Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

View full book text
Previous | Next

Page 556
________________ गाथानुक्रमणिका [९५३ . वरविविहकुसुममाला वरवेदियाहिं जुत्ता वरवेदियाहिं रम्मा वरवेदी कडिसुत्ता ५-२७० ८-४३८ २-२९० ५-६५ ४-१५३५ ५-२८२ ४-५८२ ४-१५६९ वरवेदीपरिखित्ते वरिसंति खीरमेघा वरिसंति दोणमेघा वरिसाण तिणि लक्खा वरिसादीण सलाया वरिसा दुगुणो अद्दी वरिसे महाविदेहे वरिसे वरिसे चउविह वरिसे संखेजगुणा वरुणो त्ति लोयपालो वलयोवमपीढेसुं वल्लीतरुगुच्छलदु. ववहाररोमरासिं ववहारुद्धारद्धा वसहतुरंगमरहगज वसहाणीयादीणं वसहीए गम्भगिहे वसहेसु दामयट्ठी वसुमित्तभग्गिमित्ता वंदणभिसेयणच्चण वंदणमालारम्मा वंसाए णारइया वाऊ पदातिसंघे वाणविहीणे वासे वातादिदोसचत्तो वातादिप्पगिदीओ वादवरुद्धक्खेत्ते वायदि विक्किरियाए वायंता जयघंटा वायंति किग्विससुरा वारणदंतसरिच्छा वारणसीए पुहवी TP. 120 ३-२२५ | वारुणिवरजलहिपह ४-१७६८ वारुणिवरादिउवरिम ४-१२१९ । वालुगपुप्फगणामा ४-९३ / वालेसुं दाढीसु ४-९७ वावीणं बहुमज्झे ४-२२८ ४-१५५९ वावीण बाहिरेसु ४-२२४९ वासकदी दसगुणिदा ४-१४६५ वासतए अडमासे ४-१०४ वासदिणमासबारस वाससदमेक्कमाऊ ४-१७८० वाससहस्से सेसे वासस्स पढममासे ४-२९३२ वासाओ वीसलक्खा ४-१८४८ वासाण दो सहस्सा ४-८७० वासाणं लक्खा छह ४-३५२ वासाणि णव सुपासे १-१२६ वासा तेरस लक्खा १-९४ वासा सोलसलक्खा ८-२३५ ८-२७१ | वासाहि दुगुणउदओ ४-१८६५ वासिददियंतरेहि ८-२७४ वासीदि लक्खाणं ४-१५०७ वासो जोयणलक्खो वासो पणघणकोसा ८-४४५ वासो विभंगकत्ती २-१९६ वासो वि माणुसुत्तर ८-२७५ वाहणवत्थप्पहुदी ७-४२२ वाहणवत्थविभूसण ४-१०१३ वाहणवत्थाभरणा ४-१००६ वाहिणिहाणं देहो १-२८२ विउम्मि सेलवासे ४-९११ विउणा पंचसहस्सा ३-२१२ विडलमदीओ बारस ८-५७२ विउलमदीणं बारस ४-२०१२ | बिउलमदी य सहस्सा ४-५३२ विउलसिलाविच्चाले ४-१४५८ ४-९५९ ४-१४६३ ४-६७६ ४-१४६२ ४-१४५९ ४-१४६० ५-२३३ ५-११० २-३१ २-१५६ ४-१९७५ ४-२२१९ ५-११९ ४-१८५४ ४-१८५० ४-१८४२ ४-२७५७ ४-११०४ ४-११०१ ४-१११३ २-१३० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642