Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 609
________________ Jain Education International विविध यंत्र नारक जीव पृथिवी मुटाई उत्कृष्ट भवधिक्षेत्र उत्पद्यमान उत्पत्ति-मरण अग्निम | उत्सेध बिल-संख्या इन्द्रकनारकायु | जीव | अन्तर भवमें उछलन १ रत्नप्रभा १८०००० यो.| ३०००००० | १३ | १ सा. ३१ हाथ | १ योजन | असंज्ञी |२४ मुहूर्त | तीर्थंकर २ शर्कराप्रभा | ३२००० , २५००००० ११, ३, ६२३ ३ वालुकाप्रभा | २८००० , १५००००० For Private & Personal Use Only | ३३ कोश | सरीसृप ७ दिन | , १५१६, ३ , पक्षी १५ , , ३१३, २३ , | सर्पादि | १ मास | चरमशरीरी ६२२६, सी... ४ पंकप्रभा । २४००० , १०००००० | २०००० , ३००००० ५ धूमप्रभा , सिंह | २ , संयत १२५ , ६ तमःप्रभा । १६००० ,, ३. २२ , २५० , स्त्री | ४, | देशव्रती २५० , ७महातमःप्रभा ८००० " ३३ ,,। ५०० , १ , मत्स्य | ६, सम्यक्त्वधर ५००, www.jainelibrary.org

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