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विषय । (३०) पृष्ठ । श्लोक। मांसके खाने या छूनेसे भावहिंसा और दुर्गतियोंमें
परिभ्रमण मांसकी इच्छा करनेवालेके दोष और त्याग करनेवालेके गुण उदाहरण सहित अन्नके समान मांस खाने भी दोष नहीं है ऐसा
कहनेवालोंके लिये उत्तर मधु वा शहतके दोष शहतके समान मक्खनके दोष और उसके .
त्याग करनेका उपदेश पांचों उदंबरोंके खानेमें दोनों प्रकारकी हिंसाका निरूपण ७५ १३ रात्रिभोजन और विना छने पानीके त्यागका उपदेश ७७ १४ रात्रिभोजन त्यागका उदाहरण सहित उत्तम फल ७८ १५ पाक्षिक श्रावकको शक्तिके अनुसार अणुवतोंके अभ्यासका उपदेश
७९ १६ वेश्या और शिकारके समान जूआ खेलनेके त्यागका
उपदेश दूसरी तरहसे आठ मूलगुण
___८२ १८ सम्यग्दर्शनको शुद्ध रखकर यज्ञोपवीत धारण करनेवाले द्विजोंको ही जैनधर्मके सुननेका अधिकार ८३ स्वाभाविक और पीछेसे ग्रहण किये हुये अलौकिक
गुणोंको धारण करनेसे भव्योंके दो भेद ८४ २० मिथ्यात्वको छोडकर जैनधर्म धारण करनेकी विधि और धारण करनेवालेकी प्रशंसा