Book Title: Shavar Tantra Shastra
Author(s): Rajesh Dikshit
Publisher: Deep Publications

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Page 276
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शावर तन्त्र शास्त्र | २७५ जसा कि उक्त सारिणी से स्पष्ट है, गुरुवार बुधवार, सोमवार और रविवार ही शुभ फलदायक दिन है अतः अपने उद्देश्य का विचार करते - हुए उपयुक्त वार को मंत्र ग्रहण करें। तिथि विचार ज्ञान नाश ज्ञान वृद्धिशील वृद्धि, धन हानि बुद्धि बुद्धि नाश सुख वृद्धि विकास वकास विनाश १० स्वास्थ्य हानि ११, १२ । १३ । १४ अमावस पूर्णिमा सम्मान | पवित्रता सवार्थ | दरिद्रता पक्षी जन्म लाभ लाभ सिद्धि कार्य हानि धर्म वृद्धि इस प्रकार आप उपयुक्त उद्देश्य हेतु उचित तिथि की गणना कर सकते हैं, और प्रतिपदा, चतुर्थी, षष्ठी, अष्टमी, नवमी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, एवं अमावस जैसी अनिष्टकारी तिथियों से अपने को बचा सकते हैं। योग विचार-स्व. डा. वीर बहादुर सिंह (जिन्होंने ज्योतिष के आधार पर हो गणना द्वारा ईश्वर दर्शन करके पंचकादि दोष निवृत्ति होने के पश्चात ही मृत्यु वरण की) के अनुसार योग २७ होते हैं--- विष्कुम्भ प्रतिमयुष्मान सौभाग्य शोमनस्तथा। अतिगण्ड सुकर्मात्वृति शूल गण्ड वृद्धि ध्रुव :॥ ६ ७ ८ ९ १० ११ १२ व्याघात घर्षणा व सिदि व्यतिपात बरीयान परिधः। १३ १४ १५ १६ १७ १८ १६ शिव सिद्ध साध्य शुभे शुक्ले ब्रह्म एन्द्र वैधृति इव ।। २० २१ २२ २३ २४ २५ २६ २७ । For Private And Personal Use Only

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