Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 548
________________ [ ९४५ बावीससहस्साणिं बावीसं पण्णारस बावीसं लक्खाणि बावीसुत्तरछस्सया बासटिजुत्तइगिसय बासहिजोयणाई बासटिजोयणाणिं ४-२८२ ८-२२७ ५-३१० ७-२८१ ४-८५८ ५-२०३६ ४-२१७१ ४-७९९ २-१०७ ६-७३ ४-१४२७ ८-१९५ ४-९६८ ४-९८० बास ट्ठिमुहुत्ताणिं बासट्ठिसहस्सा णव बासट्ठी कोदंडा बासट्ठी वासाणि बासट्ठी सेढिगया बासीदिसहस्साणिं गाथानुक्रमणिका ७-५८३ | बाहिरहेदू कहिदो ४-११५३ | विगुणियसहिसहस्सं २-१३३ बितिचपपुण्णजहण्णं ७-१७५ विदियपहट्ठिदसूरे ७-१७३ विदियम्मि फलिहभित्ती ४-२१९ बिदियस्स वीसजुत्तं ४-२४६ । बिदियं च तदियभूमी बिदियाओ वेदीओ ५-१८५ बिदियादिसु इच्छंतो ७-१८२ बिदियादीणं दुगुणा ७-४०० बिदियादो अद्धाई २-२५९ बीससहस्स तिलक्खा ४-१४७८ बुद्धीविकिरियकिरिया बुद्धी वियक्खणाणं ७-३०२ बुहसुक्कबिहप्पइणो ७-४०४ बे भट्टरस सहस्सा बे कोसा उम्विद्धा ५-२८३ | बे कोसाणिं तुंगा ३-५३ बे कोसा वित्थिण्णो बेकोसुच्छेहादि बे कोसे वियपाविय ८-२२० बे कोसेहिमपाविय ८-६६१ बे गाऊ वित्थिण्णा १-१८७ बेणि जुगा दस वरिसा बेधणुसहस्सतुंगा ७-२३३ बेरिक्कूहिं दंडो ७-४५३ बेरूवताडिदाई ७-२८९ बे लक्खा पण्णारस ७-१४२ बेसदछप्पण्णाई ७-१६० बाहत्तरिजुददुसहस बाहत्तरि बादालं बाहत्तरि लक्खाणिं बाहत्तर सहस्सा बाहत्तरी सहस्सा ४-११२१ ४-८९ ४-१९२७ ४-२५५ ४-१७१४ ४-१७४८ ४-१७१ बाहिरचउराजीणं बाहिरछन्भाएK बाहिर जंबूपरिही बाहिरपहादु आदिम ४-२५१३ बाहिरपहादु पत्ते बाहिरपहादु ससिणो ४-११३० ४-२८२१ ४-१६०५ बाहिरभागाहिंतो बाहिरमग्गे रविणो बाहिरमज्झम्भतर ७-२७८ भजिदम्मि सेढिवग्गे भजिदूणं जं लद्धं ८-५२० ८-६१२ भत्तीए आसत्तमणा जिणिंद ४-२५२५ । भत्तट्ठणाणकालो ५-३६ | भई सव्वदोभई बाहिरराजीहितो बाहिरसूईवग्गो ७-५७६ .४-९४१ . ४-१५०८ ८-९२ TP. 119 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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