Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 616
________________ तीर्थकर-यंत्र [१.१५ १२ तीर्थ. उत्सेध शरीरवर्ण 'राज्यकाल वैराग्यकारण ५०० धनुष | सुवर्णवर्ण वृषभ १५० 6 ms earn .. ० ५ | ३०० २५० पद्म २०० हरित शुक्ल . मगर सुवर्णवर्ण ६३ लाख पूर्व नीलांजसा-मरण ५३ ॥ १पूर्वाग गज उल्कापात .. अश्व मेघविनाश बन्दर गन्धर्व-नगर-नाश २९ , १२ , चकवा जातिस्मरण २१३ , १६ ,, | पद्म नन्द्यावर्त | वसन्त-वनलक्ष्मी-नाश . अर्ध चन्द्र | अध्रुवादि भावना उल्कापात स्वस्तिक हिमनाश ४२ लाख वर्ष गेंडा वसन्त-वनलक्ष्मी-नाश राज्य नहीं किया भैंस जातिस्मरण ३०००००० वर्ष | शूकर मेघविनाश १५००००० " उल्कापात ५०००००" | वज्र ५०००० " हरिण जातिस्मरण ४७५००" |छाग ४२००० " तगरकुसुम | मेघविनाश राज्य नहीं किया | कलश | अध्रुवादि भावमा १५००० वर्ष | कछवा जातिस्मरण ५००० " | नील कमल | राज्य नहीं किया विद्रुमवर्ण ६०. सुवर्णवर्ण सेही .. सुवर्णवर्ण ९हाथ नील हरित सुवर्णवर्ण संप | Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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