Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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९७६ ]
तिलोयपण्णत्ती
तारा तुंबुरव तोयंधरा त्रिपृष्ठ त्रिमुख
दत्त
।
८-२७४ नन्दोत्तर
S
नमि
ICC :
दर्शन दामयष्टि दिक्कुमारी दिशाकन्या दीर्घदन्त दृढरथ देवपाल देवसुत देवी धुतिश्रुति द्विपृष्ट द्वीपायन
४-५३५
६-४३ नन्दा ४-५३५, ५-१४९, पद्मप्रभ ४-५१२, १५७१ ४-९३४ ८-३१६ पद्ममालिनी
६-५३ ४-१९७७ नन्दिनी
६-४१ पद्मराज
४-१५७१ ४-५१८, १५९१ नन्दिप्रभु
५-४६ पद्मश्री ५-९३४ नन्दिभूति
४-१५९१ पद्मा ३-९४, ४-५४५, ९३९, नन्दिमित्र ४-५१७, १४८२
११७९, ५-१५५, नन्दिषेण ४-१५९०
६-४५, ८-३१६ नन्दिषेणा ५-१४९ पद्मोत्तर
५-१३२ नन्दी ४-५१७, १४८२, ५-४६ पंकजगंधा
८-३१० ४-२७७७ पंगुश्री ४-१५२१, १५२८ ४-२५१ नन्दोत्तरा ५-१४९ पंचशिर
५-१३२ ४-५१३ पाण्डु
४-१४८८ नरवाहन
४-१५०७ पाण्डुक ४-१५८७
५-११३ नलिन ४-१५७० पाण्डुर
५-४२, १३३ नलिनध्वज
४-१५७० पाताल ४-१५८१
४-९३५ ४-१५७९ नलिनपुंख ४-१५७० पार्श्व
४-५१३, ९३५ नलिनप्रभ ४-१५७० पालक
४-१५०५ नलि नराय ४-१५५० पाविल
४-१५८५ ७-७६ नवमी
४-५२० ४-५१८,१५९१
५-१५५, ६-३७ पीठ
१-९६५.१४८५ पुण्डरीक ४-५१८, ५२०, ५-४० ४-१५८६ नाभिराय ४-४९४, ५२६ पुण्डरीकिणी
५-१५८ नारद
४-१५८६ पुरुषकान्ता नारायण
४-५१८ पुरुषदत्ता निर्मल ४-१५८० पुरुषदर्शिनी
६-५१ ४-५३१ निष्कषाय ४-१५८० पुरुषसिंह
४-५१० ४-११७८ निशुम्भ
४-५१९ पुरुषोत्तम नीलकण्ठ
५-१५९२ पुष्पकमाला ४-५१३, ९६५ नीलांजना
८-२७५ पुष्पगन्धी ४-११७८ नीलोत्पला
४-५१२,५-४२. नृत्यमाल ४-१६७
८-२७७ ४-१४८५ नेमि ४-५१३ पुष्पमित्र
४-१५०६ ४-१४८८
पुष्पवती
६-३७ पूर्ण
२-१५,५-४५ पद्म ४-५१५,५१७, १५८८, पूर्णचन्द्र
४-१५८९ ४-१४८८
५-४०, १३२ पूर्णप्रभ ५-४५, ६-४३. ५-१५८५, २७७७ पदमध्वज
४-१५७१ पूर्णभद्
४-१६८ ५-१४९ पद्मपुंख ४-१५७१ पूर्वदत्ता
नाग
धनद धरण
धरणा
धरणानन्द धर्म धर्मश्री धारिणी तिषण ध्रुवसेन
८-३१७ पुष्पदन्त
I
नक्षत्र नन्द नन्दवती
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