Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 599
________________ ९९६ ] क्रमसं.] २४ अशोक २५ विशोक २६ वीतशोक २७ अलका २८ तिलक २९ अम्बरतिलक ३० मन्दर ३१ कुमुद ३२ कुन्द ३३ गगनबल्लभ ३४ दिव्यतिलक ३५ भूमितिलक ३६ गन्धर्वपुर ति. प. ३७ मुक्ताहर ३८ नैमिष ३९ अग्निज्वाल ४० महाज्वाल ४१ श्रीनिकेत ४२ जयावह ४३ श्रीनिवास ४४ मणिवज्र ४५ भद्राश्व ४६ धनंजय ४७ माहेन्द्र ४८ विजयनगर ४९ सुगन्धि ५० वज्रार्धतर ५१ | गोक्षीरफेन Jain Education International ह. पु. कौशिक वीर गौरिक मानव मनु चम्पा कांचन ऐशान मणिवज्र जयावह नैमिष हास्तिविजय खंडिका मणिकांचन अशोक आनन्द नन्दन श्रीनिकेतन अग्निज्वाल महाज्वाल माल्य पुरनन्दिनी विद्युत्प्रभ महेन्द्र विमल गन्धमादन महापुर तिलोय पणती भा. पु. विशोका वीतशोका अलका तिलका अंबरतिलक मंदिर कुमुद कुंद गगनबल्लभ तिलक भूमितिलक गन्धर्वपुर मुक्ताहार सनिमिष अग्निज्वाल महाज्वाल श्रीनिकेत जय श्रीवास मणिवज्र भद्राश्व भवनंजय गोक्षीर फेन अक्षोभ्य गिरिशिखर धरणी धरण त्रि. सा. अशोक विशोक वीतशोक अलका तिलका अंबरतिलक मन्दर कुमुद कुन्द गगनबल्लभ दिव्यतिलक भूमितिलक गन्धर्वनगर मुक्ताहार नैमिष अग्निज्वाल महाज्वाल श्रीनिकेत For Private & Personal Use Only जयावह श्रीवास मणिवज्र भद्राश्वपुर धनंजय गोक्षीरफेन अक्षोभ गिरिशिखर धरण धारिणिक लो. वि. अशोक विशोका वीतशोका अलका तिलका अंबरतिलक मन्दर कुमुद कुन्द गगनवल्लभ दिव्यतिलक भूमितिलक गन्धर्वपुर मुक्ताहार नैमिष अग्निज्वाल महाज्वाल श्रीनिकेत जयावह श्रीवास मणिवज्र भद्राश्व धनंजय गोक्षीरफेन अक्षोभ्य गिरिशिखर धरणी धारिणी www.jainelibrary.org

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