Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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शुद्धि-पत्र
२८
मेखलान सच्छचित्ता निर्मलचित्त होकर भक्तिसे करणीचावस्स अट्ठहदा आटसे गुणित (उन्नीस)
मेखलापुर . [सत्तचित्ता] भक्तिमें आसक्तचित्त होकर .. करणी चावस्स भट्ठहिदा आठसे भाजित उनतीस '
१६३ १६८
१३
१९२
.
२२०
.
पुरसे
.
२२४ २६४
पूर्व,
३२३
उवमाणं
उवमाणे विसयदुक्व
[विसमदुक्ख
पुस्से धूलि (मालिवृक्ष), पलाश, तेंदू धूलिपलाश, तेंदू, पाटल, जंबू पाटल, पीपल
पीपल णिअकारएसु
[णिअकोट्ठएसु] एक हजार वर्षपूर्व, पचास हजार एक हजार वर्ष, पचास हजार वर्षपूर्व, पूर्व १०००। सगर ५००००। वर्ष १०००।सगर पूर्व ५०००० णयरसुं
णयरसु वर्ष ३०००।
वर्ष ३००००। प्र. पूर्व ८३०००
प्र. पूर्व ८३००००० [पाठान्तर]
[पाठान्तर ) हड्डिय
हड्डियां रोहिणाम
[रोहिदास] खेकोसे वि
[बेकोसेहि] २७४९५४
२७४९५४
२२ २०
३३४
३४१
३४५
२२
४१२
१९
१४५
२७
दोनों ओरसे एक हजार योजन गहाई में गहराई दो योजन और विणिहिट
वि णिहिट्ट संगाइणीमें लोकविभागों
संगाइणी और लोकविभागमें
दहवदी एस समुदा दीवा
[एदे समुश्दीवा]
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