Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
View full book text ________________
गाथानुक्रमणिका
४-२३७९
আ
अहमेक्को खलु सुद्धा अहवा आणदजुगले अहवा आदिममज्झिम अहवा उत्तरइंदेसु अहवा तिगुणियमज्झिम अहवा दुक्खप्पमुहं अहवा दुक्खप्पहुदी
-८-१९३
८-६८.
४-१८४० ४-१८४६
६-१७ २-२९३ ४-१२९४
अहवा दुक्खादीणं अहवा दोदो कोसा अहवा बहुभेयगयं महवा बहुवाहीहिं अहवा मंगं सोक्खं अहवा संदपमाणं अहवा वीरे सिद्धे अहवा ससहरबिंब अह विण्णविंति मंती अह संतिकुंथुअरजिण अह साहियाण कक्को मह सिरिमंडवभूमी अंकं अंकप मणि अंकायारा विजया
४-:५६५
९-२४ | अंबरपणएक्कचऊ ८-१८५ | अंबरपंचेक्कचऊ ५-२४३ ३-१४६
आइन्चइंदयस्स य ५-२४४ ४-१०८७
आ ईसाणं कप्प ४-१०८१
आ ईसाणं देवा
आउगबंधणभावं ४-१०८५
आउट्ठकोडिआहिं
आउट्ठकोडिसंखा १-२४
आउवबंधणकाले
आउसबंधणभावं | आउस्स बंधसमए
आऊ कुमारमंडलि ४-१४९७ आऊणिं आहारो '७-२१५
आऊ तेजो बुद्धी ४-१५२३
आऊबंधणभावं ४-१२८४
आऊबंधणभावो ४-१५११
आकसिकमदिघोरं ४-८५२ आगच्छिय गंदीसर ५-१२३
आगच्छिय हरिकुंडे ४-२५५४ आगंतूण णियते ४-२७९७ आगंतूण तदो सा ४-३६४ आचारंगधरादो २-३३६ आणदआरणणामा 6-१३९ आणदणामे पडले
२-१७ आणदपहुदिचउक्के ४-२७६७
आणदपहुदी छक्कं ४-२९३३ आणदपाणदआरण
१-९८ ४-९७२ ५-२५४ ५-२६४ ४-२२५५
४-६१५ | आणदपाणदइंदे ४-२५२४ | " "
६-४ ४-४२५
५-९९ ४-७७१
४-२४४ ४-२०६७
८-५०३ ८-२०१ 6-1४५
अंगदछुरिया खग्गा अंगोवंगट्ठीणं अंजणपहुदी सत्त य अंजणमूलं अंक भंजणमूलं कणयं अंतरदीवमणुस्सा अंतादिमझहीणं अंतिमखंदंताई अंतिमरुंदपमाण अंतिमविक्खंभळू भंतोमुहुत्तमवरं अंधो णिवडह कुवे भंबरखास्सत्तत्तिय
८-१९० ८-२०५ ८-१३८ ८-१८५ ८-६८६
६-००
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642