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अजमेर-परिचय
अजमेर की चौहही इस प्रकार है-उत्तर-पश्चिम में जोधपुर,
दक्षिण में उदयपुर, पूर्व में जयपुर। बम्बई बड़ौदा एण्ड सैन्ट्रल इण्डियारेलवे और मालवा शाखा का “ अजमेर " जंकशन स्टेरान है। स्टेशन पर सवारी हरवक्त किराये पर मिलती हैं। राजपूताने के मध्य भाग में प्रायः चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ अजमेर एक प्रसिद्ध शहर है। ___ प्राचीन काल में मुसलमानों के आने से पूर्व यह शहर दिल्ली सम्राट् पृथ्वीराज चौहान के पूर्वज राजा "अजपाल" ने संवत् २०२ (सन् १४५ ई०) में बसाया था। यह शहर एक पहाड़ी के नीचे दालू जमीन पर आबाद है-उत्तर और पश्चिम की तरफ पत्थर की दीवारों से घिरा हुआ है। शहर में जैन, हिन्दुओं आदि के कई मन्दिर व मुसलमानों की मस्जिदें अति सुन्दर बनी हुई हैं। मन्दिरों में विशेष कर सेठ नेमीचन्द टीकमचन्द की बनवाई हुई नशिया बहुत ही मनोज्ञ, मनोहर और दर्शनीय है। यहाँ दिगम्बर जैनियों के शिखरवन्द मन्दिर १३ और २ चैत्यालय हैं । धर्मशास्त्र ७००० के लगभग हैं । शहर के उत्तर की तरफ एक बड़ी सुन्दर "अनासागर" नामक झील है । जिसको विशालदेव के पोते राजा "आना" ने बनवाई थी। यह झील ६०० गज लम्बी और १०० गज चौड़ी है, कई नालों का पानी रोककर बनाई गई है । वर्षाऋतु