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शाबर तन्त्र शास्त्र २३५
शब्द सांचा पिण्ड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा सत्य
नाम आदेश गुरु का ।"
साधन-विधि
यह मन्त्र अष्टमी तिथि को गूगल की धूप देते हुए १०८ बार जपने से सिद्ध हो जाता है । मन्त्र जप के बाद भोग लगाना चाहिए ।
प्रयोग-विधि
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इस मन्त्र से अभिमन्त्रित जल ७ दिन तक रोगी को पिलाते रहने से. किये कराये का दोष दूर हो जाता है तथा शरीर की रक्षा होती है ।
देह-रक्षा का मन्त्र
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मन्त्र - "ॐ नमो आदेश गुरु को ॐ अपर केस विकट भेस खंब पत प्रहलाद राखे पाताल राखे पाय देवी जंघा राखे कालिका मस्तक राखे महादेवी जो कोई इह पिण्ड प्राण को छेड़े छेदे तो देवदाना भूत प्रेत डाकिनी शाकिनी गंडताप तिजारी जूड़ी एक पहरु द्वे पहरु शांक को सवांरा को कोजा को कराया को उलट वाही के पिण्ड पर पड़े इस पिण्ड की रक्षा श्री नरसिंह जी करे शब्द साँचा पिण्ड काँचा फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा ।"
साधन-विधि
यह मन्त्र शुभ योग में १०८ बार जपने से सिद्ध हो जाता है । प्रयोग-विधि
इस मन्त्र से जल को ७ बार अभिमन्त्रित करके रोगी को पिला दें अथवा इसे कागज पर लिखकर गण्डा बनाकर रोगी के कण्ठ या भुजा में बांध दें तो उसके शरीर की सब प्रकार के रोग-दोष आदि से रक्षा होती है ।
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