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परिचय
आबू - परिचय
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वर्तमान आबू पर अंग्रेजी अमलदारी है, किन्तु इससे पूर्व यहाँ
गुजरात के राजा शासन करते थे । गुजरात के कितने ही प्रतापी राजा और मंत्री, सेनाप त आदि जैनधर्मी हुये हैं। जिनका विस्तृत परिचय "गुजरात के जैन-वीर" में दिया जायगा । किन्तु इनके बनवाये हुये कई रमणीक दर्शनीय मन्दिर आबू पर अपनी भव्य छटा दिखला रहे हैं; और धावू राजपूताने में सम्मिलित है, इस लिये यहाँ केवल आबू का परिचय कराया जाता है ।
जोधपुर-राज्य के पुरातत्वविभाग के आफीसर साहित्याचार्य पं० विश्वेश्वरनाथ रेड ने, मार्च सन् १४ में जोधपुर के जैन साहित्य सम्मेलन के लिये "आबू पर्वत के प्रसिद्ध जैनमन्दिर" नामक विद्वतापूर्ण एकं निबन्ध लिखा था, जिसे यहाँ उद्धृत किया जा रहा है: