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शावर तन्त्र शास्त्र | १६५
साधन-विधि
ग्रहण अथवा सिद्धि योग में १०००० की संख्या में जपने से मन्त्र सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
जब रोगी को मगी का दौरा हो, तब इस मन्त्र को कागज पर लिखकर उसके गले में बाँध देने से दौरा समाप्त होकर, रोगी होश में आ जाता है।
नेहरुवा का मन्त्र (१)
मन्त्र—"बने बिआई अंजनि जायो सुत हनुवन्त नेहरुवा देहरुवा
जरि होइ भस्मत गुरू की शक्ति ।" साधन-विधि
यह मन्त्र ग्रहण के समय १०००० की संख्या में जपने से सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
एक, तीन अथवा सात सीके हाथ में लेकर, ७ बार मन्त्र पढ़ कर झाड़ा देने से नेहरुवा रोग दूर होता है।
नेहरुवा का मन्त्र (२)
मन्त्र-“भांमनसेति योगी भया जने उतोरि नेहरु आकिया न
पाकै न फूटे व्यथा करे विरूपाक्ष की आज्ञा भीतरहि
सरै।" साधन-विधि
मन्त्र संख्या १ के अनुसार। प्रयोग-विधि
हर बार २१-२१ बार मन्त्र पढ़कर, ७ बार पानी के छींटा मारने से नेहरुवा नहीं रहता।
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