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विषय । (३५)
पृष्ठ । श्लोक । जिनके संबंधसे मद्यत्याग आदि व्रतोंमें हानि पहुंचती है उनका उपदेश
१८९ १० मद्यत्यागके आतिचार
१९० ११ मांसत्यागके अतिचार
१९१ १२ मधुत्यागक आतचार
१९२ १३ उदंबरत्यागवतके अतिचार
१९३ १४ रात्रिभोजनत्यागवतके अतिचार
१९३ १५ जलगालनबतके (पानी छाननेके) अतिचार १९४ १६ सप्तव्यसनसे हानि उदाहरणसहित
१९५ १७ व्यसनोंको पापके कारण बतलाकर उपव्यसनोंके त्याग करनेका उपदेश
१९६ १८ द्यूतत्यागवतके आतिचार
१९७ १९ वेश्यात्यागवतके अतिचार
१९८ २० चौर्यव्यसनत्यागवतके अतिचार शिकारत्यागवतके आतिचार परस्त्रीत्यागव्रतके आतचार जिसका स्वयं त्याग किया है उसे दूसरोंके लिये प्रयोग करनेका निषेध
२०१ २४ प्रतिज्ञानिवाहके लिये कुछ शिक्षा
२०२ २५ स्त्रीको धर्मनिष्ठ बनानेका उपदेश
२०४ २६ पतिमें स्त्रीका प्रेम बढ़ानेकी रीति
२०४ २७ स्त्रीको पतिकी इच्छानुसार चलनेकी शिक्षा २०५ २८ स्वस्त्रीमें भी अत्यंत आसक्तिका निषेध
२०६ २९ सुपुत्र उत्पन्न करनेकी प्रेरणा
२०७ ३० पुत्रके विना आगेकी प्रतिमाओंके होनेकी कठिनता २०८ ३१