Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 546
________________ गायानुक्रमणिका - [९४३ २-२२ ४-१४२२ पेच्छते बालाण पेलिजंते उवही पोखरणीणं मझे पोक्खरणीरमणिज्ज पोक्खरणीरम्मेहि पोक्खरणीवावीमो पोक्खरणीवाबीहिं ८-३८ ४-१८८३ ४-२१७७ पोक्खरदीवद्धेसुं पोक्खरमेघा सलिलं पोक्खरवस्वहिपहुदि पोक्खरवरी त्ति दीओ ३-७६ २-१२२ ८-५४१ ८-३८९ ४-११७८ ८-६९२ ४-४९३ | बत्तीसट्टावीसं ४-२४४० " " ४-१९४९ बत्तीसबारसेक्कं ४-२००८ बत्तीसभेदतिरिया ५-२०७ बत्तीसलक्खजोयण | बत्तीससहस्साणिं ४-२२४७ ४-२२७६ ८-४३२ बत्तीसं चिय लक्खा ४-२७८७ बत्तीस तीसं दस ४-१५५८ बत्तीसं लक्खाणिं ७-६१३ बद्धाउं पडि भणिदं ४-२७४४ बब्बरचिलादखुज्जय बम्हप्पकुज्जणामा बम्हम्हि होदि सेढी बम्हहिदयम्मि पडले बम्हहिदयादिदुदयं ४-६८४ | बम्हाई चत्तारो ४-११९० बम्हामिधाणकप्पे ४-६७९ बम्हिदम्मि सहस्सा बम्हिदलंतविंदे ४-१२०४ बम्हिदादिचउक्के ४-६९७ बम्हिदे चालीसं ४-१९९१ बम्हिदे दुसहस्सा ४-१९९६ बम्हुत्तरस्स दक्षिण ४-९१० बम्हुत्तरहेटुवरि ४-१५६३ बम्हुत्तराभिधाणे ४-२२७५ बम्हे सीदिसहस्सा ४-२०५८ बलणामा अच्चिणिया २-३२५ बलदेववासुदेवा ४-७९६ बलदेवाण हरीणं बलभद्दणामकूडो फरगुणकसिणचउहसि फग्गुणकसिणे सत्तमि फग्गुणकिण्हचउत्थी फग्गुणकिण्हेयारस फग्गुणकिण्हे बारसि ८-१४२ ८-२०७ ८-३५० ८-२२१ ८-४१५ ८-४३९ ८-२२६ ८-३१२ ८-३४३ १-२०९ ८-५०० फग्गुणकिण्हे सट्टी फग्गुणबहुलच्छट्ठी फग्गुणबहुले पंचमि फलभारणमिदसाली फलमूलदलप्पहुदि फलिहप्पवालमरगय फलिहाणंदा ताणं फालिज्जते केई फुल्लंतकुमुदकुवलय ४-२२८६ ८-२६२ ४-१९७८ ४-१९९७ बइसणअस्थिरगमण बलरिद्धी तिविहप्पा ४-४०० बहलतिभागपमाणा ४-४०८ | बहलत्ते तिसयाणि ८-१७९ | बहिरा अंधा काणा ३-२६ बत्तीस अट्टवीसं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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