [ सु. ४. णाणावरणिज्जाइबंधय-वेयएसु कम्मपयडिबंध-वेयजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो ] ४. जीवे णं भंते ! नाणावरणिज्जं कम्मं वेदेमाणे कति कम्मपगडीओ वेदेति ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ, एवं जहा पनवणा वेदावेउद्देसओ सो चेव निरवसेसो भाणियव्वो । वेदाबंधो वि तहेव । बंधावेदो वि तहेव । बंधाबंधो वि तहेव भाणियव्वो जाव वेमाणियाणं ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! विहरति । [सु. ५. भगवओ जणवयविहरणं ]५. तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नदा कदायि रायगिहाओ नगराओ गुणसिलाओ चेतियाओ पडिनिक्खमति, प० २ बहिया जणवयविहारं विहरति । [ सु. ६-९. उल्लुयतीरनगरबहियाएगजंबुयचेइए भगवओ समागमणं, गोयमपण्हकरणं च ] ६. तेणं कालेणं तेणं समएणं उल्लुयतीरे नामं नगरे होत्था । वण्णओ । ७. तस्स णं उल्लुयतीरस्स नगरस्स बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसिभाए, एत्थ णं एगजंबुए नामं चेतिए होत्था । वण्णओ । ८. तणं समाणे भगवं महावीरे अन्नदा कदायि पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे जाव एगजंबुए समोसढे। जाव परिसा पडिगया । ९. 'भंते!' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, २ एवं वदासि [सु. १०. आतावेमाणस्स अणगारस्स हत्थाइआउंटणविसये पुव्वण्ह - उत्तरण्हेसु कमेणं निसेह-अणुण्णानिद्देसपुव्वं झाणत्थऽणगारनासियागयलंबमाणअंसियाछेदकवेज्जं अणगारं च पडुच्च किरियानिरूवणं ] १०. अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो छद्वंछद्वेणं अणिक्खित्तेणं जाव आतावेमाणस्स तस्स णं पुरत्थिमेणं अवड्डुं दिवसं नो कप्पति हत्थं वा पायं वा बाहं वा ऊरूं वा आउंटावेत्तए वा पसारेत्तए वा; पच्चत्थिमेणं से अवद्धुं दिवसं कप्पि हत्थं वा पायं वा जाव ऊरूं वा आउंटावेत्तया वा पसारेत्तए वा । तस्स य अंसियाओ लंबंति, तं च वेज्जे अदक्खु, ईसिं पाडेति, ई० २ अंसियाओ छिदेज्जा | से नूणं भंते ! जे छिंदति तस्स किरिया कज्जति ? जस्स छिज्जंति नो तस्स किरिया कज्जइ णऽन्नत्थेगेणं धम्मंतराइएणं ? हंता, गोयमा ! जे छिंदति जाव धम्मंतराइएणं । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति० ।। १६.३॥ ★★★ चउत्थो उद्देसओ 'जावतियं'★★★ [सु. १ चउत्थुद्देसगस्सुवुग्घाओ ] १. राहगिहे जाव एवं वदासि [सु. २-६. अंतपंतभोजिचउत्थ-छट्ठ-अट्ठम-दसमभत्तय अणगारस्स कम्मनिज्जरं पडुच्च नेरइयाणं एगवरिसाइवरिसकोडाकोडिकालेण वि कम्मनिज्जरानिसेहो ] २. जावतियं णं भंते ! अन्नगिलायए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएसु नेरतिया वासेण वा वासेहि वा वाससतेण वा खवयंति ? णो इणट्ठे समट्ठे । ३. जावतियं णं भंते! चउत्थभत्तिए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएस नेरतिया वाससतेण वा वाससतेहि वा वाससहस्सेण वा खवयंति ? णो इणट्ठे समट्ठे । ४. जावतियं णं भंते ! छट्टभत्तिए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएसु नेरतिया वाससतेण वा वाससतेहि वा वाससहस्सेण वा खवयंति ? णो इणट्ठे समट्ठे । ५. YOYORK श्री आगमगुणमंजूषा- ४५२ 請用555 Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई श. १६ उ ४.५ [२३८] जावतियं णं भंते ! अट्ठमभत्तिए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएस नेरइया वाससयसहस्सेण वा वाससयसहस्सेहि वा वासकोडीए वा खवयंति ? नो इणट्ठे समट्ठे । ६. जावतियं णं भंते! दसमभत्तिए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएसु नेरतिया वासकोडीए वा वासकोडीहिं वा वासकोडाकोडीए वा खवयंति ? णो इणट्ठे समट्ठे । [ सु. ७. विइयाइछसुत्तवत्तव्वावगमत्थं को संबगंडियावदालक विद्धपुरिस अहिगरणिआउडे माणपुरिस - सामलिगंडियावदालकतरुणपुरिस-तणहत्थग- अयोकवल्लदिट्टंतपरूवणा ७. से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चति जावतियं अन्नगिलातए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं नरएसु नेरतिया वासेण वा वासेहि वा वाससएण वा नो खवयंति, जावतियं चउत्थभत्तिए, एवं तं चेव पुव्वभणियं उच्चारेयव्वं जाव वासकोडाकोडीए वा नो खवयंति ? “गोयमा ! " से जहानामए केयि पुरिसे जुण्णे जराजज्जरियदेहे सिढिलतयावलितरंगसंपिणद्धगत्ते पविलपरिसडियदंतसेढी उण्हाभिहए तण्हाभिहए आउरे झुंझिते पिवासिए दुब्बले किलंते एगं महं कोसंबगंडियं सुक्खं जडिलं गंठिल्लं चिक्कणं वाइद्धं अपत्तियं मुंडेण परसुणा अक्कमेज्जा, तए णं से पुरिसे महंताई महंताई सद्दाई करेइ, नो महंताइ महंताई दलाई अवद्दालेति, एवामेव गोयमा ! नेरइयाणं पावाई कम्माई गाढीकयाई चिक्कणीकयाई एवं छट्टसए स० ६ उ० १ सु० ४) जाव नो महापज्जवसाणा भवंति । “से जहा वा केयि पुरिसे अहिकरणिं आउडेमाणे महया जाव नो महापज्जवसाणा भवंति । से जहानामए केयि पुरिसे तरुणे बलवं जाव मेहावी निउणसिप्पोवगए एगं महं सामलिगंडियं उल्लं अजडिलं अगंठिल्लं अचिक्कणं अवाइन्द्धं सपत्तियं तिक्खेण परसुणा अक्कमेज्जा, तए णं से पुरिसे नो महंताई महंताई सद्दाई करेति, महंताई महंताई दलाई अवद्दालेति, एवामेव गोयमा ! समणाणं निग्गंथाणं अहाबादराई कम्माई सिढिलीकयाइं णिट्टियाई कयाई जाव खिप्पामेव परिविद्धत्थाइं भवंति, जावतियं तावतियं जाव महापज्जवसाणा भवंति । “से जहा वा केयि पुरिसे सुक्कं तणहत्थगं जायतेयंसि पक्खिवेज्ना एवं जहा छट्टसए (स० ६ उ० १ सु० ४) तहा अयोकवल्ले वि जाव महापज्जवसाणा भवंति। से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ 'जावतियं अन्नइलायए समणे निग्गंथे कम्मं निज्जरेइ० तं चेव जाव वासकोडामोडीए वा नो खवयंति' ॥” सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरइ | || १६.४ ॥ ★★★ पंचमो उद्देसओ 'गंगदत्त' ★★★ [सु. १- २. भगवओ उल्लयतीरनगरएगजंबुयचेइए समागमणं ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं उल्लुयतीरे नामं नगरे होत्था । वण्णओ। एगजंबुए चेइए । वण्णओ । २. तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे जाव परिसा पज्जुवासति । [ सु. ३-७. सक्कस्स भगवओ समीवमागणं, महिड्डियदेवं पडुच्च सक्कपुच्छाए बाहिरपोग्गलपरियादाणेण आगमण-गमण-भासणाइपरूवणं, सक्कस्स य पडिगमणं ] ३. तेणं कालेणं तेणं समएणं सक्के देविदे देवराया वज्जपाणी एवं जहेव बितियउद्देसए (सु० ८) दिव्वेणं जाणविमाणेणं आगतो जाव जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, २ त्ता जाव नमंसित्ता एवं वदासि ४. देवे णं भंते ! महिड्डीए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले अपरियादिइत्ता पभू आगमित्तए ? नो इणट्ठे समट्ठे । ५. देवे णं भंते ! महिड्डीए जाव महेसक्खे बाहिरए पोग्गले परियादिइत्ता पभू आगमित्तए ? हंता, पभू । ६. देवे णं भंते ! महिड्डीए एवं एतेणं अभिलावेणं भमित्तए १ । एवं भासित्तए वा २, विआगरित्तए वा ३, उम्मिसावेत्तए वा निमिसावेत्तए वा ४, आउटवेत्तए वा पसारेत्तए वा ५, ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चेइत्तए वा ६, एवं विउव्वित्तए वा ७, एवं परियारेत्तए वा ८ ? जाव हंता, पभू। ७. इमाई अट्ठ उक्खित्तपसिणावागरणाई पुच्छति, इमाइं० २ संभंतियवंदणएणं वंदति, संभंतिय० २ तमेव दिव्वं जाणविमाणं दूहति, २ जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगते । [सु. ८. गोयमपुच्छाए भगवओ परूवणे मायिमिच्छद्दिट्ठि-अमायिसम्मद्दिट्ठीणं दोण्हं महासुक्कदेवाणं पोग्गलपरिवणइविसयविवाए नियवत्तव्वनिण्णयत्थं अमायिसम्मद्दिट्ठिदेवस्स भगवओ समीवमागमणं, सक्कदेविंदस्स य महासुक्कदेवतेय - असहणाइ ] ८. 'भंते!' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, २ एवं वयासी अन्नदा णं भंते! सक्के देविदे देवराया देवाणुप्पियं वंदति नम॑सति, वंदि० २ सक्कारेति जाव पज्जुवासति, किं णं भंते! अज्ज सक्के देविदे देवराया देवाणुप्पियं अट्ट उक्खित्तपसिणवागरणाई पुच्छइ, २ संभंतियवंदणएणं वंदति०, २ जाव पडिगए ? 'गोयमा !' दि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वदासि “ एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं महासुक्के कप्पे महासामाणे विमाणे दो देवा महिड्डीया जाव महेसक्खा एगविमाणंसि देवत्ताए उववन्ना, तं जहा मायिमिच्छादिट्ठिउववन्नए, श्री आगमगुणमंजूषा - ४५३ Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई श. १६ उ ५ [२३९ ] फ्र अमायिसम्मद्दिउिववन्नए य । “तए णं से मायिमिच्छादि उववन्नए देवे तं अमायिसम्मद्दिट्टिउववन्नगं देवं एवं वदासि परिणममाणा पोग्गला नो परिणया, अपरिणया; परिणमंतीति पोग्गला नो परिणया, अपरिणय । "तए णं से अमायिसम्मद्दिट्ठीउववन्नए देवे तं मायिमिच्छद्दिट्ठिउववन्नगं देवं एवं वयासी परिणममाणा पोग्गला परिणया, नो अपरिणया; परिणमंतीति पोग्गला परिणया, नो अपरिणया । "तं मायिमिच्छद्दिट्ठीउववन्नगं देवं एवं पडिहणइ, एवं पडिहणित्ता ओहिं पउंजति, ओहिं० २ ममं ओहिणा आभोएति, ममं २ अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था 'एवं खलु समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे दीवे जेणेव भारहे वासे उल्लुयतीरस्स नगरस्स बहिया एगजंबुए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरति, तं सेयं खलु मे समणं भगवं महावीरं वंदित्ता जाव पज्जुवासित्ता इमं एयारूवं वागरणं पुच्छित्तए' त्ति कट्टु एवं संपेहेति, एवं संपेहित्ता चउहि वि सामाणियसाहस्सीहिं० परियारो जहा सूरियाभस्स जाव निग्घोसनाइतरवेणं जेणेव जंबुद्दीवे दीवे जेणेव भारहे वासे जेणेव उल्लुयतीरे जेणेव एगजंबुए चेतिए जेणेव ममं अंतियं तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं से सक्के देविदे देवराया तस्स देवस्स तं दिव्वं देविद्धिं दिव्वं देवजुतिं दिव्वं देवाणुभावं दिव्वं तेयलेस्सं असहमाणे ममं अट्ठ उक्खित्तपसिणवागरणाई पुच्छति, पु० २ संभंतिय जाव पडिगए ।" [सु. ९-१३. गंगंदत्ताभिहाणअमायिसम्मद्दिट्ठिमहासुक्कदेवपुच्छाए भगवओ मायिमिच्छद्दिविदेवं पर गंगदत्तदेववत्तव्वस्स सच्चट्ठनिरूवणाइ ] ९. जावं च णं समणे भगवं महावीरे भगवतो गोयमस्मद्वं परिकहेति तावं च णं से देवे तं देसं हव्वमागए। १०. तए णं से देवे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वंदति नम॑सति, २ एवं वदासी "एवं खलु भंते! महासुक्के कप्पे महासमाणे विमाणे एगे मायिमिच्छद्दिट्टिउववन्नए देवे ममं एवं वदासी 'परिणममाणा पोग्गला नो परिणया, अपरिणया; परिणमंतीति पोग्लानो परिणया अपरिणया' । तए णं अहं तं मायिमिच्छद्दिट्ठिउववन्नगं देवं एवं वदामि 'परिणममाणा पोग्गलपरिणया, नो अपरिणया; परिणमंतीति पोग्गला परिणया, जो अपरिणया' । से कहमेयं भंते! एवं ?” ११. 'गंगदत्ता ! ई समणे भगचं महावीरे गंगदत्तं देवं एवं वदासी अहं पिणं गंगदत्ता ! एवमाइक्खामि० ४ परिणममाणा पोग्गला जाव नो अपरिणया, सच्चमेसे अट्ठे । १२. तए णं से गंगदत्ते देवे समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतियं एयमट्ठे सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदति, नम॑सति, २ नच्चासन्ने जाव पज्जुवासइ । १३. तए णं समणे भगवं महावीरे गंगदत्तस्स तीसे य जाव धम्मं परिकहेति जाव आराहए भवति । [ सु. १४. भगवया परूवियं गंगदत्तदेवस्स भवसिद्धियाइत्तं, गंगदत्तदेवस्स व सट्टाणगमणं ] १४. तए णं से गंगदत्ते देवे समणस्स भगवतो महावीरस्स अंतिये धम्मं सच्चा निसम्म हट्ठ० उट्ठाए उट्ठेति, उ०२ समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, २ एवं वदासी अहं णं भंते! गंगदत्ते देवे किं भवसिद्धिए अभवसिद्धिए ? एवं जहा सूरियाभे जाव बत्तीसतिविहं नट्टविहिं उवदंसेति, उव० २ जाव तामेच दिसं पडिगए । [सु. १५. गंगदत्तदिव्वदेविड्डिसंबद्धाए गोयमपुच्छाए भगवओ समाहाणं] १५. ‘भंते!' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं जाव एवं वदासी गंगदत्तस्स णं भंते! देवस्स सा दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवजुती जाव अणुप्पविट्ठा ? गोयमा ! सरीरं गया, सरीरं अणुप्पविट्ठा। कूडागारसालादिद्वंतो जाव सरीरं अणुप्पविट्ठा। अहो ! णं भंते! गंगदत्ते देवे महिड्डीए जाव महेसक्खे। [ सु. १६. गंगदत्तदेवपुव्वभवस्सगंगदत्तगाहावतिस्स वित्थरओ वृत्तंतो ] १६. गंगदत्तेणं भंते! देसेणं सा दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवजुती किणा लद्धा जाव जं णं गंगदत्तेणं देवेणं सा दिव्वा देबिड्डी जाव अभिसमन्नागया ? ‘गोयमा !' ई समणे भगवं महावीरें भगवं गोयमं एवं वदासी “एवं खलु गोयमा ! “तेणं कालेणं तेणं समयेणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे हत्थिणापुरे णामं नगरे होत्था, वण्णओ। सहसंबवणे उज्जाणे, वण्णओ । तत्थ णं हत्थिणापुरे नगरे गंगदत्ते नामं गाहावती परिवसति अड्डे जाव अपरिभूते । "तेणं कालेणं तेणं समयेणं मुणिसुव्वए अरहा आदिगरे जाव सव्वण्णू सव्वदरिसी आगासगएणं चक्केणं जाव पर्कडिज्जमाणेणं पकडिज्जमाणेणं सीसमणसंपरिवुडे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामागाम जाव जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जाव विहरति । परिसा निग्गता जाव पज्जुवासति । "तए णं से गंगदत्ते गाहावती इमीसे कहाए लट्ठे समाणे ० हाते कतबलिकम्मे जाव सरीरे सातो गिहातो पडिनिक्खमति, २ पादविहारचारेणं हत्थिणापुरं नगरं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छति, नि० २ जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जेणेव मुणिसुव्वए अरहा तेणेव उवागच्छड़, उवा० २ मुणिसुव्वयं अरहं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं जाव तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुबासति । "तए णं MOTO श्री आगमगुणमंजूषा- ४५४ ॐ ॐ ॐ Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ POR555555555555555 (५) भगवई श.१६ उ - ५-६ [२४०] 五五五五五五5555550) 555555555555555555555OOK AGRO55555555555555555555555555 मुणिसुव्वए अरहा गंगदत्तस्स गाहावतिस्स तीसे य महति जाव परिसा पडिगता। "तए णं से गंगदत्ते गाहावती मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियं धम्मं सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ० उट्ठाए उडेति, उ० २ मुणिसुव्वतं अरहं वंदति नमंसति, वं० २ एवं वदासी 'सद्दहामि णं भंते ! निग्गंथं पावयणं जाव से जहेयं तुब्भे वदह । जं नवरं ॥ देवाणुप्पिया ! जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेमि, तएणं अहं देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे जाव पव्वयामि' । 'अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं' । “तए णं से गंगदत्ते गाहावती मुणिसुव्वतेणं अरहया एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ठ० मुणिसुव्वतं अरहं वंदति नमसति, वं०२ मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियाओ सहसंबवणाओ उज्जाणातो पडिनिक्खमति, पडि० २ जेणेव हत्थिणापुरे नगरे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छति, उवा०२ विपुलं असण-पाण० जाव उवक्खडावेइ, उव० २ मित्त-णाति-णियग० जाव आमंतेति, आ० २ ततो पच्छा प्रहाते जहा पूरणे (स० ३ उ०२ सु० १९) जाव जेट्टपुत्तं कुडुंबे ठावेति, ठा०२ तं मित्त-णाति० जाव जेठ्ठपुत्तं च आपुच्छति, आ० २ पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं हति, पुरिससह०२ मित्त-णाति-नियग० जाव परिजणेणं जेट्टपुत्तेण य समणुगम्ममाणमग्गे सव्विड्डीए जाव णादितरवेणं हत्थिणापुरं नगरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छति, नि०२ जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छति, उ०२ छत्तादिए तित्थगरातिसए पासति, एवं जहा उद्दायणो (स०१३ उ० ६ सु०३०) जाव सयमेव आभरणं ओमुयइ, स०२ सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ, स०२ जेणेव मुणिसुव्वये अरहा, एवं जहेव उद्दायणो (स० १३ उ० ६ सु० ३१) तहेव पव्वइओ। तहेव एक्कारस अंगाई अधिज्जइ जाव मासियाए संलेहणाए सढि भत्ताइं अणसणाए जाव छेदेति, सट्ठि०२ आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा महासुक्के कप्पे महासामाणे विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव गंगदत्तदेवत्ताए उववन्ने । “तए णं से गंगदत्ते देवे अहुणोववन्नमेत्तए समाणे पंचविहाए पज्जत्तीए पज्जत्तीभावं गच्छति, तं जहा आहारपज्जत्तीए जाव भासा-मणपज्जत्तीए । “एवं खलु गोयमा ! गंगदत्तेणं देवेणं सा दिव्वा देविड्डी जाव अभिसमन्नगया"। [सु. १७. गंगदत्तदेवठितिपरूवणा] १७. गंगदत्तस्सणं भंते ! देवस्स केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता ? गोयमा ! सत्तरससागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता। [सु. १८. गंगदत्तदेवस्स कमेणं सिद्धिगामित्तनिरूवणं ]१८. गंगदत्ते णं भंते ! देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।।१६.५|| ★★★ छट्ठो उद्देसओ 'सुमिणे'** [सु. १. सुविणस्स पंच पगारा] १. कतिविधे णं भंते ! सुविणदंसणे पन्नत्ते? ' गोयमा ! पंचविहे सुविणदंसणे पन्नत्ते, तं जहा अहातच्चे पयाणे चिंतासुविणे तव्विवरीए अव्वत्तदंसणे। [सु. २. सुत्तजागरस्स सुविणदंसणनिरूवणं ] २. सुत्त है णं भंते ! सुविणं पासति, जागरे सुविणं पासति, सुत्तजागरे सुविणं पासति ? गोयमा ! नो सुत्ते सुविणं पासति, नो जागरे सुविणं पासति, सुत्तजागरे सुविणं पासति ।[. सु. ३. जीवेसु सुत्तत्त-जागरत्त-सुत्तजागरत्तनिरूवणं] ३. जीवाणं भंते ! किं सुत्ता, जागरा, सुत्तजागरा ? गोयमा ! जीवा सुत्ता वि, जागरा वि, सुत्तजागरा वि। [सु. ४-५. नेरइय-एगिदिय-विगलिदिएसु सुत्तत्तनिरूवणं] ४. नेरतिया णं भंते ! किं सुत्ता० पुच्छा । गोयमा ! नेरइया सुत्ता, नो जागरा, नो सुत्तजागरा। ५. एवं जाव चउरिदिया। [सु. ६. पंचेदियतिरिक्खजोणिएसु सुत्तत्त-सुत्तजागरत्तनिरूवणं ] ६. पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! किं सुत्ता० पुच्छा । गोयमा ! सुत्ता, नो जागरा, सुत्तजागरा वि। सु. ७. मणुस्सेसु सुत्तत्त-जागरत्त-सुत्तजागरत्तनिरूवणं ७. मणुस्सा जहा जीवा। [सु. ८. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिएसुसुत्तत्तनिरूवणं ] ८. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरइया। [सु. ९. संवुड -संवुडासंवुडेसु सुविणदंसणनिरूवणं] ९. संवुडे णं भंते ! सुविणं पासति, असंवुडे सुविणं पासति, संवुडासंवुडे सुविणं पासति ? गोयमा ! संवुडे वि सुविणं पासति, असंवुडे वि सुविणं पासति, संवुडासंवुडे वि सुविणं पासति । संवुडे सुविणं पासति अहातच्चं पासति । असंवुडे सुविणं पासति तहा वा तं होज्जा, अन्नहा वा तं होज्जा। संवुडासंवुडे सुविणं पासति एवं चेव । [सु. १०-११. जीव-चउवीसइदंडएसु सत्तादि इव संवुडाइदिरूवणं] १०. जीवा णं भंते ! किं संवुडा, असंवुडा, संवुडासंवुडा ? गोयमा ! जीवा संवुडा वि, असंवुडा वि, संवुडासंवुडा वि । ११. एवं जहेव सुत्ताणं दंडओ तहेव भाणियव्वो। [सु. १२-१४. सुविण-महासुविण -सव्वसुविणसंखानिरूवणं]१२. कति णं भंते ! सुविणा पन्नत्ता ? गोयमा ! बायालीसं सुविणा पन्नत्ता। १३. ROC听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐明明乐乐乐乐乐CC YOO$$$$$$$55555555 श्री आगमगुणमजूषा-४५५555555555555555555555 5OOK Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 卐$$$ 5卐乐乐乐广 (५) भगवई स. १६ उ ६ [२४१] १९. भंते! महासुविणा पन्नत्ता ? गोयमा ! तीसं महासुविणा पन्नत्ता । १४. कति णं भंते! सव्वसुविणा पन्नत्ता ? गोयमा ! बावत्तरिं सव्वसुविणा पन्नत्ता । [सु. १५तित्थयरं-चक्कवट्टि-वासुदेव-बलदेव-मंडलियगब्भवक्कमणे तेसिं माऊणं सुविणसंखानिरूवणं ] १५. तित्थयरमायरो णं भंते! तित्थगरंसि गब्भं वक्कममाणंसि कति महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झति ? गोयमा ! तित्थगरमायरो णं तित्थगरंसि गब्भं वक्कममाणंसि एएसिं तीसाए महासुविणाणं इमे चोदस महासुवि पासित्ताणं पडिबुज्झंति, तं जहा गय-वसभ-सीह जाव सिहिं च । १६. चक्कवट्टिमायरो णं भंते! चक्कवट्टिसि गब्भं वक्कममाणंसि कति महासुविणे जाव बुज्झति ? गोयमा ! चक्कवट्टिमायरो चक्कवट्टिसि गब्भं वक्कममाणंसि एएसिं तीसाए महासु० एवं जहा तित्थगरमायरो जाव सिहिं च । १७. वासुदेवमायरो णं० पुच्छा । गोयमा ! वासुदेवमायरो जाव वक्कममाणंसि एएसिं चोद्दसण्हं महासुविष्णाणं अन्नयरे सत्त महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झति । १८. बलदेवमायरो० पुच्छा। गोयमा ! बलदेवमायरो जाव एएसिं चोद्दसहं महासुविणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुविणे पासित्ताणं पडिबुज्झति । १९. मंडलियमायरो णं भंते ! मं० पुच्छा । गोयमा ! मंडलियमायरो जाव एएसिं चोद्दसण्हं महासुविणाणं अन्नयरं एवं महासुविणं जाव पडिबुज्झति । [सु. २०-२१. भगवया महावीरेणं छउमत्थकाल अंतिमराईए दिट्ठाइ दस सुविणाई, तेसिं फलं च ] २०. समणे भगवं महावीरे छउमत्थकालियाए अंतिमराइयंसि इमे दस महासुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे, तं जहा एगं च णं महं घोररूवदित्तधरं तालपिसायं सुविणे पराजियं पासित्ताणं पडिबुद्धे १ । एगं च णं महं सुक्किलपक्खगं पूसकोइलं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे २ । एगं च णं महं चित्तविचित्तपक्खगं पूसकोइलगं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ३ । एगं च णं महं दामदुगं सव्वरयणामयं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ४ । एगं च णं महं सेयं गोवग्गं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ५ । एगं च णं महं पउमसरं सव्वतो समंता कुसुमियं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ६ । एगं च णं महं सागरं उम्मी-वीयीसहस्सकलियं हिंति सुविपासित्ताणं पडिबुद्धे ७ । एगं च णं महं दिणकरं तेयसा जलंतं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ८ । एगं च णं महं हरिवेरुलियवण्णाभेणं नियगेणं अंतेणं माणुसुत्तरं पव्वयं सव्वतो समंता आवेढियं परिवेढियं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे ९ । एगं च णं महं मंदरे पव्वए मंदरचूलियाए उवरिं सीहासणवरगयं अप्पाणं सुविणे पासित्ताणं पडिबुद्धे १० । २१. जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं घोररूवदित्तधरं तालपिसायं सुविणे पराजियं पा० जाव पडिबुद्धे तं णं समणेणं भगवता महावीरेणं मोहणिज्जे कम्मे मूलओ उग्घातिए १ । जं णं समणे भगवं महावीरे एवं महं सुक्किल जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे सुक्कज्झाणोवगए विहरति २ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं चित्तविचित्त जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे विचित्तं ससमय-परसमइयं दुवालसंगं गणिपिडिगं आघवेति पन्नवेति परूवेति दंसेति निदंसेति उवदंसेति, तं जहा आयारं सूयगडं जाव दिट्ठिवायं ३ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं दामदुगं सव्वरयणामयं सुविणे पासित्ताणं डिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे दुविहं धम्मं पन्नवेति, तं जहा अगारधम्मं वा अणगारधम्मं वा ४ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं सेयं गोवग्गं जाव बुद्धे तं णं समणस्स भगवतो महावीरस्स चाउव्वण्णाइण्णे समणसंघे, तं जहा समणा समणीओ सावगा सावियाओ ५ । जं णं समणे भगवं महावीरे एवं महं पउमसरं जाव पडिबुद्धे तं णं समणे जाव वीरे चउव्विहे देवे पण्णवेति, तं जहा भवणवासी वाणमंतरे जोतिसिए वेमाणिए ६ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं सागरं जाव पडिबुद्धे तं णं समणेणं भगवता महावीरेणं अणादीए अणवदग्गे जाव संसारकंतारे तिण्णे ७ । जं णं समणे भगवं महावीरे एगं महं दिणकरं जाव पडिबुद्धे तं णं समणस्स भगवतो महावीरस्स अणंते अणुत्तरे जाव केवलवरनाण-दंसणे समुप्पन्ने ८ । जं णं समणे जाव वीरे एगं महं हरिवेरुलिय जाव पडिबुद्धे तं णं समणस्स भगवतो महावीरस्स ओराला कित्तिवण्णसद्दसिलोया सदेवमणुयासुरे लोगे परितुवंति 'इति खलु समणे भगवं महावीरे, इति खलु समणे भगवं महावीरे' ९ । जं समणे भगवं महावीरे मंदरे पव्वते मंदरचूलियाए जाव पडिबुद्धे तं णं समणे भगवं महावीरे सदेवमणुयासुराए परिसाए मज्झगए केवली धम्मं आघवेति जाव उवदंसेति १०।[ सु. २२-३५. हयपंति आइ-दामिणी-रज्जु किण्हसुत्तगाइ- अयरासिआइ हिरण्णरासिआइ-तणरासिआइ- सरथंभाइ- खीरकुंभाइ- सुरावियडकुंभाइपउमसर-सागर-भवण-विमाणसुविणफलं ] २२. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एवं महं हयपंतिं वा गयंपंति वा जाव उसभपंति वा पासमाणे पासति, द्र्हमाणे दूहति, YOYORK श्री आगमगुणमंजूषा ४५६ 749只 X Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 過听听听听听听听听听听听听听乐乐坂 (५) भगवई श. १६ उ-६-७-८ [२४२] 6 $$%%%%%%%25 $$$须听听听听听听听听听听$$$$ 乐乐乐乐明明玩玩乐乐 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐 2 दूढमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव वुज्झति, तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंतं करेति । २३. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं दामिणिं पाईणपडिणायतं दुहओ समुद्दे पुढे पासमाणे पासति, संवेल्लेमाणे संवेल्लेइ, संवेल्लियमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव बुज्झति, तेणेव भवग्गहणेण जाव अंतं करेइ । २४. इत्थी के # वा पुरिसे वा सुविणते एगं महं रज्जु पाईणपडिणायतं दुहतो लोगते पुढे पासमाणे पासति, छिंदमाणे छिंदइ, छिन्नमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव जाव अंतं करेइ। २५. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं किण्हसुत्तगं वा जाव सुक्किलसुत्तगं वा पासमाणे पासति, उग्गोवेमाणे उग्गोवेइ, उग्गोवितमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव जाव अंतं करेति । २६. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं अयरासिंवा तंबरासिंवा तउयरासिंवा सीसगरासिं पासमाणे पासति, दुरूहमाणे दुरूहति, दुरू, ति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव बुज्झइ, दोच्चे भवग्गहणे सिज्झति जाव अंतं करेति । २७. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं हिरण्णरासिं वा सुवण्णरासिं वा रयणरासिंवा वइररासिं वा पासमाणे पासइ, दुरूहमाणे दुरूहइ, दुरूढमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव बुज्झति, तेणेव भवग्गहणेणं सिन्झति जाव अंतं करेति । २८. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं तणरासिं वा जहा तेयनिसग्गे (स० १५ सु० ८२) जाव अवकररासिं वा पासमाणे पासति, विक्खिरमाणे विक्खिरइ, विक्खिण्णमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव बुज्झति, तेणव जाव अंतं करेति । २९. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एणं महं सरथंभं वा वीरणथंभं वा वंसीमूलथंभं वा वल्लीमूलथंमं वा पासमाणे पासति, उम्मूलेमाणे उम्मूलेइ, उम्मूलितमिति अप्पाणं मन्नति तक्खाणामेव बुज्झति, तेणेव जाव अंतं करेति । ३०. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एणं महं खीरकुंभं वा दधिकुंभं वा घयकुंभं वा मधुकुंभं वा पासमाणे पासति, उप्पाडेमाणे उप्पाडेति, उप्पाडितमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव बुज्झति तेणेव जाव अंतं करेति । ३१. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणते एगं महं सुरावियडकुंभं वा सोवीरगवियडकुंभं वा तेल्लकुंभ वा वसाकुंभं वा पासमाणे पासति, भिंदमाणे भिसति, भिन्नमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव बुज्झति, दोच्चेणं भव० जाव अंतं करेति । ३२. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं पउमसरं कुसुमियं पासमाणे पासति, ओगाहमाणे ओगाहति, ओगाढमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव० तेणेव जाव अंतं करेति । ३३. इत्थी वा जाव सुविणंते एगं महं सागरं उम्मी-वीयी जाव कलियं पासमाणे पासति, तरमाणे तरति, तिण्णमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव० तेणेव जाव अंतं करेति । ३४. इत्थी वा जाव सुविणंते एगं महं भवणं सव्वरयणामयं पासमाणे पासति, अणुप्पविसमाणे अणुप्पविसति, अणुप्पविठ्ठमिति अप्पाणं मन्नति० तेणेव जाव अंतं करेति। ३५. इत्थी वा पुरिसे वा सुविणंते एगं महं विमाणं सव्वरयणामयं पासमाणे पासति, हमाणे दूहति, दूढमिति अप्पाणं मन्नति, तक्खणामेव बुज्झति, तेणेव जाव अंतं करेति। [सु. ३६. घाणसहगयपोग्गलाणं 卐 घाणगेज्झत्तं ] ३६. अह भंते ! कोट्ठपुडाण वा जाव केयतिपुडाण वा अणुवायंसि उब्भिज्जमाणाण वा जाव ठाणाओ वा ठाणं संकामिज्जमाणाणं कि कोटे वाति जाव केयती वाति ? गोयमा ! नो कोटे वाति जाव नो केयती वाती घाणसहगया पोग्गला वांति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।१६.६।। ***सत्तमो उद्देसओ 'उवयोग'*** [सु. १. उवयोगभेय-पभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १. कतिविधे णं भंते ! उवओगे पन्नत्ते? गोयमा ! दुविहे उवयोगे पन्नत्ते, एवं जहा उवयोगपयं पन्नवणाए तहेव निरवसेसं भाणियव्वं पासणयापयं च निरवसेसं नेयव्वं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।१६.७|| ***अट्ठमो उद्देसओ 'लोग*** [सु. १.लोगपमाणनिरूवणं] १. केमहालए णं भंते ! लोए पन्नत्ते? गोयमा ! महतिमहालए जहा बारसमसए (स०१२ उ०७ सु०२) तहेव जाव असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्खेवेणं । [ सु. २-६. लोगस्स पुरथिमिल्ल-दाहिणिल्ल-पच्चत्थिमिल्ल-उत्तरिल्ल-उवरिल्ल-हेट्ठिल्ल-चरिमंते जीव - अजीव तद्देसपदेसनिरूवणं ] २. लोगस्स णं भंते ! पुरथिमिल्ले चरिमंते किं जीवा, जीवादेसा, जीवपदेसा, अजीवा, अजीवदेसा, अजीवपदेसा ? गोयमा ! नो जीवा, जीवदेसा वि, जीवपदेसा वि, अजीवा वि, अजीवदेसा वि, अजीवपदेसा वि। जे जीवदेसा ते नियम एगिदियदेसा, अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स य देसे । एवं जहा दसमसए अग्गेयी दिसा (स० १० उ०१ सु०९) तहेव, नवरं देसेसु अणिदियाणं आदिल्लविरहिओ। जे अरूवी अजीवा ते छव्विहा, अद्धसमयो नत्थि। सेसं क 5555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ४५७5555555555555555555555555FOLOR $听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明听听听听听听听听听听听C 955 Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOROFफफफफफ5555555 १५) भगवई स. १६ उ. ८.९२४३] 击步步步步步步步步步步步步 US OO乐乐乐乐乐5折听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明 तं चेव सव्वं । ३. लोगस्स णं भंते ! दाहिणिल्ले चरिमंते किं जीवा० ? एवं चेव। ४. एवं पच्चत्थिमिल्ले वि, उत्तरिल्ले वि। ५. लोगस्सणं भंते ! उवरिल्ले चरिमंते किं जीवा० पुच्छा । गोयमा ! नो जीवा, जीवदेसा वि जाव अजीवपएसा वि। जे जीवदेसा ते नियम एगिदियदेसा य, अणिदियदेसा य, अहवा एगिदियदेसा य अणिदियदेसा य बेदियस्स य देसे. अहवा एगिदियदेसा य अणिदियदेसा य बेइंदियाण य देसा। एवं मझिल्लविरहितो जाव पंचिदियाणं । जे जीवप्पएसा ते नियम एगिदियप्पदेसा य अणिदियप्पएसा य, अहवा एगिदियपदेसा य अणिदियप्पदेसा य बेइंदियदेस्स य पदेसा, अहवा एगिदियपदेसा य अणिदियपएसा य बेइंदियाण य पदेसा । एवं आदिल्लविरहिओ जाव पंचिदियाणं । अजीवा जहा दसमसए तमाए (स०१० उ० १ सु० १७) तहेव निरवसेसं । ६. लोगस्स णं भंते ! हेट्ठिल्ले चरिमंते किं जीवा० पुच्छा । गोयमा ! नो जीवा, जीवदेसा वि जाव अजीवप्पएसा वि । जे जीवदेसा ते नियमं एगिदियदेसा, अहवा एगिदियदेसा य बेदियस्स य देसे, अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियाण य देसा । एवं मज्झिल्लविरहिओ जाव अणिदियाणं पदेसा आदिल्लविरहिया सव्वेसिं जहा पुरथिमिल्ले चरिमंते तहेव । अजीवा जहा उवरिल्ले चरिमंते तहेव। [सु. ७-९. सत्तण्हं नरयपुढवीणं पुरथिमिल्लाइचरिमंते जीव-अजीवतद्देसपदेसनिरूवणं ] ७. इमीसेणं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते किं जीवा० पुच्छा । गोयमा ! नो जीवा, एवं जहेब लोगस्स तहेव चत्तारि वि चरिमंता जाव उत्तरिल्ले, उवरिल्ले जहा दसमसए विमला दिसा (स०१० उ०१ सु०१६) तहेव निरवसेसं । हेट्ठिल्ले चरिमंते जहेव लोगस्स हेट्ठिल्ले चरिमंते (सु०६) तहेव, नवरं देसे पंचेदिएसु तियभंगो, सेसं तं चेव। ८. एवं जहा रयणप्पभाए चत्तारि चरिमंता भणिया एवं सक्करप्पभाए वि । उवरिम-हेट्ठिल्ला जहा रयणप्पभाए हेट्ठिल्ले । ९. एवं जाव अहेसत्तमाए। [सु. १०-१२. सोहम्माइबारसदेवलोग-गेवेज्ज-अणुत्तरविमाण-ईसिपब्भार-पुढवीणं पुरथिमिल्लाइचरिमंते जीव-अजीव-तद्देसपदेसाइनिरूवणं ] १०. एवं सोहम्मस्स वि जाव अच्चुयस्स । ११. गेविजविमाणाणं एवं चेव । नवरं उवरिम-हेट्ठिल्लेसु चरिमंतेसु देसेसु पंचेदियाण वि मज्झिल्लविरहितो चेव, सेसं तहेव । १२. एवं जहा गेवेज्जविमाणातहा अणुत्तरविमाणा वि, ईसिपब्भारा वि। [सु. १३. परमाणुपोग्गलस्स एगसमएणं पुरथिमिल्लचरिमंत-पच्चत्थिमिल्लाइचरिमंतगमणसामनिरूवणं] १३. परमाणुपोग्गले णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ पच्चत्थिमिल्लं चरिमंतं एगसमएणं गच्छति, पच्चत्थिमिल्लाओ चरिमंताओ पुरथिमिल्लं चरिमंतं एगसमएणं गच्छति, दाहिणिल्लाओ चरिमंताओ उत्तरिल्लं जाव गच्छति, उत्तरिल्लाओ० दाहिणिल्लं जाव गच्छति, उवरिल्लाओ चरिमंताओ हेट्ठिल्लं चरिमंतं एग० जाव गच्छति, हेट्ठिल्लाओ चरिमंताओ उवरिल्लं चरिमंतं एगसमएणं गच्छति ? हता, गोतमा ! परमाणुपोग्गले णं लोगस्स पुरित्थिमिल्ल० तं चेव जाव उवरिल्लं चरिमंतं गच्छति। [सु. १४. मेहवरिसणनिण्णयत्थं हत्थाइआउंटावेमाणपुरिसम्मि किरियापरूवणं ] १४. पुरिसे णं भंते ! वासं वासति, वासं नो वासतीति हत्थं वा पायं वा बाहुं वा ऊरुं वा आउंटावेमाणे वा पसारेमाणे वा कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे वासं वासति, वासं नो वासतीति हत्थं वा 3 जाव ऊरुवा आउंटावेति वा पसारेति वा तावं चणं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहिँ किरियाहिं पुढे। [सु. १५. देवस्स अलोगंसि हत्थाइआउंटणाइअसामत्थनिरूवणं] १५. (१) देवे णं भंते ! महिड्डीए जाव महेसक्खे लोगंते ठिच्चा पभू अलोगंसि हत्थं वा जाव ऊरुं वा आउंटावेत्ताए वा पसारेत्तए वा ? णो इणढे समढे। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति 'देवे णं महिड्डीए जाव लोगते ठिच्चा णो पभू अलोगंसि हत्थं वा जाव पसारेत्तए वा' ? गोयमा ! जीवाणं आहारोवचिया पोग्गला, बोंदिचिया ॐ पोग्गला, कलेवरचिया पोग्गला, पोग्गलमेव पप्प जीवाण य अजीवाण य गतिपरियाए आहिज्जइ, अलोए णं नेवत्थि जीवा, नेवत्थि पोग्गला, से तेणद्वेणं जाव पसारेत्तए वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिक । ॥१६.८।। *** नवमो उद्देसओ 'बलि'** [सु. १. वइरोयणिंदस्स बलिस्स सभा-रायहाणीआदीणं ' निरूवणं ] १. कहिं णं भंते ! बलिस्स वइरायणिंदस्स वइरायणरन्नो सभा सुहम्मा पन्नत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं तिरियमसंखेजे० जहेव चमरस्स (स०२ उ०८ सु०१) जाव बायालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं बलिस्स वइरोयणिंदस्स वइरोयणरन्नो रुयगिदै नामं उप्पायपव्वए reO1555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - पट555555555555555555555555 9OOR $$$$$$$听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明 5555 Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ CSC$$$乐听听听听乐乐明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐 $$ KOROFFFFF5555555559 (५) भगवई स. १६ उ-९-१४/स.१७उ-१ २४४] $555555555520 पन्नत्ते सत्तरस एक्कवीसे जोयणसए एवं पमाणं जहेव तिगिछिकूडस्स, पासायवडेंसगस्स वि तं चैव पमाणं सीहासणं सपरिवारं बलिस्स परियारेणं अट्ठो तहेव, नवरं रुयगिंदप्पभाई ३ कुमुयाई । सेसं तं चेव जाव बलिचंचाए रायहाणीए अन्नेसिं च जाव निच्चे, रूयगिंदस्स णं उप्पायपव्वयस्स उत्तरेणं छक्कोडिसए तहेव जाव चत्तालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं बलिस्स वइरोयणिंदस्स वइरोयणरन्नो बलिचंचा नामं रायहाणी पन्नत्ता: एणं जोयणसयसहस्सं पमाणं तहेब जाव बलिपेढस्स उववातो जाव आयरक्खा सव्वं तहेव निरवसेसं, नवरं सातिरेगं सागरोवमं ठिती पन्नत्ता। सेसं तं चेव बली वइरोयणिद, बली वइरोयणिद। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति । ।।१६.९॥★★★दसमो उद्देसओ 'ओही' *** [सु. १. ओहिभेयादिजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १. कसिविधेई (?धा) णं भंते ! ओही पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविधा ओही पन्नत्ता। ओहीपयं निरवसेसं भाणियध्वं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति । ।।१६.१०॥* एगारसमो उद्देसो 'दीव' [सु. १. दीवकुमारेसु समाहारादिपयाणं निरूवणं ] १. दीवकुमाराणं भंते ! सव्वे समाहारा० निस्सासा ? नो इणढे समठे। एवं जहा पढमसए बितियउद्देसए दीवकुमाराणं वत्तव्वया(स० १ उ०२ सु० ६) तहेव जाव समाउया समुस्सासनिस्सासा। [सु. २-४. दीवकुमारेसु-लेसान्निरवणं, लेसं पडुच्च अप्पाबहुयं इड्डिअप्पाबहुयं च] २. दीवकुमाराणं भंते ! कति लेस्साओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! चत्तारि लेस्साओ पन्नत्ताओ, तं जहा कण्हलेस्सा जाब तेउलेस्सा । ३. एएसि णं भंते ! दीवकुमाराणं कण्हलेस्साणं जाव तेउलेस्साण य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा दीवकुमारा # तेउलेस्सा, काउलेस्सा असंखेज्जगुणा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया। ४. एतेसि णं भंते ! दीवकुमाराणं कण्हलेस्साणं जाव तेउलेस्साण व कयरे कयरेहितो अप्पिड्डिया वा महिड्डिया वा ? गोयमा ! कण्हलेस्सेहितो नीललेस्सा महिड्डिया जाव सव्वमहिड्डिया तेउलेस्सा। सेवं भंते ! भंते ! जाव विहरति। ॥१६.११॥★★★ बारसमो उद्देसओ 'उदही'***[सु. १. उदहिकुमारेसु समाहारइनिरूवणाइ] १. उदधिकुमाराणं भंते ! सव्वे समाहारा०? एवं चेव। सेवं भंते ! सेवं भंते !० ।।१६.१२।। *** तेसमो उद्देसओ 'दिसा'★★★[सु. १ दिसाकुमारेसु समाहारइनिरूवणाइ] १. एवं दिसाकुमारा वि। ॥१६.१३|| ★★★ चउदसमो उद्देसओ 'थणिया' ★★★ [सु. १ थणियकुमारेसु समाहाराइनिरूवणाइ ]१. एवं थणियकुमारा वि । सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति । ।।१६.१४|| |सोलसमं सयं समत्तं ॥ सत्तरसमं सयंक [सु. १. सत्तरसमयसयस्स मंगलं ]१. नमो सुयदेवयाए भगवतीए। [सु. २. सत्तरसमसयस्स उद्देसनामपरूवणा] २. कुंजर १ संजय २ सेलेसि ३ किरिय ४ ईसाण ५ पुढवि ६-७, दग ८-९ वाऊ १०-११ । एगिदिय १२ नाग १३ सुवण्ण १४ विज्जु १५ वाय १६ ऽग्गि १७ सत्तरसे॥१||पढमो उद्देसओ 'कुंजर'★★★सु. ३. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ ] ३. रायगिहे जाव एवं वदासि. [सु. ४-७. कूणियरन्नो उदायि -भूयाणंदनामाणं दोण्हं हत्थीणं पुव्वभव-अणंतरभवनिद्देसपुव्वं सिद्धिगमणानिरूवणं ] ४. उदायी णं भंते ! हत्थिराया कओहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता उदायिहत्थिरायत्ताए उववन्ने ? गोयमा ! असुरकुमारेहिंतो देवेहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता उदायिहत्थिरायत्ताए उववन्ने । ५. उदायी णं भंते ! हत्थिराया कालमासे कालं किच्चा कहिंगच्छिहिति, कहिं उववज्जिनहिति? गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोससागरोवमद्वितीयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिति। ६.सेणं भंते ! ततोहितो अणंतरं उव्वठ्ठित्ता कहिं गच्छिहिति?, कहिं उववज्जिहिति ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति। ७. भूयाणंदे णं भंते ! हत्थिराया कतोहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता भूयाणंद० ? एवं जहेव उदायी जाव अंतं काहिति । [ सु. ८-९. तालमारुभमाणम्मि तालफलं च पचालेमाणाइम्मि पुरिसम्मि ताल-तालफलजीवेसु च किरियापरूवणाइ ] ८. पुरिसे णं भंते ! तालमारुभइ, तालं आरुभित्ता तालाओ तालफलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे तालमारुभति, तालमारुभित्ता तालाओ तालफलं पचालेइ वा पवाडेइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए GO乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$20 FOR959 5 5555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४५९5955555555555OOR Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई रा. १७ उ १-२ [२४५] जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठे। जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहिंतो ताले निव्वत्तिए तालफले निव्वत्तिए ते वि णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा। ९. अहे भंते! से तालफले अप्पणो गरुययाए जाव पच्चोवयमाणे जाई तत्थ पाणाइं जाव जीवियाओ ववरोवेति ततो णं भंते! से पुरिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे तालफले अप्पणो गरुययाए जाव जीवियाओ ववरोवेति तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहिं किरियाहिं पुट्ठे । जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहिंतो ताले निव्वत्तिए ते विणं जीवा काइयाए जाव चउहिं किरियाहिं पुट्ठा। जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहिंतो तालफले निव्वत्तिए ते वि णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा | जेविय से जीवा अहे वीससाए पच्चोवतमाणस्स उवग्गहे वट्टंति ते वि णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा। [सु. १०-१४. रुक्खमूल- कंद- बीयाई पचालेमाणाइम्मि पुरिसम्मि रुक्खमूलकंद - बीयजीवेसु य किरियापरूवणाइ ] १०. पुरिसे णं भंते! रुक्खस्स मूलं पचालैमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं चणं से पुरिसे रुक्खस्स मूलं पचालेति वा पवाडेति वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठे। जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहिंतो मूले निव्वत्तिए जाव बीए निव्वत्तिए ते वि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा। ११. अहे णं भंते ! से मूले अप्पणो गरुययाए जाव जीवियाओ वववेति ओणं भंते! से पुरिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से मूले अप्पणो जाव ववरोवेति तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहिं किरियाहिं पुट्ठे । जेसिं पियणं जीवा सरीरेहिंतो कंदे निव्वत्तिए जाव बीए निव्वत्तिए ते वि णं जीवा काइयाए जाव चउहिं० पुट्ठा। जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहिंतो मूले निव्वत्तिए ते वि णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा। जे वि य से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वट्टंति ते वि णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा। १२. पुरिसे णं भंते! रुक्खस्स कंदं पचालेइ० ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्टे । जेसि पि य णं जीवाणं सरीरेहिंतो कंदे निव्वत्तिते ते वि णं जीवा जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा | १३. अहे णं भंते ! कंदे अप्पणो जाव चउहिं० पुट्ठे । जेसि पि य णं जीवाणं सरीरेहिंतो मूले निव्वत्तिते, खंधे निवत्तिते जाव चउहिं० पुट्ठा। जेसिं पियणं जीवाणं सरीरेहिंतो कंदे निव्वत्तिते ते वि णं जाव पंचहिं० पुट्ठा। जे वि य से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स जाव पंचहिं० पुट्ठा। १४. जहा कंदो एवं जाव बीयं। [सु. १५-१७. सरीर इंदिय जोगभेयपरूवणं ]१५. कति णं भंते! सरीरगा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरगा पन्नत्ता, तं जहा ओरालिए जाव कम्मए । १६. कति णं भंते! इंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच इंदिया पन्नत्ता, तं जहा सोतिंदिए जाव फासिदिए । १७. कतिविधे णं भंते! जोए पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविधे जोए पन्नत्ते, तं जहा मणजोए वइजोए कायजोए । [सु. १८-२५. ओरालियाइसरीरपंचगं निव्वत्तेमाणेसु जीव- चउवीसइदंडएस एगत्त-पुहत्तेणं किरियापरूवणं ] १८. जीवे णं भंते! ओरालियसरीरं निव्वत्तेमाणे कतिकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए । १९. एवं पुढविकाइए वि । २०. एवं जाव मणुस्से । २१. जीवाणं भंते! ओरालिसरीरं निव्वत्तेमाणा कतिकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि । २२. एवं पुढविकाइया वि । २३. एवं जाव मस्सा । २४. एवं वेउव्वियसरीरेण वि दो दंडगा, नवरं जस्स अत्थि वेउव्वियं । २५. एवं जाव कम्मगसरीरं । [सु. २६-२७. इंदियपंचगं जोगितियं च निव्वत्तेमाणेसु जीव- चउवीसइदंडएस किरियापरूवणं ] २६. एवं सोतिदियं जाव फासिदियं । २७. एवं मणजोगं, वइजोगं, कायजोगं, जस्स जं अत्थि तं भाणियव्वं । एते एगत्तपुहत्ते छव्वीसं दंडगा । [सु. २८. भावस्स भेयछक्कं ]२८. कतिविधे णं भंते ! भावे पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहे भावे पन्नत्ते, तं जहा उदइए उवसभिए जाव सन्निवातिए। [सु. २९. भावभेय - पभेयजाणणत्थं अणुओगद्दारसुत्तावलोयणनिद्देसो ] २९. से किं तं उदइए भावे ? उदइए भावे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा उदए य उदए य उदयनिप्फन्ने य । एवं एतेणं अभिलावेणं जहा अणुओगद्दारे छन्नामं तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव से तं सन्निवातिए भावे । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० । ।।१७.१।।★★★ बीओ उद्देसओ 'संजय' ★★★ [सु. १-३. संजय - असंजय - संजयासंजएसु कमेणं धम्म - अधम्म- धम्माधम्म - ठितत्ताइपरूवणं ]१. से नूणं भंते! संयतविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे धम्मे ठिए, अस्संजयअविरयपडिहयअपच्चक्खायपावकम्मे अधम्मे ठिए, संजयासंजये धम्माधम्मे ठिए ? T! श्री आगमगुणमंजूषा - ४६० תוב בתור. 原 666666666666 Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For95555555555 (५) भगवई रा.१७ उ.-२ २४६] HOTO$明乐乐乐乐乐明乐乐明明听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明 हंता, गोयमा ! संजयविरय जाव धम्माधम्मे ठिए। २. एयंसि णं भंते! धम्मंसि वा अहम्मंसि वा धम्माधम्मंसि वा चक्किया केयि आसइत्तए वा जाव तुयट्टित्तए वा ? णो इणढे समटे । ३. से केणं खाई अटेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव धम्माधम्मे ठिए ? गोयमा ! संजतविरत जाव पावकम्मे धम्मे ठिए धम्म चेव उवसंपज्जित्ताणं विहरति । अस्संयत जाव पावकम्मे अधम्मे ठिए अधम्मं चेव उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । संजयासंजये धम्माधम्मे ठिए धम्माधम्म उवसंपज्जित्ताणं विहरति, से तेण?णं जाव ठिए। [सु. ४. जीवेसु धम्म-अधम्म-धम्माधम्मठितत्तपरूवणं] ४. जीवा णं भंते ! किं धम्मे ठिया, अधम्मे ठिया धम्माधम्मे ठिया? गोयमा ! जीवा धम्मे वि ठिया, अधम्मे वि ठिया, धम्माधम्मे वि ठिया। [सु. ५-६. नेरइय-एगिदिय-विगलिदिएसु अधम्मठितत्तपरूवणं ] ५. नेरतिया णं० पुच्छा। गोयमा ! णेरतिया नो धम्मे ठिया, ' अधम्मे ठिया, नो धम्माधम्मे ठिया। ६. एवं जाव चउरिदियाणं। [सु. ७. पंचिंदियतिरिक्खेसुअधम्म-धम्माधम्मठितत्तपरूवणं ] ७. पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं० पुच्छा। गोयमा ! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया नो धम्मे ठिया, अधम्मे ठिया, धम्माधम्मे वि ठिया। [सु. ८. मणुस्सेसु धम्म-अधम्म-धम्माधम्मठितत्तपरूवणं] ८. मणुस्सा जहा जीवा। सु. ९. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिएसु अधम्मठितत्तपरूवणं ९. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरइया। [सु. १०. अन्नउत्थियमंतव्वनिरासपुव्वयं भगवओ समणोवासएसु बालपंडियत्तनिरूणं ] १०. अन्नउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेति ‘एवं खलु समणा पंडिया, समणोवासया बालपंडिया; जस्स णं एगपाणाए वि दंडे अनिक्खिते से णं एगंतबाले त्ति वत्तव्वं सिया' से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जं णं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव वत्तव्वं सिया, जे ते एवमाहंसु, मिच्छं ते एवमासु । अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि एवं खलु समणा पंडिया; समणोवासगा बालपंडिया, जस्सणं एगपाणाए वि दंडे निक्खत्ते से णं नो एगंतबाले त्ति वत्तव्वं सिया। [सु. ११. जीवेसु बालत्त-पंडियत्त-बालपंडियत्त-निरूवणं] ११.जीवाणं भंते ! किं बाला, पंडिया, बालपंडिया ? गोयमा ! जीवा बाला वि, पंडिया वि, बालपंडिया वि। [सु. १२-१३. नेरइय-एगिदिय-विगलिदिएसु बालत्तनिरूवणं] १२. नेरइया णं० पुच्छा। गोयमा! नेरझ्या बाला, नो पंडिया, नो बालपंडिया। १३. एवं जाव चउरिदियाणं। [सु.१४. पंचिदियतिरिक्खेसुबालत्त-बालपंडियत्तनिरूवणं] १४.पंचिदियतिरिक्ख० पुच्छा। गोयमा ! पंचिदियतिरिक्खजोणिया बाला, नो पंडिया, बालपंडिया वि। [सु.१५. मणुस्सेसुबालत्त-पंडियत्त-बालपंडियत्तनिरूवणं] १५. मणुस्सा जहा जीवा । [ सु. १६. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिएसु बालत्तनिरूवणं ] १६. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरतिया। सु. १७. पाणातिवायादीसु पाणातिवायवेरमणादीसु उप्पत्तियादीसु य अणेगेसु पदेसु अन्नउत्थियमंतव्वनिरासपुव्वयं भगवओ जीव-जीवप्पाणं अणण्णत्तनिरूवणं] १७. अन्नउत्थियाणं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेति “एवं खलु पाणाइवाए मुसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले वट्टमाणस्स अन्ने जीवे, अन्ने जीवाया। पाणातिवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे, कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे वट्टमाणस्स अन्ने जीवे, अन्ने जीवाया। उप्पत्तियाए जाव पारिणामियाए वट्टमाणस्स अन्ने जीवे, अन्ने जीवाया। उग्गहे ईहा-अवाये धारणाए वट्टमाणस्स जाव जीवाता । उट्ठाणे जाव परक्कमे वट्टमाणस्स जाव जीवाया । नेरइयत्ते तिरिक्खमणुस्स-देवत्ते वट्टमाणस्स जाव जीवाया। नाणावरणिज्ने जाव अंतराइए वट्टमाणस्सजाव जीवाया। एवं कण्हलेस्साए जाव सुक्कलेस्साए, सम्मदिट्ठीए ३ । एवं चक्खुदंसणे ४, आभिणिबोहियनाणे ५, मतिअन्नाणे ३, आहारसन्नाए ४ । एवं ओरालियसरीरे ५। एवं मणजोए ३ । सागरोवयोगे अणागारोयोगे वट्टमाणस्स अन्ने जीवे, अन्ने जीवाता' से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जंणं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव मिच्छं ते एवामाहंसु । अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि एवं खलु पाणातिवाए जाव मिच्छादसणसल्ले वट्टमाणस्स से चेव जीवे, से चेव जीवाता जाव अणागारोवयोगे वट्टमाणस्स से चेव जीव, से चेव जीवाया' । [सु. १८. पुग्गलसंबंधं पडुच्च ॐ रूविभावं पत्तस्स देवस्स अरूवित्तविउव्वणे असंभवनिरूवणं] १८. (१) देवे णं भंते ! महिड्डीए जाव महेसक्खे पुव्वामेव रूवी भवित्ता पभू अरूविं विउव्वित्ताणं 必听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听劣听听听听听听听听听听听听听听听听听听听O SIOR9555555 ofE 9 4555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ४६१555555555555555555555555OCOM Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १७ उ - २.३ [२४७] $ $$$$ $ $$2002 TOYO乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐乐乐乐明乐乐乐乐乐乐乐明明明明明明5CM चिट्ठित्तए ? णो इणढे समढे। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ देवे णं जाव नो पभू अरूविं विउव्वित्ताणं चिट्ठित्तए ? गोयमा ! अहमेयं जाणामि, अहमेयं पासामि, अहमेयं पासामि, अहमेयं बुज्झामि, अहमेयं अभिसमन्नागच्छामि मए एयं नायं, मए एयं दि8, मए एयं बुद्धं, मए एयं अभिसमन्नागयं जंणं तहागयस्स जीवस्स सरूविस्स सकम्मस्स सरागस्स सवेयणस्स समोहस्स सलेसस्स ससरीरस्स ताओ सरीराओ अविप्पमुक्कस्स एवं पण्णायति. तं जहा कालत्ते वा जाव सुक्किलत्ते वा, सुब्भिगंधत्ते वा दुब्भिगंधत्ते वा, तित्तत्ते वा जाव महुरत्ते वा, कक्खडत्ते वा जाव लुक्खत्ते वा, से तेणटेणं गोयमा ! जाव चिट्ठित्तए । [सु. १९. अरूविभावं पत्तस्स जीवस्स रूवित्तविउव्वणे असंभवनिरूवणं] १९. सच्चेवणं भंते ! से जीवे पव्वामेव अरूवी भवित्ता पभू रूविं विउव्वित्ताणं चिट्ठित्तए? णो तिणद्वे समढे । जाव चिठ्ठित्तए? गोयमा ! अहमेयं जाणामि, जाव जंणं तहागयस्स जीवस्स अरूविस्स अकम्मस्स अरागस्स अवेदस्स अमोहस्स अलेसस्स असरीरस्स ताओ सरीराओ विप्पमुक्कस्स णो एवं पन्नायति, तं जहा-कालत्ते वा जाव लुक्खत्ते वा, से तेणद्वेणं जाव चिट्ठित्तए। सेवं मंते ! सेवं मंते ! त्ति०।। १७.२ ।। *** तइओ उद्देसओ 'सेलेसि'** [सु.१.सेलेसि पडिवन्नम्मि अणगारम्मि परप्पओगं विणा एयणानिसेहपरूवणं ] १. सेलेसिं पडिवन्नए णं भंते ! अणगारे सदा समियं एयति वेयति जाव तं तं भावं परिणमति ? नो इणद्वे समढे, नऽन्नत्थेगेणं परप्पयोगेणं । [सु.२. एयणाए दव्वादिया पंच भेया ] २. कतिविधा णं भंते ! एयणा पन्नता? गोयमा ! पंचविहा एयणा पन्नत्ता, तं जहा-दव्वेयणा खेत्तेयणा कालेयणा भवेयणा भावेयणा। [सु.३-१०. दव्वेयणादियाणं पंचण्हं एयणाणं पत्तेयं चउगइपच्चइय-भेयचउक्कनिरूवणं ]३. दव्वेयणा णं भंते! कतिविधा पन्नता?गोयमा! चउब्विहा पन्नता, तं जहा-नेरतियदव्वेयणा तिरिक्खजोणियदव्वेयणा मणुस्सदव्वेयणा देवदव्वेयणा । ४. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति नेरतियदव्वेयणा, नेरइयदव्वेयणा? गोयमा ! जंणं नेरतिया नेरतियदव्वे वट्टिसु वा, वटुंति वा, वहिस्संति वा तेणं तत्थ नेरतिया नेरतियदव्वे वट्टमाणा नेरतियदव्वेयणं एइंसु वा, एयंति वा, एइस्संति वा, सेतेणटेणं जाव दव्वेयणा । ५. से केणाद्वेणं भंते । एवं वुच्चति तिरिक्खजोणियदव्वेयणा०? एवं चेव, नवरं 'तिरिक्खजोणियदव्वे' भाणियव्वं । सेसं तं चेव। ६. एवं जाव देवदव्यणा। ७. खेत्तेयणा णं भले कतिविहा पन्नता ? गोयमा ! चउव्विहा पन्नता, तं जहा-नेरतियखेत्तेयणा जाव देवखेत्तेयणा । ८. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति-नेरतियखेत्तेयणा, नेरझ्यखेत्तेयाणा है एवं चेव, नवरं नेरतियखेत्तेयणा भाणितव्वा । ९. एवं जाव देवखेत्तेयणा १०. एवं कालेयण वि। एवं भवेयणा बि, भावेयणा वि; जाक देव-भावेयणा। [सु.११. चलणाए सरीर-इंदिय-जोगचलणारूवं भेयतिगं] ११. कतिविहाणं भते! चलणा पन्नत्ता? गोयमा ! तिविहा चलणा पन्नत्ता, तं जहा सरीस्चलणा इंदिचलणा जोगचलणाः। [सु. १२-१४. सरीर-इंदिय-जोगचलणाणं कमेणं पंच पंच तिण्णिा भेया ] १२. सरीरचलणा णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता? गोयामा ! पंचविहा पन्नत्ता, तं जहाओरालियसरीरचलणा जाव कम्मगसरीरचलणा । १३. इंदियचलणा णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता? गोयमा ! पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा-सोतिदियचलणा जाव फासिदियचलणा। १४. जोगचलणा णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता? मोयमा ! तिविहा पन्नत्ता, तं जहा-मणजोगचलणा वइजोगचलणा' कायजोगचलणा। [सु. १५१७. ओरालियाइपंचसरीरचलणाणं सरूवं] १५.सेकेणतुणं भंते! एवं बुच्चइ-ओरालियसरीरचलणा, ओरालिय परीरचलणा? गोयमा ! जंणं जीवा ओरालियसरीरे वट्टमाणा ओरालियसरीरपायोग्गाई दव्वाई ओरालियसरीरत्ताए परिणामेमाणा ओरालियसरीरचलणं चलिंसु वा, चलिस्संति वा, से तेणद्वेणं जाव ओरालियसरीरचलणा, ओरालियसरीरचलणा। १६. से केणटेणं भंते एवं वुच्चइ- वेउव्वियसरीरचलणा, वेउब्वियसरीरचलणा? एवं चेव, नवरं वेउव्वियसरीरे वट्टमाणा । १७. एवं जाव कम्मगसरीरचलणा। [सु.१८-१९. सोतिदियापंचइंदियचलणाणं सरूवं ]१८. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ-सोतिदियचलणा, # सोतिदियचलणा? गोयमा! जंणं जीवा सोतिदिए वट्टमाणा सोतिदियषायोग्गाई दव्वाइं सोतिदियत्ताए परिणामेमाणा सोतिदियचलणं चलिंसु वा, चलंति वा, चलिस्संति वा, सेतेणद्वेणं जाव सोतिदियचलणा, सोतिदियचलणा। १९. एवं जाव फासिदियचलणा। [सु.२०-२१. मणजोगाइतिजोगचलणाणं सरूवं २०. Mero 5 श्री आगमगुणमजूषा - ४६२-55555555555555555555 5555555555555555555555%乐斯 Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Roz0555555555555555 (५) भगवई श. १७ उ - ३-४-५ २४८] 5555555555555 HOTO 1525$%%%%%%%步步555555555555555555555555555555552330 से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ-मणजोगचलणा, मणजोगचलणा? गोयमा ! जंणं जीवा मणजोए वट्टमाणा मणजोगप्पायोग्गाइं दव्वाइं मणजोगत्ताए परिणामेमाणा मणचलणं चलिंसु वा, चलंति वा, चलिस्संति वा, से तेणटेणं जाव मणजोगचलणा । २१. एवं वइजोगचलणा वि। एवं कायजोगचलणा वि। [सु.२२. 'संवेगनिव्वेय आईणं मारणंतियअहियासणया पजताणं पयाणं सिद्धिपज्जवसाणफलत्तनिरूवणं] २२. अह भंते ! संवेगे निव्वेए गुरू-साधम्मियसुस्सूसणया आलोयणया निंदणया गरहणया खमावणया सुयसहायता विओसमणया, भावे अपडिबद्धया विणिवणया विवित्तसयणासणसेवणया सोतिदियसंवरे जाव फासिदियसंवरे जोगपच्चक्खाणे सरीरपच्चक्खाणे कसायपच्चक्खाणे संभोगपच्चक्खाणे उवहिपच्चक्खाणे भत्तपच्चक्खाणे खमा विरागया भावसच्चे जोगसच्चे करणसच्चे मणसमन्नाहरणया वइसमन्नाहरणया कायसमन्नाहरणया कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे, णाणसंपन्नया दंसणसंपन्नया चरित्तसंपन्नया वेदणअहियासणया मारणंतियअहियासणया, एए णं भंते ! पदा किंपज्जवसाणफला पन्नता समणाउसो ! ? गोयमा ! संवेगे निव्वेए जाव मारणतियअहियासणया, एए णं सिद्धिपज्जवसाणफला पन्नता समणाउसो ! । सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति । ॥१७.३|| *** चउत्थो उद्देसओ 'किरिय★★★ सु.१. चउत्थुद्देसस्सुवुग्धाओ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं वयासी- [सु.२-७. जीव-चउवीसइदंडएसु पाणाइवायाईहिं पंचहि किरियापरूवणाइ]२. अत्थि णं भंते ! जीवाणं पाणातिवाएणं किरिया कज्जति ? हंता, अत्थि। ३. सा भंते ! किं पुट्ठा कज्जति, अपुट्ठा कज्जति ? गोयमा! पुट्ठा कज्जति, नो, अपुट्ठा कज्जति। एवं जहा पढमसए छट्ठद्देसए (स० १ उ०६ सु०७-११) जाव नो अणाणुपुग्विकडा ति वत्तव्वं सिया। ४. एवं जाव वेमाणियाणं; नवरं जीवाणं एगिदियाण य निव्वाघाएणं छद्दिसि; वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं सिय चउदिसि, सिय पंचदिसिं; सेसाणं नियम छद्दिसिं। ५. अत्थिणं भंते ! जीवाणं मुसावाएणं किरिया कज्जति ? हता, अत्थिा ६.साभंते ! किं पुट्ठा कज्जति०? जहा पाणातिवाएणं दंडओ एवं मुसावातेण वि । ७. एवं अदिण्णादाणेण वि, मेहुणेण वि, परिग्गहेण वि। एवं एए पंच दंडगा। [सु.८१२. समय-देस-पदेसे पडुच्च जीव-चउवीसइदंडएसु पाणाइवायाईहिं कज्जमाणा किरिया 'पुट्ठा' इच्चाइ निरूवणं] ८. जं समयं णं भंते! जीवाणं पाणातिवाएणं किरिया कज्जति सा भंते ! किं पुट्ठा कज्जइ, अपुट्ठा कज्जइ ? एवं तहेव जाव वत्तव्वं सिया। जाव वेमाणियाणं । ९. एवं जाव परिग्गहेणं । एते वि पंच दंडगा १०।१०.जं देसंणं भंते! जीवाणं पाणातिवाएणं किरिया कज्जइ०? एवं चेवं । जाव परिग्गहेणं । एवं एते वि पंच दंडगा १५/११.जं पदेसंणं भंते! जीवाणं पाणातिवाएणं किरिया कज्जइफ साभंते! किं पुट्ठा कज्जइ०? एवं तहेव दंडओ। १२. एवं जाव परिग्गहेणं । एवं एए वीसं दंडगा। [सु. १३-२०. जीव-चउवीसइदंडएसु दुक्ख-दुक्खवेदण-वेयणावयणावेदणाणं अत्तकडत्तनिरूवणं] १३. जीवाणं भंते ! किं अत्तकडे दुक्खे, नो परकडे दुक्खे, नो तदुभयकडे दुक्खे। १४. एवं जाव वेमाणियाणं । १५. जीवा णं भंते! किं अत्तकडं दुक्खं वेदेति, परकडं दुक्खं वेदेति, तदुभयकडं दुक्खं वेदेति ? गोयमा ! अत्तकडं दुक्खं वेदेति, नो परकडं दुक्ख वेदेति, नो तदुभयकडं दुक्खं वेदेति। १६. एवं जाव वेमाणिया। १७. जीवाणं भंते! किं अत्तकडा वेयणा, परकडा वेयणा०? पुच्छा। गोयमा! अत्तकडा वेयणा, णो परकडा वेयणा, णो तदुभयकडा वेदणा। १८. एवं जाव वेमाणियाणं । १९.जीवा णं भंते! किं अत्तकडं वेदणं वेदति, परकडं वेदणं वेदेति, तदुभयकडं वेयणं वेदेति ? गोयमा ! जीवा अत्तकडं वेदणं वेदेति, नो परकडं वेयणं वेएंति, नो तदुभयकडं वेयणं वेएंति । २०. एवं जाव वेमाणिया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ॥१७.४॥ पंचमो उद्देसओ 'ईसाण' *** [सु.१.ईसाणस्स देविंदस्स सुधम्मा, सभाए ठाणादिवियारो] १.कहिणं भंते! ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो सभा सुहम्मा पन्नता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स ॐ पव्वयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उइंढ चंदिम० जहा ठाणपए जाव मज्झे ईसाणवडेंसए । से णं ईसाणवडेंसए म. महाविमाणे अडतेरस जोयणसयसहस्साई एवं जहा दसमसए (स० १० उ०६ सु०१) सक्कविमाणवत्तव्वया, सा इह वि ईसाणस्स निरवसेसा भाणियव्वा जाव ५ आयरक्ख त्ति । ठिती सातिरेगाई दो सागरोवमाई । सेसं तं चेव जाव ईसाणे देविदे देवराया, ईसाणे देविदे देवराया। सेवं भंते ! सेवं भंते । त्ति०।।१७.५||★★★ aorat फफफफ9555555555 श्री आगमगणमंजषा - ४६३ 555555555555555555555555556OF MACFFFFFFFFFFおよよよよよよよよよよ明5FFFFFFFF$$$}}FFFFFFFFEE Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NA A A A 55555555555 O (५) भगवई श. १७उ ६.१९ [२४९] ईसिपब्भारासु छट्टो उद्देसओ 'पुढवि★★★ [ सु. १ ६. सत्तनरयपुढविपुढविकाइयस्स समोहयस्स सोहम्माइकप्पगेवेज्ज- अणुत्तरविमाण उववज्जमाणस्स उप्पत्तीए पुव्वं पच्छा वा पुग्गलगहणनिरूवणं] १. (१) पुढविकाइए णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए समोहए, समोहण्णित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! किं पुव्विं वा उववज्जित्ता पच्छा संपाउणेज्जा, पुव्विं वा संपाउणित्ता पच्छा उववज्जेज्जा ? गोयमा ! पुव्विं वा उववज्जित्ता पच्छा संपाउणेज्जा, पुव्विं वा संपाउणित्ता पच्छा उववज्जेज्जा । (२) से केणट्टेणं जाव पच्छा उववज्जेज्जा ? गोयमा ! पुढविकाइयाणं तओ समुग्धाया पन्नत्ता, तं जहा - वेयणासमुग्धाए कसायमुग्धाए मारणंतियसमुग्धाए। मारणंतियसमुग्धाएणं समोहण्णमाणे देसेण वा समोहण्णति सव्वेण वा समोहण्णति, देसेणं समोहन्नमाणे पुव्विं संपाउणित्ता पच्छा उववज्जिज्जा, सव्वेणं समोहण्णमाणे पुव्विं उववज्जेत्ता पच्छा संपाउणेज्जा, से तेणद्वेणं जाव उववज्जिज्जा । २. पुढविकाइए भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव समोहए, सामोहन्नित्ता जे भविए ईसाणे कप्पे पुढवि० एवं चेव ईसाणे वि । ३. एवं जाव अच्चुए । ४. गेविज्जविमा अणुत्तरविमाणे ईसिपब्भाराए य एवं चेव । ५. पुढविकाइए णं भंते । सक्करप्पभाए पुढवीए समोहते, समोहन्नित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढवि० । एवं जहा रयणप्पभाए पुढविकाइओ उववातिओ एवं सक्करप्पभपुढविकाइओ वि उववाएयव्वो जाव ईसिपब्भाराए । ६. एवं जहा रयणप्पभाए वत्तव्वता भणिया एवं जाव अहेसत्तमाए समोहतो ईसिप भाराए उववातेयव्वो । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! तिवा सत्तमो उद्देसओ 'पुढवि'★★★ [ सु. १. सोहम्माइकप्पाइईसिपब्भारपुढविपुढविकाइयस्स समोहयस्स सत्तसु नरयपुढवीसु पुढविकाइयत्ताए उववज्जमाणस्स उप्पत्तीए पुव्वं पच्छा वा पुग्गलगहणनिरूवणं] १. पुढविकाइए णं भंते! सोहम्मे कप्पे समोहए, समोहण्णित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते! किं पुव्वि० सेसं तं चैव । जहा रयणप्पभापुढविकाइओ सव्वकप्पेसु जाव ईसिपब्भाराए ताव उववातिओ एवं सोहम्मपुढविकाइओ वि सत्तसु वि पुढवीसु उववातेयव्वो जाव असत्तमा । एवं जहा सोहम्मपुढविकाइओ सव्वपुढवीसु उववातिओ एवं जाव ईसिपब्भारापुढविकाइओ सव्वपुढवीसु उववातेयव्वो जाव अहेसत्तमाए । सेवं भंते! सेवं भंते! ० । । १७.७॥ ★★ अट्टमो उद्देसओ 'दग' ★★★ [ सु. १ २. छट्ठद्देसवण्णियपुढविकाइयवत्तव्वयाणुसारेण आउकाइयवत्तव्वयानिद्देसो] १. आउकाइए भंते! इमीसे रतणप्पभाए पुढवीए समोहते, समोहन्नित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे आउकाइयत्ताए उववज्जित्तए० १ एवं जहा पुढविकाइओ तहा आउकाइओ वि सव्वकप्पेसु जाव ईसिपब्भाराए तहेव उववातेयव्वो । २. एवं जहा रयणप्पभआउकाइओ उववातिओ तहा जाव अहेसत्तमआउकाइओ उववाएयव्वो जाव ईसिपब्भाराए । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ॥ १७.८ ।। ★ ★ ★ नवमो उद्देसओ 'दग' ★★★ [सु. १ ३. सत्तमुद्देसवण्णियपुढविकाइयवत्तव्वयाणुसारेण आउकाइयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. आउकाइए णं भंते! सोहम्मे कप्पे समोहए, समोहन्नित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणोदधिवलयेसु आउकाइयत्ताए उववज्जित्त से भंते !०१ सेसं तं चेव । २. एवं जाव अहेसत्तमाए । ३. जहा सोहम्मआउकाइओ एवं जाव ईसिपब्भाराआउकाइओ जाव अहेसत्तमाए उववातेयव्वो । सेवं भंते ! सेवं भंते !०| || १७.९|| ★★★दसमो उद्देसओ 'वाऊ' ★★★ [ सु. १. छडुद्देसवण्णियपुढविकाइयवत्तव्वयाणुसारेण वाउकाइयवत्तव्वयानिद्देसो] १. वाउकाइए णं भंते ! इमीसे रतणप्पभाए जाव जे भविए सोहम्मे कप्पे वाउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से गं०? जहा पुढविकाइओ तहा वाउकाइओ वि, नवरं वाउकाइयाणं चत्तारि समुग्धाया पन्नता, तं जहा वेदणासमुग्धाए जाव वेउव्वियसमग्घाए । मारणंतियसमुग्धाएणं समोहण्णमाणे देसेण वा समो० । सेसं तं चेव जाव असत्तमाए समोहओ ईसिपब्भाराए उववातेयव्वो । सेवं भंते! सेवं भंते ! ति० ॥ १७.१०||★ ★ ★ एगारसमो उद्देसओ 'वाऊ' ★★★ [सु. १. सत्तमुद्देसवण्णियपुढविकायवत्तव्वयाणुसारेण वाउकायवत्तव्वयानिद्देसो ] १. वाउकाइए णं भंते! सोहम्मे कप्पे समोहए, समोहन्निता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणवाए तणुवाए घणवायवलएसु तणुवायवलएसु वाउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! ०? सेसं तं चेव । एवं जहा सोहम्मवाउकाइओ सत्तसु वि पुढवीसु 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ४६४ पुढविकाइयत्ताए Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MORO5555555555555555 (५) भगवई श.१७ उ - १२.१७/२.१८ उ.१ २५०] 555555%%%%%%%%%%20 4555555555FOXOK $$$$ま$FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFF55556555 उववातिओएवं जावईसिपब्भारावाउकाइओ अहेसत्तमाएजाव उववायेयव्वो। सेवं भंते!सेब भंते ! ॥१७.११||★★★बारसमो उद्देसओ एगिदिय*** सु.१. एगिदिएसुसमाहाराइसत्तदारपरूवणं ]१. एगिदिया णं भंते ! सव्वे समाहारा, सव्वे समसरीरा? एवं जहा पढमसए बितियउद्देसए पुढविकाइयाणं वत्तव्वया भणिया (स०१उ०२सु०७) सा चेव एगिदियाणं इहं भाणियव्वा जाव समाउया समोववन्नगा। [सु.२.४. एगिदिएसु-लेसापरूवणं, लेसं पड़च्च अप्पाबहयं इड्डिअप्पाबहयं च २. एगिदियाणं भंते ! कति लेस्साओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि लेस्साओ पन्नत्ताओ, तं जहा-कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा । ३. एतेसि णं भंते ! एगिदियाणं कण्हलेस्साणं जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगिदिया तेउलेस्सा, काउलेस्सा अणंतगुणा, णीललेस्सा बिसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया। ४. एएसिणं भंते ! एगिदियाणं कण्हलेस्सा० इड्डी जहेव दीवकुमाराण(स०१६उ०११सु०४) । सेवं भंते ! सेवं भंते!0।।१७.१२॥ * तेरसमो उद्देसओ 'नाग' *** [सु.१. नागकुमारेसु समाहाराइसत्तदार-लेसा-अप्पबहुयाइपरूवणं ] १. नागकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा जहा सोलसमसए दीवकुमारुहेसए (स०१६उ०११सु०१-४)तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव इड्डी। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरइ।।१७.१३||★★★चोद्दसमो उद्देसओ 'सवण्ण' *** सु.१. सुवण्णकुमारेसु समाहाराइसत्तदार-लेसा-अप्पबहुयाइपरूवणं] १. सुवण्णकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा०? एवं चेव । सेवं भंते! सेवं भंते 011॥१७.१४||★★★पण्णरसमो उद्देसओ विज्जु' सु.१. विज्जुकुमारेसुसमाहाराइसत्तदार-लेसा-अप्पबहुयाइपरूवणं १. विज्जुकुमारा भंते । सवे समाहारा०? एवं चेव । सेवं भंते! सेवं भंते !||१७.१५|| सोलसमो उद्देसओ 'वाय' सु.१. वाउकुमारेसुसमाहाराइसत्तदारलेसा-अप्पबहुयाइपरूवणं १. वायकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा०? एवं चेव। सेवं भंते । सेवं भंते !०॥॥१७.१६॥ ***सत्तरसमो उद्देसओ 'अग्गि'***[ सु.१. अग्गिकुमारेसु समाहाराइसत्तदार-लेसा अप्पबहुयाइपरूवणं ]१.अम्गिकुमारा णं भंते! सव्वे समाहारा०? एवं चेव। सेवं भंते ! सेवं भंते ०।।१७.१७॥ भासत्तरसमं सयं समत्तं ॥१७॥ अट्ठारसमं सयंक[सु.१. अट्ठारसमसयस्स उद्देसनामपरूवर्ण ]१. पढमा १ विसाह १ मायदिए य ३ पाणातिवाय ४ असुरे य५/गुल ६ केवलि७ अणगारे ८ भविए ९ तह सोमिलऽद्वरसे १०॥१॥★★★ पढमो उद्देसओ पढमा'★★★सु.२. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ २. तेणं' कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासी- [सु.३-८.जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेणं जीवभाव पडुच्च जहाजोगं पढमत्त-अपढ़मत्तनिरूवणं 1 ३. जीवे णं भंते! जीवभावेणं किं पढमे, अपढमे? गोयमा ! नो पढमे, अपढमे । ४. एवं नेरइए जाव वेमाणिए। ५. सिद्धे णं भंते । सिद्धभावेणं किं पढमे, अपढमे? गोयमा ! पढमे, नो अपढमे। ६. जीवा णं भंते ! जीवभावेणं किं पढमा, अपढमा ? गोयमा ! नो पढमा, अपढमा । ७. एवं जाव वेमाणिया। ८. सिद्धाणं० पुच्छा। गोयमा पढमा, नो अपढमा। [सु.९-१७. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं आहार-अणाहारभाव पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं ] ९..आहारएणं भंते! जीवे आहारभावेणं किं पढमे, अपढमे? गोयमा । नो पढमे, अपढमे । १०. एवं जाव वेमाणिए।११. पोहत्तिए एवं चेवा १२. अणाहारए भंते ! जीवे अणाहारभावेणं० पुच्छा । गोयमा ! सिय पढमे, सिय अपढमे। १३. नेरतिए णं भंते !०? एवं नेरतिए जाव वेमाणिए नो पढमे. अपढमे । १४. सिद्धे पढमे, नो अपढमे।१५. अणाहारगाणं भंते । जीवा अणाहारभावेणं० पुच्छा ! गोयमा ! पढमा वि अपढमा वि। १६. नेरतिया जाव वेमाणिया णोपढमा,अपढमा। १७.सिद्धा पढमा, नोअपढमा। एक्कक्के पुच्छा भाणियव्वा। [सु. १८-२२. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसुएगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं भवसिद्धियाइभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं ] १८. भवसिद्धीए एगत्त-पुहत्तेणं जहा आहाराए (सु०९-११)। १९. एवं अभवसिद्धीए वि।२०. नोभवसिद्धीय-नोअभवसिद्दीय गंभंते । जीवे नोभव० पुच्छा। गोयमा! पढमे, नो अपढ़मे । २१. णोभवसिद्धीय-नोअभवसिद्धीये णं भत ! सिद्धे नोभव? एवं चेव। २२.एवं पहत्तेण वि दोण्ह वि। सि. २३-२८. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं सण्णिआइभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं] २३. सण्णी णं भंते! 555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४६५5555555555555555555555555555OOR GO乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐坊乐乐乐乐乐乐乐QQ Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 705555555555555555555555555555555555555555555555555ODog TIGE9555555555555555 (५) भगवई श. १८ उ.१ [२५१] 55555555555555552230 जीवे सण्णिभावेणं किं० पुच्छा । गोयमा! नो पढमे,अपढमे । २४. एवं विगलिदियवज्जं जाव वेमाणिए ।२५. एवं पुहत्तेण वि। २६. असण्णी एवं चेव एगत्त-पुहत्तेणं, नवरं जाव वाणमंतरा। २७. नोसण्णीनोअसण्णी जीवे मणुस्से सिद्धे पढमे, नो अपढमे। २८. एवं पुहत्तेण वि[ सु.२९-३२. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्तपुहत्तेणं जहाजोगं सलेसाइभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं ] २९. सलेसे णं भंते !० पुच्छा। गोयमा ! जहा आहारए। ३०. एवं पुहत्तेणं वि। ३१. कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा एवं चेव, नवरं जस्स जालेसा अत्थि। ३२. अलेसेणं जीव-मणुस्स-सिद्धे जहानोसण्णीनोअसण्णी (सु.२७) । सु. ३३-४०.जीव-चउवीसइदंडयसिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं सम्मद्दिट्ठिआइभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं ] ३३. सम्मदिट्ठीए णं भंते ! जीव सम्मदिट्ठिभावेणं किं पढमे० पुच्छा। गोयमा! सिय पढमे, सिय अपढमे । ३४. एवं एगिदियवजं जाव वेमाणिए। ३५. सिद्धे पढमे, नो अपढमे । ३६. पुहत्तिया जीवा पढमा वि, अपढमा वि । ३७. एवं जाव वेमाणिया । ३८. सिद्धा पढमा, नो अपढमा। ३९. मिच्छादिट्ठीए एगत्त-पुहत्तेणं जहा आहारगा(सु०९-११)।४०. सम्मामिच्छद्दिट्टीए एगत्त-पुहत्तेणं जहा सम्मट्ठिी (सु०३३-३७), नवरं जस्स अत्थि सम्मामिच्छत्तं [ सु० ४१-४४. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं संजयाइभावं पडुच्च पढमत्तअपढ़मत्तनिरूवणं ] ४१. संजए जीवे मणुस्से य एगत्त-पुहत्तेणं जहा सम्मद्दिट्ठी (सु०३३-३७)। ४२. अस्संजए जहा आहारए(सु०९-११)। ४३. संजयासंजये जीवे पंचिदियतिरिक्खजोणिय-मणुस्सा एगत्त-पुहत्तेणं जहा सम्मद्दिट्ठी (सु०३३-३७)। ४४. नोसंजए नोअसंजए नोसंजयासजंये जीवे सिद्धे य एगत्तपुहत्तेणं, पढमे, नो अपढमे। सु. ४५-५०. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं सकसायाइभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं ]४५. सकसायी कोहकसायी जाव लोभकसायी, एए एगत्त-पुहत्तेणं जहा आहारए(सु०९-११)। ४६. अकसायी जीवे सिय पढमे,सिय अपढमे । ४७. एवं मणुस्से वि । ४८. सिद्धे पढमे,नो अपढमे। ४९. पुहत्तेणं जीवा मणुस्सा वि पढमा वि, अपढमा वि। ५०. सिद्धा पढमा,नो अपढमा। [सु. ५१-५४. जीव-चवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्तपुहत्तेणं जहाजोगं नाणिअन्नाणिभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं ]५१. णाणी एगत्त-पुहत्तेणं जहा सम्मद्दिट्ठी (सु०३३-३७)। ५२. आभिणिबोहियनाणि जाव मणपज्जवनाणी एगत्त-पुहत्तेणं एवं चेव, नवरं जस्स जं अत्थि । ५३. केवलनाणी जीवे मणुस्से सिद्धे य एगत्त-पुहत्तेणं पढमा, नो अपढमा । ५४. अन्नाणिमतिअन्नाणि सुयअन्नाणि विभंगनाणी य एगत्त-पुहत्तेणं जहा आहारए (सु०९-११)। [सु.५५-५६. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एकत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं सजोगिअजोगिभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं] ५५. सजोगी-मणजोगी वइजोगी कायजोगी एगत्त-पुहत्तेणं जहा आहारए (सु०९-११), नवरं जस्स जो जोगो अत्थिा ५६. अजोगी जीव-मणुस्स-सिद्धा एगत्त-पुहत्तेणं पढमा, नो अपढमा।[ सु.५७. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसुएगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं सागारोवउत्ताइभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं ] ५७. सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता एगत्त-पुहत्तेणं जहा अणाहारए (सु०१२-१७)। [सु.५८-५९. जीव-चउवीसइदंडयसिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं सवेद-अवेदभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं] ५८. सवेदगोजाव नपुंसगवेदगो एगत्त-पुहत्तेणं जहा आहारए (सु०९-११), नवरं जस्स जो वेदो अत्थिा ५९. अवेदओ एगत्त-पुहत्तेणं तिसु वि पएसु जहा अकसायी (सु०४६-५०)। [सु. ६०-६१. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्तपुहत्तेणं जहाजोगं ससरीर-असरीरभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं] ६०. ससरीरी जहा आहारए (सु०९-११)। एवं जाव कम्मगसरीरी, जस्स जं अत्थि सरीरं, नवरं आहारगसरीरी एगत्त-पुहत्तेणं जहा सम्मद्दिट्ठी (सु०३३-३७)। ६१. असरीरी जीवे सिद्धे; एगत्त-पुहत्तेणं पढमा.नो अपढमा । [सु. ६२. जीवचउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं पज्जत्तअपज्जत्तभावं पडुच्च पढमत्त-अपढमत्तनिरूवणं ] ६२. पंचहिं पज्जत्तीहिं, पंचहिं अपज्जत्तीहिं एगत्त-पुहत्तेणं जहा आहारए (सु०९-११)। नवरं जस्स जा अत्थि जाव वेमाणिया नो पढमा, अपढमा। [सु. ६३. पढम-अपढमलक्खणनिरूवणं ] ६३. इमा लक्खणगाहा- जो जेण पत्तपुव्वो भावो सो तेणऽपढमओ होति । सेसेसु होइ पढमो अपत्तपव्वेसु भावेसु ॥१॥ [सु. ६४-१०२. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु तइयसुत्ताइबासहितमसुत्तपज्जंतनिद्दिट्ठकमेणं जीवभावाइपयाई पडुच्च एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं चरमत्त-अचरमत्तनिरूवणं] ६४, जीवे णं भंते ! जीवभावेणं किं चरिमे, अचरिमे ? गोयमा! नो 54 历历历历历历历历 Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १८ उ-१-२ (२५२] चरिमे, अचरिमे । ६५. नेरतिए णं भंते! नेरतियभावेणं० पुच्छा। गोयमा ! सिय चरिमे, सिय अचरिमे । ६६. एवं जाव वेमाणिए । ६७. सिद्धे जहा जीवे । ६८. जीवा णं० पुच्छा। गोयमा!नो चरिमा, अचरिमा । ६९. नेरतिया चरिमा वि, अचरिमा वि । ७०. एवं जाव वेमाणिया । ७१. सिद्धा जहा जीवा । ७२. आहारए सव्वत्थ एगत्तेणं सिय चरिमे, सिय अचरिमे । पुहत्तेणं चरिमा वि, अचरिमा वि। ७३. अणाहारओ जीवो सिद्धो य; एगतेण वि पुहत्तेण वि नो चरिमा, अचरिमा । ७४. सट्टासु एगत्त-पुहत्तेणं जहा आहारओ (सु०७२) । ७५. भवसिद्धीओ जीवपदे एगत्त-पुहत्तेणं चरिमे, नो अचरिमे । ७६. सेसट्ठाणेसु जहा आहारओ। ७७. अभवसिद्धीओ सव्वत्थ एगत्त-पुहत्तेणं नो चरिमे, अचरिमे। ७८ नोभवसिद्धीयनोअभवसिद्धीयजीवा सिद्धा य एगत्त-पुहत्तेणं जहा अभवसिद्धीओ । ७९. सणी जहा आहारओ (सु०७२) । ८०. एवं असण्णी वि । ८१. नोसन्नीनोअसन्नी जीवपदे सिद्धपदे य अचरिमो, मणुस्सपदे चरिमो, एगत्त-पुहत्तेणं । ८२. सलेस्सो जा सुक्कलेस्सो जहा आहारओ (सु०७२), नवरं जस्स जा अत्थि । ८३. अलेस्सो जहा नोसण्णीनोअसण्णी । ८४. समद्दिट्ठी जहा अणाहारओ (सु०७३-७४)। ८५. मिच्छादिट्ठी जहा आहारओ (सु०७२) । ८६. सम्मामिच्छद्दिट्ठी एगिदिय-विगलिदियवज्जं सिय चरिमे, सिय अचरिमे। पुहत्तेणं चरिमा वि, अचरिमा वि। ८७. संजओ जीवों मरुस्सो य जहा आहारओ (सु०७२ ) । ८८. असंजतो वि तहेव । ८९. संजयासंजतो वि तहेव; नवरं जस्स जं अत्थि । ९०. नोसंजयनोअसंजयनोसंजयासंजओ जहा नोभवसिद्धीयनोअभवसिद्धीयो ( सु०७८) । ९१. सकसायी जाव लोभकसायी सव्वट्ठाणेसुजहा आहारओ (सु०७२)। ९२. अकसायी जीवपए सिद्धे य नो चरिमो, अचरिमो । मणुस्सपदे सिय चरिमो, सिय अचरिमो । ९३. (१) णाणी जहा सम्मद्दिट्ठी (सु०८४)सव्वत्थ । (२) आभिणिबोहियनाणी जाव मणपज्जवनाणी जहा आहारओ (सु०७२), जस्स जं अत्थि । ३ केवलनाणी जहा नोसण्णीनोअसण्णी (सु०८१) । ९४. अण्णाणी ज विभंगनाणी जहा आहारओ (सु०७२) । ९५. सजोगी जाव कायजोगी जहा आहारओ (सु०७२), जस्स जो जोगो अत्थि । ९६. अजोगी जहा नोसण्णीनो असनी... (सु०८१) । ९७. सागारोवउत्तो अणागारोवउत्तो य जहा अणाहारओ (सु०७३-७४) । ९८. सवेदओ जाव नपुंसगवेदओ जहा आहारओ (सु०७२) । ९९. अवेदओ जहा अकसायी (सु०९२) । १००. ससरीरी जाव कम्मगसरीरी जहा आहारओ (सु०७२), नवरं जस्स जं अत्थि । १०१. असरीरी जहा नोभवसिद्धीयनोअभवसिद्धीओ (सु०७८)। १०२. पंचहिं पज्जत्तीहिं पंचहिं अपज्जत्तीहिं जहा आहारओ (सु०७२) । सव्वत्थं एगत्त-पुहत्तेणं दंडगा भाणियव्वा । [सु. १०३. चरम - अचरमलक्खणनिरूवणं ] १०३. इमा लक्खणगाहा- जो जं पाविहिति पुणो भावं सो तेण अचरिमो होइ। अच्चंतवियोगो जस्स जेण भावेण सो चरिमो ||१|| सेवं भंते ! सेवं भंते १० जाव विहरति । ॥ १८.१ ॥ ★★★ बीओ उद्देसओ 'विसाह' ★★★ [सु. १. विसाहानयरीबहुपुत्तियचेइए भगव समवसरणं ] १. तेणं कालेणं तेणं समयेणं विसाहा नामं नगरी होत्था। वन्नओ । बहुपुत्तिए चेतिए । वण्णओ। सामी समोसढे जाव पज्जुवासति । [ सु. २. सक्कस्स भगवओ समीवमागमणं पडिगमणं च ]२, तेणं कालेणं तेणं समएणं सक्के देविंदे देवराया वज्जपाणी पुरंदरे एवं जहा सोलसमसए बितिए उद्देसए (स०१६ उ०२ सु० ८) तहेव दिव्वेण जाणविमाणेण आगतो; नवरं एत्थ आभियोगा वि अत्ति, जाव बत्तीसतिविहं नट्ठविहिं उवदंसेति, उव० २ जाव पडिगते । [सु. ३. देविंदस्स सक्कस्स पुव्वभवकहा- कत्तियाभिहाणसेट्ठिस्स मुणिसुव्वयतित्थयरसमीवं पव्वज्जागहणं सामण्णपालणं देविंदसक्कत्तेणोववाओ य ] ३. 'भंते!' त्ति भगवं गोयमे समणं जाव एवं वदासी-जुहा ततियसते ईसाणस्स (स० ३ उ० १ सु० ३४-३५) तहोव कूडागारदिट्टंतो, तहेव पुव्वभवपुच्छा जाव अभिसमन्नागया ? 'गोयमा' ई समणे भगवं गोतमं एवं वदासी- "एवं खलु गोयमा!, "तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे हत्थिणापुरे नामं नगरे होत्था। वण्णओ। सहस्संबवणे उज्जाणे । - वण्णओ । “तत्थ णं हत्थिणापुरे नगरे कत्तिए नामं सेट्ठी परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए णेगमपढमासणिए, णेगमट्ठसहस्सस्स बहूसु कज्जेसु य कारणेसु य कोडुंबेसु य एवं जहा रायपसेणइज्जे चित्ते जाव चक्खुभूते णेगमट्ठसहस्सस्स सायरस य कुटुंबस्स आहेवच्चं जाव करेमाणे पालेमाणे समणोवासए अभिगयजीवाजीवे जाव फ्र 6666666 Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PRO95555555555555555 (५) भगवई स. १८ उ.२.३ २५३] 555555555555555EXOK विहरति । “तेणं कालेणं तेणं समएरं मुणिसुव्वये अरहा आदिगरे जहा सोलसमसए (स०१६ उ०५ सु०१६) तहेव जाव समोसढे जाव परिसा पज्जुवासति । “तए णं कत्तिए सेट्ठी इमीसे कहाए लढे समाणे हट्ठतुट्ठ० एवं जहा एक्करसमसते सुदंसणे(स० ११उ०११सु०४) तहेव निग्गओ जाव पज्जुवासति । “तएणं मुणिसुव्वए अरहा कत्तियस्स सेट्ठिस्स धम्मकहा जाव परिसा पडिगता । "तए णं से कत्तिए सेट्ठी मुणिसुव्वय० जाव निसम्म हट्ठतुट्ठ० उट्ठाए उट्टेति, उ० २ मुणिसुव्वयं जाव एवं वदासी-'एवमेयं भंते! जाव से जहेयं तुब्भे वरहा जं नवरं देवाणुप्पिया! नेगमट्ठसहस्सं आपुच्छरमि, जेट्टपुत्तं च कुडुंबे ठावेमि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतियं पव्वयामि'। अहासुहं जाव मा पडिबंधं'। “तए णं से कत्तिए सेट्ठी जाव पडिनिक्खमइ, प०२ जेणेव हत्थिणापुरे नगरे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवा०२ णेगमट्ठसहस्सं सद्दावेइ, स०२ एवं वयासी- 'एवं खलु देवाणुप्पिया! मए मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियं धम्मे निसंते, से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरूयिते। तए णं अहं देवाणुप्पिया! संसारभयुव्विग्गे जाव पन्वयामि। तं तुब्भेणं देवाणुप्पिया! किं करेह ? किं ववसह? के भे हिदइच्छिए ? के भे सामत्थे ?' "तए णं तं णेगमट्ठसहस्सं तं कत्तियं सेट्टि एवं वदासी- 'जदि णं देवाणुप्पिया! संसारभयुव्विग्गा जाव पव्वइस्संति अम्हं देवाणुप्पिया! संसारभउब्विग्गा भीता जम्मणमरणाणं देवाणुप्पिएहिं सद्धिं मुणिसुव्वयस्स अरहओ अंतियं मुंडा भवित्ता अगाराओ जाव पव्वयामो'। “तए णं से कत्तिए सेट्ठी तं नेगमट्ठसहस्सं एवं वयासी-'जदि णं देवाणुप्पिया! संसारभयुव्विग्गा भीया जम्मण-मरणाणं मए सद्धिं मुणिसुव्वय जाव पव्वाह तं गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया! सएसु गिहेसु० जेट्टपुत्ते कुटुंबे ठावेह, जेट्ठ० ठा०२ पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दूहह, पुरिस० ० २ अकालपरिहीणं चेव मम अंतियं पादुभवह'। "तएणं तं नेगमट्ठसहस्सं पि कत्तियस्स सेट्ठिस्स एतमटुं विणएणं पडिसुणेति,प० २ जेणेव साइं साइं गिहाइं तेणेव उवागच्छइ, उवा० २ विपुलं असण जाव उवक्खडावेति, उ० २ मित्तनाति० जाव तस्सेव मित्तनाति० जाव पुरतो जेठ्ठपुत्ते कुडुंबे ठावेति, जे० ठा०२ तं मित्तनाति जाव जेठ्ठपुत्ते य आपुच्छति, आ०२ पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दूहति, पु० दू०२ मित्तणाति जाव परिजणेणं जेट्ठपुत्तेहि य समणुगम्ममाणमग्गा(१ग्गं)सव्विड्डीए जाव रवेणं अकालपरिहीणं चेव कत्तियस्स सेट्ठिस्स अंतियं पाउन्भवति। "तए णं से कत्तिए सेट्ठी विपुलं असण ४ जहा गंगदत्तो (स०१६ उ०५सु०१६) जाव मित्तनाति० जाव परिजणेणं जेट्टपुत्तेणं णेगमट्ठसहस्सेण य समणुगम्ममाणमग्गे सव्विड्डीए जाव रवेणं हत्थिणापुर नगरं मज्झमज्झेणं जहा गंगदत्तो (स०१६ उ०५ सु०१६) जाव आलित्तेणं भंते ! लोए, पलित्तेणं भंते! लोए, जाव आणुगामियत्ताए भविस्सति, तं इच्छामि णं भंते ! णेगमट्ठसहस्सेणं सद्धिं सयमेव पव्वावियं जाव धम्ममाइक्खितं । "तए णं मुणिसुव्वए अरहा कत्तियं सेट्टि णेगमट्ठसहस्सेणं सद्धिं सयमेव पव्वावेइ जाव धम्ममाइक्खइ-एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं, एवं चिट्ठियव्वं जाव संजमियव्वं । “तएणं से कत्तिए सेट्ठी नेगमट्ठसहस्सेण सद्धिं मुणिसुव्वयस्स अरहओ इमं एयारूवं धम्मियं उवदेसं सम्मं संपडिवज्जति तमाणाए तहा गच्छति जाव संजमति। "तए णं से कत्तिए सेट्ठी णेगमट्ठसहस्सेणं सद्धिं अणगारे जाए रियासमिए जाव गुत्तबंभचारी। "तए णं से कत्तिए अणगारे मुणिसुव्वयस्स अरहओ तहारूवाणं थेराणं अंतियं सामाइयमाइयाइं चोद्दस पुव्वाइं अहिज्जइ, सा० अ० २ बहूहिं चउत्थछट्ठऽट्ठम० जाव अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाइंदुवालसवासाइं सामण्णपरियागं पाउणति, ब० पा०२ मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसेइ, मा० ॐ झो०२ सर्टि भत्ताई अणसणाए छेदेति, स० छे० २ आलोइय जाव कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जसि जाव सक्के देविंदत्ताए उपवन्ने । “तए णं से सक्के देविदे देवराया अहुणोववन्ने"। सेसं जहा गंगदत्तस्स (स० १६ उ० ५ सु०१६) जाव अंतं काहिति, नवरं ठिती दो सागरोवमाइं सेसं तं चेव । सेवं भंते!सेवं भंते !त्ति०। ।।१८.२।। ★★★ तइओ उद्देसओ 'मायं दिए'*** [सु. १-४. रायगिहनगरगुणसिलयचेइए ॐ मायंदियपुत्ताणगारपुच्छाए भगवओ परूवणे काउलेस्साणं पुढवि-आउ-वणस्सइकाइयाणं अणंतरमणुस्सभवे सिद्धिगमणनिरूवणं ] १. तेणं कालेणं तेणं समएणं • रायगिहे नामं नगरे होत्था। वण्णओ। गुणसिलए चेतिए। वण्णओ। जाव परिसा पडिगया। २. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस जाव अंतेवासी र मागंदियपुत्ते नामं अणगारे पगतिभद्दए जहा मंडियपुत्ते(स०३ उ०३ सु०१) जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-सेनूणं भंते! काउलेस्सेहितो पुढविकाइएहितो अणंतरं re:5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४६८ 555555555555555555555555555OOK HOO明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 serof555555555555555555555555555555555555555555555fFORIOR HOR95555555 Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १८३ [२५४] अफ्रफ़ फुफुफुफुफ उत्ता माणुस्सं विग्हं लभति, मा० ल० २ केवलं बोहिं बुज्झइ, केव० बु० २ तओ पच्छा सिज्झति जाव अंतं करेति ? हंता, मार्गदियपुत्ता ! काउलेस्से पुढविकाइए जाव अंतं करेति । ३. से नूणं भंते! काउलेस्से आउकाइए काउलेस्सेहिंतो आउकाइएहिंतो अनंतरं उव्वट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं लभति, माणुस्सं विग्गहं भित्ता केवलं बोहिं बुज्झति जाव अंतं करेति ? हंता, मागंदियपुत्ता ! जाव अंतं करेति । ४. से नूणं भंते! काउलेस्से वणस्सइकाइए० ? एवं चेव जाव अंतं करेति । [सु. ५-७. मायंदियपुत्तकहियं काउलेस्सपुढवि - आउ-वणस्सइकाइयअणंतर- मणुस्सभवसिद्धिगमणवुत्तंतं असद्दहमाणाणं समाणाणं पर भगवओ कण्हनीलकाउलेस्सपुढवि-आउ-वणस्सइकाइयअणंतरमणुस्सभवसिद्धिगमणपरूवणं समणकयं च मायंदियपुंत्तखमावणयं ] ५. 'सेवं भंते! सेवं भंते!' त्ति मागंदियपुत्ते अणगारे समणं भगवं महावीरं जाव नमसित्ता जेणेव समणे निग्गंथे तेणेव उवागच्छति, ते० उ० २ समणे निग्गंथे एवं वदासी एवं खलु अज्जो! काउलेस्से आउक्काइए जाव अंतं करेति । एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से वणस्सतिकाइए जाव अंतं करेति । ६. तए णं ते समणा निग्गंथा मागंदियपुत्तस्स अणगारस्स माइक्खमाणस जाव एवं परूवेमाणस्स एयमद्वं नो सद्दहंति ३, एयमहं असद्दहमाणा ३ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति, ते० उ०२ समण भगवं महावीरं वंदंति नमंसंति, वं० २ एवं वयासी एवंखलु भंते! मागंदियपुत्ते अणगारे अम्हं एवमाइक्खड़ जाव परूवेइ- 'एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढविकाइए जाव अंतं करेति, एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से आउकाइए जाव अंतं करेति, एवं वणस्सतिकाइए वि जाव अंतं करेति । से कहमेयं भंते! एवं' ? 'अज्जो! 'त्ति समणे भगवं महावीरे ते समणे निग्गंथे आमंतित्ता एवं वयासी- जं णं अज्जो ! मागंदियपुत्ते अणगारे तुब्भे एवमाइकखइ जाव परूवेइ- 'एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढविकाइए जाव अंतं करेति, एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढविकाइए जाव अंतं करेति, एवं खलु वणस्सइकातिए वि जाव अंतं करेति' सच्चे णं एसमट्ठे, अहं पिणं अज्जो ! एवमाइक्खामि ४ एवं खलु अज्जो ! कण्हलेस्से पुढविकाइए कण्हलेस्सेहिंतो पुढविकाइएहिंतो जाव अंतं करेति, एवं खलु अज्जो ! नीललेस्से पुढविकाइए नाव अंतं करेति, एवं काउलेस्से वि, जहा पुढविकाइए एवं आउकाइए वि, एवं वणस्सतिकाइए वि, सच्चे णं एसमट्ठे । ७. सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति समणा निग्गंथा समण भगवं महावीरं वंदंति नमंसंति, वं० २ जेणेव मागंदियपुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छंति, उवा० २ मागंदियपुत्तं अणगारं वंदंति नमंसंति, वं०२ एयमहं सम्मं विणणं भुज्जो भुज्जो खामेति । [ सु. ८. मायंदियपुत्ताणगारपुच्छाए भगवओ परूवणे भावियप्पणो अणगारस्स सव्व चरिम मारणंतियाणं कम्म मरण-सरीराणं पैदणनिज्जरणाइसमए पुग्गलाणं सुहुमत्तनिरूवणाइ ] ८. तए णं से मागंदियपुत्ते अणगारे उट्ठाए उट्ठेइ, उ०२ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, ते० उ० २ समणं भगवं महावीरं वंदति नम॑सति, वं० २ एवं वदासी- अणगारस्स णं भंते! भावियप्पणो सव्वं कम्मं वेदेमाणस्स, सव्वं कम्म निज्जरेमाणस्स, सव्वं मारं मरमाणस्स, सव्वं सरीरं विप्पजहमाणस्स, चरिमं कम्मं वेदेमाणस्स, चरिमं कम्मं निज्जरेमाणस्स, चरिमं मारं मरमाणस्स, चरिमं सरीरं विप्पजहमाणस्स, मारणंतियं मारं मरमाणस्स, मारणंतियं कम्मं वेदेमाणस्स, मारणंतियं कम्मं निज्जरेमाणस्स, मारणंनियं मारं मरमाणस्स, मारणंतियं सरीरं विप्पजहमाणस्स जे चरिमा निज्जरापोग्गला, सुहुमा णं ते पोग्गला पण्णत्ता समणाउसो ! सव्वं लोगं पि णं ते ओगाहित्ताणं चिट्ठति? हंता, मागंदियपुत्ता! अणगारस्स णं भावियप्पणी जाव ओगाहित्ताणं चिति। [ सु. ९. निज्जरापोग्गलाणं अन्नत्त-नाणत्ताइजणणा-पासणाविसए छउमत्थं पडुच्च असंभवनिरूवणपुव्वं चउवीसइदंडएस निज्जरापोग्गलाणं जाणणाइविस पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो ] ९. छउमत्थे णं भंते! मणुस्से तेसिं निज्जरापोग्गलाणं किंचि आणत्तं वा णाणत्तं वा एवं जहा इंदियउद्देसए पढमे जाव माणिया जाव पत्थणं जे ते उवउत्ता ते जाणंति पासंति आहारेति, से तेणट्टेणं निक्खेवो भाणितव्वो । [सु. १०-२६. मायंदियपुत्ताणगारपण्हाणं समाहाणं सु. १०. सव्व-भावबंधरूवं बंधस्स भेयजुषं ]१०. कतिविधे णं भंते । बंधे पन्नते ? मागंदियपुत्ता ! दुविहे बंधे पन्नते, तं जहा दव्वबंधे य भावबंधे य । [सु. ११. प्रयोगवीससाबंधरूवं दव्वबंधस्स भेयजुयं ] ११. दव्वबंधे णं भंते ! कतिविधे पन्नते ? मागंदियपुत्ता! दुविधे पन्नते, तं जहा पयोगबंधे य वीससाबंधे य। [ सु. १२. सादीयवीसाबंधस्स भेयजुयं ] १२. वीससाबंधे णं भंते! कतिविधे पन्नते ? मारादियपुत्ता ! दुविधे पनते, तं जहा सादीयवीससाबंधे य अणादीयवीससाबंधे T KGRO Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Ro05555555555555555 १५) भगवई श. १८ उ -३.४ २५५] 555555555555555NOR MOR9555555555555555555555555555555555555555555555555 य। सु.१३. सिढिल-कढिणबंधणरूवं पयोगबंधस्स भेयजुयं ]१३. पयोगबंधेणं भंते ! कतिविधे पन्नते? मागंदियपुत्ता ! दुविहे पन्नते तं जहा-सिढिलबंधणबंधे य धणियबंधणबंधे य । [सु.१४. मूल-उत्तरपगडिबंधरूवं भावबंधस्स भेयजुयं ] १४. भावबंधे णं भंते! कतिविधे पन्नते ? मागंदियपुत्ता ! दुविहे पन्नते, तं जहामूलपगडिबंधे य उत्तरपगडिबंधे या सु. १५-१६. चउवीसइदंडएसु भावबंधनिरूवणं ] १५. नेरइयाणं भंते ! कतिविहे भावबंधे पन्नते ? मागंदियपुत्ता ! दुविहे भावबंधे पन्नते, तं जहा-मूलपगडिबंधे य उत्तरपगडिबंधे य। १६. एवं जाव वेमाणियाणं । सु. १७-२०. अट्ठसुमूलपगडीसु चउवीसइदंडएसु य अट्कम्माई पडुच्च भावपंधनिरूवणं] १७. नाणावरणिज्जस्सणं भंते ! कम्मस्स कतिविहे भावबंधे पन्नते ? मागंदियपुत्ता ! दुविहे भावबंधे पन्नते, तं जहा-मूलपगडिबंधे य उत्तरपयडिबंधे य। १८. नेरइयाणं भंते ! नाणावरणिज्जस्स कम्मस्स कतिविहे भावबंधे पण्णते? मागंदियपुत्ता ! दुविहे भावबंधे पन्नते. तं जहा-मूलपगडिबंधे य उत्तरपगडिबंधे य। १९. एवं जाव वेमाणियाणं । २०. जहा नाणावरणिज्जेणं दंडओ भणिओ एवं जाव अंतराएणं भाणियव्वो। [सु. २१.२३.जीव-चउवीसइदंडएसु कड-कडेमाणकज्जिस्समाणाइं कम्माइं पडुच्च नाणत्तनिरूवणं] २१. (१) जीवाणं भंते ! पावे कम्मेजेय कडे जावजे य कज्जिस्सइ अत्थि याइं तस्स केयिणाणत्ते? हंता, अत्थि। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति जीवाणं पावे कम्मे जे य कडे जाव जे य कज्जिस्सति अत्थि याइं तस्स णाणत्ते? 'मागंदियपुत्ता! से जहानामए-केयि पुरिसे धj परामुसति, धणुं प०२ उसुं परामुसति, उसुं प० २ ठाणं ठाति, ठा०२ आयतकण्णायतं उसुं करेति, आ० क० २ उखु वेहासं उब्विहइ। से नूणं मागंदियपुत्ता ! तस्स उसुस्स उर्दु वेहासं उव्वीढस्स समाणस्स एयति विण्याणत्तं, जाव तं तं भावं परिणमति विणाणत्तं'? 'हंता, भगवं! एयति वि णाणत्तं, जाव परिणमति वि णाणत्ता' सेतेणद्वेणं मागंदियपुत्ता! एवं वुच्चति जाव तं तं भावं परिणमति विणाणत्तं । २२. नेरतियाणं भंते ! पावे कम्मे जे य कडे० एवं चेव । २३. एवं जाव वेमाणियाणं। [सु. २४-२६. चउवीसइदंडएसु गहियआहारपोग्गले पडुच्च एसकालविसइयआहार-चागपमाणनिरूवणाइ ] २४. नेरतिया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गेण्हति तेसि णं भंते ! पोग्गलाणं सेयकालंसि कतिभागं आहारेति, कतिभागं निज्जरेंति ? मागंदियपुत्ता ! असंखेज्जइभागं आहारेंति, अणंतभागं निज्जरेति । २५. चक्किया णं भंते ! केसि तेसु निज्जरापोग्गलेसु आसइत्तए वा जाव तुयट्ठित्तए वा ? नो इणढे समढे, अणाहरणमेयं बुझ्यं समणाउसो ! २६. एवं जाव वेमाणियाणं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०॥१८.३||★★★ चउत्थो उद्देसओ 'पाणातिवाय'***[सु. १. चउत्थुद्देसस्सुवुग्घाओ]१. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव भगवं गोयमे एवं वयासि-सु. २. जीव-अजीवदव्वाइं पडुच्च जीवेसुपरिभोग-अपरिभोगनिरूवणं ]२. (१) अह भंते! पाणातिवाए मुसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले, पाणातिवायवेरमणे जाव मिच्छादसणसल्लवेरमणे, पुढविकाए जाव वणस्सतिकाये, धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाये जीवे असरीरपडिबद्धे, परमाणुपोग्गले, सेलेसिं पडिवन्नए अणगारे, सव्वे य बादरबोदिधरा कलेवरा; एएणं दुविहा जीवदव्वा य जीवाणं परिभोगत्ता, हव्वमागच्छंति? गोयमा ! पाणातिवा, जाव एए णं दुविहा जीवदव्वा य अजीवदव्वा य अत्थेगतिया जीवाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अत्थेगतिया जीवाणं जाव नो हव्वमागच्छंति । (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति 'पाणाइवाए जाव नो हव्वमागच्छंति ?' गोयमा ! पारातिवाए जाव मिच्छादसणससल्ले, पुढविकाइए जाव वणस्सतिकाइए सव्वे य बादरबोदिधरा कलेवरा, एए णं दुविहा-जीवदव्वा य अजीवदव्वा य, जीवाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति । पाणातिवायवेरमणे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे, धम्मत्थिकाये अधम्मत्थिकाये जाव परमाणुपोग्गले, सेलेसिं पडिवन्नए अणगारे, एए णं ददुविहा जीवदव्वा य अजीवदव्वा य जीवाणं परिभोगत्ताए नो हव्वमागच्छति । सेतेणतुणं जाव नो हव्वमागच्छंति। [सु. ३. कसायभेयाइजाणणत्यं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] ३. कति णं भंते ! कसाया पन्नता? गोयमा ! चत्तारि कसाया पन्नता, तं जहा-कसायपयं निरवसेसं भाणियव्वं जाव निजरिस्संति लोभेणं । [सु. ४. जुम्मस्स कडजुम्माइभेयचउक्कं ]४. (१) कति णं भंते ! जुम्मा पन्नता ? गोयमा ! चत्तारि जुम्मा- पन्नत्ता, तं जहा-कडजुम्मे तेयोए दावरजुम्मे कलिओए। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति-जाव कलिओए ? गोयमा ! जे णं रासी चउक्कएणं zerro5555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४७०5555555555555 TOR Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फफफफफफफफफ ५१. १८४९ !! अवहारेण अवहीरमाणे चउपज्जवसिए से तं कडजुम्मे। जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए से तं तेयोए । जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं वीरमाणे दुपज्जवसिए से त्तं दावरजुम्मे । जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए से त्तं कलिओये, से तेणट्टेणं गोतमा ! एवं वुच्चति जाव कलिओए । [ सु. ५-१७. चउवीसइदंडय सिद्ध इत्थीसु कडजुम्माइनिरूवणं ]५. नेरतिया णं भंते! किं कडजुम्मा तेयोया दावरजुम्मा कलिओया? गोयमा ! जनप कडजुम्मा, उक्कोसपए तेयोया, अजहन्नमणुक्कोसपदे सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोया । ६. एवं जाव थणियकुमारा । ७. वणस्सतिकातिया णं० पुच्छा । गोमा ! जनपदे अपदा, उक्कोसपदे अपदा, अजहन्नमणुक्कोसपदे सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा । ८. बेइंदिया णं० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नपए कडजुम्मा, उक्कासपए दावरजुम्मा, अजहन्नमणुक्कोसपए सिय कडसुम्मा जाव सिय कलियोगा । ९. एवं जाव चतुरिंदिया । १०. सेसा एगिदिया जहा बेदिया । ११. पंचिदियतिरिक्खजोणिया जाव वेमाणिया जहा नेरतिया । १२. सिद्धा जहा वणस्सतिकाइया । १३. इत्थीओ णं भंते! किं कडजुम्माओ० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नपदे कडजुम्माओ, उक्कोसपए कडजुम्माओ, अजहन्नमणुक्कोसपए सिय कडजुम्माओ जाव सिय कलियोगाओ । १४. एवं असुरकुमारित्थीओ वि जाव थणियकुमारित्थीओ। १५. एवं तिरिक्खजोणित्थीओ। १६. एवं मणुस्सित्थीओ। १७. एवं जाव वाणमंतर जोतिय-वेमाणियदेवित्थीओ। [सु. १८. अग्गिजीवेसु अप्प - बहुआउं पडुच्च निरूवणं ] १८. जावतिया णं भंते! वरा अंधगवण्हिणो जीवा तावतिया परा अंधगवण्हिणो जीवा ? हंता, गोयमा ! जावतिया वरा अंधगवण्हिणो जीवा तावतिया परा अंधगवण्हिणो जीवा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। ।। १८.४ ॥ ★★★ पंचमो उद्देसओ 'असुरे' ★ ★ ★ [सु. १-४. चउव्विहदेवेसु अभिरुवअणभिरूवाइकारणनिरूवणं ] १. (१) दो भंते! असुरकुमारा एगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववन्ना । तत्थ णं एगे असुरकुमारे देवे पासादी दरिसणिज्ने अभिरूवे पडिरूवे, एगे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादीए नो दरिसणिज्जे नो अभिरूवे नो पंडिरूवे, से कहमेयं भंते! एवं ? गोयमा ! असुरकुमारा देवा दुविहा पन्नता, तं जहा- वेउव्वियसरीरा य अवेडव्विसरीरा य । तत्थ णं जे से वेउव्वियसरीरे असुरकुमारे देवे से णं पासादीए जाव पडिरूवे । तत्थ णं जे से अवेउव्वियसरीरे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादीए जाव नो पडिरूवे । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ 'तत्थ णं जे से वेउव्वियसरीरे तं चेव जाव नो पडिरूवे' ? ‘गोयमा ! से जहानामए इहं मणुयलोगंसि दुवे पुरिसा भवंति - एगे पुरिसे अलंकियविभूसिए, एगे पुरिसे अणलंकियविभूसिए; एएसि णं गोयमा ! दोण्हं पुरिसाणं कयरे पुरिसे पासादीये जाव पडिरूवे ? कयरे पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे ? जे वा से पुरिसे अलंकियविभूसिए, जे वा से पुरिसे अणलंकियविभूसिए? "भगवं ! तत्थ णं जे से पुरसे अलंकियविभूसिए से गं पुरिसे पासादीये जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से पुरिसे अणलंकियविभूसिए से गं पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे'। से तेणट्टेण जाव नो पडिवे । २. दो भंते! नागकुमारा देवा एगंसि नागकुमारावासंसि ० १ एवं चेव । ३. एवं जाव थणियकुमारा । ४. वाणमंतर - जोतिसिय- वेमाणिया एवं चेव । [सु. ५-७. चउवीसइदंडएसु महाकम्मतर अप्पकम्मतराइकारणनिरूवणं ]५. दो भंते! नेरइया एगंसि नेरतियावासंसि नेरतियत्ताए उववन्ना । तत्थ णं एगे नेरइए हाम्रा व जाव महावेदणतराए चेव, एगे नेरइए अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेदणतराए चेव, से कहमेयं भंते! एवं ? गोयमा ! नेइया दुविहा पन्नता, तं जहा- मायिमिच्छद्दिट्ठिउववन्नगा य, अमायिसम्मद्दिट्टिउववन्नगा य । तत्थ णं जे से मायिमिच्छद्दिट्ठिउववन्नए नेरतिए से णं महाकम्मतराए चेव जाव महावेदणतराए चेव, तत्थ णं जे से अमायिसम्मद्दिविवन्नए नेरइए से णं अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेदणतराए चेव । ६. दो भंते ! असुरकुमारा०? एवं चेव । ७. एवं एगिदियविगलिदियवज्जा जाव वेमाणिया । [ सु. ८-११. चउवीसइदंडएस वट्टमाण आगामिभवआउयपडिसंवेदणं पडुच्च निरूवरं ] ८. नेरइए णं भंते ! अनंतरं उव्वट्टित्ता जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते! कयरं आउयं पडिसंवेदेति ? गोयमा ! नेरइयाउयं पडिसंवेदेति, पंचेदियतिरिक्खजोणियाउए से पुरओ कडे चि । ९. एवं मणुस्सेसु वि, नवरं मणुस्साउए से पुरतो कडे चिट्ठति । १०. असुरकुमारे णं भंते! अनंतरं उव्वट्टित्ता जे भविए पुढविकाइएस उववज्जित्तए० पुच्छा। गोयमा ! असुरकुमाराउयं पडिसंवेदेति, पुढविकाइयाउए से पुरतो कडे चिट्ठइ । ११. एवं जो जहिं भविओ उववज्जित्तए तस्स तं पुरतो कडं चिट्ठति, जत्थ 4445445555 श्री आगमगणमंजुषा - ४७१ | FO Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ IG055555555555555明 (५) भगवई श.१८ उ-५-६-७ (२५७] 乐乐所所听听听听听听听听听听听 Resof %%%%%%%%%%%%%%%%%% %%%%%%%%%%%%%% ठितो तं पडिसंवेदेति जाव वेमाणिए। नवरं पुढविकाइओ पुढविकाइएसु उववजंतओ पुढविकाइयाउयं पडिसंवेदेति, अन्ने य से पुढविकाइयाउए पुरतो कडे चिट्ठति। एवं जाव मणुस्सो सट्ठाणे उववातेयव्वो, परट्ठाणे तहेव । [ सु. १२-१५. चउव्विहदेवेसु इच्छियविउव्वणाकरण-अकरणसामत्थं पडुच्च कारणनिरूवणं ] १२. दो भंते ! असुरकुमारा एगंसि असुरकुमारावासंसिं असुरकुमारदेवेत्ताए उववन्ना। तत्थ णं एगे असुरकुमारे देवे 'उज्जुयं विउव्विस्सामी' ति उज्जुयं विउव्वह, 'वंकं विउव्विस्सामी' ति वंकं विउव्वइ, जं जहा इच्छति तं तहा विउव्वइ । एगे असुरकुमारे देवे 'उज्जुयं विउव्विस्सामी' ति वंकं विउव्वति, 'वंकं विउव्विस्सामी' ति॥ उज्जुयं विउव्वति, जं जहा इच्छति णोतं तहा विउव्वति । से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! असुरकुमारा देवा दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-मायिमिच्छद्दिट्ठिउववन्नगा य अमायिसम्मद्दिट्ठिउववन्नगा य। तत्थ णं जे से मायिमिच्छद्दिट्ठिउववन्नए असुरकुमारे देवे से णं 'उज्जुयं विउव्विस्सामी' ति वंकं विउव्वति जाव णो तं तहा विउव्वइ, तत्थ णं जे से अमायिसम्मद्दिट्ठिउववन्नए असुरकुमारे देवे से 'उज्जुयं विउव्विस्सामी' ति उज्जुयं विउव्वति जाव तं तहा विउव्वति। १३. दो भंते! नागकुमारा०? एवं चेव। १४. एवं जावथणियकुमारा। १५. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया एवं चेव। सेवं भंते! सेवं भंते ! त्ति०॥१८.५॥★★★छट्ठो उद्देसओ 'गुल'*** सु. १-५. फाणियगुल-भमर-सुयपिच्छ-मंजिट्ठिआईसु वावहारिय-नेच्छइयन-यावेक्खाए वण्ण-गंध-रस-फासनिरूवणं ] १. फाणियगुले णं भंते ! कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नते ? गोयमा ! एत्थं दो नया भवंति, तं जहा-नेच्छयियनए य वावहारियनए य । वावहारियनयस्स गोड्डे फाणियगुले, नेच्छइयनयस्स पंचवण्णे दुगंधे पंचरसे अट्ठफासे पन्नते । २. भमरे णं भंते ! कतिवण्णे० पुच्छा । गोयमा ! एत्थं दो नया भवंति, तं जहा-नेच्छइयनए य वावहारियनए य । वावहारियनयस्स कालए भमरे, नेच्छइयनयस्स पंचवण्णे जाव अट्ठफासे पन्नते। ३. सुयपिंछे णं भंते! कतिवण्णे०? एवं चेव, नवरं वावहारियनयस्स नीलए सुयपिच्छे, नेच्छइयनयस्स पंचवण्णे० सेसं तं चेव । ४. एवं एएणं अभिलावेणं लोहिया मंजिट्ठी पीतिया हलिद्दा, सुक्किलए संखे, सुब्भिगंधे कोटे, दुब्भिगंधे मयगसरीरे, तित्ते निबे, कडुया सुंठी, कसायतुरए कविटे, अंबा अंबिलिया, महुरे खंडे, कक्खडे वइरे, मउए नवणीए, गरूए अये, लहुए उलुयपत्ते, सीए हिमे, उसिणे अगणिकाए, णि तेल्ले। ५. छारिया णं भंते !० पुच्छा। गोयमा ! एत्थ दो नया भवंति, तं जहा-नेच्छइयनए य वावहारियनए य। वावहारियनयस्सलुक्खा छारिया, नेच्छश्यनयस्स पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नता ।[ सु.६-१३. परमाणु-दुपएसियाइखंधेसु वण्ण-गंध-रस-फासनिरूवणं ] ६. परमाणुपोग्गले णं भंते ! कइवण्णे जाव कतिफासे पन्नते ? गोयमा ! एगवण्णे एगगंधे एगरसे दुफासे पन्नते। ७. दुपदेसिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे० पुच्छा। गोयमा ! सिय एगवण्णे सिय दुवण्णे, सिय एगगंधे सिय दुगंधे, सिय एगरसे सिय दुरसे, सिय दुफासे, सिय तिफासे, सिय चउफासे पन्नते। ८. एवं तिपदेसिए वि, नवरं सिय एगवण्णे, सिय दुवण्णे, सिय तिवण्णे । एवं रसेसु वि। सेसं जहा दुपदेसियस्स । ९. एवं चउपदेसिए वि, नवरं सिय एगवण्णे जाव सिय चउवण्णे। एवं रसेसु वि। सेसंतं चेव। १०. एवं पंचपदेसिए वि, नवरं सिय एगवण्णे जाव सिय पंचवण्णे । एवं रसेसु वि । गंध-फासा तहेव । ११. जहा पंचपएसिओ एवं जाव असंखेज्जपएसिओ। १२. सुहमपरिणए णं भंते! अणहतपदेसिए खंधे कतिवण्णे०? जहा पंचपदेसिए तहेव निरवसेसं। १३. बादरपरिणए णं भंते ! अणंतपएसिए खंधे कतिवण्णे० पुच्छा । गोयमा ! सिय एगवण्णे जाव सिय पंचवण्णे, सिय एगगंधे सिय दुगंधे, सिय एगरसे जाव सिय पंचरसे, सिय चउफासे जाव सिय अट्ठफासे पन्नत्ते । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। ।।१८.६।। ★★★सत्तमो उद्देसओ केवलि'★★★[ सु. १. सत्तमुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी- [सु. २. जक्खाविट्ठके वलिविसए अन्नउत्थियभणियनिरासपुव्वं भगवओ परूवणे केवलिस्स सच्च-असच्चामोसभासापरूवणं ]२. अन्नउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेति-एवं खलु केवली जक्खाएसेणं आइस्सति, एवं खलु केवली जक्खाएसेणं आइट्ठे समाणे आहच्च दो भासाओ भासइ, तं जहा-मोसं वा सच्चामोसं वा। से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जंणं ते अन्नउत्थिया जाव जे ते एवमाहंसु मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि ४-नो खलु केवली जक्खाएसेणं आइस्सति, नो खलु म %% $ %$ 0 Meros$$$$5555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा-४७२55555555555555555555555 Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ro95555555555555555 (५) भगवई रा. १८ उ-७ (२५८] 5555555555555 sexy 听听听听听听听听听听听乐明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听纸$ केवली जक्खाएसेणं आड्ढे समाणे आहच्च दो भासाओ भासइ, तं जहा-मोसं वा सच्चामोसं वा । केवली णं असावज्जाओ अपरोवघातियाओ आहच्च दो भासाओ # भासति, तं जहा-सच्चं वा असच्चामोसं वा। सु. ३. कम्म-सरीर-भंडमत्तउवहिरूवं उवहिभेयतियं] ३. कतिविधेणं भंते ! उवही पन्नते ? गोयमा ! तिविहे उवही पन्नत्ते, तं जहा-कम्मोवही सरीरोवही बाहिरभंडमत्तोवगरणोवही। [सु. ४-६. नेरइय-एगिदिएसु कम्म-सरीरोवहिरू वं उवहिभेयदुयं, सेसदंडएसु य कम्मोवहिआइउवहिभेयतियं ] ४. नेरइयाणं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! दुविहे उवही पन्नत्ते, तं जहा-कम्मोवही य सरीरोवही य । ५. सेसाणं तिविहा उवही एगिदियवज्जाणं जाव वेमाणियाणं । ६. एगिदियाणं दुविहे, तं जहा-कम्मोवही य सरीरोवही य । [सु. ७-९. सचित्त-अचित्त-मीसयउवहिरूवं उवहिभेयतियं, चउवीसइदंडएसु य सचित्ताइतिविहोवहिनिरूवणं ] ७. कतिविहे णं भंते ! उवही पन्नते ? गोयमा! तिविहे उवही पन्नते, तं जहा-सच्चित्ते अचित्ते मीसए। ८. एवं नेरइयाण वि। ९. एवं निरवसेसं जाव सेमाणियाणं। [सु. १०-११. ततियाइनवमसुत्तभणियउवहिभेयाइअणुसारेण परिग्गहभेयाइनिरूवणं ] १०. कतिविधे णं भंते! परिग्गहे पन्नते ? गोयमा ! तिविहे परिग्गहे पन्नते, तं जहा-कम्मपरिग्गहे सरीरपरिग्गहे बाहिरगभंडमत्तोवगरणपरिग्गहे। ११. नेरतियाणं भंते !०? एवं जहा उवहिणा दो दंडगा भणिया त-ग्रन्थाग्रम् ११००० हा परिग्गहेण वि दो दंडगा भाणियव्वा। [सु. १२. पणिहाणस्स मणपणिहाणाइभेयतियं] १२. कतिविहे णं भंते ! पणिहाणे पन्नते ? गोयमा ! तिविहे पणिहाणे पन्नत्ते, तं जहा-मणपणिहाणे वइपणिहाणे कायपणिहाणे। सु. १३-१९. सउवीसइदंडएसु जहाजोगं मणपरिहाणाइनिरूवणं ] १३. नेरतियाणं भंते ! कतिविहे पणिहाणे पन्नत्ते? एवं चेव । १४. एवं जाव थणियकुमाराणं । १५. पुढविकाइयाणं० पुच्छा । गोयमा ! एगे कायपणिहाणे पन्नत्ते। १६. एवं जाव वणस्सतिकाइयाणं । १७. बेइंदियाणं० पुच्छा। गोयमा ! दुविहे पणिहाणे पन्नत्ते, तं जहा-वइपणिहाणे य कायपणिहाणे य । १८. एवं जाव चउरिदियाणं । १९. सेसाणं तिविहे वि जाव वेमाणियाणं| [सु. २०-२२. मण-वइ-कायभेएणं दुप्पणिहाण-सुप्पणिहाणाणं भेयतियं सउवीसइदंडएसुय जहाजोगं निरूवणं ] २०. कतिविधे णं भंते! दुप्पणिहाणे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे दुप्पणिहाणे पन्नत्ते, तं जहा-मणदुप्पणिहाणे जहेव पणिहाणेणं दंडगो भणितो तहेव दुप्पणिहाणेण वि भाणियव्वो। २१. कतिविधे णं भंते ! सुप्पणिहाणे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविधे सुप्पणिहाणे पन्नत्ते, तं जहा-मणसुप्पणिहाणे वतिसुप्पणिहाणे कायसुप्पणिहाणे । २२. मणुस्साणं भंते! कतिविधे सुप्पणिहाणे पन्नते? एवं चेव। सेवं भंते! सेवं भंते ! जाव विहरति। [सु. २३. भगवओजणवयविहरणं]२३. तएणं समणे भगवं महावीरे जाव बहिया जणवयविहारं विहरइ। [सु. २४-२५. रायगिहनगरट्ठियाणं अन्नउत्थियाणं भगवंतपरूवियअत्थि-कायविसए अन्नोन्नं जिन्नासा २४. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नाम नयरे होत्था । वण्णतो। गुणसिलए चेतिए । वण्णओ, जाव पुढविसिलावट्ठओ।] २५. तस्स णं गुणसिलस्स चेतियस्स अदूरसामंते बहवे अन्नउत्थिया परिवसंति, तं जहा-कालोदाई सेलोदाई एवं जहा सत्तमसते अन्नउत्थिउद्देसए (स ७ उ० १० सु०१-३) जाव से कहमेयं मन्ने एवं? [सु. २६-२८. रायगिहनगरसमागयं भगवंतं सोच्चा मढुयसमणोवासयस्स भगवंतवंदणनिमित्तं गमणं ]२६. तत्थ णं रायगिहे नगरे महुए नाम समणोवासए परिवसति अड्डे जाव अपरिभूए अभिगय० जाव विहरइ । २७. तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नदा कदायि पुव्वाणुपुब्विं चरमाणे जाव समोसढे । परिसा जाव पज्जुवासइ । २८. तए णं मढुए समणोवासए इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हठ्ठतुट्ठ० जाव हिदए ण्हाए जाव सरीरे साओ गिहाओ पडिनिक्खमति, सा०प०२ पायविहारचारेणं रायगिहं नगरं जाव निग्गच्छति, निग्गच्छित्ता तेसिं अन्नउत्थियाणं अदूरसामंतेणं वीतीवयति । [सु.२९-३२. अन्नउत्थियपुच्छियअत्थिकायविसयसंकाए मदुयसमणोवासयकयं सहेउयं निराकरणं, मढुयस्सय भगवंतसमीवागमणं]२९. तएणं ते अन्नउत्थिया मदुयं समणोवासयं अदूरसामंतेणं वीयीवयमाणं पासंति, पा०२ अन्नमन्नं सद्दावेति, अन्नमन्नं सद्दावेत्ता एवं वदासि एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमा कहा अवि उप्पकडा, इमं च णं मढुए समणोवासए अम्हं अदूरसामंतेणं वीयीवयइ, तं सेयं खलुक देवाणुप्पिया ! अम्हं मदुयं समणोवासयं एयमढें पुच्छित्तए' त्ति कटु अन्नमन्नस्स अंतियं एयमटुं पडिसुणेति, अन्नमन्नस्स०प०२ जेणेव मढुए समणोवासए तेणेव ॥ उवागच्छंति, उवा० २ मडुयं समणोवासयं एवं वदासी-एवं खलु मढुया ! तव धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे णायपुत्ते पंच अत्थिकाये पन्नवेइ जहा सत्तमे सते -- - ---...-.-.-.-.-1-1-1-1-1-1PTELEVELONELENCACHECAPF $$$$$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听明明听听 TrainEducation international 2010-03 ainelibrary.or ) Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NGO फफफफफफ अन्न उत्थिउद्देसए (स०७ उ० १० सु०६ १ ) जाव से कहमेयं महुया । एवं १३०. तए ण से महुए समणोवासए ते अन्नउत्थिए एवं वयासि जति कज्जं कज्जति जाणामो पासामो; अह कज्जं न कज्जति न जाणामो न पासामो । ३१. तए णं ते अन्नउत्थिया मद्दुयं समणोवासयं एवं वयासी केस णं तुमं मद्दुया ! समणोवासगाणं भवसि जेण तुमं एयमहं न जाणसि न पाससि ? ३२. तए णं से महुए समणोवासए ते अन्नउत्थिए एवं वयासि- 'अत्थि णं आउसो ! वाउयाए वाति'? 'हंता, अत्थि' । 'तुब्भेणं आउसो ! वाउयायस्स वायमाणस्स रूवं पासह ? " णो तिण० ' | 'अत्थि णं आउसो ! घाणसहगया पोग्गला'? 'हंता, अत्थि' । 'तुब्भे णं आउसो ! घाणसहगयाणं पोग्गलाणं रूवं पासह' ? णो ति०' ! 'अत्थि णं आउसो ! अरणिसहगते अगणिकाए' ? 'हंता, अत्थि' । 'तुब्भे णं आउसो ! अरणिसहगयस्स अगणिकायस्स रूवं पासह' ? 'णो ति०'। 'अत्थि णं आउसो ! समुहस्स पारगताई रूवाई' ? 'हंता, अस्थि' 'तुब्भे णं आउसो ! समुद्दस्स पारगयाइं रूवाइं पासह'? ‘णो ति०’। ‘अत्थि णं आउसो ! देवलोगगयाई रुवाई' ? 'हंता, अत्थि' । तुब्भे णं आउसो ! देवलोगगयाई रुवाई पासह' ? 'णो ति०' | 'एवामेव आउसो ! अहं वा तुब्भे वा अन्नो वा छउमत्थो जइ जो जं न जाणति न पासति तं सव्वं न भवति एवं भे सुबहुलोए ण भविस्सतीति' कट्टु ते अन्नउत्थिए एवं पडिहणइ, एवं प० २ जेणेव गुणसिलए चेतिए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, उ० २ समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं जाव पज्जुवासति । [ सु. ३३-३६. महुयक अन्न उत्थियनिराकरणविसए भगवओ अणुमोयणाइ मद्दुयस्स य सगिहगमणं ] ३३. 'मद्दुया ! 'ई समणे भगवं महावीरे मद्दुयं समणोवासयं एवं वयासि सुठुणं या ! तुमं ते अन्नउत्थिए एवं क्यासि, साहु णं मद्दुया ! तुमं ते अन्नउत्थिए एवं क्यासि, जेणं महुया ! अहं वा हेउं वा पसिणं वा वागरणं वा अण्णातं अदिट्ठे अस्सुतं अयं अविण्णायं बहुजरमज्झे आघवेति पण्णवेति जाव उवदंसेति से णं अरहंताणं आसायणाए वट्टति, अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स आसायणाए वट्टति, केवलीणं आसायणाए वट्टति, केवलिपन्नत्तस्स धम्मस्स आसायणाए वट्टति । तं सुठु णं तुमं मद्दुया ! ते अन्नउत्थिए एवं वयासि, साहु णं तुमं मद्दुया ! जाव एवं वयासि । ३४. तए णं महुए समणोवास समणं भगवया महावीरेण एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदंति नम॑सति, वं० २ णच्चासन्ने जाव पज्जुवासति । ३५. तए णं समणे भगवं महावीरे मद्दुयस्स समणोवासगस्स तीसे य जाव परिसा पडिगया । ३६. तए णं महुए समणोवासए समणस्स भगवतो जाव निसम्म हट्टतुट्ठ० पसिणाई पुच्छति, प० पु० २ अट्ठाइं परियाइयति, अ० प० २ उट्ठाए उट्ठेति, उ०२ समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसइ जाव पडिगए। [ सु. ३७. गोयमपण्डुत्तरे भगवा परूवियं मद्दुयस्स कमेणं सिद्धिगमणं ] ३७. 'भंते!' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदंति नम॑सति, वं० २ एवं क्यासि पभू णं भंते! मद्दुए समणोवास देवाप्पियाणं अंतियं जाव पव्वइत्तए ? णो तिणट्टे समट्ठे । एवं जहेव संखे (स० १२उ०१ सु. ३१) तहेव अरूणाभे जाव अंतं काहिति । [सु. ३८-४०. महिडिढयदेवे सहस्ससरीरविउव्वणसामत्थनिरूवणाइ ] ३८. देवे णं भंते ! महिडीए जाव महेसक्खे रूवसहस्सं विउच्चित्ता पभू अन्नमन्नेणं सद्धिं संगामं संगासित्तए ? हंता, पभू । ३९. ताओ णं भंते! बोंदीओ किं एगजीवश्रुडाओ, अणेगजीवफुडाओ ? गोयमा ! एगजीवफुडाओ, णो अणेगजीवफुडाओ । ४०. ते णं भंते ! तसिं बोदीणं अंतरा किं एगजीवफुडा, अणेगजीवफुडा ? गोयमा ! एगजीवफुडा, नो अणेगजीवफुडा । [ सु. ४१. छिन्नसरीरभागंतरजीवपदेसेसु सत्थकंमासंभवनिरूवणं ] ४१. पुरिसे भंते ! अंतरे हत्थेण वा एवं जहा अट्ठमसए ततिए उसए (स० ८०३ सु० ६ २ ) जाव नो खलु तत्थ सत्यं कमति । [सु. ४२-४४. देवासुरसंगामे पहरणविउव्वणानिरूवणाई ]४२. अत्थि णं भंते ! देयासुरा संगामा, देवासुरा संगामा ? हंता, अत्थि । ४३. देवासुरेसु णं भंते! संगामेसु वट्टमाणेसु किं णं तेसिं देवाणं पहरणरयणत्ताए परिणमति ? गोयमा ! जं णं ते देवा तणं वा कट्टं वा पत्तं वा सक्करं वा परामुसंति तं णं तेसिं देवाणं पहरणरयणत्ताए परिणमति । ४४. जहेव देवाणं तव असुरकुमाराणं ? णो इणट्ठे समठ्ठे । असुरकुमाराणं देवाणं निच्च विउब्विया पहरणरयणा पन्नत्ता । [ सु. ४५-४७. देवेसु लवणसमुद्दाइअणुपरियद्वणसामत्थनिरूवणाइ ] ४५. देवे णं भंते ! महिडीए जाव महेसक्खे पभू लवणसमुद्दे अणुपरियट्ठित्ताणं हव्वमागच्छित्तए? हंता, पभू । ४६. देवे णं भंते ! महिड्डीए एवं धातइसंडं दीवं जाव हंता, पभू । ४७. एवं जाव रूयगवरं दीवं जाव हंता, पभू । तेण परं वीतीवएज्जा नो चेव णं अणुपरियट्टेज्जा । [ सु. ४८MOM श्री आगमगुणमंजूषा ४७४ ॐ ॐ ॐ Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भजवा न.१८11८ .) 1335333333333333रका GO乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐 乐 乐乐明明明明明明明明明明明乐乐国55C ५०. देवेसु कालावेक्खाए अणंतकम्मंसखवणानिरूवणं ] ४८. अत्थि णं भंते ! ते देवा जे अणंते कम्मसे जहन्नेणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा, उक्कोसेणं पंचहिं वाससएहिं खवयंति ? हंता, अत्थि। ४९. अत्थि णं भंते! ते देवा जे अणंते कम्मंसे जहन्नेणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा, उक्कोसेणं पंचहि वाससहस्सेहिं खवयति? हंता, अत्थि। ५०. अत्थि णं भंते ! ते देवा जे अणंते कम्मंसे जहन्नेणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा, उक्कोसेणं पंचहिं वाससयसहस्सेहिं खवयंति ? हंता, अत्थि। [सु. ५१. कालावेक्खाए अणंतकम्मंसखवगदेवभेयनिरूवणं ] ५१. कयरेणं भंते ! ते देवा अणंते कम्मसे जहन्नेणं एक्केण वा जाव पंचहिं वससतेहिं खवयंति ? कयरेणं भंते ! ते देवा जाव पंचहिं वाससहस्सेहिं खवयंति ? कयरेणं भंते ! ते देवा जाव पंचहिं वाससतसहस्सहिं खवयंति ? गोयमा ! वाणमंतरा देवा अणंते कम्मंसे एगेणं वाससएणं खवयंति, असुरिंदवज्जिया भवणवासी देवा अणंते कम्मंसे दोहिं वाससएहिंखवयंति, असुरकुमारा(?रिंदा) देवा अणंते कम्मंसे तीहिं वाससएहिं खवयंति, गह-नक्खत्त-तारारूवा जोतिसिया देवा अणंते कम्मंसे चतुवास जाव खवयंति, चंदिम-सूरिया जोतिसिंदा जोतिसरायाणो अणंते कम्मंसे पंचहिं वाससएहिं खवयंति । सोहम्मीसाणगा देवा अणंते कम्मंसे एगेणं वाससहस्सेणं जाव खवयंति, सणंकुमार-माहिंदगा देवा अणंते कम्मंसे दोहिं वाससहस्सेहिं खवयंति, एवं एएणं अभिलावेणं बंभलोग-लंतगा देवा अणंते कम्मंसे तीहिं वाससहस्सेहिं खवयंति, महासुक्क-सहस्सारगा देवा अणंते० चउहिं वाससह०, आणय-पाणयआरण-अच्चुयगा देवा अणते० पंचहिं वाससहस्सेहिं खवयंति । हेट्ठिमगेवेजगा देवा अणंते कम्मंसे एगेणं वाससयसहस्सेणं खवयंति, मज्झिमगेवेज्जगा देवा अणंते० दोहिं वाससयसहस्सेहिं खवयंति, उवरिमगेवेजगा देवा अणते कम्मसे तिहिं वाससयसह० जाव खवयंति, विजयवेजयंत-जयंत-अपराजियगा देवा अणंते० चउहि वास० जावखवयंति, सव्वट्ठसिद्धगा देवा अणंते कम्मसे पंचहि वाससयसहस्सेहिं खवयंति। एएणं गोयमा ! ते देवा जे अणंते कम्मसे जहन्नेणं एक्केण वा दोहि वा तीहि वा उक्कोसेणं पंचहिं वाससएहिं खवयंति । एए णं गोयमा ! ते देवा जाव पंचहिं वाससहस्सेहिं खवयंति । एए णं गोयमा ! ते देवा जाव पंचहिं वाससयसहस्सेहिं खवयंति । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति०। ।।१८.७॥★★★अट्ठमो उद्देसओ अणगारे'***[सु. १. अट्ठमुद्देसयस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी- [सु. २. पायस्स अहे समागयकुक्कुडपोयाइ पडुच्च रीयमाणम्मि अणगारम्मि इरियावहियाकिरियानिरूवणं ] २. (१) अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो पुरओ दुहओ जुगमायाए पेहाए पेहाए रीयं रीयमाणस्स पायस्स अहे कुक्कुडपोते वा वट्टापोते वा कुलिंगच्छाए वा परियावज्जेज्जा, तस्स णं भंते ! किं इरियावहिया किरिया कज्जइ, संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! अणगारस्स णं भावियप्पणो जाव तस्स णं इरियावहिया किरिया कज्जति, नो संपराइया किरिया कज्जति। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ जहा सत्तमसए सत्तुद्देसए(स०७ उ०७ सु०१२) जाव अट्ठो निक्खित्तो। सेवं भंते !० जाव विहरति । [सु. ३-६. जणवयविहरणकमेण भगवओ रायगिहनगरसमागमणं ]३. तए णं समणे भगवं महावीरे बहिया जाव विहरइ । ४. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव पुढविसिलावट्टए। ५. तस्स णं गुणसिलस्स चेतियस्स अदूरसामंते बहवे अन्नउत्थिया परिवसंति । ६. तए णं समणे भगवं महावीरे जाव समोसढे जाव परिसा पडिगता। [सु. ७-१५. गमणनिस्सियजीवपरितावणाइविसए अन्नउत्थियभणियस्स गोयमकओ निरासो, भगवंतकयं च गोयमस्स अणुमोयणं ] ७. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवतो महावीरस्स जेटे अंतेवासी इंदभूती नामं अणगारे जाव उहुंजाणू जाव विहरहा ८. तए णं ते अन्नउत्थिया जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छंति, उवा०२ भगवं गोयमं एवं वयासि- तुब्भेणं अज्जो ! तिविहं तिविहेणं अस्संजय जाव एगंतबाला याविभवह। ९. तए णं भगवं गोयमे ते अन्नउत्थिए एवं वयासि-केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं तिविहेणं अस्संजय जाव एगंतबाला यावि भवामो? १०. तए णं ते अन्नउत्थिया भगवं गोयमं एवं वदासि-तुब्भे णं अज्जो! रीयं रीयमाणा पाणे पेच्चेह अभिहणह जाव उवद्दवेह । तए णं तुब्भे पाणे पेच्चमाणा जाव उवद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवह। ११. तए णं भगवं गोयमे ते अन्नउत्थिए एवं वदासि-नो खलु अज्जो ! अम्हे रीयं रीयमाणा पाणे पेच्चमोजाव उवद्दवेमो, अम्हे णं अज्जो रीयं रीयमाणा कायं च जोयं च रीयं च पडुच्च G乐明明乐乐乐乐乐5555555听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐国乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐SC reOES555555555555 /श्री आगमगुणमजूषा-४७५45555555555555555555OOK Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ CC玩乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听明 明明明明明明明买买买乐乐乐乐 听听听听听听听听听听听听听6 TAGR955555555555555 (५) भगवई श. १८ उ-८-९ २६१] $ $$ $$250 दिस्स दिस्स पदिस्स पदिस्स वयामो। तए णं अम्हे दिस्स दिस्स वयमाणा पदिस्स पदिस्स वयमाणाणो पाणे पेच्चमोजावणो उवद्दवेमो। तए णं अम्हे पाणे अपेच्चमाणा 卐 जाव अणोद्दवेमाणा तिविहं तिविहेणं जाव एगंतपंडिया यावि भवामो। तुब्भे णं अज्जो ! अप्पणा चेव तिविहं तिविहेणं जाव एगंतबाला यावि भवह । १२. तए णं ते अन्नउत्थिया भगवं गोयमं एवं वदासि-केणं कारणेणं अज्जो ! अम्हे तिविहं तिविहेणं जाव भवामो ? १३. तए णं भगवं गोयमे ते अन्नउत्थिए एवं वयासि-तुब्भे णं अज्जो ! रीयं रीयमाणा पाणे पेच्चेह जाव उवद्दवेह । तए णं तुब्भे पाणे पेच्चेमाणा जाव उवद्दवेमाणा तिविहं जाव एगंतबाला यावि भवह । १४.तए णं भगवं गोयमे ते अन्नउत्थिए एवं पडिहणइ, प०२ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, उ०२ समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति, वं०२ णच्चसन्ने जाव पज्जुवासति । १५. 'गोयमा !' ई समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासि-सुटु णं तुमं गोयमा ! ते अन्नउत्थिए एवं वयासि, साहुणं तुमं गोयमा ! ते अन्नउत्थिए एवं वदासि, अत्थि णं गोयमा ! ममं बहवे अंतेवासी समणा निग्गंथा छउमत्था जेणं नो पभू एयं वागरणं वागरेत्तए जहा णं तुम, तं सुट्ठणं तुमं गोयमा ! ते अन्नउत्थिए एवं वयासि, साहुणं तुमं गोयमा ! ते अन्नउत्थिए एवं वदासि । [सु. १६-१९. परमाणु-दुपएसियाइखंधजाणण-पासणं पडुच्च छउमत्थमणुस्सम्मि निरूवणं] १६. तए णं भगवं गोयमे समणेणं भगवता महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ० समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति, वं०२ एवं वदासि-छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से परमाणुपोग्गलं किं जाणइ पासइ, उदाहुन जाणइ न पासइ ? गोयमा ! अत्थेगतिए जाणति, न पासति; अत्थेगतिए न जाणति, न पासति । १७. छउमत्थेणं भंते ! मणूसे दुपएसियं खंधं किं जाणति पासइ ? एवं चेव । १८. एवं जाव असंखेजपएसियं । १९. छउमत्थे णं भंते ! मणूसे अणंतपएसियं खंधं किं० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए जाणति पासति; अत्यंगतिए जाणति, न पासति; अत्थेगतिए न जाणति, पासति; अत्थेगतिए न जाणति न पासति । [सु. २०-२३. परमाणु-दुपएसियाइखंधाणं जाणणपासणं पडुच्च आहोहियपरमाहोहिय-केवलीसु निरूवणं] २०. आहोहिए णं भंते ! मणुस्से परमाणुपोग्गलं? जहा छउमत्थे एवं आहोहिए वि जाव अणंतपएसियं । २१. (१) परमाहोहिए णं भंते ! मणूसे परमाणुपोग्गलं जं समय जाणइ तं समयं पासति, जं समयं पासति तं समयं जाणति? णो तिणढे समढे। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ-परमाहोहिए णं मणूसे परमाणुपोग्गलं जं समयं जाणति नो तं समयं पासति, जं समयं पासति नोतं समयं जाणइ ? गोयमा ! सागारे से नाणे भवति, अणागारे से दंसणे भवति, से तेणटेणं जाव नो तं समयं जाणइ। २२. एवं जाव अणंतपएसियं । २३. केवली णं भंते ! मणूसे परमाणुपोग्गलं०? जहा परमाहोहिए तहा केवली विजाव अणंतपएसियं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।१८.८| नवमो उद्देसओ भविए'** [सु. १. नवमुद्देसयस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासि- [सु. २-९. भवियदव्वनेरइयाइ पडुच्च चउवीसइदंडएसु निरूवणं] २. (१) अत्थि णं भंते ! भवियदव्वनेरइया, भवियदव्वनेरइया ? हंता, अस्थि । (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ-भवियदव्वनेरइया, भवियदव्वनेरइया ? गोयमा ! जे भविए पंचेंदियतिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा नेरइएसु उववज्जित्तए, से तेणद्वेणं०। ३. एवं जाव थणियकुमाराणं। ४. (१) अस्थि णं भंते ! भवियदव्वपुढविकाइया, भवियदव्वपुढविकाइया? हंता, अत्थि। (२) से केणेटेणं०? गोयमा! जे भविए तिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा देवे वा पुविकाइएसु उववज्जित्तए, से तेणटेणं०१५. आउकाइय-वणस्सतिकाइयाणं एवं चेव । ६. तेउ-वाउ-बेदिय-तेदियचउरिदियाण य जे भविए तिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा । ७. पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं जे भविए नेरइए वा तिरिक्खजोणिए वा मणुस्से वा देवे वा पंचेदियतिरिक्खजोणिए वा । ८. एवं मणुस्साण वि । ९. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणियाणं जहा नेरइया। [सु. १०-२०. भवियदव्वनेरइयाइठिइं पडुच्च चउवीसइदंडएसु निरूवणं ] १०. भवियदव्वनेरइयस्स णं भंते ! केवतियं कालं ठिती पन्नता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी। ११. भवियदव्वअसुरकुमारस्सणं भंते ! केवतियं कालं ठिती पन्नता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुर्त, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई । १२. एवं जाव थणियकुमारस्स। १३. भवियदव्वपुढविकाइयस्स णं० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सातिरेगाइं दो सागरोवमाइं । १४. एवं आउकाइयस्स वि । १५. तेउ-वाउ जहा नेरइयस्स । १६. वणस्सइकाइयस्स जहा पुढविकाइयस्स। १७. बेइंदिय-तेइंदिय-चतुरिदियस्स जहा नेरइयस्स। १८. पंचेदियतिरिक्खजोणियस्स जहन्नेणं reO 9 555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४७६ GC5F5F5听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明乐乐SO र Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ C$明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听 MONS$$$为 $$$$男男男 (५) भगवई स. १८ उ-९-१० (२६२] 555555555555sssssxog अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं। १९. एवं मणुस्सस्स वि।२०. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणियस्स जहा असुरकुमारस्स । सेवं भंते ! सेवं मंते ! त्ति०] ॥१८.९|| *** दसमो उद्देसओ'सोमिल'★★★ [सु. १. दसमुद्देसयस्सुवुग्घाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वदासि-[ सु. २-३. असिधाराखुरधाराइओगाहणाईसु अणगारस्स छेदणभेदणाइनिसेहनिरूवणं ] २. (१) अणगारेणं भंते ! भावियप्पा असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेज्जा ? हंता, ओगाहेज्जा। (२) सेणं तत्थ छिज्जेज वा भिज्जेज वा ? णो इणढे समढे । णो खलु तत्थ सत्थं कमति । ३. एवं जहा पंचमसते (स०५ उ०७ सु०६-८) परमाणुपोग्गलवत्तव्वता जाव अणगारे णं भंते ! भावियप्पा उदावत्तं वा जाव नो खलु तत्थ सत्थं कमति । [सु.४-७. परमाणु-दुपदेसियाइखंध-वाउकाएसु पराप्परं फासअफासनिरूवणं ] ४. परमाणुपोग्गले णं भंते ! वाउयाएणं फुडे, वाउयाए वा परमाणुपोग्गलेणं फुडे? गोयमा ! परमाणुपोग्गले वाउयाएणं फुडे, नोवाउयाए परमाणुपोग्लेणं फुडे। ५. दुपएसिएई णं भंते ! खंधे वाउयाएणं०? एवं चेव । ६. एवं जाव असंखेज्जपएसिए। ७. अणंतपएसिए णं भंते ! खंधे वाउ० पुच्छा । गोयमा ! अणंत पएसिए खंधे वाउयाएणं फुडे, वाउयाए अणंतपएसिएणं खधेणं सिय फुडे, सिय नो फुडे। [सु. ८. बत्थि-वाउकाएसु परोप्परं फास-अफासनिरूवणं ] ८. बत्थी भंते ! वाउयाएणं फुडे, वाउयाए बत्थिणा फुडे ? गोयमा ! बत्थी वाउयाएणं फुडे, नो वाउयाए बत्थिणा फुडे। [सु. ९-१२. सत्तनरयपुढवि-सोहम्मकप्पाइ-ईसिपबभाराणं अहे वट्टमाणेसु दव्वेसु वण्णादिनिरूवणं ] ९. अत्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे दव्वाइं वण्णओ काल-नील-लोहिय-हालिद्द-सुक्किलाई, गंधओ सुब्भिगंध-दुब्भिगंधाई, रसओ तित्त-कडु-कसाय-अंबिल-महुराई, फासतो कक्खड-मउय-गरुय-लहुय-सीय-उसुण-निद्ध-लुक्खाइं अन्नमन्नबद्धाइं अन्नमन्नपुट्ठाइं जाव अन्नमन्नघडताए चिटुंति ? हंता, अत्थि। १०. एवं जाव अहेसत्तमाए। ११. अत्थि णं भंते ! सोहम्मस्स कप्पस्स अहे? एवं चेव । १२. एवं जाव ईसिपब्भाराए पुडवीए। सेवं भंते! ) सेवं भंते ! जाव विहरइ । [सु. १३-१७. वाणियगामे सोमिलमाहणपुच्छाए भगवंतकयं अप्पणो जत्ता-जवणिज्ज-अव्वाबाह-फासुयविहारनिरूवणं ] १३. तए णं समणे भगवं महावीरे जाव बहिया जणवयविहारं विहरइ। १४. तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियग्गामे नामं नगरे होत्था । वण्णओ। दूतिपलासए चेतिए। वण्णओ। १५. तत्थ णं वारियग्गामे नगरे सोमिले नामं माहणे परिवसति अड्डे जाव अपरिभूए रिव्वेद जाव सुपरिनिट्ठिए पंचण्हं खंडियसयाणं सायस्स य कुडुंबस्स आहेवच्चं जाव विहरइ। १६. तए णं समणे भगवं महावीरे जाव समोसढे । जाव परिसा पज्जुवासइ।१७. तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स इमीसे कहाए लद्धट्ठस्स समाणस्स अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था- 'एवं खलु समणे णायपुत्ते पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगाम दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं जाव इहमागए जाव दूतिपलासए चेतिए अहापडिरूवं जाव विहरति । तं गच्छामि णं समणस्स नायपुत्तस्स अंतियं पाउब्ङवामि, इमाइं च णं एयारूवाइं अट्ठाइं जाव वागरणाई पुच्छिस्सामि, तं जइ मे से इमाइं एयारूवाइं अट्ठाइं जाव वागरणाइं वागरेहिति तो णं वंदीहामि नमंसीहामि जाव पज्जुवासीहामि । अह मे से इमाइं अट्ठाइं जाव वागरणाई नो वागरेहिति तो णं एतेहिं चेव अद्वेहि य जाव वागरणेहि य निप्पट्ठपसिणवागरणं करिस्सेमि त्ति कट्ठ एवं संपेहेइ, ए० सं०२ पहाए जाव सरीरे साओ गिहाओ पडिनिक्खमति, पडि०२ पादविहारचारेणं एगेणं खंडियसएणं सद्धिं संपरिवुडे वाणियग्गामं नगरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ, नि०२ जेणेव दूतिपलासए चेतिए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति, उवा०२ समणस्स भगवतो महावीरस्स अदूरसामंते ठिच्चा समणं भगवं महावीरं एवं वदासि-जत्ता ते भंते ! जणिज्जं अव्वाबाहं फासुयविहारं ? सोमिला ! जत्ता वि मे, जवणिज्ज पि मे, अव्वाबाहं पि मे, फासुयविहारं पि मे । [सु. १८-२३. सोमिलपण्हुत्तरे भगवंतपरूवियं जत्ता-जवणिज्जअव्वाबाहफासुयविहारसरूवं ]१८. किं ते भंते ! जत्ता ? सोमिला ! जं मे तव-नियम-संजम-सज्झाय-झाणावस्सगमादीएसु जोएसु जयणा से तं जत्ता। १९. किं ते भंते ! जवणिज्ज ? सोमिला ! जवणिज्जे दुविहे पन्नते, तं जहा-इदियजवणिज्जे य नोइंदियजवणिज्जे य । २०. से किं तं इंदियजवणिज्जे ? इंदियजवणिज्जे-जं मे ॥ फू सोतिदियचक्खिदिय-धाणिदिय-जिब्भिदिय-फासिदियाइं निरूवहयाई वसे वटुंति, सेत्तं इंदियजवणिज्जे । २१. से किं तं नोइंदियजवणिज्ने? नोइंदियजवणिज्जे-जं मे कोह-माण-माया-लोभा वोच्छिन्ना, नो उदरेंति, सेत्तं नोइंदियजवणिज्ने। सेत्तं जवणिज्जे । २२. किं ते भंते ! अव्वाबाहं ? सोमिला ! जं मे वातिय-पित्तिय-हा EMONO5 5555555555555 श्री आगमगुणमजूषा-४७७555555555555555555555OOR 乐玩玩乐乐乐乐乐明明明明明明明乐明 ROG55555555555555555555555555 Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. १८ उ-१०/२.१९ २६३) 5555555$$$$$$$ C$$$$$$$$$ 明明明明明明明明明$$$$$$$$$$$$$$$$$乐乐坂明明明明明明明5O सेभिय-सन्निवातिया विविहा रागायंका सरीरगया दोसा उवसंता, नो उदीरेति, से त्तं अव्वाबाहं । २३. किं ते भंते ! फासुयविहारं ? सोमिला ! जंणं आरामेसु उज्जाणेसु देवकुलेसु सभासु पवासु इत्थी-पसु-पंडगविवज्जियासु वसहीसु फासुएसणिज्ज पीढ-फलग-सेज्जा-संथारगं उवसंपज्जित्ताणं विहरामि, सेत्तं फासुयविहारं। [सु. २४-२६. सोमिलपण्हुत्तरे भगवंतपरूवियं सरिसव-मास-कुलत्थाभक्खेय-अभक्खेयनिरूवणं ] २४. (१) सरिसवा ते भंते ! भक्खेया, अभक्खेया ? सोमिला ! सरिसवा मे भक्खेया वि, अभक्खेया वि। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ सरिसवा भक्खेया वि, अभक्खेया वि? से नूणं सोमिला ! बंभण्णएसु नएसु दुविहा सरिसवा पण्णत्ता, तं जहा-मित्तसरिसवा य धन्नसरिसवाय। तत्थ णं जे ते मित्तसरिसवा ते तिविहा पन्नता, तं जहा-सहजायए सहवड्डियए सहपंसुकीलियए; तेणं समणाणं निग्गंथाणं अभक्खेया। त्तथ णं जे ते धन्नसरिसवा ते दुविहा पन्नता, तं जहा- सत्थपरिणया य असत्थपरिणया य । तत्थ णं जे ते असत्थपरिणया ते णं समणाणं निग्थाणं अभक्खेया। तत्थ णं जे ते सत्थपरिणया ते दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-एसणिज्जा य अणेसणिज्जा य तत्थ णं जे ते अणेसणिज्जा ते णं समणाणं ' निग्गंथाणं अभक्खेया। तत्थ णं जे ते एसणिज्जा ते दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-जाइता य अजाइया या तत्थ णं जे ते अजाइता ते णं समणाणं निग्गंथाणं अभक्खेया। तत्थ णं जे ते जायिया ते दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-लद्धा य अलद्धा य । तत्थ णं जे ते अलद्धा ते णं समयाणं निग्गंथाणं अभक्खेया । तत्थ णं जे ते लद्धा ते णं समयाणं निग्गंथाणं भक्खेया। से तेणद्वेणं सोमिला ! एवं वुच्चइ जाव अभक्खेया वि। २५. (१) मासा ते भंते ! किं भक्खेया, अभक्खेया ? सोमिला ! मासा मे भक्खेया वि, ॐ अभक्खेया वि। (२) से केणटेणं जाव अभक्खेया वि ? से नूणं सोमिला ! बंभण्णएसु नएसु दुविहा मासा पन्नत्ता, तं जहा-दव्वमासा य कालमासा य । तत्थ णं जे ते कालमासा ते णं सावणादीया आसाढपज्जवसाणा दुवालस, तं जहा- सावणे भद्दवए आसोए कत्तिए मग्गसिरे पोसे माहे फग्गुणे चेत्ते वइसाहे जेट्ठामूले आसाढे, तेणं समणाणं निग्गंथाणं अभक्खेया। तत्थ णं जे ते दव्वमासा ते दुविहा पन्नत्ता, तं जहा- अत्थमासा य धण्णमासा य । तत्थ णं जे ते अत्थमासा ते दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-सुवण्णमासा य रूप्पमासा य; ते णं समणाणं निग्गंथाणं अभक्खेया। तत्थ णं जे ते धन्नमासा ते दुविहा पन्नता, तं जहा-सत्थपरिणया य असत्थपरिणया य। एवं जहा धन्नसरिसवा जाव से तेणद्वेणं जाव अभक्खेया वि।२६. (१) कुलत्था ते भंते ! किं भक्खेया, अभक्खेया ? सोमिला ! कुलत्था मे भक्खेया वि, अभक्खेया वि। (२) से केणद्वेणं जाव अभक्खेया वि ? से नूणं सोमिला ! बंभण्णएसु नएसु दुविहा कुलत्था पन्नत्ता, तं जहा- इत्थिकुलत्था य धन्नकुलत्था य । तत्थ णं जे ते इत्थिकुलत्था ते तिविहा पन्नता, तं जहा-कुलवधूति वा कुलमाउया ति वा कुलधूया ति वा; ते णं समणाणं निग्गंथाणं अभक्खेया। तत्थ णं जे ते धन्नकुलत्था एवं जहा धन्नसरिसवा जाव से तेणद्वेणं जाव अभक्खेया वि। [सु. २७. सोमिलपण्हुत्तरे भगवंतपरूवणाए अप्पाणमुद्दिस्स एग-दुय-अक्खय-अव्वय-अवट्ठियअणेगभूयभावभवितत्तनिरूवणं ]२७. (१) एगे भवं, दुवे भवं, अक्खए भवं, अव्वए भवं, अवट्ठिए भवं, अणेगभूयभावभविए भवं ? सोमिला ! एगे वि अहं जाव अणेगभूयभावभविए वि अहं । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव भविए वि अहं ? सोमिला ! दव्वट्ठयाए एगे अहं, नाण-दसणट्ठयाए दुविहे अहं, पएसट्टयाए अक्खए वि अहं, अव्वए वि अहं, अवट्ठिए वि अहं; उवयोगट्ठयाए अणेगभूयभावभविए वि अहं । से तेणढेणं जाव भविए वि अहं। [सु. २८. सोमिलस्स सावगधम्मपडिवत्ती ] २८. एत्थ णं से सोमिले माहणे संबुद्धे समणं भगवं महावीरं जहा खंदओ (स०२ उ०१ सु०३२-३४) जाव से जहेयं तुब्भे वदह जहा णं देवाणुप्पियाणं अंतियं बहवे राईसर एवं जहा रायप्पसेणइज्जे चित्तो जाव दुवालसविहं सावगधम्म पडिवज्जइ, प०२ समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति, वं०२ जाव पडिगए। तएणं से सोमिले माहणे समणोवासएजाए अभिगय० जाव विहरइ। [सु. २९. गोयमपण्हुत्तरे भगवंतपरूवणाए सोमिलस्स कमेणं सिद्धिगमणनिरूवणं ] २९. ॐ 'भंते !' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमसति, वं०२ एवं वदासि-पभू णं भंते ! सोमिले माहणे देवाणुप्पियाणं अंतियं मुंडे भवित्ता जहेव संखे (स० १२ उ०१ सु०३१) तहेव निरवसेसं जाव अंतं काहिति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति। ॥१८.१०॥5 ॥ अट्ठारसमं सयं समत्तं ॥१८॥ ॥ oto...Docco GainEducation International 2010-03 EKOO5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४७८5555555555555555555555555 Orox Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 10:055555555555555 (५) भगवई स.१९ उ.१.२-३ (२६४] 听听听乐乐听听听听听听听听听听2O CO乐乐乐明玩玩乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明乐乐乐明明听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐552 תכתבתכולתהלהתפתכתב תבת הכתכתבתכתבתכנתתבכתבים एगूणवीसइमं सयंम सु. १. एगूणवीसइमसयस्स उद्देसनामाई ]१. लेस्सा य १ गब्भ २ पुढवी ३ महासवा ४ चरम ५ दीव ६ भवणा७ य । निव्वत्ति ८ करण ९ वणचरसुरा १० य एगूणवीसइमे॥१॥**पढमो उद्देसओ 'लेस्सा '*[सु. २. पढमुद्देसयस्सुवुग्घाओ] २. रायगिहे जाव एवं वदासि-सु. ३. लेस्सावत्तव्वयाजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो ३. कति णं भंते ! लेस्साओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! छल्लेस्साओ पन्नत्ताओ, तं जहा, एवं पन्नवणाए चउत्थो लेसुद्देसओ भाणियव्वो निरवसेसो। सेवं भंते ! सेवं भंते !०।।।१९.१।। **बीओ उद्देसओ 'गब्भ [सु. १. लेस्सं पडुच्च गब्भप्पत्तिजाणणत्थं । पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १. कति णं भंते ! लेस्साओ पन्नत्ताओ? एवं जहा पन्नवणाए गब्भुद्देसो सो चेव निरवसेसो भाणियव्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिका ॥१९.२॥★★★तइओ उद्देसओ 'पुढवी'★★★सु. १. तइउद्देसयस्सुवुग्धाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासि- [सु. २-१७. सिय-लेस्सा-दिद्वि-नाणजोग-उवओग-आहार-पाणातिवाय-उप्पाय-ठिइ-समुग्घाय-उव्वट्टणादाराणं पुढविकाइएसु निरूवणं ]२. सिय भंते! जाव चत्तारि पंच पुढविकाइया एगयओ साधारणसरीरं बंधति, एग० बं०२ ततो पच्छा आहारेति वा परिणामेति वा सरीरं वा बंधंति? नो तिणढे समढे, पुढविकाइया णं पत्तेयाहारा, पत्तेयपरिणामा, पत्तेयं सरीरं बंधंति प० बं०२ ततो पच्छा आहारेति वा, परिणामेति वा, सरीरं वा बंधति । ३. तेसिणं भंते ! जीवाणं कति लेस्साओ पन्नत्ताओ गोयमा! चत्तारिलेस्साओ, पन्नत्ताओ? तं जहा-कण्ह० नील० काउ० तेउ०। ४.ते णं भंते ! जीवा किं सम्मद्दिट्ठी, मिच्छाद्दिट्ठी, सम्मामिच्छाद्दिट्ठी? गोयमा ! नो सम्मविट्ठी, मिच्छदिट्ठी, नो सम्मामिच्छादिट्ठी। ५. ते णं भंते ! जीवा किं नाणी, अन्नाणी ? गोयमा ! नो नाणी; अन्नाणी, नियमा दुअन्नाणी, तं जहा-मतिअन्नाणी य सुयअन्नाणी य। ६. ते णं भंते! जीवा किं मणजोगी, वइजोगी, कायजोगी ? गोयमा ! नो मणजोगी, नो वइजोगी, कायजोगी। ७. ते णं भंते ! जीवा किं सागारोवउत्ता, अणागारोवउत्ता ? गोयमा! सागारोवउत्ता वि, अणागारोवउत्ता वि। ८. ते णं भंते ! जीवा किमाहारमाहारेति ? गोयमा ! दव्वओ अणंतपएसियाई दव्वाइं एवं जहा पन्नवणाए पढमे आहारूद्देसए जाव सव्वप्पणयाए आहारमाहारेति । ९. ते णं भंते ! जीवा जमाहारेति तं चिज्जति, जंनो आहारेति तं नो चिज्जइ, चिण्णे वा से उद्दाति पलिसप्पति वा ? हंता, गोयमा ! ते णं जीवा जमाहारेति तं चिज्जति, जं नो जाव पलिसप्पति वा । १०. तेसि णं भंते ! जीवाणं एवं सन्ना ति वा पन्ना ति वा मणो ति वा वई ति वा 'अम्हे णं 卐 आहारमाहारेमो'? णो तिणद्वे समटे, आहारेति पुण ते। ११.तेसिणं भंते ! जीवाणं एवं सन्ना ति वा जाव वयी ति वा अम्हे णं इट्ठाणिढे फासे पडिसंवेदेमो? नो तिणले समटे, पडिसंवेदेति पुण ते । १२. ते णं भंते ! जीवा किं पाणातिवाए उवक्खाइज्जति, मुसावाए अदिण्णा० जाव मिच्छादसणसल्ले उवक्खाइज्जति ? गोयमा ! पाणातिवाए वि उवक्खाइज्जति जाव मिच्छादसणसल्ले वि उवक्खाइज्जति, जेसि पिणं जीवाणं ते जीवा 'एवमाहिज्जति' तेसिं पिणं जीवाणं नो विण्णाए नाणत्ते। १३. ते णं भंते जीवा कओहिंतो उववज्जति ? किं नेरइएहिंतो उववज्जति ? एवं जहा वक्कतीए पुढविकाइयाणं उववातो तहा भाणितव्वो। १४.तेसिणं भंते ! जीवाणं ' केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई।१५. तेसिणं भंते ! जीवाणं कति समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! तओ समुग्धाया पन्नत्ता, तं जहा-वेदणासमुग्धाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए । १६. ते णं भंते ! जीवा मारणंतियसमुग्धाएणं किं समोहया मरंति, असमोहया ' मरंति ? गोयमा! समोहया वि मरंति, असमोया वि मरंति । १७. ते णं भंते ! जीवा अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति ? कहिं उववज्जति ? एवं उव्वट्टणा जहा वक्तीए। [सु. १८-२१. सिय-लेस्साआईणं दुवालसण्हं दाराणं आउ-तेउ-वाउ-वणस्सइकाएसु निरूवणं ]१८. सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच आउक्काइया एगयओ साहारणसरीरं बंधंति, एग० बं० २ ततो पच्छा आहारेति ? एवं जो पुढविकाइयाणं गमो सो चेव भाणियव्वो जाव उव्वदृति, नवरं ठिती सत्तवाससहस्साई उक्कोसेणं. सेसं तं चेव । १९. सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच तेउक्काइया०? एवं चेव, नवरं उववाओ ठिती उव्वट्टणा य जहा पन्नवणाए, सेसं तं चेव । २० वाउकाइयाणं ॐ एवं चेव, नाणत्तं-नवरं चत्तारि समुग्घाया। २१. सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच वणस्सतिकाइया० पुच्छा । गोयमा! णो इणढे समढे । अणंता वणस्सतिकाइया है E Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई रा. १९३३ [ २६५ ] एगयओ साधारणसरीरं बंधति, एग० बं० २ ततो पच्छा आहारेति वा परिणामेति वा, आ० प० २ सेसं जहा तेउक्काइयाणं जाव उव्वद्वंति । नवरं आहारो नियमं छद्दिसिं; ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं, सेसं तं चेव । [सु. २२. एगिदिएस ओगाहणं पडुच्च अप्पाबहुयं ] २२. एएसि णं भंते! पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउका० वाउका० वणस्सतिकाइयाणं सुहुमाणं बादराणं पज्जत्तगाणं अपज्जत्तगाणं जाव जहन्नुक्कोसियाए ओगाहणाए कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमनिओयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा १ । सुहुमयाउकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा २ । सुहुमते उकाइयस्स अपज्जत्तस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणां ३ । सुहुमआउकाइयस्स अपज्जत्तस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा ४ । सुहुमपुढविका० अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा ५ । बादरवाउकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा ६ । बादरतेउकाइयस्स अपज्जत्तस्स जहनिया ओगाहणा असखेज्जगुणा ७ । बादरआउ० अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा ८ । बादरपुढविइयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्नगुणा ९ । पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइयस्स बादरनिओयस्स य, एएसि णं अपज्जत्तगाणं जहन्निया ओगाहणा दोण्ह वि तुल्ला असंखेज्जगुणा १०-११ । सुहुमनिगोयस्स पज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा १२ । तस्सेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया १३ | तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया १४ । सुहुमवाउकाइयस्स पज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा १५ । तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया १६ । तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया० विसेसाहिया १७ । एवं सुहुमतेउकाइयस्स वि १८-१९-२० । एवं सुहुमआउकाइयस्स वि २१-२२-२३ । एवं सुहुमपुढविकाइयस्स वि २४-२५-२६ । एवं बादरवाउकाइयस्स वि २७ २८ २९ । एवं बायरतेउकाइयस्स वि ३०-३१-३२ । एवं बादरआउकाइंस्स वि ३३३४-३५ । एवं बादरपुढविकाइयस्स वि ३६-३७-३८ । सव्वेसिं तिविहेणं गमेणं भाणितव्वं । बादरनिगोदस्स पज्जत्तगस्स जहन्निया आगाहणा असंखेज्जगुणा ३९ । तस्स चेव अपज्नत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया ४०। तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया ४१ । पत्तेयसरीरबादरवणस्सतिकाइयस्स पज्जत्तरास्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा ४२ । तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा असंखेज्नगुणा ४३ । तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा असंखेज्नगुणा ४४ । [ सु. २३. एगंदिए सुहुम- सुहुमतरत्तनिरूवणं] २३. एयस्स णं भंते! पुडविकाइयस्स आउकाइयस्स तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स वणस्सतिकाइयस्स य कयरे काये सव्वसुहुमे?, कयरे काये सव्वसुहुमतराए ? गोयमा ! वणस्सतिकाएं सव्वसुहुमे, वणस्सतिकाए सव्वसुहुमतराए । [सु. २४. पुढवि - आउ-उ-वाउकाइएसु सव्वसुहुम-सव्वसुहुमतरत्तनिरूवणं ]२४. एयस्स णं भंते! पुढविकाइयस्स आउकाइयस्स तेउकाइवस्स बाउकाइयस्स य कयरे काये सव्वहु ?, कयरे काये सव्वसुहुमतराए ? गोयमा ! वाउकाये सव्वसुहुमे, वाउकाये सव्वसुहुमतराए । [सु. २५. पुढवि - आउ-तेउकाइएसु सव्वसुहुमसव्वसुहुमतरत्तनिरूवणं ] २५. एतस्स णं भंते ! पुढविकाइयस्स आउकाइयस्स तेउकाइयस्स य कयरे काये सव्वसुहुमे ?, कयरे काये सव्वसुहुमतराए ? गोयमा ! तेउकाये सव्वसुहुमे, तेउकाये सव्वसुहुमतराए । सु. २६. पुढवि - आउकाइएसु सव्वसुहुम-सव्वसुहुमतरत्तनिरूवणं ] २६. एतस्स णं भंते ! पुढविकास आउक्काइयस्स य कयरे काये सव्वसुहुमे?, कयरे काये सव्वसुहुमतराए ? गोयमा ! आउकाये सव्वसुहुमे, आउकाए सव्वसुहुमतराए । [सु. २७. एगिदिएसु सव्वबादर-सव्वबादरतरत्तनिरूवणं ] २७. एयस्स णं भंते! पुढविकाइयस्स आउ० तेउ० वाउ० वणस्सतिकाइयस्स य कयरे काये सव्वबादरे? कयरे काये सव्वबादरतराए ? गोयमा ! वणस्सतिकाये सव्वबादरे, वणस्सतिकाये सव्वबादरतराए । [ सु. २८. पुढवि - आउ-तेउ वाउकाइएस सव्वबादर-सव्वबादरतरत्तनिरूवणं] २८. एयस्सणं भंते! पुढविकायस्स आउक्का० तेउक्का० वाउकायस्सं य कयरे काये सव्वबायरे ?, कयरे काये सव्वबादरतराए ? गोयमा ! पुढविकाए सव्वबादरे, पुढविका सव्वबादरतराए । [सु. २९. आउ-तेउ वाउकाइएसु सव्वबादर-सव्वबादरतरत्तनिरूवणं ] २९. एयस्स णं भंते! आउकायस्स तेउकायस्स वाउकायस्स य कयरे काये सव्वबारे ?, कयरे काये सव्वबादरतराए ? गोयमा ! आउकाये सव्वबायरे, आउकाए सव्वबादरतराए । [सु. ३० तेउ वाउकाएसु सव्वबादरश्री आगमगुणमंजूषा - ४८० ॐ 6666666666666 Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOR9555555555555555 (५) भगवई श.१९3-३.४ २६६) 155555555555555ERONOR HOLSCs明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听 सव्वबादरतरत्तनिरूवणं ]३०. एयस्स णं भंते ! तेउकायस्स वाउकास्स य कयरे काये सव्वबादरे?, कयरे काये सव्वबादरतराए ? गोयमा ! तेउकाए सव्वबादरे, तेउकाए सव्वबादरतराए। [सु. ३१. पुढविसरीरोगाहणानिरूवणं ] ३१. केमहालए णं भंते ! पुढविसरीरे पन्नत्ते ? गोयमा ! अणंताणं सुहुमवणस्सतिकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे सुहमवाउसरीरे। असंखेज्जाणं सुहुमवाउसरीराणं जावतिया सरीरा से एगे सुहुमतेउसरीरे। असंखेज्जाणं सुहुमतेउकाइयसरीराणं जावतिया सरीरा से एगे सुहुमे आउसरीरे। असंखेज्जाणं सुहुमआउकाइयसरीराणं जावतिया सरीरा से एगे सुहुमे पुढविसरीरे। असंखेजाणं सुहुहमपुढविकाइयाणं जावतिया सरीरा से एगे बायरवाउसरीरे। असंखेज्जाणं बादरवाउकाइयाणं जावतिया सरीरा से एगे बादरतेउसरीरे। असंखेज्जाणं बादरतेउकाइयाणं जावतिया सरीरा से एगे बायरआउसरीरे । असंखेजाणं बादरआउकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे बादरपुढविसरीरे, एमहालए णं गोयमा ! पुढविसरीरे पन्नत्ते। [सु. ३२. पुढविकायसरीरोगाहणानिरूवणं ] ३२. पुढविकायस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहाननामए रन्नो चाउरंतचक्कवट्टिस्स वण्णगपेसिया सिया तरूणी बलवं जुगवं जुवाणी अप्पातंका, वण्णओ, जाव निउणसिप्पोवगया, नवरं 'चम्मेट्ठदुहणमुट्ठियसमायणिचितगत्तकाया' न भण्णति, सेसं तं चेव जाव निउणसिप्पोवगया, तिक्खाए वइरामईए सण्हकरणीए तिक्खेणं वइरामएणं वट्टावरएणं एगं महं पुढविकायं जउगोलासमाणं गहाय पडिसाहरिय पडिसाहरिय पडिसंखिविय पडिसंखिविय जाव 'इणामेव' त्ति कट्ट तिसत्तखुत्तो ओपीसेज्जा। तत्थ णं गोयमा ! अत्थेगइया पुढविकाइया आलिद्धा, अत्थेगइया नो आलिद्धा, अत्तेगइया संघट्टिया, अत्थेगइया नो संघट्टिया,अत्थेगइया परियाविया, अत्थेगइया नो परियाविया, अत्थेगइया उद्दविया, अत्थेगइया नो उद्दविया, अत्थेगइया पिट्ठा, + अत्थेगइया नो पिट्ठा; पुढविकाइयस्स णं गोयमा ! एमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता। [सु. ३३-३७. एगिदिएसु वेदणाणुभवनिरूवणं ] ३३. पुढविकाइए णं भंते ! अक्कंते समाणे केरिसियं वेयणं पच्चणुभवमाणे विहरति ? 'गोयमा ! से जहानामए केयि पुरिसे तरुणे बलवं जाव निउणसिप्पोवगए एगं पुरिसं जुण्णं जराजज्जरियदेहं जाव दुब्बलं किलंतंजमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहणिज्जा, सेणं गोयमा! पुरिसे तेणं पुरिसेणं जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहए समाणे केरिसियं वेयणं पच्चणुभवमाणे विहरइ ?' 'अणिटुं समणाउसो!' तस्स णं गोयमा ! पुरिसस्स वेदणाहितो पुढविकाए अक्ते समाणे एत्तो अणिठ्ठतरियं चेव अकंततरियं जाव अमणामतरियं चेव वेयणं पच्चणुभवमाणे विहरइ। ३४. आउयाए णं भंते ! संघट्ठिए समाणे केरसियं वेयणं पच्चणुभवमाणे विहरइ ? गोयमा ! जहा पुढविकाए एवं चेव। ३५. एवं तेउयाए वि।३६. एवं वाउकाए वि। ३७. एवं वणस्सतिकाए विजाव विहरइ। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।१९.३||★★★ चउत्थो उद्देसओ ‘महासवा' [सु. १-१६. नेरइएसु महासवाइपयाई पडुच्च निरूवणं ] १. सिय भंते ! नेरइया महस्सवा, महाकिरिया महावेयणा महानिज्जरा ? णो इणढे समढे १ । २. सिय भंते ! नेरइया महस्सवा महाकिरिया महावेदणा अप्पनिज्जरा ? हंता, सिया २। ३. सिय भंते ! नेरइया महस्सवा महाकिरिया अप्पेवयणा महानिज्जरा ? णो इणढे समढे ३। ४. सिय भंते ! नेरइया महस्सवा महाकिरिया अप्पवेदणा अप्पनिज्जरा ? णो इणढे समढे ४ । ५. सिय भंते ! नेरइया महस्सवा अप्पकिरिया महावेदणा महानिज्जरा ? गोयमा ! णो इणढे समढे ५। ६. सिय भंते ! नेरइया महस्सवा अप्पकिरिया महावेदणा अप्पनिज्जरा ? नो इणढे समढे ६ । ७. सिय भंते ! नेरतिया महस्सवा अप्पकिरिया अप्पवेदणा अप्पनिज्जरा? नो इणढे समढे७। ८. सिय भंते ! नेरतिया महस्सवा अप्पकिरिया अप्पवेदणा अप्पनिज्जरा ? नो इणढे समढे ८ । ९. सिय भंते ! नेरइया अप्पस्सवा महाकिरिया महावेदणा महानिज्जरा ? नो इणढे समढे ९।१०. सिय भंते! नेरइया अप्पस्सवा महाकिरिया महावेदणा अप्पनिज्जरा? नो इणद्वे समढे १० । ११. सिय भंते! नेरइया अप्पस्सवा महाकिरिया अप्पवेयणा महानिज्जरा ? नो इणढे समढे ११ । १२. सिय भंते! नेरइया अप्पस्सवा महाकिरिया अप्पवेदणा अप्पनिज्जरा ? णो इणढे समढे १२ । १३. सिय भंते ! नेरइया अप्पस्सवा अप्पकिरिया महावेयणा महानिज्जरा ? नो इणढे समढे १३ । १४. सिय भंते ! फू नेरतिया अप्पस्सवा अप्पकिरिया महावेदणा अप्पनिज्जरा ? नो इणढे समढे १४ । १५. सिय भंते ! नेरतिया अप्पस्सवा अप्पकिरिया अप्पवेदणा महानिज्जरा ? नो ५ इणद्वे समढे १५। १६. सिय भंते ! नेरतिया अप्पस्सवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा अप्पनिज्जरा? णो इणढे समढे १६ । एते सोलस भंगा [ सु. १७-२२. ROTOS99595555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ४८१5555555555555555555OTOR 乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐明明明明乐乐乐所明明最 Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HORO555555555555555 (५) भगवई स.१९ उ. ४-५-६-७-८ २६७] 55555555555520 असुरकुमाराइवेमाणियपज्जतेसुदंडएसु महासवाइपयाइं पडुच्च निरूवणं ] १७. सिय भंते ! असुरकुमारा महस्सवा महाकिरिया महावेयणा महानिज्जरा ? णो इणढे समढे । एवं चउत्थो भंगो भाणियव्वो। सेसा पण्णरस भंगा खोडेयव्वा । १८. एवं जाव थणियकुमारा । १९. सिय भंते ! पुढविकाइया महस्सवा महाकिरिया महावेयणा महानिज्जरा? हंता, सिया। २०. एवं जाव सिय भंते! पुढविकाइया अप्पस्सवा अप्पकिरिया अप्पवेयणा अप्पनिज्जरा? हंता, सिया १६ । २१. एवं जाव मणुस्सा। २२. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ॥१९.४|| पंचमो उद्देसओ 'चरम' [सु. १-५. अप्पट्ठिइय-महाठिइएसु चउवीसइदंडएसु महाकम्मतर-महाकिरियतराइपयाइं पडुच्च निरूवणं] १. अत्थि णं भंते ! चरमा वि नेरतिया, परमा वि नेरतिया ? हंता, अत्थि। २. (१) से नूणं भंते ! चरमेहिंतो नेरइएहिंतो परमा नेरतिया महाकम्मतरा चेव, महाकिरियतरा चेव, महस्सवतरा चेव, महावेयणतरा चेव; परमेहिंतो वा नेरइएहिंतो चरमा नेरतिया अप्पकम्मतरा चेव, अप्पकिरियतरा चेव, अप्पस्सवतरा चेव, अप्पवेयणतरा चेव ? हंता, गोयमा ! चरमेहितो नेरइएहिंतो परमा जाव महावेयणतरा चेव; परमेहिंतो वा नेरइएहिंतो चरमा नेरझ्या जाव अप्पवेयणतरा चेव। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव अप्पवेयणतरा चेव ? गोयमा ! ठिति पडुच्च, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ जाव अप्पवेयणतरा चेव । ३. अत्थि णं भंते ! चरमा वि असुरकुमारा, परमा वि असुरकुमारा? एवं चेव, नवरं विवरीयं भाणियव्वं-परमा अप्पकम्मा, सेसं तं चेव । जाव थणियकुमारा ताव एमेव । ४. पुढविकाइया जाव मणुस्सा एए जहा नेरइया । ५. वाणमंतर-जोतिस-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। [सु. ६-७. वेयणाभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] ६. कतिविधा णं भंते ! वेयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा वेयणा पन्नत्ता, तं जहानिदा य अनिदा य। ७. नेरइया णं भंते ! किं निदायं वेयणं वेएंति, अनिदायं? जहा पन्नवणाए जाव वेमाणिय त्ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।१९.५||* छट्टो उद्देसओ 'दीव'**[सु. दीव-समुद्दवत्तव्वयाजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्दसो] १. कहिणं भंते! दीव-समुद्दा?, केवतिया णं भंते ! दीवसमुद्दा?, किंसंठिया णं भंते ! दीव-समुद्दा? एवं जहा जीवाभिगमे दीव-समुद्दुद्देसो सो चेव इह वि जोतिसमंडिउद्देसगवज्जो भाणियव्वो जाव परिणामो जीवउववाओ जाव अणंतखुत्तो । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति०।।१९.६|| * * सत्तमो उद्देसओ 'भवणा' **[सु. १-१०. चउव्विहाणं देवाणं भवणावासविमाणावाससंखंइपरूवणं] १. केवतिया णं भंते ! असुरकुमारभवणावाससयहस्सा पन्नत्ता ? गोयमा ! चोयट्ठि असुरकुमारभवणावाससयसहस्सा पन्नत्ता। २. ते णं भंते ! किं मया पन्नत्ता? गोयमा! सव्वरयणामया अच्छा सण्हा जाव पडिरूवा । तत्थ णं बहवे जीवा य पोग्गला य वक्कमति विउक्कमंति चयंति उववज्जति, सासया णं ते भवणा दव्वट्ठयाए, वण्णपज्जवेहिं जाव फासपज्जवेहिं असासया। ३. एवं जाव थणियकुमारावासा। ४. केवतिया णं भंते ! वाणमंतरभोमेज्जनगरावाससयसहस्सा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा वाणमंतरभोमेज्जनगरावाससयसहस्सा पन्नत्ता । ५. ते णं भंते ! किं मया पन्नत्ता ? सेसं तं चेव । ६. केवतिया णं भंते ! जोतिसियविमाणावाससयसहस्सा० पुच्छा । गोयमा ! असंखेज्जा जोतिसियविमाणावाससयसहस्सा पण्णत्ता । ७. ते णं भंते ! किं मया पन्नत्ता ? गोयमा ! ॐ सव्वफालिहामया अच्छा, सेसं तं चेव । ८. सोहम्मेणं भंते ! कप्पे केवतिया विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता ? गोयमा ! बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा०।९. ते फणं भंते ! किं मया पन्नत्ता ? गोयमा ! सव्वरयणामया अच्छा, सेसं तं चेव । १०. एवं जाव अणुत्तरविमाणा, नवरं जाणियव्वा जत्तिया भवणा विमाणा वा । सेवं भंते ! सेवं म भंते ! त्ति० ॥१९.७||★★★ अट्ठमो उद्देसओ निव्वत्ति' [सु. १-४. जीवनिव्वत्तीए भेय-पभेया ] १. कतिविधा णं भंते ! जीवनिव्वती पन्नत्ता ? # गोयमा! पंचविहा जीवनिव्वती पन्नत्ता, तं जहा-एगिदियजीवनिव्वत्ती जाव पंचिदियजीवनिव्वत्ती। २. एगिदियजीवनिव्वत्तीणं भंते ! कतिविधा पन्नत्ता? गोयमा ! पंचविधा पन्नत्ता, तं जहा-पुढविकाइयएगिदियजीवनिव्वत्ती जाव वणस्सइकाइयएगिनियजीवनिव्वत्ती । ३. पुढविकाइवएगिदियजीवनिव्वत्ती णं भंते ! कतिविधा पन्नता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-सुहुमपुढविकाइयएगिदियजीवनिव्वत्तीय बायरपुढवि०। ४. एवं एएणं अभिलावेणं भेदो जहा वड्डगबंधे (स०८ उ०९ सु० OSC$明明明听听听听听纸听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听5G司 POO5555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४८२ 5 5555555555555555555555557OR Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फ्र (५) भगवई रा. १९३८ (२६८] फफफफफफफफ ९०-९१) तेयगसरीरस्स जाव- सव्ववसिद्ध अणुत्तरोववातियकप्पातीतवेमाणियदेवपंचेदियजीवणिव्वत्ती णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा - पज्जत्तगसव्वट्टसिद्धअणुत्तरोववातिय जाव देवपंचेदियजीवनिव्वत्ती य अपज्जगसव्वट्टसिद्ध अणुत्तराववाइय जाव देवपंचेदियजीवनिव्वत्तीय । सु. ५-७. कम्मनिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएस कम्मनिव्वत्तिभेयपरूवणं च ५. कतिविधा णं भंते! कम्मनिव्वत्ती पन्नत्ता? गोयमा ! अडविहा कम्मनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहानाणावरणिज्जकम्मनिव्वत्ती जाव अंतराइयकम्मनिव्वत्ती । ६. नेरतियाणं भंते! कतिविधा कम्मनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! अट्ठविहा कम्मनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहानाणावर णिज्जकम्मनिव्वत्ती जाव अंतराइयकम्मनिव्वत्ती । ७. एवं जाव वेमाणियाणं । [ सु. ८-१०. सरीरनिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएस य सरीरनिव्वत्तिभेयपरूवणं] ८. कतिविधा णं भंते! सरीरनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविधा सरीरनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा ओरालियसरीरनिव्वत्ती जाव कम्मगसरीरनिव्वत्ती । ९. नेरतियाणं भंते !० एवं चेव । १०. एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं नायव्वं जस्स जति सरीराणि । [सु. ११-१४. इंदियनिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएसु य इंदियनिव्वत्तिभेयपरूवणं] ११. कतिविधा णं भंते! सव्विंदियनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा सव्विदियनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा सोतिदियनिव्वत्ती जाव फासिदियनिव्वत्ती । १२. एवं जाव नेरइया जाव थणियकुमाराणं । १३. पुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा! एगा फासिदियसव्विदियनिव्वत्ती पन्नत्ता । १४. एवं जस्स जति इंदियाणि जाव वेमाणियाणं । [सु. १५-१६.भासानिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएस य भासानिव्वत्तिभेयपरूवणं ] १५. कतिविधा णं भंते ! भासानिव्वत्ती, पन्नत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा भासानिव्वत्ती पन्नत्ता, जहा-सच्चभासानिव्वत्ती, मोसभासानिव्वत्ती, सच्चामोसभासानिव्वत्ती, असच्चामोसभासानिव्वत्ती । १६. एवं एगिनियवज्जं जस्स जा भासा जाव वेमाणियाणं । [सु. १७-१८. मणनिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएसु य मणनिव्वत्तिभेयपरूवणं ] १७ कतिविहा णं भंते! मणनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा मणनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा - सच्चभणनिव्वत्ती जाव असच्चामोसमणनिव्वत्ती । १८. एवं एगिदिय-विगलिंदियवज्जं जाव वेमाणियाणं । [ सु. १९-२० कसायनिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएसु य कसायनिव्वत्तिभेयपरूवणं ] १९. कतिविहा णं भंते! कसायनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा कसायनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा- कोहकसायनिव्वत्ती जाव लोभकसायनिव्वत्ती । २०. एवं जाव वेमाणियाणं । [ सु. २१-२५. वण्ण-गंध-रस- फासनिव्वत्तिभेया, तेसिं च चउवीसइदंडएस निरूवणं ] २१. कतिविहा णं भंते ! वण्णनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा वण्णनिव्वत्ती पन्न्ता, तं जहा कालावण्णनिव्वत्ती जाव सुक्किलावण्णनिव्वत्ती २२. एवं निरवसेसं जाव वेमाणियाणं । २३. एवं गंधनिव्वत्ती दुविहा जाव वेमाणियाणं । २४. रसनिव्वत्ती पंचविहा जाव वेमाणियाणं । २५. फासनिव्क्त्ती अट्ठविहा जाव वेमाणियाणं । [ सु. २६-३१. संठाणनिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएस य संठाणनिव्वत्तिभेयनिरूवणं ] २६. कतिविहा णं भंते ! संठाणनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! छव्विहा संठाणनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा-समचउरंससंठाणनिव्वत्ती जाव हुंडसंठाणनिव्वत्ती । २७. नेरतियाणं पुच्छा । गोयमा ! एगा हुंडसंठाणनिव्वत्ती पन्नत्ता । २८. असुरकुमाराणं पुच्छा। गोयमा ! एगा समचउरंससंठाणनिव्वत्ती पन्नत्ता । २९. एवं जाव थणियकुमाराणं । ३०. पुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! एगा मसूरचंदासंठाणनिव्वत्ती पन्नत्ता ३१. एवं जस्स जं संठाणं जाव वेमाणियाणं । [ सु. ३२-३३. सन्नानिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएसु य सन्नानिव्वत्तिभेयनिरूवणं ] ३२. कतिविधा णं भंते ! सन्नानिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा सन्नाणिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा आहारसन्नानिव्वत्ती जाव परिग्गहसन्नानिव्वत्ती । ३३. एवं जाव वेमाणियाणं । [ सु. ३४-३५. लेस्सानिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएसु य लेस्सानिव्वत्तिभेयनिरूवणं ] ३४. कतिविधा णं भंते! लेस्सानिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! छव्विहा लेस्सानिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा- कण्हलेस्सानिव्वत्ती जाव सुक्कलेस्सानिव्वत्ती । ३५. एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स जति लेस्साओ। [ सु. ३६-३७. दिट्ठिनिव्वत्तिभेया, चउवीसइदंडएस य दिट्ठनिव्वत्तिभेयानिरूवणं ] ३६. कतिविधा णं भंते! दिट्ठिनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा दिट्ठिनिव्वत्तती पन्नत्ता, तं जहा सम्मद्दिट्ठिनिव्वत्ती, मिच्छानिट्ठिनिव्वत्ती, सम्मामिच्छादिट्ठिनिव्वत्ती। ३७. एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स जतिविधा दिट्ठि । [ सु. ३८-४१. नाण- अन्नाणनिव्वत्तिभेया, तेसिं च चउवीसइदंडएस निरूवणं ] ३८. कतिविहाणं भंते! नाणनिव्वत्ती पन्नत्ता? गोयमा ! पंचविहा नाणनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा आभिणिबोहियनाणनिव्वत्ती जाव केवलनाणनिव्वत्ती । ३९. एवं एगिदियवज्जं श्री आगमगुणमंजूषा ४८३ फफफफफफ Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KOR955555555555555H (५) भगवई श. १९ उ. ८-९-१०/२. २० उ. -१ [२६९] 乐听听听听听听听听听听听听听听 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐国乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明听听乐乐乐 2. जाव वेमाणियाणं, जस्स जति नाणा। ४०. कतिविधा णं भंते ! अन्नाणनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा अन्नाणनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा-मइअन्नणनिव्वत्ती सुयअन्नाणनिव्वत्ती विभंगनाणनिव्वत्ती। ४१. एवं जस्स जति अन्नाणा जाव वेमाणियाणं। [सु. ४२-४५. जोग-उवओगनिव्वत्तिभेया, तेसिंच चउवीसइदंडएसु म निरूवणं ] ४२. कतिविधा णं भंते ! जोगनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा जोगनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहा-मणजोगनिव्वत्ती, वइजोगनिव्वत्ती, कायजोगनिव्वत्ती।। ४३. एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स जतिविधो जोगो । ४४. कतिविधा णं भंते ! उवयोगनिव्वत्ती पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा उवयोगनिव्वत्ती पन्नत्ता, तं जहासागारोवयोगनिव्वत्ती, अणागारोवयोगनिव्वत्ती। ४५. एवं जाव वेमाणियाणं। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।।१९.८|| नवमो उद्देसओ 'करण'*** स. १. करणस्स दव्वादीया पंच भेया ] १. कतिविधे णं भंते ! करणे पन्नत्ते? गोयमा ! पंचविहे करणे पन्नत्ते, तं जहा-दव्वकरणे खेत्तकरणे कालकरणे भवकरणे भावकरणे। [सु. २-३. चउवीसइदंडएसुदव्वादिपंचकरणनिरूवणं ] २. नेरतियाणं भंते ! कतिविधे करणे पन्नत्ते? गोयमा ! पंचविहे करणे पन्नत्ते, तं जहा-दव्वकरणे जाव भावकरणे । ३. एवं जाव वेमाणियाणं। [सु. ४-८. सरीर-इंदिय-भासाइकरणाणं भेया, तेसिंच चउवीसइदंडएसु निरूवणं ] ४. कतिविधेणं भंते ! सरीरकरणे पन्नत्ते? गोयमा ! पंचविधे सरीरकरणे पन्नत्ते, तं जहा- ओरालियसरीरकरणे जाव कम्मगसरीरकरणे । ५. एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स जति सरीराणि। ६. कतिविधे णं भंते ! इंदियकरणे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे इंदियकरणे पन्नत्ते, तं जहा-सोतिदियकरणे जाव फासिदियकरणे। ७. एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स जति इंदियाई। ८. एवं एएणं कमेणं भासाकरणे चउव्विहे । मणकरणे चउब्विहे । कसायकरणे चउब्विहे । समुग्धायकरणे सत्तविधे । सण्णाकरणे चउव्विहे । लेस्साकरणे छविहे। है दिट्ठिकरणे तिविधे । वेदकरणे तिविहे पन्नत्ते, तं जहा-इत्थिवेदकरणे पुरिसवेयकरणे नपुंसगवेयकरणे । एए सव्वे नेरइयाई दंडगा जाव वेमाणियाणं । जस्स जं अत्थि तंतस्स सव्वं भाणियव्वं। [सु.९-१०.पाणातिवायकरणभेया, तेसिंचचउवीसइदंडएसु निरूवणं ] ९. कतिविधेणं भंते! पाणातिवायकरणे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे पाणातिवायकरणे पन्नते. तं जहा-एगिदियपाणातिवायकरणे जावपंचेदियपाणातिवायकरणे। १०. एवं निरवसेसंजाव वेमाणियाणं। [सु. ११-१४. पुग्गलकरणभेयपभेयनिरूवणं ] ११. कइविधेणं भंते ! पोग्गलकरणे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे पोग्गलकरणे पन्नत्ते, तं जहा-वण्णकरणे गंधकरणे रसकरणे फासकरणे संठाणकरणे। १२. वण्णकरणे ण भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा! पंचविधे पन्नत्ते, तं जहा-कालवण्णकरणे जाव सुक्किलवण्णकरणे। १३. एवं भेदो-गंधकरणे दुविधे, रसकरणे पंचविधे, फासरकणे अट्ठविधे। १४. संठाणकरणेणं भंते ! कतिविधे पन्नत्त्वे ? गोयमा ! पंचविधे पन्नत्ते, तं जहा-परिमंडलसंठाणकरणे जाव आयतसंठाणकरणे। सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरति ।।।१९.९|| दसमी उद्देसओ 'वणचरसुरा' ★★★ [सु. १. वाणमंतरेसुसमाहारादिदारनिरूवणं ]१. वाणमंतरा णंभंते ! सव्वेसमाहारा०? एवं जहा सोलसमसए दीवकुमारुद्देसओ (स०१६ उ०११) जाव अप्पिड्डीय त्ति। सेवं भंते! सेवं भंते! त्तिजाव विहरति। ॥१९.१०|| एक्कणवीसतिमं सयं समत्तं॥१९॥ वीसइमं सयंम सु. १. वीसइमसयस्स उद्देसनामनिरूवणं ] १. बेइंदिय १ मागासे २ पाणवहे ३ उवचए ४ य परमाणू ५ । अंतर ६ बंधे ७ भूमी ८ चारण ९ सोवक्कमा जीवा १०॥१॥ * पढमो उद्देसओ 'बेइंदिय' *** [सु. २. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ ] २. रायगिहे जाव एवं वयासि- [सु. ३-५. बेइंदिएसु सिय-लेस्साइदाराणं परूवणं ]३. सिय भंते! जाव चत्तारि पंच बेदिया एगयओ साधारणसरीरं बंधंति, एग० बं० २ ततो पच्छा आहारेति वा परिणामेति वा सरीरं बंधंति ? नो तिणढे समढे, बेदिया णं पत्तेयाहारा य पत्तेयपरिणामा पत्तेयसरीरं बंधंति, प० बं० २ ततो पच्छा आहारेति वा परिणामंति वा सरीरं वा बंधंति । ४. तेसि णं भंते ! जीवाणं कति लेस्साओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! तयो लेस्साओ पन्नत्ताओ, तं जहा-कण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा, एवं जहा एगूणवीसतिमे सए तेउकाइयाणं (स० १९ उ०३ सु० १९) जाव उव्वलृति, नवरं सम्मदिट्ठी वि, मिच्छाद्दिट्ठी वि, नो सम्मामिच्छादिट्ठी; दो नाणा, दो अन्नाणा नियम: नोमणजोगी, वयजोगी वि, कायजोगी वि;आहारो नियमं छद्दिसिं। ५.तेसिणं भंते ! जीवाणं एवं सन्ना ति वा पन्ना $$$$$$$ $$ 明明明明明明明明明明明明明明 ne a 555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४८४5555555555555555555555555555x Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOOXORY $$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$ ROO% %%%%%%%% % (५) भगवई श. २० उ.१.२ [२०] 155555555555555SON! ति वा मणे ति वा वयी ति वा 'अम्हे णं इट्ठाणिढे रसे इट्ठाणिढे फासे पडिसंवेदेमो'? णो तिणढे समढे, पडिसंवेदेति पुण ते। ठिती जहन्नेणं अतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बारस म संवच्छराई । सेस तं चेव। [सु. ६. तेइंदिय-चउरिदिएसु सिय-लेस्साइदाराणं परूवणं ] ६. एवं तेइंदिया वि । एवं चउरिदिया वि । नाणत्तं इदिएसु ठितीए य, सेसं तं चेव, ठिती जहा पन्नवणाए। [सु. ७-१०. पंचेदिएसु सिय-लेस्साइदाराणं परूवणं ]७. सिय भंते ! जाव चत्तारि पंच पंचेदिया एगयओ साहारण० एवं जहा + बिदियाणं (सु०३-५), नवरं छ लेसाओ, दिट्ठी तिविहा वि; चत्तारिनाणा, तिण्णि अण्णाणा भयणाए; तिविहो जोगो। ८. तेसि णं भंते ! जीवाणं एवं सन्ना ति वा म पण्णा ति वा जाव वती ति वा 'अम्हे णं आहारमाहारेमो'? गोयमा ! अत्थेगइयाणं एवं सण्णा ति वा पण्णा ति वा मणो ति वा वती ति वा 'अम्हे णं आहारमाहारेमो', अत्थेगइयाणं नो एवं सन्ना ति वा जाव वती ति वा 'अम्हे णं आहारमाहारेमो', आहारेति पुण ते। ९. तेसि णं भंते ! जीवाणं एवं सन्ना ति वा जाव वती ति वा 'अम्हे 9 णं इट्ठाणिढे सद्दे, इट्ठाणिढे रूवे, इट्ठाणिढे गंधे, इट्ठाणिढे रसे, इट्ठाणिढे फासे पडिसंवेदेमो'? गोयमा ! अत्थेगइयाणं एवं सन्ना ति वा जाव वयी ति वा 'अम्हे णं इट्ठाणिढे सहे जाव इट्ठाणिढे फासे पडिसंवेदेमो', अत्थेगइयाणं नो एवं सण्णा ति वा जाव वती इ वा 'अम्हे णं इट्ठाणिढे सद्दे जाव इट्ठाणिढे फासे पडिसंवेदेमो', पडिसंवेदेति पुण ते। १०. ते णं भंते ! जीवा किं पाणातिवाए उवक्खाइज्जति० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिया पाणातिवाए वि उवक्खाइज्जति जाव मिच्छादसणसल्ले वि उवक्खाइज्जति; अत्थेगतिया नो पाणातिवाए उवक्खाइज्जति, नो मुसावादे जाव नो मिच्छादसणसल्ले उवक्खाइज्जति । जेसि पिणं जीवाणं ते जीवा एवमाहिज्जति तेसि पिणं जीवाणं अत्थेगइयाणं विन्नाए नाणत्ते, अत्थेगइयाणं नो विन्नाए नाणत्ते। उववातो सव्वतो जाव सव्वट्ठसिद्धाओ। ठिती जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं । छस्समुग्धाया केवलिवज्जा । उव्वट्ठणा सव्वत्थ गच्छंति जाव सव्वट्ठसिद्धं ति । सेसं जहा बेदियाणं। स. ११. विगलिंदिय-पंचेंदियाणं अप्पाबहुयं] ११. एएसि णं भंते ! बेइंदियाणं जाव पंचेदियाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचेदिया, चउरिदिया विसेसाहिया, तेइंदिया विसेसाहिया, बेइंदिया विसेसाहिया। सेव भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति।॥२०.१॥★★बीओ उद्देसओ'आगासे *** [सु.१-२. आगासत्थिकायस्स भेया सरूवं, पंचत्थिकायाणं पमाणं च ] १. कतिविधे णं भंते ! आगासे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविधे आगासे पन्नत्ते, तं जहा-लोयागासे य अलोयागासे य। २. लोयागासेणं भंते ! किं जीवा, जीवदेसा ? एवं जहा बितियसए अत्थिउद्देसे (स०२ उ०१० सु०११-१३) तह चेव इह विभाणियव्वं, नवरं अभिलावो जाव धम्मत्थिकारणं भंते! केमहालए पन्नत्ते? गोयमा ! लोए लोयमेत्ते लोयपमाणे लोयफुडे लोयं चेव ओगाहित्ताणं चिट्ठइ। एवं जाव पोग्गलत्थिकाए। सु. ३. अहोलोयाईसु धम्मत्थिकायाइओगाहणावत्तव्वया ] ३. अहेलोए णं भंते ! धम्मत्थिकायस्स केवतियं ओगाढे ? गोयमा ! सातिरेगं अद्धं ओगाढे। एवं एएणं अभिलावेणं जहा बितियसए (स०२ उ०१० सु० १५-२१) जाव ईसिपब्भारा णं भंते ! पुढवी लोयागासस्स किं संखेज्जइभागं ओगाढा ?० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जतिभागं ओगाढा; अससंखेज्जतिभागं ओगाढा, नो सखेज्जे भागे, नो असंखेजे भागे, नो सव्वलोयं ओगाढा । सेसं तं चेव। सु. ४. धम्मत्थिकास्स पज्जायसद्दा ] ४. धम्मत्थिकायस्स णं भंते ! केवतिया अभिवयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणेगा अभिवयणा पन्नत्ता, तं जहा-धम्मे ति वा, धम्मत्थिकाये ति वा, पाणातिवायवेरमणे ति वा, मुसावायवेरमणे ति वा एवं जाव परिग्गहवेरमणे ति वा, कोहविवेगे ति वा जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे ति वा, इरियासमिती ति वा, भासास० एसणास० आदाणभंडमत्तनिक्खेवणस० उच्चार-पासवणखेल-सिंघाण-पारिट्ठावणियासमिती ति वा, मणगुत्ती ति वा, वइगुत्ती ति वा, कायगुत्ती ति वा, जे यावऽन्ने तहप्पगारा सव्वे ते धम्मत्थिकायस्स अभिवयणा। [सु. ५. अधम्मत्थिकायस्स पज्जायसहा ] ५. अधम्मत्थिकायस्स णं भंते! केवइया अभिवयणा 卐 पन्नत्ता? गोयमा ! अणेगा अभिवयणा पन्नत्ता, तं जहा-अधम्मे ति वा, अधम्मत्थिकाये ति वा, पाणातिवाए ति वा जाव मिच्छादसणसल्ले ति वा, इरियाअस्समिती फू ति वा जाव उच्चार-पासवण जाव पारिट्ठावणियाअस्समिती ति वा, मणअगुत्ती ति वा, वइअगुत्ती ति वा, कायअगुत्ती ति वा, जे यावऽन्ने तहप्पगारा सव्वे ते * २ अधम्मत्थिकायस्स अभिवयणा।। सु.६. आगासत्थिकायस्स पज्जायसद्दा] ६. आगासत्थिकायस्स f० पुच्छा । गोयमा ! अणेगा अभिवयणा पन्नत्ता, तं जहा的历勇勇岁男男男男男%%%%%%%%%%斯PUTH-717 Yes 历历万步步步步步步步步步步步步步步步步步50 Keros5555555555555555555555555555555555555854 155555555555 Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KOKO (५) भगवई श. २०उ २-३-४-५ [२७१] आगासे ति वा, आगासत्थिकाये ति वा, गगणे ति वा, नभे ति वा, समे ति वा, विसमे ति वा, खहे ति वा, विहे ति वा, वीयी ति वा, विवरे ति वा, अंबरे ति वा, अंबरसे ति वा, छिड्डे ति वा, झुसिरे ति वा, मग्गे ति वा, विमुहे ति वा, अद्दे ति वा, वियद्दे ति वा, आधारे ति वा, वोमे ति वा, भायणे ति वा, अंतरिक्खेति वा, सामे ति वा, ओवसंत तिवा, अगमे ति वा, फलिहे ति वा, अणंते ति वा, जे यावऽन्ने तहप्पगारा सव्वे ते आगासत्थिकायस्स अभिवयणा । [ सु. ७. जीवत्थिकायस्स पज्जायसद्दा] ७. जीवत्थिकायस्स णं भंते! केवतिया अभिवयणा० पुच्छा। गोयमा ! अणेगा अभिवयणा पन्नत्ता, तं जहा जीवे ति वा, कति वा, पाणे ति वा, भूते ति वा, सत्ते ति वा, विष्णू ति वा, चेया ति वा, जेया ति वा, आया ति वा, रंगणे ति वा, हिंडुए ति वा, पोग्गले ति वा, माणवे तिवा, कत्ता ति वा, विकत्ता ति वा, जए ति वा, जंतू ति वा, जोणी ति वा, सयंभू ति वा, ससरीरी ति वा, नायये ति वा, अंतरप्पा ति वा, जे यावऽन्ने तहप्पगारा सव्वे 張! जीवअभिवयणा । [सु. ८. पोग्गलत्थिकायस्स पज्जायसद्दा ] ८. पोग्गलत्थिकायस्स णं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! अणेगा अभिवयणा पन्नत्ता, तं जहा पोरगले ति वा, पोग्गलत्थिकायेति वा, परमाणुपोग्गले ति वा, दुपदेसिए ति वा, तिपदेसिए ति वा जाव असंखेज्जपदेसिए ति वा अणतपदेसिए ति वा खंधे, जे यावन्ने तहप्पकारा सव्वे ते पोग्गलत्थिकायस्स अभिवयणा । सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति०॥ ॥ २०२॥ ★★★ तइओ उद्देसओ 'पाणवहे' ★★★ [सु. १. पाणाइवायाइपाणाइवायवेरमणाईणं आयपरिणामित्तं ] १. अह भंते! पाणातिवाए मुसावाए जाव मिच्छादंसणसल्ले, पाणातिवायवेरमणे जाव मिच्छादंसणसल्लविवेगे, उप्पत्तिया जाव पारिणामिया, उग्गहे जाव धारणा, उट्ठाणे, कम्मे, बले, वीरिए, पुरिसक्कारपरक्कमे, नेरइयत्ते, 'असुरकुमारत्ते जाव वेमाणियत्ते, नाणावरणिज्जे जाव अंतराइए, कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा, सम्मदिट्ठी ३, चक्खुदंसणे ४, आभिणिबोहियणाणे जाव विभंगनाणे, आहारन्ना ४ ओरालियसरीरे ५, मणोजोए ३, सागारोवयोगे अणागारोवयोगे, जे यावन्ने तहप्पगारा सव्वे ते णन्नत्थ आयाए परिणमंति ? हंता, गोयमा ! प्राणातिवाए जाव ते णऽन्नत्थ आताए परिणमंति । [ सु. २. गब्भं वक्कममाणम्मि जीवम्मि वण्णादिपरूवणाइ ] २. जीवे णं भंते! गब्भं वक्कममाणे कतिवण्णं कतिगंधं एवं जहा बारसमसए पंचमुद्देसे (स० १२ उ० ५ सु० ३६-३७) कम्मओ गंज, णो अकम्मओ विभत्तिभावं परिणमति । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति जाव विहरति । ।२०.३॥ ★★★ चउत्थो उद्देसओ 'उवचए' ★★★ [सु. १. इंदियोवचयभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो ] १. कतिविधे णं भंते! इंदियोवचये पन्नत्ते ? गोतमा ! पंचविहे इंदियोवचये पन्नत्ते, तं जहासोर्तिदियउवचएं एवं बितियो इंदियउद्देसओ निरवसेसो भाणियव्वो जहा पन्नवणाए। सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति भगवं गोयमे जाव विहरइ । ।। २०.४ ।। ★ ★ ★ पंचमो उद्देसओ 'परमाणु' ★★★ [सु. १. परमाणुपोग्गलम्मि वण्ण-गंध-रस- फासपरूवणं ] १. परमाणुपोग्गले णं भंते! कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नत्ते? गोयमा! एगवण्णे एगगंधे एगरसे दुफासे पन्नत्ते । जति एगवण्णे- सिय कालए, सिय नीलए, सिय हालिद्दए, सिय सुक्किलए । जति एगगंधे- सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे । जति एगरसे - सिय तित्ते, सिय कडुए, सिय कसाए, सिय अंबिले, सिय महुरे । जति दुफासे- सिय सीए य निद्धे य १, सिय सीते य लुक्खे य २, सिय उसिणे य निद्धे य ३; सिय उसुणे य लुक्खे य ४ । [सु. २ १३. दुपएसियाइसुहुमपरिणयअणतपएसियपज्जेतेसु खंधेसु वण्ण-गंध-रस- फासपरूवणं ]२. दुपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे० । एवं जहा अट्ठारसमसए छट्टुद्देसए (स०१८ उ० ६ सु० ७) जाव सिय चउफासे पन्नत्ते । जति एगवण्णे- सिय कालए जाव सिय सुक्किए । जति दुवणे- सिय कालए य नीलए य १, सिय कालए य लोहियए य २, सिय कालए य हालिद्दए य ३, सिय कालए य सुक्किलए य ४, सिय नीलए य हि ५, सिलए य हालिद्दए य ६, सिय नीलए य सुक्किलए य ७, सि लोहियए य हालिए य ८, सिय लोहियए य सुक्किलए य ९, सिय हालिए य, सुक्किलए य १०- एवं एए दुयासंजोगे दस भंगा। जति एगगंधे - सिय सुब्भिगंधे १, सिय दुब्भिगंधे २ । जति दुगंधे- सुब्भिगंधे य दुब्भिगंधे य । रसेसु जहा वण्णेसु । दुफासे-सिय सीए य निद्धे य एवं जहेव परमाणुपोग्गले ४ । जति तिफासे- सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे १; सव्वे उसुणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे २; सव्वे निद्धे, श्री आगमगुणमंजूषा - ४८६ KOKOR Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SORS55555555555岁男男男 (५) भगवई श.२० उ.५ २७२] $ %%%% %%%% % % 2 0 CLIC%的乐乐听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听乐乐听听听听听听$5C देसे सीए, देसे उसुणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे १।