Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 569
________________ भौगोलिक-शब्द-सूची (पर्वत, नदी, द्वीप-समुद्र, कूट, नगर एवं प्रस्तर आदिके नाम) ४-१२२ अरिष्ट मक्षीम भग्निज्वाल भव्युत भतिनिरोध भतिनिसक्त मतिपिपासा भनित्य २-४८ अरुण मनुदिश अन्तरद्वीप भपरविदेह अपराजित भरजस्का ४-११४ अंक २-१७,८-१३ ४-१२५ अरजा . ४-२२९९, ५-७६ अंक कूट ४-२७६७, ५१२३ ८-१४, २९८ अंकप्रभ - ५-१२३ 4-१६, १२० २. अरिष्टपुरी ४-२२९३ अंकमय ४-१६३४, १७३४ अरिष्ट विमान ४-१८४४ अंका ४-२२९७ २-५० अरिष्टा १-१५३ अंजन २-१६, ८-१४ २-४७ अरिंजय ४-११३ अंजन कूट ४-२७६१, ५-१४५ ८-१२ अंजनगिरि १-१६२, ८-११७ भरुणवर द्वीप ५-१७, अंजन भवन ४-१८४३ ८-५९७ अंजनमूल ४-२२४०, अरुणवर समुद्र ५-१७ अंजनमूल कूट४-२७६७, ५-१५५ २४९० अरुणामास ५-१७ अंजनवर द्वीप ५-२५ ४-१७५८ अरुणी ४-११८ अंजन शैल ४-२००३ ४-११४,५२३, अर्जुनी | খলনা १-१५३ ८-१०० अलका ४-१२१ अंदिश ८-९२ ५-१५६ अलंकारसभा ५-२०३ २-१५१ ४-२२९७, अवकान्त २-४३, १९ अंबरकि ४-१७६९ . ५-७७ अवतंस कूट ४-२१३० भंवरतिलक ४-२३०० अवधिस्थान २-४५, १५६ आ २-९, १९ भविद्य -२२ ८-९२ अशोक ४-१२०,८-३९७ आदित्य ३-५८ হাক। ४-२२९९,५-७६ मानत ४-५२४,४-१५ ५-२०२ अश्मगर्भ ४-२७६६ मानत कल्प ८-१३ अश्वत्थ वन ४-२०५८ ८-९४ अश्वपुरी ४-२२९९ भार २-४४,१४१ ८-१०१ अष्टम पृथिवी २-२४, आरण १-१६०, ८-१६ ४-५२३ ८-१६ असंभ्रान्त २-४०, १४४ आर्य खण्ड ४-२६७ ५-१५३ असारगल्ल २-१६ मावर्ता ४-२२०६ ८-९५ असुर ८-९ माशीविषक ४-२२१३ ४-५२६, २३०० महिंदवर ५-२२ माश्चर्य ४-१६६४, १७१५ अपराजित कूट अपराजिता | अंध ३-४८ आरमांजन भवध्या भब्बहुल भाग ममयेन्द्र अभिषेकशाला अभिषेकसभा ४-६६६ आनन्द कूट - ८-६५२ भारणयुगल भमित भमितभास अमोघ । अमोघ कूट अमोघस्पर्श अयोध्या Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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