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(५) भगवइ १२ त ४ [१८१]
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संखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयतो दो परमाणुपो०, एगयतो तिपएसिए०, एगयतो संखेज्जपएसिए खंधे भवति; एवं जाव अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयतो दसपएसिए०, एगयतो संखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयतो दो परमाणुपो०, एगयओ दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयतो परमाणुपो०, एओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो संखेज्जपदेसिया खंधा भवंति: जाव अहवा एगयतो परमाणुपो० : एगयतो दसपएसिए०. एगयतो दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयतो परमाणुपो०, एगयतो तिन्नि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दुपएसिए०, एगयतो तिन्नि संखेज्जपएसिया० भवंति; जाव अहवा एगयओ दसपएसिए०, एगयओ तिन्नि संखेज्जपदेसिया० भवंति; अहवा चत्तारि संखेज्जपएसिया० भवंति । एवं एएणं कमेणं पंचगसंजोगो वि भाणियव्वो जाव नवसंजोगो । दसहा कज्जमाणे एगयतो नव परमाणुपोग्गला, एगयतो संखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ अट्ठ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवति; एवं एएणं कमेणं एक्केक्को पूरयव्वो जाव अहवा एगयओ दसपएसिए०, एगयओ नव संखेज्जपएसिया० भवंति अहवा दस संखेज्जपएसिया धा भवति । संखेज्जा कज्जमाणे संखेज्जा परमाणुपोग्गला भवंति । [ सु. १२. संहताणं असंखेज्जाणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं ] १२. असंखेज्जा भंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति एगयओ साहण्णित्ता किं भवति ? गोयमा ! असंखेज्जपएसिए खंधे भवति । से भिज्नमाणे दुहा वि, जाव दसहा वि, संखेज्जहा वि, असंखेज्जहा वि कज्जति । दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपो०, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; जाव अहवा एगयओ दसपदेसिए०, एगयओ असंखिज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवति ।
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माणे गओ दो परमाणुपो०, एगयओ असंखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ असंखिज्जकएसिए० भवति; जाव अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दसपदेसिए०, एगयओ असंखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ संखेज्जपएसिए०, एगयओ असंखेज्जपएसिए० भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दुपएसिए०, एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति एवं जाव अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए०, एगयओ दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति; अहवा तिन्नि असंखेज्जपएसिया० भवंति । चउहा कज्जमाणे
ओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ असंखेज्जपएसिए० भवति । एवं चउक्कगसंजोगो जाव दसगसंजोगो । एए जहेव संखेज्जपएसियस्स, नवरं असंखेज्जगं एवं अहिगें भाणियव्वं जाव अहवा दस असंखेज्नपदेसिया खंधा भवंति । संखेज्जहा कज्जमाणे एगयओ संखेज्जा परमाणुपोग्गला, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ संखेज्ना दुपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; एवं जाव अहवा एगयओ संखेज्जा दसपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ संखेज्ना संखेज्जपएसिया खंधा, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवति; अहवा संखेज्जा असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति । असंखेज्जहा कज्नमाणे असंखेज्जा परमाणुपोग्गला भवंति । [सु. १३. संहताणं अणंताणं परमाणुपोग्गलाणं विभेयणे भंगपरूवणं ] १३. अणंता णं भंते! परमाणुपोग्गला जाव किं भवति ? गोयमा ! अणतपएसिए खंधे भवति । से भिज्नमाणे दुहा वि, तिहा जाव दसहा वि, संखिज्न असंखिज्ज - अणंतहा वि कज्जइ । दुहा कज्जमाणे एगयो परमाणुपोग्गले, एगयओ अणतपएसिए खंधे; जाव अहवा दो अनंतपएसिया खंधा भवंति । तिहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ अणतपएसिए खंधे; जाव अहवा दो अनंत एसिया खंधा भवंति । तिहा कज्जमाणे एगयतो दो परमाणुपो०, एगयतो अणतपएसिए० भवति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ अणंतपएसिए० भवति; जाव अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ असंखेज्जपएसिए०, एगयओ अणतपदेसिए खंधे भवति; अहवा एयओ परमाणुपो०, एगयओ दो अणतपएसिया० भवंति; अहवा एगयओ दुपएसिए०, एगयओ दो अणतपएसिया० भवंति एवं जाव अहवा एगयतो दसपएसिए एगयतो दो अणतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ दो अणतपदेसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ दो अणतपएसिया खंधा भवंति; अहवा तिन्नि अणंतपएसिया खंधा भवंति । चउहा कज्नमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयतो अणंतपएसिए० भवति; एवं चउक्कसंजोगो
श्री आगमगुणमंजूषा ३९