Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 602
________________ कुछ संज्ञा-शब्दोंकी तुलना ति. प. ति.प. पुष्कला पुष्कलावती पुष्कल पुष्कलावती वत्सा वत्स औषधनगरी पुंडरीकिणी सुसीमा ४-२२९७/ कुंडला अपराजिता सुवास सुबत्सा महावसा वत्सकावती महावत्स वत्सावती प्रभंकरा रम्या रम्य अका पदमावती रम्यक रमणीय मंगलावती सुरम्यका रमणीया मंगलावती पद्मा मुपद्मा महापद्मा पद्मकावती शंखा नलिना औषधिपुरी पुंडरीकिणी सुसीमा कुंडला अपरावती अपराजिता) प्रभंकरा अंकावती पद्मावती शुभा रत्नसंचया अश्वपुरी सिंहपुरी महापुरी विजयपुरी अपराजिता अपरा अशोका वीतशोका विजया वैजयन्ती शुभा रत्नसंचया अश्वपुरी ४-२२९९/ सिंह पुरी महापुरी विजयपुरी अरजा विरजा অহাল্কা वीतशोका विजया पद्म सुपद्म महापद्म पद्मावती शंख कुमुदा सरिता नलिन कुमुद नलिनावती वा वप्रा सुवप्रा सुत्रप्र वैजयन्ता जयन्ती महावप्र वप्रावती वल्गु महावना धप्रकावती गंधा सुगंधा गंधिला गंधमालिनी जयन्ता अपराजिता चक्रपुरी खड्गपुरी अयोध्या अपराजिता चक्रपुरी खड़गपुरी अवध्या सुवल्गु गंधिल गंधावती अवध्या अयोध्या Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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