Book Title: Rajputane ke Jain Veer
Author(s): Ayodhyaprasad Goyaliya
Publisher: Hindi Vidyamandir Dehli

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Page 356
________________ नेक और बद में है क्या फक्त बनाने वाले, .. जो गुमराह. उन्हें राह में लाने वाले रहमोउलात का सबक सब को सिखाने वाले, हैं: जमाने में हमी धाक बिठाने वाले 'बेखबर जो.थे उन्हें, हमने खबरदार किया। | . ख्वाबेराफलत सैहरइक शख्शकोहुश्यार किया।। , -"दास"

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