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(५) भगवई ५सनं संहराक •
355555555SSSSMART केड भंड अवहरेज्जा, तस्स णं भंते ! तं भंडं अणुगवेसमाणस्स किं आरंभिया किरिया कज्जइ १ पारिग्गहिया०, मायावत्तिया०, अपच्चक्खा०, मिच्छादसण? गोयमा। आरंभिया किरिया कज्जइ, पारि०, माया०, अपच्च० मिच्छादसणकिरिया सिय कज्जति, सिय नो कजति । अह से भंडे अभिसमन्नागते भवति ततो से पच्छा सव्बाओ ताओ पयणुई भवंति । ६. गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स कइए भंडं सातिज्नेज्जा, भंडे य से अणुवणीए सिया, गाहावतिस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? कइयस्स वा ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जड जावई मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? गोयमा! गाहावतिस्स ताओ भंडाओ आरंभिया किरिया कज्जइ जाव अपच्चक्खाणिया; मिच्छादसणवत्तिया किरिया सिय कजा. सिय नो कज्जइ। कइयस्सणं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति। ७. गाहावतिस्सणं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स जाव भंडे से उवणीए सिया, कइयस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कजति०? गाहावतिस्स वा ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जति०? गोयमा ! कइयस्स ताओ भंडाओ हेट्ठिल्लाओ चत्तारि किरियाओ कजति, मिच्छादसणकिरिया भयणाए। गाहावतिस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति। ८ (१) गाहावतिस्स णं भंते ! भंडं जाव धणे य से अणुवणीए सिया० ? एयं पि जहा 'भंडे उवणीते' तहा नेयव्वं । (२) चउत्थो आलावगो-धणे य से उवणीए सिया जहा पढमो आलावगो 'भंडे य से अणवणीए सिया' तहा
नेयव्वो। पढ़म-चउत्थाणं एक्को गमो । बितिय-ततियाणं एक्को गमो। सु. ९. पलित्त-वोकसिञ्जमाणे अगणिकाए अप्पकम्म-किरियासव-वेदणतरत्तपरूवणार म अगणिकाएणंभंते! अहुणोजलिते समाणे महाकम्मतराए चेव महाकिरियतराए चेव, महासवतराए चेव, महावेदणतराए चेव भवति । अहेणं समए समए वोक्कसिज्जमाणे
वोक्कसिज्जमाणे वोच्छिज्जमाणे चरिमकालसमयसि इंगालभूते मुम्मुरभूते छारियभूते, तओ पच्छा अप्पकम्मतराए चेव, अप्पकिरियतराए चेव. अप्पासवतराए चेव, अप्पवेदणतराए चेव भवति ? हंता, गोयमा ! अगणिकाए णं अहुणुज्जलिते समाणे० तं चेव। [सु. १०-११. धणुपक्खेघगपुरिस-धणुनिव्वत्तणनिमित्तजीवधणअवयवाणं काइयादियाओ पंच किरियाओ ] १०. (१) पुरिसे णं भंते ! धणुं परामुसति, धणुं परामुसित्ता उसुं परामुसति, उसुं परामुसित्ता ठाणं ठाति, ठाणं ठिच्चा आयतकण्णाययं उसं करेति, आययकण्णाययं उसुं करेत्ता उड्डे वेहासं उसुं उब्विहति, २ ततो णं से उसु उडे वेहासं उव्विहिए समाणे जाई तत्थ पाणाई भ्याई जीवाइं सत्ताई अभिहणति वत्तेति लेस्सेति संघाएति संघट्टेति परितावेति किलामेति, ठाणाओ ठाणं संकामेति, जीवितातो ववरोवेति, तए ण भंते ! से परिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे धणुं परामुसति जाव उब्विहति तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणातिवातकिरियाए, पंचहिं किरियाहिं पुढे। (२) जेसिं पि य णं जीवाणं सरीरेहितो धणू निव्वत्तिए ते वि य णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुढे । ११. एवं धणुपुढे पंचहि किरियाहिं। जीवा पंचहिं । हारू पंचहिं । उसू पंचहिं । सरे पत्तणे फले ण्हारू पंचहिं। । सु. १२. धणुपक्खेवगपुरिस-धणुनिव्वत्तणनिमित्तजीवाणं कहंचिनिमित्ता-भावपसंगे काइयादियाओ चउरो किरियाओ, धणुअवयव-धणूवग्गह-चिट्ठमाणजीवाणं च पंच किरियाओ ] १२. अहे णं से उसू अप्पणो गरुयत्ताए भारियत्ताए गुरुसंभारियत्ताए अहे वीससाए पच्चोवयमाणे जाई तत्थ पाणाई जाव जीवितातो ववरोवेति, एवं च णं से पुरिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से उसू अप्पणो गरुययाए जाव ववरोवेति तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहिँ किरियाहिं पुढे । जेसि पि य णं जीवाणं सरीरेहिं धणू निव्वत्तिए ते वि जीवा चउहि किरियाहिं । धणुपुढे चउहिं । जीवा चउहिं । पहारू चउहिं। उसू पंचहिं। सरे, पत्तणे, फले, पहारू पंचहिं । जे वि य से जीवा अहे पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे चिट्ठति ते वि य णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं
पढ़। स. १३. अन्नउत्थियाणं चउ-पंचजोयणसयमणुस्सबहुसमाइण्ण - मणुस्सलोयपरूवणाए परिहारपुव्वयं चउ-पंचजोयणसयनेरइयबहस - म माइण्णनिरयलोयपरूवणा) १३, अन्नउत्थियाणं भंते । एवमाइक्खंति जाव परूवेति-से जहानामए जुवतिं जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा, चक्कस्सबा नामी अरगाउत्ता
सिया एखामेव जाव चत्तारि पंच जोयणसताई बहुसमाइपणे मणुयलोए मणुस्सेहिं । से कहमेतं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण ते अन्नउत्थिया जाव मणुस्सेहि. जे ते र एवमासु मिच्छा०। अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव एवामेव चत्तारिपंच जोयणसताई बहुसमाइण्णे निरइलोएनेरडाएहिं। सु. १४ नेरइयविकव्वणावत्तब्वया। usc.55555555555555555555 श्री आगमगणभंजूषा-505555555555555555555555555
Prer05555555555555555555555555555555555