४+४+१-९ । एते नव भंगा फासेसु । ३. तिपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे०? जहा अट्ठारसमसए (स०१८ उ०६ सु०८) जाव चउफासे पन्नत्ते । जति एगवण्णे-सिय कालए जाव सुक्किलए ५ । जति दुवण्णे-सिय कालए नीलए य १, सिय कालए य नीलगा य २, सिय कालगा य नीलए य ३; सिय कालए य लोहियए य १, सिय कालए य लोहियगा य २, सिय कालगा य लोहियए य ३; एवं हालिद्दएण वि समं ३; एवं सुक्किलएण वि समं ३; सिय नीलए य, लोहियए य एत्थ वि भंगा ३, एवं हालिद्दएण वि भंगा ३; एवं सुक्किलएण वि समं भंगा ३; सिय लोहियए य हालिद्दए य, भंगा ३; एवं सुक्किलएण वि समं ३; सिय हालिद्दए य सुक्किलए य भंगा ३ । एवं सव्वेते दस दुयासंजोगा भंगा तीसं भवंति। जति तिवण्णे-सिय कालए य नीलए य लोहियए य १, सिय कालए य नीलए य हालिद्दए य २, सिय कालए य नीलए य सुक्किलए य ३, सिय कालए य लोहियए य हालिद्दए य ४, सिय कालए य लोहियए य सुक्किलए ५, सिय कालए य हालिद्दए य सुक्किलए य ६, सिय नीलए य लोहियए य हालिद्दए य ७, सिय नीलए य लोहियए य सुक्किलए य ८, सिय नीलए य हालिद्दए य सुक्किलए य९, सिय लोयए हालिद्दए य सुक्किलए य १०, एवं एए दस तिया संजोगे भंगा। जति एगगंधे-सिय सुब्भिगंधे १, सिय दुब्भिगंधे २, जति दुगंधे-सिय सुब्भिगंधे य, दुब्भिगंधे य, भंगा ३। रसा जहा वण्णा । जदि दुफासे-सिय सीए य निद्धे य । एवं जहेव दुपएसियस्स तहेव चत्तारि भंगा ४ । जति तिफासे-सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे १; सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसा लुक्खा २; सव्वे सीते, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ३, सव्वे उसुणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे, एत्थ वि भंगा तिन्नि ३; सव्वे निद्धे, देसे सीते, देसे उसुणे-भंगा तिन्नि ३; सव्वे लुक्खे, देसे सीए, देसे उसिणे-भंगा तिन्नि, १२ । जति चउफासे-देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसेलुक्खे १; देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसा लुक्खा २; देसे सीए, देसे उसिणे, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ३; देसे सीए, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ४, देसे सीए, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसा लुक्खा ५, देसे सीए, देसा उसिणा, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ६, देसा सीता, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ७; देसा सीया, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसा लुक्खा ८; देसा सीया, देसे उसिणे, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ९। एवं एए तिपदेसिए फासेसु पणवीसं भंगा। ४. चउपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे०? जहा अट्ठारसमसए (स०८ उ०६ सु०९) जाव सिय चउफासे पन्नत्ते । जति एगवण्णे-सियकालए य जाव सुक्किलए ५। जति दुवण्णे-सिय कालए य, नीलए य १; सिय कालए य, नीलगाय २; सिए कालगा य, नीलए य ३; सिय कालगा य, नीलगाय ४; सिय कालए य, लोहियए य, एत्थ वि चत्तारि भंगा ४; सिय कालए य, हालिद्दए य ४; सिय कालए य, सुक्किलए य ४; सिय नीलए य, लोहियए य ४; सिय नीलए य, हालिद्दए य ४; सिय नीलए य, सुक्किलए य ४; सिय लोहियए य, हालिद्दए य ४; सिय लोहियए य, सुक्किलए य ४; सिय हालिद्दए य, सुक्किलए य ४; एवं एए दस दुयासंजोगा, भंगा पुण चत्तालीसं ४०। जति तिवण्णेसिय कालए य, नीलए य,लोहियए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य २, सिय कालए य, नीलगाय लोहियए य, ३, सिय कालगाय, नीलए य, लोहियए य४; एए भंगा ४ । एवं काल-नील-हालिद्दएहिं भंगा ४; काल-नील-सुक्किल०४; काल-लोहिय-हालिद्द०४; काल-लोहिय-सुक्किल०४; काल-हालिद्द-सुक्किल० ४; नील-लोहिय-हालिद्दगाणं भंगा ४; नील-लोहिय-सुक्किल०४; नील-हालिद्द-सुक्किल०४; लोहिय-हालिद्द-सुक्किलगाणं भंगा ४; एवं एए दस तियगसंजोगा, एक्कक्के संजोए चत्तारि भंगा, सव्वेते चत्तालीसं भंगा ४० जति चउवण्णे-सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, सुक्किलए य २; सिय कालए य, नीलए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य, ३, सिय कालए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य ४; सिय नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य; एवमेते चउक्कगसंजोए पंच भंगा । एए सव्वे नउइभंगा। जदि एगगंधे-सिय सुब्भिगंधे १, सिय दुब्भिगंधे राजदि दुगंधे-सिय सुब्भिगंधे य, सिय दुब्भिगंधे य । रसा जहा वण्णा । जइ दुफासे-जहेव परमाणुपोग्गले ४। जइ तिफासे-सव्वे सीते, देसे निद्धे, देसे लुक्खे १, सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसा लुक्खा २; सव्वे सीए, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ३; सव्वे सीए, देसा निद्धा, देसा लुक्खा ४ । सव्वे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे, एवं भंगा ४ । सव्वे निद्धे, देसे है ५ सीए, देसे उसिणे ४ । सव्वे लुक्खे, देसे सीए, देसे उसिणे ४ । एए तिफासे सोलसभंगा। जति चउफासे- देसे सीए, देसे उसिणे, वेसे निद्धे, देसे लुक्खे १; देसे सीए, xercH$$$555555555555 | श्री आगमगुणमंजूषा - ४८७ 1555555555555555555555555FFOR OR BOS$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明 Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई श. २०३५ [२७३] देसे उसणे, देसे निद्धे, देसा लुक्खा २, देसे सीए, देसे उसिणे, देसा निद्वा, देसे लुक्खे ३; देसे सीए, देसे उसिणे, देसा निद्धा, देसा लुक्खा ४; देसे सीए, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ५, देसे सीए, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसा लुक्खा ६; देसे सीए, देसा उसिणा, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ७; देसे सीए, देसा उसिणा, देसा निद्धा, देसा लुक्खा ८। देसा सीया, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ९ एवं एए चउफासे सोलस भंगा भाणियव्वा जाव देसा सीया, देसा उसिणा, देसा निद्रा, देसा लुक्खा । सव्वेते फासेसु छत्तीसं भंगा । ५. पंचेपदेसिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे० ? जहा अट्ठारसमसए (स०१८ उ० ६ सु० १०) जाव सिय चउफासे पन्नत्ते । जति एगवण्णे, एगवण्णदुवण्णा जहेव चउपदेसिए । जति तिवण्णे- सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य १; सिय कालए, य, नीलए य, लोहियगा य २; सिय कालय, नीलगाय, लोहियए य ३; सिय कालए य, नीलगाय, लोहियगा य ४, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य ५, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा ६, सिय कालगाय, नीलगाय, लोहियए य ७। सिय कालए य, नीलए य, हालिए य, एत्थ वि सत्त भंगा ७ । एवं कालग नीलग- सुक्किलएसु सत्त भंगा ७; कालग-लोहिय-हालिद्देसु ७; कालग-लोहिय- सुक्किलेसु ७; कालग हालिद्द-सुक्किलेसु ७; नीलग-लोहिय- हालिद्देसु ७; नीलग-लोहिय- सुक्किलेसु सत्त भंगा ७; नीलग-हालिद्द-सुक्किलेसु ७; लोहिय- हालिद्द - सुक्किलेसु वि सत्त भंगा ७; एवमेते तियासंजोएण सत्तरि भंगा। जति चउवण्णे - सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य २, सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दगे य ३; सिय कालए य, नीलगाय, लोहियगेय, हालिए य ४, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगे य, हालिद्दए य ५-एए पंच भंगा; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, सुक्किलए य एत्थ वि पंच भंगा एवं काल-नीलग हालिद्द - सुक्किलेसु वि पंच भंगा; कालग-लोहिय- हालिद्द - सुक्किलएसु वि पंच भंगा ५, नीलग-लोहिय- हालिद्द - सुक्किलेसु वि पंच भंगा; एवमेते चउक्कगसंजोएणं पणुवीसं भंगा। जति पंचवण्णे- कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिए य, सुक्किल्लए य- सव्वमेते एक्कग- दुयग-तियग- चउक्कगपंच संजोएणं यालं भंगसयं भवति । गंधा जहा चउपएसियस्स । रसा जहा वण्णा । फासा जहा चउपदेसियस्स । ६. छप्पएसिए णं भंते! खंधे कतिवण्णे० ? एवं जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते । जदि एगवण्णे, एगवण्ण-दुवण्णा जहा पंचपदेसियस्स। जति तिवण्णे- सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य एवं जहेव पंच, पएसियस सत्त भंगा जाव सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियए य ७; सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियगा य ८, एए अट्ठ भंगा; एवमेते दस तियासंजोगा, एक्वेक्वे संजोगे अट्ठ भंगा; एवं सव्वे वि तियगसंजोगे असीतिभंगा । जति चउवण्णे- सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, १; सिय कालए य, नीलए जय लोहियए य, हालिगा य २; सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दए य ३; सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दगा य ४; सिय कालए य नीलगाय, लोहियएय, हालिइए य ५, सिय कालए य, नीलगाय, लोहियए य, हालिगा य ६; सिय कालए य, नीलगाय, लोहियगा य, हालिद्दए य ७; सिय कालगाय, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य ८; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य ९, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा य, हालिए य १०; सिय कालगाय, नीलगाय, लोहियए य, हालिए य ११ एए एक्कारस भंगा। एवमेए पंच चउक्का संजोगा कायव्वा, एक्वेक्वे संजोए एक्कारस भंगा, सव्वेते चउक्कगसंजोएणं पणपन्नं भंगा। जति पंचवण्णे - सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिए य, सुक्किलगाय २; सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किलए य ३; सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुक्किलए य ४; सिय कालए य, नीलगाय, लोहियए य, हालिए य, सुक्किलए य ५, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगे य, हालिए य, सुक्किलए य ६; एवं एए छब्भंगा भाणियव्वा । एवमेते सव्वे वि एक्कग- दुयग-तियग- चउक्कग-पंचग- संजोएसु छासीयं भंगसयं भवति । गंधा जहा पंचपएसियस्स । रसा जहा एयस्सेव वण्णा । फासा जहा चउप्पएसियस्स । ७. सत्तपएतिए णं भंते! खधे कतिवण्णे० ? जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते । जति एगवण्णे, एवं एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्णा जहा छप्पएसियस्स । जइ चउवण्णे- सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिगा य २, सिय कालए य, नीलए श्री आगमगुणमंजूषा - ४८८ Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GK纸纸纸 (५) भगवई श. २० उ ५ [२७४] य, लोहियगा य, हालिद्दए य ३; एवमेते चउक्कगसंजोएणं पन्नरस भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियगा य, हालिद्दए य १५ । एवमेते पंच . चउक्का संजोगा नेयव्वा; एक्क्के संजोए पन्नरस भंगा- सव्वमेते पंचसत्तरि भंगा भवंति । जति पंचवण्णे-सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य, १, सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिइए य, सुक्किलगा य २: सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य ३; सिय कालए य, ए, लोहियय, हालिद्दगा य, सुक्किल्लगा य ४, सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुक्किलए य ५, सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिए य, सुक्किलगा य ६; सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य ७; सिय कालए य, नीलगाय, लोहियगे य, हालिद्दए य, सुक्किलए य ८, सिय कालए य, नीलगाय, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य ९, सिय कालए य, नीलगाय, लोहियए य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य १०, सिय कालए य, नीलगाय, लोहिया य, हालिद्दए य, सुक्किलए य ११, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १२, सिय कालगाय, नीलए य, लोहियए य, हालिइए य, सुक्किलगा य १३: सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य १४, सिय कालगाय, नीलगे य, लोहियगा य, हालिइए य, सुक्किलए य, १५, सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १६, एए सोलस भंगा। एवं सव्वमेते एक्कग - दुयग-तियग- चउक्कग-पंचगसंजोगेणं दो सोला भंगसता भवंति। गंधा जहा चउप्पएसियस्स । रसा जहा एयस्स चेव वण्णा। फासा जहा चउप्पएसियस्स । ८. अट्ठपदेसियस्स णं भंते! खंधे० पुच्छा । गोयमा ! सिय एगवण्णे जहा सत्तपदेसियस्स जाव सिय चतुफासे पन्नत्त। जति एगवण्णे, एवं एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्णा जहेव सत्तपएसिए । जति चउवण्णेसिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिए य १, सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य २; एवं जहेव सत्तपदेसिए जाव सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियगा य, हालिद्दगे य १५, सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियगा य, हालिहगा य १६, एए सोलस भंगा। एवमेते पंच चउक्कगसंजोगा; सव्वमेते असीति भंगा ८० । जति पंचवण्णे- सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १, सिय कालगे य, नीलगे य, लोहियगे य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य २; एवं एएणं कमेण भंगा चारेयव्वा जाव सिय कालए य, नीलगाय, लोहियगा य, हालिद्दगा य, सुक्किलगे य १५ एसो पन्नसमो भंगो; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १६, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य १७, सिय कालगाय, नीलए य, लोहियए य हालिद्दगा य, सुक्किलए य १८, सिय कालगा य, नीलगे य, लोहियए य, हालिद्दगा य, सुक्किलगा य १९, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा य, हालिए य, सुक्किए य २०, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा य, हालिए य, सुक्किलगा २१, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा य, हालिहगा य, सुक्किलए य २२, सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियगे य, हालिद्दए य, सुक्किलगे य २३; सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य २४, सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियए य, हालिद्दगाय, सुक्किलए य २५, सिय कालगाय, नीलगाय, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुक्किलए य २६; एए पंचगसंजोएणं छव्वीसं भंगा भवंति । एवंमेव सपुव्वावरेणं एक्कग-दुयग-तियग- चछक्कग-पंचगसंजोएहिं दो एक्कतीसं भंगसया भवंति । गंधा जहा सत्तपएसियस्स । रसा जहा एयस्स चेव वण्णा । फासा जहा चछप्पएसियस्स । ९. नवपदेसियस्स० पुच्छा । गोयमा ! सिय एगवण्णे जहा अट्ठपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्त । जति एगवण्णे, एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्णचडवण्णा जहेव अट्ठपएसियस्स । जति पंचवण्णे- सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिए य, सुक्किलगा य २; एवं परिवाडीए एक्कतीसं भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य, नीलगाय, लोहियगा य, हालिद्दगा य, सुक्किलए य; एए एक्कत्तीस भंगा। एवं एक्कग दुयग-तियगचछक्कग-पंचगसंजोएहिं दो छत्तीसा भंगसया भवंति । गंधा जहा अट्ठपएसियस्स । रसा जहा चेव वण्णा। फासा जहा चउप्पएसियस्स । १०. दसपदेसिए णं भंते ! खंधे० पुच्छा । गोयमा ! सिय एगवण्णे जहा नवपदेसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ता । जति एगवण्णे, एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्ण- चउवण्णा जहेव नवपएसियस्स । पंचवण्णे वि तहेव, नवरं बत्तीसतिमो वि भंगो भण्णति । एवमेते एक्कग दुयग-तियग- चउक्कग-पंचगसंजोएस दोन्नि सत्तत्तीसा भंगसया भवं । I Personal t TRIFIFIFLELE IF LELELELELELELELELELELELELELELE LE LE LE LE VÉGYOY Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Frio95555555555 (५) भगवई श.२० उ-५ [२७५] DSCS乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听。 $$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$ONOI र जहा नवपएसियस्स । रसा जहा एयस्स चेव वण्णा । फासा जहा चउपएसियस्स। ११. जहा दसपएसिओ एवं संखेजपएसिओ वि। १२. एवं असंखेज्जपएसिओ वि। १३. सुहमपरिणओ अणंतपएसिओ वि एवं चेव । [सु. १४. बादरपरिणयअणंतपएसियखंधम्मि वण्ण-गंध-रस-फासपरूवणं ]१४. बादरपरिणए णं भंते ! अणंतपएसिए खंधे कतिवण्णे०? एवं जहा अट्ठरसमसए जाव सिय अट्ठफासे पन्नत्ते। वण्ण-गंध-रसा जहा दसपएसियस्स । जति चउफासे -सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे सीए सव्वे निद्धे १, सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे सीए, सब्वे लुक्खे २, सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे उसिणे, सव्वे निद्धे ३; सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे उसिणे, सव्वे लुक्खे ४; सव्वे कक्खडे, सव्व लहुए, सव्वे सीए, सव्वे निद्धे ५; सव्वे कक्खडे, सव्वे लहुए, सव्वे सीए, सव्वे लुक्खे ६: सव्वे कक्खडे, सव्वे लहुए, सव्व उसिणे, सव्वे निद्धे ७; सव्वे कक्खडे. सव्वे लहुए, सव्वे उसिणे, सव्वे लुक्खे ८, सव्वे मउए, सव्वे गरुए, सव्वे सीए, सव्वे निद्धे ९, सव्वे मउए, सव्वे गरुए, सव्वे सीए, सव्वे लुक्खे १०; सव्वे मउए, सव्वे गरुए, सव्वे उसिणे, सव्वे निद्धे ११; सव्वे मउए, सव्वे गरुए, सव्वे उसिणे, सव्वे लुक्खे १२, सव्वे मउए, सव्वे लहुए, सव्वे सीए, सव्वे निद्धे १३, सव्वे मउए, सव्वे लहुए, सव्वे सीए, सव्वे लुक्खे १४; सव्वे मउए, सव्वे लहुए. सव्वे उसिणे, सव्वे निद्धे १५, सव्वे मउए, सव्वे लहुए, सव्वे उसिणे, सव्वे लुक्खे १६; एए सोलस भंगा। जइ पंचफासे-सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे १; सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसा लुक्खा २; सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे सीए, देसा निद्दा, देसे लुक्खे ३, सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे सीए, देसा निद्धा, देसालुक्खा ४ । सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे उसिणे, देस निद्धे, देसे लुक्खे०४; सव्वे कक्खडे, सव्वे लहुए, सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे०४; सव्वे कक्खडे, सव्वे लहुए, सव्वे उसिणे, देसे निद्ध, देसे लुक्खे०४; एवं एए कक्खडेणं सोलस भंगा । सव्वे मउए, सव्वे गरूए, सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे०४; एवं मउएण वि सोलस भंगा। एवं बत्तीसं भंगा। सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे निद्धे, देसे सीए, देसे उसिणे०४; सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, सव्वे लुक्खे, देसे सीए, देसे उसिणे ४, ०एए बत्तीसं भंगा। सव्वे कक्खडे, सव्वे सीए, सव्वे निद्धे, देसे गरुए, देसे लहुए ४; ० एत्थ वि बत्तीसं भंगा। सव्वे गरुए, सव्वे सीए, सव्वे निद्धे, देसे कक्खडे, देसे मउए ४; ० एत्थ वि बत्तीसं भंगा । एवं सव्वे ते पंचफासे अट्ठावीसं भंगसयं भवति। जदि छफासे-सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे १; सव्वे, कक्खडे, सव्वे गरुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसा लुक्खा २, एवं जाव सव्वे कक्खडे, सव्वे गरुए, देसा सीता, देसा उसिणा, देसा निद्धा, देसा लुक्खा १६; एए सोलस भंगा । सव्वे कक्खडे, सव्वे लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एत्थ वि सोलस भंगा। सव्वे मउए, सव्वे गरुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एत्थ वि सोलस भंगा। सव्वे मउए, सव्वे लहुए, देसे सीए देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एत्थ वि सोलस भंगा १६। एए चउसद्धिं भंगा। सब्वे कक्खडे, सव्वे सीए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एत्थ वि चउसट्टि भंगा । सव्वे कक्खडे, सव्वे निद्धे, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे जाव सव्वे मउए, सव्वे लुक्खे, देसा गरुया, देसा लहुया, देसा सीया, देसा उसिणा १६, एए चउसट्ठिभंगा । सव्वे गरुए, सव्वे सीए, देसे कक्खडे. देसे मउए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एवं जाव सव्वे लहुए, सव्वे उसिणे देसा कक्खडा, देसा मउया, देसा निद्धा, देसा लुक्खा; एए चउसट्ठि भंगा। सव्वे गरुए, सव्वे निद्धे, देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे सीए, देसे उसिणे; जाव सव्वे लहुए, सव्वे लुक्खे. देसा कक्खडा, देसामउया, देसा सीता, देसा उसिणा; एए चउसट्ठि भंगा। सव्वे सीए, सव्वे निद्धे, देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए; जाव सव्वे उसिणे, सव्वे लुक्खे, देसा कक्खडा, देसा मउया, देसा गरुया, देसा लहुया; एए चउसढि भंगा । सव्वेते छफासे तिन्नि चउरासीया भंगसता भवंति ३८४ । जति सत्तफासे -सव्वे कक्खडे, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे १: सव्वे कक्खडे, देसे गरुए, देस लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसा लुक्खा ४; सव्वे कक्खडे, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे सीए, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ४; सव्वे कक्खडे, देसे गरुए, देसे लहुए, देसा सीता, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ४; सव्वे कक्खडे, देसे गरुए, देसे लहुए, देसा सीता, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ४; सव्वे ते सोलस भंगा। 55555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-४९०55555555555555555555555556xOR 明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听? Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ CC$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$明明明明明明明明明明明明明 ro.95$$$$$$$$$55559 (५) भगवई स.२०७-५.६ २७६) _55555555555553HOROY सव्वे कक्खडे, देसे गरुए, देसा लहुया, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं गरुएणं एगत्तएणं, लहुएणं पुहत्तएणं एए वि सोलस भंगा । सव्वे कक्खडे, देसा गरुया, देसे लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एए वि सोलस भंगा भाणियव्वा । सव्वे कक्खडे, देसा गरुया, देसा लहुया, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एए वि सोलस भंगा भाणियव्वा । एवमेए चउसट्ठि भंगा कक्खडेण समं । सव्वे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एवं मउएण वि समं चउसद्धिं भंगा भाणियव्वा । सव्वे गरुए, देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एवं गरुएण वि समं चउसद्धिं भगा कायव्वा । सव्वे लहुए, देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एवं लहुएण वि समं चउसद्धिं भंगा कायव्वा । सव्वे सीए, देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एवं सीएण वि समं चउसट्ठि भंगा कायव्वा । सव्वे उसिणे, देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे निद्धे, देसे लुक्खे: एवं उसिणेण वि समं चउसढि भंगा कायव्वा । सव्वे निद्धे, देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे; एवं निद्धेण वि समं चउसद्धिं भंगा कायव्वा । सव्वे लुक्खे, देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे; एवं लुक्खेण वि समं चउसदि भंगा कायव्वा जाव सव्वे लुक्खे, देसा कक्खडा, देसा मउया, देसा गरुया, देसा लहुया, देसा सीया, देसा उसिणा| एवं सत्तफासे पंच बारसुत्तरा भगसता भवंति। जति अट्ठफासे-देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे सीते, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ४; देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसे सीते, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसे लुक्खे, ४; देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसा सीता, देसे उसिणे, देसे में निद्धे, देसे लुक्खे ४; देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देसा सीता, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसे लुक्खे, ४; एए चत्तारि चउक्का सोलस भंगा। देसे कक्खडे, देसे भउए, देसे गरुए, देसा लहुया, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एवं एए गरुएणं एगत्तएणं, लहुएणं पोहत्तएणं सोलस भंगा कायव्वा । देसे कक्खडे, देसे मउए, देसा गरुया, देसे लहुए, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ४; एए वि सोलस भंगा कायव्वा । देस कक्खडे, देसे मउए, देसा गरुया, देसा लहुया, देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे; एए वि सोलस भंगा कायव्वा । सव्वेते चउसहि भंगा कक्खड-मउएहिं एगत्तएहिं । ताहे कक्खडेणं एगत्तएणं, मउएणं पुहत्तएणं एए चेव चउसद्धिं भंगा कायव्वा । ताहे कक्खडेणं पुहत्तएणं, मउएणं एगत्तएणं चउसहि भंगा कायव्वा । ताहे एतेहिं चेव दोहि वि पुहत्तएहिं चउसट्टि भंगा कायव्वा जाव देसा कक्खडा, देसा मउया, देसा गरुया, देसा लहुया, देसा सीता, देसा उसिणा, देसा निद्धा, देसा लुक्खा-एसो अपच्छिमो भंगो। सव्वेते अट्ठफासे दो छप्पण्णा भंगसया भवंति । एवं एए बादरपरिणए अणंतपएसिए खंधे सव्वेसु संजोएसु बारस छण्णउया भंगसया भवंति। [सु. १५-१९. परमाणुभेय-पभेयनिरूवणं ]१५. कतिविधे णं भंते ! परमाणू पन्नत्ते ? गोयमा ! चउब्विहे परमाणू पन्नत्ते, तं जहा-दव्वपरमाणू खेत्तपरमाणू कालपरमाणू भावपरमाण। १६. दव्वपरमाणू णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा-अच्छज्जे अभेज्जे अडज्झे अगेज्झे । १७. खेत्तपरमाणू णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते, तं जहा-अणड्ढे अमज्झे अपएसे अविभाइमे। १८. कालपरमाणू० पुच्छा। गोयमा ! चेउव्विधे पन्नते, तं जहा -अवण्णे अगंधे अरसे अफासे। १९. भावपरमाणू णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते? गोयमा ! चउब्विधे पन्नत्ते, तं जहा-वण्णमंते गंधमंते रसमंते फासमंते। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति ।।।२०.५||★★★छट्ठो उद्देसओ 'अंतर'★★★ [सु. १-५. पढमाइसत्तमनरयपुढवीअंतरसमोहयस्स पुढविकाइयस्स सोहम्माइकप्प-गेवेज-अणुत्तरविमाण-ईसिपब्भारपुढववीसु पुढविकाइयत्ताए उववज्ज-माणस्स पुव्वं पच्छा वा आहारगहणनिरूवणं ] १. पुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए सक्करप्पमाए य पुढवीए अंतरा समोहए, समोहण्णित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! किं पुव्विं उववज्जित्ता पच्छा ॥ आहारेज्ना, पुव्विं आहारेत्ता पच्छा उववज्नेज्जा? गोयमा ! पुव्विं वा उववज्जित्ता० एवं जहा सत्तरसमसए छटुद्देसे (स०१७ उ०६ सु०१) जाव से तेणटेणं गोयमा ! एवं ORC55岁男宝%%%%%%%%%%%$555555555555555555555G; CO., www.jainelibrary.ort) in Education International 2010_03 For B ate Personalilee Only Execf55555555555555555555555 श्री आगमगणमंजषा - ४९१ फफफफफफफफफफफफफफफ444444446जार Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 听听听听听听听听听听听听听听听听 (५) भगवई श.२० उ -६-७ २७७] $$$ $$ $$ $2203 C%$$$$$$乐明明明明明明明听听听听听听乐乐乐乐所开历历明明與乐乐玩玩乐乐乐明明乐乐乐乐项$65CM वुच्चइ पुव्विं वा जाव उववज्जेज्जा, नवरं तहिं संपाउणणा, इमेहिं आहारो भण्णइ, सेसं तं चेव । २. पुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए सक्करप्पभाए य पुढवीए + अंतरा समोहए० जे भविए ईसाणे कप्पे पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए० ? एवं चेव। ३. एवं जाव ईसिपब्भाराए उववातेयव्वो। ४. पुढविकाइए णं भंते ! सक्करप्पभाए वालुयप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए समो०२ जे भविए सोहम्मे कप्पे जाव ईसिपब्भाराए०। ५. एवं एएणं कमेणं जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढवीए अंतरा समोहए समाणे जे भविए सोहम्मे जाव ईसिपब्भाराए उववाएयव्वो। [सु. ६-१७. सोहम्मकप्पाइईसिपब्भारपुढविअंतरसमोहयस्स पुढविकाइयस्स पढमाइसत्तमनरयपुढविअंतरेसु पुढविकाइयत्ताए उववज्जमाणस्स पुव्वं पच्छा वा आहारगहणनिरूवणं ] ६. पुढविकाइए णं भंते ! सोहम्मीसाणाणं सणंकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए, समो० २ जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए सेणं भंते ! किं पुव्विं उववज्जित्ता पच्छा आहारेज्जा? सेसं तं चेव जाव से तेणटेणं जाव णिक्खेवओ। ७. पुढविकाइए णं भंते ! सोहम्मीसाणाणं सणंकुमार-माहिंदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए, स० २ जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए पुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए? एवं चेव । ८. एवं जाव अहेसत्तमाए उववातेतव्वो। ९. एवं सणंकुमार-माहिंदाणं बंभलोगस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए, सह० २ पुणरवि जाव अहेसत्तमाए उववाएयव्वो। १०. एवं बंभलोगस्स लंतगस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए० पुणरवि जाव अहेसत्तमाए०।११. एवं लंतगस्स महासुक्कस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए, समोहणित्ता पुणरवि जाव अहेसत्तमाए०।१२. एवं महासुक्कस्स सहस्सारस्सय कप्पस्स अंतरा० पुणरवि जाव अहेसत्तमाए० । १३. एवं सहस्सारस्स आणय-पाणयाण य कप्पाणं अंतरा० पुणरवि जाव अहेसत्तमाए०। १४. एवं आणय-पाणयाणं आरणऽच्चुयाण य कप्पाणं अंतरा० पुणरवि जाव अहेसत्तमाए०।१५. एवं आरणऽच्युताणं गेवेज्जविमाणाण य अंतरा० जाव अहेसत्तमाए०।१६. एवं गेवेज्जविमाणाण अणुत्तरविमाणाण य अंतरा० पुणरवि जाव अहेसत्तमाए० । १७. एवं अणुत्तरविमाणाणं ईसिपब्भाराए य अंतरा० पुणरवि जाव अहेसत्तमाए उववाएयव्वो। [सु. १८-२०. पढमाइपंचमसुत्तवण्णियपुढविकायवत्तव्वयाणुसारेण आउकायस्स निरूवणं ]१८. आउकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए सक्करप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए, समो०२ जे भविए सोहम्मे कप्पे आउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए०? सेसंजहा पुढविकाइयस्स जाव सेतेणढेणं०।१९. एवं पढम-दोच्चाणं अंतरा समोहयओ जाव ईसिपब्भाराए य उववातेयव्वो । २०. एवं एएणं कमेणं जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढवीए अंतरा० समोहए, समो० २ जाव इसिपब्भाराए उववातेयव्वो आउक्काइयत्ताए। [सु.२१-२३. छट्ठाइसत्तरसमसुत्तवण्णियपुढविकायवत्तव्वयाणुसारेण आउकायस्स निरूवणं]२१. आउयाएणंभंते! सोहम्मीसाणाणं सणंकुमारमाहिंददाण य कप्पाणं अंतरा समोहते, समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणोदधिवलएसु आउकाइयत्ताए उववज्जित्तए० ? सेसं तं चेव। २२. एवं एएहिं चेव अंतरा समोहयओ जाव अहेसत्तमाए पुढवीए घणोदधिवलएसु आउकाइयत्ताए उववाएयव्वो। २३. एवं जाव अणुत्तरविमाणाणं ईसिपब्भाराए य पुढवीए अंतरा समोहए जाव अहेसत्तमाए घणोदधिवलएसु उववातेयव्वो। [सु. २४. पढमाइसत्तरसमसुत्तवण्णियपुढविकायवत्तव्वयाणुसारेण वाउकायस्स निरूवणं ]२४. वाउकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए सक्करप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए, समोहणित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे वाउकाइयत्ताए उववज्जित्तए? एवं जहा सत्तसमसए वाउकाइयउद्देसए (स०१७ उ०१० सु०१) तहा इह वि, नवरं अंतरेसु समोहणावेयव्वो, सेसंतं चेव जाव अणुत्तरविमाणाणं ईसिपब्भाराए य पुढवीए अंतरा समोहए, समो० २ जे भविए अहेसत्तमाए घणवात-तणुवाते घणवातवलएसु तणुवायवलएसु वाउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए, सेसं तं चेव, से तेणटेणं जाव उववज्जेज्जा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।।२०.६||★★★ सत्तमो उद्देसओ 'बंधे'*[सु. १. बंधस्स भेदतिगं ] १. कतिविधे णं भंते ! बंधे पन्नत्ते? ' गोयमा ! तिविधे बंधे पन्नत्ते, तं जहा-जीवप्पयोगबंधे अणंतरबंधे परंपरबंधे। [ सु. २-३. चउवीसइदंडएसु बंधभेयतिगपरूवणा] २. नेरतियाणं भंते ! कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? एवं चेव । ३. एवं जाव वेमाणियाणं। [सु.४-७. अट्ठण्हं मूलकम्मपगडीणं भेयतिगं, तस्स य चउवीसइदंडएसुपरूवणं ] ४. नाणावरणिज्जस्सणं भंते! कम्मस्स कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविधे बंधे पन्नत्ते, तं जहा-जीवप्पयोगबंधे अणंतरबंधे परंपरबंधे। ५. नेरइयाणं भंते ! नाणावरणिज्जस्स कम्मस्स reOfSE E EEEEEE श्री आगमगुणमंजूषा-४९२EEEEEEEE EEEEOXOF SZC55听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听乐乐明明明明明明明明明明O顾 Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 16x9 454 (५) भगवई स. २० उ ७-८ [२७८] कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? एवं चेव । ६. एवं जाव वेमाणियाणं । ७. एवं जाव अंतराइयस्स । [सु. ८-११. अट्ठण्हं मुलकम्मपगडीणं उदए बंधभेयतिगं, तस्स य चउवीसइदंडएसु परूवणं ] ८. णाणावरणिज्जोदयस्स णं भंते! कम्मस्स कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे बंधे पन्नत्ते । एवं चेव । ९. एवं नेरइयाण वि । १०. एवं जाव वेमाणियाणं । ११. एवं जाव अंतराइओदयस्स । [ सु. १२-१८. वेदतिग-दंसणमोहणिज्ज-चरित्तमोहणिज्जाणं बंधभेयतिगं, तस्स य चउवीसइदंडएसु परूवणं ] १२. इत्थिवेदस्स णं भंते ! कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविधे बंधे पन्नत्ते । एवं चेव । १३. असुरकुमाराणं भंते! इत्थिवेदस्स कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? एवं चेव । १४. एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स इत्थिवेदो अत्थि । १५. एवं पुरिसवेदस्स वि; एवं नपुंसगवेदस्स वि; जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जो अत्थि वेदो । १६. दंसणमोहणिज्जस्स णं भंते! कम्मस्स कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? एवं चेव । १७. एवं निरंतरं जाव वेमाणियाणं । १८. एवं चरित्तमोहणिज्जस्स वि जाव वेमाणियाणं । [सु. १९-२१. ओरालियसरीराइपदेसु बंधभेयतिगाइपरूवणं ] १९. एवं एएणं कमेणं ओरालियसरीरस्स जाव कम्मगसरीरस्स, आहारसण्णाए जाव परिग्गहसण्णाए, कण्हलेसाए जाव सुक्कलेसाए, सम्मद्दिट्ठीए मिच्छादिट्ठीए सम्मामिच्छादिट्ठीए, आभिणिबोहियणाणस्स जाव केवलनाणस्स, मतिअन्नाणस्स सुयअन्नाणस्स विभंगनाणस्स । २०. एवं आभिनिबोहियनाणविसयस्स णं भंते! कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? जाव केवलनाणविसयस्स, मतिअन्नाणविसयस्स, सुयअन्नाणविसयस्स, विभंगनाणविसयस्स; एएसिं सव्वेसिं पयाणं तिविहे बंधे पन्नत्ते । २१. सव्वेते चउवीसं दंडगा भाणियव्वा, नवरं जाणियव्वं जस्स जं अत्थि; जाव वेमाणियाणं भंते ! विभंगणाणविसयस्स कतिविधे बंधे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे बंधे पन्नत्ते, तं जहा जीवप्पयोगबंधे अणंतरबंधे परंपरबंधे । सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरति । ॥२०.७॥ ★★★ अट्टमो उद्देसओ 'भूमी' ★★★ [सु. १. कम्मभूमिसंखानिरूवणं ] १. कति णं भंते ! कम्मभूमीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! पन्न कम्मभूमीओ पन्नत्ताओ, तं जहा पंच भरहाई, पंच एरवताई, पंच महाविदेहाइं । [ सु. २. अकम्मभूमिसंखानिरूवणं ]२. कति णं भंते! अकम्मभूमीओ पन्नत्ताओ? गोयमा! तीसं अकम्मभूमीओ पन्नत्ताओ, तं जहा - पंच हेमवयाई, पंच हेरण्णवयाई, पंच हरिवासाईं, पंच रम्मगवासाइं, पंच देवकुरूओ, पंच उत्तरकुरूओ । [ सु. ३-५. अकम्मभुमि-महाविदेहेसु भरहेरवएस य ओसप्पिणि उस्सप्पिणीणं अभाव- सब्भावनिरूवणं ] ३. एयासु णं भंते! तीसासु अकम्मभूमीसु अत्थि ओसप्पिणी ति वा, उस्सप्पिणी ति वा? णो तिणट्ठे समट्ठे । ४. एएसु णं भंते! पंचसु भरहेसु, पंचसु एरवएस अत्थि ओसप्पिणी ति वा, उस्सप्पिणी ति वा? हंता, अत्थि । ५. एएसु णं भंते! पंचसु महाविदेहेसु०? णेवत्थि ओसप्पिणी, नेवत्थि उस्सप्पिणी, अवट्ठिए णं तत्थ काले पन्नत्ते समणाउसो ! [ सु. ६. महाविदेहे भरहेरवएस य 'कमेणं चाउज्जाम- पंचमहव्वइयधम्मनिरूवणं ] ६. एएसु णं भंते! पंचसु महाविदेहेसु अरहंता भगवंतो पंचमहव्वतियं सपडिक्कमणं धम्मं पण्णवयंति ? णो तिणट्टे समट्ठे । एएसु णं पंचसु भरहेसु, पंचसु एरवएस पुरिम पच्छिमगा दुवे अरहंता भगवंतो पंचमहव्वतियं सपडिक्कमणं धम्मं पण्णवयंति, अवसेसा णं अरहंता भगवंतो चाउज्जामं धम्मं पण्णवयंति। एएसु णं पंचसु महाविदेहेसु अरहंता भगवंतो चाउज्जामं धम्मं पण्णवयंति । [सु. ७. भरहखेत्तव माणओसप्पिणीए चउवीसइतित्थयरनामाई] ७. जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए कति तित्थयरा पन्नत्ता ? गोयमा ! चउवीसं तित्थयरा पन्नत्ता, तं जहा उसभअजिय-संभव-अभिनंदण-सुमति - सुप्पभ-सुपास-ससि - पुप्फदंत-सीयल-वासुपुज्ज-विमल - अणंतइ धम्म-संति- कुथुं - अर-मल्लि मुणिसुव्वय-नमि- पासवद्धमाणा । [ सु. ८-९ चउवीसइतित्थयराणं अंतराणि, जिणंतरेसु य कालियसुयवोच्छेयअवोच्छेयनिरूयणं ] ८. एएसि णं भंते । चउवीसाए तित्थयराणं कति जिणंतरा पन्नत्ता ? गोयमा । तेवीसं जिणंतरा पन्नत्ता । ९. एएसु णं भंते! तेवीसाए जिणंतरेसु कस्स कहिं कालियसुयस्स वोच्छेदे पन्नत्ते ? गोयमा ! एएसु णं तेवीसाए जिणंतरेसु पुरिम- पच्छिमएस अट्ठसु अट्ठसु जिणंतरेसु, एत्थ णं कालियसुयस्स अवोच्छेदे पन्नत्ते, मज्झिमएसु सत्तसु जिणंतरेसु एत्थ णं कालियसुयस्स वोच्छेदे पन्नत्ते, सव्वत्थ वि णं वोच्छिन्ने दिट्ठिवाए । [ सु. १०-११. भगवंतं सेसतित्थयरे य पडुच्च पुव्वगयसुय- अणुसज्जाणासमयनिरूवणं ] १०. जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुपियाणं केवितियं कालं पुव्वगए अणुसज्जिस्सति ? गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए ममं एवं वाससहस्स श्री आगमगुणमंजूषा - ४९३ ॐ फ्र Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ $$$$$$$$$$$$$$$ (५) भगवई श. २० उ -८-९ (२७९] $$$ 为$$$ $$ 2 0 FOTOX $$ $$$ $$$$ $$ %%%%%%%%%%%%%%%%%%$$ अणुसज्जिस्सति । ११. जहा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुपियाणं एगं वाससहस्सं पुव्वगए अणुसज्जिस्सति तहा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए अवसेसाणं तित्थगराणं केवतियं कालं पुव्वगए अणुसज्जित्था ? गोयमा ! अत्थेगइयाणं संखेनं कालं, अत्थेगइयाणं असंखेनं कालं। [सु. १२-१३. भगवंतं आगमेस्सचरमतित्थगरे य पडुच्च तित्थाणुसज्जणा-समयनिरूवणं ] १२. जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुपियाणं केवतियं कालं तित्थे अणुसज्जिस्सति ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए ममं एक्कवीसं वाससहस्साई तित्थे अणुसज्जिस्सति। १३. जहा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए देवाणुपियाणं एक्कवीसं वाससहस्साई तित्थे अणुसज्जिस्सति तहा णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे आगमेस्साणं चरिमतित्थगरस्स केवतियं कालं तित्थे अणुसज्जिस्सति ? गोयमा ! जावतिएणं उसभस्स अरहओ कोसलियस्स जिणपरियाए तावतियाई संखेज्जाई आगमेस्साणं चरिमतित्थगरस्स तित्थे अणुसज्जिस्सति। सु. १४. चाउव्वण्णस्स समणसंघस्स तित्थत्तं ] १४. तित्थं भंते ! तित्थं, तित्थगरे तित्थं ? गोयमा ! अरहा ताव नियमं तित्थगरे, तित्थं पुण चाउव्वण्णाइण्णो, समणसंघो, तं जहा-समणा समणीओ सावगा साविगाओ। [सु. १५. दुवालसंगगणिपिडगस्स पवयणतं] १५. पवयणं भंते ! पवयणं, पावयणी पवयणं ? गोयमा ! अरहा ताव नियम पावयणी, पवयणं पुण दुवालसंगे गणिपिडगे, तं जहा-आयारो जाव दिट्ठिवाओ। सु. १६. उग्ग-भोग-राइण्ण-इक्खाग-नाय-कोरव्वेसु धम्मपालण-देवलोग-सिद्धिगमणनिरूवणं ]१६. जे इमे भंते ! उग्गा भोगा राइण्णा इक्खागा नाया कोरव्वा, एए णं अस्सिं धम्मे ओगाहंति, अस्सिं अट्ठविहं कम्मरयमलं पवाहेति, अट्ठ० पवा०२ ततो पच्छा सिझंति जाव अंतं करेति? हंता, गोयमा ! जेइमे उग्गा भोगा० तं चेव जाव अंतं करेंति । अत्थेगइया अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति। [सु. १७. चउव्विहदेवलोयनिरूवणं ] १७. कतिविधा णं भंते ! देवलोया पन्नत्ता? गोयमा ! चउव्विहा देवलोगा पन्नत्त,तं जहा-भवणवासी वाणमंतरा जोतिसिया वेमाणिया। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।२०.८||★★★ नवमो उद्देसओ 'चारण'*** [सु.१.विज्जाचारण-जंघाचारणरूवं चारणभेयदुगं] १. कतिविधा णं भंते! चारणा पन्नत्ता? गोयमा! दुविहा चारणा पन्नत्ता, तं जहा-विज्जाचारणा जंघाचारणा य। [सु. २. विज्जाचारणसरूवं ]२. से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति-विज्जाचारणे विज्जाचारणे? गोयमा ! तस्स णं छटुंछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं विज्जाए उत्तारगुणलद्धिं खममाणस्स विजाचारणलद्धी नाम लद्धी समुप्पज्जति, से तेणढेणं जाव विज्जाचारणे विज्जाचारणे। [सु. ३-५. विज्जचारणसंबंधियसिग्घतिरिय-उड्ढगतिविसयनिख्वणाइ ] ३. विज्जाचारणस्स णं भंते ! कहं सीहा गती ? कहं सीहे गतिविसए पन्नत्ते ? गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे दीवे सव्वदीव० जाव किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं, देवे णं महिड्डीए जाव महेसक्खे जाव 'इणामेव इणामेव त्ति कट्ट केवलकप्पं जबुद्दीवं दीवं तिहिं अच्छरानिवाएहिं तिक्खुत्तो 'अणुपरियट्टित्ताणं हव्वमागच्छेज्जा, विज्जाचारणस्स णं गोयमा ! तहा सीहा गती, तहा सीहे गतिविसए पन्नत्ते । ४. विज्जाचारणस्स णं भंते ! तिरियं केवतिए गतिविसए पन्नत्ते ? गोयमा ! से णं इओ एगेणं उप्पाएणं माणुसुत्तरे पव्वए समोसरणं करेति, माणु० क०२ तहिं चेतियाई वंदति, तहिं० वं०२ बितिएणं उप्पारणं नंदिस्सरवरे दीवे समोसरणं करेति, नंदि० क०२ तहिं चेतियाई वंदति, तहिं० वं०२ तओ पडिनियत्तति, त० प० २ इहमागच्छति, इहमा० २ इहं चेतियाइं वंदइ । विजाचारणस्स णं गोयमा ! तिरिय एवतिए गतिविसए पन्नत्ते। ५. विजाचारणस्स णं भंते ! उड्डे केवतिए गतिविसए पन्नत्ते ? गोयमा ! सेणं इओ एगेणं उप्पारणं नंदणवणे समोसरणं करेति, नं० क०२ तहिं चेतियाइं वंदइ, तहिं० व २ बितिएणं उप्पाएणं पंडगवणे समोसरणं करेइ, पं० क०२ तहिं चेतियाइं वंदति, तहिं० वं० २ तओ पडिनियत्तति, तओ०प०२ इहमागच्छति, इहमा०२ इहं चेतियाइं वंदइ। विज्जाचारणस्स णं गोयमा ! उर्दु एवतिए गतिविसए पन्नत्ते । सेणं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते कालं करेति, नत्थि तस्स आराहणा; से णं तस्स ठाणस्स आलोयपडिक्कंते कालं करेति, अत्थि तस्स आराहणा। [सु. ६. जंघाचारणसरूवं] ६.सेकेणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ-जंघाचारणे जंघाचारणे? गोयमा! तस्स णं अट्ठमंअट्टमेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावमाणस्स जंघाचारणलद्धी नाम 95听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听Q %%%%%%%%% MOFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFF श्री आगमगुणमंजूषा - ४९४FFFFFFFFFFFFFF555555555555OTOK Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROOF5555555555554 (५) भगवई स. २० उ.९.१० २८०] 155555555555555%eog IC$明明明明明明明明明明明明明明明乐明明听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听C लद्धी समुप्पज्जइ। से तेणद्वेणं जाव जंघाचारणे जंघाचारणे। [सु. ७ -९. जंघाचारणसंबंधियसिग्ध -तिरिय -उड्ढगतिविसयनिरूवणाइ ] ७. जंघाचारणस्स णं भंते ! कहं सीहा गति ? कहं सीहे गतिविसए पन्नत्ते ? गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे दीवे एवं जहेव विज्जाचारणस्स, नवरं तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टित्ताणं हव्वमागच्छेज्जा । जंघाचारणस्सणं गोयमा ! तहा सीहा गती, तहा सीहे गतिविसहे पन्नत्ते । सेसं तं चेव । ८. जंघाचारणस्स णं भंते ! तिरिय केतिए गतिविसए पन्नत्ते ? गोयमा ! सेणं इओ एगेणं उप्पाएणं रुयगवरे दीवे समोसरणं करेति, रूय० क०२ तहिं चेतियाई वंदति, तहिं० वं० २ ततो पडिनियत्तमाणे बितिएणं उप्पारणं नंदीसरवरदीवे समोसरणं करेति, नं० क० २ तहिं चेतियाइं वंदति, तहिं० वं० २ इहमागच्छति, इहमा०२ इह चेतियाई वंदति । जंघाचारणस्सणं गोयमा ! तिरियं एवतिए गतिविसए पन्नत्ते । ९. जंघाचारणस्स णं भंते! उड्ढे केवतिए गतिविसए पन्नत्ते? गोयमा ! से णं इओ एगेणं उप्पाएणं पंडगवणे समोसरणं करेति, स० क० २ तहिं चेतियाइं वंदति, तहिं वं० २ ततो पडिनियत्तमाणे बितिएणं उप्पाएणं नंदणवणे समोसरणं करेति, नं० क०२ तहिं चेतियाइं वंदति, तहिं० वं० २ इहमागच्छति, इहमा० २ इह चेतियाइं वंदइ । जंघाचारणस्स णं गोयमा ! उडे एवतिए गतिविसए पन्नत्ते । से णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते कालं करेति, नत्थि तस्स आराहणा; सेणं तस्स ठाणस्स आलोइयपडिक्वंते कालं करेति, अत्थि तस्स आराहणा। सेवं भंते! जाव विहरति।।।२०.९|| AA दसमो उद्देसओ 'सोवक्कमा जीवा'*[सु. १-६. जीव-चउवीसइदंडएसु जहाजोगं सोवक्कम-निरुवक्कमआउयत्तं] १. जीवा णं भंते ! किं सोवक्कमाउया, निरुवक्कमाउया ? गोयमा ! जीवा सोवक्कमाउया वि निरूवक्कमाउया वि। २. नेरतिया णं० पुच्छा । गोयमा ! नेरतिया नो सोवक्कमाउया, निरूवक्कमाउया। ३. एवं जाव थणियकुमारा। ४. पुढविकाझ्या जहा जीवा । ५. एवं जाव मणुस्सा। ६. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरतिया। [सु. ७-८.चउवीसइदंडएसु आय-परोवक्कमेणं निरूवक्कमेणं च उववायनिरूवणं] ७. नेरतिया णं भंते ! किं आओवक्कमेणं उववज्जति, परोवक्कमेणं उववज्जति, निरुवक्कमेणं उववज्जति ? गोयमा ! आतोवक्कमेण वि उववज्जति, परोवक्कमेण वि उववज्जति, निरूवक्कमेण वि उववज्जति । ८. एवं जाव वेमाणिया। । सु. ९-१२. चउवीसइदंडएसु आय-परोवक्कमेणं निरुवक्कमेणं च जहाजोगं उव्वट्टणानिरूवणं ]९. नेरतिया णं भंते ! किं आओवक्कमेणं उव्वद्वृति, परोवक्कमेणं उव्वद्वृति, निरूवक्कमेणं उव्वटुंति ? गोयमा ! नो आओवक्कमेणं उव्वदृति, नो परोवक्कमेणं उव्वद्वृति, निरुवक्कमेणं उव्वट्ठति । १०. एवं जाव थणियकुमारा । ११. पुढविकाइया जाव मणुस्सा तिसु उव्वट्ठति । १२. सेसा जहा नेरइया, नवरं जोतिसिय-वेमाणिया चयंति। सु. १३-१६. चउवीसइदंडएसु आइड्ढिउववाय-उव्वट्टणानिरूवणं ] १३. नेरतिया णं भंते ! किं आतिड्डीए उववज्जति, परिड्डीए उववज्जति ? गोयमा ! आतिड्डीए उववज्जति, नो परिडीए उववज्जति । १४. एवं जाव वेमाणिया। १५. नेरतिया णं भंते ! किं आतिड्डीए उव्वट्ठति, परिड्डीए उव्वदृति ? गोयमा ! आतिड्डीए उव्वद्वृति, नो परिड्डीए उव्वद्वृति। १६. एवं जाव वेमाणिया, नवरं जोतिसिय-वेमाणिया चयंतीति अभिलावो। सु. १७-२२. चउवीसइदंडएसु आयकम्मुणा आयप्पओगेणं च उववाय-उव्वदृणानिरूवणं] १७. नेरइया णं भंते ! किं आयकम्मुणा उववज्जति, परकम्मुणा उववज्जति ? गोयमा ! आयकम्मुणा उववज्जति, नो परकम्मुणा उववज्जति । १८. एवं जाव वेमाणिया। १९. एवं उव्वट्टणादंडओ वि। २०. नेरझ्या णं भंते ! किं आयप्पयोगेणं उववज्जति, परप्पयोगेणं उववनंति ? गोयमा! आयप्पयोगेणं उववज्जंति, नो परप्पयोगेणं उववज्जति। २१. एवं जाव वेमाणिया। २२. एवं उव्वट्टणादंडओ वि। [सु. २३-२८. चउवीसइदंडएसु सिद्धेसु य कति अकति-अवत्तव्वगसंचिय-पदाणं जहाजोगं निरूवणं] २३. (१) नेरइया णं भंते ! किं कतिसंचिता, अकतिसंचिता, अव्वत्तव्वगसंचिता ? गोयमा ! नेरइया कतिसंचिया वि, अकतिसंचिता वि, अवत्तव्वगसंचिता वि। (२) से केणतुणं जाव अवत्तव्वगसंचिता वि? गोयमा ! जेणं नेरइया संखेज्जएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया कतिसंचिता, जेणं नेरइया असंखेज्जएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया अकतिसंचिया, जे णं नेरइया एक्कएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया अवत्तव्वगसंचिता; से तेणटेणं गोयमा ! जाव अवत्तव्वगसंचिता वि। २४. एवं जाव थणियकुमारा। २५.(१) पुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! पुढविकाइया $乐乐乐明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐$乐乐乐乐乐乐明乐乐听听听听听听听乐乐555555550 reo95 9 55 श्री आगमगुणमंजूषा - ४९५55555550 Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KOROS (५) भगवई श. २० उ-१० फ्रफ़ फ्र [ २८१] नो कतिसंचिता, अकतिसंचिता, नो अवत्तव्वगसंचिता। (२) से केणट्टेणं जाव अवत्तव्वगसचिता ? गोयमा ! पुढविकाइया असंखेज्जएणं पवेसणएणं पविसंति; से तेणट्टेणं जाव नो अवत्तव्वगसचिता । २६. एवं जाव वणस्सतिकाइया । २७. बेदिया जाव वेमाणिया जहा नेरइया । २८. (१) सिद्धाणं पुच्छा । गोयमा ! सिद्धा कतिसचिता, नो अकतिसचिता, अवत्तव्वगसचिता वि । (२) से केणद्वेणं जाव अवत्तव्वगसंचिता वि ? गोयमा ! जे णं सिद्धा संखेज्जएणं पवेसणएणं पविसंति ते सिद्धा कतिसंचिता, जे णं सिद्धा एक्कएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं सिद्धा अवत्तव्वगसंचिता; से तेणद्वेणं जाव अवत्तव्वगसंचिता वि । [ सु. २९-३०. कति अकति अवत्तव्वगसंचिएसु चउवीसइदंडएस अप्पाबहुयं ]२९. एएसि णं भंते! नेरइयाणं कतिसंचिताणं अकतिसंचियाणं अवत्तव्वगसंचिताण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा नेरइया अवत्तव्वगसंचिता, कतिसंचिता संखेज्जगुणा, अकतिसंचिता असंखेज्जगुणा । ३०. एवं एगिदियवज्जाणं जाव वेमाणियाणं अप्पबहुगं, एगिदियाणं नत्थि अप्पाबहुगं । [ सु. ३१. कति अव्वत्तव्वगसंचिएस सिद्धेसु अप्पाबहुयं ] ३१. एएसि णं भंते ! सिद्धाणं कतिसंचियाणं, अवत्तव्वगसंचिताण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सिद्धा कतिसंचिता, अवत्तव्वगसंचिता संखेज्नगुणा । [सु: ३२-३६. चउवीसइदंडएस सिद्धेसु य छक्कपिंडिय- नोछक्कपिडियाइ - पयाणं जहाजोगं निरूवणं] ३२. (१) नेरइया णं भंते! किं छक्कसमज्जिया, नोछक्कसमज्जिया, 'छक्केण य नोछक्केण य समज्जिया, छक्केहिं समज्जिया, छक्केहि य नोछक्केण य समज्जिया ? गोयमा ! नेरइया छक्कसमज्जिया वि, नोछक्कसमज्जिया वि, छक्केण य नोछक्केण य समज्जिया वि, छक्केहिं समज्जिया वि, छक्केहि य नोछक्केण य समज्जिया वि। (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ-नेरइया छक्कसमज्जिया वि जाव छक्केहि य नोछक्केण •य समज्जिया वि? गोयमा ! जे णं नेरइया छक्कएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया छक्कसमज्जिता । जे णं नेरइया जहन्नेणं एक्केणं वा दोहिं वा तीहिं वा, उक्कोसेण पंचएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया नोछक्कसमज्जिया । जे णं नेरइया एगेणं छक्कएणं; अन्त्रेण य जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा, उक्कोसेणं पंचएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया छक्केण य नोछक्केण य समज्जिया । जे णं नेरइया णेगेहिं छक्कएहिं पवेसणगं पविसंति ते णं नेरइया छक्केहिं समज्जिया । जे गं नेरइया हिं छक्क हिं; अन्त्रेण य जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा, उक्कोसेणं पंचएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया छक्केहि य नोछक्केण य समज्जिया । से तेणद्वेणं तं वाव समज्जिया वि । ३३. एवं जाव थणियकुमारा । ३४. (१) पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! पुढविकाइया नो छक्कसमज्जिया, नो नोछक्कसमज्जिया, नो छक्केण य नोछक्केण य समज्जिया, छक्केहिं समज्जिया वि, छक्केहि य नोछक्केण य समज्जिया वि । (२) से केणट्टेणं जाव समज्जिता वि ? गोयमा ! जे णं पुढविकाइया णेगेहिं छक्कएहिं पवेसणगं पविसंति ते णं पुढविकाइया छक्केहिं समज्जिया । जे णं पुढविकाइया णेगेहिं छक्कएहि, अन्त्रेण य जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तिहिं वा, उक्कोसेणं पंचएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं पुढविकाइया छक्केहि य नोछक्केण य समज्जिया । से तेणट्टेणं जाव समज्जिया वि । ३५. एवं जाव वणस्सइकाइया, इंदिया जाव वेमाणिया । ३६. सिद्धा जहा नेरइया । [सु. ३७-४२. छक्कपिंडिय- नोछक्कपिंडियाईणं चउवीसइदंडयाणं सिद्धाणं च अप्पाबहुयं ] ३७. एएसि णं भंते ! नेरतियाणं छक्कसमज्जियाणं, नोछक्कसमज्जिताणं, छक्केण य नोछक्केण य समज्जियाणं, छक्केहिं समज्जियाणं, छक्केहि य नोछक्केण य समज्जियाणं कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा नेरइया छक्कसमज्जिया, नोछक्कसमज्जिया संखेज्जगुणा, छक्केण य नोछक्केण य समज्जिया संखेज्जगुणा, छक्केहिं समज्जिया असंखेज्जगुणा, छक्केहि य नोछक्केण य समज्जिया संखेज्जगुणा । ३८. एवं जाव थणियकुमारा । ३९. एएसि णं भंते! पुढविकाइयाणं छक्केहिं समज्जिताणं, छक्केहिय नोछक्केण य समज्जियाणं कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पुढविकाइया छक्केहिं समज्जिया, छक्केहि य नोछक्केण य समज्जिया संखेज्जगुणा । ४०. एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । ४१. बेइंदियाणं जाव वेमाणियाणं जहा नेरइयाणं । ४२. एएसि णं भंते! सिद्धाणं छक्कसमज्जियाणं, नोछक्कसमज्जियाणं जाव छक्के हि नोछक्केण य समज्जियाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा सिद्धा छक्केहि य नोछक्केण य समज्जिया, छक्केहिं समज्जिया संज्जगुणा, छक्केण यनोछक्केण य समज्जिया संखेज्जगुणा, छक्कसमज्जिया संखेज्जगुणा, नोछक्कसमज्जिया संखेज्जगुणा । [ सु. ४३-४७. चउवीसइदंडएस सिद्धेसु श्री आत्ममगुणमंजूषा - ४९६ 200 DOO Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ IC%%%$$$$$$$$明明明明明明與乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明SC HGROF55f8S555555 (५) भगवई श.२० उ.१० (२८२] 15555555555555555OOK य बारसयपिडिय-नोबारसयपिंडियाइपयाणं जहाजोगं निरूवणं] ४३.(१) नेरइया णं भंते ! किं बारससमज्जिता, नोबारससमज्जिया, बारसरण य नोबारसएणय समज्जिया, बारसएहिं समज्जिया, बारसएहि य नोबारसएणय समज्जिया? गोयमा ! नेरइया बारससमज्जिया वि जाव बारसएहि य नोबारसएणय समज्जिया वि। (२) से केणद्वेणं जाव समज्जिया वि ? गोयमा ! जेणं नेरइया बारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया बारससमज्जिया। जेणं नेरइया जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहि वा, उक्कोसेणं एक्कारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरझ्या नोबारससमज्जिया। जे णं नेरइया बारसएणं; अन्नेण य जहन्नेणं एक्केण वा दोहि वा तीहिं वा, उक्कोसेणं म एक्कारसएणं पवेसणएणं पविसंति तेणं नेरइया बारसएण य नोबारसएण य समज्जिया। जेणं नेरइया णेगेहिं बारसएहिं; अन्नेण य जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिंवा, उक्कोसेणं एक्कारसएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरझ्या बारसएहि य नोबारसएण य स ग्रं० १२००० मज्जिया। से तेणद्वेणं जाव समज्जिया वि। ४४. एवं जाव थणियकुमारा। ४५.(१) पुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! पुढविकाइया नो बारसयसमज्जिया, नो नोबारसयसमज्जिया, नो बारसएण यनोबारसएणय समज्जिया, बारसएहिं समज्जिया वि, बारसएहिं य नोबारसएण य समज्जिया वि।(२) से केणटेणं जाव समज्जिया वि? गोयमा ! जे णं पुढविकाइयाणेगेहिं बारसएहिं पवेसणगं पविसंति ते णं पुढविकाइया बारसएहिं समज्जिया । जे णं पुढविकाइया णेगेहिं बारसएहिं; अन्नेण य जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा, उक्कोसेणं एक्कारसएणं पवेसणएणं पविसंति तेणं पुढविकाइया बारसएहि य नोबारसएणय समज्जिया। सेतेणणं जाव समज्जिया वि। ४६. एवं जाव वणस्सइकाइया । ४७. बेइंदिया जाव सिद्धाजहानेरइया। [सु. ४८. बारसयपिडिय-नोबारसयपिडियाईणं चउवीसइदंडयाणं सिद्धाणं च अप्पाबहुयं] ४८. एएसिणं भंते ! नेरइयाणं बारससमज्जियाणं० सव्वेसिं अप्पबहगं जहा छक्कसमज्जियाणं, नवरं बारसाभिलावो, सेसं तं चेव । [सु. ४९.५४. चउवीसइदंडएसु सिद्धेसु य चुलसीतिपिडिय-नोचुलसीतिपिडियाइपयाणं जहाजोगं निरूवणं] ४९. (१) नेरतिया णं भंते ! किं चुलसीतिसमज्जिया, नोचुलसीतिसमज्जिया, चुलसीतीए य नोचुलसीतीते य समज्जिया, म चुलसीतीहिं समज्जिया, चुलसीतीहियनो चुलसीतीहियनो चुलसीतीएय समज्जिया? गोयमा ! नेरतिया चुलसीतिसमज्जिया विजाव चुलसीतीहि य नोचुलसीतीए य समज्जिया वि। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव समज्जिया वि ? गोयमा ! जे णं नेरइया चुलसीतीएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया चुलसीतिसमज्निया । जेणं नेरइया जहन्नेणं एक्केणं वा दोहिं वा तीहिं वा, उक्कोसेणं तेसीतिपवेसणएणं पविसंति ते णं नेरइया नोचुलसीतिसमज्जिया। जेणं नेरइया चुलसीतीएणं; अन्नेण य जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा, उक्कोसेणं तेसीतीएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरतिया चुलसीतीए य नोचुलसीतीए य समज्जिया। जेणं नेरइइया णेगेहिं चुलसीतीएहिं पवेसणगं पविसंति ते णं नेरतिया चुलसीतीहिं समज्जिया। जेणं नेरइया णेगेहिं चुलसीतीएहिं, अन्नेण य जहन्नेणं एक्केण वा जाव उक्कोसेणं तेसीयएणं जाव पवेसणएणं पविसंति ते णं नेरतिया चुलसीतीहि य नोचुलसीतीए य समज्जिया । से तेणद्वेणं जाव समज्जिया वि। ५०. एवं जाव थणियकुमारा । ५१. पुढविकाइया तहेव पच्छिल्लएहिं दोहिं, नवरं अभिलावो चुलसीतिगओ। ५२. एवं जाव वणस्सतिकाइया। ५३. बेइंदिया जाव वेमाणिया जहा नेरइया । ५४. (१) सिद्धाणं पुच्छा । गोयमा ! सिद्धा चुलसीतिसमज्जिता वि, नोचुलसीतिसमज्जिया वि, चुलसीतीए य नोचुलसीतीए य समज्जिया वि, नो चुलसीतीहि समज्जिया, नो चुलसीतीहि य नोचुलसीतीए य समज्जिया। (२) से केणटेणं जाव समज्जिया ? गोयमा ! जे णं सिद्धा चुलसीतीएणं पवेसणएणं F पविसंति ते णं सिद्धा चुलसीतिसमज्जिता । जे णं सिद्धा जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहि वा, उक्कोसेणं तेसीतीएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं सिद्धा नोचुलसीतिसमज्जिया जेणं सिद्धा चुलसीतएणं; अन्नेण य जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा, उक्कोसेणं तेसीतएणं पवेसणएणं पविसंति ते णं सिद्धा चुलसीतीए + यनोचुलसीतीए य समज्जिया। से तेणद्वेणं जाव समज्जिता। [सु. ५५-५६. चुलसीतिपिडिय-नोचुलसीतिपिडियाईणं चउवीसइदंडयाणं सिद्धाणं च अप्पाबहुयं ] ५५. एएसिणं भंते ! नेरतियाणं चुलसीतिसमज्जियाणं नोचुलसीतिसमज्जियाणं० सव्वेसिं अप्पाबहुगं जहा छक्कसमज्जियाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं अभिलावो २ चलसीतओ। ५६. एएसिणं भंते ! सिद्धाणं चुलसीतिसमज्जियाणं, नोचुलसीतिसमज्जियाणं, चुलसीतीए य नोचुलसीतीए य समज्जियाणं कयरे कयरेहितो जाव 活步步步步步勇身功功% %%%% %%% TPPPD -39 %$$$$$$$ $$$ $$ $$$$OOX WOR9坊华乐明明明明明明明明明明明明明明明乐乐明明明明明明明明纸明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明區 Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KGRO (५) भगवई श. २० उ- १० / रा. २९ उ १-८ [ २८३] 原PO विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सिद्धा चुलसीतीए य नोचुलसीतीए य समज्जिया, चुलसीतिसमज्जिया अनंतगुणा, नोचुलसीतिसमज्जिया अनंतगुणा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ । ॥ २०.१०॥5॥ वीसतिमं सयं समत्तं ॥ २० ॥ एगवीसतिमं सयं [सु. १. एगवीसतिमसयस्स अट्ठण्हं वग्गाणं नामाई, असीइउद्देसयसंखा-निरूवणं च ] १. सालि १ कल २ अयसि ३ वंसे ४ उक्खू ५ दब्भे ६ य अब्भ ७ तुलसी ८ य। अट्ठेते दसवग्गा असीति पुण होति उद्देसा ||१||★★★ पढमे 'सालि' वग्गे पढमो उद्देसओ 'मूल' ★★★ [सु. २. पढमवग्गस्सुवुग्धाओ ] २. रायगिहे जाव एवं वयासि [सु. ३-१६. मूलत्ता वक्कंतेसु सालि-वीहिआदिजीवेसु उववाय संखासरीरोगाहणा - कम्मबंध-वेद- उदय उदीरणा लेसा-दिट्ठिआइपयाणं निरूवणं] ३. अह भंते ! साली-वीही गोधूम जवजवणं, एसिणं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति ते णं भंते ! जीवा कओहिंतो उववज्नंति ? किं नेरइएहिंतो उववज्नति, तिरि० मणु० देव० जहा वक्कंतीए तहेव उववातो, नवरं देववज्जं । ४. ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्नंति ? गोयमा ! जहन्त्रेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्ना वा असंखेज्जा वा उववज्र्ज्जति । अवहारो जहा उप्पलुद्देसे (स० ११ उ० १ सु० ७) । ५. एतेसि णं भंते! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं धणुपुहत्तं । ६. ते णं भंते! जीवा नाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं बंधगा, अबंधगा? तहेव जहा उप्पलुद्देसे (स० ११ उ० १ सु०९) । ७. एवं वेदे वि, उदए वि, उदीरणाए वि । ८. ते णं भंते! जीवा किं कण्हलेस्सा नील० काउ० १ छव्वीसं भंगा । ९. दिट्ठी जाव इंदिया जहा उप्पलुद्देसे (स०११ उ० १ सु० १५-३०) । १०. से णं भंते! साली-वीही गोधूम ? जव जवजवगमूलगजीवे कालओ केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं । ११. से णं भंते ! साली वीही- गोधूम ? जव- जवजवगमूलगजीवे पुढविजीवे पुणरवि साली - वीहही जाव जवजवगमूलगजीवे केवतियं कालं सेवेज्जा ?, केवतियं कालं गतिरागतिं करिज्जा ? एवं जहा उप्पलुद्देसे (स० ११ उ० १ सु०३२) १२. एएणं अभिलावेणं जाव मणुस्सजीवे । १३. आहारो जहा उप्पलुद्देसे (स० ११ उ०१ सु० २१)। १४. ठिती जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वासपुहत्तं । १५. समुग्घायसमोहया य उव्वट्टणा य जहा उप्पलुद्देसे (स० ११ उ० १ सु० ४२-४४) । १६. अह भंते! सव्वपाणा जाव सव्वसत्ता साली वीही जाव जवजवगमूलगजीवत्ताए उववन्नपुव्वा ? हंता, गोयमा ! असतिं अदुवा अणंतखुत्तो । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥२१-१.१ ॥ ★★★ पढमे 'सालि' वग्गे बीओ उद्देसओ 'कंदे' ★ ★ ★ [सु. १. कंदत्ताए वक्कंतेसु सालि-वीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं निरूवणं] १. अह भंते! साली वीही जाव जवजवाणं, एएसि णं जे जीवा कंदत्ताए वक्कमंति ते णं भंते ! जीवा कओहिंतो उववज्जंति ? एवं कंदाहिगारेण सो चेव मूलुद्देसो अपरिसेसो भाणियव्वो जाव असतिं अदुवा अणंतखुत्तो। सेवं भंते! सेवं भंते! ति० । ।२१-१.२ ॥ ★★★ पढमे 'सालि' वग्गे तइओ उद्देसओ 'खंधे' ★★★ [सु. १. खंधत्ताए वक्कंतेसु सालि०वीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं निरूवणं ] १. एवं खंधे वि उद्देसओ नेतव्वो ॥२१-१.३ ॥ ★★★ पढमे 'सालि' वग्गे चउत्थो उद्देसओ 'तया' ★★★ सु. १. तयत्ताए वक्कतेसु सालि-वीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं निरूवणं १. एवं तयाए वि उद्देसो । ।।२१-१.४॥ ★★★ पढमे 'सालि' वग्गे पंचमो उद्देसओ 'साले' ★★★ [सु. १. सालत्ताए वक्कंतेसु सालि-वीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं निरूवणं ]१. साले वि उद्देसो भाणियव्वो ॥२१-१.५॥ ★★★ पढमे 'सालि' वग्गे छट्टो उद्देसओ 'पवाल' ★★★ [ सु. १. पवालत्ताए वक्कंतेसु सालिवीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं निरूवणं १. पवाले वि उद्देसो भाणियव्वो। ।।२१-१.६ ।। ★ ★ ★ पढमे 'सालि' वग्गे सत्तमो उद्देसओ 'पत्ते' ★** [सु. १. पत्तत्ताए वक्कंतेसु सालि-वीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं निरूवणं ] १. पत्ते वि उद्देसो भाणियव्वो । एए सत्त वि उद्देसगा अपरिसेसं जहा मूले तहा नेयव्वा ।।।२१-१.७।। ★★★ पढमे 'सालि' वग्गे अट्टमो उद्देसओ 'पुप्फे' ★★★ [सु. १. पुप्फत्ताए वक्कंतेसु सालि-वीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं DOKO श्री आगमगुणमंजूषा ४९८ SO2OK Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ %%%%%%%%%%2 YGROFFFFFFFFFFFFFF (५) भगवई स.२१ उ-८-१०/२.२२ २ ] 15%%ssssssssswwox निरूवणं ] १. एवं पुप्फे वि उद्देसओ, नवरं देवो उववज्जति जहा उप्पलुद्देसे (स०११ उ० १ सु० ५) । चत्तारि लेस्साओ, असीति भंगा। ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलसस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं अंगुलपुहत्तं । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ।।२१-१.८|| मै पढमे 'सालि' वग्गे नवमो उद्देसओ ॥ # 'फल'**[ सु. १. फलत्ताए वक्तंतेसु सालि-वीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं निरूवणं] १. जहा पुप्फे एवं फले वि उद्देसओ अपरिसेसो भाणियव्वो।।२१ १.९|| पढमे 'सालि' वग्गे दसमो उद्दसओ 'बीए'★★★[सु. १. बीयत्ताए वक्रतेसु सालि-वीहिआदिजीवेसु पढमुद्देसगाणुसारेणं निरूवणं ] १. एवं बीए वि उद्देसओ। ॥२१-१.१०||*एए दस उद्देसगा। ॥पढमो वग्गो समत्तो।।॥२१.१|| बितिए 'कल' वग्गे दस उद्देसगा [ सु. १. पढम 'सालि' वग्गाणुसारेणं बिइयस्स कलवग्गस्स निरूवणं ] १. अह भंते! कल-मसूर-तिल-मुग्ग-मास-निप्फाव-कुलत्थ-आलिसंदग-सडिण-पलिमंथगाणं, एएसि फणं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति ते णं भंते ! जीवा कओहिंतो उववज्जति? एवं मुलाईया दस उद्देसगा भाणियव्वा जहेव सालीणं निरवसेसं तहेव ।।।२१-२.१-१०॥ ॥बितिओ वग्गो समत्तो॥२१.२॥ ततिए 'अयसि' वग्गे दस उद्देसगा ** [सु.१. पढमसालिवग्गाणुसारेणं तझ्यस्स अयसिवग्गस्स निरूवणं ]१. अह भंते ! अयसि-कुसुंभ-कोद्दव-कंगु-रालग-वरा-कोइँसा-सण-सरिसव -मूलगबीयाणं, एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति ते णं भंते ! जीवा कओहिंतो उववज्जति ? एवं एत्थ वि मूलाईया दस उद्देसगा जहेव सालीणं निरवसेसं तहेव भाणियव्वं । ॥२१-३.१-१०|| तइओ वग्गो समत्तो ॥२१.३।। चउत्थे वंस' वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. पढमसालिवग्गाणुसारेणं चउत्थस्स वंसवग्गस्स निरूवणं]१. अहभंते ! वंस-वेणु-कणगकक्कावंसचारूवंस-उडाकुडा-विमा-कंडा-वेणुया कल्लाणीणं, एएसिणं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति०? एवं एत्थ वि मूलाईया दस उद्देसगा जहेव सालीणं, नवरं देवो सव्वत्थ वि न उववज्जति । तिन्नि लेसाओ। सव्वत्थ वि छव्वीसं भंगा। सेसं तं चेव । ॥२१-४.१-१०||॥चउत्थो वग्गो समत्तो ॥२१.४॥ पचमे ई 'उक्खु' वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. चउत्थवंसवग्गाणुसारेणं पंचमस्स उक्खुवग्गस्स निरूवर्ण] १. अह भंते ! उक्खु-दक्खुवाडिया-वीरण-इक्कडभमास-सुंठि-सर-वेत्त-तिमिरसतबोरग-नलाणं, एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति०? एवं जहेव वंसवग्गो तहेव एत्थ वि मूलाईया दस उद्देसगा नवरं खंधुद्देसेज देवो उववज्जति । चत्तारि लेसाओ । सेसं तं चेव । ।।२१-५.१-१०॥★★★|पंचमो वग्गो समत्तो।।२१.५॥ छटे 'दब्भ'★★★ वग्गे दस उद्देसगा [सु. * १. चउत्थवंसवग्गाणुसारेणं छट्ठस्स दब्भवग्गस्स निरूवणं ] १. अह भंते ! सेडिय-भंतिय-कोतिय-दब्भ-कुस-पव्वग-पोदइल-अज्जुण-आसाढग-रोहियंस मुतव-खीर-भुस-एरंड-कुरु-कुंद-करकर-सुंठ-विभंगु-महुरयण-थुरग-सिप्पिय-सुकलितणाणं, एएसिणं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति०? एवं एत्थ वि दस उद्देसगा निरवसेसं जहेव वंसवग्गो।।।२१-६.१-१०||★★ाउट्ठोवग्गो समत्तो।।२१.६ सत्तमे 'अब्भ'वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. चउत्थवंसवग्गाणुसारेणं ॥ सत्तमस्स अब्भवग्गस्स निरूवणं ] १. अह भंते ! अब्भरूह-वायाण-हरितग-तंदुलेज्जग-तण-वत्थुल-बोरग-मज्जार-पाइ-विल्लि-पालक्क-दगपिप्पलिय-दव्विसोत्थि-कसाय-मंडुक्कि-मूलग-सरिसव-अंबिल-साग-जियंतगाणं, एएसि णं जे जीवा मूल०? एवं एत्थ वि दस उद्दसगा जहेव वंसवग्गो ।। ।।२१-७.१-१०॥ |सत्तमो वग्गो समत्तो।।२१.७॥ अट्टमे 'तुलसी' वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. चउत्थवंसवग्गाणुसारेणं अट्ठमस्स तुलसीवग्गस्स निरूवणं ]१. अह भंते! तुलसीकण्हदराल-फणेज्जा-अज्जा-भूयणा-चोरा-जीरा-दमणा-मरुया-इंदीवर-सयपुप्फाणं, एतेसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति०? एत्थ वि दस उद्देसगा निरवसेसं जहा वंसाणं । ॥२१-८.१-१०|| ||अट्ठमो वग्गो समत्तो॥२१.८॥**★ एवं एएसु अट्ठसु वग्गेसु असीतिं उद्देसगा भवंति।॥एगवीसतिमं सयं समत्।।२१॥ बावीसइमं सयं सु. १. बावीसइमसयस्स छण्हं वग्गाणं नामाई, सहिउद्दसयसंखानिरूवणं च] १. तालेगट्ठिय १-२ बहुबीयगा ३य गुच्छा ४ य । 明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐55C 货明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明乐乐玩玩乐乐乐历 MoreEEEEEEE 55श्री आगमगुणमजूषा-४९९959555555 2R Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOR555555555555555 (५) भगवई रा. २२ उ-१-६/श. -२३ २८५] ECC8乐乐乐乐乐乐的乐明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐6C गुम्म५ वल्ली ६ य । छ दसवग्गा एए सढेि पुण होति उद्देसा ॥१॥ ★★★ पढमे 'ताल' वग्गे दस उद्देसगा AAA [सु. २. पढमवग्गस्सुवुग्धाओ] २. रायगिहे जाव एवं वयासि- [सु. ३. एगवीसतिमसतपढमवग्गणुसारेणं पढमस्स तालवग्गस्स निरूवणं ] ३. अह भंते ! ताल-तमाल-तक्कलि-तेतलि-सालसरलासारगल्लाणंजाव केयति-कयलि-कंदलि-चम्मरुक्ख-गुंतरुक्ख-हिंगरुक्ख-लवंगरुक्ख-पूयफलि-खजूरि-नालिएरीणं, एएसिणं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति ते णं भंते ! जीवा कओहिंतो उववति?एवं एत्थ वि मूलाईया दस उद्देसगा कायव्वा जहेव सालीणं (स०२१ व०१ उ०१ -१०), नवरं इमं नाणत्तं-मूले कंदे कंधे तयाए साले य, एएसुपंचसु उद्देसगेसुदेवो न उववज्नति; तिण्णि लेसाओ; ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दसवाससहस्साई; उवरिल्लेसु पंचसु उद्देसएसु देवो उववज्जति; चत्तारि लेसाओ; ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वासपुहत्तं; ओगाहणा मूले कंदे धणुपुहत्तं, खंधे तयाए साले य गाउयपुहत्तं, पवाले पत्ते य धणुपुहत्तं, पुप्फे हत्थपुहत्तं, फले बीए य अंगुलपुहत्तं; सव्वेसिं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । सेसं जहा सालीणं । एवं एए दस उद्देसगा । ॥२११.११०|| ★★★|पढमो वग्गो समत्तो||★★★ २२.१|| बीए ‘एगट्ठिय' वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. पढमतालवग्गाणुसारेणं बिइयस्स एगट्ठियवग्गस्स निरूवणं] १. अह भंते ! निबंबं-जंबु-कोसंब-ताल-अंकोल्ल-पीलु-सेलु-सल्लइ-मोयइ-मालुय-बउल-पलास-करंज-पुत्तंजीवग-ऽरिट्ठ-विहेलग-हरियग-भल्लायउंबरिय-खीरणि-धायइ-पियाल-पूइय-णिवाग-सेण्हण-पासिय-सीसव-अयसि-पुन्नाग-नागरुक्ख-सीवण्णि-असोगाणं, एएसिणं जे जीवा मुलत्ताए वक्कमंति०? एवं मूलाईया दस उद्देसगा कायव्वा निरवसेसं जहा तालवग्गे । ॥२२-२.१-१०॥॥बितिओ वग्गो समत्तो ।।२२.२॥ * तइए 'बहुबीयग' वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. पढमतालवग्गाणुसारेणं तइयस्स बहुबीयगवग्गस्स निरूवणं] १. अह भंते! अत्थिय-तेंदुय-बोर-कविट्ठ-अंबाङग-माउलुंग-बिल्लआ-मलग-फणस-दाडिम-आसोट्ठ-उंबर-वड-णग्गोह-नंदिरुक्ख-पिप्पलि-सत्तर-पिलक्खु-रुक्ख-काउंबरिय-कुत्थंभरिय-देवदालि-तिलग-लउय-छत्तोहसिरीस-सत्तिवण्ण-दधि-वण्ण-लोद्ध-धव-चंदण-अज्जुण-णीव-कुडग-कलंबाणं, एएसिणं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति ते णं भंते !०? एवं एत्थ वि ममूलाईया दस उद्देसगा तालवग्गसरिसा नेयव्वा जाव बीयं। ।।२२-३.१-१०॥ ॥तइओ वग्गो समत्तो।।२२.३||★★★चउत्थे 'गुच्छ' वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. एगवीसतिमससतचउत्थवग्गाणुसारेणं चउत्थस्स गुच्छवग्गस्स निरूवणं ]१. अह भंते ! वाइंगणि-अल्लइ-बोंडइ० एवं जहा पण्णवण्णाए गाहाणुसारेणं णेयव्वं जाव गंजपाडला-दासि-अंकोल्लाणं, एएसिणं जे जीवा मूलताए वक्कमंति०? एवं एत्थ वि मूलादीया दस उद्देसगाजाव बीयं ति निरवसेसं जहा वंसवग्गो (स०२१ व०४) |॥२-४.१-१०॥ ॥चउत्थो वग्गो समत्तो॥२२.४||★★★ पंचमे 'गुम्म' वग्गे दस उद्देसगा★★★[सु. १. एगवीसतिमसयपढवग्गाणुसारेणं पंचमस्स गुम्मवग्गस्स निरूवणं ]१. अह भंते ! सिरियक-णवमालिय-कोरंटग-बंधुजीवग-मणोज्जा, जहा पण्णवणाए पढमपए, गाहाणुसारेणं जाव नवणीय-कुंदमहाजातीणं, एएसिणं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति०? एवं एत्थ वि मूलाईया दस उद्देसगा निरवसेसं जहा सालीणं (स०२१ व०१ उ०१-१०)।।।२२५.१-१०॥ पंचमो वग्गो समत्तो ॥२२.५||***छटे 'वल्ली' वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. पढमतालवग्गाणुसारेणं छट्ठस्स वल्लिवग्गस्स निरूवणं] १. अहम भंते! पूसफलि-कालिंगी-तुंबी-तउसी-एला-वालुंकी एवं पदाणि छिदियव्वाणि पण्णवणागाहाणुसारेणं जहा तालवग्गे जाव दधिफोल्लइ-काकलि-मोक्कलिअक्कबोंदीणं, एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति०? एवं मूलाईया दस उद्दसगा कायव्वा जहा तालवग्गे । नवरं फलउद्देसओ, ओगाहणाए जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं धणुपुहत्तं; ठिती सव्वत्थ जहन्नेणं अंतोमुहुत्त, उक्कोसेणं वासपुहत्तं । सेसं तं चेव ।।।२२-६.१-१०॥ **छट्ठो वग्गो समत्तो ॥★★★२२.६।। एवं छसु वि वग्गेसु सढेि उद्देसगा भवंति। ॥वावीसतिर्म सयं समत्तं॥२२॥ तेवीसइमं सयं [ सु. १. तेवीसइमसयस्स मंगलं] १. नमो सुयदेवताए भगवतीए। सु. २. तेवीसइमसयस्स पंचण्हं वग्गाणं नामाइं, पण्णासउद्देसयसंखानिरूवणं च ]२. आलुय १ लोही MeroS 4 55555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५००5555555555555555555555555PORN 30年历听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明FCC Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOLICw蛋乐乐乐明明明明明明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐玩玩乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐FERFGC MAIT9%553FFFFFFF (१) भगवई य.२३ ३.१./स. २४३.१ (२८) 5sXXXXXXXXSAEmer २ अवए ३ पाढा ४ तह मासवण्णि वल्ली य ५॥ पंचेते दसवग्गा पण्णासं होति उद्देसा ॥१||★★★ पढमे 'आलुय' वग्गे दस उद्देसगा [सु. ३. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ ]३. रायगिहे जाव एवं वयासि- [सु. ४. एगवीसतिमसतचउत्थवग्गाणुसारेणं पढमस्स आलुयवग्गस्स निरूवणं ] ४. अह भंते ! आलुयई मूलग-सिंगबेर-हलिद्द-रूरू- कंडरिय-जारू-छीरबिरालि-किट्ठि-कुंथु-कण्हकडभु-मधुपुयलइ-मधुसिंगि-णेरुहा-सप्पसुगंधा-छिन्नरुहा-बीयरुहाणं, एएसि णं जे जीवा मूलत्ताए वक्कमंति०? एवं मूलाईया दस उद्देसगा कायव्वा वंसवग्ग (स०२१ व०४) सरिसा, नवरं परिमाणं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्ना वा असंखेज्जा वा, अणंता वा उववज्जति; अवहारो-गोयमा ! ते णं अणंता समये अवहीरमाणा अवहीरमाणा अणंताहिं ओसप्पिणि-स्सप्पिणीहिं एवतिकालेणं ॥ अवहीरंति, नो चेव णं अवहिया सिया; ठिती जहन्नेण वि उक्कोसेणं वि अंतोमुहत्तं । सेसं तं चेव ।।।२३-१.१-१०|||पढमो वग्गो समत्तो।।२३.१||★★★बिइए 'लोही' वग्गे दस उद्देसगा *** [सु. १. पढमवग्गणुसारेणं बिइयस्स लोहिवग्गस्स निरूवणं ]१. अह भंते ! लोही-णीहू-थीहू-थीभगा-अस्सकण्णीसीहकण्णी-सीउंठी-मुसुंठीणं, एएसिणं जे जीवा मूल०? एवं एत्थ वि दस उद्देसगा जहेव आलुवग्गे, णवरं ओगाहणा तालवग्गसरिसा, सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।२३-२.१-१०|| ||बितियो वग्गो समत्तो ॥२३.२||★★★तइए 'अवय' वग्गे दस उद्देसगा ★★★ [सु. १. पढमवग्गाणुसारेणं तइयस्स अवयवग्गस्स निरूवणं] १. अह भंते ! आय-काय-कुहुण-कुंदुक्क उव्वेहलिय-सफा-सज्झा-छत्ता-वंसाणिय-कुराणं, एएसिणं जे जीवा मूलत्ताए०? एवं एत्थ वि मूलाईया दस उद्देसगा निरवसेसं जहा आलुवग्गे। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०॥२३-३.१-१०॥ ॥ततिओ वग्गो समत्तो॥२३.३| चउत्थे 'पाढा' वग्गे दस उद्देसगा [सु. १. पढमवग्गाणुसारेणं चउत्थस्स पाढावग्गस्स निरूवणं] १. अह भंते! पाडा-मिय-वालुंकि-मधुररस-रायवल्लि-पउम-मोढरिदंति चंडीणं, एएसिणं जे जीवा मूल०? एवं एत्थ वि मूलाईया दस उद्देसगा आलुयवग्गसरिसा, नवरं ओगाहणा जहा वल्लीण, सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते!' त्ति०।२३-४.१-१०॥॥चउत्थो वग्गो समत्तो॥२३.४॥ पंचमे 'मासवण्णी' वग्गे दस उद्देसगा★★★सु. १. पढमवग्गाणुसारेणं पंचमस्स मासवण्णिवग्गस्स निरूवणं] १.अह भंते ! मासपण्णी-मुग्गपण्णी-जीवग-सरिसव-करेणुया-काओलि-खीरकाओलि-भंगि-णहि-किमिरासि-भद्दमुत्थ-णंगलइ-ई पयुयकिण्णा-पयोयलया-ढेहरेणु-या-लोहीणं, एएसिणं जे जीवा मूल०? एवं एत्थ वि दस उद्दसगा निरवसेसं आलुयवग्गसरिसा ।।।२३-५.१-१०॥ पंचमो वग्गो समत्तो॥२३.५।। एवं एएसु पंचसु वि वग्गेसु पण्णासं उद्देसगा भाणियव्व त्ति । सव्वत्थ देवा ण उववज्जति । तिन्नि लेसाओ । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिक तेवीसतिम सयं समत्तं ॥२३|| चउवीसतिमं सयं सु. १. चउवीसइमसयस्स चउवीसइदंडगाभिघेएसु चउवीसइउद्देसएसु उववायपरिमाणाइवीसइदारनिरूवणं] १. उवाय १ परीमाणं २ संघयणुच्चत्तमेव ३-४ संठाणं ५। लेस्सा ६ दिट्ठी ७ णाणे अण्णाणे ८ जोग ९ उवओगे १० ॥१॥ सण्णा ११ कसाय १२ इंदिय १३ समुग्घाए १४ वेदणा १५ य वेदे १६ य । आउं १७ अज्झवसाणा १८ अणुबंधो १९ कायसंवेहो २० ॥२॥ जीवपए जीवपए जीवाणं दंडगम्मि उद्देसो। चउवीसतिमम्मि सए चउवीसं होति उद्देसा ।।३।। पढमो नेरइयउद्देसओ सु. २. पढमुद्देसस्सुवुग्धाओ २. रायगिहे जाव एवं वदासि- सु. ३. गई पडुच्च नरयोववायनिरूवणं ३.१ नेरइया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति ? किं नेरइएहिंतो उववज्जति, तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जंति, मणुस्सेहितो उववज्जति, देवेहितो उववज्जति ? गोयमा ! नो नेरइएहिंतो उववज्जति, तिरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जति, मणुस्सेहितो वि उववज्जंति, नो देवेहिंतो उववज्जति। २ जति तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजति किं एगिंदियतिरिक्खजोणिए-हिंतो उववज्जति, बेइंदियतिरिक्ख०, तेइंदियतिरिक्ख०, चउरिदियतिरिक्ख०, * पंचेदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति? गोयमा ! नो एगिदियतिरिक्खाजेणिएहिंतो उववज्जति, नो बेइंदिय०, नो तेइंदिय०, नो चउरिदिय०, OFF乐乐乐听听听听$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$圳乐乐明明明明明明明明明明明明明約恩 xe05555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५०.55555555555555555555555OOR Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FORG555555555555 (५) भगवई सू. -२४ उ. १ (२८७] $$$ $ $ $ 2C%$$$$$$明明明明明明明明明 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐国乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听乐乐 पंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति । ३ जति पंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति किं सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति, असन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति? गोयमा ! सन्निपंचेदियतितरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जति, असन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहितो वि उववजंति। (४) जति सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति किं जलचरेहितो उववज्जंति, थलचरेहिंतो उववज्जति, खहचरेहिंतो उववज्जति? गोयमा ! जलचरेहितो वि उववज्जति, थलचरेहितो वि उववजंति, खहचरेहितो वि उववज्जति। (५) जति जलचर-थलचर-खहचरेहिंतो उववज्जति किं पज्जत्तएहिंतो उववज्जति, अपज्जत्तएहितो उववज्जति? गोयमा ! पज्जत्तएहिंतो उववज्जति, नो अपज्जत्तएहिंतो उववज्जति। [सु. ४-५०. नरयउववज्जतम्मि पज्जत्तअसन्निपंचेदियतितरिक्खजोणियम्मि म उववाय -परिमाणाइवीसइदारपरूवणं] ४. पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए नेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसु पुढवीसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगाए रयणप्पभाए पुढवीए उववज्जेज्जा। ५. पज्जत्ताअसन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते! ' केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! जहन्नेणं दसवीससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागद्वितीएसु उववज्जेजा। ६. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उववज्जति। ७. तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किंसंघयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सेवट्टसंघयणा पन्नत्ता । ८. तेसिं णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । ९. तेसिणं भंते ! जीवाणं सरीरगा किंसंठिया पन्नत्ता? गोयमा ! हुंडसंठाणसंठिया पन्नत्ता। १०. तेसि णं भंते ! जीवाणं कति लेस्साओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! तिन्नि लेस्साओ पन्नत्ताओ, तं जहा-कण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा।११. ते णं भंते ! जीवा किं सम्मदिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी? गोयमा ! नो सम्मट्ठिी, मिच्छादिट्ठी, नो सम्मामिच्छदिट्ठी। १२. ते णं भंते ! जीवा किं नाणी, अन्नाणी ? गोयमा ! नो नाणी, अन्नाणी, नियम दुअन्नाणी, तं जहा-मतिअन्नाणी य सुयअन्नाणी य।१३. तेणं भंते ! जीवा किंमणजोगी, वइजोगी, कायजोगी? गोयमा ! नो मणजोगी, वइजोगी वि, कायजोगी वि। १४. ते णं भंते ! जीवा किं सागारोवउत्ता ? गोयमा ! सागारोवउत्ता वि, अणागारोवउत्ता वि। १५. तेसिंणं भंते ! जीवाणं कति सन्नाओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! चत्तारि सन्नाओ पन्नत्ताओ, तं जहा-आहारसण्णा भयसण्णा मेहुणसण्णा परिग्गहसण्णा । १६. तेसिं णं भंते ! जीवाणं कति कसाया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि कसाया पन्नत्ता, तं जहा-कोहकसाये माणकसाये मायाकसाये लोभकसाये। १७.तेसिंणं भंते ! जीवाणं कति इंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच इंदिया पन्नत्ता, तं जहा-सोतिदिए चक्खिदिए जाव फासिदिए । १८. तेसि णं भंते ! जीवाणं कति समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! तओ समुग्घाया पन्नत्ता, तं जहा-वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए। १९. ते णं भंते ! जीवा किं सायावेदगा, असायावेदगा ? गोयमा ! सायावेदगा वि, असातावेदगा वि । २०. ते णं भंते ! जीवा किं इत्थिवेदगा, पुरिसवेदगा, नपुंसगवेदगा ? गोयमा ! नो इत्थिवेदगा, नो पुरिसवेदगा, नपुंसगवेदगा। २१. तेसि णं भंते ! जीवाणं केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । २२. तेसि णं भंते ! जीवाणं केवतिया अज्झवसाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा अज्झवसाणा पन्नत्ता । २३. ते णं भंते ! किं पसत्था, अप्पसत्था ? गोयमा ! पसत्था वि, अप्पसत्था वि । २४. से णं भंते ! 'पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिये' इति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । २५. से णं भंते ! 'पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए रयणप्पभापुढ विनेरइए पुणरवि 'पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए' त्ति केवतियं कालं सेवेज्जा ?, केवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाइं; कालाएसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागं पुव्वकाडिअब्भहियं; एवतियं काल सेवेज्जा, एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा। सु. ५-२५ पढमो गमओ। २६. पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए जहन्नकालद्वितीएसु रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से रणं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेण वि दसवाससहस्सद्वितीयेसु उववज्जेज्जा । २७. ते णं भंते ! जीवा meros ###555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५०२ 5555555555555555555 Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOTO乐乐乐听乐乐明明明明明 乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$45CM (५) भगवई श..२४ उ.१ २८८] SENSESXNXXSXSIHDog एगसमएणं केवतिया उववज्जति ? एवं स च्चेव वत्तव्वता निरवसेसा भाणियव्वा जाव अणुबंधो त्ति। २८. से णं भंते ! पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए जहन्नकालद्वितीयरयणप्पभापुढविणेरइए जहनन्नकाल० पुणरवि पज्जत्तअसण्णि जाव गतिरागतिं करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं दो भवग्गहणाई, कालाएसेणं जहन्नेणं दसवीससहस्साइं अंतोमुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं पुव्वकोडी दसहिं वीससहस्सेहिं अब्भहिया, एवतियं कालं सेवेज्जा, एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा। सु० २६-२८ बीओ गमओ । २९. पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए उक्कोसकालद्वितीयेसु रतणप्पभापुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालट्ठितीएसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेजतिभागद्वितीएसु उववज्जेज्जा, उक्कोसेण वि पलिओवमस्स असंखेजतिभागट्टितीएसु उववज्जेज्जा।३०. तेणं भंते ! जीवा० ? अवसेसंतंचेव जाव अणुबंधो। ३१. सेणं भंते ! पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए उक्कोसकालद्वितीरयणप्पभापुढविनेरइए उक्कोस० पुणरवि पज्जत्ता जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवाएसेणं दो भवग्गहणाइं; कालादेसेणं जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेजतिभागं अंतोमुहुत्तमब्भहिंय, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजतिभागं पुव्वकोडिअब्भहियं; एवतियं कालं सेवेज्जा, एवइयं कालं गतिरागतिं करेजा। सु०२९-३१ तइओ गमओ । ३२. जहन्नकालद्वितीयपज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागट्टितीएसु उववज्जेज्जा। ३३. (१) ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केव०? अवसेसं तं चेव, णवरं इमाइं तिन्नि णाणत्ताइं-आउं अज्झवसाणा अणुबंधो य। ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । (२) तेसि णं भंते ! जीवाणं केवतिया अज्झवसाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा अज्झवसाणा पन्नत्ता। (३) ते णं भंते ! किं पसत्था, अप्पसत्था ? गोयमा ! नो पसत्था, अप्पसत्था। (४) अणुबंधो अंतोमुहुत्तं । सेसं तं चेव । ३४. से णं भंते ! जहन्नकालद्वितीयपज्जत्तअसन्निपंचेदियरयणप्पभा जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवाएसेणं दो भवग्गहणाइं; कालादेसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तअब्भहियाई, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागं अंतोमुहुत्तमब्भहियं, एवतियं कालं सेविज्जा जाव करेजा। सु० ३२-३४ चउत्थो गमओ । ३५. जहन्नकालद्वितीयपज्जत्ताअसन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए जहन्नकालट्ठितीएसु रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववजित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु उवज्जेज्जा, उक्कोसेण वि दसवाससहस्सद्वितीएसु उववज्जेज्जा। ३६.तेणं भंते! जीवा० । सेसं तं चेव। ताइं चेव तिन्नि णाणत्ताइं जाव- ३७. सेणं भंते ! जहन्नकालद्वितीयपज्जत्ता जाव जोणिए जहन्नकालद्वितीयरयणप्पभापुढवि० पुणरवि जाव भवाएसेणं दो भवग्गहणाई; कालाएसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्महियाई, उक्कोसेण वि दसवाससहस्साई अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं; एवइयं कालं सेवेज्जा जाव करेजा। सु० ३५-३७ पंचमो गमओ । ३८. जहन्नकालद्वितीयपज्जत्ता जाव तिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए उक्कोसकालद्वितीएसु रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालट्ठितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेजतिभागद्वितीएसु उववज्जेज्जा, उक्कोसेण वि पलिओवमस्स असंखेजतिभागट्टितीएसु उवज्जेज्जा । ३९. ते णं भंते ! जीवा० ? अवसेसं तं चेव । ताइं चेव तिन्नि नाणत्ताइं जाव- ४०. से णं भंते ! जहन्नकालट्ठितीयपज्जत्ता जाव तिरिक्खजोणिए उक्कोसकालद्वितीयरयण जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवाएसेणं दो भवग्गहणाइं; कालाएसेणं जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागं अंतोमुत्तमब्भहियं, उक्कोसेण वि पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागं अंतोमुहुत्तमब्भहियं एवतियं कालं जाव करेज्जा। सु० ३८-४० छट्ठो गमओ | ४१. उक्कोसकालद्वितीयपज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकाल जाव उववज्नेज्जा? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सट्टितीएसु, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभाग जाव उववज्जेज्जा । ४२. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० ? अवसेसं जहेव ओहियगमए तहेव अणुगंतव्वं, नवरं इमाइं दोन्नि नाणत्ताई-ठिती जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी । एवं अणुबंधो वि । अवसेसं तं चेव । ४३. से णं भंते ! उक्कोसकालद्वितीयपज्जत्ताअसन्नि जाव तिरिक्खजोणिए रतणप्पभा० भवाएसेणं दो भवग्गहणाइं; कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, GorosFFFFF#55555555555 5 श्री आगमगुणमजूषा - ५०३ 555555555555555555555$$OOK 明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明屬 Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ R (५) भगवई स. २४ उ १ [ २८९] उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुव्वकोडीए अब्भहियं; एवतियं जाव करेज्जा। सु० ४१-४३ सत्तमो गमओ । ४४. उक्कोसकालद्वितीयपज्जत्तातिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए जहन्नकालद्वितीएस रयण जाव उववज्जित्तए से णं भंते! केवति० जाव उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्त्रेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेण वि दसवाससहस्सट्ठितीएसु उववज्जेज्जा । ४५. ते णं भंते १० ? सेसं तं चेव जहा सत्तमगमे जाव - ४६. से णं भंते ! उक्कोसकालद्विती० जाव तिरिक्खजोणिए जहन्नकालद्वितीयरयणप्पभा० जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवाएसेणं दो भवग्गहणाई; कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, एवतियं जाव करेज्जा। सु० ४४-४६ अट्ठमो गमओ । ४७. उक्कोसकालद्वितीयपज्जत्ता० जाव तिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए उक्कोसकालट्ठितीएस रयण० जाव उववज्जित्तए से णं भंते! केवतिकाल० जाव उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखज्जतिभागट्ठितीएसु, उक्कोसेण वि पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागद्वितीएसु उववज्जेज्जा । ४८. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० ? सेसं जहा सत्तमगमए जाव - ४९. से णं भंते ! उक्कोसकालद्वितीयपज्जत्ता० जाव तिरिक्खजोणिए उक्कोसकालद्वितीयरयणप्पभ० जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवाएसेणं दो भवग्गहणाई; कालाएसेणं जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागं पुव्वकाडीए अब्भहियं, उक्कोसेणं वि पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागं पुव्वकोडिमब्भहियं; एवतियं कालं सेवेज्जा जाव करेज्जा । सु० ४७-४९ नवमो गमओ । ५०. एवं एए ओहिया तिणि गमगा, जहन्नकालट्ठितीएसु तिन्नि गमगा, उक्कोसकालट्ठितीएसु तिन्नि गमगा; सव्वते नव गमा भवंति । [ सु. ५१-९१. नरयउववज्जं तम्मि पज्जत्तसन्निसंखे ज्जवासाउयपंचें दियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ५१. जदि सन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति किं संखेज्जवासाउयसन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति, असंखेज्नवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्ख० जाव उववज्जंति ? गोयमा ! संखेज्जवाससाउयसण्णिपंचेंदिय० जाव उववज्जंति, नो असंखेज्जवासाउय० जाव उववज्जति । ५२. जदि संखेज्जवासाउयसन्निपंचेदिय जाव उववज्जति किं जलचरेहिंतो उववज्जति १० पुच्छा। गोयमा ! जलचरेहिंतो उववज्जंति जहा असन्नी जाव पज्जत्तएहिंतो उववज्र्ज्जति, नो अपज्जत्तएहिंतो उववज्जति । ५३. पज्जत्तासंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए नेरइएस उववज्जित्तए से णं भंते! कतिसु पुढवीसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! सत्तसु पुढवीसु उववज्जेज्जा, तं जहा रयणप्पभाए जाव अहेसत्तमाए । [ सु. ५४-७६. रयणप्पभानरयउववज्र्ज्जतम्मि पज्जत्तसन्निसंखेज्जवासाउयपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ५४. पज्जत्तासंखेज्नवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए रयणप्पभपुढविनेरइएस उववज्जित्तए से भंते ! केवतिकालट्ठितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्त्रेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं सागरोवमट्ठितीएस उववज्जेज्जा । ५५. ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जंति ? जहेव असन्नी । ५६. तेसि णं भंते! जीवाणं सरीरगा किंसंघयणी पन्नत्ता ? गोयमा ! छव्विहसंघयणी पन्नत्ता, तं जहा वइरोसभनारायसंघयणी उसभनारायसंघयणी जाव सेवट्टसंघयणी । ५७. सरीरोगाहणा जहेव असन्नीणं । ५८. तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किंसंठिया पन्नत्ता ? गोयमा । छव्विहसंठिया पन्नत्ता, तं जहा-समचतुरंस० नग्गोह० जाव हुंडा० । ५९. (१) तेसि णं भंते ! जीवाणं कति लेस्साओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! छल्लेसाओ पन्नत्ताओ, तं जहाकण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा। (२) दिट्ठी तिविहा वि । तिन्नि नाणा, तिन्नि अन्नाणा भयणाए । जोगो तिविहो वि। सेसं जहा असण्णीणं जाव अणुबंधो। नवरं पंच समुग्धाया आदिल्लगा । वेदो तिविहो वि, अवसेसं तं चेव जाव- ६०. से णं भंते! पज्जत्तासंखेज्जवासाउय जाव तिरिक्खजोणिए रयणप्पभ० जाव करेज्जा ? गोयमा ! भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणावं । कालाएसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साई अंतोमुहुत्तमब्भहियाइ, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाइं चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई । एवतियं कालं सेवेज्जा जाव करेज्जा । सु० ५४-६० पढमो गमओ । ६१. पज्जत्तसंखेज्ज जाव जे भविए जहन्नकाल जाव से णं भंते ! केवतिकालट्ठितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्त्रेणं दसवाससहस्सट्ठितीएसु, उक्कोसेण वि दसवाससहस्सट्ठितीएसु जाव उववज्जेज्जा । ६२. ते णं भंते ! जीवा० एवं सो पढमगमओ निरवसेसो नेयव्वो जाव कालादेसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्से हिं COOK श्री आगमगुणमजूषा - ५०४ Xx Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ YOKO5555555555555明 (५) भगवई स. २४ उ.१ [२९०] 15555555%8885EHENOK OTC明明听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐 听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐$$$$乐明明听60 अब्भहियाओ; एवतियं कालं सेवेज्जा०। सु०६१-६२ बीओ गमओ । ६३. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं सगरोवमद्वितीएसु, उक्कोसेण वि. सागारोवमद्वितीएसु उववज्जेज्जा। अवसेसो परिमाणादीओ भवादेसपज्जवसाणो सो चेव पढमगमो नेयव्वो जाव कालाएसेणं जहन्नेणं सागारोवमं अंतोमुत्तमब्भहियं, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाइं चउहि पुत्वकोडीडि अब्भहियाइं; एवतियं कालं सेविज्जा० । सु. ६३ तइओ गमओ । ६४. जहन्नकालद्वितीयपज्जत्तासंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए रयणप्पभपुढवि जाव उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं सागारोवमद्वितीएसु उववज्जेजा। ६५. ते णं भंते ! जीवा०? अवसेसो सो चेव गमओ। नवरं इमाइं अट्ठणाणत्ताई-सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं धणुपुहत्तं १ । लेस्साओ तिण्णि आदिल्लाओ २। नो सम्मद्दिट्ठी, मिच्छद्दिट्ठी, नो सम्मामिच्छादिट्ठी ३ । दो अन्नाणा णियम ४ । समुग्घाया आदिल्ला तिन्नि ५ । आउं ६, अज्झवसाणा ७, अणुबंधो ८ य जहेव असन्नीणं । अयसेसं जहा पढमे गमए जाव कालादेसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साइं अंतोमुत्तमन्भहियाइं; उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाई चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं; एवतियं कालं जाव करेज्जा । सु०६४-६५ चउत्थो गमओ । ६६. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेण वि दसवाससहस्सद्वितीएसु उववज्जेज्जा। ६७. ते णं भंते !०? एवं सो चेव चउत्थो गमओ निरवसेसो भाणियव्वो जाव कालाएसेणं जहन्नेणं दसवाससहस्साइं अंतोममुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं चत्तालीसं वाससहस्साई चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं; एवतियं जाव करेजा। सु० ६६-६७ पंचमो गमओ । ६८. सो च्चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं सागारोवमद्वितीएसुउववज्जेज्जा, उक्कोसेण वि सागारोवद्वितीएसुउववज्जेज्जा। ६९. ते णं भंते! एवं सो चेव चउत्थो गमओ निरवसेसो भाणियन्वो जाव कालादेसेणं जहन्नेणं सागारोवमं अंतोमुत्तमब्भहिंय, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाइं चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं, एवतियं जाव करेज्जा। सु०६८-६९ छट्ठो गमओ। ७०. उक्कोसकालद्वितीयपज्जत्तासंखेज्जवासा० जाव तिरिक्खजोणिए णं भंते ! जाव रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं सागारोवमद्वितीएसु उववज्जेज्जा। ७१. ते णं भंते ! जीवा०? अवसेसो परिमाणादीओ भवादेसपज्जवसाणो एतेसिं चेव पढमगमओ णेतव्वो, नवरं ठिती जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुवकोडी। एवं अणुबंधो वि। सेसं तं चेव । कालादेसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाई चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भयाहिइं; एवतियं कालं जाव करेजा। सु०७०-७१ सत्तमो गमओ । ७२. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेण वि दसवाससहस्सद्वितीएसु उववज्जेज्जा । ७३. ते णं भंते ! जीवा०? सो चेव सत्तमो गमओ निरवसेसो भाणियव्वो जाव भवादेसो त्ति | कालादेसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहिआओ; एवतियं जाव करेजा। सु०७२-७३ अट्ठमो गमओ।७४. उक्कोसकालद्वितीयपज्जत्ता जाव तिरिक्खजोणिए भंते ! जे भविए उक्कोसकालद्वितीय जाव उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा? गोयमा ! जहन्नेणं सागारोवमद्वितीएसु, उक्कोसेण वि सागारोवमट्टितीएसु उववज्जेज्जा । ७५. ते णं भंते ! जीवा० ? सो चेव सत्तमगमओ निरवसेसो भाणियव्वो जाव भवादेसो त्ति । कालादेसेणं जहन्नेणं सागारोवमं पुव्वकोडीए अब्भहियं, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाइं चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई; एवइयं जाव करेज्जा। सु०७४-७५ नवमो गमओ । ७६. एवं एते नव गमगा उक्खेवनिक्खेवओ नवसु विजहेव असन्नीणं। [सु.७७-८०. सक्करप्पमाइतमापुढविनरयउववज्जतम्मि पज्जत्तसन्निसंखेज्जवासाउयपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं] ७७. पज्जत्तासंखेजवासाउयसण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए णेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं सागारोवमहितीएसु, उक्कोसेणं तिसागरोवमट्टितीएसु उववज्जेज्जा। ७८. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं०? एवं जं च्चेव रयणप्पभाए उववज्जतगस्स लद्धी स च्चेव निरवसेसा भाणियव्वा जाव भवादेसो त्तिा कालादेसेणं जहन्नेणं सागारोवमं अंतोमुहत्तमब्भहिंय, उक्कोसेणं .. 的乐坊乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$听听听听听听听听听乐纸听听听听听听听听听听听听$2. GORIEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEMEभीमान - ॥ ॥ ॥ ॥ O Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स.-२४ उ-१ [२९१] 西历历历历历历万年历 955555555OXOR FORO55555555555555555555555555555555 बारस सागारोवमाइं चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं; एवतियं जाव करेजा। ७९. एवं रयणप्पभपुढविगमगसरीसा नव वि गमगा भाणियव्वा, नवरं सव्वगमएसुवि नेरइयद्विती-संवेहेसु सागरोवमा भाणितव्वा । ८०. एवं जाव छठ्ठपुढवि त्ति, णवरं नेरइयठिती जा जत्थ पुढवीए जहन्नुक्कोसिया सा तेणं चेव कमेणं चउग्गुणा कायव्वा, वालुयप्पभाए अट्ठावीसं सागारोवमा चउग्गुणिया भवंति, पंकप्पभाए चत्तालीसं, धूमप्पभाए अट्ठसट्टि, तमाए अट्ठासीति । संघयणाई वालुयप्पभाए पंचविहसंघयणी, तं जहा-वइरोसभनाराय जाव खीलियासंघयणी। पंकप्पभाए चउव्विहसंघयणी । धूमप्पभाए तिविहसंघयणी। तमाए दुविहसंघयणी, तं जहावइरोसभनारायसंघयणीय उसभनारायसंघयणी य सेसंतं चेव। [सु. ८१-९१. अहेसत्तमनरयउववज्जतम्मि पज्जत्तसन्निसंखेज्जवासाउयपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ८१. पज्जत्तासंखेज्जवासाउय जाव तिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए अहेसत्तमपुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं बावीससागारोवमहितीएसु, उक्कोसेणं तेत्तीससागारोवमद्वितीएसु उववज्जेज्जा। ८२. ते णं भंते ! जीवा०? एवं जहेव रयणप्पभाए णव गमका, लद्धी वि स च्चेव; णवरं वइरोसभनारायसंघयणी, इत्थिवेदगा न उववज्जति । सेसं तं चेव जाव अणुबंधो त्ति । संवेहो भवाएसेणं जहन्नेणं तिण्णि भवग्गहणाई, उक्कोसेणं सत्त भवग्गहणाइं; कालाएसेणं जहन्नेणं बावीसंसागारोवमाइंदोहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं; उक्कोसेणं छावढिं सागारोवमाइं चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई; एवतियं जाव करेज्जा १ । सु०८१-८२ पढमो गमओ । ८३. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, स च्चेव वत्तव्वया जाव भवादेसो त्ति । कालाएसेणं जहन्नेणं, कालादेसो वि तहेव जाव चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं जाव करेज्जा। सु० ८३ बीओ गमओ । ८४. सो चेव है उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, सच्चेव लद्धी जाव अणुबंधो त्ति, भवाएसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई, उक्कोसेणं पंच भवग्गहणाइं; कालाएसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागारोवमाइं दोहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई, उक्कोसेणं छावढिं सागारोवमाइं तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं; एवतियं जाव करेज्जा। सु० ८४ तइओ गमओ। ८५. सो चेव जहन्नकालद्वितीओ जाओ, स च्वेव रयणप्पभपुढविजहन्नकालद्वितीयवत्तव्वता भाणियव्वा जाव भवादेसो त्ति । नवरं पढमं संघयणं; नो इत्थिवेदगा; भवाएसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई, उक्कोसेणं सत्त भवग्गहणाइं; कालाएसेणं जहन्नेणं बावीसं सागारोवमाइं दोहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई, उक्कोसेणं छावट्ठि सागारोवमाइं चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं; एवतियं जाव करेज्जा। सु०८५ चउत्थो गमओ । ८६. सोचेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, एवं सो चेव चउगमओ निरवसेसो भाणियव्वो जाव कालादेसो त्ति। सु० ८६ पंचमो गमओ । ८७. सो चेव उउक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, सच्चेव लद्धी जाव अणुबंधो त्ति । भवाएसेणं है जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाइं, उक्कोसेणं पंच भवग्गहणाई। कालाएसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागारोवमाइंदोहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई, उक्कोसेणं छावढेि सागारोवमाइंई तिहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं, एवतियं कालं जाव करेज्जा। सु०८७ छ8ो गमओ । ८८. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ, जहन्नेणं बावीससागारोवमद्वितीएसु, उक्कोसेणं तात्तीससागारोवमद्वितीएसु उववज्जेज्जा। ८९. ते णं भंते !०? अवसेसा सच्चेव सत्तमपुढविपढमगमगवत्तव्वया भाणियव्वा जाव भवादेसो त्ति, नवरं ठिती अणुबंधो य जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी । सेसं तं चेव । कालाएसेणं जहन्नेणं बवीसं सागारोवमाइं दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं, उक्कोसेणं छावहिसागगारोवमाइंचउहि पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं जाव करेज्जा। सु०८८-८९ सत्तमो गमओ । ९०. सोचेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, सच्चेव लद्धी, संवेहो वि तहेव सत्तमगमगसरिसो। सु०९० अट्ठमो गमओ । ९१. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, एसा चेव लद्धी जाव अणुबंधो त्ति । भवाएसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई, उक्कोसेणं पंच भवग्गहणाई । कालाएसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागारोवमाई दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं, उक्कोसेणं छावढि सागारोवमाइं तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं कालं सेवेज्जा जाव करेज्जा। सु० ९१ नवमो गमओ । [सु. ९२-११७. नरयउववज्जतम्मि पज्जत्तसन्निसंखेज्जवासाउयमणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं]९२. जइ मणुस्सेहिंतो उववज्जति किं सन्निमणुस्सेहिंतो उववज्जंति, असन्निमणुस्सेहितो १ उववज्जति? गोयमा ! सन्निमणुस्सेहितो उववज्जंति, नो असन्निमणुस्सेहितो उववज्जति । ९३. जति सन्निमणुस्सेहितो उववज्जति किं संखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सेहितो Kero 555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ५०६ $$$$$$$$$$OOR UG乐乐乐乐乐坂听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听G Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. २४१ [२९२] फ्र उववज्जंति, असंखेज्जवा० जाव उववज्जंति ? गोयमा ! संखेज्जवासाउयसन्निमणु०, नो असंखेज्जवासाउय जाव उववज्जति । ९४. जदि संखेज्जवासा० जाव उववज्जंति किं पज्जत्तासंखेज्जवासाउय०, अपज्जत्तासंखेज्जवासाउय० ? गोयमा ! पज्जत्तसंखेज्जवासाउय०, नो अपज्जत्तासंखेज्जवासाउय० जाव उववज्र्ज्जति । ९५. पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्से णं भंते! जे भविए नेरइएस उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसु पुढवीसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! सत्तसु पुढवीसु उववज्जेज्जा, तं जहा- रयणप्पभाए जाव अहेसत्तमाए । [ सु. ९६ -१०५. रयणप्पभानरयउववज्जं तम्मि पज्जत्तसन्निसंखेज्जवासाउयमणुस्सम्मि उववायपरिमाणाइवीसइदारपरूवणं] ९६. पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्स णं भंते ! जे भविए रतणप्पभपुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवासहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं सागारोवमट्टितीएस उववज्जेज्जा । ९७. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उववज्जंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्ना उववज्र्ज्जति । संघयणा छ । सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलपुत्तं, उक्कोसेणं पंच धणुसयाई । एवं सेसं जहा सन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं जाव भवादेसो त्ति, नवरं चत्तरि नाणा, तिन्नि अन्नाणा भयणाए, छ समुग्धाया केवलिज्जा; ठिती अणुबंधो य जहन्नेणं मासपुहत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । सेसं तं चेव । कालाएसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्सइं मासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाइं चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं जाव करेज्ना । सु० ९६-९७ पढमो गमओ । ९८. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं कालादेसेणं जहन्त्रेणं दस वाससहस्साई मासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियाओ, एवतियं० । सु० ९८ बीओ गमओ । ९९. सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वत्ता, नवरं कालाएसेणं जहन्त्रेणं सागारोवमं मासपुहत्तमब्भहियं, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमासं चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं जाव करेज्जा | सु० ९९ तइओ गमओ । १००. सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठितीओ जाओ, एसा चैव वत्तव्वता, नवरं इमाई पंच नाणत्ताइं - सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलपुत्तं, उक्कोसेण वि अंगुलपुहत्तं १, तिन्नि नाणा, तिन्नि अन्नाणा भयणाए २, पंच समुग्धाया आदिल्ला ३, ठिती ४ अणुबंधो ५ य जहन्नेणं मासपुहत्तं, उक्कोसेण वि मासपुहुत्तं । सेसं तं चैव जाव भवादेसो त्ति । कालादेसेणं जहन्त्रेणं दस वाससहस्साइं मासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाइं चउहिं मासपुहत्ते हिं अब्भहियाइं, एवतियं जाव करेज्जा। सु० १०० चउत्थो गमओ । १०१. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया चउत्थगमगसरिसा, नवरं कालाएसेणं जहन्त्रेणं दस वाससहस्साइं मासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं चत्तालीसं वाससहस्साइं चउहिं मासपुहत्तेहिं अब्भहियाई, एवतियं जाव करेज्जा | सु० १०१ पंचमो गमओ । १०२. सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएस उववन्नो, एस चेव गमगो, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं सागारावमं मासपुहत्तमब्भहियं, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाइं चउहिं मासपुहत्तेहिं अब्भहियाई, एवतियं जाव करेज्ना । सु० १०२ छट्टो गमओ । १०३. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठितीओ जातो, सो चेव पढमगमओ नेतव्वो, नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं पंच धणुसयाई, उक्कोसेण वि पंच धणुसयाई; ठिती जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुब्वकोडी; एवं अणुबंधो वि, कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाइं चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं कालं जाव करेज्जा । सु० १०३ सत्तमो गमओ । १०४. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएस उववन्नो, स च्चेव सत्तमगमगवत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्त्रेणं पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्से हिं अब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चत्तालीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियाओ, एवतियं कालं जाव करेज्ना । सु० १०४ अट्ठमो गमओ । १०५. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएस उववन्नो, सा चेव सत्तमगमगवत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्त्रेणं सागारोवमं पुव्वकोडीए अब्भहियं, उक्कोसेणं चत्तारि सागारोवमाई चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं कालं सेवेज्जा जाव करेज्जा । सु० १०५ नवमो गमओ । [ सु. १०६-१०. सक्करप्पभानरयउववज्जं तमि पज्जत्तसन्निसंखेज्जवासाउयमणुस्सम्मि उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ]१०६. पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए COOK श्री आगमगुणमंजूषा - ५०७ ॐ ॐ ॐ Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ COCO%%%% %%% %% (५) भगवई श. -२४ -१.२ (२९३] C%%$$$$$$$$$$$$$ Ho555555555555555555555555 नेरइएसु जाव उववज्जित्तए से णं भंते ! केवति जाव उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं सागारोवमट्टितीएसु, उक्कोसेणं तिसागारोवमद्वितीएसु उववज्जेज्जा । १०७. ते णं भंते !०? एवं सो चेव रयणप्पभपुढविगमओ नेयव्वो, नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं रयणिपुहत्तं, उक्कोसेणं पंच धणुसयाई; ठिती जहन्नेणं वासपुहत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी; एवं अणुबंधो वि। सेसंतं चेव जाव भवादेसो त्ति; कालाएसेणं जहन्नेणं सागारोवमं वासपुहत्तमब्भहियं, उक्कोसेणं बारस सागारोवमाइं चउहिं पुव्वाकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं जाव करेज्जा । १०८. एवं एसा ओहिएसु तिसु गमएसु मणूसस्स लद्धी, नाणत्तं नेरइयट्ठितिं कालाएसेणं संवेहं च जाणेज्जा। सु० १०६-८ पढम-बीय-तइयगमा । १०९. सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ, तस्स वि तिसु गमएसु एसा चेव लद्धी; नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं रयणिपुहत्तं, उक्कोसेण वि रयणिपुहत्तं; ठिती जहन्नेणं वासपुहत्तं, उक्कोसेण वि वासपुहत्तं; एवं अणुबंधो वि। सेसं जहा ओहियाणं । संवेहो उवजुंजिऊण भाणियव्वो। सु० १०९ चउत्थ-पंचम-छट्ठगमा । ११०. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठितीओ जाओ, तस्स वि तिसु वि गमएसु इमं णाणत्तं-सरीरोगाहणा जहन्नेणं पंच धणुसयाई, उक्कोसेण वि पंच धणुसयाइं; ठिती जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी; एवं अणुबंधो वि । सेसं जहा पढमगमए, नवरं नेरइयठिती कायसंवेहं च जाणेज्जा। · सु० ११० सत्तम-अट्टम-नवमगमा । [सु. १११. वालुया-पंक-धूम-तमानरयउववज्जतम्मि पज्जत्तसन्निसंखेज्जवासाउयमणुस्सम्मि उववायपरिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १११. एवं जाव छट्ठपुढवी, नवरं तच्चाए आढवेत्ता एक्केक्कं संघयणं परिहायति जहेव तिरिक्खजोणियाणं; कालादेसों वि तहेव, नवरं मणुस्सद्विती जाणियव्वा। [सु. ११२-१७. अहेसत्तमनरयउववज्जतम्मि पज्जत्तसन्निसंखेजवासाउयमणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ११२. पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए अहेसत्तमपुढविनेरइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं बावीससागरोवमट्टितीएसु, उक्कोसेणं तेत्तीससागरोवमद्वितीएसु उववज्जेज्जा । ११३. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० ? अवसेसो सो चेव सक्करप्पभापुढविगमओ नेयव्वो, नवरं पढम संघयणं, इत्थिवेदगा न उववज्जति । सेसं तं चेव जाव अणुबंधो त्ति । भवादेसेणं दो भवग्गहणाई; कालादेसेणं जहन्नेणं बावीसं सागारोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागारोवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई, एवतियं जाव करेजा। सु० ११२-१३ पढमो गमओ । ११४. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं नेरइयट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा। सु० ११४ बीओ गमओ । ११५. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं संवेहं जाणेज्जा। सु० ११५ तइओ गमओ | ११६. सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठितीओ जाओ, तस्स वि तिसु वि गमएसु एसा चेव वत्तव्वया, नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं रयणिपुहत्तं, उक्कोसेण विरयणिपुहत्तं, ठिती जहन्नेणं वासपुहत्तं, उक्कोसेण विवासपुहत्तं; एवं अणुबंधो वि; संवेहो उवजुंजिऊण भाणियव्वो। सु० ११६ चउत्थ-पंचम-छट्ठगमा । ११७. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ, तस्स वि तिसु वि गमएसु एसा चेव वत्तव्वया, नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं पंच धणुसयाई, उक्कोसेण वि पंच धणुवयाई; ठिती जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी; एवं अणुबंधो वि | नवसु वि एएसु गमएसु नेरइयट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा । सव्वत्थ भवग्गहणाई दोन्नि जाव नवमगमए कालादेसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागारोवमाइं पुवकोडीए अब्भहियाई, उक्कोसेण वि तेत्तीसं सागारोवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाइ, एवतियं कालं सेवेज्जा, एवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा। सु० ११७ सत्तम-अट्ठम-नवमगमा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति ★★★। चउवीसरमसते पढमो॥२४.१॥★★★ [सु. १. बिइउद्देसगस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासि- [सु. २. गईं पडुच्च असुरकुमारोववायनिरूवणं] २. असुरकुमाराणं भंते ! कओहिंतो उववज्जति ? किं नेरइएहिंतो उववज्जति, तिरि-मणु-देवेहिंतो उववज्जति ? गोयमा ! णो णेरतिएहितो उववज्जं ति, तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजति, मणुस्से हिंतो उववज्जति, नो देवे हितो उववज्जति । [सु. ३-४. असुरकु मारोववजंतम्मि पज्जत्तअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं] ३. एवं जहेव नेरइयउद्देसए जाव पज्जत्ताअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! $听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐SO思 KOROS555555555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ५०८5555555555555555555FOLOR Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. २४ उ १.२ [२९४) जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवतिकालद्वितीएस उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीयेसु, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागकालट्ठितीएसु उववज्जेज्जा । ४. ते णं भंते ! जीवा० ? एवं रयणप्पभागमगसरिसा नव वि गमा भाणियव्वा, नवरं जाहे अप्पणा जहन्नकालद्वितीयो भवति ताहे अज्झवसाणापसत्था, नो अप्पसत्था तिसु वि गमएसु । अवसेसं तं चेव । गमा १९ ॥ [ सु. ५. संखेज्जवासाउयअसंखेज्जवासाउयसन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं असुरकुमारोववायनिरूवणं ] ५. जदि सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति किं संखेज्जवासाउयसन्नि जाव उववज्जंति, असंखेज्जवासाउय जाव उववज्जंति ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय जाव उववज्जंति, असंखेज्जवासाउय जाव उववज्जंति । [सु. ६-१६. असुरकुमारोववज्जं तम्मि असंखेज्जवासाउयसन्निपंचें दियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ६. असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवतिकालट्ठितीएस उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सट्टितीएसु उववज्जेज्जा, उक्कोसेणं तिपलिओवमट्ठितीएस उववज्जेज्जा । ७. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्निवा, उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्र्ज्जति । वयरोसभनारायसंघयणी । ओगाहणा जहन्त्रेणं धणुपुहुत्तं, उक्कोसेणं छग्गाड़याई । समचउरंससंठाणसंठिया पन्नत्ता । चत्तार लेस्साओ आदिल्लाओ। नो सम्मद्दिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, नो सम्मामिच्छादिट्ठी । नो नाणी, अन्नाणी, नियमं दुअण्णाणी, तं जहा-मतिअन्नाणी, सुयअन्नाणी य। जोगो तिविहो वि । उवयोगो दुविहो वि । चत्तारि सण्णाओ । चत्तारि कसाया। पंच इंदिया । तिन्नि समुग्धाया आदिल्लगा। समोहया वि मरंति, असमोहया वि मरंति । वेणा दुवि । इत्थवेदावि, पुरिसवेदगा वि, नो नपुंसगवेदगा । ठिती जहन्त्रेणं सातिरेगा पुव्वकोडी, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं । अज्झवसाणा पसत्था वि अप्पसत्था वि । अणुबंधो जहेव ठिती। कायसंवेहो भवाएसेणं दो भवग्गहणाई; कालाएसेणं जहन्नेणं सातिरेगा पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेणं छप्पलिओवमाई, एवतियं जाव करेज्जा । पदमो गमओ । ८. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएस उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं असुरकुमारट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा । ओ ओ । ९. सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं तिपलिओवमट्ठितीएसु, उक्कोसेण वि तिपलिओवमट्ठितीएस उववज्जेज्जा। एसा चेव वत्तव्वया, नवरं ठिती से जहन्त्रेणं तिण्णि पलिओवमाइं, उक्कोसेण वि तिन्नि पलिओवमाइं । एवं अणुबंधो वि, कालाएसेणं जहन्नेणं छप्पलिओवमाई, उक्कोसेण वि छप्पलिओवमाई, एवतियं सेसं तं चेव । तइओ गमओ । १०. सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठितीओ जाओ, जहन्नेणं दसवाससहस्सट्ठितीएसु, उक्कोसेणं सातिरेगपुव्वकोडिआउएसु उववज्जेज्जा । ११. ते णं भंते !० ? अवसेसं तं जाव भवाएसो त्ति, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं धणुपुहत्तं, उक्कोसेणं सातिरेगं धणुसहस्सं । ठिती जहन्नेणं सातिरेगा पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि सातिरेगा पुव्वकोडी, एवं अणुबंधो वि । कालाएसेणं जहन्नेणं सातिरेगा पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेणं सातिरेगाओ दो पुव्वकोडीओ, एवतिय० । चउत्थो गमओ । १२. सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं असुरकुमारट्ठितिं संवेहं च जाणेज्जा । पंचम गमओ । १३. सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, जहन्त्रेणं सातिरेगपुव्वकोडिआउएस, उक्कोसेण वि सातिरेगपुव्वकोडिआरएस उववज्जेज्जा | सेसं तं चेव, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं सातिरेगाओ दो पुव्वकोडीओ, उक्कोसेण वि सातिरेगाओ दो पुव्वकोडीओ, एवतियं कालं सेवेज्जा० । छट्टो गमओ । १४. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठितीओ जाओ, सो चेव पढमगमओ भाणियव्वो, नवरं ठिती जहन्नेणं तिन्नि पलिओवमाई, उक्कोसेण वि तिन्नि पलिओवमाई । एवं अणुबंधो वि । कालाएसेणं जहन्नेणं तिन्नि पलिओवमाइं दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहियाइं, उक्कोसेणं छ पलितोवमाइं, एवतियं० सत्तमो गमओ । १५. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं असुरकुमारद्वितिं संवेह च जाणिज्जा । अट्ठमो गमओ । १६. सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं तिपलिओवमं, उक्कोसेण वि तिपलिओवमं। एसा चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं छप्पलिओवमाइं, उक्कोसेण वि छप्पलि ओवमाई, एवतियं० । नवमो गमओ । [सु. १७ श्री आगमगुणमजूषा ५०० Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ YOYO%%%%%% %%%% (५) भगवई श.-२४ उ. २-३ [२९५] 乐乐乐乐乐听听听听听听 OKC明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听乐3 १८. असुरकुमारोववज्जतम्मि संखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १७. जति संखेज्जवासाउयसन्निपंचेंदिय० जाव उववज्जति किंजलचर एवं जाव पज्जतासंखेज्जवासाउयसन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिएणंभंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए सेणं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं सातिरेगसागरोवमद्वितीएसु उवज्जेज्जा । १८. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० ? एवं एएसिं रयणप्पभपुढविगमगसरिसा नव गमगा नेयव्वा, नवरं जाहे अप्पणा जहन्नकालद्वितीयो भवति ताहे तिसु वि गमएसु इमं नाणत्तं चत्तारि लेस्साओ; अज्झवसाणा पसत्था, नो अप्पसत्था। सेसं तं जेव। संवेहो सातिरेगेण सागारोवमेण कायव्वो। १-९ गमगा । [सु. १९- २०. संखेज्जवासाउय-असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्साणं असुरकुमारोववायनिरूवणं ] १९. जदि मणुस्सेहिंतो उववज्जति किं सन्निमणुस्सेहितो, असन्निमणुस्सहिंतो ? गोयमा ! सन्निमणुस्सहिंतो, नो असन्निमणुस्सेहितो उववज्जति । २०. जदि सन्निमणुस्सेहितो, उववज्जति किं संखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सेहिंतो उववज्जति, असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सहिंतो उववज्जति? गोयमा ! संखेज्जवासाउय० जाव असंखेजवासाउय० जाव उववज्जति । [सु. २१-२४. असुरकुमारोववज्जतम्मि असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सम्मि उववायपरिमाणाइवीसइदारपरूवणं ]२१. असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं तिपलिओवमट्ठितीएसु उववज्जेज्जा। २२. एवं असंखेज्जवासाउयतिरिक्खजोणियसरिसा आदिल्ला तिन्नि गमगा नेयव्वा, नवरं सरीरोगाहणा पढम-बितिएसुगमएसु जहन्नेणं सातिरेगाइं पंच धणुसयाई, उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई। सेसं तं चेव । ततियगमे ओगाहणा जहन्नेणं तिन्नि गाउयाइं, उक्कोसेण वि तिण्णि गाउयाइं । सेसं जहेव तिरिक्खजोणियाणं। १-३ गमगा | २३. सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ, तस्स वि जहन्नकालद्वितीयतिरिक्खजोणियसरिसा तिन्नि गमगा भाणियव्वा, नवरं सरीरोगाहणा तिसु विगमएसुजहन्नेणं सातिरेगाई पंच धणुसयाई, उक्कोसेण विसातिरेगाई पंच धणुसयाई । सेसं तं चेव। ४-६ गमगा । २४. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ, तस्स वि चेव पच्छिल्लगा तिन्नि गमगा भाणियव्वा, नवरं सरीरोगाहणा तिसु वि गमएसु जहन्नेणं तिन्नि गाउयाई, उक्कोसेण वि तिन्नि गाउयाई। अवसेसं तं चेव। ७-९ गमगा । [सु. २५-२७. असुरकुमारोववज्जतम्मि पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं] २५. जइ संखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सेहितो उववज्जइ किं पज्जत्तासंखेज्जवासाउय० अपज्जत्तासंखेज्जवासाउय०? गोयमा ! पज्जत्तसंखेज०, नो अपज्जत्तासंखेज० । २६. पज्जत्तासंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्से णं भंते ! जे भविए असुरकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववेज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं सातिरेगसागारोवमट्टितीएसु उववज्जेज्जा । २७. तेणं भंते ! जीवा० ? एवं जहेव एएसिंरयणप्पभाए उववज्जमाणाणं नव गमका तहेव इह वि गमगा भाणियव्वा, णवरं संवेहो सातिरेगेण सागरोवमेण कायव्वो, सेसं तं चेव। १-९ गमगा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। तइओ नागकुमारुद्देसओ ★★★ [सु. १. तइउद्देसगस्सुवुग्धाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वयासि-[ सु. २. गई पडुच्च नागकुमारोववायनिरूवणं ]२. नागकुमारा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति? किं नेरइएहिंतो उववज्जति, तिरि-मणु-देवेहितो उववजति ? गोयमा ! नो णेरइएहिंतो उववज्जति, तिरिक्खजोणिय-मणुस्सेहिंतो उववज्जंति, नो देवेहिंतो उववज्जति । [ सु. ३. नागकुमारोववजंतम्मि पज्जत्तअसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ३. जदि तिरिक्ख०? एवं जहा असुरकुमाराणं वत्तव्वया (उ०२ सु०३) तहा एतेसिं पि असण्णि त्ति । [ सु.४. संखेजवासाउय-असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं नागकुमारोववायनिरूवणं ] ४. जदि सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहितो० किं संखेज्जवासाउय०, असंखेज्जवासाउय० १ गोयमा ! संखेजवासाउय०, असंखेज्जवासाउय० जाव उववज्जति । [ सु. ५१०. नागकुमारोववज्जतम्मि असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ५. असंखिज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए नागकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्विती०? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं देसूणदुपलिओवद्वितीएसु उववज्जेज्जा । ६. ते णं भंते ! जीवा० ? अवसेसो सो चेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स गमगो YOFFFFF%#55555( श्री आगमगुणमंजूषा -५१० 555555555555555555555555FOROR FFFFFFFFFFFFFFFFF Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AG955555555555555 (५) भगवई रा.-२४ उ. ३-११-१२ [२९६] 1555555588SNRIOR HOLIC%听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐车听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐 भाणियव्वो जाव भवाएसो त्ति; कालादेसेणं जहन्नेणं सातिरेगा पुव्वकोडी दसहिं वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेणं देसूणाई पंच पलिओवमाई, एवतियं जाव करेजा। पढमो गमओ । ७. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं नागकुमारट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा। बीओ गमओ । ८. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसुउववन्नो, तस्स वि एस चेव वत्तव्वया, नवरं ठिती जहन्नेणं देसूणाइंदो पलिओवमाई, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं। सेसं तं चेव जाव भवादेसो त्ति। कालादेसेणं जहन्नेणं देसूणाईचत्तारि पलिओवमाई, उक्कोसेणं देसूणाईपंच पलिओवमाई, एवतियं कालं०। तइओ गमओ।९. सो चेव अप्पणा जहन्नकालहितीओ जाओ, तस्स वि तिसु विगमएसुजहेव असुरकुमारेसु उववज्जमणस्स जहन्नकालद्वितीयस्स तहेव निरवसेसं। ४-६ गमगा ।१०. सोचेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीयो जाओ, तस्स वि तहेव तिन्नि गमका जहा असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स, नवरं नागकुमारट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा। सेसंतं चेव जहा असुरकुमारेसु उववजमाणस्स। ७९गमगा । [सु. ११-१२. नागकुमारोववज्जतम्मि पज्जत्तसंखेज्जवेसाउयपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ११. जदि संखेज्जवासाउयसन्निपंचिंदिय० जाव किं पज्जत्तासंखेज्जवासाउय०, अपज्जत्तासंखे०? गोयमा ! पज्जत्तासंखेज्जवासाउय०, नो अपज्जत्तासंखेजवासाउय० । जाव१२. पज्जत्तासंखेज्जवासाउय० जाव जे भविए णागकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं देसूणाई दो पलितोवमाई। एवं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स वत्तव्वया तहेव इह वि गमएसु, णवरं नागकुमारट्टितिं संवेहं च जाणेज्जा। सेसं तं चेव । १. ९गमगा । सु. १३-१६. नागकुमारोववज्जतम्मि असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं] १३. जइ मणुस्सेहिंतो उववज्जति किं सन्निमणु०, असण्णिमणु०? गोयमा ! सन्निमणु०, नो असन्निमणु० जहा असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स जाव- १४. असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए नागकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जइ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्स०, उक्कोसेणं देसूणदुपलिओवम० । एवं जहेव असंखेज्जवासाउयाणं तिरिक्खजोणियाणं नागकुमारेसु आदिल्ला तिणि गमका तहेव इमस्स वि, नवरं पढम-बितिएसु गमएसु सरीरोगाहणा जहन्नेणं सातिरेगाइं पंच धणुसयाई, उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई, ततियगमे ओगाहणा जहन्नेणं देसूणाई दो गाउयाई, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई। सेसं तं चेव। १-३ गमगा । १५. सो चेव 9 अप्पणा जहन्नकालद्वितीयो जाओ, तस्स तिसु वि गमएसु जहा तस्स चेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स तहेव निरवसेसं। ४-६ गमगा । १६. सो चेव अप्पणाम उक्कोसकालद्वितीयो जाओ तस्स तिसु वि गमएसुजहा तस्स चेव उक्कोसकालद्वितीयस्स असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स, नवरं नागकुमारट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा । सेसं तं चेव। ७-९ गमगा । [सु. १७-१८. नागकुमारोववज्जतम्मि पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १७. जदि संखेजवासाउयसन्निमणु० किं पज्जत्तासंखेज्ज०, अपज्जत्तासं०? गोयमा ! पज्जत्तसंखे०, नो अपज्जत्तासंखे०।१८. पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए नागकुमारेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवति? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्स०, उक्कोसेणं देसूणदोपलिओवमद्विती०। एवं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स सच्चेव लद्धी निरवसेसा नवसुगमएसु, नवरं नागकुमारट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा। १-९ गमगा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० | |चउवीसतिमे सए ततिओ।।२४.३||★★★ चउत्थाइएगारसपज्जंता सुवण्णकुमाराइथणियकुमारपज्जता उद्देसगा [सु. १. तइयनागकुमारुद्देसाणुसारेणं चउत्थाइएगारसमपज्जंतुद्देसगवत्तव्वयानिद्देसो] १. अवसेसा सुवण्णकुमारादी जाव थणियकुमारा, एए अट्ट वि उद्देसगा जहेव नागकुमाराणं तहेव निरवसेसा भाणियव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। * |चउवीसतिमे सए एक्कारसमो उद्देसो समत्तो।। २४.४-११|| ★★ बारसमो पुढविकाइयउद्देसओ ★★★ [सु. १. गइं पडुच्च पुढविकाइयउववायपरूवणं ]१. (१) पुढविकाइया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति ? किं नेरइएहितो उववजज्जति, तिरिक्ख-मणुस्स-देवेहितो उववनंति ? गोयमा ! नो नेरइएहितो उववज्जति, तिरिक्ख-मणुस्स-देवेहिंतो उववज्जंति। (२) जदि तिरिक्खजोणि० किं एगिदियतिरिक्खजोणि० एवं जहा वक्कंतीए उववातो जाव- (३) जदि बादरपुढविकाइयएगिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति किं पज्जत्ताबायर० जावल POPOSE0955555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५११ OTOR 听听听听听听听听听$$$$$$$$$$$$$明乐乐乐乐$$$$明明劣$$$$$乐乐乐乐乐乐乐乐乐EC Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ o95555 (५) भगवई श.-२४३.१२ २९७) $55555$$$ $$20 SC乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听步步明明明明明C उववज्जति, अपज्जत्तबादरपुढवि०? गोयमा ! पज्जत्तबायरपुढवि०, अपज्जत्ताबादरपुढवि जाव उववज्जति। [सु.२-१२. पुढविकाइयउववज्जतम्मि पुढविकाइयम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] २. पुढविकाइए णं भंते ! जे भविए पुढविकाइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालट्टितीएसु उववजेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुत्तद्वितीएसु, उक्कोसेणं बावीसवाससहस्सद्वितीएसु उववज्जेज्जा । ३. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० पुच्छा । गोयमा ! अणुसमयं अविरहिया असंखेज्जा उववज्जति । सेवट्ठसंघयणी, सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजतिभागं । मसूराचंदासंठिया । चत्तारि लेस्साओ। नो सम्मद्दिट्टी, मिच्छादिट्ठी, नो सम्मामिच्छादिट्ठी। दो अन्नाणा नियमं । नो मणजोगी, नो वइजोगी, कायजोगी। उवयोगो दुविहो वि । चत्तारि सण्णाओ। चत्तारि कसाया। एगे फासिदिए पन्नत्ते। तिण्णि समुग्घाया । वेयणा दुविहा । नो इत्थिवेयगा, नो पुरिसवेयगा, नपुंसगवेयगा । ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई । अज्झवसाणा पसत्था वि, अपसत्था वि | अणुबंधो जहा ठिती। ४. से णं भंते ! पुढविकाइए पुणरवि 'पुढविकाइए' त्ति केवतियं कालं सेवेज्जा ? केवतियं कालं गतिरागतिं करेज्जा ? गोयमा ! भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं असंखेज्जाइं भवग्गहणाइं । कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं, एवतियं जाव करेज्जा। पढमो गमओ । ५. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो जहन्नेणं अंतोमुत्तद्वितीएसु, उक्कोसेण वि अंतोमुहुहत्तद्वितीएसु। एवं चेव वत्तव्वया निरवसेसा। बीओ गमओ। ६.सो चेव उक्कोसकालट्टितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं बावीसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेण वि बावीसवाससहस्सद्वितीएसु। सेसं तं चेव जाव अणुबंधो त्ति, णवरं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा | भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाइं। कालाएसेणं जहन्नेणं ई बावीसं वाससहस्सइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं छावत्तरं वाससयसहस्सं, एवतियं कालं जाव करेज्जा। तइओगमओ। ७. सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ, सो चेव पढमिल्लओ गमओ भाणियव्वो, नवरं लेस्साओ तिन्नि; ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं; अप्पसत्था अज्झवसाणा; अणुबंधो जहा ठिती । सेसं तं चेव। चउत्थो गमओ । ८. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, स च्चेव चतुत्थगमकवत्तव्वता भाणियव्वा । पंचमो गमओ । ९. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसुउववन्नो, एस चेव वत्तव्वता, नवरं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्ना वा जाव भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई। कालाएसेणं जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं अट्ठासीति वाससहस्साइं चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई, एवतिय० । छट्ठोगमओ । १०. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जातो, एवं तइयगमगसरिसो निरवसेसो भाणियव्वो, नवरं अप्पणा से ठिती जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साइं, उक्कोसेण वि बावीसं वाससहस्साइं। सत्तमो गमओ । ११. सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । एवं जहा सत्तमगमगो जाव भवादेसो। कालाएसेणं जहंन्नेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं अट्ठासीतिं वाससहस्साइं चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई, एवतियं०] अट्ठमो गमओ । १२. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो जहन्नेणं बावीसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेण वि बावीसवाससहस्सद्वितीएसु। एस चेव सत्तमगमकवत्तव्वया जाव भवादेसो त्ति। कालाएसेणं जहन्नेणं चोयालीसं वाससहस्साई, उक्कोसेणं छावत्तरं वाससयसहस्सं, एवतियं०। नवमो गमओ । [ सु. १३-१४. पुढ विकाइयउववज्ज तेसु आउकाइएसु उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १३. जति आउकाइयएगिदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति किं सुहुमआउ० बादरआउ० एवं चउक्कओ भेदो भाणियव्वो जहा पुढविकाइयाणं । १४. आउकाइए णं भंते ! जे भविए पुढविकाइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जिज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तद्वितीएसु, उक्कोसेणं बावीसवाससहस्सद्वितीएसु । एवं पुढविकाइयगमगसरिसा नव गमगा भाणियव्वा। नवरं थिबुगाबिंदुसंठिते। ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्त वाससहस्ससाई । एवं अणुबंधो वि । एवं तिसु ॐ गमएसु । ठिती संवेहो तइय-छट्ठ-सत्तमऽट्ठम-नवमेसु गमएसु भवादेसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई सेसेसु चउसु गमएसु जहन्नेणं दो Roros555555555 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ५१२॥55555555555555555555 Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( (५) भगवई स. २४ उ १२ [२९८ ] ऊऊऊऊऊऊऊ भवग्गहणाई, उक्कोसेणं असंखेज्जाई भवग्गहणाई। तइयगमए कालाएसेणं जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं सोलसुत्तरं वाससयसहस्सं, एवतियं । छट्ठे गमए कालाएसेणं जहन्त्रेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तममब्भहियाई, उक्कोसेणं अट्ठासीति वाससहस्साइं चउहिं अंतोमुहुत्तहिं अब्भहियाई, एवतियं०। सत्तमगमए काला सेणं जहन्नेणं सत्त वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं सोलसुत्तरं वाससयसहस्सं, एवतियं० । अट्टमे गमए काला सेणं जहन्नेणं सत्त वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं, उक्कोसेणं अट्ठावीसं वाससहस्साइं चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं, एवतियं० । नवमे गमए भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई; कालाएसेणं जहन्नेणं एकूणतीसं वाससहस्साइं, उक्कोसेणं सोलसुत्तरं वाससयसहस्सं, एवतियं० । एवं नवसु वि गमएसु आउकाइयठिई जाणियव्वा । १९ गमगा । [सु. १५. पुढविकाइयउववज्जंतेसु तेउकाइएस उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १५. जति उक्काइएहिंतो उवव०? तेउक्काइयाण वि एस चेव वत्तव्वया, नवरं नवसु वि गमएसु तिन्नि लेस्साओ । ठिती जाणियव्वा । तइयगमए कालादेसेणं जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं अट्ठासीतिं वाससहस्साइं बारसहिं रातिदिएहिं अब्भहियाई, एवतियं० । एवं संवेहो उवजुंजिऊण भाणियव्वो । १-९ गमगा । [ सु. १६. पुढविकाइयउववज्जंतेसु वाउकाइएस उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ११६. जति वाउकाइएहिंतो ०? वाउकाइयाण वि एवं चेव नव गमगा जहेव तेउकाइयाणं, . नवरं पडागासंठिया पन्नत्ता, तेउकाइया णं सूयीकलावसंठिया । संवेहो वाससहस्सेहिं कायव्वो, तइयगमए कालादेसेणं जहनेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं एगं वाससयसहस्स, एवतियं० । एवं संवेहो उवजुंजिऊण भाणियव्वो । १-९ गमगा । [ सु. १७. पुढविकाइयउववज्जेतेसु वणस्सइकाइएसु उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १७. जति वणस्सतिकाइएहिंतो०? वणस्सइकाइयाणं आउकाइयगमगसरिसा नव गमगा भाणियव्वा, नवरं नाणासंठिया सरीरोगाहणा पन्नत्तापढमएसु पच्छिल्लएसु यतिसु गमएसु जहन्त्रेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं सातिरेगं जोयणसहस्सं, मज्झिल्लएसु तिसु तहेव जहा पुढविकाइयाणं। संवेहो ठिती य जाणितव्वा । ततिए गमए कालाएसेणं जहन्नेणं बावीस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं, उक्कोसेणं अट्ठावीसुत्तरं वाससयसहस्सं, एवतियं० । एवं संवेहो उवजुंजिऊण भाणियव्वो । [सु. १८-२४. पुढविकाइयउववज्जंतेसु बेइदिएसु उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ]१८. जदि बेइदिएहिंतो उववज्नंति किं पज्जत्ताबेइदिएहिंतो उववज्जंति, अपज्जत्ताबेईदिएहिंतो० ? गोयमा ! पज्जात्ताबेइदिएहिंतो उवव०, अपज्जत्ताबेइदिएहिंतो वि उववज्जंति । १९. बेईदिए णं भंते ! जे भविए पुढविकाइएस उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिकाल० ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तट्ठितीएसु, उक्कोसेणं बावीसवाससहस्सद्वितीएसु । २०. ते णं भंते! जीवा एगसमएणं० ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उववज्जति । सेवट्ठसंघयणी । ओगाहणा जहन्त्रेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं बारस जोयणाई । हुंडसंठिता । तिन्नि लेस्साओ । सम्मद्दिट्ठी वि, मिच्छादिट्ठी विनो सम्मामिच्छादिट्ठी । दो णाणा, दो अन्नाणा नियमं । नो मणजोगी, वइजोगी वि, कायजोगी वि। उवयोगो दुविहो वि । चत्तारि सण्णाओ । चत्तारि कसाया। दो इंदिया पन्नत्ता, तं जहा-जिब्भिदिए य फार्सिदिए य। तिन्नि समुग्धाया। सेसं जहा पुढविकाइयाणं, नवरं ठिती जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बारस संवच्छराई । एवं अणुबंधो वि । सेसं तं चेव । भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं संखेज्जाई भवग्गहणाई । कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं संखेज्जं कालं, एवतियं०। पढमो गमओ । २१. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएस उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया सव्वा । बीओ गमओ । २२. सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, एस चेव बेदियस्स लद्धी, नवरं भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई। कालाएसेणं जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं, उक्कोसेणं अट्ठासीतिं वाससहस्साइं अडयालीसाए संवच्छरेहिं अब्भहियाई, एवतियं० । तइओ गमओ । २३. सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठितीओ जाओ, तस्स वि एस चेव वत्तव्वता तिसु वि गमएसु, नवरं इमाई सत्त नाणत्ताई सरीरोगाहणा जहा पुढविकाइयांणं; नो सम्मद्दिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, नो सम्मामिच्छादिट्ठी, दो अन्नाणा नियम; नो मणजोगी, नो वइजोगी, कायजोगी; ठिती जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं; अज्झवसाणा अप्पसत्या; अणुबंधो जहा ठिती। संवेहो तहेव आदिल्लेसु श्री आगमगुणमंजूषा - ५१३ YOR Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई स. २४ उ १२ [ २९९] दोसु गमएसु, ततियगमए भवादेसो तहेव अट्ठ भवग्गहणाई । कालाएसेणं जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं अट्ठासीतिं वाससहस्साइं चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई । ४-६ गमगा । २४. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठितीओ जाओ, एयस्स वि ओहियगमगसरिसा तिन्नि गमगा भाणियव्वा, नवरं तिसु वि गमएस ठिती जहन्त्रेणं बारस संवच्छराई, उक्कोसेण वि बारस संवच्छराई । एवं अणुबंधो वि । भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गणा । कालासेणं उवयुज्जिऊण भाणियव्वं जाव नवमे गमए जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साइं बारसहिं संवच्छरेहिं अब्भहियाई, उक्कोसेणं अट्ठासीति वाससहस्साइं अडयालीसाए संवच्छरेहिं अब्भहियाई, एवतियं० । ७-९ गमगा । [ सु. २५. पुढविकाइयउववज्जंतम्मि तेइंदियम्मि उववायपरिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] २५. जति तेइंदिएहिंतो उववज्जइ० ? एवं चेव नव गमका भाणियव्वा । नवरं आदिल्लेसु तिसु वि गमएस सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाइं । तिन्नि इंदियाइं । ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं एकूणपण्णं रातिंदियाइं । ततियगमए काला सेणं जहन्नेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं, उक्कोसेणं अट्ठासीतिं वाससहस्साइं छण्णउयरातिदियसतमब्भहियाइं, एवतियं० । मज्झिमा तिन्नि गमगा तहेव । पच्छिमा वि तिण्णि गमगा तहेव, नवरं ठिती जहन्नेणं एकूणपण्णं राइंदियाइं, उक्कोसेण वि एकूणपण्णं राइंदियाइं । संवेहो उवजुंजिऊण भाणितव्वो । १-९ गमगा । [ सु. २६. पुढविकाइयउववज्जंतम्मि चउरिदियम्मि उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवण] २६. जति चउरिदिएहिंतो उवव० ? चेव चउरिदियाण वि नव गमगा भाणियव्वा, नवरं एएस चेव ठाणे नाणत्ता भाणितव्वा सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाई । ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छम्मासा । एवं अणुबंधो वि । चत्तारि गाउयाई । ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छम्मासा । एवं अणुबंधो वि । चत्तारि इंदिया । सेसं तहेव जाव नवमगमए कालाएसेणं जहन्नेणं बावीस वाससहस्साई छहिं मासेहिं अब्भहियाई, उक्कोसेणं अट्ठासीतिं वाससहस्साइं चउवीसाए मासेहिं अब्भहियाई, एवतियं० । १- ९ गमगा । [ सु. २७-२८. पंचेंदियतिरिक्खजोणिए पडुच्च पुढविकाइयउववायनिरूवणं] २७. जइ पंचेंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्नंति किं सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्र्ज्जति असन्निपंचेदियतिरिक्खजो ०? गोयमा ! सन्निपंचेंदिय०, असन्निपंचेदिय० । २८. जइ असण्णिपंचिदिय० किं जलचरेहिंतो उवव० जाव किं पज्जत्तएहिंतो उववज्जंति, अपज्जत्तएहिंतो एव० ? गोयमा ! पज्जत्तएहिंतो वि उवव०, अपज्जत्तएहिंतो वि उववज्जति । [ सु. २९-३०. पुढविकाइयउववज्जं तम्मि असन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] २९. असन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए पुढविकाइएस उववज्जित्तए से णं भंते! केवति०? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्त० उक्कोसेणं बावीसवाससह० | ३०. ते णं भंते ! जीवा० ? जहेव बेइंदियस्स ओहियगमए लद्धी तहेव, नवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जति०, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । पंच इंदिया । ठिती बंध जणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । सेसं तं चेव । भवाएसेणं जहन्त्रेणं दो भवग्गहणाइं, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई । कालादेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ अट्ठासीतीए वाससहस्सेहिं अब्भहियाओ, एवतियं० । नवसु वि गमएस कायसंवेहो भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणा, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाइं । कालाएसेणं उवजुज्जिऊण भाणितव्वं, नवरं मज्झिमएसु तिसु गमएस - जहेव बेइंदियस्स मज्झिल्लएसु तिसु गमएसु । पच्छिल्लएसु तिसु गमएस जहा एयरस चेव पढमगमए, नवरं ठिती अणुबंधो जहन्त्रेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी। सेसं तहेव जाव नवगमए जहन्त्रेणं पुव्वकोडी बावीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ अट्ठासीतीए वाससहस्सेहिं अब्भहियाओ, एवतियं कालं सेविज्जा० । १-९ गमगा [सु. ३१-३३. पुढविकाइयउववज्जंतम्मि सन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ]३१. जदि सन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिए० किं संखेज्जवासाउय०, असंखेज्जवासाउय ०? गोयमा ! संखेज्जवासाउय०, नो असंखेज्जवासाउय० । ३२. जदि संखेज्जवासाउय० किं जलचरेहिंतो० ? सेसं जहा असण्णीणं जाव - ३३. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जंति ०? एवं जहा रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स सन्निस्स तहेव इह वि, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, ΣCKOFF! श्री आगमगुणमंजूषा - ५१४ ५६ A RO 5 5 5 5 5 5 MOK Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NORO (५) भगवई स. २४ उ १२ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ [ ३०० ] उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । सेसं तहेव जाव कालादेसेणं जहन्त्रेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ अट्ठासीतीए वाससहस्सेहिं अब्भहियाओ, एवतियं० । एवं संवेहो णवसु वि गमएसु जहा असण्णीणं तहेव निरवसेसं । लदी से आदिल्लएसु तिसु वि गमएस एस चेव, मज्झिल्लएसु वि तिसु गमएस एस चेव । नवरं इमाई नव नाणत्ताई - ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जति०, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जति० । तिन्नि लेस्साओ, मिच्छादिट्ठी, दो अन्नाणा, कायजोगी, तिन्नि समुग्धाया; ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं; अप्पसत्था अज्झवसाणा, अणुबंधो जहा ठिती। सेसं तं चेव । पच्छिल्लएसु तिसु गमएस ज पढमगमए, नवरं ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुव्वकोडी । सेसं तं चेव । १-९ गमगा । [ सु. ३४. मणुस्से पडुच्च पुढविकाइयउववायनिरूवणं ] ३४. जदि मणुस्सेहिंतो उववज्र्ज्जति किं सन्निमणुस्सेहिंतो उवव०, असन्निमणुस्सेहिंतो ० ? गोयमा ! सन्निमणुस्सेहिंतो०, असण्णिमणुस्सेहिंतो वि उववज्जंति । [सु. ३५. पुढविकाइयउववज्र्ज्जतम्मि असन्निमणुस्सम्मि उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ३५. असन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए पुढविकाइएसु० से णं भंते! केवतिकाल० ? एवं जहा असन्निपंचेदियतिरिक्खस्स जहन्नकालद्वितीयस्स तिन्नि गमगा तहा एतस्स वि ओहिया तिन्नि गमगा भाणियव्वा तहेव निरवसेसं । सेसा छ न भण्णंति । १३ गमगा [सु. ३६-३९. पुढविकाइयउववज्जंतम्मि सन्निमणुस्सम्मि उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ३६. जइ सन्निमणुस्सेहिंतो उववज्जति किं संखेज्जवासाउय०, असंखेज्जवासाउय० ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय०, णो असंखेज्जवासाउय० । ३७. जदि संखेज्जवासाउय० किं पज्जत्ता०, अपज्जत्ता०? गोयमा ! पज्जत्तासंखे०, अपज्जत्तासंखेज्जवासा० । ३८. सन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए पुढविकाइएस उवव० से णं भंते! केवतिकाल ०? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्त०, उक्कोसेणं बावीसवाससहस्सट्ठितीएसु । ३९. ते णं भंते! जीवा० ? एवं जहेव रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स तहेव तिसु वि गमएस ली। नवरं ओगाहणा जहन्त्रेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं पंच धणुसताई; ठिती जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । एवं अणुबंधो। संवेहो नवसु गमएसु जहेव सन्निपंचेदियस्स । मज्झिल्लएसु तिसु गमएसु लद्धी - जहेव सन्निपंचेदियस्स मज्झिल्लएसु तिसु। सेसं तं चेव निरवसेसं । पच्छिल्ला तिन्नि गमगा जहा एयस्स चेव ओहिया गमगा, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं पंच धणुसयाई, उक्कोसेण वि पंच धणुसयाई; ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी । सेसं तहेव, नवरं पच्छिल्लएसु गमएसु संखेज्जा उववज्र्ज्जति, नो असंखेज्जा उवव० । १ ९ गमगा । [सु. ४०. देवे पडुच्च पुढविकाइयउववायनिरूवणं ] ४० जति देवेहिंतो उववज्जंति किं भवणवासिदेवेहिंतो उववज्जंति, वाणमंतर०, जोतिसियदेवेहिंतो उवव०, वेमाणियदेवेहिंतो उववज्जंति ? गोयमा ! भवणवासिदेवेहिंतो वि उववज्जंति जाव वेमाणियदेवेहिंतो वि उववज्जति। [ सु. ४१. भवणवासिदेवे पडुच्च पुढविकाइयउववायनिरूवणं ] ४१. जइ भवणवासिदेवेहिंतो उववज्जंति किं असुरकुमारभवणवासिदेवेहिंतो उववज्जति जाव थणियकुमारभवणवासिदेवेहिंतो ० ? गोयमा ! असुरकुमारभवणवासिदेवेहिंतो वि उववज्जति थणियकुमारभवणवासिदेवेहिंतो वि उववज्र्ज्जति । [सु. ४२- ४६. पुढविकाइयउववज्र्ज्जतम्मि असुरकुमारम्मि उववाय - परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ]४२. असुरकुमारे णं भंते ! जे भविए पुढविकाइएसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवति०? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्त०, उक्कोसेणं बावीसवाससहस्सद्विती० । ४३. ते णं भंते ! जीवा० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्ना वा असंखेज्जा वा उवव० । ४४. तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किंसंघयणी पन्नत्ता ? गोयमा ! छ संघयणाणं असंघयणी जाव परिणमंति । ४५. तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा० ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा भवधारणिज्जा य, उत्तरवेउब्विया य। तत्थे णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं सत्त रयणीओ । तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं जोयणसयसहस्सं । ४६. तेसि णं भंते! जीवाणं सरीरगा किंसंठिता पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा - भवधारणिज्जा य, उत्तरवेउब्विया य । तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते समचतुरंससंठिया पन्नत्ता । तत्थ णं जे ते उत्तरवेउब्विया ते नाणासंठिया पन्नत्ता। लेस्साओ चत्तारि । दिट्ठी तिविहा वि । तिणि णाणा नियमं तिण्णि अण्णाणा भयणाए। जोगो तिविहो वि । उवयोगो दुविहो वि । चत्तारि सण्णाओ । चत्तारि कसाया। पंच इंदिया । पंच YOKOR श्री आगमगुणमंजूषा - ५१५ Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २४ श. उ १२-१३ [ ३०१] फफफफफफफफ समुग्धाया । वेयणा दुविहा वि । इत्थिवेदगा वि, पुरिसवेदगा वि, नो नपुंसगवेयगा । ठिती जहन्नेणं दस वाससहस्साइं, उक्कोसेणं सातिरेगं सागारोवमं । अज्झवसाणा असंखेज्ना, पसत्था वि अप्पसत्था वि । अणुबंधो जहा ठिती। भवादेसेणं दो भवग्गहणाई । कालादेसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं सातिरेगं सागारोवमं बावीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं, एवतियं० । एवं णव वि गमा नेयव्वा, नवरं मज्झिल्लएसु पच्छिल्लएसु य तिसु गमएस असुरकुमाराणं ठितिविसेसो जाणियव्वो । सेसा ओहिया चेव लद्धी कायसंवेहं च जाणेज्जा । सव्वत्थ दो भवग्गहणा जाव णवमगमए कालादेसेणं जहन्त्रेणं सातिरेगं सागारोवमं बावीसाए वाससहस्सेहिमब्भहियं, उक्कोसेण वि सातिरेगं सागारोवमं बावीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं, एवतियं० । १ ९ गमगा । [सु. ४७. पुढविकाइयउववज्जंतेसु नागकुमाराइथणियकुमारपज्जंतेसु उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ]४७. नागकुमारें णं भंते! जे भविए पुढविकाइएस० ? एस चेव वत्तव्वया जाव भवादेसो त्ति । णवरं ठिती जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं देसूणाई दो पलितोवमाई । एवं अणुपंधो वि, कालादेसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइ, उक्कोसेणं देसूणाइं दो पलिओवमाइं बावीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियाइं । एवं णव वि गमगा असुरकुमारगमगसरिसा, नवरं ठितिं कालाएसं च जाणेज्जा । एवं जाव थणियकुमाराणं । [ सु. ४८-४९. पुढविकाइयउववज्जंतेसु वाणमंतरेसु उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ४८. जति वाणमंतरेहिंतो उववज्जति किं पिसायवाणमंतर० जाव गंधव्ववाणमंतर० ? गोयमा ! पिसायवाणमंतर० जाव गंधव्ववाणमंतर० । ४९. वाणमंतरदेवे णं भंते! जे भविए पुढविकाइए० ? एएसिं पि असुरकुमारगमगसरिसा नव गमगा भाणियव्वा । नवरं ठितिं कालादेसं च जाणेज्जा। ठिती जहन्नेणं दस वासससहस्साईं, उक्कोसेणं पलिओवमं । सेसं तहेव । [ सु. ५०-५१. पुढविकाइयउववज्जंतेसु जोइसिएस उवववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ५० जति जोतिसियदेवेहिंतो उवव० किं चंदविमाणजोतिसियदेवेहिंतो उववज्जंति जाव ताराविमाणजोतिसियदेवेहिंतो उववज्जंति ? गोयमा ! चंदविमाण० जाव ताराविमाण० । ५१. जोतिसियदेवे णं भंते! जे भविए पुढविकाइए० । लब्द्धी जहा असुरकुमाराणं । णवरं एगा तेउलेस्सा पन्नत्ता । तिन्नि नाणा, तिन्निअन्नाणा नियमं । ठिती जहन्नेणं अट्टभागपलिओवमं, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहिंयं । एवं अणुबंधो वि कालाएसेणं जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तमब्भहियं, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्सेणं बावीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं, एवतियं० । एवं सेसा वि अट्ठ गमगा भाणियव्वा, नवरं ठितिं कालाएसं च जाणेज्जा । [सु. ५२-५३. वेमाणियदेवे पडुच्च पुढविकाइयउववायनिरूवणं ]५२. जइ वेमाणियदेवेहिंतो उववज्जंति किं कप्पोवगवेमाणिय० कप्पातीयवेमाणिय० ? गोयमा ! कप्पोवगवेमाणिय०, नो कप्पातीयवेमाणिय० । ५३. जदि कप्पोवगवेमाणिय० किं सोहम्मकप्पोवगवेमाणिय० जाव अच्चुयकप्पोवगवेमा० ? गोयमा ! सोहम्मकप्पोवगवेमाणिय०, ईसाणकप्पोवगवेमाणिय०, नो सणकुमारकप्पोवगवेमाणिय० जाव नो अच्चुयकप्पोवगवेमाणिय० । [ सु. ५४-५५. पुढविकाइयउववज्जंतेसु सोहम्मीसाणदेवेसु उवववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ]५४. सोहम्मदेवे णं भंते ! जे भविए पुढविकाइएस उवव० से णं भंते! केवति० ? एवं जहा जोतियस्स गमगो । णवरं ठिती अणुबंधो य जहन्त्रेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं दो सागारोवमाई । कालादेसेणं जहण्णेणं पलिओवमं अंतोमुहुत्तमब्भहियं, उक्कोसेणं दो सागारोवमाइं बावीसाए वाससहस्सेहिं अब्भहियाई, एवतियं कालं० । एवं सेसा वि अट्ठ गमगा भाणियव्वा, णवरं ठितिं कालाएसं च जाणेज्जा । १ ९ गमगा । ५५. ईसाणदेवे णं भंते! जे भविए० ? एवं ईसाणदेवेण वि नव गमगा भाणियव्वा, नवरं ठिती अणुबंधो जहन्नेणं सातिरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं सातिरेगाई दो सागारोवमाई। सेसं तं चैव । सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरति । ॥२४ सते १२ उद्देसो समत्तो ॥ ★★★ तेरसमो आउकाइयउद्देसओ ★★★ [ सु. १. तेरसमुद्देसगस्स मंगलं ] १. नमो सुयदेवयाए । [सु. २-३. आउकाइयउववज्जंतेसु चउवीसइदंडएसु बारसमुद्देसगाणुसारेणं वत्तव्वयानिद्देसो ] २. आउकाइया णं भंते! कओहिंतो उववज्र्ज्जति १० एवं जहेव पुढविकाइयउद्देसए जाव पुढविकाइये णं भंते! जे भविए आउकाइएस उववज्जित्तए से णं भंते! केवति०? गोयमा ! जहनेणं अंतोमुहुत्त०, उक्कोसेणं सत्तवाससहस्सट्ठितीएसु उववज्जेज्जा । ३. BACK श्री आगमगुणमंजूषा- ५१६ ॐॐॐॐॐॐॐ 66666666666 Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २४ स. उ १३-२० [ ३०२ ] ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ एवं पुढविकाइयउद्देसगसरिसो भाणियव्वो, णवरं ठिइं संवेहं च जाणेज्जा। सेसं तहेव । सेव भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति । ॥२४ सते तेरसमो में ★ ★ चउद्दसमो तेउक्काइयउद्देसओ ★★★ [सु. १. तेउक्काइयउववज्जंतेसु दंडएसु बारसमुद्देसगाणुसारेणं वत्तव्वयानिद्देसो ] १. तेउक्काइया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति ?० एवं पुढविकाइयउद्देसगसरिसो उद्देसो भाणितव्वो, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा । देवेहिंतो न उववज्जंति । सेसं तं चेव । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति जाव विहरति । ॥ २४ सते चतुद्दसमो॥ ★★★ पण्णरसमो वाउकाइयउद्देसओ ★★★ [सु. १. वाउकाइयउववज्जंतेसु दंडएसु चोद्दसमउद्देसाणुसारेणं वत्तव्वयानिद्देसो] १. वाउकाइया णं भंते! कओहिंतो उववज्जंति १० एवं जहेव तेउक्काइयउद्देसओ तहेव, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्ना । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति० | ॥२४ सते पनरसमो॥ ★★★ सोलसमो वणस्सइकाइयउद्देसओ ★★★ [ सु. १. वणस्सइकायउववज्जंतेसु चउवीसइदंडएसु बारसमुद्देसगाणुसारेणं वत्तव्वयानिद्देसो] १. वणस्सतिकाइया णं भंते! कओहिंतो उववज्जति १० एवं पुढविकाइयसरिसो उद्देसो, नवरं जाहे वणस्सतिकाइओ वणस्सतिकाइएसु उववज्जति ताहे पढम-बितिय-चतुत्थ-पंचमेसु गमएसु परिमाणं अणुसमयं अविरहियं अणंता उववज्जंति; भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाइं, उक्कोसेणं अणंताई भवग्गहणाई; काला सेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं अणतं कालं; एवतियं० । सेसा पंच गमा अट्ठभवग्गहणिया तहेव, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० ॥ ★★★ सत्तरमो बेइंदियउद्देसओ ★★★ [सु. १२. बेईदियउववज्जंतेसु दंडएस उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १. बेइंदिया णं भंते ! कओहिंतो उववज्र्ज्जति १० जाव पुढविकाइए णं भंते! जे भविए बेइंदिएसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवति ०? सच्चेव पुढविकाइयस्स लदी जाव कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं संखेज्नाइं भवग्गहणाई; एवतियं० । २. एवं तेसु चेव चउसु गमएस संवेहो, सेसेसु पंचसु तहेव अट्ठ भवा । एवं जाव चतुरिंदिएणं समं चउसु संखेज्जा भवा, पंचसु अट्ट भवा, पंचेदियतिरिक्खजोणिय मणुस्सेसु समं तहेव अट्ठ भवा । देवेसु न चेव उववज्जंति, ठितिं संवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंते! सेवं भंते ! त्ति० | ॥२४ सते सत्तरसमो ॥ ★★★ अट्ठारसमो तेइंदियउद्देसओ ★ ★ ★ [ सु. १. तेइंदियउववज्जंतेसु दंडएसु सत्तरसमुद्देसाणुसारेणं वत्तव्वयानिद्देसो] १. तेइंदिया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति ?० एवं तेइंदियाणं जहेव बेदियाणं उद्देसो, नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा । तेउकाइएस समं ततियगमे उक्कोसेणं अडत्तराई बे इंदियसयाई | बेइदिएहिं समं ततियगमे उक्कोसेणं अडयालीसं संवच्छराई छण्णउयराइंदियसयमब्भहियाइं । तेइंदिएहिं समं ततियगमे उक्कोसेणं बाणउयाई तिन्नि राइंदियसयाइं । एवं सव्वत्थ जाणेज्जा जाव सन्निमणुस्स त्ति । सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० ।। २४.१८॥ ★★★ एगूणवीसमो चउरिंदियउद्देसओ ★★★ [ सु. १. चउरिदियउववज्र्ज्जतेसु दंडएस उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १. चउरिदिया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति १० जहा तेइंदियाणं उद्देसओ तहा चउरिंदियाण वि, नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा। सेवं भंतें ! सेवं भंते! ति० ॥ ॥ २४.१९ ॥ ★★★वीसइमो पंचेंदियतिरिक्खजोणियउद्देसओ ★★★ [सु. १. गइं पडुच्च पंचेंदियतिरिक्खजोणियउववायनिरूवणं ] १. पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति ? किं नेरतिएहिंतो उवव०, तिरिक्खमणुस्स- देवेहिंतो उववज्र्ज्जति ? गोयमा ! नेरइएहिंतो वि उवव०, तिरिक्खमणुएहिंतो वि उववज्जंति, देवेहिंतो वि उववज्र्ज्जति । [सु. २. नरयपुढवीओ पडुच्च पंचेदियतिरिक्खजोणियउववायनिरूवणं ]२. जइ नेरइएहिंतो उववज्जंति किं रयणप्पभपुढविनेरइएहिंतो उववज्जंति जाव असत्तमपुढविनेरइएहिंतो उववज्जंति ? गोयमा ! रयणप्पभपुढविनेरइएहिंतो वि उवव० जाव आहेसत्तमपुढविनेरइएहिंतो वि० । [सु. ३-१० पंचेंदियतिरिक्खजोणियउववज्जं तम्मि रयणप्पभाइअहेसत्तमपुढविनेरइयम्मि उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ३. रयणप्पपुढविनेरइए णं भंते! जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजोणिएस उववज्जित्त से भंते ! केवतिकालट्ठितीएसु उवव० ? गोयमा ! जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्तट्ठितीएसु, उक्कोसेणं पुव्वकोडीआरएस उववज्जेज्जा । ४. ते णं भंते ! जीवा एसमएणं केवइया उवव०? एवं जहा असुरकुमाराणं वत्तव्वया। नवरं संघयणे पोग्गला अणिट्ठा अकंता जाव परिणमंति । ओगाहणा दुविहा पन्नत्ता, तं जहा भवधारणिनाय उत्तरवेउब्विया HONOR श्री आगमगुणमंजूषा ५१७ YON फ्र Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २४ स. उ-२० [३०३] 555555555555552EOS CO$$$$$$乐乐乐听听听听听听国乐乐乐乐乐听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐 य। तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं सत्त धणूई तिन्नि रयणीओ उच्च अंगुलाई। तत्थ णं जा सा उत्तरवेउब्विया सा जहन्नेणं अंगुलस्स संखेज्जतिभागं, उक्कोसेणं पन्नरस धणूई अड्ढातिज्जाओ य रयणीओ। ५. तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा किंसंठिया पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य । तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते हुंडसंठिया पन्नत्ता । तत्थ णं जे ते उत्तरवेउव्विया ते वि हुंडसंठिया पन्नत्ता । एगा काउलेस्सा पन्नत्ता। समुग्घाया चत्तारि नो इत्थिवेदगा, नो पुरिसवेदगा; नपुंसगवेदगा। ठिती जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं सागरोवमं । एवं अणुबंधो वि। सेसं तहेव । भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाइं कालाएसेणं जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाइंचउहिं पुवकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं० । पढमोगमओ । ६.सोचेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं अंतोमुहुत्तद्वितीएसु उववन्नो, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तद्वितीएसु उववन्नो। अवसेसं तहेव, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं तहेव, उक्कोसेणं चत्तरि सागरोवमाइं चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई; एवतियं कालं०। बीओ गमओ । ७. एवं सेसा वि सत्त गमगा भाणियव्वा जहेव नेरइयउद्देसए । सन्निपंचेदिएहिं समं णेरइयाणं मज्झिमएसु य तिसु गमएसु पच्छिमएसु य तिसु गमएसु ठितिनाणत्तं भवति । सेसं तं चेव । सव्वत्थ ठिति संवेहं च जाणेज्जा। ३-९ गमगा । ८. सक्करप्पभाएपुढविनेरइए णं भंते ! जे भविए०? एवं जहा रयणप्पभाए नव गमगा तहेव सक्करप्पभाए वि, नवरं सरीरोगाहणा जहा ओगाहणसंठाणे; तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा नियमं । ठिति-अणुबंधा पुव्वभाणिया । एवं नव वि गमगा म उवजुंजिऊण भाणियव्वा । ९. एवं जाव छट्ठपुढवी, नवरं ओगाहणा-लेस्सा-ठिति-अणुबंधा संवेहा य जाणियव्वा । १०. अहेसत्तमपुढविनेरइएणं भंते ! जे भविए०? म एवं चेव णव गमगा, नवरं ओगाहणा-लेस्सा-ठिति-अणुबंधा जाणियव्वा । संवेहे भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं छ भवग्गहणाई । कालाएसेणं जहन्नेणं बावीसं सागारोवमाइं अंतोमुत्तमन्भहियाई, उक्कोसेणं छावढिं सागारोवमाइं तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं; एवतियं० । आदिल्लएसु छसु गमएसु जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं छ भवग्गहणाई। पच्छिल्लएसु तिसु गमएसु जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं चत्तारि भवग्गहणाई। लद्धी नवसु वि गमएसु जहा पढमगमए, नवरं ठितिविसेसो कालाएसो य-बितियगमए जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाइं अंतोमुत्तमब्भहियाइं, उक्कोसेणं छावढेि सागरोवमाइं तिहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं; एवतियं कालं० । ततियगमए जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई, उक्कोसेणं छावढेि सागरोवमाइं तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई। चउत्थगमे जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाइं अंतोमुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं छावढेि सागरोवमाइं तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई। पंचमगमए जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं छावढेि सागरोवमाइं तिहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई । छट्ठगमए जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई, उक्कोसेणं छावढि सागरोवमाई तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई। सत्तमगमए जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं छावढेि सागरोवमाइं दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई । अट्ठमगमए जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं छाढेि सागरोवमाइं दोहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाइं । णवमगमए जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाई पुव्वकोडीए अब्भहियाई, उक्कोसेणं छावढिं सागरोवमाई दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं, एवतिय०। १-९ गमगा । [सु. ११-१५. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववजंतेसु एगिदिय-विगलिदिएसु उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ११. जति तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति किं एगिदियतिरिक्खजोणिएहितो०? एवं उववाओ जहा पुढविकाइयउद्देसए जाव- १२. पुढविकाइए णं भंते ! जे भविए पंचेदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवति०? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तद्वितीएसु, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसु उववज्जति । १३. ते णं भंते ! जीवा० ? एवं परिमाणाईया अणुबंधपज्जवसाणा जा चेव अप्पणो सट्ठाणे वत्तव्वया सा चेव पंचेदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स भाणियव्वा, नवरं नवसु वि गमएसु परिमाणे जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति । भवादेसेण वि नवसु वि गमएसु-भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई । सेसं तं चेव । 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐 reO $$$$$$$$$$$$$55 श्री आगमगुणमंजूषा - ५१८555 55555555555555555555TOR Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २४ स. उ-२० [ ३०४) काला सेणं उभओ ठितिं करेज्जा । १४. जदि आउकाइएहिंतो उवव० ? एवं आउकाइयाण वि । १५. एवं जाव चउरिंदिया उववाएयव्वा, नवरं सव्वत्थ अप्पणो लद्धी भावा । नवसु विमएस भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई । कालाएसेणं उभओ ठितिं करेज्जा सव्वेसिं सव्वगमएसु । जहेव पुढविकाइएसु उववज्जमाणाणं लद्धी तहेव । सव्वत्थ ठितिं संवेहं च जाणेज्जा । [सु. १६-२८. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववज्जंतम्मि असन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १६. जदि पंचेंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति किं सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति, असन्निपंचेदियतिरिक्खजोणि०? गोयमा ! सन्निपंचेदिय०, असन्निपंचेदिय० । भेदो जहेव पुढविकाइएस उववज्जमाणस्स जाव- १७. असन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए पंचेदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवतिकाल०? गोयमा ! जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्त०, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागट्ठितीएसु उवव० । १८. ते णं भंते !० ? अवसेसं जहेव पुढविकाइएस उववज्जमाणस्स असन्निस्स तहेव निरवसेसं जाव भवाएसो त्ति । कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागं पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियं एवतियं० । पढमो गमओ । १९. बितियगमए एस चेव लब्दी, नवरं काला सेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ; एवतियं० । बीओ गमओ । २०. सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, जहन्ने पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागद्वितीएसु, उक्कोसेण वि पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागद्वितीएसु उवव० । २१. ते णं भंते! जीवा०? एवं जहा रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स असन्निस्स तहेव निरवसेसं जाव कालादेसो त्ति, नवरं परिमाणे जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जति । सेसं तं चेव । तइओ गमओ । २२. सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठितीओ जाओ, अंतोमुहुत्तट्ठितीएस, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएस उवव० २३. ते णं भंते !० ? अवसेसं जहा एयस्स पुढविकाइएसु उववज्जमाणस्स मज्झिमेसु तिसु गमएस तहा इह वि मज्झिमेसु तिसु गमएसु जाव अणुबंधो त्ति । भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई । कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ । चउत्थो गमओ । २४. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालादेसेणं जहन्त्रेणं दो अंतोमहुत्ता, उक्कोसेणं अट्ट अंतोमुहुत्ता एवतियं० । पंचमो गमओ । २५. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएस उववन्नो, जहन्नेणं पुव्वकोडिआउएसु, उक्कोसेण वि पुव्वकोडिआउएस उवव० । एस चैव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जाणेज्जा । छट्टो गमओ । २६. सो चेव अप्पणा उक्कोसकमालट्ठतीओ जाओ, सच्चे पढमगमगवत्तव्वया, नवरं ठिती से जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी । सेसं तं चेव । कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तमब्भहिया, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जतिभागं पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियं; एवतियं० । सत्तमो गमओ । २७. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया जहा सत्तमगमे, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तमब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ; एवतियं० । अट्ठमो गमओ । २८. सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववन्नो, जहन्नेगं पलिओवमस्स असंखेज्जजइभागं, उक्कोसेण वि पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं । एवं जहा रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स असन्निस्स नवमगमए तहेव निरवसेसं जाव कालादेसो त्ति, नवरं परिमाणं जहा एयस्सेव ततियगमे। सेसं तं चेव । नवमो गमओ । [सु. २९-३८. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववज्जंतम्मि सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] २९ जदि सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति किं संखेज्जवासा०, असंखेज्ज० ? गोयमा ! संखेज्ज०, न्ग्रे असंखेज्ज० । ३०. जदि संखेज्ज० जाव किं पज्जत्तासंखेज्ज०, अपज्जत्तासंखेज्जज० ? दोसु वि । ३१. संखेज्जवाससाउयसन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिए जे भविए पंचेदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवति०? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिपलिओवमट्ठितीएसु उववज्जिज्जा । ३२. ते णं भंते !० अवसेसं जहा एयस्स चेव सन्निस्स रयणप्पभाए उववज्जमाणस्स पढमगमए, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं, सेसं तं जाव भवादेसो त्ति । कालदेसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं Mero श्री आगमगुणमंजूषा ५१९ HONOR KGRO ॐॐॐॐॐॐॐ Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROHI95555555555555555 (५) भगवई २४.स. उ-२० [३०५] C玩乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐听听听听听听听乐乐乐乐85C以 पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियाइं; एवतियं०। पढ़मो गमओ । ३३. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अन्भहियाओ। बीओ गमओ । ३४. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववण्णो, जहन्नेणं तिपलिओवमद्वितीएसु, उक्कोसेण वि तिपलिओवमट्टितीएसु उवव० । एस चेव वत्तव्वया, नवरं परिमाणं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जति । ओगाहणा जहन्नेणं है अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । सेसं तं चेवे जाव अणुबंधो त्ति । भवादेसेणं दो भवग्गहणाई । कालादेसेणं जहन्नेणं तिण्णि पलिओवमाई अंतोमुहुत्तमब्भहियाइ, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई। तइओ गमओ । ३५. सो चेव जहन्नकालद्वितीओ जाओ, जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसुउववालद्धी से जहा एयस्स चेव सन्निपंचेदियस्स पुढविकाइएसु उववज्जमाणस्स मज्झिल्लएसुतिसुगमएसुसच्चेव इह वि मज्झिमएसु तिसु गमएसु कायव्वा । संवेहो जहेव एत्थ चेव असन्निस्स मज्झिमएसु तिसु गमएसु। ४-६ गमगा । ३६. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ, जहा पढमगमओ, णवरं ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी । कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तमब्भहिया, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियाई। सत्तमो गमओ । सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववण्णो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तमब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ। अट्टमो गमओ । ३८. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं तिपलिओवमट्टितीएसु, उक्कोसेण वि तिपलिओवमट्टितीएसु । अवसेसं तं चेव, नवरं परिमाणं ओगाहणा य जहा एयस्सेव ततियगमए । भवाएसेणं दो भवग्गहणाई। कालाएसेणं जहन्नेणं तिण्णि पलिओवमाइं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाइं; एवतियं० । नवमो गमओ । [ सु. ३९. मणुस्से पडुच्च पंचेदियतिरिक्खजोणियउववायनिरूवणं] ३९. जदि मणुस्सेहिंतो उववज्जति किं सण्णिमणु०, असण्णिमणु० ? गोयमा ! सण्णिमणु०, असण्णिमणुः । [सु. ४०. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववज्जतम्मि असण्णिमणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ४०. असन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए पंचेदियतिरिक्ख० उवव० सेणं भंते ! केवतिकाल०? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसुउववज्जति । लद्धी से तिसुवि गमएसु जहेव पुढविकाइएसुउववज्जमाणस्स, संवेहो जहा एत्थ चेव असन्निस्स पंचेदियस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु तहेव निरवसेसो भाणियव्वो। [सु. ४१-५०. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववज्जतम्मि सन्निमणुस्सम्मि उवाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ४१. जइ सण्णिमणुस्स० किं संखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्स०, असंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्स०? गोयमा ! संखेज्जवासाउय०, नो असंखेज्जवासाउय०।४२. जदि संखेज० किं पज्जत्ता०, अपज्जत्ता०? गोयमा ! पज्जत्ता०, अपज्जत्ता०।४३. असंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए पंचिदियतिरिक्ख० उववज्जित्तए से णं भंते ! केवति०? गोयमा ! ज़हन्नेणं अंतोमुहुत्त०, उक्कोसेणं तिपलिओवमट्टितीएसु उवव० । ४४. ते णं भंते !०? लद्धी से जहा एयस्सेव सन्निमणुस्सस्स पुढविकाइएसु उववज्जमणस्स पढमगमए जाव भवादेसो त्ति । कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियाई। पढमो गमओ । ४५. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं चत्तरि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ। बीओ गमओ । ४६. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं तिपलिओवमट्ठिईएसु, उक्कोसण वि तिपलिओवमट्टिईएसु । एसा चेव वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलपुहुत्तं, उक्कोसेणं पंच धणुसयाइं । ठिती जहन्नेणं मासपुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी। एवं अणुबंधो वि। भवादेसेणं दो भवग्गहणाई। कालादेसेणं जहन्नेणं तिण्णि पलिओवमाई मासपुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई, एवतियं०। तइओ गमओ । ४७. सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठितीओ जाओ, जहा सन्निस्स पंचेदियतिरिक्खजोणियस्स पंचेदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु वत्तव्वया भणिया सच्चेव एतस्स वि मज्झिमेसु तिसु गमएसु निरवसेसा भाणियव्वा, नवरं परिमाणं उक्कोसेणं संखेज्जा ONE明明明明明明听听听听听听听听听听明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听23 to-55 5 55555555555 श्री आगमगुणमजूषा - १२०% 95555555555555 Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 350 $$$$ $$ $$ (५) भगवई २४ श.उ -२०-२१ ३०६] 155555555555555ROS XOXO 62955555555555555555555555555555555555555555555555555 उववज्जति । सेसं तं चेव ४-६ गमगा । ४८. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ, सच्चेव पढमगमगवत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं पंच धणुसयाई, उक्कोसेण वि पंच धणुसयाइं । ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुवकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी । सेसं तहेव जाव भवाएसो त्ति । कालादेसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी ॥ अंतोमुहत्तमब्भहिया, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियाई, एवतियं०। सत्तमो गमओ । ४९. सो चेव जहन्नकालट्टितीएसु उववन्नो, एसा चेव वत्तव्वया, नवरं कालएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाओ। अट्ठमो गमओ । ५०. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं तिपलिओवमा, उक्कोसेणं वि तिपलिओवमा । एस चेव लद्धी जहेव सत्तमगमे। भवाएसेणं दो भवग्गहणाइं । कालाएसेणं जहन्नेणं तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडीए अब्भहियाई, उक्कोसेण वि तिण्णि पलिओवमाई पुव्वकोडीए अब्भहियाई; एवतियं०। नवमो गमओ । [सु. ५१. देवे पडुच्च पंचेदियतिरिक्खजोणियउववायनिरूवणं ] ५१. जदि देवेहितो उवव० किं भवणवासिदेवेहिंतो उवव०, वाणमंतर०, जोतिसिय०, वेमाणियदेवेहितो०? गोयमा ! भवणवासिदेवे० जाव वेमाणियदेवे०। [सु. ५२-५५. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववज्जतेसु भवणवासिदेवेसु उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ५२. जदि भवणवासि० किं असुरकुमारभवण० जाव थणियकुमारभवण? गोयमा ! असुरकुमार० जाव थणियकुमारभवण०। ५३. असुरकुमारे णं भंते ! जे भविए पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवति०? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तहितीएसु, उक्कोसेणं पुवकोडिआउएसु उवव० । असुरकुमाराणं लद्धी नवसु वि गमएसु जहा पुढविकाइएसु उववज्जमाणस्स एवं जाव ईसाणदेवस्स तहेव लद्धी! भवाएसेणं सव्वत्थ अट्ठ भवग्गहणाई उक्कोसेणं, जहन्नेणं दोन्नि भव०। ठिति 3 संवेहं च सव्वत्थ जाणेज्जा। ५४. नागकुमारे णं भंते ! जे भविए०? एस चेव वत्तव्वया, नवरं ठिति संवेधं च जाणेज्जा। ५५. एवं जाव थणियकुमारे ।। सु. ५६-५७. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववज्जतेसु वाणमंतरदेवेसु उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ]५६. जदि वाणमंतरे० किं पिसाय०? तहेव जाव- ५७. वाणमंतरे णं भंते ! जे भविए पंचेदियतिरिक्ख०? एवं चेव, नवरं ठिति संवेहं च जाणेजा। [सु. ५८-६०. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववज्जतेसु जोतिसियदेवेसु उववायपरिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ५८. जदि जोतिसिय० उववातो तहेव जाव- ५९. जोतिसिए णं भंते ! जे भविए पंचेदियतिरिक्ख० एस चेव वत्तव्वया जहा पुढविकाइयउद्देसए । भवग्गहणाइं नवसु वि गमएसु अट्ठ जाव कालाएसेणं जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तब्भहियं, उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाइं चउहिं पुव्वकोडीहिं चउहि य वाससयसहस्सेहिं अब्भहियाई, एवतियं०। ६०. एवं नवसु वि गमएसु नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा। [सु. ६१-६२. वेमाणियदेवे पडुच्च पंचेदियतिरिक्खजोणियउववायनिरूवणं ] ६१. जदि वेमाणियदेवे० किं कप्पोवग०, कप्पातीतवेमाणिय०? गोयमा ! कप्पोवगवेमाणिय०, नो कप्पातीतवेमा०। ६२. जदि कप्पोवग० जाव सहस्सारकप्पोवगवेमाणियदेवेहिंतो वि उववज्जति नो आणय जाव नो अच्चुयकप्पोवगवेमा०। [सु.