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प्रभावकारी शाबर-मन्त्र प्रयोग
प्रभावकारी शाबर मन्त्रों के विषयों में
इस प्रकरण में विशिष्ट मनोभिलाषाओं की पूर्ति करने वाले प्रभाव कारी शाबर मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है। इनमें धन तथा रोजी प्राप्ति आत्म रक्षा, मनोरथ - सिद्धि, विपत्ति-निवारण आदि के साथ ही लोपांजन, यात्रा में थकान न आने, कागज की कढ़ाही में पुआ उतारने तथा पु'सत्व नाशक आदि कोतुक-प्रदर्शन विषयक मन्त्र भी सम्मिलित हैं। जिस मन्त्र के साथ उनकी साधन - विधि भी उल्लिखित है, उन्हें तदनुसार ही सिद्ध करना चाहिए । कुछ मन्त्रों के लिए किसी पूर्व-साधना (जप आदि) की आवश्यकता नहीं पड़ती, अतः उनका प्रयोग बिना पूर्व साधन के अवसरानुकूल यथोचित प्रकार से ही करना चाहिए ।
स्मरणीय है कि इन मन्त्रों में कुछ लोक भाषाओं के तथा कुछ इस्लामी विधि के हैं तो कुछ संस्कृत भाषा के भी | अतः प्रत्येक मन्त्र के उच्चारण में शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक है। भाषा की दृष्टि से अशुद्ध प्रतीत होने वाले मन्त्रों को भी, वे जिस प्रकार लिखे गये है, उसी प्रकार उच्चरित करना चाहिए। अपनी ओर से भाषा को संशोधित करने का प्रयत्न न करें । शाबर मन्त्रों की यही विशेषता है कि वे परम्परागत तरीके से जिस प्रकार उच्चरित किये जाते हैं; उसी विधि से उच्चरित किये जाने से ही फलदायक सिद्ध होते हैं ।
अन्नपूर्णा का मन्त्र
मन्त्र – “ ॐ नमो अन्नपूर्णा अन्नपूरे घृतपूरे गणेश देवता पाणी पूरे ब्रह्मा विष्णु महेश तीन देवता मेरी भक्ति गुरु की शक्ति गोरखनाथ की वाचा फुरे ।"
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