Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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९१६]
तिलोयपण्णती
२-२५६ २-११८
परमादु अटुतीसे पटमा एक्कतीसे पढामिदयपहुदीदो पढमुचारिदणामा पहमे कुमारकालो परमे परिमं सोधिय पडमे विदिए जुगले
८-३४. पणतीसं दंगाई
पणतीसं लक्खाणि ८-८६ पणतीसुत्तरणवसय
पणदासलक्खसंखा ४-५८३ पणदालसहस्सा चड
पणदालसहस्सा जोयणाणि ८-४५८ पणदालसहस्साणि ८-५१८ १-२९ २-४८
४-२७१० ७.१३४ ७-१३३
७-१३०
७-१४१ ७-२३२ ७-१३२ ७-१४० ७-१३५ ७-१३६ १-२२२ २-१०५
४-२०१७
परमे मंगलवयणे परमो अणिच्चणामो परमो जंबूदीमो पढमो लोयाधारी पढमोवरिम्मि बिदिया पढमो विसाहणामो पदमो सुभदणामो पढमो हु उसहसेणो पढमो हु चमरणामो पण भग्गमहिसियाओ पणअडछप्पणपणदुग पणइगिमट्रिगिछण्णव पणइगिचउणभअडतिय पणकदिजुदपंचसया पणकोसवासजुत्ता पणषणकोसायामा पणचडतियलक्खाई पणचउसगढ़तियपण पणछप्पणपणपंचय पणोयणलक्खाणि पणणउदिसहस्सा इगि पणणउदिसहस्सा चउ पणणउदिसदस्सा तिय पणणभपणइगिणवचउ पणणवदियधियचउदसपणणवपणणभदोचउ पणतितितियछप्पणय प्रणतियणवइगिचउणम पणतीससहस्सा पण
१-२६९
पणदालसहस्सा बे ४-८७५ ४-१४८५
पणदालसहस्सा सय ४-१४९० ४-९६४
पणदालहदा रज्जू ३-१४
पणदाल लक्खाणिं ३-९५
पणदोछप्पणइ गिअड ४-२६८५ पणदासगधगचउरा ४-२८५१
पणपणअज्जाखंडे ४-२९०४
पणपणचउपणअडदुग २-३०९ पणपणसगइगिखंणभ ४-२१०७ पणपरिमाणा कोसा ४-११८३ पणपंचपंचणवदुग ४-२६४१ पणभूमिभूसिदाओ ४-२६८६ पणमह चउबीसजिणे ४-२६२२ पणमह जिणवरवसहं
पणमहु चउवीसजिणे
पणमेच्छखयरसेठिसु ७-३२४ पणलक्खेसु गदेसुं ४-२८८१
पणवण्णाभहियाणि १-२६३ पणवण्णवस्सलक्खा ५-२८९६ पणवण्णाधियछस्सय ५-२६५१ पणवण्णाला कोसा ४-२८६६ पणवरिसे दुमणीणं ७-३६४ पणवीसनोयणाई
४-२६७२ ४-२८५८
४-८६८ ४-२९१२ ४-८३९ ९-७५ ९-७६ ४-५९४ -१६०७
४-५७५ ४-११४८ ४-१२७०
४-२०१६
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