६३-६५. पंचेदियतिरिक्खजोणियउववज्जतेसु सोहम्माइसहस्सारदेवपज्जतेसु उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ६३. सोहम्मदेवे णं भंते ! ग्रं० १३००० जे भविए पंचेदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवति? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्त०, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसु । सेसं जहेव पुढविकाइयउद्देसए नवसु विगमएसु, नवरं नवसु वि गमएसुजहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई। ठिति कालादेसं च जाणेज्जा। ६४. एवं ईसाणदेवे वि।६५. एवं एएणं कमेणं अवसेसा वि जाव सहस्सारदेवेसु उववातेयव्वा, नवरं ओगाहणा जहा ओगाहणसंठाणे । लेस्सा-सणंकुमार-माहिंद-बंभलोएसु एगा पम्हलेस्सा, सेसाणं एगा सुक्कलेस्सा । वेदे-नो इत्थिवेदगा, पुरिसवेदगा, नो नपुंसगवेदगा। आउ-अणुबंधा जहा ठितिपदे। सेसं जहेव ईसाणगाणं । कायसंवेहं च जाणेज्जा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति।**॥२४ सते वीसतिमो उद्देसओ।। एक्कवीसइमो मणुस्सउद्देसओ★★★ [सु. १. गइं पडुच्च मणुस्सउववायनिरूवणं ] १. मणुस्स म णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति ? किं नेरइएहितोउववजंति जाव देवेहिंतो उवव०१ गोयमा नेरइएहितो वि उववज्जति, एवं उववाओ जहा पंचेदियतिरिक्खजोणिउद्देसए 5555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५२१5555555555555555555555555546 Or. Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २४ स. उ-२१ (३०७ ] (उ० २० सु० १-२ ) जाव तमापुढविनेरइएहिंतो वि उववज्जंति, नो आहेसत्तमपुढविनेरइएहिंतो उवव० [सु. २-४ मणुस्सउववज्जं तम्मि रयणप्पभारइतमापज्र्ज्जतपुढविनेरइयम्मि उववाय परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] २. रयणप्पभपुढविनेरइए णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उवव० से णं भंते ! केवतिकाल ०? गोयमा ! जहन्त्रेणं मासपुहुत्तट्ठितीएसु, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसु । ३. अवसेसा वत्तव्वया जहा पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्ज॑तस्स तहेव, नवरं परिमाणे जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जंति, जहा तहिं अंतोमुहुत्तेहिं तहा इहं मासपुहुत्तेहिं संवेहं करेज्जा। सेसं तं चेव । ४. जहा रयणप्पभाए तहा सक्करप्पभाए वि वत्तव्वया, नवरं जहन्नेणं वासपुहुत्तद्वितीएसु, उक्कोसेणं पुव्वकाडि० । ओगाहणा-लेस्सा-नाण-ट्ठिति- अणुबंध-संवेहनाणत्तं च जाना जव तिरिक्खजोणियउद्देसए (उ० २० सु० ८-९ ) एवं जाव तमापुढविनेरइए । [सु. ५-१२. मणुस्सउववज्जंतेसु तेउ वाउवज्जएगिदिय-विगलिंदियपंचेदियतिरिक्खजोणिय मणुस्सेसु उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ५. जति तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति किं एगिदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति, जाव पंचेदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उवव० ? गोयमा ! एगिदियतिरिक्ख० भेदो जहा पंचेदियतिरिक्खजोणिउद्देसए (उ० २०सु० ११) नवरं तेउ-वाऊ पडिसेहेयव्वा । सेसं तं चैव जाव- ६. पुढविकाइए णं भंते! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवति० ? गोयमा ! जहन्त्रेणं अंतोमुहुत्तट्ठितीएसु, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसु उवव० । ७. ते णं भंते ! जीवा०? एवं जा चेव पंचेंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स पुढविकाइयस्स वत्तव्वया सा चेव इह वि उववज्जमाणस्स भाणियव्वा नवसु वि गमएस, नवरं ततिय-छट्ट - णवमेसु गमएसु परिमाणं जहन्नेणं एक्को वा दो तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्ना उववज्र्ज्जति । ८. जाहे अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ भवति ताहे पढमगमए अज्झवसाणा पसत्था वि अप्पसत्था वि, बितियगमए अप्पसत्था, ततियगमए पवत्था भवंति । सेसं तं चैव निरवसेसं । ९. जति आउकाइए० एवं आउकाइयाण वि | १०. एवं वणस्सतिकाइयाण वि । ११. एवं जाव चउरिदियाणं । १२. असन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिया सन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणिया असन्निमणुस्सा सन्निमणुस्सा य, एए सव्वे वि जहा पंचेंदियतिरिक्खजोणिउद्देसए तहेव भाणितव्वा, नवरं एताणि चेव परिमाण अज्झवसाणणाणत्ताणि जाणिज्जा पुढविकाइयस्स एत्थ चेव उद्देसए भाणियाणि । सेसं तहेव निरवसेसं । [सु. १३. देवे पडुच्च मणुस्सउववायपरूवणं] १३. जदि देवेहिंतो उवव० किं भवणवासिदेवेहिंतो उवव०, वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणियदेवेहिंतो उवव०? गोयमा ! भवणवासि० जाव वेमाणिय० । [सु. १४-२७. मणुस्सउववज्जंतेसु भवणवासि वाणमंतरजोतिसिय-वेमाणियदेवेसु उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १४. जदि भवण० किं असुर० जाव थणिय०? गोयमा ! असुर० जाव थणिय० । १५. असुरकुमारे भंते! जे भवि मस्सेसु उवव० से णं भंते ! केवति० ? गोयमा ! जहन्नेणं मासपुहत्तद्वितीएसु, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएस उववज्जेज्जा । एवं जच्चेव पंचेदियतिरिक्खजोणिउद्देसवत्तव्वया सा चेव एत्थ वि भाणियव्वा, नवरं जहा तहिं जहन्नगं अंतोमुहुत्तट्ठितीएसु तहा इहं मासपुहत्तट्ठिईएसु, परिमाणं जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्निवा, उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जंति । सेसं तं चेव जाव ईसाणदेवो त्ति । एयाणि चेव णाणत्ताणि । सणकुमारादीया जाव सहस्सारो त्ति, जहेव पंचेंदियतिरिक्खजोणिउद्देसए नवरं परिमाणे जहन्त्रेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जंति । उववाओ जहनेणं वासपुहत्तट्ठितीएसु, उक्कोसेणं पुव्वकोडिआउएसु उवव० । सेसं तं चेव । संवेहं वासपुहत्तपुव्वकोडीसु करेज्जा । १६. सणकुमारे ठिती चउग्गुणिया अट्ठावीसं सागरोवमा भवंति । माहिदे ताणि चे सातिरेगाणि । बंभलोए चत्तालीसं। लंतए छप्पण्णं । महासुक्के अट्ठसट्ठि । सहस्सारे बावत्तरिं सागरोवमाई। एसा उक्कोसा ठिती भणिया, जहन्नद्वितिं पि चउगुणेज्जा । १७. आयदेवे णं भंते! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवति०? गोयमा ! जहन्त्रेणं वासपुहत्तट्ठितीएसु उवव०, उक्कोसेणं पुव्वकोडिद्वितीएसु । १८. ते णं भंते !o ? एवं जहेव सहस्सारदेवाणं वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा- ठिति- अणुबंधे य जाणेज्जा | सेसं तं चेव । भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं छ भवग्गहणाई । कालाएसेणं जहन्त्रेणं अट्ठारस सागरोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं सत्तावण्णं सागरोवमाई तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई; एवतियं कालं० । एवं नव वि गमा, नवरं ठितिं अणुबंध संवेहं च जाणेज्जा । १९. एवं जाव अच्चुयदेवो, नवरं ठितिं अणुबंध संवेहं च जाणेज्जा । पाणयदेवस्स ठिती तिउणा-सट्ठि प्र श्री आगमगुणमंजूषा - ५२२ 7.37272 Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOR95555555555555 (५) भगवई २४ रा. उ-२१-२२ (३०८] 55555555555555ftOOR OC蛋蛋乐乐乐$$$$$$$$$$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$$$$$5CM र सागरोवमाइं, आरणगस्स तेवढेि सागरोवमाइं, अच्चुयदेवस्स छावहिँ सागरोवमाइं । २०. जदि कप्पातीतवेमाणियदेवेहितो उवव० किं गेवेजकप्पातीत०, अणुत्तरोववातियकप्पातीत०? गोयमा ! गेवेज्ज० अणुत्तरोववा०।२१. जइ गेवेज्ज० किं हेट्टिमहेट्ठिमगेवेज्जकप्पातीत० जाव उवरिम-उवरिमगेवेज०? गोयमा ! हेट्टिमहेडिमगेवेज० जाव उवरिमउवरिम०।२२. गेवेज्जगदेवे णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवतिका०? गोयमा ! जहन्नेणं वासपुहत्तद्वितीएसु.॥ उक्कोसेणं पुव्वकोडि०। अवसेसं जहा आणयदेवस्स वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा, गोयमा ! एगे भवधारणिज्जे सरीरए से जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभाग, उक्कोसेणं दो रयणीओ। संठाणं गोयमा ! एगे भवधारणिज्जे सरीरए से समचउरंससंठिते पन्नत्ते । पंच समुग्घाया पन्नत्ता, तं जहा-वेयणासमुग्घाए जाव तेयगसमु०, नो चेवणं वेउब्विय-तेयगसमुग्घाएहिं समोहन्निंसु वा, समोहन्नंति वा, समोहण्णिस्संति वा, ठिति-अणुबंधा जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं एक्कतीसं सागरोवमाइं। सेसं तं चेव । कालाएसेणं जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं तेणउतिं सागरोवमाइं तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं; एवतियं०। एवं सेसेसु वि अट्ठगमएसु, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा । २३. जदि अणुत्तरोववातियकप्पातीतवेमाणि० किं विजयअणुत्तरोववातिय० वेजयंतअणुत्तरोववातिय० जाव सवठ्ठसिद्ध०? गोयमा ! विजयअणुत्तरोववातिय० जाव सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववातिय०। २४. विजय-वेजयंत-जयंत- अपराजितदेवे णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उवव० सेणं भंते ! केवति०? एवं जहेव गेवेज्जगदेवाणं, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजतिभागं, उक्कोसेणं एगा रयणी। सम्मट्ठिी , नो मिच्छादिट्ठी, नो सम्मामिच्छादिट्ठी, णाणी, णो अण्णाणी, नियमं तिनाणी, तं जहा-आभिणिबाहिय० सुय० ओहिणाणी। ठिती जहन्नेणं एक्कतीसं सागरोवमाइं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई। सेसंतं चेव । भवाएसेणं जहन्नेणं दो भवग्गहणाई, उक्कोसेणं चत्तारि भक्ग्गहणाई। कालाएसेणं जहन्नेणं एक्कत्तीसं सागरोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं छावहिँ सागरोवमाइं दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं०। एवं सेसा वि अट्ठ गमगा भाणियव्वा, नवरं ठिति अणुबंध संवेधं च जाणेज्जा । सेसं एवं चेव। २५. सव्वट्ठसिद्धगदेवेणं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए०? सा चेव विजयादिदेववत्तव्वया भाणियव्वा, णवरं ठिती अजहन्नमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं। एवं अणुबंधो वि। सेस तं चेव । भवाएसेणं दो भवग्गहणाई, कालाएसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई पुव्वकोडीए अब्भहियाई, एवतियं०। पढमो गमओ । २६. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेण वि तेत्तीसं सागरोवमाई वासपुहत्तमब्भहियाइं; एवतियं०। बीओ गमओ । २७. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई, उक्कोसेण वि तेत्तीसं सागरोवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई, एवतियं० । तइओ गमओ । एए चेव तिण्णि गमगा, सेसा न भण्णंति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ॥२४ सते २१ उद्देसो।। बावीसइमो वाणमंतरुद्देसओ [सु. १. वाणमंतरउववज्जतम्मि असन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि नागकुमारुद्देसाणुसारेण उववाय-परिमाणाइवीसइदारावगमनिद्देसो ] १. वाणमंतरा णं भंते कओहिंतो उववज्जति? किं नेरइएहिंतो उववज्जंति, तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति०? एवं जहेव णागकुमारुद्देसए असण्णी तहेव निरवसेसं । सु. २-७. वाणमंतरउववज्जंतम्मि सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] २. जदि सन्निपंचेंदिय० जाव असंखेज्जवासायसन्निपंचेदिय० जे भविए वाणमंतर० से णं भंते ! केवति०? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्सद्वितीएसु, उक्कोसेणं पलिओवमट्टितीएसु । सेसं तं चेव जहा नागकुमारउद्देसए जाव कालएसेणं जहन्नेणं सातिरेगा पुव्वकोडी दसहि वाससहस्सेहिं अब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाई; एवतियं० । पढमोगमओ । ३. सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, जहेव णागकुमाराणं बितियगमे वत्तव्वया। बीओ गमओ । ४. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं पलिओवमद्वितीएसु, उक्कोसेणं वि पलिओवमद्वितीएसु । एस चेव वत्तव्वया, नवरं ठिती जहन्नेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं तिन्न पलिओवमाइं; एवतियं०। तइओ गेमओ । ५. मज्झिमगमगा तिन्नि विभ जहेव नागकुमारेसु। ४-६ गमगा।६.पच्छिमेसु तिसुगमएसुतं चेव जहा नागकुमारुद्देसए, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा। ७-९ गमगा । ७. संखेज्जवासाउय० MORE 5 55555 5 59/श्री आगमगुणमजूषा ५२३3555555555555555555555555f6 OR G乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听纸听听听听听听听听听听听明听听听听听网 Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २४ स. उ - २२.२३ ३०९] D%%%%%%$$$$$$$ O DE UE $$$$Q $$$$$$ $$$$$$$ र तहेव, नवरं ठिती अणुबंधो संवेहं च उमओ ठितीए जाणेज्जा। १-९ गमगा । [सु. ८-९. वाणमंतरउववज्जतम्मि मणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं] ८. जदि मणुस्स० असंखेजवासाउयाणं जहेव नागकुमाराणं उद्देसे तहेव वत्तव्वया, नवरं ततियगमए ठिती जहन्नेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई। ओगाणा जहन्नेणं गाउयं उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई । सेसं तहेव | संवेहो से जहा एत्थ चेव उद्देसए असंखेज्नवासाउयसन्निपंचिदियाणं । ९. संखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सा जहेव नागकुमारुद्देसए, नवरं वाणमंतरठिति संवेहं च जाणेज्जा। सेव भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।||२४ सते २२॥ तेवीसइमोजोतिसियउद्देसओ★★★ [सु. १-२. गइं पडुच्च जोतिसियदेवउववायपरूवणं] १. जोतिसिया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति? किं नेरइए० भेदो जाव सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजति, नो असन्निपंचिदियतिरिक्खजोणिएहितो उवव०१२. जदि सन्नि० किं सखंजे०, असखंजे०? गोयमा ! संखेज्जवासाउय०, असंखेज्जवासाउय० [सु. ३-८. जोतिसियउववज्जतम्मि असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ३. असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए जोतिसिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवति? गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमट्टितीएसु, उक्कोसेणं पलिओवमवाससयसहस्सद्वितीएसु उवव०। अवसेसं जहा असुरकुमारुद्देसए, नवरं ठिती जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई । एवं अणुबंधो वि । सेसं तहेव, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं दो अट्ठभागपलिओवमाइं, उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाइं वाससयसहस्समब्भहियाई, एवतियं०। पढमो गमओ । ४. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नों, जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमट्टितीएसु, उक्कोसेण वि अट्ठभागपलिओवमद्वितीएसु । एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसं जाणेज्जा। बीओ गमओ। ५. सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववण्णो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं ठिती जहन्नेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई । एवं अणुबंधो वि । कालाएसेणं जहन्नेणं दो पलिओवमाई दोहिं वाससयसहस्सेहिं अब्भहियाई, उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाई वाससयसहस्समब्भहियाइं । तइओ गमओ । ६. सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ, जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमट्टितीएसु, उक्कोसेण वि अट्ठभागपलिओवमट्टितीएसुउवव०।७. तेणं भंते ! जीवा एग०? एस चेव वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं धणुपुहत्तं, उक्कोसेणं सातिरेगाइं अट्ठारस धणुसयाई। ठिती जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमं, उक्कोसेण वि अट्ठभागपलिओवमं । एवं अणुबंधो वि । सेसं तहेव । कालाएसेणं जहन्नेणं दो अट्ठभागपलिओवमाई, उक्कोसेण वि दो अट्ठभागपलिओवमाई, एवतियं०। जहन्नकालद्वितीयस्स एस चेव एक्को गमगो। चउत्थो गमओ । ८. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ, सा चेव ओहिया वत्तव्वया, नवरं ठिती जहन्नेणं तिन्नि पलिओवमाई, उक्कोसेण वि तिन्नि पलिओवमाई। एवं अणुबंधो वि। सेसं तं चेव । एवं पच्छिमा तिण्णि गमगा नेयव्वा, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा । एते सत्त गमगा। ५-७ गमगा । [ सु. ९. जोतिसियउववज्जतम्मि संखेज्जवासाउयसन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणियम्मि उववायपरिमाणाइवीसइदारपरूवणं] ९. जइ संखेज्जवासाउयसन्निपंचेदिय० संखेजवासाउयाणं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणाणं तहेव नव वि गमगा भाणियव्वा, नवरं जोतिसियठिति संवेहं च जाणेज्जा। सेसं तहेव निरवसेसं । [सु. १०-१२. जोतिसियउववज्जतम्मि मणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १०. जदि मणुस्सेहिंतो उववज्जति०? भेदो तहेव जाव-११. असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए जोतिसिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! ०? एवं जहा असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियस्स जोतिसिएसु चेव उववज्जमाणस्स सत्त गमगा तहेव मणुस्साण वि, नवरं ओगाहणाविसेसो-पढमेसु तिसु गमएसु ओगाहणा जहन्नेणं सातिरेगाइं नव धणुसयाइं उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई। मज्झिमगमए जहन्नेणं सातिरेगाइं नव धणुसयाई, उक्कोसेण वि सातिरेगाइं नव धणुसयाइं । पच्छिमेसु तिसुगमएसुजहन्नेणं तिन्नि गाउयाई, उक्कोसेण वि तिन्नि गाउयाई। सेसंतहेव निरवसेसं जाव संवेहो त्ति। १२. जदि संखेजवासाउयसन्निमणुस्से० संखेज्जवासाउयाणं फ जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणाणं तहेव नव गमगा भाणियव्वा, नवरं जोतिसियठिति संवेहं च जाणेज्जा । सेसं तहेव निरवसेसं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । $$$$$$$$$$$$$$$ $$$$$$$听$$$$$$$$$$$$垢$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$听听听听听听听听QQ O reOFFFFFFFFFF55555555555555 श्री आगभगुणमंजूषा -५२४ 5555555555555555555555555FOTO Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २४ स. उ-२४ [ ३१०१ ★★★ ॥२४ सते २३ उद्देसओ ॥ चडुवीसइमो वेमाणियउद्देसओ ★ ★ ★ [सु. १. गई पडुच्च सोहम्मगदेवउववायनिरूवणं ] १. सोहम्मगदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति ? किं नेरइएहिंतो उववज्जं ति०? भेदो जहा जोतिसियउद्देसए । [सु. २८. सोहम्मगदेवउववज्जं तेसु असंखेज्जसंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिएसु उववाय- परिमाणाइवीसदारपरूवणं ] २. असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भवि सोहम्मगदेवेसु उववज्जित्तए से णं भंते! केवतिकाल ०? गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमट्टितीएसु, उक्कोसेणं तिपलिओवमट्टितीएसु उवव०। ३. ते णं भंते !०, अवसेसं जहा जोतिसिएस उववज्नमाणस्स, नवरं सम्मद्दिट्ठी वि, मिच्छादिट्ठी वि, नो सम्ममिच्छादिट्टी; नाणी वि, अन्नाणी वि, दो नाणा, दो अन्नाणा नियम; ठिती जहन्ने दो पलिओवमाइं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं । एवं अणुबंधो वि। सेसं तहेव । कालाएसेणं जहण्णेणं दो पलिओवमाई, उक्कोसेणं छ पलिओवमाई; एवतियं० । पढमो गमओ । ४. सो चेव जहन्नकालद्वितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्त्रेणं दो पलिओवमाइं, उक्कोसेणं चत्तारि पलिओवमाई; एवतियं० । ओ ओ । ५. सो चेव उक्कोसकालद्वितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं तिपलि ओवम०, उक्कोसेण वि तिपलिओवम० । एस चेव वत्तव्वया, नवरं ठिती जहन्नेणं तिनिपलि ओवमाई, उक्कोसेण वि तिन्नि पलिओवमाई। सेसं तहेव । कालाएसेणं जहन्त्रेणं छ पलिओवमाइं, उक्कोसेण वि छप्पलिओवमाइं० । तइओ गमओ । ६. सोचे अप्पणा जहन्नकालतीओ जाओ, जहन्नेणं पलिओवमट्टितीएसु, उक्कोसेण वि पलिओवमहितीएस। एस चेव वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं धणुपुहत्तं, उक्कोसेणं दो गाउयाई । ठिती जहन्त्रेणं पलिओवमं, उक्कोसेण वि पलिओवमा सेसं तहेव । कालाएसेणं जहन्नेणं दो पलिओवमाई, उक्कोसेण वि दो पलिओ माई एवतियं० । ४-६ गमगा । ७. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठितीओ जाओ, आदिल्लगमगसरिसा तिन्नि गमगा नेयव्वा, नवरं ठितिं कालादेसं च जाणेज्जा । ७-९ गमगा । ८. जदि संखेज्जवासाउयसन्निपंचेदिय० संखेज्जवासाउयस्स जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स तहेव नव वि गमा, नवरं ठितिं संवेहं च जाणेज्जा । जाहे `य अप्पणा जहन्नकालट्ठितीओ भवति ताहे तिसु वि गमएसु समद्दिट्ठी वि, मिच्छाद्दिट्ठी वि, नो सम्मामिच्छादिट्ठी । दो नाणा, दो अन्नाणा नियमं । सेसं तं चेव । [ सु. ९११. सोहम्मगदेवउववज्जंतेसु असंखेज्न संखेज्जवासाउयमणुस्सेसु उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] ९. जदि मणुस्सेहिंतो उववज्जति भेदो जहेव जोतिसिएस उववज्नमाणस्स जाव- १०. असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववज्जित्तए० ? एवं जहेव असंखेज्जवासाउयस्स सन्निपंचेदियतिरिक्खजोणियस्स सोहम्मे कप्पे उववज्जमाणस्स तहेव सत्त गमगा, नवरं आदिल्लएसु दोसु गमएस ओगाहणा जहन्नेणं गाउयं, उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाइं । ततियगमे जहन्नेणं तिन्नि गाउयाई, उक्कोसेण वि तिन्नि गाउयाइं । चउत्थगमए जहन्नेणं गाउयं, उक्कोसेण वि गाउयं । पच्छिमेसु गमएसु जहन्नेणं तिन्नि गाउयाई, उक्कोसेण वि तिनि गाउउयाई । सेसं तहेव निरवसेसं । १ ९ गमगा । ११. जदि संखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सेहिंतो०, एवं संखेज्जवासाउयसन्निमणुस्साणं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणाणं तहेव नव गमगा भाणियव्वा, नवरं सोहम्मदेवद्वितिं संवेहं च जाणेज्जा | सेसं तं चेव । [ सु. १२-२०. ईसाणइसहस्सारपज्जंतदेवउववज्जंतेसु तिरिक्खजोणियमणुस्सेसु उववाय- परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] १२. इसाणा देवा णं भंते ! कओ० उववज्जंति ० ईसाणदेवाणं एस चेव सोहम्मदेवसरिसा वत्तव्वया, नवरं असंखेज्जवासाउयसन्निपंचेंदियतिरिक्खजोणियस्स जेसु ठाणेसु सोहम्मे उववज्जमाणस्स, पलिओवमठितीएस ठाणेसु इहं सातिरेगं पलिओवमं कायव्वं । चउत्थगमे ओगाहणा जहन्त्रेणं धणुपुहत्तं, उक्कोसेणं सातिरेगाइं दो गाउयाई । सेसं तहेव । १३. असंखेज्जवासाउयसन्निमणूसस्स वि तहेव ठिती जहा पंचेंदियतिरिक्खजोणियस्स असंखेज्जवासाउयस्स, ओगाहणा वि जेसु ठाणेसु गाउयं तेसु ठाणेसु इहं सातिरेगं गाउयं । सेसं तहेव । १४. संखेज्जवासाउयाणं तिरिक्खजोणियाणं मणूसाण य जहेव सोहम्मे उववज्नमाणाणं तहेव निरवसेसं णव वि गमगा, नवरं ईसाणे ठितिं संवेहं च जाणेज्जा । १५. सणकुमारदेवा णं भंते ! कतोहिंतो उवव०? उववातो जहा सक्करम्पभपुढविनेरइयाणं जाव- १६. पज्जत्तासंखेज्जवासाउयसन्निपंचेदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए सणंकुमारदेवेसु उववज्जित्तए०? अवसेसा परिमाणादीया भवाएसपज्जवसाणा सच्चेव वत्तव्वया श्री आगमगुणमंजूषा - ५२५ N RO 5 5 5 5 5 5 5 Education International 2010 03 FO Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOOTON 乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐5555明明乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐SO AGR9555555$ (५) भगवई २४ स. उ-२४/२५ सत्तं उ-१ [३११] भाणियव्वा जहा सोहम्मे उववज्जमाणस्स, नवरं सणंकुमारट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा । जाहे य अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ भवति ताहे तिसु वि गमएसुपंच लेस्साओ आदिल्लाओ कायव्वाओ। सेसं तं चेव । १७. जदि मणुस्सेहिंतो उवव०? मणुस्साणं जहेव सक्करप्पभाए उववजमाणाणं तहेव णव वि गमगा भाणियव्वा, नवरं सणंकुममारट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा । १८. माहिंदगदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववजंति?० जहा सणंकुमारगदेवाणं वत्तव्वया तहा माहिंदगदेवाण वि भाणियव्वा, नवरं माहिंदगदेवाणं ठिती सातिरेगा भाणियव्वा सा चेव । १९. एवं बंभलोगदेवाण वि वत्तव्वया, नवरं बंभलोगट्ठिति संवेहं च जाणेज्जा । एवं जाव सहस्सारो, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा । २०. लंतगाईणं जहन्नकालद्वितीयस्स तिरिक्खजोणियस्स तिसु वि गमएसु छप्पि लेस्साओ कायव्वाओ । संघयणाई बंभलोग-लंतएसु पंच आदिल्लगाणि, महासुक्क-सहस्सारेसुचत्तारि, तिरिक्खजोणियाण वि मणुस्साण वि। सेसं तं चेव। [सु. २१-२९. आणयाइसव्वट्ठसिद्धपज्जंतदेवउववज्जतम्मि मणुस्सम्मि उववाय-परिमाणाइवीसइदारपरूवणं ] २१. आणयदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति?० उववाओ जहा सहस्सारदेवाणं, णवरं तिरिक्खजोणिया खोडेयब्वा जाव-२२. पज्जत्तासंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सेणं भंते! जे भविए आणयदेवेसु उववज्जित्तए०? मणुस्साण य वत्तव्वया जहेव सहस्सारे उववज्जमाणाणं, णवरं तिन्नि संघयणाणि । सेसं तहेव जाव अणुबंधो भवाएसेणं जहन्नेणं तिण्णि भवग्गहणाई, उक्कोसेणं सत्त भवग्गहणाई। कालाएसेणं जहन्नेणं अट्ठारस सागरोवमाइं दोहिं वासपुहत्तहिं अब्भहियाई, उक्कोसेणं सत्तावण्णं सागरोवमाइं चउहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं; एवतियं०। एवं सेसा वि अट्ठ गमगा भाणियव्वा, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा, सेसं तहेव । २३. एवं जाव अच्चुयदेवा, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा । चउसु वि संघयणा तिन्नि आणयादीसु । २४. गेवेज्जदेवा णं भंते ! कओ० उववज्जति ? एस चेव वत्तव्वया, नवरं संघयणा दो। ठिति संवेहं च जाणेज्जा । २५. विजय-वेजयंत-जयंत-अपराजियदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति?० एस चेव वत्तव्वया निरवसेसा जाव अणुबंधो त्ति, नवरं पढम संघयणं, सेसं तहेव । भवाएसेणं जहन्नेणं तिन्नि भवग्गहणाई, उक्कोसेणं पंच भवग्गहणाई । कालाएसेणं जहन्नेणं एक्कत्तीसं सागरोवमाई दोहिं वासपुहत्तेहिं अब्भहियाइं, उक्कोसेणं छावढेि सागरोवमाइं तिहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं; एवतियं०। एवं सेसा वि अट्ठ गमगा भाणियव्वा, नवरं ठिति संवेहं च जाणेज्जा । मणूसलद्धी नवसु वि गमएसु जहा गेवेज्जेसु उववज्जमाणस्स, नवरं पढमसंघयणं । २६. सव्वट्ठसिद्धगदेवा णं भंते ! कओ० उववज्जति ?० उववातो जहेव विजयाईणं जाव-२७. से णं भंते ! केवतिकालद्वितीएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं तेत्तीससागरोवमट्ठिति०, उक्कोसेणई वितेत्तीससागरोवमट्टितीएसु उवव०। अवसेसा जहा विजयादीसु उववज्जताणं, नवरं भवाएसेणं तिन्नि भवग्गहणाई; कालाएसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं दोहिं वासपुहत्तेहिं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई; एवतियं०। पढमो गमओ । २८. सो चेव अप्पणा जहन्नकालद्वितीओ जाओ, एस चेव वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा-ठितीओ रयणिपुहत्त-वासपुहत्ताणि । सेसं तहेव । संवेहं च जाणेजा। बीओ गमओ।२९. सो चेव अप्पणा उक्कोसकालद्वितीओ जाओ, एस चेव वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं पंच धणुसयाई, उक्कोसेण वि पंच धणुसयाई । ठिती जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी। सेसं तहेव जाव भवाएसो त्ति । कालाएसेणं जहन्नेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, उक्कोसेण वि तेत्तीसं सागरोवमाई दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाई, एवतियं ॥ कालं सेवेज्जा, एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा। तइओ गमओ । एते तिन्नि गमगा सव्वट्ठसिद्धगदेवाणं। से एवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति भगवं गोयमे जाव विहरइ । ॥२४ सते २४ उद्दे०| समत्तं च चउवीसतिमं सय||२४|| पंचवीसइमं सयंम सु. १. पंचवीसइमसयस्स उद्देसनामनिरूवणं] १. लेसा य १ दव्व २ संठाण ३ जुम्म ४ पज्जव ५ नियंठ ६ समणा य ७। ओहे ८ भवियाऽभविए ९-१० सम्मा११ मिच्छे य १२ उद्देसा ॥१॥★★★ पढमो उद्देसओ 'लेसा' ★★★[सु. २. पढमुद्देसस्सुवुग्घाओ] २. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासी-[सु. ३. लेसाभेयनिरूवणाइ] ३. कति णं भंते ! लेस्साओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! छ ल्लेसाओ, पन्नत्ताओ, तं जहा-कण्हलेस्सा जहा पढमसए बितिउद्देसए (स०१ उ०२ सु०१३) तहेव लेस्साविभागो GO乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听2TC KOYO$$$$$$$$ $$$$$ श्री आगमगुणमंजूषा - ५२६ ॥55555555555555555555556YORK Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ STC155555555$$$$$$$$$$$$ GO乐乐听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐声乐乐乐乐乐坊乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐玩玩乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐5556C ORC55555%%%%%%%% (५) भगवई २५ स. उ. १ ३१२] 历历%%%%%%%%%% %% % अप्पाबहुगं च जाव चउब्विहाणं देवाणं चउब्विहाणं देवीणं मीसगं अप्पाबहुगं ति। [सु. ४. संसारसमावन्नगाणं जीवाणं चउद्दस भेया ] ४. कतिविधा णं भंते ! । संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता ? गोयमा ! चोद्दसविहा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तं जहा-सुहुमा अपज्जत्तगा१ सुहुमा पज्जत्तगा २ बायरा अपज्जत्तगा ३ बादरा पज्जत्तगा ४ बेइंदिया अपज्जत्तगा ५ बेइंदिया पज्जत्तगा ६ एवं तेइंदिया ७-८ एवं चउरिदिया ९-१० असन्निपंचेदिया अपज्जत्तगा ११ असन्निपंचेंदिया पज्जत्तगा १२ सन्निपंचेदिया अपज्जत्तगा १३ सन्निपंचिदिया पज्जत्तगा १४। [सु. ५. जहन्नुक्कोसजोगं पडुच्च संसारसमावन्नजीवाणं अप्पाबहुयं ] ५. एतेसिणं भंते ! चोद्दसविहाणं संसारसमावन्नगाणं जीवाणं जहन्नुक्कोसगस्स जोगस्स कयरे कयरेहितों जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे सुहुमस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए १, बादरस्स अपज्जगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे २, बेदियस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ३, एवं तेइंदियस्स ४, एवं चउरिदियस्स ५, असन्निस्स पंचेदियस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ६, सन्निस्स पंचेदियस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेजगुणे ७, सुहुमस्स पज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ८, बादरस्स पज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ९, सुहुमस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसेए जोए असंखेज्जगुणे १०, बायरस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे ११, सुहुमस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे १२, बादरस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे १३, बेइंदियस्स पज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेजगुणे १४, एवं तेदियस्स १५, एवं जाव सन्निस्स पंचेदियस्स पज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेजगुणे १६-१८, बेइंदियस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुणे १९, एवं तेंदियस्स वि २०, एवं जाव सण्णिपंचेंदियस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २१-२३, बेइंदियस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २४, एवं तेइंदियस्स वि पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुणे २५, चउरिदियस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २६, असन्निपंचिदियपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २७, एवं सण्णिस्स पंचिंदियस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २८ । [ सु. ६-७. पढमसमयोववन्ननगाणं चउवीसइदंडगगयाणं दोण्हं जीवाणं समजोगित्त-विसमजोगित्तपरूवणं ] ६. (१) दो भंते ! नेरतिया पढमसमयोववन्नगा कि समजोगी, विसमजोगी? गोयमा ! सिय समजोगी, सिय विसमजोगी। (२) से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चति-सिय समजोगी, सिय विसमजोगी? गोयमा ! आहारयाओ वा से अणाहारए, अणाहारयाओ वा से आहारए सियहीणे, सिय तुल्ले, सिय अब्भहिए। जदि हीणे असंखेज्जतिभागहीणे वा संखेज्जतिभागहीणे वा, संखेज्जगुणहीणे वाई असंखेज्जगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखेज्जतिभागमब्भहिए वा संखेज्जतिभागमब्भहिए वा, संखेज्जगुणमब्भहिए वा असंखेजतिगुणमब्भहिए वा । से तेणटेणं जाव सिय विसमजोगी। ७. एवं जाव वेमाणियाणं। [सु. ८.जोगस्स पन्नरस भेया] ८. कतिविधे णं भंते ! जोए पन्नत्ते ? गोयमा ! पन्नरसविधे जोए पन्नत्ते तं जहासच्चमणजोए मोसमणजोए सच्चामोसमणजोए असच्चामोसमणजोए, सच्चवइजोए मोसवइजोए सच्चामोसवइजोए असच्चामोसवइजोए, ओरालियसरीरकायजोए ओरालियमीसासरीरकायजोए वेउब्वियसरीरकायजोए वेउब्वियमीसासरीरकायजोए आहारगसरीरकायजोए आहारगमीसासरीरकायजोगे, कम्मासरीरकायजोए १५। [ सु. ९. पन्नरसविहस्स जहन्नुक्कोसगस्स जोगस्स अप्पाबहुयं ]९. एयस्स णं भंते ! पन्नरसविहस्स जहन्नुक्कोसगस्स जोगस्स कयरे कतरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे कम्मगसरीरस्स जहन्नए जोए १, ओरालियमीसगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे २, वेउव्वियमीसगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ३, ओरालियसरीरस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ४, वेउब्वियसरीरस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ५, कम्मगसरीरस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे ६, आहारगमीसगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ७, तस्स चेव उक्कोसए जोए असंखेजगुणे ८, ओरालियमीसगस्स वेउब्वियमीसगस्स य एएसिणं उक्कोसए जोए दोण्ह वि तुल्ले असंखेनगुणे ९-१०, असच्चामोसमणजोगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ११, आहारगसरीरस्स जहन्नए जोए असंखेजगुणे १२; तिविहस्स मणजोगस्स, चउव्विहस्स वइजोगस्स, एएसि णं सत्तण्ह वि तुल्ले जहन्नए जोए असंखेजगुणे १३-१९; आहारगसरीरस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २०, १ ओरालियसरीरस्स वेउब्वियसरीरस्स चउव्विहस्सय मणजोगस्स, चउब्विहस्सय वइजोगस्स, एएसिणं दसण्ह वितुल्ले उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २१-३०। सेवं C5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५२७ 555555555555555555555555FOOD ffffff Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २५ स. उ.२ [३१३] 55555555555555500 र भंते ! सेवं भंते ! त्तिक । ॥२५ सते पढमो उद्देसो।२५.१।। बीओ उद्देसओ 'दव्व' ***[सु. १. दव्वाणं भेयदुगं] १. कतिविधा णं भंते ! दव्वा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा दव्वा पन्नत्ता, तं जहा-जीवदव्वा य अजीवदव्वा या [सु. २. अजीवदव्वाणं भेयदुर्ग, विसेसावगमत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो य] २. अजीवदव्वा णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-रूविअजीवदव्वा य, अररूविअजीवदव्वा य । एवं एएणं अभिलावेणं जहा अजीवपज्जवा जाव से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चति-ते णं नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अणंता। [सु. ३. जीवदव्वाणं अणंतत्तं ] ३. (१) जीवदव्वा णं भंते ! किं संखेज्जा, असंखेज्जा, अणंता ? गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अणंता। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जीवदव्वा णं नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अणंता? गोयमा ! असंखेज्जा नेरइया जाव असंखेज्जा वाउकाइया, अणंता वणस्सतिकाइया, असंखिज्जा बेदिया, एवं जाव वेमाणिया, अणंता सिद्धा, से तेणटेणं जाव अणंता। [सु. ४. ६.जीव-चउवीसइदंडएसुअजीवदव्वपरिभोगपरूवणं ] 8. (१) जीवदव्वाणं भंते ! अजीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अजीवदव्वाणं जीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति? गोयमा ! जीवदव्वाणं अजीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, नो अजीवदव्वाणं जीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति-जाव हव्वमागच्छंति? गोयमा ! जीवदव्वा णं अजीवदव्वे परियादियंति, अजीवदव्वे परियादिइत्ता ओरालियं वेउव्वियं आहारगं तेयगं कम्मगं सोतिदिय जाव फासिदिय मणजोग वइजोग कायजोग आणापाणुत्तं च निव्वत्तयंति, से तेणद्वेणं जाव हव्वमागच्छंति। ५. (१) नेरतियाणं भंते ! अजीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अजीवदव्वाणं नेरतिया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! नेरतियाणं अजीवदव्वा जाव हव्वमागच्छंति, नो अजीवदव्वाणं नेरतिया जाव हव्वमागच्छंति। (२) से केणटेणं०१ गोयमा ! नेरतिया अजीवदव्वे परियादियंति, अजीवदव्वे परियादिइत्ता वेउव्विय-तेयग-कम्मग-सोतिदिय जाव फासिदिय जाव आणापाणुत्तं च निव्वत्तयंति। से तेणतुणं गोतमा ! एवं वुच्चइ०। ६. एवं जाव वेमाणिया, नवरं सरीर-इंदिय-जोगा भाणियव्वा जस्स जे अत्थि । [सु. ७. असंखेज्जे लोए अणंतदव्वपरूवणं ] ७. से नूण भंते ! असंखेज्जे लोए अणंताई दव्वाइं आगासे भझ्यव्वाइं? हंता, गोयमा ! असंखेज्जे लोए जाव भइयव्वाई। [सु. ८-१०. दिसिं पडुच्च लोगेगपदेसम्मि पोग्गलाणं चयण-छेयण-उवचयण-अवचयणपरूवणं ] ८. लोगस्स णं भंते ! एगम्मि आगासपएसे कतिदिसिं पोग्गला चिज्जति ? गोयमा ! निव्वाघातेणं छद्दिसि; वाघातं पडुच्च सिय तिदिसिं, सिय चउदिसिं सिय पंचदिसिं । ९. लोगस्स णं भंते ! एगम्मि आगासपएसे कतिदिसिंह पोग्गला छिज्जति ? एवं चेव । १०. एवं उववचिज्जति, एवं अवचिज्जति। [सु. ११-२५. सरीरपंचगत्त-इंदियपंचगत्त-जोगतियत्त-आणापाणत्तेण गहिएसु दव्वेसु ठिय-अठियाइपरूवणा] ११. जीवेणं भंते ! जाइं दव्वाइं ओरालियसरीरत्ताएगेण्हइ ताई किं ठियाइं गेण्हइ, अठियाइं गेण्हति ? गोयमा ! ठियाइं पिगेण्हइ, अठियाई पि गेण्हइ । १२. ताई भंते! किं दव्वओ गेण्हइ, खेत्तओ गेण्हइ, कालओ गेण्हइ, भावतो गेण्हइ ? गोयमा ! दव्वओ वि गेण्हति, खेत्तओ वि गेण्हइ, कालओ वि गेण्हइ, भावतो वि गेण्हइ। ताई दव्वतो अणंतपएसियाई दव्वाइं, खेत्ततो असंखेजपएसोगाढाई, एवं जहा पण्णवणाए पढमे आहारुद्देसए जाव निव्वाघाएणं छद्दिसिं, वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं, सिय चउदिसिं, सिय पंचदिसिं। १३. जीवे णं भंते ! जाई दव्वाइं वेउव्वियसरीरत्ताए गेण्हइ ताई किं ठियाई गेण्हति, अठियाइं गेण्हति ? एवं चेव, नवरं नियम छद्दिसिं। १४. एवं आहारगसरीरत्ताए वि । १५. जीवे णं भंते ! जाई दव्वाइं तेयगसरीरत्ताए गिण्हति० पुच्छा । गोयमा ! ठियाइं गेण्हइ, नो अठियाई गेण्हइ । सेसं जहा ओरालियसरीरस्स। १६. कम्मगसरीरे एवं चेव जाव भावओ वि गिण्हति । १७. जाइं दव्वतो गेण्हति ताई किं एगपएसियाइं गेण्हति, दुपएसियाइं गेण्हइ०? एवं जहा भासापदे जाव आणुपुव्विं गेण्हइ, नो अणाणुपुव्विं गेण्हति । १८. ताई भंते ! कतिदिसि गेण्हति ? गोयमा ! निव्वाघातेणं० जहा ओरालियस्स। १९. जीवे णं भंते ! जाइं दव्वाइं सोइंदियत्ताए गेण्हइ० जहा वेउब्वियसरीरं । २०. एवं जाव जिभिदियत्ताए। २१. फासिदियत्ताए जहा म ओरालियसरीरं । २२. मणजोगत्ताए जहा कम्मगसरीरं, नवरं नियमं छद्दिसिं। २३. एवं वइजोगत्ताए वि। २४. कायजोगत्ताए जहा ओरालियसरीरस्स। २५. जीवे रणं भंते ! जाई दव्वाई आणापाणुत्ताए गेण्हइ ? जहेव ओरालियसरीरत्ताए जाव सिय पंचदिसिं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति०।२६. केयि चउवीसदंडएणं एयाणि Merrof 5 55555555555555555॥ श्री आगमगुणमंजूषा ५२८555555555555555555555555555IOR G乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明2. 乐乐乐明 听听听听听听听听听听听G格 Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २५ स. उ३ [३१४] याणि भांति जस्स जं अत्थि । ★★★ ।। २५ सते बितिओ ।। २५.२ ।। ततीओ उद्देसओ 'संठाण' ★★★ [सु. १. संठाणभेयछक्कं ] १. कति णं भंते ! संठाणापन्नत्ता ? गोयमा ! छ संठाणा पन्नत्ता, तं जहा - परिमंडले वट्ठे तसे चउरंसे आयते अणित्थंथे । [सु. २-५. छण्हं संठाणाणं दव्वट्टयाए पएसइयाए य अनंतत्तं] २. परिमंडला णं भंते! संठाणा दव्वट्टयाए किं संखेज्जा, असंखेज्जा, अणंता ? गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अणंता । ३. बट्ठा णं भंते! संठाणा०? एवं चेव । ४. एवं जाव अणित्थंथा । ५. एवं पदेसट्ठताए वि । [ सु. ६. छण्हं संठाणाणं दव्वट्टयाईहिं अप्पाबहुयं ] ६. एएसि णं भंते ! परिमंडल - वट्ट- तंस - चतुरंस- आयतअणित्थंथाणं संठाणाणं दव्वट्टयाए पएसताए दव्वट्ट- पदेसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा परिमंडला संठाणा दव्वट्टयाए, वट्टा संठाणा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, चउरंसा संठाणा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, तंसा संठाणा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, आयता संठाणा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, अणित्थंथा संठाणा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा । पएसट्ठताए- सव्वत्थोवा परिमंडला संठाणा पएसट्टयाए, वट्ठा संठाणा पएसट्टयाए संखेज्जगुणा, जहा दव्वट्टयाए तहा पएसइताए . वि जाव अणित्थंथा संठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा । दव्वट्ठपएसट्टयाए- सव्वत्थोवा परिमंडला संठाणा दव्वट्टयाए, सो चैव दव्वट्टतागमओ भाणियव्वो जाव अणत्या संठाणा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा । अणित्यंथेहिंतो संठाणेहिंतो दव्वट्टवाए, परिमंडला संठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा; वट्ठा संठाणा पएसइयाए असंखेज्जगुणा, सो चेव पएसट्टयाए गमओ भाणियव्वो जाव अणित्थंथा संठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा । [ सु. ७-१० संठाणाणं भेयपणगं अनंतत्तं च ]७. कति णं भंते! संठाणापन्नत्ता ? गोयमा ! पंच संठाणा पन्नत्ता, तंजहा- परिमंडले जाव आयते । ८. परिमंडला णं भंते! संठाणा किं संखेज्जा, असंखेज्जा, अनंता ? गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अनंता । ९. वट्ठा णं भंते! संठाणा किं संखेज्जा०? एवं चेव । १०. एवं जाव आयता । [सु. ११-२१. सत्तसु नरयपुढवीसु सोहम्माइकप्पेसु गेवेज्ज - अणुत्तरविमाणेसु ईसिपब्भाराए य पुढवीए पंचण्हं संठाणाणं अनंतत्तं ] ११. इमीसे णं भंते! रयणप्पभाएं पुढवीए परिमंडला संठाणा किं संखेज्जा, असंखेज्जा, अणंता ? गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्ना, अणंता । १२. वट्ठा णं भंते ! संठाणा किं संखेज्जा० ? एवं चेव । १३. एवं जाव आयता । १४. सक्करप्पभाए णं भंते ! पुढवीए परिमंडला संठाणा०? एवं चेव । १५. एवं जाव आयता । १६. एवं जाव अहेसत्तमाए । १७. सोहम्मे णं भंते! कप्पे परिमंडला संठाणा०? एवं चेव । १८. एवं जाव अच्चुते। १९. गेविज्जविमाणाणं भंते! परिमंडला संठाणा ०? एवं चेव । २०. एवं अणुत्तरविमाणेसु । २१. एवं ईसिपब्भाराए वि । [सु. २२-२७. पंचसु परिमंडलाई जवमज्झेसु संठाणेसु परोप्परं अनंतत्तपरूवणं ]२२. जत्थ णं भंते ! एगे परिमंडले संठाणे जवमज्झे तत्थ परिमंडला संठाणा किं संखेज्जा, असंखेज्जा, अनंता ? गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अनंता । २३. वंट्ठा णं भंते ! संठाणा किं संखेज्जा, असंखेज्जा ०? एवं चेव । २४. एवं जाव आयता । २५. जत्थ णं भंते! एगे वट्ठे संठाणे जवमज्झे तत्थ परिमंडला संठाणा ०? एवं चेव; वट्ठा संठाणा०? एवं चेव । २६. एवं जाव आयता । २७. एवं एक्क्केणं संठाणेणं पंच वि चारेयव्वा । [ सु. २८-३६. सत्तनरयपुढवि-सोहम्माइकप्प- गेवेज्ज- अणुत्तरविमाण इसीपब्भारपुढविगएसु पंचसु जवमज्झेसु संठाणेसु परोप्परं अनंतत्तपरूवणं ] २८. जत्थ णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए एगे परिमंडले संठाणे जवमज्झे तत्थ परिमंडला संठाणा किं संखेज्जा ० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अनंता । २९. वट्ठा णं भंते ! संठाणा किं संखेज्जा ०? एवं चेव । ३०. एवं जाव आयता । ३१. जत्थ णं भंते! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए एगे वट्ठे संठाणे जवमज्झे तत्थ णं परिमंडला संठाणा किं संखेज्ना० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जजा, अनंता । ३२. वट्ठा संठाणा एवं चेव । ३३. एवं जाव आयता । ३४. एवं पुरवि एक्क्केणं संठाणेणं पंच वि चारेतव्वा जहेव हेट्ठिल्ला जाव आयतेणं । ३५. एवं जाव अहेसत्तमाए । ३६. एवं कप्पेसु वि जाव ईसीपब्भाराए पुढवीए । [ सु. ३७-४१. पंचसु संठाणेसु पएसओ ओगाहओ य निरूवणं ] ३७. वट्टे णं भंते! संठाणे कतिपएसिए, कतिपएसोगाढे पन्नत्ते? गोयमा ! वट्टे संठाणे दुविहे पन्नते तं जहा- घणवट्टे य, पयरवट्टे य । तत्थ णं जे से पयरवठ्ठे से दुविधे पन्नत्ते, तं जहा- ओयपएसिए य, जुम्मपएसिए य । तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पंचपएसिए, पंचपएसोगाढे; HORO 5. श्री आगमगुणमंजूषा १२९ फ्र Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 00555555555明 (५) भगवई २५ अ. उ-३ (३१५] · 555555555555555 220 उक्कोसेणं अणंतपएसिए, असंखेज्जपएसोगाढे। तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं बारसपएसिए, बारसपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए, असंखेजपदेसोगाढे। तत्थ णंजे से घणवढे से दुविहे पन्नत्ते, तं जहा- ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य । तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं सत्तपएसिए, सत्तपएसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, असंखेजपएसोगाढे पन्नत्ते। तत्थ णंजे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं बत्तीसपएसिए, बत्तीसपएसोगाढे पन्नते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, असंखेजपएसोगाढे पन्नत्ते। ३८. तंसे णं भंते ! संठाणे कतिपएसिए कतिपएसोगाढे पन्नत्ते ? गोयमा ! तंसे णं संठाणे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-घणतंसे य पयरतंसेय। तत्थ णं जे से पयरंसे से दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-ओयपएसिए य, जुम्मपएसिए य । तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं तिपएसिए, तिपएसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे पन्नत्ते । तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं छप्पएसिए, छप्पएसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे पन्नत्ते । तत्थ णं जे से घणतंसे से दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-ओयपदेसिए य, जुम्मपएसिए य । तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पणतीसपएसिए पणतीसपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तं चेव । तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं चउप्पएसिए चउप्पदेसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तं चेव । ३९. चउरंसे णं भंते ! संठाणे कतिपदेसिए० पुच्छा । गोयमा ! चउरंसे संठाणे दुविहे पन्नत्ते, भेदो जहेव वट्टस्स जाव तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं नवपएसिए, नवपएसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, असंखेज्जपएसोगाढे पन्नत्ते । तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं चउपएसिए, चउपएसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तं चेव। तत्थणं जे से घणचउरंसे से दुविहे पन्नते, तंजहा-ओयपएसिए य, जुम्मपएसिए य। तत्थ णंजे से ओयपएसिए से जहन्नेणं सत्तावीसतिपएसिए, सत्तावीसतिपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तहेव । तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं अट्ठपएसिए, अट्ठपएसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तहेव । ४०. आयते णं भंते ! संठाणे कतिपएसिए कतिपदेसोगाढे पन्नत्ते ? गोयमा ! आयते णं संठाणे तिविधे पन्नत्ते, तं जहा-सेढिआयते, पयरायते घणायते । तत्थ णं जे से सेढिआयते से दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-ओयपदेसिए य जुम्मपएसिए य । तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं तिपएसिए, तिपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तं चेव । तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं दुपएसिए दुपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंत० तहेव । तत्थ णं जे से पयरायते से दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-ओयपएसिए य, जुम्मपएसिए य। तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पन्नरसपएसिए, पन्नरसपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंत० तहेव । तत्य णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं छप्पएसिए, छप्पएसोगाढे उक्कोसेणं अणंत० तहेव। तत्थ णं जे से घणायते से दुविधे पन्नत्ते, तं जहा-ओयपएसिए य, जुम्मपएसिए य। तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पणयालीसपदेसिए पणयालीसपदेसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंत० तहेव । तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं बारसपएसिए बारसपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंत० तहेव । ४१. परिमंडले णं भंते ! संठाणे कतिपएसिए० पुच्छा। गोयमा ! परिमंडलेणं संठाणे दुविहे पन्नते, तं जहा-घणपरिमंडले य पयरपरिमंडलेय। तत्थणं जे से पयरपरिमंडले से जहन्नेणं वीसतिपएसिए वीसतिपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंतपए० तहेव । तत्थ णं जे से घणपरिमंडले से जहन्नेणं चत्तालीसतिपएसिए, चत्तालीसतिपएसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, असंखेज्जपएसोगाढे, पन्नत्ते। [सु. ४२-५०.पंचसु संठाणेसु एगत्त-पुहत्तेहिं दव्वट्ठयं पएसट्ठयं च पडुच्च कडजुम्मइनिरूवणं ] ४२. परिमंडले णं भंते ! संठाणे दव्वट्ठताए किं कडजुम्मे, तेयोए, दावरजुम्मे, कलियोए? गोयमा ! नो कडजुम्मे, तेयोए, णो दावरजुम्मे, कलियोए। ४३. वढेणं भंते ! संठाणे दव्वठ्ठताए०? एवं चेव । ४४. एवं जाव आयते। ४५. परिमंडला णं भंते ! संठाणा दव्वट्ठताए किं कडजुम्मा, तेयोगा० पुच्छा । गोयमा ! ओघाएसेणं सिय कडजुम्मा, सिय तेयोगा, प्रिय दावरजुम्मा, सिय कलियोगा। विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो तेयोगा, नो दावरजुम्मा, कलिओगा। ४६. एवं जाव आयता। ४७. परिमंडलेणं भंते ! संठाणे पदेसट्ठताए किं कडजुम्मे० पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्मे, सिय तेयोगे, सिय दावरजुम्मे, सिय कलियोगे। ४८. एवं जाव आयते। ४९. परिमंडला णं भंते ! संठाणा पदेसट्ठताए कि कडजुम्मा० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा । विहाणादेसेणं कडजुम्मा वि, तेयोगा वि, दावरजुम्मा वि, कलियोगा वि। ५०. एवं जाव आयता। [सु. ५१-६०. एगत्त-पुहत्तेहिं पंचसु संठाणेसु जहाजोगं कडजुम्माइपएसोगाढत्तपरूवणं ] ५१. परिमंडले Kos5 5 55555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ५३०4555555555555555555555555555OK HOG}听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听纸步步步纸明明纸$格 明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 20055%步步步步步步5月 (५) भगवई २५ स. उ-३ [३१६] 百乐坊乐克乐5555520 乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明5C णं भंते ! संठाणे किं कडजुम्मपएसोगाढे जाव कलियोगपएसोगाढे? गोयमा ! कडजुम्मपएसोगाढे, नो तेयोगपदेसोगाढे, नो दावरजुम्मपएसोगाढे, नो, कलियोगपएसोगाढे । ५२. वढे णं भंते ! संठाणे किं कडजुम्म० पुच्छा। गोयमा ! सिय कडजुम्मपदेसोगाढे, सिय तेयोगपएसोगाढे, नो दावरपदेसोगाढे, सिय कलियोगपएसोगाढे । ५३. तंसे णं भंते ! संठाणे० पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे, सिय तेयोगपदेसोगाढे, सिय दावरजुम्मपएसोगाढे, नो कलियोगपएसोगाढे । ५४. चउरंसे णं भंते ! संठाणे०, जहा वट्टे तहा चतुरंसे वि । ५५. आयते णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलियोगपएसोगाढे । ५६. परिमंडला णं भंते ! संठाणा किं कडजुम्मपएसोगाढा, तेयोगपएसोगाढा० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेयोगपदेसोगाढा, नो दावरजुम्मपदेसोगाढा, नो कलियोगपदेसोगाढा । ५७. वट्ठा णं भंते ! संठाणा किं कडजुम्मपएसोगाढा० पुच्छा। गोयमा ! ओघाएसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेयोगपदेसोगाढा, नो दावरजुम्मपदेसोगाढा, नो कलियोगपदेसोगाढा; विहाणादेसेणं कडजुम्मपदेसोगाढा वि तेयोगपएसोगाढा वि, नोदावरजुम्मपएसोगाढा, कलियोगपएसोगाढा वि। ५८. तंसाणं भंते! संठाणा किं कडजुम्म० पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेयोपदेसोगाढा, नो दावरजुम्मपदेसोगाढा, नो कलियोगपएसोगाढा; विहाणादेसेणं कडजुम्मपदेसोगाढा वि, तेयोगपएसोगाढा वि, नो दावरजुम्मपएसोगाढा, कलियोगपएसोगाढा वि। ५९. चउरंसा जहा वट्टा । ६०. आयता णं भंते ! संठाणा० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपदेसोगाढा, नो तेयोगपदेसोगढा, नो दावरजुम्मपदेसोगाढा, नो कलिओगपदेसोगाढा; विहाणादेसेणं कडजुम्मपदेसोगाढा वि जाव कलियोगपएसोगाढा वि। [सु. ६१-६४. एगत्त-पहत्तेहिं पंचसु संठाणेसु कडजुम्माइसमयट्ठितियत्तपरूवणं ] ६१. परिमंडले णं भंते ! संठाणे किं कडजुम्मसमयद्वितीए, तेयोगसमयद्वितीए, दावरजुम्मसमयट्टितीए, कलियोगसमयद्वितीए ? गोयमा ! सिय कडजुम्मसमयहितीए जाव सिय कलियोगसमयट्ठितीए । ६२: एवं जाव आयते । ६३. परिमंडला णं भंते ! संठाणा किं कडजुम्मसमयद्वितीया० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयद्वितीया जाव सिय कलियोगसमयद्वितीया; विहाणादेसेणं कडजुम्मसमयद्वितीया वि जाव कलियोगसमयद्वितीया वि । ६४. एवं जाव आयता। [ सु. ६५-६७. एगत्त-पुहत्तेहिं पंचसु संठाणेसु वण्णपंचग-गंधदुग-रसपंचग-फासऽढगं पडुच्च कङजुम्माइपरूवणं] ६५. परिमंडले णं भंते ! संठाणे कालवण्णपज्जवेहिं किं कडजुम्मे जाव कलियोगे ? गोयमा ! सिय कडजुम्मे, एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ठितीए। ६६. एवं नीलवण्णपज्जवेहि वि । ६७. एवं पंचहिं वण्णेहिं, दोहिं गंधेहिं, पंचहिं रसेहि, अट्ठहिं फासेहिं जाव लुक्खफासपज्जवेटिं। [सु. ६८-७९. सेढीसु ओघेणं लोय-अलोयसेढीसु य दव्वट्ठयाए जहाजोगं संखेज-असंखेज-अणंतपरूवणं ] ६८. सेढीओ णं भंते ! दव्वट्ठयाए कि संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, अणंताओ? गोयमा ! नो संखेज्जाओ, नो असंखेज्जाओ, अणंताओ।६९. पाईणपडीणायताओणं भंते ! सेढीओ दव्वट्ठयाए०? एवं चेव । ७०. एवं दाहिणुत्तरायताओ वि। ७१. एवं उड्डमहायताओ वि । ७२. लोयागाससेढीओ णं भंते ! दव्वट्ठताए किं संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, अणंताओ? गोयमा ! नो संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, नो अणंताओ। ७३. पाईणपडीणायताओणं भंते! लोयागाससेढीओ दव्वट्ठताए किं संखेज्जाओ०? एवं चेव । ७४. एवं दाहिणुत्तरायताओ वि।७५. एवं उड्डमहायताओ वि। ७६. अलोयागाससेढीओ णं भंते ! दव्वट्ठताए किं संखेज्जाओ, असंखेजाओ० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जाओ, नो असंखेज्जाओ, अणंताओ । ७७. एवं पाईणपडीणायताओ वि । ७८. एवं दाहिणुत्तरायताओ वि । ७९. एवं उड्डमहायताओ वि। [सु. ८०-८७. सेढीसु लोय-अलोयसेढीसु य पएसट्टयाए जहाजोगं संखेज्ज-असंखेज-अणंतत्तपरूवणं ] ८०. सेढीओ णं भंते ! पएसट्ठयाए किं संखेज्जाओ०? जहा दव्वट्ठयाए तहा पदेसट्ठयाए वि जाव उड्ढमहायताओ, सव्वाओ अणंताओ । ८१. लोयागासेढीओ णं भंते ! पदेसठ्ठयाए कि संखेज्जाओ० पुच्छा । गोयमा ! सिय संखेज्जाओ, सिय असंखेज्जाओ, नो अणंताओ। ८२. एवं पादीणपडीणायताओ वि, दाहिणुत्तरायताओ वि। ८३. उड्डमहायताओ नो संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, नो अणंताओ। ८४. अलोयागाससेढीओणं भंते ! पएसठ्ठताए। पुच्छा। गोयमा ! सिय संखेज्जाओ, सिय असंखेज्जाओ, सिय अणंताओ। ८५. पाईणपडीणायताओणं भंते ! अलोयागाससेढीओ० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जाओ, er.c5555555555555 5 5 5 5 5 5 5 5 5 श्री आगमगुणमंजूषा - ५३१ 55 5 5 $ 55555555555555 GTION GO乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听25C Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ OF$$$$$$$$[$F$$$$$$$$$$$$FFFFFFFFHSSSSSSSSSSSSSSSOR नो असंखेज्जाओ, अणंताओ। ८६. एवं दाहिणुत्तरायताओ वि। ८७. उड्डमहायताओ० पुच्छा । गोयमा ! सिय संखेज्जाओ, सिय असंखेज्जाओ, सिय अणंताओ। [सु.८८-९४ सेढीसु ओघेणं लोय-अलोयसेढीसुय जहाजोगं सादीयसपज्जवसियाइपरूवणं] ८८. सेढीओ णं भंते ! किं सादीयाओ सपज्जवसियाओ, सादीयाओ अपज्जवसिताओ, अणादीयाओ सपज्जवसियाओ, अणादीयाओ अपज्जवसियाओ ? गोयमा ! नो सादीयाओ सपज्जवसियाओ, नो सादीयाओ अपज्जवसियाओ, नो अणादीयाओ सपज्जवसियाओ, अणादीयाओ अपज्जवसियाओ। ८९. एवं जाव उड्डमहायताओ।९०.लोयागाससेढीओणं भंते ! किं सादीयाओ सपज्जवसियाओ० पुच्छा। गोयमा ! सादीयाओ सपज्जवसियाओ, नो सादीयाओ अपज्जवसियाओ, नो अणादीयाओ सपज्जावसियाओ, नो अणादीयाओ अपज्जवसियाओ।९१. एवं जाव उड्डमहायताओ। ९२. अलोयागाससेढीओणं भंते ! किं सादीयाओ० पुच्छा । गोयमा ! सिय सादीयाओ सपज्जवसियाओ, सिय सादीयाओ अपज्जवसियाओ, सिय अणादीयाओ सपज्जवसियाओ, सिय अणादीयाओ अपज्जवसियाओ । ९३. पाईणपडीणायताओ दाहिणुत्तरायताओ य एवं चेव, नवरं नो सादीयाओ सपज्जवसियाओ, सिय सादीयाओ अपज्जवसियाओ, सेसं तं चेव । ९४. उड्डमहायताओ जहा ओहियाओ तहेव चउभंगो। [सु. ९५-१०७. सेढीसु ओघेणं लोयअलोयसेढीसुय दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए य कडजुम्माइपरूवणं ] ९५. सेढीओणं भंते ! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्माओ, तेओयाओ० पुच्छा। गोयमा ! कडजुम्माओ, नो तेयोयाओ, नो दावरजुम्माओ, नो कलियोगाओ। ९६. एवं जाव उड्डमहायताओ। ९७. लोयागाससेढीओ एवं चेव। ९८. एवं अलोयागाससेढीओ वि। ९९. सेढीओ णं भंते ! पएसट्ठयाए किं कडजुम्माओ०? एवं चेव । १००. एवं जाव उड्डमहायताओ । १०१. लोयागाससेढीओ णं भंते ! पएसठ्ठताए० पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्माओ, नो तेयोयाओ, सिय दावरजुम्माओ, नो कलिओयाओ। १०२. एवं पादीणपडीणायताओ वि, दाहिणुत्तरायताओ वि । १०३. उड्डमहायताओ ‘णं० पुच्छा । गोयमा ! कडजुम्माओ, नो तेयोगाओ, नो दावरजुम्माओ, नो कलियोगाओ। १०४. अलोयागाससेढीओणं भंते ! पदेसठ्ठताए० पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्माओ जाव सिय कलियोयाओ । १०५. एवं पाईणपडीणायताओ वि । १०६. एवं दाहिणुत्तरायताओ वि । १०७. उड्डमहायताओ वि एवं चेव, नवरं नो कलियोयाओ, सेसं तं चेव । [सु. १०८. सेढीणं सत्त भेया ] १०८. कति णं भंते ! सेढीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! सत्त सेढीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-उज्जुआयता, एगतोवंका, दुहतोवंका, एगओखहा, दुहतोखहा, चक्कवाला, अद्धचक्कवाला। [ सु. १०९-१३. परमाणुपोग्गल-दुपदेसियाइखंधेसु चउवीसइदंडएसु य अणुसेढिगतिपरूवणं ]१०९. परमाणुपोग्गलाणं भंते ! किं अणुसेढिं गती पवत्तति, विसेदि गती पवत्तति ? गोयमा ! अणुसेदि गती पवत्तति, नो विसेदि गती पवत्तति।११०. दुपएसियाणं भंते ! खंधाणं किं अणुसेढिं गती पवत्तति, विसेदि गती पवत्तति? एवं चेव । १११. एवं जाव अणंतपएसियाणं खंधाणं । ११२. नेरझ्याणं भंते ! किं अणुसेढिंगती पवत्तति, विसेदि गती पवत्तति ? एवं चेव।११३. एवं जाव वेमाणियाणं । सु. ११४. चउवीसइदंडयआवाससंखापरूवणं] ११४. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए केवतिया निरयावाससयसहस्सा पन्नत्ता? गोयमा ! तीसं निरयावाससयसहस्सा पन्नत्ता । एवं जहा पढमसते पंचमुद्देसए (स० १ उ०५ सु०२-५) जाव अणुत्तरविमाण त्ति । [ सु. ११५-१६. दुवालसविहगणिपिडगसरूवजाणणत्थं नंदिसुत्तावलोयणनिद्देसो ] ११५. कतिविधे णं भंते ! गणिपिडए पन्नत्ते? गोयमा ! दुवालसंगे गणिपिडए पन्नत्ते, तं जहा-आयारो जाव दिट्ठिवाओ । ११६. से किं तं आयारो ? आयारे णं समणाणं निग्गंथाणं आयारगो० एवं अंगपरूवणा भाणियव्वा जहा नंदीए । जाव- सुत्तत्थो खलु पढमो बीओ निजुत्तिमीसओ भणिओ । तइओ य निरवसेसो एस विही होइ अणुयोगे॥१॥ [सु. ११७२१. नेरझ्याईणं सइंदियाईणं सकाइयाईणं जीव-पोग्गलाईणं आउयकम्मबंधग-अबंधगाणं च अप्पाबहुयजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो ]११७. एएसि णं भंते ! नेरतियाणं जाव देवाणं सिद्धाण य पंचगतिसमासेणं कयरे कतरेहितो० पुच्छा । गोयमा ! अप्पाबहुयं जहा बहुवत्तव्वताए अट्ठगइसमासऽप्पाबहुगं च । ११८.. एएसिणं भंते ! सइंदियाणं एगिदियाणं जाव अणिदियाण य कतरे कतरेहितो०? एयं पि जहा बहुवत्तव्वयाए तहेव ओहियं पयं भाणितव्वं । ११९. सकाइयअप्पाबहुगं तहेव ओहियं भाणितव्वं । १२०. एएसिणं भंते ! जीवाणं पोग्गलाणं जाव सव्वपज्जवाण य कतरे कतरेहिंतो०? जहा बहुवत्तव्वयाए। १२१. एएसिणं भंते ! जीवाणं आउयस्स ROO $$$$$$ $$$$ $ $$ श्री आगमगुणमजूषा- ५३२ $ $$ $-ORR 明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$2C Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Fo55555555555555 (५) भगवई २५स.उ.४ [३१८] $$$$%$$ $$ $ CIG乐明明明明明明听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听玩玩5CM कम्मगस्स बंधगाणं अबंधगाणं०? जहा बहुवत्तव्वयाए जाव आउयस्स जाव कम्मस्स अबंधगा विसेसाहिया। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। ॥२५ सते उद्दे० ३॥ चउत्थो उद्देसओ 'जुम्म'[सु. १. जुम्मस्स चउरो भेया ] १. (१) कति णं भंते ! जुम्मा पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि जुम्मा पन्नत्ता, तंजहाकडजुम्मे जाव कलियोए। (२) से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ-चत्तारि जुम्मा पन्नत्ता तं जहा कडजुम्मे०? जहा अट्ठारसमसते चउत्थे उद्देसए (स०१८ उ०४ सु०४ २) तहेव जाव से तेणढेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ०। [सु. २-७. चउवीसइदंडय-सिद्धेसु जुम्मभेयपरूवणं] २. (१) नेरतियाणं भंते ! कति जुम्मा०? गोयमा ! चत्तारि जुम्मा पन्नत्ता,तं जहा-कडजुम्मे जाव कलियोए। (२) सेकेणणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-नेरतियाणं चत्तारि जुम्मा पन्नत्तातं जहा कडजुम्मे०? अट्ठो तहेव । ३. एवं जाव वाउकाइयाणं । ४.(१) वणस्सतिकाइयाणं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! वणस्सतिकाइया सिय कडजुम्मा, सिय तेयोया, सिय दावरजुम्मा, सिय कलियोया। (२) से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ-वणस्सकाइया जाव कलियोगा? गोयमा ! उववायं पडुच्च, से तेणद्वेणं०, तं चेव । ५. बेदियाणं जहा नेरतियाणं । ६. एवं जाव वेमाणियाणं । ७. सिद्धाणं जहा वणस्सतिकाइयाणं । [सु. ८. सव्वदव्वाणं धम्मत्थिकायाझ्या छ भेया ] ८. कतिविधा णं भंते ! सव्वदव्वा पन्नत्ता? गोयमा ! छव्विहा सव्वदव्वा पन्नत्ता, तं जहा-धम्मत्थिकाये अधम्मत्थिकाये जाव अद्धासमये। [सु. ९-१६. धम्मत्थिकायाईसु छसु दव्वेसु दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए य जुम्मभेयपरूवणं ] ९. धम्मत्थिकायेणं भंते ! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मे जाव कलियोगे? गोयमा ! नो कङजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजुम्मे, कलियोए। १०. एवं अधम्मत्थिकाये वि। ११. एवं आगासत्थिकाये वि। १२. जीवत्थिकाए णं० पुच्छा । गोयमा ! कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजुम्मे, नो कलियोए। १३. पोग्गलत्थिकाये णं भंते ! पुच्छा। गोयमा ! सिय कडजुम्मे, जाव सिय कलियोए। १४. अद्धासमये जहा जीवत्थिकाये। १५. धम्मत्थिकाये णं भंते ! पएसठ्ठताए किं कडजुम्मे० पुच्छा । गोयमा ! कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजुम्मे, नो कलियोगे। १६. एवं जाव अद्धासमये। [सु. १७. धम्मत्थिकायाईसु छसु दव्वेसु अप्पाबहुयजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो] १७. एएसि णं भंते ! धम्मत्थिकाय-अधम्मत्थिकाय जाव अद्धासमयाणं दव्वट्ठयाए? एएसिं अप्पाबहुगं जहा बहुवत्तव्वयाए तहेव निरवसेसं । [सु. १८-२७. धम्मत्थिकायाईसु छसु दव्वेसु सत्तनरयपुढवि-देवलोय-ईसीपब्भारपुढवीसु य जहाजोगं वित्थरओ ओगाढ-अणोगाढपरूवणं ] १८. धम्मत्थिकाये णं भंते ! किं ओगाढे, अणोगाढे? गोयमा ! ओगाढे, नो अणोगाढे । १९. जदि ओगाढे किं संखेज्जपएसोगाढे, असंखेज्जपएसोगाढे, अणंतपएसोगाढे ? गोयमा ! नो संखेजपएसोसाढे, असंखेज्जपएसोगाढे, नो अणंतपएसोगाढे । २०. जदि असंखेज्जपएसोगाढे किं कडजुम्मपदेसोगाढे० पुच्छा । गोयमा ! कडजुम्मपएसोगाढे, नो तेयोग०, नो दावरजुम्म०, नो कलियोगपएसोगाढे । २१. एवं अधम्मत्थिकाये वि। २२. एवं आगासत्थिकाये वि । २३. जीवत्थिकाये पोग्गलत्थिकाये अद्धासमये एवं चेव । २४. इमा णं भंते ! रयणप्पभापुढवी किं ओगाढा, अणोगाढा ? जहेव धम्मत्थिकाये । २५. एवं जाव अहेसत्तमा। २६. सोहम्मे एवं चेव । २७. एवं जाव ईसिपब्भारा पुढवी। [सु. २८-४०. जीव-चउवीसइदंडय-सिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेहिं दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए य जुम्मभेयपरूवणं ] २८. जीवे णं भंते ! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मे० पुच्छा । गोयमा ! नो कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजुम्मे, कलियोए। २९. एवं नेरइए वि । ३०. एवं जाव सिद्धे । ३१. जीवा णं भंते ! दव्वट्ठयाए कि कडजुम्मा० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मा, नो तेयोगा, नो दावर०, नो कलियोगा; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो दावरजुम्मा, कलियोगा।३२. नेरइया णं भंते ! दव्वठ्ठताए० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा, जाव सिय कलियोगा; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो तेयोगा, नो दावरजुम्मा, कलियोगा। ३३. एवं जाव सिद्धा । ३४. जीवे णं भंते ! पएसठ्ठताए किं कड० पुच्छा। गोयमा ! जीवपएसे पडुच्च कडजुम्मे, नो तेयोगे, नो दावर०, नो कलियोगे. सरीरपएसे पडुच्च सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे। ३५. एवं जाव वेमाणिए। ३६. सिद्धे णं भंते ! पएसठ्ठताए किं कडजुम्मे० पुच्छा। गोयमा ! कडजुम्मे, नो तेयोगे, नो दावरजुम्मे, म नो कलियोगे । ३७. जीवा णं भंते ! पदेसठ्ठताए किं कडजुम्मा० पुच्छा । गोयमा ! जीवपएसे पडुच्च ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि कडजुम्मा, नो तेयोगा, नोई Q$$$$乐明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听劣听听听听劣听听听听听听听听听 5555555555555) श्री आगमगुणमंजूषा- ५३३55555555555555555555555555555 Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दावरजुम्मा, नो कलियोगा; सरीरपएसे पडुच्च ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, विहाणादेसेणं कडजुम्मा वि जाव कलियोगा वि । ३८. एवं नेरइया वि । ३९. एवं जाव वेमाणिया । ४०. सिद्धा णं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि कडजुम्मा, नो तेयोगा, नो दावरजुम्मा, नो कलियोगा । [ सु. ४१-४६. जीव-चउवीसइदंडय - सिद्धेसु एगत्त- पुहत्तेहिं खेत्तं पडुच्च जुम्मभेयपरूवणं ] ४१. जीवे णं भंते! किं कडजुम्मपएसोगाढे० पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलियोगपएसोगाढे । ४२. एवं जाव सिद्धे । ४३. जीवा णं भंते! किं कडजुम्मपएसोगाढा० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेयोग०, नो दावर०, नो कलियोग०; विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा वि कलियोगपएसोगाढा वि । ४४. नेरतिया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मपएसोगाढा जाव सिय कलियोगपएसोगाढा; विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा वि जाव कलियोगपएसोगाढा वि । ४५. एवं एगिदियसिद्धवज्जा सव्वे वि । ४६. सिद्धा एगिंदिया य जहा जीवा । [ सु. ४७-५४. जीव - चउवीसइदंडय - सिद्धेसु एगत्त-पुहत्तेहिं ठिइं पहुच्च जुम्मभेयपरूवणं ] ४७. जीवे णं भंते ! किं कडजुम्मसमयद्वितीए० पुच्छा । गोयमा ! कडजुम्मसमयद्वितीए, नो तेयोग०, नो दावर०, नो कलियोगसमयद्वितीये । ४८. नेरइए णं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्मसमयद्वितीये जाव सिय कलियोगसमयद्वितीए । ४९. एवं जाव वेमाणिए । ५०. सिद्धे जहा जीवे । ५१. जीवा णं भंते १० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि कडजुम्मसमयद्वितीया, नो तेयोग०, नो दावर०, नो कलिओग० । ५२. नेरइया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय जुम्मसमयद्वितीया जाव सियकलियोगसमयद्वितीया; विहाणादेसेणं कडजुम्मसमयद्वितीया वि जाव कलियोगसमयद्वितीया वि । ५३. एवं जाव वेमाणिया । ५४. सिद्धा जहा जीवा । [सु. ५५-६१. जीव- चउवीसइदंडएससु एगत्त- पुहत्तेहिं 'वण्णाइभावं पडुच्च जुम्मभेयपरूवणं ] ५५. जीवे णं भंते ! कालवण्णपज्जवेहिं किं कडजुम्मे० पुच्छा । गोयमा ! जीवपएसे पडुच्च नो कडजुम्मे जाव नो कलियोगे; सरीरपएसे पडुच्च सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे । एवं जाव वेमाणिए । ५७. सिद्धो ण चेव पुच्छिज्जति । ५८. जीवा णं भंते ! कालवण्णपज्जवेहिं० पुच्छा । गोयमा ! जीवपएसे पडुच्च ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि नो कडजुम्मा नाव नो लियोगा; सरीरपए से पडुच्च ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, विहाणादेसेणं कडजुम्मा वि जाव कलियोगा वि । ५९. एवं जाव वेमाणिया । ६०. एवं नीलवण्णपज्जवेहि वि दंडओ भाणियव्वो एगत्त-पुहत्तेणं । ६१. एवं जाव लुक्खफासपज्जवेहिं । [सु. ६२- ७९. जीव चउवीसइदंडय - सिद्धेसु जहाजोगं एगत्तपुहत्तेहिं नाण-अन्नाण-दंसणपज्जवे पडुच्च जुम्मभेयपरूवणं ] ६२. जीवे णं भंते ! आभिणिबोहियनाणपज्जवेहिं किं कडजुम्मे० पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे । ६३. एवं एगिदियवज्जं जाव वेमाणिए । ६४. जीवा णं भंते! आभिणिबोहियणाणपज्जवेहिं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कजुम्मा कलियोगा, विहाणादेसेणं कडजुम्मा वि जाव कलियोगा वि । ६५. एवं एगिदियवज्जं जाव वेमाणिया । ६६. एवं सुयनाणपज्जवेहि वि । ६७, ओहिनाणपज्जवेहि वि एवं चेव, नवरं विगलिंदियाणं नत्थि ओहिनाणं । ६८. मणपज्जवनाणं पि एवं चेव, नवरं जीवाणं मणुस्साण य, सेसाणं नत्थि । ६९. जीवे णं भंते! केवलनाणपज्जवेहिं किं जुम्मे० पुच्छा । गोयमा ! कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजुम्मे, णो कलियोए । ७०. एवं मणुस्से वि । ७१. एवं सिद्धे वि । ७२. जीवा णं भंते! केवलनाण० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि कडजुम्मा, नो तेयोगा, नो दावर०, नो कलियोगा । ७३. एवं मणुस्सा वि । ७४. एवं सिद्धा वि । ७५. जीवे णं भंते ! मतिअन्नाणपज्जवेहिं किं कडजुम्मे० ? जहा आभिणिबोहियनारपज्जवेहिं तहेव दो दंडगा । ७६. एवं सुयअन्नाणपज्जवेहि वि । ७७. एवं विभंगनाणपज्जवेहि वि । ८७. चक्खुदंसण-अचक्खुदंसण- ओहिदंसणपज्जवेहि वि एवं चेव, नवरं जस्स जं अत्थि तं भाणियव्वं । ७९. केवलदंसणपज्जवेहिं जहा केवलनाणपज्जवेहिं । [सु. ८०. सरीरभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तालोयणनिद्देसो ] ८०. कति णं भंते ! सरीरगा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरगा पन्नत्ता, तं जहा - ओरालिय जाव कम्मए । एत्थ सरीरगपदं निरवसेसं भाणियव्वं जहा पण्णवणाए । [ सु. ८१-८६. जीव - चउवीसइदंडएस सेय-निरेय देसेय- सव्वेए पडुच्च परूवणं ] ८१. (१) जीवाणं भंते! किं सेया, निरेया ? गोयमा ! जीवा सेया वि, निरेया वि। (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ - जीवा सेया वि, निरेया वि ? गोयमा ! जीवा दुविहा पन्नत्ता, तं जहा - ॐ श्री आगमगुणमजूषा ५३४ Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TORR95555555555555555 (५) भगवई २५ स. उ.४ [३२०] $555555555555520 C明明明明明明明明明明乐乐乐明明明明明明明明乐$$$$$ संसारसमावन्नगा य, असंसारसमावन्नगा य । तत्थ णं जे से असंसारसमावन्नगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-अणंतरसिद्धा य, परंपरसिद्धा य । तत्थ णं जे ते परंपरसिद्धा ते णं निरेया। तत्थ णं जे ते अणंतरसिद्धा ते णं सेया। ८२. ते णं भंते ! किं देसेया, सव्वेया? गोयमा ! नो देसेया, सव्वेया। ८३. तत्थ णं जे ते संसारसमावन्नगा ते दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-सेले-सिपडिवन्नगा य, असेलेसिपडिवन्नगा य । तत्थ णं जे ते सेलेसिपडिवन्नगा ते णं निरेया । तत्थ णं जे ते असेलेसिपडिवन्नगा ते णं सेया। ८४. ते णं भंते ! किं देसेया, सव्वेया ? गोयमा ! देसेया वि, सव्वेया वि। से तेणटेणं जाव निरेया वि। ८५. (१) नेरइया णं भंते ! किं देसेया, सव्वेया ? गोयमा! देसेया वि, सव्वेया वि। (२) से केणद्वेणं जाव सव्वेया वि? नेरइया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-विग्गहतिसमावन्नगा य, अविग्गहगतिसमावन्नगा य। तत्थ णं जे ते विग्गहगतिसमावन्नगा तेणं सव्वेया, तत्थ णं जे ते अविग्गगतिसमावन्नगा तेणं देसेया, सेतेणतुणं जाव सव्वेया वि। ८६. एवं जाव वेमाणिया। [सु. ८७-८८. परमाणुपोग्गलाइअणंतपएसियखंधाणं अणंतत्तं] ८७. परमाणुपोग्गलाणं भंते ! किं संखेज्जा, असंखेज्जा, अणंता ? गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अणंता। ८८. एवं जाव अणंतपदेसिया खंधा। [सु. ८९-९०. एगपएसोगाढाइअसंखेज्जपएसोगाढाणं पोग्गलाणं अणंतत्तं ]८९. एगपएसोगाढा णं भंते ! पोग्गला किं संखेन, असंखेज्जा, अणंता ? एवं चेव । ९०. एवं जाव असंखेज्जपदेसोगाढा। [सु. ९१-९२. एगसमयट्ठितियाइअसंखेज्जसमयट्ठितियाणं पोग्गलाणं अणंतत्तं ] ९१. एगसमयद्वितीया णं भंते ! पोग्गला किं संखेज्जा, असंखेज्जा०? एवं चेव । ९२. एवं जाव असंखेज्जसमयद्वितीया। [सु. ९३-९५. एगगुणकालवण्ण गंधाइअसंखेजगुणकालगवण्ण-गंधाईणं पोग्गलाणं अणंतत्तं] ९३. एगगुणकालगाणं भंते ! पोग्गला किं संखेज्जा०? एवं चेव । ९४. एवं जाव अणंतगुणकालगा।९५. है एवं अवसेसावि वण्ण-गंध-रस-फासा नेयव्वा जाव अणंतगुणलुक्ख त्ति । [सु. ९६-१०५. परमाणुपोग्गल-दुपएसियाइअणंतपएसियाणं खंधाणं दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए य कमेणं जहाजोगं बहुयत्तपरूवणं ]९६. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं दुपएसियाण य खंधाणं दव्वट्ठयाए कयरे कयरेहितो बहुया ? गोयमा ! दुपएसिएहितो खंधेहिंतो परमाणुपोग्गला दव्वट्ठयाए बहुगा । ९७. एएसि णं भंते ! दुपएसियाणं तिपएसियाण य खंधाणं दव्वट्ठताए कयरे कयरेहितो बहुगा ? गोयमा ! तिपएसिएहिंतो खंधेहितो दुपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुगा । ९८. एवं एएणं गमएणं जाव दसपएसिएहितो खंधेहितो नवपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया। ९९. एएसि णं भंते ! दसपदे० पुच्छा। गोयमा ! दसपएसिएहितो खंधेहितो संखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया । १००. एएसि णं संखेन० पुच्छा । गोयमा ! संखेज्जपएहितो खंधेहितो असंखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया १०१. एएसि णं भंते ! असंखेज० पुच्छा। गोयमा ! अणंतपएसिएहितो खंधेहितो असंखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया । १०२. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं दुपएसियाण य खंधाणं पएसठ्ठयाए कयरे कयरेहितो बहुया? गोयमा ! परमाणुपोग्गलेहिंतो दुपएसिया खंधा पएसट्ठयाए बहुया।१०३. एवं एएणं गमएणं जाव नवपएसिएहितो खंधेहिंतो दसपएसिया खंधा पएसठ्ठयाए बहुया। १०४. एवं सव्वत्थ पुच्छियव्व। दसपएसिएहितो खंधेहितो संखेज्जपएसिया खंधा पदेसट्ठयाए बहुया। संखेजपएसिएहितो असंखेज्जपएसिया खंधा पदेसट्ठयाए बहुया। १०५. एएसि णं भंते असंखषज्जपएसियाणं० पुच्छा। गोयमा ! अणंतपएसिएहिंतो खंधेहितो असंखेज्जपएसिया खंधा पदेसट्टयाए बहुया। [ सु. १०६-११०. परमाणुपोग्गल-दुपएसियाअणंतपएसियाणं खंधाणं ओगाहणं ठिइंच पडुच्च दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए य विसेसाहियत्ताइपरूवणं ]१०६. एएसिणं भंते ! एगपएसोगाढाणं दुपएसोगाढाण य पोग्गलाणं दव्वठ्ठयाए कयरे कयरेहितो विसेसाहिया? गोयमा ! दुपएसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो एगपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया। १०७. एवं एएणं गमएणं तिपएसोगाढेहितो पोग्गलेहितो दुपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया जाव दसपएसोगाढेहिंतो पोग्गले हितो नवपएसोगाढा 3 पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया। दसपएसोगाढेहिंतो पोग्गलेहितो संखेजपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया। संखेज्जपएसोगाढेहितो पोग्गले हितो असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया। पुच्छा सव्वत्थ भाणियव्वा। १०८. एएसि णं भंते ! एगपएसोगाढाणं दुपएसोगाढाण य पोग्गलाणं पएसट्ठयाए कयरे कयरेहितो विसेसाहिया? गोयमा ! एगपएसोगाढेति पोग्गलेहिंतो दुपएसोगाढा पोग्गला पदेसट्टयाए विसेसाहिया| १०९. एवं जाव नवपएसोगाढेहिंतो पोग्गलेहितो xerro55555555555555555555555श्री आगमगुणमंजूषा-५३५०55555555555555555555555555HONOR SQ乐明明明明明明明明折听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听TO $乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐 Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २५ स. उ४ [ ३२१] 原PORK दसपएसोगाढा पोग्गला पएसट्ठताए विसेसाहिया । दसपदेसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो संखेज्जपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए बहुया । संखषज्जपएसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए बहुया । ११०. एएसि णं भंते ! एगसमयद्वितीयाणं दुसमयद्वितीयाण य पोग्गलाणं दव्वट्टा ? गाणा वत्तव्या एवं ठितीए वि । [ सु. १११-११२. सुत्त ९६-११०. गयवत्तव्वयाणुसारेण एगाइगुणवण्ण-गंध-रसे पडुच्च पोग्गलाणं वत्तव्वयानिद्देसो ] १११. एएसि णं भंते ! एगगुणकालगाणं दुगुणकालगाण य पोग्गलाणं दव्वट्टताए०१ एएसिं जहा परमाणुपोग्गलादीणं तहेव वत्तव्वया निरवसेसा । ११२. एवं सव्वेसिं वण्ण-गंध-रसाणं । [ सु. ११३ ११७. एगाइगुणकक्खडाइफासाणं पोग्गलाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए य विसेसाहियत्ताइपरूवणं ] ११३. एएसि णं भंते ! एगगुणकक्खडाणं दुगुणकक्खडाण य पोग्गलाणं दव्वट्टयाए कयरे कयरेहिंतो विसेसाहिया ? गोयमा ! एगगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो दुगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्टयाए विसेसाहिया । ११४. एवं जाव नवगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो दसगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्टयाए विसेसाहिया । दसगुणकक्खडे हिंतो संखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्टयाएं बहुया । संखेज्जगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो असंखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्टयाए बहुया । असंखेज्जगुणकक्खडे पोग्गलेहिंतो अणंतगुणकक्खडा पोग्गला दवट्टयाए बहुया । ११५. एवं पएसट्ठताए वि सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा । ११६. जहा कक्खडा एवं मउय गरूय-लहुया वि । ११७. सीय-उसिण- निद्ध-लुक्खा जहा वण्णा । [ सु. ११८. परमाणुपोग्गलाणं, संखेज्ज असंखेज्ज- अणतपदेसियाण य खंधाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए य अप्पाबहुयं ] ११८. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं, संखेज्जपदेसियाणं असंखेज्जपएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं दव्वट्टयाए पएस याए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणतपएसिया खंधा दव्वट्टयाए, परमाणुपोग्गला दव्वट्टयाए अनंतगुणा, संखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा । पएसट्टयाए- सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा पएसताए, परमाणुपोग्गला अपदेसट्टयाए अनंतगुणा, संखेज्जपएसिया खंधा पएसट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसिया खंधा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा । दव्वट्ठपएसट्टयाएसव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा दव्वट्टयाए, ते चेव परसट्टयाए अनंतगुणा, परमाणुपोग्गला दव्वट्टअपएसट्टयाए अनंतगुणा, संखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए संखेज्नगुणा, ते चेव पसट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा। [ सु. ११९-२०. एगसंखेज्ज-असंखेज्जपएसियाणं पोग्गलाणं ओगाहणं ठिडं च पडुच्च दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए य अप्पाबहुयं ] ११९. एएसि णं भंते! एगपएसोगाढा संखेज्जपएसोगाढाणं असंखेज्जपएसोगाढाण य पोग्गलाणं दव्वट्टयाए पदेसट्टयाए दव्वपदेसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगपदेसोगाढा पोग्गला दव्वट्टयाए, संखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा । पएसइयाएसव्वत्थोवा एगपदेसोगाढा पोग्गला अपएसट्टयाए, संखेज्जपएसोगाढा पोग्गला पदेसट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला पदेसट्टयाए असंखेज्जगुणा । दव्वट्ठपएसट्टयाए-सव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठअपेदसट्टयाए, संखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, ते चेव पएसट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा । १२०. एएसि णं भंते ! एगसमयद्वितीयाणं संखेज्जसमयद्वितीयाणं असंखेज्जसमयद्वितीयाण य पोग्गलाणं ०? जहा ओगाहणाए तहा ठितीए वि भाणियव्वं अप्पाबहुगं । [सु. १२१-१२५. एग-संखेज्ज-असंखेज्ज-अणंतगुणवण्ण-गंध-रस- फासाणं पोग्गलाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्टपएसट्टयाए य अप्पाबहुयं ] १२१. एएसि णं भंते ! एगगुणकालगाणं संखेज्जगुणकालाणं असंखेज्जगुणकालगाणं अणंतगुणकालगाण य पोग्गलाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए० ? एएसिं जहा परमाणुपोग्गलाणं अप्पाबहुगं तहा एतेसिं पि अप्पाबहुगं । १२२. एवं सेसाण वि वण्ण-गंध-रसाणं । १२३. एएसि णं भंते ! एगगुणकक्खडाणं संखेज्जगुणकक्खडाणं असंखेज्जगुणकक्खडाणं अनंतगुणकक्खडाण य पोग्गलाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगगुणकक्खडा पोग्गला ॐ श्री आगमगुणमजूषा ५३६ 五五五五五五五五五五五五 (6) Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Kox95455555555555 (५) भगवई २५ स. उ. ४ [३२२] S Rom C%听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 听听听听听听听听听听听听乐明明明明明明 दव्वठ्ठयाए, संखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, अणंतगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए अणंतगुणा । पएसट्ठयाए एवं चेव, नवरं संखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा, सेसं तं चेव। दव्वट्ठपएसठ्ठयाए-सव्वत्थोवा एगगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठपएसट्ठयाए, संखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेनगुणा, तेचेव पएसट्ठयाए संखेजगुणा, असंखेज्जगुणकक्खडा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा ते चेव पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा । अणंतगुणकक्खडा दव्वट्ठयाए अणंतगुणा, ते चेव पएसठ्ठयाए अणंतगुणा । १२४. एवं मउय-गरुय-लहुयाण वि अप्पाबहुयं । १२५. सीय-उसिण-निद्ध-लुक्खाणं जहा वण्णाणं तहेव । [ सु. १२६-५३. परमाणुपोग्गलाइअणंतपएसियखंधपज्जतेसु एगत्त-पुहत्तेणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए य जुम्मभेयपरूवणं ]१२६. परमाणुपोग्गले णं भंते ! दव्वट्ठताए किं कडजुम्मे, तेयोए, दावर, कलियोगे? गोयमा ! नो कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावर०, कलियोए। १२७. एवं जाव अणंतपएसिए खंधे । १२८. परमाणुपोग्गला णं भंते ! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मा० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा। विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो तेयोगा, नो दावर०, कलियोगा। १२९. एवं जाव अणंतपएसिया खंधा । १३०. परमाणुपोग्गले णं भंते ! पदेसट्टयाए किं कडजुम्मे० पुच्छा । गोयमा ! नो कडजुम्मे, नो तेयोगे, नो दावर०, कलियोए। १३१. दुपएसिए पुच्छा । गोयमा ! नो कड०, नो तेयोए, दावर०, नो कलियोगे। १३२. तिपएसिए पुच्छा। गोयमा ! नो कडजुम्मे, तेयोए, नो दावर०, नो कलियोए। १३३. चउप्पएसिए पुच्छा। गोयमा ! कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावर०, नो कलियोए। १३४. पंचपदेसिए जहा परमाणुपोग्गले । १३५. छप्पदेसिए जहा दुपदेसिए। १३६. सत्तपदेसिए जहा तिपदेसिए। १३७. अट्ठपएसिए जहा चउपदेसिए । १३८. नवपदेसिए जहा परमाणुपोग्गले । १३९. दसपदेसिए जहा दुपदेसिए। १४०. संखेज्जपएसिए णं भंते ! पोग्गले० पुच्छा। गोयमा ! सिय कडजुम्मे, जाव सिय कलियोगे। १४१. एवं असंखेज्जपदेसिए वि, अणंतपदेसिए वि। १४२. परमाणुपोग्गलाणंभंते! पएसट्ठताए किं कड० पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो तेयोया, नोदावर०, कलियोगा। १४३. दुप्पएसिया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा, नो तेयोया, सिय दावरजुम्मा, नो कलियोगा; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो तेयोया, दावरजुम्मा, नो कलियोगा। १४४. तिपएसिया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, तेयोगा, नो दावरजुम्मा, नो कलियोगा। १४५. चउप्पएसिया णं० पुच्छा। गोयमा! ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि कडजुम्मा, नो तेयोगा, नो दावर०, नो कलियोगा। १४६. पंचपएसिया जहा परमाणुपोग्गला । १४७. छप्पएसिया जहा दुपएसिया । १४८. सत्तपएसिया जहा तिपएसिया। १४९. अट्ठपएसिया जहा चउपएसिया। १५०. नवपएसिया जहा परमाणुपोग्गला। १५१. दसपएसिया जहा दुपएसिया। १५२. संखेजपएसिया णं० पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा; विहाणादेसेणं कडजुम्मा विजाव कलियोगा वि। १५३. एवं असंखेज्जपएसिया वि, अणंतपएसिया वि। [सु. १५४-७३. परमाणुपोग्गाइअणंतपएसियखंधपज्जतेसु एगत्त-पुहत्तेणं ओगाहणं ठिइं वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवे य पडुच्च जुम्मभेयपरूवणं ] १५४. परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं कडजुम्मपएसोगाढे० पुच्छा । गोयमा! नो कडजुम्मपएसोगाढे, नो तेयोय०, नो दावरजुम्म०, कलियोगपएसोगाढे। १५५. दुपएसिए णं० पुच्छा। गोयमा ! नो कडजुम्मपएसोगाढे, णो तेयोग०, सिय दावरजुम्मसोगाढे, सिय कलियोगपएसोगाढे । १५६. तिपएसिए णं० पुच्छा । गोयमा ! नो कडजुम्मपएसोगाढे, सिय तेयोगपएसोगाढे, सिय दावरजुम्मपएसोगाढे, सिय कलियोगपएसोगाढे।१५७. चउपएसिए णं० पुच्छा । गोयमा! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलियोगपएसोगाढे । १५८. एवं जाव अणंतपएसिए। १५९. परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं कड० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, नो म तेयोय०, नो दावर०, नो कलियोग; विहाणादेसेणं नो कडजुम्मपएसोगाढा, णो तेयोग०, नो दावर०, कलियोगपएसोगाढा । १६०. दुपएसिया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेयोग०, नो दावर०, नो कलियोग०, विहाणादेसेणं नो कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेयोगपएसोगाढा, दावरजुम्मपएसोगाढा वि. कलियोगपएसोगाढा वि। १६१. तिपएसिया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेयोय० नो दावर०, नो कलि०; विहाणादेसेणं नो GO听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听 Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ C%听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 कडजुम्मपएसोगाढा, तेयोगपएसोगाढा वि, दावरजुम्मपएसोगाढा वि, कलियोगपएसोगाढा वि । १६२. चउपएसिया णं० पुच्छा । गोयमा ! ओघोदेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, नो तेयोग०, नोदावर०, नो कलिओग०; विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा विजाव कलियोगपएसोगाढा वि। १६३. एवं जाव अणंतपएसिया। १६४. परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं कडजुम्मसमयद्वितीए० पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्मसमयट्टितीए जाव सिय कलियोगसमयट्टितीए। १६५. एवं जाव अणंतपएसिए । १६६. परमाणुपोग्गलाणं भंते ! किं कडजुम्मसमयद्वितीया० पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयद्वितीया जाव सियकलियोगसमयट्टितीया; विहाणादेसेणं कडजुम्मसमयद्वितीया वि जाव कलियोगसमयद्वितीया वि । १६७. एवं जाव अणंतपएसिया । १६८. परमाणुपोग्गले णं भंते ! कालवण्णपज्जवेहिं किं कडजुम्मे, तेयोगे? जहा ठितीए वत्तव्वया एवं वण्णेसु वि सव्वेसु, गंधेसु वि । १६९. एवं चेव रसेसु वि जाव महुरो रसो त्ति । १७०. अणंतपएसिए णं भंते ! खंधे कक्खडफासपज्जवेहिं किं कडजुम्मे पुच्छा । गोयमा ! सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे। १७१. अणंतपएसिया णं भंते ! खंधा कक्खडफासपज्जवेहिं किं कडजुम्मा० पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणं सिया कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा; विहाणादेसेणं कडजुम्मा वि जाव कलियोगा वि । १७२. एवं मउय-गरुय-लहुया वि भाणियव्वा । १७३. सीय-उसिण-निद्ध-लुक्खा जहा वण्णा। [सु. १७४-८८. परमाणुपोग्गलाइअणंतपएसियखंधपज्जतेसु जहाजोगं सड्ड-अणड्डपरूवणं] ॥ १७४. परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं सड्ढे अणड्ढे ? गोयमा ! नो सड्ढे, अणड्ढे । १७५. दुपएसिए० पुच्छा । गोयमा ! सड्ढे, नो अणड्डे । १७६. तिपएसिए जहा परमाणुपोग्गले । १७७. चउपएसिए जहा दुपएसिए। १७८. पंचपएसिए जहा तिपएसिए। १७९. छप्पएसिए जहा दुपएसिए। १८०. सत्तपएसिए जहा तिपएसिए। १८१. अट्ठपएसिए जहा दुपएसिए। १८२. नवपएसिए जहा तिपएसिए। १८३. दसपएसिए जहा दुपएसिए। १८४. संखेज्जपएसिए णं भंते ! खंधे० पुच्छा। गोयमा ! सिय सड्ढे, सिय अणड्ढे। १८५. एवं असंखेज्जपएसिए वि । १८६. एवं अणंतपएसिए वि। १८७. परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं सड्ढा, अणड्ढा ? गोयमा ! सडा वा अणड्डा वा। १८८.एवं जाव अणंतपएसिया।