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शावर तन्त्र शास्त्र | २०३ साधन-विधि
होली, दिवाली की रात अथवा ग्रहण के दिन १००८ की संख्या में जपने से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
इस मन्त्र को ठीकरी पर ७ बार पढ़ कर, उसे जिस खेत में टिड्डी दल बैठा हो, वहाँ डाल देने से टिड्डियों को दाढ़ बंध जाती है और वे फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाती।
टिडडी को धरती पर बैठाने का मन्त्र
यदि उड़ती हुई टिड्डियों को नहीं बैठाना हो तो निम्नलिखित मन्त्र का प्रयोग करना चाहिएमन्त्र- 'ॐ नमो आदेश गुरु को अजर कीलनी वज का ताला,
कोलू टीड़ी धरू मसान, धर मार धरती सों मार सवा अंगुल पांख धरती में गड़े, ऊपर मोहम्मद वीर की चौकी चढ़े, पथ धरती चाटे खाइ, बाँये हाथ में ल्हे हाथ में उठाव, मेरा गुरू उठावे तो उठजे और चक्रसों उठे तो
दुहाई गोरखनाथ की फिरे आदेश गुरू को।" साधन एवं प्रयोग-विधि
पूर्वोक्त मन्त्र के अनुसार।
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