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शावर तन्त्र शास्त्र] २२६
साधन-विधि -
पहले १००००० (एक लाख) की संख्या में मन्त्र का जप करें, फिर ब्राह्मण भोजन कराये । जो सामग्रो हो, उसमें से अछूता निकालकर अन्नपूर्णा का भोग रक्खे और एक भाग कुएँ में डाल कर, वहाँ से, एक हाथ से पानी का लोटा भर लायें । फिर दीपक जलाकर भोजन के कोठार में अन्न पूर्णा का तथा वरुण देवता का पूजन कर, एक माला मन्त्र को जप कर, ब्राह्मणों को भोजन करायें तो कोठार में भोजन-सामग्री की कभी कमी न पड़ेगी।
महालक्ष्मी का सिद्ध मन्त्र
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मन्त्र-"श्री शुल्के महाशुल्के कमलदल निवासे भी महालक्ष्मी
नमोनमः, लक्ष्मी माई सत्त की सवाई, आओ चेतो करो भलाई, भलाई ना करो तो सात समुद्रों की दुहाई, ऋद्धी सिद्धी उखगे तो नौ नाथ चौरासी सिद्धां की
दुहाई।" विधि
जब दूकानदार अपनी दुकान को खोले तब दूकान की गद्दी पर बैठक पहले इस मन्त्र को एक माला जप लें, तत्पश्चात् लेन-देन के काम करें तो उसे लाभ होगा तथा धन की वृद्धि होगी।
रोजी-प्राप्ति का मन्त्र (१)
मन्त्र- "या गुफूरो।" साधन एवं प्रयोग-विधिरात्रि के समय एक बार मन्त्र को पढ़ें । फिर
- 'बिसमिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम'
पढ़कर २१ बार दरूद पढ़ें । दरूद का मन्त्र इस प्रकार है"अल्लहुम्मसल्ल अलामुहम्मदिन व अला अल मुहम्मदिन वबारिक वसल्लिम् ।"
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