[सु. १८९-९२. परमाणुपोग्गलाइअणंतपदेसियखंधपज्जतेसुएगत्त-पुहत्तेणं सेय-निरेयपरूवणं] १८९. परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं सेए, निरेए ? गोयमा ! सिय सेए, सिय निरेए। १९०. एवं जाव अणंतपएसिए। १९१. परमाणुपोग्गलाणं भंते ! किं सेया, निरेया ? गोयमा ! सेया वि, निरेया वि । १९२. एवं जाव अणंतपएसिया। [सु. १९३-२०६. सेय-निरेएसु परमाणुपोग्गलाइअणंतपदेसियखंधपज्जतेसु एगत्त-पुहत्तेणं ठिईए कालंतरस्स य परूवणं ]१९३. परमाणपुग्गले णं भंते ! सेए कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभाग। १९४. परमाणुपोग्गले णं भंते ! निरेए कालतो केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं । १९५. एवं जाव अणंतपएसिए। १९६. परमाणुपोग्गला णं भंते! सेया कालओ केवचिरं होति ? गोयमा ! सव्वद्धं । १९७. परमाणुपोग्गला णं भंते ! निरेया कालओ केवचिरं होति ? गोयमा ! सव्वद्धं । १९८. एवं जावई अणंतपएसिया। १९९. परमाणुपोग्गलस्सणं भंते ! सेयस्स केवतियं कालं अंतर होति ? गोयमा ! सट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्नं कालं; परट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं । २००. निरेयस्स केवतियं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! सट्ठाणंतरंपडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जतिभागं, परट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समय, उक्कोसेणं असंखेज्नं कालं । २०१. दुपएसियस्स णं भंते ! खंधस्स सेयस्स० पुच्छा। गोयमा ! सट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं; परट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अणंतं कालं । २०२. निरेयस्स केवतियं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! सट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजतिभागं; परट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अणतं कालं। २०३. एवं जाव अणंतपएसियस्स। २०४. परमाणुपोग्गलाणं भंते ! सेयाणं केवतियं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! नत्थंतरं । २०५. निरेयाणं केवतियं कालं अंतरं होइ ? नत्थंतरं। २०६. एवं जाव अणंतपएसियाणं खंधाणं । [सु. २०७-८. सेय-निरेयाणं परमाणुपोग्गलाइअसंखेज्जपदेसियखंधपजंताणं खंधाणं अप्पाबहुयं] २०७. एएसि णं भंते ! परमाणुपोरगलाणं सेयाणं निरेयाणं य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सेया, निरेया Kero 5555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५३८॥555555555555555555555IOR TO圳乐乐55$乐乐乐乐乐听听听听乐明明明明明明明明明明听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听$TO Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २५ श. उ. ४ [३२४) 五五五五五五五五五步步REE C乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听FC र असंखेज्जगुणा । २०८. एवं जाव असंखिज्जपएसियाणं खंधाणं सु. २०९. सेय-निरेयाणं अणंतपदेसियखंधाणं अप्पाबहुयं] २०९. एएसिणं भंते ! अणंतपएसियाणं खंधाणं सेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा निरेया, सेया अणंतगुणा। [सु. २१०. सेयनिरेयाणं परमाणुपोग्गलाणं संखेज-असंखेज्ज-अणंतपदेसियाण य खंधाणं दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए य अप्पाबहुयं ] २१०. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं, संखेज्जपएसियाणं असंखेज्जपएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं सेयाणं निरेयाणं य दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए १, अणंतपएसिया खंधा सेया दव्वळुयाए अणंतगुणा २, परमाणुपोग्गला सेया दव्वट्ठयाए अणंतगुणा ३, संखेज्जपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ४, असंखेजपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ५, परमाणुपोग्गला निरेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा ६, संखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए संखेजगुणा ७, असंखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ८ । पएसट्ठयाए एवं चेव, नवरं परमाणुपोग्गला अपएसट्ठयाए भाणियव्वा । संखेज्जपएसिया खंधा निरेया पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा, सेसं तं चेव । दव्वट्ठपएसट्ठयाएसव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए १, ते चेव पएसट्ठयाए अणंतगुणा २, अणंतपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए अणंतगुणा ३, ते चेव पएसट्ठयाए अणंतगुणा ४, परमाणुपोग्गला सेया दव्वट्ठअपएसट्टयाए अणंतगुणा ५, संखेज्जपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ६, ते चेव पएसट्टयाए असंखेजगुणा ७ असंखेजपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ८, ते चेव पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा ९, परमाणुपोग्गला निरेया दव्वट्ठअपएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा १०, संखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ११,ते चेव पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा १२, असंखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा १३, ते चेव पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा १४। [सु. २११-१६. परमाणुपोग्गलाइअणंतपएसियखंधपज्जतेसु खंधेसु एगत्त-पुहत्तेणं जहाजोगं देसेय-सव्वेयनिरेयपरूवणं] २११. परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं देसेए, सव्वेए, निरेए ? गोयमा ! नो देसेए, सिय सव्वेए, सिय निरेये । २१२. दुपदेसिए णं भंते ! खंधे० पुच्छा । गोयमा ! सिय देसेए, सिय सव्वेए, सिय निरेये। २१३. एवं जाव अणंतपदेसिए। २१४. परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं देसेया, सव्वेया, निरेया ? गोयमा ! नो देसेया, सव्वेया वि, निरेया वि । २१५. दुपदेसिया णं भंते ! खंधा० पुच्छा। गोयमा ! देसेया वि, सव्वेया वि, निरेया वि । २१६. एवं जाव अणंतपएसिया। [सु. २१७-४०. सव्वेय-निरेएसु परमाणुपोग्गलेसु देसेय-सव्वेय-निरेएसु य दुपएसियाइअणंतपएसियपज्जतेसु खंधेसु एगत्त-पुहत्तेणं ठिईए कालंतरस्स य परूवणं ] २१७. परमाणुपोग्गले णं भंते ! सव्वेए कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जतिभागं । २१८. निरेये कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं । २१९. दुपएसिए णं भंते ! खंधे देसेए कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कह समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजतिभागं । २२०. सव्वेए कालतो केवचिरं होति ? जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभागं । २२१. निरेए कालतो केवचिरं होति ? जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं । २२२. एवं जाव अणंतपदेसिए। २२३. परमाणुपोग्गलाणं भंते ! सव्वेया कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! सव्वद्धं । २२४. निरेया कालतो केवचिरं? सव्वद्धं । २२५. दुप्पदेसिया णं भंते ! खंधा देसेया कालतो केवचिरं होति ? सव्वद्धं । २२६. सव्वेया कालतो केवचिरं ? सव्वद्धं । २२७. निरेया कालओ केवचिरं ? सव्वद्धं । २२८. एवं जाव अणंतपदेसिया। २२९. परमाणुपोग्गलस्सणं भंते ! सव्वेयस्स केवतियं कालं अंतरं होति ? सट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं; परट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं एवं चेव । २३०. निरेयस्स केवतियं अंतरं होइ ? सट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समय, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेजतिभागं; परट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं । २३१. दुपएसियस्स णं भंते ! खंधस्स देसेयस्स केवतियं कालं अंतर होइ ? सट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्नं कालं; परट्ठाणतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अणंतं कालं । २३२. सव्वेयस्स केवतियं कालं- १ एवं चेव जहा देसेयस्स । २३३. निरेयस्स केवतियं० १ सट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं, Mero#55555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५३९955555555555555555555555FOR 乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听CE Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २५ स. उ४-५ [ ३२५] उक्कोसणं आवलियाए असंखेज्जतिभागं; परट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं अणंतं कालं । २३४. एवं जाव अणतपएसियस्स । २३५. परमाणुपोग्गलाणं भंते ! सव्वेयाणं केवतियं कालं अंतरं होइ ?, नत्यंतरं । २३६, निरेयाणं केवतियं ०? नत्थंतरं । २३७. दुपएसियाणं भंते! खंधाणं देसेयाणं केवतियं कालं०? नत्थंतरं । २३८. सव्वेयाणं केवतियं कालं ०? नत्थंतरं । २३९. निरेयाणं केवतियं कालं ०? नत्यंतरं । २४०. एवं ताव अणंतपएसियाणं । [ सु. २४१. सव्वेय-निरेयाणं परमाणुपोग्गलाणं अप्पाबहुयं ] २४१. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं सव्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सव्वेया, निरेया असंखेज्नगुणा । [सु. २४२-४४. देसेय- सव्वेय-निरेयाणं दुपएसियाईणं अनंतपएसियपज्जंताणं खंधाणं अप्पाबहुयं ] २४२. एएसि णं भंते ! दुपएसियाणं खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा दुपएसिया खंधा सव्वेया, देसेया असंखेज्जगुणा, निरेया असंखेज्जगुणा । २४३. एवं जाव असंखेज्जपएसियाणं खंधाणं । २४४. एएसि णं भंते ! अनंतपएसियाणं खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणतपएसिया खंधा सव्वेया, निरेया अणंतगुणा, देसेया अनंतगुणा । [ सु. २४५. सव्वेय-निरेयाणं परमाणुपोग्गलाणं देसेय सव्वेय-निरेयाण य संखेज्ज - असंखेज्ज- अणतपएसियाणं खंधाणं दव्वट्ट्याए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए य अप्पाबहुयं ] २४५. एएणि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं, संखेज्जपएसियाणं असंखेज्जएसियाणं अणतपएसियाण य खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं निरेयाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए करे करेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणतपएसिया खंधा सव्वेया दव्वट्टयाए १, अणतपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए अनंतगुणा २, अणंतपएसिया खंधा सेया दव्वट्टयाए अणंतगुणा ३, असंखेज्नपएसिया खंधा सव्वेया दव्वट्टयाए अनंतगुणा ४, संखेज्जपएसिया खंधा सव्वेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ५, परमाणुपोग्गला सव्वेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ६, संखेज्जपएसिया खंधा देसेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ७, असंखेज्नपएसिया खंधा देसेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ८, परमाणुपोग्गला निरेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ९, संखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा १०, असंखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ११ । पदेसट्टयाए- सव्वत्थोवा अणतपदेसिया । एवं पएसट्टयाए वि, नवरं परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए भाणियव्वा । संखिज्जपएसिया खंधा निरेया पएसट्टयाए असंखेज्नगुणा, सेसं तं चेव । दव्वट्ठपएसट्टयाए- सव्वत्थोवा अणतपएसिया खंधा सव्वेया दव्वट्टयाए १, ते चेव पएसट्टयाए अनंतगुणा २, अणतपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए अनंतगुणा ३, ते चेव पएसझ्याए अनंतगुणा ४, अणतपएसिया खंधा देसेया दव्वट्टयाए अनंतगुणा ५, ते चेव पदेसट्टयाए अनंतगुणा ६, असंखेज्जपएसिया खंधा सव्वेया दव्वट्टयाए अनंतगुणा ७, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा ८, संखेज्जपएसिया खंधा सव्वेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ९, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा १०, परमाणुपोग्गला सव्वेया दव्वट्ठअपए सट्टयाए असंखेज्जगुणा ११, संखेज्नपएसिया खंधा देसेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा १२, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा १३, असंखेज्जपएसिया खंधा देसेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा १४, ते चेव पदेसट्टयाए असंखेज्जगुणा १५, परमाणुपोग्गला निरेया दव्वद्वअपएसट्टयाए असंखेज्जगुणा १६, संखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए संखेज्नगुणा १७, ते चेव पएसट्टयाए संखेज्जगुणा १८, असंखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा १९, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा २० । [सु. २४६ ४९ धम्मत्थिकायाईसु अत्थिकाएसु मज्झपदेससंखापरूवणं ] २४६. कति णं भंते ! धम्मत्थिकायस्स मज्झपएसा पन्नत्ता ? गोयमा ! अट्ठ धम्मत्थिकायस्स मज्झपएसा पन्नत्ता । २४७. कति णं भंते! अधम्मत्थिकायस्स मज्झपएसा पन्नत्ता ? एवं चेव । २४८. कति णं भंते! आगासत्थिकायस्स मज्झपएसा पन्नत्ता ? एवं चेव । २४९. कति णं भंते ! जीवत्थकास मज्झपएसा पन्नत्ता ? गोयमा ! अट्ठ जीवत्थिकायस्स मज्झपएसा पन्नत्ता । [सु. २५०. जीवत्थिकायमज्झपएसाणं आगासत्थिकायपदेसोगाहणं पडुच्च परूवणं ] २५०. एए णं भंते! अट्ठ जीवत्थिकायस्स मज्झपएसा कतिसु आगासपएसेसु ओगाहंति ? गोयमा ! जहनेणं एक्कंसि वा दोहि वा तीहि वा चउहिं वा पंचहिं वा छहिं वा, उक्कोसेणं अट्ठसु, नो चेव णं सत्तसु । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० । ★★★ ॥ २५ सते ४ उद्देसओ || पंचमो उद्देसओ 'पज्जव' ★★★ ICKORA श्री आगमगुणमंजूषा ५४० ANISTON NRO COR Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOR955555555555 (५) भगवई २५ श. उ-५ [३२६] 5555555555555550xong OEIC%乐乐乐乐乐乐听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐SC [सु. १. पज्जवभेयाइजाणणत्थं पण्णवणासुत्तावलोयणनिद्देसो ] १. कतिविहा णं भंते ! पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पज्जवा पन्नत्ता, तं जहा-जीवपज्जवा य अजीवपज्जवा य । पज्जवपयं निरवसेसं भाणितव्वं जहा पण्णवणाए। [सु.२-१२. आवलियापभिइसव्वद्धापज्जतेसु कालभेएसु एगत्त-पुहत्तेणं समयसंखापरूवणं] २. आवलिया णं भंते ! किं संखेज्जा समया, असंखेज्जा समया, अणंता समया ? गोयमा ! नो संखेज्जा समया, असंखेज्जा समया, नो अणंता समया। ३. आणापाणू म णं भंते ! किं संखेज्जा० ? एवं चेव । ४. थोवे णं भंते ! किं संखेज्जा० ? एवं चेव । ५. एवं लवे वि, मुहुत्ते वि । एवं अहोरत्ते । एवं पक्खे मासे उडू अयणे संवच्छरे जुगे वाससते वाससहस्से वाससयसहस्से पुव्वंगे पुव्वे, तुडियंगे तुडिए, अडडंगे अडडे, अववंगे अववे, हहुयंगे हूहुए, उप्पलंगे उप्पले, पउमंगे पउमे, नलिणंगे नलिणे, अत्थनिऊरंगे अत्थनिऊरे, अउयंगे अउये, नउयंगे नउए, पउयंगे पउए, चूलियंगे, चूलिए, सीसपहेलियंगे, सीसपहेलिया, पलिओवमे, सागरोवमे, ओसप्पिणी, एवं उस्सप्पिणी वि । ६. पोग्गलपरियट्टे णं भंते ! किं संखेज्जा समया, असंखेज्ना समया० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जा समया, नो असंखेज्ना समया, अणंता समया। ७. एवं तीतद्ध-अणागयद्ध-सव्वद्धा । ८. आवलियाओ णं भंते ! किं संखेज्जा समया० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जा समया, सिय असंखेज्जा समया, सिय अणंता समया।९. आणापाणूणं भंते ! किं संखेज्जा समया० ? एवं चेव । १०. थोवा णं भंते ! किं संखेज्जा समया०? एवं चेव । ११. एवं जाव उस्सप्पिणीओ त्ति । १२. पोग्गलपरियट्टा णं भंते ! किं संखेज्जा समया० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जा समया, नो असंखेज्जा समया, अणंता समया। [सु. १३-२५. आणापाणुपभिइसव्वद्धापज्जतेसु कालभेएसु एगत्तपुहत्तेणं आवलियासंखापरूवणं ]१३. आणापाणू णं भंते ! किं संखेजाओ आवलियाओ० पुच्छा । गोयमा ! संखेज्जाओ आवलियाओ, नो असंखेज्जाओ आवलियाओ, नो अणंताओ आवलियाओ। १४. एवं थोवे वि । १५. एवं जाव सीसपहेलिय त्ति। १६. पलिओवमेणं भंते ! किं संखेज्जाओ० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जाओ आवलियाओ, असंखेज्जाओ आवलियाओ, नो अणंताओ आवलियाओ। १७. एवं सागरोवमे वि । १८. एवं ओसप्पिणीए वि, उस्सप्पिणीए वि। १९. पोग्गलपरियट्टे पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जाओ आवलियो, नो असंखेज्जाओ आवलियाओ, अणंताओ आवलियाओ। २०. एवं जाव सव्वद्धा । २१. आणापाणू ? ओ णं भंते ! किं संखेज्जाओ आवलियाओ० पुच्छा । गोयमा ! सिय संखेज्जाओ आवलियाओ, सिय असंखेज्जाओ, सिय अणंताओ। २२. एवं जाव सीसपहेलियाओ। २३. पलिओवमा णं० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जाओ आवलियाओ, सिय असंखेज्जाओ आवलियाओ, सिय अणंताओ आवलियाओ। २४. एवं जाव उस्सप्पिणीओ।२५. पोग्गलपरियट्टाणं० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जाओ आवलियाओ, नो असंखेज्जाओ आवलियाओ, अणंताओ आवलियाओ। [सु. २६-२७. थोवपभिइसव्वद्धापज्जतेसु कालभेएसु एगत्त-पुहत्तेणं आणापाणुपभिइसीसपहेलियापज्जताणं संखापरूवणं ] २६. थोवे णं भंते ! किं संखेज्जाओ आणापाणूओ, असंखेज्जाओ०? जहा आवलियाए वत्तव्वया एवं आणापाणूओ वि निरवसेसा । २७. एवं एएणं गमएणं जाव सीसपहेलिया भाणियव्वा। [सु. २८-३४. सागरोवमपभिइसव्वद्धापज्जतेसुकालभेएसुएगत्त-पुहत्तेणं पलिओवमसंखापरूवणं]२८.सागरोवमेणं भंते ! किं संखेज्जा पलिओवमा० पुच्छा । गोयमा ! संखेज्जा पलिओवमा, नो असंखेज्जा पलिओवमा, नो अणंता पलिओवमा । २९. एवं ओसप्पिणी वि, उस्सप्पिणी वि । ३०. पोग्गलपरियट्टे णं० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जा पलिओवमा, नो असंखेज्जा पलिओवमा, अणंता पलिओवमा । ३१. एवं जाव सव्वद्धा । ३२. सागरोवमा णं भंते ! किं संखेज्जा पलिओवमा० पुच्छा। गोयमा ! सिय संखेज्जा पलिओवमा, सिय असंखेज्जा पलिओवमा, सिय अणंता पलिओवमा। ३३. एवं जाव ओसप्पिणी वि, उस्सप्पिणी वि। ३४.पोग्गलपरियट्टाणं० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जा पलिओवमा, नो असंखेज्जा पलिओवमा, अणंता पलिओवमा। [सु. ३५. ओसप्पिणिपभिइसव्वद्धापज्जतेसु ) कालभेएसु एगत्त-पुहत्तेणं सागरोवमसंखापरूवणं ]३५. ओसप्पिणी णं भंते ! किं संखेज्जा सागरोवमा० ? जहा पलिओवमस्स वत्तव्वया तहा सागरोवमस्स वि। [सु. ३६-३८. पोग्गलपरियट्टपभिइसव्वद्धापज्जतेसुकालभेएसु एगत्त-पुहत्तेणं ओसप्पिणि-उस्सप्पिणिसंखापरूवणं] ३६. पोग्गलपरियट्टे णं भंते ! किं संखेज्जाओम 2 ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीओ० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जाओ ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीओ, नो असंखिज्जाओ, अणंताओ ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीओ। ३७. एवं 444444555555555555555 श्री आगमगणमंजूषा - ५४१555555555555555555555555OF 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听TO Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई २५ श. उ-५-६ [३२७] जाव सव्वद्धा । ३८. पोग्गलपरियट्टा णं भंते! किं संखेज्जाओ ओसप्पिणि उस्सप्पिणीओ० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जाओ ओसप्पिणि उस्सप्पिणीओ, नो असंखेज्जाओ, अणंताओ ओसप्पिणि उस्सप्पिणीओ । [ सु. ३९-४१. तीतद्धा अणागतद्धा सव्वद्धासु पोग्गलपरियट्टाणं अनंतत्तं ] ३९. तीतद्वा णं भंते! किं संखेज्जा पोग्गलपरियट्टा० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्ना पोग्गलपरियट्टा, नो असंखेज्जा, अणंता पोग्गलपरियट्टा । ४०. एवं अणागतद्धा वि । ४१. एवं सव्वद्धा वि । [ सु. ४२. अणागतकालस्स अतीतकालओ समयाधिकत्तं ] ४२. अणागतद्धा णं भंते! किं संखेज्जाओ तीतद्धाओ, असंखेज्जाओ, अनंताओ ? गोयमा ! नो संखेज्जाओ तीतद्धाओ, नो असंखेज्जाओ तीतद्धाओ, नो अणंताओ तीतद्धाओ, अणागयद्धा णं तीतद्धाओ समयाहिया; तीतद्धा णं अणागयद्धाओ समयूणा । [ सु. ४३. सव्वद्धाए अतीतकालओ साइरेगदुगुणत्तं ] ४३. सव्वा णं भंते! किं संखेज्जाओ तीतद्धाओ० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जाओ तीतद्धाओ, नो असंखेज्जाओ, णो अणंताओ तीतद्धाओ, सव्वद्धा णं तीयद्धाओ सातिरेगदुगुणा, तीतद्धा णं सव्वद्धाओ थोवूणए अद्धे । [ सु. ४४. सव्वद्धाए अणागतकालओ थोवूणदुगुणत्तं ] ४४. सव्वद्धा णं भंते! किं संखेज्जाओ अणागयद्धाओ० पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जाओ अणागयद्धाओ, नो असंखेज्जाओ अणागयद्धाओ, नो अणंताओ अणागयद्धाओ, सव्वद्धा णं अणागयद्धाओ थोवूणगदुगुणा, अणागयद्धा णं सव्वद्धातो सातिरेगे अद्धे । [ सु. ४५-४६. निगोदभेय- पभेयजाणणत्थं जीवाभिगमसुत्तावलोयणनिद्देसो ] ४५. कतिविधा णं भंते! णिओदा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा णिओदा पन्नत्ता, तं जहा णिओया य णिओयजीवा य । ४६. णिओदा णं भंते ! कतिविधा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पत्ता, तं जहा - सुहुमनिगोदा य, बायरनियोया य । एवं नियोया भाणियव्वा जहा जीवाभिगमे तहेव निरवसेसं । [सु. ४७-४८. छव्विहपरिणामभेयपरूवणं] ४७. कतिविधे णं भंते! णामे पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहे नामे पन्नत्ते, तं जहा - उदइए जाव सन्निवातिए । ४८. से किं तं उदइए नामे ? उदइए णामे दुविहे पन्नत्ते, तं जहाउदए य, उदयनिप्फन्ने य । एवं जहा सत्तरसमसते पढमे उद्देसए (स० १७३० १ सु० २९) भावो तहेव इह वि, नवरं इमं नामनाण सेसं तहेव जाव सन्निवातिए । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ★★★।२५ सते ५ उद्देसो । छट्टो उद्देसओ 'नियंठ' ★★★ [सु. १. छद्बुद्देसस्स दारगाहा ] १. पण्णवण १ वेद २ रागे ३ कप्प ४ चरित्त ५ पडिसेवणा ६ णाणे ७ । तित्थे ८ लिंग ९ सरीरे १० खेत्ते ११ काल १२ गति १३ संजम १४ निकासे १५ || १ | जोगुवओग १६-१७ कसाए १८ लेस्सा १९ परिणाम २० बंध २१ वेए य २२ । कम्मोदीरण २३ उवसंपजहण २४ सन्ना य २५ आहारे २६ ||२|| भव २७ आगरिसे २८ कालंतरे य २९-३० समुघाय ३१ खेत्त ३२ फुसणा य ३३ । भावे ३४ परिणामे ३५ खलु अप्पाबहुयं ३६ नियंठाणं ॥ ३॥ [सु. २ छट्टुद्देसस्सुवुग्धाओ ] २. रायगिहे जाव एवं वयासी- [ सु. ३-१०. पढमं पण्णवणदारं-पंचभेया नियंठा, तब्भेय-प्पभेया य ] ३. कति णं भंते ! नियंठा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच नियंठा पन्नत्ता, तं जहा - पुलाए बउसे कुसीले नियंठे सिणाए । ४. पुलाए णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे पन्नइ, तं जहा - नाणपुलाए दंसणपुलाए चरित्तपुलाए लिंगपुलाए अहासुहुमपुलाए नामं पंचमे । ५. उसे णं भंते! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे पन्नत्ते, तं जहा- आभोगबउसे, अणाभोगबउसे संवुडबउसे असंवुडबउसे अहासुहुमबउसे नामं पंचमे । ६. कुसीले णं भंते! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविधे पन्नत्ते, तं जहा- पडिसेवणाकुसीले य, कसायकुसीले य । ७. पडिसेवणाकुसीले णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे पन्नत्ते, तं जहा-नाणपडिसेवणाकुसीले, दंसणपडिसेवणाकुसीले चरित्तपडिसेवणाकुसीले लिंगपडिसेवणाकुसीले अहासुहुमपडिसेवणाकुसीले णामं पंचमे । ८. कसायकुसीले णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे पन्नत्ते, तं जहा-नाणकसायकुसीले दंसणकसायकुसीले चरित्तकसायकुसीले लिंगकसायकुसीले, अहासुहुमकसायकुसीले णामं पंचमे । ९. नियंठे णं भंते! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे पन्नत्ते, तं जहा पढमसमयनियंठे अपढमसमयनियंठे चरिमसमयनियंठे अचरिमसमयनियंठे अहासुहुमनियंठे णामं पंचमे । १०. सिणाए णं भंते! कविविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविधे पन्नत्ते, तं जहा - अच्छवी १ असबले २ अकम्मंसे ३ संसुद्धनाण- दंसणधरे अरहा जिणे केवली ४ अपरिस्सावी ५ । दारं १ । [११-१६. बिइयं वेददारं-पंचविहनियंठेसु इत्थिवेदाइवेदपरूवणं ] ११. (१) पुलाए णं भंते! किं सवेयए होज्जा, अवेयए होज्जा ? गोयमा ! सवेयए होज्जा, नो अवेयए होज्जा । (२) जइ सवेयए होज्जा किं इत्थवेयए होज्जा, पुरिसवेयए ( श्री आगमगुणमंजूषा ५४२ ॐ ॐ ॐ 演出 原原 Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GRO5步步步步步步步步步步步步为男 (५) भगवई सत २५ उ.६ [३२८] AC%听听听听听听听听听听听听听听听听玩玩乐乐玩玩乐乐明明明明明明明明明明明玩乐明明明明明玩玩乐乐明年6 र होज्जा, पुरिसनपुंसगवेयए होज्जा? 1 गोयमा ! नो इत्थिवेयए होज्जा, पुरिसवेयए होजा, पुरिसनपुंसगवेयए वा होज्जा। १२. (१) बउसेणं भंते ! किं सवेयए होज्जा, अवेयए होज्जा ? गोयमा ! सवेदए होज्जा, नो अवेदए होज्जा । (२) जइ सवेयए होज्जा किं इत्थिवेयए होज्जा, पुरिसवेयए होज्जा, पुरिसनपुंसगवेयए होज्जा ? गोयमा ! इत्थिवेदए वा होज्जा, पुरिसवेयए वा होज्जा, पुरिसनपुंसगवेयए वा होज्जा । १३. एवं पडिसेवणाकुसीले वि। १४. (१) कसायकुसीले णं भंते ! किं सवेयए० पुच्छा। गोयमा ! सवेयए वा होज्जा, अवेयए वा होज्जा। (२) जइ अवेयए किं उवसंतवेयए, खीणवेयए होज्जा ? गोयमा ! उवसंतवेयए वा, खीणवेयए वा होज्जा। (३) जति सवेयए होज्जा किं इत्थिवेदए होज्जा० पुच्छा | गोयमा ! तिसु वि जहा बउसो। १५. (१) णियंठे णं भंते ! किं सवेयए० पुच्छा। गोयमा ! नो सवेयए होज्जा, अवेदए होज्जा। (२) जइ अवेयए होज्जा किं उवसंत० पुच्छा। गोयमा ! उवसंतवेयए वा होज्जा, खीणवेयए वा होज्जा। १६. सिणाए णं भंते ! किं सवेयए होज्जा ? जहा नियंठे तहा सिणाए वि, नवरं नो उवसंतवेयए होज्जा, खीणवेयए होज्जा । दारं २ । [सु. १७-२०. तइयं रागदारं-पंचविहनियंठेसु सरागत्त-वीयरागत्तपरूवणं] १७. पुलाए णं भंते ! किं सरागे होज्जा, वीयरागे होज्जा ? गोयमा ! सरागे होज्जा, नो वीयरागे होज्जा । १८. एवं जाव कसायकुसीले। १९. (१) णियंठे णं भंते ! किं सरागे होज्जा० पुच्छा । गोयमा ! नो सरागे होज्जा, वीयरागे होज्जा । (२) जइ वीयरागे होज्जा किं उवसंतकसायवीयरागे होज्जा, खीणकसायवीयरागे० ? गोयमा उवसंतकसायवीतरागे वा होज्जा, खीणकसायवीतरागे वा होना। २०. सिणाए एवं चेव, नवरं नो उवसंतकसायवीयरागे होज्जा, खीणकसायवीयरागे होज्जा। दारं ३ । [सु. २१-२८. चउत्थं कप्पदारं-पंचविहनियंठेसु ठियकप्पाइ-जिणकप्पाइपरूवणं ] २१. पुलाए णं भंते ! किं ठियकप्पे होज्जा, अठियकप्पे होज्जा ? गोयमा ! ठियकप्पे वा होज्जा, अठियकप्पे वा होना । २२. एवं जाव सिणाए। २३. पुलाए णं भंते ! किं जिणकप्पे होज्जा, थेरकप्पे होज्जा, कप्पातीते होज्जा? गोयमा! नो जिणकप्पे होज्जा, थेरकप्पे होज्जा, नो कप्पातीते होज्जा। २४. बउवे णं० पुच्छा । गोयमा ! जिणकप्पे वा होज्जा, थेरकप्पे वा होज्जा, नो कप्पतीते होज्जा। २५. एवं पडिसेवणाकुसीले वि । २६. कसायकुसीले णं० पुच्छा । गोयमा ! जिणकप्पे वा होज्जा, थेरकप्पे वा होज्जा, कप्पातीते वा होज्जा । २७. नियंठे णं० पुच्छा। गोयमा ! नो जिणकप्पे होज्जा, नो थेरकप्पे होज्जा, कप्पातीते होज्जा । २८. एवं सिणाए वि। दारं ४ । [सु. २९-३४. पंचमं चरित्तदारं-पंचविहनियंठेसु सामाइयाइसंजमपरूवणं]२९. पुलाए णं भंते ! किं सामाइयसंजमे होज्ज, छेदोवट्ठावणियसंजमे होज्जा, परिहारविसुद्धियसंजमे होज्जा, सुहुमसंपरायसंजमे होज्जा, अहक्खायसंजमे होज्जा ? गोयमा ! सामाइयसंजमे वा होज्जा, छेदोवट्ठावणियसंजमे वा होज्जा, नो परिहारविसुद्धियसंजमे होज्जा, नो सुहुमसंपरायसंजमे होज्जा, नो अहक्खायसंजमे होज्जा । ३०. एवं बउसे वि । ३१. एवं पडिसेवणाकुसीले वि । ३२. कसायकुसीले णं० पुच्छा । गोयमा ! सामासयसंजमे वा होज्जा जाव सुहमसंपरासंजमे वा होज्जा, नो अहक्खायसंजमे होज्जा। ३३. नियंठे णं० पुच्छा । गोयमा ! णो सामाइयसंजमे होज्जा जाव णो सुहमसंपरायसंजमे होज्जा, अहक्खायसंजमे होज्जा । ३४. एवं सिणाए वि। दारं ५ । सु. ३५-४०. छटुं पडिसेवणादारं-पंचविहनियंठेसु मूलुत्तरगुणपडिसेवण-अपडिसेवणपरूवणं ] ३५. (१) पुलाए णं भंते ! किं पडिसेवए होज्जा, अपडिसेवए होज्जा ? गोयमा ! पडिसेवए होज्जा, नो अपडिसेवए होज्जा। (२) जदिपडिसेवए होज्जा किं मूलगुणपडिसेवए होज्जा, उत्तरगुणपडिसेवए होज्जा ? गोयमा ! मूलगुणपडिसेवए वा होज्जा, उत्तरगुणपडिसेवए वा होज्जा । मूलगुणपडिसेवमाणे पंचण्हं आसवाणं अन्नयरं पडिसेवेज्जा, उत्तरगुणपडिसेवमाणे दसविहस्स पच्चक्खाणस्स अन्नयरं पडिसेवेज्जा । ३६. (१) बउसे णं० पुच्छा । गोयमा ! पडिसेवए होज्जा, नो अपडिसेवए होज्जा । (२) जइ पडिसेवए होज्जा किं मूलगुणपडिसेवए होज्जा, उत्तरगुणपडिसेवए होज्जा ? गोयमा ! नो मूलगुणपडिसेवए होज्जा, उत्तरगुणपडिसेवए होज्जा। उत्तरगुणपडिसेवमाणे दसविहस्स पच्चक्खाणस्स अन्नयरं पडिसेवेज्जा । ३७. पडिसेवणाकुसीले जहा पुलाए । ३८. कसायकुसीले० पुच्छा। गोयमा ! नो पडिसेवए होज्ज, अपडिसेवए होना। ३९. एवं नियंठे वि । ४०. एवं सिणाए वि। दारं ६ [सु. ४१-५२. सत्तमं नाणदारं-पंचविहनियंठेसु नाण-सुयज्झयणपरूवणं] ४१. पुलाए णं भंते ! म कतिसु नाणेसु होज्जा ? गोयमा ! दोसु वा तिसु वा होज्जा । दोसु होमाणे दोसु आभिणिबोहियनाण-सुयनाणेसु होज्जा, तिसु होमाणे तिसु आभिनिबोहियनाणफफफफफ श्री आगमगणमंजष. 555555 76 GO乐乐乐乐乐乐乐听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听乐乐乐乐乐玩玩乐乐乐乐乐中乐乐乐 jainelibrary.on) Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ hhhhhhhh55555 (५) भगवई सतं २५ उ-६ (३२९] ||OSIT乐步听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$ 5S सुयनाण-ओहिनाणेसु होज्जा । ४२. एवं बउसे वि। ४३. एवं पडिसेवणाकुसीले वि। ४४. कसायकुसीले णं० पुच्छा । गोयमा ! दोसु वा तिसु वा चउसु वा होज्जा। दोस होमाणे दोसु आभिनिबोहियनाण-सुयनाणेसु होज्जा। तिसु होमाणे तिसु आभिनिबोहियनाण-सुयनाण-ओहिनाणेसु अहवा तिसु आभिनिबोहियनाण-सुयनाणमणपज्जवनाणेसु होज्जा । चउसु होमाणे चउसु आभिनिबोहियनाण-सुयनाण-ओहिनाण-मणपज्जवनाणेसु होज्जा । ४५. एवं नियंठे वि । ४६. सिणाए णं० पुच्छा। गोयमा ! एगम्मि केवलनाणे होज्जा । ४७. पुलाए णं भंते ! केवतियं सुयं अहिज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं नवमस्स पुव्वस्स ततियं आयारवत्थु, उक्कोसेणं नव पुव्वाई अहिज्जेज्जा । ४८. बउसे० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठ पवयणमायाओ, उक्कोसेणं दस पुव्वाइं अहिज्जेज्जा। ४९. एवं पडिसेवणाकुसीले वि। ५०. कसायकुसीले० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठ पवयणमायाओ, उक्कोसेणं चोद्दस पुव्वाइं अहिज्जेज्जा। ५१. एवं नियंठे वि। ५२. सिणाये० पुच्छा । गोयमा ! सुयवतिरित्ते होना। दारं ७ । [सु.५३-५७. अट्ठमं तित्थदारं-पंचविहनियंठेसु तित्थ-अतित्थपरूवणं ]५३. पुलाए णं भंते ! किं तित्थे होज्जा, अतित्थे होज्जा ? गोयमा ! तित्थे होज्जा, नो अतित्थे होज्जा । ५४. एवं बउसे वि, पडिसेवणाकुसीले वि। ५५. (१) कसायकुसीले० पुच्छा। गोयमा ! तित्थे वा होज्जा, अतित्थे वा होज्जा। (२) जति अतित्थे होज्जा किं तित्थयरे होज्जा, पत्तेयबुद्धे होज्जा ? गोयमा ! तित्थगरे वा होज्जा, पत्तेयबुद्धे वा होज्जा। ५६. एवं नियंठे वि। ५७. एवं सिणाए वि। दारं ८ । [सु. ५८-५९. नवमं लिंगदारं-पंचविहनियंठेसु सलिंग-अन्नलिंग-गिहिलिंगपरूवणं ]५८. पुलाए णं भंते ! किं सलिंगे होज्जा, अन्नलिंगे होज्जा, गिहिलिंगे होज्जा ? गोयमा ! दव्वलिंगं पडुच्च सलिंगे वा होज्जा, अन्नलिंगे वा होज्जा, गिहिलिंगे वा होज्जा । भावलिंगं पडुच्च नियम सलिंगे होज्जा। ५९. एवं जाव सिणाए। दारं ९ ।। सु. ६०-६४. दसमं सरीरदारं-पंचविहनियंठेसु सरीरभेयपरूवणं] ६०. पुलाए णं भंते ! कतिसु सरीरेसु होज्जा ? गोयमा! तिसु ओरालिय-तेया-कम्मएसु होज्जा। ६१. बउसे णं भंते !० पुच्छा। गोयमा ! तिसु वा चतुसु वा होज्जा। तिसु होमाणे तिसु ओरालिय-तेया-कम्मएसु होज्जा, चउसु होमाणे चउसु ओरालिय-वेउब्विय-तेयाकम्मएसु होज्जा। ६२. एवं पडिसेवणाकुसीले वि। ६३. कसायकुसीले० पुच्छा । गोयमा ! तिसु वा चतुसु वा पंचसु वा होज्जा। तिसु होमाणे तिसु ओरालिय-तेयाकम्मएसु होज्जा, चउसु होमाणे चउसु ओरालिय-वेउव्विय-तेया-कम्मएसु होज्जा, पंचसु होमाणे पंचसु ओरालिय-वेउव्विय आहारग-तेयग-कम्मएसु होज्जा। ६४. णियंठे सिणाते य जहा पुलाओ। दारं १० सु. ६५-६७. एक्कारसमं खेत्तदारं-पंचविहनियंठेसु कम्म-अकम्मभूमिपरूवणं ] ६५. पुलाए णं भंते ! किं कम्मभूमीए होज्जा, अकम्मभूमीए होज्जा ? गोयमा ! जम्मण-संतिभावं पडुच्च कम्मभूमीए होज्जा, नो अकम्मभूमीए होज्जा । ६६. बउसे णं० पुच्छा । गोयमा ! जम्मण-संतिभावं पडुच्च कम्मभूमीए होज्जा, नो अकम्मभूमीए होज्जा । साहारणं पडुच्च कम्मभूमीए वा होज्जा, अकम्मभूमीए वा होज्जा । ६७. एवं जाव सिणाए। दारं ११ । [सु. ६८-७२. बारसमं कालदारं-पंचविहनियंठेसु ओसप्पिणि-उस्सप्पिणि-कालाइपरूवणं ] ६८. (१) पुलाए णं भंते ! किं ओसप्पिणिकाले होज्जा, उस्सप्पिणिकाले होज्जा, नोओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले होज्जा ? गोयमा ! ओसप्पिणिकाले वा होज्जा, उसस्सप्पिणिकाले वा होज्जा, नोओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले वा होज्जा । (२) जदि ओसप्पिणिकाले होज्जा किं सुसमसुसमाकाले होज्जा, सुसमाकाले होज्जा, सुसनदुस्समाकाले होज्जा, दुस्समसुसमाकाले होज्जा, दुस्समाकाले होज्जा, दुस्समदुस्समाकाले होज्जा ? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च नो सुसमसुसमाकाले होज्जा, नो सुसमाकाले होज्जा, सुसमदुस्समाकाले वा होज्जा, दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, नो दुस्समाकाले होज्जा, नो दुस्समदुस्समाकाले होज्जा। संतिभावं पडुच्च नो सुसमसुसमाकाले होज्जा, नो सुसमाकाले होज्जा, सुसमदुस्समाकाले वा होज्जा, दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, दुस्समाकाले वा होज्जा, नो दूसमदूसमाकाले होज्जा। (३) जदि उस्सप्पिणिकाले होज्जा किं दुस्समदुस्समाकाले होज्जा, दुस्समाकाले होज्जा, दुस्समसुसमाकाले होज्जा, सुसमदुस्समाकाले होज्जा, सुसमाकाले होज्जा, सुसमसुसमाकाले होज्जा ? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च णो दुस्समदुस्समाकाले होज्जा, दुस्समाकाले वा होज्जा, दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, सुसमदुस्समाकाले वा होज्जा,नो सुसमाकाले होज्जा,नो सुसमसुसमाकाले होज्जा । संतिभावं पडुच्च नो दुस्समदुस्समाकाले होज्जा, नो दुस्समाकाले होज्जा, दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, सुसमदुस्समाकाले वाम reOFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFF5 श्री आगमगुणमंजूषा-५४४5FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFCOM OTO听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐SO感 Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई रातं २५ उ.६ [३३०] फफफफफफफफफफफ समाज्जा, नो सुसमसुसमाकाले होज्जा । (४) जति नो ओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले होज्जा किं सुसमसुसमापलिभागे होज्जा, सुसमापलिभागे होना, सुसमदुस्समापलिभागे होज्जा, दुस्समसुसमापलिभागे होज्ना ? गोयमा ! जम्मण-संतिभावं पडुच्च नो सुसमसुसमापलिभागे होज्जा, नो सुसमापलिभागे होना, नो सुसमदुस्समापलिभागे होज्जा, दुस्समसुसमापलिभागे होज्जा । ६९. (१) बउसे णं० पुच्छा । गोयमा ! ओसप्पिणिकाले वा होज्जा, उसप्पिणिकाले वा होज्जा, नोओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले वा होज्जा। (२) जति ओसप्पिणिकाले होज्जा, किं सुसमसुसमाकाले होज्जा० पुच्छा। गोयमा ! जम्मण-संतिभावं पडुच्च नो सुसम सुसमाकाले होज्जा, नो सुसमाकाले होज्जा, सुसमदुस्समाकाले वा होज्जा, दुस्समसुसमाकाले वा होज्जा, दुस्समाकाले वा होज्जा, नो दुस्समदुस्समाकाले होज्जा। साहरणं पडुच्च अन्नयरे समाकाले होज्जा । (३) जति उस्सप्पिणिकाले होज्जा किं दुस्समदुस्समाकाले होज्जा० पुच्छा। गोयमा ! जम्मणं पडुच्च नो दुस्समदुस्समाका होना जहेव पुलाए । संतिभावं पडुच्च नो दुस्समदुस्समाकाले होज्जा०; एवं संतिभावेण वि जहा पुलाए जाव नो सुसमसुसमाकाले होज्जा । साहारणं पडुच्च अन्नयरे समाकाले होज्जा । (४) जदि नोओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले होज्जा० पुच्छा । गोयमा ! जम्मण-संतिमावं पडुच्च नो सुसमसुसमापलिभागे होज्जा, जव पुलाए जाव दुस्समसुसमापलिभागे होज्जा। साहारणं पडुच्च अन्नयरे पलिभागे होज्जा जहा बउसे । ७०. एवं पडिसेवणाकुसीले वि । ७१. एवं कसायकुसीले वि । ७२. नियंठो सिणातो य जहा पुलाए, नवरं एएसि अब्भहियं साहरणं भाणियव्वं । सेसं तं चेव । दारं १२ । [ सु. ७३-८८. तेरसमं गतिदारंपंचविहानियंठेसु गतिपरूणाइ ] ७३. (१) पुलाए णं भंते! कालगए समाणे कं गतिं गच्छति ? गोयमा ! देवगतिं गच्छति । (२) देवगतिं गच्छमाणे किं भवणवासीसु उववज्जेज्जा, वाणमंतरेसु उववज्जेज्जा, जोतिस-वेमाणिएस उववज्जेज्जा ? गोयमा ! नो भवणवासीसु, नो वाणमंतरेसु, नो जोतिसेसु, वेमाणिएसु उववज्जेज्जा । माणिएस उववज्जमाणे जहन्नेणं सोहम्मे कप्पे, उक्कोसेणं सहस्सारे कप्पे उववज्जेज्जा । ७४. बउसे णं० ? एवं चेव, नवरं उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे । ७५. पडिसेवणाकुसीले जहा बउसे । ७६. कसायकुसीले जहा पुलाए, नवरं उक्कोसेणं अणुत्तरविमाणेसु । ७७. णियंठे णं भंते !०? एवं चेव जाव वेमाणिएसु उववज्जमाणे अजहन्नमणुक्कोसेणं अणुत्तरविमासु उववज्जेज्जा । ७८. सिणाए णं भंते! कालगते समाणे कं गतिं गच्छति ? गोयमा ! सिद्धिगतिं गच्छइ । ७९. पुलाए णं भंते! देवेसु उववज्जमाणे किं इंदत्ताए उववज्जेज्जा, सामाणियत्ताए उववज्जेज्जा, तावत्तीसगत्ताए उववज्जेज्जा, लोगपालत्ताए उववज्जेज्जा, अहमिंदत्ताए उववज्जेज्जा ? गोयमा ! अविराहणं पडुच्च इंदत्ताए उववज्जेज्जा, सामाणियत्ताए उववज्जेज्जा, तावत्तीसगत्ताए उववज्जेज्जा, लोगपालगत्ताए उववज्जेज्जा, नो अहमिंदत्ताए उववज्जेज्जा । विराहणं पडुच्च अन्नयरेसु उववज्जेज्जा । ८०. एवं बउसे वि । ८१. एवं पडिसेवणाकुसीले वि। ८२. कसायकुसीले० पुच्छा । गोयमा ! अविराहणं पडुच्च इंदत्ताए वा उववज्जेज्जा जाव अहमंदत्ताए वा उववज्जेज्जा । विराहणं पडुच्च अन्नयरेसु उववज्जेज्जा । ८३. नियंठे० पुच्छा। गोयमा ! अविराहणं पडुच्च नो इंदत्ताए उववज्जेज्जा जाव नो लोगपालत्ताए उववज्जेज्ना, अहमिंदत्ताए उववज्जेज्जा । विराहणं पडुच्च अन्नयरेसु उववज्जेज्जा । ८४. पुलायस्स णं भंते! देवलोगेसु उववज्नमाणस्स केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता ? गोमा ! जहन्ने पलियोवमपुहत्तं, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमाई । ८५. बउसस्स० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं पलियोवमपुहत्तं, उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाई । ८६. एवं पडिसेवणाकुसीलस्स वि । ८७. कसायकुसीलस्स० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं पलियोवमपुहत्तं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई। ८८. णियंठस्स० पुच्छा । गोमा ! अजहन्नमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई । दारं १३ । [सु. ८९-९३. चोद्दसमं संजमदारं- पंचविहनियंठेसु अप्पाबहुयसहियं संजमट्ठाणपरूवणं ] ८९. पुलागस्स णं भंते ! केवतिया संजमठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा संजमठाणा पन्नत्ता । ९०. एवं जाव कसायकुसीलस्स । ९१. नियंठेस्स णं भंते! केवतिया संजमठाणापन्नत्ता ? गोयमा ! एगे अजहन्नमणुक्कोसए संजमठाणे पन्नते । ९२. एवं सिणायस्स वि । ९३. एएसि णं भंते! पुलाग बउस पडिसेवणा- कसायकुसीलनियंठ - सिणायाणं संजमठाणाणं कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे नियंठस्स सिणायस्स य एगे अजहन्नमणुक्कोसए संजमठाणे । पुलागस्स संजमठाणा असंखेज्जगुणा । बउसस्स संजमठाणा असंखेज्जगुणा। पडिसेवणाकुसीलस्स संजमठाणा असंखेज्जगुणा । कसायकुसीलस्स संजमठाणा YO श्री आगमगुणमंजूषा ५४५ Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सतं २५ उ-६ [३३१] असंखेज्जगुणा । दारं १४ । [सु. ९४-११६. पणरसमं निकासदारं-पंचविहनियंठेसु चरित्तपज्जव - परूवणाइ सु. ९४-९५. पंचविहनियंठेसु अणंतचरित्तपज्जवपरूवणं] ९४. पुलागस्स णं भंते! केवतिया चरित्तपज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता चरित्तपज्जवा पन्नत्ता । ९५. एवं जाव सिणायस्स । [ सु. ९६ ११५. पंचविहनियंठेसु सट्टाण-परट्ठाणचरित्तपज्जवेहिं हीण- तुल्ल - अब्भहियपरूवणं ] ९६. पुलाए णं भंते ! पुलागस्स सट्टाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं किं हीणे, तुल्ले, अब्भहिए ? गोमा ! सिय हीणे, सिय तुल्ले, सिय अब्भहिए। जदि हीणे अनंतभागहीणे वा असंखेज्जतिभागहीणे वा संखेज्जइभागहीणे वा, संखेज्जगुणहीणे वा असंखेज्जगुणहीणे वा, अनंतगुणहीणे वा । अह अब्भहिए अनंतभागमब्भहिए वा, असंखेज्जतिभागमब्भहिए वा संखेज्जतिभागमब्भहिए वा, संखेज्जगुणमब्भहिए वा, असंखेज्जतिगुणमब्भहिए वा अनंतगुणमब्भहिए वा । ९७. पुलाए णं भंते! बउसस्स परद्वाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं किं हीणे, तुल्ले, अब्भहिए ? गोयमा ! हीणे, नो तुल्ले, नो अब्भहिए; अनंतगुणहीणे । ९८. एवं पडिसेवणाकुसीलस्स वि । ९९. कसायकुसीलेण समं छट्ठाणपडिए जहेव सट्ठाणे । १००. नियंठस्स जहा उसस्स । १०१. एवं सिणायस्स वि । १०२. बउसे णं भंते! पुलागस्स परट्ठाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं किं हीणे, तुल्ले, अब्भहिए ? गोयमा ! नो हीणे, नो तुल्ले, अब्भहिए; अणंतगुणमब्भहिए । १०३. बउसे णं भंते! बउसस्स सट्टाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं० पुच्छा । गोयमा ! सिय हीणे, सिय तुल्ले, सिय अब्भहिए । जदि ही छट्ठाणवडिए । १०४. बउसे णं भंते ! पडिसेवणाकुसीलस्स परट्ठाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं किं हीणे० १ छट्ठाणवडिए । १०५. एवं कसायकुसीलस्स वि । १०६. बउसे णं भंते! नियंठस्स परट्ठाणसन्निकासेणं चरित्तपज्जवेहिं० पुच्छा । गोयमा ! हीणे, नो तुल्ले, नो अब्भहिए, अणंतगुणहीणे । १०७. एवं सिणायस्स वि । १०८. पडिसेवणाकुसीलस्स एवं चेव बउसवत्तव्वया भाणियव्वा । १०९. कसायकुसीलस्स एस चेव बउसवत्तव्वया, नवरं पुलाएण वि समं छट्ठाणपडिते । ११०. णियंठे णं भंते! पुलागस्स परट्ठाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं० पुच्छा । गोयमा ! नो हीणे, नो तुल्ले, अब्भहिए; अणंतगुणमब्भहिए । १११. एवं जाव कसायकुसीलस्स । ११२. नियंठे णं भंते! नियंठस्स सट्टाणसन्निगासेणं० पुच्छा । गोयमा ! नो हीणे, तुल्ले, नो अब्भहिए । ११३. एवं सिणायस्स वि । ११४. सिणाए णं भंते ! पुलागस्स परद्वाणसन्नि ? एवं जहा नियंठस्स वत्तव्वया तहा सिणायस्स वि भाणियव्वा जाव- ११५. सिणाए णं भंते ! सिणायस्स सट्ठाणसन्निगासेणं० पुच्छा। गोयमा ! नो हीणे, तुल्ले, नो अब्भहिए |[ सु. ११६ जहन्नुक्कोसाणं पंचविहनियंठचरित्तपज्जवाणं अप्पाबहुयं ] ११६. एएसि णं भंते ! पुलाग-बकुस पडिसेवणाकुसील- कसायकुसील - नियंठ- सिणायाणं जहन्नुक्कोसगाणं चरित्तपज्जवाणं कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! पुलागस्स कसायकुसीलस्स य एएसि णं जहन्नगा चरित्तपज्जवा दोण्ह वि तुल्ला सव्वत्थोवा। पुलागस्स उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा। बउसस्स पडिसेवणाकुसीलस्स य एएसिं णं जहन्नगा चरित्तपज्जवा दोण्ह वि तुल्ला अनंतगुणा । बउसस्स उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा । पडिसेवणाकुसीलस्स उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अनंतगुणा । कसायकुसीलस्स उक्कोसगा चरितपज्जवा अणंतगुणा । नियंठस्स सिणायस्स य एएसि णं अजहन्नमणुक्कोसगा चरित्तपज्जवा दोण्ह वि तुल्ला अनंतगुणा । दारं १५ । [ सु. ११७-२१. सोलसमं जोगदारं- पंचविहनियंठेसु जोगपरूवणं ]११७. पुलाए णं भंते! किं सजोगी होज्जा, अजोगी होज्जा ? गोयमा ! सजोगी होज्जा, नो अजोगी होज्जा । ११८. जति सजोगी होज्जा किं मणजोगी होज्जा, वइजोगी होज्जा, कायजोगी होज्जा ? गोयमा ! मणजोगी वा होज्जा, वइजोगी वा होज्जा, हो । ११९. एवं जाव नियंठे । १२०. सिणाए णं० पुच्छा । गोयमा ! सजोगी वा होज्जा, अजोगी वा होज्जा । १२१. जदि सजोगी होज्जा किं मणजोगी TO ? सेसं जहा पुलागस्स । दारं १६ [ सु. १२२-२३. सत्तरसमं उवओगदारं-पंचविहनियंठेसु उवओगपरूवणं ] १२२. पुलाए णं भंते! किं सागारोवउत्ते होज्जा, अणागारोवउत्ते होज्जा ? गोयमा ! सागारोवउत्ते वा होज्जा, अणागारोवउत्ते वा होज्जा । १२३. एवं जाव सिणाए । दारं १७ । [ सु. १२४-३२. अट्ठारसमं कसायदारं-पंचविहनियंठेसु कसायपरूवणं ] १२४. पुलाए णं भंते! किं सकसायी होज्जा, अकसायी होज्जा ? गोयमा ! सकसायी होज्जा, नो अकसायी होज्जा । १२५. जइ सकसायी से णं भंते! कतिसु कसाएस होज्जा ? गोयमा ! चउसु, कोह- माण- माया-लोभेसु होज्जा । १२६. एवं बउसे वि । १२७. एवं पडि सेवणाकुसीले MOTOR श्री आगमगुणमजूषा - ५४६ प्र 原与河 Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ roo555555555555555 (५) भगवई सतं २५ उ-६ (३३२ 15555555555%%%%%90.00 ECF听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明 वि।१२८. कसायकुसीले णं० पुच्छा। गोयमा ! सकसायी होज्जा, नो अकसायी होज्जा। १२९. जति सकसायी होज्जा सेणं भंते ! कतिसु कसाएसुहोज्जा ? गोयमा ! चउसु वा, तिसु वा, दोसु वा, एगम्मि वा होज्जा। चउसु होमाणे चउसु संजलणकोह-माण-माया-लोभेसु होज्जा, तिसु होमाणे तिसु संजलणमाण-माया-लोभेसु होज्जा, दोसु होमाणे संजलणमाया-लोभेसु होज्जा, एगम्मि होमाणे एगम्मि संजलणे लोभे होज्जा । १३०. नियंठे णं० पुच्छा । गोयमा ! नो सकसायी होज्जा, अकसायी होज्जा । १३१. जदि अकसायी होज्जा किं उवसंतकसायी होज्जा, खीणकसायी होज्जा ? गोयमा ! उवसंतकसायी वा होज्जा, खीणकसायी वा होज्जा। १३२. सिणाए एवं चेव, नवरं नो उवसंतकसायी होज्जा, खीणकसायी होज्जा। दारं १८ । [सु. १३३-४२. एगूणवीसइम लेसादारं-पंचविहनियंठेसुलेसापरूवणं] १३३. पुलाए णं भंते ! किं सलेस्से होज्जा, अलेस्से होज्जा ? गोयमा ! सलेस्से होज्जा, नो अलेस्से होज्जा। १३४. जदि सलेस्से होज्जा सेणं भंते ! कतिसुलेसासु होज्जा ? गोयमा ! तिसु विसुद्धलेसासु होज्जा, तं जहा-तेउलेसाए, पम्हलेसाए, सुक्कलेसाए। १३५. एवं बउसस्स वि। १३६. एवं पडिसेवणाकुसीले वि। १३७. कसायकुसीले० पुच्छा। गोयमा ! सलेस्से होज्जा, नो अलेस्से होज्जा। १३८. जति सलेस्से होज्जा से णं भंते ! कतिसुलेसासु होज्जा ? गोयमा ! छसुलेसासुहोज्जा, तं जहा-कण्हलेसाए जाव सुक्कलेसाए। १३९. नियंठे णं भंते !० पुच्छा। गोयमा! सलेस्से होज्जा, नो अलेस्से होज्जा। १४०. जदि सलेस्से होज्जा से णं भंते ! कतिसु लेसासु होज्जा ? गोयमा ! एक्काए सुक्कलेसाए होज्जा । १४१. सिणाए० पुच्छा । गोयमा ! सलेस्से वा होज्जा, अलेस्से वा होज्जा। १४२. जति सलेस्से होज्जा सेणं भंते ! कतिसु लेसासु होज्जा ? गोयमा ! एगाए परमसुक्काए लेसाए होज्जा। दारं १९ । [सु. १४३.५०. वीसइमं परिणामदारं-पंचविहनियंठेसु वड्ढमाणाइपरिणामपरूवणं]१४३. पुलाए णं भंते ! किं वड्डमाणपरिमाणे होज्जा, हायमाणपरिमाणे होज्जा, अवट्ठियपरिमाणे होज्जा ? गोयमा ! वड्डमाणपरिमाणे वा होज्जा, हायमाणपारिणामे वा होज्जा, अवट्ठियपरिमाणे वा होज्जा । १४४. एवं जाव कसायकुसीले। १४५. नियंठे० पुच्छा। गोयमा ! वड्डमाणपरिमाणे होज्जा, नो हायमाणपरिणामे होज्जा, अवट्ठियपरिणामे वा होज्जा। १४६. एवं सिणाए वि। १४७. (१) पुलाए णं भंते ! केवतियं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । (२) केवतियं कालं हायमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुतं । (३) केवइयं कालं हायमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं उक्कोसेणं सत्त समया। १४८. एवं जाव कसायकुसीले । १४९. (१) नियंठे णं भंते ! केवतियं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वि अंतोमुहुत्तं । (२) केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । १५०. (१) सिणाए णं भंते ! केवतियं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वि अंतोमुहुत्तं । २ केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोड़ी। दारं २० ।। सु. १५१-५६. इगवीसइमं बंधदारं-पंचविहनियंठेसु कम्मपगडिबंधपरूवणं ]१५१. पुलाए णं भंते ! कति कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधति । १५२. बउसे० पुच्छा। गोयमा सत्तविहबंधए वा, अट्ठविहबंधए वा। सत्त बंधमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधति, अट्ठ बंधमाणे पडिपुण्णाओअट्ठ कम्मप्पगडीओ बंधति। १५३. एवं पडिसेवणाकुसीले वि। १५४. कसायकुसीले० पुच्छा । गोयमा ! सत्तविहबंधए वा, अट्ठविहबंधए वा, छव्विहबंधए वा । सत्त बंधमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधति, अट्ठ बंधमाणे पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ बंधति, छ बंधमाणे आउय-मोहणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ बंधति । १५५. नियंठे० पुच्छा । गोयमा ! एगं वेदणिज्ज कम्मं बंधति । १५६. सिणाए० पुच्छा । गोयमा ! एगविहबंधए वा, अबंधए वा । एगं बंधमाणे एगं वेदणिज्ज कम्मं बंधति । दारं २१ [सु.१५७-६०.बावीसइमं वेददारं-पंचविहनियंठेसुकम्मपगडिवेदपरूवणं ]१५७. पुलाएणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा ! नियमं अट्ठ कम्मप्पगडीओ वेदेति । १५८. एवं जाव कसायकुसीले। १५९. नियंठे० पुच्छा। गोयमा! मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ वेदेति। १६०. सिणाएणं भंते!० पुच्छा । गोयमा ! 2 वेदणिज्जाऽऽउय-नाम-गोयाओ चत्तारि कम्मप्पगडीओ वेदेति । दारं २२ । सु.१६१-६६. तेवीसइमं कम्मोदीरणदारं-पंचविहनियंठेसु कम्मपगडिउदीanwarxx4555555555 श्री आगमगणमंजधा-५४७५49454545 45454545OK $$$$$$$$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听%听听听听听听听听听FCC 45 Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GO55555555 (५) भगवई सतं २५ उ-६ [३३३] 55555550g UC%乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明明明明明 听听听听听乐乐乐乐玩玩乐乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明 रणपरूवणं]१६१. पुलाए णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ उदीरेइ ? गोयमा ! आउय-वेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ ।१६२. बउसे ० पुच्छा । गोयमा ! सत्तविधउदीरए वा, अट्ठविहउदीरए वा, छव्विहउदीरए वा । सत्त उदीरेमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, अट्ठ उदीरेमाणे पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, छ उदीरेमाणे आउय-वेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मपगडीओ उदीरेति । १६३. पडिसेवणाकुसीले एवं चेव । १६४. कसायकुसीले० पुच्छा। गोयमा ! सत्तविहउदीरए वा, अट्ठविहउदीरए वा छव्विहउदीरए वा, पंचविहउदीरए वा । सत्त उदीरेमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, अट्ठ उदीरेमाणे पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, छ उदीरेमाणे आउय-वेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, पंच उदीरेमाणे आउय-वेयणिज्ज-मोहणिज्जवज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेइ । १६५. नियंठे० पुच्छा । गोयमा ! पंचविहउदीरए वा, दुविहउदीरए वा । पंच उदीरेमाणे आउय-वेयणिज्ज-मोहणिज्जवज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, दो उदीरेमाणे नामं च गोयं च उदीरेइ । १६६. सिणाए० पुच्छा । गोयमा ! दुविहउदीरए वा, अणुदीरए वा । दो उदीरेमाणे नामं च गोयं च उदीरेइ। दारं २३ । [सु. १६७-७२. चउवीसइमं उवसंपजहणदारं-पंचविहनियंठेसु सट्ठाणचागाणंतरं परट्ठाणसंपत्तिपरूवणं ] १६७. पुलाए णं भंते ! पुलायत्तं जहमाणे किं जहति?, किं उवसंपज्जइ ? गोयमा ! पुलायत्तं जहति; कसायकुसीलं वा असंजमं वा उवसंपज्जइ। १६८. बउसे णं भंते ! बउसत्तं जहमाणे किं जहति?, किं उवसंपज्जइ ? गोयमा ! बउसत्तं जहति; पडिसेवणाकुसीलं वा, कसायकुसीलं वा, असंजमं वा, संजमासंजमं वा उवसंपज्जइ । १६९. पडिसेवणाकुसीले णं भंते ! पडिसेवणाकुसीलत्तं जहमाणे० पुच्छा । गोयमा ! पडिसेवणाकुसीलत्तं जहति; बउसं वा, कसायकुसीलं वा, असंजमं वा, संजमासंजमं वा उवसंपज्जइ । १७०. कसायकुसीले० पुच्छा । गोयमा ! कसायकुसीलत्तं जहइ, पुलायं वा, बउसं वा, पडिसेवणाकुसीलं वा, नियंठ वा, अस्संजमं वा, संजमासंजमं वा उवसंपज्जइ । १७१. णियंठे० पुच्छा । गोयमा ! नियंठत्तं जहति; कसायकुसीलं वा, सिणायं वा, अस्संजमं वा, उवसंपज्जइ। १७२. सिणाए० पुच्छा । गोयमा ! सिणायत्तं जहति; सिद्धिगति उवसंपज्जइ। दारं २४ । [सु. १७३-७७. पंचवीसइमं सन्नादारं-पंचविहनियंठेसु सन्नापरूवणं ] १७३. पुलाए णं भंते ! किं सण्णोवउत्ते होज्जा, नोसण्णोवउत्ते होज्जा ? गोयमा ! णोसण्णोवउत्ते होज्जा। १७४. बउसे णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! सन्नोवउत्ते वा होज्जा, नोसण्णोवउत्ते वा होज्जा । १७५. एवं पडिससेवणाकुसीले वि। १७६. एवं कसायकुसीले वि । १७७. नियंठे सिणाए य जहा पुलाए। दारं २५ । [सु. १७८-८०. छव्वीसइमं आहारदारं-पंचविहनियंठेसुई आहारगत्त-आणाहारगत्तपरूवणं ]१७८. पुलाए णं भंते ! किं आहारए होज्जा, अणाहारए होज्जा ? गोयमा ! आहारए होज्जा, नो अणाहारए होज्जा । १७९. एवं जाव नियंठे। १८०. सिणाए० पुच्छा | गोयमा ! आहारए वा होज्जा, अणाहारए वा होज्जा। दारं २६ । [सु. १८१-८६. सत्तावीसइमं भवदारं-पंचविहनियंठेसुई भवग्गहणपरूवणं ] १८१. पुलाए णं भंते ! कति भवग्गहणाइं होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्वं, उक्कोसेणं तिन्नि । १८२. बउसे० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एक्वं, उक्कोसेणं अट्ठ। १८३. एवं पडिसेवणाकुसीले वि । १८४. एवं कसायकुसीले वि । १८५. नियंठे जहा पुलाए । १८६. सिणाए० पुच्छा । गोयमा ! एक्कं । दारं २७ । [सु. १८७-९६. अट्ठावीसइमं आगरिसदारं-पंचविहनियंठेसु एगभवग्गहणिय-नाणभवग्गहणियआगरिसपरूवणं ] १८७. पुलागस्स णं भंते ! एगभवग्गहणिया केवतिया आगरिसा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को, उक्कोसेणं तिण्णि । १८८. बउसस्स णं० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एक्को, उक्कोसेणं सयग्गसो। १८९. एवं पडिसेवणाकुसीले वि, कसायकुसीले वि। १९०.णियंठस्सणं० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एक्को, उक्कोसेणं दोन्नि। १९१. सिणायस्सणं० पुच्छा।गोयमा ! एक्को। १९२. पुलागस्स णं भंते ! नाणाभवग्गहणिया केवतिया आगरिसा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दोण्णि, उक्कोसेणं सत्त। १९३. बउसस्स० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं दोन्नि, उक्कोसेणं सहस्ससो। १९४. एवं जाव कसायकुसीलस्स । १९५. नियंठस्स णं० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दोन्नि, उक्कोसेणं पंच । १९६. सिणायस्स० पुच्छा। गोयमा ! नत्थि एक्को वि। दारं २८ । [सु. १९७-२०६. एगूणतीसइमं कालदारं-पंचविहनियंठेसु एगत्त-पुहत्तेणं ठिइकालपरूवणं ] १९७. पुलाए णं भंते ! कालतो केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वि अंतोमुहुत्तं । १९८. बउसे० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी। १९९. एवं OrcFFFFFFFFFF555555555555 श्री आगमगुणमजूषा - ५४८5555555555555555555555555 FOTO Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई शतं २५ उ-६ [३३४] पडिसेवणाकुसीले वि, कसायकुसीले वि । २००. नियंठे० पुच्छा । गोयमा ! जहनेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । २०१. सिणाए० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी । २०२. पुलाया णं भंते ! कालओ केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्त्रेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । २०३. बउसा णं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! सव्वद्धं । २०४. एवं जाव कसायकुसीला । २०५. नियंठा जहा पुलागा । २०६. सिणाया जहा बउसा । दारं २९ । [ सु. २०७-१४. तीसइमं अंतरदारं-पंचविहनियंठेसु, एगत्त-पुहत्तेणं कालंतरपरूवणं ] २०७. पुलागस्स णं भंते! केवतियं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहनेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं - अणंताओ ओसप्पिणि उस्सप्पिणिओ कालओ, खेत्तओ अवनुं पोग्गलपरियद्वं देसूणं । २०८. एवं जाव नियंठस्स । २०९. सिणायस्स० पुच्छा । गोयमा ! नत्थंतरं । २१०. पुलागाणं भंते! केवतियं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहन्त्रेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जाई वासाई । २११. बउसाणं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! नत्थंतरं । २१२. एवं जाव कसायकुसीलाणं । २१३. नियंठाणं० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा । २१४. सिणायाणं जहा बउसाणं। दारं ३० । [सु. २१५-२०. इगतीसइमं समुग्घायदारं- पंचविहनियंठेसु समुग्धायपरूवणं ] २१५. पुलागस्स णं भंते! कति समुग्धाया पन्नत्ता ? गोयमा ! तिन्नि समुग्धाया पन्नत्ता, तं जहा वेयणासमुग्धाए कसायसमुग्धाए मारणंतियसमुग्धाए। २१६. बउसस्स णं भंते !० पुच्छा। गोयमा ! पंच समुग्धाता पन्नत्ता, तं जहा - वेयणासमुग्धाए जाव तेयासमुग्धाए । २१७. एवं पडिसेवणाकुसीले वि। २१८. कसायकुसीलस्स० पुच्छा। गोयमा ! छ समुग्धाता पन्नत्ता, तं जहावेयणासमुग्धाए जाव आहारसमुग्धाए ! २१९. नियंठस्स णं० पुच्छा । गोयमा ! नत्थि एक्को वि । २२०. सिणायस्स० पुच्छा। गोयमा ! एगे केवलिसमुग्घाते पन्नत्ते । दारं ३१ ।[सु. २२१-२३. बत्तीसइमं खेत्तदारं-पंचविहनियंठेसु ओगाहणाखेत्तपरूवणं ] २२१. पुलाए णं भंते ! लोगस्स किं संखेज्जतिभागे होज्जा, असंखेज्जतिभागे होज्जा, संखेज्जेसु भागेसु होज्जा, असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा, सव्वलोए होज्जा ? गोयमा ! नो संखेज्जतिभागे होज्जा, असंखेज्जइभागे होज्जा, नो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा, नो असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा, नो सव्वलोए होज्जा । २२२. एवं जाव नियंठे । २२३. सिणाए णं भंते !० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जतिभागे होज्जा, असंखेज्जतिभागे होज्जा, नो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा, असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा, सव्वलोए वा होज्जा । दारं ३२ । [ सु. २२४. तेत्तीसइमं फुसणादारं-पंचविहनियंठेसु खेत्तफुसणापरूवणं ] २२४. पुलाए णं भंते ! लोगस्स किं संखेज्जतिमागं फुसति, असंखेज्जतिमागं फुसइ० ? एवं जहा ओगाहणा भणिया तहा फुसणा वि भाणियव्वा जाव सिणाये । दारं ३३ [सु. २२५-२८. चोतीसइमं भावदारं-पंचविहनियंठेसु ओवसमियाइभावपरूवणं ] २२५. पुलाए णं भंते! कयरम्मि भावे हो ? गोयमा ! यो समिए भावे होज्जा । २२६. एवं जाव कसायकुसीले । २२७. नियंठे० पुच्छा । गोयमा ! ओवसमिए वा खइए वा भावे होज्जा । २२८. सिणाये० पुच्छा । गोयमा ! खइए भावे होज्जा । दारं ३४ । [ सु. २२९-३४. पंचतीसइमं परिमाणदारं-पंचविहनियंठेसु एगसमय परिमाणपरूवणं ] २२९. पुलाया णं भंते ! एसमएणं केवतिया होज्जा ? गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जति अत्थि जहनेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं सयपुहत्तं । पुव्वपडिवन्नए पडुच्च सिय अत्थि, सिय णत्थि । जति अत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं सहस्सपुहत्तं । २३०. बउसा णं भंते ! एगसमएणं० पुच्छा । गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जदि अत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं सयपुहत्तं । पुव्वपडिवन्नए पडुच्च जहन्ने कोडिसयपुहत्तं, उक्कोसेणं वि कोडिसयपुहत्तं । २३१. एवं पडिसेवणाकुसीला वि । २३२. कसायकुसीला गं० पुच्छा। गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जदि अत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं सहस्सपुहत्तं । पुव्वपडिवन्नए पडुच्च जहन्नेणं कोडिसहस्सपुहत्तं, उक्कोसेणं वि कोडिसहस्सपुहत्तं । २३३. नियंठा णं० पुच्छा। गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जदि अत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं बावट्टं सयं अट्ठसतं खवगाणं, चउप्पण्णं उवसामगाणं । पुव्वपडिवन्नए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जति अत्थि जहन्त्रेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं सयपुहत्तं । २३४. सिणाया णं० पुच्छा । गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जदि अत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं अट्ठसयं । पुल्वपडिवन्नए पडुच्च 7 ॐ श्री आगमगुणमंजूषा- ५४९ ॐ ॐ ॐ ॐ फ्र Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Fro.95555555555555555 (५) भगवई सत २५ उ-६-७ ३३५] 55555555555555OXOS C%明明明明明明明明明明明乐乐乐听听乐频乐明明明明明明明明乐乐乐乐乐明明明明乐明明乐乐乐乐乐乐乐乐FGO जहन्नेणं कोडिपुहत्तं, उक्कोसेणं वि कोडिपुहत्तं । दारं ३५ । [सु. २३५. छत्तीसइमं अप्पाबहुयदारं-पंचविहनियंठेसु अप्पाबहुयपरूवणं ] २३५. एएसि णं भंते ! पुलाग-बउस-पडिसेवणाकुसील-नियंठ-सिणायाणं कयरे कयरेहितोजाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा नियंठा, पुलागा संखेजगुणा, बउसा संखेज्जगुणा, पडिसेवणाकुसीला संखेज्जगुणा, कसायकुसीला संखेज्जगुणा। दारं ३६ । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ। ***॥२५ सते ६ उद्दे०॥ सत्तमो उद्देसओ 'समणा' [सु. १-११. पढमं पण्णवणदारं-संजयभेयपरूवणं सु.१-६. पंचभेया संजयातब्भेया य] १. कति णं भंते ! संजया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच संजया पन्नत्ता तं जहा-सामाइयसंजए छेदोवट्ठावणियसंजए परिहारविसुद्धियसंजए सुहुमसंपरायसंजए अहक्खायसंजए। २. सामाइयसंजए णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-इत्तिरिए य, आवकहिए य । ३. छेदोवट्ठावणियसंजए णं० पुच्छा । गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-सातियारे य, निरतियारे य । ४. परिहारविसुद्धियसंजए० पुच्छा । गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-णिव्विसमाणए य, निविट्ठकाइए य। ५. सुहुमसंपराग० पुच्छा। गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-संकिलिस्समाणए य, विसुज्झमाणए य । ६. अहक्खायसंजए० पुच्छा । गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-छउमत्थे य, केवली य । [सु. ७-११. पंचविहसंजयसरूवपरूवणं] ७. सामाइयम्मि उ कए चाउज्जामं अणुत्तरं धम्मं । तिविहेण फासयंतो सामाइयसंजयो स खलु ।। १ ।। ८. छेत्तूण य परियागं पोराणं जो ठवेइ अप्पाणं । धम्मम्मि पंचजामे छेदोवठ्ठावणो स खलु ॥ २॥९. परिहरति जो विसुद्धं तु पंचजामं अणुत्तरं धम्मं । तिविहेण फासयंतो परिहारियसंजयो स खलु |॥३॥ १०. लोभाणुं वेदेंतो जो खलु उवसामओ व खवओ वा । सो सुहुमसंपराओ अहखाया ऊणओ किंचि ॥ ४ ॥११. उवसंते खीणम्मि व जो खलु कम्मम्मि मोहणिज्जम्मि । छउमत्थो व जिणो वा अहखाओ संजओ स खलु ।। ५ ।। दारं १ । सु. १२-१५. बिइयं वेददारं-पंचविहसंजएसु इत्थिवेदाइवेदपरूवणं ] १२. म सामाइयसंजयेणं भंते ! किं सवेयए होज्जा, अवेयए होज्जा ? गोयमा ! सवेयए वा होज्जा, अवेयए वा होज्जा। जति सवेयए एवं जहा कसायकुसीले (उ०६ सु०१४) भ तहेव निरवसेसं । १३. एवं छेदोवट्ठावणियसंजए वि।१४. परिहारविसुद्धियसंजओ जहा पुलाओ (उ०६ सु०११) । १५. सुहुमसंपरायसंजओ अहक्खायसंजओ म य जहा नियंठो (उ०६ सु०१५)। दारं २ [ सु. १६-१८. तइयं रागदारं-पंचविहसंजएसुसरागत्त-वीवरागत्तपरूवणं ] १६. सामाइयसंजए णं भंते ! किं सरागे होज्जा, वीयरागे होज्जा ? गोयमा ! सरागे होज्जा, नो वीयरागे होज्जा । १७. एवं जाव सुहमसंपरायसंजए। १८. अहक्खायसंजए जहा नियंठे (उ० ६ सु०१९)। दारं ३। [सु. १९-२५. चउत्थं कप्पदारं-पंचविहसंजएसु ठिइकप्पाइ-जिणकप्पाइपरूवणं ]१९. सामाइयसंजए णं भंते ! किं ठियकप्पे होज्जा, अठियकप्पे होज्जा ? गोयमा ! ठियकप्पे वा होज्जा, अठियकप्पे वा होज्जा । २०. छेदोवट्ठावणियसंजए० पुच्छा | गोयमा ! ठियकप्पे होज्जा, नो अठियकप्पे होज्जा । २१. एवं परिहारविसुद्धियसंजए वि । २२.सेसा जहा सामाइयसंजए। २३. सामाइयसंजए णं भंते ! किं जिणकप्पे होज्जा, थेरकप्पे होज्जा, कप्पातीते होज्जा ? गोयमा ! जिणकप्पे वा होज्जा जहा कसायकुसीले (उ०६ सु०२६) तहेव निरवसेसं। २४. छेदोवठ्ठावणिओ परिहारविसुद्धिओ य जहा बउसो (उ०६ सु०२४)।२५.सेसा जहा नियंठे (उ० ६ सु० २७) । दारं ४ । [सु. २६-३०. पंचमं चरित्तदारं-पंचविहसंजएसु पुलायाइपरूवणं] २६. सामाझ्यसंजए णं भंते ! किं पुलाए होज्जा, बउसे जाव सिणाए होज्जा ? गोयमा ! पुलाए वा होज्जा, बउसे जाव कसायकुसीले वा होज्जा, नो नियंठे होज्जा, नो सिणाए होज्जा। २७. एवं छेदोवठ्ठावणिए वि । २८. परिहारविसुद्धियसंजते णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! नो पुलाए, नो बउसे, नो पडिसेवणाकुसीले होज्जा, कसायकुसीले होज्जा, नो नियंठे होजा, नो सिणाए होज्जा। २९. एवं सुहुमसंपराए वि। ३०. अहक्खायसंजए० पुच्छा। गोयमा ! नो पुलाए होज्जा, जाव नो कसायकुसीले होज्जा, नियंठे वा होज्जा, सिणाए वा होज्जा। दारं ५ । [सु. ३१-३४. छटुं पडिसेवणादारं-पंचविहसंजएसु मूलुत्तरगुणपडिसेवण-अपडिसेवणपरूवणं ] ३१. (१) सामाइयसंजए णं भंते ! किं पडिसेवए होज्जा, अपडिसेवए होज्जा ? गोयमा ! पडिसेवए वा होज्जा, अपडिसेवए वा होज्जा। (२) जइ पडिसेवए होज्जा किं मूलगुणपडिसेवए होज्जा ? सेसं जहा पुलागस्स (उ० NC明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$23 OF 55555॥श्री आगमगुणमंजूषा - ५५०卐555555555 5OR Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RoG555555555555555 (५) भगवई सतं २५ उ-७ [३३६] %% %% % %%%%%% R C MOTOS乐乐乐听听听听听听听听乐乐乐乐乐听听听听 ६ सु०३५२) । ३२. जहा सामाइयसंजए एवं छेदोवट्ठावणिए वि। ३३. परिहारविसुद्धियसंजए० पुच्छा । गोयमा ! नो पडिसेवए होज्जा, अपडिसेवए होज्जा। ३४. एवं जाव अहक्खायसंजए। दारं ६ । [सु. ३५-४२. सत्तमं नाणदारं-पंचविहसंजएसु नाण-सुयज्झयणपरूवणं ]३५. सामाझ्यसंजए णं भंते ! कतिसु नाणेसु होज्जा ? गोयमा ! दोसु वा, तिसु वा, चतुसु वा नाणेसु होज्जा । एवं जहा कसायकुसीलस्स (उ०६ सु० ४४) तहेव जत्तारि नाणाई भयणाए । ३६. एवं जाव सुहमसंपराए। ३७. अहक्खायसंजतस्स पंच नाणाई भयणाए जहा नाणुद्देसए (स०८ उ०२ सु०१०६)। ३८. सामाइयसंजते णं भंते ! केवतियं सुयं अहिज्जेज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठ पवयणमायाओ जहा कसायकुसीले (उ०६ सु० ५०)। ३९. एवं छेदोवट्ठावणिए वि। ४०. परिहारविसुद्धियसंजए० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं नवमस्स पुव्वस्स तइयं आयारवत्थु, उक्कोसेणं असंपुण्णाई दस पुव्वाई अहिज्जेज्जा। ४१. सुहमसंपरायसंजए जहा सामाइयसंजए। ४२. अहक्खायसंजए० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठ पवयणमायाओ, उक्कोसेणं चोद्दसपुव्वाइं अहिज्जेज्जा, सुतवतिरित्ते वा होज्जा। दारं ७ । [सु. ४३-४५. अट्ठमं तित्थदारं-पंचविहसंजएसु तित्थ-अतित्थपरूवणं] ४३. सामाइयसंजए णं भंते ! किं तित्थे होज्जा, अतित्थे होज्जा ? गोयमा ! तित्थे वा होज्जा, अतित्थे वा होज्जा जहा कसायकुसीले (उ०६ सु०५५)। ४४. छेदोवठ्ठावणिए परिहारविसुद्धिए य जहा पुलाए (उ०६ सु०५३) । ४५. सेसा जहा सामाइयसंजए। दारं ८ [ सु. ४६-४९. नवमं लिंगदारंपंचविहसंजएसुसलिंग-अन्नलिंग-गिहिलिंगपरूवणं] ४६. सामाइयसंजए णं भंते ! किं सलिंगे होज्जा, अन्नलिंगे होज्जा, गिहिलिगे होज्जा ? जहा पुलाए (उ०६ सु० ५८)। ४७. एवं छेदोवट्ठावणिए वि । ४८. परिहारविसुद्धियसंजए णं भंते ! किं० पुच्छा । गोयमा ! दव्वलिंगं पि भावलिंगं पि पडुच्च सलिंगे होज्जा, नो अन्नलिंगे होज्जा, नो गिहिलिंगे होज्जा। ४९. सेसा जहा सामाइयसंजए। दारं ९ । [सु. ५०-५२. दसमं सरीरदारं-पंचविहसंजएसु सरीरभेयपरूवणं ]५०. सामाझ्यसंजए णं भंते ! कतिसु सरीरेसु होज्जा ? गोयमा ! तिसु वा चतुसु वा पंचसु वा जहा कसायकुसीले (उ०६ सु०६३)। ५१. एवं छेदोवठ्ठावणिए वि। ५२. सेसा जहा पुलाए (उ०६ सु०६०)। दारं १० [सु.५३-५६. एक्कारसमं खेत्तदारं-पंचविहसंजएसु कम्मअकम्मभूमिपरूवणं] ५३. सामाइयसंजएणं भंते ! किं कम्मभूमीए होज्जा, अकम्मभूमीए होज्जा ? गोयमा! जम्मणं संतिभावं च पडुच्च जहा बउसे (उ०६ सु०६६)।५४. एवं छेदोवट्ठावणिए वि। ५५. परिहारविसुद्धिए य जहा पुलाए (उ० ६ सु०६५) । ५६. सेसा जहा सामाइयसंजए। दारं ११ । [सु. ५७-६१. बारसमं कालदारं-पंचविहसंजएसु ओसप्पिणिउस्सप्पिणिकालाइपरूवणं ]५७. सामाइयसंजए णं भंते ! किं ओसप्पिणिकाले होज्जा, उस्सप्पिणिकाले होजा, नोओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले होज्जा ? गोयमा ! ओसप्पिणिकाले जहा बउसे (उ०६ सु०६९)। ५८. एवं छेदोवट्ठावणिए वि, नवरं जम्मण-संतिभावं पडुच्च चउसु विपलिभागेसु नत्थि, साहरणं पडुच्च अन्नयरे पलिभागे होज्जा। सेसं तं चेव । ५९. (१) परिहारविसुद्धिए० पुच्छा । गोयमा ! ओसप्पिणिकाले वा होज्जा, उस्सप्पिणिकाले वा होज्जा, नो ओसप्पिणिनोउस्सप्पिणिकाले नो होज्जा। (२) जदि ओसप्पिणिकाले होज्जा जहा पुलाओ (उ०६ सु०६८ २)। (३) उस्सप्पिणिकाले वि जहा पुलाओ (उ०६ सु०६८३)।६०. सुहुमसंपराओ जहा नियंठो (उ० ६ सु०७२)। ६१. एवं अहक्खाओ वि दारं १२) [सु. ६२-७४. तेरसमं गतिदारं-पंचविहसंजएसुगतिपरूवणाइ] ६२. (१) सामाइयसंजए णं भंते ! कालगते समाणे कं गतिं गच्छति ? गोयमा ! देवगतिं गच्छति । (२) देवगतिं गच्छमाणे किं भवणवासीसु उववज्जेज्जा जाव वेमाणिएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! नो भवणवासीसु उववज्जेज्जा जहा कसायकुसीले (उ०६ सु०७६)। ६३. एवं छेदोवट्ठावणिए वि । ६४. परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए (उ०६ सु०७३)। ६५. सुहुमसंपराए जहा नियंठे (उ०६ सु०७७)। ६६. अहक्खाते० पुच्छा। गोयमा! एवं अहक्खायसंजए वि जाव अजहन्नमणुक्कोसेणं अणुततरविमाणेसु उववज्जेज्जा, अत्थेगइए सिज्झति जाव अंतं करेति । ६७. सामाझ्यसंजए णं भंते ! देवलोगेसु उववज्जमाणे किं इंदत्ताए उववज्जति० पुच्छा। गोयमा ! अविराहणं पडुच्च एवं जहा कसायकुसीले (उ०६ सु०८२)। ६८. एवं छेदोवठ्ठावणिए वि। ६९. परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए (उ०६ सु०७९) ७०. सेसा जहा नियंठे (उ०६ सु०८३)।७१. सामाइयसंजयस्स णं भंते ! देवलोगेसु उववज्जमाणस्स केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता? गोयमा ! जहन्नेणं दो पलियोवमाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई। ७२. एवं mero s 555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-१५१ $$5555555555555555555FGIOR 明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听 乐乐乐乐明明乐乐乐乐中乐听听听听听听听听听听听乐6S 55555 Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TO9555555555 (५) भगवई सतं २५ उ-७ [३३७] 听听听听听听听听听听听听听听听 OEC%明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听网 र छेदोवठ्ठावणिए वि । ७३. परिहारविसुद्धियस्स पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दो पलिओवमाइं, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमाई। ७४. सेसाणं जहा नियंठस्स (उ०६८ सु०८८)। दारं १३ । [सु. ७५-७९. चोद्दसमं संजमदारं-पंचविहसंजएसु अप्पाबहुयसहियं संजमट्ठाणपरूवणं] ७५. सामाइयसंजयस्स णं भंते ! केवतिया संजमठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा संजमठाणा पन्नत्ता । ७६. एवं जाव परिहारविसुद्धियस्स । ७७. सुहुमसंपरायसंजयस्स० पुच्छा । गोयमा ! असंखेज्जा अंतोमुहुत्तिया संजमठाणा पन्नत्ता। ७८. अहक्खायसंजयस्स० पुच्छा । गोयमा ! एगे अजहन्नमणुक्कोसए संजमठाणे । ७९. एएसिणं भंते ! सामाइय-छेदोवट्ठावणियपरिहारविसुद्धिय-सुहुमसंपराय-अहक्खायसंजयाणं संजमठाणाणं कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थावे अहक्खायसंजयस्स एगे अजहन्नमणुक्कोसए संजमट्ठाणे, सुहुमसंपरागसंजयस्स अंतोमुहुत्तिया संजमठाणा असंखेज्जगुणा, परिहारविसुद्धिय-संजयस्स संजमठाणा असंखेज्जगुणा, सामाझ्यसंजयस्सछेदावट्ठावणिसंजयस्स य एएसिणं संजमठाणा दोण्ह वि तुल्ला असंखेजगुणा। दारं १४ [सु. ८०-९३. पणरसमं निकासदारं-पंचविहसंजएसु चरित्तपज्जवपरूवणाइ सु. ८०-८१. पंचविहसंजएसु अणंतचरित्तपज्जवपरूवणं ] ८०. सामाइयसंजतस्स णं भंते ! केवतिया चरित्तपज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता चरित्तपज्जवा पन्नत्ता। ८१. एवं जाव अहक्खायसंजयस्स । [ सु.८२-९२. पंचविहसंजएसु सट्टाण-परट्ठाणचरित्तपज्जवेहिं हीण-तुल्ल-अब्भहियपरूवणं] ८२. सामाइयसंजए णं भंते ! सामाइयसंजयस्स सट्ठाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं किं हीणे, तुल्ले, अब्भहिए ? गोयमा ! सिय हीणे, छट्ठाणवडिए। ८३. सामाइयसंजएणं भंते ! छेदोवट्ठावणियसंजयस्स परट्ठाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवेहिं० पुच्छा। गोयमा ! सिय हीणे०, छट्ठाणवडिए। ८४. एवं परिहारविसुद्धियस्स वि। ८५. सामाइयसंजए णं भंते ! सुहुमसंपरायसंजयस्स परट्ठाणसन्निगासेणं चरित्तपज्जवे० पुच्छा। गोयमा! हीणे, नो तुल्ले, नो अब्भहिए; अणंतगुणहीणे। ८६. एवं अहक्खायसंजयस्स वि। ८७. एवं छेदोवट्ठावणिए वि । हेट्ठिल्लेसु तिसु वि समं छट्ठाणपडिए, उवरिल्लेसु दोसु तहेव हीणे । ८८. जहा छेदोवट्ठावणिए तहा परिहारविसुद्धिए वि। ८९. सुहुमसंपरागसंजए णं भंते ! सामाइयसंजयस्स परट्ठाण० पुच्छा । गोयमा ! नो हीणे, नो तुल्ले, अब्भहिए-अणंतगुणमब्भहिए।९०.एवं छेदोवट्ठावणिय-परिहारविसुद्धिएसु वि समं सट्ठाणे सिय हीणे, नो तुल्ले, सिय अब्भहिए । जदि हीणे अणंतगुणहीणे । अह अब्भहिए अणंतगुणमब्भहिए। ९१. सुहुमसंपरायसंजयस्स अहक्खायसंजयस्स य परट्ठाण० पुच्छा । गोयमा ! हीणे, नो तुल्ले, नो अब्भहिए; अणंतगुणहीणे । ९२. अहक्खाते हेट्ठिल्लाणं चउण्ह वि नो हीणे, नो तुल्ले, अब्भहिए-अणंतगुणमब्भहिए । सट्ठाणे नो हीणे, तुल्ले, नो अब्भहिए । ९३. एएसि णं भंते ! सामाइय-छेदोवठ्ठावणिय-परिहारविसुद्धियसुहमसंपराय-अहक्खायसंजयाणं जहन्नुक्कोसगाणं चरित्तपज्जवाणं कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सामाझ्यसंजयस्स छेदोवट्ठावणियसंजयस्स य एएसि णं जहन्नगा चरित्तपज्जवा दोण्ह वि तुल्ला सव्वत्थोवा, परिहारविसुद्धियसंजयस्स जहन्नगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा, तस्स चेव उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा । सामाइयसंजयस्स छओवट्ठावणियसंजयस्स य, एएसि णं उक्कोसगा चरित्तपज्जवा दोण्ह वि तुल्ला अणंतगुणा । सुहुमसंपरायसंजयस्स जहन्नगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा, तस्स चेव उक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा । अहक्खायसंजयस्स अजहन्नमणुक्कोसगा चरित्तपज्जवा अणंतगुणा । दारं १५ । [सु. ९४-९६.सोलसमं जोगदारं-पंचविहसंजएसुजोगपरूवणं ] ९४. सामाइयसंजए णं भंते ! किं सजोगी होज्जा, अजोगी होज्जा ? गोयमा ! सजोगी जहा पुलाए (उ० ६ सु० ११७) । ९५. एवं जाव सुहुमसंपरायसंजए । ९६. अहक्खाए जहा सिणाए । (उ० ६ सु० १२०) दारं १६ । [सु. ९७-९८. सत्तरसमं उवओगदारंम पंचविहसंजएसु उवओगपरूवणं ] ९७. सामाझ्यसंजए णं भंते ! किं सागारोवउत्ते होज्जा, अणागारोवउत्ते होज ? गोयमा ! सागारोवउत्ते जहा पुलाए (उ०६ सु०॥ १२२) । ९८. एवं जाव अहक्खाए, नवरं सुहुमसंपराए सागारोवउत्ते होज्जा, नो अणागारोवउत्ते होज्जा। दारं १७ । [सु. ९९-१०४. अट्ठारसमं कसायदारंम पंचविहसंजएसु कसायपरूवणं ]९९. सामाइयसंजए णं भंते ! किं सकसायी होज्जा, अकसायी होज्जा ? गोयमा ! सकसायी होज्जा, नो अकसायी होज्जा, जहा कसायकुसीले (उ०६ सु० १२९) । १००. एवं छेदोवट्ठावणिये वि। १०१. परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए (उ०६ सु० १२४)। १०२. सुहमसंपरागसंजए० पुच्छा। reO$$$$$$$$$$$ $$$$श्री आगमगुणमंजूषा ५५२ ॥555555555555555$$$$OOK GO乐乐乐所乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ GO步步步步步步步步步步压岁 (५) भगवई सर्त २५ 3-७ [३३८] $$$$$$ $%%25E गोयमा ! सकसायी होज्जा, नो अकसायी होज्जा। १०३. जदि सकसायी होज्जा, सेणं भंते ! कतिसुकसाएसु होज्जा ? गोयमा ! एगंसि संजलणे लोभे होज्जा। १०४. अहक्खायसंजए जहा नियंठे (उ० ६ सु० १३०)। दारं १८ । [सु. १०५-९.एगूणवीसइमं लेसादारं-पंचविहसंजएसु लेसापरूवणं ] १०५. सामाझ्यसंजएणं भंते ! किं सलेस्से होज्जा, अलेस्से होज्जा ? गोयमा ! सलेस्से होज्जा, जहा कसायकुसीले (उ० ६ सु० १३७) । १०६. एवं छेदोवट्ठावणिए वि। १०७. परिहारविसुद्धिए ॥ जहा पुलाए (उ०६ सु०१३३)। १०८. सुहुमसंपराए जहा नियंठे (उ०६ सु० १३९) । १०९. अहक्खाए जहा सिणाए (उ० ६ सु० १४१), नवरं जइ सलेस्से होज्जा एगाए सुक्कलेसाए होज्जा। दारं १९ । [सु. ११०-१७, वीसइमं परिणामदारं-पंचविहसंजएसु वड्डमाणाइपरिणामपरूवणं] ११०. सामाइयसंजए णं भंते ! किं वड्डमाणपरिणामे होना, हायमाणपरिणामे, अवट्ठियपरिणामे ? गोयमा ! वड्डमाणपरिणामे, जहा पुलाए (उ०६ सु० १४३) । १११. एवं जाव परिहारविसुद्धिए। ११२. सुहमसंपराय० पुच्छा। गोयमा ! वड्डमाणपरिणामे वा होज्जा, हायमाणपरिणामे वा होज्जा, नो अवट्ठियपरिणामे होज्जा। ११३. अहक्खाते जहा नियंठे (उ० ६ सु०१४५)। ११४. सामाइयसंजए णं भंते ! केवतियं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, जहा पुलाए (उ०६ सु०१४७)। ११५. एवं जाव परिहारविसुद्धिए। ११६. (१) सुहुमसंपरागसंजए णं भंते ! केवतियं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । (२) केवतियं कालं हायमाणपरिणामे ? एवं चेव । ११७. (१) अहक्खातसंजए णं भंते ! केवतियं कालं वड्डमाणपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वि अंतोमुहुत्तं । (२) केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी। दारं २० । [सु. ११८-२१. इगवीसइमं बंधदारं-पंचविहसंजएसुकम्मपगडिबंधपरूवणं] ११८. सामाझ्यसंजए णं भंते ! कति कम्मपगडिओ बंधइ ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा, अट्टविहबंधए वा, एवं बउसे (उ०६ सु०१५२)। ११९. एवं जाव परिहारविसुद्धिए।१२०. सुहुमसंपरागसंजए० पुच्छा। गोयमा ! आउय-मोहणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ बंधइ । १२१. अहक्खायसंजए जहा सिणाए (उ०६ सु०१५६)। दारं २१ । [सु. १२२-२४. बावीसइमं वेददारं-पंचविहसंजएसु कम्मपगडिवेदपरूवणं ]१२२. सामाइयसंजए णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा ! नियमं अट्ठ कम्मप्पगडीओ वेदेति । १२३. एवं जाव सुहुमसंपरागे । १२४. अहक्खाए० पुच्छा । गोयमा ! सत्तविहवेदए वा, चउव्विहवेदए वा । सत्त वेदेमाणे मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ वेदेति । चत्तारि वेदेमाणे वेदणिज्जाऽऽउय-नाम-गोयाओ चत्तारिकम्मप्पगडीओ वेदेति। दारं २२ । [सु. १२५-२८. तेवीसइम कम्मोदीरणदारं-पंचविहसंजएसुकम्मोदीरणपरूवणं ]१२५. सामाइयसंजए णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ उदीरेति? गोयमा! सत्तविह० जहा बउसो (उ०६ सु० १६२)। १२६. एवं जाव परिहारविसुद्धिए। १२७. सुहुमसंपराए० पुच्छा । गोयमा ! छव्विहउदीरए वा, पंचविहउदीरए वा। छ उदीरेमाणे आउय-वेदणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ । पंच उदीरेमाणे आउय-वेयणिज्ज-मोहणिज्जवज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेति। १२८. अहक्खातसंजए० पुच्छा । गोयमा ! पंचविहउदीरए वा, दुविहउदीरए वा, अणुदीरए वा । पंच उदीरेमाणे आउय-वेदणिज्ज-मोहणिज्जवज्जाओ पंच उदीरेति । सेसं जहा नियंठस्स (उ०६ सु०१६५) । दारं २३ [सु. १२९-३३. चउवीसइमं उवसंपजहणदारं-पंचविहसंजएसु सट्ठाण-चागाणंतरं परट्ठाणसंपत्तिपरूवणं] १२९. सामाइयससंजएणं भंते ! सामाइयसंजयत्तं जहमाणे किं जहति?, कि उवसंपज्जइ ? गोयमा ! सामाइयसंजयत्तं जहति; छेदोवट्ठावणियसंजयं वा सुहमसंपरायसंजयं वा असंजमं वा संजमासंजमं वा उवसंपज्जति । १३०. छेदोवठ्ठावणिए० पुच्छा | गोयमा ! छेदोवट्ठावणियसंजयत्तं जहति; सामाइयसंजयं वा परिहारविसुद्धियसंजयं वा सुहुमसंपरागसंजयं वा असंजमं वा संजमासंजमंवा उवसंपज्जति। १३१. परिहारविसुद्धिए० पुच्छा। गोयमा ! परिहारविसुद्धियसंजयत्तं जहति: छेदोवट्ठावणियसंजयं फवा असंजमं वा उपसंपज्जइ। १३२. सुहमसंपराए० पुच्छा । गोयमा ! सुहुमसंपरागसंजयत्तं जहति; सामाइयसंजयं वा छेदोवढाणियसंजयं वा अहक्खायसंजयं वा ' असंजमं वा उवसंपज्जइ।१३३. अहक्खायसंजए० पुच्छा । गोयमा ! अहक्खायसंजयत्तं जहति; सुहमसंपरागसंजयं वा अस्संजमं वा सिद्धिगतिं वा उवसंपज्जति । दारंभ Plan:२४ सु. १३४-३६. पंचवीसइमं सन्नादारं-पंचविहसंजएसु सन्नापपरूवर्ण] १३४. सामाझ्यसंजए णं भंते ! किं सण्णोवउत्ते होज्जा, नोसण्णोवउत्ते होज्जा ? SC$$$$$$$$$$$听听听听听听听听听听统听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 GO乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听F2 Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सतं २५ उ.७ [३३९] फफफफफफफफ गोयमा ! सण्णोवउत्ते जहा बउसो (उ० ६ सु० १७४) । १३५. एवं जाव परिहारविसुद्धिए । १३६. सुहुमसंपराए अहक्खाए य जहा पुलाए (उ० ६ सु० १७३) । दारं २५ । [सु. १३७-३९. छव्वीसइमं आहारदारं-पंचविहसंजएस आहारगत्त-अणाहारगत्तपरूवणं ] १३७. सामाइयसंजए णं भंते! किं आहारए होज्जा, अणाहारए होज्जा ? जहा पुलाए (उ० ६ सु० १७८) । १३८. एवं जाव सुहुमसंपराए । १३९. अहक्खाए जहा सिणाए (उ० ६ सु० १८०) । दारं २६ । [ सु. १४०-४३. सत्तावीसइमं भवदारं-पंचविहसंजएसु भवग्गहणपरूवणं ]१४०. सामाइयसंजए णं भंते! कति भवग्गहणाई होज्जा ? गोयमा ! जहन्त्रेणं एक्वं, उक्कोसेणं अट्ठ । १४१. एवं छेदोवट्ठावणिए वि । १४२. परिहारविसुद्धिए० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एक्वं, उक्कोसेणं तिन्नि । १४३. एवं जाव अहक्खाते । दारं २७ । [सु. १४४-५३. अट्ठावीसइमं आगरिसदारं-पंचविहसंजएस एगभवग्गहणिय-नाणाभवग्गहणिय आगरिसपरूवणं] १४४. सामाइयसंजयस्स णं भंते! एगभवग्गहणिया केवतिया आगरिसा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्त्रेणं० जहा बउसस्स ( उ०६ सु० १८८ ) । १४५. छेदोवट्ठावणियस्स० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एक्को, उक्कोसेणं वीसपुहत्तं । १४६. परिहारविसुद्धियस्स० पुच्छा । गोयमा ! जहनेणं एक्को, उक्कोसेणं तिन्नि । १४७. सुहुमसंपरायस्स० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एक्को, उक्कोसेणं चत्तारि । १४८. अहक्खायस्स० पुच्छा । गोयमा ! जहन्त्रेणं एक्को, उक्कोसेणं दोन्नि । १४९. सामाइयसंजयस्स णं भंते ! नाणाभवग्गहणिया केवतिया आगरिसा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहा बउसे (उ० ६ सु० १९३) । १५०. छेदोवट्ठावणियस्स० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं दोन्नि, उक्कोसेणं उवरिं नवण्हं सयाणं अंतोसहस्सस्स । १५१. परिहारविसुद्धियस्स जहन्नेणं दोन्नि, उक्कोसेणं सत्त । १५२. सुहुमसंपरागस्स जहन्नेणं दोन्नि, उक्कोसेणं नव । १५३. अहक्खायस्स जहन्नेणं दोन्नि, उक्कोसेणं पंच । दारं २८ । [सु. १५४-६३. एगूणतीसइमं कालदारं-पंचविहसंजएसु एगत्त-पुहत्तेणं ठिइकालपरूवणं ] १५४. सामाइयसंजए णं भंते! कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं देसूणएहिं नवहिं वासेहिं ऊणिया पुव्वकोडी । १५५. एवं छेदोवट्ठावणिए वि । १५६. परिहारविसुद्धिए जहन्त्रेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं देसूणएहिं एक्कूणतीसाए वासेहिं ऊणिया पुव्वकोडी । १५७. सुहुमसंपराए जहा नियंठे (उ० ६ सु० २००) । १५८. अहक्खाए जहा सामाइयसंजए। १५९. सामाइयसंजया णं भंते ! कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! सव्वद्धं । १६०. छेदोवट्ठावणिएसु पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अड्डाइज्जाई वाससयाई, उक्कोसेणं पन्नासं सागरोवमकोडिसयसहस्साइं । १६१. परिहारविसुद्धिए पुच्छा । गोयमा ! जहनेणं देसूणाई दो वाससयाई, उक्कोसेणं देसूणाओ दो पुव्वकोडीओ । १६२. सुहुमसंपरागसंजया० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । १६३. अहक्खायसंजया जहा सामाइयसंजया । दारं २९ । [ सु. १६४-७०. तीसइमं अंतदारं-पंचविहसंजएसु एगत्त-पुहत्तेणं कालंतरपरूवणं ] १६४. सामाइयसंजयस्स णं भंते! केवतियं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं० जहा पुलागस्स (उ० ६ सु० २०७) । १६५. एवं जाव अहक्खायसंजयस्स । १६६. सामाइयसंजयाणं भंते !० पुच्छा । गोयमा ! नत्थंतरं । १६७. छेदोवट्ठावणियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं तेवट्ठि वाससहस्साइं, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ । १६८. परिहारविसुद्धियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्त्रेणं चउरासीतिं वाससहस्साईं, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ । १६९. सुहुमसंपरागाणं जहा नियंठाणं (उ० ६ सु० २१३) । १७०. अहक्खायाणं जहा सामाइयसंजयाणं । दारं ३० । [सु. १७१-७५. इगतीसइमं समुग्धायदारं-पंचविहसंजएसु समुग्धायपरूवणं ] १७१. सामाइयसंजयस्स णं भंते! कति समुग्धाया पन्नत्ता ? गोयमा ! छ समुग्धाया पत्ता, हा सायकुसीलस्स (उ०६ सु० २१८) । १७२. एवं छेदोवट्ठावणियस्स वि । १७३. परिहारविसुद्वियस्स जहा पुलागस्स (उ०६ सु० २१५) । १७४. सुहुमसंपरायस्स जहा नियंठस्स ( उ० ६ सु० २१९) । १७५. अहक्खातस्स जहा सिणायस्स (उ०६ सु. २२० ) । दारं ३१ । [ सु. १७६-७८. बत्तीसइमं खेत्तदारंपंचविहसंजएसु ओगाहणाखेत्तपरूवणं] १७६. सामाइयसंजए णं भंते! लोगस्स किं संखेज्जतिभागे होज्जा, असंखेज्जइभागे० पुच्छा। गोयमा ! नो संखेज्जति० जहा पुलाए (उ० ६ सु० २२१) । १७७. एवं जाव सुहुमसंपराए । १७८. अहक्खायसंजते जहा सिणाए (उ० ६ सु० २२३) । दारं ३२ । [ सु. १७९. तेत्तीसइमं फुसणादारं- पंचविहसंजएसु खेत्तफुसणापरूवणं ]१७९. सामाइयसंजए णं भंते! लोगस्स किं संखेज्जतिभागं फुसति ? जहेव होज्जा तहेव फुसति वि । दारं ३३ । श्री आगमगुणमंजूषा - ५५४ 666666666666666 Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई रातै २५ उ ७ [ ३४० ] [सु. १८०-८२. चोत्तीसइमं भावदारं-पंचविहसंजएस ओवसमियाइभावपरूवणं ] १८०. सामाइयसंजए णं भंते! कयरम्मि भावे होज्जा ? गोयमा ! खओवसमिए भावे होज्जा । १८१. एवं जाव सुहुमसंपराए। १८२. अहक्खायसंजए० पुच्छा। गोयमा ! ओवसमिए वा खइए वा भावे होज्जा । दारं ३४ । [सु. १८३-८७. पंचतीसइमं परिमाणदारं- पंचविहसंजएसु एगसमयपरिमाणपरूवणं ]१८३. सामाइयसंजया णं भंते! एगसमएणं केवतिया होज्जा ? गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च जहा कसायकुसीला (उ०६ सु० २३२) तहेव निरवसेसं । १८४. छेदोवट्ठावणिया० पुच्छा। गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जइ अत्थि जहन्ने एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं सयपुहत्तं । पुव्वपडिवन्नए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जदि अत्थि जहनेणं कोडिसयपुहतं, उक्कोसेणं वि कोडिसयपुहत्तं । १८५. परिहारविसुद्धिया जहा पुलागा (उ० ६ सु० २२९) । १८६. सुहुमसंपरागा जहा नियंठा (उ० ६ सु० २३३) । १८७. अहक्खायसंजता णं० पुच्छा। गोयमा ! पडिवज्जमाणए पडुच्च सिय अत्थि, सिय नत्थि । जदि अत्थि, जहनेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं बावट्टं सयं अट्ठत्तरसयं खवगाणं, चउप्पन्नं उवसामगाणं । पुव्वपडिवन्नए पडुच्च जहन्नेणं कोडिपुहत्तं, उक्कोसेणं वि कोडिपुहत्तं । दारं ३५ । [सु. १८८. छत्तीसइमं अप्पाबहुयदारं-पंचविहसंजएसु अप्पाबहुयपरूवणं ] १८८. एएसि णं भंते ! सामाइय-छेओवट्ठावणिय परिहारविसुद्धिय-सुहुमसंपराय- अहक्खायसंजयाणं कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमसंपरायसंजया, परिहारविसुद्धियसंजया संखेज्जगुणा, अहक्खायसंजया संखेज्जगुणा, छेओवट्ठावणियसंजया संखेज्जगुणा, सामाइयसंजया संखेज्जगुणा । दारं ३६ । [ सु. १८९. पडिसेवणा-ओलोयणादोसआईणि छ दाराई ] १८९. पडिसेवण १ दोसालोयणा य २ आलोयणारिहे ३ चेव । तत्तो सामायारी ४ पायच्छि ५ तवे ६ चेव ।। ६ ।। [सु. १९०. पढमं पडिसेवणादारं-पडिसेवणाए दस भेया ] १९०. दसविहा पडिसेवणा पन्नत्ता, तं जहा- दप्प १ प्पमाद-Sणाभोगे २-३ आउरे ४ आवती ५ ति य । संकिण्णे ६ सहसक्कारे ७ भय ८ प्पदोसा ९ य वीमंसा १० ॥ ७ ॥ दारं १ । [सु. १९१. बिइयं आलोयणदोसदारं- आलोयणाए दस दोसा ] १९१. दस आलोयणादोसा पन्नत्ता, तं जहा- आकंपइत्ता ? अणुमाणइत्ता २ जं दिवं ३ बायरं व ४ सुहुमं वा ५ । छन्नं ६ सद्दाउलयं ७ बहुजण ८ अव्वत्त ९ तस्सेवी १० ॥ ८ ॥ दारं २ [ सु. १९२-९३. तइयं आलोयणारिहदारं- आलोयणारिहस्स आलोयणायरियस्स य सरूवपरूवणं ] १९२. दसहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति अत्तदोसं आलोएत्तए, तं जहा जातिसंपन्ने १ कुलसंपन्ने २ विणयसंपन्ने ३ णाणसंपन्ने ४ दंसणसंपन्ने ५ चरित्तसंपन्ने ६ खंते ७ दंते ८ अमायी ९ अपच्छाणुतावी १० । १९३. अट्ठहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अरिहति आलोयणं पडिच्छित्तए, तं जहा आयारवं १ आहारवं २ ववहारवं ३ उव्वीलए ४ पकुब्वए ५ अपरिस्सावी ६ निज्जवए ७ अवायदंसी ८ । दारं ३ । [ सु. १९४. चउत्थं सामायारीदारं-सामायारीए दस भेया] १९४. दसविहा सामायारी पन्नत्ता, तं जहा इच्छा १ मिच्छा २ तहक्कारो ३ आवस्सिया य ४ निसीहिया ५। आउच्छणा य ६ पडिपुच्छा ७ छंदणा य ८ निमंतणा ९ । उपसंपया य काले १०, सामायारी भवे दसहा ॥ ९ ॥ दारं ४ ॥ [ सु. १९५. पंचमं पायच्छित्तदारं- पायच्छित्तस्स दस भेया] १९५. दसविहे पायच्छित्ते पन्नत्ते, तं जहा आलोयणारिहे १ पडिक्कमणारिहे २ तदुभयारिहे ३ विवेगारिहे ४ विउसग्गारिहे ५ तवारिहे ६ छेदारिहे ७ मूलारिहे ८ अणवट्ठप्पारिहे ९ पारंचियारिहे १० । दारं ५ । [ सु. १९६-२५५. छट्टं तवदारं तवस्स भेयदूयं तप्पभेया य] १९६. दुविहे तवे पन्नत्ते, तं जहा - बाहिरए य, अब्भिंतरए य । १९७. से किं तं बाहिरए तवे ? बाहिरए तवे छव्विघे पन्नत्ते, तं जहा अणसणमोमोयरिया १-२ भिक्खायरिया ३ य रसपरिच्वाओ ४ । कायकिलेसो ५ पडिसंलीणया ६ । [ सु. १९८-२१६. छव्विहबाहियतवस्स परूवणं सु. १९८-२०२. अणसणबाहिरयतवभेयपभेयपरूवणं] १९८. से किं तं इत्तरिए ? इत्तरिए अणेगविधे पन्नत्ते, तं जहा इत्तरिए य आवकहिए य। १९९. से किं तं इत्तरिए ? इत्तरिए अणेगविधे पन्नत्ते, तं जहाचउत्थे भत्ते, छट्टे भत्ते, अट्ठमे भत्ते, दसमे भत्ते, दुवालसमे भत्ते, चोद्दसमे भत्ते, अद्धमासिए भत्ते, मासिए भत्ते दोमासिए भत्ते । जाव छम्मसिए भत्ते । से तं इत्तरिए । २००. से किं तं आवकहिए ? आवकहिए दुविहे पन्नत्ते तं जहा-पाओवगमणे य भत्तपच्चक्खाणे य। २०१. से किं तं पाओवगमणे ? दुविहे पन्नत्ते, तं जहा - नीहारिमे य, अनीहारिमेय, नियमं अपडिकम्मे से तं पाओवगमणे । २०२. से किं तं भतपच्चक्खाणे ? भत्तपच्चक्खाणे दविधे पन्नत्ते, तं जहा- नीहारिमेय, अनीहारिमेय, नियम) 45 45 4 5 5 5 LE LE LELE LE LG LE LELE ME LE LELE श्री आसराणसंज முழுகாககக்கககககககக*தமிழ்மிகமிகமம்ம 6666666666666 फ्र Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOR95555555555555555 (५) भगवई सर्त २५ उ-७ [३४१] 5555555555555520 C%%$$$ $ $$$$$$ $$$$$$$乐明明明明明明明明明明$$$$$$$$$$$$$明听听C सपडिकम्मे । से तं भत्तपच्चक्खाणे । सेतं आवकहिए। से तं अणसणे। [सु. २०३-७. ओमोयरियबाहिरयतवभेय-पभेयपरूवणं ] २०३. से किं तं ओमोदरिया ? ओमोदरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-दव्वोमोदरिया य । २०४. से किं तं दव्वोमोदरिया ? दव्वोमोदरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-उवगरणदव्वोमोदरिया य, भत्तपाणदव्वोमोयरिया य। २०५. से किं तं उवगरणददव्वोमोदरिया ? उवगरणदव्वोमोरिया-एगे वत्थे एगे पादे चियत्तोवगरणसातिज्जणया। से तं उवगरणदव्वोमोरिया। २०६. से किं तं भत्त-पाणदव्वोमोदरिया ? भत्त-पाणदव्वोमोदरिया अट्ठकुक्कुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारं आहारेमाणस्स अप्पाहारे, दुवालस० जहा सत्तमसए पढमुद्देसए (स०७ उ०१ सु०१९) जाव नो पकामरसभोती ति वत्तव्वं सिया। सेत्तं भत्त-पाणदव्वोमोदरिया । सेत्तं दव्वोमोदरिया। २०७. से किं तं भावोमोदरिया ? भावोमोदरिया अणेगविहा पन्नत्ता, तं जहा-अप्पकोहे, जाव अप्पलोभे, अप्पसद्दे, अप्पझंझे, अप्पतुमंतुमे, सेत्तं भावोमोदरिया । सेत्तं ओमोयरिया। [सु. २०८१०. भिक्खायरिया-रसपरिच्चाय-कायकिलेसबाहिरयतवपरूवणं २०८. से किं तं भिक्खायरिया ? भिक्खायरिया अणेगविहा पन्नत्ता, तं जहा-दव्वभिग्गहचरए, खेत्ताभिग्गहचरए, जहा उववातिए जाव सुद्धेसणिए, संखादत्तिए । सेत्तं भिक्खायरिया । २०९. से किं तं रसपरिच्चाए ? अणेगविधे पन्नत्ते, तं जहा-निव्वितिए, पणीतरसविवज्जए जहा उववाइए जावलूहाहारे। सेत्तं रसपरिच्चाए।२१०.से किं तं कायकिलेसे? कायकिलेसे अणेगविधे पन्नत्ते, तं जहा-ठाणादीए, उक्कुडुयासणिए, जहा उववातिए जाव सव्वगायपडिकम्मविप्पमुक्के । सेत्तं कायकिलेसे। [सु. २११-१६. पडिसलीणयाबाहिरयतवस्स भेया, तस्सरूवपरूवणं च] २११. से किं तं पडिसंलीणया ? पडिसंलीणया चउव्विहा पन्नत्ता, तं जहा-इंदियपडिसंलीणया कसायपडिसंलीणया जोगपडिसंलीणया विवित्तसयणासणसेवणया । २१२. से किं तं इंदियपडिसंलीणया ? इंदियपडिसंलीणया पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा-सोइंदियविसयपयारणिरोहो वा, सोतिदियविसयप्पत्तेसु वा अत्येसु राग-दोसविणिग्गहो; चक्खिदियविससय०, एवं जाव फासिदियविसयपयारणिरोहो वा, फासिदियविसयप्पत्तेसु वा अत्थेसुराग-द्दोसविणिग्गहो। सेत्तं इंदियपडिसंलीणया।२१३. से किं तं कसायपडिसलीणया ? कसायपडिसंलीणया चउव्विहा पन्नत्ता, तंजहा-कोहोदयनिरोहो वा, उदयप्पत्तस्स वा कोहस्स विफलीकरणं; एवं जाव लोभोदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा, लोभस्स विफलीकरणं । सेत्तं कसायपडिसंलीरया । २१४. से किं तं जोगपडिसंलीणया ? जोगपडिसंलीणया तिविहा पन्नत्ता, तं जहाअकुसलमणनिरोहो वा, कुसलमणउदीरणं वा, मणस्स वा एगत्तीभावकरणं; अकुसलवइनिरोहो वा, कुसलवइउदीरणं वा, वईए वा एगत्तीभावकरणं । २१५. से किं तं कायपडिसंलीणया ? कायपडिसलीणया जंणं सुसमाहियपसंतसाहरियपाणि-पाए कुम्मो इव गुत्तिदिए अल्लीणे पल्लीणे चिट्ठइ। सेतं कायपडिसलीणया। सेत्तं जोगपडिसंलीणया।२१६. से किं तं विवित्तसयणासणसेवणता ? विवित्तसयणासणसेवणया जंणं आरामेसु वा उज्जाणेसुवा जहा सोमिलुद्देसए (स०१८ उ०१० सु० २३) जाव सेज्जासंथारगं उवसंपज्जित्ताणं विहरति । से तं विवित्तसयणासणसेवणया । से तं पडिसंलीणया । से तं बाहिरए तवे । [सु. २१७-५५. छविहअभितरतवस्स परूवणं]२१७. से किं तं अभिंतरए तवे ? अभिंतरए तवे छविहे पन्नत्ते, तं जहा-पायच्छित्तं १ विणओ २ वेयावच्चं ३ सज्झायो ४, झाणं ५, विओसग्गो६। [सु. २१८. पायच्छित्तअब्भितरतवस्स दस भेया J२१८. से किं तं पायच्छित्ते ? पायच्छित्ते दसविधे पन्नत्ते, तं जहा- आलोयणारिहे जाव पारंचियारिहे। सेत्तं ॐ पायच्छित्ते। [सु. २१९-३४. विणयअभितरतवभेय-पभेयपरूवणं २१९. से किं तं विणए ? विणए सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा-नाण-विणए १ सणविणए २ चरित्तविणए ३ मणविणए ४ वइविणए ५ कायविणए ६ लोगोवयारविणए ७।२२०. से किं तं नाणविणए ? नाणविणएपंचविधे पन्नत्ते, तं जहा-आभिनिबोहियनाणविणए जाव केवलनाणविणए। सेतं नाणविणए । २२१. से किं तं दसणविणए ? दंसणविणए दुविधे पन्नत्ते, तं जहा-सुस्सूसणाविणए य अणच्चसायणाविणए य। २२२. से किं ते सुस्सूसणाविणए ? सुस्सूसणाविणए अणेगविधे पन्नत्ते, तं जहा-सक्कारेति वा सम्माणेति वा जहा चोद्दसमसए ततिए उद्देसए (स०१४ उ०३ सु० ४) जाव २ पडिसंसाहणया । से तं सुस्सूसणाविणए । २२३. से किं तं अणच्चासादणाविणए ? अणच्चासादणाविणए पणयाली-सतिविधे पन्नत्ते, तं जहा-अरहताणं YOOFFFFFFFF55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५५६ 55555555555 9 5 9595555555FF FOROR C听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听QLO Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सतं २५ उ-७ [३४२] अणच्चासादणया, अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स अणच्चासायणया २ आयरियाणं अणच्चासादणया ३ उवज्झायाणं अणच्चासायणया ४ थेराणं अणच्चासायणया ५ कुलस्स अणच्चासायणसा ६ गणस्स अणच्चासायणया ७ संघस्स अणच्चासादणया ८ किरियाए अणच्चासायणया ९ संभोगस्स अणच्चासायणया १० आभिणिबोहियनाणस्स अणच्चासायणया ११ जाव केवलनाणस्स अणच्चासायणया १२-१३-१४-१५, एएसिं चेव भत्तिबहुमाणे णं १५, एएसिं चेव वण्णसंजलणया १५,=४५ । से त्तं अणच्चासायणाविणए । से त्तं दंसणविणए । २२४. से किं तं चरित्तविणए ? चरित्तविणए पंचविधे पन्नत्ते, तं जहा - सामाइयचरित्तविणए जाव अहक्खायचरित्तविणए। से त्तं चरित्तविणए । २२५. से किं तं मणविणए ? मणविणए दुविहे पन्नत्ते, तं जहा पसत्थमणविणए य अप्पसत्थमणविणए य । २२६. से किं तं सत्थमणविणए ? पसत्थमणविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा- अपावए, असावज्जे, अकिरिए, निरूवक्केसे, अणण्यकरे, अच्छविकरे, अभूयाभिसंकणे । से तं पसत्थमणविणए । २२७. से किं तं अप्पसत्थमणविणए ? अप्पसत्थमणविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा-पावए सावज्ने सकिरिए सउवक्केसे अण्हयकरे छविकरे भूयाभिसंकणे । से तं अप्पसत्तमणविणए । से त्तं मणविणए । २२८. से किं तं वइविणए ? वइविणए दुविधे पन्नत्ते, तं जहा पसत्थवइविणए य अप्पसत्थमणविणए य । २२९. से किं तं पसत्थवइविणए ? पसत्थवइविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा - अपावए जाव अभूयाभिसंकणे । से त्तं पसत्थवइविणए । २३०. से किं तं अप्पसत्थवइविणए ? अप्पसत्थवइविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा पावए सावज्जे जाव भूयाभिसंकणे । से त्तं अप्पसत्थवइविणए । से त्तं वइविणए । २३१. से किं तं विए ? काविण दुविधे पन्नत्ते, तं जहा पसत्थकायविणए य अप्पसत्थकायविणए य । २३२. से किं तं पसत्थकायविणए ? पसत्थकायविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा आउत्तंगमणं, आउत्तं ठाणं, आउत्तं निसीयणं, आउत्तं तुयट्ठणं, आउत्तं उल्लंघणं, आउत्तं पल्लंघणं, आउत्तं सव्विंदियजोगजुंजणया । से तं पसत्थकायविणए । २३३. से किं तं अप्पसत्थकायविणए ? अप्पसत्थकायविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा अणाउत्तं गमणं जाव अणाउत्तं सव्विदियजोगजुंजणया । से त्तं अप्पसत्थकायविणए । से त्तं कायविणए । २३४. से किं तं लोगोवयारविणए ? लोगोवयारविणए सत्तविधे पन्नत्ते, तं जहा - अब्भासवत्तियं, परछंदाणुवत्तियं, कज्नहेतुं, कयपडिकतया, अत्तगवेसणया, देसकालण्णया, सव्वत्थेसु अपडिलोमया । से त्तं लोगोवयारविणए । से त्तं विणए । [सु. २३५-३६. वेयावच्चसज्झाय अब्भिंतरतवभेयपरूवणं ] २३५. से किं तं वेचावच्चे ? वेचावच्चे दसविधे पन्नत्ते, तंजहा- आयरियवेचावच्चे उवज्झायवेयावच्चे थेरवेयावच्चे तवस्सिवेयावच्चे गिलाणवेयावच्चे सेहवेयावच्चे कुलवेयावच्चे गणवेयावच्चे संघवेयावच्चे साहम्मियवेयावच्चे । से त्तं वेयावच्चे । २३६. से किं तं सज्झाए ? सज्झाए पंचविधे पन्नत्ते, तंजहावायणा पडिपुच्छणा परिवट्ठणा अणुप्पेहा धम्मकहा। से त्तं सज्झाए। [सु. २३७-४९. झाणअब्भिंतरतवभेय- पभेयाइपरूवणं ] २३७. से किं तं झाणे ? झाणे चउव्विधे पन्नत्ते, तं जहा- अट्ठे झाणे, रोद्दे झाणे, धम्मे झाणे, सुक्के झाणे । २३८. अट्ठे झाणे चउव्विहे पण्णते, तं जहा अमणुण्णसंपयोगसंपत्ते तस्स विप्पयोगसतिसमन्नागते यावि भवति १, मणुण्णससंपयोगसंपत्ते तस्स अविप्पयोगसतिसमन्नागते यावि भवति २, आयंकसंपयोगसंपत्ते तस्स विप्पयोगसतिसमन्नागते यावि भवति ३ परिझुसियकामभोगसंपउत्ते तस्स अविप्पयोगसतिसमन्नागते यावि भवति ४ । २३९. अट्ठस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता, तं जहा- कंदणया सोयणया तिप्पणया परिदेवणया । २४०. रोद्दे झाणे चउव्विधे पन्नत्ते, तं जहा-हिंसाणुबंधी मोसाणुबंधी, तेयाणुबंधी, सारक्खणाणुबंधी । २४१. रोद्दस्स झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता, तं जहा - उस्सन्नदोसे. बहुदोसे अण्णाणदोसे आमरणंतदोसे । २४२. धम्मे झाणे चउव्विहे चउपडोयारे पन्नत्ते, तं जहा - आणाविजये, अवायविजये विवागविजये संठाणाविजये । २४३. धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता, तं जहा आणारुयी निसग्गरूयी सुत्तरुयी अगाढी । २४४. धमस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पन्नत्ता, तं जहा- पडिपुच्छणा परियट्ठणा धम्मकहा । २४५. धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुपेहाओ पन्नत्ताओ, तं जहा- एगत्ताणुपेहा अणिच्चाणुपेहा असरणाणुपेहा संसाराणुपेहा । २४६. सुक्के झाणे चउव्विधे चउपडोयारे पन्नत्ते, तं जहा - पुहत्तवियक्के सवियारी, एगत्तवियक्के अवियारी, सुहुमकिरिए अनियट्ठी, समोछिन्नकिरिए अप्पड़िवाई । २४७. सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पन्नत्ता, तं जहा खंती मुत्ती अज्जवे, 6565XOX Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HO'C$$听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐听听听听听听乐听听听听听听听听听乐明明明玩乐乐乐乐%5C KOR9555FFFFFFFFFFF59 (५) भगवई सतं २५ उ-७-११ [३४३] 步步步步步五五五五五五五%B2CE मद्दवे । २४८. सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पन्नत्ता, तं जहा-अव्वहे असम्मोहे विवेगे विओसग्गे । २४९. सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुपेहाओ म पन्नत्ताओ, तं जहा-अणंतवत्तियाणुप्पेहा विप्परिणामाणुप्पेहा असुभाणुपेहा अवायाणुपेहा । सेत्तं झाणे।[सु. २५०-५५. विओसग्गअभिंतरतवभेय-पमेयपरूवणं २५०. से किं तं विओसग्गे ? विओसग्गे दुविधे पन्नत्ते, तं जहा-दव्वविओसग्गे य भावविओसग्गे य । २५१. से किं तं दव्वविओसग्गे? दव्वविओसग्गे चउविधे पन्नत्ते, तं जहा-गणविओसग्गे सरीरविओसग्गे उवधिविओसग्गे भत्त-पाणविओसग्गे । सेत्तं दव्वविओसग्गे। २५२. से किं तं भावविओसग्गे? भावविओसग्गे तिविहे पन्नत्ते, तं जहा-कसायविओसग्गे संसारविओसग्गे कम्मविओसग्गे । २५३. से किं तं कसायविओसग्गे? कसायविओसग्गे चउव्विधे पन्नत्ते, तं जहाकोहविओसग्गे माणविओसग्गे मायाविओसग्गे लोभविओसग्गे । सेत्तं कसायविओसग्गे । २५४. से किं तं संसारविओसग्गे ? संसारविओसग्गे चउव्विधे पन्नत्ते, तं जहा-नेरइयसंसारविओसग्गे जाव देवसंसारविओसग्गे । सेत्तं संसारविओसग्गे।२५५. से किं तं कम्मविओसग्गे ? कम्मविओसग्गे अट्ठविधे पन्नत्ते, तं जहाणाणावरणिज्जविओसग्गे जाव अंतराइयकम्मविओसग्गे । सेत्तं कम्मविओसग्गे । सेतं भावविओसग्गे । से तं अब्भितरए तवे । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिक। ॥२५ सते ७ उद्दे०॥ अट्ठमो उद्देसओ ओहे' *** [सु. १. अट्ठमुद्देसस्सुवुग्घाओ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी- [सु. २-१०. चउवीसइदंडएसु दिटुंतपुरस्सरं गइ-गइविसय-परभवियाउय-करण-गइपवत्तण-आयपरिड्डि-आयपरकम्म-आयपरप्पाओगे पडुच्च उववत्तिविहा-णपरूवणं] २. नेरतिया णं भंते ! कह उववज्जति ? गोयमा ! से जहाणामए पवए पवमाणे अज्झवसाणनिव्वत्तिएणं करणोवाएणं सेयकाले तं ठाणं विप्पजहित्ता पुरिमं ठाणं उवसंपज्जित्ताणं विहरति, 卐 एवामेव ते वि जीवा पवओ विव पवमाणा अज्झवसाणनिव्वत्तिएणं करणोवाएणं सेयकाले तं भवं विप्पजहिता पुरिमं भवं उवसंपज्जित्ताणं विहरति । ३. तेसि णं भंते ! जीवाणं कहं सीहा गती ? कहं सीहे गतिविसए पन्नत्ते ? गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे तरुणे बलवं एवं जहा चोद्दसमसए पढमुद्देसए (स०१४ उ०१ सु०६) जाव तिसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जति। तेसिणं जीवाणठ तहा सीहा गती, तहा सीहे गतिविसए पन्नत्ते। ४. ते णं भंते ! जीवा कहं परभवियाउयं पकरेति ? गोयमा ! अज्झवसाणजोगनिव्वत्तिएणं करणोवाएणं, एवं खलु ते जीवा परभवियाउयं पकरेति । ५. तेसि णं भंते ! जीवाणं कहं गती पवत्तइ ? गोयमा ! आउक्खएणं भवक्खएणं ठितिक्खएणं; एवं खलु तेसिं जीवाणं गती पवत्तति । ६. ते णं भंते ! जीवा किं आतिड्डीए उववज्जति, परिड्डीए उववज्जति ? गोयमा ! आतिड्डीए उववज्जति, नो परिड्डीए उववज्जति। ७. ते णं भंते ! जीवा किं आयकम्मुणा उववज्जति, परकम्मुणाउववज्जति ? गोयमा ! आयकम्मुणा उववज्जंति, नो परकम्मुणा उववज्जति । ८. ते णं भंते ! जीवा किं आयप्पयोगेणं उववज्जति, परप्पयोगेणं उववज्जति ? गोयमा ! आयप्पयोगेणं उववनंति, नो परप्पयोगेणं उववज्जति । ९. असुरकुमाराणं भंते ! कहं उववज्जति? जहा नेरतिया तहेव निरवसेसं जाव नो परप्पयोगेणं उववजति । १०. एवं एगिदियवज्जा जाव वेमाणिया। एगिदिया एवं चेव, नवं चउसमइओ विग्गहो । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति।★★★|पंचवीइमे सए अट्ठमो।। नवमो उद्देसओ 'भविए'★★★[ सु. १. भवसिद्धिएसु चउवीसइदंडएसु अट्ठमुद्देसवत्तव्वयापरूवणं]१. भवसिद्धियनेरइया णं भंते ! कहं उववज्जति ? गोयमा ! से जहा-नामए पवए पवमाणे०, अवसेसं तं चेव जाव वेमाणिए । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० २ ५ सते ९ उद्देसओ।। दसमो उद्दसओ 'अभविए'***[सु. १. अभवसिद्धिएसु चउवीसइदंडएसु अट्ठमुद्देसवत्तव्वयापररूवणं ] १. अभवसिद्धियनेरइया णं भंते ! कहं उववज्जति ? गोयमा ! से जहा-नामए पवए पवमाणे०, अवसेसं तं चेव एवं 5 जाव वेमाणिए । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति । ॥२५.१०|| **एगारसमो उद्देसओ 'सम्म'*** [सु. १-२. सम्मद्दिट्ठिएसु चउवीसइदंडएसु + अट्ठमुद्देसवत्तव्वयापरूवणं] १. सम्मदिट्ठिनेरइया णं भंते ! कह उववज्जति ? गोयमा ! से जहानामए पवए पवमाणे०, अवसेसं तं चेव । २. एवं एगिदियवज्जं जाव वेमाणिया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ॥२५.११॥★★★ बारसमो उद्देसओ 'मिच्छे'★★★ [सु. १-२. मिच्छदिट्ठिएसु चउवीसइदंडएसुल US$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐听听听听听听听听听FC Mero55555555555555555555555श्री आगमगुणमजूषा - ५५८5 5 5555555555555555 Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 听听听听听听听 AGR9555555555$$$$5 (५) भगवई शतक २५ उ-११-१२ / शतक २६ उ . १ ३४४] _555555555555555For अट्ठमुद्देसवत्तव्वयापरूवणं] १. मिच्छादिट्ठिनेरइया णं भंते ! कहं उववज्जति ? गोयमा ! से जहानामए पवए पवमाणे०, अवसेसं तं चेव । २. एवं जाव वेमाणिए।। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति । ॥२५ सते १२|| पंचवीसतिमं सतं समत्त।।२५॥ छव्वीसइम सयम-बंधिसयं सु. १. छव्वीसइमसयस्स मंगलं] १. नमो सुयदेवयाए भगवतीए। सु. २. छव्वीसइमसयगयएक्कारसुद्देसगाणं एक्कारसठाणपरूवणं ]२. जीवा १ य लेस २ पक्खिय ३ दिट्ठी ४ अन्नाण ५ नाण ६ सन्नाओ ७ । वेय ८ कसाए ९ उवयोग १० योग ११ एक्कारस वि ठाणा ||१||★★★पढमो उद्देसओ [सु. ३. पढमुद्देसस्सुवुग्धाओ३. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासी- [सु. ४. पढमं ठाणं-जीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं] ४. जीवे णं भंते ! पावं कम्म किं बंधी, बंधति, बंधिस्सति; बंधी, बंधति, न बंधिस्सति; बंधी, न बंधति, बंधिस्सति; बंधी, न बंधति, न बंधिस्सति ? गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, बंधति. बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, बंधति, न बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, बंधिस्सइ, अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, न बंधिस्सति । सु. ५-९. बिइयं ठाणं-सलेस्समलेस्सं जीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं ] ५. सलेस्से णं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी, बंधति, बंधिस्सति; बंधी, बंधति, न बंधिस्सति० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, बंधति, बंधिस्सति; अत्थेगतिए०, चउभंगो। ६. कण्हलेस्से णं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी, पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, बंधति, बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, बंधति, न बंधिस्सति । ७. एवं जाव पम्हलेस्से । सव्वत्थ पढम-बितिया भंगा। ८. सुक्कलेस्से जहा सलेस्से तहेव चउभंगो। ९. अलेस्से णं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा। गोयमा! बंधी, न बंधति, न बंधिस्सति। [सु. १०-११. तइयं ठाणं-कण्हसुक्कपक्खियजीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं] १०. कण्हपक्खिए णं भंते ! जीवे पावं कम्मं० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, पढम-बितिया भंगा। ११. सुक्कपक्खिए णं भंते ! जीवे० पुच्छा । गोयमा ! चउभंगो भाणियव्वो। [सु. १२-१४. चउत्थं ठाणं-सम्मद्दिट्ठि-मिच्छद्दिट्ठि-सम्मामिच्छद्दिट्ठिजीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं ] १२. सम्माद्दिट्ठीणं चत्तारि भंगा। १३. मिच्छाद्दिट्ठीणं पढम-बितिया। १४. सम्मामिच्छद्दिट्ठीणं एवं चेव । [सु. १५-१७. छठें ठाणंनाणिणं जीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं]१५. नाणीणं चत्तारि भंगा। १६. आभिणिबोहियनाणीणं जाव मणपज्जवणाणीणं चत्तारि भंगा। १७. केवलनाणीणं चरिमो भंगो जहा अलेस्साणं [सु. १८-१९. पंचमं ठाणं- अन्नाणिणं जीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं] १८. अन्नाणीणं पढम-बितिया। १९. एवं मतिअन्नाणीणं, सुयअन्नाणीणं, विभंगनाणीण वि। [ सु. २०-२१. सत्तमं ठाणं-आहाराइसन्नोवउत्तं जीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं ] २०. आहारसन्नोवउत्ताणं जाव परिग्गहसण्णोवउत्ताणं पढम-बितिया । २१. नोसण्णोवउत्ताणं चत्तारि। [सु. २२-२३. अट्ठमं ठाणं-सवेयग-अवेयगजीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं] २२. सवेयगाणं पढम-बितिया । एवं इत्थिवेयग-पुरिसवेयग-नपुंसगवेद-गाण वि। २३. अवेयगाणं चत्तारि। [सु. २४-२८. पवमं ठाणं-सकसायि-अकसायिजीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं ] २४. सकसाईणं चत्तारि । २५. कोहकसायीणं पढम-बितिया । २६. एवं माणकसायिस्स वि, मायाकसायिस्स वि । २७.. लोभकसायिस्स चत्तारि भंगा । २८. अकसायी णं भंते ! जीवे पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, बंधिस्सति । अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, न बंधिस्सति। [सु. २९-३१. एक्कारसमं ठाणं-सजोगि-अजोगिजीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं ] २९. सजोगिस्स चउभंगो । ३०. एवं मणजोगिस्स वि, वइजोगिस्स वि, कायजोगिस्स वि।३१. अजोगिस्स चरिमो। [सु. ३२-३३. दसमं ठाणं-सागार-आणागारोवउत्तं जीवं पडुच्च पावकम्मबंधपरूवणं] ३२. सागारोवउत्ते चत्तारि। ३३. अणागारोवउत्ते वि चत्तारि भंगा। [सु. ३४-४३. चउवीसइदंडएसु चउत्थाइतेत्तीसइमसुत्तंतग्गय-एक्कारसठाणपरूवणं] ३४. , नेरतिए णं भंते ! पावं कम्मं किं बंधी, बंधति, बंधिस्सति० ? गोयमा! अत्थेगतिए बंधी ? पढम-बितिया। ३५. सलेस्से णं भंते ! नेरतिए पावं कम्मं ? एवं चेव। ३६. TO:0555555555555555555555555555555555555555555555556230 SEducation International 2010_03 For Private & Personal use only www.jainelibrary.ond Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई शर्त २६ उ १ [ ३४५] फफफफफफफफ एवं कण्हलेस्से वि, नीललेस्से वि, काउलेस्से वि । ३७. एवं कण्हपक्खिए, सुक्कपक्खिए, सम्मद्दिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी; नाणी, आभिणिबोहियनाणी, सुयनाणी, ओहिनाणी; अन्नाणी, मतिअन्नाणी, सुयअन्नाणी, विभंगनाणी; आहारसन्नोवउत्ते जाव परिग्गहसन्नोवउत्ते; सवेयए, नपुंसकवेयए सकसायी जाव लोभकसायी; सजोगी, मणजोगी, वइजोगी, कायजोगी, सागारोवउत्ते अणागारोवउत्ते। एएसु सव्वेसु पएसु पढम-बितिया भंगा भाणियव्वा । ३८. एवं असुरकुमारस्स विवत्तव्वया भाणियव्वा, नवरं तेउलेस्सा, इत्थिवेयग- पुरिसवेयगा य अब्भहिया, नपुंसगवेयगा न भण्णंति । सेसं तं चैव सव्वत्थ पढम-बितिया भंगा । ३९. एवं जाव थणियकुमारस्स । ४०. एवं पुढविकाइयस्स वि आउकाइयस्स वि जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियस्स वि, सव्वत्थ वि पढम-बितिया भंगा। नवरं जस्स जा लेस्सा, दिट्ठी, नाणं, अन्नाणं, वेदो, जोगो य, जं जस्स अत्थि तं तस्स भाणियव्वं । सेसं तहेव । ४१. मणूसस्स जच्चेव जीवपए वत्तव्वया सच्चेव निरवसेसा भावा । ४२. वाणमंतरस्स जहा असुरकुमारस्स । ४३. जोतिसिय-वेमाणियस्स एवं चेव, नवरं लेस्साओ जाणियव्वाओ, सेसं तहेव भाणियव्वं । [सु. ४४४५. जीव- चउवीसइदंडएसु नाणावरणिज्न- दंसणावरणाइं पडुच्च चउत्थाइतेत्तीसइमसुत्तंतग्गयएक्कारसठाणपरूवणं ] ४४. जीवे णं भंते! नाणावरणिज्जं कम्मं किं बंधी, बंधति, बंधिस्सति० ? एवं जहेव पावस्स कम्मस्स वत्तव्वया भणिया तहेव नाणावरणिज्जस्स वि भाणियव्वा, नवरं जीवपए मणुस्सपए य सकसायिम्मि जाव लोभकसाइम्मि य पढम-बितिया भंगा। अवसेसं तं चेव जाव वेमाणिए । ४५. एवं दरिसणावरणिज्जेण वि दंडगो भाणियव्वो निरवसेसं ॥ [ सु. ४६-६१. जीवचउवीसइदंडएसु वेदणिज्जं पडुच्च चउत्थाइतेत्तीसइमसुत्तंतग्गयएक्कारसठाणपरूवणं ] ४६. जीवे णं भंते ! वेयणिज्जं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, बंधति, बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, बंधति, न बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, न बंधिस्सति । ४७. सलेस्से वि एवं चेव ततियविहूणा भंगा । ४८. कण्हलेस्से जाव पम्हलेस्से पढम- बितिया भंगा। ४९. सुक्कलेस्से ततियविहूणा भंगा । ५०. अलेस्से चरिमो । ५१. कण्हपक्खिए पढम- बितिया । ५२. सुक्कपक्खिए ततियविहूणा । ५३. एवं सम्मद्दिट्ठिस्स वि । ५४. मिच्छद्दिट्ठिस्स सम्मामिच्छादिट्टिस्स य पढम-बितिया । ५५. णाणिस्स ततियविहूणा । ५६. आभिनिबोहियनाणी जाव मणपज्जवनाणी पढम- बितिया । ५७. केवलनाणी ततियविहूणा । ५८. एवं नोसन्नोवउत्ते, अवेदए, अकसायी, सागरोवउत्ते, अणागारोवउत्ते, एएसु ततियविहूणा । ५९. अजोगिम्मि य चरिमो । ६०. . सेसेसु पढम-बितिया । ६१. नेरइए णं भंते ! वेयणिज्जं कम्मं किं बंधी, बंधइ० १ एवं नेरइयाइया जाव वेमाणिय त्ति, जस्स जं अत्थ । सव्वत्थ वि पढ - बितिया, नवरं मणुस्से जहा जीवे । [सु. ६२. जीव- चउवीसइदंडएसु मोहणिज्जं पडुच्च चउत्थाइतेत्तीसइमसुत्तंतग्गयएक्कारसठाणपरूवणं] ६२. जीवे णं भंते ! मोहणिज्जं कम्मं किं बंधी, बंधति० ? जहेव पावं कम्मं तहेव मोहणिज्जं पि निरवसेसं जाव वेमाणिए । [ सु. ६३-८७. जीव- चउवीसइदंडएसु आउयकम्मं पडुच्च चउत्थाइतेत्तीसइमसुत्तंतग्गयएक्कारसठाणपरूवणं ] ६३. जीवे णं भंते! आउयं कम्मं किं बंधी बंधति० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी ० चउभंगो । ६४. सलेस्से जाव सुक्कलेस्से चत्तारि भंगा । ६५. अलेस्से चरिमो । ६६. कण्हपक्खिए णं० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, बंधति, बंधिस्सति । अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, बंधिस्सति । ६७. सुक्कपक्खिए सम्मद्दिट्ठी मिच्छादिट्ठी चत्तारि भंगा। ६८. सम्ममिच्छादिट्ठी० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, न बंधिस्सति । ६९. नाणी जाव ओहिनाणी चत्तारि भंगा। ७०. मणपज्जवनाणी० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, बंधति, बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, न बंधिस्सति । ७१. केवलनाणे चरिमो भंगो । ७२. एवं एएणं कमेणं नोसन्नोवउत्ते बितियविहूणा जहेव मणपज्जवनाणे । ७३. अवेयए अकसाई य ततिय चउत्था जहेव सम्मामिच्छत्ते । ७४. अजोगिम्मि चरिमो । ७५. सेसेसु पएसु चत्तारि भंगा जाव अणागारोवउत्ते । ७६. नेरतिए णं भंते! आउयं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए० चत्तारि भंगा। एवं सव्वत्थ वि नेरइयाणं चत्तारि भंगा, नवरं कण्हलेस्से कण्हपक्खिए य पढम ततिया भंगा, सम्मामिच्छत्ते ततिय चउत्था । ७७. असुरकुमारे एवं चेव, नवरं कण्हलेस्से वि चत्तारि भंगा भाणियव्वा । सेसं जहा नेरतियाणं । ७८. एवं जाव थरियकुमाराणं । ७९. पुढविकाइयाणं सव्वत्थ वि चत्तारि भंगा, नवरं कण्हपक्खिए पढम-ततिया भंगा। ८०. MOTOR श्री आगमगुणमंजूषा - ५६० 2 Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FORG55555555555555 (५) भगवई शत २६ उ.१.२.३.४.५.६ (३४६] 55555555555%ssexey AC%听听听听听听听听听听听听听听听听听听国乐听听听听听听听 $乐明明明明明明明明 明明明明明明明明明 र तेउलेस्स० पुच्छा । गोयमा ! बंधी, न बंधति, बंधिस्सति । ८१. सेसेसु सव्वेसु चत्तारि भंगा । ८२. एवं आउकाइय-वणस्सइकाइयाण वि निरवसेस । ८३.८ तेउकाइय-वाउकाइयाणं सव्वत्थ वि पढम-ततिया भंगा। ८४. बेइंदिय-तेइंदिय-चउरिदियाणं पिसव्वत्थ वि पढम-ततिया भंगा, नवरं सम्मत्तेनाणे आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे ततियो भंगो। ८५. पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हपक्खिए पढम-ततिया भंगा। सम्मामिच्छत्ते ततिय-चउत्था भंगा। सम्मत्ते नाणे आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे ओहिनाणे, एएसु पंचसु विपएसु बितियविहूणा भंगा। सेसेसुचत्तारि भंगा। ८६. मणुस्साणं जहा जीवाणं, नवरं सम्मत्ते, ओहिए नाणे, आभिनिबोहियनाणे, सुयनाणे, ओहिनाणे, एएसु बितियविहूणा भंगा; सेसं तं चेव । ८७. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। [सु. ८८. जीव-चउवीसइदंडएसुनाम-गोयअंतराइयकम्माइं पडुच्च चउत्थाइतेत्तीसइमसुत्तंतग्गयएक्कारसठाणपरूवणं ] ८८. नामं गोयं अंतरायं च एयाणि जहा नाणावरणिज्ज । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरति ।★★★||बंधिसयस्स पढमो उद्देसओ॥२६.१॥ बीओ उद्देसओ सु. १-९ अणंतरोक्वन्नएसु चउवीसइदंडएसुपावकम्मबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिट्ठिएक्कारसठाणपरूवणं] १. अणंतरोववन्नए णं भंते ! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा तहेव । गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, पढम-बितिया भंगा। २. सलेस्सेणं भंते ! अणंतरोववन्नए नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा। गोयमा ! पढम-बितिया भंगा, नवरं कण्हपक्खिए ततिओ। ३. एवं सव्वत्थ पढम-बितिया भंगा, नवरं सम्मामिच्छत्तं मणजोगो वइजोगो य न पुच्छिज्जइ । ४. एवं जाव थणियकुमाराणं । ५. बेइंदिय-तेइंदिय-चउरिदियाणं वइजोगो न भण्णति । ६. पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं पि सम्मामिच्छत्तं ओहिनाणं विभंगनाणं मणजोगो वइजोगो, एयाणि पंच ण भण्णंति । ७. मणुस्साणं अलेस्स-सम्मामिच्छत्तमणपज्जवनाण-केवलनाण-विभंगनाण-नोसण्णोवउत्त-अवेयग-अकसायि-मणजोग-वइजोग-अजोगि, एयाणि एक्कारस पयाणि ण भण्णंति । ८. वाणमंतरजोतिसिय-वेमाणियाणं जहा नेरतियाणं तहेव तिण्णि न भण्णंति । सव्वेसिं जाणि सेसाणि ठाणाणि सव्वत्थ पढम-बितिया भंगा। ९. एगिदियाणं सव्वत्थ पढमबितिया भंगा। [सु. १०-१६. अणंतरोववन्नएसु चउवीसइदंडएसु नाणावरणाइकम्मट्ठगबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्ठएक्कारसठाणपरूवणं ] १०. जहा पावे एवं नाणावरणिज्जेण वि दंडओ। ११. एवं आउयवज्जेसु जाव अंतराइए दंडओ। १२. अणंतरोववन्नए णं भंते ! नेरतिए आउयं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! बंधी, न बंधति, बंधिस्सति । १३. सलेस्से णं भंते ! अणंतरोववन्नए नेरतिए आउयं कम्मं किं बंधी० ? एवं चेव ततिओ भंगो। १४. एवं जाव अणागारोवउत्ते । सव्वत्थ विततिओ भंगो।१५. एवं मणुस्सवजं जाव वेमाणियाणं । १६. मणुस्साणं सव्वत्थ ततिय-चउत्था भंगा, नवरं कण्हपक्खिएसु ततिओ भंगो। सव्वेसिंनाणत्ताई ताई चेव । सेवं भंते । सेवं भंते । त्ति०। ।। बंधिसयस्स बितिओ।।२६.२|| ततिओ उद्देसओ XXX [सु. १-२. परंपरोववन्नएसु चउवीसइदंडएसु पावकम्मबंध नाणावरणिज्जाइकम्मट्ठगबंधं च पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्टएक्कारसठाणपरूवणं ] १. परंपरोववन्नए णं भंते ! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए०, पढम-बितिया। २. एवं जहेव पढमो उद्देसओ तहेव परंपरोववन्नएहि वि उद्देसओ भाणियव्वो नेरझ्याइओतहेव नवदंडसंगहितो। अट्ठण्ह वि कम्मपगडीणं जा जस्स कम्मस्स वत्तव्वया सा तस्स अहीणमतिरित्ता नेयव्वा जाव वेमाणिया अणागारोवउत्ता । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिक । ॥२६.३॥★★★चउत्थो उद्देसओ★★★ [ सु. १. अणंतरोगाढएसु चउवीसइदंडएसु पावकम्माइबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्टएक्कारसठाणपरूवणं] १. अणंतरोगाढए णं भंते ! नेरतिए म पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए०, एवं जहेव अणंतरोववन्नएहिं नवदंडसंगहितो उद्देसो भणितो तहेव अणंतरोगाढएहि वि अहीणमतिरित्तो भाणियव्वो नेरइयाईए जाव वेमाणिए । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।२६.४|| पंचमो उद्देसओ XXX[सु. १. परंपरोगाढएसु चउविसइदंडएसु पावकम्माइबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिट्ठिएक्कारसठाणपरूवणं ] १. परंपरोगाढए णं भंते ! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी० ? जहेव परंपरोववन्नएहिं उद्देसो सो चेव निरवसेसो भाणियव्वो । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।२६ सते ५ उद्दे०||*** छ8ो उद्देसओ [सु. १. अणंतराहारएसु चउवीसइदंडएसु Prero FFFFFFFFFFFFFFFFFFFF5श्री आगमगुणमंजूषा - ५६१55555555555FFFFFFFFFFFFFFF FOTO 名乐乐乐乐乐乐乐乐蛋蛋乐乐乐乐$$$$$$$$明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सतं २६ उ ७-११ [३४७] पावकम्माइबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्ठएक्कारसठाणपरूवणं ] १. अर्णतराहारए णं भंते! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी ० पुच्छा। एवं जहेव अणंतरोववन्नएहिं उद्देसो तहेव निरवसेसं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० | २६.६ ॥ ★★★ सत्तमो उद्देसओ ★★★ [ सु. १. परंपराहारएसु चउवीसइदंडएसु पावकम्माइबंधं डु पढमुद्देसनिद्दिट्ठएक्कारसठाणपरूवणं ] १. परंपराहारए णं भंते! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! एवं जहेव परंपरोववन्नएहिं उद्देसो तहेव निरवसेसो भाणियव्वो । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ।। २६.७ ★★★ अट्टमो उद्देसओ ★★★ सु. १. अणंत्तरपज्जत्तएसु चउवीसइदंडएस पावकम्माइबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्ठएक्कारसठाणपरूवणं ] १. अणंतरपज्जत्तए णं भंते ! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! एवं जहेव अणंतरोववन्नएहिं उद्दे निरवसेसं । सेवं भंते! सेवं भंते ! ति० | ॥२६.८ ||★★★ नवमो उद्देसओ ★★★ [सु. १. परंपरपज्जत्तएसु चउवीसइदंडएस पावकम्माइबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्ठएक्कारसठाणपरूवणं ] १. परंपरपज्जत्तए णं भंते! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी ० पुच्छा । गोयमा ! एवं जहेव परंपरोववन्नएहिं उद्देसो तहेव निरवसेसो भाणियव्वो । सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरइ | || २६.९ ||★★★ दसमो उद्देसओ ★★★ [सु. १. चरिमेसु चउवीसइदंडएस पावकम्माइबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्ठएक्कारसठाणपरूवणं ] १. चरिमे णं भंते! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! एवं जहेव परंपरोववन्नएहिं उद्देसो तहेव चरिमेहि वि निरवसेसं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति । ॥ २६.१० ॥ एगारसमो उद्देसओ ★★★ सु. १-४ अचरिमेसु चउवीसइदंडएस पावकम्मबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्ठएक्कारसठाणपरूवणं ] १. अचरिमे णं भंते! नेरतिए पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगइए०, एवं जहेव पढमुद्देसए तहेव पढम-बितिया भंगा भाणियव्वा सव्वत्थ जाव पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं । २. अचरिमे णं भंते ! मणुस्से पावं कम्मं किं बंधी० पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, बंधति, बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, बंधति, न बंधिस्सति; अत्थेगतिए बंधी, न बंधति, बंधिस्सति । ३. सलेस्से णं भंते ! अचरिमे मणुस्से पावं कम्मं किं बंधी० ? एवं चेव तिन्नि भंगा चरिमविहूणा भाणियव्वा एवं जहेव पढमुद्देसए, नवरं जेसु तत्थ वीससु पदेसु चत्तारि भंगा तेसु इहं आदिल्ला तिन्नि भंगा भाणियव्वा चरिमभंगवज्जा; अलेस्से केवलनाणी य अजोगी य, एए तिन्नि वि न पुच्छिज्जति । सेसं तहेव । ४. वाणमंतर जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरतिए । [सु. ५-१९. अचरिमेसु चवीसइदंडएस नाणावाइकम्मट्ठगबंधं पडुच्च पढमुद्देसनिद्दिट्ठएक्कारसठाणपरूवणं ] ५. अचरिमे णं भंते! नेरइए नाणावरणिज्जं कम्मं किं बंधी ० पुच्छा। गोयमा ! एवं जव पावं, नवरं मणुस्सेसु सकसाईसु लोभकसायीसु य पढम- बितिया भंगा, सेसा अट्ठारस चरिमविहूणा । ६. सेसं तहेव जाव वेमाणियाणं । ७. दरिसणावरणिज्जं पि एवं चेव निरवसेसं । ८. वेदणिज्जे सव्वत्थ वि पढम-बितिया भंगा जाव वेमाणियाणं, नवरं मणुस्सेसु अलेस्से केवली अजोगी य नत्थि । ९. अचरिमे णं भंते ! नेरइए मोहणिज्जं कम्मं किं बंधी० पुच्छा। गोयमा ! जहेव पावं तहेव निरवसेसं जाव वेमाणिए । १०. अचरिमे णं भंते! नेरतिए आउयं कम्मं किं बंधी ० पुच्छा । गोयमा ! पढम-ततिया भंगा ! ११. एवं सव्वपएस वि नेरइयाणं पढम-ततिया भंगा, नवरं सम्मामिच्छत्ते तइयो भंगो । १२. एवं जाव थणियकुमाराणं । १३. पुढविकाइयआउकाइय-वणस्सइकाइयाणं तेउलेसाए ततियो भंगो । सेसपएसु सव्वत्थ पढम-ततिया भंगा। १४. तेउकाइय- वाउकाइयाणं सव्वत्थ पढम-ततिया भंगा । १५. बेइंदिय-तेइंदिय-चतुरिंदियाणं एवं चेव, नवरं सम्मत्ते ओहिनाणे आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे, एएसु चउसु वि ठाणेसु ततियो भंगो ! १६. पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं सम्मामिच्छत्ते ततियो भंगो। सेसपएसु सव्वत्थ पढम-ततिया भंगा ! १७. मणुस्साणं सम्मामिच्छत्ते अवेयए अकसायिम्मि य ततियो भंगो, अलेस्स केवलनाण अजोगी य न पुच्छिज्जंति, सेसपएस सव्वत्थ पढम-ततिया भंगा । १८. वाणमंतर जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरतिया । १९. नामं गोयं अंतराइयं च जहेव नाणावरणिज्जं तहेव निरवसेसं । सेवं भंते! सेवं भंते ! जाव विहरति । ।। २६.११ उद्दे० ॥ ५॥ बंधिसयं समत्तं || २६ || सत्तावीसइमं सयं करिंसंगसयं पढमादिएक्कारसउद्देसगा [ सु. १ २. छव्वीसइमसयवत्तव्वयाणुसारेण पावकम्म-नाणावरणिज्जइकम्मट्ठगकरणपरूवणं] १. जीवे णं भंते! पावं कम्मं - Mero श्री आगमगुणमंजूषा ५६२ ० 出版 Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सतं २७ / २८ / २९ उ. १ [ ३४८] फफफफफफफफफफ किं करिंसु, करेति, करिस्सति; करिंसु, करेति, न करेस्सति; करिंसु, न करेइ, करिस्सति, करिंसु, न करेइ, न करेस्सइ ? गोयमा ! अत्थेगतिए करिंसु, करेति, करिस्सति; अत्थेगतिए करिंसु, करेति, न करिस्सति; अत्थेगतिए करिंसु, न करेति, करेस्सति; अत्थेगतिए करिंसु, न करेति, न करेस्सति । २. सलेस्से णं भंते ! जीवे पावं कम्मं० ? एवं एएणं अभिलावेणं जच्चेव बंधिसते वत्तव्वया सच्चेव निरवसेसा भाणियव्वा, तह चेव नवदंडगसंगहिया एक्कारस उद्देसगा भाणितव्वा । ।।२७.१-११॥555 || करिंसगस्यं समत्तं ॥ २७ ॥ अट्ठावीसइमं सयं 555- कम्मसमज्जिणणसयं पढमो उद्देसओ [ सु. १-१०. छव्वीसइमसयनिद्दिट्ठएक्कारसठाणेहिं जीव- चउवीसइदंडएसु पावकम्म-कम्मट्ठगसमज्जिणणं पडुच्च परूवणं ] १. जीवा णं भंते! पावं कम्मं कहिं समज्जिणिसु ?, समारं ? गोया ! सव्वे वि ताव तिरिक्खजोणिएस होज्जा १, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएसु य होज्जा २, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य मणुस्सेसु य होज्जा ३, अहवा तिरिक्खजोणिएस य देवेसु य होज्जा ४, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएस य मणुस्सेसु य होज्जा ५, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएस य देवेसु य होज्जा ६, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य मणुस्सेसु य देवेसु य होज्जा ७, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएस य मणुस्सेसु य देवेसु य होज्जा ८ । २. सलेस्सा णं भंते! जीवा पावं कम्मं कहिं समज्जिणिसु ?, कहिं समायरिंसु ? एवं चेव । ३. कण्हलेस्सा जाव अलेस्सा । ४. कण्हपक्खिया, सुक्कपक्खिया एवं जाव अणागारोवउत्ता । ५. नेरतिया णं भंते! पावं कम्मं कहिं समज्निणिसु ?, कहिं समायरिंसु ? गोयमा ! सव्वे वि ताव तिरिक्खजोणिएसु होज्जा, एवं चेव अट्ठ भंगा भाणियव्वा । ६. एवं सव्वत्थ अट्ट भंगा जाव अणागारोवउत्ता ! ७. एवं जाव वेमाणियाणं ! ८. एवं नाणावरणिज्जेण वि दंडओ । ९. एवं जाव अंतराइएणं । १०. एवं एते जीवाईया वेमाणियपज्जवसाणा नव दंडगा भवंति । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति जाव विहरइ । ॥ २८.१ ।। बीओ उद्देसओ ★★★ [सु. १-४. अतरोववन्नएस चउवीसइदंडएसु छव्वीसइमसयबिइयउद्देसाणुसारेण पावकम्म कम्मट्ठगसमज्जिणणं पडुच्च परूवणं ] १. अणंतरोववन्नगा णं भंते! नेरइया पाव कम्मं कहिं समज्जिणिसु ?, कहिं समायरिंसु ? गोयमा ! सव्वे वि ताव तिरिक्खजोणिएस होज्जा । एवं एत्थ वि अट्ठ भंगा। २. एवं अणंतरोववन्नगाणं नेरइयाईणं जस्स जं अत्थि लेस्साईयं अणागारोवयोगपज्जवसाणं तं सव्वं एयाए भयणाए भाणियव्वं जाव वेमाणियाणं । नवरं अणंतरेसु जे परिहरियव्वा ते जहा बंधिसते तहा इहं पि । ३. एवं नाणावरणिज्जेण वि दंडओ । ४. एवं जाव अंतराइएणं निरवसेसं । एस वि नवदंडगसंगहिओ उद्देसओ भाणियव्वो । सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० ।। २८.२ ।। ★★★ तइयादिएगारसमपज्जंता उद्देसगा ★★★ [सु. १. छव्वीसइमसयतइयाइएक्कारसमुद्देसाणुसारेणं पावकम्म-कम्मट्ठगसमज्जिणणं पडुच्च परूवणं ] १. एवं एए कमेणं जव बंधिसते उद्देसगाणं परिवाडी तहेव इहं पि अट्ठसु भंगेसु नेयव्वा। नवरं जाणियव्वं जं जस्स अत्थि तं तस्स भाणियव्वं जाव अचरिमुद्देसो। सव्वे वि एए एक्कारस उद्देगा। सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति जाव विहरइ । ।। २८.३ ११॥ ॥कमसमज्जिणणसयं समत्तं ॥ २८ ॥ एगूणतीसइमं सयं कम्मपट्टवणसयं पढमो उद्देसओ ★★★ [सु. १-६. जीव- चउवीसइदंडएसु छव्वीसइमसयनिट्ठिएक्कारसठाणेहिं पावकम्म कम्मट्ठगाणं सम-विसमपट्ठवणनिवणाई पडुच्च परूवणं] १. (१) जीवा णं भंते! पावं कम्मं किं समायं पट्टविंसु, समायं निट्ठविंसु, समायं पट्टविंसु, विसमायं निद्वविंसु; विसमायं पट्टविंसु, समाय निविंसु विसमायं पट्टविसु, विसमायं निट्ठविंसु ? गोयमा ! अत्येगइया समायं पट्टविंसु, समायं निट्टविंसु जाव अत्थेगतिया विसमायं पट्टविंसु, विसमायं निविंसु । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ- अत्थेगइया समायं०, तं चेव । गोयमा ! जीवा चउव्विहा पन्नत्ता, तं जहा अत्थेगइया समाउया समोववन्नगा, अत्थेगइया समाउ विसमोववन्नगा, अत्थेगइया विसमाउया समोववन्नगा, अत्थेगइया विसमाउया विसमोववन्नगा । तत्थ णं जे ते समाउया समोववन्नगा ते णं पावं कम्म समायं पट्टवसु, समायं निविसु। तत्थ णं जे ते समाउया विसमोववन्नगा ते णं पावं कम्मं समायं पट्ठविंसु, विसमायं निट्टविंसु । तत्थ णं जे ते विसमाउया समोववन्नगा ते कम्मं विसमा पट्ठविंसु, समायं निट्ठविंसु । तत्थ णं जे ते विसमाउया विसमोववन्नगा ते णं पावं कम्मं विसमायं पट्ठविंसु, विसमायं निविंसु । सेतेणद्वेणं YOYO श्री आगमगुणमंजूषा - ५६३ Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई रातः २९ उ-१.२/ शतं ३० उ.१ (३४९] 655%%%%%%%%203 गोयमा !०, तं चेव । २. सलेस्सा णं भंते ! जीवा पावं कम्मं० ? एवं चेव । ३. एवं सव्वट्ठाणेसु वि जाव अणागारोवउत्ता, एते सव्वे वि पया एयाए वत्तव्वयाए क भाणितव्वा। ४. नेरइयाणं भंते ! पावं कम्मं किं समायं पट्ठविंसु, समायं निट्ठविसु० पुच्छा। गोयमा ! अत्यंगझ्या समायं पट्ठविंसु०, एवं जहेव जीवाणं तहेव भाणितव्वं जाव अणागारोवउत्ता। ५. एवं जाव वेमाणियाणं । जस्स जं अस्थि तं एएणं चेव कमेणं भाणियध्वं । ६. जहा पावेण दंडओ, एएणं कमेणं अट्ठसु वि कम्मप्पगडीसु अट्ठ दंडगा भाणियव्वा जीवाइया वेमाणियपज्जवसाणा । एसो नवदंडगसंगहिओ पढमो उद्देसओ भाणियव्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।।२९.१||★★★ बीओ उद्देसओ ★★★ सु. १-७. अणतरोववन्नएसु चउवीसइदंडएसु छव्वीसइमसयनिद्दिठ्ठ-एक्कारसठाणेहिं पावकम्म-कम्मट्ठगाणं सम-विसमपट्ठवण-निट्ठवणाई पडुच्च परूवणं ]१. (१) अणंतरोववन्नगाणं भंते ! नेरतिया पावं कम्मं किं समायं पट्ठविंसु, समायं निट्ठविंसु० पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगइया समायं पठ्ठविंसु, समायं निट्ठविंसु, अत्थेगइया समायं पट्ठविंसु, विसमायं निट्ठविंसु। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ-अत्थेगइया समायं पट्ठविंसु० तं चेव । गोयमा ! अणंतरोववन्नगा नेरतिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-अत्थेगइया समाउया समोववन्नगा, अत्थेगइया समाउया विसमोववन्नगा । तत्थ णं जे ते समाउया समोववन्नगा ते णं पावं कम्म समायं पठ्ठविंसु, समायं निट्ठविंसु । तत्थ णं जे ते समाउया विसमोववन्नगा ते णं पावं कम्मं समायं पट्टविंसु, विसमायं निट्ठविंसु । सेतेणद्वेण तं चेव । २. सलेस्सा कणं भंते ! अणंतरोववन्नगा नेरतिया पावं०? एवं चेव । ३. एवं जाव अणागारोवयुत्ता। ४. एवं असुरकुमारा वि । ५. एवं जाव वेमाणिया। नवरं जं जस्स अत्थितं तस्स भाणितव्वं । ६. एवं नाणावरणिज्जेण वि दंडओ। ७. एवं निरवसेसं जाव अंतराइएणं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ। ★★★ तइयाइएक्कारसमपज्जंता उद्देसगा *** [सु. १. छव्वीसइमसयतइयाइएक्कारसमुद्देसाणुसारेणं सम-विसमपट्ठवण-निट्ठवणाइं पडुच्च परूवणं ] १. एवं एतेणं गमएणं जच्चेव पंधिसए # उद्देसगपरिवाडी सच्चेव इह वि भाणियव्वा जाव अचरिमो त्ति । अणंतरउद्देसगाणं चउण्ह वि एक्का वत्तव्वया । सेसाणं सत्तण्हं एक्का । ।।२९.३है ११माकम्मपट्ठवणसयं समत्त।।२९॥ तीसइमं सयं -समवसरणसयं *** पढमो उद्देसओ ★★★ [सु. १. समोसरणस्स किरियावाइयाआइभेयचउक्कं ] १. कति णं भंते ! समोसरणा पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि समोसरणा पन्नत्ता, तं जहा-किरियावादी अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी। [सु. २-२१. जीवेसु एक्कारसठाणेहि किरियावाइआइसमोसरणपरूवणं ] २. जीवा णं भंते ! किं किरियावादी, अकिरियावादी, अन्नणियवादी, वेणइयवादी ? गोयमा ! जीवा किरियावादी वि, अकिरियावादी वि, अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि । ३. सलेस्सा णं भंते ! जीवा किं किरियावादी० पुच्छा। गोयमा ! किरियावादी वि जाव वेणइयवादी वि । ४. एवं जाव सुक्कलेस्सा। ५. अलेस्सा णं भंते ! जीवा० पुच्छा । गोयमा ! किरियावादी, नो अकिरियावादी, नो अन्नाणियवादी, नो वेणइयवादी । ६. कण्हपक्खिया णं भंते ! जीवा किं किरियावादी० पुच्छा । गोयमा ! नो किरियावादी, अकिरियावादी वि, अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि । ७. सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा। ८. सम्मट्ठिी जहा अलेस्सा । ९. मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया। १०. सम्मामिच्छाद्दिट्ठी णं० पुच्छा । गोयमा ! नो किरियावादी, नो अकिरियावादी, अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि । ११. णाणी जाव केवलनाणी जहा अलेस्सा । १२. अण्णाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया । १३. आहारसन्नोवउत्ता जाव परिग्गहसण्णोवउत्ता जहा सलेस्सा। १४. नोसण्णोवउत्ता जहा अलेस्सा। १५. सवेयगा जाव नपुंसगवेयगा जहा सलेस्सा। १६. अवेयगा जहा अलेस्सा। १७. सकसायी जाव लोभकसायी जहा सलेस्सा । १८. अकसायी जहा अलेस्सा। १९. सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा । २०. अजोगी जहा अलेस्सा । २१. सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता य जहा सलेस्सा। [सु. २२-३२. चउवीसइदंडएसु एक्कारसठाणेहिं 9 किरियावाइआइसमोसरणपरूवणं ] २२. नेरइया णं भंते ! किं किरियावादी० पुच्छा । गोयमा ! किरियावादी वि जाव वेणइयवादी वि। २३. सलेस्सा णं भंते ! नेरइया 5 किं किरियावादी०? एवं चेव । २४४. एवं जाव काउलेस्सा।२५. कण्हपक्खिया किरियाविवज्जिया।२६. एवं एएणं कमेणं जहेव जच्चेव जीवाणं वत्तव्वया सच्चेव C明明明明明明明明明明明明明明明明明 $$$$$$$$$$$$$$$$$$ GNC加听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐听出所所明明明明明明明明明明玩乐听听听听听听乐乐2 (GainEducation international 2010-03 www.jainelibrary.co oro For Poste & Personal Use Only श्री आगमगणमंजूषा- ५६४५५ Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६६६६६६६६६६६ ४६ (५) स ३० उ. १ (330) ********11111 नेरइयाण वि जाव अणागारोवउत्ता, नवरं जं अत्थि तं भाणियव्वं, सेसं न भण्णति । २७. जहा नेरतिया एवं जाव थणियकुमारा । २८. पुढविकाइया णं भंते! किं किरियवादी० पुच्छा । गोयमा ! नो किरियावादी, अकिरियावादी वि, अन्नाणियवादी वि, नो वेणइयवादी । एवं पुढविकाइयाणं जं अत्थि तत्थ सव्वत्थ वि एयाई दो मज्झिल्लाइं समोसरणाई जाव अणागारोवउत्त त्ति । २९. एवं जाव चउरिदियाणं, सव्वट्ठाणेसु एयाई चेव मज्झिल्लगाई दो समोसरणाइं । सम्मत्त नाणेहि वि एयाणि चेव मज्झिल्लगाई दो समोसरणाई । ३०. पंचेदियतिरिक्खजोणिया जहा जीवा, नवं जं अत्थि तं भाणियव्वं । ३१. मणुस्स जहा जीवा तहेव निरवसेसं । ३२. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा । [ सु. ३३-६४. किरियावाइआइचउव्विहसमोसरणगएसु जीवेसु एक्कारसठाणेहिं आउयबंधपरूवणं ] ३३. (१) किरियावादी णं भंते! जीवा किं नेरतियाउयं पकरेति, तिरिक्खजोणियाउयं पकरेति, मणुस्साउयं पकरेति, देवाउयं पकरेति ? गोयमा ! नो नेरतियाउयं पकरोति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेति, मणुस्साउयं पि पकरेतिं, देवाउयं पिपकरेति । (२) जति देवाउयं पकरेतिं किं भवणवासिदेवाउयं पकरेंति, जाव वेमाणियदेवाउयं पकरेति ? गोयमा ! नो भवणवासिदेवाउयं पकरेति, नो वाणमंतरदेवाउयं पकरेति, नो जोतिसियदेवाउयं पकरेंति, वेमाणियदेवाउयं पकरेति । ३४. अकिरियावा णं भंते! जीवा किं नेरतियाउयं पकरेति, तिरिक्खजोणियाउयं० पुच्छा। गोयमा ! नेरइयाउयं पि पकरेति, जाव देवाउयं पिपकरेति । ३५. एवं अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि । ३६. सलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरतियाउयं पकरेति० पुच्छा । गोयमा ! नो नेरइयाउयं०, एवं जहेव जीवा सलेस्सा विचउहि विसमोसरणेहिं भाणियव्वा । ३७. कण्हलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेति० पुच्छा। गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेति, मणुस्साउयं पकरेंति, नो देवाउयं पकरेति । ३८. अकिरिया अन्नाणिय-वेणइयवादी चत्तारि वि आउयाइं पकरेति । ३९. एवं नीललेस्सा काउलेस्सा वि । ४०. (१) तेउलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेति० पुच्छा । गोयमा ! नो नेरतियाउयं पकरेति, नो तिरिक्खजोणि०, मणुस्सउयं पि पकरेति, देवाउयं पिपकरेति । (२) जइ देवाउयं पकरेति०, तहेव । ४१. तेउलेस्सा णं भंते ! जीवा अकिरियावादी किं नेरइयाउयं० पुच्छा । गोयमा ! नो नेरतियाउयं पकरेति, तिरिक्खजोणियाउयं पि पकरेति, मणुस्साउयं पि पकरेति, देवाउयं पि पकरेति । ४२. एवं अन्नाणियवाई वि, वेणइयवादी वि । ४३. जहा तेउलेस्सा एवं पम्हलेस्सा वि, सुक्कलेस्सा नेयव्वा । ४४. अलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं णेरतियाउयं० पुच्छा । गोयमा ! नो नेरतियाउयं पकरेति, नोतिरि०, नो मणु० नो देवाउयं पकरेति । ४५. कण्हपक्खिया णं भंते! जीवा अकिरियावाई किं नेरतियाउयं० पुच्छा। गोयमा ! नेरइयाउयं पिपकरेति, एवं चउव्विहं पि । ४६. एवं अण्णाणियवादी वि, वेणइयवादी वि । ४७. सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा। ४८. सम्मद्दिट्ठी णं भंते! जीवा किरियावाई किं नेरइयाउयं० पुच्छा। गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेति, नो तिरिक्खजोणियाउयं, मणुस्साउयं पिपकरेति, देवाउयं पिपकरेति । ४९. मिच्छाद्दिट्ठी जहा कण्हपक्खिया । ५०. सम्मामिच्छाद्दिट्ठी णं भंते! जीवा अन्नाणियवादी किं नेरइयाउयं० ? जहा अलेस्सा। ५१. एवं वेणइयवादी वि । ५२. णाणी, आभिणिबोहियनाणी व सुयनाणी य ओहिनाणी य जहा सम्मद्दिट्ठी । ५३. (१) मणपज्जवनाणी णं भंते !० पुच्छा। गोयमा ! नो नेरतियाउयं पकरेति, नो तिरिक्ख०, नो मणुस्स०, देवाउयं पकरेति । (२) जदि देवाउयं पकरेति किं भवणवासि० पुच्छा। गोयमा ! नो भवणवासिदेवाउयं पकरेति, नो वाणमंतर०, नो जोतिसिय०, वेमाणियदेवाउयं० । ५४. केवलनाणी जहा अलेस्सा । ५५. अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया । ५६. सन्नासु चउसु वि जहा सलेस्सा। ५७. नोसन्नोवउत्ता जहा मणपज्जवनाणी । ५८. सवेयगा जाव नपुंसगवेयगा जहा सलेस्सा। ५९. अवेयगा जहा अलेस्सा। ६०. सकसायी जाव लोभकसायी जलस्सा । ६१. अकसायी जहा अलेस्सा। ६२. जोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा । ६३. अजोगी जहा अलेस्सा । ६४. सागारोवउत्ता य अणागोरीवउत्ता य जहा सलेस्सा । [सु. ६५-९३. किरियावाइआइचउव्विहसमोसरणगय चउवी सइदंडएस एक्कारसठाणेहिं आउयबंधपरूवणं] ६५. किरियावाई णं भंतें ! नेरइयाउयं० पुच्छा। गोयमा ! नो नेरइयाउयं०, नो तिरिक्ख०, मणुस्साउयं पकरेति, नो देवाउयं पकरेति । ६६. अकिरियावाई णं भंते! नेरइया० पुच्छा। गोयमा ! नो नेरतियाउयं, तिरिक्खजोणियाउयं पि श्री आगमगुणमंजूषा - ५६५ Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 20虽听听听听听听听听听听听听听听听听听$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$听听C E ROR9$$$$$$$$$$ (५) भगवई रातं. ३० उ.१ [३५१] 历历历万万岁万岁万岁万岁万万岁开208 पकरेति, मणुस्साउयं पि पकरेति, नो देवाउयं पकरेति। ६७. एवं अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि। ६८. सलेस्सा णं भंते ! नेरतिया किरियावादी किं नेरइयाउयं०? म एवं सव्वे वि नेरइया जे किरियावादी ते मणुस्साउयं एगं पकाति, जे अकिरियावादी अण्णाणियवादी वेणइयवादी ते सव्वट्ठाणेसु नि नेरइयाउयं पकरेंति, तिरिक्खजोणियाउयं पि पकरेति, मणुस्साउयं पि पकरेंति, नो देवाउयं पकरेंति; नवरं सम्मामिच्छत्ते उवरिल्लहिं दोहि वि समोसरणेहिं न किंचि वि पकरेति जहेव जीवपदे। ६९. एवं जाव थणियकुमारा जहेव नेरतिया । ७०. अकिरियावाई णं भंते ! पुढविकाइया० पुच्छा । गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेति, तिरिक्खजोणियाउयं०, मणुस्साउयं०, नो देवाउयं पकरेति । ७१. एवं अन्नाणियवादी वि । ७२. सलेस्सा णं भंते !०, एवं जं जं पयं अत्थि पुडविकाइयाणं तहिं तहिं मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु एवं चेव दुविहं आउयं पकरेंति, नवरं तेउलेस्साए न किं पि पकरेंति । ७३. १ एवं आउक्काइयाण वि, वणस्सतिकाइयाण वि। २ तेउकाइया०, वाउकाइया०, सव्वट्ठाणेसु मज्झिकेसु दोसु समोसरणेसु नो नेरइयाउयं पक०, तिरिक्खजोणियाउयं पकाति, नो मणुयाउयं पकरेंति, नो देवाउयं पकरेति । ७४. बेइंदिय-तेइंदिय-चउरिदियाणं जहा पुढविकाइयाणं, नवरं सम्मत्तनाणेसु न एक्कं पि आउयं पकरेति । ७५. किरियावाई णं भंते ! पंचेदियतिरिक्खजोणिया कि नेरइयाउयं पकरेंति० पुच्छा । गोयमा ! जहा मणपज्जवनाणी । ७६. अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी य चउव्विंह पि पकरेति । ७७. जहा ओहिया तहा सलेस्सा वि। ७८. कण्हलेस्साणं भंते ! किरियावादी पंचिदियतिरिक्खजोणिया किं नेरझ्याउयं० पुच्छा। गोयमा ! नो नेरतियाउयं पकरेंति, नोतिरिक्खजोणियाउयं०, नो मणुस्साउयं०, नो देवाउयं पकरेंति । ७९. अकिरियावाई अन्नाणियवाई वेणइयवाई चउव्विहं पिपकरेंति । ८०. जहा कण्हलेस्सा एवं नीललेस्सा वि, काउलेस्सा वि। ८१. तेउलेस्सा जहा सलेस्सा, नवरं अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी य नो नेरइयाउयं पकरेति, तिरिक्खजोणियाउयं पि पकरेति, मणुस्साउयं पि पकरेंति, देवाउयं पि पकरेति । ८२. एवं पम्हलेस्सा वि, एवं सुक्कलेस्सा विभाणियव्वा । ८३. कण्हपक्खिया तिहिं समोसरणेहिं चउव्विहं पि आउयं पकरेंति । ८४. सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा। ८५. सम्मट्टिी जहा मणपज्जवनाणी तहेव वेमाणियाउयं पकरेति । ८६. मिच्छद्दिट्ठी जहा कण्हपक्खिया। ८७. सम्मामिच्छद्दिट्ठीण एक्कं पि पकरेंति जहेव नेरतिया। ८८. नाणी जाव ओहिनाणी जहा सम्मट्ठिी। ८९. अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया।९०. सेसा जाव अणागारोवउत्ता सव्वे जहा सलेस्सा तहेव भाणियव्वा । ९१. जहा पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं वत्तव्वया भणिया एवं मणुस्साण विभाणियव्वा, नवरं मणपज्जवनाणी नोसन्नोवउत्ता य जहा सम्मद्दिट्ठी तिरिक्खजोणिया तहेव भाणियव्वा । ९२. अलेस्सा, केवलनाणी, अवेदका, अकसायी, अजोगी य, एएन एगं पि आउयं पकारेति जहा ओहिया जीवा, सेसं तहेव । ९३. वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। [सु. ९४-१२५. किरियासाइआइचउव्विहसमोसरणगएसु जीव-चउवीसइदंडएसु एक्कारसठाणेहिं भवसिद्धियत्त-अभवसिद्धियत्तपरूवणं ] ९४. किरियावादी णं भंते ! जीवा किं भवसिद्धिया, अभवसिद्धिया ? गोयमा ! भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया। ९५. अकिरियावादी णं भंते ! जीवा किं भवसिद्धिया० पुच्छा। गोयमा! भवसिद्धिया वि, अभवसिद्धिया वि। ९६. एवं अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि। ९७. सलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावादी किं भव० पुच्छा। गोयमा ! भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया।९८. सलेस्सा णं भंते ! जीवा अकिरियावादी किं भव० पुच्छा। गोयमा ! भवसिद्धिया वि, अभवसिद्धिया वि । ९९. एवं अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि, जहा सलेस्सा। १००. एवं जाव सुक्कलेस्सा। १०१. अलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावादी किं भव० पुच्छा । गोयमा ! भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया।१०२. एवं एएणं अभिलावेणं कण्हपक्खिया तिसु वि समोसरणेसु भयणाए। १०३. सुक्कपक्खिया चतुसु वि समोसरणेसु भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया। १०४. सम्मदिट्ठी जहा अलेस्सा। १०५. मिच्छद्दिट्ठी जहा कण्हपक्खिया। १०६. सम्मामिच्छद्दिट्ठी दोसु वि समोसरणेसु जहा अलेस्सा । १०७. नाणी जाव केवलनाणी भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया। १०८. अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया। १०९. सण्णासु चउसु वि जहा सलेस्सा । ११०. नोसण्णोवउत्ता जहा सम्मद्दिट्ठी । १११. सवेयगा जाव नपुंसगवेयगा जहा सलेस्सा । ११२. अवेयगा जहा सम्मद्दिट्ठी। ११३.सकसायी जाव लोभकसायी जहा सलेस्सा। ११४. अकसायी जहा सम्मट्टिी।११५. सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा। ११६. Meroम श्री आगमगुणमंजूषा - ५६६ # # # #FORORS WOO乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听23 Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई शतं ३० उ-१-४ / ३१ उ. १ [३५२] ॐॐॐॐ 坂野 अजोगी जहा सम्मट्ठी । ११७. सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता जहा सलेस्सा। ११८. एवं नेरतिया वि भाणियव्वा, नवरं नायव्वं जं अत्थि । ११९. एवं असुरकुमारा वि जाव थणियकुमारा । १२०. पुढविकाइया सव्वद्वाणेसु वि मज्झिल्लेसु दोसु वि समोसरणेसु भवसिद्धिया वि, अभवसिद्धिया वि । १२१. एवं जाव वणस्सतिकाइय त्ति । १२२. बेइंदिय-तेइंदिय- चतुरिंदिया एवं चेव, नवरं सम्मत्ते, ओहिए नाणे, आभिणिबोहियनाणे, सुयनाणे, एएस चेव दोसु मज्झिमेसु समोसरणेसु भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया सेसं तं चेव । १२३. पंचेदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया, नवरं जं अत्थि । १२४. मणुस्सा जहा ओहिया जीवा । १२५. वाणमंतर जोतिसियया असुरकुमारा। सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति० । । ३०.१ ॥ ★★★ बीओ उद्देसओ ★★★ [सु. १४. अणंतरोववन्नयचउवीसइदंडएस एक्कारसठाणेहिं किरियावाइआइसमोसरणपरूवणं] १. अणंतरोववन्नगा णं भंते! नेरइया किं किरियावादी० पुच्छा। गोयमा ! किरियावाई वि जाव वेणइयवाई वि । २. सलेस्सा णं भंते! अणंतरोववन्नगा नेरतिया किं किरियावादी० ? एवं चेव । ३. एवं जहेव पढमुद्देसे नेरइयाणं वत्तव्वया तहेव इह वि भाणियव्वा, नवरं जं जस्स अत्थि अ॒प॑त॒रोववन्नगाणं नेरइयाणं तं तस्स भाणियव्वं । ४. एवं सव्वजीवाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं अणंतरोववन्नगाणं जहिं जं अत्थि जहिं तं भाणियव्वं ॥ [ सु. ५-१०. किरियावाइआइचउव्विहसमोसरणगएसु अणंतरोववन्नयचउवीसइदंडएस एक्कारसठाणेहिं आउयबंधनिसेहपरूवणं ] ५. किरियावाई णं भंते! अणंतरोववन्नगा नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेति० पुच्छा। गोयमा ! नो नेरतियाउयं पकरेति, नो तिरि०, नो मणु०, नो देवाउयं पकरेति । ६. एवं अकिरियावाई वि, अन्नाणियवाई वि, वेणइयवाई वि । ७. सलेस्सा णं भंते! किरियावाई अणंतरोववन्नगा नेरइया किं नेरइयाउयं० पुच्छा। गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेति, जाव नो देवाउयं पकरेति । ८. एवं जाव वेमाणिया । ९. एवं सव्वट्ठाणेसु वि अणंतरोववन्नगा नेरइया न किंचि वि आउयं पकरेति जाव अणागारोवउत्त त्ति । १०. एवं जाव वेमाणिया, नवरं जं जस्स अत्थितं तस्स भाणियव्वं । [ सु. ११-१६. किरियावाइ आइचउव्विहसमोसरणगएससु अणंतरोववन्नयच उवीसइदंडएस एक्कारसठाणेहिं भवसिद्धियत्तअभवसिद्धियत्तपरूवणं ] ११. किरियावाई णं भंते ! अणंतरोववन्नगा नेरइया किं भवसिद्धिया अभवसिद्धिया ? गोयमा ! भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया । १२. अकिरियावाई णं० पुच्छा । गोयमा ! भवसिद्धिया वि, अभवसिद्धिया वि । १३. एवं अन्नाणियवाई वि, वेणइयवाई वि । १४. सलेस्सा णं भंते ! किरियावाई अतरोववन्नगा नेइया किं भवसिद्धिया, अभवसिद्धिया ? गोयमा ! भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया । १५. एवं एएणं अभिलावेणं, नवरं जं जस्स अत्थि तं तस्स भाणितव्वं । इमं से लक्खणं-जे किरियावादी सुक्कपक्खिया सम्मामिच्छद्दिट्ठी य एए सब्वे भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया । सेसा सव्वे भवसिद्धिया वि, अभवसिद्धिया वि । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।। ३०.२ उद्दे० ॥ ★★★ तइओ उद्देसओ ★★★ [सु. १. परंपरोववन्नयचउवीसइदंडएसु एक्कारसठाणेहिं पढमुद्देसाणुसारेण परूवणनिद्देसो] १. परंपरोववन्नगा णं भंते! नेरइया किरियावादी० ? एवं जहेव ओहिओ उद्देसओ तहेव परंपरोववन्नएस वि नेरइवाईओ, तहेव निरवसेसं भारियव्वं, तहेव तियदंडसंगहिओ । सेवं भंते! सेवं भंते ! जाव विहरइ । ।। ३०.३।। ★ ★ ★ चउत्थाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा★★★ [सु. १. छब्वीदइमसयकमेण चउत्थाइएक्कारसमउद्देसाणं पढमुद्देसाणुसारेण परूवणनिद्देसो ] १. एवं एएणं कमेणं जच्चेव बंधिसए उद्देसगाणं परिवाडी सच्चेव इहं पि जाव अचरिमो उद्देसो, नवरं अणंतरा चत्तारि वि एक्कगमगा । परंपरा चत्तारि वि एक्कगमएणं । एवं चरिमा वि, अचरिमा वि एवं चेव, नवरं अलेस्सो केवली अजोगी य न भण्णति । सेसं तहेव । सेव भंते! सेवं भंते! ति० । एते एक्कारस उद्देसगा । || ३०.४-११ || || समवसरणसयं समत्तं ||३०|| एगतीसइमं सयं उववायसयं ★★★ पढमो उद्देसओ ★★★ [सु. १. पढमुद्देसर सुबुग्धाओ ] १. रायगिहे जाव एवं वयासी - [ सु. २. खुड्डजुम्मस्स भेयचउक्कं ] २. (१) कति णं भंते! खुड्डा जुम्मा पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि खुड्डा जुम्मा पत्ता तं जहा कडजुम्मे, तेयोए, दावरजुम्मे, कलियोए । (२) से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ - चत्तारि खुड्डा जुम्मा पन्नत्ता, तं जहा कडजुम्मे जाव कतियोगे ? गोगमा ! जेण रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए से तं खुड्डागकडजुम्मे। जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए श्री आगमगुणमंजूषा ५६७ Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 00555555555 (५) भगवई सतं ३१ उ - १-२-३-४ [३५३] %%%%%%%%%%%%% 2 TOYO$乐听听听听听听听听听听听听听听玩玩乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听FMON से तं खुड्डागतेयोगे। जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए से त्तं खुड्डागदावरजुम्मे। जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जसिए सेत्तं खुड्डागलियोगे। सितेणटेणं जाव कलियोगे।[ सु. ३-१४. चउव्विहखुड्डगजुम्मनेरइयाणं उववायं पडुच्च विविहा परूवणा] ३. खुड्डागकडजुम्मनेरइया ण भंते ! कओ उववज्जति ? किं नेरइएहितो उववज्जति, तिरिकख० पुच्छा । गोयमा ! नो नेरइएहिंतो उववज्जंति, एवं नेरतियाणं उववातो जहा वक्कंतीए तहा भाणितव्वो। ४. तेणं भंते ! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जति ? गोयमा ! चत्तारि वा, अट्ठ वा, बारस वा, सोलस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उववज्जति। ५. ते णं भंते ! ' जीवा कहं उववज्जति ? गोयमा ! से जहानामए पवए पवमाणे अज्झवसाण० एवं जहा पंचवीसतिमे सते अट्ठमुद्देसए नेरइयाणं वत्तव्वया तहेव इह वि भाणियव्वा (स०२५ उ०८ सु०२-८) जाव आयप्पयोगेण उववज्जति, नो परप्पयोगेण उववज्जंति। ६. रतणप्पभपुढविखुड्डाकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं जहा ओहियनेरइयाणं वत्तव्वया सच्चेव रयण्पभाए वि भाणियव्वा जाव नो परप्पयोगेणं उववज्जति । ७. एवं सक्करप्पभाए वि । ८. एवं जाव अहेसत्तमाए । एवं उववाओ जहा वक्कंतीए। असण्णी खलु पढमं दोच्चं च सरीरसवा ततिय पक्खी० गाहा (पण्णवणासुत्तं सु. ६४७-४८, गा० १८३-८४) ।एवं उववातेयव्वा । सेसं तहेव । ९. खुड्डातेयोगनेरतिया णं भंते ! कओ उववजंति ? किं नेरइएहिंतो०? उववातो जहा वक्वंतीए । १०. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जति ? गोयमा ! तिन्नि वा, सत्त वा, एक्करस वा, पन्नरस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उववज्जति । सेसं जहा कडजुम्मस्स । ११. एवं जाव अहेसत्तमाए । १२. खुड्डागदावरजुम्मनेरतिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं जहेव खुड्डाकडजुम्मे, नवरं परिमाणं दो वा, छ वा, दस वा, चोद्दस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा । सेसं तं चेव जाव अहेसत्तमाए। १३. खुड्डाकलियोगनेरतिया णं भंते ! कतो उववज्जति० ? एवं जहेव खुड्डाकडजुम्मे,नवरं परिमाणं एक्को वा, पंच वा, नव वा, तेरस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उववज्जति । सेसं तं चेव । १४. एवं जाव अहेसत्तमाए। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति । ॥३१ सते १ उद्दे०||*** बिइओ उद्देसओ *** [सु. १-९. चउव्विहखुड्डगजुम्मकण्हलेस्सनेरइयाणं उववायं पडुच्च विविहा परूवणा ] १. कण्हलेस्सखुड्डाकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति १० एवं चेव जहा ओहियगमो जाव नो परप्पयोगेण उववज्जति, नवरं उववातो जहा वक्तीए धूमप्पभापुढविनेरइयाणं । सेसं तं चेव । २. धूमप्पभपुढविकण्हलेस्सखुड्डाकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं चेव निरवसेसं । ३. एवं तमाए वि, अहेसत्तमाए वि, नवरं उववातो सव्वत्थ जहा वक्कंतीए। ४. कण्हलेस्सखुड्डागतेयागनेरझ्या णं भंते ! कओ उववज्जति १० एवं चेव, नवरं तिन्नि वा, सत्त वा, एक्कारस वा, पण्णरस वा, संखेज्ना वा, असंखेज्जा वा। सेसं तं चेव। ५. एवं जाव अहेसत्तमाए वि। ६. कण्हलेस्सखुड्डागदावरजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति १० एवं चेव, नवरं दो वा, छ वा, दस वा, चोद्दस वा । सेसं तं चेव । ७. एवं धूमप्पभाए वि जाव अहेसत्तमाए। ८. कण्हलेस्सखुड्डाकलियोगनेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति ?० एवं चेव, नवरं एक्को वा, पंच वा, नव वा, तेरस वा,संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा । सेसं तं चेव । ९. एवं धूमप्पभाए वि, तमाए वि, अहेसत्तमाए वि । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।॥३१. बितिओ।★★★तइओ उद्देसओ *** [सु. १-४. चउव्विहखुड्डगजुम्मनीललेस्सनेरइयाणं उववायं पडुच्च विविहा परूवणा] १. नीललेस्सखुड्डाकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववजति १० एवं जहेव कण्हलेस्सखुड्डाकडजुम्मा, नवरं उववातो जो वालुयप्पभाए। सेसं तं चेव। २. वालुयप्पभपुढविनीललेस्सखुड्डाकडजुम्मनेरइया०? एवं चेव । ३. एवं पंकप्पभाए वि, एवं धूमप्पभाए वि। ४. एवं चउसु वि जुम्मेसु, नवरं परिमारं जाणियव्वं, परिमाणं जहा कण्हलेस्सउद्देसए। सेसं तहेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ॥३१. ततिओ।चउत्थो उद्देसओ *** [सु. १-४. चउब्विहखुड्डगजुम्मकाउलेस्सनेरइयाणं उववायं पडुच्च विविहा परूवणा] १. काउलेस्सखुड्डाकडजुम्मनेरतिया णं भंते ! कओ उववजति १० एवं जहेव कण्हलेस्सखुडाकडजुम्म०, नवरं उववातो जो रयणप्पभाए । सेसं तं चेव । २. रयणप्पभपुढविकाउलेस्सखुड्डाकडजुम्मनेरतिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं चेव । ३. एवं सक्करप्पभाए वि, एवं वालुयप्पभाए वि। ४. एवं चउसु वि जुम्मेसु, TOCs与听听听听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听C KONOS 5 55555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-५६८० $$$$ $ $$$$$ $ $ EOXOK Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सर्त ३१ उ. ४-२०/ सतं ३२३१-२ [३५४] नवरं परिमाणं जाणियव्वं, परिमाणं जहा कण्हलेस्सउद्देसए । सेसं एवं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० ।। ३१.४ ॥ ★★★ पंचमो उद्देसओ ★★★ [सु. १४. चउव्विहखुड्डगजुम्मभवसिद्धियनेरइयाणं उववायं पडुच्च विविहा परूवणा ] १. भवसिद्धीखुड्डाकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उववज्र्ज्जति ? किं नेरइए० ? एवं ओहिओ ओ हेव निरवसेसं जाव नो परप्पयोगेणं उववज्र्ज्जति । २. रतणप्पभपुढविभवसिद्धीयखुड्डाकडजुम्मनेरतिया णं० ? एवं चेव निरवसेसं । ३. एवं जव असत्तम । ४. एवं भवसिद्धीयखुड्डातेयोगनेरइया वि, एवं जाव कलियोगो त्ति, नवरं परिमाणं जाणियव्वं, परिमाणं पुव्वभणियं जहा पढमुद्देसए । सेवं भंते ! सेवं भंते | | ३१.५ ॥ ★★★ छट्टो उद्देसओ ★★★ [ सु. १-२ चउव्विहखुड्डगजुम्मकण्हलेस्सभवसिद्धियनेरइयाणं उववायं पडुच्च परूवणा ] १. कण्हलेस्सभवसिद्धीयखुड्डाकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्र्ज्जति १० एवं जहेव ओहिओ कण्हलेस्सउद्देसओ तहेव निरवसेसं । चउसु वि जुम्मेसु भाणियव्वो जाव २. अहेसत्तमपुढविकण्हले स्सखुड्डाकलियोगनेरइया णं भंते ! सेवं भंते ! ति० । ३१.६ ॥ ★★★ सत्तमो उद्देसओ ★★★ [ सु. १ चउव्विहखुड्डगजुम्मनीललेस्सभवसिद्धियनेरइयाणं उववायं पडुच्च परूवणा ] १. नीललेस्सभवसिद्धीय० चउसु वि जुम्मेसु तहेव भाणियव्वा जहा आहियनीललेस्सउद्देसए । सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरति ।। ३१.७ ॥ अट्टमो उद्देसओ ★★★ [ सु. १. चउव्विहखुड्डगजुम्मकाउलेस्सभवसिद्धियनेरइयाणं उववायं पडुच्च परूवणा ] १. काउलेस्सभवसिद्धीय० चउसु वि जुम्मेसु तहेव उववातेयव्वा जहेव ओहिए काउलेस्सउद्देसए। सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरति । ॥ ३१.८ ।। ★ ★ ★ नवमाइबारसमपज्जेता उद्देसओ ★★★ [सु. १. पंचमाइअट्ठमउद्देसाणुसारेण अभवसिद्धियनेरइवत्तव्वयानिद्देसो ] १. जहा भवसिसिद्धएहिं चत्तारि उद्देसगा भणिया एवं अभवसिद्धीएहिं वि चत्तारि उद्देसगा भाणियव्वा जाव काउलेस्सउद्देसओ त्ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥ ॥ ३१.९-१२ ॥ ★★★ तेरसमाइसोलसमपज्जंता उद्देसओ ★★★ [सु. १. पंचमाइअट्टमउद्देसाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं सम्मद्दिट्ठिनेरइयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं सम्मदिट्ठीहि वि लेस्साससंजुत्तेहिं चत्तारि उद्देसगा कायव्वा, नवरं सम्मद्दिट्ठी पढम - बितिएसु दोसु वि उद्देसएस दोसु वि उद्देसएस अहेसत्तमपुढवीए न उववातेयव्वो । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ।। ३१.१३ - १६ ॥ ★★★ सत्तरमाइवीसमपज्जंता उद्देसओ ★★★ [सु. १. पंचमाइअट्ठमउद्देसाणुसारेणं मिच्छादिट्ठिनेरइयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. मिच्छादिट्ठी वि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा जहा भवसिद्धीयाणं । सेवं भंते ! सेवं भंते !० ॥ ३१.१७ - २० ।।।। ★★★ एगवीसइमाइचउव्वीसइमपज्जेता उद्देसओ ★★★ सु. १. एवं कण्हपपक्खिएहि वि लेस्सासंजुत्ता चत्तारि उद्देसगा कायव्वा जहेव भवसिद्धीएहिं । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ॥ ३१.२१ - २४ ॥ ★★★ पंचवीसमाइअट्ठावीसइमपज्जंता उद्देसओ ★★★ [सु. १. पंचमाइअट्ठमउद्दे साणुसारेणं सुक्कपक्खियनेरइयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. सुक्क पक्खिएहिं एवं चेव चत्तारि उद्देसगा भाणियव्वा जाव - वालुयभपुढविकाउलेस्ससुक्कपक्खियखुड्डाकलियोगनेरतिया णं मंते ! कतो उववज्जंति १० तहेव जाव नो परप्पयोगेण उववज्जंति । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति० । सव्वे वि एए अट्ठावीसं उद्देसगा । ।। ३१.२५ - २८ ।। ।। रववायसयं समत्तं ||३१|| 555 बत्तीसइमं सयं फफफ उव्वट्टणासयं ★★★पढमो उद्देसओ ★★★ [सु. १- ६. चउव्विहखुड्डगजुम्मनेरइयाणं उव्वट्टणं पडुच्च विविहा परूवणा ] १. खुड्डाकडजुम्मनेरइया णं भंते ! अनंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति ? कहिं उववज्जंति ?, किं नेरइएस उववज्र्ज्जति ? किं तिरिक्खजोणिएसु उवव० ? उव्वट्टणा जहा वक्कंतीए । २. ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवतिया उव्वहंति ? गोयमा ! चत्तारि वा, अट्ठ वा, बारस वा, सोलस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उव्वट्टेति । ३. ते णं भंते ! जीवा कहं उव्वट्टंति ? गोयमा ! से जहानामए पवए०, एवं तहेव ( स० २५ उ० ८ सु० २ - ८) । एवं सो चेव गमओ जाव आयप्पयोगेणं उव्वट्टंति, नो परप्पयोगेणं उव्वट्टंति । ४. रयप्पभापुढविखुड्डाकड० ? एवं ४० Resonal Use MORE फफफफफ श्री आगमगणमंजषा ५६९ फफफफफ tal 2010 Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Fo9555555555555555 (५) भगवई सत ३२ उ-३/अत ३३-१२०८-१२३.१२११३५५] 5555555555555FOXOLE #555555555555555555sexy रयणप्पभा वि। ५. एवं अहेसत्तमाए। ६. एवं खुड्डातेयोग - खुड्डावाद(दाव)रजुम्म-खुड्डाकलियोग०, नवरं परिमाणं जाणियव्वं सेसं तं चेव । सेवं भंते । सेवं भंते ! त्ति०।। ३२.१ | बिझ्याइअट्ठावीसइमपज्जता उद्देसगा** [सु. १. चउब्विहखुड्डगजुम्मकण्हलेस्सनेरइयाणं उव्वट्टणं पपडुच्च विविहा पपरूवणाइ ] १. कण्हलेस्सखुड्डाकडजुम्मनेरइया० ? एवं एएणं कमेणं जहेव उववायसए (स०३१) अट्ठावीसं उद्देसगा भणिया तहेव उव्वदृणासए अिट्ठरवीसं उद्देसगा भाणियव्वा निरवसेसा, नवरं 'उव्वद्वृति' त्ति अभिलावो भाणियव्वो । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ।।। ३२.२ - २८ ।। ।उव्वट्टणासयं समत्तं ॥३२॥ तेत्तीसइमं सयंम बारस एगिदियसयाणि **पढमे एगिदियसए पढमो उद्देसओ★★★[सु. १-१६. एगिदियभेय - पभेया, तेसु य कम्मपगडिबंध - वेदणपरूवणं] १. कतिविधा णं भंते ! एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा एगिदिया पन्नत्ता, तंजहा - पुढविकाइया जाव वणस्सतिकाइया । २. पुढविकाइया णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा - पज्जत्ता सुहुमपुढविकाइया य । ३. सुहुमपुढविकाइया णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा !दुविहा पन्नत्ता, तं जहा पज्जत्ता सुहुमपुढविकाइया य, अपज्जत्ता सुहुमपुढविकाइया य । ४. बायरपुढविकाइया णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता? एवं चेव । ५. एवं आउकाइया वि चउक्कएणं भेएणं णेतव्वा । ६. एवं जाव वणस्सतिकाइया । ७. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ, तं जहा - नाणावरणिज्जं जाव अंतरायियं । ९. अपज्जत्ताबायरपुढविकायियाणं भंते ! कति कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ? एवं चेव । १०. पज्जत्ताबायरपुढविवकायियाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ० ? एवं चेव । ११. एवं एएणं कमेणं जाव बायरवणस्सइयाणं पज्जत्तगाणं ति । १२. अपज्जत्तासुहुमपुढविकायिया णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ बंधंति ? गोयमा !सत्तविहबंधगा वि, अट्ठहिबंधगा वि । सत्त बंधमाणा आउयवज्वत्त कम्मपगडीओ बंधंति । अट्ठ बंधमाणा पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ बंधंति । १३. पज्जत्तासुहुमपुढविकायिया णं भंते ! कति कम् ? एवं चेव । १४. एवं सव्वे जाव - पज्जत्ताबायरवणस्सतिकायिया णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ बंधंति ? एवं चेव। १५. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइया णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा !चोस्सस कम्मप्पगडीओ वेदेति, तं जहा - नाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, सोतिदियवज्झं चक्खिदियवज्झं घाणिदियवज्झं जिब्भिदियवज्झं इत्थिवेदवज्झं पुरिसवेदवज्झं। १६. एवं चउक्कएणं भेएणं जाव - पज्जत्ताबायरवणस्सतिकाइया णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ? एवं चेव चोद्दस । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।३३-१.१ ।। ★★★ पढमे एगिदियसए बिइओ उद्दसओ ★★★ [सु. १-१०. अणंतरोववन्नगएगिदियभेय-पभेया, तेसु य कम्मपगडिबंध - वेयणपरूवणं ]१. कतिविधा णं भंते ! अणंतरोववन्नगा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववन्नगा एगिदिया पन्नत्ता, तं जहा - पुढविकाझ्या जाव वणस्सइकाइया। २. अणंतरोववन्नगा णं भंते ! पुढविकाइया कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा !दुविहा पन्नत्ता, तं जहा सुहुमपुढविकायिया य बादरपुढविकायिया य । ३. एवं दुपएणं भेएणं जाव वणस्सतिकाइया । ४. अणंतरोववन्नगसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ, तं जहा नाणावरणिजं जाव अंतराइयं । ५. अणंतरोववन्नगबादरपुढविकायियाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पयडीओ पन्नत्ताओ, तं जहा नाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं । ६. एवं जाव अणंतरोववन्नगबादरवणस्सइकायियाणं ति । ७. अणंतरोववन्नगसुहुमपुढविकायिया णं भंते ! कति कम्मगडीओ बंधंति ? गोयमा ! आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधंति । ८. एवं जाव अणंतरोववन्नगसुमपुढविकायिया णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा ! चोद्दस कम्मप्पगडीओ वेदेति, तं जहा नाणावरणिज्ज तहेव जाव पुरिववेदवज्झं । १०. एवं जाव अणंतरोक्वन्नगबायरवणस्सतिकाइय त्ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्तिक । ॥३३-१.२॥★★★पढमे एगिदियसए तइओ उद्देसओ★★★[ सु. १-२. परंपरोववन्नगएगिदियभेय-पभेया, तेसु य कम्मपगडिबंध वेयणपरूवणं] छ १. कतिविधा णं भंते ! परंपरोववन्नगा एगिदिया पन्नत्ता? गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नगअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ ? एवं MONOFFFFFFFFFFFFFFFFFF555555555555555555555555555555SQ Mo xercos 5 555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- ५७०5555555555555555555555$$$62 OR Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FO (५) भगवई सतं ३३८२२८-१२-३-१२४ [३५६] फ्र एतेणं अभिलावेणं जहा ओहिउद्देसए तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव चोद्दस वेदेति । सेवं भंते ! सेवं भंते । ति० ।। ३३- १.३ ॥ ★★ पढमे एगिंदियसए चउत्थो उद्देसओ ★★★ [सु. १. बिइउद्देसाणुसारेणं अणंतरोगाढएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. अणंतरोगाढा जहा अणंतरोववन्नगा । ॥। ३३ - १.४ ॥ पढ एगिंदियसए पंचमो उद्देसओ [ सु. १. तइउद्देसाणुसारेण परंपरोगाढएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. परंपपरोगाढा जहा परंपरोववन्नगा । ॥ ३३ - १.५ ॥ पढमे एगिंदियसए छट्टो उद्देसओ [ सु. १. बिइउद्देसाणुसारेणं अणंतराहारगएगिदियवत्तयानिद्देसो ] १. अणंतराहारगा जहा अणंतरोववन्नगा । ।। ३३-१.६ ।। पढमे एगिंदियसए सत्तमो उद्देसओ [ सु. १. तइउद्देसाणुसारेणं परंपराहारगएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. परंपराहारगा जहा परंपरोववन्नगा । ॥। ३३-१.७ ॥ पढ एदियस अमो उद्देसओ [ सु. १. बिइउद्देसाणुसारेणं अणंतरपज्जत्तगएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. अणंतरपज्जत्तगा जहा अणंतरोववन्नगा । ।। ३३-१.८ ।। पढमे एगंदियस नवमो उद्दसओ [ सु. १. तइउद्देसाणुसारेणं चरिमएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. चरिमा वि जहा परंपरोववन्नगा । ।। ३३ - १.९ ।। पढमे एगिंदियसए दसमो उद्देसओ [ सु. १. तइउद्देसाणुसारेणं चरिम गिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. चरिमा वि जहा परंपरोववन्नगा । ॥ ३३ १.१० ॥ पढमे एगिंदियसए एक्कारसमो उद्देसओ [ सु. १. तइउद्देसाणुसारेणं अचरिमएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं अचरिमा वि । ।। ३३-१.११ ॥ एवं एते एक्कारस उद्देसगा। सेवं भंते! सेवं भंते ! जाव विहरति । ।। पढमं एगिदियसयं समत्तं ॥ ३३ - १ || बिइए एगिंदियसए पढमो उद्दसओ [ सु. १-६. कण्हलेस्सएगिदियभेयपया, तेसु य कम्मपगडिबंधवेयणपरूवणं ] १. कतिविधा णं भंते! कण्हलेस्सा एगिंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा कण्हलेस्सा एगिंदिया पन्नत्ता, तं जहा पुढविकाइया जाव वणस्सतिकाइया । २. कण्हलेस्सा णं भंते ! पुढविकाइया कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा सुहुमपुढविकाइया य बादरपुढविकाइया य । ३. कण्हलेस्सा णं भंते ! सुहुमपुढविकायिया कतिविहा पन्नत्ता ? एवं एएणं अभिलावेणं चउक्कओ भेदो जहेव ओहिउद्देसए । ४. कण्हलेस्सअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिउद्देसए तहेव पन्नत्ताओ । ५. तहेव बंधंति । ६. तहेव वेदेति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥ ॥ ३३-२.१ ॥ बिइए एगिंदियसए बिइओ उद्देसओ [ सु. १ २. अणंतरोववन्नगकण्हलेस्सएगिदियभेय- पभेया, तेसु य कम्मपगडिबंध वेयणपरूवणं ] १. कतिविधा णं भंते! अणंतरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया० । एवं एएणं अभिलावेणं तहेव दुपओ भेदो जाव वणस्सतिकाइय त्ति । २. अणंतरोववन्नगकणकहलेस्ससुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिओ अणंतरोववन्नगाणं उद्देसओ तहेव जाव वेदेति । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० । ।। ३३- २.२ ।। बिइए एगिंदियसए तइओ उद्देसओ [ सु. १-२ . परंपरोववन्नगकण्हलेस्सएगिदियभेय- पभेया, तेसु य कम्मपगडिबंध-वेदणपरूवणं ] १. कतिविधा णं भंते ! परंपरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नगा० एगिदिया पन्नत्ता, तं जहा पुढविकाइया०, एवं एएणं अभिलावेणं चउक्कओ भेदो जाव वणस्सतिकाइय त्ति । २. परंपरोववन्नगकण्हलेस्सअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते! कति कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ परंपरोववन्नग उद्देसओ तहेव वेदेति । ।। ३३-२.३ ।। बिए एगिंदियस चउत्थाइएगारसमपज्जेता उद्देसगा [सु. १. पढमएगिदियस्याणुसारेणं चउत्थाइएक्करसमपज्जंतउद्दसवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिए एगिदियसए एक्कारस उद्देसगा भणिया तहेव कण्हलेस्ससते वि भाणियव्वा जाव अचरिमकण्हलेस्सा एगिदिया । ।। ३३-२.४-११ ॥ ॥ बितियं एगिंदियसयं समत्तं ।। ३३-२ ॥ तइए एगिंदियसए पढमाइएक्करसपज्जंता उद्देसगा सु. १. बिइयएगिदियसयाणुसारेणं नीललेस्सएगिदियवत्तव्वया निद्देसो १. जहा कण्हलेस्सहिं एवं नीललेस्सेहि वि सयं भाणितव्वं । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति० । 20100 nvate & Personal Use Only www.jainelibrary Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सतं. ३३-१२ ७-१२४/सतः ३४ [३५७] ।। ३३-३.१-११ ।। ।। ततियं एगिंदियसयं समत्तं ॥ ३३-३ ॥ चउत्थे एगिंदियसए पढमाइएक्करसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. बिइयएगिदियसयाणुसारेणं काउलेस्सएगिदियत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं काउलेसस्सेहि वि सयं भाणितव्वं, नवरं 'काउलेस्स' त्ति अभिलावो । ३३-४.१-११ ॥ चउत्थं एगिंदियसयं समत्तं ॥३३-४॥ पंचमे एगिंदियसए पढमाइएक्करसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १-२. पढमए गिदियसयाणुसारेणठ भवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कतिविहा णं भंते ! भवसिद्धिया एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा भवसिद्धिया एगिदिया पन्नत्ता, तं जहा - पुढविकाइया जाव वणस्संतिकाइया । भेदो चउक्कओ जाव वणस्सतिकायति । २. भवसिद्धियअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ ? एवं एतेणं अभिलावेणं जहेव पढमिल्लं एगिदियसयं तव भवसिद्धीयसयं पि भाणियव्वं । उद्देसगपरिवाडी तहेव जाव अचरिम त्ति । ॥ ३३ - ५.१-११ ॥ ॥ पंचमं एगिंदियसयं समत्तं ॥ ३३-५ ।। छट्ठे एगिंदियसए पढमाइएक्करसपज्जंता उद्देसगा [सु. १-११. पढमएगिदियसयाणुसारेणं कण्हलेस्स भवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कतिविहा णं भंते! कण्हलेस्सा भवसिद्धीया एगिंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा कण्हलेस्सा भवसिद्धीया एगिंदिया पन्नत्ता, पुढविकाइया जाव वणस्सतिकाइया । २. कण्हले सभवसिद्धीयपुढविकाइया णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - सुहुमपुढविकाइया य, बायरपुढविकाइया य । ३. कण्हलेस्सभवसिद्धीयसुहुमपुढविकायिया णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा- पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा ये । ४. एवं बायरा वि । ५. एवं एतेणं अभिलावेणं तहेव चउक्कओ भेदो भाणियव्वो । ६. कण्हलेस्सभवसिद्धरय अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्पगडीओ पन्नत्ताओ ? एवं एएणं अभिलावेणं जव ओहिउद्देसए तहेव जाव वेदेति त्ति । ७. कतिविधा णं भंते! अणंतरोववन्नगा कण्हलेस्सा भवसिद्धीया एगिंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववन्नगा जाव वणस्सतिकाइया । ८. अणंतरोववन्नगकण्हलेस्सभवसिद्धीयपुढविकाइया णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा सुहुमपुढविकाइया य, बायरपढविकाइया य । ९. एवं दुपओ भेदो । १०. अणंतरोववन्नगकण्हलेस्सभवसिद्धीयसुहुमपुढविकाइयाणं भंते! कति कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ ? एवं एए अभिलावेणं जहेव ओहिओ अणंतरोववन्नो उद्देसओ तहेव जाव वेदेति । ११. एवं एतेणं अभिलावेणं एक्कारस वि उद्देसगा तहेव भाणियव्वा जहा ओहियसए जाव अचरिमो त्ति । ॥ ३३-६.१-११ ॥ ॥ छठ्ठे एगिंदियसतं समत्तं ॥ ३६-६ | सत्तमे एगिंदियसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. छट्टएगिदियसयाणुसारेणं नीललेस्सभवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. जहा कण्हलेस्सभवसिद्धीए सयं भणियं एवं नीललेस्सभवसिद्धीएहि वि सयं भाणियव्वं । ॥ ३३-७.१-११ ॥ ॥। सत्तमं एगिदियसतं समत्तं ॥ ३३७ ॥ अट्टमे एगिंदियस पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. छट्ठएगिदियसयाणुसारेणं काउलेस्सभवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं काउलेस्सभवसिद्धीएहि वि सयं । ॥ ३३-८.१-११ ॥ ॥ अट्टमं एगिंदियस समत्तं ।। ३३-८ ॥ नवमे एगिदियसए पढमाइनवमपज्जेता उद्देसगा [सु. १ २. पंचमए गिदियसयउद्देसनवगाणुसारेण अभवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कतिविधा णं भंते ! अभवसिद्धीया एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा अभवसिद्धीया० पन्नत्ता, तं जहा पुढविकाइया जाव वणस्सतिकायिया । २. एवं जहेव भवसिद्धीयसयं, नवरं नव उद्देसगा, चरिम- अचरिम उद्दसकवज्जं । सेसं तहेव । ॥। ३३-९.१-९ ॥ ॥ नवमं एगिंदियसयं समत्तं ॥ ३३९ ॥ दसमे एगिंदियसए पढमाइनवमपज्जेता उद्देगा [ सु. १. छट्ठएगिदियसयउद्देसनवगाणुसारेणं कण्हलेस्सअभवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं कण्हलेस्सअभवसिद्धीयसयं पि । ॥ ३३१०.१-९ ॥ ॥ दसमं एगिंदियसयं समत्तं ।। ३३-१०। एक्कारसमे एगिदियसए पढमाइनवमपज्जेता उद्देसगा [ सु. १. सत्तमएगिदियसयउद्देसनवगाणुसारेणं नीललेस्सअभवसिद्धियएगिंदियवत्तव्वयानिद्देसो] १. नीललेस्सअभवसिद्धीयएगिदिएहि वि सयं । ॥ ३३-११.१९ ॥३३-११ ॥ बारसमे एगिदियसए फ्र BOYOR श्री आगमगुणमजूषा ५७२ Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For955555555555 पाभगवई जनक ४ (५८] $555555555岁男%2CD MOKOf5555555555 पढमाइनवमपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. अट्ठमएगिदियसयउद्देसनवगाणुसारेणं काउलेस्सअभवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो] १. काउलेस्सअभवसिद्धीएहि वि सयं । २. एवं चत्तारि ९-१२ वि अभवसिद्धीयसताणि, नव नव उद्देसगा भवंति। ।। ३३-१२.१-९॥ ३. एवं एयाणि बारस एगिदियसयाणि भवंति। । तेत्तीसइम सयं समत्तं ॥ ३३॥ चोत्तीसइमं सयं 5 बारस एगिदियसेढिसयाई पढ़मे एगिदियसेढिसए पढमो उद्देसओ [ सु. १. एगिदियभेयपभेयपरूवणं] १. कतिविहा णं भंते ! एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा एगिदिया पन्नत्ता, तं जहा-पुढविकाइया जाव वणस्सतिकाइया । एवमेते वि चउक्कएणं भेएणं भाणियव्वा जाव वणस्सइकाइया । (सु. २-६८. नरयपुढविचरिमंत-मणुस्सखेत्ताइसमोहएसु एगिदिएसु विग्गहसमयं पडुच्च वित्थरओ परूवणं] २. (१) अपज्जत्ता सुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तासुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए, सेणं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा। (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ-एंगसमइएण वा फ दुसमइएण वा जाव उववज्जेज्जा ? एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेडीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-उज्जुयायता सेढी १, एगओवंका २, दुहतोवंका ३, एगतोखहा ४, दुहओखहा ५, चक्कवाला ६, अद्धचक्कवाला ७। उज्जुयायताए सेढीए उववज्जमाणे एगसमइएणं विग्गहे?णं उववज्जेज्जा, एगओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं 4 विग्गहेणं उवज्जेज्जा दुहओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा । सेतेणढेणं गोयमा ! जाव उववज्जेज्जा। १ । ३. अपज्जत्तासुहमपुढविकाइए भणं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते + पज्जत्तासुहुमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए सणं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा, सेसं तं चेव जाव सेतेणद्वेणं जाव विग्गहेणं उववज्जेज्जा ।२।४. एवं अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइओ पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहणावेत्ता पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते बायरपुढविकाइएसु अपज्जत्तएसु उववातेयव्वो। ३। ५. ताहे तेसु चेव पज्जत्तएसु।४।६. एवं आउकाइएसु वि चत्तारि आलावगा-सुहुमेहिं अपज्जत्तएहिं १, ताहे पज्जत्तएहिं २, बादरेहिं अपज्जत्तएहिं ३, ताहे पज्जत्तएहिं उववातेयव्वो ४।७. एवं चेव सुहुमतेउकाइएहि वि अपज्जत्तएहिं १, ताहे पज्जत्तएहिं उववातेयव्वो २। ८. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए मणुस्सखेत्ते अपज्जत्ताबायरतेउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? सेसं तं चेव ३।९. एवं पज्जत्ताबायरतेउकाइयत्ताए उववातेयव्वो ४ । १०. वाउकाइए सुहुम-बायरेसु जहा आउकाइएसु उववातिओ तहा उववातेयव्वो ४।११. एवं वणस्सतिकाइएसु वि ४,२०। १२. पज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए०, एवं पज्जत्तासुहुमपुढविकाइओ वि पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहणावेत्ता एएणं चेव कमेणं एएसु चेव वीससु ठाणेसु उववातेयव्वो जाव बायरवणस्सनिकाइएसु पज्जत्तएसुं ति ।४० । १३. एवं अपज्जत्तबायरपुढविकाइओ वि।६० । १४. एवं पज्जत्ताबबायरपुढविकाइओ वि।८० । १५. एवं आउकाइओ वि चउसु वि गमएसु पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए एयाए चेव वत्तव्वयाए एएसु चेव वीसाए ठाणेसु उववातेयव्वो।१६०।१६. सुहुमतेउकाइओ वि अपज्जत्तओ पज्जत्तओ य एएसु चेव वीसाए ठाणेसु उववातेयव्वो ४० - २०० । १७. अपज्जत्ताबयरतेउकाइए णं भंते ! मणुस्सखेत्ते समोहए, समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उबवज्जेज्ना ? सेसं तहेव जाव सेतेणटेणं० । १ = २०१ । १८. एवं पुढविकाइएसु चउब्विहेसु वि उववातेयव्वो। ३ = २०४ । १९. एवं आउकाइएसु चउव्विहेसु वि । ४ = २०८ । २०. तेउकाइएसु सुहुमेसु अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु य एवं चेव उववातेयव्वो।२ =२१०।२१. अपज्जत्ताबादरतेउकाइए णं भंते ! मणुस्सखेत्ते समोहए, समोहणित्ता जे भविए मणुस्सखेत्ते अपज्जत्ताबायरतेउकायत्ताए उववज्जित्तए सेणं भंते ! कतिसस०१ सेसंतं चेव।१ = २११ । २२. एवं पज्जत्ताबायरतेउकाइयत्ताए वि उववाएयव्वो। १ = २१२।२३. वाउकाइयत्ताए य, वणस्सतिकाइयत्ताए 9 य जहा पुढविकाइएस तहेव चउक्कएणं भेएणं उववाएयव्वो । ८ = २२० । २४. एवं पज्जत्ताबयरते उकाइओ वि REC555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा : ५७३ 5555555555555555555555555FFor 乐乐乐乐乐乐乐听听听听听听乐乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐 OE%练乐乐乐乐乐乐乐555%听听听听听听听听听听听听听听听听明听听听听听听听听听听乐乐听听听听听听听 Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ORO954555555555555 (५) भगवई संत ३४-१२५०८-3-१२४ (३५१]5555555555555sexons समयखेत्ते समोहणावेत्ता एएसु चेव वीसाए ठाणेसु उववातेयव्वो जहेव अपज्जत्तओ उववातिओ।२०।२५. एवं सव्वत्थ वि बायरतेउकाइया अपज्जत्तगा पज्जत्तगा य समयखेत्ते उववातेयव्वा, समोहणावेयव्वा वि=२४० । २६. वाउकाइया, वणस्सतिकाइया य जहा पुढविकाइया तहेव चउक्कएणं भएणं उववातेयव्वा जाव पज्जत्ताबायरवणस्सइमाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमते समोहए. समोहणेत्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए० पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते पज्जत्ताबायरवणस्सतिकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसम० ? सेसं तहेव जाव सेतेणटेणं०। ८०+८०-४००।२७. अपज्जततासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ताजे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तासुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं० ? सेसं तहेव निरवसेसं। २८. एवं जहेव पुरथिमिल्ले चरिमंते सव्वपदेसु वि समोहया पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववातिया, एवं एएणं चेव कमेणं पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य समोहया पुरथिमिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववातेयव्वा तेणेव गमएणं । ४००-८००। २९. एवं एतेणं गमएणं दाहिणिल्ले चरिमंते समोहयाणं समयखेत्ते य, उत्तरिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववाओ। ४००=१२००।३०. एवं चेव उत्तरिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य समोहया, दाहिणिल्ले चरिमंते समयखेत्ते य उववातेयव्वा तेणेव गमएणं । ४००-१६००। ३१. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! सक्करप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए सक्करप्पभाए पुढवीए पच्चस्थिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयत्ताए उवव०? एवं जहेव रयणप्पभाए जाव सेतेणतुणं । ३२. एवं एएणं कमेणं जाव पज्जत्तएसु सुहुमतेउकाइएसु । ३३. (१) अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइए णं भंते ! सक्करप्पभाए पुढवीएम पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए समयखेत्ते अपज्जत्ताबायरतेउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसमइ० पुच्छा । गोयमा ! दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेण उववज्जिज्जा। (२) से केणद्वेणं० ? एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-उज्जुयायता जाव अद्धचक्कवाला । एगतोवंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, दुहओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, सेतेणटेणं० । ३४. एवं पज्जत्तएसु वि बायरतेउकाइएसु। सेसं जहा रतणप्पभाए। ३५. जे वि बायरतेउकाइया अपज्जत्तगा य पज्जत्तगा य समयखेत्ते समोहया, समोहणित्ता दोच्चाए पुढवीए पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते पुढविकाइएसुचउव्विहेसु, आउकाइएसुचउव्विहेसु, तेउकाइएसुदुविहेसु, वाउकाइएसुचउबिहेसु, वणस्सतिकाइएसुचउविधेसु उववज्जति ते वि एवं चेव दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेण उववातेयव्वा । ३६. बायरतेउकाइया अपज्जत्तगा पज्जत्तगा य जाहे तेसुचेव उववज्जति ताहे जहेव रयणप्पभाए तहेवएगसमइय-दुसमइय-तिसमइया विग्गहा भाणियव्वा । सेसंजहेव रयणप्पभाए तहेव निरवसेसं । ३७. जहा सक्करप्पभाए वत्तव्वया भणिया एवं जाव अहेसत्तमाए भाणियव्वा । ३८. (१) अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइ, णं भंते ! अहेलोयखेत्तनालीए बाहिरिल्ले खेत्ते समोहए, समोहणित्ता जे भविए उड्डलोयखेत्तनालीए बाहिरिल्ले खेत्ते अपज्जत्तासुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! तिसमइएण वा, चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेजा। (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति-तिसमइएण वा चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं अहेलोयखेत्ततनालीए बाहिरिल्ले खेत्ते समोहए, समोहणित्ता जे भविए उड्ढलोयखेत्तनालीए बाहिरिल्ले खेत्ते अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयत्ताए एगपयरम्मि अणुसेढिं उववज्जित्तए से णं तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, जे भविए विसेढिं उववज्जित्तए से णं चउसमइएणं विग्गहेणं उवज्जेजा। सेतेणद्वेणं जाव उववज्जेज्जा । ३९. एवं पज्जत्तासुहुमपुढविकाइयत्ताए वि । ४०. एवं जाव पज्जत्तासुहुमतेउकाइयत्ताए । ४१.(१) अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! अहेलोग जाव समोहणित्ता जे भविए समयखेत्ते अपज्जत्ताबायरतेउकाइयत्ताए उवज्जित्तए सेणं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! दुसमइएण वा, तिसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा। (२) से केणटेणं० ? एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-उज्जुआयता जाव अद्धचक्कवाला । एगतोवंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, दुहतोवंकाए सेढीए उववज्जमाणे तिसमइएणं विग्गहेणं उवज्जेज्जा, सेतेणटेण०।४२. एवं पज्जत्तएसु वि, बायरतेउकाइएसु वि उववातेयव्वो । वाउकाइयProo श्री आगमगुणमंजूषा - ५७४95555555$$$$$$$$$$OOK HOLIC%乐乐乐ti明明明明明明明明明明明玩乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐观 O乐乐乐乐听听听听听听听听明明明明明明明明明乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FOR $$$$$$$$ $$$$$ (५) भगवई स्त.. ३४ ५०-१२-उ-१२४ [३६] $$$5555555%evo 6 OC$乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐乐听听听听玩乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐GO 2वणस्सतिकाइयत्ताए चउक्कएणं भेएणं जहा आउकाइयत्ताए तहेव उववातेयव्वो । ४३. एवं जहा अज्जत्तासुहुमपुढविकाइयस्स गमओ भणिओ एवं पज्जत्तसुहमपुढविकाइयस्स वि भाणियव्वो, तहेव बीसाए ठाणेसुउववातेयव्वो। ४४. अहेलोयखेत्तनालीए बाहिरिल्ले खेत्ते समोहयओ एवं बायरपुढविकाइयस्स वि अपज्जत्तगस्स पज्जगसस्स य भाणियव्वं । ४५. एवं आउकाइयस्स चउव्विहस्स वि भाणियव्वं । ४६. सुहुमतेउकाइस्स दुविहस्स वि एवं चेव । ४७. (१) अपज्जत्ताबायरतेउकाइए णं भंते ! समयखेत्ते समोहते, समोहणित्ता जे भविए उड्ढलोगखेत्तनालीए बाहिरिल्ले खेत्ते अपज्जत्तासुहमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! दुसमइएण वा, तिसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा। (२) से केणढेणं०? अट्ठो तहेव सत्त सेढीओ। ४८. एवं जाव अपज्जत्तबायरतेउकाइए णं भंते ! समयखेत्ते समोहए, समोहणित्ता जे भविए उड्ढलोगखेत्तनालीए बाहिरिल्ले खेत्ते पज्जत्तासुहुमतेउकाइयत्ताए म उववज्जित्तए से णं भंते !० ? सेसं तं चेव । ४९. (१) अपज्जत्ताबायरतेउकाइए णं भंते ! समयखेत्ते समोहए, समोहणित्ता जे भविए समयखेत्ते अपज्जत्ताबायरतेउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसमइएण वा, दुसमइएण वा, तिसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा । (२) से केणटेणं० ? अट्ठो जहेव रयणप्पभाए तहेव सत्त सेढीओ। ५०. एवं पज्जत्ताबादरतेउकाइयत्ताए वि । ५१. वाउकाइएसु. वणस्सतिकाइएसुय जहा पुढविकाइएसु उववातिओ तहेव चउक्कएणं भेएणं उववाएयव्यो । ५२. एवं पज्जत्ताबायरतेउकाइओ वि एएसु चेव ठाणेसु उववातेयव्वो। ५३. वाउकाइयवणस्सतिकाइयाणं जहेव पुढविकाइयत्ते उववातिओ तहेव भाणियव्वो । से णं कतिस० ? | ५४. एवं उड्ढलोगखेत्तनालीए वि बाहिरिल्ले खेत्ते समोहयाणं अहेलोगखेत्तनालीए बाहिरिल्ले खेत्ते उववज्जताणं सो चेव गमओ निरवसेसो भाणियव्वो जाव बायरवणस्सतिकाइओ पज्जत्तओ बादरवणस्सइकाइएसु पज्जत्तएसु उववातिओ। ५५. (१) अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहते, समोहणित्ता जे भविए लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए सेणं भंते ! कइसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा? गोयमा ! एगसमइएण वा, दुसमइएण वा, तिसमइएण वा, चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्जा । (२) से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चति-एगसमइएण वा जाव उववज्जेज्जा ? एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ पन्नत्ताओ, तं जहाउज्जुओयता जाव अद्धचक्कवाला। उज्जुआयताए सेढीए उववज्जमाणे एगसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा; एगतोवंकाए सेडीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, दुहओवंकाए सेढीए उववज्जमाणे जे भविए एगपयरंसि अणुसेढिं उववज्जित्तए सेणं तिसमइएणं विग्गहेणठ उववज्जेज्जा, जे भविए विसेदि उववज्जित्तए सेणं चउसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, सेतेणटेणंजाव उववज्जेज्जा। ५६. एवं अपज्जतओ सुहमपुढविकाइओ लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहंतो लोगस्स पुरथिमिल्ले चेव चरिमंते अपज्जत्तएसुपज्जत्तएसुय सुहुमपुढविकाइएसु, अपज्जत्तएसुपज्जत्तएसुयसुहुमआउकाइएसु, अपज्जत्तएसुपज्जत्तएसुय सुहुमतेउक्काइएसु, अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु य सुहुमवाउकाइएसु, अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु य बायरवाउकाइएसु, अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु य सुहुमवणस्सतिकाइएसु, अपज्जत्तएसु पज्जत्तएसु य बारससु वि ठाणेसु एएणं चेव कमेणं भाणियव्वो। ५७. सुहुमपुढविकाइओ पज्जत्तओ एवं चेव निरवसेसो बारससु वि ठाणेसु उववातेयव्वो। ५८. एवं एएणं गमएणं जाव सुहुमवणस्सतिकाइओ पज्जत्तओ सुहुमवणस्सइकाइएसु पज्जत्तएसु चेव भाणितव्वो । ५९. (१) अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! लोकस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए लोगस्स दाहिणिल्ले चरिमंते अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा? ॐ गोयमा ! दुसमइएण वा, तिसमइएण वा, चउसमइएण वा विग्गहेणठ उववज्जिज्जा। (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति०? एवं खलु गोयमा ! मए सत्त सेढीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-उज्जुआयता जाव अद्धचक्कवाला। एगतोवंकाए सेढीए उववज्जमाणे दुसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा; दुहतोवंकाए सेढीए उववज्जमाणे जे भविए + एगपयरंसि अणुसेढिं उववज्जित्तए से णं तिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा, जे भविए विसेदि उववज्जित्तए से णं चउसमइएणं विग्गहेणठ उववज्जेज्जा, सेतेणटेणं गोयमा !०।६०. एवं एएणं गमएणं पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहतो दाहिणिल्ले चरिमंते उववातेयव्वो। जाव सुहुमवणस्सतिकाइओ पज्जत्तओ सुहुमवणस्सतिकाइएसुस VALENETELECRELELESEN / श्री आगमगणमंजषा - ५७५६44555555555555555$OOK $听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听C Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई शत ३४-१०-१२,७-१२४ [३६]5555555555555F FOUTORY FC国乐明明明明明明明明明明明明明明明明明乐明明 [FHSSSSSSF55%[HFHF[FFFFFFFFONE पज्जतएसु चेव, सव्वेसिंदुसमइओ, तिसमइओ, चउसमइओ विग्गहो भाणियव्वो। ६१. (१) अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए,समोहणित्ता जे भविए लोगस्स पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयत्ताए उवज्जित्तए से णं भंते ! कतिसमइएणं विग्गहेणं उववज्जेज्जा ? गोयमा ! एगसमइएर वा, दुसमइएण वा, तिसमइएण वा, चउसमइएण वा विग्गहेणं उववज्जेज्ना। (२) से केणद्वेणं० ? एवं जहेव पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहया पुरथिमिल्ले चेव चरिमंते उववातिता तहेव पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहया पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते उववातेयव्वा सव्वे । ६२. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए लोगस्स उत्तरिल्ले चरिमंते अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए सेणं भंते !० ? एवं जहा पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहओ दाहिणिल्ले चरिमंते उववातिओ तहा पुरथिमिल्ले० समोहओ उत्तरिल्ले चरिमंते उववातेयव्वो । ६३. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! लोगस्स दाहिणिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए लोगस्स दाहिणिल्ले चेव चरिंमते अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए? एवं जहा पुरथिमिल्ले समोहओ पुरथिमिल्ले चेव उववातिओ तहा दाहिणिल्ले समोहओ दाहिणिल्ले चेव उववातेयव्वो । तहेव निरवसेसं जाव सुहुमवणस्सतिकाइओ पज्जत्तओ सुहुमवणस्सइकाइएसु चेव पज्जत्तएसु दाहिणिल्ले चरिमंते उववातिओ। ६४. एवं दाहिणिल्ले समोहयओ पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते उववातेयव्वो, नवरं दुसमइयतिसमइय-चउसमइओ विग्गहो । सेसं तहेव । ६५. एवं दाहिणिल्ले समोहयओ उत्तरिल्ले उववातेयव्वो जहेव सट्ठाणे तहेव एगसमइय-दुसमइय-तिसमइयचउसमइयविग्गहो। ६६. पुरथिमिल्ले जहा पच्चत्थिमिल्ले तहेव दुसमइय-तिसमझ्य-चउसमइय० । ६७. पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते समोहताणं पच्चत्थिमिल्ले चेव चरिमंते उववज्जमाणाणं जहा सट्ठाणे । उत्तरिल्ले उववज्जमाणाणं एगसमइओ विग्गहो नत्थि, सेसं तहेव । पुरथिमिल्ले जहा सट्ठाणे । दाहिणिल्ले एगसमइओ विग्गहो नत्थि, सेसं तं चेव । ६८. उत्तरिले समोहयाणं उत्तरिल्ले चेव उववज्जमाणाणं जहा सट्ठाणे। उत्तरिल्ले समोहयाणं पुरत्थिमिल्ले उववज्जमाणाणं एवं चेव, नवरं एगसमइओ विग्गहो नत्थि । उत्तरिल्ले समोहताणं दाहिणिल्ले उववज्जमाणाणं जहा सट्ठाणे । उत्तरिल्ले समोहयाणं पच्चत्थिमिल्ले उववज्जमाणाणं एगसमइओ विग्गहो नत्थि, सेसं तहेव जाव सुहुमवणस्सतिकाइओ पज्जत्तओ सुहुमवणस्सतिकाइएसु पज्जत्तएसु चेव। [सु. ६९-७६. एगिदिएसु ठाण-कम्मपगडिबंधकम्मपगडिवेयण-उववाय-समुग्घायाइ पडुच्च परूवणं] ६९. कहिं णं भंते ! बायरपुढविकाइयाणं पज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सट्टाणेणं अट्ठसु पुढवीसु जहा ठाणपए जाव सुहुमवणस्सतिकाइया जे य पज्जत्तगा जे य अपज्जत्तगा ते सव्वे एगविहा अविसेसमणाणत्ता सव्वलोगपरियावन्ना पण्णत्ता समणाउसो ! । ७०. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-नाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं । एवं चउक्कएणं भेएणं जहेव एगिदियएसु (स० ३३-१.१ सु०७-११) जाव बायरवणस्सतिकाइयाणं पज्जत्तगाणं । ७१. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइया णं भंते ! कति कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सत्तविहबंधगा वि, अट्ठविहबंधगा वि जहा एगिदियसएसु (स० ३३-१.१ सु० १२-१४) जाव पज्जत्ताबायरवणस्सतिकाइया । ७२. अपज्जत्तासुहुमपुढविकाइया णं भंते ! कति कम्मपगडीओ वेएंति ? गोयमा ! चोइस कम्मपगडीओ वेएंति, तं जहा-नाणावरणिज्जं जहा एगिदियसएसु (स० ३३-१.१ सु०१५) जाव पुरिसवेयवज्जं । ७३. एवं जाव बादरवणस्सइकाइयाणं पज्जत्तगाणं । ७४. एगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? किं नेरइएहितो० ? जहा वक्कंतीए पुढविकाइयाणं उववातो । ७५. एगिदियाणं भंते ! कति समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि समुग्घाया पन्नत्ता, तं जहा-वेयणासमुग्घाए जाव वेउव्वियसमुग्घाए । ७६. (१) एगिदिया णं भंते! किंतुल्लद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति, तुल्लद्वितीया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेति, वेमायद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेति, वेमायद्वितीया वेमायविसेसाहियं कम्मंपकरेंति? गोयमा ! अत्थेगइया तुल्लद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति, अत्थगइया तुल्लद्वितीया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति, अत्थेगइया वेमायद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेंति, अत्थेगइया वेमायद्वितीया वेमायविसेसाहियं कम्म । पकरेति । (२) से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चति-अत्थेगइया तुल्लट्ठितीया जाव वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेति ? गोयमा ! एगिदिया चउव्विहा पन्नत्ता, तं जहाExerci # # #555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा- ५७६ 555555555555555555555555 FOTOK GCF听听听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听心包點 Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HG55555555555555 (५) भगवई जनकर---रण ) 55555555sxx80sxesex 听听听听听听听听乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐国乐乐乐乐乐乐乐乐GC अत्थेगइया समाउया समोववन्नगा, अत्थेगइया समाउया विसमोववन्नगा, अत्थेगइया विसमाउया समोववन्नगा, अत्थेगइया विसमाउया विसमोववन्नगा। तत्थ णं जे ते समाउया समोववन्नगा ते णं तुल्लद्वितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकाति, तत्थ णं जे ते समाउया विसमोववन्नगा तेणं तुल्लद्वितीया वेमायविसेसाहियं कम्म पकरेंति, तत्थ णं जे ते विसमाउया समोववन्नगा ते णं वेमायद्वितीया तुल्लविसेसाहिंयं कम्मं पकरेति, तत्थ णं जे ते विसमाउया विसोववन्नगा ते णं वेमायद्वितीया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेति । सेतेणढेणं गोयमा ! जाव वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ। ।। ३४-१.१ ★★★|| पढमे एगिंदियसेढिसए बिइओ उद्देसओ *** [सु. १. अणंतरोववन्नगएगिदियभेय - पभेयपरूवणं ]१. कतिविधा णं भंते !अणंतरोववन्नगा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववन्नणा एगिंदिया पन्नत्ता, तं जहा पुढविकाइया०, दुयाभेदो जहा एगिदियसतेसु जाव बायरवणस्सइकाइया। [सु. २-७. अणंतरोववन्नयएगिदिएसु ठाण - कम्मपगडिबंधाइ पडुच्च परूवणं ] २. कहि णं भंते ! अणंतरोववन्नगाणं बायरपुढविकाइयाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सुट्ठाणेणं अट्ठसु पुढवीसु, तं जहा रयणप्पभा जहा ठाणपए जाव दीवेसु समुद्देसु, एत्थ णं अणंतरोववन्नगाणं बायरपुढविकाइयाणं ठाणा पन्नत्ता, उववातेण सव्वलोए, समुग्घाणं सव्वलोए, सट्ठाणेणं लोगस्स असंखेज्जइभागे, अणंतरोववन्नगसुहुमपुढविकाइयाणं एगविहा अविसेसमणाणत्ता सव्वलोगपरियावन्ना पन्नत्ता समणाउसो!।३. एवं एतेणं कमेणं सव्वे एगिदिया भाणियव्वा । सट्ठाणाइं सव्वेसिंजहा ठाणपए। एतेसिं पज्जत्तगाणं बायराणं उववाय- समुग्घाय- सट्ठाणाणि जहा तेसि चेव अपज्जत्तगाणं बायराणं, सुहुमाणं सव्वेसिंजहा पुढविकाइयाणं भणिया तहेव भाणियव्वा जाव वणस्सइकाइय त्ति। ४.अणंतरोववन्नगसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ? गोयमा! अट्ठ कम्मप्पगडीओ पन्नत्ताओ। एवं जहा एगिदियसतेसु अणंतरोववन्नउद्देसए (स०३३-१.२ सु०४-६) तहेव पन्नत्ताओ, तहेव (स०३३. १.२ सु० ७-८) बंधेति, तहेव ( स० ३३-१.२ सु० ९) वेदेति जाव अणंतरोववन्नगा बायरवणस्सतिकाइया । ५. अणंतरोववन्नगएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहेव ओहिए उद्देसओ भणिओ। ६. अणंतरोववन्नगएगिदियाणं भंते ! कति समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! दोन्नि समुग्घाया पन्नत्ता, तं जहा वेयणासमुग्घाए य कसायसमुग्घाए य । ७. (१) अणंतरोववन्नगएगिदिया णं भंते ! तुल्लट्टितीया तुल्लट्ठितीया तुल्लविसेसाहियं कम्मं पकरेति, अत्थेगइया तुल्लद्वितीया वेमायविसेसायं कम्मं पकरेंति। (२) से केणटेणं जाव वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेंति ? गोयमा ! अणंतरोववन्नगा एगिदिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा अत्थेगइया समाउया समोववन्नगा, अत्थेगइया समाउया विसमोववन्नगा । तत्थ णं जे ते समाउया समोववन्नगा ते णं तुल्लट्ठितीया तुल्लट्ठितीया वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेति । सेतेणटेणं जाव वेमायविसेसाहियं कम्मं पकरेति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति । ।३४-१.२॥★★★पढमे एगिदियसोढिसए तइओ उद्देसओXXX [सु १-३. परंपरोपववन्नयएगिदिएसु पढमुद्देसाणुरेणं वत्तव्वयानिद्देसो ] १. कतिविधा णं भंते ! परंपरोववन्नगा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविया परंपरोववन्नगा एगिदिया पन्नत्ता, तं जहा पुढविकाइया० भेदो चउक्कओ जाव वणस्सतिकातिय त्ति। २. परंपरोववन्नगअपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए इमीसे रतणप्पभाए पुढवीए जाव पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते ॥ अपज्जत्तासुहुमपुढ विकाइयत्ताए उववज्जित्तए० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव पढमो उद्देसओ जाव लोगचरिमंतो त्ति । ३. कहिं णं भंते ! ॥ परंपरोववन्नगपज्जत्तगबायरपुढविकाइयाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सट्ठाणेणं अट्ठसु वि पुढवीसु । एवं एएणं अभिलावेणं जहा पढमे उद्देसए जावे तुल्लट्ठितीय त्ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।।३४-१.३||*** पढमे एगिंदियसेढिसए चउत्थाइएक्कारसमपंज्जता उद्देसगा ***[सु. १. चउत्थाइएक्कारसमपज्जतउद्देससवत्तव्वयाजाणणत्थं जहाजोगं परूवणानिद्देसो] १. एवं सेसा वि अट्ठ उद्देसगा जाव अचरिमो त्ति । नवरं अणंतरा० अणंतरसरिसा, परंपरा० परंपरसरिसा। चरिमा य, अचरिमाय एवं चेव ।।३४-१.४-११॥ एवं एते एक्कारस उद्देसगा। पढम एगिदियसेढिसयं समत्तं॥★★★३४ NO听听听听听听听听听听听听圳听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$ Ter 555555555$| श्री आगमगुणमजूषा - ५७७ 9 5555555555555555OOK Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ FORO$$55555555555जमाइसताः३४०१२,-१२४/सत ३५२उ-१२४ [३६३]5999999999995 xoy MOTOSH$$$$$$$$$FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFSION १॥ बिइए एगिदियसेढिसए पढमो उद्देसओ [ सु. १. कण्हलेस्सएगिदियभेय-पभेयपरूवणं ] १. कतिविधा णं भंते ! कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! म पंचविहा कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता, भेदो चउक्कओ जहा कण्हलेस्सएगिदियसए जाव वणस्सतिकाइय त्ति। [सु. २-३. पढमएगिदियसेढिसयपढमुद्देसाणुससारेणं कण्हलेस्सएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो] २. कण्हलेस्सअपज्जत्तासुहुमपुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले०? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिउद्देसओ जाव लोगचरिमंते त्ति । सव्वत्थ कण्हलेस्सेसु चेव उववातेयव्वो। ३. कहिणं कण्हलेस्सअपज्जत्ताबायरपुढविकाइयाणं ठाणा पन्नत्ता ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिउद्देसओ जाव तुल्लट्ठितीय त्ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।।३४-२.१|| बिइए एगिदियसेढिसए बिइयाइएक्कारसमपज्जंता उद्देसगा [सु. १. बिइयाइएक्कारसमपज्जंतुद्देसाणं पढमएगिदियसेढिसयाणुसारेणं वत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं एएणं अभिलावेणं जहेव पढमं सेढिसयं तहेव एक्कारस उद्देसगा भाणियव्वा । ।। ३४-२.२-११ ॥ ॥बितियं एगिदियसेढिसयाणुसारेणं नीललेस्सएगिदियवत्तव्वनिद्देसो १. एवं नीललेस्सेहि वि सयं । ॥ ३४-३.१-११ ॥ |ततियं० सयं० ॥ ३४-३॥ चउत्थे एगिदियसेढिसए पढमाइएक्कारसपज्जता उद्देसगा [ सु. १. पढमएगिदियसेढिसयाणुसारेणं काउलेस्सएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. काउलेस्सेहि वि सयं एवं चेव । ।। ३४-४.१-११ ।। ।।चउत्थं० सयं० ॥ पंचमे एगिदियसेढिससए पढमाइएक्कारसपज्जता उद्देसगा [सु. १. पढमएगिदियसेढिसयाणुसारेणं भवसिद्धियएएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. भवसिद्धियएगिदियेहिं सयं । || ३४-५.१-११ ।। ||पंचमं० सयं० ।। छठे एगिदियसेढिसेढिसए पढमाइक्कारसपज्जंता उद्देसगा [सु. १-६. पढमएगिदियसेढिसयाणुसारेणं कण्हलेस्सभवसिद्धियणगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कतिविधा णं भंते ! कण्हलेस्सा भवसिद्धीया एगिदिया पन्नत्ता? जहेव ओहिउद्देसओ। २. कतिविधा णं भंते ! अणंतरोववन्नाकण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिदिया पन्नत्ता ? जहेव अणंतरोववण्णाउद्देसओ ओहिओ तहेव । ३. कतिविहाणं भंते ! अणंतरोववन्नाकण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिदिया पन्नत्ता? जहेव अणंतरोववण्णाउद्देसओ ओहिओ तहेव । ३. कतिविहा णं भंते ! परंपरोववन्नकमण्हलेस्सभवसिद्धिया एदिया पन्नत्ता गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नाकण्हलेस्सभवसिद्धिया एगिदिया पन्नत्ता । भेदो चउक्कओ जाव वणस्सतिकाइयत्ति। ४. परंपरोववन्नकण्हलेस्सभवसिद्धीयअपज्जत्तासुहुमपुढविकाइएणं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ उद्देसओ जाव लोयचरमंते त्ति । सव्वत्थ कण्हले स्सेसु भवसिद्धिएसु उववातेयव्वो । ५. कहि णं भंते ! परंपरोववन्नकण्हलेस्सभवसिद्धियपज्जत्ताबायरपुढपिकाइयाणं ठाणां पन्नत्ता? एवं एएणं अभिलावणं जहेव ओहिओ उद्देसओ जाव तुल्लद्वितीय त्ति । ६. एवं एएणं अभिलावेणं कण्हलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहि वि तहेव । ।। ३४-६.१-११ ॥ ॥एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं छटुं सतं समत्तं ॥ ३४-६ ॥ सत्तमे एगिदियसेढिसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [सु. १. छट्ठएगिदियसेढिसयाणुसारेणं नीललेस्सभवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिआँसो ] १. नीललेस्सभवसिद्धियएगिदिएसु सयं । ॥३४-७.१-११|| ।। सत्तमं० सयं समत्तं ।। ३४-७॥ अट्ठमे एगिदियसेढिसए पढमाइक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. छट्ठएगिदियसेढिसयाणुसारेणं काउलेस्सभवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिहेसो ] १. एवं काउलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहि वि सयं । ॥३४-८.१-११ ।। ।।अट्ठमं० सयं ॥ ३४-८ ॥ नवमाइबारसमपज्जतेसु एगिदियसेढिसएसु पढमाइनवमपज्जंता उद्देसगा [सु. १. पंचम- छट्ठ- सत्तम- अट्ठमएगिदियसेढि सयाणुसारेणं अभवसिद्धियएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो] १. जहा भवसिद्धिएहिं चत्तारि सयाणि एवं अभवसिद्धीएहि वि चत्तारि सयाणि भाणियव्वाणि, नवरं चरिम-अचरिमवज्जा नवउद्देसगा भाणियव्वा । सेसंतं चेव । एवं एयाइं बारस एगिदियसेढियसयाई। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरह।।।३४-९-१२.१-९॥॥ एगिदियसेढिसयाई समत्ताई ॥३४-१-१२॥ । एगिदियसेढिसयं चउत्तीसइमं समत्तं ॥३४॥ पंचतीसइमं सयं बारस एगिदियमहाजुम्मसयाणि म पढमे एगिदियमहाजुम्मसए पढमो उद्देदओ [सु. १.सोलस महाजुम्मा] १. (१) कति णं भंते ! महाजुम्मा पन्नत्ता ? गोयमा ! सोलस महाजुम्मा पन्नत्ता, तं जहा कडजुम्मकडजुम्मे १, कडजुम्मतेयोगे २, कडजुम्मदावरजुम्मे ३, कडजुम्मकलियोगे ४, तेयगकडजुम्मे ५, तेयोगतेयोए ६, तेओयदावरजुम्मे ७, तेयोगकलियोएड़ी XOTO5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ५७८ ॥5555555555555555.55 A MSHOR OCs与历历明明明明明明乐明明明明明明明明玩玩乐乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明COM Education inter Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 Fp %%%%%%%%%%%%%%% लन्दनकर-पसारा15555555555555555OOK ८, दावरजुम्मकडजुम्मे ९, दावरजुम्मेतेओए १०, दावरजुम्मदावरजुम्मे ११, दावरजुम्मकलियोगे १२, कलिओगकडजुम्मे १३, कलियोगतेजोये ११, कलियोगदावरजुम्मे १५, कलियोगकलिओगे १६ । (२) से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ सोलस महाजुम्मा पन्नत्ता, तं जहा कडजुम्मकडजुम्मे जाव कलियोगकलियोगे? गोयमा ! जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए, जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा, सेतं कडजुम्मकडजुम्मे १। जे णं रासी चउक्कळणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कंडजुम्मा, सेत्तं कडजुम्मतेयोए २ । जे णं रासी चउक्कएणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए, जेणं रासीस्स अवहारसमया कडजुम्मा, सेत्तं कडजुम्मतेयोए २।जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए, जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा, सेतं कडजुम्मदावरजुम्मे ३ । जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए, जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा, सेत्तं कडजुम्मकलियोगे ४।जेणंरासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए, जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेयोगा, सेत्तं तेयोगकडजुम्मे ५। जे णं रासी चउक्कएणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेयोया से तं तेयोयतेयोगे ६ । जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए, जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेयोगा, सेतं तेओयदावरजुम्मे७। जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेयोया, सेत्तं तेयोयकलियोए८ जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए, जेणं तस्स रासिस्सस अवहारसमया दावरजुम्मा, सेत्तं दावरजुम्मकडजुम्मे ९ । जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा, से तं दावरजुम्मतेयोए १०। जेणं रासी चउक्कएणं अवहारणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए, जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया दावरजुम्मा, सेत्तं दावरजुम्मदावरजुम्मे ११ । जेई णं रासी चउक्कएणं जुम्मा से तं दावरजुम्मकलियोए १२ । जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलियोया, सेत्तं कलियोगा, से तं कलियोगकडजुम्मे १३ । जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलियोया, सेत्तं कलियोयतेयोए १४ । जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए, जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलियोगा, से तं कलियोगदावरजुम्मे १५। जेणं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जवसिए, जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कलियोगा, सेत्तं कलियोयकलियोए १६ । सेतेणद्वेणं जाव कलियोगकलियोग। [सु. २-२३. सोलससु एगिदियमहाजुम्मेसु उववायइबत्तीसइदारपरूवणं ]२. कडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते! कओ उववज्जति ? किं नेरइय० जहा उप्पलुद्देसथ ( स०११ उ०१ सु०५) तहा उववातो। ३. तेणं भंते ! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जति? गोयमा! सोलस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अरंता वा उववज्जति । ४. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जति ? गोयमा ! सोलस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववज्जति। ५. उच्चत्तं जहा उप्पलुद्देसए (स०११ उ०१ सु०८)। ६.तेणं भंते ! जीव नाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं बंधगा, अबंधगा? गोयमा ! बंधगा, नो अबंधगा। ७. एवं सव्वेसिं आउयवज्जाणं, आउयस्स बंधगा वा, अबंधगा वा । ८. ते णं भंते ! जीवा नाणावरणिज्जस्स० पुच्छा । गोयमा ! वेदगा, नो अवेदगा।९. एवं सव्वेसिं। १०. ते णं भंते ! जीवा किं सातावेदगा० पुच्छा। गोयमा! सातावेयगा वा असातावेयगा वा । एवं उप्पलुद्देसगपरिवाडी (स०११ उ०१ सु०१२१३) सव्वेसिं कम्माणं उदई, नो अणुदई । छण्हं कम्माणं उदीरगा, नो अणुदीरगा। वेयणिज्जा-ऽऽउयाणं उदीरगा वा, अणुदीरगा वा । ११. ते णं भंते ! जीवा किं कण्ह० पुच्छा गोयमा ! कण्हलेस्सा वा नीललेस्सा वा काउलेस्सा वा तेउलेस्सा वा । नो सम्मद्दिट्ठी, मिच्छद्दिट्ठी, नो सम्ममिच्छद्दिट्ठी । नो नाणी, अन्नाणी; नियमं दुअन्नाणी, तं जहा मतिअन्नाणी य, सुयअन्नाणी य । नो मणजोगी, नो मणजोगी, नो वइजोगी कायजोगी। सागारोवउत्ता वा, अणागारोवउत्ता वा । १२. तेसि णं भंते ! जीवाणं सरीरगा कतिवणा० १ गहा उप्पलुद्देसए (स० ११ उ०१ सु० १९-३०) सव्वत्थ पुच्छा । गोयमा ! जहा उपलुद्देसए । ऊसासगा वा नीसासगा वा, नो ऊसासगनीसगनीसासगा। आहारगा वा, अणाहारगा वा । नो विरया, अवियरया, नो विरयाविरया। सकिरिया, नो अकिरिया । वा । नो विरया, HerCh$$$$$$$$555555 श्री आगमगुणमंजूषा ५७९ 555555555555555555555555 HONOR 乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听玩%AFFFFF听听听听听听听FFFFFFFFFFF Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 10.055555555555 (५) भगवई सत ३५,५०८-१२,७-१२४१३६४]555555555555ffeXOLY CC明明明明明明明明明明明明明明乐明明明明乐 乐乐乐乐 $$$$$$FFFFFFFFFFF$$$$FFFFSION अविरया, नो विरयाविरया। सकिरिया, नो अकिरिया। सत्तीवहबंधगा वा, अट्टविहबंधगा वा। आहारसन्न्वउत्ता वा जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता वा । कोहकसाई वा जाव लोभकसाई वा । नो इत्थिवेदगा, नो पुरिसवेदगा, नपुंसगवेदगा । इत्थिवेदबंधगा वा, पुरिसवेदबंधगा वा, नपुंसगवेदबंधगा वा । नो सण्णी, असणी। सइंदिया, नो अणिदिया । १३. ते णं भंते ! 'कडजुम्मकडजुम्मएगिदिय' त्ति कालओ केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं अणंतं कालं अणंतो वणस्सतिकालो। संवेहो न भण्णइ आहारो जहा उप्पलुद्देसए (स०११ उ०१ सु०४०), नवरं निव्वाघाएणं छद्दिसिं, वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं, सिय चतुदिसिं, सिय पंचदिसिं। सेसं तहेव । ठिती जहन्नेणं एक्वं समयं (अंतोमुहुत्तं), उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं। समुग्घाया आइल्ला चत्तारि, मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया वि मरंति, असमोहया वि मरंति । उव्वट्टणा जहा उप्लुद्देसए (स०११ उ०१ सु०४४)। १४. अह भंते ! सव्वपाणा जाव सव्वसत्ता कडजुम्मकडजुम्मएगिदियत्ताए ॥ उववन्नपुव्वा ? हंता, गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो। १७. कडजुम्मदारजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति ? उववातो तहेव । १८. ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं० पुच्छा । गोयमा ! अट्ठारस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववज्जति । सेसं तहेव (सु०४-१४) जाव अणंतखुत्तो। १९. कडजुम्मकलियोगएगिदिया णं भंते ! कओ उवव० ? उववातो तहेव । परिमाणं सत्तरस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा अणंता वा । सेसं तहेव (सु०४-१४) जाव अणंतखुत्तो। २०. तेयोगकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कतो उववज्जति ? उववातो तहेव । परिमाणं बारस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववज्जति । सेसं तहेव (सु०४-१४) जाव अणंतखुत्तो। २१. तेयोयतेयोयएगिदिया णं भंते ! कतो उववज्जति ? उववातो तहेव । परिमाणं पन्नरस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा । सेसं तहेव (सु०४-१४) जाव अणंतखुत्तो । २२. एवं एएसु सोलससु महाजुम्मेसु परिमाणं चोद्दस वा, संखेज्जा वा, असंखेना वा, अणंता वा उववज्जति । तेयोगकलियोगेसु तेरस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववज्जति । दावरजुम्मकडजुम्मेसु अट्ठ वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववजंति । दावरजुम्मतेयोगेसु एक्कारस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा अणंता उववज्जति । दावरजुम्मदावरजुम्मेसुदस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववज्जति । दावरजुम्मकलियोगेसुनववा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववजंति। कलियोगकडजुम्मे ? सु चत्तारि वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववज्जति । कलियोगदावरजुम्मेसु छ वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववजंति । २३. कलियोगकलियोगएगिदिया णं भंते ! कओ उववजति ? उववातो तहेव । परिमाणं पंच वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, अणंता वा उववज्जति । सेसं तहेव (सु०४-१४) जाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते! सेवं भंते ! त्तिक । ॥३५ सए १.१ ॥ पढमे एगिदियमहाजुम्मसए बिइओ उद्देसओ [ सु. १-४. सोलससु पढमसमयमहाजुम्मएएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? गोयमा ! तहेव । ] २. एवं जहेव पढमो उद्देसओ तहेव सोलसखुत्तो बितियो वि भाणियव्वो। तहेव सव्वं । नवरं इमाणि दस नाणात्ताणि - ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । आउयकम्मस्स नो बंधगा, अबंधगा । आउयस्स नो उदीरगा, अणुदीरगा। नो उस्सासगा, नो निस्सासगा, नो उस्सासनिस्सासगा। सत्तविहबंधगा, नो अट्ठविहबंधगा। ३. ते णं भंते ! 'पढमसमयकडजुम्मएगिदिय' त्ति कालतो केवचिरं० १ गोयमा ! एक समयं । ४. एवं ठिती वि | समुग्घाया आइल्ला दोन्नि । समोहया न पुच्छिज्जति । उव्वद्वणा न पुच्छज्जइ । सेसं तहेव सव्वं निरवसेसं सोलससु वि गमएसुजाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०॥३५-१.२॥ पढमे एगिदियमहाजुम्मसए तइओ उद्देसओ सु. १. पढमुद्देसाणुसारेणं अपढमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानि(सो] १. अपढमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो १. अपढमसमयकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एसो जहा पढमुद्देसो सोलसहि वि जुम्मेसु तहेव नेवव्वो जाव कलियोगकलियोगत्ताए जाव अरंतखुत्तो। सेवं भंते ! त्तिक । ॥३५ सते १.३ ।। पढमे # एगिंदियमहाजुम्मसए चउत्थो उद्देसओ [ सु. १. बिइउद्देसाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं चरमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. (GainEducation international 201003 111111-1-1-1-1-1-1-1-1-1 -1-1. MOSFFFFFFFFFFFFF55555555fFFFFFF555555555555555SSCO ___www.jainelibrary. Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 79999 CC娱乐明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听GO चरिमसमयकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कतो उववज्जति ? एवं जहेव पढमसमयउद्देसओ, नवरं देवान उववज्जति, तेउलेस्सा न पुच्छिति। सेसं तहेवा सेवं भंते! सेवं भंते ! त्ति० । ॥३५-१.४॥ पढमे एगिदियमहाजुम्मसए पंचमो उद्देसओ [सु. १. तइउद्देसाणुसारेणं अचरिमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. अचरिमसमयकडजुम्मकडजुम्म,गिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा ?अ पढमसमयउद्देसओ तहेव भांणियव्वो निरवसेसं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ॥३५. १. उ० ५ ।। पढमे एगिदियमहाजुम्मसए छट्ठो उद्देसओ [ सु. १. बिइउद्देसाणुसारेणं पढमपढमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. पढमपढमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते! कओ उववज्जति ? जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव निरवसेसं। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरइ।।३५-१.६ ।। पढमे एगिंदियमहाजुम्मसए सत्तमो उद्देसओ सु. १. बिइउद्देसाणुसारेणं पढम अपढमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्दे सो पढमपढमसमयकङजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव भाणियव्वो । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ॥३५-१.७ ।। पढमे एगिदियमहाजुम्मसए अट्ठमो उद्देसओ सु. १. चउत्थुद्देसाणुसारेणं पढमचरिमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो पढमचरिमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा चरिमुद्देसओ तहेव निरवसेसं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति । ।३५-१.८ ॥ पढमे एगिदियमहाजुम्मसए नवमो उद्देसओ [सु. १. बिइउद्देसाणुसारेणं पढमचरिमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. पढमअचरिमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा बीओ उद्देसओ तहेव निरवसेसं | सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरइ । ॥३५-१.९ ।। पढमे एगिदियमहाजुम्मसए दसमो उद्देसओ [सु. १. चउत्थुद्देसाणुसारेणं चरिमचरिमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. चरिमचरिमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा चतुत्थो उद्देसओ तहेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।।३५-१.१० ।। पढमे एगिदियमहाजुम्मसए एक्कारसमो उद्देसओ [ सु. १. बिइउद्देसाणुसारेणं चरिमअचरिमसमयमहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो ] १. चरिमअचरिमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव निरवसेसं। सेवं भंते ! सेवं भंते ! जाव विहरइ।।३५-१.११ ।। एवं एए एक्कारस उद्देसगा। पढमो ततियो पंचमओय सरिसगमगा, सेस अट्ट सरिसगमगा, नवरं चउत्थे अठ्मे दसमे य देवा न उववजंति, तेउलेसा नत्थि।।पढमं एगिदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥३५-१॥ बिइए एगिदियमहाजुम्मसए पढमो उद्देसओ [सु.१-६. पढमएगिदियमहाजुम्मसयपढमुद्देसाणुसारेणं कण्हलेस्समहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानि(सो] १. कण्हलेस्सकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? गोयमा ! उववातो तहेव । एवं जहा ओहिउद्देसए ( स० ३५-१ उ० १), नवरं इमं नाणत्तं २. ते णं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा ? हंता, कण्हलेस्सा। ३. ते णं भंते ! 'कण्हलेस्सकडजुम्मकडजुम्मएगिदिय' त्ति कालओ केवचिरं होति ? गोयमा !जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । ४. एवं ठिती वि । ५. सेसं तहेव- जाव अणंतखुत्तो। ६. एवं सोलसं वि जुम्मा भाणियव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।३५-२.१ ।। बिइए एगिदियमहाजुम्मसए बिइओ उद्देसओ [सु. १-२. पढमएगिदियमहाजुम्मसयबिइउद्देसाणुसारेणं कण्हलेस्समहाजुम्मएगिदियवत्तव्वयानिद्देसो] १. पढमसमयकण्हलेस्सकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववजति ? जहा पढमसमयउद्देसओं, नवरं २. ते णं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा ? हंता, कण्हलेस्सा । सेसं तहेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ॥३५-२.२।। बिइए एगिदियमहाजुम्मसए तइयाइएक्कारसमपज्जंतउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो [सु. १. पढमएगिदियमहाजुम्मसयासाणुसारेणं तझ्याइएक्कारसमपज्जतउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो ]१. एवं जहा ओहियसते एक्कारस उद्देसगा भणिया तहा कण्हलेस्ससए वि एक्कारस उद्देसगा भाणियव्वा । पढमो, ततिओ, पंचमो य सरिसगमा। सेसा अट्ठ वि सरिसगमा, नवरं० चउत्थ-अट्ठम- दसमेसु उववातो नत्थि देवस्स । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।३५-२.३-११॥ ॥३५ सते बितियं एगिदियमहाजुम्मसयं समत्तं ।। ३५-२।। तइए एगिदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जता उद्देसगा [सु. १. बिझ्यएगिदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं तइयएगिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ]१. एवं नीललेस्सेहि वि सयं कण्हलेस्ससयसरिमं, एक्कारस उद्देसगा तहेव । सेवं भंते ! सेवं भंते!०।।३५-३.१-११ OSC$$$事历历%%%%%%%步步步步531-HJW $历历历历万岁万岁万岁万岁万万岁步步步步步步步步步30S 各$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐明明明明明明明明明明Go Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NORO (५) भगवई सतं ३५ वग्ग १२, ३१२४ / सतं ३६ वग्ग १२. ३-१२४ [३६७] फ्र ॥ ॥ ततियं एगिदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥ ३५-३ ॥ चउत्थे एगिदियमहाजुम्मसएं पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा सु. बिइयए गिदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं चउत्थएगिंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो १ एवं काउलेस्सेहि वि सयं कण्हलेस्ससयसरिसं । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० । । ३५ ४.१-११ ॥ ॥ उत्थं एगिदियमहाजुम्मसयं० ॥३५-४ ॥ पंचमे एगिदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जेता उद्देसगा [ सु. १. पढमएगिदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुवव्वं पंचमएगिदियमहाजुम्मसयवत्तव्व यानिद्देसो ] १. भवसिद्धियकडजुम्मएगिदिया णं भंते! कतो उववज्जंति ? जहा ओहियसयं तहेव, नवरं एक्कारससु वि उद्देसएसु 'अह भंते ! सव्वपाणा जाव सव्वसत्ता भवसिद्धियकडजुम्मकएगिदियत्ताए उववन्नपुव्वा ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे' । सेसं तहेव । ॥३५-५.१-११ ॥ ॥ पंचमं एगिंदिষमहाजुम्मसयं समत्तं || ३ - ५ || छट्ठे एगिंदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. बिइयएगिंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं छट्ठएगिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कण्हलेस्सभवसिद्धिकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते! कओ उववज्जंति ? एवं कण्हलेस्सभवसिद्धीयएगिदिएहि वि सयं बितियसयकण्हलेस्ससरिसं भाणियव्वं । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ।। ३५-६.१-११ ॥ ॥छ एगिदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥ ३५-६ ॥ सत्तमे एगिदियमहाजुम्मस पढमाइएक्कारसपज्र्ज्जता उद्देसगा [ सु. १. बिइयएगिदियमहाजुम्मसयानुसारेणं सत्तमएगिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं नीललेस्सभवसिद्धियएगिदियेहि वि सयं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ।। ३५-७.१-११ ॥ ॥ सत्तमं एगिदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥ ३५- ७॥ अट्ठमे एगिदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगां [ सु. १. बिइयएगिदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं अट्ठमए गिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं काउलेस्सभवसिद्धियए गिदिएहि वि तहेव एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं सयं । [सु. २. पंचमाइअट्ठमएगिदियमहाजुम्मसयाणं उवसंहारो ] २. एवं एयाणि चत्तारि भवसिद्धिएसु सयाणि, चउसु वि सएसु 'सव्वपाणा जाव उववन्नपुव्वा ? नो इणट्ठे समट्ठे' । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ।। ३५-८.१-११ ॥ ॥ अट्टमं एगिदियमहाजुम्मसतं समत्तं ॥ ३५-८ ॥ नवमाइबारसमपज्जंतेसु एगिदियमहाजुम्मसएसु पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. पंचमाइट्ठमएगिदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं नवमाइबारसमएगिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो] १. जहा भवसिद्धिएहिं चत्तारि सयाई भणियाई एवं अभवसिद्धिएहि वि चत्तारि सयाणि लेसासंजुत्ताणि भाणियव्वाणि 'ससव्वपाणा० ? तहेव, नो इणट्ठे समट्ठे' | || ३५-९-१२. ॥ एवं एयाइं बारस एगिदियमहाजुम्मसयाइं भवंति । सेवं भंते! सेवं भंते ! ति० । 555 | पंचत्तीसइमं सयं समत्तं ॥ ३५ ॥ छत्तीसइमं सयं 5-बारस बेइंदियमहाजुम्मसयाइं पढमे बेइंदियमहाजुम्मसए पढमो उद्देसओ [ सु. १-४. सोलससु बेइंदियमहाजुम्मसएसु उववायआइबत्तीसइदारपरूवणं] १. कडजुम्मकडजुम्मबेदिया णं भंते ! कओ उववज्जंति १० उववातो जहा वक्कंतीए । परिमाणं- सोलस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा, उववज्जति । अवहारो जहा उप्पलुद्देसए (स० ११ उ० १ सु० ७) । ओगाहणा जहन्त्रेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं बारस जोयणाई । एवं जहा एगिदियमहाजुम्माणं पढमुद्देसए तहेव; नवरं तिन्नि लेस्साओ; देवा न उववज्जंति; सम्मद्दिट्ठी वा, किच्छद्द्द्दिट्ठी वा, नो सम्मामिच्छादिट्ठी; नाणी वा, अन्नाणी वा; नो मणजोगी, वइजोगी वा, कायजोगी वा । २. ते णं भंते ! कडजुम्मकडजुम्मबेदिया कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जं कालं । ३. ठिती जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं बारस संवच्छाई । आहारो नियमं छद्दिसिं । तिन्नि समुग्धाया। सेसं तहेव जाव अणंतखुत्तो । ४. एवं सोलससु वि जुम्मेसु । सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० । ।। बेदियमहाजुम्मसते पढमो उद्देसओ समत्तो ॥ ३६- १.१ ।। पढमे बेइंदियमहाजुम्मसए बिइओ उद्देसओ [ सु. १. एगिंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं पढमसमयबेइंदियमहाजुम्मसयवत्तब्वयानिद्देसो ] १. पढमसमयकडजुम्मकडजुम्मबेदिया णं भंते! कतो उववज्जंति ? एवं जहा एगिदियमहाजुम्माणं पढमसमयुद्देस दस नाणत्ताइं ताइं चेव दस इह वि । एक्कारसमं इमं नाणत्तं नो मणजोगी, नो वइजोगी, कायजोगी । सेसं जहा एगिदियाणं चेव पढमुद्देसए । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० । ।।३६-१.२ ।। पढमे बेइंदियमहाजुम्मसए तइयाइएक्कारसमपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. एगिंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं 2010 0 KOYORK श्री आगमगुणमंजूषा 原蛋 Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सत ३६/३०/३८/३९/१० FOR पढमसमयबेइंदियमहाजुम्मसयतइयाइएक्कारसमपज्जतउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं एए वि जहा एगिदियमहाजुम्मेसु एक्कारस उद्देसगा तहेव भाणियब्बा, नवरं चउत्थ-अट्ठम-दसमेसु सम्मत्त नाणाणि न भण्णंति । जहेव एगिदिएसु; पढमो ततिओ पंचमो य एक्कगमा, सेसा अट्ठ एक्कगमा । ॥ ३६-१.३-११ ॥ ॥पढमं बेंदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥ ३६- १ || बिइए बेइंदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. पढमबेइंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणंपुव्वं कण्हलेस्सबेइंदियमहाजुम्मसयवत्तव्व यानिद्देसो ] १. कण्हलेस्सकडजुम्मबेदिया णं भंते! कतो उववज्जंति ? एवं चेव कण्हलेस्सेसु वि एक्कारस उद्दासगसंजुत्तं सयं, नवरं लेसा, संचिट्ठणा जहा एगिदियकण्हलेस्साणं । ॥ ३६-२.१-११ ।। || बितियं बेंदियसयं समत्तं ॥ ३६-२ ॥ तइए बेइंदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देगा सु. बिइयबेइंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं नीललेस्सबेइंदियमहाजुम्मसंयवत्तव्वयानिद्देसो १. एवं नीललेस्सेहि वि सयं । । ३६-३.१-११ ।। ।। ततियं सतं समत्तं ॥ ३६-३|| चउत्थे बेइंदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. बिइयबे इंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं काउलेस्सबेइंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं काउलेस्सेहि वि सयं । ॥३६-४४.१-११ || || ३६-४ ॥ पंचमाइअट्ठमपज्जंतेसु बेइंदियमहाजुम्मस सु पढमाइएक्कारसपज्र्ज्जता उद्देसगा [सु. १. एगिदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं पंचमाइअट्ठमबेइंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो] १. भवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मबेइंदिया णं भंते !० ? एवं भवसिद्धियसया वि चत्तारि तेणेव पुव्वगमएणं नेतव्वा, नवरं 'सव्वपाणा० ? णो इणट्ठे समट्ठे' । सेसं जहेव ओहियसयाणि चत्तारि । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।। ३६-५-८ ॥ ॥छत्तीसतिमसए अट्ठमं सयं समत्तं ॥ ३६-८ ॥ नवमाइबारसमपज्जंतेसु बेइंदियमहाजुम्मसएस पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. पंचमाइअट्ठमबे इंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं नवमाइबारसमबेइंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. जहा भवसिद्धियसया चत्तारि एवं अभवसिद्धियसया वि चत्तारि भाणियव्वा, नवरं सम्मत्त नाणाणि सव्वेहिं नत्थि । सेसं तं चेव । [ सु. २. बेइंदियमहाजुम्मसयाणं उवसंहारो ] २. एवं एयाणि बारस बेइंदियमहाजुम्मसयाणि भवंति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० | || बेइंदियमहाजुम्मसया समत्ता ॥३६-१२ ||55| छत्तीसतिमं सयं समत्तं || ३६ || सत्ततीसइमं सयं-555 बारस तेइंदियमहाजुम्मसयाई [सु. १. बेइंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं तेइंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कडजुम्मकडजुम्मतेंदिया णं भंते! कओ उववज्जंति० ? एवं तेइंदिएसु वि बारस सया कायव्वा बेइंदियसयसरिसा, नवरं ओगाहणा जहन्त्रेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई; ठिती जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं एकूणवन्नरातिदियाइं । सेसं तहेव । सेवं भंते ! सेवं भंते! ति० | | | तेइंदियमहाजुम्मसया समत्ता ॥ ३७-१-१२ ॥ ॥सत्ततीसइमं सतं समत्तं ||३७ ||555अट्ठतीसइमं सये 555- बारस चउरिंदियमहाजुम्मसयाई [ सु. १. बेइंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं चउरिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. चउरिदिएहि वि एवं बारस सया कायव्वा, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाई; ठिती जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा । सेसं जहा बेदियाणं । सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति | ॥ चतुरिदियमहाजुम्मसया समत्ता ॥ ३८-१-१२ ॥ ||अट्टत्तीसइमं सयं समत्तं ||३८|| 555 एगूणयालीसइमं सयं 555-बारस असन्निपंचिदियमहाजुम्मसयाई [सु. १. बेइंदियमहाजुम्मसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं असन्निपंचेदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कडजुम्मकडजुम्मअसन्निपंचेदिया णं भंते ! कओ उववज्जंति १० जहा बेदियाणं तव अन्न वि बारस सया कायव्वा, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं; संचिट्ठणा जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं पुव्वकोडीपुहत्तं; ठिती जहन्नेणं एक्कं समयं, पुव्वकोडी । सेसं जहा बेदियाणं । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ॥ असण्णिपंचेंदियमहाजुम्मसया समत्ता ॥ ३९-१-१२ ॥ ॥एगुणयालीसइमं सयं समत्तं ॥ ३९ ॥ चत्तालीसइमं सयं 555 एक्कवीसं सन्निपंचिदियमहाजुम्मसयाइं पढमे सन्निपंजिदियमहाजुम्मसए पढमो उद्देसओ [ सु. १६. सोलससु सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसएस उववायआइबत्तीसइदारपरूवणं ] १. कडजुम्मकडजुम्मसन्निपंचेदिया णं भंते ! कओ उववज्नति १० MOTOR श्री आगमगुणमंजूषा - ५८३ (c) Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ TIO79555555555 (५) भगवई सतं ४० (३६९] $$$$$ $$$$$250 उववातो चउसु वि गतीसु । संखेजवासाउय-असंखेज्जवासाउय-पज्जत्ता-अपज्जत्तएसु य न कतो वि पडिसेहो जाव अणुत्तरविमाण त्ति । परिमाणं, अवहारो, ओगाहणा य जहा असण्णिपंचेदियाणं । वेयणिज्जवज्जाणं सत्तण्हं पगडीणं बंधगा वा अबंधगा वा वेयणिज्जस्स बंधगा, नो अबंधगा । मोहणिज्जस्स वेयगा वा, अवेयगा वा । सेसाणं सत्तण्ह वि वेयगा, नो अवेयगा । सायावेयगा असायावेयगा वा । मोहणिज्जस्स उदई वा, अणुदई वा; सेसाणं सत्तण्ह वि उदई, नो अणुदई । नामस्स गोयस्स य उदीरगा, नो अणुदीरगा; सेसाणं छह वि उदीरगा वा, अणुदीरगा वा । कण्हलेस्सा वा जाव सुक्कलेस्सा वा । सम्मद्दिट्टी वा, मिच्छादिट्ठी वा, सम्मामिच्छद्दिट्ठी वा । णाणी वा अणाणी वा। णजोगी वा, वइजोगी वा, कायजोगी वा। उवयोगो, वन्नमाई, उस्सासगा आहारगा य जहा एगिदियाणं । विरया वा अविरया वा, विरयाविरया वा । सकिरिया, नो अकिरिया । २. ते णं भंते ! जीवा किं सत्तविहबंधगा, अट्ठविहबंधगा, छव्विहबंधगा एगविहबंधगा ? गोयमा ! सत्तविहबंधगा वा जाव एगविहबंधगा वा। ३. ते णं भंते ! जीवा किं आहारसण्णोवउत्ता जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता, नोसण्णोवयुत्ता ? गोयमा ! आहारसन्नोवउत्ता वा जाव नोसन्नोवउत्ता वा। ४. सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा । कोहकसाई वा जाव लोभकसाई वा, अकसायी वा । इत्थिवेयगा वा, पुरिसवेयगा वा, नपुंसगवेयगा वा, अवेदगा वा । इत्थिवेदबंधगा वा, पुरिसवेयबंधगा वा, नपुंसगवेदबंधगा वा, अबंधगा वा । सण्णी, नो असण्णी। सइंदिया, नो अणिदिया। संचिट्ठणा जहन्नेणं एक्वं समयं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहत्तं सातिरेगं । आहारो तहेव जाव नियम छद्दिसिं । ठिती जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई । छ समुग्धाता आदिल्लगा। मारणंतियसमुग्घातेणं समोहया वि मरंति, असमोहया वि मरंति । उव्वट्ठणा जहेव उववातो, न कत्थइ पडिसेहो जाव अणुत्तरविमाण त्ति । ५. अह भंते! ' सव्वपाणा० ? जाव अणठतखुत्तो । ६. एवं सोलससु वि जुम्मेसु भाणियव्वं जाव अणंतखुत्तो, नवरं परिमाणं जहा बेइंदियाणं, सेसं तहेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।।४० सते उद्दे० १|| ४०-१.१ ।। पढमे सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए बिइओ उद्देसओ [ सु. १. पढमुद्देसाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं ॥ पढमसमयसन्निपंचिंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिदेसो ] १. पढमसमयकङजुम्मसन्निपंचेंदिया णं भंते ! कतो उववज्जति १० उववातो, परिमाणं, अवहारो, जहा' एतेसिं चेव पढमे उद्देसए। ओगाहणा, बंधो, वेदो, वेयणा, उदयी, उदीरगा य जहा बेदियाणं पढमसमइयाणं तहेव । कण्हलेस्सा वा जाव सुक्कलेस्सा वा । सेसं जहा बेदियाणं पढमसमइयाणं जाव अणंतखुत्तो, नवरं इत्थिवेदगा वा, पुरिसवेदगा वा, नपुंसगवेदगा वा; सण्णिणो, नो असण्णिणो । सेसं तहेव । एवं सोलससु वि जुम्मेसुपरिमाणं तहेव सव्वं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।४०-१.२॥ पढमे सन्निपंचिदिदयमहाजुम्मसए तइयाइएक्कारसमपज्जंता उद्देसगा[ सु.१ पुव्वाणुसारेणं सन्निपंचिदियमहाजुम्मसयतइयाइएक्कारसमउद्देसवत्तव्वया निद्देसो] १. एवं एत्थ वि एक्कारस उद्देसगा तहेव । पढमो, ततिओ, पंचमो य सरिसगमा। सेसा अट्ट वि सरिसगमा । चउत्थ-अट्ठम-नत्थि विसेसो कोयि वि । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।४०-१.३-११॥॥४० सते पढमं सन्निपंचेदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥४०-१॥ - बिइए सन्निपंचेंदियमहाजुम्मसए पढमो उद्देसओ [ सु. १. सन्निपंचिंदियमहाजुम्मपढमसयपढे मुद्दसाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं कण्हलेस्ससन्निपंचिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कण्हलेस्सकडजुम्मसन्निपंचेंदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? तहेव जहा पढमुद्देसओ सन्नीणं, नवरं बंधो, वेओ, उदई, उदीरणा, लेस्सा, बंधगा, सण्णा, कसाय, वेदबंधगा य एयाणि जहा बेदियाणं कण्हलेस्साणं । वेदो तिविहो, अवेयगा नत्थि । संचिट्ठणा जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई। एवं ठिती वि, नवरं ठितीए 'अंतोमुहुत्तमन्भहियाई न भण्णंति । सेसं जहा एएसिं चेव पढमे उद्देसए जाव अणंतखुत्तो । एवं सोलससु वि जुम्मेसु । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।४०-२.१ ॥ बिइए सन्निपंचेंदियमहाजुम्मसए बिइओ उद्देसओ [सु. १. सन्निपंचेंदियमहाजुम्मपढमसयबिइउद्देसाणुससारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं पढमसमयकण्हलेस्ससन्निपंचिंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. पढमसमयकण्हलेस्सकडजुम्मसन्निपंचेंदिया णं भंते ! कओ उववज्जति १० जहा सन्निपंचेंदियपढमुद्देसए तहेव निरवसेसं । नवरं ते णं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा ? OSC$乐明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明5C reO55555555555555श्री आगमगुणमंजूषा - ५८४4 5555555555555IOR Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROROS55555555 (५) भगवई रात ४० [३७०] 五五五五五五五五五五五五5522 C G 55555FOR हता, कण्हलेस्सा। सेसं तं चेव । एवं सोलससु वि जुम्मेसु। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।४०-२.२॥ बिइए सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए तइयाइएक्कारसमपज्जंता उद्देसगा [सु. १. पुव्वाणुसारेणं कण्हलेस्ससन्निपंचिंदियमहाजुम्मसयतइयाइएक्कारसमउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं एए वि एक्कारस उद्देसगा कण्हलेस्ससए। पढम-ततिय-पंचमा सरिसगमा । सेसा अट्ठ वि सरिसगमा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति०।।४०-२. ३११ ।।।।४० सते बितियं सयं समत्तं ॥४०-२।। तइए सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए पढ़माइएक्कारसपज्जता उद्देसगा [ सु. १. सन्निपंचिंदियमहाजुम्मबिइयसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुत्वं नीललेस्ससन्निपंचिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं नीललेस्सेसु वि सयं । नवरं संचिट्ठणा जहन्नेणं एक्कं समय, उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागमब्भहियाइं; एवं ठिती वि । एवं तिसु उद्देसएसु। सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।४०-३.१-११।।।।४० सते ततियं सयं समत्तं ॥४०३ ।। चउत्थे सन्निपंचिदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जता उद्देसगा [सु. १. सन्निपंचिंदियमहाजुम्मतइयसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं काउलेस्ससन्निपंचिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं काउलेस्ससयं पि, नवरं संचिट्ठणा जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तिन्नि सागरोवमाई पलियोवमस्स असंखेज्जइभागमब्भहियाई; एवं ठिती वि । एवं तिसु वि उद्देसएसु। सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।४०-४.१-११॥ ॥४० सते चउत्थं सयं०॥४०-४॥ पंचमे सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए पढमाइइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा सु. १. सन्निपंचिंदियमहाजुम्मचउत्थसयाणुसारेणं विसेसनिरू वणपुव्वं तेउलेस्ससन्निपंचिंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो १. एवं तेउलेस्सेसु वि सयं । नवरं संचिट्ठणा जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं दो सागरोवमाई पलियोवमस्स ' असंखेज्जइभागमब्भहियाइं; एवं ठिती वि, नवरं नोसण्णोवउत्ता वा । एवं तिसु विगम (? उद्देस) एसु। सेसंतं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते! त्ति०।।।४०-५.१-११॥॥४० असते पंचमं सयं ॥४०-५॥ छठे सन्निपंचिदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [सु. १. सन्निपसंचिदियमहाजुम्मपंचमसयाणुसारेणं विसेसानिरूवणपुव्वं पम्हलेस्ससन्निपंचिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. जहा तेउलेसासयं तहा पम्हलेसासयं पि। नवरं संचिट्ठणा जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं दस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं; एवं ठिती वि, नवरं अंतोमुहुत्तं न भण्णइ । सेसं तं चेव । एवं एएसु पंचसु सएसु जहा कण्हलेसासए गमओ तहा नेयव्वो जाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।४०-६.१-११ ॥ ॥४० सते छ8 सयं समत्तं ।।४०-६|| सत्तमे सन्निपंचिदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. सन्निपंचिदियमहाजुम्मपढमसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं सुक्कलेस्ससन्निपंचिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. सुक्कलेस्ससयं जहा ओहियसयं, नवरं संचिट्ठणा ठिती य जहा कण्हलेस्ससते। सेसं तहेव जाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।॥४०-७.१-११॥॥४० सते सत्तमं सयं समत्तं ॥४०-७|| अट्ठमे सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपजता उद्देसगा सु.१ सन्निपंचिंदियमहाजुम्मपढमसयाणुसारेणं विसे सनिरू वणपुव्वं भवसिद्धियसन्निपंचिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो १. भवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मसन्निपंचेंदिया णं भंते ! कओ उववज्जति १० जहा पढमं सन्निसयं तहा नेयव्वं भवसिद्धियाभिलावेणं, नवरं 'सव्वपाणा० ? णो तिणढे समढे' । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।।४०-८.१-११ ।। ।।४० सते अट्ठमं सयं ॥४०८॥ नवमे सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु.१. सन्निपंचिंदियमहाजुम्मबिइयसयाणुसारेणं भवसिद्धियकण्हलेस्ससन्निपंचिदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो] १. कण्हलेस्सभवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मसन्निपंचेंदिया णं भंते ! कओ उववज्जति १० एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहियकण्हलेस्ससयं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।।४०-९.१-११।।।।४० सते नवमं सयं ।।४०-९|| दसमे सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपज्जता उद्देसगा [सु. १. अणंतरगयनवमसयाणुसारेणं नीललेस्सभवसिद्धियसन्निपंचिंदियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं नीललेस्सभवसिद्धिएहि वि सतं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ।।४०-१०.१-११ ।। ॥४० सते दसमं सयं ।।४०-१० । एक्कारसमाइचोद्दसमपज्जतेसु 乐乐 明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐C $$$$$$$$$$$$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听$2 reOf55555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा-५८५॥5555555555555555555555555OOK Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 30.05%$$ $$$$男明 (५) भगवई सत ४०/४१-3.९१६[३७१] 五步步步步步步步步步步步为QSC CC玩乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听玩玩乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐玩玩玩乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐 सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसएसु पत्तेयं एक्कारस एक्कारस उद्देसगा [ सु. १. संन्निपंचिंदियमहाजुम्मचउत्थाइअट्ठमसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं काउलेस्साइसुक्कलेस्सासन्निपंचिदियमहाजुम्मचउक्कवत्तव्वयानिद्देसो] १. एवं जहा ओहियाणि सन्निपंचेदियाणं सत्त सयाणि भणियाणि एवं भवसिद्धिएहि वि सत्त सयाणि कायव्वाणि, नवरं सत्तसु वि सएसु ‘सव्वपाणा जाव णो इणढे समढे' । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंत !० । ।भवसिद्धियसया समत्ता ॥४०-८-१४ ।। ॥४० सते चोद्दसमं सयं समत्तं ।।४०-१४।। पन्नरसमे सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए पढमो उद्देसओ [ सु. १-२. पुव्वाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं अभवसिद्धियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो] १. अभवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मसन्निपंचेदिया णं भंते ! कओ उववज्जति १० उववातो तहेव अणुत्तरविमाणवज्जो। परिमाणं, अवहारो, उच्चत्तं, बंधो, वेदो, वेयणं, उदयो, उदीरणा, य जहा कण्हलेस्ससते । कण्हलेस्सा वा जाव सुक्कलेस्सा वा । नो सम्मद्दिट्ठी, मिच्छाद्दिट्ठी, नो सम्मामिच्छादिट्ठी। नो नाणी, अन्नाणी । एवं जहा कण्हलेस्ससए, नवरं नो विरया, अविरया, नो विरयाविरया । संचिट्ठणा, ठिती य जहा ओहिउद्देसए । समुग्घाया आइल्लगा पंच। उव्वट्ठणा तहेव अणुत्तरविमाणवजं । 'सव्वपाणा० ? णो इणढे समढे । सेसं जहा कण्हलेस्ससए जाव अणंतखुत्तो। २. एवं सोलससु वि जुम्मेसु। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ॥४०-१५.१ ॥ पन्नरसमे सन्निपंचिदियमहाजुम्मसए बिइओ उद्देसओ ] सु. १. सन्निपंचिदियमहाजुम्मपढमसयबिइउद्देसाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं पढमसमयअभवसिद्धियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिआँसो १. पढमसमयअभवसिद्धियकडजुम्मकड जुम्मसन्निपंचेदिया णं भंते ! कओ उववज्जति १० जहा सन्नीणं पढमसमयुद्देसए तहेव, नवरं सम्मत्तं, सम्मामिच्छत्तं, नाणं च सव्वत्थ नत्थि । सेसं तहेव । सेवं भंते ! सेवं भंत ! त्ति०।।४०-१५.२।। पन्नरसमे सन्निपंचिदियमहाजुम्मसए तइयाइएक्कारसपज्जंता उद्देसगा [ सु.१. पुव्वाणुसारेणं अभवसिद्धियमहाजुम्मतइयाइएक्कारसमउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं एत्थ वि एक्कारस उद्देसगा कायव्वा, पढ़ा-ततिय-पंचमा एक्कगमा। सेसा अट्ठ वि एक्कगमा। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।४०-१५.३-११।।।पढम अभवसिद्धियमहाजुम्मसयं समत्तं।। ।।४० सते पनरसमं सयं समत्तं ॥४०-१५।। सोलसमे सन्निपंचिंदियमहाजुम्मसए पढमाइएक्कारसपजंता उद्देसगा [ सु. १. सन्निपंचिंदियमहाजुम्मबिइयसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं कण्हलेस्सअभवसिद्धियमहाजुम्मसयवत्तव्वयानिद्देसो कण्हलेस्सअभवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मसन्निपंचेंदिया णं भंते ! कतो उववज्जति १० जहा एएसिं चेव ओहियसतं तहा कण्हलेस्ससयं पि, नवरं 'ते णं भंते ! जीवा कण्हलेस्सा ? हंता, कण्हलेस्सा' । ठिती, संचिट्ठणा य जहा कण्हलेस्ससए । सेसं तं चेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।॥४०-१६.१-११ ॥ ॥बितियं अभवसिद्धियमहाजुम्मसयं।। ।।४० सते सोलसमं सतं समत्तं ॥४०-१६सत्तरसमाइएक्कवीसइमपज्जतेसु सन्निपंचिदियमहाजुम्मसएसु पत्तेयं एक्कारस एक्कारस उद्देसगा [सु.१. अणंतरगयसोलसमसयाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं नीललेस्साइसुक्कलेस्सअभवसिद्धियमहाजुम्मसयपंचगवत्तव्वयानिद्देसो ] १. एवं छहि वि लेसाहिं छ सया कायव्वा जहा कण्हलेस्ससयं, नवरं संचिट्ठणा, ठिती य जहेव ओहिएसु तहेव भाणियव्वा; नवरं सुक्कलेसाए उक्कोसेणं एक्कतीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई; ठिती एवं चेव, नवरं अंतोमुहुत्तो नत्थि, जहन्नगं तहेव; सव्वत्थ सम्मत्तं नाणणि नत्थि । विरती, विरयाविरई, अणुत्तरविमाणोववत्ती, एयाणि नस्थि । 'सव्वपाणा० ? णो इमढे समढे । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० [ सु. २. अभवसिद्धियमहाजुम्मसयसंखानिरूवणं ] २. एवं एताणि सत्त (४०-१५-२१) . अभवसिद्धियमहाजुम्मसयाणि भवंति। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ।।४०-१७-२१॥ [सु. ३-४. सन्निमहाजुम्मसयाणं महाजुम्मसयाणं च संखानिरूवणं] ३. एवं + एयाणि एक्कवीसं सन्निमहाजुम्मसयाणि । ४. सव्वाणि वि एक्कासीति महाजुम्मसताणि । |महाजुम्मसता समत्ता चत्तालीसतिम सयं समत्तं ॥४०॥ एगचत्तालीसइमं सयं- रासीजुम्मसयं पढमो उद्देसओ [सु. १. रासीजुम्मभेयचउक्कं ] १. (१) कति णं भंते ! रासीजुम्मा पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि रासीजुम्मा पन्नत्ता, तं जहा-कडजुम्मे जाव कलियोगे। (२) सेकेणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ-चत्तारि रासीजुम्मा पन्नत्ता तं जहा जाव कलियोगे? गोयमा ! जेणं रासी SAOS5555555555555555555555555555555F5F5F5F55555FFEE More 5 55 श्री आगमगुणमंजूषा - ५८६555555555 5 55 FONOR Page #391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सतं ४१-३-११६ [३७२] चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपज्जवसिए से त्तं रासीजुम्मकडजुम्मे, एवं जाव जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं० एग पज्जवसिए से त्तं रासीजुम्मकलिगे, सेतेणद्वेणं जाव कलियोगे । [ सु. २- ११. रासीजुम्मडकजुम्मेसु चउवीसइदंडएस विविहा उववायाइवत्तव्वया ] २. रासीजुम्मकडजुम्मनेरतिया णं भंते ! कतो उववज्जति ? उववातो जहा वक्कंतीए । ३. ते णं भंते! जीवा एगसमएणं केवतिया उववज्जंति ? गोयमा ! चत्तारि वा, अट्ठ वा, बारस वा, सोलस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उववज्जति । ४. ते णं भंते ! जीवा किं संतरं उववज्जंति, निरंतरं उववज्जंति ? गोयमा ! संतरं पि उववज्र्ज्जति, निरंतरं पि उववज्र्ज्जति । संतरं उववज्जमाणा जहन्त्रेण एक्वं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जे समये अंतरं कट्टु उववज्र्ज्जति; निरंतरं उववज्जमाणा जहन्नेणं दो समया, उक्कोसेणं असंखेज्जा समया अणुसमयं अविरहियं निरंतरं उववज्र्ज्जति । ५. (१) ते णं भंते ! जीवा जं समयं कडजुम्मा तं समयं तेयोगा, जं समयं तेयोगा तं समयं कडजुम्मा ? णो इणट्टे समट्ठे । (२) जं समयं जुम्मा तं समयं दावरजुम्मा, जं समयं दावरजुम्मा तं समयं कडजुम्मा ? नो इणट्ठे समट्ठे। (३) जं समयं कडजुम्मा तं समयं कलियोगा, जं समयं कलियोगा तं समयं कडजुम्मा ? णो इणट्टे समट्ठे । ६. ते णं भंते ! जीवा कहं उववज्जंति ? गोयमा ! से जहानामए पवए पवमाणे एवं जहा उववायसए (स०२५३०८ सु० २-८) जाव नो परप्पयोगेणं उववज्जंति । ७. (१) ते णं भंते! जीवा किं आयजसेणं उववज्जंति, आयअजसेणं उववज्जंति ? गोयमा ! नो आयजसेणं उववज्जंति, आअज सेणं उववज्र्ज्जति । (२) जति आयअजसेणं उववज्जंति किं आयजसं उवजीवंति, आयअजसं उवजीवंति ? गोयमा ! नो आयजसं उवजीवंति, आयअजसं उवजीवंति । (३) जति आयअजसं उवजीवतिं किं सलेस्सा, अलेस्सा ? गोयमा ! सलेस्सा, नो अलेस्सा । (४) जति सलेस्सा किं सकिरिया, अकिरिया ? गोयमा ! सकिरिया, नो अकिरिया । (५) जति सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंतं करेति ? णो इणट्टे समट्ठे । ८. रासीजुम्मकडजुम्म असुरकुमाराणं भंते! कओ उववज्जंति ? जहेव नेरतिया तहेव निरवसेसं । ९. एवं जाव पंचेदिंयतिरिक्खजोणिया, नवरं वणस्सतिकाइया जाव असंखेज्ना वा, अणंता वा उववज्र्ज्जति । सं एवं चेव । १०. (१) मणुस्स वि एवं चेव जाव नो आयजसेणं उववज्जंति, आयअजसेणं उववज्र्ज्जति । (२) जति आयअजसेणं उववज्नंति किं आयजसं उवजीवंति, आयअजसं उवजीवति ? गोयमा ! आयजसं पि उवजीवंति, आयअजसं पि उवजीवंति। (३) जति आयजसं उवजीवंति किं सलेसा, अलेस्सा ? गोयमा! सलेस्सा वि, अलेस्सा वि । (४) जति अलेस्सा किं सकिरिया, अकिरिया ? गोयमा ! नो सकिरिया, अकिरिया । (५) जति अकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंत करेति ? हंता, सिज्झंति जाव अंतं करेति । (६) अदि सलेस्सा किं सकिरिया, अकिरिया ? गोयमा ! सकिरिया, नो अकिरिया । (७) अदि सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंतं करेति ? गोयमा ! अत्थेगइया तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंतं करेति, अत्थेगइया नो तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंतं करेति । (८) जति आयअजसं उवजीवंति किं सलेस्सा, अलेस्सा ? गोयमा ! सलेस्सा, नो अलेस्सा। (९) जदि सलेस्सा किं सकिरिया, अकिरिया ? गोयमा ! सकिरिया, नो अकिरिया । (१०) जदि सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झति जाव अंतं करेति ? नो इणट्टे समट्टे । (११) वाणमंतर जोतिसय वेमाणिया जहा नेरइया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० | ॥ रासीजुम्मसते पढमो उद्देसओ ॥ ४१.१ ॥ बिइओ उद्देसओ [ सु. १ - ३] रासीजुम्मतेयोयनेरयिया णं भंते! कओ उववज्जंति ? एवं चेव उद्देसओ भाणियव्वो, नवरं परिमाणं तिन्नि वा, सत्त त्ता, एक्कारस वा, पन्नरस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उववज्जंति] । संतरं तहेव । २. (१) ते णं भंते ! जीवा समयं यया तं समयं कडजुम्मा, जं समयं कडजुम्मा तं समयं तेयोया ? णो इणट्ठे समट्ठे । (२) जं समयं तेयाया तं समयं दावरजुम्मा, जं समयं दावरजुम्मा तं समयं तेयोया ? णो इणट्टे समट्टे । (३) एवं कलियोगेण वि समं । ३. सेसं तं चैव जाव वेमाणिया, नवरं उववातो सव्वेसिं जहा वक्तीए । सेवं भंत ! सेवं भंते ! त्ति० । ।४१.२ ।। तइओ उद्देसओ [ सु. १-३. रासीजुम्मदावरजुम्मेसु चउवीसइदंडएस विविहा उववायाइवत्तव्वया ] १. रासीजुम्मदावरजुम्मनेरतिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं चेव उद्देसओ, नवरं परिमाणं दो वा, छ वा, दस वा, संखेज्जा वा, असंखेज्जा वा उववज्जंति । २. (१) ते णं भंते! जीवा जं समयं दावर जुम्मा 1 Education International 2010 03 www.jainelibrary. YO Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५) भगवई सतं ४१-३-११६ [३७३] तं समयं कडजुम्मा, जं समयं कडजुम्मा तं समयं दावरजुम्मा ? णो इणट्ठे समट्ठे। (२) एवं तेयोएण वि समं । (३) एवं कल्लियोगेण वि समं । ३. सेसं जहा पढमुद्देस जाव वेमाणिया । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥ ॥ ४१.३ ॥ चउत्थो उद्देसओ [सु. १-३. रासीजुम्मकलियोगेसु चउवीसदंडएस विविहा उववायाइवत्तव्वया ] १. रासीजुम्मकलियोगनेरतिया णं भंते! कओ उववज्र्ज्जति १० एवं चेव, नवरं परिमाणं एक्को वा, पंच वा, नव वा, तेरस वा, संखेज्ना वा, असंखेज्जा वा० । २. (१) ते K 5 5 5 5 5 5 555555555 णं भंते ! जीवा जं समयं कलियोगा तं समयं कडजुम्मा, जं समयं कडजुम्मा तं समयं कलियोगा ? नो इणट्ठे समट्ठे । (२) एवं तेयोयेण वि समं । ३ एवं दावरजुम्मेण वि समं । ३. सेसं जहा पढमुद्देसए जाव वेमाणिया । सेवं भंते! ति० । ४१.४ ॥ पंचमो उद्देसओ ९ [सु. १ ३. कण्हलेस्सरासीजुम्मकडजुम्मेसु चउवीसइदंडएसु विविहा उववायाइवत्तव्वया ] १. कण्हलेस्सरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते! कतो उववज्जंति १० उववातो जहा धूमप्पभाए। सेसं जहा पढमुद्देसए । २. असुरकुमाराणं तहेव, एवं जाव वाणमंतराणं । ३. मणुस्साण वि जहेव नेरइयाणं । आय ? अ जसं उवजीवंति। अलेस्सा, अकिरिया, तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झंति, एवं न भाणियव्वं । सेसं जहा पढमुद्देसए । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ॥ ४१.५ उद्दे० ॥ छट्टो उद्देसओ [ सु. १. अणंतरगयउद्देसाणुसारेणं कण्हलेस्सरासीजुम्म ओयचउवीसइदंडयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कण्हलेस्सतेयोएहि वि एवं चेव उद्देसओ । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ॥ ॥ ४१.६ ।। सत्तमो उद्देसओ [ सु. १. अणंतरगयउद्देसाणुसारेणं कण्हलेस्सरासीजुम्मदावरजुम्मचउवीसइदंडयवत्तव्वयानिद्देसओ] १. कण्हलेस्सदावरजुम्मेहिं वि एवं चेव उद्देसओ । सेवं भंते! ससेवं भंते! ति० ।। ४१.७॥ अट्टमो उद्देसओ [ सु. १. अणंतरगयउद्देसाणुसारेणं कण्हलेस्सरासीजुम्मकलियच उवीसइदंडयवत्तव्वयानिद्देसो ] १. कण्हलेस्सकलिओ हि वि एवं चेव उद्दसओ । परिमाणं संवेहो य जहा ओहिएसु उद्देसएसु । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥ ॥४१.८|| नवमाइबारसमपज्जता उद्देसगा [ सु. १. पंचमाइअट्ठमउद्देसाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं नीललेस्सं पडुच्च परूवणानिद्देसो ] १. जहा कण्हलेस्सेहिं एवं नीललेस्सेहि वि छत्तारि उद्देसगा भाणियव्वा निरवसेसा, नवरं नेरइयाणं उववातो जहा वालुयप्पभाए। सेसं तं चेव । सेवं भंते ! ति । ॥ ४१.९-१२ ॥ तेरसमाइसोलसमपज्जंता उद्देसगा [सु. १. पंचमाइअट्ठमउद्देसाणुसारेणं विससेसनिरूवणपुव्वं काउलेस्सं पडुच्च परूवणानिद्देसो ] १. काउलेस्सेहि वि एवं चेव चत्तारि उद्देसगा कायव्वा, नवरं नेरयियाणं उववातो जहा रयणप्पभाए। सेसं तं चेव । सेवं भंते! सेवं भंते! ति० ।।४१.१३-१६ ॥ सत्तरसमाइवीसइपज्जेता उद्देसगा [ सु. १. पंचमाइअट्टमउद्देसाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं तेउलेस्सं पडुच्च परूवणानिद्देसो ] १. तेउलेस्सरासीजुम्मकडजुम्म असुरकुमारा णं भंते ! कतो उववज्जंति ?, वं चेव, नवरं जेसु तेउलेस्सा अत्थि तेसु भाणियव्वं । एवं एए वि कण्हलेस्ससरिसा चत्तारि उद्देसगा कायव्वा । सेवं भंते! सेवं भंते ! ||४१.१७-२० ॥ एगवीसइमाइचउव्वीसइमपज्जेता उद्देसगा [सु. १. पंचमाइअट्ठमउद्देसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं पम्हलेस्सं पडुच्च परूवणानिद्देसो ] १. एवं पम्हलेस्साए वि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा। पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणं वेमाणियाण य एतेसिं पम्हलेस्सा, सेसाणं नत्थि । सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति० ॥ ४१.२१-२४ ॥ पणुवीसइमाइअट्ठावीसइमपज्जेता उद्देसगा [ सु. १. पंचमाइअट्ठमउद्देसाणुसारेणं विसेसनिरूवणपुव्वं सुक्कलेस्सं पडुच्च परूवणानिद्देसो ] १. जहा पम्हलेस्साए एवं सुक्कलेस्साए वि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा, नवरं माणुसस्साणं गमओ जहा ओहिउद्देसएसु। सेसं तं चेव । [ सु. २. अट्ठावीसउद्देससंखानिरूवणरूवो उवसंहारो ] २. एवं एए छसु लेस्सु चउवीसं उद्देसगा। ओहिया चत्तारि । सव्वेए अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।४१.२५-२८ ।। एगूणतीसमाइछप्पन्नइमपज्जेता उद्देसगा [सु. १-८. आइल्ल अट्ठावीसइउद्देसाणुसारेणं भवसिद्धिए पडुच्च अय्ठरवीसइउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो ] १. भवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उववज्र्ज्जति ? 'जहा ओहिया पढमगा चत्तारि उद्देसगा तहेब निरवसेसं एए चत्तारि उद्देसगा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० ४१.२९-३२ ॥ २. कण्हलेस्सभवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्र्ज्जति १० जहा कण्हलेसाए चत्तारि उद्देसगा तहा इमे वि भवसिद्धियकण्हलेस्सेहि चत्तारि श्री आगमगुणमंजूषा ५८८ Page #393 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 2C%听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听FC XOXOFFFFFFFFFFFFFFF% (५) भगवई संत ४१-3-२९६३७४J 555555555555555sexog उद्देसगा कायव्वा ।। ४१.३३-३६ ।। ३. एवं नीललेस्सभवसिद्धिएहि वि चत्तारि उद्देसगा ।। ४१.३७-४०॥४. एवं काउलेस्सेहि चत्तारि उद्देसगा ॥ ४१.४१-४४ ॥५. तेउलेस्सेहि वि चत्तारि उद्देसगा॥४१.४५-४८॥६. पम्हलेस्सेहि वि चत्तारि उद्दसगा। ४१.४९-५२।। ७. सुक्कलेस्सेहि वि चत्तारि उद्देसगा ओहियसरिसा ॥४१.५३-५६ ।। ८. एवं एए व भवसिद्धिएहिं अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।॥४१.२९-५६॥ सत्तावण्णइमाइचुलसीइमपज्जंता उद्देसगाई [सु.१-९. आइल्लअट्ठावीसइउद्देसाणुसारेणं अभवसिद्धिए पडुच्च विसेसनिरूवणपुव्वं अट्ठावीसइउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो ] १. अभवसीद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहा पढमो उद्देसगो, नवरं मणुस्सा नेरइया य सरिसा भाणियव्वा । सेसं तहेव । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०१२. एवं चउसु वि जुम्मेसु चवारि उद्देसगा॥ ४१.५७-६०॥३. कण्हलेस्सअभवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरड्या णं भंते ! कओ उववज्जति १० एवं चेव चत्तारि उद्देसगा।। ४१.६१-६४ ॥ ४. एवं नीललेस्सअभवसिद्धीएहि वि चत्तारि उद्देसका ॥ ४१.६५-६८।। ५. एवं काउलेस्सेहि वि चत्तारि उद्देसगा || ४१.६९-७२ ।। ६. एवं तेउलेस्सेहि वि चत्तारि उद्देसगा॥४१.७३-७६ ॥ ७. पम्हलेस्सेहि वि चत्तारि उद्देसगा॥४१.७७-८० ॥ ८. सुक्कलेस्सअभवसिद्धिएहि वि चत्तारि उद्देसगा ।।४१.८१-८४ ॥९. एवं एएसु अठ्ठावीसाए (५७-८४) वि अभवसिद्धियउद्देसएसु मणुस्सा नेरइगमेणं नेतव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। एवं एए वि अट्ठावीसं उद्देसगा [सु.१-४.' एगूणतीसमाइछप्पन्नइमउद्देसाणुसारेणं सम्महिट्ठिए पडुच्च अट्ठावीसइउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो] १. सम्मद्दिट्ठिरासीजुम्मकडजुम्मनेरइयाणं भंते! कओ उववज्जति?० एवं जहा पढमो उद्देसओ । २. एवं चउसु वि जुम्मेसु चत्तारि उद्देसगा भवसिद्धियसरिसा कायव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०॥४१.८५-८८ ॥ ३. कण्हलेस्ससम्मदिहिरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति १० एए वि कण्हलेस्ससरिसा चत्तारि उद्देसगा कातव्वा ।। ४१.८९-९२ ।। ४. एवं सम्मद्दिट्ठीसु वि भवसिद्धियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा कायव्वा ।। ४१.९३-११२ ।। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ । ॥४१.८५-११२।। तेरसुत्तरसयतमाइचत्तालीसुत्तरसयतमपज्जंता उद्देसगा [सु. १. सत्तावन्नइमाइचुलसीइमउद्देसाणुसारेणं मिच्छद्दिट्ठिए पडुच्च अट्ठावीसइउद्देसवत्तव्वयानिहेसो ] १. मिच्छद्दिट्ठिरासीजुम्मकुडजुम्मनेरइया णं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं एत्थ वि मिच्छादिट्ठिअभिलावेणं अभवसिद्धियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसका कायव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। ॥४१.११३-१४०॥ एगचत्तालीसुत्तरसयतमाइअडसट्ठिउत्तरसयतमपज्जंता उद्देसगा [ सु. १. सत्तावन्नइमाइचुलसीइमउद्देसाणुसारेणं कण्हपक्खिए पडुच्च अट्ठावीसइउद्देसवत्तव्वयानि(सो] १. कण्हपक्खियरासीजुम्मकडजुम्मनरझ्याणभंते! कओ उववज्जति? एवं एत्थ वि अभवसिद्धियसरिसा अट्ठरवीसं उद्देसगा कायव्वा । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति० । ।।४१.१४१-१६८|| एगूणसत्तरिउत्तरसयतमाइछन्नउदइउत्तरसयतमपज्जंता उद्देसगा सु. १-२. एगूणतीसइमाइछप्पन्नइमउद्देसाणुसारेणं सुक्कपक्खिए पडुच्च अट्ठावीसइउद्देसवत्तव्वयानिद्देसो] १. सुक्कपक्थियरासीजुम्मकडजुम्मनेरड्या णं भंते ! कओ उववनंति? एवं एत्थ वि भवसिद्धियसरिसा अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति । २. एवं एए सव्वे वि छण्णउयं उद्देसगसयं भवति रासीजुम्मसतं । जाव सुक्कलेस्ससुक्कपक्खियरासीजुम्मकडजुम्मकलियोगवेमाणिया जाव-जति सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति ? नो इणद्वे समढे । 'सेवं भंते ! सेवं भंते।' त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं भहावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेति, तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेत्ता वंदति नमंसति, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासि-एवमेयं भंते!, तहमेयं भंते !, अवितहमेतं भंते !, असंदिद्धमेयं भंते !, इच्छियमेयं भंते !, पडिच्छियमेतं भंते !, इच्छियपडिच्छियमेयं भंते !, सच्चे णं एसमढे जं णं तुब्भे वदह, त्ति कट्ट 'अपुव्ववयणा खलु अरहंता भगवंतो' समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति, वंदित्ता नमंसित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरति । ॥४१.१६९-१९६।। ।। रासीजुम्मसतं समत्तं ।। ४१ ।। [सु. १-२. वियाहपन्नत्तिसुत्तस्स सयग-उद्देस-पयसंखानिरूवणं ]१. सव्वाए भगवतीए अठ्ठत्तीसं सयं सयाणं १३८ । उद्देसगाणं १९२५ ॥२. चुलसीतिसयसहस्सा पयाण पवरवरणार-दंसीहिं । भावाभावमणता पण्णत्ता एत्थमंगम्मि ||१|| [ सु. ३. अंतिममंगलं SO乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 in Education International 2010 03 ENDRILDIRoaLLAOnly MOV05555555555555555555555555 श्री आगमगणमंजषा - 4545555555555555555555 Oic Page #394 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOR955555555555 (5) भगवई सत 41-3-111 [375] 国历步步勇勇为55%20E ‘सिरिसंघजयवाओ] 3. तव-नियम-विणयवेलो जयति सया नाणविमलविपुलजलो। हेउसयविउलवेगो संघसमुद्दो गुणविसालो / / 2 / / / रासीजुम्मसयं समत्तं / / / समत्ता य भगवती॥ | वियाहपण्णत्तिसुत्तं समत्तं // पुत्थयलेहगकया नमोक्कारा नमो गोयमादीण गणहराणं / नमो भगवतीए विवाहपन्नत्तीए। नमो दुवालसंगस्स गणिपिडगस्स / कुमुयसुसंठियचलणा, अमलियकोरेंटबिटसंकासा / सुयदेवया भगवती मम मतितिमिरं पणासेउ / / 1|| भगवईए वियाहपण्णत्तीए उद्देसविही पण्णत्तीए आदिमाणं अट्ठण्हं सयाणं दो दो उद्देसया उद्दिसिज्जति, णवरं चउत्थसए पढमदिवसे अट्ठ, बितियदिवसे दो उद्देसगा उद्दिसिज्जति / 1-8 / नवमाओ सयाओ आरद्धं जावतियं ठाइ तावइयं उद्दिसिज्जइ, उक्कोसेणं सयं पि एगदिवसेणं उद्दिसिज्जइ, मज्झिमेणं दोहिं दिवसेहिं सयं, जहन्नेणं तिहिं दिवसेहिं सतं / एवं जावई वीसइमं सतं / णवरं गोसालो एगदिवसेणं उद्दिसिज्जइ; जति ठियो एगेण चेव आयंबिलेणं अणुण्णव्वइ, अह ण ठियो आयंबिलछट्टेणं अणुण्णव्वति / 9-20 / - एक्कवीस-बावीस-तेवीसतिमाई सयाई एक्केक्कदिवसेणं उद्दिसिज्जति। 21-23 | चउवीसतिमं चउहि दिवसेहि-छ छ उद्देसगा। 24 / पंचवीसतिमं दोहिं दिवसेहिंछ छ उद्देसगा। 25 / गमियाणं आदिमाइं सत्त सयाइं एक्केक्कदिवसेण उद्दिसिज्जति। 26-32 / एगिदियसतात्तं बारस एगेण दिवसेण। 33 / सेढिसयाइं बारस एगेणं०। 34 / एगिदियमहाजुम्मसताइं बारस एगेणं 0 35 / एवं बेदियाणं बारस 36 , तेंदियाणं बारस 37, चउरिदियाणं बारस 38 , असन्निपंचेदियाणं बारस 39 , संन्निपंचिदियमहाजुम्मसयाई एक्कवीसं 40 , एगदिवसेणं उद्दिसिज्जति / रासीजुम्मसयं एगदिवसेणं उद्दिसिज्जइ। 41 / एवं सोलसहिं दिवसेहिं गमियाइं उद्दिसिज्जंति / एतेसिं पुण पढ़म(म) सताइं उद्दिसिज्जंति / पच्छा अट्ठ उद्देसगा उद्दिसिज्जति / ते चेव समुद्दिसिऊणं एवं अणुण्णविनंति / चउद्दसि-पण्णकी रसीसुणत्थि उद्देसो। पुव्वुद्दिटुंज तंमि पक्खे तं पढिज्ज(?ज्ज)ति / पढमसते एगंतराइं आयंबिलाई, ततो पच्छा सत्तमे दिवसे आयंबिलं जाव गोसालो। ततो पच्छा नवमे नवमे दिवसे आयंबिलं / खंदय-चमरेसु पंच पंच दत्तीओ दोण्ह वि होऊण भोयण-पाणाणं / गोसाले तिण्णि दत्तीओ-दो भोयणस्स, एगा पाणगस्स; अहवा एगा भोयणस्स दो पाणगस्स। इच्छाए खंदय-चमरेसु वि विभागो। चमरेऽहीते ओगाहिमट्टितीए गोसकाउस्सगो कीरइ पडुप्पण्णाए वा अपडुप्पण्णाए वा सव्वकालस्स चेव पदे दिज्जइ / चरिमा एगलिहियस्स आयंबिलं पोरिसीए पढिज्जइ / उग्घाडतालियं परियट्टिज्जइ / जं पुण पोरिसीए दो तिण्णि दंडे अक्कंता उग्घाडतालियं पि पढिज्जइ, नवण्हं विगतीणं अवेयणा वि उवहम्मति / भत्त-पाण-लोहेण न उवहम्मइ, न पुण च्छिवियव्वं, छिक्के काउस्सगो कीरइ / चम्मअट्ठियसण्णाओ सुक्काइं ण उवहणंति, उल्लाइं उवहणंति / जं पुण जोगवाहिस्स असज्झाइयं सज्झाइयं वा सा न चेव उवहणति। तिरियाणं चउप्पयाणं पक्खीणं च आमिसासीण दव्वेण छिक्वं तं अण्णं दिवसं ण उवहणति / दीवओ वि ण उवहणति / चम्मट्ठियसण्णाओ सुक्काई पि न छिवियव्वाइं, छिक्केण अणाभोगेण काउस्सग्गो / कासारसंजाओ पायसविसंदणाई कप्पंति / अगारीए कप्पट्ठगरूयं थणपियंत मुंचति / ण त्थये य दंडी सतितो कप्पिया भवति / एवं गोणिमादीओ वि सव्वं च जं अकप्पियं तं दुपयंक परं न उवहणति | जं च थिरं कवाडकट्ठमादी अकप्पितेर दव्वेण लित्तं न उवहणति / जति तं दव्वं ण छिवति / जोगवाहिणा हत्थसतबाहिं एगागिणा ण गंतव्वं / अध कहिंचि भत्त-पाणं उवहतं ताहे जजइ कप्पितेण पाणएणं भाणं हत्था वा कप्पियाओ उल्लेहिं वि हत्थेहिंतुल्ले विपत्ते घेप्पति / अह अकप्पिएण पाणएण कप्पिया सते सते परियट्टिते परियट्टावणिकाउस्सग्गो कीरइ | खंदय-चमरेसु य गमियाणं सोलस काउस्सग्गो खंदय-चमर-गोसाला पढिजंति / काउस्सग्गेण परियट्टिज्जति / काउस्स्ग्गे ण चेव जति पुण धम्मं कहेति / अब्भत्थेइ वा कोति ताहे ट्ति काउस्सग्गेणं कड्डति / पण्णत्ती पुण उद्दिसिज्ज (?ज्ज)ति / सुक्कपक्खे उस्सग्गेण कण्हपक्खे वा जाव पंचमी / जति साहगं अणुकूलं अत्थि। उद्देसणक्खत्तेसु दससु अणंतरे भणिता / सेसाई थिराइं दिवड्ढखेत्ताइरोहिणिमादीणि जोगो उच्चारिज्जति उद्दिसंतेहिं // छ / / पण्णत्तीए उद्देसो सम्मत्तो // छ / मंगलं महाश्री ॥छ / शुभं भवतु // छ / / छ / / वियसियअरविंदकरा नासियतिमिरा सुयाहिया देवी / मज्झं पि देउ मेहं जबुहविबुहणमंसिया णिच्चं // 1 // सुयदेवयाण णमिमो जीए पसाएण सिक्खियं नाणं / अण्णं पवणदेवी संतिकरी तं नमसामि // 2 / / सुयदवेया य जक्खो कुंभधरो बंभसंति वेरोट्टा / विज्जा य अंतहुंडी देउ अविग्धं लिहंतस्स // 1 // OLIC$$$$乐听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明听听听听听听听听 ReKO 555555555555555 श्री आगमगुणमजूषा-५९०5555555555555555555593EOPOR