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वर तन्त्र शास्त्र
वैश्या-वशीकरण मन्त्र
मन्त्रा--"ॐ द्राविणी स्वाहा । ॐ हामिले स्वाहा ।" साधन एवं प्रयोग विधि
यह मन्त्र १०००० की संख्या में जपने से सिद्ध हो जाता है।
मन्त्र के सिद्ध हो जाने पर अपामार्ग (ओंगा) की ७ अँगुल लम्बी लकड़ी को उक्त मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित करके वैश्या घर में डाल देने से वह वशीभूत हो जाती है।
राजा क्रोध-शमन एवं वशीकरण मन्त्रा
मन्त्र-"हथेली तो हनुमन्त बसे भैरू बसे कपार, नाहरसिंह की
मोहनी मोहो सब संसार, मोहन रे मोहन्ता वीर, सब वीरन में तेरासीर, सबकी दृष्टि बाँधि दे मोहि, तेल सिन्दूर चढ़ाऊँ तोहि, तेल सिन्दूर कहाँ से आया, कैलास पर्वत से आया, कौन लाया, अंजनी का हनुमन्त, गौरी का गणेश, काला गोरा तोतला तीनों वसे कपाल, विन्दा तेल से दूर का दुश्मन गया पाताल, दुहाई कामिया सिंदूर की, हमें देख सीतल हो जाय, मेरी भक्ति गुरू की शक्ति
फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा सत्य नाम आदेस गुरू का ।" साधन-विधि--
१४ रविवार को नृसिंह का विधि पूर्वक पूजन कर, इस मन्त्र का १२१ बार जप करें। फिर ७ रविवार तक दीपक, तेल, लोबान एवं लड्डू रख कर १२१ बार मन्त्र का जप करें तो सिद्ध हो जायेगा। प्रयोग-विधि
सिन्दूर को उक्त मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित कर, उसका टीका अपने मस्तक पर लगा कर राजा के सामने जाये तो उसका क्रोध शान्त हो और वह प्रसन्न तथा वशीभूत हो ।
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