Book Title: Tiloy Pannati Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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११८]
तिलोयपण्णत्ती
[५.३१६
तत्तो पदेसवडी जाव य दीहं तु जोयणसहस्सं । तस्स दलं विक्खभं तस्सद्धं बहरूमुक्कस्सं ॥ ३१६ जोयणसहस्समधियं बारस कोसूणमेक्कमेक्कं च । दीहसहस्सं पम्मे वियले सम्मुच्छिमे महामन्छे ॥ २१७
१००० । १२।३।१।१०००।
बितिचपपुण्णजद्दण्णं अणुद्धंरीकुंथुकाणमच्छीसु । सिस्थयमच्छोगाहं विंदंगुलसंखसंखगुणिदकमा ॥ ३१८
__ एत्थ ओगाहणवियप्पं वत्तइस्सामो । तं जहा- सुहुमणिगोदलद्धिअपज्जत्तयस्स तदियसमयत्तब्भवत्थस्स एगमुस्सेहघणंगुलं ठविय तप्पाउग्गपलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागेण भागे हिदे वलद्धं एदिस्से सव्वजहण्णोगाहणापमाणं होदि । तं चेदं । एदस्स उबरि एगपदेसं वडिदे सुहुमणिगोदलद्धिअपज्जत्तयस्स मज्झिमोगाहणवियप्पं होदि । तदो दुपदेसुत्तर-तिपदेसुत्तर
तत्पश्चात् एक हजार योजन लंबे, इससे आधे अर्थात् पांचसौ योजन चौड़े, और इससे आधे अर्थात् ढाईसौ योजन मोटे शरीरकी उत्कृष्ट अवगाहना तक प्रदेशवृद्धि होती गई
_कुछ अधिक एक हजार योजन, बारह योजन, एक कोश कम एक योजन, एक योजन और एक हजार योजन यह क्रमसे पद्म, विकलेन्द्रिय जीव और सम्मूर्च्छन महामत्स्यकी अवगाहनाका प्रमाण है ॥ ३१७ ॥
__ पद्म यो० १००० । द्वीन्द्रिय १२ । त्री. है। च. १ । पं. १०००।
दो इन्द्रिय, तीन इन्द्रिय, चार इन्द्रिय और पंचेन्द्रिय पर्याप्त जीवोंमें क्रमसे अनुद्धरी, कुंथु, कानमक्षिका और सिक्थकमत्स्यके जघन्य अवगाहना होती है । इनमेंसे अनुद्धरीकी अवगाहना घनांगुलके संख्यातवें भागप्रमाण और शेष तीनकी उत्तरोत्तर क्रमसे संख्यातगुणी है ॥ ३१८ ॥
अब यहां अवगाहनाके विकल्पको कहते हैं । वह इस प्रकार है- उत्पन्न होनेके तीसरे समयमें उस भवमें स्थित सूक्ष्म निगोदिया लब्ध्यपर्याप्त जीवकी सर्व जघन्य अवगाहनाका प्रमाण, एक उत्सेधधनांगुलको रखकर उसके योग्य पल्योपमके असंख्यातवें भागसे भाजित करनेपर जो लब्ध आवे, उतना है । इसके ऊपर एक प्रदेशकी वृद्धि होनेपर सूक्ष्म निगोदिया लब्ध्यपर्याप्तकी मध्यम अवगाहनाका विकल्प होता है । इसके पश्चात् दो प्रदेशोत्तर, तीन
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१द अणुद्दरी, ब अणुदरी. २द ब सिद्धय. ३दब ११११११११।६।११।६।१।६।. अस्य संभावितसदृष्टिः गोम्मटसार-जीवकांडस्य ९६तमगाथायाः संस्कृतटीकायां द्रष्टव्या । ४ दब |६८२२
अस्य संभावितसं दृष्टिः गो. जी. ९४ तमगाथायाः संस्कृतटीकाया द्रष्टव्या। पa १९९९४ aa२२२७७७७७७७
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