________________
१७७
मारवाड़-परिचय एक नगर है.! इसके पश्चिममें एक सुन्दर पहाड़ी है । यह पहाड़ी ३२८२ फुट ऊँची है। यहीं रतनपुर ग्राम में श्रीपार्श्वनाथजी का जैन-मन्दिर सन् ११७१ का है, इस में दो लेख सन् १९९१ और १२९१ के हैं। ११. ओसिया:
जोधपुर से उत्तर ३० मील । यह पोसवाल महाजनों का मूल स्थान है। यहाँ एक जैन-मन्दिर है, जिस में एक विशाल मूर्ति श्री महावीर स्वामी की है । यह मन्दिर मूल में सन् ७८३ के फरीव परिहार राजा वत्सराज के समय में बनाया गया था। इस के उत्तर-पूर्व मानस्तम्भ है, जिसमें सन् ८९५ है । सन् १९०७ की पश्चिम भारत की प्राग्रेस रिपोर्ट से विदित है कि यह तेवरी से उत्तर १४ मील है। इस का पूर्व नाम मेलपुर पट्टन था। ऊपर कहे हुये प्राचीन मन्दिर सहित यहाँ १२ मन्दिर हैं । हेमाचार्य के शिष्य रत्नप्रभाचार्य ने यहाँ के राजा और प्रजा सब को जैनी बना लिया था। १२. बाड़मेर:--
जि० मैलानी-जोधपुर शहर से दक्षिण-पश्चिम-१३० मीलः। यहाँ से करीब ४ मील । उत्तर-पश्चिम जूनावगरमेर के ध्वंस हैं।२ मील दक्षिण जाकर ३ पुराने जैनमन्दिर हैं। सब से. घड़े मन्दिरजी के एक स्तम्भ पर एक लेख सन् १२९५ का है, जो कहता है कि, उस समय बाहुड़मेरु में महाराजकुल सामन्त