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३२ / शावर तन्त्र शास्त्र
अठोत्तर से शाकिनी कमण दुरामन छलछिद्र प्रेत चोर चावर आगिया बेताल बेगी बाँधि ल्याव जो न बाँधि
ल्यावें तो दुहाई सुलेमान पैगंबर की।" साधन-विधि
शुक्रवार को आरम्भ करके तैल, फूलेल, लोंग, धूप एवं मिठाई से पूजन करके नित्य २१ मन्त्र जपे तो ४० दिन में सिद्ध हो। प्रयोग-विधि
जब हाजरात करनी हो तो सर्व प्रथम मिट्टी से जगह लीपकर, चावल की मस्जिद बनायें। फिर कपास की बत्ती बनाकर, पटटे पर विसूल लिख कर एक क्वारी कन्या को स्नान करा के उसे स्वच्छ वस्त्र पहना कर सामने बैठायें। फिर चावलों को अभिमन्त्रित करके उस कन्या पर मारे तथा उसके मस्तक पर दीपक रख कर, जो पूछना चाहे, वह पूछे तो उसके द्वारा सत्य. सत्य उत्तर मिलेगा।
प्रत्यक्ष हाजरात का भाषा मन्त्र
मन्त्र-"ॐ नमो कामाख्याय सर्व सिद्धिदायै अमुक कर्म कुरु कुरु
स्वाहा ।" विशेष
इस मन्त्र में जहाँ 'अमुक' शब्द आया है, वहाँ जिस कार्य की इच्छा से मन्त्र का जप करना हो, उसके नाम का उच्चारण करना चाहिये।
___ मन्त्र-जप से पूर्व निम्नलिखित संकल्प-वाक्य का उच्चारण करके कराङ्ग-न्यास तथा हृदयादि-न्यास करना चाहिए। अन्त में ध्यान करके, मन्त्र--जप करना चाहिये। संकल्प-वाक्य-"अस्य मन्त्रस्य वह्निक ऋषि जगती छन्दः कामाख्या
देवता प्रणवः शक्तिः अव्यक्तं कीलकं 'अमुक' कर्मणि जपे विनियोगः ।"
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