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१६४ | शावर तन्त्र शास्त्र
बाँधूपूगी और नाद बाँधू योगी और साधवा बाधू कंठ की पूगी बाजे और मसान की बानी अब तेरी रे पूगी सो जाने तले बाँधे नाहरसिंह, ऊपर हनुमन्त गाजे, मेरी
बांधी पूगी बाजे तो गुरु गोरखनाथ लाजे।" प्रयोग विधि
ककड़ी को उक्त मन्त्र से ३ बार अभिमन्त्रित करके पूगी (तुरही) पर मारने से उसका बजना बन्द हो जाता है।
पूगी (तुरही) खोलने का मन्त्र
मन्त्र---"ॐ गुरु को शब्द आनन्द नाद खुल गई पूगी भयो
अवाज शब्द साँचा पिण्ड काँचा फुरो मन्त्र ईश्वरो
वाचा ।" प्रयोग-विधि
उक्त मन्त्र से धूलि को ३ बार अभिमन्त्रित करके पूगी (तुरही) पर मारने से बंधी हुई तुरही खुल जाती है अर्थात् वह बजने लगती है।
कुश्ती जीतने का मन्त्र
मन्त्रा-“ॐ नमो आदेश गुरू को अंगा पंहरू भुजंगा पहरू
पहरू लोहासार, आते के हाथ तोडू पैर तोडू तोडू सकल शरीर, पोठी साथ मूठी तोडू तें हनुमन्त वीर उठ उठ नाहरसिंह वीर तू जा उठ सोलासौ सिंगार मेरी पीठ लागे, माटी हनुमन्त वीर लुजावे तोहि पान सुपारी नारियल अपनी पूजा लेहु अपना सा बल मोहि पर देहु मेरी भक्ति गुरू की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा गुरू का शब्द साँचा।"
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