Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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तिलोयपण्णत्ती
1८.४८२चोद्दसठाणे छक्का दुगमेकंककमेण पल्लाणिं । दोणि कलाभो तवणिपईदए भाउ उकस्सा ॥ ४०२
१२६६६६६६६६६६६६६६|| पण्णारसठाणेसुं तियाणि एकं कमेण पल्लाई । एक्कं कला य मेघेदयम्मि भाउस्स उक्कस्सो॥ ४८३
१३३३३३३३३३३३३३३३ ३] चोइसठाणे सुण्णं चउएक्कंकक्कमेण पल्लाणि । उक्कस्साऊ अभिदयम्मि सेढीपइण्णएसु च ॥ ४॥
१४००००००००००००००। चोइसठाणे छक्का चउएक्कंकक्कमेण पल्लाई । दोणि कला हारियम्मि भाउस्स उक्कस्सो ॥ ४८५
१४६६६६६६६६६६६६६६। चोइसठाणेसु तिया पंचेकिंकक्कमेण पल्लाणिं । एक्का कला य आऊ उक्कस्से पउमपडलम्मि ॥ ४८६
१५३३३३३३३३३३३३३३ / चोइसठाणे सुण्णं छक्केक्कंकक्कमेण पल्लाणि । उक्कस्साऊ रोहिदसेढीबद्धप्पइण्णएसुं पि ॥ ४८.
१६००००००००००००००।
अंकक्रमसे चौदह स्थानोंमें छह, दो और एक, इतने पल्य और दो कला प्रमाण तपनीय इन्द्रको उत्कृष्ट आयु है ॥ ४८२ ॥ १२६६६६६६६६६६६६६६३ ।
क्रमसे पन्द्रह स्थानोंमें तीन और एक, इतने पल्य व एक कला प्रमाण मेघ इन्द्रकमें उत्कृष्ट आयु है ।। ४८३ ॥ १३३३३३३३३३३३३३३३३ ।
अंकक्रमसे चौदह स्थानोंमें शून्य, चार और एक, इतने पल्य प्रमाण अभ्र इन्द्रक, श्रेणीबद्ध व प्रकीर्णकोंमें उत्कृष्ट आयु है ॥ ४८४ ॥ १४००००००००००००००।
- अंकक्रमसे चौदह स्थानोंमें छह, चार और एक, इतने पल्य व दो कला प्रमाण हारिद्र इन्द्रको उत्कृष्ट आयु है ॥ ४८५ ॥ १४६६६६६६६६६६६६६६३ ।
___ अंकक्रमसे चौदह स्थानोंमें तीन, पांच और एक, इतने पल्य व एक कला प्रमाण पद्म पटलमें उत्कृष्ट आयु है ॥ ४८६ ॥ १५३३३३३३३३३३३३३३३ ।
अंकक्रमसे चौदह स्थानोंमें शून्य, छह और एक, इतने पल्य प्रमाण रोहित (लोहित ) हमक, श्रेणीबद्ध व प्रकीर्णकोंमें भी उत्कृष्ट आयु है ॥ १८७ ॥ १६००००००
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