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शावर तन्त्र शास्त्र] १७७
बच्चों के प्रत्येक रोग का माड़ा मन्त्र
मन्त्र- "बंध तो बंध मौला मुर्तजाअली का बंध, कीड़े और
मकोड़े का बंध, ताप और तिजारी का बंध, जूड़ी और बुखार का बंध, नजर और गुजर का बंध, दीठ और मूठ का बंध, कीये और कराये का बंध, भेजे और भिजाये का बंध, नावत पर हान का बंध, बंध तौ बंध मोला मुर्तजाअली का बंध, राह और वाट का बंध, जमीं और आसमान का बंध, घर बाहर का बंध, पवन और पाणी का बंध, कूवा और पनहारी का बंध, लौह और कलम का
बंध, बंध तो बंध मौला मुर्तजाअली का बंध ।" साधन-विधि
दीपावली, होली अथवा ग्रहण के दिन १००८ की संख्या में जपने तथा लोबान की धूनी देने से मन्त्र सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
रोगी की एडी से चोटी तक डोरा नाप्र कर, उसमें मन्त्र द्वारा सात गांठ दें तथा सवा पाव मिठाई सँगाकर मुर्तजाअली के नाम से बालकों को बाँट दें। फिर गण्डा को लोबान की धूनी देकर रोमी के कण्ठ में बाँध दें तो उसकी सभी तकलीफें दूर होती हैं।
जहर उतारने का मन्त्र
मंत्र- 'गंगा गौरी ये दोऊ राणी, टांक कर मारि करो विष
पाणी, गंगा बांटे गौरा खाइ, अटारा भार विष निर्विष हो जाइ । गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो
वाचा।" प्रयोग-विधि
रविवार को ७ मिर्च उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करके रोगी को देने से विष उतर जाता है ।
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