Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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त्रिलोकप्रज्ञप्तिको प्रस्तावना बीसं परमाणुलक्खा सत्तानउई भवे सहस्साई । सयमेगं बावन्नं एगमि उ अंगुले हुँति ॥ १३९२ ।।
१० अनुयोगद्वार सूत्र त्रिलोकप्रज्ञप्ति (१-२८५) में जो कालभेदोंकी प्ररूपणा की गई है उससे अनुयोगद्वारमें की गई उक्त प्ररूपणा कुछ भिन्न है । उक्त दोनों ग्रन्थोंमें उपलब्ध कालभेदों के नाम इस प्रकार हैं--
त्रिलोकप्रज्ञप्ति | अनुयोगद्वार सूत्र त्रिलोकप्रज्ञप्ति | अनुयोगद्वार सूत्र क्रम ४.२८५ से
क्रम सूत्र १११, १३७ | " १.२८५ से समय समय
कुमुदांग अटटांग आवलि आवलिका
अटट उच्छवास आन २७ पांग
अवांग प्राण निश्वास प्राणु
पद्म
अवय स्तोक स्तोक
नलिनांग हुहुकांग लव
नलिन
हुहुक नाली
कमलांग
उत्पलांग मुहूर्त मुहूर्त
कमल
उत्पल अहोरात्र
त्रुटितांग पदांग पक्ष पक्ष
त्रुटित
पद्म मास मास
अटटांग नलिनांग ऋतु ऋतु
अटट
नलिन अयन अयन
अमांग
अर्थनिपूरांग अमम
अर्थनिपूर हाहांग
अयुतांग वर्षदशक
हाहा
अयुत वर्षशत वर्षशत
नयुतांग वर्षसहस्र वर्षसहस्र दशवर्षसहस्र
लतांग
प्रयुतांग वर्षलक्ष वर्षशतसहस्र
लता
प्रयुत पूर्वाग पूर्वाग
महालतांग चूलिकांग प्रवे
महालता चूलिका नियुतांग त्रुटितांग ४७ श्रीकल्प शीर्षप्रहेलिकांग नियुत त्रुटित
इस्तप्रहेलित शीर्षप्रहेलिका अचलात्म
दिवस
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१६
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