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मुड़के देखो दोस्तो ! इस राजपूती शान को।. . मिटते मिटते मिट गये, लेकिन तु छोड़ा पान को॥
-अज्ञात् "राजपूनाने में कोई छोटा सा राज्य भी ऐसा नहीं है, जिस में थमोपली जैसी रण-भूमि नहो और शायद ही कोई ऐसा नगर मिले, जहां लियोनिडास जैसा वीर पुरुष. उत्पन्न न हुआ हो।"
-जेम्स राह . . तो इस रन-प्रभा भारतभूमि का चप्पा-चप्पां धर्म-धीरों के
पवित्र बलिदान से दैदीप्यमान है। यहाँ का प्रत्येक परमाणु अपने सीने में स्वतंत्रता की आग सुलगाये हुये पड़ा है, फिर भी राजपूताने का निर्माण तो खास कर शहीदों की हड्डियों और रक्त से मिलकर हुआ है । भारत के उन दुर्दिनों में जब कि वह परतंत्रता के बन्धन में जकड़ा जा चुका था, उसकी चोटी-बेटीन की रक्षा का कोई उपाय नहीं था, तब-यहाँ की आन पर मर मिटने के लिये राजपूताने ने जो आत्मोत्सर्ग किया था, वह चिथड़ों के
.inwww .commmmmmmi............ + चमकता है शहीदों का लहू परदे में कुदरत के । - शाक का हुस्न क्या है, शोशिये रंग हिना क्या है...।।
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